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मेरी बेकरार वीवी और म वेचारा पित - Printable Version http://www.sexbaba.net/printthread.php?

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मेरी बेकरार वीवी और म वेचारा पित - Printable Version

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RE: मेरी बेकरार वीवी और म वे चारा पित - desiaks - 08-01-2016

अचानक िज़ंदगी ने एक रोमांचक मोड़ ले िलया था ...

जो अब तक म जी रहा था ..वो केवल सूखी नदी की तरह था ....

और अब ऐसा लग रहा था जैसे िज़ंदगी म रस ही रस आ गया हो ....

अब तक िकताबो या लोगो से सुने सभी सामािजक िवचार मुझे बेकार लगने लगे थे ...

इ त, स ान, मयादा सब आपके िदल म ही अ े लगते ह ...िदखावट करने से ये आपको जंजीरों म जकड़ लेते ह ...

म अगर इन सब म पड़ता ...तो अब तक जूली से लड़ झगड़ कर ... हम दोनों की िजंदगी नरक बना लेता ...

मगर मेरी सोच अलग है ....

ल िकसी की भी चूत म जाए ..इससे ना तो ल को फक पड़ता है ..और ना ही चूत का ही कुछ नुकसान होता है ...

पर ु बदलाव आने से ...एक अलग मजा आता है ..और जवानी बरकरार रहती है ...

म दे ख रहा था ...की जूली के चेहरे पर एक अनोखी चमक बरकरार रहती है ...

ये सब उसके चंचल जीवन के कारण ही था ...

हम तीनो को ही खाना ..खाते ए म ी करने म ब त मजा आ रहा था ...

मने जूली को चुप कराते ए कहा ...

म: तू चुप कर जान ...मुझे भी तो पता चले ..िक मेरे पीछे उस साले डॉ र ने ा िकया ..??
हा हा हा हा ..

म जोर से हं सा भी ..िजससे माहौल ह ा ही बना रहे ..

अनु:हाँ भैया ...मेरे को िचड़ा रही ह भाभी ...जब आप यहाँ नही ं थे तब ...ना

म: पुच च च च ..(मने अनु को अपने पास करके उसके गाल को चूमते ए पूछा) बता बेटा .. ा िकया डॉ र ने ...

जूली अपने चेहरे को नीचे कर खाते ए ही ...आँ खे ऊपर को चढ़ा ..हम दोनों को घूर रही थी ...

उसके चेहरे पर कई भाव आ जा रहे थे ...

उसके चेहरे के भावो को दे ख ..मुझे लग रहा था िक ..ज र कुछ ..अलग राज़ खुलने वाला है ...

ा डॉ र ने ..मेरे पीछे जूली की चुदाई की थी ...वो भी अनु के सामने ...????

1 of 29 02-09-2016 03:30
मेरी बेकरार वीवी और म वेचारा पित - Printable Version http://www.sexbaba.net/printthread.php?tid=1446&page=4

ा इसीिलए जूली ...अनु को मेरे से इतना .. ोज कर रही है ...

मने अपने सीधे हाथ से अनु की नंगी ..िचकनी जांघे सहलाते ए उसको बढ़ावा िदया ...

अनु: वो भैया ..भाभी की तिबयत खराब नही ं हो गई थी ... जब ...


तब आपने ही तो भेजा था ना डॉ र को ...
भाभी िबलकुल चल ही नही ं पा रही थी ..
तब ना ..उन डॉ र ने भाभी को नंगा करके ...सुई लगाईं थी ...

म: ाआआआआ ....

जूली: एएएएए मा ं गी .. ा वकवास कर रही है ...

म: ों मारे गी ...वही कौन सी सुई लगाई थी ..हा हा हा हा

मने िबलकुल ऐसे जािहर िकया ..जैसे कुछ आ ही नही ं ...

मेरे इस वताब से माहौल सामा बना रहता है ..

जूली जो कुछ बैचेन हो गई थी ..अब मजे ले रही थी ...

जूली: अरे नही ं जानू ...म तो िबलकुल बेजान ही हो गई थी उस िदन ....


मेरा ड ेशर ब त काम हो गया था ...

म: हाँ मुझे पता है जान ...सॉरी यार उस समय म तु ारे पास नही ं था ..

जूली: ओह थ माय लव ..

म :िफर डॉ र ने कहाँ इं जे न लगाया ...

जूली: अरे उस िदन मने पीला वाला .लॉ ग गाउन पहना था ना ...बस ...उसी कारण...

म: अरे तो ा आ जान ... डॉ र जब चूतड़ों पर इं जे न ठोंकता है ...तो उसके सामने तो सभी को नंगा होना ही पड़ता है ...

अनु: हाँ भैया ... मगर भाभी ने तो उस िदन ..क ी भी नही ं पहनी थी ...
डॉ र ने तो भाभी के चूतड़ और सुसू पूरी नंगी दे खी थी ..हे हे ..

अनु को कुछ ादा ही म ी चढ़ गई थी ...

मगर अब हम दोनों ही उसकी बातों से मजा ले रहे थे ..

जूली: इसे दे खो जरा ..िकतनी चुगली कर रही है ..


अरे जानू वो गाउन ..केवल नीचे से ऊपर ही हो सकता है ना ...
मुझे तो पता ही नही ं था ..की वो इं जे न लगाएं गे ...
वरना म कोई पजामा जैसा कपडा डाल लेती ..

म: अरे तो ा आ जान ... ा फरक पड़ता है ..

जूली: मुझे तो बाद म समझ आया ... िफर ब त शम भी आई ..


पहली बार मुझे लगा िक ..क ी पहननी चािहए थी ..
पर तब तो उ ोंने इं जे न लगा गाउन ठीक भी कर िदया था ...

अनु: नही ं भाभी ..ब त दे र तक उ ोंने आपके चूतड़ सहलाये थे .. मने दे खा था ...

अनु ने तो जैसे पूरा मोचा संभाल िलया था ... उसको लगा आज जूली िक डांट पढ़बा कर ही रहे गी ...

जूली: ओह ... नही ं जान ..मुझे कोई होश नही ं था ..मुझे नही ं पता ..ये ा बक रही है ....

म: हा हा हा हा ...मुझे पता है जान ...


मने अनु को और भी अपने से िचपका ..उसके जांघो के जड़ तक अपना हाथ पं चा िदया ...

आ य जनक प से उसने अपने दोनों पैरो के को खोल ...एक गैप बना िदया ...

2 of 29 02-09-2016 03:30
मेरी बेकरार वीवी और म वेचारा पित - Printable Version http://www.sexbaba.net/printthread.php?tid=1446&page=4

मेरी उँ गिलयों ने एक बार िफर उसकी कोरी ..छोटी से िचकनी ..फ़ु ी को सहलाना शु कर िदया ...

म: मेरी ारी ब ी ...वो जो डॉ र है ना सुई लगाने से पहले ..उस जगह को मुलायम करने के िलए ..मलते ह ....

् ह
अनु: अहा ह्हह ् ह
् ......... ज ी ........भैया

जूली: समझी पागल ...

अनु: मुझे लगा ..िक वो भाभी के साथ कोई ग ी हरकत कर रहे हों ...

म: नही ं बेटा ...

ऐसी बात करते ए और ... मजे लेते ए हम तीनो ने खाना ख िकया ...

अब बारी थी सोने िक .........

मेरे मन म ना जाने िकतने िवचार चल रहे थे ... िक आज रात अनु के साथ कुछ न कुछ तो करता ँ ...

मगर अनु जब भी आती है ... वो बाहर के कमरे म ही सोती है ....

अब उसको अपने बैड म म तो सुला नही ं सकता था ...

और अगर रात को सोते ए उठकर कुछ करता ँ तो .कैसे ...

यही सब ान मेरे िदमाग म चल रहे थे ....

मगर ये प ा था िक आज यार कुछ क ँ गा ज र ..

जब जूली भी लगभग साथ दे रही है ...

और अनु भी मजे ले रही है ...कोई िवरोध नही ं कर रही ..

तो ये मौका नही ं छोड़ना चािहए ...

मेरा ल भी बैठने का नाम नही ं ले रहे था ...

उसको भी एक टाइट माल िक ख़ु बू आ रही थी ...

िकिचन के सब काम िनबटने और िब र लगाने तक ..कई बार मने अनु को छे ड़ा ...

उसके नंगे चूतड़ों को मसला ... उसकी चूची को सहलाया ...

अनु ने हर बार मेरा साथ िदया ....

दो बार तो उसने खुद मेरे ल को पकड़ दबाया ...

मने सोच िलया ..िक आज रात को ये ...उसके िकसी न िकसी छे द म तो डालूँगा ही ....

.................

RE: मेरी बेकरार वीवी और म वे चारा पित - desiaks - 08-01-2016

अनु की िचकनी फ़ु ी और मनमोहक चूतड़ ने मेरी सोचने समझने की श को िबलकुल ख़ ही कर िदया था ....

मेरी कुछ समझ नही ं आ रहा था ..िक कैसे इसकी ठु काई क ँ ...

साफ़ नजर आ रहा था िक ..जुली कुछ नही ं कह रही है ...

व हर बार साहयता ही कर रही है ...

िफर भी मुझमे खुलकर कुछ करने की िह त नही ं हो रही थी ...

3 of 29 02-09-2016 03:30
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शायद ये हम दोनों का एक दू सरे के ित असीम ार था ...

जो एक दू सरे की इ ा का स ान भी कर रहे थे ..

मगर एक दू सरे के सामने खुलकर िकसी दू सरे से रोमांस नही ं कर पा रहे थे ...

मेरे िदमाग म यही चल रहा था िक अगर म अनु को चोद रहा ँ ...और जूली दे ख ले ...तो ा वो कोई िति या दे गी ...

या मेरी तरह ही चुप रहे गी ....

अब सोने का इ जार था ...

अनु ने अपना िब र बाहर के कमरे म ही लगया था ..

म यही सोच रहा था ...िक रात को एक बार कोिशश तो ज र क ँ गा ...

ये अ ा ही था िक जूली बैड म म रहे गी ..और म आसानी से अनु िक टाइट चूत खोल पाउँ गा ..

मगर िफर एक डर भी सता रहा था ...िक अगर वो ज़ोर से िच ा दी तो ा होगा ...

