Download as pdf or txt
Download as pdf or txt
You are on page 1of 22

सामाजिक विज्ञान

(इतिहास)
अध्याय-1: यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

RISEFINITY EDUCATIONAL SERVICES | ALL RIGHTS RESERVED


01 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

राष्ट्र

अरनेस्ट रेनर के अनुसार समान भाषा नस्ल धमम से बने क्षेत्र को राष्ट्र कहते हैं ।

एक राष्ट्र लंबे प्रयासों त्यागो और ननष्ठा का चरम नबिंदु होता है ।

राष्ट्र ऐसे लोगों का समूह है जो जानत, धमम, भाषा, रीनत-ररवाज, इनतहास आदद की साझ कारण
आपस में जुडे हुए है , जजनका सा ाँझा सभ्याचार है ह, जजनके अंदर मनोवैज्ञाननक सद्भाव की भावना
ववकससत हुई है ।

राष्ट्रवाद

अपने राष्ट्र के प्रनत प्रेम की भावना को राष्ट्रवाद कहते हैं । राष्ट्रवाद (nationalism) यह ववश्वास है
दक लोगों का एक समूह इनतहास, परंपरा, भाषा, जातीयता या जानतवाद और संस्कृनत के आधार
पर स्वयं को एकीकृत करता है । इन सीमाओ ं के कारण, वे इस ननष्कषम पर पहुं चे हैं दक उन्हें अपने
स्वयं के ननणमयों के आधार पर अपना स्वयं का संप्रभु राजनीनतक समुदाय, 'राष्ट्र' स्थापपत करने का
अधधकार है।

नेपोलियन कौन था?

• नेपोजलयन का जन्म 15 अगस्त 1769 को हुआ। नेपोजलयन एक महान सम्राट था जजसने


अपने व्यक्तित्व एवं कायों से पूरे यूरोप के इनतहास को प्रभाववत दकया।

नेपोजलयन

• अपनी योग्यता के बल पर 24 वषम की आयु में ही सेनापनत बन गया।


(1)

RISEFINITY EDUCATIONAL SERVICES | ALL RIGHTS RESERVED


01 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

• उसने कई युद्धों में फ्ांसीसी सेना को जीत ददलाई और अपार लोकपप्रयता हाससल कर ली
दिर उसने पीछे मुडकर नहीं देखा और फ्ांस का शासक बन गया।

उदारवाद

उदारवाद यानन Liberalism शब्द लानतनी भाषा के मूल शब्द liber पर आधाररत है। जजसका अथम
है स्वतंत्रता। नए मध्यम वगम के जलए उदारवाद का अधभप्राय था व्यक्ति के जलए आजादी व कानून
के समक्ष समानता।

ननरंकुशवाद

ननरंकुशवाद का सामान्य अथम एक ऐसी सरकार या शासन व्यवस्था है जजसकी सत्ता पर दकसी प्रकार
का कोई अंकुश नहीं होता। इनतहास में ऐसी राजशाही सरकारों को ननरंकुश सरकार कहते हैं जो
अत्यंत केन्द्रीकृत, सैन्य बल पर आधाररत और दमनकारी सरकारें होती थीं।

जनमत संग्रह

एक प्रत्यक्ष मतदान जजसके द्वारा एक क्षेत्र की सारी जनता से दकसी प्रस्ताव को स्वीकार या अस्वीकार
करने के जलए पूछा जाता है ।

यूटोपपया (कल्पनादशश)

एक ऐसे समाज की कल्पना जो इतना आदशम है दक उसका साकार होना लगभग असंभव होता है ।

रूमानीवाद

रूमानीवाद एक संस्कृनत आंदोलन था जो एक ववशेष प्रकार की राष्ट्रीय भावना का ववकास करना


चाहता था। रुमानी कलाकारों तथा कववयों ने तकम ववतकम और ववज्ञान पर बल देने के स्थान पर
अंतर्दमष्टष्ट् और रहस्यवादी भावनाओ ं पर बल ददया । वह एक सामूहहक ववरासत की अनुभूनत और
एक साझे सांस्कृनतक अतीत को राष्ट्र का धमम बनाना चाहते थे।

जुंकसश

(2)

RISEFINITY EDUCATIONAL SERVICES | ALL RIGHTS RESERVED


01 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

प्रशा की एक सामाजजक श्रेणी का नाम जजसमें बडे – बडे जमींदार शाधमल थे।

राष्ट्रवाद के उदय के कारण

• ननरंकुश शासन व्यवस्था


• उदारवादी ववचारों का प्रसार
• स्वतंत्रता, समानता तथा बंधत्व
ु का नारा
• जशजक्षत मध्य वगम की भूधमका

यूरोप में राष्ट्रवाद का क्रममक ववकास

फ्ांसीसी क्ांनत 1789 ⇒ नागररक संहहता 1804 ⇒ ववयना की संधध 1815 ⇒ उदारवाददयों की
क्ांनत 1848 ⇒ जममनी का एकीकरण 1866-1871 ⇒ इटली का एकीकरण 1859-1871

यूरोप में राष्ट्रवाद का ननमाशण

• दकसी भी राष्ट्र के ननमामण के जलए एक सामूहहक पहचान, संस्कृनत परंपरा आदद का समान
होना जरूरी है ।
• यूरोप में अलग – अलग समाज था। जैसे :- है ब्सबगम साम्राज्य में लोग जममन, अंग्रेजी,
फ्ेंच, इटली आदद अलग – अलग भाषाएं बोलते।

यूरोपीय समाज की संरचना (19 शताब्दी के पहिे)

यूरोपपयन समाज असमान रूप से दो भागों में ववभाजजत था।

• उच्च वगम (कुलीन वगम)


• ननम्न वगम (कृषक वगम)

उच्च वर्श कुिीन वर्श :-

• कम जनसंख्या।
• उच्च वगम तथा वचमस्व जमाने वाला।
• जमींदार यानी ढे र सारे खेतों के माजलक।
(3)

