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सह बाढ़ न (प हल मै थली ा फक उप यास)

ISBN:978-93-340-4576-5
Author:
Gajendra Thakur
Illustrators:
Aarush R Nambiar, Abhimanyu Ghimiray, Abhinavkrishna Aravind, Abin Shrestha, Abraham Muzee, Adonay
Gebru, Adrie Le Roux, Adrija Ghosh, Aindri C, Ajit Narayan, Ana RoGu, Angelika Heuer, Angie & Upesh, Anja
Venter, Antra Khurana, Aratrika Choudhury, Arkapriya Koley, Aruna Keerthi Gamage, Asha Susan Alex,
Ashwathy Menon, Atanu Roy, B G Gujjarappa, Bao, Bhavana Vyas Vipparthi, Bijal V, Bindia Thapar, Brian
Wambi, Canato Jimo, Chathurika Jayasooriya, Chitra Chandrashekhar, Deepa Balsavar, Dỗ Thái Thanh, Essa
Biju, Gitanjali Iyer, Godwin Chipenya, Google India, Goutam Sen, Guru Khanna , Idowu Abayomi
Oluwasegun, Isaac Okwir, Isaac Leung, Ivette Salom, JEROME JOE, Jacob Kono, Jahnavi Jain, Jean de Wet,
Jemma Jose, Jemma Jose, Jesse Breytenbach, Jeyanthi Manokaran, Joanna Davala, Jonathan Timothy, Josh
Morgan, Jupiter Pradhan, Kanika Nair, Kinga International, Krupa Thakur-Patil, Lakshita Tanwar, Lavanya
Karthik, Levin Leo, Life Wars creator T. A., Lutfia Kamish, Lý Minh Phúc, Mamun Hossain, Mango Tree,
Manisha Naskar, Manjari Chakravarti, Mansi Thakkar, Marco Tibasima, Marion Drew , Marleen Visser ,
Megha Punater, Megha Vishwanath, Meng Sokpheng, Namitaa Pradeep, Nankusia Shyam, Natalie Edwards,
Natasha Sharma, Nidhin Shobhana, Nikhil Gulati, Nikita B, Nilesh Gehlot, Nuwan Chathuranga Athulasiri,
Nyambura Kariuki, Offei Tettey Eugene, Pankaj Saikia, Phaoniu Shio, Phạm Thu Thùy, Pooja Dhull, Pratham
Content Group, Priya Dali, Priya Kuriyan, Proiti Roy, REVA JAISWAL , Rajiv Eipe, Rajni Sharma bastariya,
Ridhima Kakkar, Ritwick Roy, Rohan Chakravarty, Rohit Kelkar, Roshni Vyam, Ruchi Shah, Sachin Pandit,
Sahitya Rani, Salim Kasamba , Samidha Gunjal, Sampurna Mondal, Sandhya Prabhat, Sangeeta Das,
Sangeetha Kadur, Sanjay Sarkar, Sheshadri Mokshagundam, Shivam Choudhary, Shiza Khan, Shreyas R
Krishnan, Siddhi Vartak , Sinomonde Ngwane, Smitha Shivaswamy, Somesh Kumar, Sonal Goyal, Srikrishna
Kedilaya, Stephen Wallace, Students of Himalayan Public School, Sugrib Kumar Juanga, Sujan Chitrakar,
Sumit Sakhuja, Sunaina Coelho , Swathi Sambasivam, TAKI team, Tanaya Vyas, Tapas Guha, Tasneem
Amiruddin, Trần Lưu Đăng Nguyên, Ujwal Nair, Vachi Aggarwal, Vartika Sharma , Vidya Gopal, Vidyun
Sabhaney, Vinayak Varma, Vishakha Yadav, Vishnu M Nair, Vusi Malindi, Wiehan de Jager, Youm Kosal,
Zaheer Merchant, Zainab Tambawalla
Photographers:
NASA Images, Visvesvaraya National Memorial Trust
सह बाढ़ न (प हल मै थली ा फक उप यास): प हल मै थली च -शृंखला
(कॉ म स) आ प हल मै थली च कथाक बाद वदे ह पेट ारसँ प हल मै थली ा फक
उप यास सह बाढ़ न (उप यासकार गजे ठाकुर) Sahasrabadhani (The
Comet)- First Maithili Graphic Novel/ After first Maithili Comics book,
first Maithili Picture-story book, Videha Archive brings you First
Maithili Graphic Novel. (Author-Gajendra Thakur) [ वदे ह(since 2000)

ISSN 2229-547X VIDEHA (since 2004)www.videha.co.in ] The

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रकॉ डग स हत इले ॉ नक अथवा यां क, कोनो मा यमसँ, अथवा ानक सं हण

वा पुन योगक णाली ारा कोनो पमे पुन पा दत अथवा संचा रत- सा रत नै

कएल जा सकैत अ छ। (c)2024. ी त ठाकुर/ गजे ठाकुर। Sahasrabadhani

(The Comet)- First Maithili Graphic Novel- (Author-Gajendra Thakur)

ISBN:978-93-340-4576-5

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सह बाढ़ न (प हल मै थली ा फक उप यास)
“एक दन क लतक दे खल ँ जे ठे नयाँ मारने आगू जा
रहल छ थ । आँगनसँ बाहर भेला पर जतए आँकर-पाथर
दे खल ह ततए ठे न उठा कऽ, मा हाथ आ पएरपर
आगू बढए लगलाह”, प नीक मोन पड़ल ह।
“एक दन हम दे खल ँ जे ओ दे बालक पक ड़ कऽ
खड़क पर ठाढ़ हेबाक यासमे छ थ । हमरो क फूरल
जे चलू आइ छो ड़ दै त छय ह। वयम यास करताह ।
बेर यासमे ऊपर जाइत-जाइत दे वालक पकड़ने-
पकड़ने कोच पर ख स गेलाह । हाथ प ँचबे न ह कर ह
। फेर तेसर बेर जेना फाँ ग गेलाह आ हाथ खड़क पर
प ँ च गेल ह आ एकद मे ठाढ़ भऽ गेलाह”, झगुर
बाबूक एकाएक मोन पड़ल ह।
“एक दन हम एक- बा ज कऽ हसाब कऽ रहल छल ँ
। हम बजल ँ एक तँ ई बजलाह, ँ । फेर हम बजल ँ
तँ ई बजलाह, ऊ । तखन हमरा लागल जे ई तँ हमर
नकल उता र रहल छ थ”।

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“एक दन खेत परसँ अएल ँ आ नहा-सोना भोजन कऽ
खख स रहल छल ँ। अहाहाऽ केल ँ तँ लागल जेना
क लत सेहो अहाहाऽ केल थ । घु र कऽ दे खल ँ तँ ओ
बै स कऽ गदसँ खेला रहल छलाह । दोसर बेर खखसल ँ
तँ पुनः ई खखसलाह । हम कहल ँ जे आर कछु न ह, ई
हमर नकल कऽ रहल छ थ । दलान पर सभ यो हँसऽ
लागल । फेर तँ जे आबए कहए- क लत ऊ ँ, तँ
जवाबमे ईहो ऊ ँ कह थ, एकटा दोसरे तरीकासँ।”

जा ह बालकक झगुरबाबू प हल-प हल अ यमन क


पड़ल आ मा सपनामे हँसैत दे खल ख ह से तकर बाद
ठे नया मारैत, फेर चलैत आब श ा-द ा ा त कऽ
रहल छ ह । नका अखनो मोन प ड़ रहल छल ह जे
कोना ठे नया दै त काल नेनाक हाथ आगू न ह बढै क आ
ओ बग जकाँ पाछू सँ सोझे आगू फाँ ग जाइत छल । पूरा
बग जकाँ- अनायास ह ओ हँ स उठलाह ।

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प नी पू छ दे ल ख ह –“कोन बात पर मु क दे ल ँ ?”, तँ
प हने तँ ओ ना-नुकुर केल ह, फेर सभटा मोनमे सोचल-
घुरमल गप क ह दे ल ख ह आ सु न लेल ह । आब तकरा
बाद गपसँ गप नकलऽ लागल।

सन् १८८५ ई.। झगुर ठाकुरक घरमे एकटा बालकक


ज म भेल रहए ।
ई वष कां ेस पाट क थापनाक कारण बादक समयमे
एकटा मह वपूण घटनाक पमे व णत होमएबला छल ।
अं ेजी राज अपनाक पूण पसँ था पत कऽ चुकल रहए
। राजा-रजवाड़ासभ अपनाक अं ेजक म बुझवामे
गौरवक अनुभव करैत छलाह । शै क जगतमे कां ेस
शी ह उप वी त वक पमे चा रत भए गेल रहए ।
सं क़ृतक रट त व ाक व प खतम होअएबला
छल । सरकारी पद बना आङ् ल सखने भेटब असंभव
छल । सरकारी पदक ता पय राजा-रजवाड़ाक वसूली
कायसँ संबं धत आ ओतब ह ध र सी मत छल ।

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तखन बालकक सं क़ृत श ाक मोहसँ र राखल गेल ।
प रवारमे अं ेजीक वेश ायः न हयेक बराबर छल आ
ता ह कारणसँ प रवार एक पीढ़ पाछू च ल गेल रहए ।
मुदा झगुर बाबू अपन पु क लेल एकटा कलक तयाबाबू
मा टरक रा ख श ाक व था कएल ह । त परांत
द रभङ् गामे एकटा दोसर बंगालीबाबू बालकक अं ेजीक
श ा दे ल ख ह । बालक क लत शनैः शनैः अपन
चातुयसँ मं मु ध करबाक कलामे पारंगत भऽ गेलाह।

“हम जे सुनेल ँ तखन हनकर वयस होएत ह, छह


आ क सात मास”।
“हम जे सुनेल ँ तखन उम र कतेक हेत ह, बड़ बेसी तँ
नौ आ क दस मासक”।

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प नी सासु-ससुर वा बाहरी सद य न ह रहला पर सोझे
-‘गप सुनल ँ’ आ क ई क वा ओ क बजैत छलीह ।
मुदा सासु-ससुरक सोझाँ बजैत रह थ- सुनैत छ थ ह,
फलना कहैत छलैक । आ फेर झगुर बाबू क कम
छलाह. ओहो ओ हना गीताक दशन-काजक लेल
काजक अनुकरणमे उ र दे थ । मुदा एकांतमे फेर सभ
ठक।
पुनः मु कुरा उठलाह झगुर बाबू, ई ण मोने-मोन लेल थ
जे क लतक ए ह जंजालसँ मु करेत थ, ओहो तँ बूझथु
जे पता कोनो पुरान-धुरान लोक न ह छ थन ।

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प नी पुनः पुछल थ ह जे आब कोन बात पर मु क
छू टल । मुदा ए ह बेर झगुर बाबू क नी का ट गेलाह ।
मु क दै त दलान दस बहरा गेलाह, ओतए कछु गोटे
अखड़ाहाक रख-रखाबक बात कऽ रहल छलाह । भोरहा
कातक अखड़ाहाक गपे कछु आर छल । भोरे-भोर सभ
तु रयाक ब चा सभ, जवान -सभ प ँ च जाइत छल ।
एकदम ग ा सन अखड़ाहा, मा ट कऽ को र आ चू ड़ कऽ
बनाएल । बालक क लतक छो ड़ सभ ब चा ओतए
प ँचैत छल । झगुर बाबूक ए ह गपपर कचोट होइ ह तँ
आन लोक सभ कह थ ह, जे से क कहैत छ । अहाँ
नका कोनो उ े यक ा त लेल अपनासँ र रखने छ
तँ ए हमे कचोट कथीक । एकौरसँ ठाकुर प रवारक मा
एक घर महथ आएल आ आब ओ हसँ पाँचटा प रवार
भऽ गेल अ छ । डकही माँछक ह सामे एकटा टोलक
बराबरी ठकुरप क भे ट गेल छै क। क लतक तु रयाक
ब चाक लऽ कऽ आठटा प रवार अ छ ठकुरप मे ।
अखनेसँ ब चा सभक मा यता दऽ दे ल गेल छै क ।

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तखने एकौरसँ एकटा समाद अएलाह आ भोजप पर
तर तामे लखल संदेश दे ल ख ह । झगुर बाबू अँगनासँ
लोटा आ एक डोल पा न नका दे ल ख ह आ प पढ़ए
लगलाह । ायः कोनो उपनयनक हकार छल ह ।
‘परतापुरक सभागाछ दे ख कऽ जाएब, ई आदे शपूण
आ ह झगुर बाबू समाद क दे ल ख ह । एकटा पूवजसँ
मूल-गो क मा यमसँ जुड़ल दयादक त अनायास ह
एक वक ेरणा भेल ह । फेर आँगनमे प पढ़ब ारंभ
कएल ह।

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॥ ीः॥
व त ह रवदरा य ीम तु झगुर ठाकुर पतृचरण कमलेषु इतः ी
गुलाब य को टशः णामाः संतु । शतं कुशलम् । आगाँ समाचार जे
हमर सुपु ी गड़ेस आ च मोहनक उपनयन सं कारक समाचार
सुनबैत ह षत छ । अहाँक पतामह आ हमर पतामह संग ह
पढ़ल ह । अपन गो ीयक समाचार लैत-दै त रहबाक नदश हमर
पतामह दे ने गेल छलाह । हषक वा शोकक कोनो घटनाक सूचना
हमरा गामसँ अहाँक गाम आ अहाँक गामसँ हमरा गाम न ह अएने
आ वशेष कऽ अशोचक वचार न ह कएने भ व यमे अ न क डर
अ छ । सं त अपने पाँचो ठाकुर गु जनक तु य पाँच पांडवक
समान समारोहमे आ ब कृताथ करी । अह क अपन ये पु क
आचाय बनेबाक वचार कएने छ । परतापुरक सभागाछ क
पंचकोशीमे अपने सभ गेल छ , त ब त रास लोक गप-शपक लेल
लाला यत सेहो छ थ । अगला म हनाक थम सोमक य आ ब जाइ
तँ सभ काय नर तर चलैत रहत । बुधसँ ायः ार भक काय सभ
शु भऽ जएत। इ त शुभम् ।

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बलान धारक कातमे परतापुरक चतरल-चतरल गाछ सभ
आ तकर नीचाँ सभागाछ । बलानक धार खूब गह र आ
पूण शांत । ई तँ बादमे हमालयसँ कोनो पैघ गाछ
बलानमे खसल आ पपराघाट लग सोझ रहलाक बदला
टे ढ़ भऽ धारक रो क दे लक आ एकटा नव धार कमलाक
उ प भेल । बलान झंझारपुर दस आ कमला- महथ,
ग ढ़या आ न आर दस । बलान गह र आ शांत, रेतक
कत पता न ह; मुदा कमला फे नल, वनाशकारी ।
बा ढ़क संग रेत कमला आनए लगलीह । ी म ऋतुमे
बलान अपन पूव प धेने रहैत छ थ, बना नाहक पार
केनाइ क ठन । कतु ए ह मासमे कमलामहारानीक पएरे
लोक पार करैत छ थ । सभागाछ क सभटा चतरल गाछ
बा ढ़क कोपमे सुखा गेल । चा दस रेत । आ
सभागाछ उप ट गेल । च ल गेल सभटा वैभव सौराठ ।
झगुर बाबूक कालमे परतोपुरक ुवसँ पंचकोशी नापल
जाइत छल ।

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क लत द रभङ् गासँ परसू आ ब जएताह, तखन नका


लऽ कऽ एकौर
जाएब । बेचारे ब त दन तप या कएल ह । ए ह बेर
मामा गाम, द द गाम सभ ठाम घुमा दे ब ह । सभक मोन
लागल छै क।
पता-पु एकौर प ँचलाह । ई गाम कोनो तरह आन
जकाँ न ह लगल ह । जेना जमघट लगला पर शा ाथक
पर परा रहल अ छ, त हना व तम डलीमे व भ न
वषय पर चचा अए लागल । चचामे अं ेजी शासन आ
भारतवासीक सै य अ भयान सेहो रहल । मँग बाबू लाल
कोट प ह र कए कतेक लड़ाइ लड़ल छलाह ।
१८६७-६८ क अबीसी नया यु मे सर चा स ने पयरक
संग कोनाक अ भयानमे ओ गेल छलाह, तकर वणन
व तृत पमे दे बए लगलाह मँग बाबू । तीय
अफगान-यु मे कोना समयक अभावमे सेनाक लालक
बदला म लछह वद लगबए प लैक तकर वणन सेहो
दे ल ह । यैह वद बादमे खाक रंगक पमे स भऽ
गेल ।

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एनफ ड रायफलक ख सा जे १८५७ क वतं ता सं ाममे प रणत
भेल, केर बदलामे बेश नमगर नाइडर रायफल जे १८८७ मे दे ल गेल
। मँग बाबू कां ेसक चचा सेहो केल ह ।ओ हर झगुर बाबू भोज-
भातक फेह र ट आ ए ट मेट बनबए लगलाह । क लत सेहो अपन
तु रयाक व ाथ सभक संग मगन भऽ गेलाह । ओ ह भीड़मे राजे
गामक फ नू बाबू सेहो आएल छलाह । एकौरमे नकर ब हन-
ब हनोइ रहैत छल ख ह । ता ह ारे एतए एनाइ-गेनाइ ओ कछु बेशी
करैत छलाह । क लतक ए हसँ प हने ओ न ह दे खने रह थ ।
एकाएक उ सुकता भेल ह आ क लतक वषयमे पूछपाछ केल ह ।
ई जा न जे क लत झगुरबाबूक सुपु छ थ, ण हमे झगुरबाबू लग
घुस क कऽ च ल अएलाह । वा ालापक ममे झगुर बाबू सँ ईहो
पता लगल ह जे जमी दारीक पमाने ट सेटलमे टक बाद द रभङ् गा
राजक वसूलीक लेल परगनाक आधारपर म थला े सँ कर
वसूलीक अ धकार ा त भेल आ पढ़ाइक बाद क लत क टहारमे कर
वसूलीक कायक हेतु जएताह ।

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ए हर अं ेजीक श ा क लत पूण कऽ लेने छलाह । पता
लागल जे फ नू बाबू अपन ब चयाक हेतु यो य वरक
ता कमे छ थ । तखन वचार भेल जे परतापुरक
सभागाछ मे अ गला म हनामे फ नू बाबू आब थ आ
झगुर बाबूक आ त यक अवसर भेट ह । मुदा बीच हमे
दयाद सभ झगुर बाबूकँ तेना ने घेरलक ह जे क लतक
ववाह फ नू बाबूक ब चयासँ ठ क करैत आ भराममे
स ांत करेन ह ओ गाम प ँचलाह । डरो होइ ह जे
क नयाँ ने कत रपटा दऽ दे थ । मुदा ववाहक बात
सु नत ह क नयाँ खुशीसँ बता ह जकाँ भऽ गेलीह ।
प छला चा र दनसँ जतेक गुनधुनी लागल रह ह सभटा
खतम भऽ गेल ह।

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पाँव-पैदल कवा कटही गाड़ी यैह छल यातायातक साधन
। महफा सेहो सबारी छल सेहो बेश न काशीवला आ
भ रगर । वर महफा पर आ ब रयातीमे जे युवा रह थ से
पएरे । आ जे कनेक उम रगर रह थ से कटही गाड़ीपर
वदा भेलाह । दरब जापर वागत भेल ह । सुग ध,
फूल, जलपान । ई सभ ब रयातीमे कछु गोटे क
अनसोहाँत लगल ह । ब रयाती लोक नक ग प सर का
चलैत रहल । शा ाथ आ चुटु का । अँगनामे प रछ न
आ व ध- वहार तँ दलान पर ग पक फूहा र । बीच-
बीचमे यो आ ब कऽ कछु ताक थ-बाज थ आ फेर
कत जा थ । गहना कतए छै क । घोघट के दे थ ह ।
घोघटाही नूआ न ह भे ट रहल अ छ । ए हसँ ववाहक
म आ ग तक वषयमे ब रयाती लोक नक सेहो पता
चलैत रहैत छल ह। एवम् कारे आँगन आ दरब जा
नू ठाम ववाहक काय म भोरक पाँच बजे ध र चलैत
रहल । वर आ क नयाँक हाथमे चारी डोरी बा ह दे ल
गेल, जे चा र दन ध र रहत । तकर बाद ववाह पूण भेल

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वदाइक दन तका कए झगुर बाबू पठे ल ख ह आ क लत अपन
गाम आ ब गेलाह । आब नकर क टहार जएबाक तैयारी कएल
गेल ह । अ ुपू रत ने सँ माए आ ामीणसँ वदा लेलाक बाद
क लत अपन रोजगार पर गेलाह।
कोशीक वभी षकासँ त े होइत क टहार प ँ च कऽ क लत
अपन काजमे शी ह पारंगत भऽ गेलाह । काजक अ धकता भेलापर
अपन प तयौत भाए आ भा तजक सेहो बजा लेल ह। ए ह े क
लोकक बीचमे थोड़बेक दनमे अपन त ा बढ़ा लेल थ क लत ।
एतए जमी दारीक परमानट सेटलमे टक वषयमे पुरान अनुभव बड़
खराप छल । वसूली पदा धकारीक तरीका सभक क लत बद ल
दे ल ख ह । मुदा कालक लग कछु आरे लखल रहए । क लतक
रागमनक प हन ह नकर माए गुज र गेल ख ह । ब रास सौख-
मनोरथ लेने च ल गेलीह माए । कखनो क लतक कहैत छल ख ह जे
तोरा क नयाँसँ खूब झगड़ा करबौक तखन दे खबौक जे तूँ हमर प
लैत छँ ह आ क क नयाँक। आब झगुर बाबू सेहो अ यमन क रहए
लगलाह ।

17/193
क लत कहबो केल ख ह जे सँग ह चलू, मुदा भ र ज म
जतए रहलाह ओ ह ठामक छोड़थु कोना ?
तेसर साल क लतक रागमन भेल ह आ तकरा बादे
झगुर बाबू न त भऽ सकलाह । जाइत-जाइत
क लतक कहैत गेल ख ह जे त तँ बेशीकाल गामसँ बाहरे
रहलह । हमरा सबहक सेवा तँ ई बु चया केलक । अपन
ब हनक भार आब तोह उठाबह । हम सोचने छल ँ जे
एकर ववाह दान करबाइए कऽ न त हएब । मुदा तोहर
माए हमरा तो ड़ दे ल ह । आब तूँ अपना जोगर भइए
गेल छह । पाँच बरखक बेटा रहैत छै क तखनो लोक क
लोक कहैत छै क जे अहाँ क कोन बातक चता अ छ,
पाँच बरखक बेटा अ छ । तूँ तँ आब प ढ़ ल ख कऽ
अपन जीवन यापन करैत छह । फेर पुतो क बु चयाक
हाथ पकड़ा कऽ ए ह लोकसँ छु लेल ह झँगुर बाबू ।
क लत नका एतेक हरबड़ीमे क हयो न ह दे खने
छल ख ह । थर, शांत च आ फलक चता के नहार
कसान सेहो अपन जीवन-संगीक संग छु टलाक बाद
अधीर भऽ गेल छल ।

18/193
क लतक क टहार घुरलाक बादो एकेटा च ता लागल
रहैत छल ह । से छल बु चयाक ववाहक । पताक रहैत
ओ कोनो परेशानीसँ च तत न ह होइत छलाह । मुदा
नका गेलाक बाद आब लोकोक दे खेबाक छल ह जे
यो ई न ह कहए जे बापक गेलाक बाद ब हन पर यान
न ह दे ल ह क लत । पताक बरखी ध र ववाहक
उठे बो कोना क रत थ । मुदा समय बतबामे कतेक दे री
लगैत छै क । पूरा गामक भोज कऽ क लत बु चयाक
ववाहक लेल वर ताकएमे ला ग गेलाह । परतापुरक
सभागाछ मे गेलाह मुदा कोनो वर प स न न ह पड़ल ह
जे बु चयाक हेतु सुयो य होअए । प ह दनक छु
बेकार गेल ह । पुनः क टहार प ँ च गेलाह । कायक
ममे ग ौर, बाढ़ इ या द गंगाक द ण दसक प रवार
सभसँ सेहो प रचय भेल ह ।

19/193
ओ हसँ नका बाढ़ नगरक लगक गामक एकटा
लड़काक वषयमे पता चलल ह जे ग ौर टे टमे काय
कऽ रहल
छलाह । चो ह ओ लड़कासँ भट करबाक लेल ग ौर
प ँ च गेलाह । बालक अ यंत द छलाह । पता लऽ
बाढ़ प ँ च कऽ बालकक पतासँ गप केल ह ।
पंचकोशीक कथा कतबा दनक बाद बाढ़ नगरक लगक
ए ह े मे आएल छल से ए ह कथाक काटब क ठन
रहए । सभटा गपशप कऽ पुनः भराममे स ांत करेने
महथ प ँचलाह । बूढ़- पुरान जे यो सुनल ह से
आ यच कत र ह गेलाह । बढ़ए पूत पताक धरमे- झगुर
बाबू जेना क लतक स ांत करेन ह प ँचल छलाह
त हना क लत केल ह, वाह…। कथा ओनातँ रगर
भेल ह, मुदा क लत वयम् नेनेसँ रदे शक बासी छलाह,
ता ह ारे नका सभ चीजक अनुभव छल ह, यैह सो च
सभ संतोष कएलक । पूरा टोल ववाहक तैयारीमे ला ग
गेल । बु चयाक कोनो द कत न ह होएतैक । सवगुण
संप न अ छ बु चया ।

20/193
गीत-नाद लअ आ क सराय-कटोरा, दसो हजार महादे व
सुगढ़ पातर-पातर छन हमे बना दै त अ छ । जा ह घरमे
जएत तकरा चमका दे त ।
ववाह व ध- वधानसँ संप न भऽ गेल । वरप संग ह
रागमनक ताव राखल ह, मुदा क लत तैयार न ह
भेलाह, तखन बु चयाक हाथक छाप लऽ कऽ वरप क
जाए पड़ल ह ।
क लतक प नी छलीह पूण शु ा । बु चयासँ ब हनापा
छल ह । बु चयो भौजी-भौजी कहैत न ह थकैत छलीह ।
तेसर साल रागमनक दन भेलैक । बु चयाक संग जे
खबासनी गेल छलीह से आ ब कऽ गंगा आ गंगा पारक
यक वणन करए लगलीह तँ भाउजक आँ खसँ दहो-
बहो नोर चुबए लगल ह । क लतसँ कतेक बेर
पुछल थ ह जे ई बाढ़ छै क कतए । समयक संग सभ
कछु सामा य भऽ जाइत अ छ । बु चया जखन एक-
बेर अएल थ-गेल थ तखन भाउज आरो न त भऽ
गेलीह । एवम् मे क लत पुनः एकाक भऽ गेलाह । फेर
आएल भूक प ।

21/193
सन् च तीसक भूक पमे महादे व पोख रपर प नी आ
पु ी आ एकटा पु क संग बताओल रा तक बाद प रवार
स हत कछु दनुका लेल क टहार गेलाह । कारण छल
म हना भ र चलल छोट-छोट भूकंपक तरंग । मुदा
प नीक घरक पीड़ा सतबए लगल ह । घर तँ भूक पमे
ढ ह गेल छल ह, से क लत भू मक ओ ह टु कड़ाक छो ड़
गामक फुलवारीक कातमे नव घरक नमाण केल ह ।
अपन पुरान डीह अपन दयादक दऽ ए ह नबका डीहपर
घरहट कएल ह । तकरा बाद एकटा पु एवम् एकटा
पु ीक ा त आओर भेल ह । पुनः एकटा पा रवा रक
च क ारंभ भऽ गेल ।

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अपन ब चया सभ सेहो आब ववाह यो य लागए
लगल ह । अपन ब चा तँ स दखन ब चे लगैत छै क मुदा
त क । प हल ब चयाक ववाह कछबी आ दोसरक
खररख करेल ख ह । कछबीक प रवार सेहो राज-
दरबारक कमचारी छलाह । घोड़ा, महफा, चास-बास….।
मुदा ब चा होएबाक ममे क लतक थम पु ीक दे हांत
भऽ गेल ह मुदा ओकर नन करबी ब च गेल आ ओ
मातृके मे रहए लागल । मुदा ओहो पाँचे वषक होएत
आ क एक दन पेटमे ददक शकाइत भेलैक आ ओहो
भगवानक घर माएक सेवामे च ल गेल । क लत जीवन
आ मृ युक ए ह सं ामक दे खैत रहलाह । क हयो गाममे
हैजाक कोप पड़ए लागल छल तँ क हयो लेग आ क
क ? एक गोटाक लोक जरा कऽ आबए तँ दोसर गोटाक
मृ युक समाचार भेटए । मुदा क लतक प रवार अ ु ण
रहल ह।

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क लतक क टहारमे पदो न आ त ा बढ़ै त रहल ह । भा तज
सभ पूव पेण ओतए रहैत छल ह । पु केजरीवाल हाई कूल,
झंझारपुरमे पढ़ए लागल छल थ ह । कालक मंथर ग तमे कखनो
काल ग त आ ब जाइत अ छ । अपन तेसर पु ीक ववाह तमु रया
लग आमा पी गाममे करबा कए क लत जेना न त भऽ गेलाह ।
अपन पैघ पु क ववाह करेल ह आ छोट पु क अकाद मक
तभाक त न त भेलाह । मुदा छोट पु क अंध व ासी
होएबामे सेहो नका कोनो संदेह न ह छल ह । आ एकर कारण छल
जे एक दन ह ला उठलैक, जे घनगर च ना-गाछ मे, जतए दनोमे
अ हार रहैत छै क, कोनो गाछक नीचाँ चाट उठै त छै क । तखन
नकर ई पु चाट उठाबए ओतए प ँ च गेल छल ह । से जखन
आठम वगमे व ान वा कला चुनबाक बेर अएलैक, तखन पु क
व ान वषय लेबाक नणयमे हाँ मे हाँ मला दे ल ख ह क लत बाबू ।
कतेक गोटे कहल ख ह जे स यनारायण बाबू आ के-के साइंस लऽ
फैल कऽ गेलाह, बादमे पुनः आट् स वषय लेबए पड़ल ह ।