ब त से िवचार मेरे िदल म आ जा रहे थे ...

म ब त साड़ी बाते सोच रहा था ...

िक अनु को ऐसे करके चोदू ं गा ..वैसे चोदू ं गा ..

यहाँ तक िक मने दो तीन ..िचकनी ीम भी ढू ं ढ कर पास रख ली थी ं ...

मेरे सैतानी ल ने आज एक क़ का पूरा इं तजाम कर िलया था ...

और वो हर हाल म इस का को करने के िलए तैयार था ...

िफर काम िनपटाकर जूली अंदर आई ...

और उसने मेरे पुराने सभी िवचारों पर िबंदु लगा िदया ..

अहा ये जूली ने ा कर िदया ...

पता नही ं मेरे फायदे के िलए िकया .... या सब कुछ रोकने के िलए ...

मगर मुझे ये ब त बुरा लगा ....

दरअसल ..हमरे घर म ऐ0 सी० केवल बैड म म ही लगा है ...

बाहर के कमरे म केवल छत का पंखा है ...जो सोफे वाली तरफ है ..

जहाँ अनु ने िब र लगाया था ..वहां हवा िबलकुल नही ं प चती ...

जूली ने वहां आते ही उसको कहा ...

जूली: अरे अनु यहाँ तू कैसे सोयेगी ....रात को गम म मर जाएगी ...


चल अंदर ही सो जाना ...

लगता है जैसे अनु मेरे से उ ा सोच रही थी ...

जहाँ म उसको अलग आराम से चोदना चाह रहा था ..

वहीँ वो शायद मेरे पास लेटने की सोच रही थी ..

ुिक वो एक दम से तैयार हो गई ....

और उसने फटाफट अपना िब र उठाया ..और बैड म म आ दे खने लगी िक िकस तरफ लगाना है ..

4 of 29 02-09-2016 03:30
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म कुछ कहना ही चाह रहा था ..

मगर तभी जूली ने एक और बम छोड िदया ...

जूली: ये कहाँ ले आई बेबकूफ ..इसको बाहर ही रख दे ..


यही ं बेड़ पर ही सो जाना ...

अब मुझसे नही ं क गया ..

म: अरे जान यहाँ ..कैसे ...

जूली: अरे सो जाएगी एक तरफ को जानू ....


वहां गम म तो मर जायेगी सुबह तक

म चुप करके अब इस थित के बारे म िवचार करने लगता ँ ...

पता नही ं ये अ ा आ या गलत ...

पर जब अनु..... जूली के पास ही सोयेगी .तब तो म हाथ भी नही ं लगा पाउँ गा ...

मेरा िदल कही ं न कही ं डूबने लगा था ... और जूली को बुरा भी कह रह था ....

अब तीनो िब र पर आ जाते ह ...

एक ओर म था ..बीच म जूली ..एवं दू सरी तरफ अनु लेट गई ....

ऐ सी अनु वाली साइड म लगा था ....

मने कमर म एक पतला कपडा बाँध िलया था ...और पूरा नंगा था ....

वैसे म नंगा ही सोता था ... पर आज अनु के कारण मने वो कपडा बाँध िलया था ...

जूली अपनी उसी शाट नाइटी म थी ...जो उसके पैर मोड़ने से उसके कमर से भी ऊपर चली गई थी ..

उसके म नंगे चूतड़ मेरे से िचपके थे ...

उधर अनु केवल एक समीज म लेटी थी ..

हाँ उसमे अभी भी शम थी ..या वाकई ठ के कारण वहां रखी पतली चादर ओड ली थी ...

उसका केवल सीने तक का ही बदन मुझे िदख रहा था ..

करीब आधे घंटे तक म सोचता रहा िक यार ाक ...

एक म नंगे चूतड़ ..मेरे ल को आमंतरण दे रहे थे ..

मगर उसे तो आज नई िडश िदख रही थी ...

मेरा कपडा खुल कर एक ओर हो गया था ...ओर अब नंगा ल छत िक ओर तना खड़ा था ...

मेरे बस करवट लेते ही वो जूली के नंगे चूतड़ से िचपक जाता ...

मगर ना जाने ों म सीधा लेटा ..अनु के बारे म सोच रहा था ....

िक ा र लू ..उस तरफ जा अनु को िचपका लू ..

मगर मेरी िह त नही ं हो रही थी ...

िफर मेरे िदमाग ने काम करना बंद कर िदया ..

मने जूली िक ओर करवट ले ली और

5 of 29 02-09-2016 03:30
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.म जूली से पीछे से िचपक गया ..

मेरे ल ने जूली के चूतड़ के बीचों बीच अपनी जगह बना ली ....

जूली भी थोड़ा सा खसक ... अपने चूतड़ों को िहलाकर .. ल को सही जगह सेट कर लेती है ..

अब म हाथ बड़ा सीधे अपने हाथ को अनु की चादर म डाल दे ता ँ ...

मुझे पता था िक जूली आँ खे खोले मेरे हाथ को ही दे ख रही है ...

मगर मने सब कुछ जानकार भी अपने हाथ को अनु िक चादर म डाल िदया ...

और हाथ अनु के नंगे पेट पर रखा ...

अनु की समीज उसके पेट से भी ऊपर चली गई थी ..

मने जूली की परवाह ना करते ए ... अपना हाथ सीधे पेट से सरकाते ए ...

अनु की मासूम फ़ु ी तक ले गया ...

जहाँ अभी बालों ने भी पूरी तरह िनकलना शु नही ं िकया था ...

उसका ये दे श िकसी मखमल से भी ादा कोमल था ....

मेरी उँ गिलयों ने उसकी फ़ु ी को सहलाते ए ..ज ी ही उसके बेिमसाल छे द को टटोल िलया ...

अनु कसमसाई ...उसने आँ खे खोली ..और सर घुमाकर जूली की ओर दे खा ...

जूली की भी आँ खे खुली ं थी ...

बस अनु िबदक गई ...और उसने तुरंत मेरा हाथ झटक िदया ....

अनु : ा करते हो भैया ...सोने दो ना ...

म पहले तो घबरा गया ...मगर िफर मेरे िदमाग ने काम िकया ...

म: अरे म दे ख रहा ँ िक तूने कही ं सूसू तो नही ं कर िदया ... ग ा खराब हो जायेगा ...

जूली: हा हा ..और एक दम ऐ सी के सामने लेती है .. जरा संभलकर ...

अनु: ा भाभी आप भी ...म नही ं बोल रही आपसे ..

तभी जूली ने बो कर िदया िजसकी मुझे सपने म भी उ ीद नही ं थी .....

..............

RE: मेरी बेकरार वीवी और म वे चारा पित - desiaks - 08-01-2016

अनु की म न जैसी फ़ु ी के छूने से ..मेरे ल म जबरद तनाव आ गया था ....

िजसको जूली ने भी महसूस कर िलया था ...

मेरी समझ से िबलकुल परे था िक...

एक बीवी होकर भी वो अपने पित के से ी रोमांस का


मजा ले रही है ...

ना केवल मजे ले रही है ..व मेरे इस काम म सहयोग भी कर रही है ...

अब ना जाने उसके मन म ा था ...

इन सब बातों को सोचने के बारे म ...मेरे िदल और िदमाग दोनों ने ही मना कर िदया था ...

6 of 29 02-09-2016 03:30
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अनु की नाजुक जवानी को चखने के िलए उसमे इतना तनाव आ गया था ...

िक िदल और िदमाग दोनों ही सो गए थे ....

उनको तो बस अब एक ही मंिजल िदख रही थी ....

चाहे उस तक कैसे भी जाया जाये ....

अनु: ओह भाभी ....भैया भी ..पापा की तरह परे शान कर रहे ह ...

जूली ने अनु का हाथ पकड़ ...खच कर सीधे मेरे तने ए ल पर रख िदया .....

जूली: तू भी तो पागल है ... बदला ों नही ं लेती ...


तू भी दे ख ..िक कही ं तेरे भैया ने तो सूसू नही ं की ..
हे हे हे हे

जूली के इस घटना से म भौच ा रह गया ..


और शायद अनु भी ...

हाथ के खचने से वो जूली के ऊपर को आ गई थी ..

जूली ने ना केवल अनु का हाथ ..मेरे ल पर रखा ..व उसको वहां पकडे भी रही ..

िक कही ं अनु ज ी से हटा न ले ...

अनु का छोटा सा कोमल हाथ ...मेरे ल को मजे दे ही रहा था िक ...........

अब अनु ने भी मेरी समझ पर परदा डालने वाली हरकत की....

उसने कसकर अपनी छोटे छोटे हाथ से बनी जरा सी मु ी म मेरे ल को जकड िलया ...

अनु: हाँ भाभी ये आप ठीक कहती हो ...


ा अब भी भैया ..सूसू कर दे ते ह िब र पर ...

जूली: हा हा ...हाँ बेटा ...तुझे ा पता ..िक ये अब भी ब त नालायक ह ..


ना जाने कहाँ कहाँ ..मु ी करते ह ...मेरे कपडे तक गीले कर दे ते ह ...

मने अनु के हाथ को ल से हटाने की कोई ज ी नही ं की ......

लेिकन कुछ ितवाद तो करना ही था ..इसिलए ..

म: तुम दोनों पागल हो गए हो ा ..??


ये ा वकवास लगा रखी है ....

तभी अनु मेरे ल को सहलाते ए अपना हाथ ..ल के सुपाड़े के टॉप पर ले जाती है ..

उसको कुछ िचपिचपा महसूस आ ...

मेरे ल से लगातार ीकम िनकल रहा था ...

अनु: हाँ भाभी ..आप ठीक कह रही हो ...भैया ने आज भी सूसू की है ..


दे खो िकतना गीला है ...

जूली: हा हा हा ...

म: हा हा चल पागल ...िफर तो तूने भी की है ..अपनी दे ख वहां भी िकतना गीला है ...

शायद जूली जैसी समझदार प ी ब त कम लोगों को िमलती है ...

मेरा िदल कर रहा था िक ..जमाने भर िक खुिशयाँ लाकर उसके कदमो म डाल दू ँ ...

मेरे ल और अनु की चूत के गीलेपन की बात से ही वो समझ गई.....िक हम दोनों अब ा चाहते ह ...

