2. गिल्लू Q, Ans

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गिल्लू ( प्रश्न उत्तर )

1. सोनजुही में लगी पीली कली को दे ख लेखखका के मन में कौन से विचार उमड़ने लगे?
उत्तर -सोनजुही में लगी पीली कली को दे खकर लेखखका को वगलहरी की याद आ गई, वजसे िह वगल्लू
कहती थीीं।

2. पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादररत और अनादररत प्राणी क्ोीं कहा गया है ?
उत्तर - कौए को सम्मान इसवलए वदया जाता है क्ोींवक िह मे हमानोीं के आने की सू चना दे ता है | वपतृपक्ष
में लोग उसे आदर से बुलाकर भोजन दे ते हैं ,क्ोींवक ऐसा मानना है वक हमारे पूिवज हमसे कौए के रूप में
वमलने आते हैं । कौए का अनादर इसवलए वकया जाता है क्ोींवक इसकी आिाज़ बहुत कड़िी होती है ।

3. वगलहरी के घायल बच्चे का उपचार वकस प्रकार वकया गया ?


उत्तर - लेखखका वगलहरी के घायल बच्चे को उठाकर अपने कमरे में ले आई, उसके घािोीं को गीली रूई से
साफ़ वकया, उस पर पेंवसवलन का मलहम लगाया | विर उसके मुुँह में दू ध डालने की कोविि की परन्तु
उसका मुुँह खुल नहीीं सका। कई घींटे के उपचार के बाद उसने एक बूुँद दू ध वपया |

4. लेखखका का ध्यान आकवषवत करने के वलए वगल्लू क्ा करता था?


उत्तर - लेखखका का ध्यान आकवषवत करने के वलए वगल्लू उसके पैरोीं के पास आकर खेलता और विर पदे
पर चढ़ जाता विर उसी ते ज़ी से उतरता । िह इसी तरह भाग- दौड़ करता रहता, जब तक लेखखका उसे न
पकड़ लेती।

5. वगल्लू को मुक्त करने की आिश्यकता क्ोीं समझी गई और उसके वलए लेखखका ने क्ा उपाय वकया?
उत्तर - बाहर की वगलहररयाुँ खखड़की की जाली के पास बैठ कर वचक् वचक् करतीीं । उन्हें दे खकर वगल्लू
भी उनके पास आकर बैठ जाता, उसको इस तरह बाहर दे खता हुआ दे खकर लेखखका ने उसे मुक्त
करना आिश्यक समझा । लेखखका ने खखड़की की जाली का एक कोना खोल वदया वजससे वगल्लू बाहर आ
जा सके।

6. वगल्लू की वकन चेष्टाओीं से यह आभास वमलने लगा था वक अब उसका अींत समय समीप है ?
उत्तर वगल्लू ने वदन भर कुछ भी नहीीं खाया, न बाहर गया | िह झूले से उतरकर लेखखका के वबस्तर पर आ
गया और अपने ठीं डे पींजोीं से लेखखका की उसी उुँ गली पकडा , वजसे पकडकर िह पहली बार खड़ा हुआ
था । इन्हीीं चेष्टाओीं से आभास वमलने लगा वक अब उसका अींत समय समीप है ।
7. सोनजुही की लता के नीचे बनी वगल्लू की समावध से लेखखका के मन में वकस विश्वास का जन्म होता है ?

उत्तर - सोनजुही की लता के नीचे वगल्लू की समावध बनाई गई क्ोींवक यह लता वगल्लू को बहुत पसींद थी
और साथ ही लेखखका को विश्वास था वक वगल्लू वकसी वदन सोनजुही के पीले िूल के रूप में िापस आएगा

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