Professional Documents
Culture Documents
कक्षा 10 समास 2023 update Notes-Ausekar Sir (9403934459)
कक्षा 10 समास 2023 update Notes-Ausekar Sir (9403934459)
प ला पद – पूववपद दस
ू िा पद – उत्तरपद = सिस्तपद
1
Notes-Ausekar Sir 9403934459
ििांक पव
ू वपद उत्तरपद सिस्तपद /
सािामसक पद
1 दश + आनन = दशानन
2 घोडा + सवार = घुड़सवार
3 राजा + ( का ) पुत्र = राजपुत्र
4 यश + ( का ) प्राप्त = यशप्राप्त
2
Notes-Ausekar Sir 9403934459
6 दानवीर -
दान में वीर
7 अनथव - न
अथव
III)किवधारय 1 पहला पद ववशेषण ( उपिान ) 2 दस
ू रे पद की तल
ु ना ववशेष्य ( 1 अधपका –
उपिेय ) ववशेषण
3 ववग्रह – है जो, के सिान ववशेष्य
IV) द्ववगु 1 संख्या वाले शब्दों का प्रयोग 1 सप्तमसंधु -
2 सिूह / सिाहार का बोध सात मसंधुओं का
सिूह
V) द्वंद्व 1 दोनों शब्द एक-दस
ू रे से उल्टे होते है। 1 सुख-दख
ु
2 दोनों पद प्रधान होते है, प्राय: योजक धचन्ह ( - ) सुख औि दख
ु
VI) बहुव्रीदह 1 ववग्रह करने पर छतसरा अथव (संज्ञा) होता है। 2 कोई पद प्रधान नह ं। 1 पंकज – पंक
3 व्यक्तत, स्थान, वस्त,ु रूढ़ शब्द (कीचड़) िें पैदा
हो जो (किल)
घ) दस
ू रा पद िोटा
3
Notes-Ausekar Sir 9403934459
4
Notes-Ausekar Sir 9403934459
1 अव्ययीभाि समास
क्जस सिास का पूवव पद प्रधान हो, और वह अव्यय हो उसे अव्ययीभाव सिास कहते हैं। इसिें अव्यय
पद का प्रारूप मलंग, वचन, कारक, िें नह ं बदलता है, वो हिेशा एक जैसा रहता है।
दस
ू रे शब्दों िें – यदद एक शब्द की पन
ु राववृ त्त हो और दोनों शब्द मिलकर अव्यय की तरह प्रयोग हों, वहााँ
5
Notes-Ausekar Sir 9403934459
पर अव्ययीभाव सिास होता है। संस्कृत िें उपसगव युतत पद भी अव्ययीभाव सिास ह िने जाते हैं।
इसिें पहला पद उपसगव होता है जैसे अ, आ, अनु, प्रतत, ि, भि, तन, तनि, यथा, याित आदद उपसगव
शब्द का बोध होता है।
2 तत्परु
ु ष समास
क्जस सिास का उत्तरपद प्रधान हो और पव
ू वपद गौण हो उसे तत्परु
ु ष सिास कहते हैं। यह कारक से जड़
ु ा
सिास होता है। इसिें ज्ञातव्य-ववग्रह िें जो कारक प्रकट होता है उसी कारक वाला वो सिास होता है। इसे
बनाने िें दो पदों के बीच कारक धचन्हों का लोप हो जाता है, उसे तत्पुरुष सिास कहते हैं।
इस सिास िें साधारणतः प्रथि पद ववशेषण और द्ववतीय पद ववशेष्य होता है। द्ववतीय पद, अथावत
बादवाले पद के ववशेष्य होने के कारण इस सिास िें उसकी प्रधानता रहती है।
जैसे – धमव का ग्रन्थ = धिवग्रन्थ
िाजा का कुमाि = राजकुिार
तुलसीदासकृत = तुलसीदास द्वारा कृत
इसिें कताव और संबोधन कारक को िोड़कर शेष ि: कारक धचन्हों का प्रयोग होता है। जैसे – किव कारक,
