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अंतरराष्ट्रीय संगठन, संधि तथा सम्मेलन Hindi Copy
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सीरीज
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अं तररा�ीय संगठन, सं�ध
तथा स�ेलन
�ारं�भक परीक्षा 2024
विषय सूची
स्थापना: 1945
संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) मुख्यालय: न्यूयॉकि, यूएसए
सदस्य दे श: 193 दे श
स्थापना: 1945
मुख्यालय: न्यूयॉकि
संयुक्त राष्ट्र महासभा
सदस्य दे श: 193
पयिवेक्षक राज्य: 2
1
❖ सुरिा पररषद 15 सदस्य दे िों से नमलकर ििी है , नजसमें 5 स्थायी सदस्य - चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटे ड र्कंगडम
और संयुक्त राज्य अमेररका शामिल हैं।
❖ इसमें िेत्रीय आिार पर महासभा द्वारा द वषि के कायिकाल के नलए चुिे गए दस गैर-स्थायी सदस्य हैं ।
❖ वीट शक्तक्त : सुरिा पररषद के स्थायी सदस्यों को प्रदाि की गई िक्तक्त है यह िक्तक्त स्थायी सदस्य दे िों को नकसी भी
प्रस्ताि पर िीटो (अस्वीकार) करिे की िक्तक्त प्रदान करता है ।
❖ यह समन्वय, िीनत समीिा, िीनतगत संिाद तथा आनथयक, सामानजक एिं पयाय िरणीय मुद्ों पर नसफाररिों के साथ-साथ
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहमत निकास लक्ष्ों के कायाय न्वयि के नलए मुख्य निकाय है ।
❖ इसमें 54 सदस्य दे श शार्मल हैं , जो तीन वषि तक के कायिकाल के नलए महासभा द्वारा चुिे जाते हैं ।
❖ यह सतत निकास पर नचंति, िहस और ििीि सोच के नलए संयुक्त राष्ट्र का केंद्रीय मंच है।
❖ यह संयुक्त राष्ट्र की नििेष एजेंनसयों के काम का समन्वय करता है और संयुक्त राष्ट्र प्रणाली सदस्य तथा राज्यों को
िीनतगत नसफाररिें जारी करता है ।
❖ इसकी स्थापिा िषय 1945 में संयुक्त राष्ट्र चाटि र द्वारा अध्याय XIII के तहत की गई थी।
❖ टर स्ट िेत्र एक गैर-स्विासी िेत्र है नजसे संयुक्त राष्ट्र की टर स्टीनिप काउं नसल द्वारा प्रिासनिक अनिकार के तहत रखा
गया है ।
❖ इसकी स्थापिा टर स्ट क्षेत् ं के प्रशासन की र्नगरानी के नलए की गई थी क्ोंनक िे उपर्नवेश ं से संप्रभु राष्ट्र ं में
पररवर्तित हो गए थे।
❖ टर स्टीनिप काउं नसल िे 1 ििंिर, 1994 को पररचालि र्नलंर्बत कर नदया।
❖ सनचिालय में महासर्चव तथा अंतरराष्ट्रीय संयुक्त राष्ट्र कमयचारी सदस्य िानमल होते हैं जो महासभा और संगठि के
अन्य प्रमुख अंगों द्वारा आदे नित संयुक्त राष्ट्र के दै र्नक कायों को पूरा करते हैं ।
2
❖ महासनचि संगठि का मुख्य प्रशासर्नक अर्िकारी होता है ।
❖ महासभा उसे सुरक्षा पररषद की र्सफाररश पर पाँच वषि के काययकाल के नलए नियुक्त करती है ।
स्थापना: 1944
र्वश्व बैंक मुख्यालय: वार्शंगटन डीसी, यूएसए
सदस्य दे श: 189 दे श
❖ र्वश्व बैंक समूह पाँच संस्थािों की एक िैनश्वक साझेदारी है जो निकासिील दे िों में
गरीिी को कम करिे और साझा समरक्ति का निमाय ण करिे िाले स्थायी समािािों के नलए
कायय कर रही है ।
❖ निश्व िैंक संयुक्त राष्ट्र की र्वशेष एजेंर्सय ं में से एक है ।
❖ यह एक अंतरराष्ट्रीय नित्तीय संस्थाि है जो र्नम्न और मध्यम आय वाले र्वकासशील
दे श ं की सरकारों को पूँजीगत पररयोजिाओं को आगे िढािे के नलए ऋण और अिुदाि प्रदाि करता है ।
❖ र्वश्व बैंक के तहत र्वकास संस्थान डब्ल्यूिी (World Bank) समूह के दोहरे उद्े श्यों को पूरा करते हैं
➢ इिका उद्े श्य 2030 तक अत्यनिक गरीिी को समाप्त करिा है।
➢ वैमिक स्तर पर निचली 40% आिादी के नलए साझा संिरक्ति को िढािा है ।
❖ 16.41% िोटों के साथ संयुक्त राज्य अमेररका सबसे बडा एकल शेयरिारक है , इसके िाद जापान (7.87%), जमिनी
(4.49%), यूनाइटे ड र्कंगडम (4.31%), और फ्रांस (4.31%) हैं । भारत का िोनटं ग िेयर 2.91% है ।
❖ निश्व िैंक समूह के अध्यि (ितयमाि में श्री अजय बंगा), निदे िक मंडल की िैठकों की अध्यिता करिे और िैंक के समग्र
प्रिंिि के नलए उत्तरदायी हैं ।
आईडीए (अंतरराष्ट्रीय निकास संघ) यह कम आय िाले दे िों को कम या नििा ब्याज िाले ऋण प्रदाि करता है ।
आईएफसी (अंतरराष्ट्रीय नित्त निगम) यह निजी कंपनियों तथा सरकारों को नििेि, सलाह और पररसंपनत्त प्रिंिि प्रदाि
करता है ।
एमआईजीए (िहुपिीय गारं टी एजेंसी) यह ऋणदाताओं और नििेिकों को युि जैसे राजिीनतक जोक्तखमों के क्तखलाफ िीमा
सहायता प्रदाि करता है ।
3
स्थापना: 1948
र्वश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) मुख्यालय: र्जनेवा, क्तस्वट् जरलैंड
सदस्य दे श: 194 दे श
स्थापना: 1950
र्वश्व मौसम र्वज्ञान संगठन मुख्यालय: र्जनेवा, क्तस्वट् जरलैंड
सदस्य दे श: 187 दे श
❖ यह संयुक्त राष्ट्र की एक नििेष एजेंसी है , नजसकी उत्पनत्त अंतरराष्ट्रीय मौसम र्वज्ञान संगठन (IMO) से हुई है ।
❖ इसकी स्थापिा िषय 1873 के दौरान की गई थी।
❖ यह संयुक्त राष्ट्र की एक प्रमुख संस्था है ।
❖ इसके अंतगयत पृथ्वी के वायुमंडल की क्तस्थर्त और व्यवहार से संबंर्ित मुद्द ं पर ध्यान र्दया जाता है
❖ इसका सिोच्च निकाय निश्व मौसम र्वज्ञान कांग्रेस है नजसमें महासर्चव की अध्यिता में सभी सदस्य दे िों के
प्रनतनिनि िानमल होते हैं ।
❖ सामान्य िीनत नििाय ररत करिे और नियमों को अपिािे के नलए इसकी कम से कम प्रत्येक चार वषों में िैठक का
आयोजि नकया जाता है।
❖ 36 सदस्यीय कायिकारी पररषद की बैठक का आय जन प्रर्त वषि नकया जाता है ।
4
स्थापना: 1944
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा क ष (IMF) मुख्यालय: वार्शंगटन डीसी, यूएसए
सदस्य दे श: 190 दे श
❖ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) एक िैनश्वक संस्था है नजसका मूल उद्े श्य अंतरराष्ट्रीय मौर्द्रक
सहय ग क प्र त्सार्हत करना, र्वश्वव्यापी व्यापार क सुर्विाजनक बनाना, आर्थिक
र्वकास और सतत र्वकास को प्रोत्सानहत करिा है ।
❖ यह ब्रेटन वुड्स समझौते के पररणामस्वरूप अक्तस्तत्व में आया।
❖ इसका उद्े श्य अंतरराष्ट्रीय मुद्रा र्वर्नमय दर ं क क्तस्थर करना और र्ितीय र्वश्व युद्ध के िाद
अंतरराष्ट्रीय आनथयक सहयोग के नलए एक रूपरे खा प्रस्तुत करिा था।
❖ आईएमएफ अपिे सदस्य दे िों के मध्य सहय ग क बढावा दे कर वैर्श्वक मौर्द्रक क्तस्थरता को
िढािा दे िे तथा आर्थिक एवं र्वत्तीय संकट ं के खतरों को कम करिे का प्रयास करता है।
❖ आईएमएफ भुगतान संतुलन संबंिी दु र्विाओं या अन्य आनथयक कनठिाइयों का सामिा करिे िाले सदस्य दे िों को
नित्तीय सहायता प्रदाि करता है।
❖ आईएमएफ राजकोषीय िीनत, मौनद्रक िीनत और नित्तीय निनियमि जैसे िेत्रों में अपिे सदस्य दे िों की िमताओं को
िढािे के नलए तकिीकी सहायता और प्रनििण प्रदाि करता है ।
❖ प्रत्येक सदस्य को निश्व अथयव्यिस्था में उसकी सापेि क्तस्थनत के आिार पर एक क टा प्रदाि नकया गया है ।
❖ र्वशेष आहरण अर्िकार (SDR) सदस्य दे िों की अन्य आरनित संपनत्तयों के पूरक के नलए 1969 में आईएमएफ द्वारा
ििाई गई एक ब्याज-युक्त अंतरराष्ट्रीय आरनित संपनत्त है ।
❖ एसडीआर का मूल्य पाँच मुद्राओं पर आिाररत है - अमेररकी डॉलर, यूर , चीनी रे नर्मनबी (Renminbi), जापानी
येन और र्ब्रर्टश पाउं ड स्टर्लिंग।
❖ एक िार आिंनटत होिे के िाद, सदस्य अपिे एसडीआर को अपिे र्वदे शी मुद्रा भंडार के नहस्से के रूप में रख सकते
हैं अथवा अपिे एसडीआर आिंटि के केवल कुछ नहस्से या को पुरे को िेच या उपयोग कर सकते हैं ।
स्थापना: 1919
अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) मुख्यालय: र्जनेवा, क्तस्वट् जरलैंड
सदस्य दे श: 187 दे श
❖ अंतरराष्ट्रीय श्म संगठि (ILO) श्म से संिंनित सभी पहलुओं के नलए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी है ।
❖ इसका अनिदे ि अंतरराष्ट्रीय श्म मािकों को स्थानपत करके सामानजक और आनथयक न्याय को आगे
िढािा है ।
❖ ILO का अनिदे ि ितयमाि में, सभी के र्लए यथ र्चत कायि के रूप में व्यक्त नकया गया है ।
❖ UN ECOSOC इसका मूल संगठि है ।
❖ यह एकमात्र नत्रपिीय संयुक्त राष्ट्र एजेंसी है जो सभी सदस्य दे िों की सरकारों, नियोक्ताओं और श्नमकों के प्रनतनिनियों
को एक साथ लाती है ।
❖ इसिे "मौर्लक र्सद्धांत ं और कायिस्थल पर अर्िकार ं पर घ षणा" को अपिाया नजसका उद्े श्य सभी प्रकार के
जिरि या अनििायय श्म को समाप्त करिा है ।
❖ भारत आईएलओ का एक संस्थापक सदस्य दे श है।
❖ ILO के आठ प्रमुख सम्मेलन ं में से, भारत ने 6 का अनुम दन नकया है , अथायत्, जिरि श्म कन्वेंिि (नंबर 29),
जिरि श्म उन्मूलि कन्वेंिि (नंबर 105), समाि पाररश्नमक कन्वेंिि (नंबर 100), भेदभाि (रोजगार व्यिसाय) )
कन्वेंिि (नंबर 111), न्यूितम आयु कन्वेंिि (नंबर 138), िाल श्म के सिसे खराि रूप से संिंनित कन्वेंिि (नंबर
182)।
❖ भारत द्वारा अनुम र्दत नही ं र्कए गए 2 कन्वेंिि हैं : संघ की स्वतंत्रता और संगनठत कन्वेंिि के अनिकार का संरिण
(नंबर 87), संगनठत होिे का अनिकार और सामूनहक सौदे िाजी कन्वेंिि (नंबर 98)।
5
संयुक्त राष्ट्र र्नर्ि और कायिक्रम
स्थापना: 1966
संयुक्त राष्ट्र र्वकास कायिक्रम (UNDP) मुख्यालय: न्यूयॉकि, यूएसए
सदस्य दे श: 177 दे श
❖ यह संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी है नजसका काम दे िों को गरीबी खत्म करने तथा सतत आर्थिक र्वकास
तथा मानव र्वकास के लक्ष् को प्राप्त करिे में सहायता करिा है ।
❖ यूएिडीपी के कायय तीि िुख्य िेत्रों में केंनद्रत हैं -
➢ सतत निकास
➢ लोकतां नत्रक िासि और िां नत निमाय ण
➢ जलिायु एवं आपदा लचीलापि
❖ यूएिडीपी के जिादे ि में गरीिी को खत्म करिा, ल कतांर्त्क शासन, कानून का शासन और
समावेशी संस्थान ं का निमाय ण करिा िानमल है ।
❖ यह पूरी तरह से सदस्य दे िों के स्वैक्तिक य गदान से नित्त पोनषत है ।
स्थापना: 1964
व्यापार और र्वकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन
मुख्यालय: र्जनेवा, क्तस्वट् जरलैंड
(UNCTAD)
सदस्य दे श: 195 दे श
6
स्थापना: 1969
संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या क ष
मुख्यालय: न्यूयॉकि
स्थापना: 1997
संयुक्त राष्ट्र सतत र्वकास समूह (UN SDG) मुख्यालय: न्यूयॉकि, संयुक्त राज्य अमेररका
सदस्य दे श: 162 दे श
❖ संयुक्त राष्ट्र सतत निकास समूह (UN SDG) को पहले संयुक्त राष्ट्र निकास समूह (UNDG) के िाम से जािा जाता था।
❖ यह निकास में भूनमका निभािे िाले 36 संयुक्त राष्ट्र र्नर्िय ,ं काययक्रमों, नििेष एजेंनसयों, निभागों और कायायलयों का
एक संघ है ।
❖ संयुक्त राष्ट्र एसडीजी को संयुक्त राष्ट्र के महासर्चव द्वारा ििाया गया था।
