Mohit Chauhan B.com Project Report

You might also like

Download as pdf or txt
Download as pdf or txt
You are on page 1of 44

PROJECT REPORT

ON
“Implications of Pekshi Karna on National Security”

GARDUATE DIPLOMA IN BACHELOR OF COMMERCE

(GD B.COM)
M.S UNIVERSITY, SAHARANPUR
(2024-25)

UNDER THE GUIDANCE OF

DR. HANSRAJ SIR


&
RAJESH AGGARWAL SIR

SUBMITTED TO: SUBMITTED BY:


DR. RAJESH AGGARWAL ROHIT CHAUHAN
HOD- B.COM ROLL NO. 210016303092
……………………….. B.COM 6TH SEM.

VIJAY SINGH PATHIK GOVT. (P.G.) COLLEGE KAIRANA SHAMLI [U.P.]


Implications of Pekshi Karna on National Security

Date : 18 March 2024

TO WHOM SO EVER IT MAY CONCERN

This is certify that MR. ROHIT CHAUHAN, a student of VIJAY SINGH PATHIK GOVT.
(P.G.) COLLEGE KAIRANA, SHAMLI has done the training in our organization. He has
successfully completed training from 30 Dec.2023 to 19 March 2024 a training project
on (Implications of Pekshi Karna on National Security). During this period
he has been a very hardworking trainee.

We wish all the very best for his future.


VIJAY SINGH PATHIK

(Gov. P.G. College)


Affiliated: To M.S. University Saharanpur

Shamli, Panipat Road, Kairana

Tel- 01398-266945

CERTIFICATE

This is to certify that the project untitled The Implications of Pekshi Karna
on National Security

has been submitted by Mr. ROHIT CHAUHAN, B.Com student Roll number
210016303092 in partial fulfillment of the requirement of the award of
B.com degree and same has not been submitted to any other institution
for the award any degree.

Dr. HANSRAJ SIR Dr. RAJESH AGGARWAL

(PROJECT GUIDE) (HOD B.Com)


PREFACE

I am very thankful to everyone who all supported me for the completed my project
effectively and more over one time.

I am equally grateful to my brother/sister/friend/and teachers they gave me moral


support and guided me in a different matters regarding the topic. She had been very
kind and patient while suggested me the outlines of the project and correcting my
doubts. I thank her for overall supports.

Last but not the least, I would like to thank my parents who helped me a lot in gathering
different information and guidelines me from time to time in making this project. Despite
of their buys schedules, they gave me different ideas in the making this project unique .

THANK YOU

Name : ROHIT CHAUHAN

Class : B.Com 6th semester 2024

Roll No. : 210016303092


ACKNOWLEDMENT

It is pleasure to be indebted to various people, who directly or indirectly contributed in


the development of the work and who influenced my thinking behavior, and acts during
the course to study.

I would to thanks Dr. RAJESH AGGARWAL Sir faculty guide from Shamli U.P. For her
cooperation in competing the project.

Lastly. I would like to thank the almighty and my parents for the their moral support and
my colleagues with whom I shared my day to day experience and received lots my
colleagues that improved my work quality.

ROHIT CHAUHAN
Student’s Declaration

I hereby declare that the research entitled “The Implications of Pekshi Karna
on National Security”has been prepared by me.

I also declared that this research which has been training conduct in partial fulfillment of
the requirement the degree of “B.Com (6TH sem.) of the M.S. university, Saharanpur
has been the result of my own efforts and that the research has not formed a basis for
the award of any other Degree/Diploma/fellowship by M.S. University Saharanpur
of any other university.

Place : SHAPAT, (KAIRANA)

Date : …../…../…… ROHIT CHAUHAN


Implications of Pekshi Karna on National Security

राष्ट्रीय सुरक्षा का शाब्दिक अर्थ दे श की सुरक्षा से है , जिसमें दे श को मुख्य रूप से दू सरे दे शोों से यु द्ध से

बचाना होता है । इसके अलावा आतोंकवाद, अपराध, ऊिाथ सोंकट, आजर्थक सोंकट एवों अन्य सोंकटोों से बचाना भी
शाजमल है ।

राष्ट्रीय सुरक्षा से आशय जकसी राष्ट्र-राज्य की सरकार की अपने नागररकोों, अर्थव्यवस्र्ा और अन्य सोंस्र्ानोों की
सुरक्षा करने की क्षमता से है ।

इक्कीसवीों सदी में राष्ट्रीय सुरक्षा जसर्थ सैन्य हमलोों के ब्दिलार् स्पष्ट् सुरक्षा तक ही सीजमत नहीों है बब्दि आि तो
राष्ट्रीय सुरक्षा में कई गै र-सैन्य जमशन भी शाजमल हैं ।

यजद राष्ट्रीय सुरक्षा के इन गै र-सैन्य जमशनोों की बात की िाएों तो इसके अों तगथ त आजर्थक सुरक्षा, रािनीजतक सुरक्षा,

ऊिाथ सुरक्षा, मातृभूजम सुरक्षा, साइबर सुरक्षा, मानव सुरक्षा और पयाथ वरण सुरक्षा िैसे जवषय शाजमल हैं ।

राष्ट्रीय सुरक्षा की सुजनजितता हे तु सरकारें कूटनीजत के सार्-सार् रािनीजतक, आजर्थक और सैन्य शब्दि आजद

रणनीजतयोों पर अमल करती हैं ।


भारत के सोंदभथ में राष्ट्रीय सुरक्षा सोंबोंधी नीजतयोों और अवधारणाओों पर बात की िाए तो यह उतनी ही पु रानी है

जितनी जक राज्य सोंचालन हे तु शासन-प्रशासन की पद्धजत।

महान कूटनीजतज्ञ चाणक्य के शिोों में, जकसी भी प्रकार के आक्रमण से अपनी प्रिा की रक्षा करना प्रत्येक रािसत्ता

का सवथप्रर्म उद्दे श्य होता है।

इनके अनुसार, “प्रिा का सुि ही रािा का सुि और प्रिा का जहत ही रािा का जहत होता है ।

” चाणक्य ने अर्थशास्त्र में जलिा है जक एक राज्य को चार अलग-अलग प्रकार के ितरोों का सामना करना पड़

सकता है - आों तररक ितरा, बाहरी ितरा, बाहरी सहायता प्राप्त आों तररक ितरा आों तररक रूप से सहायता प्राप्त

बाहरी ितरा।

कमोबेश यही चार ितरे वतथमान में भी राष्ट्रीय सुरक्षा के समक्ष मौिूद हैं, बस इनके स्वरूप में बदलाव हुआ है ।
भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा की वतथमान ब्दस्र्जत पर यजद गौर करें तो केंद्र की अलग-अलग सरकारोों ने इसके जलए तमाम

इों तज़ाम जकये हैं ।

वषथ 1980 का राष्ट्रीय सुरक्षा अजधजनयम, राष्ट्रीय सुरक्षा में बाधक तत्त्ोों के जनवारक जनरोध की अनुमजत दे ता है।