7 of 29 02-09-2016 03:30
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वो िबना कुछ जािहर करे अनु को एक झटके से ...अपने ऊपर से पलटकर मेरी ओर कर दे ती है ..

और खुद अनु की जगह पर खसक जाती है ..

िफर बड़े ही रह मय आवाज म बोलती है ..

जूली: ओह तुम दोनों ने मेरी नी ंद का स ानाश कर िदया है ...


तू इधर आ और अब तुम दोनों ...
एक दू सरे की दे खते रहो ..
िक िकसने की और िकसने नही ं की सूसू

अनु एकबारगी तो बोखला सी गई ...

पर बाद म सीधी होकर लेट गई ...

म समझ नही ं पा रहा था िक कुछ बोलूं या नही ं ...

मने घूमकर दे खा ....जूली बाकई दू सरी और करवट लेकर लेट गई थी ...

अब मने अनु के चेहरे की ओर दे खा ...

उसके चेहरे पर कई भाव थे ....

उसकी आँ खों म वासना और डर दोनों नजर आ रहे थे ..


जबिक होंटो पर हलकी मु ु राहट भी थी ...

मेरे िदल म एक डर भी था ..िक कही ं जूली कुछ फंसा तो नही ं रही ...

मगर िपछले िदनों मने जो कुछ भी दे खा और सुना था ...जूली का वो खुला प याद कर मेरा सारा डर िनकल गया ...

मने झुककर अनु के पतले कांपते होंठो पर अपने होंठ रख िदए ...

अनु तो जैसे सब कुछ करने को तैयार थी ...

लगता है ... इस उ म उसकी वासना अब उसके वश से बाहर हो चुकी थी ....

वो लालाियत होकर अपने मुँह को खोलकर ...मेरा साथ दे ने लगी ...

म उसके ऊपर ितरछा होकर झुका था ...

उसका बायां हाथ मेरे ल को छू रहा था...

अचानक मने महसूस िकया िक उसने िफर से अपनी मु ी म मेरे ल को पकड़ िलया है ...

उसकी बैचेनी को समझते ए मने उसके होंठो को छोड़कर ...........ऊपर उठा ....

मने उसकी समीज की ढीली आ ीन को उसके कंधो से नीचे सरका िदया ...

अनु इतनी समझदार थी िक वो तुरंत समझ गई िक म ा चाहता ँ ...

उसने अपने दोनों हाथों से अपनी आ ीन को िनकाल िदया ...

मने उसके सीने से समीज को नीचे कर उसकी नाजुक ...छोटी छोटी चूिचयों को एक ही बार म अपनी हथेली से सहलाया ...

अनु: (ब त धीरे से) अहाआआ

उसकी समीज उसके पेट पर इक ी हो गई थी ...

मने एक बार िफर समीज नीचे को की ...

अनु ने जूली की ओर दे खते ए ... अपने चूतड़ को उठाकर ...


अपने हाथ और पैर से समीज को पूरा िनकाल िदया ...

8 of 29 02-09-2016 03:30
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जूली अपने नंगे चूतड़ को उठा ..हमारी ओर करवट िलए वैसे ही लेती थी ....

उसकी साँसे बता रही थी .. िक वो सो गई है ...या सोने का नाटक कर रही है ......

मेरा कमर से िलपटा ..कपडा तो कब का खुलकर ..िब र से नीचे िगर गया था ...

अब अनु भी पूरी नंगी हो गई थी ...

नाईट ब की नीली रोशनी म उसका नंगा बदन गजब लग रहा था ...

मने नीचे झुककर उसकी एक चूची को पूरा अपने मुँह म ले िलया ...

उसकी पूरी चूची मेरे मुँह म आ गई ... म उसको हलके हलके चूसते ए ..
अपनी जीभ िक नोक से उसके जरा से िन ल को कुरे दने लगा ...

अनु पागल सी हो गई ...

उसने अपनी मु ी म मेरे ल को पकड़ उमेठ सा िदया ...

मने अपना बायां हाथ उसकी जांघो के बीच ले जाकर सीधे उसकी फ़ु ी पर रखा ...

और अपनी ऊँगली से उसके छे द को कुरे दते ए ही एक ऊँगली अंदर डालने का यास करने लगा ....

अनु कुनमुनाने लगी ....

लगता है उसको दद का अहसास हो रहा था ...

मुझे संसय होने लगा िक इतने टाइट छे द म मेरा ल कैसे जायेगा ....

वाकई उसका छे द ब त टाइट था ... मेरी ऊँगली जरा भी उसमे नही ं जा पा रही थी ....

मने अपनी ऊँगली अनु के मुँह म डाली ...


उसके थूक से गीली कर िफर से उसके चूत म डालने का यास िकया ..

मगर इस बार .......

........................

RE: मेरी बेकरार वीवी और म वे चारा पित - desiaks - 08-01-2016

मेरा बैड म मुझे कभी इतना ारा नही ं लगा ...

मने सपने म भी नही ं सोचा था ..

िक िज़ंदगी इतनी रं गीन हो सकती है ...

मेरे सामने ही ..बेड के दू सरी छोड़ पर मेरी से ी बीवी लगभग नंगी करवट िलए लेटी है ...

उसकी अित पारदश नाइटी ..जो खड़े होने पर उसके घुटनो से ६ इं च ऊपर तक आती थी ...

इस समय िसमट कर उसके पेट से भी ऊपर थी ...

और मेरी जान अपने गोरे बदन पर क ी तो पहनती ही नही ं थी ....

उसके म चूतड़ ..पीछे को उठे ए ....मेरे से को कही ं अिधक भरका रहे थे ....

अब तक मजेदार भोजन खलाने वाली मेरी बीवी ने.... आज एक ऐसी मीठी िडश मेरे सामने रख दी थी ,,,और सोने का नाटक कर
रही थी ...

िक िजसकी क ना शायद हर पित करता होगा ..

9 of 29 02-09-2016 03:30
मेरी बेकरार वीवी और म वेचारा पित - Printable Version http://www.sexbaba.net/printthread.php?tid=1446&page=4

मगर उसे मायूसी ही िमलती होगी ....

अनु के रसीले बदन से खेलते ए ...म अपनी िक त पर र कर रहा था ...

इस छोटी सी लोंिडया को दे ख मने कभी नही ं सोचा था िक ...


ये इतनी गरम होगी ....

और चुदाई के बारे म इतना जानती होगी ...

मेरा लड उसके हाथो ..म म ी से अंगड़ाई ले रहा था ...

और बार-बार मुँह उठाकर उसकी कोमल फ़ु ी को दे ख रहा था ...

या बोल रहा हो ...िक आज तुझे ज त िक सैर कराऊंगा ...

उसकी फ़ु ी भी मेरी उँ गिलयों के नीचे बुरी तरह मचल रही थी ...

वो सब कुछ कर गुजरने को आतुर थी ...

शायद ..उसकी फ़ु ी ..होने वाले क ेआम से अनिभग थी .....

मेरे और अनु के बदन पर एक भी कपडा नही ं था ..

अनु बार-बार मेरे गठीले एवं संतुिलत बदन से कसकर िचपक जाती थी ...

मेरा मुँह उसकी दोनों रसीली आिमयों को िनचोड़ने म ही लगा था ...

म कभी दाई ..तो कभी बायी ं चूची को अपने मुँह म लेकर चूस रहा था ...

अनु कुछ ादा ही मचल रही थी ...

वो मेरी तरफ घूम कर ..अपना सीधा पैर मेरी कमर पर रख दे ती है ...

म भी अपना हाथ आगे उसकी फ़ु ी से हटा ...उसके मांसल चूतड़ों पर रख उसको अपने से िचपका लेता ँ ..

इस अव था म उसकी रसीली चूत मेरे ल से िचपक जाती है ....

शाम से हो रहे घटना म से अनु सच म से िलए पागल हो रही थी ...

वो अपनी चूत को मेरे ल से सटा खुद ही अपनी कमर िहला रही थी ..

उसकी रस छोड़ रही चूत मेरे ल को और भी ादा भड़का रही थी ...

मने एक बात और भी गौर की..... िक अनु शु शु म बार बार ...जूली की ओर घूमकर दे ख रही थी ....

उसको भी कुछ डर जूली का था...

मगर अब ब त दे र से वो मेरे से हर कार से खेल रही थी ...

उसने एक बार भी जूली की ओर ान नही ं िदया था ...

या तो वासना उस पर इस कदर हावी हो चुकी थी ...


की वो सब कुछ भूल चुकी थी ..

या अब वो जूली के ित िनि ंत हो चुकी थी ....

हाँ म उसी की ओर करवट से लेटा था ...

तो मेरी नजर बार बार जूली पर जा रही थी ...

कमाल है ..उसने एक बार भी ना तो गदन घुमाई थी ..


और ना उसका बदन जरा भी िहला था ...

10 of 29 02-09-2016 03:30
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जूली पूरी तरह से अनु का उद् घाटन करने को तैयार थी .........

मेरा ल इस तरह की म ी से ..और भी ल ा, मोटा हो गया था .....

म अपने हाथ से उसके चूतडो को मसलते ए .. अपनी ओर दबा रहा था ...

और अनु अपने कमर को िहलाते ए मखमली चूत को मेरे ल पर मसल रही थी ...

मेरे मुँह म उसकी चूची थी ...

हम दोनों िबलकुल नही ं बोल रहे थे ..

मगर िफर भी मेरे ारा चूची चूसने की ..पुच िपच जैसी आवाजे हो ही रही थी ं ....

अनु की बेकरारी मुझे उसके साथ और भी ादा खेलने को मजबूर कर रही थी ....

मने उसको सीधा करके िब र पर िलटा िदया ...

अब म उसके ऊपर आ गया ......

मने एक बार उसके कंपकंपाते होठो को चूमा ...

िफर उसकी गदन को चूमते ए ...जरा सा उठकर ..नजर भर अनु के म उठानो को दे खा ...

दोनों चूची छोटे आम की तरह ..उठी ई ..जबरद टाइट ... और उन पर पूरे गुलाबी ..छोटे से िन ल ..

जानलेवा नजारा था ...

मने दोनों िन ल को बारी बारी से .. अपने होंटों से सहलाया ..

िफर नीचे सरकते ए उसके पतले पेट तक पं चा ..अब मने उसके पेट को चूमते ए ..
अपनी जीभ उसकी ारी सी नािभ पर रख दी ...