करण कारक, सम्प्रदान कारक, अपादान कारक, सम्बन्ध कारक, अधधकरण कारक इस सिास िें दस
ू रा पद
प्रधान होता है।
कमव तत्पुरुष – इसिें दो पदों के बीच िें किवकारक छिपा हुआ होता है। किवकारक का धचन्ह ‘को’ होता
है। ‘को’को किवकारक की ववभक्तत भी कहा जाता है। उसे किव तत्पुरुष सिास कहते हैं। ‘को’के लोप से
यह सिास बनता है।
जैसे – ग्रंथकाि = ग्रन्थ को मलखने वाला
किण तत्पुरुष – जहााँ पर पहले पद िें करण कारक का बोध होता है। इसिें दो पदों के बीच करण
कारक छिपा होता है। करण कारक का धचन्ह या ववभक्तत ‘के द्वारा’और ‘से’होता है। उसे करण तत्पुरुष
कहते हैं। ‘से’और ‘के द्वारा’के लोप से यह सिास बनता है।
जैसे – िाक्ममककिधित = वाल्िीक्रक के द्वारा रधचत
सम्प्प्रदान तत्पुरुष – इसिें दो पदों के बीच सम्प्रदान कारक छिपा होता है। सम्प्रदान कारक का धचन्ह
या ववभक्तत ‘के मलए’होती है। उसे सम्प्रदान तत्पुरुष सिास कहते हैं। ‘के मलए’ का लोप होने से यह
सिास बनता है।
जैसे – सत्याग्र = सत्य के मलए आग्रह
अपादान तत्परु
ु ष – इसिें दो पदों के बीच िें अपादान कारक छिपा होता है। अपादान कारक का धचन्ह
या ववभक्तत ‘से अलग’ होता है। उसे अपादान तत्पुरुष सिास कहते हैं। ‘से’का लोप होने से यह सिास
6
Notes-Ausekar Sir 9403934459
बनता है।
जैसे – पथभ्रष्ट = पथ से भ्रष्ट
सम्प्बन्ध तत्पुरुष – इसिें दो पदों के बीच िें सम्बन्ध कारक छिपा होता है। सम्बन्ध कारक के धचन्ह
या ववभक्तत ‘का, ‘के, ‘की’होती हैं। उसे सम्बन्ध तत्पुरुष सिास कहते हैं। ‘का, ‘के, ‘की’आदद का लोप होने
से यह सिास बनता है।
जैसे – िाजसभा = राजा की सभा
अधधकिण तत्पुरुष – इसिें दो पदों के बीच अधधकरण कारक छिपा होता है। अधधकरण कारक का
धचन्ह या ववभक्तत ‘िें, ‘पर’होता है। उसे अधधकरण तत्पुरुष सिास कहते हैं। ‘िें’और ‘पर’का लोप होने से
यह सिास बनता है।
जैसे – जलसमाधध = जल िें सिाधध
नञ तत्पुरुष समास
इसिें पहला पद छनषेधात्िक होता है उसे नञ तत्पुरुष सिास कहते हैं।
जैसे –
असभ्य = न सभ्य असंभि = न संभव
अनाहद = न आदद अनंत = न अंत
3 कमवधािय समास
क्जस सिास का उत्तरपद प्रधान होता है, क्जसके मलंग, वचन भी सािान होते हैं। जो सिास िें ववशेषण-
ववशेष्य और उपिेय-उपिान से मिलकर बनते हैं, उसे किवधारय सिास कहते हैं।
किवधारय सिास िें व्यक्तत, वस्तु आदद की ववशेषता का बोध होता है। किवधारय सिास के ववग्रह िें ‘है
जो, ‘के सिान है जो’ तथा ‘रूपी’शब्दों का प्रयोग होता है।
जैसे – िन्रमुख – चन्रिा के सािान िुख वाला – (ववशेषता)
द ीिडा – दह िें डूबा बड़ा – (ववशेषता)
गरु
ु दे ि – गरु