यजद सोंबोंजधत सरकारी प्राजधकारी जकसी व्यब्दि के सोंदभथ में सोंतुष्ट् हो िाएों जक यह कानून और व्यवस्र्ा के जलए

बाधक बन सकता है तो उन्हें तीन महीने तक जनवारक जनरोध के अों तगथ त जनरुद्ध जकया िा सकता है।

इसके बाद भी व्यब्दि का कारावास िारी रिा िा सकता है यजद सलाहकार बोर्थ द्वारा इस सम्बोंध में सोंस्तुजत दे दी
िाए।

इसका लक्ष्य व्यब्दि को अपराध करने से रोकना है ।

इस अजधजनयम के अों तगथ त जकसी व्यब्दि के जनवारक जनरोध के आधारोों में शाजमल हैं - भारत की रक्षा, जवदे शी

शब्दियोों के सार् भारत के सोंबोंधोों या भारत की सुरक्षा के प्रजतकूल जकसी भी तरीके से कायथ करना आजद।
एक राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीजत या नीजत, दे श के नागररकोों की मूलभूत आवश्यकताओों और सुरक्षा जचोंताओों को पू रा

करने और दे श के जलए बाहरी और आों तररक ितरोों को दू र करने के जलए दे श के जलए एक महत्वपू णथ ढाों चा है ।

भारतीय राज्य के पास एक व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीजत का अभाव है िो दे श की सुरक्षा के जलए चुनौजतयोों का

व्यापक आकलन करती हो और उनसे प्रभावी ढों ग से जनपटने के जलए नीजतयाों बनाती हो।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की अध्यक्षता में एक शीषथ स्तरीय रक्षा योिना सजमजत की स्र्ापना वषथ 2018 में की गई र्ी,

जिसे राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीजत और राष्ट्रीय सुरक्षा नीजत तैयार करनी र्ी लेजकन अब तक इस पर कोई प्रगजत नहीों हो

इसके सार् ही भारत के पास अपना राष्ट्रीय सुरक्षा जसद्धाों त भी नहीों है ।

राष्ट्रीय सुरक्षा जसद्धाों त रािनेताओों को दे श के भू-रािनीजतक जहतोों की पहचान करने और उन्हें प्रार्जमकता दे ने में
मदद करता है ।

इसमें दे श की सैन्य, कूटनीजतक, आजर्थक और सामाजिक नीजतयोों की समग्रता शाजमल है िो दे श के राष्ट्रीय सुरक्षा

जहतोों की रक्षा और बढावा दे गी।


यजद भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के समक्ष चुनौजतयोों पर गौर करें तो भारत की भू-रािनीजतक ब्दस्र्जत, इसके पड़ोसी

कारक, जवस्तृ त एवों िोब्दिम भरी स्र्लीय, वायु और समुद्री सीमा के सार् इस दे श के ऐजतहाजसक अनुभव इसे सुरक्षा

की दृजष्ट् से अजतसोंवेदनशील बनाते हैं।

वतथमान समय में भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के समक्ष सबसे बड़ा ितरा आतोंकवाद है । आतोंकवाद ऐसे कायों का

समूह होता है जिसमें जहों सा का उपयोग जकसी प्रकार का भय व क्षजत उत्पन्न करने के जलये जकया िाता है ।

यजद भारत मे हुई बड़ी आतोंकी घटनाओों की बात की िाएों तो वषथ 2008 का मुोंबई बम धमाका, वषथ 2016 के

पु लवामा हमले ने भारत को गहरे िख्म जदए है ।

आतोंकवाद के अजतररि सोंगजित अपराध भी आि राष्ट्रीय सुरक्षा के सम्मुि बड़ा ितरा है ।


प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आजर्थक अर्वा अन्य लाभोों के जलये एक से अजधक व्यब्दियोों का सोंगजित दल, िो गों भीर

अपराध करने के जलये एकिुट होते हैं, सोंगजित अपराध की श्रेणी में आता है । गै र-पारों पररक अर्वा आधुजनक

सोंगजित अपराधोों में हवाला कारोबार, साइबर अपराध, मानव तस्करी, मादक द्रव्य व्यापार आजद शाजमल हैं ।

यजद भारत मे बढते हुए साइबर ितरोों को समझना है तो इस सोंबोंध में कोंप्यू टर इमरिेंसी ररस्पाों स टीम की ररपोटथ

उल्लेिनीय है ।

भारत की कोंप्यू टर इमरिेंसी ररस्पॉन्स टीम ने 2022 की अपनी इों जर्या रै नसमवेयर ररपोटथ में कहा र्ा जक भारत में

महत्वपू णथ मूलभूत ढाों चे समेत तमाम क्षेत्ोों पर रै नसमवेयर के हमलोों की सोंख्या में 51 प्रजतशत की बढोत्तरी हुई है।

इन समस्याओों के अजतररि नक्सलवाद भी भारत की आों तररक सुरक्षा के जलए एक प्रमुि ितरा है ।

नक्सजलयोों के हमलोों में तमाम जनदोष लोगोों की िानें गई है ।

इसके अलावा नक्सजलयोों ने बहुमूल्य राष्ट्रीय अवसोंरचनाओों को भी क्षजतग्रस्त जकया है ।


धाजमथक कट्टरता एवों नृिातीय सोंघषथ भी राष्ट्रीय सुरक्षा को चोट पहुुँ चा रहे हैं ।

जवजभन्न अजतवादी सोंगिन अपने धमथ, भाषा या क्षेत् की श्रेष्ठता का दावा प्रस्तु त करते हैं तर्ा जवद्धे षपू णथ मानजसकता

का जवकास करते हैं।

इन्हीों के कारण स्वतोंत्ता से लेकर अब तक भारत में अनेक साम्प्रदाजयक दों गे भी हुए हैं ।

इन समस्याओों के अजतररि मादक द्रव्योों की तस्करी भी भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को चोट पहुुँ चा रही है ।

भारत के पड़ोसी दे शोों में ‘स्वजणथम जत्भुि’ (म्ाों मार, र्ाईलैंर् और लाओस) व ‘स्वजणथम अद्धथ चोंद्राकार’

(अर्गाजनस्तान, ईरान एवों पाजकस्तान) क्षेत्ोों की उपब्दस्र्जत के पररणामस्वरूप मादक द्रव्योों का बढता व्यापार भारत

की राष्ट्रीय सुरक्षा के सम्मुि प्रमुि समस्या बन कर उभरा है।

काले धन को वैध बनाने की प्रजकया धन शोधन अर्ाथ त मनी लाों जर्र ों ग कहलाती है।

इसमें शाजमल धन का उपयोग राष्ट्र जवरोधी गजतजवजधयोों को अों िाम दे ने के जलए जकया िाता है ।
मनी लाों जर्र ों ग से उत्पन्न धन से मादक द्रव्योों की तस्करी, आतोंकवाद का जवत्तपोषण और हवाला कारोबार जकया िाता
है ।

