Policy Servicing Hindi, P Shridar DO

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Policy Servicing

Aspects Series

P. Sridhar, Development Officer


(During Lockdown)
P. Sridhar
Development Officer
1
POLICY SERVICING ASPECTS
• पॉलऱसी सेवाएॊ भी नए व्यवसाय के जजतनी ही महत्वपूर्ण
है । यदि आप पॉलऱसी सेवाओॊ के ववषय की बारीककयों को
समझते हों तभी आप अपने ग्राहक को पॉलऱसी के बाि
िी जाने वाऱी उत्तम सेवाएॊ (After Sales Service) प्रिान
कर सकोगे।
• पॉलऱसी सेवाओॊ का िायरा बहुत ववशाऱ है । कोई भी सेवा

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या कायण जो कक पॉलऱसी बेचने के बाि हमारे सामने आता
है उसी को पॉलऱसी सेवा कहा जाता है ।
• इसमें पररवतणन (Alteration), नामाॊकन (Nomination),
समनुिेशन (Assignment), पॉलऱसी पुनचणऱन (Policy
Revival), ऋर् (Policy Loan), अभ्यपणर् (Policy Surrender),
ऋर् न चक ु ा पाने पर कब्जा कर ऱेना (Foreclosure),
मत्ृ यु िावा (Death Claim), पररपक्वता िावा (Maturity 2
Claim), NACH आदि बहुत-सी सेवाएॊ आती हैं।
ऩररवर्तन (Alterations)
ग्राहक द्वारा सामान्यत् ननम्नलऱखित पररवतणनों के लऱए ननवेिन
ककया जाता है :
1. भग ु तान ववधि में पररवतणन
2. नाम/जन्मनतधि में सि ु ार
3. पत्र व्यवहार के पते/NACH में पररवतणन
4. नामाॊकन (Nominee) में पररवतणन

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5. ककसी नए दहतऱाभ (Rider) को जड़ ु वाना
6. बीमाराशी/भग ु तान (Reduction in SA/Term) अवधि में कमी
करवाना
• कुछ पररवतणन कभी भी करवाए जा सकते हैं जबकक कुछ
पररवतणन एक साऱ बाि ही करवाए जा सकते हैं।
• पररवतणन (Alterations) पॉलऱसी सेवाओॊ में सब से महत्वपूर्ण
ववषय है जहाॉ पर आपको सबसे ज्यािा प्रश्नों का सामना
करना पड़ता है । 3
ऩॉलऱसी के प्रथम वषत वषत के दौरान हो सकने वाऱे
ऩररवर्तन
पॉलऱसी ऱेने के प्रिम वषण में ननम्नलऱखित पररवतणन सॊभव हैं:
1. नाम में सि ु ार/जन्म दिनाॊक में सि ु ार (यदि यह त्रदु ि कायाणऱय
द्वारा हुई हो तो)।
2. पते में पररवतणन (यदि ग्राहक के द्वारा फोिो आईडी प्रफ ू और नए
पते के प्रमार् पत्र के साि आवेिन ककया जाता है )।
3. NACH हे तु बैंक मे पररवतणन (यदि ग्राहक वतणमान बैंक से ककसी

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अन्य बैंक के द्वारा मालसक किौती करवाना चाहता है तो उसी के
लऱए बैंक प्रमार् प्रस्तुत करने पर)।
4. नामाॊकन (Nomination) मे पररवतणन ककया जा सकता है । नए
नॉलमनी (Nominee) के पहचान पत्र की सबत ू के तौर पर जरूरत
नहीॊ है । इसके लऱए केवऱ ग्राहक के KYC की जरूरत होती है ।
5. भग ु तान ववधि मालसक NACH से अन्य ववधि में पररवतणन, प्रिम
वषण में सॊभव है । ककसी भी अन्य भुगतान ववधि में बिऱाव की
अनम ु नत केवऱ 1 वषण के अॊत के बाि िी जाती है । 4
ऩॉलऱसी के प्रथम वषत वषत के बाद हो सकने वाऱे
ऩररवर्तन
• कुछ दहतऱाभ (Riders) जैसे कक िर् ु ि
ण ना दहतऱाभ,
िर्ु ि
ण ना मत्ृ यु एवॊ अपॊगता दहतऱाभ (ADDB) और
PWB दहतऱाभ को पॉलऱसी की DOC (Date Of
Commencement) से एक साऱ बाि जड़ ु वाया जा
सकता है ।

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• जब भी हम बच्चों को पॉलऱसी िे ते हैं तो वे बबना
DAB या ADDB के होती हैं। जब वे व्यस्क होते हैं
तो हम इनमें से उपयक् ु त दहतऱाभ को उनकी
पॉलऱसी में जड़ ु वा सकते हैं।
• इसी तरह से यदि ककसी Children Policy में PWB
िे ना रह गया है तो उसे भी DOC के 1 साऱ बाि
पॉलऱसी में जड़ ु वा सकते हैं। 5
ऩॉलऱसी के प्रथम वषत वषत के बाद हो सकने वाऱे
ऩररवर्तन Contd.
• बीमाराशी को भी एक साऱ बाि बीमािारक के ननवेिन पर
र्िाया (Reduce) जा सकता है ।
• यदि पॉलऱसी तीन साऱ या उससे अधिक समय से चाऱू है तो
उस जस्िनत में ग्राहक को कम ककये बीमािन (Dropped SA) की
Surrender Value Refund की जाती है ।
• यदि पॉलऱसी 3 साऱ से कम चाऱू रही है तो ग्राहक को ककसी

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भी तरह का Refund नहीॊ दिया जाता है ।
• 01.01.2014 से उपऱब्ि सभी नए Plans में (आज की तारीि
तक) पॉलऱसी में Term Reduction की कोई सवु विा नहीॊ िी गयी
है ।
• ऱेककन 01.01.2014 से पव ू ण के सभी Plans में Term Reduction
की सवु विा उपऱब्ि है ।
• यदि भववष्य में ऐसा कुछ प्राविान आएगा तो उसकी जानकारी 6

भी आपको िी जाएगी।
NOMINATION (नामाांकन)
• पॉलऱसी सेवाओॊ में नामाॊकन एक बहुत ही रुधचकर ववषय
है । सबसे पहऱे हमें ये समझना होगा कक ऱाभािी
नामाॊकन (Beneficiary Nomination) क्या है ?
• बीमा ननयम सि ु ार अधिननयम (Insurance Laws
Amendment Act 2015) के अनस ु ार हम ननम्नलऱखित
सॊबॊधियों को Beneficiary Nominees कहते हैं:

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• पनत/पत्नी (Spouse)
• बच्चे
• माता-वपता
• इन तीन सॊबॊधियों के अनतररक्त हमारे पररवार में अन्य
ननकि के रक्त सम्बन्िी (Blood Relatives) भी होते हैं-
जैसे- भाई, बहन आदि। 7
NOMINATION (नामाांकन) Contd.
• जहाॉ तक हो सके इस बात का ध्यान रिा जाना चादहए कक
हम पनत/पत्नी, माता-वपता या बच्चों में से ही ककसी को
ऱाभािी नामाॊककत (Beneficiary Nominee) करवाने की सऱाह
ग्राहक को िें ।
• ऐसे ऱाभािी नामाॊककत सिस्य/सिस्यों को कानूनन
ववशेषाधिकार भी लमऱे होते हैं।
• उिाहरर् के लऱए: पॉलऱसीिारक ये ननिाणररत कर सकता है कक

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ककस Beneficiary Nominee को ककतना % भाग लमऱना चादहए
(ऱेककन केवऱ उसके द्वारा Beneficiary Nomination ककया
जाए तब)।
• उिाहरर्स्वरूप: यदि कोई पॉलऱसी िारक अपने माता, वपता
और पत्नी को Nominee बनाता है तो वह ये भी ननिाणररत
कर सकता है कक माता को 25%, वपता को 25% और पत्नी
को 50% भाग लमऱे। अन्य रक्त सॊबॊधियों जैसे भाई, बहन
आदि के लऱए इस तरह से ववलशष्ि भाग ननिाणरर् नहीॊ ककया
जा सकता है ।
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NOMINATION (नामाांकन) Contd.
• नामाॊकन पॉलऱसी िारक का अबाधित अधिकार है । वह ककसी को
भी नामाॊककत कर सकता है जजसे उसकी अनुपजस्िनत में पॉलऱसी
में होने वाऱे भगु तान दिए जा सकते हों। ऱेककन यदि Nominee
ननकितम रक्त सॊबॊधियों में से नहीॊ हो तो उसे "ककसी अजनबी
के ऩऺ में नामाांकन (Nomination in Favour of Stranger)" के रूप
में िे िा जाता है ।
• ऐसे नामाॊकन के लऱए Regional Manager (CRM) की स्वीकृनत ऱेनी

