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बाल महाभारत- सम्पूर्ण प्रश्नोत्तर-VII
बाल महाभारत- सम्पूर्ण प्रश्नोत्तर-VII
बाल महाभारत- सम्पूर्ण प्रश्नोत्तर-VII
महाभारत कथा
ऩौयाणणक- फहुत प्राचीन। कुटिर- दष्ु ि। वैयबाव- दश्ु भनी। अऻातवास- छिऩकय यहना।
2. दे वव्रत
भोह लरमा- आकर्षित ककमा। ऺोब का ऩायावाय- अत्मधधक क्रोधधत होना। प्रचण्ड- तेर्। घणृ णत- नपयत के मोग्म।
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3. भीष्म प्रततऻा
4. अम्बा और भीष्म
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5. ववदरु
6. कुंु ती
रोक छनॊदा- सभार् भें होने वारी फयु ाई। दॊ ऩष्त्त- ऩछत ऩत्नी। णखन्न- दख
ु ी। सष
ु भा- सौंदमि।
प्रश्न 1. ऩथ
ृ ा ककसकी ऩत्र
ु ी थी?
उत्तय-ऩथ
ृ ा मदव
ु श
ॊ के प्रलसद्ध यार्ा शयू सेन की ऩत्र
ु ी थी।
प्रश्न 2. ऩथ
ृ ा का नाभ कॊु ती कैसे ऩडा?
उत्तय-ऩथ
ृ ा के र्ऩता शयू सेन ने अऩने पुपेये बाई कॊु छतबोर् को वचन टदमा था कक अऩनी ऩहरी सॊतान उसे गोद दे
दे गा। अत: कॊु तीबोर् के महाॉ ऩहुॉचने ऩय ऩथ
ृ ा का नाभ कॊु ती ऩड गमा।
प्रश्न 3. सम
ू ि के सॊमोग से उत्ऩन्न फारक का कॊु ती ने क्मा ककमा?
उत्तय- सम
ू ि के सॊमोग से उत्ऩन्न फारक को कॊु ती ने रोक-रार् के डय से एक ऩेिी भें फडी सावधानी के साथ फॊद कयके
गॊगा भें फहा टदमा।
प्रश्न 4. कणि का रारन-ऩारन ककसने ककमा?
उत्तय- सम
ू -ि ऩत्र
ु कणि का रारन-ऩारन अधधयथ नाभ के सायथी ने ककमा।
प्रश्न 5. ऩाॊडु की ऩष्त्नमों के नाभ फताइए।
उत्तय-ऩाॊडु की दो ऩत्नी थीॊ-कॊु ती व भाद्री।
प्रश्न 6. भाद्री ऩछत के साथ सती क्मों हो गई?
उत्तय- भाद्री तवमॊ को ऩछत की भत्ृ मु का कायण भानती थी इसलरए वह ऩछत के साथ सती हो गई।
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7. भीम
द्वेष बाव- ईष्माि की बावना। काभ तभाभ होना- भयना। उत्तेष्र्त- क्रोधधत।
प्रश्न 1. दम
ु ोधन बीभ से वैयबाव क्मों यखता था?
उत्तय-दम
ु ोधन के बीभ के प्रछत वैयबाव के छनम्न कायण थे-
•खेरों भें बीभ दम
ु ोधन व उसके बाइमों को खूफ तॊग ककमा कयता था।
•अतत्र-र्वद्मा व अन्म र्वद्माओॊ भें ऩाॊडव कौयवों से आगे यहते थे।
•दम
ु ोधन सोचता था कक बीभ के भयने ऩय मधु धष्ष्िय व अर्न
ुि आटद को कैद कयके फॊदी फना रेंगे औय साये याज्म ऩय
अऩना अधधकाय हो र्ाएगा।
प्रश्न 2. बीभ को भायने की दम
ु ोधन ने क्मा मोर्ना फनाई?