❖ इसे दे ि स्तर पर संयुक्त राष्ट्र निकास गनतनिनियों की प्रभाििीलता में सुिार लािे के उद्े श्य से ििाया गया था।
7
संयुक्त राष्ट्र की पहल
1. संयुक्त राष्ट्र का खाद्य एवं कृर्ष संगठन 11. व्यापक परमाणु परीक्षण-प्रर्तबंि संर्ि संगठन
2. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊजाि एजेंसी के र्लए प्रारं र्भक आय ग
3. अंतरराष्ट्रीय अपराि न्यायालय 12. संयुक्त राष्ट्र शैर्क्षक, वैज्ञार्नक और सांस्कृर्तक
4. कृर्ष र्वकास के र्लए अंतरराष्ट्रीय क ष संगठन
5. अंतरराष्ट्रीय श्रर्मक संगठन 13. संयुक्त राष्ट्र औद्य र्गक र्वकास संगठन
8
बहुपक्षीय संगठन
शासन संरचना
9
स्थापना: 1995
र्वश्व व्यापार संगठन (WTO) मुख्यालय: र्जनेवा, क्तस्वट् जरलैंड
सदस्य दे श: 164 दे श और 22 पयिवेक्षक
❖ यह निश्व व्यापार संगठि (WTO) राष्ट्रों के मध्य व्यापार के नियमों से संबंमित िुद्दों का सिािान
करने िाला एकमात्र िैनश्वक अंतरराष्ट्रीय संगठि है।
❖ डब्ल्यूटीओ वैर्श्वक व्यापार और सकल घरे लू उत्पाद का लगभग 98% महस्से की दे ख-रे ख
करता है । इसके सदस्यों को पूणयतः स्वतंत्र राज्य होिा आिश्यक िहीं है ।
❖ इसे प्रारं भ में GATT (टै ररफ और व्यापार पर सामान्य समझौता) के रूप में स्थानपत नकया
गया था।
❖ GATT 1948 से WTO तक अंतरराष्ट्रीय व्यापार को नियंनत्रत करिे िाला एकमात्र िहुपिीय
सिझौता था। इसकी स्थापिा िषय 1995 (मराकश समझौता) में की गई थी।
❖ GATT केिल नियमों और िहुपिीय समझौतों का एक समूह था तथा इसमें संस्थागत संरचिा का अभाि था। इसनलए
इसे WTO के रूप में प्रनतस्थानपत नकया गया।
❖ र्वश्व व्यापार संगठन का सिोच्च प्रानिकरण मंर्त्स्तरीय सम्मेलन है , नजसकी िैठक कम से कम प्रत्येक दो िषों में होिी
चानहए।
❖ प्रत्येक मंनत्रस्तरीय सम्मेलि के िध्य, दै निक कायय को तीि निकायों द्वारा नियंनत्रत नकया जाता है : सामान्य पररषद, र्ववाद
र्नपटान र्नकाय तथा व्यापार नीर्त समीक्षा र्नकाय (TPRB)।
❖ यह िषय 1995 के दौरान प्रभाि में आया। एओए की तीि केंद्रीय अििारणाएँ या 'स्तंभ' हैं : घरे लू सहायता, बाजार
पहुँच और र्नयाित सक्तिडी।
❖ यह घरे लू सहायता गारं टीकृत न्यूनतम मूल् या इिपुट सक्तिडी जैसी सक्तिडी को संदनभयत करता है जो प्रत्यि
और उत्पाद निनिष्ट् हैं।
❖ इसके तहत, सक्तिडी को तीि िॉक्स में िगीकरत नकया गया है , अथाय त ग्रीन बॉक्स, एम्बर बॉक्स और रे ड बॉक्स।
ग्रीन बॉक्स ब्लू बॉक्स एम्बर बॉक्स
पयायिरणीय काययक्रमों, कीट और रोग ऐसे समथयि नजिके नलए नकसािों को सभी घरे लू समथयि उपाय उत्पादि
नियंत्रण तथा िुनियादी ढाँचे के निकास उत्पादि सीनमत करिे की और व्यापार को निकरत करिे िाले
और घरे लू खाद्य सहायता से जुडे आिश्यकता होती है । मािे जाते हैं नजन्हें सरकारों को कम
भुगताि, इसके अलािा उत्पादकों को करिे लेनकि ख़त्म िहीं करने की
सीिे भुगताि यनद िे भुगताि एक आिश्यकता है ।
निनित, ऐनतहानसक आिार अिनि से कीमतों का समथयि करिे के उपाय या
जुडे हुए हैं तो आय िीमा तथा सीिे उत्पादि गुणों से संिंनित
आपातकालीि काययक्रमों के नलए सक्तिडी।
सरकारी भुगताि।
❖ इसे िहुपिीय व्यापार प्रणाली को सेिा िेत्र तक निस्ताररत करिे के नलए निनमयत नकया
सेवाओं में व्यापार संबंिी
गया था, उसी तरह जैसे टै ररफ और व्यापार पर सामान्य समझौते (GATT) ने
सामान्य समझौता (1995)
वार्णक्तज्यक वस्तु के व्यापार के र्लए ऐसी प्रणाली प्रदान की थी।
बौक्तद्धक संपदा अर्िकार ं ❖ यह िौक्तिक संपदा (IP) निनियमि के कई रूपों के नलए न्यूितम मािक प्रदाि करता
के व्यापार-संबंर्ित है ।
10
पहलुओं पर समझौता ❖ 1994 में टै ररफ और व्यापार पर सामान्य समझौते (GATT) के उरुग्वे दौर के अंत में
(TRIPS) इस पर िातचीत की गई थी।
❖ इसे एसपीएस समझौते के रूप में भी जािा जाता है , इस पर GATT के उरुग्वे दौर
स्विता और पादप के दौराि िातचीत की गई थी।
स्विता ❖ िषय 1995 की िुरुआत में डब्ल्यूटीओ की स्थापिा के साथ इसे लागू नकया गया था ।
(Phytosanitary) उपाय ं ❖ इसके तहत, डब्ल्यूटीओ खाद्य सुरक्षा (जीिाणु संदूषक, कीटिािक, निरीिण और
के अनुप्रय ग पर समझौता लेिनलंग) के साथ-साथ पशु और पौि ं के स्वास्थ्य (आयानतत कीट और रोग) से
संिंनित सदस्यों की िीनतयों पर प्रनतिंि लगाता है।
स्थापना: 2009
BRICS मुख्यालय: शंघाई
सदस्य दे श: ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दर्क्षण अफ़्रीका
संदभि
ज हान्सबगि में 15वें र्ब्रक्स र्शखर सम्मेलन, 2023 में, छह अर्तररक्त दे श ं को, नब्रक्स समूह के निस्तार के रूप में आमंनत्रत
करिा एक महत्त्वपूणय कदम सानित हुआ।
िि आमंनत्रत दे िों में िानमल हैं :
❖ पनिम एनिया से ईरान, सऊदी अरब,और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई)।
❖ अफ़्रीका से र्मस्र और इर्थय र्पया
❖ लैनटि अमेररका से अजेंटीना
(हाल ही में र्ब्रक्स में र्नय र्जत
प्रवेश क वापस ले र्लया गया)
व्याख्या
❖ नब्रक्स मवि की अग्रणी उभरती
अथयव्यिस्थाओं, अथाय त ब्राजील,
रूस, भारत, चीि और दनिण
अफ्रीका के समूह का संनिप्त रूप
है ।
❖ 2001 में, नब्रनटि अथयिास्त्री र्जम
ओ'नील िे इस िब्द को गढा था।
❖ 2006 में BRIC निदे ि मंनत्रयों की
पहली िैठक के दौराि इस समूह
को औपचाररक रूप नदया गया
था।
❖ पहले नब्रक निखर सम्मेलि का
आयोजन 16 जूि, 2009 को
येकातेररनबगि, रूस में नकया गया था।
11
❖ नसतंिर 2010 में न्यूयॉकि में BRIC र्वदे श मंर्त्य ं की बैठक में दर्क्षण अफ्रीका क पूणि सदस्य के रूप में स्वीकार
र्कए जाने के बाद BRIC समूह का नाम बदलकर BRICS कर नदया गया।
स्थापना: 1967
दर्क्षण पूवि एर्शयाई दे श ं का संघ मुख्यालय: जकाताि, इं ड नेर्शया
(ASEAN) सदस्य दे श: ब्रुनेई दारुस्सलाम, बमाि, कंब र्डया, इं ड नेर्शया, लाओस,
मलेर्शया, र्फलीपी ंस, र्संगापुर, थाईलैंड और र्वयतनाम
संदभि
भारत के रिा मंत्री िे हाल ही में जकाताय , इं डोिेनिया में 10िीं आनसयाि रिा मंनत्रयों की िैठक-प्लस
(एडीएमएम-प्लस) में भाग नलया।
व्याख्या
❖ यह एक िेत्रीय संगठि है नजसकी स्थापिा एनिया-प्रिां त के उपनििेििाद के िाद के राज्यों के
िध्य िढते तिाि के िीच राजनीर्तक और सामार्जक क्तस्थरता को िढािा दे िे के नलए की गई
थी।
❖ आनसयाि की अध्यिता सदस्य दे िों के अंग्रेजी िामों के िणयमाला क्रम के आिार पर प्रत्येक वर्ष िदलती रहती है ।
❖ आनसयाि में सिोच्च स्तर के प्रानिकार के रूप में, निखर सम्मेलि आनसयाि की िीनतयों और उद्े श्यों की िषय में दो िार
िैठक की योजना नििाय ररत की जाती है ।
❖ आनसयाि में निणयय लेिे का प्राथनमक तरीका परामिय और आम सहमनत है ।
❖ भारत आर्सयान प्लस छः समूह का नहस्सा है , नजसमें चीन, जापान, दर्क्षण क ररया, न्यूजीलैंड और ऑस्टरे र्लया
िानमल हैं ।
❖ आर्सयान प्लस थ्री (एपीटी) में 10 आनसयाि सदस्य दे श, चीन, जापान और क ररया गणराज्य (आरओके) िानमल
हैं ।
❖ र्दल्ली डायलॉग आर्सयान और भारत के िध्य राजिीनतक-सुरिा, आनथयक और सामानजक-सांस्करनतक मुद्ों पर चचाय
के नलए एक वार्षिक टर ै क 1.5 मंच है ।
स्थापना: 1949
उत्तरी अटलांर्टक संर्ि संगठन (नाट ) मुख्यालय: ब्रुसेल्स, बेक्तियम
सदस्य दे श: 32 राष्ट्र
संदभि
हं गरी की संसद िे उत्तरी अटलां नटक संनि संगठि (िाटो) में िानमल होिे के नलए स्वीडन के प्रयास को मंजूरी दे िे के नलए
मतदाि नकया, नजससे िह गठबंिन में शार्मल ह ने वाला 32वाँ सदस्य दे ि िि गया।
व्याख्या
❖ उत्तरी अटलां नटक संनि संगठि, अपिे सदस्यों के मध्य आपसी रक्षा और सामूर्हक सुरक्षा को िढािा दे िे के नलए 1949
में गनठत एक राजनीर्तक और सैन्य गठबंिन है ।
❖ 1949 में, गठिंिि के 12 संस्थापक सदस्य थे, अथाय त:
➢ िेक्तियम, किाडा, डे िमाकय, फ्रांस, आइसलैंड, इटली, लक्ज़मिगय, िीदरलैंड, िॉिे, पुतयगाल, यूिाइटे ड नकंगडम और
संयुक्त राज्य अमेररका।
12
❖ ति से, 20 और दे ि गठिंिि में िानमल हो गए हैं : ग्रीस और तुकी (1952); जमयिी (1955); स्पेि (1982); चेनकया, हंगरी
और पोलैंड (1999); िुल्गाररया, एस्टोनिया, लातनिया, नलथुआनिया, रोमानिया, स्लोिानकया और स्लोिेनिया (2004);
अल्बानिया और क्रोएनिया (2009); मोंटेिेग्रो (2017); उत्तर मैसेडोनिया (2020); ऩििलैंड (2023) और स्वीडन
(2024)।
❖ अनुिेद 5 िाटो
संनि का एक प्रमुख
प्राविान है नजसके
अिुसार एक सदस्य
पर हमला सभी
सदस्य ं पर हमला
माना जाएगा र्जसे
सामूर्हक रक्षा के
रूप में भी जाना
जाता है ।
❖ यह प्राििाि संयुक्त
राज्य अमेररका में
9/11 (2001) के
आतंकवादी हमल ं
के बाद केवल एक
बार लागू र्कया
गया है ।
❖ हालाँनक, िाटो की
सुरिा सदस्यों के गरह युिों या आं तररक तख्तापलट तक निस्ताररत िहीं है ।
स्थापना: 1999
जी -20
सदस्य दे श: 21 (यूर पीय संघ और अफ्रीकी संघ सर्हत)
संदभि
भारत िे 2023 में G20 के निखर सम्मेलि की मेजिािी की।
व्याख्या
❖ G20 अंतर-सरकारी सहयोग का एक मंच है नजसमें यूरोपीय
संघ (EU) के साथ 19 दे श िानमल हैं , र्जसमें सबसे हार्लया
समावेशन अफ्रीकी संघ है ।
❖ यह सकल निश्व उत्पाद (GWP) का लगभग 90%, अंतरराष्ट्रीय
व्यापार का 75-80%, िैनश्वक आिादी का दो-नतहाई और मवि
के लगभग आिे भूनम िेत्र का नहस्सा है ।
❖ G20 की स्थापना 1999 में कई र्वश्व आर्थिक संकट ं के जवाब में की गई थी।
❖ 2008 के िाद से, इस बैठक को साल में कम से कम एक िार िुलाई जाती है , नजसमें प्रत्येक सदस्य के सरकार या राज्य
के प्रमुख, नित्त मंत्री, निदे ि मंत्री तथा अन्य उच्च-रैं नकंग अनिकारी िानमल होते हैं ।
❖ G20 स्थायी सर्चवालय या कमिचाररय ं के र्बना संचार्लत होता है।
❖ 2024 और 2025 र्शखर सम्मेलन की मेजिािी क्रमिः ब्राजील और दर्क्षण अफ्रीका द्वारा की जाएगी।
❖ जी 20 प्रनक्रया में एक प्रमुख निकासिील अथयव्यिस्था के रूप में, अंतरराष्ट्रीय आनथयक और नित्तीय प्रणाली की क्तस्थरता
में भारत की महत्त्वपूणय नहस्सेदारी है ।
13
❖ सदस्य दे श: भारत,अजेंटीिा, ऑस्टर े नलया, ब्राजील, किाडा, चीि, फ्रां स, जमयिी, इं डोिेनिया, इटली, जापाि, कोररया
गणराज्य, मैक्तक्सको, रूस, सऊदी अरि, दनिण अफ्रीका, तुनकयये, यूिाइटे ड नकंगडम, संयुक्त राज्य अमेररका, यूरोपीय
संघ और अफ्रीकी संघ।
❖ 'MIIRA'या 'नमलेट इं टरिेििल इनिनिएनटि फॉर ररसचय एं ड अिेयरिेस' भारत िारा G20 प्रेसीडें सी के दौराि लॉन्च
नकया गया था।
❖ G20 निखर सम्मेलि में भारत का एजेंडा निम्ननलक्तखत से प्रेररत है :
➢ नित्तीय प्रणाली में अनिक समािेनिता लािे की आिश्यकता।
➢ संरिणिादी प्रिरनत्तयों से िचिा।
➢ यह सुनिनित करिे के नलए नक निकासिील दे िों की निकास संभाििाएँ प्रभानित ि हों।
स्थापना: 2001