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आवश्यक होती है ।
• उिाहरर् के लऱए: यदि कोई पॉलऱसी िारक अपने ककसी cousin,
अॊकऱ/आॊिी आदि जो कक उसके ननकितम रक्त सॊबॊिी नहीॊ है ,
को नामाॊककत (Nominate) करना चाहता है तो उसे इसके लऱए
एक पत्र लऱिकर िे ना होगा जजसमें ऐसा करने के पीछे क्या
कारर् है वो बताने होंगे (औधचत्य लसद्ध करना होगा)।
• सिै व इस बबन्ि ु को ध्यान में रिें कक पॉलऱसीिारक जहाॉ तक हो
सके ननकितम रक्त सॊबॊधियों जैसे कक माता-वपता, पनत/पत्नी 9
अिवा बच्चों में से ही ककसी को नामाॊककत (Nominate) करे ।
नामाांकन के व्यवहाररक ऩहऱू (PRACTICAL
ASPECTS ON NOMINATION)
• Form No.3264: इस फॉमण का उपयोग पहऱी बार
नामाॊकन (Nomination) के लऱए ककया जाता है । जब
आप बच्चों के प्ऱान िे ते हैं और जब Life Assured
वयस्क (Major) हो जाता है तब नामाॊकन के लऱए इस

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फॉमण का उपयोग ककया जाता है ।ऐसी पॉलऱलसयों में
नामाॊकन करवाना ना भूऱें जजससे मत्ृ यु-िावों का
भगु तान आसानी से हो सके।
• Form No.3750: इस फॉमण का उपयोग नामाॊकन बिऱने
(Change of Nomination) के लऱए ककया जाता है ।
उिाहरर् के लऱए वववाह होने पर कोई पॉलऱसीिारक
अपने पनत/पत्नी को नामाॊककत करवाना चाहे , आदि। 10
नामाांकन के व्यवहाररक ऩहऱू Contd.
• Form No.3265: जब भी Life Assured ककसी अवयस्क
(Minor) को नामाॊककत (Nominate) करता है तो इस फॉमण
का उपयोग ककया जाता है । ये फॉमण सही मायनों में 2 in
1 फॉमण होता है । इसके द्वारा Life Assured एक Minor
Nominee के साि साि एक Appointee को भी Appoint

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करता है जो कक मत्ृ यु िावे के भग ु तान के समय
Guardian के रूप में अपनी भलू मका ननभाता है ।
• Form No.3738: इस फॉमण का उपयोग Appointee के लऱए
ककया जाता है । जब भी Life Assured Appointee को
बिऱना चाहता है तब इस फॉमण के द्वारा वह एक नए
Appointee को Appoint कर सकता है ।
11
ASSIGNMENT (अलिहसर्ाांकन)
• बीमा अधिननयम 1938 के अनच् ु छे ि 38 एवॊ बीमा काननू
सिु ार अधिननयम 2015 के अनुसार Assignment
(अलभहस्ताॊकन) पॉलऱसी के सभी अधिकार, हक एवॊ दहत
का ककसी अन्य व्यजक्त को स्िानाॊतरर् (Transfer) है । ये
भी नामाॊकन (Nomination) की भाॊनत एक महत्वपर् ू ण

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ववषय है । Agent को इस महत्वपर् ू ण ववषय की अच्छी
जानकारी होनी आवश्यक है ।
• िो तरह के अलभहस्ताॊकन (Assignment) होते हैं:
1. पर्ू त
ण ्/पर्
ू रू
ण पेर् अलभहस्ताॊकन (Absolute Assignment
2. सशतण अलभहस्ताॊकन (Conditional Assignment)

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ASSIGNMENT (अलिहसर्ाांकन) Contd.
• कानन ू ी रूप से वैि होने के लऱए ककसी भी तरह के
Assignment में मल्ू यवान प्रनतफऱ (Valuable
Consideration) का होना आवश्यक है ।
• बबना ककसी प्रनतफऱ (Consideration) के कोई भी
Assignment (अलभहस्ताॊकन) अवैि/शन् ू य/अमान्य (NULL
and VOID) होता है । यदि कोई पॉलऱसीिारक ककसी बैंक

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से ऋर् (Loan) ऱेता है तो उसे बैंक को ऋर् के लऱए
प्रनतभूनत (Security) के रूप में कुछ िे ना होता है ।
• पॉलऱसीिारक अपनी बीमा पॉलऱसी बैंक को
अलभहस्ताॊककत (Assign) कर के ऋर् रालश के रूप में
प्रनतफऱ (Consideration) बैंक से ऱे सकता है ।
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ABSOLUTE ASSIGNMENT (ऩर्
ू त अलिहसर्ाांकन)
• ये अलभहस्ताॊकन (Assignment) पॉलऱसी के सभी अधिकार, हक
एवॊ दहत का पूर्ण रूप से हस्ताॊतरर् (Transfer) है ।
• जो व्यजक्त अधिकारों का हस्ताॊतरर् करता है उसे हम
अलभहस्ताॊकनकत्ताण (Assignor) कहते हैं एवॊ जजस व्यजक्त/सॊस्िा
के पऺ में ये हस्ताॊतरर् ककया जाता है उसे अलभहस्ताॊककती
(Assignee) कहा जाता है ।
• इस तरह के अलभहस्ताॊकन में पॉलऱसीिारक अपनी पॉलऱसी का
ननयॊत्रर्/अधिकार पूर्ण रूप से िो िे ता है । हम पूर्ण

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अलभहस्ताॊकन ककसी बैंक/सॊस्िा को ककसी स्वीकृत ऋर्
(Sanctioned Loan) के लऱए कर सकते हैं।
• ये आवश्यक नहीॊ है कक पॉलऱसीिारक सम्पर् ू ण बीमाराशी का ही
अलभहस्ताॊकन (Assignment) करे । वह चाहे तो अपनी
सुवविानुसार आॊलशक रालश (Partial Amount) का भी
अलभहस्ताॊकन (Assignment) कर सकता है ।
• उिाहरर् के लऱए ककसी 50 ऱाि की पॉलऱसी में बीमािारक
चाहे तो स्वीकृत ऋर् के लऱए केवऱ 30 ऱाि की रालश भी 14
अलभहस्ताॊककत (Assign) कर सकता है ।
ABSOLUTE ASSIGNMENT (ऩर्
ू त अलिहसर्ाांकन)
Contd.
• कोई पॉलऱसीिारक पर् ू ण अलभहस्ताॊकन अपने एकिम ननकितम
रक्त सम्बन्िी के पऺ में , जैसे माता-वपता, पनत/पत्नी अिवा
बच्चों के पऺ में प्राकृनतक/नैसधगणक प्रेम और स्नेह (Natural
Love and Affection) के लऱए भी कर सकता है ।
• एक अॊनतम बबन्ि ु ये है कक हम अलभहस्ताॊकन (Assignment)
ककसी भी तत ृ ीय पऺ के ववत्तिाता/ऋर्िाता (Financier) के पऺ

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में नहीॊ कर सकते हैं। यह कानन ू ी रूप से अवैि/प्रनतबॊधित है ।
• दसू रे हहन्दी शब्द:
Assignment: समनुिेशन
Assignor: समनि
ु े शक
Assignee: समनिु े लशनत
Assigned: समनि ु े लशत
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सशर्त समनद
ु े शन/अलिहसर्ाांकन (CONDITIONAL
ASSIGNMENT)
• सशतण समनुिेशन/अलभहस्ताॊकन (Conditional Assignment) में
पॉलऱसी के सभी अधिकार, हक एवॊ दहत का पूर्रू ण पेर् हस्ताॊतरर्
(Transfer) नहीॊ होता है । ननिाणररत शतों के पूर्ण होने पर यह
पूवजण स्िनत में (Revert) आ जाता है ।
• उिाहरर् के लऱए पॉलऱसी की पररपक्वता (Maturity) पर भग ु तान
Assignor (समनि ु े शक/अलभहस्ताॊकनकत्ताण) को ही लमऱता है । इसी
प्रकार से यदि पॉलऱसीिारक की मत्ृ यु हो जाती है तब भी पॉलऱसी
के अधिकार Assignor (समनि ु े शक/अलभहस्ताॊकनकत्ताण) के पऺ में

