Climate of Rajasthan Hindi 58

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राजस्थान जलवायु और प्राकृतिक वनस्पति

जलवायु: पथ्
ृ वी के चारों ओर के वातावरण में होने वाली दीर्घकाललक र्टना को जलवायु कहते

हैं। जलवायु का ननर्ाघरण लगभग 30 वर्षों की औसत पररस्थिनतयों के आर्ार पर ककया जाता

है।

राजस्थान की जलवायु: राजथिान की जलवायु शुष्क से उप-आर्द्घ मानसून प्रकार की है। उच्च

दै ननक और वार्र्षघक तापाांतर कम वर्षाघ, गमघ झल


ु सा दे ने वाली लू और रे तीले तफ
ू ान पस्चचमी

राजथिान की जलवायु र्वशेर्षताएँ हैं जबकक अरावली के पूवी भाग मे तुलनात्मक रूप से कम

तापमान, वर्षाघ की िोड़ी अधर्कता के कारण उप-आर्द्घ जलवायु पायी जाती हैं। अक्ाांशीय

अवस्थिनत, समुर्द् तल से ऊँचाई, अरावली का थिान और ददशा, लमट्टी की सांरचना और

वानथपनतक आवरण इसकी जलवायु को प्रभार्वत करने वाले प्रमुख कारक हैं।

जलवायु का वर्गीकरण:

सामान्य जलवायु वर्गीकरण- वर्षाघ के आर्ार पर वगीकरण ककया गया है।

क्र.सं. जलवायु वर्ाा (सेमी में) भौतिक/भौर्गोललक क्षेत्र

1 शुष्क 0 – 20 पस्चचमी रे धगथतान क्ेत्र

2 अर्घ शुष्क 20 – 40

3 उप आर्द्घ 40 – 60 अरावली श्रेणी

4 आर्द्घ 60 – 80 पव
ू ी मैदान

5 अधर्कतम आर्द्घ 80 - 120 हाड़़ौती पठार

व्यक्तिर्गि जलवायु वर्गीकरण-

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A. कोपेन जलवायु वर्गीकरण: कोपेन जलवायु वगीकरण राजथिान के सांबांर् में जलवायु

को चार मुख्य जलवायु समूहों में र्वभास्जत करता है , प्रत्येक समूह को वनथपनत के

आर्ार पर र्वभास्जत ककया जाता है।.

क्र. जलवायु जलवायु वनस्पति ववस्िार

समूह
सं.

1 Aw आर्द्घ/अधर्कतम सवाना बाांसवारा, प्रतापगढ़, डूग


ां रपरु , कोटा, बाराँ,

आर्द्घ झालावाड

2 BWhw शुष्क मरूद्लभद जैसलमेर, बीकानेर के प्रमुख भाग,

गांगानगर, हनुमानगढ़, चुरू

3 BShw अद्घर् शुष्क थटे पी जालोर, बाड़मेर, जोर्पुर, पाली, नाग़ौर,

सीकर, झुांझुनू, हनुमानगढ़ और गांगानगर

4 Cwg उप आर्द्घ मानसूनी अलवर, अजमेर, भरतपुर, बूांदी, भीलवाड़ा,

कऱौली, धचत्त़ौड़, ऱ्ौलपुर, द़ौसा, राजसमांद,

सवाई मार्ोपुर, लसरोही, टोंक, उदयपुर और

जयपुर

नोट:

• BShw कोपेन का सबसे बड़ा जलवायु क्ेत्र है ।

• Dense क्ेत्र में सर्न कृर्र्ष की जाती है ।

B. ट्रिवाथाा जलवायु वर्गीकरण:

वगीकरण का आर्ार – वर्षाघ

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प्रकार - 04

क्र.सं. कोपेन ट्रिवाथाा वर्ाा (सेमी में)

1 Aw Aw 100

2 BWhw BWhw 10

3 BShw BShw 30

4 Cwg Caw 70

C. थानाथ्वेट जलवायु वर्गीकरण: तापमान, वाष्पीकरण और वर्षाघ के आर्ार पर वगीकृत।

क्र.सं.. जलवायु जलवायु ववस्िार


समूह

1 CA’w आर्द्घ/अधर्कतम आर्द्घ बाांसवाड़ा, प्रतापगढ़, डूग


ां रपुर, कोटा, बाराां,

झालावाड़

2 DA’w अर्घ - शुष्क अलवर, अजमेर, भरतपरु , बूांदी, भीलवाड़ा,

कऱौली, धचत्त़ौड़, ऱ्ौलपरु , द़ौसा, राजसमांद, सवाई

मार्ोपुर, लसरोही, टोंक, उदयपुर और जयपुर

3 DB’w लमधश्रत जलवायु (शुष्क गांगानगर, हनुमानगढ़, चुरू, बीकानेर

और अर्घ-शुष्क)

