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भारतीय न्याय सहं िता में हितने बदल जाएगं े िानून, जुमम और सजा पर

क्या िोंगे नए हनयम


-राजद्रोि (Sedition/treason) को खत्म ककया गया है। सरकार के कखलाफ नफरत, अवमानना, असतं ोष पर दडं ात्मक
प्रावधान नहीं होंगे, लेककन राष्ट्र के कखलाफ कोई भी गकतकवकध दडं नीय होगी।
- सामदु ाकयक सेवा को सजा के नए स्वरूप के तौर पर पेश ककया गया है।
- आतंिवादः भारतीय न्याय संकहता में पहली बार आतंकवाद को पररभाकषत ककया गया है और इसे दंडनीय अपराध बनाया
गया है।
- संगकित अपराध के कलए नई धारा जोडी गई है। ककसी कसंकडके ट की गैर-काननू ी गकतकवकध को दडं नीय बनाया गया है। सशस्त्र
कवद्रोह, कवध्वसं क गकतकवकधयों, अलगाववादी गकतकवकधयों या भारत की सप्रं भतु ा या एकता और अखडं ता को खतरा पहचं ाने
वाली गकतकवकध के कलए नए प्रावधान जोडे गए हैं।
- शादी, रोजगार, प्रमोशन, झिू ी पहचान आकद के झिू े वादे के आधार पर यौन संबंध बनाना नया अपराध है।
- गैंगरे प के कलए 20 साल की कै द या आजीवन जेल की सजा होगी। अगर पीकडता नाबाकलग है तो आजीवन जेल/मृत्यदु डं
का प्रावधान ककया गया है।
- नस्ल, जाकत, समदु ाय आकद के आधार पर हत्या से संबंकधत अपराध के कलए नए प्रावधान के तहत कलंकचंग के कलए न्यनू तम
सात साल की कै द या आजीवन जैल या मृत्यदु डं की सजा होगी।स्नैकचंग के मामले में गंभीर चोट लगती है या स्थायी
कवकलांगता होती है तो ज्यादा किोर सजा दी जाएगी।
- बच्चों को अपराध में शाकमल करने पर कम से कम 7-10 साल की सजा होगी
- कहट-एंड-रन के मामले में मौत होने पर अपराधी घटना का खल ु ासा करने के कलए पकु लस/मैकजस्रेट के सामने पेश नहीं होता
है, तो जमु ााने के अलावा 10 साल तक की जेल की सजा हो सकती है।
जीरो एफआईआर, ई-एफआईआर का काननू में प्रावधान ककया गया है। कोई भी एफआईआर पकु लस स्टेशन की सीमा के
बाहर, लेककन राज्य के भीतर दजा हो सकती है। इलेक्ट्रॉकनक माध्यम से एफआईआर दजा की जा सकती है।
- हर कजले और हर पकु लस स्टेशन में ककसी भी कगरफ्तारी की सचू ना देने के कलए पकु लस अकधकाररयों को नाकमत ककया गया है।
अपराध के पीकडत को 90 कदनों के भीतर जांच की प्रगकत के बारे में जानकारी दी जाएगी।
- यौन कहसं ा की पीकडता का बयान मकहला न्याकयक मैकजस्रेट द्वारा उसके आवास पर मकहला पकु लस अकधकारी की उपकस्थकत में
दजा ककया जाएगा। इस दौरान पीकडता के माता-कपता या अकभभावक मौजदू रह सकते हैं।
- चोरी, घर में जबरन घुसना जैसे कम गंभीर मामलों के कलए समरी रायल अकनवाया कर दी गई है। कजन मामलों में सजा 3
साल तक है, उनमें मैकजस्रेट कलकखत में कारण दजा करने के बाद संकिप्त सुनवाई कर सकता है।
- आरोप पत्र दाकखल करने के बाद आगे की जांच के कलए 90 कदन का समय। 90 कदनों से अकधक का कवस्तार के वल कोटा
की अनमु कत से ही कदया जाएगा।
- बहस परू ी होने के 30 कदन के भीतर फै सला सनु ाया जाएगा। कवशेष कारणों से यह अवकध 60 कदनों तक बढाई जा सकती है।
- दसू रे पि की आपकियों को सनु ने के बाद कोटा द्वारा कसफा दो स्थगन (adjournments) कदए जा सकते हैं। और कवशेष
कारणों से उन्हें कलकखत रूप में दजा ककया जाना चाकहए।
- यकद सिम प्राकधकारी 120 कदनों के भीतर कनणाय लेने में कवफल रहता है तो कसकवल सेवक का अकभयोजन आगे बढाया
जाएगा।
- पहली बार अपराध करने वालों को एक कतहाई सजा काटने के बाद स्वत: जमानत। आजीवन कारावास या मौत की सजा पाए
व्यकि को यह छूट नहीं कमलेगी।
- राज्य सरकारों द्वारा गवाह सरु िा योजनाएं बनाई जाएंगी। सरु िा पर फै सला एसपी स्तर का अकधकारी लेंगे। इसके कलए राज्य
से अनमु कत की जरूरत नहीं होगी।
-यकद सजा 10 साल या उससे अकधक (आजीवन कारावास और मृत्यदु डं सकहत) है तो दोकषयों को घोकषत अपराधी घोकषत
ककया जा सकता है। भारत के बाहर उनकी संपकि की कुकी और जब्ती के कलए नया प्रावधान बनाया गया है।
- सजा को कम करने के कनयम कनधााररत- मौत की सजा को उम्रकै द में, उम्रकै द को 7 साल सजा, 7 साल की सजा को 3
साल की सजा में।
- नए प्रावधान के तहत घोकषत अपराकधयों पर उनकी अनुपकस्थकत में मक ु दमा चलाया जाएगा।
- कोटा के आदेश के बाद अपराध की आय से संबंकधत संपकि की जब्ती।
- फोटोग्राफी/कवकडयोग्राफी की तारीख से 30 कदनों के भीतर पकु लस स्टेशनों में पडी के स संपकि का कनपटारा।

'दस्तावेज' के तहत इलेक्ट्रॉकनक और कडकजटल ररकॉडा, ईमेल, सवार लॉग, कंप्यटू र में फाइलें, स्माटाफोन/लैपटॉप सदं श
े ;
वेबसाइट, लोके शन डाटा; कडकजटल उपकरणों पर मेल संदेश शाकमल हैं।

- एफआईआर, के स डायरी, चाजा शीट और फै सले का कडकजटलीकरण जरूरी। साथ ही समन और वॉरंट जारी करना और
तामील करना। कशकायतकताा और गवाहों की जांच, साक्ष्य की ररकॉकडिंग, मक ु दमेबाजी और सभी अपीलीय कायावाही।
- सभी पकु लस स्टेशनों और अदालतों द्वारा बनाए जाने वाले ईमेल के कलए रकजस्टर। इसमें पाकटायों के ई-मेल आईडी, फोन नंबर
और अन्य कववरण शाकमल हों।
- पकु लस की ओर से ककसी भी सपं कि की तलाशी और जब्ती अकभयान की कवकडयो ररकॉकडिंग। ररकॉकडिंग कबना ककसी देरी के
सबं कं धत मैकजस्रेट को भेजी जाएगी।

सात साल या उससे अकधक वषों की जेल की सजा वाले सभी मामलों में फॉरें कसक कवशेषज्ञ हो। इसके कलए राज्यों/कें द्रशाकसत
प्रदेशों में 5 साल के भीतर बुकनयादी ढांचा तैयार ककया जाएगा।

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