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Tirth Patel's

Mr.NoBodY
Part 1 : Is This Really
What I Deserve ?

2 साल पहले..

•अभिमन्यु पटे ल,बहुत ही होनहार लड़का जो न तो किसी से


बात करना पसंद करता है और ना ही किसीको खद ु से बात
करने दे ता है । बात करता है तो सिर्फ अपने दोस्तो से जो कुछ
ज्यादा नहीं है । अभी middle class परिवार से है । पिता
राजेंद्रकुमार पटे ल किसान और बस ड्राइवर है । उसकी मां
माधविबेन पटे ल अभी जब 8वी में था तब गज ु र गई , उनको
कैं सर था । अभिमन्यु एक SSC STUDENT है ।
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[ अभिमन्यु अपनी क्लास में है । टीचरने बोर्ड पे


एक इक्वेशन सोल्व करने को दिया है । अभी
second last बेंच से बस बोर्ड में आतरु ता से
दे ख रहा है ]

कोई लड़का : अरे यार , ये तो समझ ही नही आरहा यार जिया


, तू ने तो कर लिया होगा , तू जो दिन रात पढ़ पढ़ करती है
ना ।

जिया : हा तो ? तू करना अपना मझ


ु े क्यों पछ
ू रहा है ।
वैसे यह तो मझु े भी समझ नही आ रहा है । सर भी कहा कहा
से लेके आते है ऐसे sum।

टीचर : जल्दी यह सॉल्व करो , और भी आगे है ।

[ उसी वक्त अभी अपनी बेंच पर सिर


रखता है कि वह कोई और जगज पर
अपने आप को दे खता है ]

अभी : (मन में ) यह क्या हुआ मेरे साथ , यह कौनसी जगह है


? चारो और सब कुछ टूटा टूटा और बिखरा हुआ क्यों है ? यहा
क्या हुआ था मेरे साथ ?
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[ अभी यह सब सोचता है की उसके सामने


उसे कोई दिखाई दे ता है और एकदम बड़े
आवाज में बोलता है “अभिमन्यु (
हा,हा,हा,..) एक बच्चा , अंतिम चरण पर
एक बच्चा मेरे सामने …” अभी बहुत डर
जाता है और एक दम से चिल्लाके वह
उठाते है और आसपास क्लास के बच्चे
और टीचर है ]

टीचर : अभी.. क्या हुआ ? क्यों चिल्लाए तम


ु ?

जिया : क्या हुआ अभी ? बच्चे ने कोई सपना दे खा क्या ?


(सभी students हसने लगते है )
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[अभी कोई जवाब दिए बिना वहा से बाहर


चला गया और मैदान से दरू एक पेड़ के
पास बैठ गया ]
(क्लास में सभी बचे shocked हो गए , अभी ने वो डिफिकल्ट
सम सोल्व करके रखा था)

→ बहार मैदान में …

सौरभ : hey buddy! क्या हुआ था तझ ु े क्लास में ? मझ


ु े तो
हसी आ रही थी तझ
ु े दे ख के । ऐसा क्या सपना दे ख लिया था
की इतना shocked हो गया था ?

अभी : (चकित भाव के साथ) मेरे..मेरे.. सामने था वो ।

सौरभ: कौन था तेरे सामने ? किसकी बात कर रहा है तू ?

अभी : मझ ु े नहीं पता, वो बहोत खतरनाक था यार। वो..वो..


में बता नही सकता । पता नही उससे मेरा क्या नाता है ?
वो..वो चहे रा….

सौरभ : डरावना सपना दे खा ? तू भी ना कमाल करता है यार


। क्लास में ही सो गया । चल volleyball । आजा जल्दी..
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[ अभी इसे भल ू ने की कोशिश में खेलने को


जाता है लेकिन वो डरावना दृश्य उसके
दिमाग में से जा ही नहीं रहा था ]

रात का समय…
(अभी छत पे अपने बिस्तर पर लेटे हुए कुछ सोच रहा है )

अभी : (मन में ) मेरे साथ क्या हुआ था ? अममम….शायद


डरावना सपना ही होगा , में वे वजह ही उसे सीरियस ले रहा हु
। उस सपने की वजह से आज पढ़ भी नही पाया।

(अभी सोने की तैयारी करता है की नीचे से कुछ आवाज आती


है । अभी छत से नीचे दे खता है लेकिन वहा कोई नही होता। वो
जब पीछे मड़
ु ता है तो उसे एहसास होता है कि नीचे कुछ है ।
वो फिरसे नीचे दे खता है और वह दं ग रह जाता है । उसके महंु
से आवाज नही निकल पाती )

अभी : (मन में ,डर के साथ) ये…ये…ये परछाई किसकी है ?


