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स्पर्श पाठ 7 झेन की देन a
स्पर्श पाठ 7 झेन की देन a
- रव केलेवर
8. लेखक के अनुसार स(य केवल वतमान है , उसी म जीना चाहए। लेखक ने ऐसा #य कहा होगा?
पGट क िजए।
उ(तर:- लेखक के अनुसार स@य वत2मान है । उसी म जीना चाहए। हम अNसर या तो गुजरे हुए दन
क बात म उलझे रहते ह या भ(वPय के सपने दे खते ह और इस तरह भूत या भ(वPय काल म
जीते ह। असल म दोन काल मWया ह। हम जब भूतकाल के अपने सुख एवं दख
ु पर गौर करते ह
तो हमारे दख
ु बढ़ जाते ह। भ(वPय क कYपनाएँ भी हम दख
ु ी करती ह NयEक हम उ ह पूरा नह$ं
कर पाते। जो बीत गया ,वह स@य नह$ं हो सकता। जो अभी तक आया ह$ नह$ं ,उस पर कैसे
(वZवास Eकया जा सकता है । वत2मान ह$ स@य है NयEक वह हमारे सामने घटत हो रहा है । वत2मान
ह$ स@य है , उसी म जीना चाहए।
9. हमारे जीवन क रIतार बढ़ गई है । यहाँ कोई चलता नह%ं बिKक दौड़ता है । कोई बोलता नह%ं,
बकता है । हम जब अकेले पड़ते ह/ तब अपने आपसे लगातार बड़बड़ाते रहते ह/।
उ(तर:- इस पंिNत का आशय यह है Eक जापान के लोग के जीवन क ग त इतनी ती\ हो गई है
Eक यहाँ लोग सामा य जीवन जीने क बजाए असामा य होते जा रहे ह। जीवन क भाग-
दौड़,Mय!तता तथा आगे नकलने क होड़ ने लोग का चैन छIन लया है । हर MयिNत अपने जीवन
म अ*धक पाने क होड़ म भाग रहा है , इसी कारण वे तनावपूण2 जीवन Mयतीत करते ह।