म जीभ को नािभ के चारों ओर घुमाने लगा ...

अनु मचल रही थी ...उसके मुँह से अब हलकी हलकी आह िनकलने लगी ...

् ाआ ह्हह
अनु: अह्हह ् ह
् आ

म थोड़ा और नीचे आ ...

मने अनु के पैरों को फैलाया ...और उसकी कोमल कली फ़ु ी ...पहली बार इतनी नजदीक से दे खा ...

उसके दोनों फूल ..कास कर एक दू सरे से िचपके थे ...

चूत पर एक भी बाल नही ं था ...

जूली की चूत भी गजब की है .... िबलकुल छोटी ब ी जैसी ....


मगर उस पर बाल तो आ चुके ही थी ... भले ही वो कीमती हे यर रे मोवेर से उनको साफ़ कर अपनी चूत को िचकना बनाये रखती थी ...

और िफर ल खाने से उसकी चूत कुछ तो अलग हो गई थी ...

मगर अनु की चूत िबलकुल अनछु ई थी .... उस पर अभी बालों ने आना शु नही ं िकया था ...

िजस चूत म अंगुली भी अंदर नही ं जा रही थी ..उसका तो कहना ही ा ...

इतनी ारी कोमल अनु की चूत इस समय मेरी नाक के नीचे थी ....

उसके चूत से िनकल रहे काम रस की खुसबू मेरे को मदहोश कर रही थी ....

मने अपनी नाक उसकी चूत के ऊपर रख दी ...

् ाआआआ ज
अनु: अह्हह

11 of 29 02-09-2016 03:30
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जोर से तरफी ...उसने अपनी कमर उठा ..बेकरारी का सबूत िदया ....

म उस खुसबू से बैचेन हो गया और ,,

मने अपनी जीभ उसके चूत के मुँह पर रख दी ...

ब त मजेदार ाद था .... म पूरी जीभ िनकाल चाटने लगा ...

मुझे चूत चाटने म वैसे बी ब त मजा आता था ...

और अनु जैसी कमिसन चूत तो म न से भी ादा मजेदार थी ...

म उसकी दोनों टाँगे पकड़ ..पूरी तरह से खोलकर ...

उसकी चूत को चाट रहा था ...

मेरी जीभ अनु के चूत के छे द को कुरे दती ई अब अंदर भी जा रही थी ....

उसकी चूत के पानी का नमकीन ाद मुझे मदहोश िकये जा रहा था ....

म इतना मदहोश हो गया िक मने अनु की टाँगे ऊपर को उठाकर ...

उसके चूतड़ तक चाटने लगा ...

कई बार मेरी जीभ ने उसके चूतड़ के छे द को भी चाटा.....

अनु बार बार िस ा रयां िलए जा रही थी ...

हम दोनों को ही अब जूली की कोई परवाह नही ं थी ...

मने चाट चाट कर उसका िनचला िह ा पूरा गीले कर िदया था ...

अनु की चूत और गांड दोनों ही मेरे थूक से सने थे ...

मेरा ल बुरी तरह फुफकार रहा था ...

मने एक कोिशश करने की सोची ...

मने अनु को ठीक पोजीशन म कर उसके पैरों को फैला िलया ...

और अपना ल का मुँह ... उसके लपलपाती ..चूत के मुख पर िटका िदया .....

............

RE: मेरी बेकरार वीवी और म वे चारा पित - desiaks - 08-01-2016

ये मेरी िज़ंदगी का सबसे हसी ं पल था ...

एक अनछु ई कली ...पूरी न ...मेरे नीचे दबी थी ...

उसके िचकने कोमल बदन पर एक िचंदी व नही ं था ...

मने उसके दोनों पैरों को मोड़कर ... फैलाकर चोडा कर िदया ....

उसकी छोटी सी चूत ..एक दम से खलकर सामने आ गई ...

मने अपनी कमर को आगे कर ..अपना तनतनाते ल को उन किलयों सी िचपका िदया ...

मेरे गम सुपाड़े का श अपने चूत के मुह पर होते ही अनु िससकार उठी ...

म धीरे धीरे ...उसी अव था ..म ल को िघसने लगा ..

12 of 29 02-09-2016 03:30
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िदल कर रहा था िक एक ही झटके म पूरा ल अंदर डाल दू ँ ...

मगर ये ही एक शादीशुदा मद का अनुभव होता है ..

िक वो ज बाजी नही ं करता ....

म बाएं हाथ को नीचे ले जाकर ल को पकड़ लेता ँ ..

िफर कुछ पीछे को होकर ल को चूत के मुख को खोलते ए अंदर सरकाने की कोिशश करता ँ ...

अनु बार-बार कमर उचकाकर अपनी बैचेनी जािहर कर रही थी ...

१० िमनट तक म ल को चोदने वाले ाइल म ही चूत के ऊपर िघसता रहा ...

१-२ बार सुपाड़ा ..जरा जरा ...सा ही चूत को खोल अंदर जाने का यास भी कर रहा था ..

मगर अनु का िज अभी िबलकुल दद सहने का आिद नही ं था ...

वो खुद उसे हटा दे ती थी ...

शायद उसको ह े सी भी दद का अंदाजा नही ं था ...

उसको केवल आनंद चािहए था ..

इसिलए ह ा सा भी दद होते ही वो पीछे हट जाती थी ..

इससे पहले भी मने 4-5 लड़िकयों की कुआरी िझ ी को तोडा था ..

मुझे यकीन था की अनु अभी तक कुआं री है ...

और उस हर अव था का अ ा अनुभव रखता था ..

िजन 4-5 लड़िकयों की मने िझ ी तोड़ी थी ...


उसमे एक तो ब त िच ाई थी ...

उसने पूरा घर सर पर उठा िलया था ..

उस सबको याद करके ...


एवं जूली के इतना िनकट होने से म ये काम आसानी से नही ं कर पा रहा था ...

मुझे पता था ..िक अनु आसानी से मेरे ल को नही ं ले पायेगी ...

और अगर ज़ोर से झटके से अंदर घुसाता ँ तो ब त ववाल हो सकता है ...

खून, चादर, चीख िच ाहट ..और ना जाने िकतनी परे सानी आ सकती है ...

हो सकता है जूली भी इसी सबका इ जार कर रही हो ...

िफर वो मेरे पर हावी हो रं गरािलओं के साथ-साथ दवाव भी बना सकती है ...

मेरा ज़मीर ..मेरे को उसके सामने कभी नीचे िदखने को राजी नही ं था ...

वो भी एक चुदाई के िलए ...

ा मुझे अपने ल पर काबू नही ं था ..??

मुझे खुद पर पूरा भरोसा था ...

म अपने ल को ..अपने िहसाब से ही चुदाई के िलए इ ेमाल करता था ....

ज़बरद ी कभी करता नही ं था ...


और जो तैयार हो ..

13 of 29 02-09-2016 03:30
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उसको छोड़ता नही ं था ....

अनु के साथ भी म वैसे ही मजे ले रहा था ...

मुझे पता था ..िक लौंिडया घर की ही है ...

और ब त से मौके आएं गे ...

जब कभी अकेला िमला ..तब ठोंक दू ं गा ...

और अगर ार से ले गई तो ठीक ..

वरना खून खराबा तो होगा ही ....

अनु की नाचती कमर बता रही थी की उसको इस सबमे भी चुदाई का मजा आ रहा है ...

खुद को मजा दे ने के िलए ..

मने अपने ल को उसकी चूत के पूरा लेटी अव था म िचपका िदया ....

और म ऊपर ..नीचे होकर मजा लेने लगा ...

ल पूरा अनु की चूत से िचपककर ..उसके पेट तक जा रहा था ...

उसकी चूत की गम से मेरा ल लावा छोडने को तैयार था ...

पर लगता है िक...

अनु िक चूत के छे द पर अब ल छू नही ं पा रहा था ..

या उसको पहले टॉप के ध ो से ादा आनंद आ रहा था ...

वो कसमसाकर मुझे ऊपर को कर दे ती है ...

िफर खुद अपने पैरों को मेरी कमर से बांधकर

अपना हाथ नीचे कर मेरे ल को पकड़ लेती है ...

उसके पसीने से भीगे ..नरम छोटे हाथो म आकर ल और मेरी हालत ख़राब होने लगती है ...

वो ल के सुपाड़े को िफर अपनी चूत के छे द से िचपका दे ती है ...

और कमर िहलाने लगती है ...

अब म भी कमर को थोड़ा कसकर ..आगे पीछे करने लगता ँ ...

उसके कैसे ए हाथो म मुझे ऐसा ही लग रहा था िक मेरा ल ..चूत के अंदर ही है ...

म जोर जोर से कमर िहलाने लगा ,जैसे चुदाई ही कर रहा ँ ...

अनु ल को छोड़ ही नही ं रही थी ...

िक कही ं म िफर से ल को वहां से हटा न लूँ ...

अब ल का सुपाड़ा ..आधा से १ इं च तक भी चूत के अंदर चला जा रहा था ...

अनु ने इतनी कसकर ल पकड़ा था िक ...वो वहां से इधर उधर न हो ...

इसीिलए चूत म भी ादा नही ं घुस पा रहा था ...

वरना कुछ झटके तो इतने जोरदार थे िक ल अब तक आधा तो घुस ही जाता ...

और तभी मेरे ल ने िपचकारी छोड़ दी ...

14 of 29 02-09-2016 03:30
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म: अहाआआआआ ह्हह ् ह
् ह
् ह
् ह
् ह
् ह
् ह
् ह
् ओह्हह
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् आआआआअ ह्हह
् ह
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् ह्हह
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् ह
् ह
् ऊऊ ओह
् ह
ह्हह ् ह
् ह
् ह
् ह
् ह
् ह
् ह

कई िपचकारी अनु की चूतको पूरा गीली करती ई उसके पेट और छाती तक को िभगो गई ...

सच ब त ादा वीय िनकला था ....

अनु ने अब भी कसकर ल को पकड़ा था ....

मुझे ज त का मजा आ रहा था ...

िफर म मुझमे अब जरा सी भी िह त नही ं बची थी ,,

म एक ओर िगरकर लेट गया ...

मुझे बस इतना ान है ...

िक अनु उठकर बाथ म म गई ....