उत्तय-दम
ु ोधन ने ऩाॊडवों को र्र-क्रीडा का न्मोता टदमा। खेरने व तैयने से थकने के फाद सबी को बोर्न कयामा गमा।
दम
ु ोधन ने चाराकी से बीभ के बोर्न भें र्वष लभरा टदमा। बोर्न कयके सफ अऩने डेयों भें सोने के लरए चरे गए ककॊ तु
बीभ र्वष के प्रबाव से गॊगा-ति ऩय ये त भें धगय गमा। ऐसी हारत भें दम
ु ोधन ने बीभ के हाथ-ऩैय फाॊधकय उसे गॊगा भें
फहा टदमा।
प्रश्न 3. कॊु ती को अॊदय ही अॊदय क्मा धचॊता सता यही थी?
उत्तय-कॊु ती को अॊदय ही अॊदय मह धचॊता सता यही थी कक दम
ु ोधन उसके ऩाॊडवों को ककसी प्रकाय का दख
ु ने ऩहुॊचाए।
8. कर्ण
छनऩण
ु ता- कुशरता। प्रछततऩधाि- प्रछतमोधगता। खभ िोकना- र्ोश के साथ उऩष्तथत होना। तऩाक से- अचानक से।
डडॊगे भायना- फडी फडी फातें कयना। एन वक्त ऩय- सभम आने ऩय अचानक। दे हावसान- भत्ृ म।ु
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उत्तय- कणि ने दे वयार् से कहा-" आऩ प्रसन्न हैं, तो शत्रओ
ु ॊ का सॊहाय कयने वारा अऩना 'शष्क्त' नाभक शतत्र भझ
ु
प्रदान कयें !
प्रश्न 6. कणि ने ऩयशयु ाभ र्ी के साथ क्मा िर ककमा?
उत्तय- ऩयशयु ाभ र्ी से ब्रह्भातत्र सीखने की इच्िा से कणि उनके ऩास ब्राह्भण के वेष भें गमा औय प्राथिना की कक उसे
लशष्म तवीकाय कयने की कृऩा कयें । ऩयशयु ाभ र्ी ने उसे ब्राह्भण सभझकय लशष्म फना लरमा। इस प्रकाय िर से कणि
ने ब्रह्भातत्र चराना सीख लरमा।
प्रश्न 7. कणि की भत्ृ मु कैसे हुई?
उत्तय- अर्न
ुि से मद्ध
ु कयते सभम र्फ शाऩवश कणि के यथ का ऩटहमा र्भीन भें धॊस गमा औय वह धनष
ु -फाण यखकय
र्भीन भें धॊसा हुआ ऩटहमा छनकारने का प्रमत्न कयने रगा, तबी अर्न
ुि ने उस भहायथी ऩय प्रहाय ककमा औय वह मद्ध
ु
भें वीयगछत को प्राप्त हो गमा।
9. द्रोर्ाचायण
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10. ऱाख का घर
कुभॊत्रणा- फयु ी मोर्ना फनाना। कुयाह- अनधु चत भागि। दरीर- तकि। ऩष्ृ ि ऩोषक- ऩऺधय।
प्रश्न 1. दम
ु ोधन ऩाॊडवों से ईष्माि क्मों कयता था?
उत्तय- ऩाॊडवों के शायीरयक फर औय अर्न
ुि की मद्ध
ु कुशरता के कायण दम
ु ोधन ऩाॊडवों से ईष्माि कयता था।
प्रश्न 2. ऩाॊडवों का नाश कयने के लरए दम
ु ोधन ने ककस ककस का सहाया लरमा?
उत्तय-ऩाॊडवों का नाश कयने के लरए दम
ु ोधन ने अऩने भाभा शकुछन व लभत्र कणि का सहाया लरमा।
प्रश्न 3. 'वायणावत' कौन-कौन गमा?
उत्तय- 'वायणावत' ऩाॊडवों के साथ कॊु ती बी गई।
प्रश्न 4. ऩाॊडवों के लरए फनने वारे भकान भें ऩयु ोचन ने क्मा साभग्री रगाई?