अफ़्रीकी संघ मुख्यालय: अदीस अबाबा, इर्थय र्पया
सदस्य दे श: 55 दे श
संदभि
G20 में अफ़्रीकी संघ की
सदस्यता िे इसे सुक्तखययों में ला
नदया है ।
व्याख्या
❖ अफ़्रीकी संघ (AU) एक
महाद्वीपीय संघ है नजसमें
अफ़्रीका महाद्वीप में क्तस्थत
55 सदस्य दे ि िानमल हैं।
❖ एयू की घोषणा 9 नसतंिर
1999 को नसते, लीनिया में
र्सते घ षणा में की गई
थी।
❖ इस ब्लॉक की स्थापिा 26
मई 2001 को अदीस
अिािा, इनथयोनपया में हुई
थी और 9 जुलाई 2002 को
डरिि, दनिण अफ्रीका में
लॉन्च नकया गया था।
❖ एयू का प्रयोजि अफ़्रीकी
एकता संगठन (OAU)
को प्रनतस्थानपत करिा था नजसका गठि 1963 में मकया गया था।
❖ एयू में िौ पययिेिक सदस्य (भारत पयिवेक्षक सदस्य नही ं है) शामिल हैं ।
❖ एयू के सिसे महत्त्वपूणय निणयय अफ्रीकी संघ की नििािसभा द्वारा नलए जाते हैं , जो इसके सदस्य राज्यों के राष्ट्राध्यिों और
सरकार की अिय-िानषयक िैठक होती है ।
❖ एयू में सिसे िडा िहर लागोस, िाइजीररया है , जिनक सिसे िडा िहरी समूह कानहरा, नमस्र है ।
❖ अफ़्रीकी संघ में 1.3 अरि से अनिक लोग हैं और इसका िेत्रफल लगभग 29 नमनलयि नकमी 2 (11 नमनलयि िगय मील)
है तथा इसमें सहारा एवं िील जैसे लोकनप्रय निश्व स्थल िानमल हैं ।
❖ प्राथनमक कामकाजी भाषाएँ अरिी, अंग्रेजी, फ्रेंच, पुतयगाली, स्पेनिि इत्यामद हैं ।
❖ अफ्रीकी संघ के भीतर, िांनत और सुरिा पररषद और पैि-अफ्रीकी संसद जैसे आनिकाररक निकाय हैं ।
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स्थापना: 1985
साकि (SAARC) मुख्यालय: काठमांडू, नेपाल
सदस्य दे श: 8 दे श
संदभि
भारत दर्क्षण एर्शयाई क्षेत्ीय सहय ग
संगठन (SAARC) दे िों पर दनिण
एनियाई निश्वनिद्यालय की फंनडं ग नफर
से िुरू करिे के नलए दिाि डाल रहा
है ।
व्याख्या
❖ दनिण एनिया में िेत्रीय सहयोग
का निचार पहली िार नवंबर
1980 में उठाया गया था।
❖ परामिय के िाद, 7 संस्थापक दे िों के निदे ि सनचि पहली िार अप्रैल 1981 में क लंब में नमले। इस प्रकार साकय िे
1985 में कायय करिा िुरू नकया।
❖ साकय में 9 पयिवेक्षक सदस्य दे श भी िानमल हैं (चीि और अमेररका सनहत)।
❖ साकय में निश्व का 3% िेत्रफल, निश्व की 21% जिसंख्या और वैर्श्वक अथिव्यवस्था का 3.8% (US$2.9 नटर नलयि) िानमल
है ।
❖ मुख्य उपलक्तियाँ :
➢ सदस्य दे िों िे एक मुक्त व्यापार क्षेत् (FTA) स्थानपत नकया है।
➢ साकि तरजीही व्यापार समझौता (SAPTA) सदस्य दे िों के मध्य व्यापार को िढािा दे िे के नलए हस्तािर नकया
गया था। (1995)।
➢ एक मुक्त व्यापार समझौता (SAFTA) सूचिा प्रौद्योनगकी जैसी सभी सेिाओं को छोडकर, िस्तुओं तक ही सीनमत
है ।
➢ िषय 2016 तक सभी व्यापाररक िस्तुओं पर सीमा शुल्क को िून्य स्तर तक कम करने हे तु समझौते पर हस्तािर
नकये गये।
➢ सेवाओं में व्यापार पर साकि समझौता (SATIS): SATIS सेिाओं में व्यापार के उदारीकरण के नलए GATS-प्लस
'सकारात्मक सूची' दृनष्ट्कोण का पालि कर रहा है ।
➢ साकि र्वश्वर्वद्यालय: भारत में एक साकय निश्वनिद्यालय, एक खाद्य िैंक और पानकस्ताि में एक ऊजाय ररजिय की
स्थापिा हुई।
➢ दर्क्षण एर्शयाई क्षेत्ीय सहय ग संघ (साकि) आपदा प्रबंिन केंद्र (एसडीएमसी-आईयू) गुजरात आपदा प्रिंिि
संस्थाि (जीआईडीएम) पररसर, गां िीिगर, गुजरात, भारत में स्थानपत नकया गया है ।
स्थापना: 1997
मुख्यालय: ढाका, बांग्लादे श
र्बम्सटे क (BIMSTEC)
सदस्य दे श: बांग्लादे श, भूटान, भारत, नेपाल, श्रीलंका, म्याँमयर और
थाईलैंड
संदभि :
हाल ही में, बहु-क्षेत्ीय तकनीकी और आर्थिक सहय ग के र्लए बंगाल की खाडी पहल (निम्सटे क) की पहली निदे ि
मंनत्रयों की िैठक बैंकॉक, थाईलैंड में आयोमजत की गई।
व्याख्या:
15
❖ यह उप-िेत्रीय संगठि 6 जूि 1997 को बैंकॉक घ षणा के माध्यम से अक्तस्तत्व में आया।
❖ 2014 में तीसरे निम्सटे क निखर सम्मेलि में, िां ग्लादे ि के ढाका में र्बम्सटे क सर्चवालय स्थानपत करिे का निणयय
नलया गया था।
❖ निम्सटे क के भीतर सहयोग िे िुरुआत में 1997 में छह क्षेत् ं (व्यापार, प्रौद्य र्गकी, ऊजाि, पररवहन, पयिटन और
मत्स्य पालन) पर ध्याि केंनद्रत नकया और 2008 में इसका निस्तार कृर्ष, साविजर्नक स्वास्थ्य, गरीबी उन्मूलन,
आतंकवाद-र्वर िी, पयािवरण, संस्कृर्त, people-to-people contact, और जलवायु पररवतिन क शार्मल
करने के र्लए र्कया गया।
❖ भारत आतंकिाद तथा अंतरराष्ट्रीय अपराि, आपदा प्रिंिि और ऊजाय का मुकािला करिे के साथ-साथ सुरिा पर भी
ध्याि केंनद्रत करता है ।
स्थापना: 2001
शंघाई सहय ग संगठन (SCO) मुख्यालय: बीर्जंग, चीन
सदस्य दे श: 9 (भारत सर्हत)
संदभि :
भारत जििरी 2025 में एससीओ स्टाटय अप फ रम 5.0 की मेजिािी करे गा।
व्याख्या:
❖ यह कजानकस्ताि, चीि, नकनगयस्ताि, रूस और तानजनकस्ताि के मध्य हुए आपसी सुरिा समझौते का उत्तरानिकारी है ,
नजसे शंघाई 5 कहा जाता है ।
❖ यह कजानकस्ताि, चीि, नकनगयस्ताि, रूस, तानजनकस्ताि और उज्बेनकस्ताि द्वारा 15 जूि 2001 को िंघाई में स्थानपत
एक स्थायी अंतरसरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठि है ।
❖ सदस्य: भारत, कजानकस्ताि, चीि, नकनगयस्ताि, रूस, पार्कस्तान, तानजनकस्ताि, उज्बेनकस्ताि और ईरान (नवीनतम
प्रवेशकताि)।
❖ एससीओ सनचिालय की आनिकाररक कामकाजी भाषाएँ रूसी और चीनी हैं ।
❖ क्षेत्ीय आतंकवाद र्वर िी संरचना (RATS): आतंकिाद, अलगाििाद और उग्रिाद से निपटिे के नलए स्थानपत।
स्थापना: 1975
जी 7
सदस्य दे श: यूके, कनाडा, फ्रांस, जमिनी, इटली, जापान और अमेररका.
संदभि
हाल ही में भारत के प्रिािमंत्री िे जापान के र्हर र्शमा में 49िें G7 निखर सम्मेलि में भाग
नलया।
व्याख्या:
❖ ग्रुप ऑफ सेिि (जी 7) की स्थापिा 1975 में तेल संकट के जिाि में की गई थी और
इसमें किाडा, फ्रां स, जमयिी, इटली, जापाि, यूिाइटे ड नकंगडम और संयुक्त राज्य
अमेररका िानमल हैं ।
❖ यूरोपीय संघ, नजसे पयिवेक्षक का दजाि प्राप्त है , को चक्रीय (Rotating) अध्यिता से
िाहर रखा गया है।
❖ 1998 में रूस के िानमल होिे के साथ, समूह अस्थायी रूप से G8 िि गया। 2014 में, समूह G7 प्रारूप में लौट आया।
❖ नपछले कुछ िषों में इसिे अपिे एजेंडे को व्यापक ििाया है । अि यह र्वदे श और सुरक्षा नीर्त, व्यापार, जलवायु और
र्वकास जैसे िैनश्वक मुद्ों के पूरे स्पेक्ट्रम को किर करता है ।
❖ G7 के पास क ई औपचाररक चाटि र या सर्चवालय नही ं है ।
❖ अध्यिता, जो प्रत्येक िषय सदस्य दे िों के मध्य से तय की जाती है , एजेंडा नििाय ररत करिे का प्रभारी होता है ।
❖ 15वें G7 र्शखर सम्मेलन (पेररस, 1987) में FATF का गठि नकया गया।
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❖ 49वाँ G7 र्शखर सम्मेलन जापान के र्हर र्शमा में आयोनजत नकया गया।
➢ िैठक के मुख्य आकषयणों में िानमल हैं : परमाणु र्नरस्त्रीकरण का दृर्ष्ट्क ण, पेररस समझौते के प्रर्त प्रर्तबद्धता
और वैर्श्वक स्वास्थ्य वास्तुकला क मजबूत करना।
स्थापना: 1945
अरब लीग मुख्यालय: कार्हरा, र्मस्र
सदस्य दे श: 22 दे श
संदभि
हाल ही में, अरि लीग िे एक दिक से अनिक के निलंिि के िाद सीररया को नफर से संगठि में िानमल कर नलया है।
व्याख्या:
❖ अरि लीग, नजसे अरब राज्य ं की लीग (LAS) भी कहा जाता है , मध्य पूिय और उत्तरी अफ्रीका के सभी अरि राज्यों का
एक अंतरसरकारी पैि-अरि संगठि है ।
❖ इसका गठि 22 माचय 1945 को नमस्र के कानहरा में केिल छह दे िों के साथ हुआ था: र्मस्र, इराक, जॉडि न, लेबनान,
सऊदी अरब और सीररया।
❖ यह 1944 में अलेक्जेंर्डर या प्र ट कॉल को अपिािे के िाद था।
❖ ितयमाि में 22 अरि दे ि इसके सदस्य हैं :
➢ अिीररया, िहरीि, कोमोरोस, नजिूती, नमस्र, इराक,
जॉडय ि, कुिैत, लेििाि, लीनिया, मॉररटानिया, मोरक्को,
ओमाि, नफनलस्तीि, कतर, सऊदी अरि, सोमानलया,
सूडाि, सीररया, ट्यूिीनिया, संयुक्त अरि अमीरात तथा
यमि।
❖ इसका उद्े श्य अपिे सदस्यों के राजिीनतक, सांस्करनतक,
आनथयक और सामानजक काययक्रमों को मजिूत करिा और
समन्वय करिा और उिके िीच या उिके और तीसरे पिों के िध्य नििादों में मध्यस्थता करिा है ।
संदभि
हाल ही में भारत िे पहली िार अफगार्नस्तान पर शांर्त वाताि के नलए आयोनजत िॉिे के ओस्लो फोरम में नहस्सा नलया।
व्याख्या:
❖ ओस्ल फ रम अंतरराष्ट्रीय संघषि मध्यस्थ ,ं उच्च-स्तरीय निणयय निमायताओं और अन्य िां नत प्रनक्रया अनभकतायओं
(Actor) के नलए ररटर ीट की एक श्रंखला है ।
❖ फोरम की सह-मेजिािी रॉयल िॉिेनजयि निदे ि मंत्रालय और मािितािादी संिाद केंद्र द्वारा की जाती है ।
❖ सभी चचायएँ चैथम हाउस र्नयम के तहत होती हैं परं तु भागीदारी केिल निमंत्रण द्वारा होती है।
➢ चैथम हाउस (यूके) एक स्वतंत्र िीनत संस्थाि और िाताय और संिाद का मंच है
स्थापना: 1960
पेटर र्लयम र्नयाितक दे श ं का संगठन
मुख्यालय: र्वयना, ऑक्तस्टर या
(OPEC)
सदस्य दे श: 12 दे श
संदभि
भारत-ओपेक ऊजाय िाताय की छठी उच्च-स्तरीय िैठक में ऑक्तस्टरया के निएिा में, ओपेक सनचिालय में प्रमुख प्रनतनिनि एक
साथ आए।
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व्याख्या
❖ ओपेक एक स्थायी, अंतरसरकारी संगठि है नजसे बगदाद सम्मेलन (1960) में गमठत मकया गया था।
❖ इसके संस्थापक सदस्य दे िों में ईरान, इराक, कुवैत, सऊदी अरब और वेनेजुएला इत्यामद िानमल हैं ।
❖ िाद में ये दे ि कतर (1961), इं डोिेनिया (1962), लीनिया (1962), संयुक्त अरि अमीरात (1967), अिीररया (1969),
िाइजीररया (1971), इक्वाडोर (1973), गैिॉि (1975), अंगोला से जुड गए। (2007), इक्वेटोररयल नगिी (2017) और कांगो
(2018)।
➢ बाद में इक्वाड र, इं ड नेर्शया, गैबॉन, कतर और अंग ला जैसे दे श ं ने अपनी सदस्यता र्नलंर्बत कर दी।
❖ ओपेक का उद्े श्य सदस्य दे िों के िीच पेटरोनलयम िीनतयों का समन्वय और एकीकरण करिा, पेटरोनलयम उत्पादकों के
नलए उनचत और क्तस्थर कीमतें सुरनित करिा है ; उपभोग करिे िाले दे िों को पेटरोनलयम की कुिल, आनथयक और नियनमत
आपूनतय; और उद्योग में नििेि करिे िालों को पूंजी पर उनचत ररटिय सुनिनित करिा है ।
❖ ओपेक+:
➢ 2016 में, अमेररकी िेल तेल उत्पादि में उल्लेखिीय िरक्ति के कारण तेल की नगरती कीमतों के जिाि में, ओपेक िे
10 अन्य तेल उत्पादक दे श ं के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर र्कए, नजसे अि ओपेक + के रूप में जािा
जाता है ।
➢ ओपेक+ में 23 दे श िानमल हैं नजिमें अजरबैजान, बहरीन, ब्रुनेई, कजार्कस्तान, मलेर्शया, मैक्तक्सक ,
ओमान, रूस, दर्क्षण सूडान और सूडान के साथ 13 ओपेक सदस्य दे ि िानमल हैं ।
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स्थापना: 1969
