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BA PROGRAM SEMESTER - 6

Understanding Globalization
वैश्वीकरण की समझ POLITICAL SCIENCE

Most Important Questions


ऐसे ही प्रश्न आएंगे DU
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SATENDER PRATAP SINGH
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EklavyaSnatak1

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‘आतं कवाद' शब्द की उत्पत्ति लै टिन भाषा के शब्द 'िे ररे ' और 'टििे रा' से हुई है ।

लै टिन शब्छ 'िे ररे ' का अर्थ है 'घबराना' जबटक 'टििे रा' का अर्थ है 'भयभीत करना’।

'आतं कवाद' शब्द की अभी भी कोई साववभौमिक स्वीकृत परिभाषा नहीं है ।

आतं कवाद को एक ऐसे रणनीतत के तौर पर समझा जाता है ,

जो टक हहिंसात्मक तरीकाों का व्यवस्थर्त प्रयोग राज्य और सरकार के कानूनी प्रातिकार को कमजोर करने के
त्तलए करते हैं ताटक वे अपने उद्देशयाों को प्राप्त ना कर सके।
अं तराथष्ट्रीय आतं कवाद के सं बंि मों कोई वै श्विक सहमतत नहीं है ।

जब से अलकायदा द्वारा 9/11 का हमला टकया गया तब से आतं कवाद की काफी कडाई से हनिंदा की जाने लगी है ।

11 त्तसतं बर 2001 के हमले के बाद से अं तराथष्ट्रीय आतं कवाद मों काफी पररवतथन हुए हैं ।

अब यह काफी टवटवि रूपाों मों फैल रहा है । वतथमान मों सम्पूणथ टवि मों आतं की हमलाों की हनिंदा की जाती है ।

आतं कवाद के टवरुद्ध सभी राष्ट्र एक सार् अपनी प्रततटिया दे रहे हैं ।

श्वजसे टक आतं कवाद के टवरुद्ध वै श्विक युद्ध के तौर पर जाना जाता है ।


अं तराथष्ट्रीय आतं कवाद की उत्पत्ति मानव इततहास मों , आतं कवाद कोई नई घिना नहीं है ।

यह मानव सभ्यता का अत्तभन्न अं ग रहा है ।

आतं कवादी कयाों बनते हैं , इस बात को ले कर कोई अं तराथष्ट्रीय सहमतत नहीं बन पाई है ।
अं तिावष्ट्रीय आतं कवाद की उत्पत्ति क काि

1) धार्ििक कट्टिता

2) िाजनीमतक उपक्षा

3) धार्ििक उग्रवाद

4) सािाजजक भदभाव

5) आर्थिक काि – गिीबी , बिोजगािी

6) िनोवै ज्ञाननक काि


वै िीकरण एक आर्र्िंक सं कल्पना है

ले टकन इसके िाजनै मतक , सािाजजक, सां स्कृमतक आयाम भी है

इसत्तलए हम वै िीकरण को एक बहुआयामी िारणा के रूप मों दे ख सकते है

वै िीकरण का अर्थ है भौगोत्तलक सीमाआों का न होना

अर्ाथत भौगोत्तलक दूररयाों को समाप्त करना ही वै िीकरण है


इसके अं तगथत टकसी राष्ट्र के पूंजीपतत अपने व्यापार को बढ़ाने के उद्देशय से

सथते श्रि और सस्त कच्च िाल की तलाश मों रहते है

आज वै िीकरण के कारण ही राष्ट्राों के बीच मों दूररयां कम हो रही हैं

और वै श्विक बाजार तै यार हो रहा है

वै िीकरण ने सम्पूणथ राष्ट्राों को एक करके वै जिक ग्राि की सं कल्पना प्रथतुत की है

इस कारण आज टवि भर मों पूँ जीवाद और नव - उदािवाद को बढ़ावा तमला है


वै िीकि की चुनौमतयाूँ

1) प्रमतयोनगता / प्रमतस्पधाव को बनाय िखना

2) सं िक्ष वाद

3) स्वदशी वस्तुआं क त्तलए आन्दोलन

4) िजदूिां का शोष

5) वै िीकि का दुननया भि िं नविोध


सं युकत राष्ट्र सं घ यह एक अन्तराथष्ट्रीय सं गठन है .

सं युकत राष्ट्र सं घ की थर्ापना 24 अकिू बर 1945 को हुई.

भारत इसका सदथय 30 अकिू बर 1945 को बना.

सं युकत राष्ट्र सं घ की वतथमान सदथय सं ख्या 193 दे श हैं .

