Download as pdf or txt
Download as pdf or txt
You are on page 1of 191

गर्मी की उस दोपहर र्मे सर पर तप्ता सूरज र्मेरी परीक्षा ले रहा था र्मंज़िल अभी

भी दू र थी प्यास से गला सूख रहा था पर पानी भी नही था र्मेरे पास जपछले


चार जदनो से सफ़र जारी था र्मेरा अंजाना सफ़र और अंजानी र्मंज़िल थी रास्ता
पूरी तरह से सुनसान पडा था बस गरर्म लू ही थी जो साय साय करते हुवे कहर
ढा रही थी र्मैं आस लगा रहा था जक कुछ साधन जर्मल जाए तो सफ़र आसान
हो जाए पर आज इस राह का र्मैं एक्लोता र्मुसाजिर ही था

अपने धीर्मे कदर्मो से र्मैं उस कच्चे रास्ते पर चलता ही जा रहा था पर अब र्मेरे


पैर जवाब दे ने लगे थे र्मैने सोचा जक कही र्मैने ग़लत रास्ता तो नही पकड जलया
कोई नक्शा भी नही था र्मेरे पास उपर से थकान से बुरा हाल था तो सोचा जक
कुछ दे र आरार्म ही करलू तो एक खेत के पास नीर्म की छााँ व र्मे बैठ गया छााँ व
जर्मली तो शरीर भी कुछ सुस्त हुआ और ना जाने कब र्मेरी आाँ ख लग गयी पता
नही जकतनी दे र र्मैं पेड के नीचे सोता रहा

आाँ ख तब खुली जब जकसी ने र्मुझे आवा़ि दी ओ शहरी बाबू कॉन हो तुर्म और


र्मेरे खेत र्मे क्या कर रहे हो अपनी आखे र्मलते हुए र्मैने दे खा जक कोई गााँ व की
औरत है सां वला सा रं ग तीखे नैन-नक्श उर्मर कोई 33-34 होगी पर बेहद ही
कसा हुवा जजस्म था उसका र्मैं उसको दे खते ही रह गया पलके झपकाना भूल
गया तो वो बोली बाबू जी कहााँ खो गये र्मैने सकपकाते हुवे अपना थूक गटका
और कााँ पते हुवे लहजे र्मे कहा जक जी र्मुसाजिर हाँ थोडा सा थक गया था तो
सोचा जक पेड के नीचे बैठ जाउ पता नही चला जक कब आाँ ख लग गयी र्मािी
चाहता हाँ

वो बोली कोई बात नही बाबू

र्मैने कहा जक जी र्मुझे अजुुनगढ़ जाना है आप बता सकती है जक वो गााँ व


जकतना दू र है तो वो बोली बाबू तुर्म गााँ व के जकनारे पर ही हो बस कोई 1 कोस
और रह गया है र्मैं भी अजुुनगढ़ की ही ह और ये र्मेरे खेत है यहााँ पर र्मैने
अपना सार्मान उठाया और उसको कहा जक जी बडी प्यास लगी है

यहााँ पानी जर्मलेगा क्या तो वो बोली जक थोडी दू र कुआाँ है आओ पानी जपलाती


ह तो र्मैं उसके पीछे पीछे चल पडा उसने बाल्टी कुवे र्मे डाली और र्मुझे पानी
जपलाने लगी ऐसा ठं डा पानी था उस कुवे का र्मैं तो जिड् ज के पानी को भूल
गया कुछ पलो के जलए र्मैं जैसे अपने आप को भूल ही गया तो उस औरत ने
जिर से र्मुझे वतुर्मान र्मे लाते हुवे कहा जक बाबू पानी जपयो ध्यान कहााँ है तुम्हारा
तो र्मैं पानी पीने लगा जी भर कर जपया र्मैने

र्मैने उसको धन्यवाद जकया और अपने सार्मान को संभालते हुवे चलने लगा तो
उसने कहा बाबू र्मैं भी गााँ व र्मे ही जा रही ह आओ तुर्मको छोड दे ती ह तो र्मैं
उसके पीछे पीछे चल पडा कुछ दू र आगे आने पर उसने पूछा जक बाबू गााँ व
र्मे जकसके घर जाओगे तो र्मैने कहा जक जी र्मुझे ठाकुर यूधवीर जसंग की हवेली
पे जाना है तो ये सुनते ही उस औरत ने अपने सर पर जो घास का गट्ठर उठाया
हुवा था वो उसके सर से नीचे जगर गया

उसने जहर भरी ऩिरो से र्मेरी ओर दे खा और कहा जक र्मुझे नही बताना कोई
रास्ता-वास्ता तुर्मको अपने आप चले जाना और अपने गट्ठर को उठा कर
बडबडाती हुई आगे की ओर चली गयी र्मेरी तो सर्मझ र्मे ही नही आया जक
इसको क्या हुआ तो र्मैं भी आजहस्ता आजहस्ता उसी औरत की जदशा र्मे चल
पडा जब र्मैने उस गााँ व र्मे कदर्म रखा तो शार्म ढल रही थी गााँ व र्मे हर कोई
र्मेरे भेस को ही दे खे क्योंजक र्मैं बाहर से आया था तो लोग थोडी अजीब ऩिरो
से र्मुझे दे ख रहे थे
चोपाल पर कुछ बुजुगु बैठे थे र्मैने उनको रार्म रार्म जकया और उनके पास बैठ
गया उन्होने कहा र्मुसाजिर कहााँ से आए हो और जकसके घर जाओगे तो र्मैने
कहा बाबा र्मैं बडी दू र से आया ह और र्मुझे ठाकुर यूधवीर जसंग की हवेली
जाना है हवेली का नार्म सुनते ही उनके चेहरो का रं ग जैसे उड सा गया तभी
एक बुड्ढे ने पूछा जक बेटे तुर्म अजनबी आदर्मी तुम्हारा वहााँ क्या कार्म तो र्मैने
कहा जक बाबा र्मुझे वहााँ से बुलावा आया है

उस बुजुगु की बूढ़ी आाँ खो र्मे कई सवाल जदखे र्मुझे उन्होने कहा बेटा हवेली
तो वो जकसी जर्माने र्मे हुआ करती थी पर आज तो बस एक इर्मारत ही रह
गयी है र्मैने कहा बाबा र्मुझे तो वही बुलाया गया है कुछ सवाल र्मेरे र्मन र्मे भी
है इसी जलए तो र्मैं इतने दू र से यहााँ आया ह तो उन्होने कहा जक बेटा गााँ व के
दू सरी ओर पहाडो के पास है ठाकुर की हवेली पर बेटा अब रात जघरने को
आई है तुर्म आज यही गााँ व र्मे रुक जाओ

सुबह र्मैं जकसी को तुम्हारे साथ भेज दू ाँ गा वो तु म्हे वहााँ तक छोड आएगा तो
र्मैने कहा बाबा आप र्मुझे र्मुनीर्म राइचंद के घर पहुचा दीजजए तो उन्होने कहा
जक बेटा राइचंद जी को कैसे जानते हो तो र्मैने कहा जक उन्होने ही र्मुझे इस
गााँ व र्मे बुलवाया है तो वो बोले बेटा तुर्म कॉन हो तो र्मैने कहा बाबा बताया तो
था जक र्मैं र्मुसाजिर ह जिर उन्होने एक लडके को र्मेरे साथ भेज जदया र्मैने
राइचंद के घर का दरवाजा खटखटाया

तो जजस औरत ने र्मुझे कुाँए पर पानी जपलाया था उसी ने दरवाजा खोला और


र्मुझे दे खते ही र्मुझ पर बरस पडी और बोली जक अरे तुर्म ,तुर्म र्मेरे घर तक
कैसे आए हर्म हवेली के बारे र्मे कुछ नही जानते जाओ चले जाओ यहााँ से और
गुस्सा करने लगी र्मैने कहा जी आप र्मेरी बात तो सुजनए र्मुझे र्मुनीर्म राइचंद
जी से जर्मलना है उसने अपनी कजरारी आाँ खॉको िैलाते हुवे कहा जक तुर्म
र्मुनीर्म जी को कैसे जानते हो

र्मैने कहा र्मैं उन्हे नही जानता वो र्मुझे जानते है उन्होने ही र्मुझे यहााँ बुलाया है
तभी अंदर से आवा़ि आई लक्ष्मी कॉन है जकस से बात कर रही है तो उसने
र्मुझे अंदर आने को कहा और अपने बैठक र्मे ले गयी वहााँ पर एक 45-50
साल का आदर्मी बैठा था रोबीला इं सान था र्मैने हाथ जोडकर उनको नर्मस्ते
जकया तो वो बोले र्मैने आपको पहचाना नही तो र्मैने कहा जी र्मेरा नार्म दे व है
ये सुनते ही जो पान के बीडे की पेटी उनके हाथ र्मे थी वो उनके हाथ से नीचे
जगर गयी

उनकी आाँ खे है रत से िैल गयी उन्होने अपने चश्मे के शीशे को बजनयान से


पोन्छा और कहा ़िरा जिर से बताना तो र्मैने कहा जी र्मैं दे व हाँ उन्होने र्मुझे
अपने सीने से लगा जलया उनकी आाँ खे पानी से भर आई वो बोले र्मुझे पता था
जक आप ़िरूर आएाँ गे उन्होने कहा लक्ष्मी दे ख क्या रही है इनका स्वागत कर
आज हर्मारे द्वार पर दे ख कॉन आए है र्मेरी खुद सर्मझ नही आ रहा था जक ये
क्या बात कर रहे है आज़िर ये कैसा राज है राइचंद जी ने र्मुझे जबठाया और
लक्ष्मी से कहा की तुर्म खडी खडी क्या दे ख रही हो जाओ और दे व जी के जलए
कुछ भोजन का प्रबंध करो सफ़र करके आए है जिर उन्होने र्मेरी ओर
र्मुखाजतब होते हुवे कहा की र्माजलक आप ने आने से पहले र्मुझे अगर इजिला
कर दी होती

तो र्मै स्टे शन पर खुद आपको लेने आता आपने इतनी तकलीफ़ उठाई र्मैने
कहा जी आपका शुजिया पर ये र्मेरा पहला र्मोका था अकेले यात्रा करने का
और जिर र्मै जहन्दु स्तान भी तो पहली बार आया ह तो सोचा की थोडा सा
र्माहोले भी दे ख लूाँगा जिर र्मैने उनसे कहा की सबसे पहले आप र्मुझे ये बताए
की आपने र्मुझे लंडन संदेशा क्यो जभजवाया

और ये हवेली और ठाकुर यूधवीर कोन है और र्मेरा इन सब से क्या लेना दे ना


है र्मै तो इं जडया का जनवासी भी नही ह तो वो बोले दे व बाबू पहले आप कुछ
भोजन कर ले थोडा सा आरार्म कर ले जिर र्मै आपको सब बाते बताता ह भूख
तो र्मुझी भी लगी थी और थकान भी काफ़ी थी तो र्मुझे उनकी बाते सही लगी
कुछ ही दे र र्मे भोजन लग गया तो र्मै खाने पर ऐसे टू ट पडा जैसे की कई जन्मो
का भूखा ह

खाने के बाद राइचंद जी ने कहा की र्माजलक आप थोडा आरार्म करे सुबहा


आप एक नयी दु जनया दे खेंगे उन्होने र्मेरे प्रजत जजग्यासा जगा दी थी र्मैने कहा
नही जो भी बात है अभी बताइए पर उन्होने कहा की सुबह हर्म हवेली चलेंगे
जिर आप खुद ही सर्मझ जाओगे उन्होने र्मेरा जबस्तर लगा जदया पर आाँ खो र्मे
नींद ही नही आई अच्छा भला जी रहा था अपनी जजंदगी र्मे

अनाथ था बचपन से ही शंघर्षो से भरी ज़िंदगी जीया था पर जिर भी खुश था


कॉलेज का लास्ट जययर चल रहा था पर एक शार्म आए खत ने ज़िंदगी को
उथल पुथल करके रख जदया था ये लेटर इं जडया से जकसी राइचंद ने भेजा था
और साथ र्मे जहा़ि की जटकेट भी थी र्मुझे अजेंट्ली इं जडया बुलाया गया था
पर कुछ भी सॉि सॉि नही बताया गया
र्मुझे भी थोडी सी उत्सुकता हो गयी थी इसके कई कारण थे पहला तो की र्मै
बेशक लंडन र्मे रहता था पर र्मेरा रं ग रूप इं जडयन्स जैसा ही था दू सरा जजन
लोगो ने र्मुझे पाला था वो भी इं जडयन्स ही थे और जिर इतने जदनो तक कभी
जकसी ने र्मुझे खत नही जलखा था पर ठीक र्मेरे 20वे जनर्मजदन पर आए उस
खत र्मे कुछ तो रा़ि था तो र्मैने भी फ़ैसला कर जलया की चलो चलते है

और जिर एक र्मुश्किल सफ़र के बाद आज़िर र्मै अजुुन गढ़ आ ही गया था


अपने जदल र्मे कई सवाल जलए जजसका जवाब बस र्मुनीर्म जी के पास थे सोचते
सोचते आाँ ख लग गयी सुबह र्मैं उठा तो सूरज सर पर चढ़ आया था र्मैने
अंगडाई ली और बाहर आया ये गााँ व र्मे र्मेरी पहली सुबहा थी र्मैने अपने कपडे
जलए और बाथरूर्म र्मे घुस गया पर साला ये तो ़िुल्म ही हो गया

दरवाजे की कुण्डी नही लगी थी तो र्मैने सोचा की कोई नही है पर अंदर लक्ष्मी
नहा रही थी उसके र्मस्ताने बदन को पानी की बूाँदो र्मे जलपटे हुए दे ख कर र्मेरा
जदर्माग़ तो एक दर्म से झंझणा गया इस से पहले र्मैने कभी जकसी औरत या
लडकी को नंगा नही दे खा था तो र्मेरे जलए ये एक दर्म से अलग सा अनुभव था

एक दर्म से हुई इस घटना से लक्ष्मी भी हक्का-बक्का रह गयी थी र्मेरा तो


जदर्माग़ ही सुन्न सा हो गया था की क्या करू लक्ष्मी बस इतना ही बोली जक
जाआ ़िाआा जाओ यहा से र्मै बाथरूर्म से बाहर जनकलने ही वाला था जक
बाहर से आवा़ि आई र्मााँ कहााँ हो तुर्म र्मुझे खाना दो र्मै स्कूल जा रही ह ये
सुनते ही लक्ष्मी ने र्मेरा हाथ पकडा और र्मुझे वाजपस बाथरूर्म र्मे खीच जलया

और खुद जचल्लाते हुवे बोली जक र्मै नहा रही ह तुर्म खुद ही ले लो और चली
जाओ जिर लक्ष्मी र्मेरी ओर दे खते हुवे िुसिुसा के बोली र्मेरी बेटी स्कूल ना
चली जाए तब तक यही रहो कही उसने तुम्हे यहा से जनकलते हुवे दे ख जलया
तो र्मेरे बारे र्मे पता नही क्या सोचेगी पर बाथरूर्म के अंदर भी रुकना कोन
सा आसान था ़िासकर जब आप जकसी नंगी औरत के साथ हो

र्मेरी ऩिर बार बार उसके जजस्म पर जाने लगी तो वो बोली अपना र्मूह दू सरी
तरि करके खडे हो जाओ पर र्मुझे तो जैसे उसकी बात सुनी ही नही सां वला
रं ग था पर उसका शरीर भरा हुवा था र्मोटी र्मोटी बोबे र्मास से भरी हुवी ठोस
जंघे और काले काले बालो से धजक हुवी योजन जजसे र्मै बालो की वजह से दे ख
नही पाया र्मेरी सााँ से लडखडाने लगी थी धडकन बढ़ गयी थी

लक्ष्मी भी परे शन हो गयी थी क्योंजक ये कुछ पल बडे ही र्मुश्किल थे वो एक


अंजान के साथ बाथरूर्म र्मे नंगी खडी थी र्मेरी ऩिर नीचे गयी तो र्मैने दे खा
जक र्मेरा लंड जनक्कर र्मे टें टहाउस बनाए खडा है लक्ष्मी भी चोर ऩिरो से र्मेरे
लंड की तरि ही दे ख रही थी तभी उसकी बेटी ने कहा की र्मााँ र्मै जा रही ह
तो कुछ दे र बाद र्मै भी बाहर जनकल आया

करीब एक घंटे बाद र्मै नहा धोकर तैयार हो गया था लक्ष्मी ने र्मुझे नाश्ता
करवाया और र्मैने उस से बाथरूर्म वाली घटना के जलए र्मािी र्मााँ गी पर उसने
बात नही की र्मै नाश्ता कर ही रहा था की राइचंद जी अपने साथ एक वकील
को ले आए उन्होने कहा आप नश्ता कर ली जजए जिर हर्म हवेली चलते है तो
र्मैने िटािट से कार्म जनपटा जदया और अपना सार्मान उठा जलया

बाहर एक कार खडी थी हर्म बैठे और वो धूल उडाती हुवी चल पडी हवेली
की ओर कोई 15-20 जर्मजनट बाद र्मै एक बेहद ही जवशाल इर्मारत के सार्मने
खडा था जकसी जर्माने र्मे ये बडी आलीशान रही होगी पर आज इसकी हालत
कुछ ़िास नही थी गेट पर एक बडा सा ताला लटका पडा था वकील ने एक
पुरानी जंग लगी चाबी जनकाली और ताला खोलने की कोजशश करने लगा पर
वो नही खुला
र्मुनीर्म जी ने बाहर से कुछ आदर्मी बुलवाए और ताले को तुडवा जदया जंग
खाया हुवा गेट चर््ु र््ु र््ु र््ु रु रर करते हुवे खुल गया और र्मै अंदर दाश्कखल हो गया
हर तरि बस धूल-जर्मट्टी और जाले ही लगे थे ऐसा लग रहा था जैसे की सजदयो
से जकसी ने झााँ क कर भी नही दे खा था इस तरि जिर अंदर के कुछ खास
कर्मरो का ताला भी तोडा गया और सिाई करवाई जाने लगी

हवेली के बीचोबीच एक जवशाल पेड था उसके चारो और चबूतरा बना हुवा था


तो वही पर हर्मारे जलए कुजसुया और र्मेज लगवा दी गयी तो अब बारी थी र्मेरे
सारे सवालो के जवाब जानने की तो र्मैने कहा र्मुनीर्मजी अब र्मुझे आप बताए
सारी बात तो राइचंद जी बोले र्माजलक बताना क्या है ये हवेली घर है आपका
आप यहााँ के र्माजलक है र्मैने कहा सर आपको कोई ग़लत िहर्मी हुवी है

तो वो बोले दे व साहब कोई ग़लत िहर्मी नही है आप ही इस हवेली के र्माजलक


है र्मैने कहा पर र्मै तो अनाथ ह और इं जडया से र्मेरा क्या लेना दे ना तो वो बोले
आपको कुछ भी याद नही है र्मैने कहा क्या याद नही है र्मेरी धडकन बढ़ गयी
थी र्मै बुरी तरह से उतावला हो रहा था र्मैने कहा आप लोग प्ली़ि साि साि
बताए जक ये सब क्या हो रहा है क्या र्मार्मला है

तो राइचंद जी ने रा़ि की पहली परत को खोलते हुवे कहा की आप ठाकुर


खानदान के आज़िरी जचराग है आप ठाकुर यूधवीर जसंग जी के पोते है ये
सुनकर र्मेरे पैरो के नीचे से ़िर्मीन श्कखसक गयी र्मैने कहा पर र्मै तो जिजटश ह
तो वो बोले नही आप यहा के ही हो यहा के हालत कुछ ठीक नही थे उस
टाइर्म तो आपको उस टाइर्म सलार्मत रखने के जलए आपके जपता के दोस्त के
घर जभजवा जदया गया था तो र्मैने कहा अगर ऐसा था तो र्मुझे ये बात क्यो नही
बताई गयी और जिर र्मै हर्मेशा ग़रीबी र्मे ही क्यो जजया तो राइचंद जी बोले की
हर्में हर्मेशा आपका ़ियाल था हर्मारे लोग हर पल आपकी जहफ़ा़ित को
आपके आस पास ही र्मोजूद थे ये 18 साल का सर्मय कैसे जनकाला है ये हर्म
ही जानते है

उन्होने कहा सोजचए अगर आप इस खानदान के वाररस नही है तो कैसे आप


लंडन के रॉयल स्कूल र्मे पढ़े तो र्मैने कहा की वो तो कोई हर्मेशा र्मेरी िीस
भर दे ता था ……… एक जर्मजनट!!!!!!!!!!!!!!!! तो वो आप थे जो र्मेरी िीस
भरा करते थे उन्होने कहा वो आपका ही धन था र्मै तो बस उसका रखवाला
ह र्माजलक र्मैने कहा जब आपने र्मेरी वहााँ इतनी र्मदद करी है तो जिर र्मुझे
उसी टाइर्म क्यो नही बताया तो वो बोले जक आपके दादाजी की ये हसरत थी
की आप एक आर्म इं सान की तरह जजए

ताजक आपको आर्म आदर्मी के दु खो का पता रहे और आप ठाकुर होते हुवे


भी आपका जदल ग़रीबो की र्मदद करे र्मैने कहा र्मुझे तो जवश्वास नही हो रहा
है पर अब आप कह रहे है तो र्मान लेता ह उन्होने कहा की यही सच है छोटे
ठाकुर र्मैने कहा अगर ऐसा है तो जिर र्मेरा पररवार कहााँ है और ये हवेली बंद
क्यो पडी है तो उन्होने कहा ये एक लंबी कहानी है ......................

