बाल महाभारत- सम्पूर्ण प्रश्नोत्तर-VII

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1.

महाभारत कथा

ऩौयाणणक- फहुत प्राचीन। कुटिर- दष्ु ि। वैयबाव- दश्ु भनी। अऻातवास- छिऩकय यहना।

1. भहाबायत कथा के यचनाकाय का नाभ फताओ।


उत्तय- भहाबायत कथा भहर्षि ऩयाशय के ऩत्र
ु व्मास भछु न द्वाया लरखी गई।
2. ऩाॊडु की ककतनी याछनमाॊ थी?
उत्तय- ऩाॊडू की दो याछनमाॊ थी कॊु ती एवॊ भाद्री।
3. कॊु ती औय भाद्री के ऩत्र
ु ों के नाभ लरणखए।
उत्तय- कॊु ती ने मधु धष्ष्िय बीभ अर्न
ुि को र्न्भ टदमा नकुर औय सहदे व की भाॊ भाद्री थी।
4. धत
ृ याष्र के ककतने ऩत्र
ु थे ? उनके सफसे फडे ऩत्र
ु का क्मा नाभ था?
उत्तय- धत
ृ याष्र के 100 ऩत्र
ु थे र्ो कौयव कहराए । उनके सफसे फडे ऩत्र
ु का नाभ दम
ु ोधन था।
5. कौयवों औय ऩाॊडवों को कहाॊ का याज्म लभरा था?
उत्तय- सभझौते के अनस
ु ाय कौयव हष्ततनाऩयु के यार्ा फने औय ऩाॊडवों का इॊद्रप्रतथ (वतिभान टदल्री) का याज्म
लभरा।
6. ऩाॊडवों के फाद याज्म का उत्तयाधधकायी कौन फना?
उत्तय- ऩाॊडवों के फाद याज्म का उत्तयाधधकायी उनका ऩौत्र (ऩोता) ऩयीक्षऺत फना।

2. दे वव्रत

भोह लरमा- आकर्षित ककमा। ऺोब का ऩायावाय- अत्मधधक क्रोधधत होना। प्रचण्ड- तेर्। घणृ णत- नपयत के मोग्म।

1 शाॊतनु कहाॊ के यार्ा थे ? उन्होंने ककसी मव


ु ती के सभऺ र्ववाह का प्रतताव यखा?
उत्तय- शाॊतनु हष्ततनाऩयु के यार्ा थे। उन्होंने गॊगा नाभ की मव
ु ती के रूऩ सौंदमि ऩय भग्ु ध होकय उसके सभऺ र्ववाह
का प्रतताव यखा।
2. गॊगा ने ककतने ऩत्र
ु ों को नदी की फहती धाया भें पेंक टदमा था?
उत्तय- गॊगा ने अऩने साथ ऩत्र
ु ों को ऩैदा होते ही नदी की धाया भें पेंक टदमा था।
3. शाॊतनु के ऩत्र
ु का क्मा नाभ था?
उत्तय- दे वव्रत।

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3. भीष्म प्रततऻा

प्रपुष्ल्रत- प्रसन्न। तरुणी- मव


ु ती। नागवाय- अनधु चत। कुशाग्र- तेर्। सायथी- यथ चराने वारा। नाती- ऩत्र
ु ी का
ऩत्र
ु ।

1 सत्मवती ने शाॊतनु को र्ववाह हे तु ककस की अनभ


ु छत रेने को कहा?
उत्तय- सत्मवती के र्ऩता से।
2. दे वव्रत ककस प्रछतऻा के कायण बीष्भ कहराए?
उत्तय- र्ीवन बय र्ववाह न कयने का आर्न्भ ब्रह्भचायी यहने की बमॊकय प्रछतऻा के कायण दे वव्रत बीष्भ चराएॊ औय
इसी नाभ से प्रलसद्ध हुए।
3. सत्मवती से शाॊतनु को ककतने ऩत्र
ु प्राप्त हुए? उनके नाभ फताइए।
उत्तय- सत्मवती से शाॊतनु के दो ऩत्र
ु हुए धचत्राॊगद औय र्वधचत्रवीमि।
4. शाॊतनु के फाद हष्ततनाऩयु के लसॊहासन ऩय कौन फैिा?
उत्तय- शाॊतनु ऩत्र
ु धचत्राॊगद।

4. अम्बा और भीष्म

तवेच्िाचायी- इच्िा अनस


ु ाय व्मवहाय कयने वारा। अनयु क्त- आसक्त। गाॊगेम- गॊगा ऩत्र
ु बीष्भ। दमाद्रि- करुणा
मक्
ु त।

प्रश्न 1. काशीयार् की कन्माओॊ के तवमॊवय भें बीष्भ ककस उद्देश्म से गए थे?


उत्तय- बीष्भ अऩने िोिे बाई र्वधचत्रवीमि के लरए कन्माओॊ का अऩहयण कयने गए थे। उस कार भें ऺत्रत्रमों द्वाया
अऩहयण कयके ककमा गमा र्ववाह श्रेष्ि भाना र्ाता था।
प्रश्न 2. अॊफा ने एकाॊत भें बीष्भ से क्मा कहा?
उत्तय- अॊफा ने बीष्भ से कहा- गाॊगेम भैं सौबदे श के नये श शाल्व को भन ही भन अऩना ऩछत भान चक
ु ी हूॊ। इस ष्तथछत
भें आऩ भेये र्वषम भें उधचत छनणिम रे।
प्रश्न 3. तऩतवी ब्राह्भणों ने अॊफा को क्मा सराह दी?
उत्तय-तऩष्तवमों ने कहा-"फेिी, तभ
ु ऩयशयु ाभ के ऩास र्ाओ| वे तम्
ु हायी इच्िा अवश्म ऩयू ी कयें गे।" तफ ऋर्षमों की
सराह ऩय अॊफा ऩयशयु ाभ के ऩास गई।
प्रश्न 4. मद्ध
ु भें कोई छनणिम न हो ऩाने के फाद ऩयशयु ाभ र्ी ने अॊफा से क्मा कहा?
उत्तय-ऩयशयु ाभ ने अॊफा से कहा- " र्ो कुि भेये वश भें था, कय चुका। अफ तम्
ु हाये लरए मही उधचत है कक तभ
ु बीष्भ की
ही शयण रो।"
प्रश्न 5. बीष्भ र्ऩताभह ने लशखॊडी के साथ मद्ध
ु क्मों नहीॊ ककमा?
उत्तय- बीष्भ र्ऩताभह ने लशखॊडी के साथ मद्ध
ु नहीॊ ककमा क्मोंकक वे र्ानते थे कक लशखॊडी ही अॊफा है ।

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5. ववदरु

प्रख्मात- प्रलसद्ध। अथाह- अऩाय, ष्र्सकी गहयाई का ऩता ना हो। छनतऩह


ृ - त्रफना ककसी रोब मा रारच का। गाॊधायी-
दम
ु ोधन की भाता अनयु ोध- आग्रह।रोक छनॊदा- सभार् भें होने वारी फयु ाई।णखन्न- द्ु खी।सष
ु भा- सौंदमि।िर प्रऩॊच-
धोखाधडी।

प्रश्न 1. र्वदयु कौन थे?


उत्तय- र्वदयु र्वधचत्रवीमि की यानी अॊफालरका की दासी के ऩत्र
ु थे।
प्रश्न 2. र्वदयु ककस ऺेत्र के र्वद्वान थे?
उत्तय- र्वदयु धभिशातत्र व यार्नीछत के र्वद्वान थे। र्वदयु -नीछत उनका प्रलसद्ध ग्रॊथ है ।
प्रश्न 3. धत
ृ याष्र के महाॉ र्वदयु ककस ऩद ऩय थे?
उतय- र्वदयु धत
ृ याष्र के प्रधानभॊत्री थे।
प्रश्न 4. मधु धष्ष्िय ने र्वदयु की सराह को सन
ु ने के फाद र्वदयु को क्मा उत्तय टदमा?
उत्तय- मधु धष्ष्िय ने र्वदयु से कहा कक एक तो भैं भहायार् धत
ृ याष्र की आऻा का उल्रॊघन नहीॊ कय सकता औय दस
ू या
मद्ध
ु मा खेर की चुनौती को अतवीकाय कयना ऺत्रत्रम-धभि के र्वरुद्ध है ।

6. कुंु ती

रोक छनॊदा- सभार् भें होने वारी फयु ाई। दॊ ऩष्त्त- ऩछत ऩत्नी। णखन्न- दख
ु ी। सष
ु भा- सौंदमि।