RISEFINITY EDUCATIONAL SERVICES | ALL RIGHTS RESERVED


01 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

• सभी अधधकार ददए जाते थे।

ननम्न वर्श कृषक वर्श :-

1. अधधक जनसंख्या।
2. ननम्न वगम
3. जमीन हीन यानी या तो जमीन न थी या तो दकराए पर रहते थे।
4. दकसी भी प्रकार के अधधकार नहीं ददए जाते थे।
• यानी यूरोपपयन समाज असमान रूप से ववभाजजत।
• उन्नीसवीं सदी के बाद एक नया वगम जुड गया वह था नया मध्यवगम।

नया मध्यवर्श :-

इसमें सभी पढे – जलखे लोग थे जैसे :- जशक्षक, डॉ, उद्योगपनत, व्यापारी आदद।

पढे – जलखे होने के नाते उन्होंने एक समान कानून की मांग की यानी उदारवादी राष्ट्रवाद।

उदारवादी राष्ट्रवाद

• इस उदारवादी राष्ट्रवाद के चलते राष्ट्रवाद का ववचार सब जगह िैलने लगा।


• इसी वजह से 1789 में फ्ांस की क्ांनत हुई।
• इससे एक राज्य के अंदर जो भी ननयंत्रण (चीजों तथा पूंजी के आगमन पर) था उसे खत्म
कर ददया गया लेदकन अलग – अलग राज्यों के बीच के ननयंत्रण यानी सीमा शुल्क को खत्म
नहीं कर पाया।
• इसके जलए एक संगठन बनाया गया जजसका नाम था ” जॉलबेराइन ” (zollverein)
1. जजतने भी शुल्क अवरोध थे उसे समाप्त कर ददया गया।
2. मुद्राओ ं की संख्या दो कर दी, इससे पहले 30 से ज्यादा थी
3. नेपोजलयन के समय केवल पुरुष जजनके पास धन है वही वोट दे सकते थे।

जॉिवेराइन

(4)

RISEFINITY EDUCATIONAL SERVICES | ALL RIGHTS RESERVED


01 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

यह एक जममन शुल्क संघ था जजसमें अधधकांश जममन राज्य शाधमल थे। यह संघ 1834 में प्रशा
की पहल पर स्थापपत हुआ था। इसमें ववधभन्न राज्यों के बीच शुल्क अवरोधों को समाप्त कर ददया
गया और मुद्राओ ं की संख्या दो कर दी गई। जो पहले बीस से भी अधधक थीं यह संघ जममनी के
आर्थथक एकीकरण का प्रतीक था।

यूरोप में राष्ट्रवाद

19 वीं शताब्दी में यूरोपीय महाद्वीप में राष्ट्रवाद (nationalism) की एक लहर चली जजसने यूरोपीय
देशों का कायाकल्प कर ददया। जममनी, इटली, रोमाननया आदद नवननर्थमत देश कई क्षेत्रीय राज्यों
को धमलाकर बने जजनकी राष्ट्रीय पहचान 'समान' थी। यूनान, पोलैण्ड, बल्गाररया आदद स्वतन्त्र

होकर राष्ट्र बन गये।

1789 की फ्ांसीसी क्रांवत

• 1789 की फ्ांसीसी क्ांनत राष्ट्रवाद की पहली स्पष्ट् अधभव्यक्ति थी। इसने फ्ांस में राजतंत्र
समाप्त कर प्रभुसत्ता फ्ांसीसी नागररकों को सौंपी। इस क्ांनत से पहले फ्ांस एक ऐसा राज्य
था जजसके संपूणम भू – भाग पर एक ननरंकुश राजा का शासन था।
• फ्ांसीसी क्ांनत के आरंभ से ही फ्ांसीसी क्ांनतकाररयों ने ऐसे अनेक कदम उठाए जजनसे
फ्ांसीसी लोगों में एक सामूहहक पहचान (राष्ट्रवाद) की भावना पैदा हो सकती थी। बाद में,
नेपोजलयन ने प्रशासननक क्षेत्र में क्ांनतकारी सुधारों को प्रारंभ दकया जजसे 1804 की नागररक
संहहता (नेपोजलयन की संहहता) के नाम से जाना जाता है । इसके अलावा, यूरोप में उन्नीसवीं
सदी के शुरूआती दशकों में राष्ट्रीय एकता से संबंधधत ववचार उदारवाद से करीब से जुडे थे।

सामूहहक पहचान बनाने के लिए उठाये र्ए कदम

• प्रत्येक राज्य से एक स्टेट जनरल चुना गया और उसका नाम बदलकर नेशनल असेंबली कर
ददया गया।
• फ्ेंच भाषा को राष्ट्रभाषा घोपषत कर ददया गया।
• एक प्रशासननक व्यवस्था लागू की गई जजससे सबको समान कानून का अनुभव हो।

(5)

RISEFINITY EDUCATIONAL SERVICES | ALL RIGHTS RESERVED


01 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

• आंतररक आयात ननयामत, सीमा शुल्क समाप्त कर ददया गया और भार तथा माि की एक
समान व्यवस्था लागू की गई।
• स्कूल और कॉलेज की छात्राओ ं द्वारा भी समथमन के रूप में क्लब का गठन दकया गया
जजनका नाम ददया गया जैकोनबन क्लब।
• फ्ांस की आमीी ने समथमन के तौर पर हर ववदेशी क्षेत्र में भेज ददए गए जजससे राष्ट्रवादी भावना
और बढती चली गई।

फ्ांसीसी क्रांवत एवं राष्ट्रवाद की ववशेषताए

• संववधान आधाररत शासन।


• समानता, स्वतंत्रता, बंधुत्व जैसे ववचार।
• नया फ्ांसीसी नतरंगा झंडा।
• नेशनल असेंबली का गठन।
• आंतररक आयात – ननयामत शुल्क समाप्त।
• माप – तौल की एक समान व्यवस्था।
• फ्ेंच को राष्ट्र की साझा भाषा बनाया गया।

नेपोलियन का शासन काि

• जब नेपोजलयन फ्ांस पर अपना शासन चलाना शुरू दकया तो उन्होंने प्रजातंत्र को हटाकर
उन्हें राजतंत्र को स्थापपत कर ददया।
• नेपोजलयन के समय ही व्यापार आवागमन एवं संचार में बहुत ज्यादा ववकास हुआ।
• राष्ट्रीयवादी ववचार को बांटने के जलए उन्होंने कुछ क्षेत्रों में कब्जा कर जलया और कर को
बढाना और जबरन भतीी जैसे अनेक कानून व्यवस्था स्थापपत कर ददया।

