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संचयन पाठ - 1 गिल्लू (प्रश्नोत्तर)
संचयन पाठ - 1 गिल्लू (प्रश्नोत्तर)
संचयन पाठ - 1 गिल्लू (प्रश्नोत्तर)
पाठ्यपस्
ु तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.सोनजह
ु ी में लिी पीली कली को दे ि लेखिका के मन में कौन से ववचार उमड़ने लिे?
उत्तर-सोनजुही में लिी पीली कली को दे िकर लेखिका के मन में यह ववचार आया कक गिल्लू
सोनजुही के पास ही ममट्टी में दबाया िया था। इसमलए अब वह ममट्टी में ववलीन हो िया होिा और
उसे चौंकाने के मलए सोनजह
ु ी के पीले फूल के रूप में फूट आया होिा।
प्रश्न 2.पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादररत और अनादररत प्राणी क्यों कहा िया है ?
उत्तर-हहंद ू संस्कृतत में ऐसी मान्यता है कक वपतप
ृ क्ष में हमारे पव
ू ज
ा हमसे कुछ पाने के मलए कौए के
रूप में हमारे सामने आते हैं। इसके अलावा कौए हमारे दरू स्थ ररश्तेदारों के आिमन की सच
ू ना भी
दे ते हैं, जजससे उसे आदर ममलता है । दस
ू री ओर कौए की ककाश भरी कााँव-कााँव को हम अवमानना के
रूप में प्रयक्
ु त करते हैं। इससे वह ततरस्कार का पात्र बनता है । इस प्रकार एक साथ आदर और
अनादर पाने के कारण कौए को समादररत और अनादररत कहा िया है ।
प्रश्न 4.लेखिको का ध्यान आकवषात करने के मलए गिल्लू क्या करता था?
उत्तर-लेखिका का ध्यान आकवषात करने के मलए गिल्ल-ू
उसके पैर तक आकर सरा से परदे पर चढ़ जाता और उसी तेजी से उतरता था। वह ऐसा तब
तक करता था, जब तक लेखिका उसे पकड़ने के मलए न उठ जाती।
भि
ू लिने पर वह गचक-गचक की आवाज करके लेखिका का ध्यान िींचता था।
प्रश्न 6.गिल्लू ककन अथों में पररचाररका की भमू मका तनभा रहा था?
उत्तर-लेखिका एक मोटर दघ
ु ट
ा ना में आहत हो िई थी। अस्वस्थता की दशा में उसे कुछ समय बबस्तर
पर रहना पड़ा था। लेखिका की ऐसी हालत दे ि गिल्लू पररचाररका की तरह उसके मसरहाने तककए पर
बैठा रहता और अपने नन्हें -नन्हें पंजों से उसके (लेखिका के) मसर और बालों को इस तरह सहलाता
मानो वह कोई पररचाररका हो।
प्रश्न 7.गिल्लू की ककन चेष्टाओं से यह आभास ममलने लिा था कक अब उसका अंत समय समीप है ?
उत्तर-गिल्लू की तनम्नमलखित चेष्टाओं से महादे वी को लिा कक अब उसका अंत समीप है -
प्रश्न 8.‘प्रभात की प्रथम ककरण के स्पशा के साथ ही वह ककसी और जीवन में जािने के मलए सो
िया’का आशय स्पष्ट कीजजए।
उत्तर-आशय यह है गिल्लू का अंत समय तनकट आ िया था। उसके पंजे ठं डे हो िए थे। उसने
लेखिका की अाँिल
ु ी पकड़ रिा था। उसने उष्णता दे ने के मलए हीटर जलाया। रात तो जैसे-तैसे बीती
परं तु सवेरा होते ही गिल्लू के जीवन का अंत हो िया।
प्रश्न 9.सोनजुही की लता के नीचे बनी गिल्लू की समागध से लेखिको के मन में ककस ववश्वास का
जन्म होता है ?
उत्तर-सोनजुही की लता के नीचे गिल्लू की समागध बनी थी। इससे लेखिका के मन में यह ववश्वास
जम िया कक एक-न-एक हदन यह गिल्लू इसी सोनजह
ु ी की बेल पर पीले चटक फूल के रूप में जन्म
ले लेिा।
अततररक्त प्रश्नोत्तर