Download as docx, pdf, or txt
Download as docx, pdf, or txt
You are on page 1of 5

खान अधिनियम, 1952 में कोयला, धातु और तेल खदानों में काम करने वाले श्रमिकों के स्वास्थ्य, सुरक्षा

और कल्याण से संबंधित उपायों के प्रावधान हैं।


अधिनियम में खदानों/खनन संचालन और खदानों में स्वास्थ्य, सुरक्षा के प्रबंधन के लिए मालिक के कर्तव्यों को निर्धारित किया गया है। यह खदानों में काम के घंटों
की संख्या, न्यूनतम मजदूरी दर और अन्य संबंधित मामलों को भी निर्धारित करता है। अधिनियम का प्रशासन श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा किया जाता है।

उद्देश्य:

खान नियम, 1955, खान अधिनियम, 1952 की धारा 58 के तहत प्रदत्त शक्तियों के अनुसार तैयार किए गए थे। नियम खान श्रमिकों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और
कल्याण के रखरखाव और उद्योग की आवश्यक फाइलिंग के लिए अनुसूचियों के विस्तृत और विशिष्ट प्रावधान देते हैं।
प्रयोज्यता:

अधिनियम और नियम 'खान' पर लागू होते हैं और निम्नलिखित को नियंत्रित करते हैं:

 बोरिंग, बोर होल, तेल कु एं

 शाफ्ट

 खुली खदानों में काम, भूमिगत खदानों में काम

 खदानों में या उसके आस-पास किया गया सुरक्षात्मक कार्य

 खदान परिसर में कार्यशालाएं और स्टोर

 बिजली स्टेशन/ट्रांसफार्मर/सबस्टेशन जो पूरी तरह या मुख्य रूप से खदानों को बिजली की आपूर्ति करते हैं।

अधिनियम और नियम किसी भी खदान (धारा 7-9, 40, 45 और 46 को छोड़कर) पर लागू नहीं होंगे जिसमें उत्खनन के वल पूर्वेक्षण के उद्देश्य से किया जा
रहा है न कि उपयोग या बिक्री के लिए खनिज प्राप्त करने के लिए, बशर्ते कि:

 किसी भी एक दिन में 20 से अधिक कर्मचारी कार्यरत नहीं होने चाहिए

 खुदाई की गहराई 6 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए तथा कोयला संबंधी खुदाई के मामले में यह 15 मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए।

 खुदाई ऊपरी जमीन से आगे नहीं बढ़नी चाहिए

अधिकार:
खान मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित एक शीर्ष निकाय है जो खनन क्षेत्र से संबंधित कानून बनाने के लिए जिम्मेदार है।

खान सुरक्षा महानिदेशालय (DGMS) प्रवर्तन एजेंसी है जो निरीक्षण अधिकारियों के माध्यम से उल्लिखित प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करती है। खान
अधिनियम और नियमों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और कल्याण प्रावधानों की जाँच खानों के सामान्य निरीक्षण के दौरान अनिवार्य रूप से की जाती है। ऐसे निरीक्षणों के
दौरान पाए गए उल्लंघनों का अनुवर्ती निरीक्षण करके अनुसरण किया जा रहा है। गैर-अनुपालन के मामले में, सुधार नोटिस, निषेध आदेश आदि भी तब तक जारी
किए जा रहे हैं जब तक कि इसका अनुपालन न हो जाए।

अधिनियम की मुख्य विशेषताएं:

क. समितियां
इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए के न्द्रीय सरकार समितियों का गठन करेगी। धारा 12 के अधीन गठित समिति इस अधिनियम के अधीन निरीक्षक की ऐसी
शक्तियों का प्रयोग कर सकती है, जैसा वह आवश्यक समझे। समितियों में खानों से संबंधित मामलों में उत्पन्न विवादों के निपटारे के लिए सिविल वाद की
सुनवाई के लिए सिविल न्यायालय की शक्ति भी शामिल है।

बी. खनन परिचालन और खानों का प्रबंधन

खान के मालिक, एजेंट या प्रबंधक को खनन कार्य शुरू होने से कम से कम एक महीने पहले मुख्य निरीक्षक, भारतीय खान ब्यूरो के नियंत्रक और जिला
मजिस्ट्रेट को निर्धारित प्रपत्र में लिखित रूप में सूचना देनी होगी । मालिक और एजेंट खानों के नियंत्रण, निर्देशन और पर्यवेक्षण के लिए जिम्मेदार होंगे और
वित्तीय और अन्य प्रावधान करने और इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुपालन के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए जिम्मेदार होंगे।

सी. स्वास्थ्य एवं सुरक्षा से संबंधित प्रावधान

हर खदान में काम के घंटों के दौरान निर्धारित संख्या में प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स उपलब्ध कराए जाने चाहिए। हर प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स को एक
जिम्मेदार व्यक्ति के जिम्मे रखा जाना चाहिए जो निर्धारित प्राथमिक चिकित्सा उपचार में प्रशिक्षित हो और जिसके पास प्राथमिक चिकित्सा प्रमाणपत्र हो। जहाँ
भी 150 से ज़्यादा कर्मचारी काम करते हैं, वहाँ प्राथमिक चिकित्सा कक्ष होना चाहिए।