ु रूपी दे व – (ववशेषता)
ििण कमल – किल के सिान चरण – (ववशेषता)
नील गगन – नीला है जो असिान – (ववशेषता)
4 द्विगु समास
द्ववगु सिास िें पूववपद संख्यावाचक होता है और कभी-कभी उत्तरपद भी संख्यावाचक होता हुआ दे खा जा
सकता है। इस सिास िें प्रयत
ु त संख्या क्रकसी सिह
ू को दशावती है, क्रकसी अथव को नह ं। इससे सिह
ू और
सिाहार का बोध होता है। उसे द्ववगु सिास कहते हैं।
7
Notes-Ausekar Sir 9403934459
5 द्िंद्ि समास
इस सिास िें दोनों पद ह प्रधान होते हैं इसिें क्रकसी भी पद का गौण नह ं होता है। ये दोनों पद एक-
दस
ू रे पद के ववलोि होते हैं लेक्रकन ये हिेशा नह ं होता है। इसका ववग्रह करने पर और, अथवा, या, एवं
का प्रयोग होता है उसे द्वंद्व सिास कहते हैं। द्वंद्व सिास िें योजक धचन्ह (-) और ‘या’ का बोध होता
है।
8
Notes-Ausekar Sir 9403934459
9
Notes-Ausekar Sir 9403934459
6 ब ु ब्रीह समास
इस सिास िें कोई भी पद प्रधान नह ं होता। जब दो पद मिलकर तीसरा पद बनाते हैं तब वह तीसरा पद
प्रधान होता है। इसका ववग्रह करने पर “वाला, है, जो, क्जसका, क्जसकी, क्जसके, वह”आदद आते हैं, वह
बहुब्रीदह सिास कहलाता है।
दस
ू रे शब्दों िें– क्जस सिास िें पूववपद तथा उत्तरपद- दोनों िें से कोई भी पद प्रधान न होकर कोई अन्य
पद ह प्रधान हो, वह बहुव्रीदह सिास कहलाता है।
क्जस सिस्त-पद िें कोई पद प्रधान नह ं होता, दोनों पद मिल कर क्रकसी तीसरे पद की ओर संकेत करते
है, उसिें बहुव्रीदह सिास होता है। ‘नीलकंठ’, नीला है कंठ क्जसका अथावत मशव। यहााँ पर दोनों पदों ने
मिल कर एक तीसरे पद ‘मशव’ का संकेत क्रकया, इसमलए यह बहुव्रीदह सिास है।
इस सिास के सिासगत पदों िें कोई भी प्रधान नह ं होता, बक्ल्क पूरा सिस्तपद ह क्रकसी अन्य पद का
ववशेषण होता है।
जैसे –
गजानन = गज का आनन है क्जसका (गणेश) दशानन = दश हैं आनन क्जसके (रावण)
बत्रनेत्र = तीन नेत्र हैं क्जसके (मशव) चतुभुवज = चार भुजाओं वाला (ववष्णु)
नीलकंठ = नीला है कंठ क्जसका (मशव) पीताम्बर = पीले हैं वस्त्र क्जसके (कृष्ण)
लम्बोदर = लम्बा है उदर क्जसका (गणेश) चिधर= चि को धारण करने वाला (ववष्ण)ु
10
Notes-Ausekar Sir 9403934459
तम
ु ययोग ब ु ब्रीह समास
क्जसिें पहला पद ‘सह’ होता है वह तुल्ययोग बहुब्रीदह सिास कहलाता है। इसे सहबहुब्रीदह सिास भी
कहती हैं। सह का अथव होता है साथ और सिास होने की वजह से सह के स्थान पर केवल स रह जाता
है।
इस सिास िें इस बात पर ध्यान ददया जाता है की ववग्रह करते सिय जो सह दस
ू रा वाला शब्द प्रतीत
हो वो सिास िें पहला हो जाता है।
जैसे –
जो बल के साथ है = सबल