प्रश्न 1. ऩथ
ृ ा ककसकी ऩत्र
ु ी थी?
उत्तय-ऩथ
ृ ा मदव
ु श
ॊ के प्रलसद्ध यार्ा शयू सेन की ऩत्र
ु ी थी।
प्रश्न 2. ऩथ
ृ ा का नाभ कॊु ती कैसे ऩडा?
उत्तय-ऩथ
ृ ा के र्ऩता शयू सेन ने अऩने पुपेये बाई कॊु छतबोर् को वचन टदमा था कक अऩनी ऩहरी सॊतान उसे गोद दे
दे गा। अत: कॊु तीबोर् के महाॉ ऩहुॉचने ऩय ऩथ
ृ ा का नाभ कॊु ती ऩड गमा।
प्रश्न 3. सम
ू ि के सॊमोग से उत्ऩन्न फारक का कॊु ती ने क्मा ककमा?
उत्तय- सम
ू ि के सॊमोग से उत्ऩन्न फारक को कॊु ती ने रोक-रार् के डय से एक ऩेिी भें फडी सावधानी के साथ फॊद कयके
गॊगा भें फहा टदमा।
प्रश्न 4. कणि का रारन-ऩारन ककसने ककमा?
उत्तय- सम
ू -ि ऩत्र
ु कणि का रारन-ऩारन अधधयथ नाभ के सायथी ने ककमा।
प्रश्न 5. ऩाॊडु की ऩष्त्नमों के नाभ फताइए।
उत्तय-ऩाॊडु की दो ऩत्नी थीॊ-कॊु ती व भाद्री।
प्रश्न 6. भाद्री ऩछत के साथ सती क्मों हो गई?
उत्तय- भाद्री तवमॊ को ऩछत की भत्ृ मु का कायण भानती थी इसलरए वह ऩछत के साथ सती हो गई।

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7. भीम

द्वेष बाव- ईष्माि की बावना। काभ तभाभ होना- भयना। उत्तेष्र्त- क्रोधधत।

प्रश्न 1. दम
ु ोधन बीभ से वैयबाव क्मों यखता था?
उत्तय-दम
ु ोधन के बीभ के प्रछत वैयबाव के छनम्न कायण थे-
•खेरों भें बीभ दम
ु ोधन व उसके बाइमों को खूफ तॊग ककमा कयता था।
•अतत्र-र्वद्मा व अन्म र्वद्माओॊ भें ऩाॊडव कौयवों से आगे यहते थे।
•दम
ु ोधन सोचता था कक बीभ के भयने ऩय मधु धष्ष्िय व अर्न
ुि आटद को कैद कयके फॊदी फना रेंगे औय साये याज्म ऩय
अऩना अधधकाय हो र्ाएगा।
प्रश्न 2. बीभ को भायने की दम
ु ोधन ने क्मा मोर्ना फनाई?
उत्तय-दम
ु ोधन ने ऩाॊडवों को र्र-क्रीडा का न्मोता टदमा। खेरने व तैयने से थकने के फाद सबी को बोर्न कयामा गमा।
दम
ु ोधन ने चाराकी से बीभ के बोर्न भें र्वष लभरा टदमा। बोर्न कयके सफ अऩने डेयों भें सोने के लरए चरे गए ककॊ तु
बीभ र्वष के प्रबाव से गॊगा-ति ऩय ये त भें धगय गमा। ऐसी हारत भें दम
ु ोधन ने बीभ के हाथ-ऩैय फाॊधकय उसे गॊगा भें
फहा टदमा।
प्रश्न 3. कॊु ती को अॊदय ही अॊदय क्मा धचॊता सता यही थी?
उत्तय-कॊु ती को अॊदय ही अॊदय मह धचॊता सता यही थी कक दम
ु ोधन उसके ऩाॊडवों को ककसी प्रकाय का दख
ु ने ऩहुॊचाए।

8. कर्ण

छनऩण
ु ता- कुशरता। प्रछततऩधाि- प्रछतमोधगता। खभ िोकना- र्ोश के साथ उऩष्तथत होना। तऩाक से- अचानक से।
डडॊगे भायना- फडी फडी फातें कयना। एन वक्त ऩय- सभम आने ऩय अचानक। दे हावसान- भत्ृ म।ु

प्रश्न 1. ऩाॊडवों ने अतत्र शतत्र की लशऺा ककससे प्राप्त की?


उत्तय- ऩाॊडवों ने ऩहरे कृऩाचामि से औय फाद भें द्रोणाचामि से अतत्र-शतत्र की लशऺा ऩाई।
प्रश्न 2. अर्न
ुि ककस ऺेत्र भें अद्र्वतीम था?
उत्तय- तीय चराने अथाित धनष
ु र्वद्मा भें अर्न
ुि अद्र्वतीम था ।
प्रश्न 3. कणि को फेखकय कुती क्मों भष्ू च्ित सी हो गई थी?
उत्तय- कॊु ती ने कणि को ऩहचान लरमा था। आर् उसके ही दो ऩत्र
ु एक-दस
ू ये को चुनौती दे यहे थे। कॊु ती रोक रज्र्ा
के बम से मह नहीॊ कह ऩा यही थी कक कणि भेया ऩत्र
ु है । ऐसी ष्तथछत भें उसका भछू िि त-सी हो र्ाना तवाबार्वक था।
प्रश्न 4. इॊद्र ने कणि से क्मा लबऺा भाॉगी औय क्मों?
उत्तय- इॊद्र ने अर्न
ुि को र्वऩष्त्त से फचाने के लरए कणि से उसके र्न्भर्ात कवच औय कॊु डरों की लबऺा भाॉगी थी।
प्रश्न 5. कणि ने दे वयार् से वयदान के सॊफध
ॊ भें क्मा कहा?

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उत्तय- कणि ने दे वयार् से कहा-" आऩ प्रसन्न हैं, तो शत्रओ
ु ॊ का सॊहाय कयने वारा अऩना 'शष्क्त' नाभक शतत्र भझ

प्रदान कयें !
प्रश्न 6. कणि ने ऩयशयु ाभ र्ी के साथ क्मा िर ककमा?
उत्तय- ऩयशयु ाभ र्ी से ब्रह्भातत्र सीखने की इच्िा से कणि उनके ऩास ब्राह्भण के वेष भें गमा औय प्राथिना की कक उसे
लशष्म तवीकाय कयने की कृऩा कयें । ऩयशयु ाभ र्ी ने उसे ब्राह्भण सभझकय लशष्म फना लरमा। इस प्रकाय िर से कणि
ने ब्रह्भातत्र चराना सीख लरमा।
प्रश्न 7. कणि की भत्ृ मु कैसे हुई?
उत्तय- अर्न
ुि से मद्ध
ु कयते सभम र्फ शाऩवश कणि के यथ का ऩटहमा र्भीन भें धॊस गमा औय वह धनष
ु -फाण यखकय
र्भीन भें धॊसा हुआ ऩटहमा छनकारने का प्रमत्न कयने रगा, तबी अर्न
ुि ने उस भहायथी ऩय प्रहाय ककमा औय वह मद्ध

भें वीयगछत को प्राप्त हो गमा।

9. द्रोर्ाचायण

फारऩन- फचऩन।सज्र्नोधचत- सज्र्न की तयह उधचत।दरयद्र- गयीफ।अलबभानी- घभॊडी।सीॊक- छतनका।भद-


नशा।अर्ेम- र्ो कबी ना हाया हो

प्रश्न 1. द्रोण औय द्रऩ


ु द की लभत्रता कैसे हुई थी?
उत्तय- द्रऩ
ु द ने द्रोण के र्ऩता बयद्वार् के आश्रभ भें ही लशऺा प्राप्त की थी। वहाॉ मे दोनों सहऩािी श्रे। अत: दोनों की
लभत्रता हो गई।
प्रश्न 2. द्रोण ऩयशयु ाभ के ऩास क्मों गए?
उत्तय- र्फ द्रोण को मह ऩता चरा कक ऩयशयु ाभ अऩनी सायी सॊऩष्त्त गयीफों भें फाॉि यहे हैं तो वे बी कुि ऩाने की इच्िा
से ऩयशयु ाभ के ऩास गए।
प्रश्न 3. गें द छनकारने के फदरे भें मधु धष्ष्िय ने कृष्ण वणि ब्राह्भण से क्मा दे ने की फात कही थी?
उत्तय- मधु धष्ष्िय ने हॉसते हुए कहा था-"ब्राह्भण श्रेष्ि! आऩ गें द छनकार दें ग,े तो कृऩाचामि के घय आऩकी फट़िमा
दावत कयें गे।"
प्रश्न 4. द्रोण ने कुएॉ से गें द ककस प्रकाय छनकारी?
उत्तय-"द्रोणाचामि ने ऩास भें ऩडी हुई सीॊक उिा री औय उसे ऩानी भें पेंका। सीॊक गें द को ऐसे र्ाकय रगी. र्ैसे तीय
औय कपय इस तयह रगाताय कई सीॊकें वे कुएॉ भें डारते गए। सीॊकें एक-दस
ू ये के लसये से धचऩकती गईं। र्फ आणखयी
सीॊक का लसया कुएॉ के फाहय तक ऩहुॉच गमा, तो द्रोणाचामि ने उसे ऩकडकय खीॊच लरमा औय गें द छनकर आई।"
प्रश्न 5. द्रोण से फदरा रेने के लरए द्रऩ
ु द ने क्मा ककमा?
उत्तय-द्रोण से फदरा रेने के लरए द्रऩ
ु द ने कटिन तऩ व व्रत के द्वाया एक ऩत्र
ु व ऩत्र
ु ी प्राप्त की। द्रऩ
ु द की इच्िा थी कक
अर्न
ुि र्ाभाता रूऩ भें लभरे औय भेया ऩत्र
ु द्रोण को भाय सके। ऩत्र
ु ी द्रोऩदी लभरी औय ऩत्र
ु धष्ृ िद्मम्
ु न लभरा।
धष्ृ िद्मम्
ु न के ही हाथों द्रोण भाये गए थे।

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10. ऱाख का घर

कुभॊत्रणा- फयु ी मोर्ना फनाना। कुयाह- अनधु चत भागि। दरीर- तकि। ऩष्ृ ि ऩोषक- ऩऺधय।