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मुदा न द न ह मानल थ । साइंसोमे ग णत लेल ह ।
क लत सोचल थ जे व ान वषय प ढ़ अ यक त
नेहमे न दक च कम हेत ह । पता न ह कएक एकर
बाद क लत न त जकाँ भऽ गेलाह । क टहारसँ एक बेर
गाम आएले रह थ । भोरमे न य यासँ नवृ भऽ
क लत हाथ म टयाबए लेल चकनी मा टक ढ़े र द श ब ढ़
रहल छलाह आ क पता न ह क भेल ह, हाथक लोटा
र फेका गेल ह । ओ नीचाँ ख स पड़लाह । क नयाँ
दौगल अएलीह । मुदा जीवनक खेल एक बेर भेटैछ आ
ए के बेर च लयो जाइछ । न द पताक मृ युक सा ी
छलाह । मृ युक ई कार नका लेल सवथा नवीन आ
सवथा रह यमयी छल । अ यक श व ानक
सव चताक न दक जीवनमे दबाबए लागल।

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वृ क गोलाकार आकृ त क क प र धमे घुमैत एकटा च पूरा
केलक । अ य क क फाँसमे फँसल । न द अपन यशोदा माएक
छ छायामे बढ़ए लगलाह, उम रयोमे आ पढ़ाइयोमे । अपन श क
लोक नक य पा भऽ गेलाह न द । नकर ै टकलक कॉपीक
साफ-सुथरा पक चचा सव शक वगमे होमए लागल । फूल-
सन अ र नकर शारी रक सौ दयसँ मेल खाइत
छल । ए ह बीच एकटा आर घटना घ टत भेल । यशोदा माएक
पु भगव ी घरक सोझाँमे नीचाँमे सुतल छलाह । भोरमे माए
दे खल ह जे ग मन साँप चा र टु कड़ा भेल पड़ल अ छ आ ब जी
ब चा सभक माथ लग ठाढ़ पहरा दऽ रहल अ छ । ायः ब जीक
मा र पड़लैक ग मनक आ पु सुर त रहल ह यशोदा माएक ।
न द ए ह घटनाक मृ तक संग आगू बढ़ए लगलाह । बीचमे बँटवारा
भेल । घरारी सभ, नकहा खेत सभ सभटा - टु कड़ा होमए
लागल । बाहरी लोक सभ कहैत छल जे नू भाएक संग अ याय भऽ
रहल अ छ ।

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कॉलर शप ा त कऽ न द आर.के.कॉलेज मधुबनीमे
अंतर- नातक व ानक ग णत शाखामे नामांकन लेल ह।
शु मे ग णत बुझबामे द कत भेल ह तँ रटए लगलाह ।
ग णतक रटबाक बु ई सो चक लगेल थ जे बादमे लोक
ई न ह कहए, जे क सो च कऽ व ानक चयन कएलक
। मुदा कछु दनका बाद रटै त ममे बुझबामे सेहो आबए
लगल ह। गामक फुटबॉल मैदानक मृ तए शेष रहल ह,
खेलेबाक अवसरे न ह भेट ह । ग णतक श क तीन
सए क सेट परी ाक प हने दै त छल ख ह आ कहैत
छल ख ह जे, जे यो सा ठ तशत क सही-सही
उ र बना लेताह ओ थम ेणीमे न त पसँ उ ीण
होएताह । न द स र तशत क उ र तैयार कऽ
श कक दे खा
दे ल ख ह । आशानु प बादमे परी ाक प रणाम
अएलापर थम ेणी भेटल ह । १९५९ मे
इंजी नय रगमे नामांकनक हेतु आवेदन दऽ दे ल ख ह ।

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अंकक आधार पर सव च अंक अएला उ र मुज फरपुर इं ट ूट


ऑफ टे नॉलोजीमे नामांकन लऽ लेल थ । ओ ह समय मा स वल
इंजी नय रग शाखाक पढ़ाई ओ ह सं थानमे होइत छलैक, से ओ ह
शाखामे नामांकन लऽ धोती-कु ा प ह र कऽ ओतए प ँ च गेलाह ।
ोफेसर द त साहेब वकशॉपक मशीन दे खा कहल ख ह जे ए हमे
धोती फँ स जएत । से फुलपट आ शट प ह र कऽ आऊ । टा
फुलपै ट आ शट क नए पड़ल ह न दक । कपड़ा क न सए बत थ
तँ ढ़े र दन ला ग जएत ह से रेडीमेड क नए पड़ल ह । मुदा गाम
जा थ तँ गामसँ र बदे सरे थानमे फुलपै ट-शट बद ल कऽ धोती
कु ा प ह र लैत छलाह । क हयो गाम फुलपट प ह र कऽ न ह गेल
छलाह । सन् १९५९ सँ १९६३ ध र इंजी नय रगक पढ़ाइ चलल ह
आ तखन बहार सरकारमे इंजी नय रग अ ससट ट आ एक सालक
बाद १९६४ सँ सहायक अ भय ताक पमे बहाली भेल ह ।
इंजी नय रग पढ़ाइ वशेष खच बला छल से ए ह श नामाक संग
ववाह भेल ह जे पढ़ाइक खचा ससुर उठे थ ह ।

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मुदा गम ता तलमे एक मास आ गापूजामे पं ह दनक छु
कॉलेजमे रहैत छलैक से एतेक दनुका पाइ ससुर का ट लैत
छल थ ह आ सालमे बारह मासक बदला मा साढ़े दस म हनाक
खचा दै त रह थ ह । बादमे य सासुरक लोक क हयो ई उपराग दै त
छल ह जे हमही सभ इंजी नय रग करबेल ँ अ छ तँ न द सेहो हँ स
कऽ उपयु बातक खुलासा कऽ दै त छल ख ह । वृ क प र ध जेना
पैघ भेल जा रहल छल । कालक प र ध प हने पूण च पूरा कएलक
आ आब प र धक व तार शु भऽ गेल । ःख-सुख आ उ थान-
पतनक ख सा । वतं ता दवसक दनक उमंग, झंडा लऽ कऽ
कूलक ब चाक संग १५ अग त १९४७ क घुमैत छलाह । कां ेसक
भ संगमे रहल ह । मुदा १९६२ क चीनी आ मणक बाद
भारतीय सेनाक पाछू हटबाक ः व । वायुसेनाक उपयोग न ह
करबाक भारतक आ यजनक नणयक बादक मनः थ त छल
पलायनक आ हा रक । ऑल इं डया रे डयोक घोषणा जे हमर सेना
गवसँ पाछू ह ट रहल अ छ - सु न न दक दय क सन जाइ ह ।

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से जखन १९६५ क यु क बेर इंजी नयरक भ सेनामे कै टनक
पमे शु भेल तखन न द आ साहा साहेब आवेदन दऽ दे ल ख ह ।
साहा साहेबक क नयाँ तँ कानए लगलीह आ साहा साहेबक क
जाए पड़ल ह । न दक प नी एको बेर तरोध न ह कएल ह । मुदा
ओजनमे बेशी भेलासँ छँ टा गेलाह न द । मसो स कऽ र ह गेलाह ।
तकर बाद जे शरीर घटे बाक सूर चढ़ल ह, से ब ढ़ते गेल ह । एकेटा
सपना छल ह - गाममे कोठाक घर । से सभटा सव सभक न शा
ऊपर कऽ घरक कुस दे ल ह जे सड़कमे घरक कोनो भाग न ह जाए
। मकानक डजाइनक मा आधे भाग पूरा भऽ सकल ह । जतए-
जतए ांसफर होइ ह एकटा नव अनुभव भेट ह । ओ ह समय
क नयाँक तृतीय पु षक पमे संबो धत करबाक चलन छलैक,
मुदा न द तीय पु षमे संबोधन शु केल ह । एकर आलोचना
होएबाक बदला गाममे आनो लोक सभ ई संबोधन अपना घरमे शु
करैत जाइत गेलाह । थाना तरणक ममे डेहरी-ऑन-सोनमे
वकास कायमे ामीण आ दवासीक पूण सहयोग भेटल ह

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क हयो पाइ दे ख कऽ अंतरा मा न ह डगल ह । जी-
जानसँ जीप उठा कऽ अपन कायक पूण कर थ । कखनो
जीप तेज होइ ह तँ मोन पड़ ह जे कोनो ब चा ने पचा
जाए । मुदा क हयो कोनो घटना न ह भेल ह । गामक
सभ जा तक लोकक कत ने कत म टरे रॉल पर
नोकरी दे ल ह । थानीय लोकक सेहो नोकरी करबाक
हेतु ो सा हत करैत छलाह । थानीय गरीब आ दवासी
न दक दे वता बुझैत छलाह । एत ह दमाक प हल बेर
अटै क भेल ह न द पर । थानीय वै दन-रा त एक कऽ
जंगलसँ बीट आ न कऽ दे लक ह । दमाक इलाज
एलोपैथीमे न ह अ छ मुदा ए ह बूट क एकमा खोराक
सँ अ गला कतेक साल ध र न द दमासँ र रहलाह ।
सँगी सभ भोलेनाथ नाम रा ख दे ल थ ह । कतेक कमाइ-
धमाइक तरीका सभ सखेबाक यास सेहो केल ख ह ।

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मुदा ामीण जनक लाचारीक ततेक लगसँ दे खने छलाह न द जे ए ह


सभ गप दस यानो न ह जाइत छल ह । ता मे गरीबीक बादो जे
आपकता थानीय जनसँ भेटैत छल ह, तकरा बाद ? ए ह बीच एक
पु ीक ा त सेहो भेल ह । दोसर बेर पु क ा त भेल ह । पु ी
मामा गाममे ज म लेल थ ह आ पु अपन गाममे । ब चा सभक
थत भाव, फेर हँसब फेर ठे नया...... ब चाक बढ़बाक
याक दशन ओ हना अ छ जेना व क नमाण ओ ओकर
चेतनाक वकास । नकर एकटा भा तजक दे हांत नेनेमे भऽ गेल
रह ह आ तकर बाद ए ह नू ब चाक त थत ताक भाव,
सुखमे सुखी न ह आ :खमे खी न ह क अवतरण भेल न दमे ।
न द द ली कोनो े नगमे गेल छलाह । एक रा त सपना दे खल ह जे
नकर भा तज नवीन गाममे फूसक घरक ओसारा पर बैसल छ थ ।
ओ नेना जकरासँ न दक ब आपकता छल ह, उ ठ कए खेलाइ लेल
जाइत अ छ । कनेक कालक बाद पेटमे ददक शकाइत करैत अ छ ।
सभ यो जमा भऽ जाइत छ थ । बूढ़-पुरान अपन-अपन नु खा दे बए
लगैत छ थ ।

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मुदा क नए कालक बाद ब चाक मृ यु भऽ जाइत अ छ । न दक
आँ ख खु ज गेल ह । नका अपन बड़क ब हनक ब चया मोन
पड़ल ह । एहने घटना छल ओहो । ब चयाक यो बूढ़ पेट पर हाथ
दऽ दे ने छल आ ओ कनेक कालक बाद संयोगवश पेट ददसँ काल
कव लत भऽ गेल छलीह । न दक अ य, भूत- ेत, राकश आ डाइन
जो गन ए ह सभपर असीम व ास छल ह । ई सभ सो चते ओ
जोर-जोरसँ कानए लगलाह । संगी सभ हड़बड़ा कऽ उठै त जाइत
गेलाह । जखन सभ समाचार ात होइत गेल ह तँ कछु गोटे
कहल ख ह जे भा तजक अउरदा ब ढ़ गेल । न दक मुँह लटकल
दे ख कऽ यो- यो नक अ भयंताक वै ा नक कोणक मोन
पाड़ए
कहल ख ह । मुदा न दक बोल-भरोस यो न ह दऽ सकलाह । न द
े नग छो ड़ कऽ सपनेक गपपर गाम बदा भऽ गेलाह । तेसर दन
गाम प ँचलाह तँ भैयाक केश कटे ने दे ख कऽ सशं कत भऽ गेलाह ।
गामक सीमांतेसँ जे यो भेट ह से कनेक :खी वरमे गप कर ह ।

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आँगन प ँचलाह तँ माय जोर-जोरसँ कानए लगलीह ।
सपनाक सभटा गप स य बुझेल ह, अ रशः स य ।
भा तज नका केश कटाबए लेल सही समय पर बजा
लेल ख ह । नवीनक फोटोक पाछाँमे अं ेजीमे ओकर
ज मक आ मृ युक त थक संग ओकर तोतरायल बोलीमे
काका-कका कहबाक बात फाउं टेन पेनक सयाहीसँ न द
लखल ह । कोठाक घर बनबाक प हन ह ओ चल
गेलाह, गेलाक बादो मुदा व मे काकाक नहकेशक दन
बजा कए । पु ीक ज मक बाद कोठाक घरो बननाए शु
भऽ गेल ह । पु ी जखन पैघ भेल ह तँ मोन पाड़बाक
ममे कहैत छलीह जे घरक कुस पड़बाक लेल जे
खधाइ खुनल गेल छल से ब गँहीर छल । मुदा पता
मोन पाड़ थ ह जे काका अहाँक हाथसँ पक ड़ कऽ
खधाइमे पात सभ साफ करबाक लेल नीचाँ कऽ दै त
छलाह, तखन खधाइ ब त गँहीर कोना भेल ।

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पु ी बा केर कोरामे एकर समाधानक हेतु प ँ च जाइत छलीह जे
खधाइ तँ ब त गँहीर बुझाइत छल, तखन ईहो बात सही जे काका
हाथेसँ खधाइमे उता र दै त छलाह । न दक माए ब चा सभक बा भऽ
गेलीह । न दक पु क बा न दक न द कहैत छलीह । कखनो गोपाल
तँ कखनो राजकुमार कहैत छलीह, ओकर हँसी, आ ठया कारी
घनगर केश । बा क कोठाक घर ब न गेल ह तँ पेटक दद शु भेल ह
। मुदा न द ए ह बेर अपन घरक पेटक ददक टा मृ युक अ यक
नदशपर होइत दे खलाक उ र माएक इलाजक हेतु कैक ठाम,
एलोपै थक डा टरक लग पैघ-पैघ नगरमे, लऽ गेलाह । डायगनोस
भेल ह कसर नामक :खदायी रोग । ए ह बीमारीक इलाज रोगोसँ
बेशी ःखदायी छल । रे डयमसँ ूमरक
जरेनाइ । बा टू ट गेलीह । पटनेमे मृ यु भऽ गेल ह । ओत ह दाह
सं कार गंगा-तट पर भेल ह कारण ओतए मा यता छल जे गंगा
तटपर गाएक बोली जतेक र ध र सुनाइ पड़ैत अ छ ततेक र
मगहक े न ह मानल जाइत अ छ । तदं तर ा कम गाममे भेल
। बा च ल गेलीह, न दक तीय पु क ज मक प हन ह ।

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। मुदा बा क चरचा घरमे होइते रहल । बा केर फोटो बा
केर ना त सभक ेरणा ोत बनल रहल । जे सपेताक
गाछ बा केर ा मे उसरगल गेल छल तकर आम
नकर ना त-ना तन न ह खाइत छल ह । जे आम खसैत
छल से बाबाक सारा पर रा ख दे ल जाइत छल । गोदान
आ वैतरणी पार करेबाक व धमे जे गाएक दागल गेलैक
तकरा दे ख बा केर पु ण लेल ह जे आब ई काज
भ व यमे क हयो न ह कएल जएत । अपन धैयसँ मृ युसँ
प हने बा अपन प रवारक पुनः अपन पूव त ा आ
सर वतीक भ क पमे त त करबामे स म भेलीह

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मृ युसँ प हने बु चया सेहो बाढ़सँ अपन भौजीक भट
करए लेल पटना अएलीह । नू नन द आ भौजी पुरान-
पुरान गपशपमे अपना- अपनाक बसरबैत गेलीह । भौजी
भऽ गेल छलीह ब चा सभक बा आ नन द भऽ गेल
छलीह ब चा सभक बु ढ़या द द । बु ढया द द क ख सा
ब चा सभक म य ब लोक य भऽ गेल छल ।
बृह कथाक ख सा सन नमगर-कैक रा तमे खतम
होअएबला । ख सा सुनबाक ममे एक ब चा सु त
जाइत छल, फेर ओ हसँ पैघ ब चा सुतैत रहए आ सभसँ
पाछाँ सभसँ पैघ ब चा सुतैत छल । अ गला रा त मा र
शु , सभसँ पैघ ब चा कह ह जे जतए सँ खतम केल ँ
ततए सँ शु क । ई सभ प हने सु त गेल थ तँ ई सभ
अपन बुझथु । मुदा बु ढ़यो द द कम न ह छलीह । अपन
ख सा कनेक आओर आगूसँ शु करैत छलीह ।

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जखन सभसँ पैघ ब चा कहए जे एकर प हनेक ख सा
हम कहाँ सुनल ँ, तँ बु ढ़या द द कह थ ह जे हम बता ह
जकाँ ख सा क हते र ह गेल ँ आ अ ँ सु त गेल
छल ँ । तखन हम ख सा कहब ब द कए दे ल ँ । तखन
नणय भेल जे जतएसँ सभसँ छोट ब चा चाहैत अ छ,
तत हसँ ख सा शु कएल जाए ।
बड़का कोला बला खेतमे न द बो रग गरबेल ह जा हसँ
पा नक लेल ललाएल ई बाध स चत भऽ जाए । मुदा
कतेको दनुका जोन मज र- म ी-कारीगर सभक
प र मक बाद ई पता लागल जे नीचाँमे पा नक अभाव
रहए । लेएर न ह भेटबाक कारणसँ पाइप खेतेमे लागल
रहल आ सुखाएल बन पा नक ओत ह गाड़ल रहल ।
ब चा सभक लेल ई खेत बो रग बला खेतक नामसँ

भेल ।

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बादमे ओ ह गाममे सरकारी बो रग गाममे लगबाक
घोषना भेल । मुदा न दक भैयाक पता लगल ह जे ई
बो रग ओ ह पा न वहीन बाधमे न ह गड़ाएत वरन् ओ ह
बाधमे गड़ाएत जा हमे बारहोमास पा न लागल रहैत अ छ
। ओ कछु गोटे क लऽ कऽ पटना प ँ च मु यमं ीक
आवेदन दे ल ह । तखन जा कऽ ओ ह सुखाएल बाधक
जीण ार भेल । सात हाथक उ जर अं ेज इंजी नयर
कोन-कोन मशीन लऽ कऽ आएल आ इये दनमे बो रग
गा र कऽ च ल गेल । मुदा बादमे यो कहल ह जे ओ
अमे रकन छल आ कारण सेहो दे ल ह जे सभटा उ जर
लोक अं ेज होअए से ज री न ह । फेर कमला बलानक
नु कात छहरक नमाण भेल । कछु दन ध र ठ क
रहल मुदा कछु दनुका बाद थ त ई भेल जे नु छहरक
बीचमे बालु भरैत गेल आ जतेक छहरक ऊँच क ततेक
कम । झंझारपुर पुलक नीचाँ ध र बालु भ र गेल । क नयो
पा न आबए तँ पा न खतराक चे हसँ पार भऽ जाइत रहए
आ फाटकसँ बाहा बाटे पा न पोख र-खेतक डु मा दै त
छल ।

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जे खेत ब त ऊँच आ पाइ मोलक छल से नीक भऽ गेल आ नकहा
खेतमे खेती ब द भऽ गेल । नू छहरक बीचक बलुआही जमीनमे
तीन-तीन बेर रोपनी करए पड़ैत छल । लोकक आब परोर आ
अ आक खेती ए ह बलुआही जमीनमे शु करए पड़ल । डकही
पोख रक चा कातक बढ़मोतरमे छटु आ धानक खेती करए पड़ल
कारण रोपनी उपजक हसाबसँ महग भऽ गेल । पूणाहा बाध पा नसँ
भरल रहैत छल । को ठया-मेहथक बीचमे एकटा भोरहा छल-गँहीर
प - ायः कोशीक कोनो पुरनका छटकल धार । मुदा अखुनका
कोशीक भौगो लक रीक कारण ए ह पर संदेह कए नहारक सं या
सेहो बेश । ए ह भोरहा कातमे मेहथक आ को ठयाक बीच भेल पुरान
संघषक ख सा….प छमा-भु महार टोलक एकटा आ हर बूढ़क
करतब । बूढ़क सभ बा ह कऽ रखलक ह जे ओ मा र करए न ह
प ँ च जा थ । मुदा केबाड़ी तो ड़ आ बड़का बाँसमे फरसा-भाला
लगा कऽ ओ प ँ च गेलाह लड़बाक लेल । सवा मोन चूड़ी को ठयामे
फूटल ओ ह मा रमे । आ मा र कोन गप पर..सूगरक सीराक लेल ।

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।……एकटा आर कथा - बूढ़ा काकाक झठहाक कथा,
सभटा बानर सभ डरक लेल कलम-गाछ छो ड़ पड़ा
गेल छल । आइ का हक छौरा सभक दे खयौक, झठहा
कयो मा र कऽ दे खाबय जे जोमक फुनगीक छू ब लए ।
सभटा अखराहा लोक सभ जो त लेलक, तखन शरीर
कोना बनैत जएत ह ।
न दक डे रा पर बु ढ़या द द एक बेर बाढ़सँ अपन
बेटाक लऽ कऽ अएलीह, बेटाक नोकरीक लेल । बाढ़क
लाइ केर वाद ब चा सभ बु ढ़या द द क पटना आ क
गाम अएले पर चखैत जाइत छल ।
जमी दारी थाक समा तक बाद नौकरीक चलती भऽ
गेल छल आ द कत सेहो । ता हमे सरकारी नोकरीक ।
जयराम नौआ तखन ने कहैत छ थ जे न द सभ जा तक
सरकारी नोकरी दे ल ख ह मुदा नौआ-ठाकुर टा ब च गेल
। से न द न ह तँ नकर बेटेसँ अपन बेटाक लेल नोकरी
माँगताह ।

41/193
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सभक नोकरी भेटलैक मुदा बु ढ़या द द क बेटाक नोकरी न ह


भेटल ह । कछु समय-साल सेहो बदलल, न ह तँ प हने तँ लोक
नोकरी करैयो न ह चाहैत छल । पुबाइ टोलक गुलाब झा कहैत छलाह
जे नोकरीक माने भेल न ह करी आ करी तँ क पाबी-वेतन माने बना
तन आ तनखा माने तनक खा । बु ढ़या द द क आनल बाढ़क लाइ
आ कतेक रा त ध र चलए बला ख सा । गाम घरमे कखनो काल
शु भऽ गेल आन आन कारांतरक ख सा, इनार,
पोख र,करीन,बाहा,ख ा,गाछ -पोख रक बीच आ ए ह सभक लेल
होबएबला छोट-मोट झगरा-झाँट आ क रमण-चमनक म य न दक
न द सभ बढ़ए लगलाह । न द अपन ब चा सभक गामसँ र न ह
कएल ह। गम ता तल, होली आ गापूजा, तीन बेर कमसँ कम साल
भ रमे सम त प रवार जएबेटा करैत छल । ब चा सभ आम खएबाक
हेतु द द क गाम जाइत छल । पएरे-पएर र- र ध र, क हयो
कमलाक रेतक बीच तँ क हयो आमक गाछ क म य चलैत चलबाक
अनुभवे कछु भ न छल ।

42/193
आमक मासमे आमक कलममे रा क माछ-भातक
बनभोज, खुरचनसँ आमक खोइचा हटएबाक अनुभव,
ती-ती, ‘जकरे नाम लाल छड़ी’ आ सतघ रया खेलेबाक
अनुभव, संठ मे आ ग लगा कए धुँआ नकालबाक
अनुभव आ क काँच आममे चून लगाकए खएबाक
उपरांत ओकर मीठ भऽ जएबाक अनुभव, ई सभ
अनुभव आइ का हक ब चाक कोना भेटतैक यावत
ओकरा सभक गाम एनाइ जेनाइ न ह कराएब । न द तँ
एकबेर अपन जमायक कहन हयो रह थ जे आगाँक सात
ज म शहर द श घु र कय न ह
आएब । सन् १९७५ क पटनाक बा ढ़क समय न द
गंगाक उ र गंगा पुल प रयोजनामे आ ब गेल छलाह।
न द इ पु आ एक पु ीक संग अपन प रवार चला
रहल छलाह । तीनू ब चा कूलमे पढ़ाइ- लखाइ करैत
जाइत छलाह । तखन ककरा बुझल छलैक जे ई बरख
न द आ नकर ब चा सभक जीवनक एकटा वभाजन
रेखा बनत आ जीवनक धारक बद ल दे त।

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आ णक वृ ांतक सारांश यैह अ छ जे नक ज मक
समय नकर पताक यो क ह दे लक ह जे ब चया भेल
अ छ । -तीन दन ध र नका दमागमे छल ह जे बे टये
भेल अ छ । छ ठहा रक एक दन प हने नका पता
चलल ह जे बेटा भेल छ ह । ए ह अ न तताक उपरांत
यैह स भेल जे यावत स यक जे प बूझल अ छ सैह
तावत ध र स य रहत । स यक व भ न प, जे अस य
तँ न ह अ छ, तकरे तक तक पमे आ णक
वक ा भाव भेलैक। ज मेसँ ए ह आभा षत
स यक व भ न पक सा ी रहलाह आ ण ।
आ णक ज मक प हन ह बा केर दे हांत भऽ गेल ह।
बादो मे जखन-जखन बा केर चचा अबैत छल, आ ण
यानसँ सुनैत छलाह आ अपन ज ासा बढबैत छलाह।

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एवम मे बा नकर जीवनक अंग भऽ गेलीह । बा नकर ज मक
प हन ह सँ शरीर पे न ह छलीह, मुदा नकर अव थ त ए ह घरमे
स दखन छल ह । आ णक कथा आ न दक कथाक बीचक
तारत य प हने तँ न ह बु झ प ड़ रहल छल । मुदा कृ तक संग ह
आ ण सेहो अपन तभा दे खाबए लगलाह । मनु यक वृ ये
होइछ समानता आ तुलना करबाक, सा य आ वैष यक समालोचना
आ ववेचनमे कतेक गोटे अपन जनगी बता दै त छ थ । आ ण आ
न दक बीच सेहो अनायास ह सा य दे खल जा सकैत अ छ ।
गोटे क ऊपरी तभा आ तथाक थत वैचा रक मतभेदक र हत जे
मूल वक सा य होइत छै क, से नू गोटे मे व मान अ छ । एहन
सन बुझना जाइत छल । म य वगक ब चाक लालन-पालन आ
पोषण जा ह आशा ओ आकां ासँ होइत अ छ, तकर अपवाद
आ ण न ह छलाह । जेना सभ माता- पता अपन नेनाक छोटो छोट
बातमे तभाक छाप दे खैत छ थ त हना आ णक माता- पता
वशेष कए पता न द, आ णक वमे वशेष तभा दे खए
लगलाह ।

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आ ण क खूब व सभ अबैत छल ह । त हना दाँत सेहो सूतलमे
कटकटाइत छल ह । सपनामे नीक आ अधलाह नू कारक त व
रहैत छल ह मुदा डराओन त व वशेष रहैत छल ह । ब त दन ध र
आ ण ए ह यासमे रह थ जे कोना कए सपना आ क ः व
अएनाइ ब द भए जएत । बीच रा तमे ओ घामे-पसीने भए जाइत
रह थ आ जखन न न खुज न तऽ दे ख थ जे माता- पता पंखा ह क
रहल छ थ ह । सभसँ प हने ककर ज म भेल आ तकर प हने ककर,
आ सभक भगवान बनओल ह तँ भगवानक के बनोलक ह । ई सभ
सो च-सो च कए आ ण च तत भए जाइत छलाह। रा तमे व मे
नका होइत छल ह जे इनार पी कृ तमे ओ गामक छातपर घू म
रहल छ थ । फेर ओ छतक कातमे जाए लगैत छ थ । फेर जेना
पोख रक कछे र अ छ, त हना छतक काते कात बन इ छे क जाइत
रहैत छ थ, फेर चाहैत छ थ, जे कातसँ ह ट कए बीच छतपर आ ब
जाइ । कतु इनार पी कृ तक गु वमे ओ खचाइत च ल जाइत
छ थ । आ ख स जाइत छ थ ।

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अनायास ह न न खुजैत छ ह तँ खुशी आ ःख नू कारक भावना
मोनमे अबैत छ ह । खुशी ए ह बातक जे व े छल ई, यथाथ न ह ।
ःख ए ह बातक जे फेर ने कत ए ह कारक ः व फेर आबए ।
पतासँ पूछ थ जे अहाँ सेहो एहन सपना सुनैत छ , न ह न ह दे खैत
छ तँ ओ कह थ जे न ह आब न ह। हँ जखन ओ ब चा रह थ तँ
सपना दे ख थ, बड़का झोटाबला सह बाढ़ नक । आ ग बोकरैत
तमसाएल, जेना पृ वीक गी र लेत । सपना तँ सपने छ जे अहाँ
सोचब से रा तमे अएत। न ह जा न के बूढ़-पुरान सह बाढ़ नक
ख सा हमरा सुना दे ल ह। क सभ क ह दे ल ह जे सह बाढ़ नक
आगमन अ न क संकेत अ छ जे ई जा ह बरख आएल ता ह बरखसँ
कैक साल ध र बीमारी अकाल प ड़ते रहल। यैह सभ हमर सपनामे
अबैत छल। मुदा से ब चामे आब तँ न ने कम अबैत अ छ तँ सपना
कतएसँ अएत। आ आ ण सोच थ जे कतेक नीक होइत जे नको
न न क म अ बत ह। ए ह बीच आ ण कखन न न अबैत अ छ
आ कखन व ए ह सभ पर जेना शोध करए लगलाह।

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फेर अ गला दन मोन पाड़ थ, जे नौ बजे ध र जागल


छल ँ, दसो बजे यावत जागले छल ँ, तखन कखन
सुतल ँ । फेर कछु ए दनमे ओ अपना मोनके बहटा र
लेल ह, जे य नका ई मोन प ड़ जाइ ह जे न न
कखन आएल तखन तँ ओ जागले र ह जएताह । नकर
नाम कतेक बेर बदलल गेल । पुरातन ंथ सभक
अ ययन नंद ए ह हेतु कएल ह । फेर नक पढ़ाइ-
लखाइक काय शु भेल ह। ी गणेशजीक अंकुश छह
ढ़ं गसँ लखनाइ सखाओल गेल ह आ णक आ ए ह
आकृ तक संग गौरीशंकरक अ यथना- स र तु।
साते भवतु सु ीता दे वी शखर वा सनी
उ ेन तपसा ल धो यया पशुप तः प तः।
स ः सा ये सताम तु सादांत य धूजटे ः
जा वीफेनलेखेव य यू ध श शनः कला ॥