उत्तय-ऩयु ोचन ने वायणावत र्ाकय ऩाॊडवों के िहयने के लरए सन (रूई), घी, भोभ, तेर, राख, चयफी आटद र्ल्दी आग
ऩकडने वारी चीर्ों को लभट्टी भें लभराकय एक सद
ॊु य बवन फनवामा।
प्रश्न 5. ऩाॊडवों को वायणावत बेर्ने भें दम
ु ोधन की क्मा मोर्ना थी?
उत्तय-ऩाॊडवों को वायणावत बेर्ने भें दम
ु ोधन की मोर्ना मह थी कक कुि टदनों तक ऩाॊडवों को राख के बवन भें
आयाभ से यहने टदमा र्ाए औय र्फ वे ऩण
ू ि रूऩ से छन:शॊक हो र्ाए, तफ यात भें बवन भें आग रगा दी र्ाए, ष्र्ससे
ऩाॊडव तो र्रकय बतभ हो र्ाएॉ औय कौयवों ऩय बी कोई दोष न रगा सके।
दत
ु साहस- न सह सकने वारी टहम्भत।
प्रश्न 1, वायणावत को र्ाते सभम र्वदयु ने मधु धष्ष्िय को ककस प्रकाय सचेत ककमा था?
उत्तय- वायणावत को र्ाते सभम र्वदयु ने मधु धष्ष्िय को दम
ु ोधन के षड्मॊत्र से अवगत कयाकय सचेत ककमा।
प्रश्न 2. वायणावत भें ऩाॊडवों के यहने का प्रफॊध ककसने ककमा?
उत्तय- वायणावत भें ऩाॊडवों के यहने का प्रफॊध ऩयु ोचन ने ककमा र्ो कक दम
ु ोधन का शब
ु धचॊतक था।
प्रश्न 3. थकी हुई कॊु ती ने ऩत्र
ु ों से क्मा कहा?
उत्तय- थकी हुई कॊु ती ने ऩत्र
ु ों से कहा-"भैं तो प्मास से भयी र्ा यही हूॉ। अफ भझ
ु से त्रफल्कुर चरा नहीॊ र्ाता। धत
ृ याष्र के
फेिे चाहे तो बरे हो भझ
ु े महाॉ से उिा रे र्ाएॉ, भैं तो महीॊ ऩडी यहूॉगी।"
प्रश्न 4. राऺागह
ृ िोडने के ऩश्चात ् ऩाॊडव कहाॉ औय ककस वेश भें ऩहुॉचे?
उत्तय- राऺागह
ृ िोडने के ऩश्चात ् ऩाॊडव एकचक्रा नगयी भें ब्राह्भण के वेश भें ऩहुॉचे।
प्रश्न 5. कॊु ती ने ब्राह्भण से क्मा कहा?
उत्तय- कॊु ती ने कहा-"र्वप्रवय, आऩ इस फात की धचॊता िोड दें । भेये ऩाॊच फेिे हैं। उनभें से एक आर् याऺस के ऩास
बोर्न रेकय चरा र्ाएगा।"
प्रश्न 6. कॊु ती ने बीभ को फकासयु के ऩास क्मों बेर्ा?
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उत्तय- कॊु ती ने बीभ को फकासयु के ऩास बेर्ा क्मोंकक वह र्ानती थी कक बीभ उसका काभ तभाभ कय दे गा। बीभ की
शष्क्त का भक
ु ाफरा कोई नहीॊ कय सकता। कॊु ती का मह सोचना बी सही छनकरा क्मोंकक फकासयु का वध कयके वह
उसकी राश को नगय के पािक तक घसीिकय रामा। इस प्रकाय गाॊव वारों को फकासयु के चॊगर
ु से िुिकाया लभरा।
वह
ृ दाकाय- फहुत फडा। र्वप्रव- शोय। भग
ृ िारा- टहयण की खार। अष्ग्न लशखा- आग की रऩि। सम्भछत- सराह।
प्रश्न 1. ऩाॊचार व दे श भें ऩाॊडव ककस रूऩ भें कहाॉ र्ाकय िहये थे।
उत्तय- ऩाॊचार दे श भें ऩाॊडव ब्राह्भण के वेश भें एक कुम्हाय की झोऩडी भें िहये थे।
प्रश्न 2. द्रौऩदी तवमॊवय भें कौन-कौन भख्
ु म प्रछतबागी थे?