प्रश्न 1. दम
ु ोधन ऩाॊडवों से ईष्माि क्मों कयता था?
उत्तय- ऩाॊडवों के शायीरयक फर औय अर्न
ुि की मद्ध
ु कुशरता के कायण दम
ु ोधन ऩाॊडवों से ईष्माि कयता था।
प्रश्न 2. ऩाॊडवों का नाश कयने के लरए दम
ु ोधन ने ककस ककस का सहाया लरमा?
उत्तय-ऩाॊडवों का नाश कयने के लरए दम
ु ोधन ने अऩने भाभा शकुछन व लभत्र कणि का सहाया लरमा।
प्रश्न 3. 'वायणावत' कौन-कौन गमा?
उत्तय- 'वायणावत' ऩाॊडवों के साथ कॊु ती बी गई।
प्रश्न 4. ऩाॊडवों के लरए फनने वारे भकान भें ऩयु ोचन ने क्मा साभग्री रगाई?
उत्तय-ऩयु ोचन ने वायणावत र्ाकय ऩाॊडवों के िहयने के लरए सन (रूई), घी, भोभ, तेर, राख, चयफी आटद र्ल्दी आग
ऩकडने वारी चीर्ों को लभट्टी भें लभराकय एक सद
ॊु य बवन फनवामा।
प्रश्न 5. ऩाॊडवों को वायणावत बेर्ने भें दम
ु ोधन की क्मा मोर्ना थी?
उत्तय-ऩाॊडवों को वायणावत बेर्ने भें दम
ु ोधन की मोर्ना मह थी कक कुि टदनों तक ऩाॊडवों को राख के बवन भें
आयाभ से यहने टदमा र्ाए औय र्फ वे ऩण
ू ि रूऩ से छन:शॊक हो र्ाए, तफ यात भें बवन भें आग रगा दी र्ाए, ष्र्ससे
ऩाॊडव तो र्रकय बतभ हो र्ाएॉ औय कौयवों ऩय बी कोई दोष न रगा सके।

11. ऩाुंडवो की रऺा

दत
ु साहस- न सह सकने वारी टहम्भत।

प्रश्न 1, वायणावत को र्ाते सभम र्वदयु ने मधु धष्ष्िय को ककस प्रकाय सचेत ककमा था?
उत्तय- वायणावत को र्ाते सभम र्वदयु ने मधु धष्ष्िय को दम
ु ोधन के षड्मॊत्र से अवगत कयाकय सचेत ककमा।
प्रश्न 2. वायणावत भें ऩाॊडवों के यहने का प्रफॊध ककसने ककमा?
उत्तय- वायणावत भें ऩाॊडवों के यहने का प्रफॊध ऩयु ोचन ने ककमा र्ो कक दम
ु ोधन का शब
ु धचॊतक था।
प्रश्न 3. थकी हुई कॊु ती ने ऩत्र
ु ों से क्मा कहा?
उत्तय- थकी हुई कॊु ती ने ऩत्र
ु ों से कहा-"भैं तो प्मास से भयी र्ा यही हूॉ। अफ भझ
ु से त्रफल्कुर चरा नहीॊ र्ाता। धत
ृ याष्र के
फेिे चाहे तो बरे हो भझ
ु े महाॉ से उिा रे र्ाएॉ, भैं तो महीॊ ऩडी यहूॉगी।"
प्रश्न 4. राऺागह
ृ िोडने के ऩश्चात ् ऩाॊडव कहाॉ औय ककस वेश भें ऩहुॉचे?
उत्तय- राऺागह
ृ िोडने के ऩश्चात ् ऩाॊडव एकचक्रा नगयी भें ब्राह्भण के वेश भें ऩहुॉचे।
प्रश्न 5. कॊु ती ने ब्राह्भण से क्मा कहा?
उत्तय- कॊु ती ने कहा-"र्वप्रवय, आऩ इस फात की धचॊता िोड दें । भेये ऩाॊच फेिे हैं। उनभें से एक आर् याऺस के ऩास
बोर्न रेकय चरा र्ाएगा।"
प्रश्न 6. कॊु ती ने बीभ को फकासयु के ऩास क्मों बेर्ा?

` Page 6
उत्तय- कॊु ती ने बीभ को फकासयु के ऩास बेर्ा क्मोंकक वह र्ानती थी कक बीभ उसका काभ तभाभ कय दे गा। बीभ की
शष्क्त का भक
ु ाफरा कोई नहीॊ कय सकता। कॊु ती का मह सोचना बी सही छनकरा क्मोंकक फकासयु का वध कयके वह
उसकी राश को नगय के पािक तक घसीिकय रामा। इस प्रकाय गाॊव वारों को फकासयु के चॊगर
ु से िुिकाया लभरा।

12. द्रौऩदी स्वयुंवर

वह
ृ दाकाय- फहुत फडा। र्वप्रव- शोय। भग
ृ िारा- टहयण की खार। अष्ग्न लशखा- आग की रऩि। सम्भछत- सराह।

प्रश्न 1. ऩाॊचार व दे श भें ऩाॊडव ककस रूऩ भें कहाॉ र्ाकय िहये थे।
उत्तय- ऩाॊचार दे श भें ऩाॊडव ब्राह्भण के वेश भें एक कुम्हाय की झोऩडी भें िहये थे।
प्रश्न 2. द्रौऩदी तवमॊवय भें कौन-कौन भख्
ु म प्रछतबागी थे?
उत्तय- द्रौऩदी- तवमॊवय भें श्रीकृष्ण, फरयाभ, धत
ृ याष्र के सौ ऩत्र
ु , लशशऩ
ु ार, र्यासॊध, शल्म व ऩाॊडव र्ैसे अनेक
प्रलसद्ध व्मष्क्त अऩना बाग्म ऩयखने आए थे।
प्रश्न 3. ऩाॊचों ऩाॊडवों से द्रौऩदी का र्ववाह कैसे हुआ?
उत्तय- भाॊ की आऻा औय सफकी सम्भछत से द्रौऩदी के साथ ऩाॊचों ऩाॊडवों का र्ववाह हो गमा।

13. इुंद्रप्रस्थ

िर प्रऩॊच- कऩि। प्ररोबन- रारच। फेखिके- छनष्श्चॊत। बग्नावशेष- खॊडहय। छनऩण


ु लशल्ऩकाय।

प्रश्न 1. ऩाॊडवों के र्ीर्वत होने की सच


ू ना लभरने ऩय र्वदयु ने धत
ृ याष्र से क्मा कहा?
उत्तय- र्वदयु ने धत
ृ याष्र को र्ीर्वत होने औय द्रऩ
ु द- कन्मा से ऩाॊचों बाइमों के र्ववाह होने की सच
ू ना दी।
प्रश्न 2. ऩाॊडवों से छनऩिने के लरए कणि की क्मा सराह थी?
उत्तय- कणि का सझ
ु ाव था "हभाये ऩास केवर एक ही उऩाम यह गमा है औय वह मह है कक ऩाॊडवों की ताकत फ़िने से
ऩहरे उन ऩय हभरा कय टदमा र्ाए।"
प्रश्न 3. र्ऩताभह बीष्भ ने क्मा सराह दी?
उत्तय- बीष्भ ने कहा-"फेिा! वीय ऩाॊडवों के साथ सॊधध कयके आधा याज्म दे दे ना ही उधचत है ।"
प्रश्न 4. ऩाॊडवों के र्वषम भें र्वदयु ने क्मा कहा?
उतय- र्वदयु ने कहा-"हभाये कुर के नामक बीष्भ तथा आचामि द्रोण ने र्ो फतामा है , वही श्रेमतकय है । कणि की सराह
ककसी काभ की नहीॊ है ।"
प्रश्न 5. ऩाॊडवों की यार्धानी का क्मा नाभ था?
उत्तय- ऩाॊडवों की यार्धानी का नाभ इॊद्रप्रतथ था।
प्रश्न 6. ऩाॊडवों ने इॊद्रप्रतथ भें ककतने टदन याज्म ककमा?
उत्तय- अऩनी यार्धानी भें ऩत्नी द्रौऩदी औय भाता कॊु ती के साथ ऩाॉचों ऩाॊडव तेईस वषि तक सख
ु ऩव
ू क
ि र्ीवन त्रफताते
हुए न्मामऩव
ू क
ि याज्म कयते यहे ।

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14. जरासुंध

यार्सम
ू मऻ- सम्राि फनने की अलबराषा से ककमा र्ाने वारा मऻ। वल्कर- वऺ
ृ की िार। कुशा- एक प्रकाय की
वनतऩछत। अभ्मागत- भेहभान।