डी. दुर्घटनाओं की सूचना

यदि कोई दुर्घटना घटित होती है तो खान का स्वामी, अभिकर्ता या प्रबंधक घटना की सूचना ऐसे प्राधिकारी को ऐसे प्ररूप में और ऐसे समय के भीतर, जैसा
कि निर्धारित किया जाए, निम्नलिखित तरीके से देगा:

 ऐसी घटनाओं के घटित होने के लिए रजिस्टर बनाए जाने चाहिए तथा इन्हें तिमाही आधार पर मुख्य निरीक्षक के निरीक्षण के लिए प्रस्तुत किया
जाना चाहिए। इन रजिस्टरों को निर्धारित प्रपत्रों में बनाए रखा जाना चाहिए तथा इनकी प्रतियां तैयार की जानी चाहिए।

 परिसर में किसी भी मृत्यु की स्थिति में 2 महीने के भीतर जांच की जाएगी और आगे की जांच के लिए निरीक्षक को नोटिस दिया जाएगा।

 शारीरिक चोट या अन्य चोटों के कारण अनुपस्थिति की स्थिति में निर्धारित प्रारूप में प्रविष्टियां रजिस्टर में रखी जाएंगी तथा उनकी प्रतियां भी
निर्धारित संख्या में रखी जाएंगी।

 दुर्घटना के बाद के वर्ष की 20 जनवरी को, चोटों के कारण अनुपस्थिति के रजिस्टर और निर्धारित प्रतियां निरीक्षण के लिए मुख्य निरीक्षक को
प्रस्तुत की जाएंगी।

ई. रोजगार के घंटे और सीमा

यदि किसी व्यक्ति को प्रतिदिन 9 घंटे से अधिक और सप्ताह में 48 घंटे से अधिक काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और किसी व्यक्ति को सप्ताह में 6
दिन से अधिक काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, तो कम से कम 1 दिन का आराम अवश्य होना चाहिए। प्रत्येक खदान के कार्यालय में साप्ताहिक
विश्राम दिवस या छु ट्टी को दर्शाने वाला एक नोटिस प्रदर्शित किया जाएगा। जहां खदान में कार्यरत सभी व्यक्तियों के लिए साप्ताहिक विश्राम दिवस एक ही दिन
नहीं है, वहां नोटिस में प्रत्येक रिले या व्यक्तियों के समूह या व्यक्ति को दिए गए विश्राम दिवस को दर्शाया जाएगा। इसके अतिरिक्त किसी भी व्यक्ति को खदान
में जमीन के नीचे प्रतिदिन आठ घंटे और सप्ताह में 48 घंटे से अधिक काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कार्य के घंटों का नोटिस फॉर्म ए में रखा
जाएगा।
एफ. ओवरटाइम की मजदूरी

जहां कोई व्यक्ति सामान्य निर्धारित घंटों से अधिक काम करता है, उसे भुगतान किया जाना चाहिएओवरटाइम के लिए उसे उस दर से भुगतान किया जाएगा
जो काम के लिए उसे दिए जाने वाले सामान्य वेतन से दुगुनी है। ओवरटाइम मजदूरी का रजिस्टर फॉर्म I में रखा जाएगा।

जी. महिलाओं का रोजगार

किसी भी महिला को निम्नलिखित पदों पर नियुक्त नहीं किया जाएगा:

 खदान के किसी भी भाग में जो ज़मीन के नीचे हो

 सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे के बीच के समय को छोड़कर जमीन के ऊपर किसी भी खदान में

एच. नियोजित व्यक्तियों के रजिस्टर का रखरखाव

नियोजित व्यक्तियों का एक रजिस्टर रखा जाना चाहिए जिसमें पिता/पति का नाम, आयु, लिंग, पता और अन्य निर्धारित विवरण शामिल होना चाहिए तथा
इस रजिस्टर में किए जा रहे कार्य का प्रकार भी निर्दिष्ट होना चाहिए, जैसे जमीन के नीचे काम करना और खुली शाफ्ट वाली खदान में काम करना आदि।

I. वेतन सहित छु ट्टी

किसी खदान में नियोजित प्रत्येक व्यक्ति, जिसने वहां एक कै लेंडर वर्ष की सेवा पूरी कर ली है, को आगामी कै लेंडर वर्ष के दौरान निम्नलिखित के अनुसार
वेतन सहित अवकाश की अनुमति दी जाएगी:

 भूमि के नीचे कार्यरत किसी व्यक्ति के मामले में, उसके द्वारा किए गए प्रत्येक 15 दिन के कार्य के लिए 1 दिन की दर से,

 किसी अन्य मामले में, उसके द्वारा किए गए प्रत्येक 20 दिन के कार्य के लिए 1 दिन की दर से