सर्मय के साथ आप सब कुछ जान जाओगे पर पहले आप वकील साजहब के


साथ कुछ कायुवाही को जनपटा ले र्मैने कहा पर र्मुझे तो कुछ नही चाजहए र्मेरा
भी एक पररवार था यही बहुत है र्मेरे जलए तो वो कहने लगे जक नही अब आप
आ गये है अब आप अपनी जवरासत को संभाले और र्मुझे र्मेरी ज़िम्मेदारी से
र्मुक्त करे वैसे ही गााँ व र्मे लोग ताने दे ते है जक ठाकूरो का सब कुछ खा गया

इतनी सालो से इसी कलंक के साथ र्मै और र्मेरा पररवार जी रहे है गााँ व र्मे हर
कोई सर्मझता है जक र्मुनीर्म ने ठाकूरो का धन दबा जलया है कोई सार्मने तो
कोई पीठ पीछे बस यही चचाु करता है दे व बाबू आज तक र्मै इसी ज़िल्लत के
साथ जीता आया ह पर आप र्मेरा जवश्वास करे आपकी दोलत की पाई पाई का
जहसाब है र्मेरे पास आप जब चाहे जहसाब ले लेना पर अब आप र्मुझे इस क़िु
से र्मुक्त करे और अपने पुरखो की जवरासत को संभाले

र्मैं उनके आगे हाथ जोडता हुवा बोला की ये आप कैसी बाते कर रहे है ये जो
कुछ भी है आपका ही तो है र्मै तो पहले ही कह चुका ह की र्मुझे इन सबका
कोई लालच नही है वकील बाबू बोले सर जिर भी हर्में तो अपनी तरि से
िॉरर्मॅजलटी करनी ही पडे गी ना और वैसे भी आपके दादाजी की अंजतर्म इच्छा
यही थी की जब आप बीस साल के हो जाए तो सब कुछ आपको सुपुदु कर
जदया जाए

जकस्मत ने र्मुझे एक ऐसा सप्राु इ़ि जदया था जक र्मुझसे सम्भल ही नही रहा था
वकील ने कई िाइल्स पर र्मेरे साइन जलए काफ़ी बोर कार्म र्मुझे लग रहा था
डॉक्युर्मेंटेशन र्मे काफ़ी टाइर्म लग गया पर जिर भी कार्म पूरा नही हुवा था
शार्म होने लगी थी तो र्मैने कहा बस जी अब बाकी का कार्म कल करें गे तो
राइचंद जी ने कहा जक दे व साहब र्मै कल ही शहर चला जाता ह और हवेली
र्मे जबजली लगवाने का कार्म करवाता ह
र्मैने कहा हााँ वो तो है और अगर अब र्मुझे यही रहना है तो थोडा ठीक से
सिाई वग़ैरहा करवा दीजजए और पानी का इं त़िार्म भी तो वो बोले आप जचंता
ना करे दो-चार जदन र्मे सारा कार्म हो जाएगा वो बोले जब तक यहा रहने
लायक नही होता आप र्मेरे ही घर रहें गे तो र्मैने कहा नही अब र्मै यही रहाँ गा
जिर गााँ व र्मे आप ही तो अपने हो आपके घर तो आता ही रहाँ गा

वो बोले जैसी आपकी इच्छा पर आपकी सुरक्षा के जलए र्मै कुछ आदर्मी तैनात
कर दे ता ह र्मैने कहा इसकी कोई ़िरूरत नही है और होगी तो बाद र्मे दे ख
लेंगे वो बोले आप भी अपने पुरखो की तरह ही ज़िद्दी हो राइचंद जी बोले पर
आज तो आपको र्मेरे घर ही ठहरना होगा क्योंजक यहा तो सबकुछ चूहो ने
कुतर डाले होंगे जिर उनका आग्रह र्मै टाल ना सका और उनके घर आगया
अगले रोज भी र्मै थोडा सा लेट ही उठा तो लक्ष्मी ने कहा की आप तैयार हो
जाओ र्मै नाश्ते की व्यवस्था करती ह और अगर आपकी कोई िरर्माइश हो
तो र्मुझे ़िरूर बताना र्मैने कहा नही र्मुझे तो गााँ व का खाना बजढ़या लगा आप
जो चाहे बना दे जिर र्मैने कहा र्मुनीर्म जी कहााँ है तो वो बोली की वो तो सुबा
सवेरे ही सहर चले गये आपके जलए गाडी छोडकर गये है

कह रहे थे की अगर आप कही जाना चाहे तो ड्ाइवर आपको ले जाएगा र्मैने


कहा इसकी कोई ़िरूरत नही है वैसे र्मै गााँ व तो दे खना चाहता ह पर कार से
वो र्म़िा नही आएगा जिर र्मै जल्दी से तैयार हो गया तो लक्ष्मी बोली की अगर
आप अकेले जाएाँ गे तो कही वो र्मुझ पर गुस्सा ना करे की ठाकुर साहब को
अकेला क्यू जाने जदया तो र्मैने कहा आप क्या ठाकुर साहब कहते रहते हो
आपके तो र्मै बेटे जैसा ह

अगर आपने आज के बाद र्मुझे साहब कहा तो र्मै यहा नही आउन्गा तो वो
बोली जी ठीक है आगे से हर्म आपको आपके नार्म से ही पुकारें गे पर अकेले
र्मे और हाँ स पडी लक्ष्मी ने काफ़ी टाइट ब्लाउस पहना हुवा था तो उसकी आधे
से ज़्यादा चूजचया बाहर को आने को र्मचल रही थी र्मेरी जनगाह से कब तक वो
बची रहती र्मैं उन्हे घूने लगा तो लक्ष्मी ने कहा क्या दे ख रहे हो र्मैने ऩिर
बदलते हुवे कहा कुछ नही और घर से बाहर जनकल आया

गााँ व का र्माहौल शहर से बडा ही अलग और हरा भरा था हर तरि पेड लगे
हुवे थे हररयाली छाई थी हर तरि र्मै घूर्मते घूर्मते गााँ व से थोडी से बाहर की
तरि जनकल आया तो र्मुझे नदी जदखी तो र्मै उस ओर बढ़ गया र्मैने थोडी दू र
से ही दे ख जलया था की नदी र्मे औरते नहा रही थी और कुछ कपडे धो रही
थी तो र्मै वही पास की झाजडयो र्मे थोडा छु प गया

और उनको नहाती हुवी दे खने लगा आक्च्युयली उनको नहाते हुवे र्मुझे वो पल
याद आ गया जब र्मैने लक्ष्मी को नंगा दे ख जलया था और अब र्मै इधर इन
औरतो को दे ख कर आ गया था र्मै थोडा और छु प सा गया ताजक र्मुझ पर
जकसी की ऩिर नही पडे और वहााँ के ऩिारे लेने लगा ऐसा हॉट ऩिारा र्मैने
आज से पहले कभी नही दे खा था तो र्मेरी नसे ़िोर र्मारने लगी

ना जाने कब र्मेरा हाथ र्मेरे लंड पर पहुच गया और र्मै उसको पेंट के उपर से
ही र्मसलने लगा बडा अच्छा लग रहा था ये सब ये गााँ व ये एक अलग ही दु जनया
थी र्मै उन औरतो को दे ख दे ख कर काफ़ी उिेजजत हो गया था र्मुझे लगा जक
र्मुट्ठी र्मार ही लू यही पर जिर सोचा की अगर जकसी ने यहा र्मुझे ऐसे इनको
दे खते हुवे पकड जलया तो कही र्मुसीबत ना हो जाए

तो र्मै वहााँ से श्कखसक जलया पहले र्मैने लक्ष्मी को नंगा दे खा और अब इन औरतो


को तो र्मेरे र्मन के तार बार बार झंझणा रहे थे और लंड पैंट र्मे बार बार अकड
रहा था तभी र्मुझे कुछ ध्यान आया और र्मेरे पैर अपने आप हवेली की तरि
बढ़ रहे थे और 20-25 जर्मजनट बाद र्मै उसी जगह के दरवाजे पर खडा था पर
आज दरवाजा बंद नही था

तो र्मै अंदर ही चला गया राइचंद जी ने कुछ लोग कार्म पर लगा जदए थे जो
हवेली की सॉि सिाई कर रहे थे ताजक उसे कुछ रहने लायक बनाया जा
सके उन र्मजदू रो र्मे से कुछ लोग तो कल वाले ही थे तो उन्होने र्मुझे नर्मस्ते
जकया और कहा की बाबूजी आप यहा तो र्मैने कहा की बस ऐसे ही घूर्मने आ
गया आप अपना कार्म करते रहे र्मै ़िरा इधर उधर टहल लेता ह

कुछ दे र र्मै हवेली को एक टक दे खता रहा और जिर र्मै उपर की र्मंज़िल पर


जाने को सीजढ़या चढ़ता चला गया जगह जगह जाले लगे थे तो र्मै उनको हटा
ता हुवा उपर चढ़ गया आज एक तो गर्मी बहुत ही ज़्यादा पड रही थी और
एक यहा का र्महॉल भी पता नही कैसा था इसर्मे एक अजीब सा सूनापन था
र्मैने अपने र्माथे का पसीना पोन्छा और आगे बढ़ने लगा

हर कर्मरे पर एक र्मोटा ताला लगा हुवा था जो की जंग खाया हुवा था दे खने


से ही पता चलता था जक पता नही कब से ये बंद है र्मै थोडा सा उत्सुक तो था
पर र्मै जबना राइचंद जी से पूछे इन कर्मरो को नही खोलना चाहता था तो र्मै
आगे बढ़ गया तो कुछ और सीजढ़या जदखाई दी तो र्मै उपर की र्मंज़िल की ओर
चला गया र्मैने सोचा की यार इतनी बडी हवेली र्मे तो बहुत लोग रहते होंगे
जकसी टाइर्म र्मे और आज यहा एक दर्म वीरान है इस र्मंज़िल पर कुछ कबूतर
गुटार गुटार कर रहे थे जैसे ही उन्हे र्मेरे कदर्मो की आहट सुनी वो भाग खडे
हुवे पल पल र्मेरा जदल ते़िी से धडकता जा रहा था उर्मस की वजह से गर्मी
भी कुछ ज़्यादा ही लग रही थी र्मेरा गला जैसे सूख गया था तभी र्मेरी जनगाह
एक कर्मरी की श्कखडकी पर गयी उसका थोडा सा कााँ च टू टा हुवा था

तो र्मैने उस श्कखडकी पर जर्मी धूल को अपने हाथो से सॉि जकया और अंदर


की ओर झााँ का तो दे खा की हर तरि धूल की र्मोटी परत चजढ़ है हुई है एक
कोने र्मे बडा सा बेड था और एक साइड र्मे शंगार की टे बल थी दीवारों पर
कुछ तस्वीरे जडी हुवी थी जो धूल से जैसे दबने को ही थी र्मुझे कौतूहल होने
लगा तो र्मैने कुछ सोचा और तुरंत ही नीचे आया और र्मजदू रो से हथौडा लेकर
उपर आ गया

और उस कर्मरे के ताले को तोड जदया र्मैने जैसे ही गेट खुला र्मुझे तुरंत ही
अपने सर को नीचे झुकाना पडा श्किइीईईईयचजहईीईईईई करते हुवी ढे रो
चर्मगादड दरवाजे से बाहर जनकले र्मेरी तो जैसे रूह ही जर्म गयी थी अचानक
से र्मै बुरी तरह सी डर गया था सां सो की रफ़्तार काबू से बाहर हो गयी थी तो
र्मै वही कर्मरे र्मे पडी एक जर्मट्टी से भरी कुसी पर बैठ गया और अपनी सां सो
को दु रुस्त करने लगा

कुछ दे र बाद र्मै उठा और कर्मरे को दे खने लगा छत पर एक बडा सा िनूस


लगा था जो कभी इस कर्मरे को रोशनी से आबाद जकया करता था दीवारो पर
लगी कुछ तस्वीरो को र्मैने अपनी शटु की आस्तीन से सॉि जकया तो कुछ
तस्वीरे एक औरत की थी दे खने से ही पता चलता था जक जकतना तेज था उस
औरत के र्माथे पर कुछ तस्वीरो र्मे वो श्कखल श्कखलाती हुवी जदख रही थी

कुछ र्मे वो बगीचे र्मे बैठी हुवी थी र्मैने कुछ और तस्वीरो को सॉि जकया तो
वो जकसी आदर्मी की थी कडक र्मुन्छे हाथो र्मे बंदूक जलए चेहरे से रोब टपक
रहा था र्मैने वो तस्वीरे दे खी और जिर खुद को दे खा और जवचार करने लगा
जक क्या र्मै सच र्मे इन्ही का वंशज ह
पता नही कैसी कजशश थी उन तस्वीरो र्मे लगा की बस दे खता ही जाउ
उनको एक लगाव सा हुवा र्मुझे उन चेहरो के साथ पता नही र्मै जकतनी दे र
रहा उस कर्मरे र्मे र्मेरी तंद्रा तब टू टी जब नीचे से कोई र्मुझे ़िोर ़िोर से
आवा़ि लगा रहा था र्मैं गॅलरी र्मे आया और झााँ क कर दे खा तो र्मैने लक्ष्मी
को खडा दे खा

वो अपने सर पर दोनो हाथ रखे र्मुझे पुकार रही थी जब र्मैने उसको दे खा तो


र्मेरी ऩिर उसकी तनी हुवी चूजचयो पर चली गयी र्मैने कोजशश की जक र्मै
ऐसा कुछ ना सोचु पर र्मेरा र्मन र्माना ही नही कुछ दे र तक उसके बोबो को
दे खने के बाद र्मैने कहा जी अभी आया और नीचे पहुच गया

तो वो बोली पता है आपको सारे गााँ व र्मे ढू ाँ ढ कर अब इधर आई ह आपका


अकेले यहााँ आना ठीक नही है कर्म से कर्म बता कर तो आते र्मैने कहा वो
तो र्मै घूर्मते घूर्मते इधर आ गया लक्ष्मी बोली र्माजलक आप थोडा सा सावधानी
बरते ऐसे अकेले घूर्मने से आपको ़ितरा है तो र्मैने कहा र्मुझ अंजान को
कैसा ़ितरा तो वो बोली अब आप अंजान नही रहोगे जल्दी ही सबको
र्मालूर्म हो जाएगा जक ठाकूरो का अंजतर्म वाररस लोट आया है और जिर गााँ व
र्मे भी कई दु श्मन है र्मैने कहा एक जर्मजनट जब र्मै जकसी को जानता ही नही
ह तो जिर दु श्मन कहााँ से हो गये तो लक्ष्मी दबी आवा़ि र्मे बोली की र्माजलक
सर्मय आने पर आपको सब पता चल जाएगा र्मै आपकी बातों का उतर नही
दे सकती ह अभी आप घर चले भोजन का भी सर्मय हो गया है

र्मैने कहा पर र्मेरे सवालो का जवाब कोन दे गा तो लक्ष्मी बोली सब कुछ


सर्मय पर छोड दीजजए और अभी घर चजलए तोर्मै उसके साथ घर आ गया
पर र्मेरे र्मन र्मे एक तूिान सा चल रहा था और कोई भी आसानी से र्मेरे
सवालो का जवाब नही दे रहा था तो र्मै उलझ सा गया था अनचाहे ही ज़िंदगी
र्मे एक ऐसा र्मोड आ गया था जो र्मुझसे जझल नही रहा था

र्मै अपने ़ियालो र्मे खोया हुवा था तो लक्ष्मी ने र्मेरा ध्यान तोडते हुवे कहा की
आपको खाना परोस दू तो र्मैने कहा नही र्मुझे भूख नही है तो वो बोली भूख
क्यो नही है आपं सुबह भी अच्छे से नाश्ता नही जकया था र्मैने कहा जी र्मुझे
सच र्मे भूख नही है तो वो कहने लगी की आप आरार्म करे र्मै ़िरा खेतो की
ओर होकर आती ह अगर कुछ चाजहए तो नौकरो से कह दे ना

र्मैने कहा अगर आप बुरा ना र्माने तो र्मै भी आपके साथ खेत र्मे चलूं इधर
र्मेरा र्मन भी नही लगेगा और थोडा घूर्म भी लूाँगा तो लक्ष्मी ने कुछ सोचा और
जिर बोली की ठीक है आ जाइए और र्मै उसके साथ खेतो की ओर चल
पडा रास्ते र्मे लक्ष्मी र्मुझसे बात करती जा रही थी और लंडन के बारे र्मे भी
पूछ रही थी वहााँ के लोग कैसे है और र्मै उनके हर सवाल का जवाब दे रहा
था

ऐसे ही बाते करते करते हर्म लोग खेतो र्में आ गये तो लक्ष्मी ने कहा की आप
बैठो र्मै ़िरा कुवे की र्मोटर चला कर ज्वार र्मे पानी छोड दे ती ह र्मैने कहा र्मै
भी आपकी र्मदद करू क्या तो वो बोली आप रहने दीजजए पर र्मैने ज़िद की
, जक नही र्मै भी कार्म करू
ाँ गा तो वो बोली की आप क्यू र्मुझे पाप का दोर्षी
बनाना चाहते है आपप र्माजलक लोग है हर्म पर पाप ना चढ़ाए

तो . र्मै वही खडा हो गया और लक्ष्मी अपना कार्म करने लगी तभी पानी के
बहाव से खेत की एक साइड की नाली टू ट गयी और पानी खडी िसल र्मे
जाने लगा तो लक्ष्मी ने अपने लहं गे को जााँ घो तक चढ़ा जलया और कास्सी
लेकर नाली को सही करनी र्मे जुट गयी और र्मेरी ऩिर उसकी सााँ वली पर
चर्मकीली जााँ घो पर पड गयी तो एक पल र्मे ही र्मेरा लौडा पैंट र्मे खडा हो
गया और बाहर आने को र्मचलने लगा