प्रश्न 1. यार्सम
ू मऻ के र्वषम भें मधु धष्ष्िय ने श्रीकृष्ण से क्मा कहा?
उत्तय- यार्सम
ू मऻ के र्वषम भें मधु धष्ष्िय ने श्रीकृष्ण से कहा-"लभत्रों का कहना है कक भैं यार्सम
ू मऻ कयके सम्राि
ऩद प्राप्त करू ऩयॊ तु यार्सम
ू मऻ तो वही कय सकता है , र्ो साये सॊसाय के नये शों का ऩज्
ू म हो औय उनके द्वाया
सम्भाछनत हो। आऩ ही इस र्वषम भें भझ
ु े सही सराह दे सकते हैं।"
प्रश्न 2. मधु धष्ष्िय ने यार्सम
ू मऻ का इयादा क्मों िोडना चाहा?
उत्तय- र्फ मधु धष्ष्िय को कृष्ण, बीभ व अर्न
ुि की फातों से मह अॊदेशा होने रगा कक यार्सम
ू मऻ कयने के लरए कई
रोगों
के प्राणों ऩय फन आएगी तो उन्होंने इस इयादे को त्माग दे ना ही श्रेमकय सभझा।
प्रश्न 3. र्यासॊध के महाॉ श्रीकृष्ण, बीभ औय अर्न
ुि ककस रूऩ भें गए थे?
उत्तय "श्रीकृष्ण, बीभ औय अर्न
ुि ने वल्कर वतत्र ऩहन लरए, हाथ भें कुशा रे री औय व्रती रोगों का सा वेष धायण
कयके भगध दे श के लरए यवाना हो गए। "
प्रश्न 4. बीभसेन औय र्यासॊध भें ककतने सभम तक मद्ध
ु होता यहा?
उतय- ऩरबय बी र्वश्राभ ककए फगैय बीभ औय र्यासॊध तेयह टदन औय तेयह यात रगाताय रडते यहे । चौदहवें टदन
र्यासॊध थककय र्या दे य को रुक गमा। इस ऩय िीक भौका दे खकय श्रीकृष्ण ने बीभ को इशाये से सभझामा औय
बीगसेन ने पौयन र्यासॊध को उिाकय चायों ओय घभ
ु ामा औय उसे र्भीन ऩय र्ोय से ऩिक टदमा। इस प्रकाय अर्ेम
र्यासॊध का अॊत हो गमा ।
प्रश्न 5. श्रीकृष्ण की अग्रऩर्
ू ा की सराह ककसने दी थी।
उत्तय- र्ऩताभह बीष्भ ने मधु धष्ष्िय को सराह दी कक द्वायकाधीश की ऩर्
ू ा ऩहरे की र्ाए।
प्रश्न 6. लशशऩ
ु ार की भत्ृ मु ककसके हाथो हुई औय क्मों?
उत्तय- लशशऩ
ु ार की भत्ृ मु श्रीकृष्ण के हाथों हुई क्मोंकक वह छनयॊ तय श्रीकृष्ण के र्वरूद्ध फोरता र्ा यहा था। वह नहीॊ
चाहता था कक मधु धष्ष्िय ' यार्सम
ू मऻ' हे तु श्रीकृष्ण की अग्रऩर्
ू ा कये ।

15. शकुतन का प्रवेश

असह्म- र्ो सहा न र्ा सके। ईर्ाद- आर्वष्काय।


ऐश्वमि- धन दौरत।

प्रश्न 1. दम
ु ोधन धचॊछतत औय उदास क्मों था?
उत्तय- यार्सम
ू मऻ भें मधु धष्ष्िय के िाि फाि औय ऩाॊडवों की मश सभर्ृ द्ध का तभयण कयके दम
ु ोधन धचॊछतत औय
उदास था।

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प्रश्न 2. मधु धष्ष्िय को त्रफना रडाई के र्ीत ऩाने का शकुछन ने क्मा उऩाम फतामा?
उत्तय - शकुछन ने कहा-"दम
ु ोधन! मधु धष्ष्िय को चौसय के खेर का फडा शौक है । ऩय उसे खेरना नहीॊ आता है । हभ उस
खेरने के लरए न्मोता दें तो मधु धष्ष्िय अवश्म भान र्ाएगा। तभ
ु तो र्ानते ही हो कक भैं भॊझा हुआ णखराडी हूॉ। तम्
ु हायी
ओय से भैं खेरग
ूॊ ा औय मधु धष्ष्िय को हयाकय उसका साया याज्म औय ऐश्वमि, त्रफना मद्ध
ु के आसानी से िीनकय तम्
ु हाये
हवारे कय दॊ ग
ू ा।
प्रश्न 3. र्ए
ु के खेर के र्वयोध भें धत
ृ याष्र ने क्मा कहा?
उतय- र्ुए के खेर के र्वयोध भें धत
ृ याष्र ने कहा "र्ुए का खेर वैय-र्वयोध की र्ड होता है । इसलरए फेिा, भेयी तो मह
याम है कक तम्
ु हाया मह र्वचाय िीक नहीॊ है इसे िोड दो। "
प्रश्न 4. र्ए
ु के खेर के र्वषम भें र्वदयु के क्मा र्वचाय थे?
उतय- र्ुए के खेर के र्वषम भें र्वदयु के र्वचाय इस प्रकाय थे-"यार्न ्, साये वॊश का इससे नाश हो र्ाएगा। इसके कायण
हभाये कुर के रोगों भें आऩसी भनभि
ु ाव औय झगडे-पसाद होंगे। इसकी बायी र्वऩदा हभ ऩय आएगी।"
प्रश्न 5. ऩाॊडवों को चौसय के खेर का छनभॊत्रण दे ने के लरए ककसे बेर्ा गमा?
उत्तय- ऩाॊडवों को चौसय के खेर का छनभॊत्रण दे ने के लरए र्वदयु को बेर्ा गमा।

16. चौसर का खेऱ व द्रौऩदी की व्यथा

बयसक- ऩयू ी तयह से। चेताना- सचेत कयना। चाव से- उत्साह से। ऩाय ऩाना- ऻान प्राप्त कयना। सानी- भक
ु ाफरा।
मम
ु त्ु सु- धत
ृ याष्र का एक सौ एकवाॊ ऩत्र
ु र्ो एक वैश्म र्ाछत की तत्री से ऩैदा हुआ।

प्रश्न 1. चौसय का छनभॊत्रण दे ने वारे र्वदयु से मधु धष्ष्िय ने क्मा कहा?


उत्तय- मधु धष्ष्िय ने कहा- "चाचा र्ी! चौसय का खेर अच्िा नहीॊ है । उससे आऩस भें झगडे ऩैदा होते हैं। सभझदाय
रोग
उसे ऩसॊद नहीॊ कयते हैं । रेककन इस भाभरे भें हभ तो आऩ ही के आदे शानस
ु ाय चरने वारे हैं। आऩकी सराह क्मा है ?"
प्रश्न 2. मधु धष्ष्िय चौसय के खेर भें क्मा-क्मा हाय गए?
उत्तय- मधु धष्ष्िय चौसय के खेर भें दे श, सेना, दे श की प्रर्ा, दास-दालसमाॉ, आबष
ू ण, चायों बाई, तवमॊ अऩने आऩको
एवॊ अऩनी ऩत्नी द्रौऩदी को बी हाय गए।
प्रश्न 3. प्रछतकाभी की फात सन
ु कय द्रौऩदी ने क्मा उत्तय टदमा?
उत्तय- द्रौऩदी प्रछतकाभी से फोरी-"यधवान! र्ाकय उन हायनेवारे र्ुए के णखराडी से ऩि
ू ो कक ऩहरे वह अऩने को हाये
थे मा भझ
ु ?े सायी सबा भें मह प्रश्न उनसे कयना औय र्ो उत्तय लभरे, वह भझ
ु े आकय फताओ। उसके फाद भझ
ु े रे
र्ाना।"
प्रश्न 4. द्ु शासन ने द्रौऩदी के साथ क्मा व्मवहाय ककमा?
उत्तय-द्ु शासन ने द्रौऩदी के गॉथ
ु े हुए फार त्रफखेय डारे, गहने तोड-पोड टदए औय उसके फार ऩकडकय फरऩव
ू क
ि
घसीिता हुआ सबा की ओय रे र्ाने रगा। द्रौऩदी र्वकर हो उिी।
प्रश्न 5. दफ
ु ाया के खेर भें क्मा शति यखी गई थी?

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उत्तय- दफ
ु ाया के "खेर भें मह शति थी कक हाया हुआ दर अऩने बाइमों के साथ फायह वषि का वनवास कये गा तथा उसके
उऩयाॊत एक वषि अऻातवास भें यहे गा। मटद इस एक वषि भें उनकी ऩता चर र्ाएगा, तो उन सफको फायह वषि का
वनवास कपय से बोगना होगा।"