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पशुप तः प तः क ह आ ण खूब हँस थ । ए हसँ नकर तोतरेनाइ
सेहो समा त भए गेल ह । एक सँ सए ध रक पाठमे आ णक
पशुप तःप तः बला तारत य मोन पड़ैत छल ह । दस सँ उ नैस आ
फेर बीस सँ उनतीस । न दक छोट पु आ ण शु अ हसँ न दक
आशा आ आकां ाक तीक बनए लागल छलाह । एकर कछु
कारण सेहो छलैक । एकसँ सए ध र लखब न द नका सखा रहल
छलाह । न द नका एकसँ दस ध र लखनाइ आ बजनाइ
सखेल ख ह आ एगारहसँ आगाँ सेहो सखाबए लागल ख ह । पुनः ई
सो च कए जे बालक पर एतेक बोझ लदनाइ ठ क न ह अ छ ओ
क गेलाह । परंतु बालकक एगारहसँ बीस, फेर ए कैससँ तीस
जएबा ध र ए ह बातक पता भऽ गेल ह जे ई तँ एक सँ दस तकक
पुनरावृ मा छै क । ओ एकर औ च यक अपन पतासँ चचा
केल ह तँ पता नका एकसँ सए ध र लखबाक चुनौती दऽ
दे ल ख ह । बालक से ल ख कए जखन दे खा दे ल ख ह तकरा बाद
येक श दक कोन नाम दे ल जाए तकर सम या आएल।

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न द एगारह, ए कैस, उ नासी आ नबासीक वशेष
पसँ चचा केल ह । माँ जखन आधा घंटाक ग तक
समी ाक हेतु अएलीह तखन नका पता लगल ह जे
पा म तँ पता-पु क बीच पूण भऽ चुकल अ छ ।
पता गदगद भए गेलाह आ माँ ए ह घटनाक चचा ब त
कम गोटे सँ केल ह जे कत ककरो नज र न ह ला ग
जाए । एहने-एहन ढे र रास उदाहरण पताक दयमे
पु क कोनो गलती न ह के नहारक छ व अं कत करबामे
स म भऽ गेल।

आ णक अ पन पुरना बात सभक मोन रखबाक धु न


जेकाँ छल ह । कोन ई वी मे क भेल, कोन ई वी सँ
क -क भेल से कोना या द होएत । हम ब चामे क सभ
कएल ँ –अ पन पता-माता आ क आनो बूढ़-पुरान
सभक जीवनक घटना मक सभ गप बुझबाक लालसा
नकामे छल ह। कखनोकालक नका ए ह गपक छगुंता
होइत रह ह जे बना नकर दे खनो, ए ह व मे सभ गोटे
सभ काज कोना कए रहल अ छ ।

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माने ई जे जखन आ ण सुतल छ थ तखनो व च ल
कोना रहल अ छ । नका ब चाक इ-चा रटा घटना मा
मोन रह ह । जेना क सनेमा हॉलमे बॉबी सनेमाक
मरण, टु डयोमे माता- पताक संग मुंडनक प हने
केशबला फोटो खचेबाक मृ त । फेर कोनो गप पर माँ
ारा यान न ह दे लाक उपरांत भ र घरक चाभीक
झाबाक स झाक डबरामे फ क दे बाक मृ त । गाममे
कोनो काज-उ मक भीड़क य । फेर आ ण ए ह
सभपर सोचलाक बाद यैह न कष नकालल ह जे
१९७६ ई.सँ नका सभ कछु मोन छ ह, कारण तखन
ओ ५-६ बरखक होएताह आ ए ह वषसँ माँ नका
अखबार पढ़बाक ह सक धरा दे ने छल ख ह । ब त
दनुका बाद एक दन न दक आ णक डायरी हाथ ला ग
गेल ह जा हमे आ ण अपन मृ तक घटना मक
इ तहासकार जेकाँ वणन दे ने रह थ।

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हम, आ ण, सन् १९७६ ई.क अपन जीवनक वभाजन
रेखा मानैत छ । कारण ए हसँ प हने हमरा अपन
जीवनक घटना म कछु टू टल कड़ीक पमे बना
तारत यक बुझना जाइत अ छ । कखनोक हमरा ईहो
होइत अ छ जे ए ह मे सँ कछु पूव ज मक कोनो
घटना म तँ न ह अ छ ? सन् १९७६ ई.। हम गंगा ज
ोजे टक गंगाक उतरबारी कातमे हाजीपुरमे बनाएल
कॉलोनीमे अपन माता- पता आ पैघ भाए-ब हनक संग
र ह रहल छ । पताजी वसायसँ सरकारी अ भयंता
छ थ मुदा हो योपै थक च क सामे सेहो एम.डी.(गो ड
मेडे ल ट) छ थ आ नकर ई एक तरह सँ हॉबी छ ह ।
भ र कॉलोनीक लोक चंदा एक कए हो योपै थक दबाइ
कानपुरसँ मँगबैत छ थ । बाबूजीक संग एकाध गोटे
कानपुर जा कए दवाइ सभ लेने अबैत छ थ । हमरा
सभक सरकारी वाटरक ॉइंग ममे एकटा अलमीरा,
टा कुस आ एकटा टे बुल च क सक य कायक हेतु
सम पत अ छ ।

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हमर एकटा छोटका टे बुल सेहो ए ह ममे रहैत अ छ,
जा हमे तीस पाइक आयाव अखबार हम अ पन माँक
प ढ़ कए सुनबैत छय ह । जतए ध र हमरा मोन अ छ,
ए ह कॉलोनीक टा भाग छल । चा द श चहर दवारी
छल, ए ह कॉलोनीक बीचमे सेहो एकटा दबा र छल जे
ए ह कॉलोनीक ‘रहएबला’ आ ‘गोदामबला’ ए ह
हीसमे बँटैत छल । गोदामबला इलाकामे मा र रास
लोहाक छड़, जोखय बला मशीन आ क सभक संग
एकटा कद बक गाछक मृ त हमरा अ छ । जोखय बला
एकटा मशीन ततेक पैघ छल जा ह पर हम जखन ठाढ़
होइत छल ँ तँ ओकर काँटा हलबो ध र न ह करैत छल ।
हमरा बताओल गेल छल जे ए ह पर भ रगर चीज सभ
मा जोखल जा सकैत
अ छ । प ह-स ह कलोक पाँच सात बषक ब चाक
भार एकरा हेतु न सक समान अ छ । ए ह गङ् गा- ज
कॉलोनीक रहएबला े मे एकटा पैघ आ एकटा छोट
मैदान छल । नूक बीच एकटा पैघ पा नक टं क आ प प
हाउस छल ।

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प प हाउसमे पा न जा ह बाटे अबैत छलैक से बेस
मोटगर पाइप छलैक आ हमरा अखनो मोन अ छ जे ओ
ओ हना खुजल रहैत छलैक । हम ओ हमे आँ ख दए कऽ
तकन हयो रही मुदा दोसर बेर डरसँ पाछू हँ ट गेल ँ, जे
कत ख स पड़ल ँ तखन क होएत । ओ पाइप एकटा
बोरासँ झाँपल रहैत छल । पैघ डांगणक उतरबारी
कातमे एकटा कोटाबला दोकान रहैक । ओ हसँ पछबारी
कातमे एकटा हनुमानजीक मू आ मं दर ब न रहल
छल जे ब त प हन ह ब न गेल रहैत मुदा कारीगर
हनुमानजीक नाक ठ कसँ न ह लगा पा ब रहल छल ।
हनुमानजीक नाक चाहे तँ साम ीक समु चत म ाक
अनुपात न ह रहलाक कारण वा ककरो बदमाशीक कारण
टू ट जाइत रहए कतु कछु दनुका बाद हनुमानजीक
मू ब न कए तैयार भऽ गेल रहए । मंगल दनक आरती
होमए लागल छल, पूरा कॉलोनी जेना भ -भावसँ भ र
उठल रहए ।

54/193
कछु दनुका बाद सभक उ साहमे कनेक कमी आबए
लागल, जेना आन सं थाक संग होइत अ छ, ार भक
उ साह मशः कम होइत गेल आ मं दरक संग जुटल
सभटा सामा जक काय मक योजना योजने र ह गेल ।
हम कॉलोनीसँ र एकटा कूलमे पढ़बाक हेतु जाए
लागल छल ँ । हमर पैघ भाइ आ ब हन सेहो ओ ह
कूलमे पढ़ै त रह थ । एक दनका ग प अ छ जे कूलमे
हमरा कोनो दोसर ब चाक संग झगड़ा भए गेल । नु
गोटे क संग लेट रहए । हम आ ओ दोसर ब चा एकरा
ह थयारक पमे योग करए लागल ँ । हम सोचए
लगल ँ जे य लेटक दोसर ब चाक माथ पर मारबैक
तँ शो नत नकलए लगतैक । ता ह ारे हम लेटक
र ा मक प योग केल ँ । मुदा ओ दोसर ब चा मचंड
छल… ….ख च….हमर माथसँ शो नतक धार नकलए
लागल । ट चर सभ हमरा सपलक ममे लए गेल थ ।

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इयामे सेवलोन वा डटॉल न ह कछु दोसरे छल, ओकर
रंग आ सुगंध हमरा अखन ध र मोन अ छ, फ ट-एडक
बाद साँझ होएबाक आ छु क बेर न ह ताकल गेल ।
कूलक र शा जा ह पर “सावधान ब चे” लखल छल
केर बाट न ह जो ह एकटा दोसर र शामे हमरा द द क
(ब हनक) संग घर पठा दे ल गेल । हम द द क
पुछ लयैक, जे “सावधान ब चे” केर अथ क भेल ।
हमरा लगैत छल जे एकर अथ छल जे सभटा ब चा जे
ओ ह र शामे बैसल अ छ, से सभ सावधान अ छ, आ
ए ह बातसँ ओ दोसर छौड़ा असहम त दे खा रहल छल
आ ता ह ग प पर झगड़ा बज र गेल छल । द द क उ र
रहए जे ई लखबाक उ े य चेतावनी छै क, जे कोनो
दोसर गाड़ी पाछू सँ ठोकर न ह मा र दै क आ स ह र कए
चलए ।

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“मुदा कएक”- हम संतु न ह होइत पुछ लय ह । एहने


आ उ रक संग हम बढ़ए लागल छल ँ । आ बढ़ै त-
बढ़ै त क हयो काल ख सयेला पर माँ कह थ, जे सोचैत
रही जे क हया पैघ होएत आ पैघ भेल तँ नाकमे दम कए
दे ने अ छ।
कॉलोनीक बाहरक यन संतक नाम पर बनल
कूलमे हम सभ भाइ-ब हन जाइत रही । लेटसँ कपार
फोड़बएलाक बाद बाबूजी कॉलोनीमे ऑ फसर सभक
मी टग करबओल ह । फैसला भेल जे खेलाक मैदान आ
उ रब रया सीमंतक दे बालसँ सटल कोटाक दोकान
(सावज नक वतरण णालीक दोकानक कोटाक दोकान
कहल जाइत छल) अपन आव यकतासँ बेशी पैघ घरमे
छल । ओ ह कोटाबलाक लाइसस सेहो कोनो कारणसँ
समा त भए गेल छलैक, से ओ ह एसबे टस बला ३-४
कोठलीक घरक ाथ मक व ालय बनएबाक नणय
लेल गेल आ -चा रटा श कक बहाली कए, चा रटा
लोकक कमेट बनाए कूल शु कए दे ल गेल ।

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पड़ोसक गंडक कॉलोनीक सेहो छह महीना बाद नोत दे ल
गेल जे अ ँ अ पन कॉलोनीक ब चा सभक एतए पढ़ा
सकैत छ । उ रब रया दे बाल पर बाहर द शसँ कूलक
नाम लखल गेल जे कछु दनक बाद म लछ ह होइत
गेल । मुदा कूलक त ा बढ़ै त गेल । यो गोटे य
अ पन ब चाक नाम लखाबए अबैत छलाह तँ नकर
ब चाक एक कवा कखनो कालक इ वग नीचाँ
नामांकन लेल जएबाक ग प श कगण करैत छलाह ।
अ पन कूलक तर कनेक ऊँच होएबाक ग प करैत
छलाह । बेशी ज केला पर हमरा बजा कए टे ट लैत
छलाह आ जा ह क उ र तेसर वगक नामांकनक
अ भलाषी न ह दए पाओल छलाह से हमरा सँ पुछैत
छलाह आ ह मर सही उ र पर ओ कु टल मु कान दै त
नामांकनक हेतु आएल बालकक अ भभावक द श मुँह
करैत छलाह । मोटा-मोट बुझु जे ओ ह कूलक हम
सभसँ उ जवल व ाथ छल ँ-जकर सोझाँमे, ओ ह
गामसँ आएल व ाथ क अएलाक प हने, यो ठाढ़ न ह
भए सकल छल ।

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पढ़ाइक त एकटा व श लगाव छल हमरामे, जे बादमे
मशः उदासीनतामे बदलए लागल । से एक बेर जखन
बोखारसँ बड़बड़ाइत छल ँ त हया परी ाक दन रहैक ।
बड़बड़ा रहल छल ँ जे परी ा ने छू ट
जाए । घरपर आ कॉपी आएल आ तखन अ पन
परी ा दऽ सकल ँ हम । कूल छल छोट-छ न मुदा
ओकर सभ ग त व धमे कॉलोनीक नवासीगण सो साह
भाग लैत छलाह । डा या होअए आ क सां कृ तक ।
ड़ामे व ाथ एक-एक पएर डोरीसँ बा ह कए तीन
टाँग बनाए दौगैत छलाह । दौ ग कए मैदानक दोसर
छोड़पर राखल लैक बोडपर लखल हसाबक बनाए
दौ ग कए आपस अएबाक खेलमे शारी रक आ मान सक
क परी ा होइत छल जा हमे हम अ णी अबैत छल ँ
। हमरा गोट घटना आर मोन प ड़ रहल अ छ । प हल
घटना एक गोट ब चाक गामसँ आएब ।

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ओ हमरा हेतु कछु दन पढ़ाईमे चुनौतीक पमे रहल
कारण ओकर गाम बला कताबमे कछु नवीन जानकारी
रहैक मुदा तकर कोटा पूरा भेलाक बाद हम ओकर
चुनौतीक खतम कए
दे ल ँ । दोसर घटना छल एक गोट ब चाक ए सीडट
जकर बाद हम सभ खेलाइ कालमे टाइम नका ल
ओकरा खड़क सँ दे ख अबैत र हयैक । बादमे क हयो
काल ओकर म मे जा कए ओकर डायरी सेहो दे ख
अबैत रही । ओकर कछु अंश हमरा मोन अ छ से एना
अछ।

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“अ पन सभक ग प करबा लेल हमरा लगमे समयक अभाब रहए लागल ।
कछु तँ एकर कारण रहल ह मर अ पन आद त आ कछु एकर कारण रहल
मर ए सीडट, जकर कारण ह मर जीवनक डेढ साल बुझा पड़ल जेना डेढ
दन जेकाँ बी त गेल । कछु ए ह बातक दस सेहो हमर यान गेल जे डेढ
सालमे जतेक समयक नुकसान भेल तकर तपू त कोना कए होएत । कछु
तँ भोरमे उ ठ कए समय बचेबाक वचार आएल मुदा आँ खक न न ता ह मे
बाधक ब न गेल । तखन साम जक संबंधक सी मत करबाक वचार आएल ।
ए हमे हमरा बन यासक सफलता भे ट गेल छल । एकर कारण छल हमर
न ह खतम तीत होमएबला बीमारी । ए हमे व भ न डॉ टरक ओ प नयन,
कछु गलत ऑपरेशन आ एकर स म लत इ ेसन ई जे आब हमरा
अपा हजक जीवन जीबए पड़त । आनक बात तँ छोडू हमरा अपनो मोनमे ई
बात आबए लागल छल । लगैत छल जे डॉ टर सभ फू सया हक आ ासन दए
रहल अ छ । ए ह ममे फोन सँ लऽ कए हाल समाचार पुछनहारक सं या
सेहो घ ट गेल छल । से जखन अचानके बैशाखी आ फेर छड़ीपर अएलाक
बाद हम कार चलाबए लगल ँ तँ ब त गोटेक फेर सँ हमरा संग सामा य संबंध
बनाबएमे असु वधा होमए लगल ह ।

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जे हमरासँ र न ह गेल रह थ त नकासँ तँ हम जबद तीयो संबंध रखल ँ मुदा
दोसर द श गेल लोकसँ हमर वहार नरपे रहैत छल से पुनःसंबंध बनेबासँ
लोक हतो सा हत रहए लगलाह । दनमे जे हमरापर हँस थ त नकर तई
वहार सहानभू त द ह मानल जएत । ए हसँ समयध र खूब बचए लागल।
शु मे तँ लागल जेना ऑ फसमे यो च हत आ क न ह । मुदा जखन हम
ऑ फस प ँचल ँ तँ लागल जेना हीरो जेकाँ वागत भेल होअए । मुदा ए हमे
ई बात संगी-साथी सभ नुका लेलक जे हमर छड़ीसँ चलनाइ नका सभक
भीतर हाहाकार मचा रहल छल ह । सभ मा हमर ह मतक शंसा करैत
रहैत छलाह । जखन हम छड़ी छो ड़ कए चलए लगल ँ आ जी स शट-पट
प ह र कए अएल ँ तखन एक गोटे संगी कहलक जे आब अहाँ पुरनका पमे
घु र रहल छ । ए ह बातक हम घरपर आ ब कऽ सोचए लगल ँ । अपन चलए
कालक फोटोक प नीक मद त सँ है डीकैम ारा वीयोडी ाफ करबएल ँ ।
एकबेर तँ स न र ह गेल ँ । चलबाक तरीका आबो नगड़ा कए दौगबा सन
लागल छल । प हने तँ आर बेशी होएत मुदा संगी सभ एको र ी पता ध र न ह
चलए देलक । बादमे घरक लोक कहलक जे ई तँ ब कम अ छ, प हने तँ आर
बेसी छल ।

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तखन हमरा बुझबामे आएल जे संगीसभ आ ओ सभ जे हमरासँ
लगाव अनुभव करैत छलाह, त नका कतेक खराब लगैत होएत ह ।
तकरा बाद हमरा नकर सभक ो साहन आ हमर ह मतक शंसा
करैत रहबाक रह यक पता चलल । अपन ार भक जीवनक
एकाक पन आ नौकरी-चाकरी पकड़लाक बाद सावज नक जीवनमे
अलग-थलग प ड़ जएबाक संदेह, आशा, अपे ा कवा अहसास-
फ लगक बाद जे ए ह तरहक अनुभव भेल से हमर वक
भ न वकासक आर ढ़ता दान केलक”।
ओ तँ छल हमरे संगी मुदा क पना कऽ रहल छल जेना कोनो पैघ
वयाहल होअए आ का प नक पसँ ठ क भेलाक बादक
वणन अपन डायरीमे कएने छल । मज रक टोल आ साँझमे
ठे लागाड़ी पर नका लोक न ारा अपन कपड़ा सुखाएब, ए ह सभक
दे ख कऽ हम वच लत भऽ जाइत छल ँ । ई दे खलाक बादो जे
नका लोक नक मुँहपर हँसी छ ह, बन घर रहलो उ र । छोट-छोट
ब चा सभक भीख मँगैत दे खब, हम सभ जखन खेलाइत रही तँ
ओकरा सभक हमरा सभक द श कातर ए दे खब ।

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लोक सभक कार, क हयो हमरो पर ई वप आ ब
जाए तखन ? फेर दोसर यो नका लोक नक द श
तकबो न ह कर ह, तँ क हमही टा आन ब चासँ भ न
छ आ ई सभ सोचनी लागल रहैत छल । हम ई सोचैत
रही जे जखन हम कोनो थान पर न ह रहैत छ तखनो तँ
सभ काय ग तसँ चलैत अ छ । कताबमे हम पढ़ने रही
जे कछु जीव जंतु मा डाइमसनमे दे खैत अ छ ।
हमरा सभ तीन डाइमसनमे जबैत छ , तँ ई जे भूकंपक
आ आन-आन वप सभ अबैत अ छ से कोनो चा र
डाइमसनमे काय करए बलातँ न ह कऽ रहल अ छ जे
क पनातीत अ छ । पाँच पाइमे लालछड़ी बलाक दे खा
कऽ बाबूजी कहैत रह थ जे दे खू ईहो लोक न अपन
प रवारक गुजर पाँच-पाँच पाइक ई लालछड़ी बे च कए
कऽ रहल छ थ । पाइक मह व आ ओकर आव यकता
जतेक बढ़ाऊ ततेक बढ़त । अपन-अपन वातावरणक आ
जीवनक बादक जीवनक - ए ह सभक संग जीनाइ,
रा तमे बड़बड़े नाइ ई सभ गोट कायक संग पढ़ाइ आ
पताक नौकरीक परेशानी सभ चलैत रहल ।

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हमरा मोन पड़ै त अ छ जे एक दन भोरे-भोर एक गोट
ठ केदारक सूटकेशपर हमर बाबूजी जोरसँ लात मारने
छलाह । सूटकेश जा कऽ र खसल आ ओ हमे राखल
पै या स से छ ड़या गेल । हमर एक गोट प तयौत भाइ
छलाह जे सभटा पाइक उठा सूटकेशमे रा ख वापस
ठ केदारक दऽ वापस कए दे ल ख ह आ ईहो कहल ख ह
जे ज द सँ भा ग जाऊ न ह तँ पु लसक पकड़बा दे ताह ।
माँ हमरा भीतरका कोठली लऽ गेलीह । हम ब चा छल ँ
मुदा हमरा बुझबामे आ ब गेल छल जे ई पाइ हमरा
बाबूजीक गंगा- जक ठ केदारक द शसँ अपन
इंजी नय रग छो ड़ कऽ बना कोनो भाङठक काय होमए
दे बा लऽ दे ल जएबाक यास छल ।

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बाबूजी ब त काल ध र बड़बड़ाइत रहलाह । कखनो दा लमे नून कम रहला


उ र आ क आन कोनो कारणसँ ब नक फकबाक वरसँ देह सह र जाइत
छल । फेर कछु णक चु पीक बाद सभ ब चाक बजाओल जाइत छल आ
लार मलार होइत छल । हम वगमे थम अबैत छल ँ आ प रणाम
नकलबाक दन एकटा कॉलोनीक स हा चाची सभ बेर ल ा खोआबैत रह थ
। ायः गुर आ आटासँ बनल ए ह ल ाक वाद हम बस र न ह सकल छ ।
ओ ह चाचीक एकटा अ -पागल दअर छल ह जे सतार बजबैत रहैत छल ।
एक बेर गंगामे ट मरसँ हमरा सभ ओ ह पार जाए रहल छल ँ तँ ओ ओ ह
ट मर परसँ अपन भाएक फकबा लेल ओ उ त भऽ गेल छल । ओ ह चाचीक
एकटा बेट रह ह रजनी । पता न ह कोन बमारी भेलैक, बेचारी एलोपै थक
दवाइक फेरमे ओछाओन धऽ लेलक । हम सभ कताक बेर नका देखबा लेल
जाइत रही । हमरा दोसराक अ हठाम जाएमे धाख होइत रहए मुदा ओतए
ककरो संगे प ँ च जाइत रही । नका सभ यो द द कहैत र हय ह । हमरा
सभसँ ब पैघ रह थ । मुदा कछु दनक बाद नकर मृ यु भऽ
गेल ह । मृ युसँ हमर मान सक ं द, ए ह घटनाक बाद आब आर लग बुझाए
लागल ।

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नकर मृ युक बादो ओ चाची अपन बेटा सभक अ गला
दन कूलक हेतु तैयार कए पठे ल ह जे कॉलोनीक
एकगोट दोसर दबंग चाचीक प स न न ह पड़ल ह आ
एकर चचा ब त दन ध र कॉलोनीमे होइत रहल ।
चाचीक भाइ मुज फरपुर इं ट ूट ऑफ टे नॉलोजीमे
ा याता रह थ। ए ह कॉलेजसँ हमर बाबूजी सेहो
इंजी नय रग पास कएने रह थ । ओ हाजीपुरमे गंगा- ज
कॉलोनी थत हमर सभक घर पर आएल रह थ आ
अपन बहनोइक ब फ झ त कएने रह थ ह । पटना जा
कए नीक इलाज करेबामे असफल रहबाक कारण पाइक
बतेने रह थ ह । हमरा मोनमे ई वचार आएल रहए जे
पटनामे पैघ डॉ टर रहैत अ छ जे मृ युक जी त सकैत
अ छ । मुदा एक दन हमरा सभक संग रहएबला गामक
प तयौत भाए जखन परमाणु यु क चचा कए रहल
छलाह आ ईहो जे ओ ह समयमे पृ वी पर एतेक परमाणु
अ -श व मान रहए जा हसँ पृ वीक कताक बेर
न कएल जा सकैत अ छ, तखन हमर ईहो र ा कवच
टू ट गेल छल ।

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हमर पुरान जीवनक ई एकटा नीक अनुभव छल। बादमे घटना तँ हँसी-खेल
भऽ गेल । न ह तँ एकरासँ कोनो ःख होइत छल न हये कोनो ल यक त
तेना भऽ कए पड़ैत छल ँ । खेल सेहो वैह नीक लागए जा हमे ट म न ह वरन
गत पधा रहैत छल कारण ट ममे दोसराक दशन हा रक थ तमे
बह ना ब न जाइत अ छ । एकर कारण सेहो छल, कएक तँ ए हमे ट मक
दशन पर गत दशन नभर न ह करैत छल आ जे बड़ाइ आ क बुराइ
भेटैत छल से येक भेटैत छल । अहाँ ई न ह क ह सकैत छ जे ओकरा
कारण हम हारल ँ, हम तँ नीक दशन कएने रही । कूल आ पढ़ाइक
अतर ओना ड़ाक थान यूने छल । ल यक त जे नरपे ता बादमे
हमरामे आएल छल से ओ ह समयमे न ह छल । ओ ह समयमे तँ जगतक
जतबाक धु न छल । तीय थानक तँ कोनो े न ह छल । तीय थानक
माने छल अनु ीण भेनाइ । खेलोमे, पढ़ाइयोमे, मा र-पीटमे सेहो । गाम आन-
जान खूब होइत रहए । गाम जाइत रही तँ महादेव पोख र परका कूलमे
काका श कक क ह अबैत छलाह आ हम छु यो मे कूल जाइत रही ।
कब ी, सतघ रया, लाल-छड़ी ई सभ खेलक नामो तँ शहरक ब चाक बूझल
न ह होएतैक ।

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अ तु ओतु का पढ़ाइक सभ णाली अलग छल । त दन करची कलमसँ लखना

लखएमे दे ह सह र जाइत छल आ रोजनामचा सेहो ए ह कारे लखैत रही-भोरे-

सकाले उठल ँ न य कायक उपरांत जलखइ कऽ पढबाक लेल बैसल ँ, फेर कूल

गेल ँ, ओतए सँ एल ँ, पुनः खेनाइ खेल ँ । फेर कूल गेल ँ, फेर गाम पर एल ँ आ

फेर जलखै कएल ँ । फेर खेल ाइ लेल गेल ँ । फेर आ ब कऽ लालटे नक शीशाक

साफ केल ँ, फेर पढ़ल ँ आ फेर भगवानक नाम लऽ सू त गेल ँ । र व दनक छु क

बदला सोम दन दनक रोजनामचा ल ख कए लऽ जाए पड़ै त छल । ओतए १५

अग तक उ साह सेहो दोसरे तरहक छल । साँझ -आ भोरमे १५ अग त- वतं ता

दवस, भारत माताक जय केर संग सभ महापु ष लोक नक जय करैत जाइत छल ँ

। मुदा मा टर साहेबक ई गप न ह बुझ ना गेल छल जे मा र-पीट न ह करैत जइहऽ ।

मुदा जखन भोरमे जयक नाद गामक सीमान पर सँ जाए काल सुनल ँ तखन पता

चलल जे ई गप मा टर साहब कएक कहने छलाह । म हनाथपुरक कूलक ब चा

सभ जखने ओ हरसँ अबैत रहए आ क तखने मा र बज र गेल । कोन ना झोप-ताप

कएल गेल । फेर गामपर जे अएल ँ तखन पुरनका बैचक व ाथ सभ अपन ख सा

शु कएलक जे कोना पोख रमे पैसा-पैसाक केराक थम पा नमे दऽ कए वतं ता

दवस दन मारने रहए गेल छल थ ह अनगौआँ क । फेर ओहो सभ दोसर साल बदला

लेबाक ता कमे छल मुदा ता बेर…।

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दोसर साल फेर वैह मी टग, नू गामक कूलक म य मुदा ए ह बेर


दोसर गाम बला ट म र ता बद ल लेलक । मा र बझब गाममे एकटा
पव जेकाँ छल । गा थानमे चॉकलेटक बुइयामक फूटब आ कोनो
कटघरा कवा टाटक खु ा उखा ड़ कए मा र-पीट शु करब । आ
बादक जे ग प होइत छल से मनोरंजक । एक बेर एकटा अधवयसू
एक गोट नव-नौतारक -चा र चमेटा मा र दे ल ह । बादक घटनाक
हेतु हम कान पथने रही तँ हमर प तयौत ओ ह गौआँक पुछल ख ह
जे वैह बात रहए ने । सभ यो एकमत रह थ जे वैह बात रहए । ए ह
बेर हम हा र कऽ पुछ लय ह जे वैह कोन बात अ छ जे सभक बूझल
अ छ मुदा हमरा न ह बूझल अ छ । ओ कहल ह जे ए ह युवापर
अपन ब चयाक घटकैतीक हेतु ओ अधवयसू गेल रह थ मुदा कथा
न ह सुतरल ह । ओ ह युवकक ववाह दोसर ठाम भए गेल ह, से
तकरे कैन लऽ कए कोनो फु सयाहीक लाथ लऽ आइ ओकरा
कुटल ह
अ छ । हम पुछ लय ह जे य ववाह भऽ जाइत तँ ससुर जमाएक
संबंध
रहैत । तखन ए ह फु सयाही गप पर मा र बजरैत ?