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वावपस ऱौि (Revert ) आते हैं।
• सशतण समनुिेशन (Conditional Assignment) में Assignee
(समनुिेलशनत/अलभहस्ताॊककती), Assignor
(समनुिेशक/अलभहस्ताॊकनकत्ताण) की सहमनत के बबना ऋर्
(Loan) नहीॊ ऱे सकता है । इस प्रकार हम कह सकते हैं कक
Conditional Assignment में पॉलऱसीिारक का कुछ ननयॊत्रर्
पॉलऱसी पर बना रहता है ।
• ये Conditional Assignment, नामाॊकन (Nomination) से कुछ ज्यािा
महत्वपर् ू ण होता है जजसके कारर् िावा भग ु तान (Claim Payment)
के समय अधिकार (Title) से सॊबॊधित वववािों को कम कर िे ता है । 16
अलिहसर्ाांकन/समनद
ु े शन के व्यवहाररक ऩहऱू
(PRACTICAL ASPECTS ON ASSIGNMENT)
Form No.3848: ये मूल्यवान प्रनतफऱ (Valuable Consideration) के
लऱए पूर्त
ण ् समनुिेशन (Absolute Assignment) का फॉमण है । इस
समनुिेशन के लऱए LIC को दिया जाने वाऱा नोदिस भी इसी
फॉमण का एक भाग है
Form No.3857: ये पुन् समनुिेशन (Reassignment) का फॉमण है
जहाॉ एक Assignee अपनी पॉलऱसी को Reassign करता है । यहाॊ

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पर भी पुन् समनुिेशन (Reassign) का नोदिस LIC को िे ना पड़ता
है ।
Form No.3837: ये Endowment पॉलऱसीयों के लऱए ककसी
ननकितम रक्त सम्बन्िी के पऺ में नैसधगणक प्रेम एवॊ स्नेह
(Natural Love and Affection) हे तु ककए जाने वाऱे सशतण
समनुिेशन (Conditional Assignment) का फॉमण है ।
Form No.3838: ये Whole Life Policies के लऱए सशतण
अलभहस्ताॊकन (Conditional Assignment) का फॉमण है । 17
DUPLICATE POLICY (प्रतर्लऱपऩ ऩॉलऱसी)
• पॉलऱसी बॉन्ड बीमािारक और बीमा कॊपनी के बीच करार (Contract)
का प्रत्यऺ और सबसे महत्वपर् ू ण साक्ष्य (Evidence) होता है । ये एक
महत्वपूर्ण िस्तावेज होता है जजसे बीमािारक द्वारा सुरक्षऺत रिा
जाना आवश्यक है ।
• कभी-कभी ऐसा हो जाता है कक बीमािारक से पॉलऱसी बॉण्ड इस
प्रकार िो जाता है या नष्ि हो जाता है कक वह पन ु ् प्राप्त नहीॊ
ककया जा सकता है ।
• इस तरह की पररजस्िनतयों में ग्राहक को LIC में Duplicate (प्रनतलऱवप)
पॉलऱसी बॉन्ड के लऱए प्रािणना पत्र (Apply) करना पड़ता है ।

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• एक LIC agent के रूप में आपसे अपेऺा रिी जाती है कक आप
Duplicate पॉलऱसी से सम्बॊधित सभी ननयमों से भऱीभाॊनत पररधचत
हों।
• आपको ये भी जानकारी होनी चादहए कक कौनसे सॊयोगों/पररजस्िनतयों
(Contingencies) में प्रनतलऱवप (Duplicate) पॉलऱसी बॉन्ड की
आवश्यकता होती है और कौनसी पररजस्िनतयों में नहीॊ।
• पॉलऱसी बॉण्ड हमारी सभी आवश्यक सेवाओॊ जैसे कक ऋर् (Loan)
ऱेते समय, अभ्यपणर् मूल्य (Surrender Value) ऱेते समय, पररपक्वता
िावा (Maturity Claim)/मत्ृ यु िावा (Death Claim) के समय प्रस्तुत
करना आवश्यक होता है । 18
HOW TO GET DUPLICATE POLICY? (प्रतर्लऱपऩ
ऩॉलऱसी बॉण्ड कैसे प्राप्र् करें ?)

• ग्राहक का प्रािणना पत्र


• प्रश्नोत्तरी फॉमण Annexure-1
• ऺनतपनू तण बॉण्ड फॉमण 3756 नोिरी सदहत

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• ग्राहक का ID प्रफ
ू एवॊ Address Proof
• सािारर् शुल्क (125 रु ऱगभग) कैश काऊॊिर पर एवॊ
स्िॊ वपॊग शुल्क (Stamping Fee) जो बीमाराशी पर ननभणर
करता है । इसी क्रम में सभी िस्तावेजों को व्यवजस्ित रूप
से कायाणऱय में जमा कराकर प्रनतलऱवप पॉलऱसी बॉण्ड
प्राप्त ककया जा सकता है ।
19
DUPLICATE POLICY (Contd.) प्रतर्लऱपऩ ऩॉलऱसी बॉण्ड
For Settling Maturity/Death Claim (पररपक्वता/मत्ृ यु िावों के
भगु तान के लऱए:
• प्रािणना पत्र
• प्रश्नोत्तरी फॉमण Annexure1 में
• यदि िावा ₹ 5000 से कम का है तो ऺनतपूनतण (indemnity) बॉण्ड

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की आवश्यकता नहीॊ होती है ।
• यदि िावा ₹ 5000 से अधिक ऱेककन ₹ 10000 से कम हो तो फॉमण
सॊख्या 3815-A में ऺनतपूनतण (indemnity) बॉन्ड िे ना होता है ।
• यदि िावा ₹ 10000 से अधिक है तो फॉमण सॊख्या 3815 में
ऺनतपनू तण (indemnity) बॉण्ड notarised, िे ना होता है ।
• 1 पहचान पत्र (ID प्रफ
ू ) एवॊ address (पते के लऱए) प्रफ ू
20
DUPLICATE POLICY (Contd.) प्रतर्लऱपऩ ऩॉलऱसी
बॉण्ड
शरर् (अभ्यपणर्- surrender value) मल् ू य िावे के
लऱए:
• प्रािणना पत्र

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• फॉमण सॊख्या 3815 Notarised
• 1 पहचान पत्र (ID प्रूफ) एवॊ address (पते के लऱए)
प्रफ

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बन्द ऩॉलऱसी का ऩन
ु र्तऱन (REVIVAL OF LAPSED
POLICIES)
• पॉलऱसी सेवाओॊ में यह ववषय भी बहुत ही ववशाऱ है । प्रत्येक
अलभकताण (Agent) को इस ववषय की जानकारी अच्छे से होनी
चादहए, जजससे वह अपने पॉलऱसीिारकों की बन्ि (Lapse)
पॉलऱसी को चाऱू/पन ु जीववत (Revival) करवाने में सहायक हो
सके। पॉलऱसी Revival के ननम्नलऱखित प्रकार हैं:
• सािारर्/सामान्य पुनचणऱन/पुनजीवन (Ordinary Revival)

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• ककश्त पुनचणऱन (Instalment Revival)
• ऋर् सह पन ु चणऱन (Loan cum Revival)
• उत्तरजीववता दहतऱाभ पन ु चणऱन (Survival Benefit cum Revival)
• ये सिै व ध्यान रिें कक ककसी भी पॉलऱसी में यदि छूि के
दिनों (Grace Period- जो कक वावषणक/छमालसक/बत्रमालसक के
लऱए 30 दिन एवॊ NACH के लऱए 15 दिन है ) में प्रीलमयम का
भुगतान नहीॊ ककया जाता है तो पॉलऱसी बन्ि (Lapse) हो जाती
है । 22
साधारर् ऩुनर्तऱन (Ordinary Revival)
• Term insurance एवॊ जीवन लशरोमर्ी प्ऱान के अऱावा सभी
प्ऱान्स का प्रीलमयम, प्रिम अिे य प्रीलमयम (FUP) से 5 महीने
29 दिन तक सीिा ऑकफस के कैश काउॊ िर पर भरा जा
सकता है । इस समयावधि (Period) के बाि बीमािारक को
स्वास््य का प्रमार् िे ना होता है ।
• आप सभी जानते हैं कक बीमािारक को उत्तम स्वास््य के