इसके अजतररि भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर कुछ नीजतगत जचोंताएों भी हैं िैसे अमेररका और जिटे न िैसे दे शोों

द्वारा प्रत्येक वषथ पररब्दस्र्जतयोों के अनुसार अपने राष्ट्रीय सुरक्षा जसद्धाों तो को सोंशोजधत जकया िाता है िबजक भारत में

इस सोंबोंध में स्पष्ट् कायथयोिना का अभाव है ।

इसके अजतररि भारत के पास राष्ट्रीय सुरक्षा सोंबोंधी दीघथकाजलक नीजतयोों के सोंबोंध में भी अस्पष्ट्ता है।

भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीजत को वराह युद्ध नीजत की आवश्यकता है ।

इसे इस पररघटना के माध्यम से समजझये - मेगेरा(ग्रीस का एक शहर) की घे राबोंदी के दौरान, मैसेर्ोजनया का रािा

एों टीगोनस (जद्वतीय) यु द्ध क्षेत् में भारतीय हाजर्योों को हमले में लाता है ।

इसके प्रजतउत्तर में एक रणनीजत के तहत मेगेररया की सेना यु द्ध के मैदान में सुअरोों को छोड़ दे ती है ।
इसके सार् ही वहाुँ आग लगा दी िाती है और सुअरोों को हाजर्योों के मध्य जततर-जबतर कर जदया िाता है।

सुअर आग की यातना से कराहते-जचल्लाते है और हाजर्योों के बीच जितना हो सके आगे की ओर उछलते है ।

इससे हाजर्योों का झुोंर् भ्रम और भय से अपनी श्रेजणयोों को तोड़ दे ता है , और अलग-अलग जदशाओों में भाग िाता है।

यह कहानी बताती है जक यु द्ध में जविय मिबू त सेना को नही बब्दि तीक्ष्ण बु ब्दद्ध और ताजकथक जनणथय लेने वाली सेना
को जमलती है ।

भारत को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की ब्दस्र्जत को बे हतर बनाने के जलए सबसे पहले एक सुस्पष्ट् राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीजत
और राष्ट्रीय सुरक्षा नीजत को सुपररभाजषत करना होगा।

इसके सार् ही एक अलग मोंत्ालय के रूप में राष्ट्रीय सुरक्षा मामलोों के मोंत्ालय की स्र्ापना और राष्ट्रीय सुरक्षा
प्रशासजनक सेवा नाम से एक केंद्रीय सेवा की स्र्ापना करनी चाजहए।

इससे राष्ट्रीय सुरक्षा के सोंबोंध में नीजत जनमाथ ण सम्बोंधी स्पष्ट्ता के सार् ही प्रभावी जक्रयान्वयन की सुजनजितता भी
सोंभव होगी।
भारत की आं तररक सुरक्षा के लिए नक्सिवाद का क्या खतरा है ?

 इन समस्याओों के अजतररि नक्सलवाद भी भारत की आों तररक सुरक्षा के जलए एक प्रमुि ितरा है।

 नक्सजलयोों के हमलोों में तमाम जनदोष लोगोों की िानें गई है । इसके अलावा नक्सजलयोों ने बहुमूल्य राष्ट्रीय

अवसोंरचनाओों को भी क्षजतग्रस्त जकया है


भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीलत

सैन्य और रणनीजतक समुदाय के बीच वषों के जवचार-जवमशथ के बाद भारत ने एक राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीजत लाने की

प्रजक्रया शुरू कर दी है । राष्ट्रीय सुरक्षा पररषद सजचवालय जवजभन्न केंद्रीय मोंत्ालयोों और जवभागोों से इनपु ट एकत् करने

की प्रजक्रया में है जिन्हें रणनीजत के मसौदे में शाजमल जकया िाएगा और जर्र इस पर केंद्रीय मोंजत्मोंर्ल की अोंजतम

मोंज़ूरी प्राप्त की िाएगी। यह पहला अवसर है जक भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीजत प्रस्तु त करने िा रहा है।

राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीलत क्या है ?

 पररचय:
o एक राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीजत दस्तावेज़ दे श के सुरक्षा उद्दे श्योों और इन्हें प्राप्त करने के जलये अपनाए िाने वाले
तरीकोों की रूपरे िा प्रस्तु त करता है ।
o NSS को पारों पररक (केवल राज्य को प्रभाजवत करने वाले) और गै र-पारों पररक (राज्य, व्यब्दि और सोंपूणथ
मानवता को प्रभाजवत करने वाले), दोनोों तरह के ितरोों पर जवचार करना होगा। इसके सार् ही, इसे भारत के
सोंजवधान और लोकताों जत्क जसद्धाों तोों के ढाुँ चे के भीतर कायथ करना होगा।
o इस रणनीजत में प्रायः सोंभाजवत ितरोों का आकलन, सोंसाधन आवोंटन, रािनजयक एवों सैन्य कारथ वाइयाुँ और
िुजर्या सूचना, रक्षा एवों अन्य सुरक्षा-सोंबोंधी क्षेत्ोों से सोंबोंजधत नीजतयाुँ शाजमल होती हैं।
सं युक्त राज्य अमेररका, यू नाइटे ड लकंगडम और रूस िैसे उन्नत सैन्य एवों सुरक्षा सों रचनाएुँ रिने वाले जवकजसत
दे शोों ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीजतयाुँ जक्रयाब्दन्वत कर रिी हैं ।
o चीन भी एक व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीजत रिता है , िबजक पालकस्तान ने राष्ट्रीय सुरक्षा नीजत 2022-2026
िारी की है ।

 राष्ट्रीय सु रक्षा रणनीलत (NSS) तैयार करने के भारत के लपछिे प्रयास:


o कारलगि समीक्षा सलमलत की ररपोटट (2000): वषथ 1999 के कारजगल सोंघषथ के बाद गजित कारजगल
समीक्षा सजमजत ने एक व्यापक ररपोटथ प्रस्तु त की र्ी जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा पर कई जसफ़ाररशें शाजमल र्ीों।
यद्यजप इस ररपोटथ को सावथिजनक जकया गया र्ा, लेजकन जकसी औपचाररक NSS का तत्काल जनमाथ ण नहीों हो
सका।