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सभ कह थ जे अहाँ तँ तेसरे गप पर च ल गेल ँ । रा तमे नाटक दे खैत अकासमे डं डी-

तराजू दे खब, खाली डं डी छै क तँ तराजू कयैक कहैत छयैक? फेर ओ ह नाटकोमे

अनग आ सँ मा र बझेबाक हमर संग ीक एकटा चा ल । भेल ई जे नाटक दे खए काल

ओ एकटा अनग आक ख झा रहल छलाह । मा र अंट -शंट बकैत छलाह । आ ओ

कछु बाजए तँ कहैत छलाह जे अखने नरेण भैयाक बजाएब । ता हपर ओ कहल ह

जे जाऊ अहाँक नरेण भैयाक डर हमरा न ह अ छ । आब आगू सुनू । हमर म


अनायास ह जोरसँ कानए लगलाह, दहो-बहो नोर खसए लगल ह । भोका र पाड़ै त
नरेण लग प ँचलाह जे एकटा अनग आ मारलक अ छ आ कहैत अ छ जे के नरेण
ओकर हमरा कोनो डर न ह अ छ, आरो अ ट-
श ट । आब नरेण भैया प ँचलाह जे बता तँ ओ के छ ? जखने टॉच ओ ह पर
दे ल ह, बजलाह, भजार यौ । अहाँ छ । ज र अही छौड़ाक ग ती छ । अनका
वषयमे कहैत तँ प तया जइत ँ । मुदा अहाँक वषयमे । आ ईहो न ह कहलक ई
छौड़ा जे अहाँ तमसे लयैक वरन् ई जे मारल ह अ छ । आ नेप क चुआ रहल छल
जेना कतेक मा र पड़ल होअए । हमरा सँ नरेण पुछल ह जे भाए कछु एकरा कहबो
कएल ह तँ हम कह लय ह जे न ह । ए ह पर हमर म क नोर जतएसँ आएल
छल ह, तत ह च ल गेल ह । फ झ त मूड़ी झुका कए सुनल ह आ नरेण भाइक
गेल ा पर सभक कहल ह, जे ई नरेण काकाक संग ी छ थ ह, यो हनका कछु
कहब ह तँ बेज ाए भऽ जाइत जएत ।

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आ आ तेसँ कहल थ जे ब च गेल आइ ई । गामक ाइमरी कूलमे
सभ कलाक परी ा होइत छल । संगीत, च , नाटक । गाममे
हारमो नयम, ढ़ोलक बजेनहार खूब रह थ । प हने गा पूजाटा मे
नाटक होइत छल मुदा पछा त जा कऽ कृ णा मी, काली पूजा
इ या दमे सेहो नाटक खेलेनाइ शु भऽ गेल । हरखा रामलीला पाट
सेहो एक म हना खेला कऽ गेल छल । अ मे चा र दनपर
रामलीलाक बीचमे नाटक होइत छल । खेल शु भेल रामलीला
पाट क बना बजेन ह । मुदा चा र दन ध र माला यो ने यो
उठबैत गेलाह । रामलीला पाट क सभ कलाकारक एक दनक
खेनाइक खरचाक माला उठे नाइ कहल जाइत छल । -चा र दन तँ
माइक पर यो न यो जोशमे जा कऽ हम माला उठाएब तँ हम
उठाएब कहैत गेलाह मुदा चा र दनुका बाद रामलीला पाट क आ
अनुरोधक दे खैत ग आ सभ टोलक अनुसार माला उठे बाक एकटा
म बना दे ल ख ह । ओ ह समयमे अ भनय दे खनाइ एकटा
चम कार सन बुझाइत छल आ हम अपन कै रयर बादमे अ भनेताक
पमे बनेबाक मोने-मोन इ छा रखैत छल ँ ।

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ओ ह समय एक श न कूलमे नाटक खेलेबाक लान
श कगणक वीकृ तसँ बनल । नाटकक कताब
कतएसँ अएत ता ह ारे हम एकटा नाटक दानवीर
दधीची लखल ँ । कूलक कलाकार सभक एक
कएल ँ । आब कलाकार सभक नाम तँ सुनू । पोटहा,
लु हा, नगड़ा, पोटसुड़का, लेलहा, ढ़हीबला, कनहा,
अ हरा, तोतराहा, बौका, ब हरा ई सभ हमर बाल
कलाकार रह थ । कारण जे अपनाक शु -शा बुझ थ
से कएक नाटक खेलेताह । दहीक तोतराक क हयो यो
ढ़ही बाजल तँ ओकर नाम ढ़हीबला भऽ गेलैक। सद मे
क हयो पोटा चुबैत र ह गेलैक तँ पोटहा भऽ गेल आ
दोसर एहन भेल तँ नूमे अ तर कोना करी । से ओ जे
पोटा खसैत काल सुर कतो अ छ से तकर नाम भऽ गेल
पोटसुरका । आगाँ आऊ । ककरो अ ह रया रा तमे ठे स
ला ग गेलैक तँ कोन अत ः भेलैक ? हँ ओकर नाम
अ हरा भऽ गेलैक । ब चामे दे रीसँ बजनाइ शु कएने
छल ँ तँ अहाँ भऽ गेल ँ बौका । सोझगर छ तँ लेलहा ।

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गपक अनठबैत छ तँ भेल ँ ब हरा । नव घड़ी प हरलाक
बाद (घड़ी पाब न दन वन प तक घड़ी) हाथ कनेक
सोझ रा ख लेल ँ तँ भेल ँ लु हा । तोतराइत तँ सभ
अ छ मुदा क बयाठ टोलक छ तँ लोक नाम रा ख दे लक
तोतराहा । कनेक डे ढ़ भऽ ता क दे ल ँ आ क पपनीक
उनटा कऽ ककरो डरेल ँ तँ भेल ँ कनहा । ठे स लगलाक
बाद कनेक झखा कऽ चलल ँ तँ भेल ँ नगड़ा । आ य
कनेक पाइ बलाक बेटा छ आ क माए कनेक दबंग छ थ
तँ कनाह रहलो उ र यो कनहा क ह कऽ दे खओ !
अ तु ए ह बाल कलाकार सभक संग श न दन होएत
हमर नाटक दानवीर दधीची।

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आ नयत त थक शु भेल दानवीर दधीची नाटक । कूल खुजबासँ कछु
काल प हन ह हम सभ प ँ च गेल ँ कूल । बर डाक एक कोनमे गाम परसँ
आनल च रक पदा बनल । र सी ठ कसँ न ह ला ग सकल से ईएह नणय
भेल जे च रक ऊपर उठा-खसा कए काज नकालल जएत । तकरा बाद
कलाकार सभ अपन-अपन स
े प हरए लगलाह । स
े क छल मा पाउडर
लगा कए आ गमछा-धोती प ह र कए, सभ सभ तरहक स
े प ह र लेलक ।
जा ह मा टरसाहेबक ूट लागल छल नाटकक संचालनक हेतु, नका कोनो
आव यक काय मोन प ड़ गेल ह से ओ ओ ह दन छु मा र देल ह । गामक
पैघ तु रयाक तावत बुझबामे आ ब गेलैक जे ाइमरी कूलक छौड़ा सभ नाटक
कऽ रहल अ छ । से तुर ेमे दस टा पैघ ब चा सभ जू ट गेल आ पहकारी
देनाइ शु कऽ देलक । हम सभ कलाकारक कह लय ह जे ई सभ उ े जत
कऽ कए हमर सभक नाटकक र करत । मुदा छोटे भाइ भी ड़ गेलाह ।कहए
लगलाह जे हे बौआ सभ, हम नाटकक स
े मे छ त ई न ह बुझू जे मा र न ह
करब। एखने स
े फे क-फाइक कऽ हम सभ कम कऽ दइ जाएब अहाँ सभक।
मुदा पहक पाड़नहारक सं यामे घटती न ह भेल । आ छोटे भाइ बा ज
उठलाह जे छोड आइ ए ह नाटकक ।

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हनका सभक बदम ती हम एखने ठ क करैत छ । आ
खु ा उखा ड़ कऽ दौगलाह । तावत था ह-थो ह करए
बलाक जुमान भऽ गेलैक आ तकरा संग ह नाटक
दानवीर दधीची जे हमर लखल छल आ जकर मंचनक
नदशन हम करए बला छल ँ, बीच हमे खतम भऽ गेल ।
कछु दन ध र छोटे भाइसँ मूहा-फु ली रहल । ओ
आब थ आ कह थ जे क क , तामस उ ठ गेल छल ।
ओहो सभ अत ह कऽ दे ने छल । फेर कछु दनुका बाद
सभटा सामा य भऽ गेल । रामलीलाक आ नाटकक भूत
सेहो ए ह घटनाक बाद हमरा परसँ उत र गेल ।

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ग णत आ व ानक अ त र कोनो आन वषयक न ह तँ हम एक
बेरसँ दोसर बेर पढ़ै त छल ँ आ न हये ए ह हेतु मा टर साहेबे कहैत
छलाह । कोनो व ाथ क मा टर साहेब इ तहास आ नाग रक
शा क कताबक एकसँ दोसर-तेसर बेर पढ़ै त दे ख जाइत छलाह
तखन तँ ओ ह व ाथ क नामे ओ ह वषयसँ प ड़ जाइत छल । आब
ओ ग णतो पढ़त तँ ओकरा सुनए पड़तैक जे बाबू ई इ तहास न ह
छयैक जे कंठ थ कए रहल छ । सैया- ननानबे अनठानबे-
स तानबे- छयानबे-पनचानबे कहैत-कहैत आ बोराक आसनीक
बरखाक समयमे छ ा बनओने पाँच-चा र-तीन- -एक-एक-एक
करैत भागैत व ाथ सभ । क हयो छु क दन य कब ी खेलाइ
काल मा टर साहेब साइ कल पर चढ़ल दे खा पड़ थ तँ कब ी-कब ी,
मा टर साहेब णाम, कब ी-कब ी कहैत भागैत रह थ व ाथ ।
आ एहने एकटा घटनामे हम मा टर साहेबक ठाढ़ भऽ कए साँस
तो ड़ कए णाम कएने र हय ह आ ए ह ममे वप ी पाट ारा
लो क लेल गेल छल ँ तँ ए ह पर कोइलख बला मा टर साहेब स न
भेल रह थ आ तकर चचा कूलमे सभक सम कएने रह थ ।

77/193
बुझु जे गामक वास, बादक समयमे एकटा पैघ संबल
स भेल छल । खड़ाम प ह र कए ग तसँ दौगैत रही
फेर बषामे आ र पर प छड़ पर खड़ाम प ह र कए दौगैत
रही । प छड़ पर खड़ाम न ह पछड़ै त छल । बादमे
हवाइ च पलक आगमन भेलाक बाद कतेक गोटे ख स-
ख स कए डाँरपर गरम पा नक भाप लैत छलाह ।
अ गलही, करासन तेलक लाइन, रोशनाइक गोट ,
लबनचूस, रबड़क बॉल, ओ धक गद, पसीधक रसक
वषसँ पोख रमे माछ मरलाक बाद भेल टोलक बीचमे
बाझल मा र, बा ढ़क य दे खबाक लेल जुटल भीड़,
छोट-छोट गप पर होइत पंचैती, आमक मासमे आमक
जाबीसँ बहराइत गछप कू आमक छटा, ई सभ टा
अलो पत तँ न ह भऽ जएत ।

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“काका यौ, हम न ह लगे लअ ह कबकबाउछ”। ई गप कहैत हमर आँ खमे नोर

आ ब गेल छल । बनाइक कछु गोटे छौड़ा सभ दलान पर सुतलमे कबकबाउछ लगा

दे ने छल ह । कलम द शसँ खेल ा-कुदा कए सभ आ ब रहल छल । महारक कातमे

कबकबाउछक पात तोड़लक आ एकर पातक चमड़ा पर रगड़लासँ होअएबला

प रणामपर चचा होमए लागल । यो अपन चमड़ा पर लगेबाक हेतु तैयार न ह छल

से दलान पर बनाइक सुतल दे ख नके दे ह पर पात रग ड़ दे ल क ह । पाछाँसँ हम

अबैत छल ँ आ सभ छौड़ा तँ नप ा भए गेल , बनाइक नज र हमरा पर पड़ल ह ।

से ओ काकाक क ह दे ल ख ह । काका हमर कोनो गप न ह सुनल ह आ दस बेर कान

पक ड़ कए उ ा-बैसी करबाक सजा भेट ल । संग ह साँझ मे संग ी सभक संग खेल ेबाक

बदला काका आ नक भजार सभक संग खेत पथारक द श घूमबाक नणय भेल

जा हसँ हमर बदम ती कम होअए । बा ढ़क समय छल, नाओपर बा ढक यआ

स लीक शकार । बादमे तँ एकर शकारपर सरकार तबंध लगा दे ल क । मुदा मोन

हमर टाँग ल रहल गाम परक क पत खेल सभक दस, जे हमर सभक संग ी सभ

खेल ाइत होएताह । ई छल प हल दन । दोसर दन बे पहर ध र हम ए ह याशामे

छल ँ, जे आइ फेरसँ काकाक संग जाए पड़त । ओना संग ी सभक हम ई भास न ह

होमए दे लयैक जे हम एको र ी च तत छ आ ओ सभ नाओ आ स लीक ख सा

त मयतासँ सुनैत रहलाह ।

79/193
मुदा हमर मुखाकृ त दे ख कए काका पुछल ह, जे आइ हमरा सभक संग
जएबाक मोन न ह अ छ ? तँ हम न ञ न ह क ह सक लय ह । मुदा फेर
अपनाक स हारैत कह लय ह जे मोन तँ गामे पर लगैत अ छ । तखन काकाक
दया ला ग गेल ह आ ए ह तब धक संग जे हम आब गामपर बदम ती न ह
करब हमरा गाम पर रहबाक छू ट भे ट गेल । गाममे डेढ़ साल ध र रहल ँ आ
जखन बाबूजीक ांसफर पटना भऽ गेल ह, तखन बड़का भैयाक संगे
पहलेजाघाट आ महे घ
ू ाट दऽ कए पटना आ ब गेल ँ। ओतए कूल सभमे
वेश परी ा होइत छल आ बाबूजी भाएक छठासँ सतमाक हेतु आ हमरा
पचमासँ छठा आ सतमा नू वगक हेतु वेश परी ामे बैसओल ह। आ तकर
बाद हमरा ई बुझबामे आएल जे कएक हमरा बाबूजी पचमेमे छठाक व ान
आ ग णत प ढ़ लेबाक हेतु कहने छलाह । वेश परी ामे ईएह नू वषय
पूछल जाइत छल । अ तु हमर छठा आ सतमा नू वगक लेल आ भाएक
सतमाक लेल चयन जला कूलमे भए गेल । फेर शहरक सरकारीयो कूलमे

े छलैक, से आ य । से नू गोटे बाबूजीक संग दोकान गेल ँ आ स

सयाओल गेल, - टा हाफ पट आ एक-एकटा अंगा । कूलक प हलुके दन
मा र होइत-होइत बचल ।

80/193
एकटा छौड़ा हमरा दे हाती कहलक तँ से तँ हमरा कोनो खराप न ह
लागल । ओ ह उम रमे दे हाती श द हमरा नीके लगैत छल, मुदा आइ
सोचैत छ तँ लगैत अ छ जे ओ ई श द ं या मक प कहने छल।
फेर जखन ओ दे खलक जे ई तँ न ह ख झाएल तखन बंगाली-बंगाली
कहनाइ शु कएलक । हम नू भाइ पातर बर आ शु -शा
च कन-चुनमुन लगैत छल ँ, ता ह ारे ओ हमरा सभक बंगाली
बु झ रहल छल। हम ई ं य न ह स ह सकल ँ आ ओकरा द श
मा र-मा र कए छु टल ँ । भाए बीच-बचाओ कएलक । आब ओ
छौड़ा कानय-खीजय लागल आ पैघ वगक कोनो बदमाश व ाथ क
बजाबए लेल गेल । फेर घु र कए जे आयल तँ ओकर कानब-खीजब
ब न भए गेल छलैक, हमरा कहलक जे हमर भा य नीक अ छ जे
जकरा ओ बजाबए गेल छल से आइ कूल न ह आएल अ छ ।
तीन दन ध र हम ई गुन-धुन करैत रहल ँ जे ओ ओ ह बदमाशक
बजा कए न ह आ न लअए । ओ हना कछु दनुका बाद ओकरा फेर
कोनो दोसर छौड़ासँ झगड़ा भेलैक आ ओ ह दन ओ हीरो छौड़ा
कूल आएल छल । हमरे सोझाँमे ओ हमर क ामे आएल आ दोसर
व ाथ क एक फैट पेटमे मारलकैक ।

81/193
यो बचबए लेल तँ न ह गेलैक मुदा बादमे जखन एकटा
लासमे श क न ह अएलाह आ व ाथ सभ खाली
गप-शप कए रहल छल तखन ए ह बातक नणय भेल जे
आब ओ ह व ाथ सँ यो गप न ह करत आ लास
ट चरसँ ए ह गपक शकाइत कएल जएत जा हसँ ओ
ओ ह बदमाश व ाथ क लास ट चरक ए ह घटनाक
वषयमे बताब थ । आब ओ पनकाह व ाथ शुक-पाक
करए लागल । फेर ओ ओ ह व ाथ क लग गेल, ओकरा
कान भ र आएल जे सभ ओकरा व मे चा ल च ल
रहल अ छ । ओ बदमाश आ ब कए सभक उठबाक लेल
कहलक मुदा यो न ह उठल । तकन ओ हमरा कहलक
जे उठू । हम उ ठ गेल ँ आ तखन ओ हना एक-एक कऽ
कए तीन चा र गोटे क उठे लक आ फेर सभक उठबाक
लेल कहलक । सभ उ ठ गेल । तखन सभक धमक
दे मए लागल । मुदा ए ह बेर हमर सभक लास मोनीटर
कछु ह मतसँ काज लेलक आ ओकरा ओ ह छौड़ाक
वषयमे कहए लागल । हमरा दे खा कए कहलक जे
एकरा दे खैत छ ?

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क नयो बदमाश लगैत अ छ, एकरो अहाँक नाम लऽ कए
दबा ड़ रहल छल । ओ छौड़ा तँ ड छल से ओकर
पारा च ढ़ गेलैक आ हमर वगक पनकाहा छौड़ाक
चेतौनी दे लकैक जे आइ दनसँ कनैत- खजैत ओकरा
लग न ह आओत आ ओकर नाम लऽ कए ककरोसँ
झगड़ा न ह करत । ए हना कूल च ल रहल छल आ क
एक दन एकटा छौड़ा वगमे पहक मा र दे लकैक । ओ
छौड़ा बीच हमे ब बई भा ग गेल छल बाल कलाकार
बनबाक लेल । घु र कए आएल तँ वग श क पुछल ह
जे कएक घु र अएल ँ । तँ ओ नका कहलक ह जे
सभ ओतए कहलक जे एतए तँ सभ बी.ए., एम.ए.
अ छ, अहाँ कमसँ कम मै को कए लअह । आब
पहक क बाद वग श क पढ़ाइ छो ड़ कए ओकर
अ वेषणमे ला ग गेल । पहक कोन द शसँ आएल ।
ब मतक आधार पर एक कातक छाँ ट दे ल गेल ।

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आब आगूसँ आएल आ क पाछू सँ । ता ह आधार पर
सेहो एकटा बच नधारण भए गेल । ओ ह बच पर छह
गोटे छलाह । आब ई नधारण होमए लागल जे बाम
कातसँ आयल आ क द हनसँ । फेर छहमे सँ गोटे क
नधारण ब मतक आधार पर कएल गेल । ओ हमेसँ
एकटा हमरा लोक नक ब बइया हीरो छलाह, ज नकर
ब बइक ख सा ट फनसँ लऽ कए लेजर लास ध र
चलैत रहैत छल । मुदा ए ह नू गोटे मे १:१ केर टाइ भए
गेल कारण यो मानए हेतु तैयार न ह जे पहक के
मारलक” ।
एकर बाद डायरी खाली छल । न द बेटाक बजा कए
डायरी दए दे ल ह आ मा ई कहल ह जे पढ़ाई पर
यान दअ । ए ह बात पर ल जत होएबाक कोनो बात
न ह छल मुदा आ णक नकर भाए ब हन ए ह गपक
लेल ब त दन ध र कच कचाबैत रहल ख ह । अ तु एक
दन ओ डायरीक फा ड़ दे ल ह आ ई आ मकथा मक
उप यास पूण होएबासँ प हन ह खतम भए गेल ।

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न दक अ थाक व शु कएल गेल संघष कछु दनका वराम लेने
छल । गाममे ब चा सभ डेढ़ साल रहल छल ह, दरमाहा ब त दन ध र ब द
छल ह । गाममे पैघ भाए एकटा भावी राजनी त क क ह कए न दक
पद थापन े ीय काजसँ हटा कए ऑ फसमे च प रयोजना आ क
डजाइनमे करबाए देने छल ख ह । संगे ईहो कहने छल ख ह जे अपन
ऑ फस जाऊ आऊ आ ब चा सभ पर यान दअ । सभसँ म ल जु ल कए र
। न द पटना आ ब कए भाएक सभ गप पर यान देने छलाह । पटनामे बेट क
कॉलेजमे नामांकन करबाए महा व ालयक पा मे करायापर घर ताकल ह ।
नू बेटाक नामांकनक हेतु वेश परी ा केर फॉम सभ भरबाए सभक पटना
बजा लेल ह । भा तजक कहल ख ह जे सभक लए कए आ ब जाऊ आ
पहलेजाघाटमे ब चा बाबू बला न ह वरन बहार सरकारक ट मर पकड़बाक
आदेश देल ख ह । कारण एकटा नजी ट मर ब चा बाबूक सेहो चलैत छल
मुदा ओ बेशी पसे जर लए कऽ चलैत छल, संग ह सरकारी ट मर अपन
समयसँ चलैत छल, ओ हमे पैसजर रहए वा न ह । सरकारी ट मरमे या ीक
सं या सी मत छल ता ह हेतु टकट केर नय मत हसाब छल आ सभ या ीक
बीमा होइत छल, ई बात नजी ट मरमे न ह छल। भा तजक संग प नी आ
पु -पु ी सभ आ ब गेल ख ह । गंगा ज कॉलोनीमे न द एकाक रहैत छलाह

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प रवारक लोकक सेहो आसपड़ोससँ बेशी मेल-जोल
करबाक अनुम त न ह दे ने छलाह । मुदा पटनामे सभटा
उन ट गेल छल । पड़ोसमे एकटा रटायड फौजी छलाह,
एकटा बहार सरकारक पु लस छलाह आ एकटा बहार
स चवालयक कमचारी । न द नू बेटाक लए अ गला
दन तीनू गोटे क घर गेलाह आ सभसँ नम कार-पाती
करबओल ख ह । बेटा-बेट सभ कूल जाए लागल
छल ह । न द पाँच कलोमीटर ऑ फस पएरे जा थ आ
घुरती काल घरक काज-उ म सेहो करैत आब थ । जेना
बृह प तक हाट लगैत छल तँ ओतएसँ ह रयर तरकारी,
चाउर दा ल इ या द आनब, ई सभ । हाट र वक छु क
दन सेहो लगैत छल आ ओ दन अपने जा कए सभटा
घरक काज करैत छलाह । ब चा सभक काज मा पढ़बा
ध र सी मत छल । ध पैकेट बला अबैत छल ह कारण
उठाना हबा कए अनबामे ब चा सभक पढ़ाइमे भाँगठ
पड़ै त ।

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बड़का बेटा जे गंगा ज कॉलोनीमे क हयो ककरो फूल उखा ड़ लैत छल आ
क हयो ककरो खड़क पर ग फ क दैत छल, डेढ़ सालक ाम वासक
बाद शा त भए गेल छल ह । न दक मोन छ ह जे कॉलोनीमे एक बेर बेटाक
लए पड़ोसीक ओ हठाम गेल छलाह आ पड़ोसीक प नीसँ बेटा मा याचना
कएने छल ख ह । कारण कायालयसँ अएला उ र ात भेल छल ह जे बेटा
नका पर ग फकने छल ख ह, जखन ओ बेचारी खड़क लग ठा ढ़ बाहर
द श कछु दे ख रहल छलीह । आ छोट बेटा एक बेर कोनो पैघ ब चाक पाथर
फ क कए मारने छल ख ह, जखन ओ ब चा साइ कल पर चढ़ल छल । भेल ई
छल जे ओ पैघ ब चा कॉलोनीक एक च कर का ट कए साइ कल लौटेबाक
अपन वचनक पालन न ह कएने छल आ घुरलाक बाद -दोसर च कर लगा कए
अबैत छ - ई बजैत-बजैत साइ कल लए आगू ब ढ़ रहल छल । छोटका बेटा
मा याचना करबासँ सेहो मना कए देने छल ख ह कारण ओ सोचैत छलाह जे
नकर कोनो गलती न ह छल ह । बेश तखन ए ह बेर ब चा सभक जखन
न द पड़ोसी सभसँ भट करबाबए लेल गेल छलाह तावत ध र बड़का बेटा तँ
पूणतया अपन च चल वभावक वपरीत वभावक भए गेल छलाह मुदा छोट
बेटा अपन वभावपर रा ह करैत थर छलाह ।

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न दक नू बेट ा वगमे थम अबैत छल ह । कछु दन ध र सभटा ठ क-ठाक चलैत

रहल । पुरनका सभटा च ता- फ कर लगैत छल जेना खतम भए गेल होअए । गामक

एक गोटे सेहो पटनामे रहैत छलाह । म हनामे एकटा र व न त छल, जा ह दन

सभ गोटे कत घुमए लेल जाइत छलाह । एक र व कोनो ग आक अ हठाम तँ कोनो

आन बेर च ड़याखानाक या ा । एक बेर च ड़याखाना गेल रह थ सभ गोटे तँ आ ण

न दक पुछल ख ह-
“हमरा सभ आएल छ च ड़याखाना, बाहरमे बोड लागल अ छ बोटे नकल गाडनक
आ गेट क ऊपरमे लखल अ छ बायोलो जकल गाडन”।
“प हने सोनपुरमेल ा सभमे अ थायी चड़ै सभक दशन होइत छल आ लोकक जीह
पर ओकरा लेल च ड़याखाना श द आ ब गेल । मुदा एतए तँ कताक बीघामे वृ सभ
लागल अ छ, येक वृ पर ओकर नाम आ वन प तशा ीय ववरण सेहो लखल
अ छ आ ता ह ारे एकर नाम अं ेज ीमे वन प त उ ानक लेल बोटे नकल गाडन
प ड़ गेल । मुदा बादमे अनुभव कएल गेल जे ज तु आ वन प तक पमे तरहक
जीव व ान अ छ । ए ह उ ानमे वन प त, चड़ै आ बाघ- सह इ या द सेहो द शत
अ छ । ता ह ारे एकर नाम बायोलो जकल गाडन वा जै वक उ ान दए दे ल गेल ।
पुरनका बोड जतए-ततए र हये गेल ”।

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एक बेर सभ गोटे गेल रह थ एकटा ग आक अ हठाम । ओतए चचा
चलए लागल जे गंगा पुल केर उ ाटन तीन सालसँ ए ह साल
होएत- अ गला साल होएत ए ह तरहक चरचा अ छ । न दसँ ओ
लोक न पुछल ख ह-
“अहाँक बुझने क हया ध र ए ह पुलक उ ाटन भए जएतैक ।
मु यम ी तँ कहने छ थ जे ए ह साल एकर उ ाटन भए जएतैक”।
“क हयो न ह होएतैक । -तीन सालसँ तँ सु न रहल छयैक। यावत
एकटा पाया बनैत छै क तँ ओ हमे ततेक ने बालु दे ने रहैत छै क जे
कछु दनमे दरा र प ड़ जाइत छै क । फेर राता-राती ओकरा तो ड़
कए फेरसँ नव पाया बनेनाइ शु करैत जाइत अ छ”। गंगा पुलक
चरचा सु न न दक सोझाँ पाया परसँ गंगाजीमे खसैत जोन-मज र
सभक च ना च जाइत छल ह । न दक ववाद ठकेदार आ संगी
अ भय ता सभसँ काजक संबंधमे होइत रहैत छल ह । एकटा
पायाक कायक संबंधमे न द अपन वरोध कट कएने छलाह, कछु
दनुका बाद ओ पाया फा ट गेल, एकटा पैघ दरा र प ड़ गेल छल
बीचो-बीच ।

89/193
राता-राती ठकेदार-अ भय ता लोक न ओकरा तोड़बेल ह । रा त भ रमे
कत सँ ओतेक वशाल पाया कोना टू ट सकैत छल, कैक दन लगैत? से
अ गला दन दरा रक थान पर तरपाल बछाओल गेल, जे ककरो नज र न ह
प ड़ जाइ । ए ह घटनाक चरचा ब त दन ध र होइत रहल । न दक आदर
अपन नीचाँक कमचारीक बीच ए ह घटनासँ ब ढ़ गेल छल ह मुदा आब
ठकेदार आ अ भय ता लोक नक बीच न द रावण ब न गेल छलाह । सभ टा
काज ठ क-ठाक च ल रहल छल । न दक ब चा सभ ग णत आ व ानक
अंकग णतीय सभ जनबरीसँ माच ध र बना लैत छल ह । मुदा घरक सभ
काज कएक तँ न द वयं कए लैत छलाह, न दक ब चा सभ कूल गेनाइ आ
घर अएनाइक अ त र बाहरी नयासँ अन भ छलाह । कतओ घुमए
जा थ तँ न दक संगे, एक तरह बुझू जे न दक ब चा सभक व एकटा
अलगे री तसँ न मत भए रहल छल ह । न द सामा य जीवन तीत कए
रहल छलाह मुदा गंगा पुलक कोनो चरचा नकर अ तरमनमे लमा ल शु
कए दैत छल ह । आ ता ह ारे शनैः-शनैः ग आ-घ आक आ दो त-महीम
लग जएबाक म कम होमए लागल । फेर न ञ तँ कोनो दो त-महीम, न ञ तँ
कोनो दो तक घर अएनाइ-गेनाइ ।

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ओ ह समयमे मी डअम वेभक एकटा जापानी ां ज टर


न दक घरमे छल ह, वैह मनोरंजनक एकमा साधन
छल । नकर ब चा सभ एकरा रे डयो कहैत जाइ
छलाह, आ न द बुझबैत छल ख ह जे रे डयो ब पैघ
होइत अ छ, ां ज टर आकारमे छोट होइत अ छ । न द
जखन नोकरी शु कएने रह थ तँ बुश क पनीक एकटा
रे डयो गाम लए गेल छलाह । स से टोलबै याक भीड़
जु म गेल छल रे डयो सुनबाक लेल । मुदा ई जापानी
मी डअम वेभ रे डयो मझोला आकारक बैटरीसँ चलैत
छल आ खूब बैटरी खाइत छल, माने ई ां ज टर । बैटरी
ायशः म हनाक दस त थ ध र चलैत छल । बैटरी एक
म हनामे एक बेर अबैत छल, म हनबारी करानाक
व तुजातक संग । से न दक ब चा लोक नक मनोरंजनक
ओ साधन म हनामे बीस दन काज न ह करैत छल ।