इस्लार्मक सहय ग संगठन (OIC) मुख्यालय: जेद्दा (सऊदी अरब)
सदस्य दे श: 57 दे श
व्याख्या
❖ चार महाद्वीपों में फैला इस्लार्मक सहय ग संगठन (OIC)
संयुक्त राष्ट्र के िाद दू सरा सिसे िडा संगठि है।
❖ मवि के मुसलमािों के एक समूह के रूप में, यह मवि के निनभन्न
लोगों के िध्य अंतरराष्ट्रीय िांनत एवं सद्भाि को िढािा दे िे की
भाििा से मुक्तस्लम के र्हत ं की रक्षा और सुरक्षा करिे का प्रयास
करता है ।
❖ संगठि की स्थापिा 25 नसतंिर 1969 को रबात, म रक्क में हुए
निखर सम्मेलि के निणयय के आिार पर की गई थी।
सदस्यता
❖ स्थायी सदस्य:
➢ सदस्य दे िों में अफगानिस्ताि, अिीररया, िां ग्लादे ि, ब्रुिेई
दारुस्सलाम, िुनकयिा फासो, नजिूती, नमस्र, गैिॉि, गाक्तिया,
नगिी, इं डोिेनिया, ईराि, इराक, जॉडय ि, मोरक्को,
मोजाक्तिक, िाइजर, िाइजीररया, ओमाि, पानकस्ताि, कतर,
नफनलस्तीि िानमल हैं । सऊदी अरि, सेिेगल, सोमानलया,
सूडाि, सीररया, तानजनकस्ताि, तुकी, ट्यूिीनिया,
तुकयमेनिस्ताि, संयुक्त अरि अमीरात, उज़्िेनकस्ताि तथा
यमि िानमल हैं ।
❖ पयिवेक्षक सदस्य:
➢ िोनिया एवं हजेगोनििा, मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, थाईलैंड साम्राज्य, रूसी संघ, तुकी साइप्रस राज्य।
स्थापना: 1961
गुट र्नरपेक्ष आं द लन मुख्यालय: जकाताि, इं ड नेर्शया
सदस्य दे श: 120 दे श
संदभि
हाल ही में, कंपाला में गुटनिरपेि आं दोलि के 19िें निखर सम्मेलि की मेजिािी करिे िाले युगांडा के राष्ट्रपनत योिेरी मुसेिेिी
िे 1970 के दिक में ईदी अमीि द्वारा भारतीयों के निष्कासि पर खेद व्यक्त नकया।
❖ र्वषय: 'साझा वैर्श्वक समृक्तद्ध के र्लए गहरा सहय ग।'
व्याख्या
❖ यह उि राज्यों का एक संगठि था जो औपचाररक रूप से स्वयं को संयुक्त राज्य अमेररका या सोनियत संघ के साथ
जोडिा िहीं चाहते थे िक्ति स्वतंत्र या तटस्थ रहिा चाहते थे।
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❖ पहला NAM र्शखर सम्मेलन
र्सतंबर 1961 में बेलग्रेड,
यूग स्लार्वया में हुआ।
❖ अप्रैल 2018 तक इसके 120 सदस्य
हैं , नजसमें अफ्रीका के 53 दे ि,
एनिया के 39, लैनटि अमेररका एवं
कैरे नियि के 26 तथा यूरोप के दो
दे ि (िेलारूस, अ़रिैजाि) िानमल
हैं ।
❖ 17 दे श तथा 10 अंतरराष्ट्रीय
संगठन NAM के पययिेिक हैं ।
❖ गुटनिरपेि आं दोलि की गठि एवं
इसका पहला सम्मेलि (बेलग्रेड
सम्मेलन) 1961 में यूग स्लार्वया के
जोनसप ब्रो़ टीटो, में हुआ। यह र्मस्र के गमाल अब्दे ल िानसर, भारत के जवाहरलाल नेहरू, घाना के क्वामे िक्रूमा
तथा इं ड नेर्शया के सुकिो के िेतरत्व में आयोनजत नकया गया।
स्थापना: 1996
आकिर्टक पररषद मुख्यालय: टर म्स , नॉवे
सदस्य दे श: 8 दे श
संदभि
आकिर्टक वैर्श्वक औसत से चार गुना
तेजी से गमि ह रहा है।इससे समुद्री िफय
िष्ट् हो रही है ।
व्याख्या
❖ आकयनटक पररषद आकयनटक राज्यों,
आकयनटक स्वदे िी लोगों एवं अन्य
आकयनटक नििानसयों के िध्य
सहयोग, समन्वय और िातचीत को
िढािा दे िे िाला एक प्रमुख
अंतरसरकारी मंच है ।
❖ इसकी स्थापिा 1996 में ओटावा
घ षणा के माध्यम से की गई ।
❖ स्थापिा आकिर्टक पयािवरण
संरक्षण रणनीर्त (जूि 1991) से
पहले की गई थी, जो आकयनटक
पयायिरण की रिा पर एक घोषणा
थी।
❖ आकयनटक पररषद के सभी निणययों में :
➢ आठ आकिर्टक राज्य ं की सहमर्त की आवश्यकता ह ती है।
➢ स्थायी प्रर्तभार्गय ं के परामशि से ह ता है।
❖ तेरह दे श, भारत सनहत पयिवेक्षक सदस्य हैं (2013 में)।
20
❖ आकयनटक पररषद अपिे नदिानिदे िों, आकलि, या नसफाररिों को लागू िहीं कर सकती है या यहाँ तक नक सैन्य या
सुरिा कारय िाई भी िहीं कर सकती है । नजम्मेदारी व्यक्तक्तगत आकयनटक राज्यों या अंतरराष्ट्रीय निकायों की है।
❖ इसका क ई प्र ग्रार्मंग बजट नही ं है . आकयनटक राज्य सभी पररयोजिाओं या पहलों को प्रायोनजत करते हैं।
स्थार्पत: 2021
I2U2 पहल
सदस्य दे श: भारत, इजराइल, अमेररका तथा संयुक्त अरब अमीरात।
❖ I2U2 का गठि इ़राइल तथा यूएई के िध्य अब्राहम समझौते के बाद नकया गया था।
➢ उस समय इसे 'इं टरनेशनल फ रम फॉर इक नॉर्मक क -ऑपरे शन' कहा जाता था।
➢ इसे 'पर्िम एर्शयाई क्वाड (‘Quad’)' भी कहा जाता था।
❖ I2U2 पहल भारत, इजराइल, अमेररका तथा यूएई का एक िया समूह है ।
❖ इसकी स्थापिा जल, ऊजाि, पररवहन, अंतररक्ष, स्वास्थ्य एवं खाद्य सुरक्षा जैसे निनभन्न िेत्रों में सहयोग एवं संबंि िढािे
के नलए की गई थी।
❖ इस समूह का मुख्य उद्े श्य आनथयक निकास, िैज्ञानिक ििाचार तथा िेत्रीय क्तस्थरता को िढािा दे िा है ।
कारक/समझौते ज I2U2 की ओर ले जाते हैं
❖ अब्राहम एकॉडि : 2020 में, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, सूडान तथा म रक्क िे इजराइल के साथ औपचाररक
संिंि स्थानपत नकए तथा अब्राहम समझौते के तहत संयुक्त राज्य अमेररका द्वारा मध्यस्थता की गयी।
➢ इजराइल और यूएई के िध्य नियनमत राजिनयक संिंिों की िहाली िे इस िए गठिंिि को संभि ििाया।
❖ िए क्वाड (‘Quad’) के उद्भि का श्ेय भारत, संयुक्त अरि अमीरात और इ़राइल के जुडे हुए नहतों को नदया जा सकता
है , जो इस्लामी वर्ल्ष में िेतरत्व के नलए तुकी के मुखर दािों से प्रेररत थे।
❖ यह पहल िेत्र में चीन के प्रभाव तथा बीआरआई जैसी पररय जनाओं का मुकािला करिे के नलए िुरू की गई है।
❖ जिनक इं ड -पैर्सर्फक क्वाड मुख्य रूप से रक्षा एवं सुरक्षा पर केंनद्रत था, यह पहल सुरिा सहयोग के िजाय आनथयक
सहयोग पर अनिक ध्याि केंनद्रत करती प्रतीत होती है ।
स्थार्पत: 2015
अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंिन (ISA) मुख्यालय: गुरुग्राम, भारत
सदस्य दे श: 119 दे श
संदभि
माल्टा आईएसए का 119वाँ सदस्य ििा है ।
व्याख्या
❖ अंतरराष्ट्रीय सौर गठिंिि (ISA) सौर ऊजाि प्रौद्य र्गर्कय ं की िढती
तैिाती के नलए एक कायय-उन्मुख, सदस्य-संचानलत, सहयोगी मंच है ।
❖ इसका उद्े श्य अपिे सदस्य दे िों में ऊजाि पहाँच को सुनििाजिक
ििािा, ऊजाि सुरक्षा सुनिनित करिा तथा ऊजाि पररवतिन को िढािा
दे िा है ।
❖ आईएसए की कल्पिा सौर ऊजाय समािािों की तैिाती के माध्यम से जलिायु पररितयि के क्तखलाफ प्रयास जुटािे के नलए
भारत और फ्रांस के संयुक्त प्रयास के रूप में की गई थी।
❖ इसकी संकल्पिा 2015 में पेररस में आयोनजत जलिायु पररितयि पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमिकय कन्वेंिि (यूएिएफसीसीसी)
के सीओपी- 21 (COP-21) के मौके पर की गई थी।
❖ कुल 119 दे श ं िे आईएसए फ्रेमिकय समझौते पर हस्तािर नकए हैं ।
❖ संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य दे ि आईएसए में िानमल होिे के पात्र हैं।
❖ आईएसए अपिी 'टु वड्ि स 1000' रणनीर्त द्वारा निदे नित है , नजसका उद्े श्य है:
➢ 2030 तक सौर ऊजाय समािािों में 1000 र्बर्लयन अमेररकी डॉलर का र्नवेश जुटाना।
21
➢ स्वच्छ ऊजाय समािािों का उपयोग करके 1000 र्मर्लयन ल ग ं तक ऊजाय पहँच प्रदाि करिा।
➢ 1000 गीगावॉट सौर ऊजाि क्षमता स्थानपत करिा।
➢ प्रत्येक वर्ष 1000 र्मर्लयन टन CO2 के िैनश्वक सौर उत्सजयि को कम करिा।
❖ इसका िेतरत्व महार्नदे शक करते हैं और आईएसए असेंबली िीषय निणयय लेिे िाली संस्था है नजसमें प्रत्येक सदस्य दे ि
के प्रनतनिनि िानमल होते हैं ।
❖ ISA की पहली असेंिली अक्टू बर 2018 में ग्रेटर न एडा, भारत में आयोनजत की गई थी।
स्थापना: 1989
र्वत्तीय कारि वाई कायि बल (FATF) मुख्यालय: पेररस, फ्रांस
सदस्य दे श: 39 दे श
संदभि
एफएटीएफ िे संयुक्त अरि अमीरात, युगां डा, िारिाडोस तथा नजब्राल्टर को ग्रे सूची से हटा नदया है
व्याख्या
❖ एफएटीएफ एक अंतर-सरकारी िीनत-निमाय ण एवं मािक-नििाय रण निकाय है जो मनी लॉक्त्रंग और आतंकवादी
र्वत्तप षण से निपटिे के नलए समनपयत है।
❖ इसका उद्े श्य अंतरराष्ट्रीय मानक ं को स्थानपत करिा और मनी लॉक्त्र ं ग तथा आतंकवाद के र्वत्तप षण से निपटिे
के नलए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय दोिों स्तरों पर िीनतयों को निकनसत करिा और उसे िढािा दे िा है ।
❖ इसकी स्थापिा 1989 में पेररस में G7 र्शखर सम्मेलन के दौराि की गई थी।
❖ 2001 में आतंकवाद के र्वत्तप षण को िानमल करिे के नलए इसके अनिदे ि का निस्तार नकया गया।
❖ भारत 2010 में FATF का सदस्य ििा।
गैर-सहकारी दे श या क्षेत् (NCCT) के रूप में पहचािे जािे िाले दे िों को काली सूची में डाल नदया
जाता है ।
ऐसे दे ि आतंकी फंनडं ग एवं मिी लॉक्त्रंग गनतनिनियों का समथयि करते हैं ।
काली सूची उत्तर क ररया, ईरान तथा म्ाँिार ितयमाि में ब्लैक नलस्ट में हैं।
❖ यनद कोई दे ि काली सूची में है , तो उसे आईएमएफ, र्वश्व बैंक, एर्शयाई र्वकास बैंक और
यूर पीय संघ द्वारा कोई नित्तीय सहायता िहीं दी जाती है ।
❖ उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय आनथयक एवं नित्तीय प्रनतिंिों का भी सामिा करिा पडता है ।
नजि दे िों को आतंकी फंर्डं ग एवं मनी लॉक्त्र ं ग का समथिन करने के र्लए सुरर्क्षत पनाहगाह मािा
जाता है , उन्हें एफएटीएफ की ग्रे सूची में डाल नदया जाता है। यह समािेिि दे ि के नलए एक चेताििी के
ग्रे सूची
रूप में कायय करता है नक िह काली सूची में भी प्रिेि कर सकता है ।
ग्रे नलस्ट में नफलहाल 21 दे श हैं
स्थापना: 1960
आर्थिक सहय ग एिं र्वकास संगठन
मुख्यालय: पेररस, फ्रांस
(OECD)
सदस्य दे श: 38 दे श
संदभि
गुजरात सरकार िे हाल ही में, राज्य में सरकारी स्कूल के छात्रों के नलए अंतरराष्ट्रीय छात् मूल्ांकन कायिक्रम (PISA)
परीक्षा आयोनजत करिे के नलए ओईसीडी के साथ एक समझौते पर हस्तािर नकए हैं ।
22
व्याख्या
❖ यह ल कतंत् एवं िाजार अथयव्यिस्था के नलए प्रनतिि 38 दे श ं का एक
अंतरराष्ट्रीय संगठि है।
❖ ओईसीडी सदस्य आम तौर पर लोकतां नत्रक दे ि हैं जो मुक्त-बाजार
अथिव्यवस्थाओं का समथयि करते हैं ।
❖ OECD की स्थापिा 1960 में संयुक्त राज्य अमेररका तथा किाडा के साथ 18 यूरोपीय दे िों द्वारा की गई थी।
❖ ओईसीडी का घोनषत लक्ष् ऐसी िीनतयों को आकार दे िा है जो सभी के नलए समरक्ति, समािता, अिसर और कल्याण को
िढािा दे ।
❖ संगठि वैमिक स्तर पर ररश्वतखोरी तथा अन्य नित्तीय अपराि को खत्म करिे का भी प्रयास करता है ।
❖ ओईसीडी उन दे श ं की "काली सूची" भी रखता है नजन्हें असहयोगी कर आश्य स्थल मािा जाता है ।
❖ भारत ओईसीडी के साथ कई गैर-सदस्य अथयव्यिस्थाओं में से एक है ।
स्थापना: 1974
अंतरराष्ट्रीय ऊजाि एजेंसी (IEA) मुख्यालय: पेररस, फ्रांस
सदस्य दे श: 31 (भारत एक सहय गी सदस्य है)
संदभि
अंतरराष्ट्रीय ऊजाय एजेंसी (IEA) की वार्षिक क यला बाजार ररप टि िैनश्वक कोयला िाँ ग के प्रिेप पथ में एक िहत्त्वपूर्ष िदलाि