17. धत
ृ राष्र की चचुंता

उतावरी- शीघ्रता के बाव। श्रद्धा- भन से सम्भान दे ना। अर्वयर- रगाताय।

प्रश्न 1. ऩाॊडवों के चरे र्ाने के फाद धत


ृ याष्र ने र्वदयु से क्मा ऩि
ृ ा?
उत्तय- वन को र्ाते हुए ऩाॊडवों के र्वषम भें धत
ृ याष्र ने र्वदयु से ऩि
ू ा कक भैं दे खने भें असभथि हूॉ। अत: भझ
ु े फताओ कक
ऩाॊडव व द्रौऩदी कैसे र्ा यहे हैं।
प्रश्न 2. वन को र्ाते हुए ऩाॊडवों का वणिन र्वदयु ने ककस प्रकाय ककमा?
उत्तय- र्वदयु ने वणिन कयते हुए कहा-"कॊु ती-ऩत्र
ु मधु धष्ष्िय कऩडे से चेहया ढककय र्ा यहे हैं। बीभसेन अऩनी दोनों
बर्
ु ाओॊ को छनहायता, अर्न
ुि हाथ भें कुि फारू लरए उसे त्रफखेयता, नकुर औय सहदे व साये शयीय ऩय धूर यभाए हुए,
क्रभश: मधु धष्ष्िय के ऩीिे -ऩीिे र्ा यहे हैं। द्रौऩदी ने त्रफखये हुए केशों से साया भख
ु ढक लरमा है औय आॉसू फहाती हुई
मधु धष्ष्िय का अनस
ु यण कय यही है ।"
प्रश्न 3. भहर्षि भैत्रम
े ने दम
ु ोधन को सभझाते हुए क्मा कहा?
उत्तय-भहर्षि भैत्रम
े ने दम
ु ोधन को सभझाते हुए कहा-"यार्कुभाय, तम्
ु हायी बराई के लरए कहता हूॉ, सन
ु ो! ऩाॊडवों को
धोखा दे ने का र्वचाय िोड दो। उनसे वैय भोर न रो। उनके साथ सॊधध कय रो। इसी भें तम्
ु हायी बराई है ।"
प्रश्न 4. द्रौऩदी को साॊत्वना दे ते हुए श्रीकृष्ण ने क्मा बयोसा टदरामा?
उत्तय- करुण तवय भें र्वराऩ कयती हुई द्रौऩदी को श्रीकृष्ण ने फहुत सभझामा औय धीयर् फॉधामा। वह फोरे-"फहन
द्रौऩदी! ष्र्न्होंने तम्
ु हाया अऩभान ककमा है , उन सफकी राशें मद्ध
ु के भैदान भें खून से रथऩथ होकय ऩडेगी। तभ
ु शोक
न कयो। वचन दे ता हूॉ कक ऩाॊडवों की हय प्रकाय से सहामता करूॉगा। मह बी छनश्चम भानो कक तभ
ु साम्राऻी के ऩद को
कपय सश
ु ोलबत कयोगी।"

18. भीम और हनम


ु ान

ताज्र्फ
ु - आश्चमि। र्वतभम- आश्चमि। फलरष्ि- शष्क्तशारी। भारुछत- हनभ
ु ान।

प्रश्न 1. पूर दे खकय द्रौऩदी ने बीभ से क्मा कहा?


उत्तय- पूर दे खकय द्रौऩदी ने उसे उिा लरमा औय बीभसेन के ऩास र्ाकय फोरी-"क्मा तभ
ु र्ाकय ऐसे ही कुि औय
पूर रा सकोगे?"
प्रश्न 2. बीभ की गवोष्क्त सन
ु कय फॊदय ने क्मा कहा?
उत्तय- फॊदय फोरा-"दे खो बाई, भैं फ़ि
ू ा हूॉ। कटिनाई से उि-फैि सकता हूॉ। िीक है मटद तम्
ु हें आगे फ़िना ही है , तो भझ
ु े
राॉघकय चरे र्ाओ।"
प्रश्न 3. बीभ ने राॊघने से क्मों भना कय टदमा?

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उत्तय- बीभसेन ने कहा-ककसी र्ानवय को राॊघना अनधु चत है । इसी कायण भैं रुक गमा, नहीॊ तो भैं तम्
ु हें एक ही
िराॊग भें राॉघकय चरा गमा होता।
प्रश्न 4. हनभ
ु ान ने बीभ को क्मा आशीवािद टदमा?
उत्तय- हनभ
ु ान ने आशीवािद दे ते हुए कहा-"बीभ! मद्ध
ु के सभम तम्
ु हाये बाई अर्न
ुि के यथ ऩय उडनेवारी ध्वर्ा ऩय भैं
र्वद्मभान यहॉगा। र्वर्म तम्
ु हायी ही होगी।"

19. द्वेष करने वाऱे का जी नहीुं भरता

चौऩामों- ऩशओ
ु ॊ। अनच
ु य- सेवक। अनग
ु टृ हत- आबायी होना। आवबगत- तवागत सत्काय। अऺमऩात्र- र्ो कबी
खारी ना हो।

प्रश्न 1. गॊधवियार् व कौयवों के मद्ध


ु का क्मा ऩरयणाभ यहा?
उत्तय- गॊधवों व कौयवों भें बमॊकय सॊग्राभ हुआ। कौयव सेना के ऩैय उखड गए। कणि बी मद्ध
ु -ऺेत्र से बाग लरमा।
दम
ु ोधन फॊदी हो गमा।
प्रश्न 2. दम
ु ोधन के फॊदी होने ऩय मधु धष्ष्िय ने बीभ से क्मा कहा?
उत्तय-मधु धष्ष्िय ने बीभ से कहा-" बाई बीभसेन! मे हभाये ही कुिुॊफी है । तभ
ु अबी र्ाओ औय ककसी तयह अऩने फॊधुओॊ
का गॊधवों के फॊधन से िुडा राओ।
प्रश्न 3. सम
ू ि से प्राप्त अऺमऩात्र की क्मा र्वशेषता थी?
उत्तय- अऺमऩात्र दे ते सभम सम
ू ि ने कहा था कक इस ऩात्र के द्वाया तभ
ु फायह वषि तक बोर्न प्राप्त कयोगे, बरे ही
ककतने रोग बोर्न कयें । ककॊ त शति मह है कक द्रौऩदी के बोर्न कय रने के फाद ऩात्र की शष्क्त अगरे टदन तक के लरए
सभाप्त हो र्ाएगी।
प्रश्न 4. श्रीकृष्ण ने अन्न का कण औय साग का ऩत्ता क्मों खामा?
उत्तय- श्रीकृष्ण ने अन्न का कण औय साग का ऩत्ता दव
ु ािसा ऋर्ष व उनके दस हर्ाय लशष्मों की बख
ू को शाॊत कयने
के लरए खामा। ऐसा उन्होंने इसलरए ककमा क्मोंकक वे र्ानते थे कक इतने रोगों को एक साथ बोर्न कयवाना ऩाॊडवों के
लरए भष्ु श्कर होगा।
प्रश्न 5. दव
ु ािसा ने बीभ से क्मा कहा?
उत्तय- दव
ु ािसा ने बीभसेन से कहा "हभ सफ तो बोर्न कय चुके है । मधु धष्ष्िय से र्ाकय कहना कक असर्ु वधा के लरए
ऺभा कयें ।" मह कहकय ऋर्ष अऩने लशष्मों सटहत वहाॉ से यवाना हो गए।

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20. मायावी सरोवर

तयकश- फाण यखने का चोंगा। अॊर्ुलर- हथेरी/ दोनों हाथों से ऩानी ऩीने के लरए फनाई गई ष्तथछत/ ओक। फेधडक-
छनबीक।

प्रश्न 1. सयोवय ऩय नकुर को क्मा आवाज़ आई?


उत्तय- सयोवय ऩय नकर को आवार् आई -"भाद्री के ऩत्र
ु । द्ु साहस न कयो। मह र्राशम भेये अधीन है । ऩहरे भेये
प्रश्नों का उत्तय दो। कपय ऩानी र्ऩमो।"
प्रश्न 2. सयोवय ऩय अर्न
ुि को क्मा आवार् आई?
उत्तय- "अर्न
ुि ! भेये प्रश्नों का उत्तय दे ने के फाद ही प्मास फझ
ु ा सकते हो। मह ताराफ भेया है । भेयी फात नहीॊ भानोगे,
तो तम्
ु हायी बी वही गछत होगी, र्ो तम्
ु हाये दो बाइमों की हुई है ।"
प्रश्न 3.बाइमों के वार्ऩस न आने ऩय मधु धष्ष्िय ने क्मा छनणिम लरमा ?
उत्तय- बाइमों के वार्ऩस न आने ऩय मधु धष्िय ने तवमॊ वहाॉ र्ाने का छनणिम लरमा।

21. यऺ प्रश्न

भयणासन्न- भत्ृ मु छनकि होना। अहॊ बाव- अहॊ काय। अॊतधािन- छिऩ र्ाना। अधीश- शासक, यार्ा।

प्रश्न 1. मऺ ने मधु धष्ष्िय से अॊछतभ प्रश्न क्मा ऩि


ू ा?
उत्तय- मऺ ने ऩि
ू ा-" सॊसाय भें सफसे फडे आश्चमि की फात क्मा है ?"
प्रश्न 2, मऺ के अॊछतभ प्रश्न का मधु धष्ष्िय ने क्मा उत्तय टदमा?
उत्तय- "हय योज़ आॉखों के साभने ककतने ही प्राणणमों को भत्ृ मु के भॉह
ु भें र्ाते दे खकय बी फचे हुए प्राणी, र्ो मह चाहते
हैं कक हभ अभय यहें , मही भहान आश्चमि की फात है ।"
प्रश्न 3. प्रश्नों के उत्तय से सॊतष्ु ि मऺ ने मधु धष्ष्िय से क्मा कहा?
उत्तय- "यार्न ्। भैं तम्
ु हाये भत
ृ बाइमों भें से एक को र्ीर्वत कय सकता हूॉ। तभ
ु ष्र्स ककसी को बी चाहो, वह र्ीर्वत
हो र्ाएगा।
प्रश्न 4. मऺ ने मधु धष्ष्िय को क्मा आशीवािद र्वमा?
उत्तय- मऺ ने मधु धष्ष्िय से कहा-"फायह वषि के वनवास की अवधध ऩयू ी होने भें अफ थोडे ही टदन फाकी यह गए हैं। फायह
भास तक र्ो तम्
ु हें अऻातवास कयना है , वह बी सपरता से ऩयू ा हो र्ाएगा। तम्
ु हें औय तम्
ु हाये बाइमों को कोई बी नहीॊ
ऩहचान सकेगा। तभ
ु अऩनी प्रछतऻा सपरता के साथ ऩयू ी कयोगे। "