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आ ता ह ारे ब चा सभ पलंग क नू कात टा गोल पो ट बनबैत छलाह। ई गोल

पो ट ला टकक एक-दोसरामे जुड़य बला खेल साम ीसँ बनैत छल, ई खेल साम ी

पता न ह कतेक दनसँ घरमे पड़ल छल, ायः गंग ा ज कॉलोनीमे कोनो संग ी दे ने

छल ख ह । न दक नू बेट ा नू द श ककबाक टकसँ खेल ाइत छलाह। ए बी सी डी

क कचकाराक खेल -साम ी बॉल बनैत छल । खेल क नअम सेहो भ न छल। मा

एक शॉटमे एक गोल पो टसँ दोसर गोल पो टमे गोल करए पड़ै त छल । ए ह तरहक

कैकटा नूतन ड़ाक जनक छलाह न दक नू पु । ए ह तरह समय बतैत गेल ।

बाहर एनाइ-गेनाइ कछु कम भैये गेल छल । तकर बाद टा घटना भेल । एक तँ छल

गङ् गा पुल क उ ाटन । आ दोसर छमाही परी ामे न दक नू बेट ा प हल बेर थम

थान ा त न ञ कए सकल छलाह । एकर बाद न द असहज होमए लगलाह । ओना

ए ह नू घटनामे कोनो आपसी स ब ध न ह छल मुदा न दक अ तमनक जे लमा ल

छल ह से बढ़ए लगल ह । आब ओ कएक तँ सरकारी त सँ याय न ञ पा ब

सकल छलाह आ पु लोक न सेहो पढ़ाइमे पछ ड़ गेल छल ह, से अ य श क

त नक आस फेरसँ बढ़ए लगल ह । सभ प रणामक कारण होइत छै क आ

कारणक नदान जखन यत ारा न ञ होइत अ छ, तखन अ यक त

लोकक आकषण ब ढ़ जाइत अ छ । आ न द तँ अ यक त प हन हसँ,

बा यकालेसँ आक षत छलाह ।

92/193
“न द छ थ”?
एक गोट अधवयसू, मुँहक दाँत पान नर तर खएलासँ
कारी रंगक भेल, पातर बर प ड याम रंगक, न दक
घरक ील खटखटा कए पुछल ह ।
“न ह । ऑ फससँ न ह आएल छ थ मुदा आबैये बला
छ थ । भीतर आउ, बैसू”- न दक बालक कहल ख ह ।
“हम आ ब रहल छ कनेक कालक बाद”।
कछु कालक बाद न द सुरसुरायल अपन धुनमे, जेना ओ
अबैत छलाह, बना वाम-द हन दे खने, घर प ँचलाह ।
पाछाँ लागल ओहो महाशय घर प ँचलाह। न द नका
दे ख बा ज उठलाह-
“शोभा बाबू। कतेक दनुका बाद”।
“ च ह गेल ँ”- शोभा बाबू बजलाह ।
आ एकर उ रमे न द बै स गेलाह आ नकर आँ खसँ
दहो-बहो नोर चुबए लगल ह ।

93/193
“एह बताह, अखनो ध र बतहपनी गेल न ञ अ छ”।
शोभाबाबूक अ तमन ए ह तरहक आदर पा ब गदगद भए
रहल छल।
शोभाबाबू छलाह कछबी गामक । न दक सभसँ पैघ
ब हनक दअर । ब हन बेचारी तँ म रए गेल छलीह,
भ गनी मामागाममे - न दक गाम मेहथमे- पेट खएलासँ
अक माते काल-कव लत भए गेल छलीह । न दक
ब हनौउ ब ढ़या चास-बास बला घोड़ापर च ढ़ लगान
वसूली लए नकलैत छलाह । मुदा भ गनीक मुइलाक
बाद ब हनौउसँ स ब ध कम होइत गेल छल ह । कोनो
जा न बु झ कए न ह वरन् अनायास ह । आ आइ पचीस
सालक बाद शोभाबाबूसँ पटनामे भट भेल छल ह ।
“ओझाजी कोना छ थ। हमरासभ ब त कह लअ ह जे
दोसर ववाह कए लअ मुदा न ह मानल ह”।

94/193
“आब ओ पुरान चास-बास खतम भए गेल । जमी दारी खतम आ चास-बास
सेहो । मुदा खरचा वैह पुरनके । से खेत बे च-बे च कतेक दन काज च लतए।
सभ बाहर दस भागए लागल । मुदा हम कह लअ ह जे अहाँ हमरा सभसँ
ब त पैघ छ , ब त सुख देखने छ , से अहाँ बाहर जाए कोनो छोट काज करब
से हमरा सभक नीक न ह लागत”।
शोभा बाबू कंठमे पानक पात आ ब जएबाक बह ना कए चुप भए गेलाह, मुदा
स य ई छल जे नकर आँ ख आ कंठ नू भावा तरेकमे अव भए गेल
छल ह। कछु काल चुप र ह फेर आगाँ बाजए लगलाह-
“से क ह बना नकर औपचा रक अनुम त लेने घरसँ चूड़ा-गूड़ लए नक ल
गेल ँ । रने-बने सम रया नान कए नाओसँ गंगापार कएल ँ आ सोहमे पटना
प ँ च गेल ँ । प हने एकटा चाहक दोकानपर कछु दन काज कएल ँ । ओ ह
दनमे पटनामे अपन सभ दसका लोक ओतेक मा ामे न ह रह थ । अव थो
कम छल । फेर कैक साल ओतए रहल ँ, बादमे पता चलल जे ए ह बीच गाममे
तरह-तरहक गप उड़ल । जे मरा गेल आ क साधु ब न गेल शोभा । फेर जखन
अपन चाहक दोकान खोलल ँ तखन जा कए गाम एकटा पो टकाड
पठे लयैक । आब तँ बीस सालसँ बी.एन.कॉले जएट कूल लग चाहक दोकान
चला रहल छ । ओत ह पानक टॉल सेहो लगा देने छयैक”।

95/193
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“सभटा दाँत टू ट गेल शोभा बाबू”।


“चाहक दोकानमे रहैत-रहैत चाह पीबाक ह सक भए
गेल । मुदा ता हसँ कोनो द कत न ह भेल । मुदा जखन
पानक दोकान आ ब गेल तखन गरम चाह प बयैक आ
ता हपरसँ ठं ढ़ा पान दाँत तरमे धए दयैक से ता हसँ
गरम-सद भेलासँ सभटा दाँत टू ट गेल”।
ए ह गपपर न द आ शोभा बाबू नू गोटे हँ स पड़लाह ।
फेर गप-शप चलए लागल । शोभाक भौजी तँ म र गेल
छलीह मुदा य भतीजी जबैत र हत थ तँ महथ
कछबीक बीच संबंध जी वत रहैत, मुदा बप त जे आएल
तँ सभटा एके बेर । न दक मोन पड़ल ह जे भ गनी
खेलाइत छलीह पड़ोसमे आ आ ब कए न दक माएक
कहल ह, जे फलना-अँगनाक फलना गोटे पेटपर हाथ
रा ख दे लक ह आ तखने तेहन पेट-दद शु भेल ह जे
कतबो ससारल गेल ह तैओ न ह ठ क भेल ह आ
न दक आँ खक सोझाँमे ब चयाक रह यमय मृ यु भए
गेलैक ।

96/193
शोभाबाबू कहल ह- “ओ ब चयो टा
जे जीब त र हतए तँ स ब ध जुड़ल
र हतए”।
मुदा न द जेना कत दोसर ठाम च ल
गेल छलाह । अपन ओ ह वषयपर
जे नका तगर छल ह, ब चेसँ । ई
जे पा रवा रक जंजाल, हाटसँ
तरकारी आनब, ब चाक परी ाक
प रणामक च ता करब, ई सभ
अपन अ जक कहलासँ कुमोनसँ
कए रहल रह थ ।

97/193
गंगा जक उ ाटन भए गेल आ नू पु वगमे थम न ह केलक ह
। फेर पु ी सेहो व ान लेने छलीह, अ तर नातकमे, ता मे
जीव व ान । मुदा शनैः-शनैः छमाही आएल, वा षक परी ा आएल
मुदा सभक अंक तँ नीक आब ह, मुदा थम थान न ह ा त होइत
छल ह । गंगा- ज आ परी ाक अंकमे तँ कोनो पर पर संबंध न ह
छल । मुदा न दक व ास माता- पताक कमसँ पु -पु ीक आगाँ
बढ़बापर छल । गंगा-पुल नमाणमे जे ाचार छल ओकर व
अ भयानमे नकर वफलता आ अ जक कहलापर पा रवा रक
उ रादा य व पूरा करबाक यास एकर कारण छल । ए ह बीच एक
बेर ब चा सभक काका आ न दक अ ज पटना डेरापर अएलाह।
न द गोर ला ग कए कहल ह-
“गंगा पुल दे ने आएल छ आ क ट मरसँ”।
“आएल तँ छ ट मरसँ, बुझले न ह छलए जे गंगा पुलक उ ाटन
भए गेल छै क । से घुरब तँ पुलक र ते जाएब । सुनैत छयैक जे
नबका-नबका डील स कोच सभ ढे रक-ढे र खुजल छै क”।

98/193
“न ह कोनो ज री न ह अ छ पुल सँ जएबाक । ब गड़बरी भेल छै क एकर नमाणमे

। क हयो ध स जएतैक”।
अ जक कछु बु झ न ह पड़ल ह जे क भेल अ छ न दक ।
“मोन ठ क रहैत छह ने । दमा बेश ी तंग तँ न ह कए रहल छह”- नू भाँए दमाक रोगी
छलाह।
“न ञ से सभ ठ क अ छ । मुदा अहाँक कहलासँ सभटा पुरान गप बसरबाक चे ा
कएल ँ । ओ ह पुल नमाणमे जे सभ भेल , मज र सभक पायापर सँ घुरछाही खा
कए खसब दे खैत रहल ँ, सैकड़ामे मज रसभ म र गेल । आ ाचारसँ अपन घर
भरल ह अ भय ता लोक न । आब जखन पुल क उ ाटन भेल तखन मा ३० टा
मज रक नाम शलापर ल ख कए टाँ ग दे ल ह आ सभ अ भय ताक पुर कारक
घोषणा भए गेल । क हया ई पुल टू ट कए ख स पड़त तकर कोनो ठे कान न ह । हम
संघष शु कएल ँ तँ दरमाहा ब द करा दइ गेल । सभ थानांतरणक बाद दरमाहा
ब द भए जाइत अ छ आ प रवारक गाममे छोड़ए पड़ै त अ छ । अहाँक कहलासँ
संघषक छो ड़ ए ह थानांतरणमे अएल ँ । बसरए चाहल ँ सभटा । खसैत लहास,
कनैत नकर सभक प रवार । सपनामे अबैत रहल ई सभ सह बाढ़ नक पबन
कए । हमरे सन कोनो शा पत आ मा अ छ ओ सह बाढ़ न जे अपन संघष
अध ख जू छो ड़ म र गेल होएत आ आब ा डमे घु रआ रहल अ छ । ....

99/193
...आब दे खू तीनू ब चाक परी ा प रणाम, सभ दन थम करैत
अबैत रह थ, आब क भए गेल ह। हम जे संघष बीचेमे छोड़ल ँ
तकर छ ई प रणाम”। न द हबोढ़कार भए कानए लगलाह ।
“धुर बताह । जे ाचार कएल ह से ने जानताह । जे मज र
लोक नक अ धकार मारल ह तनका ने फल भेटत ह । अहाँ तँ
अपना भ रसक संघष करबे कएल ँ । आ अपन पा रवा रक जीवन
के न ञ चलबैत अ छ । दोसराक गलतीक ारे अपन ब चासभक
बलटऽ दे बैक । ए हमे एकर सभक कोन कसूर छै क?”
फेर नू भाएँक गाम-घरक गप-शप शु भेल ह । न द बजैत-बजैत
कत बीचमे गुम भए जाइत छलाह । अ जक बुझल छल ह जे ई
बहा र आब न ह थ हत । बोल-भरोस दै त रहलाह मुदा ब चेसँ दे खने
छ थ न दक जदपना, न ह जा न आब क करत । भाब सँ सोझाँ-
स झी गप न ह होइत छल ह । मुदा अपरो स बोधन कए
कहल ह-
“क नयाँ आब अह पर अ छ । ब चा सभपर यान राखब”।

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न द अ जक संग लऽ जा कए महे घ
ू ाटमे ट मरपर छो ड़ अएलाह, कारण
नका डर छल ह जे कत ई बीचेमे बससँ पुलक र ते न ह बदा भए जा थ
आ पुल तँ आइ न ह तँ का ह धसबे करत । तकर बाद यो तष कु डली
इ या दक खोज-बीन ार भ केल ह न द । भ न- भ न तरहक पाथर सभ,
र न सभ ब चा सभक हाथमे देल ह आ अपन आँगरु मे प हरए लगलाह । एक
बेर हनुमान चलीसा क न कए अनल ह तँ जतेक गोटे घरमे छल सभक लेल
एक-एकटा आ न लेल ह । पाँच-दस टा फा जले घरमे रहैत छल, लोक सभक
लेल । जे बाहरसँ आब थ नका एक-एक टा हनुमान चलीसा पकड़ा देल
जाइत छल ह । ए ह धोखा-धोखीमे एक दन न दक एकटा ठक ता कसँ
भट भए गेल ह । न दक मनो व ानक ओ तेनाक पकड़लक जे न द नका
भगवानक त बुझए लगलाह । ओ तां क अपना लग सभ व तुक समाधान
रखने छल, ाचारीक द ड दआ सकबाक, ब चा सभक रज ट नीक
करेबाक, सभक व थ रखबाक आ आर आर तरहक सम या सभक । ई
सभटा सम याक समाधानक आधार छल तं व ान, जकर व सनीयतापर
कोनो कारक अ व ास न दक क हयो न ह छल ह ।

101/193
ओ ता क न दसँ गु त पूजा-पाठ लेल पाइ-कौड़ीक माँग करए
लागल । ओ ता क क हयो कह ह जे माता सपना दे ल ह अ छ जे
आब क नाश होएत। आबए दऔक आ सन, शारद य नवरा मे
स पूण स भए जएत । फेर मा र रास पूजा पाठक व ध,
शवासन-योग आ द बता दे लक ह न दक आ न द ओ ह सभ व धक
अनुसरण ओ हना करए लगलाह जेना एकटा व ाथ अपन गु क
पाठक अ यास नअमक अनु प करैत अ छ । आ सन भ र सभ
काज छो ड़ न द ए ह सभमे लागल रहलाह मुदा आ सन आएल आ
च लओ गेल मुदा न ञ कछु हेबाक छल आ ने कछु भेल । आ सनमे
कहल गेल जे आब अ भय ता सभक सजा भेटबे करतैक,
आबए दऔक बरखा । ए हना साल बी त गेल मुदा सजा दअएबाक
जे समय सीमा छल से आगाँ बढ़ै त रहल । पं डतजीक कछु आ थक
सम या सेहो अएल ह आ न दक तकर भार वहन करए पड़ल ह ।
घर- ारपर पं डतजीक ब चा सभ सेहो तां क व ा शु कए
दे लक। पलंगक नीचाँ भगवती- ई श द पं डतजी वा तां कजीक
ब चा बाज थ आ न द पलंगक नीचाँ भगवतीक ताकए लाग थ ।

102/193
फेर पं डतजी ववाह-दानक ताव अपन पु -पु ीक
राखए लगलाह, न दक इंजी नयर भा तजसँ अपन पु ीक
आ अपन पु सँ न दक पु ीक । आब न दक मोन उच ट
गेल ह, यावत अपना ध र गप सी मत छल ह तावत ध र
वीकार छल ह मुदा बाल-ब चाक अ हत नका क हयो
वीकार न ह भेल ह । ए हर गामक एक- गोट न दक
भा तज आ न दक भैया सेहो तां कक घरपर जाए
रबा ड़ दे ल ख ह, से ओहो अ तमे वीकार कए लेलक जे
ओकरा कोनो तं -मं न ह अबैत छै क आ न हये ओ
ए ह व धसँ ककरो सजा दआ सकैत अ छ । न दसँ लेल
पाइ ओ घुरा दे त ओ ई गप सेहो कहलक, मुदा क हयो
पाइ घुरा न ह सकल । न दक लेल ई एकटा पैघ आघात
छल ह। भ ी गामक ओ ह तां कक घरक बगलसँ
जा थ मुदा न ह तँ वैह टोकैत छल ह आ न हये न द
ओकरा टोकैत छल ख ह । ए हर न दक पु ीक ववाह
भए गेल ह आ न द जेना सभ दससँ आसरा छो ड़
बना ल यक जनगीक पथपर आगाँ बढ़ए लगलाह ।

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पएरे ऑ फस गेनाइ-एनाइ, साँझमे सोचैत रहनाइ । कछु ंथ सभक
जे पठन होइत छल ह सेहो ब न भए गेल छल ह । ब चा सभक
संग बै स कए जे पढ़ै त छलाह सेहो आब कहाँ भऽ पबैत छल ह ।
फगुआ आ गापूजामे गाम जेबाक जे म छल ह सेहो आब टू ट
रहल छल ह । पूरा प रवार आब मा गापूजामे गाम जाइत रह थ ।
मुदा न द फगुआमे असगरे गाम जेनाइ न ञ बसरैत छलाह । ए हना
गाम जाइ आबएमे न द गाममे एकटा रक पीसाक ए हठाम जाए
आबए लगलाह । पीसा कालीक भ रह थ । नकर गाम न दक
गामक बगलमे छल ह । बेचारे नीक लोक । न द नका लग जा थ
आ वचन सुन थ । फेर नकासँ द ा सेहो लेल ह । काली-
सह णामक पाठक अ त र आर कछु न ञ, न द भ र दन ओही
पाठमे लागल रह थ । न दक मोनमे डाइन-जो गन सभक वचार
अबैत रहैत छल ह । आस-पड़ोसक लोकक शंकाक एँ दे खैत
रहैत छलाह । ब चा-सभक संग परी ा दआबय जाइत छलाह,
शं कत मोने जे नकर कोनो श ु नकर ब चा सभक हा न न ञ
प ँचाबए । मुदा पीसाजीसँ द ा लेलाक बाद नकामे वर ज नत
आ म व ास आएल छल ह ।

104/193
फेर सभटा काज म थर ग तसँ होमए लागल । ब चा सभक पढ़ाइ-
लखाइ, ओकर सभक नोकरी-चाकरी । वैह म यम वगक जोड़ल
पाइ, वैह म यमवग य आकां ा । बआह-दानक झमेला । घरक आ
बाहरक छोट-मोट वाद- ववाद । ब चा सभक व सँ तयो गता
करबाक साहस दे ख न द जेना आर आ त भऽ गेल छलाह ।
कारण घरसँ बाहर क हयो नकर ब चा सभ नकलैत न ह रहए । घर
अएलाक बाद दोस-महीम सभ सेहो न ह । बाहरक नयाँसँ तैयो
तयो गता कए रहल छल । तयो गता परी ाक ल खत परी ामे
उ ीण भऽ जाइत छलाह मुदा सा ा कारमे भाषा आ ा तक गप
आ ब जाइत छल ह । न द ब चा सभक क हयो ओ ह तरहक
वातावरणमे पालन न ञ कएने छलाह से ब चो सभ आ यच कत
भऽ जाइत छलाह जे ई कोन नव प रवेश अ छ । मुदा फेर न दक नू
पु नोकरीमे ला ग गेलाह । आ णसँ न दक जतेक पैघ पदक आशा
छल ह से तँ ओ न ञ पा ब सकल रह थ मुदा भारत सरकारक बी
ुपक नोकरी भे ट गेल छल ह नका । जमाय सेहो अ भय ता
छल ख ह ओ सेहो सरकारी सेवामे ला ग गेलाह ।

105/193
दोसर बेटा सेहो बकमे अ धकारी ब न गेल ह । सनेमा
हॉलमे १० बरखसँ सनेमा न ह दे खने रह थ न दक ब चा
सभ । पटनाक पूजाक मेला, पटनदे वी, गोलघर कछु
न ह दे खने छलाह न दक ब चा सभ । ए ह वषयपर
प हने तँ लोक हँसी कर ह मुदा बादमे सभक लागए जे
ईएह तँ न दक प रवारक व श ता तँ न ह ब न गेल अ छ
? न दक घरमे टे ली वजन सेहो न ह छल ह ई सेहो लोक
सभक लेल आ यक वषय छल । न द आ नकर
स पूण प रवार भारतीय टे ली वजनपर सा रत भेल
रामायण धारावा हकक एकोटा एपीसोड न ह दे खने
छलाह । कारण न दक घरमे टे ली वजन छल ह न ह आ
यो गोटे दोसराक घर ओ ना न ह जाइत रह थ, ट .वी.
दे खए लेल जएबाक तँ े न ह छलए । नोकरी
पकड़लाक बाद आ ण घरमे एकटा टे ली वजन
अनल ह । ओतए महाभारतक चार दे ख न द एक दन
प नीक कहल ख ह-

106/193
“अपन ट .वी.मे महाभारत कएक न ह दैत अ छ ?”
“अपना ट .वी.मे खाली डी.डी.१ अ छ । ऊपरमे एक गोटे रहैत छ थ से कहैत
रह थ जे नका घरमे बेटा एकटा ३०० टाकामे मशीन अनल ह-ए । ओकरा
ट .वी.मे लगा देलासँ डी.डी.मे ो अबैत छै क । ओहीमे महाभारत अबैत छै क ।
बेटा तीन हजारमे ट .वी.क न देल ह । आब तीन सए टाका अहाँ लगा कए
ओ मशीन अ गला मासक दरमाहासँ आ न लेब”।
“ जनकर ट .वी.छ ह सैह तकर मशीनो अनताह”।
आ णक ए ह गपक जखन पता लागल ह तँ नका हँसी ला ग गेल ह ।
अ गले दन ओ ह मशीनक लगबेल ह । अ गला र व पताजी जखन
महाभारत देखल ह तँ सभ गोटे ब स न भेलाह । ओही मासमे आ ण
आ स आ क ह थयारक े नग लेल पटनासँ बाहर गेलाह । ए ह एक मासक
े नगक बीचमे गा पूजा पड़ैत रहए । पताजी प हल बेर गापूजामे गाम न ह
गेल रह थ। आ ण सेहो बीचमे शु -श न-र वक गापूजाक छु दे ख पटना
आ ब गेलाह । र व दन रहए । महाभारत च ल रहल रहए । आ णक एकेटा
संगी रह ह । ओकरा संगे आ ण बन खेने-पीने कोनो काजसँ बाहर गेल
छलाह । संगीक संगे घरपर अएलाह। माँ नू गोटे लेल खेनाइ अनल ख ह ।

107/193
“बाबूजी खा लेल थ”।
“हँ तऽ । तीन बजैत अ छ । महाभारत दे खलाक बाद खा
कए सूतल छ थ । अहाँ सभ खाऊ, तावत हम नका
चाह बना कऽ दै त छय ह, तखने न न टु टत ह”।
आ ण -तीन कौर खा कऽ उ ठ गेलाह । नकर संगी
कारण पुछल ख ह-
“क भेल”?
“पता न ञ। घबराह ट भऽ रहल अ छ”।
“का ह े नगपर जएबाक अ छ ने । ता ह ारे”।
“पता न ञ”।
तावत भीतरसँ अबाज आएल । सभ यो दौगलाह।
“क भेल माँ”।
“दे खू ने । चाह आ न कऽ दे लय ह-हँ, मुदा आँ ख खो ल
कऽ दे खये न ञ रहल छ थ । आन दन तँ चाहक नाम
सु नते दे री उ ठ कए बै स जाइत छलाह”।

108/193
न दक शरीर अक ड़ गेल छल ह । क ना-रोहट सु न
ऊपरमे रह नहार एकटा डॉ टर आला लऽ आएल छलाह
आ न दक मृ युक घोषणा कए दे ने रह थ। आ ण
अवाक गु म भेल ठाढ़ भऽ गेल रह थ । नकर संगी न ञ
जा न कोन बाटे अपन संगी सभक बजा कऽ लऽ अनने
छलाह । सभक ूट लगा दे ल ह । ककरो गेटपर तँ
ककरो ॉइंग ममे । लोकक भीड़ लागए लागल छल ।
नकर संगी सभ समान बछाओनमे समे ट बछौना
मो ड़ आ ण लग अएलाह ।
“ या-कमक तैयारी करए पड़त आ ण । बाँसघाट ध र
लऽ जएबाक व था करए पड़त । हम जाइ छ गाड़ीक
व था करए”।
“बाबूजीक गामसँ ब लगाव रह ह। कहैत रह थ जे
अ गला सात ज म ध र नगर घु म कए न ह आएब ।
ओना बा केर दाह सं कार बाबूजी पटनेमे कएने रह थ ।
मुदा ओ ह समयमे पटनाक ई गंगा- ज न ह रहए । आब
तँ गाड़ीसँ हनका लऽ गेल जा सकैत अ छ, तखन दाह-
सं कार भोरमे गामेमे भऽ जएत”।

109/193
“हम व था करैत छ ”।
आ णक ओ संगी हनुमाने छल । कनी कालमे गाड़ी आ ब गेल ।
र तामे पु लस लाश दे ख रोकत से सम या आएल।
“अहाँ लग वद बला प रचय-प तँ हएत ने”।
“हँ, अ छ”।
“ओना द कत अएबाक तँ न ह चाही मुदा य र तामे पु लस टोकए
तँ दे खा दे बए”।
घर खाली भऽ गेल । ताला ला ग गेल । नू भाए आ माए मृत पताक
संग शु लप क ओ ह रा तमे पटना नगरसँ नक ल गेलाह । गंगा-
जपर गाड़ी ठाढ़ भेल । मृत क एकटा सूची टाँगल छल,
जोन-मज रक । ई सभ पुल बनेबामे ख स कऽ म र गेल छलाह ।
आ ण गाड़ीसँ उत र सूची दे खैत छ थ ।
उराँव, झा आ आर मारते रास मज र। एकटा “झा” उपा धक
मज र, बेशी आ दवासी उपा धक! ब त रास मूइल छलाह, कताक
सैकड़ामे मुदा राता-रा त पु लसक मद तसँ अ भय ता- ठकेदारसभ
लहास भ सया दै त छलाह। ३० गोटे क नाम मुदा छल एतए ।

110/193
“पायाक ऊपरसँ घु रया-घु रया कऽ खसैत मज र, कतेक
ठाम हम सूचना दे ने रही, कोनो सुनबा ह न ञ भेल ।
ओकरा सभक याय न ञ दआ सकल ँ तँ लगैत अ छ
जे दोषी हम छ ”। न दक डायरीक ई अंश एक बेर
आ ण पढ़ने छलाह । ओ सोचल ह जे चलू घु र कऽ
आएब तखन बाबूजीक डायरी ताकब, कतए छ ह।
फेर गाड़ी आगाँ बढ़ल । गंगा ज पाछाँ छु ट गेल ।
आगाँ गंगा- ज कॉलोनी आएल । आ णक बालकथाक
सा ी । कूल, घर आ खेलेबाक मैदान। सटले गंगा
जक गोडॉन । कताक बेर चो रक समान कसँ एतएसँ
नकलैत छल, एकाध बेर धरायल छल । बड़का धराएल
क, कतेक च का बला, लोक गुमट लग मेला जेना
दे खए प ँचैत छलए । ब चा-सभ कक च का गनैत
छलाह, १४ च का बला अ छ वा १६ च का बला।

111/193
जीवनक तयो गतामे सभटा जेना बस र गेल छलाह
आ ण। ाचार, जोन-बो नहारक मृ यु, पताक संघष
सभटा सोझाँ आ ब रहल अ छ मुदा आब।
“फेरसँ सोझाँ आएल ई सभटा, पताक मृ त ब न कऽ
मुदा पताक हा र ब न कए तँ न ञ । ई नाम आ ण
कएक हमरा लेल चुनने छलाह बाबूजी”।
“क बजल ँ बेटा”- माँ पुछल ख ह।
“न ह । ई कॉलोनी दे ख कऽ कछु मोन प ड़ गेल”।
“न ह दे खू ई प पयाहा कॉलोनीक”।
गंगा- जक चरचा घरमे टै बू ब न गेल रहए । आ णक
बुझल छ ह ई । मुदा एकटा आर ार भ तँ न ञ भऽ
जएत । आ णक सँ माँ भीतरसँ घबरा गेल छलीह ।
आब जे चु पी पसरल से गामेमे जा कए खतम भेल ।
र तामे एकटा काश ख ड टू ट कए खसल सह बाढ़ न
न ह ओकर यून प, छाड़ न ।

112/193
अ ज मृत भाएक मुँह पक ड़ कानए लगलाह ।
“एहन भैयारी ककर हेतए । धुर बताह, पैघ भायक यो छो ड़ कऽ प हने च ल
जाइत अ छ । क हयो न ह कनेने छलह तँ आइ कए कनबा रहल छह”। स से
टोल जु ट आएल छल । समाचार सुनलाक बाद ककरो घरमे खेनाइ न ह बनल
छलैक । पता न ञ के ककरा टेलीफोन कऽ देने रहैक जे समाचार एतए प ँ च
गेल रहए ।
“कलममे बाबूक सारा लग दाह हेत ह”, अ जक ए ह इ छाक बाद लहास
ओतए गेल । का हपर उठा कए सभ प ँचलाह कलम-गाछ ।
“दे खयौ, केना मूँहपर हँसी छै क, एको र ी मूइल लगैत अ छ”- न दक अ ज
बजलाह।
आ णक पैघ भाए जखने अपन आ ग लेल हाथ पताक दस बढ़े ल ह आ क
ओ वच लत सन भऽ गेलाह । काका भरोस देल ख ह । आ गमे मलैत गेल ओ
मृत शरीर, पुनः घु र अएबाक कोनो स भावनाक खतम करैत ।
सभटा वध- वहार, लगैत रहए जेना ककरो मृ युक न ह वरन् कोनो पाब नक
इ तजाम-बात भऽ रहल अ छ, धूम-धामसँ । महापा आ क कंटाहा ा णक
नदशानुसार होइत ा कम आ साँझक पाठ ग ड़-पुराणक अ व सनीय
ववरणक । सभ स प न भऽ गेल ।