की भनिष्यिाणी करती है , जो 2026 तक संरचनात्मक र्गरावट का संकेत दे ती है ।
व्याख्या
❖ यह OECD (आनथयक सहयोग एवं निकास संगठि) रूपरे खा के अंतगयत एक स्वायत्त अंतर-
सरकारी संगठि है ।
❖ यह सभी के नलए एक सुरर्क्षत और र्टकाऊ ऊजाि भर्वष्य को आकार दे िे के नलए सरकारों एवं उद्योगों के साथ काम
करता है तथा तेल आपूनतय की सुरक्षा भी सुनिनित करता है ।
❖ इसे 1973-1974 के तेल संकट के जिाि में ििाया गया था जि प्रमुख उत्पादकों द्वारा तेल प्रनतिंि के कारण कीमतें
ऐनतहानसक स्तर पर पहँच गईं एवं औद्योनगक दे िों की तेल आयात पर र्नभिरता की कमज री उजागर हो गई।
❖ इसमें 31 सदस्य दे श और 11 सहय गी दे श शार्मल हैं ।
❖ IEA के नलए एक उम्मीदिार दे ि को आनथयक सहयोग एवं निकास संगठि (OECD) का सदस्य दे ि होिा चानहए।
❖ भारत 2017 में एक सहय गी सदस्य के रूप में इस संगठि में िानमल हुआ।
स्थापना: 1957
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊजाि एजेंसी (IAEA) मुख्यालय: र्वयना, ऑक्तस्टर या
सदस्य दे श: 178 दे श
व्याख्या
❖ इसे संयुक्त राष्ट्र पररवार के भीतर मवि के "शांर्त और र्वकास के र्लए परमाणु" संगठि के
रूप में व्यापक रूप से जािा जाता है।
❖ यह परमाणु िेत्र में िैज्ञानिक और तकिीकी सहयोग के नलए निश्व का केंद्रीय अंतरसरकारी मंच
है ।
❖ यह परमाणु र्वज्ञान एवं प्रौद्य र्गकी के सुरर्क्षत, संरर्क्षत एवं शांर्तपूणि उपय ग के नलए काम
करता है ।
❖ स्वतंत्र होते हुए भी, IAEA संयुक्त राष्ट्र महासभा एवं सुरक्षा पररषद दोिों को ररपोटय करता है ।
❖ IAEA परमाणु और रे नडयोलॉनजकल घटिाओं पर प्रनतनक्रया दे िे के नलए राष्ट्रीय, िेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय िमताओं को
िढाता है , जो उिके प्रभाि को कम करिे के नलए आिश्यक है।
❖ एक सुरर्क्षत एवं अर्िक शांर्तपूणि मवि के नलए उिके काम के नलए 2005 में न बेल शांर्त पुरस्कार से सम्मानित
नकया गया था।
23
पूवी आर्थिक मंच स्थार्पत: 2015
संदभि
हाल ही में, रूस िे व्लार्दव स्त क में 7 िें पूिी आनथयक मंच (ईईएफ) की मेजिािी की।
व्याख्या
❖ ईईएफ का लक्ष् रूस के सुदूर पूवी क्षेत् में र्वदे शी र्नवेश क प्र त्सार्हत करना है।
❖ यह िेत्र रूस के एक नतहाई िेत्र को किर करता है मछली, तेल, प्राकरनतक गैस, लकडी,
हीरे और अन्य खनिजों जैसे प्राकरनतक संसाििों से समरि है ।
❖ िेत्र की संपनत्त और संसािि रूस की जीडीपी (सकल घरे लू उत्पाद) में 5% का योगदाि करते हैं ।
❖ पूवी समुद्री गर्लयारा एक प्रस्तानित समुद्री मागि है जो चेन्नई, भारत क व्लार्दव स्त क, रूस से ज डता है, ज
जापान सागर, दर्क्षण चीन सागर तथा मलक्का जलडमरूमध्य को पार करता है ।
स्थार्पत: 2021
औकस (AUKUS)
सदस्य दे श: ऑस्टरे र्लया, यूके तथा यूएसए
संदभि
चीि AUKUS के निस्तार से नचंनतत होकर इसे एनियाई िाटो करार दे रहा है ।
व्याख्या
❖ यह 2021 में स्थानपत इं ड -पैर्सर्फक के र्लए एक र्त्पक्षीय सुरक्षा साझेदारी है ।
❖ इस व्यिस्था का मुख्य आकषयण अमेररकी परमाणु पनडु ब्बी प्रौद्य र्गकी को ऑस्टर े नलया के साथ साझा करिा है ।
❖ इसका इं डो-पैनसनफक झुकाि इसे दनिण चीि सागर में चीन की आक्रामक कारि वाइय ं के क्तखलाफ गठिंिि ििाता
है ।
❖ इसमें तीि दे िों के िीच िैठकों एवं जुडाि की एक िई िास्तुकला के साथ-साथ उभरती प्रौद्य र्गर्कय ं (अिुप्रयुक्त
एआई (applied AI), क्वांटम प्रौद्योनगनकयों तथा समुद्र के िीचे की िमताओं) में सहयोग िानमल है ।
स्थार्पत: 2021
आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन पहल (SCRI)
सदस्य दे श: भारत, जापान और ऑस्टरे र्लया
संदभि
आपूनतय श्रंखला लचीलेपि पर 14 दे श ं का समझौता भारत के नलए राह खोलता है ।
व्याख्या
❖ 2021 में, भारत, जापान और ऑस्टरे र्लया िे औपचाररक रूप से आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन पहल (एससीआरआई)
िुरू की।
❖ इसका उद्े श्य भारत-प्रशांत क्षेत् में लचीली आपूर्ति श्रृंखला बनाना है क्ोंनक िे चीि पर निभयरता कम करिा चाहते
हैं ।
❖ यह COVID-19 महामारी के िीच भारत-प्रशांत क्षेत् में आपूनतय श्रंखलाओं में रुकावट ं से लडिे में मदद करता है ।
❖ इसका उद्े श्य आर्सयान-जापान आर्थिक लचीलापन कायि य जना एवं भारत-जापान औद्य र्गक प्रर्तस्पिाित्मकता
साझेदारी जैसे मौजूदा नद्वपिीय ढाँ चे का निमाय ण करिा और िेत्र में प्रत्यि निदे िी नििेि को आकनषयत करिा है ।
24
आर्थिक संगठन
स्थापना: 1930 ❖ िैंक फॉर इं टरिेििल सेटलमेंट्स को सािान्यतः "केंद्रीय बैंक ं के र्लए केंद्रीय
मुख्यालय: बेसल, क्तस्वट् जरलैंड. बैंक" कहा जाता है क्ोंनक यह मवि के केंद्रीय िैंकों को िैंनकंग सेवाएँ प्रदाि
स्थापना: 1966 ❖ इसे एनिया और प्रिांत िेत्र में सामानजक, आनथयक निकास को िढािा दे िे के
मुख्यालय: मनीला, र्फलीपी ंस नलए िुरू नकया गया था।
सदस्य दे श: 68 दे श। ❖ इसके 68 सदस्य ं में से 49 एनिया और प्रिां त िेत्र के भीतर तथा 19 बाहर से
हैं।
❖ भारत एक संस्थापक सदस्य है.
❖ एडीिी सामानजक एवं आनथयक निकास को िढािा दे िे के नलए ऋण, तकिीकी
सहायता, अिुदाि और इक्तक्वटी नििेि प्रदाि करके अपिे सदस्यों और भागीदारों
की सहायता करता है।
❖ एडीिी के पाँच सिसे िडे िेयरिारक जापान और अमेररका (प्रत्येक के पास
कुल शेयर ं का 15.6%), चीि (6.4%), भारत (6.3%) तथा ऑस्टर े नलया (5.8%)
हैं ।
❖ हाल ही में िररष्ठ आईएएस अनिकारी र्वकास शील को एनियाई निकास िैंक
का काययकारी निदे िक नियुक्त नकया गया है ।
स्थार्पत: 2015 ❖ एआईआईिी एक िहुपिीय निकास िैंक है नजसका उद्े श्य एनिया में
मुख्यालय: बीर्जंग, चीन सामानजक-आनथयक पररणामों में सुिार करिा है ।
सदस्य दे श: 109 दे श। ❖ एआईआईिी में सदस्यता निश्व िैंक या एनियाई निकास िैंक के सभी सदस्यों के
नलए खुली है तथा इसे िेत्रीय एवं गैर-िेत्रीय में निभानजत नकया गया है ।
❖ कल के र्लए बुर्नयादी ढाँचा (i4t) यह क्तस्थरता, नवाचार और कनेक्तक्टर्वटी
के मूल में हररत बुर्नयादी ढाँचे के प्रनत एआईआईिी की दृढ प्रनतििता को
दिायता है।
❖ शेयरिारक: िैंक में चीि (26.61% िोनटं ग िेयर) के िाद भारत (7.6%), रूस
(6.01%) और जमयिी (4.2%) का िंिर आता है ।
❖ िेत्रीय सदस्यों के पास िैंक की कुल मतदाि िक्तक्त का 75% नहस्सा होता है ।
इसे UNGA और आनथयक एिं सामानजक पररषद दोिों में स्थायी पययिेिक का
दजाय नदया गया है ।
25
न्यू डे वलपमेंट बैंक
स्थापना: 2014 ❖ यह नब्रक्स दे िों द्वारा संयुक्त रूप से स्थानपत एक िहुपिीय निकास िैंक है ।
मुख्यालय: शंघाई, चीन ❖ नब्रक्स में िुनियादी ढाँचे और सतत निकास प्रयासों का समथयि करिे के नलए
सदस्य दे श: र्ब्रक्स राष्ट्र 2014 में फ टािलेजा, ब्राजील में छठे र्ब्रक्स र्शखर सम्मेलन में गनठत नकया
गया।
❖ 2018 में, NDB को संयुक्त राष्ट्र महासभा में पयिवेक्षक का दजाि प्राप्त हुआ।
❖ एनडीबी का पहला िेत्रीय कायाय लय दनिण अफ्रीका के ज हान्सबगि में स्थानपत
नकया गया था।
❖ भारत में, िेत्रीय कायाय लय गुजरात इं टरिेििल फाइिेंस टे क-नसटी (र्गफ्ट
र्सटी) में स्थानपत नकया गया है।
❖ िैंक की प्रारं नभक अनिकरत पूंजी 100 र्बर्लयन डॉलर और प्रारं नभक सदस्यता
पूँजी 50 र्बर्लयन डॉलर है ।
❖ िैंक का संचालि एक गिियर िोडय द्वारा नकया जाता है जो पयाँच र्ब्रक्स दे श ं के
नित्त मंनत्रयों एवं र्नदे शक मंडल द्वारा ििा होता है ।
❖ मतदान की शक्तक्त िोडय के भीतर िैंक में प्रत्येक दे ि के िेयरों पर आिाररत
है ।
❖ सदस्य: ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दर्क्षण अफ्रीका, िां ग्लादे ि, नमस्र, संयुक्त
अरि अमीरात तथा उरुग्वे।
26
न्यार्यक संगठन
स्थापना: 1998
अंतरराष्ट्रीय आपरार्िक न्यायालय (ICC) मुख्यालय: हेग, नीदरलैंड
सदस्य दे श: 123 दे श
❖ यह एक अंतरसरकारी संगठि है जो नििाद समािाि के िेत्र में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सेिा करिे,
मध्यस्थता की सुनििा प्रदाि करिे तथा राज्यों के िध्य र्ववाद समािान के अन्य रूपों के नलए समनपयत
है ।
❖ इसकी संगठिात्मक संरचिा के तीि भाग हैं नजसमें िानमल हैं :
➢ प्रशासर्नक पररषद- इसकी िीनतयों और िजट की दे खरे ख करिा,
➢ न्यायालय के सदस्य- स्वतंत्र संभानित मध्यस्थों का एक पैिल, और
➢ अंतरराष्ट्रीय ब्यूर - इसका सनचिालय, महासनचि की अध्यिता में।
❖ निणयय प्रकरनत में बाध्यकारी हैं । लेनकि, पीसीए के पास फैसल ं क लागू करने की क ई शक्तक्त नही ं है ।
❖ इसके पास एक र्वत्तीय सहायता क ष है नजसका उद्े श्य निकासिील दे िों को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता या पीसीए द्वारा
प्रस्तानित नििाद निपटाि के अन्य तरीकों में िानमल लागत का नहस्सा पूरा करिे में मदद करिा है ।
❖ संगठि के नलए क ई मौजूदा न्यायािीश नही ं हैं। पानटय याँ अपिे मध्यस्थों का चयि करती हैं।
❖ हाल ही में, भारत िे कहा नक उसे र्कशनगंगा और रतले जलर्वद् युत पररय जनाओं पर स्थायी मध्यस्थता न्यायालय
में "अवैि" कायिवाही में भाग लेिे के नलए मजिूर िहीं नकया जा सकता है ।
27
समुद्री संगठन
❖ IORA का दृनष्ट्कोण 1995 में दनिण अफ्रीका के नदिंगत राष्ट्रपर्त नेल्सन मंडेला
की भारत यात्रा के दौराि उत्पन्न हुआ था।
❖ यह नहं द महासागर की सीमा से लगे दे िों के िीच आर्थिक सहय ग एवं क्षेत्ीय
स्थापना: 1997
एकीकरण को िढािा दे िे के नलए स्थानपत एक अंतरसरकारी संगठि है ।
मुख्यालय: एबेने, मॉरीशस
❖ IORA का सिोच्च निकाय र्वदे श मंर्त्य ं की पररषद (COM) है नजसकी वार्षिक
सदस्य दे श: 23 दे श िैठक होती है ।
❖ IORA के सदस्य दे ि नहं द महासागर िेत्र (IOR) में व्यापार, नििेि तथा सतत
निकास से संिंनित निनभन्न पहलों पर काम करते हैं ।
❖ चाटय र के नसिांतों एवं उद्े श्यों की सदस्यता लेिे के इच्छु क नहंद महासागर ररम के
सभी संप्रभु राज्यों के नलए सदस्यता खुली है ।
❖ सदस्य:ऑस्टर े नलया, िां ग्लादे ि, कोमोरोस, फ्रां स/रीयूनियि, भारत, इं डोिेनिया,
ईराि, केन्या, मेडागास्कर, मलेनिया, मालदीि, मॉरीिस, मोजाक्तिक, ओमाि,
सेिेल्स, नसंगापुर, सोमानलया, दनिण अफ्रीका, श्ीलंका, तंजानिया, थाईलैंड, संयुक्त
अरि अमीरात तथा यमि।
❖ हाल ही में श्ीलंका िे IORA के अध्यि का पदभार संभाला है ।
28
INDIAN OCEAN NAVAL SYMPOSIUM
प्रकृर्त: बहुपक्षीय ❖ 'नहं द महासागर सम्मेलि' इस िेत्र के दे िों के नलए एक प्रमुख परामशिदात्ी मंच
आय र्जत : पथि, ऑस्टरे र्लया है , जो र्वदे श मंत्ालय (एमईए) द्वारा इं नडया फाउं डेिि के सहयोग से प्रनतिषय