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22. अऻातवास

धाक- यौफ। अवधध- सभम। अनभ


ु ोदन- सभथिन। यथारू़ि- यथ ऩय च़िकय। फाि र्ोहना- प्रतीऺा कयना। थयाि उिी-
डय गई।

प्रश्न 1. यार्ा र्वयाि के महाॉ अऻातवास भें ऩाॊडव ककस नाभ औय रूऩ भें यहे ?
उत्तय- मधु धष्ष्िय - कॊक
बीभसेन - वल्रब
अर्न
ुि - फह
ृ न्नरा
नकुर - ग्रॊधथक
सहदे व - तॊत्रत्रऩार
प्रश्न 2. दम
ु ोधन ने कैसे अनभ
ु ान रगामा कक ऩाॊडव भत्तम दे श भें हैं?
उत्तय- कीचक के भाये र्ाने की खफय ऩाते ही दम
ु ोधन का भाथा िनका कक हो-न-हो कीचक का वध बीभ ने ही ककमा
होगा। मह दम
ु ोधन का अनभ
ु ान था।
प्रश्न 3. औयत के बेष भें उत्तय के यथ ऩय अर्न
ुि को दे खकय दम
ु ोधन ने क्मा कहा?
उत्तय- औयत के बेष भें यथ ऩय फैिे मोद्धा के र्वषम भें अर्न
ुि र्वषमक चचाि सन
ु कय दम
ु ोधन कणि से फोरा-"हभें इस
फात से क्मा भतरफ कक मह औयत के बेष भें कौन है ! भान रें कक मह अर्न
ुि ही है । कपय बी हभाया तो उससे काभ हो
फनता है । शति के अनस
ु ाय उन्हें औय फायह वषि का वनवास बग
ु तान ऩडेगा।"

23. प्रततऻा ऩूततण

बानर्ा- फहन का ऩत्र


ु । णखन्न- द्ु खी। गाॊडीव- अर्न
ुि के धनष
ु का नाभ। ऩयातत- ऩयाष्र्त।

प्रश्न 1. कणि, कृऩाचामि व अश्वत्थाभा के भध्म र्ववाद को दे खकय बीष्भ ने क्मा कहा?
उत्तय- कणि, कृऩाचामि व अश्वत्थाभा के भध्म र्ववाद को दे खकय बीष्भ ने कहा कक इस सभम आऩस भें वैय र्वयोध न
कयके लभरकय शत्रु से रडना ही उधचत है ।
प्रश्न 2. र्ऩताभह बीष्भ के सॊधध के प्रतताव ऩय व दम
ु ोधन ने क्मा कहा?
उत्तय- र्ऩताभह बीष्भ के सॊधध प्रतताव ऩय दम
ु ोधन ने कहा-"ऩज्
ू म र्ऩताभह! भैं सॊधध नहीॊ चाहता हूॉ। याज्म तो दयू यहा,
भैं तो एक गाॉव तक ऩाॊडवों को दे ने के लरए तैमाय नहीॊ हूॉ।"
प्रश्न 3. प्रछतऻा के सभम के सॊफध
ॊ भें बीष्भ ने दम
ु ोधन से क्मा कहा?
उत्तय- प्रछतऻा के सभम के सॊफध
ॊ भें उिे र्ववाद ऩय तऩष्िीकयण दे ते हुए बीष्भ ने दम
ु ोधन से कहा-"प्रछतऻा का सभम
कर ही ऩयू ा हो चुका है । चॊद्र औय सम
ू ि की गछत, वषि, भहीने औय ऩऺ र्वबाग के ऩायतऩरयक सॊफध
ॊ को अच्िी तयह
र्ाननेवारे भेये कथन की ऩष्ु ष्ि कयें गे । प्रत्मेक वषि भें एक र्ैसे भहीने नहीॊ होते। भारभ
ू होता है कक तभ
ु रोगों की
गणना भें बर
ू हुई है ।"

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24. ववराट का भ्रम

शोकातयु - शोक से व्माकुर। असर भें - वाततव भें ।

प्रश्न 1. र्वयाि की धचॊता का क्मा कायण था?


उत्तय- र्वयाि का ऩत्र
ु उत्तय कौयवों की सेना से मद्ध
ु कयने गमा था औय वह बरी-बाॉछत र्ानता था कक वह उनका
भक
ु ाफरा कयने भें असभथि यहे गा। मही र्वयाि की धचॊता का कायण था।
प्रश्न 2. कॊक (मधु धष्ष्िय) ने र्वयाि को सात्वना कैसे दी?
उत्तय- कॊक ने र्वयाि को साॊत्वना दे ते हुए कहा कक वह घफयाएॊ नहीॊ क्मोंकक फह
ृ न्नरा उसके साथ है ।
प्रश्न 3. र्वयाि ने मधु धष्ष्िय से ऺभा-माचना क्मों की?
उत्तय- र्वयाि ने अऩने ऩत्र
ु के सभझाने ऩय व असलरमत र्ान रेने ऩय कक कॊक वाततव भें मधु धष्ष्िय है , उनसे ऺभा-
माचना की।
प्रश्न 4. र्वयाि ने अर्न
ुि के सभऺ क्मा प्रतताव यखा?
उत्तय- र्वयाि को र्फ ऩता चरा कक उसके ऩत्र
ु उत्तय का सायधथ वह
ृ न्नरा के रूऩ भें अर्न
ुि है , तो उसने अऩनी ऩत्र
ु ी
उत्तया से र्ववाह का प्रतताव यखा।

25. मुंत्रर्ा

टहतैषी- बरा चाहने वारा। दृ़िताऩव


ू क
ि - फरऩव
ू क
ि । शमनागाय- शमन कऺ। ऩथ प्रदशिक- भागि फताने वारे। ऩाथि-
ऩथ
ृ ा ऩत्र
ु अर्न
ुि । टदर फष्ल्रमों उिरना।

प्रश्न 1. प्रकि होने के फाद ऩाॊडव कहाॉ यहने रगे थे?


उत्तय- अऻातवास के फाद ऩाॊडव र्वयाि के याज्म भें उऩप्रव्म नाभक नगय भें यहने रगे थे।
प्रश्न 2. श्रीकृष्ण ने अर्न
ुि के साभने क्मा र्वकल्ऩ यखे?
उत्तय- श्रीकृष्ण ने अर्न
ुि से कहा-"भेयी सेना एक तयफ़ होगी दस
ू यी तयफ़ अकेरा भैं यहूॉगा। भेयी प्रछतऻा मह बी है कक
मद्ध
ु भें भैं न तो हधथमाय उिाऊॉगा औय न ही रडॉगा। तभ
ु बरी-बाॉछत सोच रो तफ छनणिम कयो। इन दो भें से र्ो ऩसॊद
हो. वह रे रो।"
प्रश्न 3. अर्न
ुि ने छनहत्थे श्रीकृष्ण को क्मों चुना?
उत्तय- श्रीकृष्ण के इस प्रश्न का उत्तय दे ते हुए अर्न
ुि ने कहा था-"फात मह है कक आऩ भें वह शष्क्त है कक ष्र्ससे आऩ
अकेरे ही इन तभाभ यार्ाओॊ रडकय इन्हें कुचर सकते हैं ।"
प्रश्न 4. अलबभन्मु का र्ववाह ककससे हुआ?
उत्तय- उत्तया से ।
प्रश्न 5. श्रीकृष्ण ने ककस ऩदवी से अर्न
ुि की सहामता की?
उत्तय- ऩाथि सायथी फनकय।

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26. राजदत
ू सुंजय

छनमत- छनष्श्चत। र्ववेकशीर- फर्ु द्धभान, सभझदाय। टहतधचॊतक- बरा चाहने वारे। डऩोय शॊख- फडी फडी फातें कयने
वारा।

1. मधु धष्ष्िय के ऩास धत


ृ याष्र का सॊदेश रेकय कौन गमा?
उत्तय- सॊर्म
2. मधु धष्ष्िय ने सॊर्म से ककतने गाॊवों की भाॊग की?
उत्तय- ऩाॉच
3. श्रीकृष्ण हष्ततनाऩयु क्मों र्ाना चाहते थे,?
उत्तय- मद्ध
ु िारने के लरए
4. मधु धष्ष्िय ने धत
ृ याष्र के ऩास क्मा सॊदेश बेर्ा?
उत्तय- वे सभझौते के अनस
ु ाय अऩना टहतसा चाहते थे।

27. शाुंततदत
ू श्रीकृष्र्

कुचक्र- फयु ी चार। सॊभ्ाॊत- र्वलशष्ि र्न। आरू़ि- च़िकय, फैिकय। कुरनाशी- कुर का नाश कयने वारा। भझधाय-
फीच भें ।

1. श्रीकृष्ण शाॊछत दत
ू फनकय हष्ततनाऩयु ककसके साथ गए?
उत्तय- साष्त्मक
2. दम
ु ोधन के बोर्न छनभॊत्रण ऩय श्रीकृष्ण ने क्मा कहा?
उत्तय- भेया उद्देश्म ऩयू ा होने ऩय बोर्न का न्मोता दे ना उधचत होगा
3. श्रीकृष्ण ने धत
ृ याष्र की सबा भें क्मा कहा?
उत्तय- ऩाॊडवाॊ को आधा याज्म रौिा दो। ऐसा कयने से वे तम्
ु हे मव
ु यार् व धत
ृ याष्र को भहायार् भानेंगे। उनसे सॊधध
कय रो।

28. ऩाुंडवों और कौरवों के सेनाऩतत

उद्दॊड- अलशष्ि। तितथ- ककसी का बी ऩऺ नहीॊ रेने वारे।

प्रश्न 1. ऩाॊडव सेना के सात नामक कौन थे? उनभें से सेनाऩछत कौन फना?
उत्तय- ऩाॊडवों की र्वशार सेना को सात टहतसों भें फाॊि टदमा गमा। द्रऩ
ु द, र्वयाि, धष्ृ िद्मम्
ु न, लशखॊडी सात्मकक,
चेककतान, बीभसेन आटद साथ भहायथी इन 7 दरों के नामक फने इनभें से धष्ृ िद्मम्
ु न को सेनाऩछत फनामा गमा।
प्रश्न 2. बीष्भ के सेनाऩछत फनने ऩय कणि ने क्मा छनणिम लरमा?