1804 की नेपोलियन संहहता (नार्ररक संहहता)

(6)

RISEFINITY EDUCATIONAL SERVICES | ALL RIGHTS RESERVED


01 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

इसे 1804 में लागू दकया गया। इसने जन्म पर आधाररत ववशेषाधधकारों को समाप्त कर ददया।
इसने न केवल न्याय के समक्ष समानता स्थापपत की बल्कल्क सम्पजत्त के अधधकार को भी सुरजक्षत
दकया।

1804 की नार्ररक संहहता की ववशेषताएं

• जन्म पर आधाररत ववशेषाधधकारों की समाल्कप्त।


• कानून के सामने समानता एवं संपजत्त को अधधकार को सुरजक्षत दकया गया।
• प्रशासननक ववभाजनों को सरल बनाया।
• सामंती व्यवस्था को समाप्त दकया गया।
• दकसानों के भू – दासत्व और जागीरदारी शुल्कों से मुक्ति।
• शहरों में कारीगरों के श्रेणी संघों के ननयंत्रणों को हटा ददया गया।

जार्ीरदारी

इसके तहत दकसानों जमींदारों और उद्योगपनतयों द्वारा तैयार समान का कुछ हहस्सा कर के रूप में
सरकार को देना पडता था।

रूढ़िवाद

ऐसा राजनीनतक दशमन जो परंपरा, स्थापपत संस्थानों और ररवाजों पर जोर देता है और तेज बदलावों
की बजाए क्धमक और धीरे धीरे ववकास को प्राथधमकता देता है ।

1815 के उपरांत यूरोप में रूढ़िवाद

• 1815 में नेपोजलयन की हार के उपरांत यूरोप की सरकारों का झुकाव पुनः रूपढवाद की तरि
बढ गया।
• इसके बाद यूरोपीय सरकार पारंपररक संस्थाएं और पररवार को बनाए रखना चाहते थे।

(7)

RISEFINITY EDUCATIONAL SERVICES | ALL RIGHTS RESERVED


01 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

• इसके जलए उन्होंने नेपोजलयन के समय जजतने भी बदलाव हुए थे उन सब को खत्म कर ददया
गया जजसके जलए एक समझौता दकया गया। जजसका नाम था ववयना समझौता या ववयना
संधध।

ववयना कांग्रेस :-

1815 में निटेन, प्रशा, रूस और ऑल्कस्टरया जैसी यूरोपीय शक्तियों (जजन्होंने धमलकर नेपोजलयन को
हराया था) के प्रनतननधध यूरोप के जलए एक समझौता तैयार करने के जलए ववयना में इकट्ठा हुए
जजसकी अध्यक्षता आल्कस्टरयन के चांसलर ड्यूक मैटरननख ने की।

संधि के तहत मुख्य 3 ननणशय लिया र्या

• पहला फ्ांस की सीमाओ ं पर कई राज्य कायम कर ददया गया तादक भववष्य में फ्ांस अपना
ववस्तार ना कर सके।
• फ्ांसीसी क्ांनत के दौरान हटाए गए बूवो वंश को सत्ता में बहाल दकया गया।
• तीसरा राजतंत्र को जारी रखा गया।

1815 की ववयना संधि की ववशेषताएँ

• फ्ांस में बुब राजवंश की पुनमस्थापना।


• इसका मुख्य उद्देश्य यूरोप में एक नई रूपढवादी व्यवस्था कायम करना था।
• फ्ांस ने उन इलाकों पर से आधधपत्य खो ददया जो उसने नेपोजलयन के समय जीते थे।
• फ्ांस के सीमा ववस्तार पर रोक के हे तू नए राज्यों की स्थापना।

यूरोप में क्रांवतकारी

• यूरोपपयन सरकार के इन सारे ननणमय के ववरोध में क्ांनतकारी ने जन्म जलया। क्ांनतकाररयों
ने अंदर ही अंदर कुछ खुदिया समाज का ननमामण दकया।
• जजनका मुख्य मकसद (लक्ष्य) था।
1. राष्ट्रवाद को बढावा देना।

(8)

RISEFINITY EDUCATIONAL SERVICES | ALL RIGHTS RESERVED


01 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

2. ववयना संधध की ववरोध करना।


3. स्वतंत्रता के जलए लडना।

भूख कठठनाई और जन ववद्रोह

1830 को कठठनाइयों का महान साल भी कहा जाता है ।

कारण :-

1. जबरदस्त जनसंख्या वृजद्ध


2. लोग गांव से शहर की ओर रुख कर ददए
3. बेरोजगारी में वृजद्ध
4. गरीबी में वृजद्ध
• इसी सालों के दौरान िसल बबामद हो गई जजससे खाने की सामग्री की कीमत बढने लगी और
छोटे – छोटे िैक्ट्ररयां बंद होने लगी।
• खाने पीने की कमी और व्यापक बेरोजगारी, इन सभी कारणों से लोगों ने सरकार के खखलाि
ववद्रोह कर ददया लोग सडकों पर उतर आएाँ जगह – जगह अवरोध लगाया गया। जजसे कृषक
ववद्रोह के नाम से जाना गया।
• जजससे यूरोपपयन सरकार को गणतंत्र राज्य घोपषत कर ददया गया।

र्णतंत्र के बाद कानून में आये बदिाव

• 21 साल से अधधक उम्र के लोगों को वोट डालने का अधधकार।


• सभी नागररकों को काम के अधधकार की गारंटी दद गई।
• रोजगार उपलब्ध कराने के जलए कारखाने उपलब्ध कराए गए।
• इन सभी से धीरे – धीरे गरीबी और बेरोजगारी कम होने लगी।

नारीवाद स्त्री

पुरूष को सामाजजक, आर्थथक एवं राजनीनतक समानता की सोच के आधार पर महहलाओ ं के


अधधकारों और हहतों का बोध नारीवाद है ।
(9)

RISEFINITY EDUCATIONAL SERVICES | ALL RIGHTS RESERVED


01 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

ववचारिारा

एक खास प्रकार की सामाजजक एवं राजनीनतक र्दष्टष्ट् को इंधगत करने वाली ववचारों का समूह।