उत्तय- द्रौऩदी- तवमॊवय भें श्रीकृष्ण, फरयाभ, धत
ृ याष्र के सौ ऩत्र
ु , लशशऩ
ु ार, र्यासॊध, शल्म व ऩाॊडव र्ैसे अनेक
प्रलसद्ध व्मष्क्त अऩना बाग्म ऩयखने आए थे।
प्रश्न 3. ऩाॊचों ऩाॊडवों से द्रौऩदी का र्ववाह कैसे हुआ?
उत्तय- भाॊ की आऻा औय सफकी सम्भछत से द्रौऩदी के साथ ऩाॊचों ऩाॊडवों का र्ववाह हो गमा।
13. इुंद्रप्रस्थ
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14. जरासुंध
यार्सम
ू मऻ- सम्राि फनने की अलबराषा से ककमा र्ाने वारा मऻ। वल्कर- वऺ
ृ की िार। कुशा- एक प्रकाय की
वनतऩछत। अभ्मागत- भेहभान।
प्रश्न 1. यार्सम
ू मऻ के र्वषम भें मधु धष्ष्िय ने श्रीकृष्ण से क्मा कहा?
उत्तय- यार्सम
ू मऻ के र्वषम भें मधु धष्ष्िय ने श्रीकृष्ण से कहा-"लभत्रों का कहना है कक भैं यार्सम
ू मऻ कयके सम्राि
ऩद प्राप्त करू ऩयॊ तु यार्सम
ू मऻ तो वही कय सकता है , र्ो साये सॊसाय के नये शों का ऩज्
ू म हो औय उनके द्वाया
सम्भाछनत हो। आऩ ही इस र्वषम भें भझ
ु े सही सराह दे सकते हैं।"
प्रश्न 2. मधु धष्ष्िय ने यार्सम
ू मऻ का इयादा क्मों िोडना चाहा?
उत्तय- र्फ मधु धष्ष्िय को कृष्ण, बीभ व अर्न
ुि की फातों से मह अॊदेशा होने रगा कक यार्सम
ू मऻ कयने के लरए कई
रोगों
के प्राणों ऩय फन आएगी तो उन्होंने इस इयादे को त्माग दे ना ही श्रेमकय सभझा।
प्रश्न 3. र्यासॊध के महाॉ श्रीकृष्ण, बीभ औय अर्न
ुि ककस रूऩ भें गए थे?
उत्तय "श्रीकृष्ण, बीभ औय अर्न
ुि ने वल्कर वतत्र ऩहन लरए, हाथ भें कुशा रे री औय व्रती रोगों का सा वेष धायण
कयके भगध दे श के लरए यवाना हो गए। "
प्रश्न 4. बीभसेन औय र्यासॊध भें ककतने सभम तक मद्ध
ु होता यहा?
उतय- ऩरबय बी र्वश्राभ ककए फगैय बीभ औय र्यासॊध तेयह टदन औय तेयह यात रगाताय रडते यहे । चौदहवें टदन
र्यासॊध थककय र्या दे य को रुक गमा। इस ऩय िीक भौका दे खकय श्रीकृष्ण ने बीभ को इशाये से सभझामा औय
बीगसेन ने पौयन र्यासॊध को उिाकय चायों ओय घभ
ु ामा औय उसे र्भीन ऩय र्ोय से ऩिक टदमा। इस प्रकाय अर्ेम
र्यासॊध का अॊत हो गमा ।
प्रश्न 5. श्रीकृष्ण की अग्रऩर्
ू ा की सराह ककसने दी थी।
उत्तय- र्ऩताभह बीष्भ ने मधु धष्ष्िय को सराह दी कक द्वायकाधीश की ऩर्
ू ा ऩहरे की र्ाए।
प्रश्न 6. लशशऩ
ु ार की भत्ृ मु ककसके हाथो हुई औय क्मों?