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लऱए र्ोषर्ा पत्र भरना होता है । जजसे हम स्वास््य र्ोषर्ा पत्र
(Declaration of Good Health- DGH अिवा Health Declaration-
HD) कहते हैं।
• इस DGH के साि ही बीमािारक को अन्य मेडडकऱ सम्बन्िी
आवश्यकताएॊ (उस समय की उम्र, बीमाराशी के अनुसार) भी
पर्
ू ण करनी होती है ।
23
साधारर् ऩन
ु र्तऱन (Ordinary Revival) Contd.
• Revival (पुनचणऱन) के लऱए भी NMS/NMP/NMG के ननयम
ऱागू होते हैं।
Types of Revival DGH Forms (पन
ु चणऱन के forms के प्रकार):
• फॉमण नॊबर 680: (वयस्क जीवन- Major Lives के लऱए)।
• फॉमण नॊबर 700: (Minor Lives के लऱए जहाॊ ररस्क/जोखिम की
शरु
ु आत हो गई है )।

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• फॉमण नॊबर 720: (Minor Lives जहाॊ ररस्क/जोखिम की शरु ु आत
नहीॊ हुई है )।

• केंद्रीय कायाणऱय (Central Office) के ननिण शानस


ु ार अब सभी
तरह के पुनचणऱन (Revival) के लऱए COVID Questionnaire
(कोववड प्रश्नावऱी) भी अननवायण हो गई है ।
24
“SUM TO BE REVIVED IN REVIVAL” (बीमाराशी
जजसका Revival/ऩन
ु र्तऱन ककया जाना है )
• आप सभी जानते हैं कक नई पॉलऱसी िे ते समय SUC एक
ननर्ाणयक कारक (Deciding Factor) होता है । इसी तरह से
Revival/पुनचणऱन के लऱए भी “Sum to be Revived” महत्वपूर्ण
होता है ।
• “Sum to be Revived” सही अिों में (Actual Sum Assured - Paid
Up Value) (वास्तववक बीमाराशी - प्रित्त मूल्य) है ।
• कल्पना कीजजए कक एक पॉलऱसी 10 ऱाि बीमारालश की है

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और 8 साऱ तक चऱी है और इसकी Paid Up Value 3 ऱाि
आती है । जब ये पॉलऱसी बन्ि (lapse) हो जाती है और इसे
Revival के लऱए ऱाया जाता है तो LIC उस पॉलऱसी को Revival
के लऱए 7 ऱाि (10 ऱाि - 3 ऱाि) की पॉलऱसी मानेगी और
उसी के अनुसार मेडडकऱ ररपोर्टणस/स्पेशऱ ररपोर्टणस (यदि कोई
हो तो) LIC की तरफ से माॊगी जाएगी।
• इस बात का हमेशा ध्यान रिें कक Revival के लऱए "Sum to be
Revived" और नई पॉलऱसी के लऱए "Sum Under Consideration 25
(SUC)" को ध्यान में लऱया जाता है ।
INSTALMENT REVIVAL (ककश्र् ऩन
ु र्तऱन)
• कभी-कभी ऐसा भी होता है कक पॉलऱसीिारक Revival के लऱए
जरूरी रालश का एक साि (एक मश्ु त) भग ु तान करने की
जस्िनत में नहीॊ होता है । ऐसे ग्राहकों के लऱए हम ये योजना
समझा सकते हैं, जजससे वे अपनी पॉलऱसी Revive (चाऱू) करवा
सकते हैं।
• ये जानते हैं कक यह योजना ककस तरह से काम करती है और

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इसकी शतें क्या हैं: पॉलऱसी एक साऱ से अधिक समय तक
बन्ि जस्िनत (Lapsed Condition) में होनी चादहए और उस पर
कोई ऋर् भी लऱया हुआ नहीॊ होना चादहए। इसके साि ही उस
पॉलऱसी पर आने वाऱे 2 वषों में कोई भी उत्तरजीववता
दहतऱाभ (Survival Benefit) िे य (due) नहीॊ होना चादहए। यदि
ये सभी शतें पूर्ण होती हैं तो पॉलऱसी को Instalment Revival के
द्वारा चाऱू करवाया जा सकता है ।
26
INSTALMENT REVIVAL (ककश्र् ऩन
ु र्तऱन)
• इस तरह की पॉलऱसी में भी अन्य पॉलऱसीयों की तरह सबसे
पहऱे सम्पर्
ू ण Revival Amount (पॉलऱसी पन ु चणऱन की रालश) की
गर्ना की जाती है । पॉलऱसीिारक को 6 मालसक ककश्तों (6
monthly dues) का अिवा 2 बत्रमालसक (2 Qly dues) ककश्तों का
अिवा 1 छमालसक (1 Hly due) ककश्त का अिवा एक वावषणक
ककश्त की आिी रालश का भुगतान करना होता है ।

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• जब ये रालश LIC को प्राप्त होती है तो LIC सबसे पहऱे पॉलऱसी
को In force (चाऱू) करती है । बाि में शेष Revival Amount को
चाऱू पॉलऱसी वषण एवॊ आने वाऱे िो पॉलऱसी वषों की प्रीलमयम
िे य नतधियों (Premium Due Dates) में समान रूप से ववतररत
(Spread) कर िे ती है ।
• इस योजना के सही उपयोग से आप अपनी बन्ि पॉलऱसीयों को
चाऱू करवा सकते हैं और कमीशन आय बढ़ा सकते हैं।
27
ऋर् सह ऩन
ु र्तऱन (LOAN CUM REVIVAL)
• जैसा कक इसके नाम से ही पता चऱता है कक इस पुनचणऱन
(Revival) में िो कायण ऋर् (Loan) और पॉलऱसी का पुनचणऱन
(Revival) होता है ।
• इस प्रकक्रया में सब से पहऱे अद्यतन बकाया प्रीलमयम और
उस पर ववऱम्ब शल् ु क (up to date premium dues with
interest) की गर्ना वैसे ही की जाती है , जैसे सामान्य रूप से

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अन्य पॉलऱसीयों में करते हैं।
• इसके बाि पॉलऱसी में ऋर् की गर्ना इस तरह से की जाती
है कक पुनचणऱन (Revival) की दिनाॊक तक सभी िे य प्रीलमयम्स
(Due Premiums) भरे हुए हों, भऱे ही पॉलऱसी ने अभी तक
कोई भी शरर्/अभ्यपणर् मूल्य (Surrender Value) प्राप्त नहीॊ कक
हो।
28
LOAN CUM REVIVAL Contd.
• इस तरह की गर्ना से प्राप्त ऋर् रालश (Loan Amount) को
बकाया प्रीलमयम एवॊ ववऱम्ब शल् ु क (Revival Amount) के
भुगतान के लऱए समायोजजत (Adjust) कर लऱया जाता है ।
• यदि ये ऋर् पॉलऱसी चाऱू करने के लऱए अपयाणप्त होता है तो
शेष रालश के भुगतान के लऱए ग्राहक से कहा जाता है । यदि
ऋर् ज्यािा है तो पॉलऱसी के सभी बकाया भुगतान के
समायोजन के बाि शेष बची रालश ग्राहक के िाते में जमा कर