कुछ दे र बाद मने दे खा अनु बाथ म से बाहर िनकली ..

वो अभी भी पूरी नंगी थी ...

उसने बाथ म का दरवाजा ..लाइट कुछ बंद नही ं की ..

और िफर से मेरे से िचपक लेट गई ...

उसने अपनी समीज भी नही ं पहनी ...

वो पूरी नंगी उसी अव था म मुझसे िचपक लेट गई ..

मेरे म इतनी ताकत भी नही ं बची थी ...


िक अपना हाथ भी उस पर रख सकु ...

नी ंद ने मेरे ऊपर पूरा क ा कर िलया था ...

जबिक िदमाग म ये आ रहा था ...

िक उठकर सब कुछ सही कर दे ...

खुद और अनु को कपडे पहना दे ...

वरना सुबह दोनों को ऐसे दे ख जूली ा सोचेगी ..

और ना जाने ा करे गी ....????

.....................

RE: मेरी बेकरार वीवी और म वे चारा पित - desiaks - 08-01-2016

अनु बाथ म से अपने शरीर को साफ़ करके िफर मेरे पास आ िचपक कर लेट गई ...

इतनी कम उ म भी वो से की दे वी थी ...

उसने ना तो समीज पहनी ..और ना उसको जूली का डर था ..

इतने मजे करने के बाद उसका सारा डर िनकल गया था ...

उसने अपना एक हाथ मेरे सीने पर....


और एक पैर मेरे ल पर रख .िदया था ..
िसर मेरे कंधे पर रख सो गई थी ....

15 of 29 02-09-2016 03:30
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मने भी उसको दू र नही ं िकया ...


या मेरे म िबलकुल िहलने तक की ताकत नही ं बची थी ..

उसकी चूिचयों का अहसास मेरे हाथ .पर


एवं उसकी गम चूत का कोमल अहसास मेरी जांघ पर हो रहा था ...

मुझे नही ं पता िक म कब बेहोशी की नी ंद सो गया ..

सुबह जूली ने ही मुझे आवाज दी ....

जूली: सुनो अब उठ भी जाओ ... चाय पी लो ...

रात की सारी घटना मेरे िदमाग म आई ...


और म एक दम से उठ गया ...

कमरे म जूली नही ं थी ....

मने राहत की सांस ली ...

िफर चारों और दे खकर सारी थित का अवलोकन िकया ...

मेरी कमर तक चादर थी ...जो पता नही ं मने खुद ली या िकसी और ने... कुछ पता नही ं ....

मने चादर हटा कर दे खा ...मेरी कमर पर रात को बंधा कपडा ..भी अंदर ही था ...
बंधा तो नही ं पर हाँ िलपटा ज र था ....

िफर मने िब र पर दे खा ....

दू सरे कोने पर मुँह तक चादर ढके ...शायद अनु ही सो रही थी ...

ा अनु अभी तक नही ं जगी ...


उसने कपडे पहने या नही ं ..

मने चारों और नजर घुमाकर उसकी उतारी ई समीज को दे खा ..


पर कही ं नजर नही ं आई ...

अनु कब रात को उधर चली गई ...

ा जूली ने ये सब िकया ...

या िफर अनु ने सब कुछ ठीक करके िफर सोई ...

मेरा िदमाग िबलकुल सु हो गया था ...

मने चाय पीकर अपने कमर का कपडा कसकर बांधा ..

िफर एक बार बाहर कमरे म दे खा ....

जूली शायद िकिचन म थी ..

उसकी आवाज भी आ रही थी ...


और शायद कोई और भी था ...िजससे वो बात कर रही थी ....

मगर मेरे िदमाग म अब वो नही ं थी ...

म तो रात के का से डरा आ था ...

िक ना जाने जूली का ा ख होगा ...???

उसे कुछ पता चला या नही ं ....

मज ी से अनु िक ओर गया और उसको उठाने के िलए उसकी चादर हटाई ...

16 of 29 02-09-2016 03:30
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ा नजारा था .....

सुबह की चमकती रोशनी म ..अनु का मादक िज चमक रहा था ...

उसके बदन पर समीज तो थी ...


मगर वो उसके पेट पर थी ...

शायद उसने खुद या िफर जूली ने उसको समीज पहनाने की कोिशश की होगी ...

जो केवल कमर तक ही पहना पाई ...

उसका पूरा िज ही पूरा नंगा मेरे सामने था ...

उसने अपनी दोनों टांगे घुटनो से मोड़ ..


फैला रखी थी ...

उसकी खुली ई कोमल चूत मेरे सामने थी ...

वैसे तो इसको म पहले भी दे ख चुका था ..

पर इस समय उसमे ब त अंतर था ...

उसकी चूत िबलकुल लाल सुख हो रखी थी ...


और एक दो लाल खून के िनसान भी िदख रहे थे ...

ओह ा रात मेरे ल ने इस बेचारी को इतना दद िदया था ...

मगर ल तो ब त जरा सा ही अंदर गया था ...

िफर इसकी चूत इतना कैसे सूज गई ....

िफर मने ार से अनु की चूत पर अपना हाथ रखा ..

और धीरे से उसको सहलाया ....

मुझे लगा की रत जोश म मुझे पता नही ं चला ..पर शायद अनु को ब त क आ होगा ...

हो सकता है मेरा ल कुछ ादा ही अंदर तक चला गया हो ...

िफर मुझे उसकी चूत पर कुछ अलग ही ेल आई ..

अरे ये तो बोरो स की खुसबू थी ...

इसका मतलब अनु ने रात को बोरो स भी लगाया ...इसने एक बार भी मुझे अपने दद के बारे म नही ं बताया ...

मुझे उसके इस दद को छु पाने पर ब त ार आया ...

मने उसके होंठो को चूम िलया ..

तभी मुझे जूली के ..कमरे म आने की आवाज आती है ...

उसके पैरों की आवाज आ रही थी ...

मने ज ी से अनु को चादर से ढका ..

और बाथ म म घुस गया ...

जूली कमरे म आ जाती है ...

जूली: अरे आप कहाँ हो जानू...

म: बोलो जान ... बाथ म म ँ ...

17 of 29 02-09-2016 03:30
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जूली: ओह ठीक है .. म आपको उठाने ही आई थी ...

उसकी आवाज म कही ं कोई नाराजगी या कुछ अलग नजर नही ं आया ...

वो हर रोज की तरह ही वहार कर रही थी ..

मुझे ब त सुकून सा महसूस आ ...

िफर मुझे लगा िक शायद वो अनु को उठा रही है ...

अब ये सब म नही ं दे ख सकता था .....

ुिक बाथ म से केवल वाहर का कमरा या िकिचन ही दे खा जा सकता था ...

बैड म म नही ं ....

हाँ म दरवाजा खोल दे ख सकता था ...

मगर मने इसम कोई िच नही ं ली ..

मेरे िदल को सुकून था ..

िक इतने बड़े कांड के बाद भी सब कुछ ठीक था ...

............................

RE: मेरी बेकरार वीवी और म वे चारा पित - desiaks - 08-01-2016

म नहाकर बाहर आया ... बेड म पूरी तरह से व त था ...

म तैयार आ ...कमरे म कोई नही ं था ...

अनु और जूली दोनों ही िकिचन म थी ...

१० से भी ऊपर हो गए थे ...

म िकिचन म ही चला गया ..

दोनों काम म लगी थी ं ...

दोनों ने रात वाले कपडे ही पहन रखे थे ...

अनु ने मुझे दे खकर ...जूली से बचकर ..एक ब त से ी ाइल दी ...

मने भी उसको आँ ख मार दी ...

उसने शरमाकर अपनी गदन नीचे कर ली ..

म जूली के पास जाकर उसके गोलों मटोल चूतड़ों को सहलाकर ...

म: ा बात जान ?? आज अभी तक तैयार नही ं ई ..


जूली: नही ं जानू..म भी दे र से ही उठी ...
वो तो भला हो दू धवाले का ...
िजसने उठा िदया ....सुबह आकर ...
वरना इतनी थकी थी िक सोती ही रहती ..

मेरे जरा से सहलाने से ही ..उसकी पतली नाइटी .. खसकी और जूली के नंगे चूतड़ मेरे हाथो के नीचे थे ...

म सोचने लगा ...िक सुबह से जूली ऐसे ही सब काम कर रही है ...

वो लगभग नंगी ही िदख रही है ...

18 of 29 02-09-2016 03:30
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उस पतली सी ...आधी नाइटी म ...िजसके नीचे उसने ा या क ी कुछ भी नही ं पहना था ..

ा सबके सामने वो ऐसे ही आ.... जा रही है ...??

सभी के खूब मजे होंगे ...

पहले तो म उसको कुछ नही ं कहता था ...

मगर अब उसको छे ड़ने के िलए म बात करने लगा था ...

मने उसके चूतड़ सहलाते ए ही कहा ...

अनु हमको दे खकर मु ु रा रही थी ...

जूली भी अपने चूतड़ों को िहलाये जा रही थी ..

वो कोई िवरोध नही ं कर रही थी ..

म: ा बात जानू .... कुछ पहन कर दू ध िलया ..या ऐसे ही दू धवाले को जलवा िदखा िदया ...
वो तो मर गया होगा बेचारा ...

जूली भी म ी के मूड म ही लग रही थी ...

जूली: नही ं जी ...दू ध लेने के बाद ही ये नाइटी पहनी मने ...

म: हा हा हा ...िफर तो ठीक है ...

जूली: हे हे ..आपको तो बस हर समय मजाक ही सूझता है ...

मने उसके नाइटी के गले िक ओर दे खा ..


उसके जरा से झुकने से ही उसके दोनों म गोलाई .पूरी नंगी िदख रही थी ..
उनके िन ल तक बाहर आ... जा रहे थे ...

म समझ सकता था िक ..जूली के दशन कर कॉलोनी वालों के मजे आ जाते होंगे ...

ना जाने दू धवाले ..अंडे वाले और भी िकसी ने ा ा दे खा होगा ..

अब जब जूली को िदखाने म मजा आता है ...तो म उसके इस आनंद को नही ं छीन सकता था ..

उसको भी मजे लेने का पूरा हक़ है ....

ना ा करते ए ...रात की िकसी बात का कोई िज ना तो जूली ने िकया और ना ही अनु ने ...

मेरे िदल म जो थोड़ा ब त डर था वो भी िनकल गया ...