उत्तय- लशशऩ
ु ार की भत्ृ मु श्रीकृष्ण के हाथों हुई क्मोंकक वह छनयॊ तय श्रीकृष्ण के र्वरूद्ध फोरता र्ा यहा था। वह नहीॊ
चाहता था कक मधु धष्ष्िय ' यार्सम
ू मऻ' हे तु श्रीकृष्ण की अग्रऩर्
ू ा कये ।
प्रश्न 1. दम
ु ोधन धचॊछतत औय उदास क्मों था?
उत्तय- यार्सम
ू मऻ भें मधु धष्ष्िय के िाि फाि औय ऩाॊडवों की मश सभर्ृ द्ध का तभयण कयके दम
ु ोधन धचॊछतत औय
उदास था।
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प्रश्न 2. मधु धष्ष्िय को त्रफना रडाई के र्ीत ऩाने का शकुछन ने क्मा उऩाम फतामा?
उत्तय - शकुछन ने कहा-"दम
ु ोधन! मधु धष्ष्िय को चौसय के खेर का फडा शौक है । ऩय उसे खेरना नहीॊ आता है । हभ उस
खेरने के लरए न्मोता दें तो मधु धष्ष्िय अवश्म भान र्ाएगा। तभ
ु तो र्ानते ही हो कक भैं भॊझा हुआ णखराडी हूॉ। तम्
ु हायी
ओय से भैं खेरग
ूॊ ा औय मधु धष्ष्िय को हयाकय उसका साया याज्म औय ऐश्वमि, त्रफना मद्ध
ु के आसानी से िीनकय तम्
ु हाये
हवारे कय दॊ ग
ू ा।
प्रश्न 3. र्ए
ु के खेर के र्वयोध भें धत
ृ याष्र ने क्मा कहा?
उतय- र्ुए के खेर के र्वयोध भें धत
ृ याष्र ने कहा "र्ुए का खेर वैय-र्वयोध की र्ड होता है । इसलरए फेिा, भेयी तो मह
याम है कक तम्
ु हाया मह र्वचाय िीक नहीॊ है इसे िोड दो। "
प्रश्न 4. र्ए
ु के खेर के र्वषम भें र्वदयु के क्मा र्वचाय थे?
उतय- र्ुए के खेर के र्वषम भें र्वदयु के र्वचाय इस प्रकाय थे-"यार्न ्, साये वॊश का इससे नाश हो र्ाएगा। इसके कायण
हभाये कुर के रोगों भें आऩसी भनभि
ु ाव औय झगडे-पसाद होंगे। इसकी बायी र्वऩदा हभ ऩय आएगी।"
प्रश्न 5. ऩाॊडवों को चौसय के खेर का छनभॊत्रण दे ने के लरए ककसे बेर्ा गमा?
उत्तय- ऩाॊडवों को चौसय के खेर का छनभॊत्रण दे ने के लरए र्वदयु को बेर्ा गमा।
बयसक- ऩयू ी तयह से। चेताना- सचेत कयना। चाव से- उत्साह से। ऩाय ऩाना- ऻान प्राप्त कयना। सानी- भक
ु ाफरा।
मम
ु त्ु सु- धत
ृ याष्र का एक सौ एकवाॊ ऩत्र
ु र्ो एक वैश्म र्ाछत की तत्री से ऩैदा हुआ।
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उत्तय- दफ
ु ाया के "खेर भें मह शति थी कक हाया हुआ दर अऩने बाइमों के साथ फायह वषि का वनवास कये गा तथा उसके
उऩयाॊत एक वषि अऻातवास भें यहे गा। मटद इस एक वषि भें उनकी ऩता चर र्ाएगा, तो उन सफको फायह वषि का
वनवास कपय से बोगना होगा।"
17. धत
ृ राष्र की चचुंता
ताज्र्फ
ु - आश्चमि। र्वतभम- आश्चमि। फलरष्ि- शष्क्तशारी। भारुछत- हनभ
ु ान।
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उत्तय- बीभसेन ने कहा-ककसी र्ानवय को राॊघना अनधु चत है । इसी कायण भैं रुक गमा, नहीॊ तो भैं तम्
ु हें एक ही
िराॊग भें राॉघकय चरा गमा होता।
प्रश्न 4. हनभ
ु ान ने बीभ को क्मा आशीवािद टदमा?