जमशनी और इटिी का ननमाशण

जमशनी का एकीकरण :-

• 1848 में यूरोपपयन सरकार ने बहुत कोजशश की दक वे जममनी का एकीकरण कर दे परंतु वह


ऐसा नहीं कर पाए।
• क्योंदक, राष्ट्र ननमामण की यह उदारवादी पहल राजशाही और िौज की ताकत ने धमलकर दबा
दी।
• उसके बाद प्रशा ने यह भार अपने ऊपर लेते हुए कहा दक वे जममनी का एकीकरण करके ही
रहें गे।
• उस समय प्रशा का मुख्यमंत्री ऑटोमन नबस्माकम था (जनक)
• प्रशा ने एक राष्ट्रीय एकीकरण के आंदोलन का नेतृत्व दकया।
• 7 वषम के दौरान ऑल्कस्टरया, डेनमाकम और फ्ांस से तीन युद्ध में प्रशा की जीत हुई और एकीकरण
की प्रदक्या पूरी हुई।
• 1871 में केसर ववजलयम प्रथम को नए साम्राज्य का राजा घोपषत दकया गया। जममनी के
एकीकरण ने यूरोप में प्रशा को महाशक्ति के रूप में स्थापपत दकया।
• नए जममन राज्य में, मुद्रा, बैदकिंग एवं न्यानयक व्यवस्थाओ ं के आधुननकीकरण पर जोर ददया
गया।

इटिी का एकीकरण :-

• इटली सात राज्यों में ब ाँटा हुआ था।


• 1830 के दशक में ज्यूसेपे मेत्सिनी ने इटली के एकीकरण के जलए कायमक्म प्रस्तुत दकया।
• 1830 एवं 1848 के क्ांनतकारी ववद्रोह असिल हुए।
• 1859 में फ्ांस से सार्डडननया पीडमॉण्ट ने एक चतुर कूटनीनतक संधध की जजसके माध्यम से
उसने आल्कस्टरयाई बलों को हरा ददया।
(10)

RISEFINITY EDUCATIONAL SERVICES | ALL RIGHTS RESERVED


01 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

• 1861 में इमेनुएल पद्वतीय को एकीकृत इटली का राजा घोपषत दकया गया।

ज्यूसेपे मेत्सिनी

• इनका जन्म 1807 में जेनोआ में हुआ था और कुछ समय पश्चात् वह काबोनारी में गुप्त
संगठन के सदस्य बन गए। चौबीस साल की युवावस्था में जलगुररया में क्ांनत करने के जलए
उन्हें 1831 में देश ननकाला दे ददया गया।
• तत्पश्चात् उन्होनें दो और भूधमगत संगठनों की स्थापना की। पहला था मासेई मैं यंग इटली
और दूसरा बनम में यंग यूरोप। मेत्सिनी द्वारा राजतंत्र का जोरदार ववरोध एवं उसके प्रजातांष्टत्रक
सपनों ने रूपढवाददयों के मन में भय भर ददया। “ मैटरननख ने उसे हमारी सामाजजक
व्यवस्थाओ ं का सबसे खतरनाक दुश्मन बताया।

काउं ट कैममिो दे कावूर

• सार्डडनीया – पीडमॉण्ट का प्रमुख मंत्री था। इटली के प्रदेशों को एकीकृत करने वाले आंदोलन
का नेतृत्व दकया हा ाँलादक वह स्वयं न तो एक क्ांनतकारी था और न ही जनतंत्र में ववश्वास
रखने वाला।
• फ्ांस के साथ की गई चतुर संधध के पीछे कावूर का हाथ था जजसके कारण आल्कस्टरया को
हराया जा सका एवं इटली का एकीकरण संभव हो सका।

ज्यूसेपे र्ैरीबॉल्डी

वह ननयधमत सेना का हहस्सा नहीं था। उसने इटली के एकीकरण के जलए सशस्त्र स्वयंसेवकों का
नेतृत्व दकया।

1860 में वे दजक्षण इटली और दो ससससजलयों के राज्य में प्रवेश कर गए और स्पेनी शासकों को
हटाने के जलए स्थानीय दकसानों का समथमन पाने में सिल रहे ।

उसने दजक्षणी इटली एवं सससली को राजा इमैनुएल पद्वतीय को सौंप दी और इस प्रकार इटली का
एकीकरण संभव हो सका।

(11)

RISEFINITY EDUCATIONAL SERVICES | ALL RIGHTS RESERVED


01 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

विटेन में राष्ट्रवाद

• औद्योधगक क्ांनत के बाद निटेन की आर्थथक शक्ति बहुत ज्यादा बढ गई थी।


• राष्ट्रवाद दकसी उथल – पुथल या क्ांनत का पररणाम नहीं अपपतु एक लम्बी चलने वाली
प्रदक्या का पररणाम था।
• 18 वी शताब्दी से पूवम निटेन एक राष्ट्र राज्य नहीं था।
• निटेन साम्राज्य में – अंग्रेज, वेल्श, स्कॉट या आयररश जैसे ढे र सारा समाज था जजसे नृजातीय
कहते थे।
• आंग्ल – राष्ट्र ने अपनी शक्ति में ववस्तार के साथ – साथ अन्य राष्ट्रों व द्वीप समूहों पर ववस्तार
आरंभ दकया।
• 1688 में संसद ने राजतंत्र से शक्तियों को ले जलया।
• 1707 में इंग्लैण्ड और स्कॉटलैंड को धमलाकर यूनाइटेड दकिंगडम ऑि निटेन का गठन दकया
गया।
• 1798 में हुए असिल ववद्रोह के बाद 1801 में आयरलैंड को बलपूवमक यूनाइटेड दकिंगडम में
शाधमल कर जलया गया।
• नए निटेन के प्रतीक धचह्नों को खूब बढावा ददया गया।

बाल्कन समस्या

• बाल्कन भौगोजलक एवं नृजानतय रूप से ववधभन्नताओ ं का क्षेत्र था जजसमें आधुननक


रूमाननया, बल्गाररया, अल्बेननया, ग्रीस, मकदूननया, क्ोएजशया, स्लोवाननया, सर्बबया आदद
शाधमल थे।
• इन क्षेत्रों में रहने वाले मूलननवाससयों को स्लाव कहा जाता था। बाल्कन क्षेत्र का एक बडा
हहस्सा ऑटोमन साम्राज्य के ननयंत्रण में था।
• बाल्कन राज्य में रूमानी राष्ट्रवाद के िैलने और ऑटोमन साम्राज्य के ववघटन से त्सस्थनत
कािी ववस्फोटक हो गई। एक के बाद एक उसके अधीन यूरोपीय राष्ट्रीयताएाँ उसके चंगल
ु से
ननकल कर स्वतंत्रता की घोषणा करने लगीं।