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उत्तय- कणि ने छनणिम लरमा कक बीष्भ के भाये र्ाने के फाद ही वह मद्ध
ु बलू भ भें प्रवेश कये गा औय केवर अर्न
ुि को ही
भाये गा।
प्रश्न 3. अिायह टदन भें कौयव-सेना के कौन-कौन सेनाऩछत फने?
उत्तय- अिायह टदन भें कौयव-सेना के चाय सेनाऩछत फने। ऩहरे दस टदन बीष्भ, कपय ऩाॉच टदन द्रोण, दो टदन कणि औय
एक टदन शल्म सेनाऩछत यहे ।
प्रश्न 4. भहाबायत ककतने टदन चरा?
उत्तय- 18 टदन

29, 30, 31. यद्ध


ु के 1 से 9 ददन

दॊ ग यहना- आश्चमि चककत यहना। सायथी- यथ चराने वारा। छततय त्रफतय- इधय उधय त्रफखयना। उत्तेष्र्त- क्रोधधत।
व्मधथत- व्माकुर।

1. कौयवों की सेना भें सफसे आगे कौन था?


उत्तय- द:ु शासन
2. ऩाॊडवों की सेना भें सफसे आगे कौन था?
उत्तय- बीभसेन
3. चौथे टदन के मद्ध
ु भें धत
ृ याष्र के ककतने ऩत्र
ु भाये गए?
उत्तय- आि ऩत्र
ु ।
4. घिोत्कच कौन था?
उत्तय- घिोत्कच बीभ का ऩत्र
ु था
5. ऩाॊचवें टदन के मद्ध
ु की क्मा र्वशेषता यही?
उत्तय- ऩाॊचवें टदन के मद्ध
ु भें अर्न
ुि ने कौयव सेना की हर्ायों सैछनक भाय टदए।
6. कुभाय शॊख कौन था
उत्तय- अर्न
ुि का ऩत्र
ु ।
7. इयावान कौन था?
उत्तय- अर्न
ुि का नागकन्मा से उत्ऩन्न ऩत्र
ु ।
8. नौवें टदन का मद्ध
ु ऩयाक्रभी कौन कहरामा?
उत्तय- बीष्भ र्ऩताभह।

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32. भीष्म शर-शय्या ऩर

वऺ तथर- सीना। प्रत्मत्ु तय- फदरा। लशकन ना आना- रेशभात्र बी णखन्न ना होना। भभि तथर- कोभर अॊग। प्राण
हायी- प्राणों को हयने वारे। सोता- स्रोत। त्रफिोह- र्वमोग, अरग होने की अनब
ु छू त।

प्रश्न 1. बीष्भ शय-शय्मा ऩय कैसे ऩहुॉचे?


उत्तय- अर्न
ुि ने लशखॊडी को आगे कयके उसकी आड रेकय बीष्भ ऩय फाण फयसाए। लशखॊडी बी भहायथी था। उसने बी
फाणों से र्ऩताभह का वऺ-तथर फीॊध टदमा था। र्ऩताभह ने लशखॊडी के फाणों का प्रत्मत्ु तय नहीॊ टदमा। भत्ृ मु को छनकि
आई सभझ बीष्भ ढार-तरवाय रेकय यथ से उतयना चाहते थे कक वे धगय ऩडे। उनके शयीय भें इतने अधधक फाण थे कक
उनका शयीय बलू भ से नहीॊ रगा। इस ष्तथछत को ही शय-शैय्मा कहते हैं।

प्रश्न 2. शय-शय्मा ऩय ऩडे बीष्भ ने कणि से क्मा कहा?


उत्तय-"फेिा, तभ
ु याधा के ऩत्र
ु नहीॊ, कॊु ती के ऩत्र
ु हो। सम
ू ऩ
ि त्र
ु । शयू ता भें तभ
ु कृष्ण औय अर्न
ुि की फयाफयी कय सकते हो।
तभ
ु ऩाॊडवों भें ज्मेष्ि हो। इस कायण तम्
ु हाया कतिव्म है कक तभ
ु उनसे लभत्रता कय रो। भेयी मही इच्िा है कक मद्ध
ु भें भेये
सेनाऩछतत्व के साथ ही ऩाॊडवों के प्रछत तम्
ु हाये वैयबाव का बी आर् ही अॊत हो र्ाए।"

प्रश्न 3. ग्मायहवें टदन के मद्ध


ु भें दम
ु ोधन ने द्रोणाचामि से क्मा अनयु ोध ककमा?
उत्तय - ग्मायहवें टदन के मद्ध
ु भें दम
ु ोधन आचामि के ऩास र्ाकय फोरा-"आचामि! ककसी बी उऩाम से आऩ मधु धष्ष्िय को
र्ीर्वत ही ऩकड कय हभाये हवारे कय सके तो फडा ही उत्तभ हो!"

प्रश्न 4. दम
ु ोधन मधु धष्ष्िय को र्ीर्वत क्मों ऩकडना चाहता था?
उत्तय-दम
ु ोधन मधु धष्ष्िय को र्ीर्वत इसलरए ऩकडना चाहता था ताकक मद्ध
ु र्ल्दी सभाप्त हो र्ाए। वह मह बी सोच
यहा था कक मधु धष्ष्िय को थोडा-सा याज्म का बाग दे कय सॊधध कय री र्ाए औय कुि सभम के फाद र्ुआ खेरकय याज्म
का वह बाग वाऩस अऩने कब्र्े भें कय लरमा र्ाए।

प्रश्न 5. क्मा मधु धष्ष्िय र्ीर्वत ऩकडे गए?


उत्तय- नहीॊ। कौयवों द्वाया मधु धष्ष्िय को र्ीर्वत नहीॊ ऩकडा र्ा सका। अर्न
ुि ने मद्ध
ु बलू भ भें फाणों की ऐसी वषाि की
कक कौयव उस टदन फयु ी तयह हाये ।

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33. बारहवाुं ददन

चेष्िा- प्रमास। र्वरीन- छिऩना। तहस नहस कयना- नष्ि कयना।

प्रश्न 1. फायहवें टदन के मद्ध


ु की उल्रेखनीम घिनाएॊ क्मा यहीॊ?
उत्तय- फायहवें टदन की उल्रेखनीम घिनाएॊ दो यहीॊ -
1. द्रोणाचामि मधु धष्ष्िय को ऩकडने भें असपर यहे ।
2 बगदत्त अर्न
ुि के द्वाया भाये गए।
प्रश्न 2 . कौयवों ने अर्न
ुि को मद्ध
ु ऺेत्र से दयू रे र्ाने का छनणिम क्मों ककमा?
उत्तय- ताकक मधु धष्ष्िय को फॊदी फना सके।
प्रश्न 3. शकुछन के दो बाई कौन थे?
उत्तय- वष
ृ क औय अचक।
प्रश्न 4. शकुछन के बाइमों को ककसने भाया?
उत्तय- अर्न
ुि ।

34. अभभमन्यु

अनक
ु यण- ऩीिे ऩीिे चरना। ताड रेना- र्ान रेना। सैंधव- लसॊधु दे श का यहने वारा।

प्रश्न 1. 13वें टदन मद्ध


ु भें चक्रव्मह
ू ककसने यचा?
उत्तय- द्रोण।
प्रश्न 2. चक्रव्मह
ू भें सविप्रथभ प्रवेश ककसने ककमा?
उत्तय- अलबभन्मु
प्रश्न 3. अलबभन्मु की भत्ृ मु ककसके हाथों हुई?
उत्तय- द:ु शासन के ऩत्र
ु के हाथों।
प्रश्न 4. अलबभन्मु की भत्ृ मु के फाद अर्न
ुि ने क्मा प्रछतऻा की?
उत्तय- अलबभन्मु की भत्ृ मु के फाद अर्न
ुि ने दृ़िता ऩव
ू क
ि कहा- "ष्र्सके कायण भेये र्प्रम ऩत्र
ु की भत्ृ मु हुई है , उस र्गह
र्मद्रथ का भैं कर सम
ू ाितत होने से ऩहरे वध कयके यहूॊगा मह भेयी प्रछतऻा है ।"

35. युचधष्ष्िर की चचुंता और कामना

र्वक्षऺप्त- ऩागर। कुभक


ु - सेना। अधीय- व्माकुर। असीभ- अत्मधधक। छनहत्थे- हधथमाय से यटहत।

प्रश्न 1. कणि ने बीभ को क्मों नहीॊ भाया?