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िी जाती है ।ऋर् सह पुनचणऱन (Loan cum Revival) की प्रकक्रया
ऱगभग सािारर् पुनचणऱन (Ordinary Revival) की तरह ही होती
है ।
• पॉलऱसीिारक को स्वास््य र्ोषर्ा (HD OR DGH), मेडडकऱ
सम्बन्िी अन्य आवश्यकताएॊ (यदि कोई हों-if any) पुनचणऱन की
बीमाराशी (Sum To Be Revived) के अनुसार, ऋर् के लऱए
प्रािणना एवॊ पॉलऱसी बॉण्ड िे ना होता है ।
• ये ऋर् सह पन ु चणऱन (Loan cum Revival) भी आपकी बन्ि
पॉलऱसीयों को पुन् चाऱू करवाने में सहायक हो सकता है ।
29
उत्र्रजीपवर्ा हहर्ऱाि सह ऩनु र्तऱन (SB CUM
REVIVAL)
• इस प्रकार का पुनचणऱन (Revival) केवऱ मनीबैक पॉलऱसीयों के लऱए
ही ऱाग/ू उपयक्ु त (applicable) है ।
• जैसा कक आप सभी जानते हैं कक मनीबैक पॉलऱसीयों में ननयलमत
अॊतराऱ पर उत्तरजीववता दहतऱाभ (Survival Benefit) पव ू नण निाणररत
दिनाॊक पर िे य रहते हैं।
• ननयमानस ु ार ये उत्तरजीववता दहतऱाभ LIC द्वारा केवऱ चाऱू (In
force) पॉलऱसीयों पर ही िे य होता है । जब भी मनीबैक पॉलऱलसयाॊ

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बन्ि जस्िनत (Lapsed Condition) में होती है तब उत्तरजीववता
दहतऱाभ पॉलऱसी के Revival (पन ु चणऱन) होने तक के लऱए रोक दिया
जाता है ।
• ये SB Cum Revival (उत्तरजीववता दहतऱाभ) मनी बैक पॉलऱसीयों को
Revive करने के लऱए एक बहुत ही सि ुॊ र ववकल्प है । जजसके द्वारा
आप अपनी मनी बैक पॉलऱसीयों को Revive करवा सकते हैं।
• SB Cum Revival (उत्तरजीववता दहतऱाभ सह पुनचणऱन) के लऱए भी
अन्य पन ु चणऱन की तरह ही आवश्यक िस्तावेज जैसे DGH/HD एवॊ
मेडडकऱ Requirements (यदि कोई हो) के साि SB डडस्चाजण फॉमण एवॊ 30
पॉलऱसी बॉण्ड भी शािा में िे ना होता है ।
ऩॉलऱसी का ऩन ु र्तऱन और सऩेशऱ मेडडकऱ
ररऩोर्टतस के तनयम (SPECIAL REPORTS
RULES IN REVIVAL)
• ऐसी पॉलऱसीयों का पुनचणऱन (Revival) जजनमें बीमाराशी ज्यािा
हो और साि ही ववशेष मेडडकऱ ररपोर्टणस (Special Medical
Reports) भी आती हों तो ये ग्राहक के साि-साि हमारे लऱए

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िोड़ा परे शानी भरा होता है ।
• Revival की स्पेशऱ ररपोर्टणस से जुड़े ननयम: यदि पॉलऱसी के
Revival की दिनाॊक पर 10 वषण या उससे अधिक की Premium
Term बाकी हो तो Chart-1 या Chart-2 के अनुसार स्पेशऱ
मेडडकऱ ररपोर्टणस करवानी होती है , जो कक Sum to be Revived
(पुनचणऱन की बीमाराशी) पर ननभणर करती है ।
31
ऩॉलऱसी का ऩुनर्तऱन और सऩेशऱ मेडडकऱ ररऩोर्टतस
के तनयम Contd.
• जब Premium Term 6 से 9 वषण के मध्य हो तो Sum to be Revived
(पुनचणऱन की बीमाराशी) के अनुसार स्पेशऱ ररपोर्टणस माॉगी जा सकती
है , ऱेककन ऐसी जस्िनत में Sum to be Revived (पुनचणऱन की
बीमाराशी) को ½ (half - आिा) ही लऱया/धगना जाता है ।
• उिाहरर् के लऱए: Sum to be Revived (पन ु चणऱन की बीमाराशी) 10.2
ऱाि हो तो LIC द्वारा इसे 5.1 ऱाि मानकर ही स्पेशऱ ररपोर्टणस

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माॉगी जाएॊगी।
• यदि Premium Term 5 वषण या उससे कम हो तो LIC द्वारा तब तक
स्पेशऱ मेडडकऱ ररपोर्टणस के लऱए नहीॊ कहा जाता है , जब तक कक
DGH/HD (स्वास््य र्ोषर्ा) अिवा FMR (medical) में कुछ प्रनतकूऱ
(Adverse) ना हो।
Note: Reimbursement of cost of special reports in revival is not
allowed.
ववशेष: स्पेशऱ ररपोर्टणस के िचों की प्रनतपूनतण (Reimbursement) नहीॊ 32
ककया जाता है , अिाणत इनका भुगतान पॉलऱसीिारक को करना होता है ।
ककसी िी शाखा में ऩन
ु र्तऱन (ANYWHERE
REVIVAL)
• ककसी भी शािा में पन ु चणऱन (Anywhere Revival) 2009 में LIC
द्वारा लऱया गया एक ग्राहक अनुऱऺी किम िा। इस किम के
द्वारा पॉलऱसीिारक को आसानी से Revival की सवु विा िे ने का
प्रयास ककया गया।
• ऐसे पॉलऱसीिारक जजनकी पॉलऱसी Lapse (बन्ि) हो गयी है , वो

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अपनी नजिीक की ककसी भी LIC शािा में जाकर पॉलऱसी
Revival (चाऱू) करवा सकते हैं। इसके लऱए उन्हें अपनी
Servicing Branch (सेवा शािा) में जाने की आवश्यकता नहीॊ है ।
• आप ननयमों के आिीन रहकर ननजश्चत रूप से कहीॊ से भी
पन ु चणऱन (Anywhere Revival), ककसी भी LIC शािा या Satellite
Office में करवा सकते हैं।
33
ककसी िी शाखा में ऩन
ु र्तऱन (Revival) Contd.
इस Anywhere Revival के लऱए सामान्य ननयम ननम्नानस ु ार हैं:
• ये सभी सामान्य Plans के लऱए उपऱब्ि है जजनकी scanned
(स्कैन ककया हुआ) image िरू स्ि शािा (remote branch) में
उपऱब्ि हो।
• DGH/HD (स्वास््य र्ोषर्ा) एवॊ FMR के साि Anywhere
Revival िे श की ककसी भी LIC शािा में करवाया जा सकता है ।
• ये Anywhere Revival योजना/सुवविा, Term Insurance एवॊ यूननि

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लऱॊक्ड प्ऱान्स (ULIPs) के लऱए ऱागू नहीॊ है ।
• केवऱ सामान्य पुनचणऱन (Ordinary Revival) की ही अनुमनत है ।
इसके द्वारा ककश्त पुनचणऱन (Instalment Revival), ऋर् सह
पुनचणऱन (Loan Cum Revival), उत्तरजीववता दहतऱाभ सह
पुनचणऱन (Survival Benefit cum Revival) नहीॊ करवाया जा
सकता है ।
• अपने Clients को भी इस बारे में अवगत करवाइए और उनको
इसका ऱाभ ऱेने के लऱए समझाइए। 34
ऩॉलऱसी ऩर ऋर् (LOAN ON POLICIES)
• पॉलऱसी पर उपऱब्ि तरऱता (Liquidity) के ववकल्पों में
सबसे बेहतर ववकल्प पॉलऱसी पर ऋर् ऱेना (Loan) है ।
• जब भी पॉलऱसीिारक को रुपयों की जरूरत होती है तो
वह अपनी पॉलऱसी पर ऋर् ऱे सकता है , यदि उसने 2
वषण का पूर्ण प्रीलमयम भरा हो तो।

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• पहऱे ऋर् 3 वषण के पर् ू ण प्रीलमयम भरे हुए होने पर
लमऱता िा (8XX सीरीज के प्ऱान और उससे पहऱे के
प्ऱान्स के लऱए)।
• ऋर् पर ब्याज की िर 9.5% प्रनत वषण है जो छमालसक
रूप से िे य होता है । ये िर बाजार में उपऱब्ि अन्य
सािनों के सामने ननजश्चत रूप से काफी आकषणक है ।
35
ऩॉलऱसी ऩर ऋर् Contd.
• ऐसे ग्राहक जो कक LIC पोिण ऱ पर Registered (पॊजीकृत) हैं, वे
अपनी सेवा शािा की मऱ ु ाकात के बबना भी ऋर् ऱे सकते
हैं।
• उन्हें LIC की website पर Login होने के बाि ऑनऱाइन ऋर्
(Online Loan) के ववकल्प का चयन करना होता है ।