हाँ जूली ने एक बात की िजसके िलए मुझे कोई ऐतराज नही ं था ...

जूली: जानू एक बात कहनी है ..

म: बोलो ..आज बाजार जाना िहअ पैसे चािहए ..

जूली: नही ं ..हाँ ..अरे वो तो है ...


पर एक और बात भी है ..

म: तो बोलो न जानू ..मने कभी तुमको िकसी भी बात के िलए मना िकया है ा ..

जूली: वो िवनोद को तो जानते हों ना आप ..मेरे साथ जो पढ़ते थे ...

मने िदमाग पर जोर डाला ...पर कुछ याद नही ं आया ..

हाँ उसने एक बार बताया तो था ...


वैसे जूली ने एम0 ए० िकया है ...और एम0 एड० भी ..

19 of 29 02-09-2016 03:30
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उस समय उसके साथ कुछ लड़के भी पढ़ते थे ...


पर मुझे उनके नाम याद नही ं आ रहे थे ...
एक बार उसने मुझे िमलबाया भी था ..
हो सकता है ..उ ी म कोई हो ...

म: हाँ यार ..पर कुछ याद नही ं आ रहा ...

जूली: िवनोद भाईजी ने यहाँ एक ू ल म जगह बताई है ...


उसका कॉल लेटर भी आया है ...
म पूरे िदन बोर हो जाती ँ ..
ा म ये जॉब कर लूँ ????

म उसकी िकसी बात को मना नही ं कर सकता था ...


िफर भी .,,,

म: यार तुम घर के काम म ही इतना थक जाती हो ,,िफर ये सब कैसे कर पाओगी ...

जूली: आपको तो पता ही है ...मुझे जॉब करना िकतना पसंद है ...


ीज हाँ कर दो ना ...
म अनु को यहाँ ही काम पर रख लुंगी ..
ये मेरी ब त सहायता कर दे ती है ...
मने इसके मां से भी बात कर ली है ...

जूली पूरी तरह मेरे ऊपर आ मुझे चूमकर मनाने म लगी थी ...

म कौन सा उसको मना कर रहा था ..

म: अरे जान ..म कोई मना थोड़ी कर रहा ँ ... कैसे कर पाओगी इतना सब ..
बस इसीिलए ..
मुझे तु ारा ब त ाल है जान ..

जूली: हाँ मुझे पता है ...पर मुझे करनी है ये जॉब ..


जब नही ं हो पायेगी तो खुद छोड़ दू ं गी ...

म: कहाँ है जानू ये ू ल ..

जूली: वो .... उस जगह ... ये .........नाम है ू ल का

म: ओह िफर ये तो ब त दू र है ...रोज कैसे जा पाओगी ...

जूली: ब त दू र है ा ..?????.

म : हाँ जान ...

जूली: चलो िफर ठीक है म जाकर दे खती ँ ...अगर ठीक लगा तो ही हाँ क ँ गी ...

म: जैसा तुम ठीक समझो ...


और ये लो पैसे ... म चलता ँ ... जो खरीदना हो खरीद लेना ...
और इस पागल को भी कुछ कपडे िदला दे ना ..

अनु: उउउउ ा कह रहो भैया ...

म ये सोचकर ही खुश था िक अनु अब ादा से ादा मेरे पास रहे गी ...


और म उससे जब चाहे मजे ले सकता ँ ...

म अपना बेग लेकर बाहर को आने लगता ँ ...

दरवाजा खोलते ही ...

ितवारी अंकल िदखते ह ...

अंकल: अरे बेटा.. आज अभी तक यही हो ... ा दे र हो गई ..???

20 of 29 02-09-2016 03:30
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म मन ही मन हं सा .. ओह ये सोचकर आया होगा िक म चला गया ँ गा ..

म : बस जा ही रहा ँ अंकल ...

म िबना उनकी और दे खे बाहर िनकल गया ...

बु ा ब त बेशरम था ..मेरे िनकलते ही घर म घुस गया ...

अब मुझे याद आया //

ओह आज तो मने वो वीिडयो रकॉडर भी ओन कर जूली के पस म नही ं रखा ...

अब आज के सारे िक े के बारे म कैसे पता लगेगा ..

सोचते ए िक अंकल ना जाने मेरी दोनों बुलबुलों के साथ ..."जो लगभग नंगी ही ह" .. ा कर रहा होगा ...

म जैसे ही ितवारी अंकल के घर के सामने से िनकला ..उनका दरवाजा खुला था ...

मुझे भाभी िक याद आ गई और म दरवाजे के अंदर घुस गया ....


...................

..............................

RE: मेरी बेकरार वीवी और म वे चारा पित - desiaks - 08-01-2016

मने िदमाग से जूली, अनु और ितवारी अंकल को िबलकुल िनकाल िदया था ...

मुझे अब कोई िचंता नही ं थी जूली चाहे िजससे कैसा भी मजा ले ....

और म अब केवल जीवन को रं गीन बनाने पर िव ास करने लगा था .....

मुझे पूरा िव ास था की जूली िकतनी भी िबंदास हो ..मगर ऐसा कुछ नही ं करे गी ,,िजससे बदनामी हो ... वो ब त समझदार है ...जो
भी करे गी ब त सोच समझ कर ...

म ितवारी अंकल का घर का दरवाजा खुला दे खकर उसमे घुस गया ...

पहले मुझे ऑिफस के अलावा कुछ नही ं िदखता था ..चाहे कुछ हो जाये म समय पर ऑिफस प ँ च ही जाता था ...

पर अब मेरा मन काम से पूरी तरह हट गया था ...

हर समय बस म ी का वाहना ढू ं ढ़ता था ....

मुझे याद है िपछले िदनों ऐसे ही एक बार ..जूली ने रं जू भाभी (ितवारी अंकल की बीवी) को कुछ सामान दे ने को कहा था ....

एक बात याद िदला दू ...ितवारी अंकल भले ही ६०-६५ साल के हों ...पर रं जू भाभी उनकी दू सरी बीवी ह ..

वो ३०-३५ साल जी भरपूर जवान और से ी मिहला ह ...

उनका एक एक अंग गदराया ...और साँचे म ढला है ..

३८ २८ ३७ की उनकी िफगर उनको से की दे वी जैसी खूबसूरत बना दे ता है ...

पहले वो साडी या सलवार सूट ही पहनती थी ..

ुिक वो िकसी गाँव प रवेश से ही आई थी ं और उनका प रवार गरीब भी था ...

मगर अब जूली के साथ रहकर वो मॉडन कपडे पहनने लगी थी ं ..

और से ी मेकअप भी करने लगी ं थी ं...

कुल िमलाकर वो जबरद थी ं ...

21 of 29 02-09-2016 03:30
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उनके साथ आ वो िपछला िक ा मुझे हमेशा याद रहने वाला था ...

जब म जूली का िदया सामान दे ने उनके घर प ं चा तो दरवाजा ऐसे ही खुला था ...

ितवारी अंकल की हमेशा से आदत थी ...

जब वो आस पास कही ं जाते थे तब दरवाजा ह ा सा उरे क कर छोड़ दे ते थे ...

वैसे भी यहाँ कोई वाहर का तो आता नही ं था ...

और इस िब ं ग पर हमारे आखरी ैट थे ...

इसीिलए वो थोड़ा लापरवाह थे ...

उस िदन जैसे ही म रं जू भाभी को आवाज लगाने वाला था तो मने दे खा िक ..

रं जू भाभी अंदर वाले कमरे म ..बालकनी वाला दरवाजा खोले ...िजससे हलकी धूप कमरे म आ रही थी ...

केवल एक पेटकोट अपने सीने पर छाितयों के ऊपर बांधे ..अपने बालो को टॉवल से झटक रही ं ह ...

उनके बाल पूरे आगे उनके चेहरे को ढके थे ...

उनका पेटीकोट उनके िवशाल चूतड़ों से बस कुछ ही नीचे होगा ...

जो उनके झुके होने से थोड़ा थोड़ा िदखा रहा था ..

ऐसा दे खकर भी मेरे मन म कोई ादा रोमांच नही ं आया ...

ब डर लगा िक यार ..ये मने ा दे ख िलया ..अगर भाभी या अंकल िकसी ने भी मुझे ऐसे दे ख िलया तो ा होगा ..???

म वहां से जाने ही वाला था िक तभी.....

भाभी ने एक टॉवल को एक झटका िदया और उनका पेटीकोट शायद ढीला हो गया ...

मने साफ़ दे खा िक भाभी िक दोनों चूिचयाँ उछल कर बाहर िनकल आई ..

उनका पेटीकोट ढीला होकर उनके पेट तक आ गया था ...

अब इस ने मेरी जाने की इ ा को िवराम लगा िदया ...

उनके बार-बार टॉवल झटकने से उनके दोनों बॉल ऐसे उछल रहे थी ...

बस िदल कर रहा था को जाओ और उनको पकड़ लो ..

भाभी चाहे िकतनी भी से ी थी ..पर अंकल की बीवी यानी आं टी होने के नाते मने कभी उनको इस नजर से नही ं दे खा था ...

पर आज उनके नंगे अंग दे ख मेरी सरीफों वाली नजर भी बदल गई थी ...

शायद इसीिलए कहा जाता होगा िक आजकल लड़िकयों के इतने खुले व ों के कारण ही इतने ादा बला ार हो रहे ह ...

भाभी के उछलते म े मेरे को अपनी ओर आकिषत कर रहे थे ...

मगर मेरे ईमान मुझे रोके थे ...

मेरे इ ा और भी दे खने िक होने लगी ...

म सोचने लगा िक काश उनके ग े दार चूतड़ भी िदख जाय ..

और यहाँ भी भगवान से ाथना कर रहा था ...िक अंकल अभी वापस ना आएं ...

और शायद भगवान ने मेरी सुन ली ...

भाभी टॉवल को वहीँ ू ल पर रख ...

22 of 29 02-09-2016 03:30
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एक कोने पर रखे डे िसंग टे बल िक ओर जाने लगी ं ..

और जाते ए ही उ ोंने अपना पेटीकोट ..चूतड़ों से नीचे सरकाते ए..पूरा िनकाल िदया ...

उनकी पीठ मेरी ओर थी ...

पीछे से पूरी नंगी रं जू भाभी मुझे जानमा लग रही थी ...