जो दे ह के साथ है = सदे ह
जो पररवार के साथ है = सपररवार
11
Notes-Ausekar Sir 9403934459
12
Notes-Ausekar Sir 9403934459
13
Notes-Ausekar Sir 9403934459
C) तत्परु
ु ष
D) द्वंद्व
Answer (D)
Trick: दे व और असुर एक दस
ू रे के ववलोि शब्द है।
Q6. िनगमन में कौन सा समास ै
A) बहूव्रीदह
B) द्ववगु
C) तत्पुरुष
D) किवधारय
Answer (C)
Trick: वनगिन - वन को गिन
Q7. पंितंत्र में कौन सा समास ै
A) किवधारय
B) बहूव्रीदह
C) द्ववगु
D) द्वंद्व
Answer (C)
Trick: पंचतंत्र - पााँच तंत्रों का सिूह
Q8. दे शभक्तत कौन सा समास ै
A) द्ववगु
B) तत्परु
ु ष
C) द्वंद्व
D) बहूव्रीदह
Answer (B)
Trick: दे शभक्तत - दे श के मलए भक्तत
Q9. कौन सा ब ू त्रब्र ी समास का उदा िण ै
A) छनमशददन
B) बत्रभुवन
C) नीलकंठ
D) परु
ु षमसंह
Answer (C)
Trick: नीला है कंठ क्जसका (मशव)
Q10. त्रत्रलोिन में कौन सा समास ै
A) अव्ययीभाव
14
Notes-Ausekar Sir 9403934459
B) किवधारय
C) बहूव्रीदह
D) इनिे से कोई नह ं
Answer (C)
Trick: तीन आाँखों वाला (मशव)
Q11. िौिा ा में कौन सा समास ै
A) बहूव्रीदह
B) तत्पुरुष
C) अव्ययीभाव
D) द्ववगु
Answer (D)
Trick: चौराहा - चार राहों का सिूह
Q12. दशमुख में कौन सा समास ै
A) किवधारय
B) बहूव्रीदह
C) तत्पुरुष
D) द्ववगु
Answer (C)
Trick: दस हैं िुख क्जसके (रावण)
Q13. म ादे ि में कौन सा समास ै
A) तत्परु
ु ष
B) अव्ययीभाव
C) किवधारय
D) द्वंद्व
Answer (C)
Trick: िहादे व - िहान है जो दे व
Q14. विशेषण औि विशेष्य के योग से कौन सा समास बनता ै
A) द्ववगु
B) द्वंद्व
C) किवधारय
D) तत्परु
ु ष
Answer (C)
Trick: पहला पद ववशेषण तथा दस
ू रा पद ववशेष्य होता
Q15. ककस शब्द में द्विगु समास ै
15
Notes-Ausekar Sir 9403934459
A) आजीवन
B) भद
ू ान
C) सप्ताह
D) परु
ु षमसंह
Answer (C)
Trick: सप्ताह - सात ददनों का सिाहार
Q16. ककसमें स ी सामालसक पद ै
A) पुरुषधन्वी
B) ददवाराबत्र
C) बत्रलोकी
D) िंत्रीपररषद
Answer (B)
Hide Answer
Q17. द्विगु समास का उदा िण ै
A) अन्वय
B) ददन - रात
C) चतुरानन
D) पंचतत्व
Answer (D)
Trick: पंचतत्व - पााँच तत्व
Hide Answer
Q18. इनमें से द्िंद्ि समास का उदा िण ै
A) पीताम्बर
B) नेत्रह न
C) चौराहा
D) रुपया-पैसा
Answer (D)
Trick: रुपया और पैसा
Q19. अव्ययीभाि समास का एक उदा िण यथाशक्तत का स ी विग्र तया ोगा
A) जैसी शक्तत
B) क्जतनी शक्तत
C) शक्तत के अनस
ु ार
D) यथा जो शक्तत
16
Notes-Ausekar Sir 9403934459
Answer (C)
Trick: पहला पद (यथा) है।
Q20. पाप पुन्य में कौन सा समास ै
A) किवधारय
B) द्वंद्व
C) तत्पुरुष