o सु रक्षा पर नरे श चं द्र टास्क फोसट की ररपोटट (2012): वषथ 2012 में सुरक्षा पर नरे श चं द्र टास्क
फोसट (Naresh Chandra Task Force on Security) ने एक ररपोटथ प्रस्तु त की र्ी जिसमें रक्षा एवों
िुजर्या सुधारोों सजहत राष्ट्रीय सुरक्षा के जवजभन्न पहलुओों पर चचाथ की गई र्ी। हालाुँ जक, इस ररपोटथ के प्रभाव
में भी जकसी औपचाररक NSS की तत्काल घोषणा नहीों की गई।
o राष्ट्रीय सु रक्षा सिाहकार बोडट (National Security Advisory Board- NSAB): , जिसमें राष्ट्रीय
सुरक्षा मामलोों के जवशेषज्ञ और सलाहकार शाजमल होते हैं , ने कजर्त तौर पर कई अवसरोों पर राष्ट्रीय सुरक्षा
रणनीजत दस्तावेिोों का मसौदा तैयार जकया है । ये मसौदे उत्तरवती सरकारोों को प्रस्तु त जकये गए, लेजकन कोई
औपचाररक NSS अमल में नहीों आया।
o िनरल र्ीएस हुर्ा का दस्तावेज़ (Gen. D.S. Hooda's Document): वषथ 2019 में पू वथ सैन्य कमाोंर्र
लेब्दिनेंट िनरल (सेवाजनवृत्त) र्ीएस हुर्ा ने एक राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीजत दस्तावेज़ तैयार जकया, जिसने भारत
के जलये एक NSS के जवकास की जदशा में एक उल्लेिनीय कदम को जचजित जकया।
 राष्ट्रीय सु रक्षा रणनीलत दस्तावेज़ के लिये प्रस्तालवत रूपरे खा
एक राष्ट्रीय सु रक्षा रणनीलत दस्तावेज़ में लनम्नलिखखत तत्त्व होने चालहये:

o राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा उद्दे श्योों की एक कायथ शील पररभाषा;


o जवश्व में हो रहे भू-रािनीजतक पररवतथनोों को ध्यान में रिते हुए उभरते सुरक्षा माहौल पर जवचार करना;
o चुनौजतयोों से जनपटने में दे श की राष्ट्रीय शब्दियोों और कमज़ोररयोों का आकलन;
o चुनौजतयोों से जनपटने के जलये आवश्यक सैन्य, आजर्थक, रािनजयक सोंसाधनोों की पहचान करना।
भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीलत की क्या आवश्यकता है ?

 रणनीलतक अलनलितता का यु ग:

o शीत यु द्ध की समाब्दप्त ने एक िजटल और अप्रत्याजशत वैजश्वक पररदृश्य तैयार जकया है , जिसमें सोंभाजवत
जवरोजधयोों की सोंख्या बढ रही है और सशस्त्र बलोों के जलये जमशनोों का जवस्तार हो रहा है ।

o िबजक कुछ क्षेत्ीय समूह राज्य के कायों को सोंभाल रहे हैं , जसपहसालार (warlords), िातीय सरदार
(ethnic chieftains), बहुराष्ट्रीय जनगम और अों तराथ ष्ट्रीय गैर-सरकारी सं गठन िैसे गै र-राज्य अजभकताथ
(non-state actors) वैजश्वक रािनीजत को प्रभाजवत कर रहे हैं ।

o प्रमुि चुनौजतयोों में आतंकवाद, िातीय जवजवधता, छोटे हजर्यारोों का प्रसार, नशीले पदार्ों की तस्करी और
धाजमथक उग्रवाद शाजमल हैं, जिन पर सतकथता से ध्यान दे ने की आवश्यकता है ।
 परमाणु सु रक्षा और भू -राजनीलतक बदिाव:

o परमाणु जनवारण/जनरोध (nuclear deterrence) का भजवष्य भारत की सुरक्षा का एक महत्त्पू णथ पहलू है ।


भारत लोंबे समय से अपने पड़ोस में चीन और पाजकस्तान की परमाणु क्षमताओों को लेकर जचोंजतत रहा है ।

o भारत ने जहोंद महासागर में अवब्दस्र्त जर्एगो गाजसथया द्वीप में अमेररकी परमाणु हजर्यारोों की मौिूदगी के बारे
में भी जचोंता व्यि की है ।

o भारत के परमाणु जनरोध को प्रौद्योजगकीय पररवतथन और भू-रािनीजतक बदलावोों के अनुकूल होने की ज़रूरत
है ।
 उभरता हुआ लहंद-प्रशांत सु रक्षा ढााँचा:

o शब्दि सोंतुलन उत्तरी अमेररका और यू रोप से हटकर जहोंद-प्रशाों त क्षेत् की ओर स्र्ानाों तररत हो रहा है , िो अब
गु रुत्व का नया रणनीजतक केंद्र बन रहा है ।

o उभरता सुरक्षा ढाुँ चा लहंद-प्रशांत क्षेत्र में ‘सहकारी सुरक्षा’ के आव्यूह के भीतर ‘प्रजतस्पद्धी सहयोग’ की
कल्पना करता है ।

 पारं पररक खतरों से परे चु नौलतयााँ :

o आजर्थक एवों सामाजिक मुद्दोों से घरे लू ब्दस्र्रता को ितरा पहुुँ च सकता है , िैसे िनिातीय क्षेत्ोों में वामपंथी
उग्रवाद
 प्रौद्योलगकीय प्रगलत और साइबर सु रक्षा :

o क्षमताओों को बढाने और कमज़ोररयाुँ पैदा करने, दोनोों ही रूप में प्रौद्योजगकी राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभाजवत करती
है ।

o साइबर सु रक्षा एक प्रमुि जचोंता का जवषय है, जिसके जलये उन्नत प्रौद्योजगकीय क्षमताओों की आवश्यकता है ।

 पाररखथथलतक क्षरण और जिवायु पररवतटन:

o ग्लेजशयर के जपघलने और समुद्र के स्तर में वृब्दद्ध िैसे पयाथ वरणीय पररवतथनोों के भी सुरक्षा जनजहतार्थ होते हैं ।

 राष्ट्रीय सु रक्षा वास्तु किा को सु दृढ़ करने की आवश्यकता:


o राष्ट्रीय सु रक्षा पररषद (NSC) अपनी सलाहकारी भूजमका तक सीजमत रहा है और उसका अजधक लाभ नहीों
उिाया िा सका है ।
o राष्ट्रीय सु रक्षा सिाहकार की अजधकाररता को सशि बनाने की प्रबल आवश्यकता है ।
भारत में राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीलत के कौन-से संभालवत िाभ प्राप्त हो सकते हैं ?