कसर्म से बडा ही र्मोहक ऩिारा था वो र्मैने सोचा काश ये अपने लहं गे को


थोडा सा और उचा कर ले तो र्म़िा ही आ जाए उसकी टााँ गे बडी ही जचकनी
और र्मस्त लग रही थी र्मुझे र्मेरा गला सूख गया जदल तो जकया जक एक
इसको यही पर पकड लू पर ऐसा कर नही सकता था तो बस उसकी टााँ गो
का ऩिारा दे खता ही रहा काफ़ी दे र तक वो नाली को ठीक करती रही और
र्मै उसको दे खता रहा

लक्ष्मी के पैर कीचड र्मे सन गये थे तो जिर उसने कश्कस्स को साइड र्मे रखा
और खेली पर अपने पैर रख कर उनको धोने लगी तो उसका घाघरा और
भी उठ गया और अब काफ़ी अंदर का ऩिारा जदखने लगा वो अपनी र्मस्ती
र्मे र्मगन थी तो उसको ध्यान नही था जक र्मै उसके बदन को ऩिरो से पी रहा
ह ना जाने क्यो वो र्मुझे बडी अच्छी लगने लगी थी

जिर वो र्मेरे पास आई और बोली की आइए आगे को चलते है तो र्मै उसके


पीछे पीछे कच्ची पगडं डी पर चल पडा उसके खेत दू र दू र तक िैले हुवे थे
अपनी गोल गान्ड को र्मटकाती हुवी वो आगे आगे चले जा रही थी जैसे कोई
र्मस्त जहरनी जंगल र्मे जवचरण कर रही हो र्मेरा लंड चीख चीख कर कह रहा
था जक र्मुझे इसकी गान्ड र्मे डाल दे पर र्मै कुछ कर नही सकता था

थोडा आगे जाने पर खेत दो भागो र्मे बॅट गये एक तरि तो ज्वार खडी थी
और दू सरी ओर गन्ने की िसल लहलहा रही थी पास र्मे ही एक झोपडी सी
बनी थी तो लक्ष्मी र्मुझे अंदर ले गयी और बोली जक आप आरार्म करो र्मैं ़िरा
अभी आती ह तो र्मैने कहा आप र्मुझे अकेला छोड कर कहााँ जा रही है तो
वो बोली र्मै बस अभी आई पर र्मैने कहा की नही आप जहा भी जा रही है
र्मुझे भी ले चजलए

तो वो अपनी चुनररया को उं गली र्मे घूर्माते हुवे बोली की र्मैने कहा ना की र्मै
अभी आई पर र्मैने सोचा कही ये र्मुझे छोड के ना चली जाए तो र्मैने कहा
नही आप के साथ ही चलूाँगा तो वो झंुझलाते हुवे बोली की र्मुझे पेशाब करने
जाना है र्मैने कहा तो जल्दी जाओ वो तुरंत ही झोपडी से बाहर जनकल गयी
और पीछे की तरि चली गयी र्मैने दे खा की दीवार र्मे एक श्कखडकी है जजस
से पीछे का जदख सकता है

तो र्मै उत्सुकता से श्कखडकी से बाहर दे खने लगा लक्ष्मी ने अपने घाघरे को


कर्मर तक उपर जकया और झट से नीचे र्मूतने को बैठ गयी र्मेरी ऩिर उसके
गोल र्मटोल कुल्हो के कटाव पर ठहर गयी और र्मेरा बुरा हाल होने लगा
उििििििििििििििफ्फफ़ क्या ऩिारा था र्मुझे लगा कही र्मै
अपने होश ही ना खो दू ं पर अभी गजब होना तो बाकी ही था कुछ दे र वो
र्मूत ती रही

जिर वो उठी और अपनी टााँ गो को थोडा सा चोडा कर के खडी हो गयी


जजस से उसकी खुली टााँ गो से र्मुझे उसकी चूत दशुन हो गये काले घने बालो
के बीच दु बकी हुवी उसकी गुलाबी रं ग की चूत को इस पोज़िशन र्मे र्मै अच्छे
से जनहार पा रहा था एक दो सेकेंड बाद लक्ष्मी अपना हाथ चुत पर लेके गयी
और जो पेशाब की एक दो बूंदे वहााँ लगी थी उनको अपने हाथ से सॉि कर
जदया

जब उसकने अपनी चूत को हथेली से दबाया तो उसके बडे बडे चूतड एक


अनचाही ताल से जथरक से उठे पर ये सब ज़्यादा दे र नही चला जिर उसने
अपने घाघरे को नीचे जकया और वाजपस आने लगी र्मै तुरंत जंगले से हटा
और चारपाई पर आकर बैठ गया पर र्मेरा हाल बुरा हो गया था पसीना बह
चला था शरीर से और लंड तो बस गुस्से से िन फ़ना रहा था

अंदर आने पर लक्ष्मी ने कहा की र्मै थोडी सी घास काट लेती ह जिर हर्म घर
चलेंगे र्मैने अपना थूक गटका और कहा की आप घास काट लो र्मै आस पास
थोडा सा घूर्म लेता ह तो वो बोली नही दे व बाबू शार्म जघर आई है थोडी दे र
र्मे अंधेरा हो जाएगा तो आपका ऐसे अकेले रहना ठीक नही है आप र्मेरे साथ
ही रजहए

पता नही क्यो र्मैं लक्ष्मी की बात नही काट पाया वो जल्दी जल्दी से घास
काटने लगी और र्मै अपनी आाँ खे उसके बदन से सेकने लगा पता नही क्यो
पर र्मेरे जदल र्मे उसको चोदने का ख्याल कुछ ़िोसे ही आ रहा था र्मेरा खुद
पर काबू रख ना बडा र्मुश्किल हो रहा था पर र्मै ररस्क लेना नही चाहता था
करीब घंटे भर बाद हर्म गााँ व की तरि हो जलए अंधेरा होने लगा था रास्ते र्मे
र्मैने लक्ष्मी से पूछा की आपके जकतने खेत है तो वो बोली बाबू हर्मारे तो बस
10 बीघा ़िर्मीन है उसी र्मे खेती करते है वो भी आपके दादा जी ने र्मुनीर्म जी
को दान र्मे दी थी सब कुछ आपकी ही दे न है र्मैने कहा आप र्मुझे र्मेरे
पररवार के बारे र्मे कुछ बताती क्यो नही तो वो बोली की सर्मय आने पर आप
खुद ही जान जाएाँ गे और कुछ बाते ऐसी है की आप नही जानो तो ठीक
रहे गा

र्मै वही रुक गया तो लक्ष्मी बोली वहााँ क्यो खडे हो गये तो र्मैने कहा र्मुझे
अभी सब कुछ जान ना है अपने बारे र्मे अपने पररवार के बारे र्मे , अगर वो
है तो कहा है और आज़िर क्या हुवा था आप र्मुझे शुरू से हर एक बात
बताओ अभी तो वो बोली र्माजलक र्मुनीर्म जी आ जाए तो आप उनसे ही पूछ
लेना पर र्मेरा जदर्माग़ अब झल्लाने लगा था तो र्मैने कहा नही र्मुझे आप अभी
सबकुछ बताइए वरना र्मै अभी वाजपस चला जाउाँ गा

लक्ष्मी जवनती करती हुवे बोली र्माजलक आप अभी घर चजलए अगर आपकी
यही चाह है तो र्मै आपको बताती ह की आप को हर्मने यहा क्यू बुलाया है
और तेज तेज कदर्मो से घर की ओर चलने लगी र्मै भी उसके पीछे पीछे हो
जलया घर आए हाथ र्मूह धोया और उन्होने र्मुझे बैठक र्मे बैठने को कहा
लक्ष्मी की लडकी शरबत ले आई आज पहली बार र्मैने उसे दे खा था

11वी र्मे पढ़ती थी पर बदन र्मााँ की तरह ही उसका भरा भरा हुवा था शरबत
का खाली जगलास ट् े र्मे रखते हुवे र्मैने पूछा की राइचंद जी कब तक आएाँ गे
तो वो बोली बापू तो 3-4 जदन बाद ही लोटें गे तब तक हर्म है ना यहााँ आप
को जो भी चाजहए हर्मे बताइए र्मैने कहा नही ठीक है कुछ दे र बाद लक्ष्मी भी
आ गयी और नीचे कालीन पर बैठ गयी तो र्मैने कहा आप नीचे क्यो बैठे हो
उपर कुसी पर बैठो तो वो बोलीर्माजलक के आगे र्मै कैसे उपर बैठ सकती ह

तो र्मै उठा और लक्ष्मी के हाथो से पकड कर उसको खडा कर जदया र्मेरे


हाथ उसकी गुदाज बाहो र्मे धसने लगे र्मैने उसको पास रखी कुसी पर जबठा
जदया और कहा की र्मै कोई र्माजलक वाजलक नही ह र्मै तो बस एक इं सान ह
ज़िसकी ज़िंदगी थोडी बदल सी गयी है जपछले कुछ जदनो र्मे, दे श्कखए कुछ
जदनो पहले र्मुझे पता भी नही था की र्मेरा भी कोई घर है पररवार है पर अब
र्मेरे जदल र्मे हुक उठ गयी है

र्मै अब बडा ही परे शान सा हो गया ह आप र्मेरी तरि तरस खाइए और र्मुझे
बता भी दीजजए की आज़िर कहााँ है र्मेरे घर वाले और क्या हुवा था जजसकी
वजह से र्मुझे अपने घर से इतनी दू र जाना पडा बोलते बोलते र्मेरा गला रुंध
गया और आाँ खो र्मे आाँ सू आ गये र्मैने अपने हाथ लक्ष्मी के आगे जोड जदए
और कहा आप से र्मै भीख र्मााँ गता ह प्ली़ि र्मुझे र्मेरे पररवार के बारे र्मे
बताइए

र्मेरा जदल तडप उठा था आज तक अनाथो की तरह ही तो जीता आया था र्मै


यहा आके पता चला की र्मेरा घर भी है र्मै अपने घर वालो से जर्मलना चाहता
था र्मैने अपना सर लक्ष्मी के पााँ वो र्मे रख जदया और कहा की र्मुझ पर
अहसान कीजजए तो उन्होने र्मुझे उठाया और अपने गले से लगा जलया और
र्मेरे आाँ सुओ को पोंछते हुवे बोली की बस दे व बस आप रोइए र्मत र्मै आपको
सब बता ती ह

तभी जबजली चली गयी और चारो तरि अंधेरा हो गया लक्ष्मी ने लालटे न
जला दी पर र्मेरा जदल भी जलने लगा था लक्ष्मी ने अपनी लडकी को कहा
की तू अंदर जा और खाने की व्यवस्था कर तो उसने कहा की र्मााँ र्मुझे भी
जान ना है की गााँ व र्मे लोग जो बाते करते है वो सच है या झूठ तो र्मैं उसको
टोकते हुवे बोला की क्या कहते है गााँ व वाले तो लक्ष्मी अपनी लडकी को
दे खते हुवे बोली की तू चुप कर

पर वो भी वही जर्म कर बैठ गयी तो लक्ष्मी ने एक जनगाह उस पर डाली और


जिर र्मेरी ओर दे खते हुवे बोली की दे व बाबू अगर आप जान ना ही चाहते है
तो सुजनए ये बात उस जदनों की है जब र्मै नयी नयी ब्याह कर इस गााँ व र्मे
आई ही थी गााँ व र्मे आपके खानदान का राज चलता था लोग कहते है की
आपके पुरखो ने ही ये गााँ व बसाया था आपके दादा जी का जसक्का चलता था
बडे बडे अजधकारी अफ़सरो की भी जहम्मत नही होती थी की कोई उनकी
बात को टाल दे

हर तरि बस उनकी ही चचाु थी उन जदनों हवेली के दरवाजे हर्मेशा सबके


जलए खुले रहते थे चाहे जदन हो या रात हो र्मदद र्मााँ गने वालो को हर्मेशा वहााँ
र्मदद जर्मलती थी कोई भी हवेली से खाली हाथ नही आया भगवान के बाद
लोग अगर जकसी को पूजते थे तो बस ठाकुर यूधवीर जसंघ जी को सब कुछ
सही चल रहा था पर जिर आपके जपता जी जवलायत से पढ़कर वाजपस गााँ व
आ गये

उन जदनों वो जबल्कुल आप जैसे ही लगते थे दू र से दे खने पर ही पता चलता


था की कोई सजीला बां का नोजवान आ रहा है और स्वाभाव तो आप के
दादा जी से भी बढ़कर एक दर्म सादगी से भरपूर कभी जकसी को र्मना
करना तो उनके स्वाभाव र्मे नही था दे व बाबू आप कभी आईने र्मे गोर से
दे खना खुद को आप को अपने जपता ठाकुर वीरभान जसंघ जी की छजव
़िरूर जदखेगी
बाहर तेज हवाए चलने लगी थी आसर्मान बादलो के शोर से जैसे िटने को
ही था लक्ष्मी ने लालटे न की लो को थोडा और तेज जकया और अपना गला
खंखारते हुवे कहना शुरू जकया , दे व सब सही चल रहा था पर आपके जपता
से एक ग़लती हो गयी जजसका ़िाजर्मयाजा सारे गााँ व को ही भुगतना पडा
इसी जलए गााँ व वाले अब ठाकूरो के नार्म से भी नफ़रत करते है

ये सुनकर र्मेरी उत्सुकता और भी बढ़ गयी तो र्मैने कहा ऐसा क्या हो गया था
लक्ष्मी ने कुछ घूट पानी जपया और बताने लगी की यहााँ से कुछ कोस एक
और गााँ व है नाहरगढ़ वहााँ भी यहा की तरह ही ठाकूरो का राज चलता था
एक जदन आपके जपता घुडसवारी करते करते उस ओर जनकल गये तो
उन्होने दे खा की कुछ लोग एक र्मजदू र को पीट रहे है आपके जपता ने
जाकर बीच बचाव जकया

पर बात बढ़ी और आपके जपता ने उन लोगो को बुरी तरह से घायल कर


जदया अजुुनगढ़ और नाहरगढ़ के बीच वैसे तो कभी कोई नारा़िगी की बात
नही थी पर जजन लोगो से आपके जपता उलझ पडे थे उनर्मे से एक वहााँ के
ठाकुर का छोटा बेटा भीर्मसेन भी था जो की बहुत ही घजटया और आवारा
जकस्म का आदर्मी था वैसे तो बात छोटी सी थी पर भीर्म सेन के र्मन र्मे एक
आग जल गयी थी

थोडे जदन र्मे ही ये बात घर घर र्मे िैल गयी थी की दोनो गााँ व के ठाकूरो के
लडको र्मे कुछ हुवा है पर सजदयो से दोनो गााँ वो र्मे बडा ही प्रेर्म था तो
आपके बु़िुगो ने बात को जैसे तैसे संभाल जलया और बात आई गयी हो गई
कुछ जदन शां जत से गु़िरे पर वो कहते है ना की होनी को कोन टाल सकता
है सर्मय अपनी चल खेल रहा था धीरे धीरे र्मुझे आज भी याद है उन जदनों
जब गाव र्मे डर का र्महोल पसरा पडा था हर गली खून से रं ग गयी थी हर्म
लोग बस जी ही रहे थे कैसे भी करके उन जदनों उनकी हर एक बात को र्मै
बडे ही गोर से सुन रहा था बाहर हवाए और भी तेज हो चली थी लक्ष्मी ने
बताना शुरू जकया की आपके जपता की कीजतु हर ओर होने लगी थी जजतना
र्मान आपके दादा का था उस से कही ज़्यादा अब आपके जपता का था उस
छोटी सी उर्मर र्मे ही उन्होने सारे गााँ व का जदल जीत जलया था

पर वो कहते है ना जक तकदीर र्मे क्या जलखा कौन जाने, तो सर्मय बदलने


को बेताब खडा था दु जनया र्मे जजतनी भी नफ़रत के कारण है वो जर,़िर्मीन
और जोरू है ऐसा लोग कहते है और आपके जपता भी कुछ ऐसा ही कार्म
कर बैठे

………………………………………………………………… कुछ पल खार्मोशी छाई


रही जिर र्मैने कहा आगे क्या हुवा तो लक्ष्मी बोली आपके जपता ने भी एक
ग़लती की वो र्मोहब्बत कर बैठे तो र्मैने कहा जक तो उसर्मे ग़लत क्या था
आज़िर प्यार करना कोई गुनाह थोडी ना है

लक्ष्मी कहने लगी दे व बाबू तब जर्माना आज जैसा नही था और गााँ वो र्मे तो


आज भी प्रेजर्मयो को र्मार कर पेड पर टााँ ग जदया जाता है तो उन जदनों की तो
आप पूछो ही र्मत र्मैने कहा र्मेरी र्मााँ का क्या नार्म था तो वो बोली की वसुंधरा
दे वी पर सब उन्हे छोटी ठकुराइन कहते थे र्मैने कहा क्या र्मेरी र्मााँ वो ही
औरत थी जजनसे र्मेरे जपता ने प्रेर्म जकया था तो लक्ष्मी बोली जक हााँ वो वही थी
और साथ र्मे वो नाहरगढ़ के ठाकूरो की बेटी भी थी लक्ष्मी ने पास रखी
सुराही से पानी का जग भरा और र्मुझे पकडाते हुवे बोली की थोडा पानी पी
लो र्मैने श्कखडकी से बाहर अंधेरे र्मे दे खा दू र कही जबजली चर्मक रही थी र्मैने
कुछ घुट भरे और जग को नीचे रख जदया र्मेरे सर की हर एक नस ते़िी से
भडक रही थी आज ज़िंदगी र्मे पहली बार र्मुझे अपने पररवार के बारे र्मे जान
ने का र्मोका जर्मला रहा था

पर यहा कुछ भी ऐसा नही था जो नॉर्मुल हो बश्कल्क र्मेरे र्मन र्मे कुछ और नये
सवाल खडे हो गये थे र्मैने कहा अगर र्मेरी र्मा नहाघुर की थी तो भी उनके
जववाह र्मे क्या जदक्कत थी तो लक्ष्मी बोली दे व बाबू आप को सच र्मे कुछ
नही पता सजदयो से इन दोनो गााँ वो र्मे भाई चारा था और सभी लडजकयो को
बेटी का दजाु दे ते थे दोनो गाओ र्मे इस कदर प्रेर्म था की वो लोग एक दू सरे
के यहा जववाह नही करते थे

सब कुछ ठीक था पर आपके जपता ना जाने कैसे वसुंधरा को जदल दे बैठे


कर्मजसन उर्मर की वो चुहल बाजी ना जाने कब र्मोहबत र्मे बदल गयी पर
असली धर्माका तो तब हुवा जब चारो जदशाओ र्मे इन दोनो के प्रेर्म के जकससे
सुनाई दे ने लगे कुछ सर्मय तक तो इन सब बतो को अिवाह ही र्माना गया
पर वो कहते है ना की धुआ वही उठता है जहा आग हो एक जदन भीर्मसेन ने
अपनी बहन को आपके जपता के साथ दे ख जलया

भीर्म सेन तो पहले से ही आपके जपता से खार खाए बैठा था और जिर


उसकी बहन दु श्मन से इश्क़ कर बैठी थी उसकी रगो र्मे भी तो ठाकुरोका
ही खून दोद रहा था भीर्मसेन भी अपनी जगह सही था अपने खानदान की
इज़्ज़त को यू जकसी और के साथ दे ख कर जकसी का भी खून खोलेगा ही तो
वाहा पर बडी बहस बाजी हो गयी उसे वसुंधरा को गजलया दे ना शुरू कर
जदया