प्रमुख प्रर्तभागी: 18 दे श आयोनजत नकया जाता है ।
❖ यह िेत्र में सभी के नलए सुरिा एवं निकास (SAGAR) के नलए िेत्रीय सहयोग की
संभाििाओं पर निचार-निमिय करिे के नलए एक मंच प्रदाि करता है ।
❖ नहं द महासागर सम्मेलि का पहला संस्करण 2016 में र्संगापुर में आयोनजत
नकया गया था।
❖ IOC के छठे संस्करण (2023) का आयोजि बांग्लादे श के ढाका में नकया गया।
❖ इसका आयोजि इं र्डया फाउं डेशन द्वारा िेत्र के अन्य संगठिों के साथ साझेदारी
में नकया जाता है। यह र्हंद महासागर क्षेत् के भू-राजिीनतक, आनथयक तथा
रणिीनतक िहत्त्व पर केंनद्रत है।
❖ नहं द महासागर िेत्र संचार के कई िहत्त्वपूणय समुद्री मागों का मवमशष्ट क्षेत्र है, नजिमें
मलक्का जलडमरूमध्य, स्वेज नहर तथा बाब-अल-मंदेब िानमल हैं ।
29
30
अस्त्र -शस्त्र
समूह र्ववरण
❖ 1987 में G7 द्वारा ििाया गया, तथा इसमें 35 सदस्य दे श शामिल हैं ।
❖ यह एक अनौपचाररक एवं स्वैक्तिक साझेदारी है नजसका उद्े श्य 300 र्कमी से
अर्िक तक 500 र्कल ग्राम से अर्िक पेल ड ले जाने में सक्षम र्मसाइल और
र्मसाइल प्रौद्य र्गकी र्नयंत्ण मानव रर्हत हवाई वाहन प्रौद्य र्गकी के प्रसार क र कना है ।
व्यवस्था (MTCR) ❖ इस प्रकार सदस्यों को गैर-सदस्यों को ऐसी नमसाइलों तथा यूएिी प्रणानलयों की आपूनतय
करिे से प्रनतिंनित नकया जाता है ।
❖ भारत क 2016 में 35वें सदस्य के रूप में MTCR में शार्मल र्कया गया था।
❖ चीि इस िासि का सदस्य िहीं है ।
❖ 1985 में ििाया गया और इसमें (ईयू सर्हत) 43 सदस्य दे श शामिल हैं ।
❖ यह दे िों का एक अिौपचाररक मंच है , जो र्नयाित र्नयंत्ण ं के सामंजस्य के माध्यम
से यह सुनिनित करिा चाहता है नक नियाय त रासायनिक या जैनिक हनथयारों के निकास
ऑस्टरे र्लया समूह
में योगदाि ि करें ।
❖ इस सूची में रासायर्नक हर्थयार सम्मेलन की तुलिा में अनिक निषय िानमल हैं ।
❖ भारत 2018 में ऑस्टरे र्लया ग्रुप (एजी) में शार्मल हुआ।
31
र्शखर सम्मेलन और कांफ्रेंस
प्रकृर्त : कूटनीर्तक
रायसीना संवाद आय र्जत: नई र्दल्ली
प्रमुख प्रर्तभागी: 115 दे श
❖ रायसीना डायलॉग का 9ियाँ संस्करण भू-राजनीर्त, भू-अथिशास्त्र तथा मवि के सिक्ष आिे िाले अन्य मुद्ों पर एक
िानषयक िहुपिीय सम्मेलि है । इसका उद्े श्य मवि के सिक्ष आिे िाले सिसे चुिौतीपूणय मुद्ों का समािाि करिा है ।
❖ इसे शांगरी-ला डायलॉग की तजय पर संरनचत नकया गया था।
❖ उद् घाटन संस्करण माचि 2016 में आय र्जत र्कया गया।
❖ यह ऑब्जविर ररसचि फाउं डेशन (ओआरएफ) द्वारा आयोनजत नकया जाता है एवं भारत के र्वदे श मंत्ालय के सहय ग
से आयोनजत नकया जाता है ।
❖ भारत की "खुर्फया कूटनीर्त" का एक घटक होिे के िाते, यह संिाद िीनत निमायताओं, नििेषज्ञों, निद्वािों और निनभन्न
िेत्रों के िेताओं को एक साथ लाता है।
❖ 2024 का थीम : "चतुरंगा": संघषय, प्रनतयोनगता, सहयोग, सरजि
❖ ऑब्जविर ररसचि फाउं डेशन िई नदल्ली क्तस्थत एक स्वतंत्र नथंक टैं क है ।
प्रकृर्त: सैन्य
इं डस-एक्स र्शखर सम्मेलन 2024 आय र्जत: नई र्दल्ली
प्रमुख भागीदार: भारत और अमेररका
प्रकृर्त: बहुपक्षीय
तीसरा दर्क्षण र्शखर सम्मेलन (THIRD SOUTH
आय र्जत: कंपाला, युगांडा
SUMMIT)
प्रमुख प्रर्तभागी: 134 दे श
❖ दनिण निखर सम्मेलि G77 के समूह का सिोच्च निणयय लेिे िाला निकाय है ।
❖ हाल ही में, तीसरा दनिण निखर सम्मेलि कंपाला, युगांडा में आयोनजत नकया गया था, र्जसमें G77 समूह (जी77)
और चीन के सदस्यों को एक साथ लाया गया।
32
❖ तीसरे दनिण निखर सम्मेलि में 77 के समूह (जी77) तथा चीन के 134 सदस्य ं को व्यापार, नििेि, सतत निकास,
जलिायु पररितयि, गरीिी उन्मूलि, नडनजटल अथयव्यिस्था सनहत अन्य िेत्रों में दर्क्षण-दर्क्षण सहय ग को िढािा दे िे के
नलए एक साथ लाया गया।
❖ निखर सम्मेलि का निषय था "र्कसी क भी पीछे न छ डना।"(Leaving No One Behind)
❖ पहला तथा दू सरा दनिण निखर सम्मेलि क्रमिः 2000 में हवाना (क्यूबा) में और 2005 में द हा (कतर) में आयोनजत
नकया गया था।
❖ हाल ही में, दू सरी भारत-ऑस्टर े नलया 2+2 मंनत्रस्तरीय िाताय नई र्दल्ली, भारत में आयोनजत की गई।
❖ यह भारत और उसके सहयोनगयों के र्वदे श और रक्षा मंर्त्य ं के िीच रणिीनतक और सुरिा मुद्ों पर िैठक का एक
प्रारूप है ।
❖ यह जूि 2020 में भारत-ऑस्टर े नलया िेताओं के आभासी निखर सम्मेलि में नलए गए निणयय का पररणाम है ।
❖ समझौते के अिुसार, निदे ि और रिा मंत्री कम से कम हर दो साल में रणिीनतक मुद्ों पर चचाय करिे के नलए '2+2'
प्रारूप में नमलते हैं ।
❖ भारत-ऑस्टरे र्लया 2+2 की मुख्य झलर्कयाँ
➢ पिडु ब्बी रोिी युि और वायु में ही ईंिि भरिा, चीि के िढते प्रभाि के िध्य नििाल नहं द-प्रिांत िेत्र में सुरिा,
अंतररि, नििा और निज्ञाि एवं प्रौद्योनगकी।
➢ कृर्त्म बुक्तद्धमत्ता, डर न र िी युद्ध और साइबर ड मेन जैसे निनिष्ट् प्रनििण िेत्रों में सहयोग।
➢ सहयोग के संभानित िेत्रों के रूप में जहाज निमाय ण, जहाज की मरम्मत और रखरखाि, और निमाि रखरखाि,
मरम्मत और ओिरहाल आनद पर जोर नदया गया।
❖ भारत िे पाँच प्रमुख रणिीनतक साझेदारों: अमेररका, ऑस्टरे र्लया, जापान, रूस और यूके के साथ 2+2 िाताय की है ।
प्रकृर्त: बहुपक्षीय
पूवी एर्शया र्शखर सम्मेलन (EAS) आय र्जत: जकाताि, इं ड नेर्शया
प्रमुख प्रर्तभागी: 18 दे श (भारत सर्हत)
❖ ईएएस की स्थापिा 2005 में आर्सयान के नेतृत्व वाली पहल के रूप में की गई थी।
❖ पूिी एनिया समूह का निचार पहली िार 1991 में तत्कालीन मलेर्शयाई प्रिानमंत्ी महार्थर म हम्मद द्वारा प्रस्तानित
नकया गया था। पहला निखर सम्मेलि 14 नदसंिर 2005 को कुआलालंपुर, मलेनिया में आयोनजत नकया गया।
❖ ईएएस इं डो-पैनसनफक में एकमात्र िेता-िेतरत्व िाला मंच है जो रणिीनतक िहत्त्व के राजिीनतक, सुरिा और आनथयक मुद्ों
पर चचाय करिे के नलए सभी प्रमुख भागीदारों को एक साथ लाता है ।
❖ ईएएस में 18 सदस्य िानमल हैं : 10 आर्सयान दे श और आठ संिाद भागीदार (ऑस्टर े नलया, चीि, भारत, जापाि,
न्यूजीलैंड, कोररया गणराज्य, रूस और संयुक्त राज्य अमेररका)।
❖ इसमें सहय ग के छह प्राथर्मकता वाले क्षेत् हैं , नजिमें िानमल हैं : पयायिरण और ऊजाय , नििा, नित्त, िैनश्वक स्वास्थ्य मुद्े
और महामारी रोग, प्राकरनतक आपदा प्रिंिि और आनसयाि किेक्तक्ट्निटी।
❖ भारत (संस्थापक सदस्य) ईएएस को अपिी एक्ट् ईस्ट िीनत को िढािे और आनसयाि और अन्य िेत्रीय दे िों के साथ
अपिी रणिीनतक साझेदारी को मजिूत करिे के नलए एक िहत्त्वपूणय मंच के रूप में दे खता है।
❖ ििंिर 2019 में बैंकॉक में पूवी एर्शया र्शखर सम्मेलन में, भारत िे भारत के इं ड -पैर्सर्फक महासागर पहल
(आईपीओआई) का अिािरण नकया, नजसका उद्े श्य एक सुरनित और क्तस्थर समुद्री डोमेि ििािे के नलए साझेदारी
करिा था।
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प्रकृर्त: सुरक्षा एवं कूटनीर्तक
क्वाड नेताओं का र्शखर सम्मेलन
प्रमुख प्रर्तभागी: जापान, भारत, अमेररका और ऑस्टरे र्लया
❖ भारत, ऑस्टरे र्लया, जापान तथा अमेररका जैसे दे िों के संयुक्त क्वाड समूह (Quad) का गठि िषय 2017 में नकया
गया था।
❖ इसका प्रमुख उद्े श्य चार सहयोगी दे िों के मध्य रक्षा एवं सुरक्षा सहय ग क मजबूती प्रदान करना था।
❖ क्वाड की स्थापिा पहली िार वषि 2004 की र्हंद महासागर सुनामी को ध्याि में रखते हुए माििीय सहायता और
आपदा राहत के समन्वय के नलए की गई थी।
❖ चारों भानगदार दे िों िे मई 2007 में आर्सयान क्षेत्ीय मंच के मौके पर अपिी पहली क्वाड िैठक की तथा नसंगापुर के
साथ नमलकर बंगाल की खाडी में अपिा संयुक्त नौसैर्नक अभ्यास नकया।
❖ 2017 के आनसयाि निखर सम्मेलि के दौराि, सभी चार पूिय सदस्य क्वाड गठिंिि को पुिजीनित करिे के नलए िाताय में
नफर से िानमल हुए।
❖ क्वाड को नसतंिर 2019 में मंत्री स्तर पर अपग्रेड नकया गया।
❖ ििंिर 2020 में, ऑस्टरे र्लया, भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेररका की नौसेनाओं िे अपिा सिसे िडा
िौसैनिक अभ्यास आयोनजत नकया, नजसे मालाबार अभ्यास के रूप में जािा जाता है ।
❖ पहले क्वाड र्शखर सम्मेलन का आय जन र्सतंबर 2021 में अमेररका में आयोनजत नकया गया था ।
➢ इसमें सभी सदस्य दे िों के प्रिािमंनत्रयों/राष्ट्रपनतयों िे भाग नलया।
➢ इस निखर सम्मेलि की मेजिािी अमेररका िारा की गई थी।
❖ हाल ही में र्वदे श मंत्ी एस जयशंकर ने बैंकॉक में 12वी ं मेकांग गंगा सहय ग (MGC) िैठक की सह-अध्यिता की।
❖ एमजीसी पहल का उद्े श्य गंगा और मेकां ग िदी घानटयों में रहिे िाले लोगों के मध्य िातचीत को िढािा है ।
❖ इसकी िैठकों की सह-अध्यक्षता, भारत और पाँच मेकांग दे श ं में से प्रनतिषय नकसी एक दे ि द्वारा बारी-बारी से की
जाती है ।
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समाचार ं में रही ं प्रमुख पहल तथा घ षणाएँ
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❖ आईएमईसी कॉररडोर में एक र्बजली केबल, एक हाइडर जन पाइपलाइन और एक हाई-स्पीड डे टा केबल भी
िानमल होगी।
❖ इसके प्रमुख हस्तािरकताय दे िों में भारत, अमेररका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, यूर पीय संघ, इटली,
फ्रांस और जमिनी िानमल हैं।
❖ प्रमुख बंदरगाह:
➢ भारत: मुंद्रा (गुजरात), कांडला (गुजरात) और जिाहरलाल िेहरू पोटय टर स्ट (ििी मुंिई)।
➢ मध्य पूवि: फ़ुजैरा, जेबेल अली और संयुक्त अरि अमीरात में अबू िाबी के साथ-साथ सऊदी अरब में दम्माम
और रास अल खैर बंदरगाह।
➢ रे लिे लाइि फ़ुजैराह बंदरगाह (यूएई) क सऊदी अरब (घुवाईफ़ात और हराद) और जॉडि न के माध्यम से
हाइफ़ा बंदरगाह (इजराइल) से जोडे गी।
➢ इजराइल: हाइ़िा िंदरगाह।
➢ यूर प: ग्रीस में पीररयस िंदरगाह (Piraeus port), दनिण इटली में मेर्सना और फ्रां स में मार्सिले।
अटलांर्टक र्डक्लेरेशन
❖ संयुक्त राज्य अमेररका और यूनाइटे ड र्कंगडम िे 21िीं सदी की यूएस-यूके आर्थिक साझेदारी के नलए अटलां नटक
नडक्लेरेिि की घोषणा की है ।
❖ इस िई घोषणा के साथ, दोिों दे ि रिा, सुरिा, निज्ञाि, प्रौद्योनगकी और आनथयक िेत्रों में अपिे सहयोग को मजिूत करिा
चाहते हैं ।
❖ अटलांनटक घोषणापत्र रणिीनतक निभयरता को कम करते हुए एक लचीली और सुरनित आपूनतय श्रंखला ििािे पर
केंनद्रत है ।
❖ अटलांर्टक र्डक्लेरेशन की कायि य जना (ADAPT)
➢ ADAPT श्नमकों, व्यिसायों, जलिायु और राष्ट्रीय सुरिा को प्राथनमकता दे ते हुए आनथयक निकास, प्रनतस्पिायत्मकता
और लचीलेपि को िढािे के नलए एक व्यापक रणिीनत नििाय ररत करता है ।
➢ इसमें पाँच प्रमुख स्तंभ शार्मल हैं और यह समय के साथ प्रगनत और महत्वाकां िा को िढािे के नलए नियनमत
