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भारतीय न्याय संहिता में कितने बदल जाएंगे कानून
भारतीय न्याय संहिता में कितने बदल जाएंगे कानून
'दस्तावेज' के तहत इलेक्ट्रॉकनक और कडकजटल ररकॉडा, ईमेल, सवार लॉग, कंप्यटू र में फाइलें, स्माटाफोन/लैपटॉप सदं श
े ;
वेबसाइट, लोके शन डाटा; कडकजटल उपकरणों पर मेल संदेश शाकमल हैं।
- एफआईआर, के स डायरी, चाजा शीट और फै सले का कडकजटलीकरण जरूरी। साथ ही समन और वॉरंट जारी करना और
तामील करना। कशकायतकताा और गवाहों की जांच, साक्ष्य की ररकॉकडिंग, मक ु दमेबाजी और सभी अपीलीय कायावाही।
- सभी पकु लस स्टेशनों और अदालतों द्वारा बनाए जाने वाले ईमेल के कलए रकजस्टर। इसमें पाकटायों के ई-मेल आईडी, फोन नंबर
और अन्य कववरण शाकमल हों।
- पकु लस की ओर से ककसी भी सपं कि की तलाशी और जब्ती अकभयान की कवकडयो ररकॉकडिंग। ररकॉकडिंग कबना ककसी देरी के
सबं कं धत मैकजस्रेट को भेजी जाएगी।
सात साल या उससे अकधक वषों की जेल की सजा वाले सभी मामलों में फॉरें कसक कवशेषज्ञ हो। इसके कलए राज्यों/कें द्रशाकसत
प्रदेशों में 5 साल के भीतर बुकनयादी ढांचा तैयार ककया जाएगा।