ठाकुर वीरभान ने बडी कोजशश की उसको सर्मझने की पर वो कहा र्मान ने


वाला था आपके जपता के प्यार ने भीर्मसेन के र्मान र्मे जलती नफ़रत की
ज्वाला र्मे घी का कार्म कर जदया था जब उनसे नही सहा गया तो वो भीर्मसेन
से उलझ गये पर वसुंधरा दे वी बीच र्मे आ गयी एक तरि उनकी र्मोहबत थी
और दू सरी ओर उनका भाई उन्हे डर था की कही ये दोनो आपस र्मे कुछ
कर ना बैठे

तो उसने वीरभान जी को अपनी कसर्म दे कर वहााँ से भेज जदया और


भीर्मसेन वसुंधरा दे वी को अपने साथ नाहरगढ़ ले गया ये कोई छोटी घटना
नही थी आज़िर ठाकूरो की इज़्ज़त का र्मार्मला था तो शार्म होते होते
नाहरगढ़ से सैकडो आदजर्मयो को लेकर भीम्सेन उसके और भाई और
उसके जपता यानी आपके नाना बडे ठाकुर रं जीत जसंघ भी हवेली के सार्मने
आ गये
और आपके दादा जी को ललकारा जजस हवेली को कभी कोई ऩिर उठा
कर भी नही दे खता था जजस हवेली र्मे लोग आज तक िररयाद ही लेकर
आते थे आज उसके दरवाजे पर एक जशकायत आ गयी थी जशकायत तो क्या
थी सर्मझ लीजजए की एक सैलाब ने दस्तक दे दी थी ये एक ऐसी तूिान की
आहट थी जो आया और अपनी साथ इस हवेली का सबकुछ बहा ले गया
सारी खुजशया जैसे कही खो ही गयी

र्मेरा जदल धड धड करके धडक रहा था सााँ से र्मेरे काबू र्मे नही थी र्मै पल दर
पल उलझता ही जा रहा था बाहर टॅ प टॅ प करके बाररश की बूंदे बरसने लगी
थी श्कखडकी से ठं डी हवा आ रही थी पर वो र्मेरे पसीने को सूखा नही पा रही
थी लक्ष्मी ने कहा की खाने का सर्मय हो गया है आप पहले कुछ खा ले जिर
र्मै आपको पूरी बात बताती ह पर र्मैने र्मना करते हुवे कहा की र्मुझे भूख नही
है आप आगे बताए

कुछ दे र लक्ष्मी चुप रही जिर वो बताने लगी जजस जदन वो लोग हवेली तक
आए उस जदन आपके दादा जी जकसी कार्म से बाहर गये हुवे थे वरना वो
र्मनहस जदन टल जाता और आपके जपता भी वाहा नही थे ठाकुर भीर्मसेन
की ललकार को सुनकर आपके चाचा ठाकुर आजदत्या जजन्होने जवानी र्मे
नया नया कदर्म ही रखा था और ठाकूरो का खून तो वैसे भी उबाल र्मारता
ही रहता है

पर जिर भी उन्होने थोडी सर्माझधारी जदखाते हुवे रं जीत जसंघ से कहा की


आप लोग अंदर आइए जपताजी आने ही वाले है जो भी है आप उनसे बात
कर लेना पर भीर्मसेन पर तो उस जदन जैसे खून सवार था उसने आजदत्या
को बुरा भला कहना शुरू जकया तो हवेली के लोग भी भडक उठे पर
आजदत्या ने उन्हे शां त करवाया धीरे धीरे गााँ व के लोग भी जुटने लगे थे

आजदत्या ने काफ़ी कोजशश की उन लोगो को सर्मझाने की परं तु जब काल


सर पर नाच रहा हो तो बुजध कार्म नही करती भीर्मसेन जो की लगातार
बदजुबानी कर रहा था उसने हवेली की औरतो को जब नंगा करने की बात
की तो ठाकुर आजदत्या की सबर का बााँ ध टू ट गया और उन्होने ना चाहते हुवे
भी हजथयार उठा जलया दे खने वाले बता ते है की दोनो तरि से तलवारे श्कखच
गयीथी

पर भीर्मसेन पूरी तैयारी से आया था और उसे तो अपनी बेइज़्ज़ती का बदला


लेना था तो आजदत्या और वो आर्मने सार्मने आ गये उर्मर भी क्या थी उनकी
बस जवानी र्मे कदर्म ही तो रखा था तो दोनो पक्षो र्मे गरर्मा गर्मी होने लगी
भीर्मसें ने जैसे ही ़िुबान खोली आजदत्या का पारा गरर्म तो था ही बस जिर
युध शुरू हो गया चारो तरि र्मार काट र्मच गयी

आजदत्या की बंदूक से चली गोली ठाकुर रं जीत जसंघ की छाती को बेधती


चली गयी और वो वही पर जगर पडे तभी पीछे से भीर्मसेन ने आजदत्या पर
वार कर जदया और उनको लह लुहन कर जदया गााँ व के लोग भी हवेली के
जलए लडने लगे पर तब तक भीर्मसेन ने अपना कार्म कर जदया था हवेली का
दरवाजा खून से रं ग गया था और कुछ दीवारे भी

जब आपके जपता वाजपस आए तो दे खा की गााँ व पूरी तरह से सुनसान पडा है


तो उनका र्माथा ठनका वो ते़िी से हवेली की ओर आए और वाहा का
ऩिारा दे ख कर उनका कलेजा ही जैसे िटने को हो गया हवेली के दरवाजे
पर लार्षो का ढे र लगा पडा था और सबसे उपर आपके चाचा ठाकुर
आजदत्या का कटा हुवा सर रखा था ये सुनकर र्मेरा जदल रो पडा आाँ सू आाँ खो
से बहने लगे ऐसा लगा जैसे र्मेरी जकसी ने जान ही जनकल दी हो र्मेरी रुलाई
छूट पडी

कुछ दे र र्मै सुबक्ता रहा जिर लक्ष्मी बोली दे व इन आाँ सुओ को संभाल लो
इन्हे यू जाया ना करो और र्मेरी आाँ खो से आाँ सू पोंछने लगी पर र्मेरा जदल भरा
हुवा था तो र्मै रोता ही रहा लक्सर्मी बोली इसी जलए तो हर्म ये सब आपसे
छु पा कर रखना चाहते थे क्योंजक हुर्मे पता था की आप ये सब सहन नही
कर पाएाँ गे बाहर बाररश अब कुछ ज़्यादा तेज हो गयी थी
र्मैने टू ट ती हुवी आवा़ि र्मे पूछा जिर क्या
हुवा………………………………………………………………………………………………
…………………………………………………………………………………… वो बताने
लगी बोली आपके जपता ने जब वो र्मं़िर दे खा तो वो जकसी बुत की तरह खडे
रह गये अपने भाई की लाश दे ख कर वो जैसे टू ट ही गये थे जकतनी ही दे र
वो अपने भाई के शव से जलपट कर रोते रहे जिर उन्हे कुछ सूझा तो वो
अंदर गये तो उनको और भी सदर्मा लगा र्मैने कहा अंदर क्या हुवा तो वो
बोले की अंदर आपकी दादी सा की लाश पडी थी और पास र्मे ही हवेली की
और औरते भी र्मरी पडी थी

पूरा पररवार तहस नहस हो गया था तब तक हर्म लोग भी हवेली पहुच गये थे
र्मैने र्मालजकन की लाश पर कपडा डाला आपके जपता का बहुत ही बुरा हाल
हो गया था वीरभान जी तो जैसे पागला ही गये थे उनकी आाँ खो र्मे जैसे खून
सा उतर आया था उन्होने अपनी जीप जनकली और हजथयार लेकर चल पडे
नहाघुर की ओर एक ऐसा तूिान शुरू हो गया था जजसने दोनो गााँ वो को
तबाह ही कर जदया

अब इतना बडा कां ड हो गया था तो ज़िले की पुजलस भी र्मुस्तैद हो गयी थी


और आपके जपता को नाहरगढ़ की सीर्मा पे ही रोक जलया गया था पर ठाकुर
साहब एक तूिान बन चुके थे उनको बस यूधवीर जसंघ जी ही रोक सकते थे
उनको खबर जभजवा दी गयी थी पर जकस्मत को कुछ और ही र्मंजूर था जैसे
ही ये र्मनहस खबर उनको पता चली उसी पल उनको लकवा र्मार गया

और उनको इलाज के जलए ले जाना पडा दू सरी ओर जैसे तैसे करके ठाकुर
वीरभान को पोलीस ने रोका वरना कुछ लार्षे और जगरती उस रात दोनो
गााँ वो र्मे शायद ही कोई घर होगा जहा चूल्हा जला हो हवाए भी जैसे रो पडी
थी उस जदन हस्ती खेलती हवेली जकसी जवधवा दु ल्हन की तरह हो गयी थी
र्मुनीर्म जी तो बडे ठाकुर के पास चले गये थे पर र्मै पूरी रात यही पर थी बडा
ही जदल दहलाने वाला र्मं़िर था वो पोलीस ने सारी लार्षो को कपडे से ढक
जदया था पर दीवारो से ता़िा खून अभी भी टपक रहा था हवेली की सुरक्षा
बढ़ा दी गयी थी पर अब यहा कोई नही था जजसे सुरक्षा की ़िरूरत थी और
दू सरी ओर ठाकुर वीरभान को पोलीस ने बडी र्मुश्किल से संभाला हुवा था

तभी तेज हवा से श्कखडकी ़िोर से खडखडाई तो र्मेरा ध्यान टू टा बाहर बाररश
अब और तेज हो गयी थी और एक तूिान र्मेरे सीने र्मे भी उर्मड आया था र्मै
बस रोना चाहता था दहाड र्मार र्मार कर रोना चाहता था भगवान ये तूने
कैसा ़िुल्म जकया पररवार से जर्मलाया भी नही भी ये ददु आज़िर र्मुझे क्यो
जदया और ये ददु भी ऐसा था की कोई दवा इसका इलाज नही कर सकती
थी बस र्मुझे अब इसको सहते रहना था

र्मैं उठा और श्कखडकी से बाहर बरसती बाररश को दे खने लगा पर ये बाररश


उस बरसात के सार्मने कुछ भी नही थी जो र्मेरे जदल र्मे हो रही थी पता नही
र्मै जकतनी दे र तक वही खडा खडा उस तूफ़ानी बाररश को दे खता रहा जब
र्मेरा र्मन कुछ हल्का हुवा तो र्मै लक्ष्मी की ओर र्मुडा और कहा की आगे क्या
हुवा बताइए तो लक्ष्मी बोली रात बहुत हो गयी है आप अभी सो जाइए कल
बात करें गे तो र्मै गुराते हुवे बोला की सुना नही तुर्मने र्मैने क्या कहा है

तो लक्ष्मी ने बताना शुरू जकया की अगले जदन सारा गााँ व शर्मशान घाट र्मे
र्मोजूद था आज कई लार्षो को का दाह-संस्कार जकया गया था आपके जपता
बदले की आग र्मे इस कदर जल रहे थे की उन्होने उस सर्मय प्रजतगया ली
की वो अपने घरवालो की जचता की राख ठं डी होने से पहले भीर्मसेन का सर
काट दें गे पोलीस भी र्मोजूद थी वहााँ पर ठाकूरो का रुतबा इतना ज़्यादा था
की वो बस दे खते ही रहे

एक ऐसी ज्वाला भडक उठी थी की जजसर्मे दोनो गााँ व झुलस रहे थे वो गााँ व
जजनके संबंधो र्मे इतनी जर्मठास थी अब नफ़रत पैदा हो गयी थी एक दू सरे के
बैरी हो गये थे हर तरि बस तनाव सा िैल गया था यहा तक की हवओ ने
भी अपना रु़ि र्मोड जलया था दे व बाबू, उस जदन हवेली पर ऐसा ग्रहण लगा
की आज तक उजाला नसीब नही हुवा उसकी हर एक बात र्मेरे जदल पर
जबजली जगरा रही थी और बाहर आसर्मान जैसे िटने को ही था

वो कहने लगी की भीर्मसेन के खानदान का भी रोब हुवा करता था तो


पोलीस उसे चाहकर भी जगरफ्तार नही पर पाई इधर आपके जपता उसके
खून के प्यासे हो चुके थे हवेली के बाहर चप्पे चप्पे पर कडी सुरक्षा थी परं तु
आपके जपता ना जाने कैसे सबको गच्चा दे कर जनकल भागे और वसुंधरा के
घर जा पहुचे एक कयार्मत हुवी थी जजसर्मे हवेली लुट गयी थी

और ऐसा ही कुछ अब नाहरगढ़ र्मे होने वाला था बताने वाले बता ते है की


उस रात ठाकुर वीरभान ने ऐसा रक्तपात र्मचाया की आज भी कभी उस
रात का जजकर हो जाए तो लोगो की हजिया कां प जाती है एक ऐसा ़िल़िला
बरसा था उस जदन भीर्मसेन के गााँ व पर की बस जिर कुछ नही बचा ठाकुर
वीरभान ने अपनी कसर्म पूरी की और टीले के जशव र्मंजदर र्मे भीर्मसेन का
कटा हुवा सर अपुण कर जदया

ये एक बहुत बडी घटना थी उस सर्मय की दो खानदान तबाह हो गये थे


हवेली अब पहले जैसी नही रही थी पर सर्मय अपनी गजत से चलता रहा कुछ
जदन गुजर गये आपके दादा जी भी हस्पताल से घर आ गये थे पर लकवे से
उनकी दोनो टााँ गे खराब हो गयी थी दोनो बाप-बेटो र्मे अब पहले जैसा प्यार
नही रहा था बडे ठाकुर तो ज़्यादातर अपने कर्मरे र्मे ही रहते थे ऐसे हो थोडा
सर्मय और गुजर गया

पर वीरभान के र्मन र्मे अब भी कही वसुंधरा के प्रजत प्रेर्म का सागर जहलोरे


र्मार रहा था और ऐसा ही कुछ वसुंधरा के र्मन र्मे भी चल रहा था और वैसे
भी र्मोहबत कहा जकसी के रोकने से रुकी है वो कहा ऊाँच-नीच सर्मझती है
तो एक जदन वीरभान वसुंधरा को अपनी पत्नी बना कर हवेली ले आए
वसुंधरा का बडा भाई और उसकी र्मान की इतनी जहम्मत नही थी की वो
वीरभान का जवरोध कर सके
जब बडे ठाकुर को ये बात पता चली तो वो कुछ नही बोले पर उनके जदल र्मे
ये र्मलाल ़िरूर था की इस लडकी के पीछे उनका पूरा पररवार काल के
गाल र्मे सर्मा गया पर बेटा जब उसे घर ले ही आया तो बस र्मान र्मसोस कर
रह गये वसुंधरा दे वी के आने से आपके जपता तो प्रसन्न थे पर अब हवेली र्मे
वो बात नही रही थी एक अजीब सा सन्नाटा सा 24 घंटे छाया रहता था

और ठीक नो र्महीने बाद यहा एक खुस-खबरी आई जब आपका जनर्म हुवा


ठाकुर ने सारे गााँ व को भोज का जनर्मंत्रण जदया और सारे गााँ व को जकसी
नवेली दु ल्हन की तरह स़िा जदया चारो ओर खुजशया ही खुजशया थी पर ये
खुजशया बस थोडी दे र की ही थी आपके दादा वीरभान से तो बात नही करते
थे पर आपसे बडा प्यार था उनको घंटो आपको श्कखलाया करते थे र्मै खुद
दे खा करती थी

जदन जकसी तरह से कट रहे थे आपके आने से हवेली भी जैसे दु बारा से श्कखल
गयी थी पर तभी कुछ ऐसा हो गया जजसकी उम्मीद जकसी ने नही की थी ये
कहकर लक्ष्मी चुप हो गयी तो र्मै उनकी ओर दे खने लगा र्मेरे जदल-ओ-
जदर्माग़ र्मे ह़िारो तरह की भावनाए उर्मड आई थी अब र्मै बडी जशद्दत से
अपने पररवार के साथ जीना चाहता था र्मै उनके साथ हसना चाहता था रोना
चाहता था पर अफ़सोस अब कोई नही था

वो आगे कहने लगी की बात उन जदनो की है आपका पहला जनर्मजदन


आकर गया ही था की एक रोज वसुंधरा की र्मा यानी आपकी नानी हवेली
चली आई उन्होने बडे ठाकुर से कहा की अब जो हो गया वो हो गया उसको
तो बदला नही जा सकता पर र्मै अब चाहती हाँ की र्मेरी बेटी और दार्माद चैन
से रहे र्मै अपने दोह्ते को दे खने के जलए र्मरी जा रही ह तो खुद को रोक ना
सकी और चली आई अगर आप आग्या दे तो कुछ जदन वसुंधरा को हर्मारे
घर पे भेज दीजजए काफ़ी जदनो से इस से जर्मली नही ह तो जी भर के बाते भी
कर लूाँगी अपनी बेटी से

बडे ठाकुर ने तो कुछ नही कहा और वीरभान भी वसुंधरा को नही जाने दे ना


चाहते थे परं तु वसुंधरा अपनी र्मा को दे ख कर जपघल गयी और जाने की
ज़िद करने लगी तो हार कर वीरभान को हा कहनी पडी पर उन्होने आप को
ये कहके रोक जलया की दे व के जबना जपताजी का र्मान नही लगेगा तो इसे
आप यही छोड जाओ तो आपकी र्मा चली गयी और ऐसी गयी की जिर
कभी वाजपस नही आई

आज की रात बडी ही भारी थी र्मुझपर जदल को एक से एक झटके लग रहे


थे र्मैने कहा की क्यो , क्यो नही आई वो जिर वाजपस तो लक्ष्मी ने एक ठं डी
सां स ली और बोली की यहा से जाने के कुछ जदन बाद उनके घरवालो ने
उनको जहर दे कर र्मार जदया ये सुन ना र्मेरे जलए जकसी वज्रपात से कर्म नही
था पर र्मै कुछ कर भी तो नही सकता था तकदीर ने र्मुझे एक ऐसे र्मोड पर
लाकर खडा कर जदया था की

सब कुछ होकर भी कुछ नही था र्मेरे पास ये जो एक पल की खुशी जर्मली थी


जकसी रे त की तरह र्मेरी र्मुट्ठी से जिसल गयी थी जदल टू ट कर जबखर गया था
र्मेरा पर जिर भी जहम्मत करे पूछ ही जलया की उसके बाद क्या हुवा तो
लक्ष्मी ने बताना शुरू जकया की जब आपके जपता को वसुंधरा दे वी की र्मोत
की सूचना जर्मली तो उन पर जैसे पहाड ही टू ट पडा

उनको तो बस उनका ही सहारा था वो इस कदर टू ट गये की जिर कभी


संभाल ही ना पाए उन्होने खुद को शराब र्मे डु बो जदया आपकी नानी को
स़िा हुवी और जेल र्मे ही उनकी र्मोत हो गयी सब तकदीर का लेख है दे व
बाबू एक ऐसा खानदान जजसके झंडे चारो जदशाओ र्मे गढ़े थे अब तबाह ही
हो गया था सर्मझो आपके जपता ने अपना गर्म भूलने को शराब को साथी बना
जलया था