उत्तय- हनभ
ु ान ने आशीवािद दे ते हुए कहा-"बीभ! मद्ध
ु के सभम तम्
ु हाये बाई अर्न
ुि के यथ ऩय उडनेवारी ध्वर्ा ऩय भैं
र्वद्मभान यहॉगा। र्वर्म तम्
ु हायी ही होगी।"
चौऩामों- ऩशओ
ु ॊ। अनच
ु य- सेवक। अनग
ु टृ हत- आबायी होना। आवबगत- तवागत सत्काय। अऺमऩात्र- र्ो कबी
खारी ना हो।
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20. मायावी सरोवर
तयकश- फाण यखने का चोंगा। अॊर्ुलर- हथेरी/ दोनों हाथों से ऩानी ऩीने के लरए फनाई गई ष्तथछत/ ओक। फेधडक-
छनबीक।
21. यऺ प्रश्न
भयणासन्न- भत्ृ मु छनकि होना। अहॊ बाव- अहॊ काय। अॊतधािन- छिऩ र्ाना। अधीश- शासक, यार्ा।
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22. अऻातवास
प्रश्न 1. यार्ा र्वयाि के महाॉ अऻातवास भें ऩाॊडव ककस नाभ औय रूऩ भें यहे ?
उत्तय- मधु धष्ष्िय - कॊक
बीभसेन - वल्रब
अर्न
ुि - फह
ृ न्नरा
नकुर - ग्रॊधथक
सहदे व - तॊत्रत्रऩार
प्रश्न 2. दम
ु ोधन ने कैसे अनभ
ु ान रगामा कक ऩाॊडव भत्तम दे श भें हैं?
उत्तय- कीचक के भाये र्ाने की खफय ऩाते ही दम
ु ोधन का भाथा िनका कक हो-न-हो कीचक का वध बीभ ने ही ककमा
होगा। मह दम
ु ोधन का अनभ
ु ान था।
प्रश्न 3. औयत के बेष भें उत्तय के यथ ऩय अर्न
ुि को दे खकय दम
ु ोधन ने क्मा कहा?
उत्तय- औयत के बेष भें यथ ऩय फैिे मोद्धा के र्वषम भें अर्न
ुि र्वषमक चचाि सन
ु कय दम
ु ोधन कणि से फोरा-"हभें इस
फात से क्मा भतरफ कक मह औयत के बेष भें कौन है ! भान रें कक मह अर्न
ुि ही है । कपय बी हभाया तो उससे काभ हो
फनता है । शति के अनस
ु ाय उन्हें औय फायह वषि का वनवास बग
ु तान ऩडेगा।"
प्रश्न 1. कणि, कृऩाचामि व अश्वत्थाभा के भध्म र्ववाद को दे खकय बीष्भ ने क्मा कहा?
उत्तय- कणि, कृऩाचामि व अश्वत्थाभा के भध्म र्ववाद को दे खकय बीष्भ ने कहा कक इस सभम आऩस भें वैय र्वयोध न
कयके लभरकय शत्रु से रडना ही उधचत है ।
प्रश्न 2. र्ऩताभह बीष्भ के सॊधध के प्रतताव ऩय व दम
ु ोधन ने क्मा कहा?
उत्तय- र्ऩताभह बीष्भ के सॊधध प्रतताव ऩय दम
ु ोधन ने कहा-"ऩज्
ू म र्ऩताभह! भैं सॊधध नहीॊ चाहता हूॉ। याज्म तो दयू यहा,
भैं तो एक गाॉव तक ऩाॊडवों को दे ने के लरए तैमाय नहीॊ हूॉ।"
प्रश्न 3. प्रछतऻा के सभम के सॊफध
ॊ भें बीष्भ ने दम
ु ोधन से क्मा कहा?