उनकी नंगी गोरी पीठ और िवशाल गोल उठे ए चूतड़ गजब का था ...

उनके दोनों चूतड़ आपस म इस कदर िचपके थे िक जरा सा भी गैप नही ं िदख रहा था ...

िफर भाभी सीसे के सामने खड़ी हो अपने बाल ..कंघे से सही करने लगी ..

मुझे सीसे का जरा भी िह ा नही ं िदख रहा था ...

म सीसे से ही उनके आगे का भाग ..या यूँ कहो िक उनकी चूत को दे खना चाह रहा था ...

मगर मेरी िक त इतनी अ ी नही ं थी ...

भाभी ने वहीँ टे बल से उठा अपनी क ी पहन ली ..


और िफर ा भी ....

िफर वो घूम कर जैसे ही आगे बढ़ी ..उनकी नजर मुझ पर पड़ी ..

भाभी हाय राम कहते ए टॉवल उठा खुद को आगे से ढक लेती ह ...

म सॉरी बोल उनको सामान दे कर वापस आ जाता ँ ..

उस िदन के वािकये का कभी कोई िज नही ं आ था ...

बस जूली ने ही एक बार कुछ कहा था ..िजसका मेरे से कोई मतलब नही ं था ...

हाँ तो आज िफर दरवाजा खुला दे ख म अंदर चला गया ...

आज मेरे पास कोई वाहना नही ं था ... ना ही म उनको कुछ दे ने आया था ...

मगर मेरी िह त इतनी हो गई थी िक आज अगर भाभी वैसे िमली तो चाहे जो हो ..

आज तो पकड़ कर अपना ल ..पीछे से उसके चूतड़ों म डाल ही दू ं गा ...

यही सोचते ए म अंदर घुसा ..

बाहर कोई नही ं था ...इसका मतलब भाभी अंदर वाले कमरे म ही थी ..

और मने चुपके से अंदर वाले कमरे म झाँका ...

अह्हा ........

...........................

RE: मेरी बेकरार वीवी और म वे चारा पित - desiaks - 08-01-2016

भाभी ना दोनों कमरों म थी और ना बाथ म म ..

मने सब जगह दे ख िलया था ...

म बाहर वाले कमरे के साइड म दे खा वहां उनका िकिचन था ...

हो सकता है वो वहां हों ...

23 of 29 02-09-2016 03:30
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और मुझे भाभी जी िदख गई ....

सफ़ेद टाइट पजामी और शाट ैक कुत पहने वो िकिचन म काम कर रही थी ं..

कुत उनके चूतड़ों के आधे भाग पर िटकी थी ..

भाभी के चूतड़ इतने िवशाल और ऊपर को उठे ए थे िक कुत के वावजूद पूरे िदख रहे थे ...

भाभी की सफ़ेद पजामी उनके जाँघों और चूतड़ पर पूरी तरह से कसी ई थी ..

कुल िमलाकर भाभी बम लग रही थी ....

मने अपना बैग वहीँ कमरे म रखा ..

और पीछे से भाभी के पास प ं च गया ...

म अभी कुछ करने की सोच ही रहा था ..मने दे खा िक....

रं जू भाभी आटा गूंध रही थी...

उ ोंने शायद मुझे नही ं दे खा था ..और ना ही पहचाना था ...

पर शायद उनको एहसास हो गया था िक कोई है ..और वो उनके पित ..ितवारी अंकल ही हो सकते ह ...

वो िबना पीछे घूमे बोली ...

रं जू भाभी: अरे सुनो ..जरा मेरी पीठ म खुजली हो रही है ..जरा खुजा दो ...

वो एक हाथ से बालों को सही करते ए सीधे हाथ से आटा गूंधने म म थी ं ...

मने भी कुछ और ना सोचते ए उनके म बदन को छूने का मौका जाया नही ं िकया ...

रात अनु के साथ म ी करने के बाद मेरा अब सारा डर पहले ही ख़ हो गया था ..

भाभी को अगर बुरा लगा भी तो ा होगा ...


ादा से ादा वो जूली से ही कहगी ...
और मुझे प ा यकी ं था िक वो सब कुछ आराम से संभाल लेगी ..

मने भाभी िक टाइट कुत को उठाकर ..अपना हाथ अंदर को सरका िदया ...

वो सीधी हो खड़ी हो गई ..कुत आराम से उनके पेट तक ऊपर हो गई ...

मगर और ादा ऊपर नही ं ई .वो उनके चूची पर अटक गई थी ..

रं जू भाभी की सफ़ेद .. बाल रिहत िचकनी पीठ आधी नंगी मेरे सामने थी ...

म हाथ से सहलाने लगा ...

रं जू भाभी: अरे नाखून से खुजाओ न ...पसीने से पूरी पीठ म खुजली हो रही है ...

मन म सोचा की बोल दू ँ िक कुत उतार दो .. आराम से खुजा दे ता ँ ...

पर मेरी आवाज वो पहचान जाती ...इसिलए चुप रहा ...

मने हाथ कुत के अंदर तक घुसा कर ऊपर उनकी गदन और कंधो तक ले गया ...

अंदर कोई व नही ं था ...

वाओ रं जू भाभी ने ा भी नही ं पहनी थी ....


उनके म े नंगे ही होंगे ...

मन ने कहा अगर जरा से जोर लगाकर कुत ऊपर को सरकाऊ तो आज म े नंगे िदख जायगे ...

24 of 29 02-09-2016 03:30
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तभी मेरी नजर खुजाते ए ही नीचे िक ओर गई ..


सफेद टाइट पजामी इला क वाली थी ...
पजामी उनके चूतड़ के ऊपरी भाग तक ही थी ...
उनके चूतड़ के दोनों भाग का ऊपरी ग ा जहाँ से चूतड़ का कट शु होता है ..पजामी से बाहर नंगा था ..
और ब त से ी लग रहा था ...

म जरा पीछे खसका और पूरे चूतड़ का अवलोकन िकया ..

टाइट पजामी म कही ं भी मुझे पटी लाइन या क ी का कोई िनशान नही ं िदखा ...

इसका मतलब रं जू भाभी ने क ी भी नही ं पहनी थी ..

बस मेरा ल उनके चूतड़ के आकार को दे खते ही खड़ा हो गया ..

और मेरी िह त इतनी बढ़ गई ..
िक मने पीठ के िनचले भाग को सहलाते ए अपनी उँ गिलयाँ उनकी पजामी म घुसा दी ..

रं जू भाभी के नरम गो का एहसास होते ही ल बगावत करने को तैयार हो गया ...

ये मेरे िलए अ ा ही था िक भाभी ने एक बार भी पीछे मुड़कर नही ं दे खा ....

और भाभी भी लगता था िक हमेशा मूड म ही रहती थी ...

उ ोंने एक बार भी नही ं रोका ब ..बात भी ऐसी करी ..जो हमेशा से म चाहता था ...

रं जू भाभी: ओह आपसे तो एक काम बोलो ..आप अपना मौका ढू ं ढ लेते हो ...


ा आ ??? बड़ी ज ी आ गए आज जूली के यहाँ से ..
हा हा
ा आज कुछ दे खने को नही ं िमला ...
या रोिबन अभी घर पर ही था ...

ओह इसका मतलब रं जू भाभी सब जानती थी ..िक ितवारी अंकल मेरे यहाँ ों जाते थे ...
और वो वहां ा करते थे ...

मने कुछ ना बोलते ए ...अपना हाथ कसकर पूरा पजामी के अंदर घुसा िदया ..

और भाभी के एक चूतड़ को अपनी मु ी म लेकर कसके दबा िदया ...

् ह
रं जू भाभी: अह्हह ् ह
् ाआआआआ

मेरे सीधे हाथ िक छोटी ऊँगली चूतड़ के गैप म अंदर को घुस गई ...
और मुझे उनकी चूत के गीलेपन का भी पता चल गया ...

मने छोटी ऊँगली को उनकी चूत के ऊपर कुरे दते ए िहलाया ..

भाभी ने कसकर अपने चूतड़ों को िहलाया ...

रं जू भाभी: ओह ा करने लगे सुबह सुबह ...िफर पूरा िदन बेकार हो जायेगा ..
ा िफर जूली को नंगा दे ख आये ..जो हरकत शु कर दी ...

बस मने जोश म आकर अपने बाएं हाथ से उनकी पजामी की इला क को नीचे सरकाया .
और पजामी दोनों हाथ से पकड़ उनके चूतड़ों से नीचे सरका िदया ..

उ ोंने अपनी कमर को िहला ब त ह ा सा िवरोध िकया ...पर उनके हाथ आटे से सने थे ..इसिलए अपने हाथ नही ं लगाये ..

पर कमर िहलाने से आसानी से उनकी पजामी चूतड़ से नीचे उतर गई ...

अब उनके सबसे से ी चूतड़ मेरे सामने नंगे थे ...

दोनों चूतड़ एक तो सफ़ेद ..गुलाबी रं गत िलए ...गोलाई आकार िलए ए ..एक दू जे से िचपके ..मनमोहक ुत कर रहे थे ...

मने एक हलकी से चपत लगा दोनों को िहलाया ..


और दोनों हाथों से दोनों चूतड़ों को अपनी मु ी म भर िलया ...

25 of 29 02-09-2016 03:30
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तभी ....

रं जू भाभी:......
अर ईईईईए आर र् र एे े े े◌े े े रोिबन जी आअप पपपप
इइइइइइइ

..........
......................

RE: मेरी बेकरार वीवी और म वे चारा पित - desiaks - 08-01-2016

िजसका सपना काफी समय से दे ख रहा था ..

आज वो पूरा होता नजर आ रहा था ...

ये सब गदराये अंग मने कुछ समय पहले भी नंगे दे खे थे ....

मगर कुछ दू री से दे खा ... वो भी कुछ पल के िलए ..

तो कुछ ठीक से िदखाई नही ं दे ता ... पर इस समय सभी मेरी आँ खों के सामने नंगा था ...

व मेरे हाथो के नीचे था...म इन सबको छू रहा था मसल रहा था ...

म अपनी िक त पर नाज कर रहा था ...

िक कल रात एक कुआं री कली पूरी नंगी मेरे वाहों म थी ...

और आज एक अनुभवी से ी से म खेल रहा था ...