 व्यापक दृलष्ट्कोण: NSS समग्र तरीके से आों तररक और बाह्य दोनोों तरह की जवजभन्न सुरक्षा चुनौजतयोों से जनपटने
के जलये एक व्यापक रूपरे िा प्रदान करता है ।

 स्पष्ट् उद्दे श्य: यह स्पष्ट् सुरक्षा उद्दे श्योों को रे िाों जकत करता है , उन आब्दस्तयोों एवों जहतोों को पररभाजषत करने में
मदद करता है जिन्हें सुरक्षा की आवश्यकता होती है और सोंभाजवत ितरोों की पहचान करता है ।

 नीलत मागटदशटन: NSS नीजत मागथ दशथन प्रदान करता है, जिससे सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के जलये
रणनीजतयोों एवों नीजतयोों का जनमाथ ण करने और उन्हें प्रवजतथत करने में मदद जमलती है।

 प्राथलमकताकरण: यह सुरक्षा जचोंताओों को प्रार्जमकता प्रदान करने में मदद करता है, सबसे महत्त्पू णथ जवषयोों
के जलये सोंसाधनोों एवों प्रयासोों के आवोंटन को सक्षम बनाता है

 सं साधन आवंटन: यह सोंसाधन आवोंटन में सहायता करता है , जिससे सुरक्षा बढाने के जलये जवत्तीय एवों मानव
सोंसाधनोों का कुशल उपयोग सोंभव हो पाता है।

 लनवारण/लनरोध: NSS राष्ट्रीय सुरक्षा के जलये एक स्पष्ट् एवों सुजवचाररत दृजष्ट्कोण प्रदजशथत कर सोंभाजवत
जवरोजधयोों के जनरोध में मदद कर सकता है ।
 सं पूणट-सरकार दृलष्ट्कोण: NSS जवजभन्न सरकारी जवभागोों और एिेंजसयोों को शाजमल करते हुए सुरक्षा से सोंबोंजधत
मामलोों में समन्वय एवों सहयोग सुजनजित कर ‘सोंपूणथ-सरकार’ दृजष्ट्कोण बढावा दे ता है ।

 सावटजलनक जागरूकता: NSS के तत्त्ोों को िनता के सार् साझा जकया िा सकता है ; इस प्रकार, राष्ट्रीय
सुरक्षा जचोंताओों के बारे में िागरूकता बढाई िा सकती है और सावथिजनक समर्थन हाजसल जकया िा सकता है ।

 अंतराटष्ट्रीय सं िग्नता: NSS सुरक्षा मामलोों पर अन्य दे शोों और अों तराथ ष्ट्रीय सोंगिनोों के सार् भारत की
सोंलग्नता/सहभाजगता का मागथ दशथन कर सकता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीलत के लवकास से सं बद्ध प्रमुख चुनौलतयााँ

 राजनीलतक सं कोच: सरकारें अपनी सुरक्षा रणनीजतयोों को जलब्दित रूप प्रदान करने के प्रजत अजनच्छु क रही हैं।
ऐसा सोंभवतः प्रजतबद्धता के दबाव, सोंभाजवत आलोचना या जनणथय लेने में किोरता से सोंबद्ध जचोंताओों के कारण है ।
o NSS के तत्त्ोों और प्रार्जमकताओों पर रािनीजतक सहमजत प्राप्त करना चुनौतीपू णथ जसद्ध हो सकता है,
क्योोंजक जवजभन्न रािनीजतक दलोों के राष्ट्रीय सुरक्षा पर अलग-अलग दृजष्ट्कोण हो सकते हैं ।
 कानूनी ढााँचा: यह सुजनजित करना जक NSS अों तराथ ष्ट्रीय समझौतोों और घरे लू कानूनोों सजहत मौिूदा कानूनी ढाुँ चे
का अनुपालन करे , आवश्यक तो है लेजकन यह िजटल जसद्ध हो सकता है ।
 सं साधन आवंटन: NSS को प्रभावी ढों ग से लागू करने के जलये जवत्तीय और मानव, दोनोों आवश्यक सोंसाधनोों का
आवोंटन चुनौतीपू णथ हो सकती है , जवशेष रूप से िब बिट के जलये प्रजतस्पद्धी माों गें होों।
 सै न्य और राजनीलतक नेतृत्व के पृथक दृलष्ट्कोण: रक्षा मोंत्ालय और अन्य सरकारी एिेंजसयोों के भीतर
नौकरशाही व्यवस्र्ा में औपचाररक NSS के सोंबोंध में अलग-अलग राय मौिूद हो सकती है।
 बदिते खतरे का पररदृश्य: साइबर ितरोों, आतोंकवाद और गै र-पारों पररक सुरक्षा चुनौजतयोों िैसे उभरते सुरक्षा
ितरोों से जनपटने के जलये NSS को अनुकूजलत करना एक जनरों तर चुनौती का जवषय है ।
 प्रलतलियाशीि दृलष्ट्कोण: भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा के जलये प्रायः प्रजतजक्रयाशील दृजष्ट्कोण अपनाया है , िहाुँ एक
सजक्रय एवों व्यापक रणनीजत के बिाय सुरक्षा चुनौजतयोों के उत्पन्न होने पर उन्हें सोंबोजधत जकया िाता है ।
 राष्ट्रीय सु रक्षा सं स्कृलत: एक राष्ट्रीय सुरक्षा सोंस्कृजत का जनमाथ ण करना, िो NSS के महत्त् और सुरक्षा के बारे में
व्यवब्दस्र्त सोच पर बल दे , एक क्रजमक प्रजक्रया रही है ।
हुडा सलमलत की अनुशंसाएाँ

 िेखिनेंट जनरि (से वालनवृत्त) डीएस हुडा के नेतृत्व में गजित हुडा सलमलत (2019) ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा
रणनीजत ढाुँ चे को उन्नत बनाने के जलये जनम्नजलब्दित सुझाव पेश जकये:

 वैलिक मामिों में उलचत थथान ग्रहण करना:


o अों तराथ ष्ट्रीय सहयोग का समर्थन करने, समतामूलक एवों समावेशी जर्जिटल जवकास को प्रार्जमकता दे ने और
वैजश्वक सहयोग को बौब्दद्धक आयाम प्रदान करने में भारत अपनी भूजमका का जवस्तार करे ।

o अपने राष्ट्रीय जहतोों के आधार पर अमेररका, रूस और चीन सजहत प्रमुख शखक्तयों के साथ आत्मलविास से
सं िग्न हो।
o

o ऊिाथ , व्यापार और सुरक्षा में साझा जहतोों पर ध्यान केंजद्रत करते हुए मध्य-पू वथ के सार् भारत की भागीदारी पर
बल जदया गया है ।
 सु रलक्षत पडोस का लनमाटण करना:
o भारत को अपने सॉि पावर, बे हतर कनेब्दिजवटी और क्षेत्ीय व्यापार के माध्यम से पड़ोसी दे शोों के सार्
सोंबोंध मज़बू त करना चाजहये ।