(12)

RISEFINITY EDUCATIONAL SERVICES | ALL RIGHTS RESERVED


01 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

• जैसे – जैसे ववधभन्न स्लाव राष्ट्रीय समूहों ने अपनी पहचान और स्वतंत्रता की पररभाषा तय
करने की कोजशश की, बाल्कन क्षेत्र गहरे टकराव का क्षेत्र बन गया। हर एक बाल्कन प्रदेश
अपने जलए ज्यादा इलाके की चाह रखता था।
• इस समय यूरोपीय शक्तियों के बीच इस क्षेत्र पर कब्जा जमाने के जलए यूरोपीय शक्तियों
के मध्य जबरदस्त प्रनतस्पधाम रहीं। जजससे यह समस्या गहराती चली गई व जजस कारण यहा ाँ
ववधभन्न युद्व हुए। जजसकी पररणनत प्रथम ववश्व युद्ध के रूप में हुई।

साम्राज्यवाद

साम्राज्यवाद (Imperialism) वह र्दष्टष्ट्कोण है जजसके अनुसार कोई महत्त्वाकांक्षी राष्ट्र अपनी


शक्ति और गौरव को बढाने के जलए अन्य देशों के प्राकृनतक और मानवीय संसाधनों पर अपना
ननयंत्रण स्थापपत कर लेता है । यह हस्तक्षेप राजनीनतक, आर्थथक, सांस्कृनतक या अन्य दकसी भी
प्रकार का हो सकता है।

प्रोिेसर शमाम के अनुसार," साम्राज्यवाद शक्ति तथा हहिं सा का प्रयोग करके ववदेशी शासन को
दकसी भी देश पर लागू करना हैं ।"

सी. डी. बनमस के अनुसार," ववधभन्न देश और जानतयों पर एक समान कानून व शासन व्यवस्था
लागू करना ही साम्राज्यवाद हैं ।"

ररचडम सट्टन के शब्दों में," साम्राज्यवाद ऐसी राष्ट्रीय नीनत हैं जो दूसरे देश अथवा उसकी सम्पजत्त
पर अपनी शक्ति अथवा ननयंत्रण का ववस्तार करना चाहती हैं ।"

साम्राज्यवाद की ववशेषताएं:

1. साम्राज्यवाद अपने राज्य की सीमाओ ं में वृजद्ध करने में ववश्वास करता हैं।
2. साम्राज्यवाद दकसी राज्य द्वारा दूसरे राज्यों पर अपने राजनीनतक और आर्थथक प्रभुत्व का
ववस्तार हैं।
3. साम्राज्यवाद के अंतगमत ववववध राष्ट्रीय इकाइयों पर एक ही राष्ट्र का आधधपत्य होता हैं ।
4. साम्राज्यवाद का मूल उद्देश्य तो आर्थथक होता हैं , परन्तु कभी-कभी सैननक व राजनीनतक
शोषण भी हो सकता हैं।
(13)

RISEFINITY EDUCATIONAL SERVICES | ALL RIGHTS RESERVED


01 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

5. साम्राज्य के सारे अंग एक केन्‍दद्रीय सत्ता के अधीन होते हैं ।


6. साम्राज्यवाद स्थापपत करने वाले देश के पास अधीनस्थ राज्यों की उपेक्षा तकनीकी र्दष्टष्ट् से
उत्कृष्ट् कोहट के अस्त्र-शस्त्र, रणनीनत कौशल, अधधक पूाँजी और उत्पादन के उन्नत साधन
होते हैं ।
7. साम्राज्यवादी देश केवल अपने हहतों का ही ध्यान रखता है और अपने अधीन देशों का शोषण
करता हैं ।
8. साम्राज्यवादी देश अपने हहतों की रक्षा और बढोत्तरी के जलए सब प्रकार के अनुधचत साधनों
का प्रयोग करते हैं।
9. साम्राज्यवाद का संबंध राष्ट्र की ववदेश नीनत से हैं ।
10. साम्राज्यवाद का उद्देश्य अन्य देशों को अपने अधीन करके उनका शोषण करना हैं।
11. साम्राज्यवाद का प्रधान आधार सैननक शक्ति होता हैं ।

रूपक

• जब दकसी अमूतम ववचार (जैसे :- लालच, स्वतंत्रता, ईष्याम, मुक्ति) को दकसी व्यक्ति या
दकसी चीज के जररए इंधगत दकया जाता है तो रूपक कहते हैं ।
• 18 वीं और 19 वीं शताब्दी में रूपक का प्रयोग राष्ट्रवादी भावना के ववकास और मजबूत
बनाने में दकया जाता था।

राज्य की दृश्य कल्पना

• अठाहरवीं एवं उन्नीसवीं शताब्दी में कलाकारों ने राष्ट्र को कुछ यूाँ धचष्टत्रत दकया जैसे वह कोई
व्यक्ति हों। राष्ट्रों को नारी भेष में प्रस्तुत दकया जाता था। राष्ट्र को व्यक्ति का जामा पहनाते
हुए जजस नारी रूप को चुना गया वह असल जीवन में कोई खास महहला नहीं थी।
• यह तो राष्ट्र के अमूतम ववचार को ठोस रूप प्रदान करने का प्रयास था। यानी नारी की छवव
राष्ट्र का रूपक बन गई। फ्ांस में उसे लोकपप्रय ईसाई नाम माररआना ददया गया जजसने जन-
राष्ट्र के ववचार को रेखांदकत दकया। इसी प्रकार जमेननया, जममन राष्ट्र का रूपक बन गई।

राष्ट्रवाद के उदय में महहिाओ ं का योर्दान


(14)