दू सरी ओर बडे ठाकुर का हाल भी कुछ ऐसा ही था पर वो आपके सहारे जी


रहे थे जकसी तरह से , जदन यू ही काट ते रहे वीरभान अब नशे र्मे धुि घूर्मते
रहते कभी जकसी से उलझते तो कभी जकसी से ठाकूरो की वर्षो की इज़्ज़त
अब धूल र्मे जर्मलने लगी थी जजस हवेली के नार्म से सारा गााँ व झुक जया
करता था वो अब ठाकुर के सार्मने बोलने लगे थे हवेली का सूरज अस्त होने
लगा था तो कुछ और दु श्मनो ने भी सर उठाना शुरू कर जदया था

शराब का नशा ऐसा लगा की अब वो एक पल भी उनके जबना नही रह


सकता थे पर शराब ही अकेली नही थी कुछ उनकी संगत ऐसी हो गयी थी
की वो शराब के साथ साथ अब वो शबाब पर भी र्मूह र्मारने लगे थे जिर
उनको ऐसी लत लगी की हर औरत बस उन्हे भोगने को ही जदखती थी जी
जकया उसको ही पकड जलया अब वो पहले वाले ठाकुर वीरभान नही रहे थे
नशे र्मे चूर वो इस कदर हो चुके थे की गााँ व की औरते उनको दे खते ही
अपना रास्ता बदल जदया करती थी

कुछ दीनो तक तो गााँ व वालो ने उनकी हकुतो को सह जलया पर अब ठाकुर


र्मे वो रुतबा नही था तो धीरे धीरे गााँ व वालो की जहम्मत भी बढ़ने लगी आए
दी ठाकुर जकसी ना जकसी से जभदता ही रहते थे जो इजत थोडी बहुत बची
थी वो भी अब ना के बराबर ही रह गई थी ठाकुर वीरभान बस एक ऐसे
इं सान बनकर रह गये थे जो बस शराब और शबाब से ही जीता था उनका
गोरव नॅस्ट हो गया था

आपकी उर्मर 3 साल हुवी तो आपके दादा जी ने आपको लंडन जभजवा


जदया और कहा की वहााँ दे व को एक आर्म आदर्मी की तरह से जीना सीखना
होगा इसकी र्मदद वही की जाएगी जब इसको ़िरूरत हो हर्म चाहते है की
दे व शंघसो की आग र्मे जल कर एक ऐसा िौलाद बने जजसर्मे सूरज तक को
जपघला दे ने की तजपश हो

तो आपके लंडन जाने के बाद बडे ठाकुर ने खुद को एक कर्मरे र्मे कैद कर
जलया र्मुनीर्म जी बस उनके साथ रहते पर जिर कभी वो हवेली से बाहर नही
गये हन आपके जाने के कुछ जदनो बाद एक बात और हुवी बडे ठाकुर ने
आपके जपता को घर से बाहर जनकाल जदया और जायदाद से बेदखल कर
जदया ऐसा क्यो हुवा ये र्मुझे र्मालूर्म नही है र्मैने उनको टोकते हुवे कहा की
क्या र्मेरे जपता ज़िंदा है
तो लक्ष्मी कुछ नही बोली र्मैने जिर पूछा तो उसने कहा की नही हवेली से
जनकले जाने के कुछ साल बाद उनकी भी बीर्मारी से र्मोत हो गयी थी उनकी
र्मोत की सूचना हस्पताल से आई थी इस घटना से बडे ठाकुर और भी हताश
हो गये थे उन्होने जबस्तर पकड जलया था लकवे के जशकार तो पहले ही थे
और जिर उन्होने अपने जाने से कोई 6 र्महीने पहले र्मुनीर्म जी को कहा की
दे व के बीस साल का होते ही उसे यहा बुलवा लेना और उसे सब कुछ
संभला दे ना

र्मेरी आाँ खे जिर से डब डबा गयी र्मैने कहा की क्या दादाजी भी


…………………………. तो लक्ष्मी बोली हां दे व बाबू वो भी अब नही रहे ये
शब्द र्मेरे जदल को जकसी तीर की तरह चीर गये र्मै बुकका िाड कर रोने
लगा तभी कही बादल गरजा और बरसात और भी तेज हो गयी ना जाने रात
का कोन सा पहर चल रहा था र्मेरे अंदर की सारी भावनाए बाहर जनकल
आई थी

र्मैं उठा और बाहर को भाग चला अंधेरा इतना घनघोर था की कुछ नही
जदख रहा था पर र्मुझ पता था की र्मेरी र्मंज़िल कहा है र्मै बस उस तूफ़ानी
बाररश र्मे रोता हुवा दौडता जा रहा था र्मेरी साथ बरसात भी रो पडी थी र्मै
जगरता-पडता चला जा रहा था र्मुझे अब कोई परवाह नही थी र्मेरा सब कुछ
जैसे छूट गया था आज़िर र्मै अपनी र्मंज़िल पर पहुच ही गया था र्मैं हवेली
के आाँ गन र्मे खडा था र्मैण अपने घर लॉट आया था कल तक जो पराया
लगता था अब र्मुझे सब अपना लग रहा था ऐसा लग रहा था जक र्मैण कभी
इस जगह से जुडा हुआ ही नही था र्मैं दौडता हुवा उपर की र्मंज़िल की ओर
भागा और सीधा उसी कर्मरे र्मे गया जहााँ र्मैने वो तस्वीरे दे खी थी वो कर्मरा
वैसे ही खुला पडा था जैसे र्मैने उसको छोडा था

अंधेरे र्मे ही उन तस्वीरो को टटोल कर र्मैने अपने हाथो र्मे उठा जलया और
अपने सीने से लगाकर ना जाने जकतनी दे र तक र्मैं रोता ही रहा ये र्मेरे र्मााँ -
बाप की तस्वीरे थी जो र्मुझ अभागे को अकेला छोड कर चले गयी थे र्मैं बस
उन तस्वीरो को जलए दरवाजे के सहारे बैठा ही रहा और सोचने लगा जक
काश र्मेरी ज़िदगी र्मे ये रात आई ही ना होती तो सही रहता

र्मैं जनढाल सा बैठा हुवा था तभी र्मुझे कुछ लोगो की आवा़िे सुनाई दी तो र्मैने
दे खा जक लक्ष्मी और गौरी भी र्मेरे पीछे पीछे आ गये थे लक्ष्मी ने लालटे न को
कुसी पर रख जदया जजसे से सारे कर्मरे र्मे रोशनी सी हो गयी लक्ष्मी अपनी
सां सो को जनयंजत्रत करते हुवे बोली जक र्माजलक आपको यहा ऐसे नही आना
चाजहए था र्मुनीर्म जी को पता चलेगा तो र्मेरी शार्मत आ जाएगी

आप वाजपस चजलए पर वो र्मेरी हालत कहााँ सर्मझ सकती थी र्मैने उसको


कोई जवाब नही जदया बश्कल्क वही पर बैठा रहा तो वो लोग भी हताश होकर
कर्मरे र्मे ही बैठ गये ना जाने सुबह होने र्मे अभी जकतनी दे र थी बाररश अब
और भी घनघोर हो चली थी र्मेरे आाँ सुओ की तरह ऐसे ही ना जाने जकस पहर
नींद ने र्मुझे अपनी बाहों र्मे ले जलया सुबह जब र्मेरी आाँ ख खुली तो र्मैने दे खा
जक हल्की हल्की बाररश अब भी हो रही थी

र्मुझे लगा जैसे र्मेरा पूरा बदन अकड सा गया हो नींद की खुर्मारी जब टू टी
तो र्मैने दे खा जक गोरी उस धूल भरे बेड पर ही सोई पडी है सोते हुए वो
जकसी प्यारी सी गुजडया की तरह लग रही थी पर लक्ष्मी र्मुझे कही जदखाई
नही दी र्मैं उठा और नीचे की ओर चल जदया और नीचे बरार्मदे र्मे डाली हुई
कुजसुयो पर बैठ गया और आाँ गन र्मे जगरती बाररश की बूाँदो को दे खने लगा
ऐसा लगा जैसे जक आसर्मान भी र्मेरे ददु से जुड सा गया था

थोडी दे र बाद गोरी भी नीचे उतर आई और र्मुझसे कहने लगी जक र्मुझे क्यो
नही उठाया तो र्मैने कहा जक र्मैं तुम्हे परे शान नही करना चाहता था वो बोली
र्मााँ कहााँ है र्मैने कहा र्मुझे नही पता वो बोली बडी प्यास लगी है इधर पानी
कहााँ है र्मैने कहा र्मुझे नही लगता इधर पीने का पानी होगा क्योंजक इधर
कोई रहता नही है ना वो बोली अब र्मैं क्या करू ाँ

र्मैने कहा तुर्म अपने घर जाओ उधर पी लेना पानी तो वो बोली घर तक


जाउन्गी तो कही र्मैं र्मर ही ना जाउ इतनी दू र पहुचते पहुचते जिर वो बोली
जक कुआाँ तो है कुवें से पानी जनकाल लेती ह र्मैने कहा जैसी तुम्हारी र्म़िी
और वही कुसी पर बैठे बैठे उन िुहारो को दे खने लगा जदर्माग़ अभी भी ददु
कर रहा था आधा घंटा बीत चला था पर गोरी वाजपस नही आई तो र्मुझे थोडी
जचंता होने लगी

तो थोडी दे र राह दे खने के बाद र्मैं उसको खोजने के जलए जजस तरि वो
गयी थी उस ओर चल पडा तो र्मैने दे खा जक उस ओर काफ़ी झाजडयााँ और
पेड पोधे उगे हुवे है र्मैं कुवे की र्मुंडेर पर चढ़ गया परं तु र्मुझे गोरी नही जदखी
बाररश ने जिर से झडी लगा दी थी र्मैं भीगने लगा पर र्मुझे उसकी जचंता हो
रही थी तो र्मैने उसको आवा़ि लगाना शुरू कर जदया गोरर
गोर््ु र््ु र्ु् र ज ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई कुछ दे र तक र्मैं आवा़ि
लगाता रहा

जिर झाजडयो र्मे कुछ सुरसूराहट हुई तो र्मैने सोचा जक कही कोई जानवर तो
नही है पर जिर दे खा जक गोरी झाजडयो को हटा ती हुवी र्मेरी ओर आ रही है
उसने र्मुझसे कहा जक क्या हुवा क्यो पुकार रहे थे तो र्मैने कहा जक कहााँ गयी
थी तुर्म जकतनी दे र हो गयी र्मुझे जिकर हो रही थी तुम्हारी

तो वो बोली जक वो र्मैंन्ननणणन् र्मैंन्णणन् तो र्मैने कहााँ र्मैं क्या तो वो शरर्माते


हुवे बोली जक र्मैं जंगल होने चली गयी थी र्मैने कहा अच्छा , कोई बात नही
हर्म दोनो बाररश र्मे खडे भीग रहे थे गोरी की सिेद सलवार उसकी ठोस
जााँ घो पर जचपक गयी थी और उसकी जााँघो का र्मस्ताना ऩिारा र्मुझे दे खने
को जर्मल रहा था हालााँ जक र्मैं रात से थोडा दु खी था पर र्मेरी भावनाए उस
काजतल ऩिारे को दे ख कर भडक उठी थी

गाओ र्मे अक्सर औरते और लडजकया अंडरगार्मेंट्स नही पहना करती है


और उपर से उसने सिेद सूट-सलवार डाला हुवा था बाकी कार्म बाररश ने
कर जदया था ना चाहते हुवे भी र्मेरी ऩिरे गोरी के ता़िा-ता़िा श्कखले हुवे
योवन का दीदार करने लगी उसकी चुन्नी थोडी से सरक गयी थी तो उसके
उन्नत उभार जजसकी गुलाबी जनप्प्प्लस उसके गीले सूट से बाहर आने को
बेताब लग रही थी र्मुझे जदखने लगी

र्मुझे लगा जक र्मैं कही अपने होश ना खो दू ं पर तभी गोरी की आवा़ि र्मुझे
वाजपस धरातल पर खीच लाई वो बोली अब क्या इधर ही भीगना है वाजपस
नही चलना है क्या तो र्मैं उसके साथ अंदर आ गया गोरी अपने गीले कपडो
को झटकने लगी र्मुझे भी ठं ड सी लगने लगी थी र्मैने कर्मरो र्मे दे खा तो र्मुझे
कुछ सूखी लकजडया और एक पुरानी र्माजचस जर्मल गयी तो गोरी ने आग
जला दी जजस से थोडा अच्छा लगा

ना जाने बादलों को क्या हो गया था वो जबल्कुल भी रहर्म के र्मूड र्मे नही थे


जदन जनकला ही था पर आसर्मान र्मे काले बदल इस कदर छाए हुवे थे जक
लग रहा था जक र्मानो रात हो गयी हो उस अजीब से वातावरण की खार्मोशी
को तोडती हुवे गोरी ने पूछा जक आप जवलायत र्मे क्या करते थे र्मैने उसे
बताया जक र्मैं वहााँ पर पढ़ता था और पाटु टाइर्म छोटे -र्मोटे कार्म भी करा
करता था

वो बोली आप इतने अर्मीर है जिर भी आप कार्म करते थे र्मैने कहा जक यहााँ


आने के बाद पता चला वो तो उधर तो र्मैं ग़रीब ही था ना तो वो बोली अभी
तो आप यहााँ ही रहोगे ना र्मैने कहा हन अभी र्मैं अपने घर र्मे ही रहाँ गा
बाररश हो रही थी तो आज र्मजदू र भी नही आने वाले थे जबजक र्मैं हवेली के
अपने घर के एक एक जहस्से को अच्छे से दे खना चाहता था

र्मैने कहा गोरी र्मैं हवेली को अच्छे से दे खना चाहता ह क्या तुर्म र्मेरी र्मदद
करोगी तो वो बोली जक हााँ पर र्मुझे भूख लगी है र्मैं पहले कुछ खाना चाहती
ह तो र्मैने कहा जक पर इधर तो कुछ भी नही है खाने के जलए र्मैने कहा
बाररश रुकते ही तुम्हारे घर चलेंगे तो वो बोली जक ठीक है आओ पहले
दे खते है र्मैं भी बहुत उत्सुक ह र्मैं हर्मेशा से ही इधर आना चाहती थी पर र्मााँ
र्मना करती थी और अकेले आने की जहम्मत होती ही नही थी
हर्म अंदर जाने की बात कर ही रहे थे जक हवेली के गेट पर एक कार की
झलक जदखी और जिर वो अंदर आ गयी कार का दरवाजा खुला और लक्ष्मी
उतरी अपनी छतरी जलए उसके दू सरे हाथ र्मे एक बास्केट थी वो हर्मारे पास
आई और खाली पडी कुसी पर बैठ गयी उसने कहा जक र्मािी चाहाँ गी सुबह
जबना बताए यहााँ से चली गयी पर वो क्या है ना र्मुझे नाश्ते की तैयारी करनी
थी

र्मैने कहा कोई बात नही जिर उसने बास्केट से थर्मुस जनकाला और हर्मे
गरर्मागरर्म चाइ पकडा दी साथ र्मे कुछ और ची़िे भी थी खाने की अगले
कुछ जर्मनट तक र्मेरा ध्यान पूरी तरह से बस खाने पर ही रहा जल्दी ही हर्म
लोग नाश्ते से िाररग हो गये जिर चल पडा बातों का जसलजसला र्मैने लक्ष्मी
से पूछा जक र्मेरे घरवालो से तो गााँ व के लोग नफ़रत करते है तो क्या र्मुझसे
भी ठीक से बात नही करें गे

लक्ष्मी बोली दे व, अब जर्माना बदल गया है अब पहले जैसा कुछ भी नही


रहा है और अब तुम्ही इस हवेली के वाररस बचे हो तुम्हारे पुरखे बहुत कुछ
छोड कर गये है अब ये तुर्म पर है जक तुर्म कैसे जीना चाहोगे तुर्म चाहो तो
अपनी खोई हुवी प्रजतष्ठा पाने की कोजशश कर सकते हो या जिर वाजपस जा
सकते हो हर्मे बडे ठाकुर का आदे श था तो हर्म ने पूरा जकया अब तुर्म अपनी
संपजि को सम्भालो और हर्में इस भार से र्मुक्त करो
र्मैने कहा पर आप लोग भी तो र्मेरे पररवार का ही एक जहस्सा है आपलोग
हर्मेशा से ही र्मेरे घरवालो के साथ थे तो र्मेरा साथ भी दीजजए तो लक्ष्मी बोली
हर्म तो र्मरते दर्म तक आपके साथ है पर अब को अपनी जवरासत संभालनी
होगी वैसे भी सारी उर्मर हो गयी ये सुनते सुनते की र्मुनीर्म जी हवेली का सब
कुछ खा गये र्मैने कहा दु जनया कुछ भी कहे र्मैं नही र्मानता र्मैं बस इतना
जानता ह जक इस गााँ व र्मे अगर कोई र्मेरा बचा है तो बस आप लोग ही हो

लक्ष्मी थोडा सा र्मुस्कुरा दी र्मुझे दु ख भी था जक र्मेरा पूरा पररवार कैसे तबाह


हो गया पर थोडी तसल्ली भी थी जक ये लोग र्मेरे पास है वो बरसते हुवे र्मेह
को दे खकर बोली जक कई सालो बाद इतनी घनघोर बाररश आई है गााँ व र्मे
आज तो रुकनी र्मुश्किल है र्मैने कहा रयचंद जी कब तक आएाँ गे वो बोली
जक उन्हे थोडा टाइर्म और लग जाएगा कुछ काग़िी कायुवाही करनी है और
जिर हवेली की र्मरम्मत और भी कई छोटे -र्मोटे कार्म है ़ितर्म होते ही आ
जाएाँ गे

र्मैने कहा ठीक है लक्ष्मी बोली अब आप घर चलें यहााँ कब तक यू बैठे रहें गे


र्मैने कहा नही र्मैं यही रहाँ गा आप र्मेरा सार्मान घर से र्मंगवा दीजजए और जब
तक जबजली नही लग जाती रात को रोशनी का इं त़िार्म भी करवा दीजजए
लक्ष्मी र्मुझे अकेले नही रहने दे ना चाहती थी पर र्मेरी ज़िद के आगे उसकी
एक ना चली तो उसने कहा जक बाररश रुकते ही आपके जलए नया जबस्तर
और ़िरूरत की कुछ ची़िी जभजवा दू ाँ गी पर अभी र्मैं जाती ह घर पे भी कई
कार्म पडे है और ये तेज बाररश

जिर उन्होने गोरी से कहा जक तुर्म दे व के साथ ही रहना र्मैं सां झ तक वाजपस
आउश्कन्ग तुर्म साथ रहोगी तो र्मुझे इनकी जिकर नही होगी इतना कहकर
लक्ष्मी कार र्मे बैठी और चली गयी रह गये र्मैं और गोरी आग ठं डी होने लगी
थी तो गोरी ने कुछ लकजडया और डाल दी बाररश र्मे आग के पास बैठना
एक अलग सा अहसास दे रहा था गोरी बोली तुर्म लंडन से यहााँ कैसे आए तो
र्मैने कहा प्लेन से वो बोली अच्छा , वो बोली तुम्हारा सहर कैसा होता है र्मैने
कहा जैसे तुम्हारे है वो बोली र्मैं क्या जानू र्मैं तो कभी सहर गयी ही नही र्मैने
कहा क्यो वो बोली र्मुझे कॉन ले जाए

तो र्मैने कहा र्मैं कभी जाउन्गा तो तुर्मको ले चलूाँगा साथ वो बोली हर्म तो बस
जदल खुश करने को जब कभी र्मेला लगता है तो उसी र्मे घूर्म आते है जदल
खुश हो जाता है र्मैने कहा ये र्मेला क्या होता है तो वो बोली अरे तुम्हे र्मेले का
नही पता र्मैने कहा सच र्मे नही पता तो उसने र्मुझे बताया तो र्मैने कहा जक
अबकी बार जब र्मेला लगेगा तो र्मैं भी तुम्हारे साथ चलूाँगा

