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कम चीनी, अिधक बाजरा, दाल, कुछ मांस: आदश भारतीय आहार कै सा िदखना चािहए - फ़ टपो ट about:reader?url=https%3A%2F%2Fwww-firstpost-com.translate.goo...

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Less sugar, more millets, pulses, some


meat: What the ideal Indian diet should
look like
sayli dhodapkar, sayli dhodapkar

7–9 minutes

13 वष के बाद, भारत के शीष ा अनुसंधान िनकाय आईसीएमआर ने


आहार सं बंधी िदशािनदशों का एक नया से ट जारी िकया है । इसम अनाज की
खपत को सीिमत करने और दालों, मां स, पो ी और मछली का सेवन बढ़ाने की
िसफा रश की गई है । िच जैसे अित- सं ृ त खा पदाथ से बचना चािहए और
कृि म ोटीन पाउडर विजत ह और पढ़

आईसीएमआर ने 13 साल बाद भारतीयों के िलए नई आहार सं बंधी िदशािनदश


जारी िकए। ितिनिध छिव. िप ाबे

आपकी थाली कैसी िदखती है ? ा यह तली ई नमकीन और ािद िमठाइयों


से भरपू र है ? खैर, भारतीय िचिक ा अनु संधान प रषद (आईसीएमआर) के
सं शोिधत आहार िदशािनदशों के अनुसार, ये खा पदाथ आपकी थाली म कभी-
कभार ही अ े लगते ह।

13 साल के लंबे अं तराल के बाद, भारत के शीष ा अनुसंधान िनकाय ने


बु धवार को नए 'भारतीयों के िलए आहार संबंधी िदशािनदशों' (डीजीआई) का एक
से ट जारी िकया, िजसम गै र-के जो खम को कम करने के िलए नए वै ािनक
िन ष , जीवनशैली म बदलाव और भोजन की आदतों को ान म रखा गया है।
-मोटापा और मधुमेह जैसी सं चारी बीमा रयाँ ।

शाकाहा रयों को चेतावनी से लेकर ोटीन स ीमट न लेने तक, आइए दे ख िक


है दराबाद थत ने शनल इं ी ूट ऑफ ू िटशन (एनआईएन) आहार भारत के
बदलते खा पर के िलए ा सु झाव दे ता है ।

आपकी े ट कैसी िदखनी चािहए?

आईसीएमआर की आहार पु का के अनुसार, भारतीयों को अपने दै िनक भोजन


के िलए कम से कम आठ खा समू हों से मै ो ूिटएं ट् स (वसा, ोटीन और
काब हाइडे ट) और माइ ो ू िटएं ट् स (िवटािमन और खिनज) ा करने की
सलाह दी जाती है।

अित र चीनी, नमक और वसा के से वन को ितबंिधत करने की सलाह दे ते


ए, इसने स यों, फलों, हरी प े दार स यों, जड़ों और कंदों को दै िनक
भोजन का लगभग आधा िह ा बनाने की िसफा रश की। शेष भाग म अनाज,
बाजरा, दाल, मां स वाले खा पदाथ, अं डे, मे वे, ितलहन और दू ध या दही शािमल
होना चािहए।

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दू ध, अं डे और मां स जैसे पशु मू ल के खा पदाथ की िवशेष प से गभवती और


नपान कराने वाली मिहलाओं, ब ों और िकशोरों के िलए िसफा रश की जाती
है ।

आईसीएमआर ने नट् स, बीजों और दू ध उ ादों से आव क फैटी एिसड


ा करने की िसफा रश की और अनाज की सीिमत खपत की भी सलाह
दी। ितिनिध छिव. िप ाबे

वतमान आं कड़ों के अनुसार, ितिदन कुल ऊजा खपत म अनाज का योगदान 50


से 70 ितशत है। आईसीएमआर ने इसकी खपत 45 फीसदी तक सीिमत रखने
का सु झाव िदया है. इसम दालों, मां स, पो ी और मछली का से वन मौजूदा छह से
नौ ितशत से बढ़ाकर 15 ितशत करने की सलाह दी गई है। इसम यह भी कहा
गया है िक हमारी कुल वसा का से वन कुल ऊजा के 30 ितशत से कम या उसके
बराबर होना चािहए।

मु सु झावों म से एक यह है िक खाना पकाने के तेल के उपयोग को कम िकया


जाए और नट् स, ितलहन, दू ध उ ादों और समु ी भोजन के मा म से आव क
फैटी एिसड ा िकया जाए और उ ितिदन कुल ऊजा का कम से कम 10
ितशत दान िकया जाए।

"डीजीआई के मा म से , हम इस बात पर जोर दे ते ह िक सभी कार के कुपोषण


का सबसे तािकक, िटकाऊ और दीघकािलक समाधान िविवध खा पदाथ की
खपत को बढ़ावा दे ते ए पोषक त ों से भरपूर खा पदाथ की उपल ता, प ं च
और साम सु िनि त करना है," हे मलता आर, िनदे शक , आईसीएमआर-
एनआईएन, और इन िदशािनदशों को लाने वाली िवशेष सिमित के अ ने
कहा।

अित- सं ृ त खा पदाथ पर ा सलाह है ?