RISEFINITY EDUCATIONAL SERVICES | ALL RIGHTS RESERVED


01 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

• राजनैनतक संगठन का ननमामण


• समाचार पत्रों का प्रकाशन
• मताधधकार प्राल्कप्त हे तु संघषम
• राजनैनतक बैठकों तथा प्रदशमनों में हहस्सा लेना।

ववमभन्न प्रतीक धचन्ह और उनका अथश

प्रतीक महत्त्व

टू टी हुई बेदडया आजादी धमलना

बाज छाप वाला कवच जममन समुदाय की प्रतीक शक्ति

बलूत पजत्तयों का मुकुट वीरता

तलवार मुकाबले की तैयारी

तलवार पर जलपटी जैतन


ू की डाली शांनत की चाह

काला, लाल और सुनहरा नतरंगा उदारवादी राष्ट्रवाददयों का झण्डा

उगते सूयम की दकरणें एक नए युग की शुरूआत

(15)

RISEFINITY EDUCATIONAL SERVICES | ALL RIGHTS RESERVED


01 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

NCERT SOLUTIONS
प्रश्न (पृष्ठ संख्या 28)

प्रश्न 1 ननम्नजलखखत पर हटप्पणी जलखें-

1. ज्युसेपे मेत्सिनी
2. काउं ट कैधमलो दे कावूर
3. यूनानी स्वतंत्रता युद्ध
4. फ्ैंकिटम संसद
5. राष्ट्रवादी संघषों में महहलाओ ं की भूधमका।

उत्तर –

1. ज्युसेपे मेमसनी- वह इटली का एक क्ांनतकारी था। इसका जन्म 1807 में जेनोआ में हुआ
था और वह काबोनारी के गुप्त संगठन का सदस्य बन गया। 24 वषम की अवस्था में जलगुररया
में क्ांनत करने के जलए उसे देश से बहहष्कृत कर ददया गया। तत्पश्चात् इसने दो और भूधमगत
संगठनों की स्थापना की। पहला था मासेई में यंग इटली और दूसरा बनम में यंग यूरोप,
जजसके सदस्य पोलैंड, फ्ांस, इटली और जममन राज्यों में समान ववचार रखनेवाले युवा थे।
मेत्सिनी का ववश्वास था दक ईश्वर की मजीी के अनुसार राष्ट्र ही मनुष्यों की प्राकृनतक इकाई
थी। अतः इटली का एकीकरण ही इटली की मुक्ति का आधार हो सकता था। उसने राजतंत्र
का घोर ववरोध दकया और उसके मॉडल पर जममनी, पोलैंड, फ्ांस, त्सस्वट्जजरलैंड में भी गुप्त
संगठन बने। इसी कारण मैटरननख ने उसके ववषय में कहा दक वह हमारी सामाजजक व्यवस्था
का सबसे खतरनाक दुश्मन’ है ।
2. काउं ट कैममिो दे कावूर- सार्डडनीया-पीडमॉन्ट का मंत्री प्रमुख था जजसने इटली के प्रदेशों
को एकीकृत करने वाले आंदोलन का नेतृत्व दकया। वह ना तो एक क्ल्कन्तकारी था और ना
ही जनतंत्र में ववश्वास करने वाला। इतालवी अधभजात वगम के तमाम अमीर और जशजक्षत
सदस्यों की तरह वह इतालवी भाषा से कहीं बेहतर फ़्रेंच बोलता था। फ़्रांस से सार्डडनीया-
पपडमॉन्ट की एक चतुर कूटनीनतक संधध, जजसके पीछे कावूर का हाथ था, से सार्डडनीया-

(16)

RISEFINITY EDUCATIONAL SERVICES | ALL RIGHTS RESERVED


01 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

पपडमॉन्ट 1859 में ऑल्कस्टरयाई बलों को हरा पाने में कामयाब हुआ, इससे इटली का उत्तरी
भाग जो ऑल्कस्टरयाई हैब्सवगों के अधीन था मुि हुआ।
3. यूनानी स्वतंत्रता युद्ध- यूरोप में उदारवाद और राष्ट्रवाद के ववकास के साथ क्ांनतयों का युग
आरंभ हुआ। 19वीं शताब्दी में, यूनान का स्वतंत्रता संग्राम भी राष्ट्रवादी भावना से प्रेररत था।
यूनान के स्वतंत्रता संग्राम ने यूरोप के जशजक्षत अधभजात वगम में राष्ट्रीयता की भावना का
संचार दकया।
यूनान 15वीं सदी से ही ऑटोमन साम्राज्य के अंतगमत था। यूरोप में क्ांनतकारी राष्ट्रवाद की
प्रगनत से यूनान के लोगों में राष्ट्रीयता की भावना का ववकास हुआ। 1821 ई. में यूनाननयों
का स्वतंत्रता संग्राम प्रारंभ हुआ। यूनान के राष्ट्रवादी नेताओ ं को ननष्काससत कर ददया गया
था। इन नेताओ ं ने यूरोप के देशों को यूनान की समस्याओ ं तथा अत्याचारों से अवगत कराया।
पजश्चमी यूरोप के लोगों का समथमन यूनानी स्वतंत्रता सेनाननयों को प्राप्त था। इसका कारण
यह था दक प्राचीन यूनानी संस्कृनत (Hellenism) के प्रनत सहानुभूनत की भावना। कववयों
और कलाकारों ने यूनान को यूरोपीय सभ्यता का मुख्य आधार बताया। अत: यूनान के प्राचीन
गौरव को स्थापपत करने तथा मुक्ट्स्लम साम्राज्य से मुक्ति ददलाने के जलए प्रयास आरंभ हुआ।
फ्ांस, इंग्लड
ैं और रूस ने भी यूनान के स्वतंत्रता संघषम के जलए जनमत जुटाने का काम
दकया।
अंग्रेज कवव लाडम बायरन ने धन एकत्र दकया और बाद में युद्ध में भी शाधमल हुए। लेदकन
दुभामग्यवश 1824 ई. में बुखार से उनकी मृत्यु हो गई। अंत में, 1832 ई. में कुस्तुनतुननया
की संधध ने यूनान को एक स्वतंत्र राष्ट्र की मान्यता दी और यूनान का स्वतंत्रता संग्राम पूणम
हुआ।
4. फ्ैंकफटश संसद- जममन इलाकों में बडी संख्या में राजनीनतक संगठनों ने फ्ैंकिटम शहर में
धमलकर एक सवम-जममन नेशनल एसेंब्ली के पक्ष में मतदान का िैसला दकया। 18 मई,
1848 को, 831 ननवामधचत प्रनतननधधयों ने एक सजेधजे जुलूस में जाकर फ्ैंकिटम संसद में
अपना स्थान ग्रहण दकया। यह संसद सेंट पॉल चचम में आयोजजत हुई। उन्होंने एक जममन
राष्ट्र के जलए एक संववधान का प्रारूप तैयार दकया। इस राष्ट्र की अध्यक्षता एक ऐसे राजा को
सौंपी गई जजसे संसद के अधीन रहना था। जब प्रनतननधधयों ने प्रशा के राजा फ्ेडरीख ववल्हेम