ु त िाष्ट्र सं घ चार्वि पर 51 दे शाों के हथताक्षर हुए.


सं युकत राष्ट्र सं घ के सं थर्ापक सं यक्
ु त िाष्ट्र सं घ क अं ग
सं यक्
अं तििाष्ट्रीय िाजनीमत िं इसकी भमिका

1) वै जिक सं गठन

2) वै जिक िुद्ां पि बहस का एक िहत्वप व िं च

3) नवि सुिक्षा का दामयत्व

4) वै जिक सिस्या को सुलझान िं िुख भमिका

5) अन्त िाष्ट्रीय नववादां का सिाधान


WTO - नवि व्यापाि सं गठन क उद्श्य

1) टवि व्यापार के अवरोिकाों को कम-से -कम कर िुक्त व्यापाि को ब़ाावा दना

2) समूचे टवि के जीवन स्ति िं प्रभावी वृत्ति किना

3) समूचे टवि मों िोजगाि क अवसिां िं ब़ाोतिी

4) वस्तुआं क व्यापाि को अं तिावष्ट्रीय स्ति पि प्रोत्साहन दना

5) से वाआों के व्यापार को प्रोत्साहन दे ना।

6) सतत् नवकास की अवधाि ा को िजबत किना


क्या नवि व्यापाि सं गठन नवकासशील अथवव्यवस्था को सािान अवसि दता है ?

टवि व्यापार सं गठन मों टवकत्तसत दे शाों की अतिक चलती है श्वजस करण यह नवकासशील अथवव्यवस्था
को सािान अवसि नहीं द पता है

अकसि नवकत्तसत दश ऐस ननयि बनवान िं सफल हो जात है जजसिं उनका नहत सधता हो

जजसका नविोध अक्सि नवकाशील दश कित है


ग्लोबल वार्मिंग आज के समय में एक महत्वपूर्ण पयाणवरर्ीय समस्या है

र्जसने पूरे र्वश्व के वैज्ञार्नकों को परे शान कर र्िया है


अं तििाष्ट्रीय सिुदाय क सिक्ष पयाणवरर्ीय िुद् ?

ग्लोबल वार्ििग
प्रदूष की सिस्या
जल की आपर्ति
वनां का नवनाश
चिागाहां का सिाप्त होना
नददयां का दूनषत होना
कृनष योग्य भमि कि होना
जलवायु परिवतवन
जनसं ख्या ब़ाना
तापिान का ब़ाना
सं साधनां का हास
जीवाश्म ईंधन , ऐसे प्राकृतिक ईंधन को कहिे हैं

तजनकी उत्पति लगभग 65 करोड़ वर्ष पूवष जीवों के जल कर उच्च दाब और िाप में दबने से हु ई है।

यह ईधं न पेट्रोल, डीजल, घासलेट आतद के रूप में होिा है।

इसका उपयोग वाहन चलाने, खाना पकाने, रोशनी करने आतद में तकया जािा है।
जीवाश्म ई ंधन के संरक्षर् के उपाय

सावणजर्नक वहन का इस्तेमाल करना

सौर ऊजाण का इस्तेमाल करना

ट्रैर्िक र्सगनल पर गाड़ी को बंि करना

र्बजली का उतना ही इस्तेमाल करना र्जतना

पवन ऊजाण का इस्तेमाल

बायोडीजल / गोबर गैस का इस्तेमाल


ब्रिक्स संगठन कब स्थापित हुआ इसके उद्दे श्य बताइ ?

ब्रिक्स का गठन 21 वीं सदी में भारत और अन्य ब्रवकासशील देशों के बीच आपसी सहयोग बढाने के ब्रल ब्रकया गया ाा ।

ब्रिक (िाजील, रूस, भारत और चीन) शब्द पहली बार 2001 में गोल्डमैन द्वारा जो अाथशास्त्री ाे इन्होने अगली आधी सदी में वैब्रिक
आब्राथक रुझानों की भब्रवष्यवाणी करने के ब्रल क अभ्यास के संदभथ में गढा गया ाा ।

क मंच के रूप में ब्रिक को ब्रसतंबर 2006 में न्यूयॉकथ में संयुक्त राष्र महासभा के हाब्रशये पर चार देशों के ब्रवदेश मंब्रियों की बैठक के साा
औपचाररक रूप ब्रदया गया ाा।