कुछ दे र और बाते करने के बाद र्मैने कहा आओ गोरी कुछ कर्मरो को खोल
कर दे खते है तो वो बोली हााँ चलो तो हर्म लोग उपर की र्मंज़िल पर चले गये
कुछ कर्मरो का ताला हर्म ने तोड डाला और दे खने लगे इतना तो पक्का था
जक अपने टाइर्म र्मे ये खंडहर बडा ही खूबसूरत था हर कर्मरा बडे ही करीने
से स़िा हुवा था बस िरक इतना था जक वो सजावट वक़्त के थपेडो र्मे कही
खो गयी थी र्मैने कहा गोरी खुशजकस्मत होंगे वो लोग जो यहााँ रहते होंगे वो
बोली हााँ काश र्मैं भी ऐसे ही घर र्मे रहती

र्मैने कहा ये भी तो तुम्हारा ही घर है ना जब तुम्हारा जदल करे तुर्म आ जाना


यहााँ पर काफ़ी धूल जर्मी हुवी थी तो हर्म लोग उसको सॉि करने लगे तभी
गोरी को उपर की स्लॅब पर कुछ जदखा तो वो बोली उपर कुछ है र्मैने कहा
हााँ कुछ संदूक जैसा लग रहा है पर इसको उतारे कैसे उपर चढ़ा तो नही
जाएगा र्मैं कुछ ढू ाँ ढ ही रहा था जक र्मुझे गॅलरी र्मे एक पुराना स्टू ल जदख गया
जो अब बस नार्म-र्मात्र का ही बचा हुवा था

गोरी बोली तुर्म इसको कसकर पकड लेना र्मैं उपर चढ़ जाती ह र्मैने कहा
स्टू ल कही टू ट ना जाए तो वो बोली अगर र्मैं जगरु तो तुर्म र्मुझे थार्म लेना तो
हर्म ने उसको सेट जकया और गोरी उपर चढ़ ने की कोजशश करने लगी पर
वो चढ़ नही पा रही थी वो बोली तुर्म इसको कसकर पकड लो र्मैं संदूक को
खीचती ह और तुर्मको पकडा दू ाँ गी तुर्म उसको नीचे रख दे ना र्मैने कहा ठीक
है पर आरार्म से करना कही चोट ना लग जाए तुर्मको संदूक थोडा भारी था
जैसे ही गोरी ने संदूक को स्लॅब से खीचा स्टू ल उन दोनो का भार नही से
पाया और टू ट गया गोरी झटके से र्मेरे उपर आ पडी और र्मुझे जलए जलए ही
िरश पर आ जगरी

अचानक से हुवी इस घटना से र्मैं संभाल नही पाया पर शूकर था जक संदूक


दू सरी ओर जगरा वरना हर्मारे सर भी िुट सकते थे कुछ पल तो सर्मझ ही
नही आया जक क्या हुआ गोरी र्मुझ पर लदी हुवी थी र्मेरे हाथ उसके र्मां सल
कुल्हो पर आ गये थे उसकी सुडोल छाजतया र्मेरे सीने र्मे धाँसी जा रही थी र्मेरे
जलए ये अलग सा ही अहसास था वैसे जगरने से र्मुझे पीठ और पैर र्मे थोडी
चोट लगी थी पर वो ददु ना जाने कहााँ गायब सा हो गया था
र्मैने दे खा गोरी अपने चेहरे को र्मेरी बाहों र्मे छु पाए र्मेरे उपर पडी थी ना
चाहते हुवे भी र्मैने अपने हाथो से उसके दोनो कुल्हो को दबा जदया गोरी की
गरर्म सााँ से र्मेरे चेहरे पर पड रही थी र्मुझे पता नही कैसा रोर्मां च सा चढ़ने
लगा गोरी ने अपनी आाँ खे बंद की हुवी थी एक पल र्मे ही र्मेरे सारे हार्मोंस
आश्किव हो गये थे र्मैने धीरे से उसके कान र्मे कहा गोरी , पर वो कुछ ना
बोली शायद उसके जलए भी ये एक नया नया सा अहसास था

आज़िर वो भी तो जवानी र्मे कदर्म रख चुकी थी र्मैं उसकी पीठ सहलाने लगा
तो उसने अपना र्मूह र्मेरे सीने र्मे छु पा जलया र्मैने जिर से कहा गोरी उठ
जाओ पर वो टाइर्म पता नही हर्मे क्या हो गया था र्मैने उसे जलए जलए ही
पलटी खाई और अब र्मैं उसके उपर वो र्मेरे नीचे हो गयी उसके लरजते हुवे
गुलाबी होंठो की र्मादकता र्मुझे बडी ही सुंदर लगी और उपर से जनचले होठ
पर एक छोटा सा काला जतल र्मैं तो कुबाु न ही हो गया जैसे र्मुझ पर खुर्मारी
छाने लगी

बडा ही ना़िुक सा लम्हा था वो र्मैं अपनी भावनाओ को रोकने की पूरी


कोजशश कर रहा था पर र्मेरा जदल र्मेरे काबू से बाहर हो गया था गोरी की
र्मासूजर्मयत से र्मेरा अंग-अंग जैसे एक नये रं ग र्मे रं ग गया था र्मैं अपने होशो-
हवश खोते जा रहा था और जिर र्मैं थोडा सा गोरी के उपर झुका और
उसके कोर्मल होंठो को अपने लबो से जोड जलया
उिििििििििििििििििििििििििििििि
िििफ्फफ़ कैसा ये अहसास था जो र्मेरी रूह तक र्मे उतर गया था
ये र्मेरा पहला चुंबन था जकसी लडकी के साथ गोरी ने अपना र्मूह थोडा सा
खोल जदया तो र्मैने उसके जनचले होठ को अपने र्मूह र्मे भर जलया और
उसको चूर्मने लगा र्मेरा लॅंड पूरी तरह से खडा हो गया था और गोरी की
योजन वाली जगह पर रगड खा रहा था एक अजीब सी पररश्कस्थजत बन गयी थी
र्मेरे जलए तो जैसे सर्मय रुक सा ही गया था बडा ही अलग सा एहसास था ये
पर ये सब ज़्यादा दे र नही चला गोरी ने र्मुझे धक्का जदया और अपने से दू र
कर जदया
र्मैं बगल र्मे लुढ़क गया और अपनी तेज रफ़्तार से भागती हुवी सां सो को
कंट् ोल करने लगा गोरी उठ कर बैठ गयी और उसकी उपर नीचे होती
चूजचया भी उसकी बदहवासी का जववरण दे रही थी बाहर घनघोर बरसात हो
रही थी पर अंदर कर्मरे र्मे सन्नाटा पसर गया था कुछ दे र हर्म दोनो खार्मोश
ही रहे जो भी कुछ पॅलो पहले जो कुछ हुवा था उसने हर्म दोनो को एक
अलग अहसास करवा जदया था

गोरी उठी और कर्मरे से बाहर जाने लगी पर दरवाजे पर जाकर जठठक गयी
और उसने ऩिर भर कर र्मेरी ओर दे खा ना जाने वो कैसी कजशश थी
उसकी ऩिरो र्मे उस पल र्मैं तो जैसे फ़ना ही होने लगा था र्मैं दो कदर्म आगे
बढ़ा और गोरी को खीचते हुवे उसे पास की दीवार से सटा जदया और एक
बार जिर से अपने लबो को उसके लाबो से जोड जदया गोरी ने भी अपनी
बाहें र्मेरी पीठ पर कस दी और र्मैं उसके शरबती होंठो से जार्म पीने लगा र्मैं
उसको ऐसे चूर्म रहा था जैसे जक रे जगस्तान की गरर्म रे त पर नंगे पैर चलते
हुवे जकसी र्मुसाजिर को पानी का दररया जर्मल गया हो र्मैं दीवानो की तरह
उसके लबो, गालो और गदु न को चूर्मे जा रहा था गोरी भी र्मेरे साथ उस
अनकही भावनाओ के तूिान र्मे शाजर्मल हो गयी थी कुछ जर्मजनट तक हर्मारा
ये सीन चलता ही रहा जिर र्मैने अपने होठ हटा जलए पर उसको अपनी बाहों
र्मे जकडे रहा बाहर बरसती बाररश र्मे एक प्रेर्म का अंकुर िुट पडा था

जिर गोरी र्मुझसे अलग हो गयी और गॅलरी र्मे आकर बाररश को दे खने लगी
र्मैं भी उसके पास आकर खडा हो गया पर हर्म दोनो ही अब चुपचाप खडे थे
र्मुझे सर्मझ नही आ रहा था जक बात कैसे शुरू करू आज़िर र्मैने चुप्पी
तोडते हुवे कहा जक क्या हुवा तुर्म चुप क्यो हो तो गोरी बोली जक तुर्मने ऐसा
क्यो जकया र्मैने कहा र्मुझे नही पता बस हो गया अपने आप र्मैने उसकी
आाँ खो र्मे दे खते हुवे कहा जक गोरी प्ली़ि र्मुझे ग़लत ना सर्मझना सब कुछ
अपने आप ही हो गया

तो गोरी अपनी बडी बडी आाँ खो को गोल गोल घूर्माते हुवे बोली जक ये अच्छा
है जकसी को भी तुर्म ऐसे करो और जिर कह दो जक अपने आप हो गया ऐसा
तुम्हारे लंडन र्मे होता होगा पर यहा नही होता अगर र्मेरी जगह कोई और
लडकी होती तो अब तक तुम्हे बता चुकी होती तो र्मैने कहा जिर तुर्मने कुछ
क्यो नही कहा तो वो र्मैं……….र्मैं……..करने लगी र्मैने कहा गोरी एक बात
कहाँ

उसने ह कहा तो र्मैने कहा गोरी क्या तुर्म र्मेरी दोस्त बनोगी र्मैं यहााँ पर
जबल्कुल अकेला हाँ जकसी को जानता भी नही तुम्हारे जसवा और तुर्म अच्छी
लडकी हो तो करोगी र्मुझसे दोस्ती तो गोरी अपनी गदु न जहलाते हुए बोली ना
बाबा लोग कहते है ठाकूरो की ना दोस्ती अच्छी ना दु श्मनी तो र्मैने कहा पर
र्मुझे तो कुछ जदन पहले ही पता चला है ना जक र्मैं ठाकुर ह इसर्मे र्मेरा दोर्ष
क्या तो वो बोली ठीक है र्मैं तुर्मसे दोस्ती करू
ाँ गी पर तुर्म र्मााँ को र्मत बताना
र्मैने कहा ठीक है

ना जाने क्यो वो र्मुझे क्यो अच्छी लगने लगी थी शार्म हो रही थी बाररश की
रफ़्तार भी काफ़ी कर्म हो गयी थी बस अब हल्की-हल्की िुहारे ही पड रही
थी तो गोरी ने कहा जक काफ़ी दे र हो गयी है र्मुझे घर जाना चाजहए र्मैने कहा
पर तुम्हारी र्मााँ ने कहा था जक वो आएाँ गी तो वो बोली बरसात अब रुक ही
गयी है सर्मझो एक कार्म करो तुर्म भी र्मेरे साथ घर चलो यहााँ अकेले कैसे
रहोगे

हालााँ जक र्मैं हवेली र्मे ही रुकना चाहता था पर ना जाने क्यो र्मैं उसकी बात
को टाल ना सका और कहा जक ठीक है चलो तुम्हारे घर चलते है जिर हर्म
नीचे आए र्मैने गेट पर एक नया ताला लगाया और हल्की हल्की िुहारो का
ऩिारा लेते हुवे हर्म दोनो र्मुनीर्म जी के घर की ओर चल पडे रास्ते र्मे वो र्मुझे
गााँ व के बारे र्मे बता ती जा रही थी एका-एक गोरी का साथ र्मुझे बडा ही
अच्छा लगने लगा था

ऐसे ही बाते करते करते हर्म दोनो उसके घर पहुच गये लक्ष्मी हर्मे दे खते ही
बोली अच्छा जकया जो आप लोग यहााँ आ गये जबजली का तो कोई भरोसा
नही उपर से र्मोसर्म भी र्मेहरबान है आप आरार्म करो र्मैं कुछ दे र र्मे भोजन
की व्यवस्था करती ह र्मैं बैठक र्मे जाकर लेट गया और गोरी अपने कर्मरे र्मे
चली गयी और कुछ दे र बाद अपने कपडे बदल कर आ गयी अब उसने
घाघरा-चोली डाल ली थी जजसर्मे वो बडी ही प्यारी लग रही थी

र्मैं अपने र्मन र्मे दोनो र्मााँ बेजटयो की तुलना करने लगा दोनो ही बडी कॅजटली
थी र्मैं सोचने लगा जक लक्ष्मी की चूत जर्मल जाए तो र्मुझे र्म़िा ही आ जाएगा
पर सवाल ये था जक लक्ष्मी र्मुझे चूत क्यो दे गी जपछली रात भी र्मैं जागा था तो
खाना खाते ही र्मुझे नींद आ गयी और सुबह जब र्मेरी आाँ ख खुली तो र्मुझे घर
र्मे कोई जदखाई नही जदया र्मैने सोचा गोरी तो स्कूल गयी होगी

पर लक्ष्मी कहााँ है र्मैं उसको ढू ाँ ढते हुवे घर के अंदर की तरि चला गया तो
एक दरवाजे के बाहर से र्मैने अंदर झााँ का तो र्मेरे होश ही उड गये र्मेरा खुद
पर काबू रखना र्मुश्किल हो गया र्मैने दे खा जक लक्ष्मी लक्ष्मी कर्मरे र्मे नंगी
खडी हुई है उसकी पीठ र्मेरी ओर थी जजस कारण वो र्मुझे नही दे ख पाई पर
र्मेरी जनगाह उसकी जचकनी पीठ और बडी सी गान्ड पर जर्म ही गयी थी

शायद वो कुछ दे र पहले ही वो नहा कर आई होगी कुछ दे र वो अपने अंगो


को र्मसश्कि रही शायद तेल लगा रही थी जिर उसने कश्कच्छ पहनी जब उसने
अपनी टााँ ग उठाई तो उसकी िूली हुवी र्मस्त चूत दे ख कर र्मेरा लंड एक
झटके र्मे ही खडा हो गया र्मैं क्या कहाँ उस सर्मय क्या हालत हुवी र्मेरी कश्कच्छ
पह्न ने के बाद उसने घाघरा पहना हालााँ जक उसी सर्मय र्मुझे वहााँ से श्कखसक
लेना चाजहए था

पर ये भी एक लालच सा ही था तो र्मैं खुद को वहााँ से हटा नही पाया लक्ष्मी


ने जबना िा पहने ही चोली पहन ली और वो अचानक से पलटी और र्मैं वही
दरवाजे पर पकडा गया र्मैने सकपकाते हुवे कहा जक
वो……………………वओू ऊऊऊऊओ वो र्मैं आपको दे खने आया था जक आप
कहााँ गयी और बैठक की ओर भाग जलया थोडी दे र बाद लक्ष्मी आई और
शां त स्वर र्मे बोली की नाश्ता कलो जिर र्मैं खेतो की ओर जाउन्गी
र्मैने कहा र्मैं भी चालू तो वो बोली नही वकील साहब का िोन आया था थोडी
दे र र्मे वो हवेली पहुच जाएाँ गे कुछ और काग़िी कायुवाही करनी है उनको
र्मैने ड्ाइवर से कह जदया है वो आपको छोड आएगा र्मैने कहा उसकी
़िरूरत नही है र्मैं घूर्मते-घूर्मते ही जनकल जाउन्गा तो लक्ष्मी बोली नही आप
गाडी से ही जाएाँ गे और हााँ जबजली जवभाग से भी आज लोग आएाँ गे तो आप
दे ख लेना र्मैने कहा ठीक है जिर वो बोली और हााँ दोपहर का खाना आप
इधर ही खाना तब तक र्मैं खेतो से वाजपस आ जाउन्गा जिर र्मुझे नाश्ता
करवा कर लक्ष्मी चली गयी और कुछ दे र बाद र्मैं भी उनके घर से बाहर
जनकल आया र्मैने ड्ाइवर से कहा जक र्मालजकन जब आए तो तुर्म कह दे ना
जक तुर्म ही र्मुझे हवेली लेकर गये थे और बाहर चल पडा जपछले जदनो जो
बाररश हुवी थी उस से प्रकरजत जैसे शंगार कर उठी थी गााँ व र्महक उठा था
ठं डी ठं डी हवा चल रही थी पेडो पर कोयल कूक रही थी ऐसा वातावरण र्मैने
तो कभी नही दे खा था र्मैं थोडी दू र आगे चला तो र्मैने दे खा जक उसी चोपाल
पर कुछ लोग बैठे है तो र्मैं भी वही जाकर बैठ गया

र्मैने उन लोगो को नर्मस्ते जकया और उनकी बात चीत र्मे शाजर्मल हो गया
कुछ लोगो ने कहा र्मुसाजिर तुर्म जकसके र्मेहर्मान हो तो र्मैने राइचंद जी का
नार्म ले जदया र्मैं उनको बताना नही चाहता था जक र्मैं ठाकुर यूधवीर जसंग का
पोता ह उनकी बातों से पता चला जक गााँ व को पानी पहुचाने वाली लाइन टू ट
गयी है और सबको पानी के जलए नदी का सहारा लेना पड रहा है कई
अजधकाररयो के आगे गुहार लगाई पर बस आश्वासन ही जर्मला है कोई भी
लाइन को ठीक नही कर रहा

तो र्मैने कहा जक पर गााँ व र्मे पानी की टं की तो होगी ना एर्मजेन्सी के जलए तो


वो बोली जक नही टं की भी नही है तब र्मुझे पता चला जक ये काफ़ी जपछडा
हुवा गााँ व है र्मैने कहा आप र्मुझे उस अजधकारी का नार्म बताए जो पानी का
जडपाटु र्मेंट संभालता है र्मैं आपकी सर्मस्या को दू र करवाउन्गा तो वो लोग
र्मेरा उपहास उडाते हुवे बोले र्मुसाजिर जब पूरे गााँ व से कुछ ना हुवा तो तुर्म
अकेले क्या कर लोगे र्मैने कहा एक कोजशश तो कर ही सकता ह
उनकी बातों र्मे र्मसगूल हुवा तो सर्मय का ध्यान ही नही रहा एकाएक र्मुझे
याद आया जक वकील साहब आ गये होंगे हवेली तो र्मैं वहााँ से अपने घर चल
पडा र्मैं वहााँ पहुचा तो वकील के साथ वहााँ पर कुछ लोग और थे वकील ने
र्मेरा इं ट्ो उनसे करवाया तो उनर्मे से एक ज़िले के कलेिर थे और एक
तहसीलदार था र्मैने कहा बताइए र्मैं आपके जलए क्या कर सकता ह

तो वकील ने कहा जक दे व बाबू जब र्मैने डीसी साजहब को बताया जक हवेली


का वाररस लॉट आया है और जिर कुछ िॉरर्मॅजलटीस भी करनी थी तो ये
पसुनली आपसे जर्मलने आए है जिर हर्मारी बाते होने लगी तो पता चला जक
गााँ व के दू सरी तरि नाहरगढ़ की सीर्मा पर हर्मारी कोई 50 एकड ़िर्मीन है
जजसपर वहााँ के ठाकुर खानदान का कब्जा है अब तो डीसी साहब चाहते थे
जक वो र्मार्मला आरार्म से सुलझाया जाए और ऐसी पररश्कस्थजत ना हो जजस से
की प्रशासन को प्राब्लर्म हो