प्रत्येक खान का स्वामी, एजेंट या प्रबंधक अपने प्रत्येक कर्मचारी के संबंध में फार्म जी और एच में वेतन सहित छु ट्टी का रिकार्ड रखेगा।

जे. फॉर्म दाखिल करना

रूप संदर्भ दाखिल करने का उद्देश्य

फॉर्म- ए नियम 48(1) कार्य प्रारंभ एवं समाप्ति की सूचना


फॉर्म- बी नियम 48(3), 51, ओपन कास्ट कार्य में कार्यरत कर्मचारी का विवरण
77
फॉर्म- सी नियम 48(3), 78 कार्य के दौरान ज़मीन के नीचे कार्यरत व्यक्तियों का रजिस्टर
फॉर्म- डी नियम 48(3), 78 ज़मीन से ऊपर कार्यरत व्यक्तियों का रजिस्टर
मेरे लिए नियम 48(3), 78 भूमि के ऊपर कार्यरत व्यक्ति का रजिस्टर
फॉर्म- एफ नियम 49(4) विश्राम दिवस के मुआवजे का रजिस्टर
फॉर्म- जी नियम 53 कै लेंडर वर्ष के दौरान छु ट्टी खाते का रजिस्टर
फॉर्म- एच नियम 53 कै लेंडर वर्ष के दौरान छु ट्टी खाते का रजिस्टर
फॉर्म- I नियम 59 ओवरटाइम मजदूरी का रजिस्टर
फॉर्म- जे नियम 76(1) रिपोर्ट योग्य दुर्घटना की वापसी
फॉर्म- एल नियम 54 प्रत्येक कर्मचारी को देय वेतन सहित अवकाश

दंड:

 यदि किसी खदान के संबंध में अधिनियम के प्रावधानों के अनुपालन में बाधा उत्पन्न की जाती है तो उसे 3 महीने तक के कारावास या 500 रुपये
तक के जुर्माने या दोनों से दण्डित किया जा सके गा।

 यदि अभिलेखों में जालसाजी की जाती है तो इसके लिए 3 महीने तक का कारावास और 1000 रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों सजाएं दी जा
सकती हैं।

 यदि योजना प्रस्तुत करने में चूक होती है तो 1000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सके गा।

 जो कोई भी धारा 23 में निर्धारित अनुसार दुर्घटना की सूचना देने में विफल रहता है, उसे 3 महीने तक के कारावास या 500 रुपये तक के जुर्माने
या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:

1. खान अधिनियम 1952 का उद्देश्य क्या है?


A. खान अधिनियम, 1952 में खानों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और अन्य पहलुओं से संबंधित उपायों के प्रावधान हैं।

कोयला, धातु और तेल खदानों में काम करने वाले श्रमिकों का कल्याण। अधिनियम में खदानों और खनन संचालन के प्रबंधन और
खदानों में स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए मालिक के कर्तव्यों को निर्धारित किया गया है।

2. खान श्रमिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण के संबंध में मौजूदा विधायी प्रावधान क्या हैं?
A. भारत के संविधान के तहत खदानों में कार्यरत श्रमिकों की सुरक्षा, कल्याण और स्वास्थ्य

कें द्र सरकार की चिंता का विषय हैं (प्रविष्टि 55- संघ सूची- अनुच्छेद 246)। उद्देश्य खान अधिनियम, 1952 और उसके तहत बनाए
गए नियमों और विनियमों द्वारा विनियमित है, जिन्हें संघ श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत खान सुरक्षा महानिदेशालय (DGMS)
द्वारा प्रशासित किया जाता है। DGMS ने खान श्रमिकों के स्वास्थ्य, सुरक्षा, कल्याण के लिए खान नियम, 1955 जैसे अधीनस्थ
कानून भी प्रशासित किए हैं।

3. प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी किसकी है?


A. खान के मालिक, एजेंट या प्रबंधक को खान अधिनियम, 1952 की धारा 18 के अंतर्गत खान अधिनियम और उसके तहत बनाए गए
नियमों के तहत स्वास्थ्य और सुरक्षा के प्रावधानों का अनुपालन करना आवश्यक है।
4. क्याखान मंत्रालय के प्रमुख कार्य क्या हैं?
A. खान मंत्रालय सभी खनन क्षेत्रों के सर्वेक्षण और अन्वेषण के लिए जिम्मेदार है।खनिज, प्राकृ तिक गैसों के अलावा, पेट्रोलियम, खनन के लिए
परमाणु खनिज और अलौह धातुओं जैसे एल्यूमीनियम, तांबा, जस्ता, सीसा, सोना, निकल आदि के धातुकर्म। इसके अलावा, कोयला,
प्राकृ तिक गैस और पेट्रोलियम के अलावा सभी खानों और खनिजों के संबंध में खान और खनिज (विनियमन और विकास) अधिनियम,
1957 का प्रशासन खान मंत्रालय के कर्तव्यों के अंतर्गत आता है।

You might also like