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• ये सम्पर् ू ण प्रकक्रया OTP (One Time Password) आिाररत होती
है जजसे ग्राहक द्वारा अधिकृत (Authenticate) करना होता
है । जब ये प्रकक्रया पूर्ण हो जाती है तो ग्राहक को ऋर्
सम्बन्िी िस्तावेज जैसे ऋर् के फॉम्सण, पॉलऱसी बॉण्ड आदि
कश्मीर से कन्याकुमारी तक की अपनी ननकितम शािा में
जमा करवाना होता है ।
• ग्राहक को अपनी सेवा शािा (Servicing Branch) में जाने की
कोई आवश्यकता नहीॊ होती है । 36
ऋर् के व्यवहाररक ऩहऱू (Practical Aspects on
LOAN)
• फॉमण नॊबर 5196: ये पहऱी बार लऱए जाने वाऱे ऋर् के लऱए
उपयोग में लऱया जाता है । पर् ू ण रूप से भरा होने के साि ही
इस फॉमण पर अलभकताण (Agent) के द्वारा साऺी के स्िान पर
हस्ताऺर भी होने चादहए।
• ऋर् के फॉमण के साि मूऱ (Original) पॉलऱसी बॉण्ड भी िे ना
आवश्यक होता है । इसके बबना ऋर् नहीॊ दिया जा सकता है ।

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• मैं इस त्य को पन ु ् याि करवाना चाहूॊगा कक ग्राहक को
पॉलऱसी के ऋर् पर ब्याज का 6 मालसक रूप से अवश्य
भगु तान करना होता है , इसे ग्राहक को अवश्य समझाएॊ।
अन्यिा ये चक्रववृ द्ध ब्याज में बिऱ जाएगा जो आपके ग्राहक
के लऱए बड़ा लसरििण बन सकता है ।
• अपने ग्राहक को लशक्षऺत करें ।
37
शरर्/अभ्यऩतर् मल्
ू य (SURRENDER VALUE)
• पॉलऱसीिारक द्वारा बीमा करार को एकतरफा रूप से समाप्त
कर िे ना ही पॉलऱसी का Surrender/अभ्यपणर् कहऱाता है ।
• ककसी भी ननयलमत प्रीमीयम भग ु तान वाऱी पॉलऱसी को
Surrender Value (अभ्यपणर् मूल्य) प्राप्त करने के लऱए कम से
कम 2 वषण के पूर्ण प्रीलमयम भरे हुए होने चादहए।
• 2 तरह के surrender value (अभ्यपणर् मूल्य) होते हैं:

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1. सनु नजश्चत अभ्यपणर् मल् ू य (Guaranteed Surrender Value-
GSV)
2. ववशेष अभ्यपणर् मूल्य (Special Surrender Value-SSV)
• GSV, प्रीलमयम भुगतान पर आिाररत होती है और SSV प्रित
मूल्य (Paid Up Value) पर आिाररत होती है जो कक बीमाराशी
एवॊ बोनस से सम्बॊधित होती है ।
38
शरर्/अभ्यऩतर् मल्
ू य (SURRENDER VALUE) Contd.
• LIC, GSV या SSV िोनों में से जो भी अधिक होता है उसका
भग ु तान करती है ।
• यहाॉ आपको ये समझ ऱेना चादहए कक पॉलऱसी के प्रारजम्भक
वषों में Surrender ग्राहक के लऱए काफी नुकसान वाऱा होता है ,
क्योंकक प्रारजम्भक वषों के प्रीलमयम का अधिकाॊश दहस्सा िावों
के भुगतान में और LIC द्वारा अन्य िचों में उपयोग में ककया

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जाता है ।
• कोई भी ग्राहक जैसे ही अपनी बीमाराशी के लऱए पहऱे
प्रीलमयम का भुगतान करता है , उसकी सम्पूर्ण बीमाराशी का
जोखिम प्रारम्भ हो जाता है । इस तरह LIC द्वारा ये जोखिम
उठाया जाता है , तो जब भी ये करार एकतरफा रूप से तोड़ा
जाता है तो नुकसान में बिऱ जाता है ।
• अपने ग्राहकों को लशक्षऺत कीजजए। 39
SURRENDER के व्यावहाररक ऩहऱू
• साऺात्कार (Exit Interview) के लऱए फॉमण: यह Surrender में
उपयोग लऱया जाने वाऱा एक ववशेष फॉमण है । ग्राहक द्वारा
इसमें 3 प्रश्नों का उत्तर दिया जाना होता है । ककसी भी
पॉलऱसी को Surrender value के भग ु तान से पहऱे सॊबॊधित
अधिकारी (शािा स्तर या मॊडऱ स्तर) द्वारा ग्राहक के साि
उन्हें पॉलऱसी के surrender से होने वाऱी हाननयों के ववषय में
समझाने का प्रयास ककया जाता है ।
• यदि पॉलऱसीिारक Surrender के अपने ननर्णय पर दृढ़ रहता है

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तो वे इसे आगे कक्रयाजन्वत करें गे। यह EXIT INTERVIEW फोन
द्वारा भी ककया जा सकता है ।
• समपणर् प्रपत्र (Surrender Form) : यह पॉलऱसीयों को Surrender
करने के लऱए एक ननयलमत रूप का फॉमण है ।
• हाऱ ही के सकणु ऱर में कहा गया है कक Surrender से सॊबॊधित
फॉमण पर ककसी साऺी के हस्ताऺर की आवश्यकता नहीॊ है ।
• यदि पॉलऱसीिारक के हस्ताऺरों का हमारे ररकॉडण के अनुसार
लमऱान नहीॊ हो रहा है तब हस्ताऺर के सत्यापन की
आवश्यकता होती है । 40
FORECLOSURE (मोर्न-तनषेध)
• जब कभी भी पॉलऱसी पर लऱए गए ऋर् के ब्याज को 2
छमालसक (िण्डावधि के ब्याज के अऱावा - excluding
broken period interest) ककश्तों तक नहीॊ भरा जाता है , तो
बन्ि पड़ी पॉलऱसीयों (Lapsed Policies) पर Foreclosure
(मोचन-ननषेि) का कक्रयान्वयन ककया जाता है ।
• Foreclosure कुछ और नहीॊ बजल्क पॉलऱसी पर बकाया ऋर्

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और उसके ब्याज का पॉलऱसी की Surrender Value के द्वारा
समायोजजत (Adjustment) ककया जाना है ।
• हमारा System इस तरह के Notice को स्वत्
(Automatically) बनाकर पॉलऱसीिारक को भेजता है , जजसमें
उसे 30 दिन का समय दिया जाता है कक ग्राहक या तो
ऋर् का ब्याज भर िे या कफर पॉलऱसी का पुनचणऱन
(Revival) करवा ऱे। 41
FORECLOSURE (मोर्न-तनषेध) Contd.
• इस Notice Period की समाजप्त के बाि जब पॉलऱसी के
बकाया ऋर् और उसके ब्याज तिा Surrender Value का
अन्तर (Difference) ₹ 250/- हो जाता है तो पॉलऱसी को
Foreclosed कर दिया जाता है ।
• यहाॉ ये याि रिना चादहए कक 01.01.2014 के बाि जारी

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की गई Foreclosed पॉलऱसी को Reinstate (पन ु ् बहाऱ) नहीॊ
ककया जा सकता है । इसलऱए आपके जो भी ग्राहक पॉलऱसी
पर ऋर् (Loan) ऱेते हैं उनके साि इस ववषय पर अवश्य
चचाण करें ।
• एक बार पन ु ् याि करें : जब भी ऋर् के ब्याज का 2
छमालसक ककश्तों तक भुगतान नहीॊ ककया जाता है और
पॉलऱसी बन्ि अवस्िा (Lapsed Condition) में हो तो पॉलऱसी
अननवायण रूप से Foreclosed कर िी जाती है । 42
ऩररऩक्वर्ा दावा (MATURITY CLAIM)
पररपक्वता िावों के समय पर भुगतान के लऱए LIC द्वारा
पररपक्वता समय से काफी पहऱे ही डडस्चाजण वाउचर ग्राहक को
भेज दिए जाते हैं। पररपक्वता िावे के भुगतान के लऱए
ननम्नलऱखित आवश्यकताएॊ LIC में जमा करवानी होती है :
1. मूऱ (Original) पॉलऱसी बॉण्ड
2. डडस्चाजण वाउचर
3. NEFT मैंडि े , बैंक की ववगत के साि एवॊ उसका साक्ष्य (मूऱ