113/193
परम शां त आ क घोर कोलाहल । अपन अतीतक
पुन व ेषणमे रत रहबाक घटना म नका मोन प ड़
जाइत छ ह । आ ण ठाकुर कछु अ व थ रह थ आ
कलक ामे वुडलै ड न सग होमक समीप थ थत
वशालकाय अपाटमटक अपन लैटमे असगर ह
अ व थ थ तमे अ यावसनमे लीन । अशां तक ण
नका र ह-र ह कए अनायास ह मोन प ड़ रहल छ ह ।
जखन ओ अपन सम या सभ अपन हत-संबंधी सभक
सुना कए अपन मोनक भार कम करैत रह थ । शनैः-शनैः
सम या सभ बढ़ै ते चल गेल एतेक ध र जे आब दोसरक
सुनेलापरांत मोन आर उच ट जाइत छल ह । ता ह ारे
आब ओ अपने ध र सी मत रहए लगलाह । हत संबंधी
सभ बुझय लगलाह जे आ ण सम यासँ र हत भए गेल
छथ।

114/193
ब चेसँ सपनामे भयावह चीज सभ दे खाइ पड़ै त छल ह
आ णक । अखन ध र नका मोन छ ह कोना आध-
आध पहर रा तमे ओ घामे-पसीने भऽ जाइत रह थ आ
नकर माता- पता च तत भऽ बीय न होकैत रहैत
छल ख ह । पताक- पता आ तकर ज मदाता के?
भगवान य सभक पूवज तखन नकर पूवजके ?
लोकसभ ए ह सभक हँसीमे उड़ा दै त छलाह, क तु
बादमे जखन आ ण दशनशा पढ़ल ह तखन नका
पता चलल ह जे एकर उ रक हेतु कतेक ऋ ष-मु न
सेहो अपन जीवन सम पत कए चुकल छ थ, मुदा ई
एखनो अनु रते अ छ । अ व थताक थ तमे फेरसँ ई
सभ अनु रत नका सम व ब न आ ब गेल
छ ह । कखनोक न दमे नका लग ह जे ओ घरक छत
पर छ थ आ न ह चा हतो शनैः-शनैः छतक बन घेरल
भाग द श गेल जा रहल छ थ । गु वक कोनो श
नका खी च रहल छ ह सह बाढ़ न सन बड़का
झ टाबलाक दे हक गु व श । तावत ध र जावत ओ
नीचाँ न ह ख स पड़ै त छ थ ।

115/193
क ई छल कोनो ार धक दशा नदश आ क कोनो भ व यक घटनासँ
बचबाक संदेश ? कछु दन ध र तँ आ ण सुतबाक सही समयक पता लगबैत
रहलाह परंतु शनैः-शनैः नका ई पता ला ग गेल ह जे व आ न न ए ह
जीवनक टा एहन रह य अ छ जे नयम व अ छ आ अनु रत अ छ ।
आ आ ण पैघ भेल थ, फेर नकर पढ़ाइ शु कएल गेल- अग यक तो -
सर व त नम तु यम वरदे काम पणी, व ार भम् क र या म स भवतुमे
सदा । ीगणेषजीक अंकुशक संग गौ रशंकरक अ यथना स र तु । साते
भवतु सु ीता देवी शखर व सनी, उ ेन तपसा ल धो यया
पशुप तःप तः, स ःसा ये सताम तु सदांत य धूजटेः, जा वीफेनलेखेव
य यू ध श शनः कला । ए ह ोकक बजैत काल ायः आ ण
पशुप तःप तःक सामवेद य तारत यक बाद अनायास ह हा हा कऽ कए जोरसँ
हँसए लगैत छलाह आ बीच ह मे क जाइत छलाह । पता सोचल ह जे कम
वयसमे पढ़ाइ शु केलासँ आ णक कुस पर बै स कऽ माथपर हाथ रा ख
कऽ बैसबाक आद त तँ खतम होएत ह । माएक एकटा ग प नका प स न
न ह छल ह। ओ ब चमे ग प करैत-करैत आ णक बातक अन ठया दैत
छल थ ह। एकबेर माएक कोनो संगी आएल छलीह। आ णक कोनो बातपर
माए यान न ह दऽ रहल छलीह।

116/193
आ णक हाथमे भ र घरक चाभीक झाबा छल ह त ओ
कहल ख ह जे य नकर बात न ह सुनल जएत ह तँ
ओ झाबाक सोझाँक डबरामे फे क दे ताह। माए सोचल ह
जे हाँ-हाँ केलापर झाबा फे कयेटा दे ताह त आर अन ठया
दे ल ख ह। प रणाम नु तरह एके हेबाक छल। चाभी
ब त खोज केलो पर न ह भेटल। एखनो घरक सभ
अलमीरा आ दक चाभी डु लीकेट अ छ। एतेक दनक
बाद ई सभ सो च आ णक मुँहपर अनायास ह मु क
आ ब गेल ह। स ांतवाद पताक नोकरीमे कछु ने
कछु द कत होइते रहैत छल ह ता ह ारे ओ
आ णक ज द सँ ज द पैघ दे खए चाहैत छलाह। तेसर
सँ सोझे पाँचम वगमे फनबा दे ल गेल ह।फेर भेल ई जे
होलीक छु मे नअमानुसार सभ गोटे गाम गेल छलाह।
होली आ गापूजामे सभ बेर गाम जएबाक नयम जेकाँ
छलैक। पताजी सभक छो ड़ कए वा पस भए गेलाह।
फेर दरमाहा ब द भऽ गेल छल ह ाय़ः यैह च गाम
आएल छल जे आब सभक गाम ह मे रहए पड़त ह।

117/193
माए तँ कानए लगलीह मुदा आ ण खूब स न भेल ाह। मुदा सरकारी कूलमे ओ ह

समय वगक आगाँमे नवीन- ई लगा कए एक वग कममे लखबाक गलत पर परा

नवीन श ा नी तक आलोकमे लेल गेल छलैक कारण नवीन नी तमे आर कछु ओ

नवीन न ह छल। पताजीक जखन ए ह बातक पता चलल ह तँ ओ तमसायलो

छलाह आ एकर तकार व प पाँचम लासक बाद जखन ओ सभ शहर वापस

अएलाह तँ आ णक फेर एक वग तरपा कए सोझे छठम वगक बदलामे सातम वगमे

नाम लखवा दे ल ह। छठम वगक व ान आ ग णतक पढ़ाइ पाँचमे वगमे कए लेबाक

पताक नदशक उ े यक जानकारी आ णक तखन जा कए भेल ह जखन वेश -

परी ामे यैह नु वषय पूछल गेल आ आ ण छ ा आ सतमा नु वगक वेश

परी ामे बैसलाह आ सफल भेल ाह। ब त दन बाद ध र जखन यो आनो संदभमे

छठम वगक चचा करैत छल तँ आ णक कछु अन भ ताक बोध होइत छल ह।

गामक वासमे एकबेर आ ण पताक च लखने छलाह कारण नकर जु ा

शहरेमे छू ट गेल छल ह। जु ातँ आ बये गेल ह संग ह च मे आ णक लखल

तीन टा शा दक गलतीक ववरण सेहो आएल आ ईहो मोन पाड़ल गेल जे एकबेर

दौ ग कए ग णतक हल करबाक तयो गतामे तीनक बदला हरबड़ीमे इयेट ा

क हल कऽ कए आ ण कोना अपन कॉपी जमा कए दे ने छलाह।

118/193
नकर वभावमे ोधक वेश कखन भेल ह से तँ नको न ह
बुझबामे अएल ह मुदा पताजी नका “ ोधक समान कोनो दोसर
रपु न ह” ए ह सं कृत ोकक दस बेर पाठ करबाक नदश दे ने
छल ख ह- से ध र मोन छ ह। एकटा घटना सेहो भेल छल जा हमे
कूलमे एकटा ब चा झगड़ाक म य सलेटसँ नकर माथ फो ड़ दे ने
छल ह। आ ण सेहो सलेट उठे ल थ मुदा ई सो च जे ओकर माथ
फू ट जएतैक हाथ रो क लेने छलाह। एकर प रणाम व प नकर
पता गोट काज केल ह। एक तँ नकर सलेटक बद ल कए
लोहाक बदला लकड़ीक कोरबला सलेट दे ल ख ह जकर कोनो ने
कोनो भागक लकड़ी खु ज जाइत छलैक आ दोसर जे कॉलोनीमे
समक अ धकारीक बैठक बजा कए कॉलोनी-अ हमे कूल खो ल
दे ल गेल जतए आ ण पढ़ए लगलाह। बादमे यो पं डत जखन
वा मी क रामायणक सु दरका डक पाठ तँ यो यो तष कँगु रया
आँगुरमे मोती आ क मून टोन प हरबाक सलाह ोध कम करबाक
लेल दे बए लगैत छलाह तँ ओ सं कृत ोक नका मोन प ड़ जाइत
छल ह।

119/193
बाल सं कारक अंतगत सहायता माँगबामे आ समझौता करबामे
अखनो नका असहजता अनुभव होइत छ ह। मुदा हा र आ जीत
नुक बराबर बू झ यु करबाक व ास नकामे न ह रहल ह। आ
वजय नकर ल य बनैत गेल ह शनैः-शनैः। जकर ओ जी-जानसँ
मद त कएल ह सेहो समयपर नकर संग दे लक ह। समय-समय
पर कएल गेल समझौता सभ नकर संघषक कम केलक ह।
जतेकसँ दो तयारी छल ह तकरे नभेनाइ मु कल भए रहल
छल ह। फेर तँ नव शहरमे नव संगीक हेतु थान न ह बचल।
मह वाकां ाक अंत न ह आ जीवन जीबाक कला सभक अ तीय
अ छ। आ ण ई नाम आब कखनो-कखनो घरमे सुनाइ पड़ैत छल।
कलक ा शहर तभाक पूजा करैत अ छ। मुदा वसायी होएबामे
एकटा बाधा छल - अं ेजीक संग बाङलाक ान जे ओ बाट चलैत
सी ख गेलाह। त जीवनमे बीमारीक थ त-अ हमे नका आराम
भेटैत छल ह। बीमा रयेमे सोचबाक आद त मोन पड़ैत छल ह। आ
ई लैट कनलाक बाद माएक सेहो बजा लेल ख ह। ओना नका
बुझल छल ह जे माए ए ह सभसँ भा वत न ह होएतीह ।

120/193
कारण ओ अ धकारी प नी छलीह आ पु क सेहो ओ ह पमे
दे खबाक कामना छल ह। ई नव शहर नक पु क वमे
सै ां तकताक थानपर ायो गकताक तशतता बढ़ा दे ने छल ह।
आब समयाभावक कारण वा य खराब भेलेपरांत सोचबोक समय
पु क भेटैत छल ह। वसायमे सफलता ा तक पूव आ ण
एकटा कागजक टग ेसमे काज केनाइ शु केल ह। अपन
म वत टग ेस मा लकसँ दरमाहाक बदला पसटे ज पर काज
करबाक आ ह केल ह। ऑडर आ न बाइं डग आ टग करबाब थ
आ आ ते-आ ते अपन एकटा टग ेस लगओल थ। कछु गोटे
हनका अ हठामसँ छपाइ करबा कए ाहकक बेच थ। नका जखन
ए ह बातक पता चलल ह तँ ओ एकटा चलाक केल थ जे सभ
बंडलमे अपन ेसक कैलडर धऽ दे ल ख ह। जखन अं तम
उपभो ाक पता चललैक जे ओ सभ अनाव यके दलालक मा यमसँ
समान क न रहल छलाह तँ ओ सभ सोझे आ ण टग ेसक
ऑडर दे बए लागल। आ णक घरमे अपन नाम कखन ँ काले सु न
पड़ ह।

121/193
कताबक ऊपर छपल नकर नाम तँ कोनो कंपनीक
छलैक- आ ओ ओकरासँ नकटता अनुभव न ह कऽ
पा ब सकैत छलाह। संसारक कुचा ल नकर पताक
संघषक अंत केने छल ह मुदा आ ण ावसा यक यु
म त कसँ लड़ै त आ जतैत गेलाह।माएक अएलाक बाद
आ ण ई नाम बीसो बेर दन भ रमे सुनाइ पड़ए लागल।
ओकर संगी लोक न उपरो ावसा यक सफलताक
घटना सभक जखन आ णक माएक सुनबैत रहैत
छलाह, ई सो च जे ओ अपन म क बड़ाइ कऽ रहल
छलाह तँ आ ण असहजताक अनुभव करए लगैत
छलाह आ ग पक दोसर द श मो ड़ दै त छलाह। नकर
माए तँ जेना नक ववाहक हेतु आएल छलीह। माय
जखन ज ठानल ह तँ नका आ य भेल ह कारण
घरमे ज क एका धकार तँ नकेटा छल ह। मुदा माए
बू झ गेल छलीह जे नकर बेटा ै टकल भए गेल छ ह
आ ज केनाइ बस र गेल छ ह।

122/193
आ ण सोचल ह जे छोटमे ब ज पूरा करबओने
छ थ त आब हनकर ज पूरा करबाक समय आएल
अ छ। ववाह फेर ब चा। माए अपन ना तमे प तक प
दे खल ह। प तक मृ युक प हन ह बेटा ै टकल ब न
गेल छल ह। मुदा आब ई न ह होएत। जे काज बेटा न ह
कए सकल से आब नैत करत। ना तक नाममे बेटा आ
प त क नामक समावेश केल ह- आ ण न द। फेर
पढ़ाइ शु - स र तु- ी गणेशजीक अंकुश आ वैह
उ ेन तपसा ल धो यया पशुप तःप तः। नकर बेटाक
प त पढ़े ल ख ह ओ तँ घर स हारैत छलीह। आब पुतो
घर स हारल ह, बेटाक तँ फुरस तये न ह। आब बा
पढे तीह ना तक।
उतप येत हमम कोऽ प समानधमा कालो म
नरव ध वपुला च पृ वी। पृ वी वशाल अ छ आ काल
न सीम,अनंत, ए ह हेतु व ास अ छ जे आइ न ह तँ
का ह यो ने यो हमर यासक साथक बनाएत।

123/193
आ ण अपनाक अपन माएसँ र
अनुभव केल ह, कछु अ व थ सेहो
छ थ आ वुडलै ड न सग होमक समीप थ
थत वशालकाय अपाटमटक अपन
लैटमे असगर ह अ यावसनमे लीन
अपन अतीतक पुन व ेषणमे रत छ थ।
तयो गता परी ा सभक उम र बाक
छल हये से चा रटा परी ामे बै स
गेलाह आ के सरकारक ई ुप बी
वद बला अ धकारी ब न गेलाह। माँक
कनेक संतोख भेल ह जे लास वन न ह
मुदा सरकारी नोकरी तँ केलक, ई
बजनेस- तजनेस तँ छोड़लक।

124/193
“चलह कनेक खा लैह, एना केने
काज न ह चलतह”। आ णक
छोटका मामा ेमपूवक दबा ड़ कए
कहल ह। या-कम खतम भऽ गेल
छल आब घुरबाक बेर आ ब गेल
छल, नोकरीक संग पताक मागपर
घुरबाक सेहो।

125/193
१९९५ क नव बरक मास। केश कटायल मुँह गामसँ
द रभङ् गा आ ओतएसँ पटनाक बस पर चढ़लाह
आ ण। कछु कताब बे चनहार अएलाह, तुक मलेने
सभ कताबक वशेषता क ह सुनओल ह। ख सा-
पहानी, उपचार, फूलन-दे वी सँ लए मनोहर पोथी ध र
सभ या ीगणक एक-एक टा पड़सैत गेलाह।ओ हमे सँ
कछु मोल-मोलाइ कएलाक उ र बकएबो कएल ह आ
सभटा वापस लए जाइत गेलाह। बससँ उतरैत काल
कंड टरसँ वाद- ववाद सेहो भेल ह। फेर नेबोक रस
नकालबाक यं क आ व कारक चढ़लाह, रस नका ल
दे खओल ह, खलासीसँ वाद- ववादक उपरांत ओहो
उत र गेलाह।फेर ककबा बला, पेन बला आ पेचकश बला
सभ च ढ़ कए उतरैत गेलाह। पुछलाक उपरांत पता
लागल ह जे गाड़ी साढ़े दस बजे खुजत, ई ग प बस
बला झु े बाजल छल। पछु लका बसक सवारीक सीट
न ह भेटल छल ह, से बेशी अबेरो न ह होएत आ सीटो
भे ट जएत, ए ह तकक संग माक टगक उपकरणक
पमे ई श छोड़ल गेल छल।

126/193
गाड़ी खुजबाक समय छल ११ बजे मुदा ११ बा ज कए पाँच मनट ध र बहस
होइत रहल जे घड़ीमे ११ बाजल अ छ आ क न ह। पाछाँ एगारह बा ज कए
दस मनट पर जखन बादमे जाएबला बसक कंड टर, अशोक म ा आ
शाहीक बसक बीचक भड़ंतक बात कए झगड़ा बजा र देलक -जे एको सेकड
य लेट होएत तँ जे बुझु से भए जएत- तखन ाइवर अक माते हॉन बजाबए
लागल। आ णक बगलक सीट पर बैस ल एकटा बू ढ़ बेटाक जोरसँ बजाबए
लगलीह, पाँच मनट गरदम गोल होइत रहल। सभ या ी च ढ़ गेलाह आ -
चा रटा या ी जे अखने र शासँ उतरल छलाह, जोर-जोरसँ बाजए लगलाह।
पछु लका बस बला नकर मोटा-चोटा उठा कए अपना बसमे लऽ जाए चाहैत
छल ह मुदा ओ लोक न पढ़ल लखल छलाह आ अगुलके बससँ जाए चाहैत
छलाह। ओ लोक न -चा रटा चौधरी-कुँअरक नाम-गाम गनओल ह, तखन
ओ ह बस बलाक बुझओलैक जे ई सभ फसाद लोक सभ अ छ- से कहलक
जे टू बाइ टूक बदला ओ ह टू बाइ ी ध कागाड़ीमे ठाढ़े जएबाके य इ छा
अ छ तँ हम क क - करायो ओ एको पाइ कम न ह लेत। से -चा र गोट
बेशी या ी लेबाक मनसूबा पूरा भेलाक बाद ाइवर गाड़ी हाँ क देलक ।

127/193
ओ ह र शा-सभ परसँ एक गोट अधवयसू चढ़ल
छलाह ।संयोग ई भेल जे आ णक दोसर बगलमे बैसल
गुनधुन करैत छलाह जे फलनाँ बड़ा बू ड़ अ छ,
एखन ध र न ह आएल। गाड़ी खुजलाक बाद अ गला
चौक पर असकसा कए ओ उत र गेलाह आ तकर बाद
ओ ह टू बाइ ी ग़ाड़ीक तीन सीट बला हीसमे आ णक
बगलमे ओ ह स जनक जगह भे ट गेल ह। आ णक
मोन थर छल ह आ बेशी बजबाक इ छा न ह छल ह।
मुदा बगलगीर प हने अ पन भा यक ध यवाद दे ल ह
जकर तापे नका सीट भेटल ह। पटनामे आव यक
काय छल ह त लेट जाएबला बससँ गेला उ र काजमे
भाङठ प ड़त ह। फेर अ पन प रचय अ स टट
डायरे टरक पमे दे लाक उपरांत ई सूचना दे ल ह जे
द रभङ् गाक संग पटनोमे नकर मकान छ ह। नू घर
अ पन पु षाथसँ बनएबाक ग पक संग, नू घरक
महला आ मारबल आ ेनाइटसँ यु होएबाक बातो
कहल ह।

128/193
बजबैका लोक क सु न नहार लोक ब प स न पड़ै त
अ छ से ओ आ णक प स न करए लगलाह। आ त
पुछल ह-
“पटनामे अपनेक मकान कोन मह लामे अ छ”।
आ ण कहल ख ह- “अ पन मकान न ह अ छ, कराया
पर छ ”।
कछु कालक शां तक प ात ओ स जन पनब सँ पान
बहार कए आ णसँ पुछल ह जे-
“पान खाइत छ ”।
“न ह”।
ए ह उ रक प ात अ पन वशेष ता दे खबैत ओ
कहल ह, जे-
“हम तँ अहाँक दाँते दे ख कए बु झ गेल छल ँ”।

129/193
पान खेलाक बाद अ पन बेट सभक सासुरक चचा
कएल ह। बेटाक आइ.ए.एस. केर तैयारी करबाक ग प
कएल ह आ कोनो ुपक चचा सेहो कएल ह जे
व ाथ लोक नक बीच ए ह तैयारीक हेतु तैयार भेल छल
आ ओ ह ुपमे वेश मा तभावान लोक नक हेतु
सी मत छल। फेर आ खरीमे ईहो कहल ह जे ओ ह
तभावान ुपक सद यता नकर पु क सेहो ा त
छ ह। आगाँ बढ़ै त-बढ़ै त गाड़ी एकटा लाइन होटल
पर ठाढ़ भेल। कछु या ी एकर वरोध कएल ह। एक
गोटे कहल ह जे ई ाइवर-कंड टर खेनाइ खएबाक ारे
ए ह घ टया लाइन होटलमे गाड़ी रोकैत अ छ। एकर
सभक खेनाइ एतए मु तया छै क आ संग ह सूचना
भेटल जे मु तया क रहतैक ओकर सभक बल
या ीगणसँ परो पमे लेल जाइत छै क आ बुझु जे
एकर सभक बल या ी सभ भरैत छ थ। नकर ईहो
अपील छल ह जे यो गोटे न ह उतरए आ हा र कऽ
बसक टाट करए पड़तैक।

130/193
कछु कालक उपरांत एकाएक सभ गोटे उतरैत गेलाह
आ ओ स जन सेहो ख सयाएल उत र फराक भऽ ठाढ़
भए म थलांचलक दशाक कारणक ा यामे नकर
ग प न ह मानबाक मनोवृ क सेहो दोषी करा र
दे ल थ ह। गाड़ी फेर खुजल आ कछु र आगू जा कए
ध काक संग ठाढ़ भए गेल। कंड टर कहलक जे सभ
उतरैत जाऊ। गाड़ी पं चर भए गेल। लाइन होटल पर
गाड़ी न ह रोकबाक अपील के नहार स जनक मत
छल ह जे लाइन होटलपर जे गाड़ी ठाढ़ भेल, तखनेसँ
जतरा खराब भए गेल अ छ। आब आगू दे खू क -क
होइत अ छ। नीचाँ उतरलाक बाद चा र-चा र, पाँच-पाँच
गोटे क गोला ब न गेल। ई जगह ायः वैशालीक आसपास
छल। एक गोटे खेतक व तारक द श यान दे ल ह। घर
सभक ऐल-फैल होएबाक सेहो चचा भेल। संग ह नकर
सभक गाम द श घर पर घर आ चार पर चार चढ़ल रहैत
अ छ आ से झगड़ाक कारण अ छ, अ पर चचा भेल।

131/193
आ णक बगलमे जे अधवयसू रह थ से कछु
घायल सन छलाह कएक तँ ए ह वधानसँ नका
जे कनी-मनी भ क लागल छल ह से टू ट गेल छल ह।
नकर बकार लाइन होटल पर आ क नीचाँ ठाढ़ भेलापर
म द भऽ गेल छल ह, से आ ण अनुभव कएल ह। फेर
बस च ल पड़ल आ ओ स जन पुनः शु भए गेलाह।
हाजीपुर शहर अएलापर तँ नक मृ त आर ती ण भऽ
गेल ह।
कछु काल बस चलल तँ एकटा कॉलोनीक द श इशारा
कए ओ कहल ह-
“ई छ गंगा ज कॉलोनी, क छल आ आब क भऽ गेल
अ छ। एक भागमे रहबाक हेतु वॉटर आ दोसर भागमे
ग -छड़-सीमट सभ भरल रहैत छल। आब तँ
कॉलोनीक मटे नसो न ह भए रहल अ छ”।

132/193
आ ण च क गेलाह। कहल ह-
“एतय एकटा कूलो तँ छल”।
ओ सोझाँ इशारा दै त दे खेल ह-
“दे खू, ओतए नामो लखल अ छ। बरखा बु नीमे नाम
अदहा- छदहा मेटा गेल अ छ”- फेर ओ च क कए
पुछल ह-
“अहाँक कोना बुझल अ छ”।
-हम ए ह कूलमे पढ़ने छ ।
-मुदा ए ह कॉलोनीमे तँ गंगा पुल नमाणक अ भयंता
लोक न मा रहैत छलाह आ कूलमे नके ब चा सभक
पढ़बाक हेतु ए ह कूलक नमाण भेल छल।
-हम सभ अही कॉलोनीमे रहैत छल ँ।
-अहाँक पताक नाम क छ ।
- ी न द ठाकुर।
पताक मृ यु पं ह दन प हन ह भेल रह ह से वग य
कहबाक ह सक न ह पड़ल छल ह।

133/193
-अहाँ ठाकुरजीक पु छ ।
ई क ह आ ण द श ओ अपन वसँ बेशी मम वक
दे ल ह।
“अहाँक नाम क छ ”। आ ण पुछल ख ह।
“आइ.ए.आजम” - ओ उ र दे ल ह।
तखन आ ण नकर सभटा ब चाक नाम गना
दे ल ख ह। नकर एकटा बेटा नेहाल आजम आ णक
लासमे पढ़ै त छल। आब नकर वर बद ल गेल ह।
-कॉलोनीमे गोटे खूब पूजा करैत छलाह। एकटा पा डे
जी आ दोसर अहाँक पताजी। पा डे जी तँ पूजाक संग
पाइयो कमाइत छलाह। मुदा अहाँक पताजी छलाह पूण
ईमानदार आ दयालु। चंदा कए हो योपै थक दवाइ
कानपुरसँ अनैत छलाह, आ मु त इलाज कॉलोनी बलाक
दै त छलाह। हमर बेट क माथमे बड़का गूर भए गेल
छलैक। कोनो एलोपै थक बलासँ ठ क न ह भेल छलैक।
अह क पताजी ओकरा ठ क केने छल ख ह। इंजी नयर
र हत ँ हो योपैथीक ड ी नका रह ह।

134/193
ाइंग ममे हो योपैथीक छोट-पैघ, सादा-रंगीन शीशी
सभ आ णक आँ खक सोझाँ आ ब गेल।
-आइ का ह कतए पो टे ड छ थ। ब त दनसँ स पक
टू ट गेल। एतु का बाद कत संगे पो टं ग सेहो न ह
रहल। बुझू भट भेना प ह सालसँ ऊपर भए गेल अ छ।
-प ह दन प हने नकर मृ यु भए गेल ह।
आ णक कटायल केश द श दे ख ओ कहल ह-
-हमरे सँ ग ती भेल। केश कटे ने दे खयो कऽ न ह
पुछल ँ। त अहाँ भ र र ता गु म छल ँ।
फेर कहए लगलाह-
-मज रक त ब चता रहैत छल ह।

135/193
तावत बस गंगा पुल पर आ ब गेल छल। आगाँ फाटक पर बसक
टकट कटे बाक हेतु ठाढ़ कऽ दे ल गेलैक। यो गोटे संवादो दे लक जे
आगू वन-वे जेकाँ अ छ। एक कातमे रपेय रग च ल रहल अ छ।
आ णक आगाँ य घू म गेल ह। ए ह पुलक नमाणकालक पाया
सभक। कॉलोनीक टू टल दे बालक पजेबा सभ। ओ दे बाल सभ साल
टू टैत छल। पताजी कहैत छल ख ह जे इंजी नयर आ ठे केदार सभ
मलल अ छ। फेर मोन पड़ल ह सूटकेस भरल पै या। आ णक
पताजी एक लात मारने छलाह आ सूटकेस र फेका गेल रहए। एक
गोट पतयौत भाए रहैत छल ख ह घरमे, से सभटा पै या ओ ह
सूटकेसमे रा ख ओ ह ठकेदारक दे ल ह। माँ सभक भत रया
कोठली द श लऽ गेलीह। एक बेर न द पुलक पाया सभक लग
आ णक ट मरसँ लऽ गेल छल ख ह आ कहने रह थ ह-
-दे खू। ए ह पायाक नमाणमे कतेक गोट मज र ऊपरसँ घरनी जेकाँ
ना च कऽ गंगामे ख स पड़ल। सएसँ ऊपर। कतेक हमरा आँ खक
सोझाँ। ओ हमेसँ मा कछु ए प रवारक कंपेनशेसन दे ल गेलैक।
आन सभक ने ल टमे नाम छै क, ने यो पता लगेलकैक। तैयो सभ
अ भयंता लोक न ठकेदारसँ मलल अ छ।

136/193
तावत बस गंगा पुल पर आ ब गेल छल। आगाँ फाटक पर बसक
टकट कटे बाक हेतु ठाढ़ कऽ दे ल गेलैक। यो गोटे संवादो दे लक जे
आगू वन-वे जेकाँ अ छ। एक कातमे रपेय रग च ल रहल अ छ।
आ णक आगाँ य घू म गेल ह। ए ह पुलक नमाणकालक पाया
सभक। कॉलोनीक टू टल दे बालक पजेबा सभ। ओ दे बाल सभ साल
टू टैत छल। पताजी कहैत छल ख ह जे इंजी नयर आ ठे केदार सभ
मलल अ छ। फेर मोन पड़ल ह सूटकेस भरल पै या। आ णक
पताजी एक लात मारने छलाह आ सूटकेस र फेका गेल रहए। एक
गोट पतयौत भाए रहैत छल ख ह घरमे, से सभटा पै या ओ ह
सूटकेसमे रा ख ओ ह ठकेदारक दे ल ह। माँ सभक भत रया
कोठली द श लऽ गेलीह। एक बेर न द पुलक पाया सभक लग
आ णक ट मरसँ लऽ गेल छल ख ह आ कहने रह थ ह-
-दे खू। ए ह पायाक नमाणमे कतेक गोट मज र ऊपरसँ घरनी जेकाँ
ना च कऽ गंगामे ख स पड़ल। सएसँ ऊपर। कतेक हमरा आँ खक
सोझाँ। ओ हमेसँ मा कछु ए प रवारक कंपेनशेसन दे ल गेलैक।
आन सभक ने ल टमे नाम छै क, ने यो पता लगेलकैक। तैयो सभ
अ भयंता लोक न ठकेदारसँ मलल अ छ।