तो र्मैने कहा सर आप जकसी भी प्रकार की टे न्र्षन ना ले र्मैं तो अभी आया ह


और र्मुझे अभी कुछ भी नही पता जक र्मेरा क्या क्या कहााँ कहााँ है एक बार र्मैं
सबकुछ दे ख लूाँ जान लूाँ जिर आप जैसे कहें गे वैसा ही कर लेंगे डीसी साहब
र्मेरी बात सुनकर खुश हो गये और बोले आप से जर्मलकर अच्छा लगा कोई
कार्म हो तो याद कररएगा तो र्मैने कहा सर आपकी र्मदद तो चाजहए ही
चाजहए

वो बोले आप तो बस हुकर्म कररए र्मैने कहा जक सर गााँ व की पानी सप्लाइ


की लाइन टू टी पडी है और अजधकारी ठीक नही कर रहे है तो उन्होने तुरंत
ही िोन जर्मलाया और अगले जदन तक लाइन ठीक करने का हुकर्म सुनाया
र्मैने उनको धन्यवाद जदया उनके जाने के बाद र्मैं वकील से र्मुख़्तीब हुवा तो
उसने जिर से र्मुझसे कई पेपसु पर साइन करवाए घंटो बाद उसने कहा जक
सर अब आप लीगली हवेली और सारी प्रॉपटी के र्माजलक हो गये है तो बस
र्मैं र्मुस्कुरा कर रह गया

र्मैं वकील से बात कर ही रहा था जक तभी राइचंद जी भी आ गये उन्होने


कहा जक दे व बाबू सारा कार्म हो गया है कल शार्म तक हवेली र्मे जबजली लग
जाएगी और कुछ जदनो र्मे ये हवेली जिर से रहने लायक हो जाएगी राइचंद
जी ने घर िोन जकया और कोई आधे घंटे बाद लक्ष्मी हर्म सब के जलए चाइ
नाश्ता ले कर आ गयी और हर्म कुछ और बातों पर चचाु करने लगे

कल र्मुझे राइचंद जी के साथ शहर जाना था कुछ कार्म थे जो र्मेरे जबना नही
हो सकते थे तो अगले जदन हर्म शहर चल पडे उन्होने कहा आप को जो भी
कार पसंद हो आप खरीद लीजजए र्मैने कहा र्मुझे इन सब ची़िो की कोई
आवश्यकता नही है पर वो बोले नही कार तो चाजहए ही ना और जिर कही
आना जाना हो तो वो र्मुझे एक बडे कार शोरुर्म र्मे ले गये और हर्म ने दो
कार खरीदी

र्मैने कुछ नये कपडे भी खरीदे और थोडा ़िरूरत का सार्मान भी जलया रात
होते होते हर्म वाजपस गााँ व आ गये पूरा जदन बेहद थका दे ने वाला था तो आते
ही र्मैं सीधा सो गया हवेली की सॉि सिाई करवाई जा रही थी र्मैने बता
जदया था जक जकन दो कर्मरो र्मे रहाँ गा तो उनके इं टीररयर का कार्म चालू था
इधर राइचंद जी र्मुझे हर बारीकी का ज्ञान करवा रहे थे उन्होने र्मुझे बताया
जक जकतनी ़िर्मीन है र्मेरे पास और कहााँ कहााँ है र्मुझे तो यकीन ही नही हो
रहा था जक र्मेरे पुरखे र्मेरे जलए इतना कुछ छोड कर गये है

गााँ व की पानी की लाइन ठीक हो गयी थी और पानी की टं की र्मैने र्मेरी तरि


से बनवा दी थी जदन ऐसे ही गुजर रहे थे अक्सर र्मैं गााँ व की चोपाल पर चला
जाता था लोगो को ये तो पता चला था जक हवेली का वाररस आया है पर
उनको ये नही पता था जक र्मैं ही ठाकुर दे व ह और र्मैने भी इस बात का
ज़िि करना आवश्यक नही सर्मझा 24 घंटे राइचंद साथ रहता तो जिर गोरी
से भी ऩिर दो-चार नही हुवी थी और लक्ष्मी के तो कहने ही क्या थे जदन
गुजर रहे थे र्मुझे यहााँ आए 15 जदन हो गये थे और आज हवेली का कार्म
़ितर्म हो गया था र्मैं अपने बाप-दादा के घर र्मे रहने के जलए आ गया था
अब यहााँ का हाल दे ख कर कोई नही कह सकता था जक कुछ जदन पहले ये
बस एक खंडहर का टु कडा था हालााँ जक अभी भी कुछ जहस्सो को र्मरम्मत
की ़िरूरत थी पर र्मैं अकेला ही रहने वाला था तो उस जहस्सो को वैसे ही
रहने जदया था

शुरू शुरू र्मे र्मुझे अकेले रहने र्मे थोडा अजीब सा लगता था पर जिर आदत
हो गयी और गााँ व र्मे भी लोगो से जान पहचान होने लगी थी इधर र्मैं लक्ष्मी
को चोद्ने की सोचता रहता था पर कुछ बात नही बन रही थी और जिर
जकस्मत आज़िर र्मुझ पर र्मेहरबान हो ही गयी एक जदन राइचंद जी जब गााँ व
र्मे जकसी से जर्मलने जा रहे थे तो एक पागल सां ड ने उनको अपने लपेटे र्मे ले
जलया और उनको घसीट र्मारा

हर्म लोग तुरंत उनको हॉश्कस्पटल ले गये तो डॉिर ने बताया जक ये ठीक तो


हो जाएाँ गे परं तु इनकी रीढ़ की हिी टू ट गयी है तो इनका चलना जिरना अब
पाजसबल नही होगा ये खबर हर्म सब के जलए बडी ही दु खदायक थी
़िासकर गोरी और लक्ष्मी के जलए र्मैने कहा डॉिर आप इनका बेस्ट इलाज
कररए पर ये ठीक होने चाजहए तो डॉिर बोला बात ये है जक रीढ़ की हिी
कई जगहों से टू टी है और ररकवरी नही हो पाएगी कुछ जदन र्मैं उनके साथ
ही हॉश्कस्पटल र्मे रहा जिर उनको छु ट्टी जदलवा कर घर ले आए

र्मैने राइचंद से कहा जक आप जकसी भी तरह की जचंता ना करना आपका


पररवार र्मेरा पररवार है र्मैं हर घडी आप लोगो के साथ ह वैसे भी र्मैं जदन र्मे
दो बार उनके घर खाना खाने तो जाता ही था कई लोगो से बात की थी पर
कोई भी हवेली की रसोई संभालने को रा़िी ना हुवा था लक्ष्मी उर्मर र्मे
राइचंद जी से काफ़ी छोटी थी तो उसके जजस्म की ़िरूरते भी थी और र्मैं भी
उसको भोगने को तैयार था पर शुरुआत नही हो पा रही थी

थोडे जदन ऐसे ही गुजर गये खेतो र्मे गन्ने की िसल तैयार खडी थी और बागों
र्मे आर्म भी तैयार ही हो गये थे पहले तो सब कार्म र्मुनीर्म जी संभाल लेते थे
दू सरी ओर उन्होने भी खुद के खेत र्मे गन्ने लगाए हुवे थे हर्मे लोगो की
़िरूरत थी कार्म के जलए पर कोई भी गााँ व वाला ठाकूरो के यहााँ कार्म नही
करना चाहता था इस बात से र्मैं भी परे शान था तो र्मैने राइचंद से कहा जक
ऐसे तो हर्मे बहुत नुकसान हो जाएगा

तो बोले र्माजलक र्मैं तो अब अपाजह़ि हो गया हाँ र्मैं खुद इस बात को लेकर
जचंजतत रहता ह अब कोई चर्मत्कार हो जाए तो ही आस है लक्ष्मी बोली
िसल का नुकसान होगा तो हाथ तंग हो जाएगा र्मैने कहा आप लोग कोई
भी टे न्र्षन ना लो र्मैं करू
ाँ गा कुछ ना कुछ बंदोबस्त और वहााँ से बाहर
जनकला ही था जक गोरी जदख गयी र्मैने कहा गोरी हवेली चलेगी क्या तो वो
बोली बापू से पूछ कर आती ह और जिर हर्म र्मेरे घर आ गये गोरी बोली
कुछ परे शान लगते हो

र्मैने कहा यार बात ये है जक िसल कटाई पे है और र्मेरे खेतो र्मे कोई कार्म
नही करना चाहता है पहले तो तुम्हारे बापू बाहर से र्मजदू र लाकर कार्म
करवा लेते थे पर उनकी तबीयत जबगडने के बाद अब कॉन र्मदद करे गा
दु गनी र्म़िदू री पर भी गााँ व वाले तैयार नही है र्मेरे खेतो र्मे कार्म करने को
बस वो ही टे न्र्षन है गोरी गााँ व वालो को बुरा भला कहने लगी और बोली ये
तो है ही कार्मीने सदा से

र्मैने कहा दु गनी र्म़िदू री पर भी कोई र्मेरे जलए कार्म करने को तैयार नही है
सर्मझ नही आता जक क्या करू र्मेरे पुरखो के जकए करर्मो िल र्मुझे ही
भुगतना होगा र्मैं उदास हो गया गोरी ने र्मेरा हाथ अपने हाथ र्मे जलया और
बोली तुर्म जदल पे बोझ र्मत लो कुछ ना कुछ हाल जनकल ही आएगा तभी
उसने एक ऐसी बात बताई जजस से कुछ उम्मीद बाँधी वो बोली एक रास्ता है
पर ये नही पता जक कार्म आएगा या नही र्मैने कहा जो भी है जल्दी से बता

तो गोरी बोली की सालो पहले जकसी बात से नारा़ि होकर ठाकुरों ने गााँ व के
र्महादे व र्मंजदर के दरवाजे को गााँ व वालो के जलए बंद कर जदए थे और तब से
आज तक र्मंजदर बंद ही पडा है अगर तुर्म र्मंजदर खोल दो तो क्या पता गााँ व
वालो के र्मन र्मे तुम्हारे जलए कुछ हर्मददी हो जाए र्मैने कहा गोरी ठीक है
कल ही चल कर र्मंजदर का दरवाजा खोल दे ता ह इसर्मे क्या है
तू र्मुझे कल सुबह ही वहााँ ले चलना तो वो बोली जक सुबह तो र्मुझे स्कूल
जाना होता है र्मैं तुम्हे रास्ता बता दे ती ह तुर्म चले जाना वैसे र्मेरा र्मन तो है
साथ चलने को पर स्कूल की छु ट्टी नही कर सकती र्मैं र्मैने कहा चल कोई ना
र्मैं ही दे ख लूाँगा कुछ दे र बाद गोरी बोली दे र हो रही है र्मुझे घर जाना चाजहए
र्मैं कहा कुछ दे र और रुक जा तू आती है तो र्मेरा र्मन भी लगा रहता है

र्मैने उसका हाथ पकड जलया और गोरी को खीच कर अपने सीने से लगा
जलया गोरी बोली तुर्म ऐसे ना जकया करो र्मुझे कुछ- कुछ होता है र्मैने कहा र्मैं
ऐसा क्या करता ह जो तुझे कुछ होता है वो बोली तुर्म जो ये शरारत करते हो
तो र्मेरे र्मन के तार झनझणा जाते है र्मैने कहा गोरी इधर दे ख जैसे ही उसने
अपना चेहरा उपर जकया र्मैने उसके चााँ द से र्मुखडे को चूर्म जलया

गोरी र्मेरी बाहों र्मे और भी जसर्मट गयी र्मैं उसके लबों को चूर्मने लगा उसकी
खुश्बुदार सााँ से र्मेरे र्मूह र्मे घुलने लगी र्मेरा र्मन उन्माद र्मे डूबने लगा बडी ही
कजशश थी उसर्मे जब जब र्मैं उसके पास होता था तो खुद को रोकना बडा
ही र्मुश्किल हो जाता था तो एक लंबे चुंबन के बाद र्मैने कार स्टाटु की और
गोरी को उसके घर छोडने चला गया

र्मुनीर्म जी के घर से आते आते र्मुझे बडी दे र हो गयी जब र्मैं वाजपस आ रहा


था तो र्मुझे खेतो के पास कोई पडा हुवा जदखाई जदया र्मैं गाडी से उतरा और
दे खा की एक ** साल का लडका पडा हुआ था र्मैने गाडी से पानी की बोतल
जनकाली और उसके र्मूह पर कुछ छींटे र्मारे तो उसको होश आया र्मैने कहा
जक अरे कॉन हो तुर्म और यहा क्यो पडे वो कराहता हुवा बोला जक र्मेरा नार्म
नंदू है

र्मैने कहा ले थोडा सा पानी पी और बता जक यहााँ रास्ते पर क्यो पडा है तो


उसने कहा जक शार्म को जब वो अपनी बकरी चरा कर वाजपस गााँ व की
तरि आ रहा था तो गााँ व के कुछ लोगो ने उसको बहुत र्मारा और उसकी
बकरी भी छीन ली र्मैने कहा ऐसे कैसे वो तुझे र्मार सकते है तो उसने कहा
र्मैं नीच जात का ह ना हर्मे तो हर कोई धर्मकाता रहता है
र्मैने कहा चल आजा बता तेरा घर कहााँ है र्मैं तुझे छोड दे ता ह वो बोला नही
साहब र्मैं खुद चला जाउन्गा जकसी को पता चला जक आपने र्मुझे गाडी र्मे
जबठाया तो जिर से र्मेरी जपटाई होगी र्मैने कहा तू र्मुझे नही जानता तू चल
अभी आजा र्मैं तुझे तेरे घर ले चलता ह तो वो घबराता सा गाडी र्मे बैठ गया
र्मैने कहा भूख लगी है वो बोला हााँ साहब र्मैने कहा आजा तुझे कुछ ज़िलाता
ह और उसको र्मैं हवेली ले आया

हवेली दे खते ही वो और भी घबरा गया और बोला आप र्मुझे यहााँ क्यो लेकर


आए है जकसी ने र्मुझे यहााँ दे ख जलया तो र्मेरे जलए र्मुसीबत हो जाएगी र्मैने
कहा क्या यार तू एक ही बात की पीजि बजा रहा है ये हवेली घर है र्मेरा और
र्मैं ठाकुर दे व ह इस हवेली का अंजतर्म बचा हुवा सदस्य वो बोला ठाकुर
साहब आप र्मुझे नीच जात को अपने घर लेकर आए र्मैने कहा यार जहााँ से
र्मैं आया ह वहााँ पर ये जात वात नही होती र्मैने उसको एक जबस्कुट का
पॅकेट जदया और कहा जक ले अभी ये ही है इसे ही खाले

जिर उसको थोडा कुछ श्कखला कर र्मैं उसे उसके घर छोडने चला गया रास्ते
र्मे नंदू ने बताया जक उसके पररवार र्मे बस वो और उसकी र्मान ही है उसके
जपता का कई साल पहले ही दे हां त हो गया था बाते करते करते हर्म लोग
उसके घर आ गये घर तो क्या था बस एक टू टी-िूटी सी झोपडी थी नंदू को
दे ख कर उसकी र्मााँ बाहर आ गयी और र्मेरी ओर हाथ जोडकर बोली बाबू
र्मेरे बेटे से कोई ग़लती हुवी हो तो र्मैं आपसे र्मािी र्मां गती ह र्मैने कहा अरे
पहले आप र्मेरी बात तो सुजनए

जिर र्मैने उनको पूरी बात बताई और कहा जक र्मैं नंदू की बकरी कल सुबह
वाजपस जदला दू ाँ गा बात करते करते पता चला जक नंदू की र्मााँ का नार्म चंदा
था उर्मर कोई 37-38 के िेर र्मे होगी पर जजस्म काफ़ी भरा हुआ था और
एक जघसी हुवी सूती साडी उसके जजस्म को ढाँ कने र्मे असर्मथु थी जिर कुछ
दे र बात करने के बाद र्मैने कहा जक नंदू तू कल सुबह हवेली आ जाना तो वो
सकुचाते हुवे बोला जक जी आ जाउन्गा
जिर र्मैं घर के जलए जनकल पडा और सीधा जबस्तर पर जगर गया र्मेरी आाँ ख
तब खुली जब र्मुझे जकसी ने जगाया र्मैने दे खा जक एक लडका खडा है र्मैने
कहा कॉन है भाई तू तो वो बोला र्माजलक र्मैं नंदू कल रात को जर्मला था
आपको र्मैने कहा अरे हां याद आया नंदू पर तू अंदर कैसे आया वो बोला
र्माजलक दरवाजा खुला पडा था र्मैने कहा हो सकता है र्मैं रात को दरवाजा
बंद करना भूल गया हुं गा

र्मैने कहा भाई तू थोडी दे र बैठ र्मैं ़िरा िेश होकर आता ह कोई आधे घंटे
बाद र्मैने कहा नंदू र्मैं तेरी बकरी वाजपस जदलवाउन्गा पर पहले तुझे र्मेरा एक
कार्म करना हो गा वो बोला जी हुकर्म कीजजए र्मैने कहा र्मेरे साथ र्महादे व
र्मंजदर चल तो वो बोला जी वो तो कई सालो से बंद है र्मैने कहा बंद है पर
अब नही रहे गा जिर र्मैं र्मंजदर पहुच गया नंदू के साथ र्मंजदर बेशक पुराना था
पर जदलकश था र्मैने कहा यार कोई बडा पत्थर तो ला और जिर र्मैने र्मंजदर
के ताले को तोड कर कपाट खोल जदए

चर््ु र््ु रररहर््ु र््ु रर करता हुआ लडकी का दरवाजा खुलता चला गया और र्मैं
अंदर चला गया नंदू ने तो सॉि र्मना कर जदया अंदर आने से अंदर काफ़ी
जाले लगे थे जगह जगह कई जब गयी थी अंदर सिाई की सख़्त दरकार थी
तो र्मैं नंदू को लेकर गााँ व की चोपाल पर आया और जो बाबा वहााँ पर बैठते
थे र्मैने उनको रार्म-रार्म की और कहा जक बाबा र्मैने र्महादे व र्मंजदर को खोल
जदया है पर अंदर काफ़ी सिाई की दरकार है र्मुझे कुछ लोग चाजहए र्मदद
के जलए र्मैं सबको पैसे भी दू ाँ गा तो वो बाबा बोले पर वो र्मंजदर तो सालो से
बंद था और तुर्म कैसे खोल सकते हो उसको

आस पास कुछ और लोग भी जर्मा हो गये थे र्मैने कहा बाबा र्मुझे हक था तो


र्मैने खोल जदया वो बोले सच बता कॉन है तू र्मैने कहा र्मैं दे व ह बाबा हवेली
का अंजतर्म वाररस और र्मैं यहााँ अपने घरवालो की ग़लजतयो को सुधारने आया
ह चूाँजक कुछ लोगो से र्मेरा र्मेलजोल हो चुका था तो वो बोले नही तुर्म ठाकुर
नही हो सकते र्मैने कहााँ र्मैं ही ह और आज से र्मंजदर सबके जलए खुला है
र्मतलब कोई जात-पात नही सभी एक सर्मान

और हां र्मेरे घरवालो ने गााँ व वालो के साथ जो भी जकया हो र्मैं आप सब से


हाथ जोडकर उसके जलए र्मािी र्मााँ गता ह ये सारा गााँ व र्मेरा है र्मेरा पररवार
है आप लोग र्मुझे अपने पररवार के सदस्य के रूप र्मे अपनाए और हां हवेली
के दरवाजे आप सब के जलए हर्मेशा खुले है आपका जब जी चाहे आप आ
जाइए बाबा बोले बेटा तुर्मसे नाता सा जुड गया था पर तुर्म कुछ और ही
जनकले