इसका उद्घाटन ब्रिक ब्रशखर सम्मेलन रूस के येकातेररनबगथ में 2009 में हुआ ाा।

24 ब्रदसंबर, 2010 को ब्रिक्स के अध्यक्षों के बीच क समझौते के बाद दब्रक्षण अफ्रीका को फोरम में शाब्रमल होने के ब्रल आमंब्रित ब्रकया
गया ाा और ब्रिक्स का जन्म हुआ ाा।
ब्रिक्स के उद्देश्य -

1. टवि व्यवथर्ा मों अमे ररका और पश्चिमी दे शाों के प्रभुत्व को चुनौती दे ना और एक न्यायसं गत औि सं तत्तु लत
नवि व्यवस्था स्थानपत किना

2. बहु- ध्रु वीय टवि व्यवथर्ा थर्ाटपत करना।

3. वै श्विक मुद्दाों पर टनणथय ले ने की प्रटिया का लोकतं त्रीकि औि अं तिावष्ट्रीय सं स्थानां िं सुधाि

4. जलवायु पररवतथन, आतं कवाद, टवि व्यापार, परमाणु ऊजाथ आदद जै से मौजूदा वै श्विक मुद्दाों का उतचत समािान

5. टवत्तभन्न क्षे त्ाों मों सदथय दे शाों के बीच पारथपररक लाभ औि सहयोग को ब़ााना
गै र् GATT

→ प्राम ब्रवियुद्ध के बाद ब्रवि में आब्राक


थ मंदी आई

1929 - 1930 में

→ आब्राक
थ मंदी की शुरुआत USA से हुई और दुब्रनया भर में फै ल गई

1929-1932 में ब्रवि की अाथव्यवस्ाा पर बुरा प्रभाव पड़ा जो काफी आगे तक चला

1939-45 में दूसरा ब्रवियुद्ध हो गया , ब्रजससे और तबाही मच गई

इसके बाद USA ने अपने आयात के Tax बढा ब्रद

जो ब्रक बाद में अन्य यूरोपीय देशों में लागू हुआ !


USA के िेटन वुड्स शहर में 1944 में क सम्मलेन हुआ

1 July - 22 July 1944 तक चला

Bretton Woods Agreement

• 44 राष्र शाब्रमल हु

• मुक्त व्यापार को बढावा

• टैक्स फ्री व्यापार

• आयत ब्रनयाथत के सरल ब्रनयम

• अाथव्यवस्ाा का उदारीकरण

• IMF , WB
GATT - General Agreement on Tariffs and Trade

23 दे श जनवा मों व्यापाि रियायतां के त्तलए व्यापक र्ै रिफ बातचीत जािी िखन क त्तलए सहित हो गए,

श्वजन्हों 'गै र्' मों शातमल टकया गया।

इस करार पर 30 अकिू बर, 1947 को हथताक्षर टकए गए।

1 जनवरी, 1948 को 'प्रशुल्क एवं व्यापाि सं बंधी सािान्य किाि' (गै र्) लागू कर ददया।

'नवि व्यापाि सं गठन' गै ि का उिरवती सं गठन है ।

गै ि एक मं च र्ा जहााँ सदथय दे श समय-समय पर एकत्तत्त होते र्े और टवि व्यापार की समथयाआों पर वाताथलाप करते और उनको
सुलझाते र्े ।

परन्तु नवि व्यापाि सं गठन एक सुव्यवस्थर्त और स्थायी नवि व्यापाि की सं स्था है श्वजसकी एक कानूनी है त्तसयत है ।

यह नवि बैं क तर्ा अं तिावष्ट्रीय िुद्रा कोष के समकक्ष महत्त्वपूणथ है ।


सं युकत राष्ट्र शां तत सुरक्षा बल का उद्देशय टवत्तभन्न दे शाों के बीच युद्ध , सं घषथ को शां त कराना है

यह से ना अं तरराष्ट्रीय थतर पर शां तत बनाये रखने का काम करती है

इसके बजि मों सदथय दे श योगदान दे ते हैं

इसका बजि 6 . 8 टबत्तलयन िॉलर से अतिक है

सुरक्षा पररषद् से ना की तै नाती की अनुमतत प्रदान करती है

इसका उद्देशय टवत्तभन्न दे शाों के बीच शत्ुता को कम करना होता है

हर साल 29 मई को सं युकत राष्ट्र शां तत सुरक्षा ददवस मनाया जाता है


भारत भी अपनी से ना को UN के अत्तभयान पर भे जता है

भारत ने 1948 से ले कर 2007 तक अपने तीन लाख के करीब सै टनक UN के अत्तभयान पर भे जों है

टपछले 60 वषाों मों भारत के 180 से अतिक सै टनक इसमों शहीद हो चुके हैं

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