D) बहूव्रीदह
Answer (B)
Trick: पाप और पुन्य
Q21. ितभ
ु वज
ु में कौन सा समास ै
A) द्वंद्व
B) द्ववगु
C) तत्पुरुष
D) बहूव्रीदह
Answer (D)
Trick: चतुभुवज - चार हैं भुजाएाँ क्जसकी (ववष्णु)
Q22. गंगाजल में कौन सा समास ै
A) अव्ययीभाव
B) तत्पुरुष
C) द्ववगु
D) बहूव्रीदह
Answer (B)
Trick: गंगाजल - गंगा का जल
Q23. म ात्मा में कौन सा समास ै
A) द्ववगु
B) किवधारय
C) तत्पुरुष
D) अव्ययीभाव
Answer (B)
Trick: िहात्िा - िहान है जो आत्िा
Q24. गुण ीन में कौन सा समास ै
A) तत्परु
ु ष
B) द्वंद्व
C) किवधारय
17
Notes-Ausekar Sir 9403934459
D) द्ववगु
Answer (A)
Trick: गुणह न - गुणों से ह न
18
Notes-Ausekar Sir 9403934459
19
Notes-Ausekar Sir 9403934459
20
Notes-Ausekar Sir 9403934459
21
Notes-Ausekar Sir 9403934459
22
Notes-Ausekar Sir 9403934459
23
Notes-Ausekar Sir 9403934459
24
Notes-Ausekar Sir 9403934459
25
Notes-Ausekar Sir 9403934459
Q.7: “िाजपत्र
ु ” में कौन-सा समास ै ?
(A) तत्पुरुष (B) द्विगु (C) द्िंद्ि (D) कमवधािय
26
Notes-Ausekar Sir 9403934459
Q.13: मग
ृ नयन में कौन-सा समास ै ?
(A) तत्पुरुष (B) द्िंद्ि (C) कमवधािय (D) द्विगु
Q.21: सप
ु रु
ु ष में कौन सा समास ै ?
(A) द्विगु (B) द्िंद्ि (C) कमवधािय (D) अव्ययीभाि
27
Notes-Ausekar Sir 9403934459
Q.28: क्जस समास में दोनों खंड प्रधान ों, ि समास तया क लाता ै ?
(A) ब ु व्रीह (B) अव्ययीभाि समास (C) द्िंद्ि समास (D) तत्पुरुष समास
Q.30: क्जस समास में दोनों खंड अप्रधान ो, ि समास तया क लाता ै ?
(A) द्िंद्ि (B) ब ु व्रीह (C) अव्ययीभाि (D) तत्पुरुष
Q.35: मग
ृ ें र में कौन सा समास ै ?
(A) अव्ययीभाि (B) तत्पुरुष (C) द्िंद्ि (D) ब ु व्रीह
28
Notes-Ausekar Sir 9403934459
29
Notes-Ausekar Sir 9403934459
30
Notes-Ausekar Sir 9403934459
Q.13: मग
ृ नयन में कौन-सा समास ै ?
(A) तत्पुरुष (B) द्िंद्ि (C) कमवधािय (D) द्विगु
31
Notes-Ausekar Sir 9403934459
Q.27: बज्रायध
ु में कौन सा समास ै ?
(A) द्विगु (B) द्िंद्ि (C) कमवधािय (D) ब ु व्रीह
Q.28: क्जस समास में दोनों खंड प्रधान ों, ि समास तया क लाता ै ?
(A) ब ु व्रीह (B) अव्ययीभाि समास (C) द्िंद्ि समास (D) तत्पुरुष समास
Q.30: क्जस समास में दोनों खंड अप्रधान ो, ि समास तया क लाता ै ?
(A) द्िंद्ि (B) ब ु व्रीह (C) अव्ययीभाि (D) तत्पुरुष
Q.35: मग
ृ ें र में कौन सा समास ै ?
(A) अव्ययीभाि (B) तत्पुरुष (C) द्िंद्ि (D) ब ु व्रीह
32
Notes-Ausekar Sir 9403934459
33
Notes-Ausekar Sir 9403934459
34