(17)

RISEFINITY EDUCATIONAL SERVICES | ALL RIGHTS RESERVED


01 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

चतुथम को ताज। पहनाने की पेशकश की तो उसने उसे अस्वीकार कर उन राजाओ ं का साथ


ददया जो ननवामधचत सभा के ववरोधी थे। इस प्रकार जहा ाँ कुलीन वगम और सेना का ववरोध बढ
गया, वहीं संसद का सामाजजक आधार कमजोर हो गया। संसद में मध्यम वगों का प्रभाव
अधधक था, जजन्होंने मजदूरों और कारीगरों की मा ाँगों का ववरोध दकया, जजससे वे उनका
समथमन खो बैठे। अंत में प्रशो के राजा के इंकार के कारण फ्ेंकिटम संसद के सभी ननणमय
स्वतः समाप्त हो। गए जजससे उदारवाददयों व राष्ट्रवाददयों में ननराशा हुई। प्रशा के सैननकों ने
क्ांनतकाररयों को कुचल ददया जजससे यह संसद भंग हो गई।
5. उदारवादी आंदोलन के अंदर महहलाओ ं को राजनननतक अधधकार प्रदान करने का मुद्दा
वववादस्पद था हाला ाँदक आन्दोलन में वषों से बडी संख्या में महहलाओ ं ने सदक्य रूप से भाग
जलया। उन्होंने अपने राजनीनतक संगठन स्थापपत दकये, अख़बार शुरू दकये, और राजनीनतक
बैठकों और प्रदशमनों में जशरकत की। इसके बावजूद उन्हें एसेंबली के चुनाव के दौरान
मताधधकार से वंधचत रखा गया था। जब सेंट पॉल चचम में फ़्रैंकफ़टम संसद की सभा आयोजजत
की गई थी तब महहलाओ ं को केवल प्रेक्षकों की है ससयत से दशमक-दीघाम में खडे होने ददया
गया।

प्रश्न 2 फ्ांसीसी लोगों के बीच सामूहहक पहचान का भाव पैदा करने के जलए फ्ांसीसी क्ांनतकाररयों
ने क्या कदम उठाए?

उत्तर – प्रारंभ से ही फ्ांसीसी क्ांनतकाररयों ने ऐसे अनेक कदम उठाए, जजनसे फ्ांसीसी लोगों में एक
सामूहहक पहचान की भावना उत्पन्न हो सकती थी। ये कदम ननम्नजलखखत थे

• पपतृभूधम और नागररक जैसे ववचारों ने एक संयुि समुदाय के ववचार पर बल ददया, जजसे


एक संववधान के अंतगमत समान अधधकार प्राप्त थे।
• एक नया फ्ांसीसी झंडा चुना गया, जजसने पहले के राष्ट्रध्वज की जगह ले ली।
• इस्टेट जेनरल का चुनाव सदक्य नागररकों के समूह द्वारा दकया जाने लगा और उसका नाम
बदलकर नेशनल एसेंब्ली कर ददया गया।
• नई स्तुनतया ाँ रची गईं, शपथे ली गईं, शहीदों का गुणगान हुआ और यह सब राष्ट्र के नाम पर
हुआ।

(18)

RISEFINITY EDUCATIONAL SERVICES | ALL RIGHTS RESERVED


01 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

• एक केंद्रीय प्रशासननक व्यवस्था लागू की गई, जजसने अपने भू-भाग में रहनेवाले सभी
नागररकों के जलए समान कानून बनाए।
• आंतररक आयात-ननयामत शुल्क समाप्त कर ददए गए और भार तथा नापने की एक समान
व्यवस्था लागू की गई।
• क्षेष्टत्रय बोजलयों को हतोिाहहत दकया गया और पेररस में फ्ेंच जैसी बोली और जलखी जाती
थी, वही राष्ट्र की साझा भाषा बन गई।

प्रश्न 3 मारीआन और जमेननया याकौन थे? जजस तरह उन्हें धचष्टत्रत दक गया उसका क्या महत्त्व
था?

उत्तर – फ्ांस की क्ांनत के दौरान कलाकारों ने स्वतंत्रता, न्याय और गणतंत्र जैसे ववचारों को व्यि
करने के जलए नारी रूपक का प्रयोग दकया। इनमें मारीआन और जमेननया की छवव राष्ट्र रूपक बन
गई

• मारीआन-नारी रूपकों का आववष्कार कलाकारों ने 19वीं शताब्दी में दकया। फ्ांस में उसे
लोकपप्रय ईसाई नाम 'मारीआन' ददया गया जजसने जन-राष्ट्र के ववचारों को रेखांदकत दकया।
उसके धचह्न भी स्वतंत्रता और गणतंत्र के थे-लाल टोपी, नतरंगा और कलगी।
मारीआन की प्रनतमाएाँ सावमजननक चौराहे पर लगाई गई तादक जनता को एकता के राष्ट्रीय
प्रतीक की याद आती रहे और. लोगों का ववश्वास बना रहे । मारीआन की छवव ससक्कों और
डाक हटकटों पर अंदकत की गई। मारीआन की ये तसवीरें फ्ांसीसी गणराज्य का प्रनतननधधत्व
करती हैं ।
• जमेननया-जमेननया, जममन राष्ट्र का रूपक बन गई। चाक्षुष अधभव्यक्तियों में जमेननया बलूत
वृक्ष के पत्तों का मुकुट, पहनती है क्योंदक जममन बलूत वीरता का प्रतीक है । जमेननया की
तलवार पर, "जममन तलवार जममन राइन की रक्षा करती है " अंदकत है । यह तसवीर
स्वतंत्रता, न्याय और गणतंत्र जैसे ववचारों को प्रतीकात्मक रूप से व्यि करती है।