उच्च-स्तरीय िैठकों का आयोजि करता है ।
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व्याख्या :
❖ यह अमेररका के नेतृत्व वाली एक पहल है नजसका उद्े श्य भारत-प्रशांत क्षेत् में लचीलापन, क्तस्थरता, समावेर्शता,
आर्थिक र्वकास, र्नष्पक्षता और प्रर्तस्पिाित्मकता क िढािे के नलए भाग लेिे िाले दे िों के मध्य आनथयक साझेदारी
को मजिूत करिा है।
❖ IPEF को मई 2022 में ट क्य में संयुक्त राज्य अमेररका और इं डो-पैनसनफक िेत्र के अन्य भागीदार दे िों द्वारा संयुक्त
रूप से लॉन्च नकया गया था।
❖ आईपीईएफ के 14 भागीदार दे श हैं, र्जनमें ऑस्टरे र्लया, ब्रुनेई, र्फजी, भारत, इं ड नेर्शया, जापान, क ररया
गणराज्य, मलेर्शया, न्यूजीलैंड, र्फलीपी ंस, र्संगापुर, थाईलैंड, र्वयतनाम और अमेररका शार्मल हैं।
❖ इसके चार स्तंभ ं में िानमल हैं : व्यापार, आपूनतय श्रंखला लचीलापि, स्वच्छ अथयव्यिस्था और निष्पि अथयव्यिस्था।
संदभि :
हाल ही में, रूस और ईराि िे अंतरराष्ट्रीय
उत्तर-दर्क्षण पररवहन गर्लयारे
(INSTC) के नहस्से के रूप में एक ईरािी
रे लिे लाइि, रश्त-अस्तारा रे लवे ििािे
के नलए एक समझौते पर हस्तािर नकए
हैं ।
व्याख्या:
❖ INSTC को दनिण एनिया और
उत्तरी यूरोप के िीच एक वैकक्तल्पक
और छ टा व्यापार मागि प्रदाि
करिे के नलए नड़ाइि नकया गया
है ।
❖ यह र्हंद महासागर और फारस
की खाडी क कैक्तस्पयन सागर से जोडता है और आगे उत्तरी और पर्िमी यूर प तक फैला हुआ है ।
❖ र्सतंबर 2000 में, वतिमान INSTC पररय जना सेंट पीटसिबगि में रूस, भारत और ईरान िारा शुरू की गई थी।
❖ आिुनिक आईएिएसटीसी एक िहु-मॉडल पररिहि मागय है जो नहंद महासागर और फारस की खाडी को ईराि के
माध्यम से कैक्तस्पयि सागर और नफर रूस में सेंट पीटसयिगय के माध्यम से उत्तरी यूरोप तक जोडता है।
❖ इस मागय में मुख्य रूप से जहाज, रे ल और सडक के माध्यम से भारत, ईरान, अजरबैजान और रूस से माल ढु लाई
िानमल है। गनलयारे का उद्े श्य मुंबई, मॉस्क , तेहरान, बाकू, बंदर अब्बास, अस्त्रखान, बंदर अंजर्ल आर्द प्रमुख
शहर ं के बीच व्यापार कनेक्तक्टर्वटी िढािा है ।
❖ ितयमाि में, INSTC के 13 सदस्य हैं , अथाय त्: भारत, ईरान, रूस, अजरबैजान, आमेर्नया, कजार्कस्तान,
र्कर्गिस्तान, तार्जर्कस्तान, तुकी, यूक्रेन, बेलारूस, ओमान और सीररया। िुल्गाररया इसमें एक पययिेिक राज्य के
रूप में िानमल हुआ है ।
❖ तुकिमेर्नस्तान नफलहाल औपचाररक सदस्य नही ं हैं लेनकि हाल के नदिों में पीएम मोदी िे उन्हें औपचाररक रूप से
आमंनत्रत नकया था।
गर्लयारा
● सेंटरल कॉररड र: यह मुंिई में जिाहरलाल िेहरू िंदरगाह से िुरू होता है और ह मुिज जलडमरूमध्य पर िंदर अब्बास
िंदरगाह (ईराि) से जुडता है। इसके िाद यह नौशहर, अमीराबाद और बंदर-ए-अंजली के माध्यम से ईरानी क्षेत् से
होकर गुजरता है , और रूस में ओला और अस्त्रखान बंदरगाह ं तक पहाँचने के र्लए कैक्तस्पयन सागर से होकर गुजरता
है ।
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● पर्िमी गर्लयारा: यह अ़रिैजाि के रे लिे िेटिकय को अस्तारा (अ़रिैजाि) और अस्तारा (ईराि) के सीमा पार िोडल
निंदुओं के माध्यम से ईराि से और आगे समुद्री मागय के माध्यम से भारत में जिाहरलाल िेहरू िंदरगाह से जोडता है ।
● पूवी गर्लयारा: यह मध्य एनियाई दे िों कजानकस्ताि, उज्बेनकस्ताि और तुकयमेनिस्ताि के माध्यम से रूस को भारत से
जोडता है ।
संदभि :
भारत-प्रिांत द्वीप समूह सहयोग (FIPIC) निखर सम्मेलि का तीसरा मंच 22 मई, 2023 को प टि म रे स्बी, पापुआ न्यू र्गनी
में आयोनजत नकया गया था। इसकी सह-अध्यक्षता भारत और पापुआ न्यू र्गनी िे की थी और 14 प्रिां त द्वीप दे िों (PIC)
िे भाग नलया था।
व्याख्या:
❖ पीआईसी के साथ भारत का जुडाि भारत की एक्ट् ईस्ट िीनत का नहस्सा है ।
❖ FIPIC भारत और 14 पीआईसी,
कुक आइलैंड्स, र्फजी, र्कररबाती,
माशिल आइलैंड्स, माइक्र नेर्शया,
नाउरू, नीयू, पलाऊ, पापुआ न्यू
र्गनी, सम आ, स ल मन
आइलैंड्स, टग
ं ा, तुवालु और
वानुआतु के िीच सहयोग के नलए
निकनसत एक िहुराष्ट्रीय समूह है ।
❖ इसे ििंिर 2014 में लॉन्च नकया गया
था और पहला FIPIC निखर सम्मेलि
2014 में सुवा, र्फजी में आयोनजत
नकया गया था और दू सरा 2015 में
जयपुर, भारत में आयोनजत नकया गया
था।
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संर्ियाँ और कन्वेंशन
परमाणु ऊजाि
❖ इस संनि पर 1996 में हस्तािर नकए गए और जुलाई 2009 में इसे लागू मकया गया।
❖ इसका उद्े श्य परमाणु प्रसार क र कना और अफ्रीका के रणिीनतक खनिजों को स्वतंत्र रूप से नियाय त होिे से रोकिा
है ।
❖ यह अफ्रीका में परमाणु-हर्थयार-मुक्त क्षेत् स्थानपत करता है।
❖ यह सदस्य दलों को एिपीटी पर हस्तािर ि करिे िाले दे िों के साथ नद्वपिीय समझौते में आिे से भी रोकता है ।
व्यापक परमाणु-परीक्षण-प्रर्तबंि संर्ि 185 हस्ताक्षरकतािओं में से 178 ने इसका अनुम दन र्कया है।
(CTBT) भारत ने संर्ि पर हस्ताक्षर नही ं र्कये हैं।
❖ यह एक स्वैक्तच्छक, कानूनी रूप से गैर-बाध्यकारी, अंतरराष्ट्रीय र्वश्वास र्नमािण और पारदनियता उपाय है जो सामूनहक
नििाि के हनथयार पहँ चािे में सिम बैर्लक्तस्टक र्मसाइल ं के प्रसार को रोकिे का प्रयास करता है ।
❖ इसे औपचाररक रूप से 25 नवंबर, 2002 को हे ग में नीदरलैंड द्वारा आयोनजत एक लॉक्तन्चंग सम्मेलि में लागू नकया
गया था।
❖ भारत के एचसीओसी में िानमल होिे से िैनलक्तस्टक नमसाइलों के प्रसार को रोकिे के निश्वव्यापी प्रयास को िल नमला।
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सभी दे श ं के र्लए खुला (193 राज्य-पार्टि याँ)।
रासायर्नक हर्थयार सम्मेलन
भारत इसका हस्ताक्षरकताि और पक्षकार है।
❖ यह एक िहुपिीय संनि है जो रासायर्नक हर्थयार ं पर प्रनतिंि लगाती है और एक निनित अिनि के भीतर उिके
नििाि की आिश्यकता पर िल दे ती है ।
❖ यह 29 अप्रैल, 1997 से लागू हई।
❖ इसमें राज्य-पानटय यों को नलक्तखत रूप में (रासायनिक िस्त्र निषेि संगठि) ओपीसीडब्ल्यू उिके रासायनिक हनथयारों के
भंडार, रासायनिक हनथयार उत्पादि सुनििाएँ (सीडब्ल्यूपीएफ), प्रासंनगक रासायनिक उद्योग सुनििाएँ , और अन्य
हनथयार-संिंिी जािकाररयों की घोषणा करिे की आिश्यकता होती है ।
❖ यह 1975 में लागू हुआ और क्तस्वट् जरलैंड के नजिेिा में निरस्त्रीकरण सनमनत के सम्मेलि द्वारा कन्वेंिि पर िातचीत की
गई।
❖ यह संनि जैनिक हनथयारों के निकास, उत्पादि, अनिग्रहण, हस्तां तरण, भंडारण और उपयोग पर रोक लगाती है ।
❖ यह सामूनहक नििाि के हनथयारों (WMD) की एक पूरी श्ेणी पर प्रनतिंि लगािे िाली पहली िहुपिीय निरस्त्रीकरण
संनि थी।
❖ यह संनि 27 जििरी 1967 को हस्तािर के नलए खोली गई और 10 अक्टू बर 1967 को लागू हुई।
❖ इस संनि के अिुसार, बाहरी अंतररक्ष का उपयोग केिल शांर्तपूणि उद्दे श्य ं के नलए नकया जाएगा। यह दे िों को परमाणु
हर्थयार या र्कसी अन्य प्रकार के सामूर्हक र्वनाश के हनथयार ले जािे िाली नकसी भी िस्तु को परथ्वी की किा में
रखिे से रोकता है ।
❖ इसके नलए आिश्यक है नक आकाशीय र्पंड ं का उपय ग सभी पक्ष ं िारा र्वशेष रूप से शांर्तपूणि उद्दे श्य ं के र्लए
र्कया जाएगा और उन पर क ई हर्थयार नही ं रखा जा सकता है।
❖ हालाँनक, बाह्य अंतररक्ष संर्ि अपने आप में अंतररक्ष में हर्थयार ं की बढ़ती स्पधया क नही ं र कती है।
समुद्री सम्मेलन
❖ यह संनि समुद्री कािूि पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंिि (यूएिसीएलओएस) की निरासत पर ििाई गई है , जो 1982 में हस्तािररत
महासागर संरिण पर अंनतम अंतरराष्ट्रीय समझौता है। यूएिसीएलओएस िे उच्च समुद्र िामक एक िेत्र की स्थापिा की
है ।
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❖ यह निश्व के महासागरों की रिा करिे िाली पहली संर्ि है जो राष्ट्रीय सीमाओं के िाहर क्तस्थत है और इसे 'महासागर
के र्लए पेररस समझौते' के रूप में भी जािा जाता है ।
❖ यह एक कानूनी रूप से बाध्यकारी संर्ि है नजसका उद्दे श्य समुद्री पयाय िरण की सुरिा, दे खभाल और नजम्मेदार
उपयोग सुनिनित करिा, समुद्री पाररक्तस्थनतक तंत्र की अखंडता को ििाए रखिा और समुद्री जैनिक निनििता के
अंतनियनहत मूल्य का संरिण करिा है ।
❖ इस सम्मेलि को 11-15 मई 2009 को हांगकांग, चीि में आयोनजत एक राजिनयक सम्मेलि में अपिाया गया था।
❖ उद्दे श्य: यह सुनिनित करिा नक जि जहाज अपिे पररचालि जीिि की समाक्तप्त के िाद पुननिवीनीकरण नकए जाते हैं ,
तो िे मानव स्वास्थ्य और सुरक्षा तथा पयािवरण के नलए कोई अनावश्यक ज क्तखम पैदा िहीं करते हैं ।
❖ इसका उद्े श्य जहाज पुनचिक्रण से संिंनित सभी मुद्ों का समािाि करिा है , नजसमें पयािवरणीय रूप से खतरनाक
पदाथों की संभानित उपक्तस्थनत िानमल है जैसे- एस्बेस्टस, भारी िातु, हाइडर काबिन, ओज न क्षयकारी पदाथि आर्द।
मानवतावादी मुद्दे
❖ कन्वेंिि को निजी अंतरराष्ट्रीय कािूि पर हेग सम्मेलि द्वारा निकनसत नकया गया था।
❖ यह 1993 में संपन्न हुआ और 1995 में लागू हुआ।
❖ इसका उद्े श्य िच्चों और उिके पररिारों को अिैि या नििा तैयारी के अंतर-दे िीय गोद लेिे से िचािा है ।
❖ साथ ही इसमें बच्च ं का अपहरण, र्बक्री या तस्करी को रोकिे का भी प्रयास नकया जाता है ।
❖ UNCAT को 10 नदसंिर 1984 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपिाया गया था, और यह 26 जून 1987 को लागू हुआ।
❖ इसका उद्दे श्य वैमिक स्तर पर यातना और क्रूर, अमानवीय या अपमानजनक व्यवहार या सजा के अन्य कृत्य ं क
र कना है ।
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❖ कन्वेंिि में राज्यों को अपिे अनिकार िेत्र के तहत नकसी भी िेत्र में अत्याचार को रोकिे के नलए प्रभािी उपाय करिे
की आिश्यकता होती है और राज्यों द्वारा लोगों को नकसी भी दे ि में ले जािे से रोकता है जहाँ यह संभाििा है नक उन्हें
प्रतानडत नकया जाएगा।
❖ कन्वेंिि के लागू होिे के िाद से, यातना और क्रूर, अमानवीय, या अपमानजनक उपचार या दं ड के अन्य कृत्य ं के
क्तखलाफ पूणि प्रर्तबंि को प्रथागत अंतरराष्ट्रीय कािूि के नसिां त के रूप में स्वीकार नकया गया है ।
❖ यह एक िैनश्वक संनि है जो मवि में शरणार्थिय ं के अर्िकार ं और सुरक्षा से संबंर्ित मुद्द ं क उठाती है।
❖ कन्वेंिि िरणाथी की स्पष्ट् पररभाषा प्रदाि करता है और उस सहायता, अनिकार और कािूिी सुरिा की रूपरे खा तैयार
करता है नजसके िे हकदार हैं ।
❖ यह अपिे मेजिाि दे िों के प्रनत िरणानथययों की नजम्मेदाररयों का भी नििरण दे ता है और युि अपरानियों जैसे व्यक्तक्तयों