4 EA’d शष्ु क जैसलमेर, बाड़मेर और जोर्परु का पस्चचमी

भाग

• थ्रोंिवेट जलवायु वगीकरण सबसे सटीक जलवायु वगीकरण है।

• DA'w थ्रोंिवेट जलवायु वगीकरण का सबसे बड़ा क्ेत्र है ।

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जलवायु ऋिुओं का वर्गीकरण:- बारह माह की अवधर् को तीन ऋतुओ में र्वभास्जत

ककया गया है राजथिान में तीन मुख्य ऋतुए - ग्रीष्म (माचघ-जून), वर्षाघ ऋतु (जून-लसतांबर),

शरद ऋतु (अक्टूबर और नवांबर), शीत ऋतु (ददसांबर-फरवरी)।

A. ग्रीष्म ऋिु - माचघ में उत्तरी गोलार्घ में सय


ू घ के ककघ रे खा की ओर बढ़ने के साि ही

तापमान में वद्


ृ धर् होने लगती है । जून के महीने में सूयघ ककघ रे खा पर लांबवत चमकता

है जो राज्य के दक्षक्णी भाग से होकर गज


ु रता है । शष्ु क, रे तीली लमट्टी के कारण

अधर्काांश राज्य में औसत तापमान 30 डडग्री सेस्ससयस से 36 डडग्री सेस्ससयस के बीच

रहता है। कुछ जगहों पर ददन का तापमान 48 डडग्री सेस्ससयस तक चला जाता है। ददन

बेहद गमघ होते हैं। भयांकर लू और रे तीले तूफान अक्सर आते रहते हैं। रात्री मे म़ौसम

सुहावना हो जाता हैं। आर्द्घता भी काफी कम हो जाती है । पूवी राजथिान में यह र्वर्षमता

पस्चचमी राजथिान की तल
ु ना में कम रहती है।

i) लू - गमी के म़ौसम में चलने वाली गमघ और शुष्क हवाएां। प्रमुख क्ेत्र - बाड़मेर

स्जला।

ii) धूल भरी आंधी- इसे बालू का तूफान भी कहा जाता है श्रीगांगानगर में 27 ददनों

तक लगातार र्ूल भरी आांर्ी चलती है।

iii) धूल का चक्रवाि - र्ूल भरी और चक्रवाती हवाएँ। स्जला – बीकानेर.

नोट :

• गमी के म़ौसम की र्टना जो तापमान में वद्


ृ धर् करती है - लू

• ग्रीष्म ऋतु की वह र्टना जो तापमान को कम करती है - र्ूल का चक्रवात

• राजथिान में ग्रीष्म ऋतु का सबसे गमघ महीना - जन


• ग्रीष्म ऋतु में राजथिान का सबसे गमघ थिान - फलोदी (जोर्पुर)

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• ग्रीष्म ऋतु में राजथिान का सबसे गमघ स्जला – चुरू

B. वर्ाा ऋिु - जून तक पूरे राज्य में गमी बढ़ जाती है स्जसके पररणामथवरूप दबाव

और हवा की ददशा उलट जाती है । जून के अांत या जुलाई की शुरुआत में मानसून

राजथिान में पहुांच जाता है । यह अरब सागर शाखा और बांगाल की खाड़ी शाखा दोनों

द्वारा वर्षाघ प्राप्त करता है। अरावली पवघतमाला के कारण राजथिान में काफी कम

वर्षाघ होती है अरब सागर शाखा की ददशा के समानाांतर होने के कारण इस शाखा को

बाधर्त करने में र्वफल रहता है हालाांकक, अरावली के दक्षक्णी भाग में िोड़ा पूव-घ पस्चचम