उत्तय- प्रछतऻा के सभम के सॊफध
ॊ भें उिे र्ववाद ऩय तऩष्िीकयण दे ते हुए बीष्भ ने दम
ु ोधन से कहा-"प्रछतऻा का सभम
कर ही ऩयू ा हो चुका है । चॊद्र औय सम
ू ि की गछत, वषि, भहीने औय ऩऺ र्वबाग के ऩायतऩरयक सॊफध
ॊ को अच्िी तयह
र्ाननेवारे भेये कथन की ऩष्ु ष्ि कयें गे । प्रत्मेक वषि भें एक र्ैसे भहीने नहीॊ होते। भारभ
ू होता है कक तभ
ु रोगों की
गणना भें बर
ू हुई है ।"
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24. ववराट का भ्रम
25. मुंत्रर्ा
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26. राजदत
ू सुंजय
छनमत- छनष्श्चत। र्ववेकशीर- फर्ु द्धभान, सभझदाय। टहतधचॊतक- बरा चाहने वारे। डऩोय शॊख- फडी फडी फातें कयने
वारा।
27. शाुंततदत
ू श्रीकृष्र्
कुचक्र- फयु ी चार। सॊभ्ाॊत- र्वलशष्ि र्न। आरू़ि- च़िकय, फैिकय। कुरनाशी- कुर का नाश कयने वारा। भझधाय-
फीच भें ।
1. श्रीकृष्ण शाॊछत दत
ू फनकय हष्ततनाऩयु ककसके साथ गए?
उत्तय- साष्त्मक
2. दम
ु ोधन के बोर्न छनभॊत्रण ऩय श्रीकृष्ण ने क्मा कहा?
उत्तय- भेया उद्देश्म ऩयू ा होने ऩय बोर्न का न्मोता दे ना उधचत होगा
3. श्रीकृष्ण ने धत
ृ याष्र की सबा भें क्मा कहा?
उत्तय- ऩाॊडवाॊ को आधा याज्म रौिा दो। ऐसा कयने से वे तम्
ु हे मव
ु यार् व धत
ृ याष्र को भहायार् भानेंगे। उनसे सॊधध
कय रो।
प्रश्न 1. ऩाॊडव सेना के सात नामक कौन थे? उनभें से सेनाऩछत कौन फना?
उत्तय- ऩाॊडवों की र्वशार सेना को सात टहतसों भें फाॊि टदमा गमा। द्रऩ
ु द, र्वयाि, धष्ृ िद्मम्
ु न, लशखॊडी सात्मकक,
चेककतान, बीभसेन आटद साथ भहायथी इन 7 दरों के नामक फने इनभें से धष्ृ िद्मम्
ु न को सेनाऩछत फनामा गमा।
प्रश्न 2. बीष्भ के सेनाऩछत फनने ऩय कणि ने क्मा छनणिम लरमा?
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उत्तय- कणि ने छनणिम लरमा कक बीष्भ के भाये र्ाने के फाद ही वह मद्ध
ु बलू भ भें प्रवेश कये गा औय केवर अर्न
ुि को ही
भाये गा।
प्रश्न 3. अिायह टदन भें कौयव-सेना के कौन-कौन सेनाऩछत फने?
उत्तय- अिायह टदन भें कौयव-सेना के चाय सेनाऩछत फने। ऩहरे दस टदन बीष्भ, कपय ऩाॉच टदन द्रोण, दो टदन कणि औय
एक टदन शल्म सेनाऩछत यहे ।
प्रश्न 4. भहाबायत ककतने टदन चरा?