o भारत-पालकस्तान के सं बंध तनावपू णथ हैं , िहाुँ पाजकस्तान पर आतोंकवाद का समर्थन बों द करने के जलये
दबाव बनाने हे तु एक सतत रणनीजत की ज़रूरत है । इस क्रम में कूटनीजत, आजर्थक अलगाव और यहाुँ तक
जक सीजमत सैन्य कारथ वाई भी आवश्यक हो सकती है । परमाणु मुद्दोों को भी सोंवाद के माध्यम से हल जकया
िाना चाजहये।
o चीन और भारत के बीच भजवष्य में प्रजतद्वों जद्वता का उभरना जनजित है और इसे सावधानीपू वथक प्रबों जधत जकया
िाना चाजहये।
भारत शाों जतपू णथ सोंबोंध चाहता है लेजकन सीमाई अिोंर्ता और आतोंकवाद जवरोधी प्रयासोों िैसे
मुख्य जहतोों पर समझौता नहीों कर सकता।
 आं तररक सं घषों का समाधान:
o िम्मू-कश्मीर में कट्टरपों र् का मुक़ाबला करना और आतोंकवाजदयोों का उन्मूलन करना सार्-सार् आगे बढना
चाजहये । यह भय को आशा से बदलने के अजभयान के सार् क्षेत् को मुख्यधारा में लाने के जलये एक स्पष्ट् रूप
से पररभाजषत रािनीजतक उद्दे श्य द्वारा समजर्थत होना चाजहये ।
o उत्तर-पू वथ में, नगा जवद्रोह को हल करने के प्रयास के सार्-सार् जवकास और एकीकरण पर वृहत रूप से
ध्यान जदया िाना चाजहये ।

o वामपंथी उग्रवाद से जनपटने के जलये िनिातीय वोंचना और शोषण िैसे मूल कारणोों को सोंबोजधत करने की
आवश्यकता है ।
o अों तराथ ष्ट्रीय आतोंकवाद से जनपटने के जलये जवजभन्न एिेंजसयोों के पु नगथ िन और उनके बीच सहयोग का जनमाथ ण
करने की आवश्यकता है ।
 वैलिक और घरे िू जोखखमों से िोगों की रक्षा करना:

o प्रभावी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीजत में आम नागररकोों की सुरक्षा को प्रार्जमकता दी िानी चाजहये ।

o िलवायु पररवतथन एवों साइबर ितरोों िैसी वैजश्वक घटनाओों और िनसाों ब्दख्यकी, शहरीकरण एवों असमानताओों

से प्रे ररत आों तररक पररवतथनोों से िोब्दिम उत्पन्न हो सकते हैं ।

 क्षमताओं को सु दृढ़ बनाना:


o भारत को अपने नागररकोों की सुरक्षा करने और अपनी भूजम एवों समुद्री सीमाओों को सुरजक्षत कर शत्ुओों का
जनवारण करने के जलये अपनी क्षमताओों को बढाने की ज़रूरत है

o सरकार को स्वदे शी रक्षा मोंचोों के जलये अनुसोंधान एवों जवकास का समर्थन करना चाजहये ।

o भारत को एक समजपथ त साइबर कमाोंर् का जनमाथ ण करने की भी ज़रूरत है ।


शांलत और सुरक्षा कायम रखने में अहम भूलमका लनभाते शांलतरक्षक

सोंयुि राष्ट्र महासजचवअों तोजनयो गु टेरेश ने इस अवसर पर िारी अपने वीजर्यो सोंदेश में कहा जक शाों जतरक्षा अजभयान

जवश्व में शाों जत और सुरक्षा बनाए रिने के जलए एक अहम जनवेश हैं और इसके जलए मज़बू त अों तरराष्ट्रीय सोंकल्प
चाजहए.

“इसीजलए हमने ‘एक्शन फ़ॉर पीसकीजपोंग’ पहल शुरू की है जिसका उद्दे श्य यू एन जमशनोों को मज़बू त, सुरजक्षत और
भजवष्य के जलए उपयु ि बनाना है .”

इस पहल के तहत बेहतर ढों ग से प्रजशजक्षत शाों जतरक्षकोों को आधुजनक सैन्य उपकरणोों से लैस करने और िजटल

सुरक्षा माहौल में काम करने से उपिती चुनौजतयोों के जलए उन्हें तैयार करना है

दु जनया भर में एक लाि से ज़्यादा शाों जतरक्षक 14 शाों जतरक्षा अजभयानोों में जहस्सा ले रहे हैं और िान का ख़तरा झेल

रहे लोगोों को ज़मीनी स्तर पर सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं . व्यापक स्तर पर शाों जतरक्षा अजभयानोों के बाविूद उनका कुल

बिट जवश्व में सैन्य िचथ का महज़ 0.5 फ़ीसदी है .


अपने सोंदेश में यू एन प्रमुि ने उन 3,800 शाों जतरक्षकोों को याद जकया जिन्होोंने जपछले 70 सालोों में शाों जत और सुरक्षा

के जलए अपने िीवन का बजलदान जकया है. 2018 में 98 शाोंजतरक्षकोों यू एन के झोंर्े तले अपनी सेवाएों दे ते हुए िान
गों वाई.

आम नागररकोों की सुरक्षा के जलए पहली बार सुरक्षा पररषद ने िब जसएरा जलओन में एक शाों जतरक्षा जमशन को

अजधकार जदए, इस वषथ सोंयुि राष्ट्र उसके बीस साल पू रे कर रहा है .

इस साल अों तरराष्ट्रीय सोंयुि राष्ट्र शाों जतरक्षक जदवस का जवषय ‘प्रोटे ब्दिोंग जसजवजलयन्स, प्रोटे ब्दिोंग पीस’ है जिसके

ज़ररए यह बताने की कोजशश हो रही है जक आम नागररकोों को सुरजक्षत रिकर ही शाों जत की रक्षा की िा सकती है.

जपछले शुक्रवार को न्यूयॉकथ में सोंयुि राष्ट्र मुख्यालय में एक समारोह हुआ जिसमें 1948 से अब तक शाों जतरक्षा

अजभयानोों में सेवाएों प्रदान करने वाले पु रुषोों और मजहलाओों को श्रृद्धाों िजल दी गई. मृतक शाों जतरक्षकोों को पुष्ाों िजल

अजपथ त करने के सार् सार् महासजचव गु टेरेश ने मरणोपराों त शाों जतरक्षकोों को र्ै ग है मशथहोल्ड मेर्ल से सम्माजनत

जकया.

स्मृ जत सम्मान समारोह में यू एन महासजचव ने मलावी के शाों जतरक्षक प्राइवेट चाों सी जचटे टे को श्रृद्धाों िजल दी जिन्होोंने

तोंज़ाजनया के अपने सार्ी सैजनक कॉरपोरल ओमारी को बचाते समय अपनी िान गों वा दी र्ी. प्राइवेट जचटे टे कॉन्गो

लोकताों जत्क गणराज्य में यू एन शाों जत जमशन में सेवारत र्े.


समुद्री सुरक्षा के सामने पेश ख़तरों से लनपटने के लिये वैलिक कारट वाई की
दरकार

सोंयुि राष्ट्र प्रमुि एों तोजनयो गु टेरेश की चीफ़ ऑफ़ कैजबनेट माररया लुइज़ा ररबीरो जवयोजत्त ने, समुद्री व्यापाररयोों व

याजत्योों की सुरक्षा में बढोत्तरी के मुद्दे पर, सुरक्षा पररषद में हुई एक उच्चस्तरीय चचाथ को सम्बोजधत करते हुए, इस

मुद्दे पर ज़्यादा मज़बू त अन्तरराष्ट्रीय सहयोग की ज़रूरत पर ज़ोर जदया.

