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साक्ष्य अधिनियम भाग 3 जानिए क्या होते हैं तथ्य, +
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सुसंगत त य
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सा य अ ध नयम भाग 3...
जा नए हमारा कानून
Shadab Salim
26 Jan 2020 10:15 AM
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सा य अ ध नयम के तहत पछले दो आलेख म हमने दे खा क सा य म सबूत का भार कस पर होता
है? इसके अलावा हमने यह भी दे खा क कस तरह एक ही सं वहार के भाग होने वाले त य क सुसंग त
या होती है और कस कार इसम रेस जे टे का स ांत कस कार लागू होता है।
त य:
त य उसे कहा जाता है जसे मनु य भौ तक और मान सक प से तीत कर सके, आभास कर सके उसे
महसूस कर सके। व ध के अंतगत काय और लोप दोन को त य माना गया है। काय भी त य और लोप
भी त य है। हम इस बात को इस उदाहरण के मा यम से सकते ह।
काय
लोप
जसे रा य ारा कसी के ऊपर कोई मुकदमा चलाया जाता है, कोई अ भयोजन लाया जाता है।
ऐसे म आरोपी पर जब आरोप तय कए जाते ह उस समय वह उन आरोप म से कन आरोप को
वीकार कर लेता है तथा क ही आरोप को अ वीकार भी कर सकता है, वह जन आरोप को वीकार
करता है यह उसका अ भवचन हो जाते ह तथा जन आरोप को वीकार नह करता है यह ववाधक त य
हो जाते ह।
जस सीमा तक प कार के दा य व तथा अ धकार कसी वशेष व ध के उपबंध पर नभर करते ह,उस
वशेष व ध के संबंध म ही जाना जा सकता है क ववा दत त य या है!
अगर वाद का कहना है क तवाद उसके त सावधानी का कत रखता है, तवाद या कहे क
उसका कोई ऐसा कत नह था तो यह त य ऐसा कत था या नह ववा दत त य बन जाएगा। न कष
यह है क ववा दत त य ववाद क वषय व तु से संबंध रखने वाली व ध क आव यकता है,तथा
प कार के अ भभाषण पर नभर करते ह।
सुसंगत त य
यह इस अ ध नयम का सबसे मह वपूण श द है जसे सुसंगत त य कहा जाता है। इसक प रभाषा
अ ध नयम क धारा 3 म ही द गई है।
कौन सा त य सुसंगत है यह बताने के लए सा य अ ध नयम 1872 म एक पूरा अ याय दया गया है,
जसके मा यम से समझाने का यास कया गया है क कौन से त य सुसंगत ह गे। यह अ याय अ ध नयम
क धारा 5 से लेकर धारा 55 तक है। इन सभी धारा म कौन से त व सुसंगत ह गे इस पर वणन कया
गया है।
यह ब त मह वपूण बात है, सुसंगत त य से मलकर ववाधक त य तक प ंचा जाता है। य द कसी वाद
म या कायवाही म सुसंगत त य को सा बत कर दया जाता है, नासा बत कर दया जाता है तो ववाधक
त य भी सा बत या नासा बत हो जाते ह। इस अ ध नयम के अनुसार कसी ववाद या कायवाही म अनेक
सुसंगत त य होते ह।
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