An Open Letter To Gandhi

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An open letter to Gandhi

प्रिय ग ांधी,

दे खो न ग ांधी आप के पश्च त भ रत दे श की दश क्य हो गई हैं, ब्रिटिश सरक र द्व र लग ए गए नमक पर


tax लग ने पर आपके द्व र उनके खखल फ पूरे दे श मे सत्य ग्रह ककय थ । आज यह सरक र न
ज ने ककस-ककस िक र के tax लग रही है और इस प्रवषय पर कोई र जनेत बोलने के ललए तैय र
नहीां है और यह तक की ये सरक रने ककसनो को तक नही छोड आपकेके पश्च त इस सरक र ने
ककस नों के अटहत में 3 िक र के सांसद मे bill ल य गय जो की ककस न के टहत मे नही थ
आज आप के पश्च त दे श मे र जनेत अपने स्व थथ के ललए टहांद ू मुस्स्लम को आपस में लड रह है
और कुछ लोगों क कहन है कक हमें ये आज दी 2014 में लमली तो कुछ लोगों क कहन है हमें यह
आज दी lease पर लमली है दे खो न ग ांधी आपके पश्च त भ रत दे श मे क्य हो रह हैं! आप के
पश्च त भ रत दे श में अर जकत फैली हुई हैं आज आप के पश्च त आपने जो टदए गए सांदेश अटहांस
को लोग भल
ू गये है !

बांदक
ू की गोली से ग ांधी को म र ज सकत है but ग ांधी के प्रवच रों को नही !

आपके प्रवच र ध र सदै व हम रे ललए जीप्रवत है और जीप्रवत रहेगी !

र ष्ट्रप्रपत मह त्म ग ध
ां ी

जयांती की ह टदथक शुभक मन एां।

टदन ांक 02/10/2022

(आनंद क ंबळे )

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