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चेक/बैंक statement)
• यदि ककसी अपररहायण कारर् से ग्राहक द्वारा पॉलऱसी बॉण्ड िो
दिया गया हो तब ग्राहक को ऺनतपनू तण बॉन्ड (Indemnity Bond)
फॉमण सॊख्या 3815 को Notarised करवाकर पहचान पत्र और
Address Proof के साि LIC में submit (जमा) करना होता है ।
• यदि पररपक्वता िावे के लऱए सम्पर् ू ण आवश्यकताओॊ के साि
ग्राहक द्वारा उधचत तरीके से LIC में जमा ककया गया तो
पॉलऱसीिारक को उसकी पररपक्वता रालश उसकी पररपक्वता
दिनाॊक को बैंक िाते में जमा (credit) हो जाएगी।
43
उत्र्रजीपवर्ा हहर्ऱाि (SURVIVAL BENEFIT
CLAIM)
• ये ऱाभ MONEY-BACK पॉलऱसीयों से जुड़ा दहतऱाभ है ।
• जैसा कक इसके नाम से स्पष्ि है उत्तरजीववता दहतऱाभ (Survival
Benefit) का भुगतान उन पॉलऱसीिारकों का ककया जाता है जो कक
Money Back पॉलऱसी की शतों के अनस ु ार पव
ू नण निाणररत दिनाॊक को
जीववत (Alive) होते हैं।
• आप सब ये जानते हैं कक Money Back पॉलऱसी में बीमाराशी के एक
ननजश्चत प्रनतशत के बराबर रालश का पॉलऱसीिारक को भुगतान ककया
जाता है ।

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• उत्तरजीववता दहतऱाभ के लऱए ननम्नलऱखित आवश्यकताएॊ LIC में
जमा करवानी होती हैं:
1. पष्ृ ठाॊकन (Endorsement) के लऱए मूऱ पॉलऱसी बॉण्ड
2. ननगणमन पत्र (डडस्चाजण वाउचर- Discharge Voucher)
3. NEFT mandate बैंक details के साि
4. पहचान पत्र
• प्रवतणमान ननयमों के अनुसार ₹ 200000/- तक कक रालश का भुगतान
बबना मऱ ू पॉलऱसी बॉण्ड एवॊ डडस्चाजण वाउचर के ही सीिे ग्राहक के
बैंक िाते में कर दिया जाता है । 44
DISCOUNT CLAIM (बट्टा काट कर दावा)
• कई बार ऐसी पररजस्िनतयाॉ बन जाती है कक ग्राहक को पॉलऱसी
के अॊनतम वषण में िनरालश की आकजस्मक जरूरत आ जाती है ।
ऐसी पॉलऱलसयाॊ जजनको पॉलऱसी के अॊनतम वषण में ननिाणररत
नतधि से पहऱे ही बन्ि करवाया जाता है उनके िावे को
Discount Claim कहा जाता है ।
• इस तरह के Surrender को "Discounted Maturity Claim" की
तरह माना जाता है ।

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• अधिकाॊश पॉलऱसीयों को पॉलऱसी के अॊनतम वषण में Discount
Claim की अनुमनत िी गई है ।
• सामान्यत्, पॉलऱसी की पररपक्वता के अॊनतम माह में
Discount Claim को हतोत्सादहत (Discourage) ककया जाता है ,
ऱेककन कफर भी यदि ग्राहक द्वारा दृढ़ता से आग्रह ककया जाता
है , तब LIC कम से कम 1 माह का ब्याज कािकर इसकी
अनुमनत िे िे ती है ।
• कुछ पॉलऱसीयों पर Discount Claim नहीॊ चुकाया जाता है ।
इसके लऱए आपको LIC की सूची िे िनी चादहए।
45
मत्ृ यु दावा (DEATH CLAIMS)
• कोई भी बीमा पॉलऱसी ऱेने के पीछे सबसे महत्वपर् ू ण
ऱाभ/उद्देश्य मत्ृ यु िावा के भग ु तान का होता है । जीवन बीमा
एक प्रकार से पॉलऱसीिारक की असामनयक मत्ृ यु होने पर
"आय/कमाई का प्रनतस्िापन" (Replacement of Income) होता
है ।
• मत्ृ यु िावों की मूऱत् 2 श्रेखर्याॊ होती है :
1. गैर शीघ्र िावे (Non-Early Claim)

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2. शीघ्र (Early Claim)
• Non-Early (गैर शीघ्र) िावा ऐसा िावा होता है जो पॉलऱसी में
जोखिम की प्रारजम्भक दिनाॊक (Date Of Commencement Of
Risk) अिवा पन ु चणऱन (Revival) के 3 वषण के बाि उद्भव (Arise)
होता है ।
• इसके ववपरीत Early Claim (शीघ्र िावा) ऐसा िावा होता है जो
पॉलऱसी में जोखिम की प्रारजम्भक दिनाॊक (Date Of
Commencement Of Risk) अिवा पन ु चणऱन (Revival) के 3 वषण 46
के अन्िर ही उद्भव (Arise) होता है ।
गैर शीघ्र दावा (NON EARLY CLAIMS)
• कोई भी मत्ृ यु िावा जो पॉलऱसी में जोखिम प्रारम्भ होने की दिनाॊक
से (Date of Commencement of Risk) अिवा पुनचणऱन (Revival) की
दिनाॊक से 3 वषण के बाि उद्भव (Arise) होता है , उसे हम गैर शीघ्र
िावा (Non Early Claim) की श्रेर्ी में रिते हैं।
• इस िावे के लऱए क्या प्रकक्रया की जानी चादहए:
1. नॉलमनी/अलभहस्ताॊककती (Nominee/Assignee) के द्वारा सूचना पत्र

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2. मऱ ू मत्ृ यु प्रमार् पत्र
3. पर्ू ण रूप से भरा हुआ िावा फॉमण 3783 A
4. डडस्चाजण फॉमण सॊख्या 3801
5. FIR/PIR/पोस्िमॉिण म (Post Mortem) ररपोिण (यदि मत्ृ यु िर्
ु िण ना से
हुई हो)।
6. मूऱ पॉलऱसी बॉण्ड
7. पहचान पत्र,
47
8. NEFT Details
शीघ्र दावा (EARLY CLAIM)
• शीघ्र िावा एक ऐसा मत्ृ यु िावा होता है जो जोखिम
आरम्भ होने की दिनाॊक (Date of Acceptance of Risk) और
पुनचणऱन (Revival) की दिनाॊक से से 3 वषण के भीतर
र्दित होता है ।
• ऐसे िावों की LIC द्वारा ववस्तत ृ एवॊ पूर्ण जाॊच/छानबीन
की जाती है कक कहीॊ ग्राहक द्वारा ककन्हीॊ ऐसे त्यों को

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छुपाया (Suppression of Material facts) तो नहीॊ गया है
जो कक जोखिम को बढ़ाने वाऱे िे एवॊ कोई छऱ तो नहीॊ
हुआ है ।
• सभी शीघ्र िावों पर मॊडऱ कायाणऱय (Divisional Office)
द्वारा ही ननर्णय लऱया जाता है ।
48
शीघ्र दावा (EARLY CLAIM) Contd.
• ककसी भी शीघ्र िावे को LIC में रिने (Submit)/करने में ककस
प्रकार की प्रकक्रयाओॊ को अपनाया जाना चादहए। आपको गैर-
शीघ्र िावे में जमा करवाने वाऱे फॉम्सण के अनतररक्त
ननम्नलऱखित फॉम्सण को भी LIC में जमा करवाना होता है :
• िावा फॉमण A (Claim Form A)
• अजन्तम धचककत्सा सम्बन्िी प्रमार् पत्र-B (Last Medical

