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Aaru Hindi Language Definitition
Aaru Hindi Language Definitition
Aaru Hindi Language Definitition
अपने विचारों को बोलकर और सुनकर प्रकट करने का माध्यम को मौखिक भाषा कहते हैं |
अपने विचारों को ललखकर और पढ़कर प्रकट करने का माध्यम को लिखित भाषा कहते हैं |
भाषा जिन ध्िनन चचहनों से ललखी िाती है, उसे लिपि कहते हैं |
भाषा को शद
ु ध रूप में पढ़ना, ललखना और बोलना के माध्यम को व्याकरण कहते हैं |
मौखखक भाषा के सबसे छोटी इकाई को ध्वनि कहते हैं |
ध्िनन का मल
ू रूप को वणण कहते हैं |
िर्णों के समह
ू को वणणमािा कहते हैं |
जिस िर्णण का उच्चारर्ण ककसी की सहायता से नहीीं होती हैं, उससे स्वर कहते हैं |
जिस िर्णण का उच्चारर्ण स्िर की सहायता से होती हैं, उससे व्यंजि कहते हैं |
जिस व्यींिन दो व्यींिनों का योग से होता है, उसे संयक्त व्यंजि कहते हैं |
स्िर का मल
ू रूप को मात्रा कहते हैं |
िर्णों का सार्णक मेल को शब्द कहते हैं |
शब्दों का सार्णक मेल को वाक्य कहते हैं |
िाक्य में जिसके विषय में कहा गया है , उसे उद्दे ष्य कहते हैं |
िाक्य में उद्दे ष्य के विषय में िो कहा गया है, उसे पवधेय कहते हैं |
ककसी व्यजक्त, िास्त,ु स्र्ान, अर्िा भाि के नाम को संज्ञा कहते हैं |
जिस शब्द से ककसी विशेष व्यजक्त, िस्त,ु स्र्ान पता चलता है , उसे व्यक्क्तवाचक सींज्ञा कहते
हैं |
जिस शब्द से ककसी िानत या समह
ू का पता चलता है , उसे जानतवाचक सींज्ञा कहते हैं|
जिस शब्द से ककसी गर्ण
ु , दशा, या भाि का पता चलता है , उसे भाववाचक सींज्ञा कहते हैं|
शब्द के जिस रूप से एक या अनेक होने का पता चलता है उसे वचि कहते हैं |
शब्द के जिस रूप से एक होने का पता चलता है उसे एकवचि कहते हैं |
शब्द के जिस रूप से अनेक होने का पता चलता है उसे वहुवचि कहते हैं |
शब्द के जिस रूप से पुरुष या स्री होने का पता चलता है उसे लिंग कहते हैं |
शब्द के जिस रूप से स्री होने का पता चलता है उसे स्त्रीलिंग कहते हैं |
शब्द के जिस रूप से परु
ु ष होने का पता चलता है उसे िक्ु ्िंग कहते हैं |