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वर्तमान यग
ु कंप्यट
ू र यग
ु है । यदि भारर्वर्त पर नजर िौडा कर िे खें र्ो हम पाएंगे कक जीवन
के लगभग सभी क्षेत्रों में कंप्यूटर का प्रवेश हो गया है । बैंक, रे लवे स्टे शन, हवाई अड्डे,
डाकखाने, बडे- बडे उद्योग, कारखाने, व्यवसाय, दहसाब-ककर्ाब, रुपए र्क की मशीनें
कंप्यूटरीकृर् हो गई है । अभी एक कंप्यूटर का प्रारं भभक प्रयोग है । आने वाला समय बिलाव
का संकेर् िे रहा है। क्या कंप्यूटर आज की जरूरर् है ? इसका उत्तर है – कंप्यूटर जीवन की
मूलभूर् अननवायत वस्र्ु र्ो नहीं है , ककं र्ु इसके बबना िनु नया अधूरी जान पडर्ी है ।
सारी गनर्ववधधयों, पररवहन और संचार उपकरणों आदि का ऐसा ववस्र्ार हो गया है कक उन्हें
सुचारू रूप से चलाना अत्यंर् कदिन होर्ा जा रहा है । पहले मनुष्य जीवन भर में अगर 100
लोगों के संपकत में आर्ा था र्ो आज वह 2000 लोगों के संपकत में आर्ा है। पहले दिन में
पांच 10 लोगों से भमलर्ा था र्ो आज 50-100 लोगों से भमलर्ा है। पहले वह दिन में काम
करर्ा था र्ो आज रार्ें भी व्यस्र् रहर्ी हैं। आज व्यक्क्र् के संपकत बढ़ रहे हैं, व्यापार बढ़
रहे हैं, गनर्ववधधयां बढ़ रही हैं, आकांक्षाएं बढ़ रही हैं, साधन बढ़ रहे हैं। इस अननयंबत्रर् गनर्
को सुव्यवस्था िे ने की समस्या आज की प्रमुख समस्या है ।कहर्े हैं आवश्यकर्ा आववष्कार
की जननी है । इस आवश्यकर्ा ने अपने अनुसार ननिान ढूंढ भलया है । कंप्यूटर एक ऐसी
स्वचाभलर् प्रणाली है जो कैसी भी अव्यवस्था को व्यवस्था में बिल सकर्ी है। हडबडी में होने
वाली मानवीय भूलों के भलए कंप्यूटर रामबाण और्धध है। किकेट के मैिान में अंपायर की
ननणातयक भूभमका हो या लाखों करोडों की लंबी-लंबी गणनाए, कंप्यूटर पलक झपकर्े ही
आपकी समस्या हल कर सकर्ा है। पहले इन कामों को करने वाले कमतचारी हडबडा कर काम
करर्े थे। एक भूल से घबराकर और अधधक गडबडी करर्े थे। पररणाम स्वरूप काम कम
र्नाव अधधक होर्ा था। अब कंप्यूटर की सहायर्ा से काफी सुववधा हो गई हैA

1‐ वर्तमान यग
ु कंप्यट
ू र का यग
ु क्यों है ?
¼d½ कंप्यट
ू र के बबना जीवन की कल्पना असंभव सी हो गई है
¼[k½ कंप्यट
ू र ने परू े ववश्व के लोगों को जोड दिया है
¼x½ कंप्यूटर जीवन की अननवायत मूलभूर् वस्र्ु बन गया है
¼?k½ कंप्यूटर मानव सभ्यर्ा के सभी अंगो का अभभन्न अवयव बन चुका है
2. गद्यांश के अनुसार कंप्यूटर के महत्व के ववर्य में कौन सा ववकल्प सही है?
¼d½ कंप्यट
ू र काम के र्नाव को समाप्र् करने का उपाय है
¼[k½ कंप्यट
ू र कई मानवीय भल
ू ों को ननणातयक रूप से सध
ु ार िे र्ा है
¼x½ कंप्यट
ू र के आने से सारी हडबडाहट िरू हो गई है
¼?k½ मानव की सारी समस्याओं का हल कंप्यट
ू र से संभव है

3‐ गद्यांश के अनुसार ककस आवश्यकर्ा ने कंप्यूटर में अपना ननिान ढूंढ भलया है
¼d½ अननयंबत्रर् कमतचाररयों को अनुशाभसर् करने की
¼[k½ अननयंबत्रर् गनर् को सुव्यवस्था िे ने की
¼x½ अधधक से अधधक लोगों से जुड जन जागरण लाने की
¼?k½ अधधक से अधधक कायत कभी भी और कहीं भी करने की

4 ‐कंप्यूटर के प्रयोग से पहले अधधक र्नाव क्यों होर्ा था?


¼d½ लंबी लंबी गणनायें करनी पडर्ी थी
¼[k½ गलनर्यों के डर से कमतचारी घबराए रहर्े थे
¼x½ किकेट मैचों में गलर् ननणतय का खर्रा रहर्ा था
¼?k½ मानवीय भूलों के कारण बडी िघ
ु ट
त नाएं होर्ी थी

5‐ कंप्यूटर के बबना आज की िनु नया अधूरी क्यों है?


¼d½ क्योंकक सारी व्यवस्था, उपकरण और मशीनें कंप्यूटरीकृर् है
¼[k½ कंप्यट
ू र ही मानव एकीकरण का आधार है
¼x½ कंप्यट
ू र ने सारी प्रकिया आसान बना िी है
¼?k½ कंप्यट
ू र द्वारा मानव सभ्यर्ा अधधक समथत हो गई है

1-‘पितर िक्ष में हमसे कुछ िाने के लिए काक बनकर अवतीर्ण होना िड़ता है ।’ अिने पवचार
लिखिए।

2- “घायिों की सहायता के लिए धैयण की आवश्यकता होती है”-गिल्िू के संदर्ण में स्िष्ट
कीजिए कक ककसी घायि के प्रतत आिके व्यवहार में क्या पवशेषता होिी।

3- अततगि सदै व दे वता नह ं होता’ वह मानव और िोड़े अंशों में राक्षस र्ी हो सकता है । तम

कब िाओिे, अततगि? िाठ के आधार िर किन की व्याख्या कीजिए।

4- रह म के दोहों की पवशेषताएँ बताइए ।


5- रह म के दोहे के आधार िर बताइए कक आि तािाब के िि को श्रेष्ठ मानते हैं या सािर
के िि को और क्यों?

6- आि 27/5, आशीवाणद अिाटण मेंट, सेक्टर-15, रोहहर्ी, हदल्ि तनवासी कतणव्य हो। आि ककसी
िवणतीय स्िि की यात्रा िर िए िे। इस बारे में बताते हुए अिने लमत्र कौहटल्य को ित्र
लिखिए।

1.

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