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Attendant Certificate B)
• हॉजस्पिऱ/अस्पताऱ फॉमण B1 (Hospital Form B1)
• अजन्तम सॊस्कार से सम्बॊधित फॉमण C (Certificate of
Identity/Burial Form C)
• ननयोक्ता का प्रमार् पत्र फॉमण E, यदि ननयोजजत हो तो
(Certificate from Employer E, if employed)
49
प्रीलमयम िुगर्ान का NACH प्रकार (NACH MODE
OF PAYMENT)
• आप सभी ये जानते हैं कक अब LIC में प्रीलमयम भुगतान का
मालसक प्रकार (Monthly Mode) उपऱब्ि नहीॊ है बजल्क मालसक
NACH एवॊ मालसक पगार बचत योजना (Monthly SSS) प्रकार ही
उपऱब्ि है ।
• मालसक NACH (Monthly NACH) कुछ और नही बजल्क सीिा
ग्राहक के बैंक िाते से प्रनतमाह प्रीमीयम कािकर (Debited)
LIC में समायोजन ककया जाना ही है ।

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• मालसक पगार बचत योजना (Monthly SSS) केवऱ
सरकारी/अिणसरकारी/प्रनतजष्ठत ननजी सॊस्िाओॊ (Reputed
Govt./Pvt Organisations) के लऱए ऱागू होती है जहाॊ ननयोक्ता
(Employer) प्रीलमयम को प्रनतमाह कमणचारी की तनख्वाह/पगार
(Salary) से कािकर (Debit) कर LIC में जमा करवाता है ।
• याि रखिए कक, ककसी भी नए प्रस्ताव (Proposal) के लऱए
प्रारजम्भक 2 प्रीलमयम LIC में जमा (to be remitted) करवाने
होते हैं और तीसरे महीने से ग्राहक के बैंक िाते से प्रीलमयम 50
किौती (Deduction of premium) प्रारम्भ होती है ।
NACH की प्रकिया (NACH PROCESS)
• NACH को भारतीय राष्रीय भुगतान ननगम (National Payment
Corporation of India- NPCI) द्वारा सॊचालऱत ककया जाता है ,
जजसका प्रारम्भ RBI द्वारा ककया गया िा।
• ये हमारे िे श में होने वाऱे फुिकर भुगतानों (Retail Payments)
के लऱए एकछत्र सॊस्िा (Umbrella Organization) के रूप में
काम करती है ।

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• हमारी शािा द्वारा सभी NACH forms को मॊडऱ कायाणऱय
(Divisional Office) में भेज दिया जाता है ।
• इन सब में आवश्यक पूनतणयाॉ (Relevant Entry) करने के बाि
Divisional Office द्वारा ये NACH Mandates हमारी SPONSOR
BANK को भेज दिए जाते हैं।

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NACH की प्रकिया (NACH PROCESS) Contd.
• वतणमान में इस सब प्रकक्रया के लऱए हमारी SPONSOR BANK,
KOTAK MAHINDRA BANK है ।
• Sponsor Bank द्वारा इन NACH MANDATES को स्कैन ककया
जाता है और कफर इन्हें NPCI को भेज दिया जाता है ।
• NPCI द्वारा इनको एक Unique Reference Mandate Number
(URMN) दिया जाता है और ये scanned image ग्राहक की बैंक
को भेज िी जाती है ।

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• ग्राहक की बैंक में NACH Mandate को या तो स्वीकृत ककया
(accepted) जाता है या कफर अस्वीकृत (rejected) ककया जाता
है । जजसकी सच ू ना Sponsor Bank को िी जाती है ।
• Sponsor Bank से बैंक से ये सच ू ना LIC के NACH CENTRE को
लमऱती है । LIC के NACH CENTRE से ये BRANCH SYSTEM को
लमऱती है ।
• इस प्रकार NACH की एक ऱॊबी प्रकक्रया होती है । 52
NACH प्रर्ाऱी/व्यवसथा (NACH SYSTEM)
• एक ही प्रस्तावक की ववववि पॉलऱसीयों (MULTIPLE POLICIES) के लऱए
आपको अऱग-अऱग NACH Mandate िे ना होता है ।
• ननकितम सम्बन्िी भी NACH Mandate पर अपने ननकितम और
वप्रय (Near & Dear) सम्बजन्ियों के लऱए हस्ताऺर कर सकते हैं।
• उिाहरर्स्वरूप, पनत के बैंक िाते से (HUSBAND's Account) पत्नी की
पॉलऱसी के लऱए भुगतान ककया जा सकता है । ऐसा ही बच्चों की
पॉलऱसी में हो सकता है ।

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• जब प्रस्ताव पत्र (PROPOSAL FORM) दिया जा रहा हो तब आप ये
सुननजश्चत करें कक NACH Mandate(s) पर उधचत रूप से हस्ताऺर
ककए गए हों एवॊ उसके साि या तो कैं सल्ड चेक (Cancelled Cheque
Leaf) या कफर बैंक िाते की पासबुक के प्रिम पष्ृ ठ की प्रनतलऱवप
(Photocopy of Bank Pass Book 1st Page) भी दिया गया हो।
• सॊऺेप में कहें तो, जब भी आप NACH MODE में प्रस्ताव पत्र
(PROPOSAL FORM) िें तो आपकी ओर से कोई भी गऱती नहीॊ होनी
चादहए। इस ववषय में आपके द्वारा परू ी साविानी (UTMOST CARE) 53
रिी जानी चादहए।
मालसक NACH: अच्छा या बरु ा?
ये एक बहुत ही सन् ु िर प्रकार का ववकल्प है , यदि:
• आप पूर्रू ण प से भरा हुआ NACH Form(s), बैंक िाते से सॊबॊधित
िस्तावेज (Bank Account Proof) आदि, नए प्रस्ताव पत्र के साि
जमा करवाते हैं तो इसमें आपकी शरु ु आती जाॊच (Follow-up)
बहुत ही जरूरी हो जाती है , जजससे कक NACH सफऱतापूवक ण
काम कर सके।
• आपको ये जाॊच करने की आवश्यकता होती है कक क्या NACH

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उधचत रूप से Registered हुआ है कक नहीॊ।
• उसके बाि इसकी िस ू री जाॊच आपको ग्राहक के साि भी करनी
होती है कक ग्राहक को NACH से सम्बॊधित कोई SMS आया है
या नहीॊ।
• इसके बाि आपको ग्राहक की किौती दिनाॊक (Debit Date) से 1
सप्ताह पहऱे ये याि दिऱाना चादहए कक वो अपने बैंक िाते में
पयाणप्त रालश (maintain sufficient balance) बनाए रिे।
• अॊत में , ग्राहक से ये सनु नजश्चत करें कक किौती (Debit) हुई है 54
या नहीॊ।
मालसक NACH: अच्छा या बरु ा?
ये बहुत ही बरु ा ववकल्प हो सकता है , अगर:
• NACH Forms बैंक सम्बन्िी जरूरी आवश्यकताओॊ के बबना दिए
गए हों और ग्राहक को NACH Registration का कोई SMS नहीॊ
आया हो, किौती दिनाॊक (Debit Date) से पहऱे ग्राहक को िाते
में पयाणप्त रालश रिने हे तु याि नहीॊ करवाया हो।
• अॊत में कहा जाए कक यदि आप शािा में या Agents App में
NACH के ववषय में जाॊच नहीॊ करते हैं और बबल्कुऱ भी

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धचॊनतत ना हों कक NACH Debit सफऱतापव ू क
ण हो रहा है या
नहीॊ, तब ये आपके लऱए बुरा साबबत हो सकता है ।
• Monthly NACH अच्छा या बुरा ववकल्प...? ये केवऱ आप पर
ननभणर करता है ...यदि ग्राहक मालसक (MONTHLY) भग ु तान ही
चाहता है और आप भी ऊपर बताए गए तरीके से follow-up के
लऱए तैयार हैं तो आप इसे अपनाएॊ और आगे बढ़ें , अन्यिा
बत्रमालसक ववकल्प चन ु ें। 55
मैंने इस ऱॉकडाउन के िौरान सभी
अलभकताणओॊ को इस अननवायण ववषय पर
सशक्त करते हुए आपके ववकास अधिकारी
के रूप में अपने कतणव्य का पाऱन ककया।

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कृपया मेरे द्वारा िी गई इस जानकारी को
सॊरक्षऺत रिें, कभी भी शॊका होने पर
इससे जाॉच करते रहें ।

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