उत्तय- 18 टदन
दॊ ग यहना- आश्चमि चककत यहना। सायथी- यथ चराने वारा। छततय त्रफतय- इधय उधय त्रफखयना। उत्तेष्र्त- क्रोधधत।
व्मधथत- व्माकुर।
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32. भीष्म शर-शय्या ऩर
वऺ तथर- सीना। प्रत्मत्ु तय- फदरा। लशकन ना आना- रेशभात्र बी णखन्न ना होना। भभि तथर- कोभर अॊग। प्राण
हायी- प्राणों को हयने वारे। सोता- स्रोत। त्रफिोह- र्वमोग, अरग होने की अनब
ु छू त।
प्रश्न 4. दम
ु ोधन मधु धष्ष्िय को र्ीर्वत क्मों ऩकडना चाहता था?
उत्तय-दम
ु ोधन मधु धष्ष्िय को र्ीर्वत इसलरए ऩकडना चाहता था ताकक मद्ध
ु र्ल्दी सभाप्त हो र्ाए। वह मह बी सोच
यहा था कक मधु धष्ष्िय को थोडा-सा याज्म का बाग दे कय सॊधध कय री र्ाए औय कुि सभम के फाद र्ुआ खेरकय याज्म
का वह बाग वाऩस अऩने कब्र्े भें कय लरमा र्ाए।
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33. बारहवाुं ददन
34. अभभमन्यु
अनक
ु यण- ऩीिे ऩीिे चरना। ताड रेना- र्ान रेना। सैंधव- लसॊधु दे श का यहने वारा।
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36. भूररश्रवा, जयद्रथ और आचायण द्रोर् का अुंत
37. कर्ण और दय
ु ोधन भी मारे गए
छनरिज्र्ता- फेशभी। छन सहाम- ष्र्सकी कोई सहामता कयने वारा न हो। कुिुॊफ- ऩरयवाय।
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38. अश्वत्थामा
प्रश्न 1. दम
ु ोधन के ऩश्चात कौयवों की सेना का सेनाऩछत कौन फना?
उत्तय- अश्वत्थाभा।
प्रश्न 2. ऩाॊडवों के र्वनाश की प्रछतऻा ककसने की?
उत्तय- अश्वत्थाभा।
प्रश्न 3. अश्वत्थाभा ने ऩाॊडवों को कैसे भाया?
उत्तय- अश्वत्थाभा ने यात के सभम सोते हुए ऩाॊडवों को िर से भाया। धष्ृ िद्मम्
ु न व द्रोऩदी के ऩाॊच ऩत्र
ु ों को तो उसने
ऩैयों से कुचर डारा। इसके फाद ऩाॊडव लशर्वय को ही आग रगा दी। इस कामि भें उसके साथ कृऩाचामि औय कृतवभाि बी
थे।
प्रश्न 4. उत्तया ने ककसे र्न्भ टदमा?
उत्तय- अलबभन्मु के ऩत्र
ु ऩयीक्षऺत को।
40. ऩाुंडवों का धत
ृ राष्र के प्रतत व्यवहार
प्रश्न 1. धत
ृ याष्र ने मधु धष्ष्िय से क्मा अनभ
ु छत भाॊगी?
उत्तय- वल्कर वतत्र धायण कय वन गभन कयने की।
प्रश्न 2. मधु धष्ष्िय ने धत
ृ याष्र के अनभ
ु छत भाॊगने ऩय क्मा कहा?
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उत्तय- धत
ृ याष्र ने कहा कक आऩ तो याज्म के तवाभी हैं। आऩका ही ऩत्र
ु ममु त्ु सु यार् गद्दी ऩय फैिे मा ष्र्से आऩ चाहे
यार्ा फना दे अथवा शासन की फागडोय तवमॊ अऩने हाथों भें रे रे औय प्रर्ा का ऩारन कयें । भैं वन भें चरा र्ाऊॊगा।
यार्ा भैं नहीॊ फष्ल्क आऩ ही है । भैं ऐसी हारत भें आऩको अनभ
ु छत कैसे दे सकता हूॊ।"
प्रश्न 3. वन गभन के सभम धत
ृ याष्र के साथ कौन कौन थे?
उत्तय- गाॊधायी, कॊु ती औय सॊर्म।
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