ये में क्या दे ख रहा हु ? में डर गया हु ? में ..में ..चिल्ला नही पा
रहा हूं। यह परछाई नजदीक आ रही है । में हिल? ू में हिल भी
नहीं पा रहा । क्या ये सचमच ु मेरे साथ हो रहा है ?

(अभी कुछ कर नही पा रहा इतना डर गया था । वह वहा से


हिला तो सीधा नीचे घर में जाके सो गया )

अगले दिन सब
ु ह स्कूल के गेट के पास…
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अभी : (सोचता है ) मझ
ु े सौरभ को यह सारी बात बतानी होगी
। वही एक है जो मेरा यकीन करें गे ।
कल रात जो हुआ वह बहुत भयानक था ।

क्लास के बाद रिसेस में ….

सौरभ : अबे यार …कल तझ ु े कितने कॉल किए थे मैने रात


को, मझ
ु े दांडी यात्रा पर short note चाहिए थी। तू ने उठाया
नही तो मेने जिया से मांग लिया ।

(अभी के दिमाग में अभी भी वही रात का दृश्य और वो चहे रा


घमू रहा था । वो सौरभ की बातो को ध्यान में नही ले रहा था
। अभी बहुत डरा हुआ और विचलित लग रहा था)

सौरभ : हे य..सन
ु भी रहा है में क्या बोल रहा हु ? कल क्या
कर रहा था की मेरे फोन नही उठाने की हिम्मत आ गई थी
तझ
ु में ।(अभी को छे ड़ते हुए) किसी के साथ चैटिगं वेटिग
ं तो
नही चल रही थी.. है ? है ?

(सौरभ समझ जाता है के अभी के साथ फिरसे कुछ बरु ा है )

सौरभ : अभी..अभी..(अभी उसकी ओर दे खता है ) क्या हुआ रे


तेरे को ? आज तू बहुत डरा हुआ लग रहा है ? बोलना .. ।
wait..wait..क्या में जो सोचा रहा हु …क्या फिरसे ?

अभी : (लंबी सांस लेता है ) यार सौरभ, पता नही मेरे साथ क्या
हो रहा है यार ? में समझ ही नही पा रहा कुछ ।
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सौरभ : अरे बता तो सही exactly क्या हुआ था ? चल अब
बोल।

अभी : रात को में छत पे सोया हुआ था….(अभी ने सारी बात


बताई) वह परछाई ही थी लेकिन परछाई और सपने वाले चहे रे
का कुछ तो कनेक्शन है । में बहुत डर गया हु यार ।

सौरभ : दे ख भाई ..में समझता हु तेरी बात को लेकिन मेरी


सलाह मन वो तेरा भ्रम था बाकी कुछ नही । ना हो तो अपना
चेकअप करवा ले किसी साइकेट्रिस्ट के पास । और अपने
घरवालों को भी बता दे ये बात शायद वो कुछ मदद करदे ।

अभी : लेकिन…

सौरभ : लेकिन वेकिन छोड़ त।ू चल हमे लाइब्रेरी जाना है


हमारा अधरू ा काम बाकी है । याद है ना?

अभी : तू जा में आता हु । मझ


ु े लगी है करने जा रहा हु।

सौरभ : तेरे जैसी की यही प्रॉब्लम है । कुछ नया होता है तो


उसे पकड़ कर ही रखते है छोड़ते ही नही । वैसे हा पागल लोग
ही नया करते है तो तू कुछ नया कर सकता है ।

अभी : जा ना भाई तू जा । मैं आ रहा हु । चप चप…

(अभी को अभी भी संतोष नही हुआ , वो परछाई और वो चेहरा


अभी के दिमाग में गम
ु रहे है )

घर पर रात के समय…
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अभी : (मन में ) क्या में सबको बता द ू की कल मेरे साथ क्या
हुआ था वो ? नही । नही बताना चाहिए वो उल्टा मझ ु े ही
पागल समझेंगे ।

खाते वक्त…

पापा : बेटा पढ़ाई कैसी चल रही है ? ssc में 90 plus आएंगे


ना ?
(अभी कुछ बोलता नही सिर्फ हकार में सिर हिलाता है )

अभी : (मन में ) अरे यार….उस सपने के चक्कर में दो दिन से


मेने कोई बक
ु भी नही पकड़ी है हाथ में । मझ
ु े अब वासप
पढ़ाई पर focus करना होगा । सौरभ सही केह रहा था वह
सिर्फ एक सपना ही था ,उसने कुछ हकीअत नही थी और वो
परछाई..सच में बहुत डरावना दृश्य था लेकिन मेरा भ्रम ही था
वो भी।

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