उन्होोंने बताया जक एजशया में, इस तरह की घटनाएुँ लगभग दोगु नी हो गई हैं , िबजक पजिम अफ़्रीका, मलाका

िलर्मरूमध्य व जसोंगापु र, और दजक्षण चीन सागर, सबसे ज़्यादा प्रभाजवत क्षेत्ोों में रहे हैं .

जगनी िाड़ी, और हाल के समय में फ़ारस िाड़ी व अरब सागर में, असुरक्षा का अभूतपू वथ स्तर, जवशेष रूप से जचन्ता

का बड़ा कारण हैं .


आपस में गुाँथे हुए जोखखम

सुश्री जवयोजत्त ने सुरक्षा पररषद में रािदू तोों से कहा, “समुद्री असुरक्षा के कारण, सहे ल से उत्पन्न होने वाला
आतोंकवादी िोब्दिम भी बढ रहा है .”

उन्होोंने कहा, “ये बढते व आपस में गुुँ र्े हुए ख़तरे , एक वैजश्वक और सोंयोजित कारथ वाई की ज़रूरत पे श करते हैं."

"एक ऐसी कारथ वाई या प्रजतजक्रया जिसके ज़ररये इन चुनौजतयोों का सीधे तौर पर मुक़ाबला जकया िाए और उनकी

िड़ोों में बै िे कारणोों को ख़त्म जकया िाए. इनमें जनधथनता, वैकब्दल्पक आिीजवकाओों का अभाव, असुरक्षा, और
कमज़ोर सरकारी ढाुँ चोों की मौिूदगी शाजमल हैं .”

सुश्री जवयोजत्त ने, वीजर्यो कॉन्रेब्दन्सोंग के ज़ररये , इस बै िक को सम्बोजधत करते हुए कहा जक समुद्री सुरक्षा, दरअसल

जववाजदत सीमाओों और यातायात मागों के इदथ -जगदथ चुनौजतयोों के कारण भी कमज़ोर हो रही है.

उन्होोंने कहा जक ये बै िक, एक अजत महत्वपू णथ मगर िजटल मुद्दे पर, वैजश्वक कारथ वाई को आगे बढाने का एक अच्छा

अवसर है , क्योोंजक सभी दे श जकसी ना जकसी रूप में प्रभाजवत हैं , चाहें वो तटीय इलाक़ोों में बसे होों या भूजमबद्ध होों.
साझा वैलिक साधन
सुरक्षा पररषद की इस िुली बै िक का आयोिन भारत ने जकया िो, अगस्त महीने के जलये सुरक्षा पररषद का अध्यक्ष
है .

भारत के प्रधानमोंत्ी नरे न्द्र मोदी ने, इस बै िक की अध्यक्षता करते हुए कहा जक समुद्र, सभी दे शोों के साझा साधन
और अन्तरराष्ट्रीय व्यापार की िीवन रे िा हैं.

सोंयुि राष्ट्र के अनुमान के अनुसार, दु जनया भर के तीन अरब से भी ज़्यादा लोग, अपनी आिीजवकाओों व बे हतर

रहन-सहन के जलये, समुद्रोों पर जनभथर हैं , जिनमें ज़्यादा सोंख्या जवकासशील दे शोों में बसती है.

नरे न्द्र मोदी ने कहा, “अलबत्ता, हमारी इस साझा समुद्री जवरासत के सामने, बहुत से िोब्दिम मौिूद हैं ."

"समुद्री मागों का दु रुपयोग, चोरी-लूटपाट और आतोंकवाद के जलये जकया िा रहा है . अनेक दे शोों के दरम्ान, समुद्री

जववाद िारी हैं. सार् ही, िलवायु पररवतथन और प्राकृजतक आपदाएुँ भी, समुद्री दु जनया के जलये चुनौजतयाुँ हैं.”
वैलिक समुद्री अपराध लनरोधक कायटिम

सोंयुि राष्ट्र के र्र ग्स व अपराध जनरोधक कायाथ लय की कायथकारी जनदे शक गादा वॉली ने बै िक को सम्बोजधत करते

हुए बताया जक वषथ 2009 में, शुरुआती रूप में एक कायथक्रम, सोमाली चोरी-चकारी िोब्दिम को रोकने के जलये

चलाया गया र्ा.

उस कायथ क्रम का दायरा अब काफ़ी व्यापक हो गया है और उसका बिट तीन लाि र्ॉलर से बढकर 23 करोड़

तक पहुुँ च गया है.

इस ‘वैजश्वक समुद्री अपराध जनरोधक कायथक्रम’ में लगभग 170 कमथचारी काम करते हैं िो 26 दे शोों में तैनात हैं .

ये कमथचारी क्षमता जनमाथ ण व क़ानूनी सुधारोों, समुद्री गजतजवजधयोों के अभ्यास व समुद्री प्रजशक्षण केन्द्रोों के जलये

सहायता व समर्थन मुहैया कराते हैं .


गादा वॉली ने कहा, “इसके बाविूद, समुद्री सुरक्षा के जलये, चुनौजतयोों का बढना िारी है , और हमारी कारथ वाई व

जनरोधक कायथ क्रम भी िारी रिने होोंगे.”

यू एन एिेंसी की प्रमुि ने सुरक्षा पररषद को, सम्बब्दित क़ानूनी ढाुँ चा लागू करने, क्षमता जनमाथ ण, साझेदाररयाुँ बढाने

और अपराध जनरोधक कारथ वाई को लागू करने के जलये प्रोत्साजहत जकया. उन्होोंने कमज़ोररयोों को कम करने की

तरफ़ ख़ास ज़ोर जदया.

गादा वॉली ने कहा, “समुद्री चोर-लुटेरे, अपराधी और आतोंकवादी, अपने जलये काम करने वालोों की भती करने के

जलये , गरीबी और हताशा के हालात का शोषण करते हैं , अपने जलये समर्थन हाजसल करते हैं और अपने जलये रहने

के जिकानोों का इन्तज़ाम करते हैं .”

“इन ख़तरोों का मुक़ाबला करने के जलये , हमें िागरूकता बढानी होगी और लोगोों को जशजक्षत करना होगा, जवशेष

रूप से यु वाओों को. उन्हें वैकब्दल्पक आिीजवकाएुँ मुहैया कराने के सार्-सार्, स्र्ानीय कारोबारोों को समर्थन व

सहायता भी उपलब्ध कराने होोंगे.”


राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीलत तैयार करना

राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीजत जत्मू जतथ - साध्य, तरीके और साधन से बनी - सुरक्षा उद्दे श्योों को समझने के जलए एक

उपयोगी रूपरे िा है , उन्हें कैसे पू रा जकया िाएगा, और ऐसा करने के जलए उपलब्ध सोंसाधन।

यह ढाुँ चा पुनरावृत्तीय है , क्योोंजक इसके जकसी एक शीषथ पर बदलाव पूरे प्रयास को प्रभाजवत करता है ।

अजधक जवस्तृ त स्तर पर, राष्ट्रीय सु रक्षा रणनीजत जनमाथ ण में तीन प्रार्जमक िोर होते हैं : जनदान, जनणथ य ले ना और
मू ल्याों कन।

चाहे अमे ररकी "जहतोों, लक्ष्योों और उद्दे श्योों" की व्यापक दृजष्ट् जनधाथ ररत करना हो या "रािनीजतक, आजर्थ क,

सैन्य और सोंयुि राज्य अमे ररका की राष्ट्रीय शब्दि के अन्य तत्वोों" का उपयोग करने के जलए जवजशष्ट् जनकट

अवजध के प्रयासोों पर जवचार करना हो, िैसा जक काों ग्रेस को हर नए प्रशासन की आवश्यकता होती है , राष्ट्रीय

सुरक्षा रणनीजत जनधाथ ररत करने में जर्र भी कुछ हद तक ऊिाथ और प्रयास शाजमल होते हैं ।

1 जनदान रणनीजतक पररदृश्य को मौिूदा रूप में समझने और भजवष्य में इसके प्रक्षे प पर्ोों पर जवचार करने

पर केंजद्रत है । इसके जलए वैजश्वक और क्षे त्ीय रुझानोों का गहन और सुगजित ज्ञान आवश्यक है ।
आब्दिर लों बे समय के बाद भारत सरकार ने भी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीजत बनाने का र्ैसला कर ही जलया है .

राष्ट्रीय सुरक्षा पररषद सजचवालय (एनएससीएस) क व्यापक राष्ट्रीय रणनीजत बनाने िा रहा है जिसके वह

कई केंद्रीय मों त्ालयोों और जवभागोों से जवचार जवमशथ करे गा. इस तरह की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीजत अमे ररका

और यूके िैसे दे शोों में भी प्रकाजशत हो चु की हैं और उनमें समय समय पर सुधार भी होता है ले जकन भारत

में इस तरह की कवायद का लों बे समय से इों तिार हो रहा र्ा और अब पहली बार दे श की इस तरह की

रणनीजत बनेगी. आइए िानते हैं जक आब्दिर यह रणनीजत क्या है और इसे दे श की सुरक्षा में ऐसा क्या

बदले गा जिससे उसे मिबूती जमल सकेगी.


िं बे समय से है जरूरत

पहले भी कई बार राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीजत को बनाने की िरूरत पर बल दे ते हुए उसे बनाने की माों ग की
िाती रही है . हाल ही में पूवथ पूवथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जशवशोंकर मे नन ने भी इस बात पर िोर जदया र्ा
जक भारत को एक राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीजत की िरूरत है जिससे राष्ट्र की सुरक्षा प्रार्जमकताओों को
पररभाजषत करने करे सार् दे श के रक्षा प्रबोंधन में िवाबदे ही सुजनजित की िा सकेगी.
पहिे भी उठ चु की है मांग

मे नन का कहना है जक उनके अनुसार कम से कम तीन बार ऐसी रणनीजत बनाने के प्रयास हो चु के हैं .
सेना और सुरक्षा से िुड़े लोग बार बार इस तरह की सुरक्षा रणनीजत या राष्ट्रीय सुरक्षा नीजत को बनाने की
पैरवी करते रहे हैं . पूवथ सेना प्रमु ि िनरल एमएम नरवणे भी कह चु के हैं जक जर्एटराइिेशन की प्रजक्रया
को आगे बढाने की से पहले इस तरह की रणनीजत बनाना बहुत िरूरी है .

राष्ट्रयी सुरक्षा के जहतोों की रक्षा और उन्हें बढावा दे ने क् मकसद से एक ऐसी व्यवस्र्ा जिसमें दे श के सभी
सैन्य, रािजनयक, आजर्थ क और सामाजिक नीजतयोों का समन्वय हो, राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीजत कही िा सकती
है . एक दे श की राष्ट्रीय सुरक्षा नीजत का जनधाथ रण बाहरी ितरोों, भू गोल, रािनैजतक सोंस्कृजत, सैन्य क्षमताएों ,
आजर्थ क आवश्यकताएों , िनमत, और दे श के नेताओों का दे शजहत को ले कर निररया िैसे कारकोों से होता
है .
क्या है मकसद

राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीजत का मकसद राष्ट्रीय सुरक्षा नीजत को एक दस्तावेि के रूप में लाकर दे श के सुरक्षा
लक्ष्योों को हाजसल करने के अपनाए िाने वाला तरीकोों को एक सार् रिना है जिससे उनके लागू करने में
आसानी हो. मीजर्या ररपोटथ के मु ताजबक जपछले कुछ समय से कई मों त्ालयोों ने सुरक्षा में आने वाले
चु नौजतयोों और ितरोों की िानकारी सजचवालय को भे िी है जिसमें जवत्त, आजधथ क सुरक्षा, िाद्य और ऊिाथ
सुरक्षा िैसी गैर परम्परागत चु नौजतयोों सजहत कई िानकाररयाों शाजमल हैं .
व्यापक होगी यह रणनीलत

यह रणनीजत कब बन कर तै यार होगी यह अभी तक सुजनजित तो नहीों है और ना ही अभी यह स्पष्ट् है जक


इसमें क्या क्या शाजमल जकया िा रहा है . ले जकन बताया िा रहा है जक सजचवालय ने मों त्लायोों और जवभागोों
से कार्ी इनपुट हाजसल कर जलए हैं . जर्र भी माना िा रहा है जक आि के समय में दे श जिस तरह के
ितरोों का सामना कर रहा है और उनसे दे श का सुरक्षा तों त् समग्र तौर पर जिस तरह से प्रभाजवत हो रहा
है , इसमें शाजमल जकए िाने वाले मुद्दे बहुत व्यापक होने वाले हैं .
राष्ट्र सुरक्षा में इस रणनीजत के बनने सेना में होने वाले सुधारोों में मदद जमल सकेगी.

माना िा रहा है जक इस रणनीजत में जर्ों क टैं क, जशक्षाजवदोों, मीजर्या, नागररक सामाजिक सोंगिनोों सजहत
कई क्षे त्ोों के जवशेषज्ञोों को शाजमल जकया िाएगा जिससे इनके द्वारा पहचाने िाने वाले कई गैर पारों पररक
ितरोों से जनपटा िा सके. बताया िा रहा है जक इस रणनीजत से जवजभन्न स्तरोों पर जलए िाने वाले िरूरी
जनणथयोों में ते िी आएगी जिससे िास तौर पर जकसी अचानक आने वाले ितरे या आतों की घटना पर तु रोंत
कारथ वाई करने में समय कम लग सकेगा.

You might also like