र्वथतार होने के कारण दक्षक्ण में माउां ट आबू में सबसे अधर्क वर्षाघ होती है।

• अरब सागर शाखा राजथिान में सबसे पहले मानसून लाती है ।

• राजथिान में अधर्कतम वर्षाघ बांगाल की खाड़ी की शाखा द्वारा होती है।

• पूरवाई - राजथिान में बांगाल की खाड़ी से आने वाली मानसूनी हवाएँ॰ ये

राजथिान के पूवी भाग में अधर्कतम वर्षाघ लाते हैं।

• मानसून पहले 15 जून को डूग


ां रपुर में आता है और 27 लसतांबर को राजथिान

से र्वदा होता है।

• झालावाड़ स्जले में सवाघधर्क वर्षाघ और जैसलमेर में न्यूनतम वर्षाघ होती है।

• राजथिान में औसत वर्षाघ - 57.50 सेमी

कम वर्ाा के ललए क्जम्मेदार कारक इस प्रकार हैं -

1. अरावली का र्वथतार मानसून की अरब सागर शाखा के समानाांतर है जो राज्य

में अधर्क वर्षाघ ककए बबना उत्तर की ओर ननकल जाता है।

2. मानसून की बांगाल की खाड़ी की शाखा के राजथिान में पहुँचने तक नमी काफी

कम हो जाती है।

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3. अरावली की कम ऊांचाई और वनथपनत की कमी भी राज्य में कम वर्षाघ के ललए

स्जम्मेदार है। राज्य के दक्षक्णी भाग मे ऊांचाई और र्ने वनथपनत आवरण के कारण

100 सेमी से अधर्क वर्षाघ होती है।

C. शरद ऋिु - अक्टूबर मे मानसूनी हवाए लोटने लगती है क्योंकक थथ्लीय ननम्न दाब

का क्ेत्र समाप्त हो जाता है और दहांद महासागर में तापमान में वद्


ृ धर् के कारण वहाँ ननम्न

दबाव र्वकलसत हो जाता है। लसतांबर और अक्टूबर में उच्च तापमान और उच्च आर्द्घता के

कारण उमस बनी रहती है। अक्टूबर के अांत तक अधर्कतम और न्यूनतम तापमान क्रमश:

35 डडग्री सेस्ससयस और 20 डडग्री सेस्ससयस रहता है। यह मानसन


ू लोटने का समय होता

है। इस अवधर् के द़ौरान हवाएां शाांत, बहुत हसकी और अत्यधर्क पररवतघनशील होती हैं।

• अक्टूबर गमी - मानसन


ू के अांतराल के द़ौरान तापमान में वद्
ृ धर्।

D. शीि ऋिु - राज्य में वाथतर्वक शीत ऋतु की शुरुआत ददसांबर में होती है क्योंकक सूयघ दक्षक्णी

गोलार्घ में मकर रे खा पर लांबवत रूप से चमकता है। राज्य में उत्तर-पस्चचमी ठां डी हवाएां चलने

लगी हैं। ददसांबर-जनवरी में पस्चचम से आने वाले चक्रवात द्वारा राज्य में दो या तीन बार

हसकी वर्षाघ होती है और इसे मावठ के नाम से जाना जाता है जनवरी में उत्तरी राजथिान में

तापमान 10 डडग्री सेस्ससयस से कम होता है और हाड़ौती क्ेत्र में यह लगभग 20 डडग्री

सेस्ससयस रहता है। शेर्ष राजथिान में औसत तापमान 10° से 20°C के बीच रहता है। राज्य

शीत लहर की चपेट में आता है, और दहमालयी क्ेत्र में बफघबारी के कारण कई थिानों पर

तापमान दहमाांक बबांद ु से नीचे चला जाता है

मावठ - राजथिान में शीत ऋतु में होने वाली वर्षाघ को मावठ के नाम से जाना जाता है । भूमध्य

सागर से उत्पन्न होने वाले चक्रवात राजथिान सदहत उत्तर-पस्चचम भारत में वर्षाघ लाते हैं। यह

बाररश रबी की फसल के ललए वरदान है । यह गेहूां की फसल के ललए अच्छा है , इसललए इसे

"गोसडन ड्रॉप्स" के रूप में भी जाना जाता है।

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जनवरी माह में दहमालय क्ेत्र से ठां डी हवाएां आती हैं, स्जनकी ददशा उत्तर-पूवघ से दक्षक्ण-

पस्चचम की ओर होती है , सबसे अधर्क लाभ चुरू स्जले को होता है ।

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