प्रश्न 4 जममन एकीकरण की प्रदक्या का संक्षप


े में पता लगाएाँ ।

उत्तर – सन् 1848 ई० के यूरोप में राष्ट्रवाद का स्वरूप बदलने लगा था और यह जनतन्त्र एवं क्ाल्कन्त
के सैलाब से दूर हो गया था। राज्य की सत्ता को बढाने और पूरे यूरोप पर राजनीनतक प्रभुत्व प्राप्त
(19)

RISEFINITY EDUCATIONAL SERVICES | ALL RIGHTS RESERVED


01 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

करने के जलए रूपढवाददयों ने अकसर राष्ट्रवादी भावनाओ ं का प्रयोग दकया। उस समय जममनी तथा
इटली के एकीकृत होने की प्रदक्या जजतनी कठठन थी उतनी ही भयावह भी थी। इस प्रदक्या के बाद
ही इटली तथा जममनी राष्ट्र-राज्य बन सके थे।

ज्ञातव्य है दक राष्ट्रवादी भावनाएाँ मध्यमवगीीय जममन लोगों में घर कर गयी थीं और उन्होंने सन्
1848 ई० में जममन महासंघ के ववधभन्न भागों को जोडकर एक ननवामधचत संसद द्वारा शाससत राष्ट्र-
राज्य बनाने का प्रयत्न दकया था। मगर राष्ट्र-ननमामण की यह उदारवादी पहल राजशाही और िौज
की शक्ति ने धमलकर दबा दी, जजनका प्रशा के बडे भूस्वाधमयों (Junkers) ने भी समथमन दकया।
उसके पश्चात् प्रशा ने राष्ट्रीय एकीकरण के आन्दोलन की बागडोर साँ भाली। उसका मन्त्री प्रमुख
ऑटोवान नबस्माकम इसे प्रदक्या का जनक था, जजसने प्रशा की सेना और नौकरशाही की सहायता
ली। सात वषम के दौरान ऑल्कस्टरया, डेनमाकम और फ्ांस से तीन युद्धों में प्रशा को ववजय प्राप्त हुई
और एकीकरण की प्रदक्या पूरी हुई। जनवरी, 1871 में, वसामय में हुए एक समारोह में प्रशा के राजा
ववजलयम प्रथम को जममनी का सम्राट घोपषत दकया गया।

जनवरी 18, 1871 ई० को प्रात: कडाके की सदीी पड रही थी। ऐसे मौसम में; वसामय का शीशमहल
जो दक पहले से ही बेहद सदम रहता था; जममन राजकुमारों, सेना के प्रनतननधधयों और मन्त्री प्रमुख
ऑटोवान नबस्माकम सहहत प्रशा के महत्त्वपूणम मल्कन्त्रयों ने एक सभा का आयोजन दकया। सभा ने
प्रशा के काइजर ववजलयम प्रथम के नेतृत्व में नये जममन साम्राज्य की घोषणा की। प्रशा राज्य की
शक्ति के प्रभुत्व के दशमन जममनी में उसके राष्ट्र-ननमामण की प्रदक्या में हुए। नये राज्य ने जममनी की
मुद्रा, बैंदकिंग और कानूनी तथा न्यानयक व्यवस्थाओ ं के आधुननकीकरण पर अधधक जोर ददया और
प्रशा द्वारा उठाये गये कदम और उसकी कायमवाहहया ाँ शेष जममनी के जलए एक मॉडल बने।

प्रश्न 5 अपने शासन वाले क्षेत्रों में शासन व्यवस्था को ज्यादा कुशल बनाने के जलए नेपोजलयन ने
क्या बदलाव दकए?

उत्तर – नेपोजलयन के ननयंत्रण में जो क्षेत्र आया वहा ाँ उसने अनेक सुधारों की शुरुआत की। उनके
द्वारा दकए गए सुधार ननम्नजलखखत थे-

• प्राचीन सामाजजक, राजनैनतक, धार्थमक व्यवस्था को नष्ट् दकया गया।


• सामाजजक समानता स्थापपत करने के जलए ननम्न व उच्च वगम के भेद को खत्म दकया गया।
(20)

RISEFINITY EDUCATIONAL SERVICES | ALL RIGHTS RESERVED


01 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

• 1804 की नेपोजलयन संहहता ने जन्म पर आधाररत ववशेषाधधकार समाप्त कर ददए थे। उसने
कानून के समक्ष समानता और संपजत्त के अधधकार को सुरजक्षत बनाया।
• समान कर प्रणाली लागू की गई। प्रनतष्ठा मंडल की स्थापना करके ववद्वानों, कलाकारों व
देशभिों को सम्माननत दकया गया।
• डच गणतंत्र, त्सस्वट्जजरलैंड, इटली और जममनी में नेपोजलयन ने प्रशासननक ववभाजनों को
सरल बनाया।
• सामंती व्यवस्था को खत्म दकया और दकसानों को भू-दासत्व और जागीरदारी शुल्कों से
मुक्ति ददलाई।
• शहरों में कारीगरों के श्रेणी संघों के ननयंत्रणों को हटा ददया गया। यातायात और संचार
व्यवस्थाओ ं को सुधारा गया।
• आर्थथक सुधार करने के उद्देश्य से बैंक ऑि फ्ांस’ की स्थापना की गई।
• उसने दंड ववधान को कठोर बनाया तथा जूरी प्रथा व मुपद्रत पत्रों को पुनः प्रारंभ दकया।
• जशक्षा की उन्ननत के जलए यूननवमससटी ऑि फ्ांस की स्थापना की, जहा ाँ लैहटन, फ्ेंच भाषा,
साधारण ववज्ञान व गजणत की मुख्य तौर पर जशक्षा दी जाती थी।
• कैथोजलक धमम को राजधमम बनाया। इस प्रकार दकसानों, कारीगरों, मजदूरों और नए
उद्योगपनतयों ने नई-नई धमली आजादी को चखा।

(21)

RISEFINITY EDUCATIONAL SERVICES | ALL RIGHTS RESERVED

You might also like