उत्तय- कणि ने भाॊ कॊु ती के सभऺ प्रछतऻा की थी कक केवर अर्न
ुि को िोडकय औय ककसी कॊु ती ऩत्र
ु को भायने की चेष्िा
नहीॊ कये गा। मद्ध
ु ऩश्चात वह फचेगा मा अर्न
ुि । कॊु ती ऩत्र
ु ऩाॊच ही यहें गे।
प्रश्न 2. बीभसेन ने मधु धष्ष्िय की यऺा का बाय ककसे सौंऩा?
उत्तय- धष्ृ िद्मम्
ु न को।

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36. भूररश्रवा, जयद्रथ और आचायण द्रोर् का अुंत

छनकृष्ि- नीच, छनॊदनीम। आऩे भें ना यहना- र्ववेक खो दे ना।

प्रश्न 1. श्री कृष्ण ने र्मद्रथ को भायने के लरए अर्न


ुि को क्मा कह कय सचेत ककमा?
उत्तय- श्री कृष्ण ने अर्न
ुि से कहा- "अर्न
ुि ! र्मद्रथ सम
ू ि की तयप दे खने भें रगा है औय भन भें सभझ यहा है कक सम
ू ि
डूफ गमा। ऩयॊ तु अबी तो सम
ू ि डूफा नहीॊ है । अऩनी प्रछतऻा ऩयू ी कयने का तम्
ु हाये लरए मही अवसय है ।
प्रश्न 2. बरू यश्रवा का वध ककसने ककमा?
उत्तय- साष्त्मक ने।
प्रश्न 3. र्मद्रथ का लसय ककसने कािा?
उत्तय- अर्न
ुि ने।
प्रश्न 4. अश्वत्थाभा नाभ ककसका था?
उत्तय- हाथी व द्रोणाचामि के ऩत्र
ु , दोनों का।
प्रश्न 5. द्रोणाचामि का अॊत कैसे हुआ?
उत्तय- र्फ उन्हें अऩने ऩत्र
ु के भयने की झूिी खफय लभरी तो उनके हधथमाय डार दे ने ऩय धष्ृ िद्मम्
ु न द्वाया वाय कयने
ऩय द्रोणाचामि का अॊत हुआ।

37. कर्ण और दय
ु ोधन भी मारे गए

छनरिज्र्ता- फेशभी। छन सहाम- ष्र्सकी कोई सहामता कयने वारा न हो। कुिुॊफ- ऩरयवाय।

प्रश्न 1. कणि के सऩि भख


ु ातत्र से अर्न
ुि की प्राण यऺा कैसे हुई?
उत्तय- कणि ने अर्न
ुि ऩय एक ऐसा फाण चरामा र्ो आग उगरता गमा। अर्न
ुि की ओय उस बमानक तीय को आता
हुआ दे खकय कृष्ण ने यथ को ऩाॊव के अॊगि
ू े से दफा टदमा ष्र्ससे यथ र्भीन भें ऩाॊच अॊगर
ु धॊस गमा। कृष्ण की इस
मष्ु क्त से अर्न
ुि भयते भयते फचा। कणि का चरामा हुआ सऩि भख
ु ातत्र पॊु पकायता हुआ आमा औय अर्न
ुि का भक
ु ु ि उडा
रे गमा।
प्रश्न 2. द्रोण की भत्ृ मु के ऩश्चात कौयवों का सेनाऩछत कौन फना?
उत्तय- कणि।
प्रश्न 3. द:ु शासन का वध ककसके हाथों हुआ?
उत्तय- बीभसेन।
प्रश्न 4. शकुछन का वध ककसके हाथों हुआ?
उत्तय- सहदे व।
प्रश्न 5. दम
ु ोधन को ककसने भाया?
उत्तय- बीभसेन।

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38. अश्वत्थामा
प्रश्न 1. दम
ु ोधन के ऩश्चात कौयवों की सेना का सेनाऩछत कौन फना?
उत्तय- अश्वत्थाभा।
प्रश्न 2. ऩाॊडवों के र्वनाश की प्रछतऻा ककसने की?
उत्तय- अश्वत्थाभा।
प्रश्न 3. अश्वत्थाभा ने ऩाॊडवों को कैसे भाया?
उत्तय- अश्वत्थाभा ने यात के सभम सोते हुए ऩाॊडवों को िर से भाया। धष्ृ िद्मम्
ु न व द्रोऩदी के ऩाॊच ऩत्र
ु ों को तो उसने
ऩैयों से कुचर डारा। इसके फाद ऩाॊडव लशर्वय को ही आग रगा दी। इस कामि भें उसके साथ कृऩाचामि औय कृतवभाि बी
थे।
प्रश्न 4. उत्तया ने ककसे र्न्भ टदमा?
उत्तय- अलबभन्मु के ऩत्र
ु ऩयीक्षऺत को।

39. युचधष्ष्िर की वेदना

ऺुब्ध- क्रोधधत। शोकोद्वेग- दख


ु की अधधकता। दष्ु कय- कटिन। टढिाई- धष्ृ िता। भभि- यहतम। कार करर्वत होना-
भत्ृ मु को प्राप्त होना।

प्रश्न 1. श्री कृष्ण ने धत


ृ याष्र के सभऺ एक रोहे भछू ति क्मों खडी की?
उत्तय- क्मोंकक उस सभम धत
ृ याष्र फहुत क्रोधधत थे र्ो बी उनके सभऺ र्ाता, वे उसे भाय दे त।े
प्रश्न 2. धत
ृ याष्र ने रौह भछू ति का क्मा ककमा?
उत्तय- उसे बीभ सभझ कय चकनाचूय कय डारा।
प्रश्न 3. शासन सत्र
ू ग्रहण कयने से ऩव
ू ि मधु धष्ष्िय मद्ध
ु बलू भ क्मों गए?
उत्तय- शासन सत्र
ू ग्रहण कयने से ऩव
ू ि मधु धष्ष्िय मद्ध
ु बलू भ भें शय- शैमा ऩय ऩडे बीष्भ र्ऩताभह से आशीवािद रेने गए।
प्रश्न 4. शोक भग्न मधु धष्ष्िय ने क्मा छनणिम लरमा?
उत्तय- वन भें र्ाने का।

40. ऩाुंडवों का धत
ृ राष्र के प्रतत व्यवहार

एकित्र- अकेरे। अलभि- कबी न लभिने वारी। णखन्न- दख


ु ी। र्वयाग- उदासीन।

प्रश्न 1. धत
ृ याष्र ने मधु धष्ष्िय से क्मा अनभ
ु छत भाॊगी?
उत्तय- वल्कर वतत्र धायण कय वन गभन कयने की।
प्रश्न 2. मधु धष्ष्िय ने धत
ृ याष्र के अनभ
ु छत भाॊगने ऩय क्मा कहा?

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उत्तय- धत
ृ याष्र ने कहा कक आऩ तो याज्म के तवाभी हैं। आऩका ही ऩत्र
ु ममु त्ु सु यार् गद्दी ऩय फैिे मा ष्र्से आऩ चाहे
यार्ा फना दे अथवा शासन की फागडोय तवमॊ अऩने हाथों भें रे रे औय प्रर्ा का ऩारन कयें । भैं वन भें चरा र्ाऊॊगा।
यार्ा भैं नहीॊ फष्ल्क आऩ ही है । भैं ऐसी हारत भें आऩको अनभ
ु छत कैसे दे सकता हूॊ।"
प्रश्न 3. वन गभन के सभम धत
ृ याष्र के साथ कौन कौन थे?
उत्तय- गाॊधायी, कॊु ती औय सॊर्म।

41. श्री कृष्र् और युचधष्ष्िर


प्रश्न 1. भहाबायत मद्ध
ु के फाद श्री कृष्ण ने ककतने टदन तक याज्म ककमा?
उत्तय- भहाबायत के मद्ध
ु की सभाष्प्त के फाद श्री कृष्ण 36 वषि तक द्वायका भें याज्म कयते यहे ।
प्रश्न 2. फरयाभ की भत्ृ मु कैसे हुई?
उत्तय- वॊश नाश दे खकय फरयाभ को असीभ शोक होगा औय उन्होंने सभाधध भें फैिकय शयीय त्माग टदमा।
प्रश्न 3. श्रीकृष्ण की भत्ृ मु कैसे हुई?
उत्तय- वॊश के नाश के र्वषम भें र्वचायते हुए श्री कृष्ण सागय ति ऩय घभ
ू यहे थे। र्वचाय भग्न श्री कृष्ण वही एक वऺ

के नीचे र्भीन ऩय रेि गए। ककसी लशकायी ने रेिे हुए श्री कृष्ण को भत
ृ सभझकय तीय चरा टदमा। तीय तरवे को
िे दता हुआ शयीय भें धॊस गमा औय उसने श्री कृष्ण के प्राण रे लरए।
प्रश्न 4. श्री कृष्ण के दे हावसान के फाद ऩाॊडवों ने क्मा ककमा
उत्तय- श्रीकृष्ण की भत्ृ मु का सभाचाय ऩाकय ऩाॊडव फहुत दख
ु ी हुए उनके भन भें सॊसाय के प्रछत वैयाग्म उत्ऩन्न हो
गमा। वह अऩने ऩत्र
ु ऩयीक्षऺत को याज्म सौंऩ कय द्रौऩदी सटहत तीथि मात्रा को छनकर गए औय अॊत भें टहभारम की ओय
चरे गए।

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