137/193
भ क टू ट ल ह आ णक। बससँ उत र ओ ह पुल क नमाणमे शहीद मज रक ल ट

फेर दे खल ह। ब त कम लोकक नाम छल- ायः बन कंपनसेश न बलाक नाम न ह

रहैक। बस शु होएबाक सूरसार कएलक तँ आ ण आ आजम साहब बस पर

धड़फड़ा कऽ चढ़लाह।
ओ पुनः बाजए लगलाह।
-पटनामे अहाँ कहल ँ जे करायाक मकानमे रहए जाइत छ ।
-हँ। पताक याकमक हेतु गाम गेल छल ँ, पताक मृ युक उपरांत माँ केर मोन
ओ ह घरमे न ह लगत ह, ता ह हेतु ओ गामेमे र ह गेल छ थ। आब पटना प ँ च कऽ
दोसर डे रा ताकब। ओना हम तँ कलक ामे नोकरी करैत छ ।
-बुझ ू। तीस बरख पी.डब यु.डी. मे ईमानदारीसँ काय कएलाक उ र एकटा घरो न ह
बना सकलाह। लोक क -क न ह कए गेल । हम ँ १९८१ क बाद अह क पताजीक
लाइन पर चलए लगल ँ। टा घरो जे बनेने छ से नामे-मा क -महला। अध ख जू,
ऊपरमे एक-एकटा कोठली अ छ। अहाँक पताक क दे ल क ह सरकार ? आ क
भेट ल ह। रटायरमे टक प हन ह मृ यु। ने कोनो स मान। पुल क उ ाटन पर -
हजार सभ अ भयंताक सरकार दे ल क। ओ तँ अ ला-भगवानक प छलाह।
स मानक लालसाक हेतु काज न ह कएल ह। सभ व स डवीजनमे जएबाक हेतु
पैरवी करए आ ई नन-व समे जएबाक हेतु पैरवी कर थ।

138/193
फेर ओ आ णसँ पुछल ह जे-
-अहाँ क करैत छ ।
- पता,माए आ भाए पटनामे रहैत छलाह, हम कलक ामे इंटेलीजे स
वभागमे छ , क हयो वरद रहैत अ छ क हयो मनाही रहैत अ छ।
-दरभंगोमे आ पटनो मे आउ। मायोक अ नय । हमर प नीक ब
नीक लगत ह। नेहाल तँ पटनेमे अ छ।
फेर अपन पटना आ दरभंगा नू ठामक पता अपन ने हल हाथसँ
पकड़बैत पटनाक हा डग पाक बस टै ड पर उतरलाह।
बाहरसँ पटना अएलापर हो डगक दे ख आ ण स न भए जाइत
छलाह। मुदा पताक छायाक र भेलाक बाद आब ए ह नगरसँ लगाव
न ह तयो गता करए पड़त ह नका। ई कोन संयोगपर संयोग भऽ
रहल छल। आजम साहेब आइये कोना भे ट गेलाह। प ह सालसँ
कएक यो न ह भेटल रह थ आ अक मात् नय त क चाहए छ ह
नकासँ।
र शा पक ड़ घरक लेल नकललाह। फेर सोचनी ला ग गेल ह।

139/193
एक बेर बाबूजीक कटहरक कोआ खेलाक बाद पेट फू ल
गेल ह, बजे रा तमे। ईहो न ह फुराइत छल ह, जे
बगलमे वनजीक बाबूक बजा लय ह जे कोनो
डॉ टरक बजा दे ताह। फुरायल तँ छल ह मुदा क हयो
गप न ह छल ह तँ आइ काज पड़ला पर क हत थ ह से
हयाऊ न ह भेल ह। माए केबाड़ पी ट कए पड़ोसीक
उठे ल ह, कनैत खजैत रहलीह। पड़ोसी डॉ टरक
बजओलक, तखन जा कए बाबूजीक जान बाँचल ह।
माय ाप सेहो दै त रहल ख ह आ ईहो कहैत रहल ख ह
जे पाँच वषक बेटा रहैत छै क तँ सभ भरोस दै त छै क जे
कनैत कएक छ , अहाँक तँ पाँच वषक बेटा अ छ। आ ई
सभ .....जाह, अपने भोगबह हम तँ नयासँ च ल
जाएब। ब हन कॉलेजमे पढ़ै त छल ख ह। कॉलेजक र ता
पएरे जाए पड़ै त छल ह। आ कॉलेजसँ आगाँ कूल
छल ह आ ण नू भाँएक। ब हन कहल ख ह जे अ ँ
सभ हमर संगे चलू। एक दन नू भाँय संग गेबो कएल
रह थ। मुदा गप बनु केने नू भाँय आगू-आगू झटकैत
चल गेलाह।

140/193
मोनमे ईहो भय छल ह जे छौड़ा सभ ची ह न ह जाए जे हमरा सभक ई ब हन छ थ।

आब ई सोचैत छ थ जे च हये जाइत तँ क होइत। अपन वक वकासमे कमी

छल ह ई ? बादमे पैघ भेल ाह तँ माँ-बापक उकटै त छ थ जे घरघु सू आ मुँहचु क

सं ा जे दे ल ँ अहाँ सभ, क हयो ई सोचल ँ, जे कोनो पड़ोसीसँ ग प न ह करबाक,

संग ी-साथी न ह बनएबाक, घूमब- फरब न ह करबाक उपदे श क पाछू -जे अहाँ सभ

उपदे श दे ल ँ- ओकर पाछाँ इ छा समाजक बुराइसँ र करबाक छल, परंतु यैह तँ

बनेल क मुँहचु आ घरघु सू सभक।रा तमे माए-बापक झगड़ाक सीन सपनामे दे खैत

छलाह आ डरा कए उ ठ जाइत छलाह। पैघ भाए ब हनसँ अ णक खूब झगड़ा होइत

छल ह मुदा एक बेर माए-बापक झगड़ाक बाद, खूब कानल छलाह, खूब बाजल

छलाह। ओ ह घटनाक प हने कछु दनसँ भाए-ब हनसँ झगड़ाक बाद टोका-टोक

ब द छल ह। सभ बेर वैह लोक न आगाँ भऽ टोकैत छलाह। मुदा ए ह बेर आ ण

कानैत-कानैत ब हनक टोकल ह आ फेर क हयो ब हनसँ झगड़ा न ह भेल ह। भाए

प ठया छल ह, संग े पढ़ै त छल ख ह, ता ह हेतु ओकरासँ तँ झगड़ा होइते रहल ह,

मुदा कम-सम।ए ह सभ गपक हेतु माँ पताजीक दोषी कह थ। माँ सभसँ- पड़ोसी-

संबंधी, जान-पहचानसँ गप करबासँ क हयो न ह रोकल ह आ कह थ ह जे सभटा

दोष पताक छल ह।एक बेर लोब कनबाक ज कएल ह आ ण।

141/193
कएक बेर समय दे ल गेल ह जे आइ अएत- का ह अएत। आ ण
पढ़ब छो ड़ दे ल ह। आ तखन जा कए लोब अएल ह। ब हन
अखनो कहैत छ थ ह जे लोब अनबाक ज क पूरा भेलाक बाद
अ णक पढ़ाइक लय टू ट गेल ह। वगमे थान थमसँ नीचाँ आ ब
गेल ह आ पताजी एकर कारण तं -मं मे ताकए लगलाह। एकटा
तां कसँ भट भऽ गेल ह।कतेक दन सभ गाममे रहैत जाइत
गेलाह। गंगा ज कॉलोनीमे एकटा एकाउ टट बाबू छलाह। ओ
बाबूजीक कहल ख ह जे अहाँ तँ घूस न ह लैत छ मुदा अहाँक प नी
अहाँक नाम पर घूस लैत छ थ। तकर बाद सभ गाम प ँचा दे ल
गेलाह। सभ ांसफरक बाद बहार सरकारक नौकरीमे दरमाहा बंद
भऽ जाइत छै क। आ ता ह ारे सभ ांसफरक बाद न द सभक गाम
पठा दै त छलाह। ए ह ममे एक बेर सभ गाममे छलाह। न दक च
माँक नामसँ गाम आएल छल ह। आ ण पढ़ने रह थ। न द
आ णक माएक लखने छलाह जे य अहाँ घूसक पाइ लेने छ तँ
लौटा दयौक। हम वजीलसक लखने छ , छापा पड़त, तखन पाइ
नकलत तँ ब बदनामी होएत।

142/193
ए ह सभ प र थ तमे कूलमे आ ण घरक प र थ तक
बस र जएबाक यास करए लगलाह। झु े कँ हँसए
लगलाह। ई आद त पक ड़ लेल ह। घरक बड़ाइ करए
लगलाह। लोक सभ न दक ईमानदारीक तँ चचा क रते
रहए। आ ण घरक कलहक वषय घरक बाहर अनबासँ
परहेज करए लगलाह, लोक बुझत तँ हँसत। आ बुझू जे
ईमानदारीक लैमरक जबैत जाइत गेलाह। सोचबाक आ
गुनधुनीक आद त एहन पड़ल ह जे सुतैत सपनामे आ
जगैत लखबा-पढ़बा काल ध र ई सह बाढ़ न जेकाँ
पाछाँ न ह छोड़लक ह। दसमामे छमाही परी ा कछु
दन प हने दे ने रह थ। कॉमसक परी ामे एकटा
बनेल ह। मुदा ओ गलत ब न गेल ह, फेर दोसर आ
तेसर बेर यास केल ह। सभटा क उ र अबैत
छल ह मुदा प हले क उ र पूरा न ह भऽ रहल
छल ह। कॉपीक अंगाक नीचाँमे नुका लेल ह।

143/193
आ पा न पीबाक बह ने जे बहरेलाह तँ घर प ँ च गेलाह। पढ़ै त-पढ़ै त
सोचए लगैत छलाह। ए के प ना उनटे ने घंटा बी त जाइत छल ह।
च ड़याखाना गेल रह थ एक बेर। कछु गोटे नकर सभक सर-
संबंधी लोक न ओतए नका सभक भे ट गेल ख ह। ब हाइ-फाइ
सभ। ओना तँ कहल ख ह कछु न ह मुदा नकर सभक बगेबानी
दे ख कए आ णमे हीन भावना अएल ह। चु पे भीड़मे नक ल
घरक लेल प ँ च गेलाह। जेबीमे पाइ न ह रह ह से पएरे नक ल
गेलाह। ओतए च ड़याखानामे सभ डराइत रहल जे कतए हरा गेल।
सभ घर प ँचल तँ सभक फु सय कहल ह जे स े भोथला गेल
रह थ। स बात ककरो न ह बतेल ह।सभ लोक जे भेट थ ह यैह
कह थ ह जे अहाँ फलनाक बेटा छ । बेचारे भगवाने छ थ। ऑ फसमे
पताक दरमाहाक लेल पे- लप बनबाबए पड़ैत रह ह। एक बेर
आ ण पे- लप बनबए गेल छलाह। करानी बाबू बाजल- हनकर
पताक पे- लप बना पाइ लेने बना दय । पताजीसँ न ह तँ
सहकम खुश छल ह न हये ठ केदार सभ। सहकम ए ह लऽ कए जे
न ह वयं कमाइत अ छ, न हये दोसराक कमाय दै त अ छ।
पैघभायक गनती ब चामे बदमाशमे होइत छल ह।

144/193
एक बेर ांसफरक बाद जखन सभ गाम गेलाह, तँ पैघ भाय जे
सभक फुलवाड़ीसँ नीक-नीक गाछ उखा ड़ कय अपना घरक आगाँ
लगा लैत छलाह, से आब एक ह सालमे द बू, सभसँ पाछू बैस नहार
व ाथ क गनतीमे आ ब गेलाह। ओ ह बेर ांसफरक बादक गाममे
नवास कछु बेशी नमगर भऽ गेल छल ह। फेर मु यमं ी पदक
दावेदार एकटा नेताजी जखन गाममे वोट मँगबाक लेल अएलाह
तखन काका नकासँ भट कएल ह आ कहल ख ह जे हमर भाएक
व ससँ नन-व स मे ांसफर कए दयौक, ब चा सभ पोसा जएतैक।
नेताजी कहल ह जे य हम जी त गेल ँ तँ ई काज तँ हम ज र
करब। व समे जएबाक पैरवी तँ ब त आएल मुदा नन-व समे
जएबाक हेतु ई प हले पैरवी छ ।संयोग एहन भेल जे ओ नेताजी
जी त गेलाह आ मु यमं ी सेहो ब न गेलाह। ओ शपथ हण केलाक
बाद ई काज ध र केल ह जे पताजीक ांसफर कए दे ल ख ह। आ
न दक प रवार पुनः शहर आ ब गेल रह ह । गाममे रह थ तँ एक
गोटे जे आ णक भाएक संगी छलाह, ककरो अनका संगमे कहने
छलाह।

145/193
नकर अनुसार- संगीक माएक वभाव ती छल ह आ ओ खेनाइ
खाइते काल झगड़ा करए लगैत छलीह। मुदा ओ ह दन ककरो
अनका ओ आर ती वभावक दे खने छलाह।खराब आ थक
थ तक उपरांत होअएबला कलहक प रणाम आ ण दे ख रहल
छलाह। टा घटना नका वच लत कए दै त छल ह। एकटा तँ
इनकम टै स कटौतीक मास- माच मास। ई घटना तँ सभ साले होइत
छल, मुदा कटौती बढ़ै त-बढ़ै त एक साल आ ब कए पूरा माच मासक
दरमाहा का ट लेलक। माँ कहैत छल ख ह जे आब भोजन कोना
चलए जयतौह। आब भीख माँगए जइहँ गऽ सभ गोटे । मुदा न द
एकटा गामक भा तजक पो टकाड पठे ल ह आ ओ आठ सय टाका
आ न कय दऽ गेल ख ह तखन जा कए असुर ाक भावना ख म भेल
छल। भीख मँगैत अखनो आ ण य ककरो दे खैत छ थ तँ मोन
कलपय लगैत छ ह। दोसर घटना छल जखन नकर घरक आँगा
एकटा ए सीडट भेल छल आ ओकरा बाद नकर भाइ खेनाइ छो ड़
दे ने छलाह आ का न-का न कए आँ ख लाल कए लेने छलाह।

146/193
न द जखन बुझबए लगलाह तँ ओ जवाब दे ल ह-
-अहाँक य कछु भऽ जएत तखन हमरा सभक क
होएत।
पताजी इं योरस बेनी फट, जी.पी.एफ., े युट आ दक
हसाब लगाय पु क बुझेल ह जे ९९००० प या तँ तुरत
भेटत आ फेर म हने-म हने पशनो भेटत। लगभग एक
घंटा तक बाबूजी पैघ पु क बुझबैत रहलाह। एक बेर
आ णक ओ हठाम एक गोट पीसा आयल छलाह।
आइयो घरमे यो अबैत छ थ तँ सभ सुर त अनुभव
करैत छ थ। न द पीसाक सार भेल ख ह से ए ह ओहदासँ
हँसी सेहो च ल रहल छल।ओ कहल ह जे न दे जेकाँ
ईमानदार एकटा बी.डी.ओ. साहेब झंझारपुरमे छलाह।
पताजी नकर मलाह छल ख ह, क का ट अफसर
भेलाह। मुदा न दक जका नको घरमे खाटे टा छल ह।
पीसा नका कहल ख ह जे कथी ले अफसर भेल ँ,
गाममे र हत ँ आ मचान पर बै स माछ भात खएत ँ।
माछक कारबारमे फायदा होइत।

147/193
न द जखन बुझबए लगलाह तँ ओ जवाब दे ल ह-
-अहाँक य कछु भऽ जएत तखन हमरा सभक क
होएत।
पताजी इं योरस बेनी फट, जी.पी.एफ., े युट आ दक
हसाब लगाय पु क बुझेल ह जे ९९००० प या तँ तुरत
भेटत आ फेर म हने-म हने पशनो भेटत। लगभग एक
घंटा तक बाबूजी पैघ पु क बुझबैत रहलाह। एक बेर
आ णक ओ हठाम एक गोट पीसा आयल छलाह।
आइयो घरमे यो अबैत छ थ तँ सभ सुर त अनुभव
करैत छ थ। न द पीसाक सार भेल ख ह से ए ह ओहदासँ
हँसी सेहो च ल रहल छल।ओ कहल ह जे न दे जेकाँ
ईमानदार एकटा बी.डी.ओ. साहेब झंझारपुरमे छलाह।
पताजी नकर मलाह छल ख ह, क का ट अफसर
भेलाह। मुदा न दक जका नको घरमे खाटे टा छल ह।
पीसा नका कहल ख ह जे कथी ले अफसर भेल ँ,
गाममे र हत ँ आ मचान पर बै स माछ भात खएत ँ।
माछक कारबारमे फायदा होइत।

148/193
आ णक ब हनक ववाहक बाद घरमे कखनो काल
ब हनोइ अबैत छल ख ह। जमायक अ बते दे री आ णक
माँक झगड़ा पताजी सँ शु भऽ जाइत छल ह,
कएकतँ घरमे इंतजाम तँ कछु ओ र हते न ह छल।
ांसफरक बाद पताजीक अ भयान घूसखोरक सजा
दे बय पर चलल। आ जखन सरकारी तं परसँ व ास
खतम भए गेल ह तखन ओ ह तां कक फेरमे प ड़
गेलाह। घरमे माता- पताक बीच कलह ब ढ़ गेल। एक
दन पताजीसँ आ णक बहसा-बहसी भए गेल ह आ
तीनू भाय ब हन गरा ला ग कऽ कानय लगलाह। तकरा
बादसँ अ णक भाय-ब हन सभसँ झगड़ा होयब समा त
भऽ गेल ह।

आ ण अनेर गुनधुन करैत घरपर प ँचल थ।


-तीन ध र दोसर करायाक मकान ताकए लेल नकलल
कर थ आ साँझमे वैह गुनधुनी।

149/193
एक बेर घर आ ब रहल छलाह कूलसँ। घर अबैत काल मोन कोना
द न कऽ रहल छल ह। कूलसँ घर आ ब रहल छलाह। र तामे सभ
यो एक दोसरा सँ कछु असंभव घ टत होएबाक गप कऽ रहल
छलाह। आ ण नू भाए सातम क ामे पढ़ै त रह थ, संग ह-संग।
मुदा आइ पैघ भाएक पेटमे दद छल ह से ओ टफ नक बाद छु
लऽ घर च ल गेल छलाह। कूलमे सभक हँसैत दे खैत रह थ, तँ अपन
घरक थ त मोन प ड़ जाइत छल ह। ई य़ा सेहो होइत छल ह आन
ब चाक भा य पर। फेर मोनमे ईहो होइत छल ह जे नके सभ जेकाँ
प र थ त होएतैक एकरो सभक। मुदा झु े स नताक नाटक करैत
जाइत अ छ। घरमे माए-बापक कलहक बीच डरायल सन रहैत
रह थ। लगैत रहैत छल ह जे ई सभ प र थ त क हयो ख म न ह
होएतैक। न ह तँ दोसरसँ ग प कए सकैत छ थ, न हये ककरो अपन
मोनक ग पे क ह सकैत छ थ। बेर-बखत क हयो अपन सहायताक
हेतु सेहो सोर न ह कऽ सकैत छ थ। माय ठ के घरघुसका, मुँह बर
आ द वशेषणसँ वभू षत करैत छल ख ह। साँझमे घुमनाइ आ क
गापूजाक मेला गेनाइ ई सभ बात नका सभक जीवनसँ र
छल ह।

150/193
एक बेर भूक प जेकाँ आयल छल, सभ यो ील तो ड़ कय
बहरायल, मुदा आ ण खाट पर पड़ले र ह गेलाह। कछु तँ
अकम यतावश आ कछु ई सो च कय, जे क होयत घर टू ट दे ह पर
खसत तँ, सम यासँ मु यो तँ भेटत। ओ ह दन कूलसँ घुरैत काल
घरक लगमे प ँचलाह तँ भीड़ दे ख मोन हद स गेल ह जे बाबूजीक
तँ कछु न ह भऽ गेल ह। घरमे प ँचलाह तँ माँ-ब हनसँ पूछय
लगलाह, जे क भेल? सभ बोल भरोस दे बए लगल थ ह तँ आरो
तामस उठए लागल ह।जोरसँ का न कय बाजय लगलाह-
-बाबूजी म र गेलाह क ? कतए छ ह नकर मृत शरीर।
ता ह पर ब हन कहल ख ह-
-न ह, नका कछु न ह भेल ह। अहाँक संगी जे मकान मा लकक
बेटा अ छ से ओ ओकर छोट भाए, ओकर पता आ र शाबला,
चा गोटे र शापर जाइत छलाह। बेचारा र शा बला ववाह कऽ
कए क नयाँक अनन हये छल। एकटा वशाल क र शाक ध का
मा र दे लकैक। ठाम ह म र जाए गेलाह।

151/193
आ णक कानब खतम भए गेल ह। ई जे आफत
आएल छलैक से आइ ककरो अनका घरमे । ओना ओ
जे मृत भेल छल त दन ातः आ णक संग डे ढ़
सालसँ कूल जा रहल छल । सभ दन ातः सीढ़ पर ओ
कॉलबेल बजबैत छलाह आ ओ सीढ़ सँ उतरैत छल आ
संगे सभ कूल जाइत छलाह। मोन पड़ल ह जे का ह
सेहो सभ दन जेकाँ ओ कॉलबेल बजेने छलाह तँ ओकर
ब हन जे च मा लगबैत छ ल आ झनका ह छलीह, से
ऊपरसँ तमसाक कहलक ह जे कतेक जोरसँ आ दे री
ध र कॉलबेल बजबैत छ , आ सेहो जे बेर-बेर कएक
बजबैत छ , आ ब रहल अ छ। का ह तँ ओ आएल मुदा
आ ण तखन ह क ह दे ल ख ह जे का हसँ हम
कॉलबेल न ह बजायब, अहाँक हमरा संगे जयबाक
होअए तँ नीचाँ उत र कऽ आऊ आ संग चलू। ओ न ह
आएल तँ आ ण कएक कॉलबेल बज बत थ।

152/193
डेढ़ सालमे प हल बेर भेल छल जे आ ण कॉलबेल न ह बजेने
छलाह आ ओ डेढ़ सालमे प हल बेर कूल नागा कएने छल। आब
आ णक मोनमे होमए लगल ह जे कत ओ बा ज तँ न ह दे ने
होएत जे आ ण का हसँ कॉलबेल न ह बजओताह। मुदा कसाइत
ओकर कोनो आनो काय म होएतैक। कएक तँ छोट भाए आ
पताक संग र शासँ कत जा रहल छल। अ तु आ ण च तत
छलाह मुदा ःखी न ह। मोनक गप कयो बुझए न ह त मुँह लटकेने
ठाढ़ रह थ। ओ तँ मा सोचने रह थ जे का हसँ एकरा संगे कूल
न ह जएताह, जएत ई असगरे। मुदा ओ तँ असगरे न ह जएत से
स य कए दे खा दे लक। अ णक माएक आँ खमे नोर छल ह मुदा
अ णक भीतर स नता, कएक तँ नकर पताजीक मृ यु जे ट र
गेल छल ह।

दोसर करायाक घर तकलाक बाद नू भाँए सभटा समान नवका


घरमे रा ख माँक गामसँ आ न लेल ह।
आ ण अपन नोकरी पर च ल गेलाह।

153/193
“न ह एहन कोनो बात न ह अ छ”, ई तँ हमर सभक
कायक अंतगत करइए पड़ै त छै क”।
“मुदा अहाँक ई न ह बु झ पड़ै त अ छ जे ए ह बेर कछु
बेशी ू र भऽ गेल ँ अहाँ सभ?”
“ ू रताक तँ कोनो बात न ह अ छ। हमरा सभ तँ कोनो
वशेष सूचनाक आधार पर काय करैत छ ”।
“मा न लअ जे हमरा ककरोसँ मनी अ छ आ ओ ह
आधार पर वभागक ओ अपन गत वाथ आ
झगड़ाक हेतु योग कए सकैत अ छ”।
“अहाँक ककरोपर शंका अ छ?”
“न ह हम तँ उदाहरण दए रहल छल ँ”।
“न ह हमरा सभ कोनो सूचनाक आधार पर सोझे बदा
न ह होइत छ । प हने ओकर गंवेषणा करैत छ आ तकरे
बाद एतेक ठाम सच करबाक अनुम त भेटैत अ छ”।
“मुदा आब अहाँ ई क हयो दे ब जे अहाँक कोनो गलती
न ह अ छ तँ क हमर इ जत लौ ट कए अएत”।

154/193
“एना तँ हमरा सभक हाथ-पर हाथ दए बै स जाए पड़त। मुदा अ ँक
गप ठ क अ छ। अहाँक त य े षवश यो काय कएने होएत तँ
ओकरा पर कायवाही कएल जएत।”
“क कायवाही होएत। हमरा पर तँ कायवाही भऽ गेल। हमर सभटा
बायर टू ट जएत। हम सभ एतेक पुरान छ , तीन पु तसँ ए ह कायमे
लागल छ । करबो करब तँ लडे टाइन रमूवल करब ? सभ
बायरपर तँ रेड भऽ गेल, कछु कत न ह भेटल से के प तयायत ?”
ओकर बातो ठ क छलैक। ई लाइवुडक ापारी एक नंबरक काजक
हेतु जानल जाइत छल मुदा आ णक जे सूचना ा त भेल छल ह
से ओकर वपरीत छल। मुदा ई रेड तँ खाली गेल। फै टरी, घर, डीलर
सभ ठामसँ ट म खाली हाथ आएल। मुदा आब ऑ फसरक क
जवाब दे ताह। नामी कंपनी छल, अ धकारीगण डरा कऽ रेडक
अनुम त आ णक गत त ाक दे खैत दे ने छलाह।
हेड वाटरसँ फोनपर फोन आ णक आ ब रहल छल ह, भोर तँ
रेडमे भइये गेल छल, दस बजे ऑ फसमे रपोट दे बाक हेतु कहल
गेल छल ह।

155/193
फै टरीक मा लक सेहो ए हर-ओ हरक बात लऽ कऽ दस बात सुना
दे लक ह। वण लाइ ना ना ई कंपनीक द ली ध र प ँ च छलैक।
अक छ भऽ कऽ आ ण भोरमे डेरा प ँ च मोबाइल ऑफ कऽ कए
९ बजेक अलाम लगा कऽ सुतबाक यास करए लगलाह। का ह
भोरेसँ रेड च ल रहल छल, ई कोना भेल, कोनो लडे टाइन
रमूवलक क चा पच कएक न ह भेटल। केस लीक तँ न ह भऽ
गेल। मुदा केसक वषयमे आ णकक अ त र डायरे टर
वजीलसक मा बुझल छल ह। ई सभ बछौन पर सो चते रह थ,
तावत न द तँ न ह लगल ह मुदा ९ बजेक अलाम बा ज उठल।
ऑ फसमे सभ यो जेना हनके बाट ता क रहल छलाह। कतेक गोटे
ईहो सुना दे लक ह, जे ए ह केसक इंटे लजस नको सभक लग
छल ह मुदा ए ह तरहक केसमे लडेसटाइन रमूवलक स केनाइ
मु कल होइत छै क, ता ह हेतु ओ लोक न ए हमे हाथ न ह दे ल ह।
कानाफूसी होमए लागल जे ब हीरो बनैत छलाह आब ांसफर
ऑडर लऽ कए नकलताह डायरे टरक ऑ फससँ।

156/193
आ ण डायरे टरक ऑ फसमे गेल ाह आ सोझे कछु दनक समय माँ ग लेल ह। क

लान छ ह, ए ह वषयमे गप-शप घुमा दे ल थ। ए ह बेर कोनो कारक कोनो म

न ह राखए चाहैत छलाह।


आब आ ण वण लाइक फै टरीसँ आ ओकर डीलरसँ ह ट कऽ काय करए
लगलाह। सभटा द तावेज क घो ख गेल ाह। कछु जानकारी कागज पर सेहो लखए
लगलाह। फेर अपन लानक हसाबसँ कलक ासँ पटना आ ओतएसँ अर रयाक हेतु
बदा भऽ गेल ाह।

पान तँ खाइत न ह रह थ आ चाह सेहो घरे टा मे पबैत रह थ। मुदा लोकसँ कछु


जनबाक हो तँ बना चाह आ पानक दोकान गेने कोना काज चलत। से ओ चाह पान
शु कएल ह। बाबुल दादाक गु ल क द बला पान नीको ब लाग ह। तकरा बाद
बाबुल दादा अर रयाक लग पासक सभटा लाइवुडक फै टरीक ल ट दऽ दे ल क ह।
मुदा फै सभक प ँचबाक रोड सभक भगवाने मा लक रह थ। धूल -ध करमे
क ना जा कए एकटा फै टरीक पता चलल ह जे वण लाइक स लाइ दै त छल,
ओतु का दरबान आ णक कहलक ह जे मा लक दोसर फै टरीमे बैसैत छ थ, से
टा फै क पता च ल गेल ह आ णक।

157/193
आ ण थाकल-हारल ओ ह फै टरीमे प ँचलाह। एक
गोट मारवाड़ी स जन बैसल रह थ।
“कतएसँ आएल छ ”।
“आएल तँ पटनासँ छ मुदा घुरब कोना से न ह बु झ
पड़ै त अ छ”।
“हँ, एक गोट नेताक जेलसँ बाहर गोली मा र कए ह या
कऽ दे ल गेल अ छ। नेताजी रह थ तँ जेलमे मुदा घुमए
फरए पू णयाँ जेलसँ बाहर बना नअमक नकलल
रह थ। जेलर क करताह। पछला मास एक गोट कैद क
पुरनका जेलर घुमए हेतु न ह दे ने छल थ ह तँ भ ा
बजारमे गोली मा र दे लक ह। ए ह बेर जे घुमए दे ल ख ह
तँ सरकार स पे ड कऽ दे लक ह नवका जेलरक। ता ह
ह याक बाद ब दक आ ान अ छ। हमरा संगे र । एतए
हम अपन गे ट हाउसमे रहैत छ । प रवार सलीगुड़ीमे
रहैत अ छ। ववाह न ह भेल अ छ। भोरमे हमरा
कलक ा जएबाक अ छ। प हने स लगुड़ी अपन गाड़ीसँ
जाएब तँ ट बद ल कऽ पू णयाँ बस टै डमे अहाँक
छोड़ै त जाएब”।

158/193
युवा बज कर रह थ से आ णक नीक लगल ह। रा तमे गे ट
हाउसमे ब त ग प भेल ह। नेताक रंगदारीक, च दा बला सभ
जबद ती रसीद का ट जाइत छल ह।
“एनामे तँ बना लेनडे टाइन कएने घाटा भऽ जएत, हँ मजबूरी
छै क। आ तकर दोषी तँ ई नेता सभ छ थ। ापारी क करओ”।
आब मारवाड़ी युवा जकर नाम नवल छल कनेक कन छया कऽ
आ ण द श दे खलक। आ णक भेल ह जे ओकरा कोनो शंका तँ
न ह भेलैक।
“न ह लडे टाइन न ह करबाक तँ स ांत अ छ हमरा सभक। हँ
कछु एडजे टमट करए पड़ैत अ छ”।