की कुछ श्ेनणयों को निनदय ष्ट् करता है , जो िरणाथी क्तस्थनत के नलए पात्र िहीं हैं ।
❖ इसकी स्थापिा 1864 में हुई थी, हालाँनक इसे 1949 में पूणय रुप से दोिारा नलखा गया।
❖ यह उि लोगों की रिा करता है, जो लडाई में भाग िहीं लेते हैं (िागररक, नचनकत्सक, सहायता कमी) और जो अि िहीं
लड सकते हैं (घायल, िीमार और िनतग्रस्त जहाज सैनिक, युि के कैदी)।
❖ पहला र्जनेवा कन्वेंशन युि के दौराि जमीन पर घायल और बीमार सैर्नक ं की रक्षा करता है ।
❖ दू सरा र्जनेवा कन्वेंशन युि के दौराि समुद्र में घायल, बीमार और क्षर्तग्रस्त जहाज ं के सैन्य कर्मिय ं की रक्षा
करता है ।
❖ तीसरा र्जनेवा कन्वेंशन युद्धबंर्दय ं पर लागू होता है ।
❖ चौथा र्जनेवा कन्वेंशन कब्जे वाले क्षेत् सर्हत नागररक ं क सुरक्षा प्रदान करता है ।
सामररक सम्मेलन
एमएसपी में यूके, ऑस्टरे र्लया, फ्रांस और जमिनी और यूर पीय संघ
खर्नज सुरक्षा साझेदारी (एमएसपी) सर्हत 14 दे श शार्मल हैं।
भारत जून 2023 में शार्मल हुआ।
❖ इस साझेदारी की घोषणा अगस्त 2022 में ट रं ट में आयोनजत मवि के सिसे िडे खिि काययक्रम में की गई थी और इसे
महत्त्वपूणि खर्नज गठबंिन के रूप में भी जािा जाता है ।
❖ खनिज सुरिा साझेदारी महत्त्वपूणि खर्नज ं की आपूर्ति श्रृंखलाओं क सुरर्क्षत करने के र्लए अमेररका के नेतृत्व
वाली एक महत्वाकां िी िई साझेदारी है , नजसका उद्े श्य चीन पर र्नभिरता क कम करना है ।
❖ िहत्त्वपूणय खनिजों की कोई िैनश्वक पररभाषा िहीं है , लेनकि अनििायय रूप से, िे उच्च आनथयक भेद्यता और उच्च िैनश्वक
आपूनतय श्रंखला जोक्तखम िाले खनिज भंडार हैं ।
❖ हाल ही में, भारत िे अपिे आनथयक निकास और निनभन्न िेत्रों के निकास के नलए िहत्त्वपूणय 30 िहत्त्वपूणय खनिजों की
एक सूची जारी की है ।
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इस पर अगस्त 2018 में हस्ताक्षर र्कए गए थे।
कैक्तस्पयन सागर र्नणाियक संर्ि
भारत सदस्य नही ं है।
❖ कैक्तस्पयि सागर के पाँच राज्य (अजरबैजान, ईरान, कजार्कस्तान, रूस और तुकिमेर्नस्तान) समुद्र पर संप्रभु
अर्िकार ं के एक निणाय यक समझौते पर पहँचे।
❖ यह इस नििाद को समाप्त करता है नक कैक्तस्पयि एक समुद्र है या झील, इसे नििेष कािूिी दजाय प्रदाि करता है नजसका
अथय है नक इसे समुद्र या झील के रूप में पररभानषत िहीं नकया गया है ।
❖ ये दे ि कैक्तस्पयन सागर सीमा वाले दे श हैं और संसाििों को निभानजत करिे और नकसी अन्य िक्तक्तिाली दे ि से सैन्य
समझौते को खत्म करिे के नलए िातचीत पर पहँच गए हैं ।
❖ संनि में अन्य िातों के साथ-साथ अन्वेषण का अर्िकार, मत्स्य पालि, िेनिगेिि, पररिहि, पाररक्तस्थनतकी तंत्र, जैि
निनििता जैसे पहलू िानमल हैं । यह नए तेल और गैस र्नष्कषिण और पाइपलाइिों का मागय प्रिस्त करता है ।
❖ 1 नदसंिर 1959 को िानिंगटि में 12 दे श ं के िीच अंटाकयनटक संनि पर हस्तािर नकए गए और यह 1961 में लागू हुई।
❖ यह अंटाकयनटक में राज्यों के िीच संिंिों को निनियनमत करिे के उद्े श्य से की गई व्यिस्थाओं का संपूणय पररसर है ।
❖ िारह मूल हस्तािरकताय अजेंटीना, ऑस्टरे र्लया, बेक्तियम, र्चली, फ्रांस, जापान, न्यूजीलैंड, नॉवे, दर्क्षण अफ्रीका,
स र्वयत स शर्लस्ट ररपक्तब्लक संघ, यूके और यूएसए हैं ।
❖ इसका उद्दे श्य सभी मािि जानत के नहत में यह सुनिनित करिा है नक अंटाकयनटका का उपयोग हमेिा िां नतपूणय उद्े श्यों
के नलए नकया जाता रहे गा और यह अंतरराष्ट्रीय कलह का दृश्य या िस्तु िहीं ििेगा।
❖ इसका उद्े श्य अंटाकिर्टक महािीप को एक निसैन्यीकरत िेत्र ििािा है नजसे केिल िैज्ञानिक अिुसंिाि के नलए संरनित
नकया जाएगा।
र्मर्श्रत
❖ कन्वेंिि को 51वें UNCITRAL आय ग सत् में अंनतम रूप नदया गया, जो जुलाई 2018 में समाप्त हुआ।
❖ कन्वेंिि 2020 में लागू हुआ।
43
❖ यह नकसी िानणक्तज्यक नििाद को सुलझािे के नलए पानटय यों द्वारा संपन्न मध्यस्थता के पररणामस्वरूप होिे िाले अंतरराष्ट्रीय
निपटाि समझौतों पर लागू होता है । कन्वेंिि के प्रयोजिों के नलए, 'मध्यस्थता' और 'सुलह' िब्दों को निनिमेय मािा जा
सकता है ।
❖ यह र्संगापुर के नाम पर होिे िाली पहली संयुक्त राष्ट्र संर्ि है ।
❖ इसे 2001 में प्रस्तुत नकया गया और आनिकाररक तौर पर 1 जुलाई 2004 से लागू हुआ।
❖ इसके तीन प्राथर्मक उद्दे श्य ं में साइिर अपराि से निपटिे के नलए जांच तकिीकों को िढािा, राष्ट्रों के िीच सहयोग
को िढािा दे िा और साइबर अपराि से संबंर्ित राष्ट्रीय कानून ं का मानकीकरण करिा िानमल है।
❖ यह कन्वेंिि 23 अगस्त से 19 नसतंिर 1949 तक र्जनेवा में आयोनजत सडक और मोटर पररिहि पर संयुक्त राष्ट्र
सम्मेलि द्वारा तैयार नकया गया और हस्तािर के नलए खोला गया। यह 26 माचि 1952 को लागू हुआ।
❖ यह अिुिंि करिे िाले पिों के िीच कुछ समान र्नयम स्थानपत करके अंतरराष्ट्रीय सडक यातायात के निकास और
सुरिा को िढािा दे िे िाली एक अंतरराष्ट्रीय संनि है।
❖ कन्वेंिि िोडय पर आिश्यक न्यूनतम यांर्त्क और सुरक्षा उपकरण ं को संिोनित करता है और िाहि की उत्पनत्त की
पहचाि करिे के नलए एक पहचाि नचह्न को पररभानषत करता है ।
❖ राजनर्यक संबंि ं पर र्वयना कन्वेंशन (1961) की स्थापिा मौनलक नसिां तों और ितों को पररभानषत करिे के नलए
की गई है जो यह नियंनत्रत करते हैं नक दे िों को एक-दू सरे के राजिनयक प्रनतनिनियों के साथ कैसा व्यिहार करिा
चानहए।
❖ इसे 14 अप्रैल 1961 को ऑक्तस्टर या के र्वएना में न्यू हॉफबगि में आयोनजत राजिनयक संपकय और प्रनतरिा पर संयुक्त
राष्ट्र सम्मेलि द्वारा अपिाया गया था।
❖ यह राजिनयकों को उस मेजिाि दे ि में कुछ कािूिों और करों से छूट दे ता है जहाँ िो तैिात हैं । यह सुनिनित करता है
नक राजिनयक नििा नकसी डर या िमकी के अपिे कतयव्यों को पूरा कर सकें।
र्टर प्स (बौक्तद्धक संपदा अर्िकार ं के WTO के सभी सदस्य ं ने समझौते पर हस्ताक्षर कर र्दए हैं.
व्यापार-संबंर्ित पहलू) भारत ने 2007 में इस समझौते पर हस्ताक्षर र्कये थे।
❖ नटर प्स पर 1989 और 1990 के िीच टै ररफ और व्यापार पर सामान्य समझौते (GATT) के उरुग्वे दौर के अंत में
िातचीत की गई थी और इसे WTO द्वारा प्रिानसत नकया जाता है ।
❖ नटर प्स निश्व व्यापार संगठि (डब्ल्यूटीओ) के सभी सदस्य दे िों के िीच एक अंतरराष्ट्रीय कानूनी समझौता है ।
❖ र्टर प्स समझौता कॉपीराइट और संिंनित अनिकारों, टर े डमाकय, भौगोनलक संकेत (जीआई), औद्योनगक नडजाइि, पेटेंट,
एकीकरत सनकयट लेआउट नडजाइि और अज्ञात जािकारी के नलए सुरिा के न्यूितम मािक नििाय ररत करता है।
● आईपी (बौक्तद्धक संपदा) िेत्र के कुछ िेत्र इि समझौतों में िानमल िहीं थे। कुछ मामलों में, नििाय ररत सुरिा मािकों
को अपयाय प्त मािा गया।
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इसकी शुरुआत संयुक्त राज्य अमेररका, चीन, भारत और यूनाइटे ड
र्मशन इन वेशन
र्कंगडम सर्हत 20 दे श ं िारा की गई थी।
❖ इसे पेररस, फ्रांस में 2015 COP21 जलवायु र्शखर सम्मेलन में लॉन्च नकया गया था।
❖ नमिि इिोिेिि अिुसंिाि, निकास और प्रदियि में एक दिक की कारय िाई और नििेि को उत्प्रेररत करिे के नलए एक
वैर्श्वक पहल है ।
❖ ऐसा स्वि ऊजाि क सस्ता, आकषयक और सुलभ ििािे के नलए नकया गया है । इससे पेररस समझौते के लक्ष्ों और
िेट ़ीरो के मागों को प्राप्त करिे की प्रनक्रया में तेजी आएगी।
❖ केपीसीएस 1 जनवरी 2003 से लागू हुआ और र्ववार्दत हीर ं (diamonds) के व्यापार को रोकिे के नलए एक प्रभािी
तंत्र के रूप में निकनसत हुआ।
❖ नकिली प्रनक्रया र्ववार्दत हीरों के प्रिाह को रोकिे के नलए सरकार, अंतरराष्ट्रीय हीरा उद्योग और िागररक समाज की
एक संयुक्त पहल है ।
❖ वतिमान में, केपीसीएस में 55 सदस्य हैं ज 28 सदस्य ं वाले यूर पीय संघ सर्हत 82 दे श ं का प्रर्तर्नर्ित्व करते
हैं।
❖ र्ववार्दत हीरे – मवि भर में, 'सरकारों के क्तखलाफ युिों के नित्तपोषण के नलए उपयोग नकए जािे िाले कच्चे हीरे '
❖ इसका िणयि संयुक्त राष्ट्र सुरिा पररषद (यूएिएससी) के प्रस्तािों में भी नकया गया है ।
❖ यह 1975 में अपिे 1959 के पुरािे समझौतों को प्रनतस्थानपत करते हुए लागू हुआ।
❖ टीआईआर यूरोप के नलए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आय ग (यूएनईसीई) के तत्वाििाि में एक अंतरराष्ट्रीय पारगमि प्रणाली
है जो कन्वेंिि के दलों के भीतर और उिके िीच माल की र्नबािि आवाजाही की सुनििा प्रदाि करती है।
❖ टीआईआर प्रणाली ि केिल सडक मागय से सीमा िुि पारगमि को किर करती है , िक्ति पररिहि के अन्य साििों
(जैसे, रे ल, अंतदे िीय जलमागय और यहाँ तक नक समुद्री पररिहि) के साथ एक संयोजि भी संभि ििाती है ।
सदस्य: 65 दे श।
केप टाउन कन्वेंशन भारत 2018 में सीटीसी में शार्मल हुआ लेर्कन अभी तक संसद िारा
इसकी पुर्ष्ट् नही ं की गई है।
❖ यह 16 ििंिर 2001 को केप टाउि में संपन्न हुआ। यह र्वमान उपकरण के नलए निनिष्ट् मामलों पर प्रोटोकॉल था।
❖ यह निमाि जैसी उच्च मूल्य िाली मोिाइल संपनत्तयों के नित्तपोषण और पट्टे के नलए कािूिी ढाँ चा जहाँ प्रदाि करके
अंतरराष्ट्रीय निमािि उद्योग में िहत्त्वपूणय भूनमका निभाता है ।
❖ यह पट्टे दारों के जोक्तखम को कम करके और र्दवार्लयापन के मामले सनहत लेिदे ि में कािूिी पूिाय िुमाि का निस्तार
करके र्वमान, इं जन और स्पेयर पाट्ि स के नित्तपोषण और पट्टे को आसाि ििाता है।
❖ इसका उद्े श्य अफ्रीकी राज्यों को अफ्रीका जलवायु र्शखर सम्मेलन और पार्टि य ं के सम्मेलन (COP28) के नलए
एकीकरत क्तस्थनत प्रदाि करिा है।
❖ यह घोषणापत्र व्यािहाररक और प्रभािी तरीके से जलवायु-आिाररत गर्तशीलता क संब र्ित करने के नलए सदस्य
राज्यों के िेतरत्व में पहला व्यापक, कारय िाई-उन्मुख ढाँ चा जहाँ है ।
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❖ हाल ही में, 48 अफ्रीकी दे श प्रिासि, पयाय िरण और जलिायु पररितयि पर कंपाला मंर्त्स्तरीय घ षणा को अपिािे
पर सहमत हुए।
❖ इस पर 1992 में हस्तािर नकए गया और 2002 में इसे लागू नकया गया।
❖ यह एक ऐसा समझौता है जो इसके 34 हस्ताक्षरकताि दे िों को एक-दू सरे के िेत्रों में र्नगरानी उडानें (र्बना हर्थयार
के) संचानलत करके हनथयारों के निकास की निगरािी करिे की अिुमनत दे ता है ।
❖ इसनलए, संनि िे अपिे प्रनतभानगयों के नलए एक हिाई निगरािी प्रणाली स्थानपत की है।
❖ 2020 में, संयुक्त राज्य अमेररका के और नदसंिर 2021 में रूस के संनि से अलग होिे के िाद अि इसमें केिल 32
राज्य-पानटय याँ िेष रह गई हैं ।
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