आईसीएमआर के अनुसार, िच और आइस ीम को अलिवदा कह, ोंिक ऐसे


अ ा- ोसे ड खा पदाथ ब त विजत ह।

िदशािनदश इस बात पर जोर दे ते ह िक नू ड , ना ा अनाज, सू प िम और


केक िम जैसे त ाल खा पदाथ को अ ा- ोसे ड खा पदाथ के पम
वग कृत िकया गया है । वे करते ह िक इन खा पदाथ को केवल पोषक
त ों से समृ या मजबू त बनाने से वे थ िवक नही ं बन जाते ह।

इसने उपभो ाओं से खरीदारी का िनणय लेने से पहले केवल लागत और ां ड


नामों पर िनभर रहने के बजाय खा लेबल को पढ़ने के िलए कहा।

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शीष िचिक ा िनकाय ने कहा िक अ ा ोसे ड खा पदाथ के सेवन से


िदल का दौरा, ोक और मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है। ितिनिध छिव.
रॉयटस

अ ा- ोसे ड भोजन का से वन, िजसम न केवल वसा, चीनी और नमक की मा ा


अिधक होती है , मोटापे जैसी थितयों का कारण बनता है , ब िदल का दौरा,
ोक और मधु मेह के खतरे को भी बढ़ाता है । ऐसा भी कहा जाता है िक ये उ
बढ़ने की ि या को तेज़ करते ह, ऐसा आईसीएमआर ने अपने िदशािनदशों म
चे तावनी दी है ।

“अनुमान बताते ह िक भारत म कुल बीमारी का 56.4 ितशत िह ा


अ ा कर आहार के कारण है । थ आहार और शारी रक गितिविध से
कोरोनरी दय रोग और उ र चाप का एक बड़ा िह ा कम िकया जा सकता
है , और टाइप 2 मधुमेह को 80 ितशत तक रोका जा सकता है , ”आईसीएमआर
का कहना है ।

िवशेष ों ने ायाम िदनचया का पालन करने की सलाह दी। "सं तुिलत आहार से
सभी पोषक त ों के उिचत उपयोग के िलए शारी रक गितिविध भी आव क
है ।"

ोटीन स ीमट के बारे म ा?

थ आहार और शारी रक गितिविध एक थ जीवन शैली को बनाए रखने म


मदद करती है, लेिकन िजम जाने वाले कई लोगों के साथ ोटीन की खुराक लेना
एक आदश बन गया है ।

आईसीएमआर ने अं डे, डे यरी दू ध या सोयाबीन, मटर और चावल जैसे पौधों के


ोतों से बने कृि म ोटीन पाउडर का उपयोग न करने की सलाह दी है ।

“ ोटीन पाउडर म अित र शकरा, गैर-कैलोरी िमठास और कृि म ाद जैसे


योजक भी शािमल हो सकते ह, इसिलए, िनयिमत से वन की सलाह नही ं दी जाती
है । ां ड-चेन अमीनो एिसड से भरपूर ोटीन गैर-सं चारी रोगों के खतरे को बढ़ा
सकते ह। इसिलए उ र के ोटीन का से वन उिचत नही ं है , ”एनआईएन ने
कहा।

थ वय ों म लंबे समय तक ितरोध ायाम िश ण (आरईटी) के दौरान


आहार ोटीन अनु पूरण मां सपेिशयों की ताकत और आकार म केवल थोड़ी वृ
के साथ जुड़ा आ है । टाइ ऑफ इं िडया ारा उद् धृ त शोध के अनुसार, ित
िदन 1.6 ाम/िक ा शरीर के वजन से अिधक ोटीन सेवन का र आरईटी-
े रत लाभ म योगदान नही ं दे ता है ।

कुकवे यर ों मायने रखता है

आईसीएमआर ने उन कुकवेयर पर भी सु झाव िदए जो उपयोग म सु रि त ह।

िचिक ा िनकाय ने खाना पकाने के िलए एयर- ायर और े नाइट-लेिपत बतनों


(िबना टे ॉन कोिटं ग के) के उपयोग को बढ़ावा िदया है।

एनआईएन ने कहा िक िम ी के बतन सबसे सु रि त कुकवे यर ह ोंिक वे


पयावरण के अनु कूल ह, कम तेल की आव कता होती है और पोषण बनाए
रखते ह। इसम 170 िड ी तापमान से ऊपर नॉन- क पैन का उपयोग करने के
खलाफ चेतावनी दी गई है और ित या िघसे -िपटे कोिटं ग वाले पैन को
ागने के िलए कहा गया है ।

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आईसीएमआर िम ी के बतनों म खाना पकाने की सलाह दे ता है । ितिनिध


छिव. िप ाबे

इसने पीतल और तां बे के बतनों को अपवाद बनाते ए, ए ू मीिनयम और लोहे के


कंटे नरों म अ ीय और गम खा पदाथ को सं हीत करने के खलाफ भी सलाह
दी। इसने े नलेस ील की व ुओं को भी सु रि त माना ोंिक वे लीक नहीं
करती ं।

आईसीएमआर ने माइ ोवे व म खाना पकाने के बारे म िमथक को भी खा रज कर


िदया, िजसम कहा गया िक माइ ोवेव खाना पकाने की तुलना म पारं प रक खाना
पकाने से तैयार भोजन की पोषण गुणव ा म ू नतम अं तर होता है ।

इसके अित र , उ ोंने इस बात पर काश डाला िक माइ ोवे व िकसी भी अ


खाना पकाने की िविध की तुलना म अिधक िवटािमन और खिनज बरकरार रखते
ह, ोंिक ि या के दौरान पोषक त ों का कोई रसाव नहीं होता है ।

िनदे शक हे मलता आर ने यह भी कहा िक िदशािनदश "रा ीय पोषण नीित म


बताए गए ल ों की ा को सु िवधाजनक बनाएं गे । िदशािनदश कृिष और
ा पर रा ीय नीितयों म िनधा रत ल ों के अनु प भी ह।

एजिसयों से इनपुट के साथ

संबंिधत कहािनयां

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