एक मुझसे ब त छोटी थी ... से से िबलकुल अनजान .. केवल खेल समझने वाली ...

और ये मुझसे बड़ी ...से की दे वी ... से को पढ़ाने और िसखाने वाली ..

रं जू भाभी की कुत उनके छाती तक उठी थी ...


और उनकी पजामी मने चूतड़ों से खसककर काफी नीचे कर दी थी ...

उ ोंने ा , क ी कुछ भी नही ं पहनी थी ...


उनका लगभग नंगा िज मचल रहा था ...

और जवानी को िजतना तड़पाओ उतना मजा आता है .

मने भाभी के दोनों चूतड़ अ ी तरह मसल रहा था ..

रं जू भाभी: ओह रोिबन तुम कब आ गए ...आहहाआ और ये ा कर रहे हो ..


दे खो अभी छोड़ दो .. ये कभी भी आ सकते ह ..

उ ोंने खुद को छु ड़ाने का जरा भी यास नही ं िकया ...

व और भी से ी तरीके से चूतड़ िहला िहला कर मुझे रोमांिचत कर रही थी ं ...

मने एक हाथ उनकी पीठ पर रख उनको झुकने का इशारा िकया...

वो वाकई ब त अनुभवी थी ...

मेरे उनकी नंगी कमर पर हाथ रखते ही वो समझ गई ..

रं जू भाभी अपने आप िकिचन की ैप पर हाथ रख ..अपने चूतड़ों को ऊपर को उठा .. झुक जाती है ..

उ ोंने ब त से ी पोज़ बना िलया था ...

म नीचे उकड़ू बैठ ..उनके चूतड़ों के दोनों भाग ..अपने हाथों से फैला लेता ँ ...

26 of 29 02-09-2016 03:30
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और अब उनके दोनों ग के ार मेरे सामने थे ...

वाओ भाभी ने भी अपने को िकतना साफ़ रखा था ..


कोई नही ं कह सकता था की उनकी आयु ३५ साल हो गई है ...

उनके दोनों छे द बता रहे थे की वो चुदी तो ब त है ..


उनकी चूत अंदर तक की लाली िदखा रही थी ..
और गांड का छे द भी कुछ फैला सा था ..
मगर उ ोंने अपना पूरा छे ब त िचकना और साफ़ सुथरा िकया आ था ...

मेरी जीभ इतने ारे को केवल दू र से दे खकर ही संतु नही ं हो सकती थी ...

मने अपने थूक को गटका ..और अपनी जीभ र ु भाभी की चूत पर रख दी ...

मने कई गरम गरम चु े उनकी चूत और गांड के छे द पर िकये ...

िफर अपनी जीभ िनकाल कर दोनों छे दों को बारी बारी चाटने लगा ...

और कभी कभी अपनी जीभ उनकी चूत के छे द म भी घुसा दे ता था ...

भाभी म ी म आह और िस ा रया ले रही थी ..

रं जू भाभी: अह्हह ् ह
् ह
् ह
् ह
् ह
् ह
् ह
् ाआआआआ आए ओओओओ ह्हह
् ह
् ह
् ह
् ह
् ह
् ह
् ह
् आहा आउच अह्हा अह्हह
् यह ह्हह
् ह
् ह
् आअह
ओह्हह ् ह
् ह
् ह
् ह
् माआअ आआ इइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइइ उउउ

ना जाने िकतनी तरह की आवाज उनके मुह से िनकल रही थी ं ...

उनके घर का दरवाजा . मैन गेट से लेकर यहाँ िकिचन तक सब पुरे खुले थे ..

मुझे भी कुछ याद नही ं था ...

म तो उनके नंगे म ही पागल हो गया था ...

अब मने उनकी पजामी को नीचे उतारते ए भाभी के गोरे पैरों के पंजों तक ले आया ..

उ ोंने मु ु राते ए पैर उठाकर पजामी को पूरा अलग कर िदया ...

अब वो मेरी और घूमकर ..
िकिचन िक ैप पर बैठ जाती ह ..
रं जू भाभी अपना बायाँ पैर उठाकर ैप पर रख लेती ह ..

इस अव था म उनकी चूत पूरी तरह खलकर सामने आ जाती है ..

म उकड़ू बैठा बैठा आगे को खसक उनकी चूत को अपने हाथ से सहलाता ँ ....

चूत उनके पानी और मेरे थूक से पूरी गीली थी ...

म उनके चूत के दाने को छे ड़ता ँ ...

् ह
रं जू भाभी: आह्हह ् ाआआ खा जा इसे ... ओह
वो मेरे बाल पकड़ मेरे सर को िफर से चूत पर लगती ह ..

म एक बार िफर उनकी चूत चाटने लगता ँ ...

पर मुझे समय का ान था ..

और म आज ही सब कुछ कर मौका अपने हाथ म रखना चाह रहा था ..

मेरा ल भी कल से ासा था ...

उसमे एक अलग ही तड़फ थी ..

27 of 29 02-09-2016 03:30
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कल उसे चूत तो िमली थी ...पर वो उसम जा नही ं पाया था ...

और आज एक प रप चूत अपना मुख खोले िनम रं दे रही है ....

म आज कोई मौका खोना नही ं चाहता था ...

म खड़ा आ ..और मने पट की चैन खोल अपने ल को आज़ाद िकया ...

ल सुपाड़ा बाहर िनकाले चूत को दे ख रहा था ...

भाभी भी आँ खे म लाली िलए ल को घूर रही थी ं ..

उ ोंने हाथ बढ़ाकर खुद ही ल को पकड़ िलया ..

रं जू भाभी अब िकसी भी बात को मना करने की थित म नही ं थी ं ...

म आगे को आ ..

ल ठीक चूत के मुह पर िटक गया ...

िकतनी ारी पोजीशन बनी ...

मुझे जरा सा भी ऊपर या नीचे नही ं होना पड़ा ..

भाभी ने खुद ल अपने चूत पर सही जगह िटका िदया ..

म भी दे र करने के मूड म नही ं था ..

मने कसकर एक जोर सा ध ा मारा ..

ऊऊर् र आऊऊऊर् र और ..

धाआआआ ् ् ् ्

की आवाज के साथ ल अंदर .....

मने कमर पर जोर लगाते ए ही पूरा ल अंदर तक सरका िदया ...

चूत की गम और िचकनाहट ने मेरा काम ब त आसान कर िदया था ...

अब मेरा पूरा ल चूत के अंदर था ...

म ब त आराम से खड़ी पोजीशन म था ...

मने तेजी से ध े दे ने शु कर िदए थे ...

रं जू भाभी ब त बेकरार थी ..

उ ोंने खुद अपनी कुत अपनी चूिचयों से ऊपर कर अपनी मदम चूची नंगी कर दी थी ं ..

और उनको अपने हाथ से मसल रही थी ..

म उनकी मनसा समझ गया ..

मने अपने हाथ उनकी मुलायम चूची पर रख उनका काम खुद करने लगा ..

मेरे कठोर हाथो म मुलायम चूची का अकार पल ितपल बदलने लगा ....

् ह
रं जू भाभी : अह्हह ् ाआ ज ी करो ... रोिबन ..तु ारे अंकल आ गये तो मुझे मार ही डालगे ..

् ह
म: अऊ ओह ह्हह ् ह
् ह
् अरे कुछ नही ं होगा ...वो वहां जूली के साथ ह ...

् ाआ हाँ पर वो कभी भी आ सकते ह ..


रं जू भाभी: अह्हह

28 of 29 02-09-2016 03:30
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म: अरे आने दो ..वो भी तो जूली से मजे ले रहे ह ...

रं जू भाभी: अरे नहीईईईईईईईईई वो तो केवल दे खे ह ...


मगर मुझे ब त चाहते ह ...
इस तरह चुदते दे ख मार ही डालगे ...

म: ा कह रही हो भाभी ... ??? ा वो जूली को नही ं चोदते...

रं जू भाभी: नही ं पागल ...उ ोंने केवल उसको नंगा दे खा है ..


जैसा तूने मुझे दे खा था ...
मने उनको बता िदया था ..
तो उ ोंने भी मुझे बता िदया ...ब ् ्

म: अरे नही ं भाभी ...आप को कुछ नही ं पता ... उन दोनों म और भी ब त कुछ हो चुका है ..

रं जू भाभी: तू पागल है ...अह्हह ् ाआ अहा ... कुछ नही ं आ ... और वो अब िकसी लायक भी नही ं ह ...
उनका तो ठीक से खड़ा भी नही ं होता ..
ओह उ ् और तेज अहा
मजा आ गया
कुछ मत बोल अह्हह ् ह
् ह्हह
् ह
् ह्ह
आज ब त िदनों बाद ....अह्हह ् ह्हह
् ह

मेरे को करार आया है ...

म: िचंता मत करो भाभी ... अब जब आप चाहो ..


ये ल ् ह
तु ारा ही है ...ओह ह्हह ् ह
् ह
् ह

् ह
रं जू भाभी: अह्हह ् ाआआआ ह्हह ्
वैसे शक तो मुझे भी है ....िक ये जूली के यहाँ कुछ ादा ही रहने लगे ह ...
तू अह्हह् ह
् ाआ ह्हह् अह्हा
अब म ान रखूंगी ..
और करने दे उनको ..
तेरे िलए म ँ ना अब ...
इसको तो तू ही ठं डा कर सकता है ...

म: अह्हह ् अह्हह ् ह
् ह
् ह
् ह
् ह
् ह
् ह
् ह

हाँ भाभी मने दोनों को िचपके और चूमते सब दे खा था ...
जूली अंकल का ल भी सहला रही थी ...
अह्हह् ह
् ह
् ह
् ह
् ह
् ह
् ह
् ाआआआआ

रं जू भाभी: हाँ एक बार मने भी दे खा था ...


हाआआआअह्हह्हह

म: ाआआआआआ बताओ न ...

रं जू भाभी : हाँ अह्हह ् ह् ाआ हां


अह्हह ् ह
् ह
् ह
् ह
् ह
् ह
् ह ् ्उ
् ह ्
मजा आ रहा है ....
अह्हह ् ओ ओ ह्हह ् ह
् ह् ह् ह
् ह
् ह
् ह
् ह् ह

उ उ उउउउउ

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29 of 29 02-09-2016 03:30

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