आ णक मोन पडल ह जे कोना वण लाइक मा लको बजैत-


बजैत बा ज दे ने छल जे करबो करब तँ लेनडे टाइन रमूवल करब।
तखन करैत क जाइत अ छ ई सभ। ओना अर रयाक ई फै टरी
वण लाइक हेतु जॉब वक करैत छल, आ ता ह हेतु सरकारी
ूट क सभ भार वण लाइ पर रहैक। ई लेनडे टाइन क रयो कऽ
क करत। टै स तँ दोसराक दे बाक छै क।

159/193
तखने एकटा फोन अएलैक। रग नमगर रहैक से आ णक बुझबामे भांगठ
न ह भेल ह जे ई बाहरक एस.ट .डी.कॉल अ छ। ओ ह कॉलक बाद एकाएक
ओ युवा आ ण द श ता क कए चु पी लगा गेल।
भन सया जकरा नवलजी झा क ह संबो धत कऽ रहल छलाह, खेनाइ ब न
जेबाक सूचना देलक ह। आ ण आ नवलक बीच मा औपचा रक गप भेल।
फेर नू गोटे सू त गेलाह। भोरमे अपन वचनक अनुसार ओ युवा आ णक
पू णयाँ बस टै ड छो ड़ देलक ह। उतरबासँ प हने आ ण नवलसँ पुछल ह।
“कलक ामे वण लाइक ऑ फस छै क। ओत ह जा रहल छ क ?”
ओ युवा हँसल।
“अहाँ व जलससँ छ । हमरा का ह जे एस.ट .डी. आएल छल से वण-
लाइक कलक ा ऑ फससँ आएल छल। अहाँक वभागेक यो गोटे नका
सभक अहाँक अर रया या ाक वषयमे सूचना देल ख ह। देखू हम कहने छ
जे हम मा एडजे टमट करैत छ । आ ता हसँ हमरा कोन फाएदा होइत
अ छ? टै स तँ हमरा लगैत न ह अ छ। हँ, ता हसँ हमरा काज भेटैत अ छ।
आ बाहरी छोट-मोट खचा, वभागक, पु लसक, नेताक नक ल जाइत अ छ।
तखन बेश”।
ई क ह ओ स जन आ णक हत भ करैत च ल गेलाह।

160/193
आब कलक ा प ँ च कए आ ण जखन ऑ फस
प ँचलाह तँ सभक बुझल रहैक जे आ ण ता ह
फै क व जट सरकारी खचा पर कएल ह अ छ
जकरा पर सरकार टै सक माफ दे ने छै क।
डायरे टरसँ भट कएलाक बाद आ ण प ँ च गेलाह
पटना आ फेरसँ कलक ा। पु लस थानामे घुमैत रहलाह
आ पता करैत रहलाह जे वण- लाइ आ क ओकर कोनो
कमचारीक व कोनो केस छै क तँ न ह। मुदा ओतए तँ
वण लाइ ब नीक छ व शु एसँ बनेने छल। आब
आ ण सोचमे प ड़ गेलाह। इनपुट-आउटपुट केर
अनुपातसँ ई कंपनी करोड़ो पयाक टै सक चो र कए
रहल अ छ। मुदा माण कोनो न ह।
आ ण थाना सभमे अपन पता आ फोन नंबर छो ड़
दे ल ह जे य कोनो केस ए ह कंपनी कवा एकर
कमचारीक संबंधमे होअए तँ तकर सूचना नका दे ल
जाइ ह।अपन डायरे टरसँ कहल ख ह जे लोजर रपोट
अखन न ह दे ब। दे खैत छ कछु जानकारी कत सँ भेटैत
अ छ आ क न ह।

161/193
छह मासक बाद।
भोरमे रग भेल।
“हम कलक ा, सा ट लेक थानासँ बा ज रहल छ । एक
गोटे एकटा कम लेन लखेने छ थ जे वण- लाइ
ऑ फससँ पेमे ट लऽ कऽ घुरैत काल नकर सूटकेस
ऑटो बला छ न लेलक ह जा हमे कछु कैश आ चेक
छल ह”।
“कतेक कैस आ कतेक चेक”।
“१.७९ लाख कैस आ १.८३ लाखक चेक, ायः कैसक
कोनो इन योरस रह ह, ता ह ारे एफ.आइ.आर.
करओल ह अ छ। चेकक तँ पेमट टॉप भऽ जएत”।
आ ण ट मक संग ओ ह गोटे क घर पर छापा मारल ह
जकर पाइ आ कैस ऑटो बला छ न लेने छल।

162/193
छापाक बीचमे आ णक एकटा डायरी भेटल ह। तकरा बाद पटना
फोन कऽ अर रयाक फै टरीसँ नवीनतम रमूवलक रटन मँगा
लेल थ। फेर ओ स जन जनका घरपर छापा पड़ल छल, क ऑ फस
अनल ह। र तामे पता चलल जे ओ स जन नवलक बहनोइ छलाह
आ अर रयाक फै टरीक एकाउ टे ट होएबाक संग ह वण- लाइमे
लाइजन अ धकारी सेहो छलाह।
आब सभ त य स झा छल। जे डायरी भेटल छल ता हमे कैस आ
चेकक कॉलम बनल छल। त थ स हत ववरण छल। चेकक
भुगतानक कॉलम अर रया फै टरीक लयरससँ म ल गेल छल आ
ईहो स भऽ गेल जे सभ ांजे सनमे लगभग अदहाक पेमट वण-
लाइ ारा कैसमे दे ल जाइत छल। आ तकर ववरण न ह तँ वण-
लाइक खातामे रहैत छल आ न हये अर रयाक फै टरीमे। वण लाइ
टै स सेहो मा चेक (प कया) ारा गेल अदहा रमूवलक पेमट पर
दै त छल। आ ण ई रपोट डायरे टर क दऽ दे ल ह। एकाउ टे टक
अपराध बेलेबल छलैक। कोट ओकरा बेलपर छो ड़ दे लकैक।

163/193
“नवलक समाचार क । ब नीक लोक अ छ। मुदा कछु
बतेलक न ह”।
“ओकर का ह अर रयासँ स लीगुड़ी जाइत काल
सड़क घटनामे मृ यु भऽ गेलैक कवा करा दे ल गेलैक।
जमाय बाबूक संग एतएसँ सोझे हमरा सभ ओत ह
जाएब”। एक गोट उ े जत वर बला जे
एकाउ टे ट बाबूक लेबाक हेतु आएल छल बा ज उठल ।
“मुदा ई बू झ लअ जे अहाँक ई सफलता हमर बुरबक सँ
भेटल अ छ। य हम कैसक इन योरस लेमक
लालचमे न ह प ड़त ँ तँ ई सभ न ह होइत”- जमाय बाबू
बा ज उठलाह।

डायरे टर वण लाइक व कायवाहीक लेल ऑडर


दे ल ह। वण लाइक व करोड़ोक पैयाक टै स
घोटालाक शो-कॉज नो टस सेहो पठा दे ल गेल। आ ण
चताम न छलाह।

164/193
“ठ के तँ कहलक नवल। एडजे टमटे
तँ कऽ रहल छल। चो र तँ यो आन
कऽ रहल छल। ओ तँ मा मा यम
छल। हम तँ कत न ह ब न गेल छ
मा यम, नवलक मृ युक ?”

165/193
आ णक वसा यक सफलताक
बाद नोकरी म य सेहो सफलताक
शु आत भऽ गेल। मा यम बन थ वा
न ह मुदा पता जेकाँ हारताह न ह।
मोन पड़ैत रह ह नका सभटा गप
बीच-बीचमे ।

166/193
“कहल ँ सुनैत छयैक। बेट पैघ भऽ रहल अ छ। बेटा सभक लेल कछु न ह
कएल ँ। अपन घरो न ह बनल। रटायर भेलाक बाद कतए रहब ?”
“बेट क च ता न ह क । बेटा बला अपने च ल कए अएत। हमरा सभक
जतेक सु वधा भेटल छल, ता हसँ बेशी सु वधा हनका सभक भे ट रहल
छ ह। तखन प थु वा न ह से ई सभ जान थ। रटायरमे टक बाद गाम जा कए
रहब। सात ज म शहर द श घु म कए न ह आएब”।
“ यो सर-कुटुम अबैत छ थ तँ नका स कार करबा लेल घरमे इंतजामो न ह
रहैत अ छ”।
“इंतजाम करबाक क ज र त अ छ। एक पैली बेशी लगा दयौक अदहनमे”।
आ ण माए-बापक ए ह तरहक वा ालाप सु न पैघ भेल थ। एक बेर
हॉ पीटलमे पताजीक देखए लेल एक गोट कुटु ब आएल रह थ। नकर गप
सेहो कछु एहने बुझा पड़ल ह।
“क कऽ लेल ँ शरीरक। ई ब चा सभक दे ख कए मोहो न ह भेल। कतए
पढ़ै त जाइत ई सभ। आ कोनो टा सु वधा, न हये कोनो टा च ते छल अहाँक।
अपनो आ एकरो सभक जनगी बबाद कएल ँ।”

167/193
तखने वधान भेल। प नी कहल ख ह जे
एकटा फोन हो ड अ छ-
“आ ण। एकटा पैघ राजनी त च ल रहल अ छ
ऑ फसमे। अहाँक व ष ं च ल रहल
अ छ। अहाँक चेतेनाइ हमर काज छल। मुदा
अहाँ तँ कोनो तरहक त या दै ते न ह छ ”-
फोन पर नकर वैह एकमा संगी रामभ -
हनुमानक अबाज सु न रहल छलाह आ ण।
“आ ण। क भऽ गेल। बाबूजी जेकाँ डराएल
रहब। कछु दनुका बाद हा र मा न ऋ ष भऽ
जाएब। आ क क संहार करब। ए ह नूमे क
चुनब अहाँ”।
“ च ता न ह क ”- हँसैत बजलाह आ ण फोन
पर आ फोन रा ख दे ल ह।

168/193
ऑ फसक एकटा लॉबी आ णक पाछाँ प ड़ गेल छल। ांसफर-पो टं ग केर बाद

आ णक ऊपर दवाब आ ब गेल छल। कछु गोटे नकर व बना-कोनो

आधारक कछु क लेन कए दे ने छल ह। एकटा ऑ फसर शशांक केर हाथ छलैक

ए हमे। ओकर खास-खास आदमीक पो टं ग मोन-मुता बक न ह भेल रहए आ ओ

ोमोशनमे आ णक पाछाँ करए चाहैत छल। ए ह बीचमे आ णक फोन कछु दन

डे ड छल ह। तकरा बाद नकर फोनसँ अबुधाबी आ बइ फोन कएल गेल छल। मुदा

ओ ह समयमे सरकारी फोनमे आइ.एस.डी. केर सु वधाक हेतु टे ल ीफोन वभागक

सू चत करए पड़ै त छल। नकर ऑ फसक एकटा शास नक अ धकारी टे ल ीफोन

वभागक च ल ख कए ई सु वधा आ णक जानकारीक बना करबाए दे ने छल।

वजीलसक जाँचमे ओ बयान दे ने छल जे आ ण ए ह ऑ फसक मु य छ थ आ

नकर मौ खक आदे श ोक पालन करए पड़ै त छ ह नका। से आइ.एस.डी. केर

सु वधाक लेल टे ल ीफोन वभागक ओ आ णक मौ खक आदे श पर च लखने

छलाह। मा फया ओकरा तो ड़ लेने छल आ ओ हमे ओ शास नक अ धकारी

अपनाक सेहो फँसा लेने छल।


सोम दन फै स आएल आ आ णक ांसफर भऽ गेल ।
“ र ेज ट क ए ह आदे श क व ”- वैह चरप र चत वर, मणी क।
“अ ँ कोन झमेल ामे पड़ल छ । सभ ठ क भऽ जएत”- बजलाह आ ण फोन पर।

169/193
शशांकक घरपर पाट भेल।
“ म टर आ ण र ेसे ट तक न ह
कएल ह। रलीव भऽ कए च ल
गेलाह। बुझू सरे डर कए दे ल ह
अपनाक ”।
“ ोमोशन बुझू जे दस साल ध र
कल रहत ह। सी नय रट मारल
जएत ह। बदनामी भेल ह से अलग।
सुनैत छ जे फोनपर बइक मगलर
सभसँ गप करैत छलाह”।

170/193
ओ हर आ णक अपन बाबूजीक ांसफर,
ईमानदारीक लेल कएल संघष, संघषक वफलता
आ तकर बाद नकर तं - व ा आ पूजा-पाठक
द श अपनाक ओझराएब आ घर- ार, ऑ फस
आ सांसा रकतासँ वर मोन प ड़ गेल ह।
ए ह सभ घटना मक बाद नकर मुँहपर एकटा
च ताक रेखा आएल छल ह। मुदा से बेशी दन
ध र न ह रहल ह आ णक मोन पर। हा रक
जीतमे कतोक बेर बदलने छलाह ओ।
नोकरीयोमे आ ओ हसँ प हने वसायमे सेहो।
“क यौ मणी । कोनो फोन-फान न ह। हमर
ांसफर भऽ गेल तँ अहाँ सभ तँ बस रये
गेल ँ”।
“हम क , सभ यो बस र गेल अहाँक एतए”।

171/193
“अहाँ क बुझल ँ। जे हम सेहो बस र गेल छ । अहाँक
मोन अ छ। हम जखन इंटरक बाद बाबूजीक इ छाक
व व ान छो ड़ कए कला वषय लेने छल ँ।
व ानक सभटा कताब ११ बजे रा तमे पोख रमे फ क
दे ने छ लयैक। कोनोटा अवशेषो न ह छोड़ने छल ँ ओ ह
वषयक अपन घरमे। आ जखन कला वषयमे थम
ेणी आएल छल तखन गेल छल ँ गाम। तकरा प हने
कतेक ब रयाती छोड़ने छल ँ, कतेक ज म-मृ यु। मुदा
गाम न ह गेल छल ँ”।
“एह भाई। अहाँक तँ सभटा मोन अ छ। हमरा तँ भेल जे
अ ँ काका जेकाँ भऽ गेल ँ। ई सभ माक यो य न ह
अ छ। कनेक दे खा दयौक। आब हमरा व ास भऽ गेल
जे कछु होएत”।

172/193
“फेर वैह गप। जखन अहाँ न ह बदलल ँ तखन हम कोना बदलब।
छोड़ने छल ँ कछु दन अपनाक। आब सुनू। जे कहैत छ से टा
क । बेशी बाजब जु न। जा ह समयक कॉल हमर टे लीफोनसँ बाहरी
दे श कएल गेल छल ओ ह समयमे तँ हमर टे लीफोन खराब छल, ई तँ
अहाँक बुझले अ छ। घरसँ टे लीफोन वभागक क लेन सेहो
लखबाओल गेल छल। मुदा से टे लीफोने पर लखबाओल गेल छल।
कोनो ल खत प आ ओकर ा त रशीद तँ अ छ न ह। मुदा ई पता
क जे ए ह तरहक क लेनक कोनो रेकाड टे लीफोन वभागक लग
रहैत छै क आ क न ह”।
कछु दनुका बाद मणी क फोन आएल जे फोन वभाग एक
महीनाक बाद क लेन नंबर फेरसँ शु सँ दे ब शु कए दै त छै क। से
ई काज न ह भेल।
“बेश तखन ई पता क जे हमर नंबरसँ ककरा-ककरा कोन-कोन
नंबर पर वदे श फोन कएल गेल छल। आ ओ ह वदे शीक फोन कोन-
कोन नंबर पर आएल अ छ”।
“हँ। ए ह गपक तँ हमरा सुरते न ह रहल”।

173/193
आब मणी जे टे लीफोन नंबरक सूची अनल ह, से
सभटा टे लीफोन बूथ सभक छल। मुदा कोनो टा कॉल
आ णक नंबर पर न ह आएल छल।
वजीलसक सुनबाहीमे ई सभ वणन जखन आ ण
कएल ह तखन शशांक हत भ र ह गेल। ई तँ नीक भेल
जे शशांकक आदमी सभ बूथ बलासँ संपक रखने छल,
न ह तँ ओहो सभ फँसैत आ संग ह शशांकोक नाम अबैत
ए ह सभमे। अ तु आ ण जाँचसँ बाहर नक ल गेलाह।
“भाइ। हम मणी । ओकरा सभक तँ कछु न ह
भेलैक।“
“हमर ांसफर द ली भेल अ छ। दे खैत छ । अहाँ
न त र ”।
“हम तँ ओ ह दन न त भऽ गेल ँ ज हया अहाँ
पुरनका गप सभ सुनेल ँ। काकाक अपमानक बदला
अहाँक लेबाक अ छ। मा सभ बदलल अ छ।
च र सभ वैह अ छ”।

174/193
द लीमे आ ण वजीलस वभागक सूचना- ौ ो गक
शाखामे पद था पत भेलाह। ए ह वभागक शं टग
पो टं ग मानल जाइत छल। वजीलसक एन वायरीसँ
बाहर नकललाक बादो आ ण ए ह पो टं गके चुनल ह
से ए हसँ तँ ईएह स होइत अ छ जे आ ण था क
गेलाह। पाँच साल कोनमे बैसल रहताह। शशांकक ुप
फु ल छल।
ए हर आ ण अपन व ानक छोड़ल पाठ फेरसँ शु
कएल ह। भ र दन क युटर आ ओकर तकनीक
वशेष सभसँ भड़ल रह थ। ओहो लोक न ब त दनक
बाद एहन अ धकारी दे खने छलाह जे भड़ल अ छ,
काजसँ। दोसर लोक न तँ को ना टम पूण कए भागैत
छ थ।

175/193
ओना दे खल जाए तँ ई वभाग ब
संवेदनशील छल। आब आ णक
अपन वभागक सभ कमचारीसँ बेश
नकटता भऽ गेल छल ह। सभक
आवेदन समयसँ आगू बढ़ै त छल।
सभटा ऑ फसक इ वपमट नव
आबए लागल। प हलुका ऑ फसर
सभ तँ समय का ट भागए केर फेरमे
रहैत छल आ ऑ फसक आव यक
आव यकता सेहो पूण न ह करैत
जाइ छल।

176/193
ऑ फसमे एकटा इ वपमे ट आएल
छल, कर शन रोकए लेल। ए हमे
मगलर सभक फोन टे प करबाक
सु वधा छल।
कछु दन समय तीत होइत रहल।

177/193
“मणी । कोनो फोन-फान न ह”।
“हम तँ आब न त छ भाइ”।
“हँ समय आ ब गेल अ छ। एकटा
काज क , म लरक संग शशांकक
संबंधक संबंधमे एकटा यूज
नकलबा दयौक अखबारमे। आगाँ
सभ चीज तैयार अ छ”।

178/193
ओ हर अखबारमे खब र नकलल आ मं ीक जन संपक
पदा धकारी जकर काज वभागक खब रक अखबारसँ
का ट कए मं ी ध र प ँचायब छल ओ ह ल पगक
मं ीजी लग प ँचाए दे ल ह। समय समीचीन छल कारण
वभागीय मं ीजीपर ढे र आरोप ओ ह समय आएल
छल ह, संसदक स च ल रहल छल से ओ कोनो
तरहक र क न ह लेल ह। इं वायरीक ऑडर दए
दे ल ह।
व जलस वभागमे केश आएल। ओकर आंत रक बैठक
होइत छल जा हमे सूचना- ौ ो गक वभागक सेहो
बजाओल जाइत छल। सभ केशमे मोटा-मोट ौ ो गक
वभाग अना धकार माण प दए दै त छल। आ केश
इं वायरीक बाद समा त भऽ जाइत छल।

179/193
मी टगक त थ तय भेल। मी टगमे
आ ण व जलस कमेट क सद यक
पमे शा मल भेलाह।
“शशांक पर कोनो तरहक कोनो आरोप
स न ह होइत छ ह। आ ण अहाँक
वभागक टे लीफोन टै पगक उपकरण
उपल ध करबाओल गेल छल। मुदा अपन
ऑ फसमे तँ फै स मशीनो ६ मास
कनाकए राखल रहलाक बाद लगाओल
जाइत अ छ, तखन ई मशीन एखनो
राखले होएत आ क कछु कंवशशन
रेकाड भेल अ छ”।

180/193
“ ीमान। ई मशीन ए ह मासक प हल त थक आएल आ
ओ ह त थसँ एकर उपयोग शु भऽ गेल। ए ह केशमे
जा ह मगलरक नाम आएल अ छ ओकर नाम ओ ह
सूचीमे अ छ जकर कॉल रेकॉड करबाक आदे श हमरा
भेटल छल। शशांकक कंवशशन ए ह सँ न ह केर
बराबर अ छ। आध-आध मनटक टा कंवशशन। दोसर
कंवशशन नौ बजे रा तक छ आ ए ह कंवशशनक बाद
ओ ह मगलरक फोन अपन कमचारीक जाइत छै क आ
ता मे मा आध मनट ओ लगबैत अ छ”।
“ई कोन तारीखक अ छ”।
“पाँच तारीखक”।
“छह तारीखक भोरमे ए ह मगलरक ओ हठाम रेड भेल
छल आ कछु न ह भेटल छल। ई सभ फोनक डटे ल
दअ आ ण”।

181/193
“प हल कॉलमे शशांक कहैत छ थ जे साढ़े आठ बजे घर
पर आ ब कए भट क । ब ज री गप अ छ। ओ नौ
बजे दोसर कंवशशनमे तमसाइत कहैत छ थ जे नौ बा ज
गेल आ अहाँ एखन ध र न ह अएल ँ। ए हमे उ र सेहो
भेटैत अ छ जे ओ मगलर शशांकक गेट पर ठाढ़
अ छ”।
“तेसर फोनमे क वा ालाप अ छ”।
“तेसर फोन ओ मगलर अपन ऑ फस टाफक साढ़े नौ
बजे करैत अ छ। ओ कमचारीक आदे श दै त अ छ जे
तुरत ऑ फस आऊ, हम ँ प ँचैत छ । बस एकर
अ त र कछु न ह। कोनो एवीडस न ह भे ट सकल
ए ह केसमे। क तँ हम नो ऑ जे शन स ट फकेट दए
दअ”।

182/193
“आ ण। क कहैत छ अहाँ। अहाँक वभाग तँ आइ
ध र कोनो काज न ह कएने छल मुदा आइ तँ सभटा
कड़ी जो ड़ दे ल ँ अहाँ। शशांक फोन कएलक जे भट
क । दोसर फोन पर ओ ओकर गेट पर ठाढ़
छल। तेसर फोनमे ओकर कमचारी ऑ फस ओतेक
रा तमे क करए जाइत अ छ। रेडक खब र शशांक लीक
कएल ह। ओ कमचारी सभटा कागज हटा दे लक आ
हमर वभागक ऑ फसर भोरमे छु छ हाथ घु र कए
आ ब गेलाह। आब एकटा फोन आर क । शशांकक
नंबर टे प तँ न ह भऽ सकल छल मुदा याक अनुसार
ओकर आवाजक सपल मैच करबाक चाही। ओ फोन
उठायत तँ गलत नंबर क ह का ट दयौक”।

183/193
“सैह होएत”।
तखने ई या कएल गेल।
“ई तँ ओपन आ शट केस अ छ”- वजीलस कमेट क
अ य महा नदे शकक बतओल ह। महा नदे शक
शशांकक बजबओल ह आ ओकरा टा वक प
दे ल ह।
“शशांक, ए ह सभ घटनाक बाद अहाँ लग टा वक प
अ छ। वभागसँ कंपलसरी सेवा नवृ लेबए पडत
अहाँक। न ह तँ इं वायरी आगाँ बढ़त”।
शशांक कंपलसरी सेवा नवृ लए लेल ह। वभाग छो ड़
कए च ल गेलाह।

184/193
“भाइ मणी । कोनो फोन-फान न ह”।
“भजार। हम तँ ओ ह दन न त भऽ गेल छल ँ जा ह
दन हमरा बुझबामे आओल जे अहाँक ब चाबला सभटा
गप मोन अ छ। काका आ अहाँमे कोनो अंतर न ह। माग
मा तरहक रहल। ए ह वजयक माग पर अहाँ चली
ता ह हेतु कतेक कहैत छल ँ अहाँक, से मोन अ छ ने।
मुदा ओ ह दन जखन हमरा अहाँ ब चाक गप सभ कहए
लगल ँ त हये न त भऽ गेल छल ँ हम”।
आ णक पढ़ाइक ाफ पताक मोनक संग बनैत-
बगड़ै त रहैत छल ह। मुदा घु र कए पुनः ल य ा त
करैत छलाह। नोकरीमे र हत ई घटना एक बेर फेर भेल
छल।

185/193
आ फेर एकटा सरकारी या ाक बाद आ णक भेल
ए सीडे ट । १५ दन ध र वट लेटर पर फेर एक साल
ध र बैशाखी पर रहलाक बाद पुनः अपन पैर पर ठाढ़ भऽ
गेलाह आ ण । ओ ब चा जे डायरी लखैत छल कतए
होएत । ओ का प नक कथाकार सभटा स े लखने
छल, आ णक भ व यक व कऽ रहल छल ओ ।
आ णक डायरीमे सेहो यैह अं कत भेल-

186/193
“अ पन माने हमर –-आ णक- वषयमे ग प करबा
लेल हमरा लगमे समयक अभाब रहय लागल । कछु तँ
एकर कारण रहल ह मर अ पन आद त आ कछु एकर
कारण रहल मर ए सीडट, जकर कारणवस ह मर
जीवनक डे ढ साल बुझा पड़ल जेना डे ढ़ दन जेकाँ बी त
गेल । कछु ए ह बातक दस सेहो हमर यान गेल जे डे ढ
सालमे जतेक समयक नुकसान भेल तकर तपू त
कोना कए होएत । तखन साम जक संबंधक सी मत
करबाक वचार आएल । ए हमे हमरा बन यासक
सफलता भे ट गेल छल । एकर कारण छल हमर न ह
खतम तीत होमएबला बीमारी

187/193
। ए हमे व भ न डॉ टरक ओ प नयन, कछु गलत
ऑपरेशन आ एकर स म लत इ ेसन ई, जे आब हमरा
अपा हजक जीवन जीबए पड़त । आनक बात तँ छोडू
हमरा अपनो मोनमे ई बात आबए लागल छल । लगैत
छल जे डॉ टर सभ फू सया हक आ ासन दए रहल
अ छ । ए ह ममे फोनसँ लऽ कए हाल समाचार
पुछ नहार ध रक सं या सेहो घ ट गेल छल । से जखन
अनचो के बैशाखी, फेर छड़ीपर अएलाक बाद हम कार
चलाबए लगल ँ तँ ब त गोटे क फेर सँ हमरा संग
सामा य संबंध बनाबएमे असु वधा होमए लगल ह। जे
हमरासँ र न ह गेल रह थ त नकासँ तँ हम जबद तीयो
संबंध रखल ँ मुदा दोसर द श गेल लोकसँ हमर वहार
नरपे रहैत छल, से पुनःसंबंध बनेबासँ लोक
हतो सा हत रहए लगलाह ।

188/193
दनमे जे हमरापर हँस थ त नकर त ई वहार
सहानभू त द ह मानल जएत । ए हसँ समयध र खूब
बचए लागल। शु मे तँ लागल जेना ऑ फसमे यो
च हत आ क न ह । मुदा जखन हम ऑ फस प ँचल ँ तँ
लागल जेना हीरो जेकाँ वागत भेल होअए । मुदा ए हमे
ई बात संगी-साथी सभ नुका लेलक जे हमर छड़ी सँ
चलनाइ नका सभक भीतर हाहाकार मचा रहल छल ह
। सभ मा हमर ह मतक शंसा करैत रहैत छलाह ।
जखन हम छड़ी छो ड़ कए चलए लगल ँ तखन एक
गोटे संगी कहलक जे आब अहाँ पुरनका पमे घु र रहल
छ । ए ह बातक हम घरपर आ ब कऽ सोचए लगल ँ ।
अपन चलए केर फोटोक प नीक मद त सँ है डीकैम
ारा वीयोडी ाफ करबएल ँ ।

189/193
एकबेर तँ स न र ह गेल ँ । चलबाक तरीका आबो नगड़ा
कए दौगब सन लागल छल । प हने तँ आर बेशी होएत
मुदा संगी सभ एको र ी पता ध र न ह चलए दे लक ।
बादमे घरक लोक कहलक जे ई तँ ब कम अ छ, प हने
तँ आर बेसी छल । तखन हमरा बुझबामे आएल जे
संगीसभ आ ओ सभ जे हमरासँ लगाव अनुभव करैत
छलाह, त नका कतेक खराब लगैत होएत ह । तकरा
बाद हमरा नकर सभक ो साहन आ हमर ह म तक
शंसा करैत रहबाक रह यक पता चलल ।

190/193
अपन ार भक जीवनक एकाक पन
आ नौकरी-चाकरी पकड़लाक बाद
सावज नक जीवनमे अलग-थलग
प ड़ जएबाक संदेह, आशा, अपे ा
कवा अनुभवक बाद जे ए ह तरहक
अनुभव भेल से हमर वक
भ न वकासक आर ढ़ता दान
केलक”।

191/193
कैकटा ऑपेरेशन भेल ह आ
अने थ शयासँ बाहर अबैत काल
आ णक लाग ह जे ओ झ टा बला
सह बाढ़ न झमा र कए ए ह व मे
फ क दै त छ ह नका ।मृ यु पर
वजय कएल ह आ ण।

192/193
मुदा डे ढ़ बरख बाद जखन ऑ फस अएलाह तखन
लोकक व ासे न ह भेलैक। मुख पर वैह चरप र चत
हँसी। लोक सभ तँ ईहो कहैत छल जे ई ए सीडट भेल
न ह छल वरन् करबाओल गेल छल। कारण नवलक
ए सीडट जेकाँ छल ई ए सीडट।

193/193
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This story: सह बाढ़ न (प हल मै थली ा फक उप यास) ISBN:978-93-340-4576-5 is written by Gajendra Thakur . © Gajendra Thakur , 2024. Some rights reserved. Released
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sailing ship, by Sangeeta Das © Pratham Books, 2015. Some rights reserved. Released under CC BY 4.0 license. Page 81: Vulture and Spider approach town council,
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110: Car driving along a lane by night, by Manisha Naskar © StoryWeaver, 2020. Some rights reserved. Released under CC BY 4.0 license. Page 111:
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सह बाढ़ न (प हल मै थली
ा फक उप यास) ISBN:978-93-
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(Maithili) GRAPHIC NOVEL/ सह बाढ़ न (प हल मै थली ा फक उप यास) ISBN:978-93-


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