र्मैने कहा नाता तो अब भी है बाबा र्मैं भी आप लोगो का ही बेटा-पोता ह र्मेरा


पररवार तो रहा नही जो कुछ भी है ये गााँ व ही है र्मेरे जलए आप चाहे र्मुझे
दु तकारो या अपनाओ आपकी र्म़िी है जिर र्मैने नंदू को बुलाया और कहा
जक बाबा कल गााँ व के कुछ लोगो ने इसको र्मारा और इसकी बकरी छीन ली
तो र्मैं चाहता ह जक इसका पशु इसे वाजपस जदया जाए

र्मैने कहा बाबा आप बुजुगु है आप ही इस ग़रीब का न्याय करो तो बाबा ने


नंदू से उनलोगो का नार्म पूछा और उनको वही चोपाल पर बुला कर जलील
जकया और उसकी बकरी जदलवाई र्मैने कहा दे व अब बस इस गााँ व के जलए
जजएगा आप लोगो से जवनती है जक र्मंजदर की सॉि सिाई कर दे ना ताजक
वहााँ जिर से पूजा-अचना की जा सके जिर र्मैं नंदू के साथ उसके घर चला
गया

उसकी र्मााँ बोली र्माजलक आपने बडा अहसान जकया हर्म पर जो हर्मारा पशु
हर्मे वाजपस जदला जदया र्मैने कहा आप र्मुझे शजर्मिंदा ना करे दोपहर हो गयी
थी र्मैने कहा अब र्मैं चलता ह र्मुझे खाना खाने जाना है क्या करू कोई भी
हवेली र्मे कार्म करने को तैयार नही है र्मुझे बडी र्मुश्कस्कल हो रही है र्मैने कहा
क्या आप नंदू को हवेली र्मे कार्म करने दें गी र्मैं उसको अच्छी पगार दू ाँ गा
र्मैने कहा ये उधर रहे गा तो र्मुझे भी अकेला पन र्महसूस नही होगा तो कुछ
सोच कर चंदा ने हां करदी र्मैने कहा ठीक है नंदू तुर्म कल से आ जाना और
र्मैं हवेली आ गया गर्मी बहुत थी तो र्मैं नाहया और थोडी दे र लेट गया पता
नही कब नींद आ गयी नींद आई तो अपने साथ सपना भी ले आई काफ़ी
जदनो बाद ऐसी घेरी नीड आई थी और सपना भी जबरदस्त

सपने र्मे र्मैं लक्ष्मी की चूत र्मार रहा था आज़िर आजकल बस यही तो र्मेरी
एक इच्छा थी और जैसे ही र्मेरा होने को हुआ जकसी ने र्मुझे जगा जदया
अपनी आाँ खे र्मिा हुवा र्मैं उठा तो दे खा जक र्मेरी आाँ खो के सार्मने लक्ष्मी ही
खडी थी उसने कहा यहााँ क्यो सोए पडे हो तो र्मैने दे खा जक र्मैं बरार्मदे र्मे
पडे तख्त पर ही सो गया था उसने कहा जक जल्दी तैयार हो जाओ आर्म के
बाग र्मे चलना है

र्मैने नीचे दे खा तो लॅं ड ने जनक्कर र्मे टॅं ट बनाया हुवा था लक्षी की ऩिर जब
उस पर पडी तो एका एक उसके होंठो पर एक र्मुस्कान आ गयी र्मैने कहा
क्या हुवा वो बोली कुछ नही तुर्म जल्दी चलो र्मैने कहा तुर्म बैठो र्मैं अभी
आता ह और जिर थोडी दे र बाद पैदल पैदल ही बाग की ओर चल पडे
लक्ष्मी ने अपने घाघरे को नाजभ से काफ़ी नीचे बााँ धा हुवा था तो उसका पुरा
पेट और नाजभ जचकनी कर्मर को दे खकर र्मुझ पर जैसे नशा सा छाने लगा

र्मैं कुछ रुक सा गया और उसके र्मादकता से भरपूर चौडे जनतंबो को जहलते
हुवे दे खता रहा तभी वो पीछे को पलटी और बोली रुक क्यो गये जल्दी
जल्दी चलो पर उसको कौन बताए जक जब वो ऐसे जबजजलयााँ जगराते हुवे
चलेगी तो जिर हर्म जैसो को होश कहााँ रह जाएगा और एक र्मेरा लंड था जो
जक बैठने का नार्म ले ही नही रहा था र्मैने जनक्कर र्मे हाथ डाला और उसको
अड् जस्ट जकया थोडी दू र आगे जाने के बाद र्मैने कहा र्मैं पेशाब कर लूाँ

वो बोली ठीक है और थोडा सा आगे जाके खडी हो गयी र्मैने अपनी जनक्कर
नीचे की और अपने तने हुवे लंड को बाहर जनकाल जलया जैसे ही उसे खुली
हवा लगी वो जकसी सााँ प की भााँ जत िुफ्फकारने लगा र्मैने जतरछी ऩिरो से दे खा
जक लक्ष्मी चोर ऩिरो से र्मेरी ओर ही दे ख रही है तो र्मैं थोडा सा और टे ढ़ा हो
गया ताजक वो अच्छे से र्मेरे जलंग का दीदार कर सके
जिर लंड से पेशाब की धार जनकली और नीचे धरती पर जगरने लगी र्मैने
दे खा की लक्ष्मी बडी गहरी ऩिरो से र्मेरे लंड को ही दे खे जा रही थी जिर र्मैं
उसके पास आया और बोला जक चलो जल्दी से जिर हर्म बाग र्मे आगये र्मैने
आज तक ऐसा बाग नही दे खा था पता नही जकतनी दू र तक िैला हुवा था वो
काफ़ी घने घने पेड थे और सभी पेडो पर ता़िा आर्म लटक रहे थे पर र्मुझे
उन आर्मो से ज़्यादा इं टेरेस्ट लक्ष्मी के आर्मो र्मे था

वो बोली ये तुम्हारा बाग है पता है कोई तुम्हारे जलए कार्म नही करना चाहता
कोई चौकीदार नही है तो पता ही नही है जक जकतनी चोरी हो रही है रोज
अब तो बस जल्दी से कुछ लोग कार्म करने वाले जर्मल जाए तो जकसी तरह से
नुकसान रुके र्मैने कहा आप जिकर ना करे र्मैने गााँ व के लोगो से बात की है
कुछ लोग तो तैयार हो जाएाँ गे ही

हर्म चलते चलते थोडा और आगे की तरि जनकल आए लक्ष्मी बोली आर्म
खाओगे र्मैने कहा खा लूाँगा अगर आप खुद तोड कर श्कखलाओगी तो वो बोली
पर र्मैं कैसे तोड पाउन्गी पेड तक तो र्मेरा हाथ पहुचेगा ही नही र्मैने कहा वो
र्मुझे नही पता अपने हाथो से तोड कर श्कखलाओ तो खाउन्गा वो बोली तुर्म भी
ना जाने कैसी कैसे ज़िद कर लेते हो र्मैने कहा और आप भी कभी ज़िद पूरी
नही करती हो

कुछ दे र बाद वो बोली ठीक है आज र्मैं तुम्हे अपने हाथो से ही आर्म तोडकर
श्कखलाउन्गी तुर्म एक कार्म करो र्मुझे उठा कर उपर करो क्या पता कोई आर्म
र्मेरे हाथ लग ही जाए र्मैने कहा पर आप इतनी भारी हो र्मैं आपको कैसे उठा
पाउन्गा तो वो बोली अरे कहााँ भारी ह र्मुनीर्म जी के खाट पकडने के बाद तो
र्मैं जकतनी दु बली हो गयी ह तो र्मैने कहा क्यो र्मुनीर्म जी क्या आपको र्मोटा
होने की घुट्टी जपलाते थे क्या तो लक्ष्मी के गाल लाल हो गये वो बोली इस बात
को तुर्म अभी नही सर्मझोगे

र्मैने कहा र्मैं क्यो नही सर्मझूंगा और जिर आप तो हो ही सर्मझने के जलए तो


लक्ष्मी बोली अच्छा छोडो इस बात को और र्मुझे उपर करो र्मैने कहा जी
अभी करता ह वो जबल्कुल र्मेरे सार्मने खडी थी तो र्मैने उसके भारी भारी
चुतडों पर से उसको उठाया और उपर कर जदया वो बोली थोडा सा और
उपर उठाओ तो र्मैने थोडा सा और जकया अब हुआ ये जक उसके र्मोटे चूतड
र्मेरी नाक के सार्मने आ गये

वो उपर आर्म तोडने लगी उसके कूल्हे र्मेरे इतने पास थे जक र्मुझे पता नही
क्या हुवा र्मैने अपना चेहरा उसके कुल्हो की दरार पर सटा जदया और अपने
र्मूह से उनको दबाने लगा आगे की तरि र्मेरे हाथ जो जक उसकी ठोस जााँ घो
पर थे र्मैने उसकी जााँ घो को कसकर दबा जदया लक्ष्मी के र्मूह से एक आह
जनकल गयी र्मैने कहा क्या हुवा वो बोली कुछ नही तुर्म र्मुझे अच्छे से
पकडना कही जगरा ना दे ना

र्मेरी नाक उसकी दरार र्मे घुसने को बेताब हो रही थी लक्ष्मी थोडा
कसर्मसाने लगी पर र्मैं अपनी नाक को वहााँ पर रगडता रहा र्मुझे पता था जक
उसने अंदर कश्कच्छ तो पहनी नही है उसकी गान्ड के इतने करीब होने के
एहसास से ही र्मैं उिेजजत हो गया था तभी लक्ष्मी बोली जक र्मैं ऐसे आर्म नही
तोड पा रही ह तुर्म र्मुझे पलटो और उन छोटी वाली टहनी की तरि चलो तो
र्मैने उसे उतारा और उधर ले जाकर जिर से उपर कर जदया

पर अबकी बार वो ऐसी उपर हुई जक उसकी चूत र्मेरे र्मूह पर थी अब र्मैं तो
पागल ही होने वाला था र्मुझसे कंट् ोल नही हो रहा था उसकी चूत जबकलूल
र्मेरे र्मूह पर ही थी र्मैने सोचा जक अभी सही र्मोका है इधर एक जकस कर दू ं
तो र्मैने अपना र्मुाँह उसकी योजन पर रख जदया जैसे लक्ष्मी को अपनी चूत पर
र्मेरे होठ र्महसूस हुए उसके बदन र्मे कंपन होने लगा र्मैने कहा क्या करती
हो आरार्म से खडी रहो ना वरना जगर जाओगी वो अजीब सी आवा़ि र्मे बोली
जक सही तो खडी ह

पीछे र्मैं धीरे से उसके चुतडों को छे डने लगा था र्मैं बहुत ज़्यादा उिेजजत हो
चुका था और पता नही कैसे र्मैने उसकी योजन पर अपने दााँ त गढ़ा जदए
लक्ष्मी का बॅलेन्स जबगड गया और वो र्मुझे जलए जलए ़िर्मीन पर आ जगरी वो
र्मेरे उपर थी उसका घाघरा कर्मर तक उठ गया था और उसकी चूत र्मेरे लंड
पर अपना दबाव डालने लगी थी लक्ष्मी उठना चाहती थी पर र्मैने उसको
अपनी बाहों र्मे दबा जलया अब वो र्मेरे सीने से जबकुल जचपक गयी थी

पर जल्दी ही वो अपनी श्कस्थजत को भााँ प गयी और उठ गयी उसने अपने


घाघरा को सही जकया र्मैं भी खडा हो गया र्मेरी जनगाह उसके ते़िी से उपर
नीचे होते सीने पर गयी तो जिर र्मैं अपने होश-हवास भूल गया र्मैने लक्ष्मी
को पेड के तने के सहारे लगाया और पागलो की तरह उसके काटीले होंठो
को पीने लगा र्मैने उसको र्मजबूती से पकड जलया और उसको जकस करते
ही जा रहा था

र्मैने उस एक पल र्मे ही सोच जलया था जक चाहे अब कुछ भी हो जाए अब


पीछे नही हटना आज लक्ष्मी की चूत र्मारनी ही र्मारनी है र्मैं अपना एक हाथ
नीचे ले गया उसके घाघरे के नाडे को खोल जदया एक पल र्मे ही घाघरा
उसके पैरो र्मे आ जगरा लक्ष्मी भी सर्मझ गयी थी जक अब बात हद से आगे
बढ़ गयी है तो उसने र्मुझे धक्का जदया और अपने से दू र कर जदया

और अपने घाघरे को उठा कर कर्मर तक चढ़ा जलया पर वो नाडा नही बााँ ध


पाई र्मैं जिरसे उसके पास गया तो वो बोली दे व रुक जाओ र्मैं उसके पास
गया और बोला नही आज र्मैं नही रुक सकता र्मुझे आपकी ़िरूरत है र्मैं
आउट ऑि कंट् ोल हो गया था र्मैने उसको जिर से जकस करते हुवे कहा
जक प्ली़ि एक बार र्मुझे करने दो नही तो र्मैं र्मर जाउन्गा वो बोली पर ये
ग़लत है ऐसा नही हो सकता र्मैं जकसी और की अर्मानत ह र्मैने कहा हााँ पर
आपके पजत शायद आपको जिर कभी ये सुख नही दे पाएाँ गे

और र्मैने भी कई बार आपकी आाँ खो र्मे प्यास दे खी है जब र्मैने आपको


कपडे बदलते हुवे दे खा तो बडी र्मुश्किल से खुद को रोका पर आज र्मुझे ना
रोको र्मैं अपना हाथ उसकी जााँ घो के जोड पर ले गया और उसकी िूली
हुवी चूत को र्मसल्ने लगा जैसे ही र्मैने उसकी चूत को र्मसला लक्ष्मी जससक
उठी और उसी पल र्मैने उसके जनचले होठ को अपने होंठो र्मे दबा जलया
उसके रसीले होंठो को र्मदु न करते हुवे र्मैने उसकी चूत र्मे अपनी बीच वाली
उं गली सरका दी

उसकी चूत अंदर से बहुत ही गरर्म थी र्मैं अपनी उं गली को अंदर बाहर
करने लगा लक्ष्मी भी अब धीरे धीरे गरर्म होने लगी थी कुछ दे र चूत र्मे उं गली
करने के बाद र्मैं अपने हाथ उसकी पीठ पर ले गया और उसकी चोली को
भी खीच कर अलग कर जदया अब वो पूरी नंगी र्मेरे सार्मने खडी थी र्मैने
अपनी जनक्कर नीचे की और लक्ष्मी का हाथ अपने लंड पर रख जदया उसने
अपनी र्मुट्ठी र्मे र्मेरे लंड को पकड जलया और उसको दबाने लगी

आज पहली बार जकसी ने र्मेरे लंड को छु आ था औरत का स्पशु पाते ही वो


बुरी तरह से भडक गया कुछ दे र तक लक्ष्मी ने र्मेरे लंड को सहालाया और
जिर ़िर्मीन पर घुटनो के बल बैठते हुए र्मेरे लंड को अपने होटो र्मे दबा
जलया र्मेरे जलए जबल्लकुल ही नया अहसास था ये वो अपनी जीभ र्मेरे लंड पर
िेर रही थी र्मेरा पूरा बदन एक अजीब से अहसास र्मे डूबे जा रहा था र्मैने
अपने हाथ उसके कंधो पर रख जदए और अब वो र्मेरे लंड को जोरो से चूसने
लगी

बडा ही र्म़िा आ रहा था र्मुझे लंड चूस्ते चूस्ते वो र्मेरे अंडकोर्षो को भी अपनी
र्मुट्ठी र्मे भर के दबाने लगी थी तो र्मैं क्या कहाँ एक अलग ही र्मस्ती र्मेरे तन
बदन र्मे बढ़ने लगी थी 8-10 जर्मजनट तक वो र्मेरे लंड को अपने र्मूह र्मे ही
जलए रही और जिर र्मेरा पूरा बदन एक आनंद र्मे डूबता चला गया लंड से
सिेद पानी जनकला और लक्ष्मी के र्मूह र्मे जगरने लगा जजसे वो गाटा गॅट पी
गयी

र्मेरे तो घुटने ही कां प गये थे लगा जक जकसी ने बदन की सारी ताकत को


जनचोड डाला हो लक्ष्मी ने अपने घाघरे से अपने िेस को सॉि जकया और
जिर खडी होकर बोली जक अब तुर्म भी ऐसे ही करो अपनी चूत की ओर
इशारा करते हुए और अपनी टााँ गो को चौडा करके खडी हो गयी अब बारी
र्मेरी थी र्मैने उसकी टााँ गो के बीच बैठा और उसकी झान्टो से भरी काली चूत
की पंखुजडयो को अपने हाथो से िैला जदया और उसकी लाल लाल चूत पर
अपने होठ रख जदए
उिििििििििििििििििििििििििििििि
ििििििििफ्फफ़ जकतनी गरर्म चूत थी उसकी र्मुझे लगा कही र्मेरे
होठ जल ना जाए उसकी चूत से कुछ खारा खारा पानी बह रहा था पर
उसका टे स्ट र्मुझे अच्छा लगा र्मैने सोचा जैसे ये र्मेरा लंड चूस रही थी वैसे ही
र्मुझे भी इसकी चूत को चाट कर इसको भी वैसा ही र्म़िा दे ना चाजहए तो र्मैने
उसकी टााँ गो को थोडा सा और िैलाया और अपनी जीभ को उसकी र्मस्त
चूत पर रगडने लगा

लक्ष्मी की टााँ गे धीरे धीरे कााँ पने लगी और वो र्मेरे सर को अपनी चूत पर
दबाने लगी जब बीच बीच र्मे र्मे उसकी योजन पर काट ता तो उसकी र्मस्त
गरर्म आहे सुनके र्मेरा लंड दु बारा खडा होने लगा था जिर वो लरजती हुई
आवा़ि र्मे बोली जक थोडी ते़िी से अपनी जीभ चलाओ तो र्मैं जल्दी जल्दी
अपनी जीभ उसकी योजन पर रगडने लगा और कोई 5 जर्मजनट बाद ही
उसकी चूत से गाढ़ा द्रव्य जनकल कर र्मेरे चेहरे पर जगरने लगा लक्ष्मी की
सााँ से बडी ही तेज हो गयी थी जबजक र्मेरा लंड दु बारा खडा हो गया था

थोडी दे र बाद वो वही ़िर्मीन पर घोडी बन गयी उसका र्मस्त जपछवाडा और


भी बडा लगने लगा था र्मैं उसके पीछे आया और अपने लंड को चूत पर
जटका जदया लक्ष्मी ने अपने चुतडों को थोडा सा पीछे जकया और र्मैने भी ़िोर
लगाते हुवे लंड को आगे की ओर सरका जदया जैसे ही लंड का अगला जहस्सा
चूत र्मे घुसने लगा लक्ष्मी ने एक आह भरी और बोली थोडा आरार्म से
घुआसो

पर र्मैं पहली बार जकसी औरत की चूत र्मारने जा रहा था तो र्मैने एक तेज
धक्का आगया और आधा लंड उसकी चूत र्मे घुस गया लक्ष्मी ने अपनी आाँ खे
बंद कर ली र्मैने हाथ आगे बढ़ा कर उसकी कर्मर को थार्म जलया और और
जिर अगले शॉट र्मे पूरा लंड उसकी गरर्मा-गर्मु चूत के अंदर था अब र्मैं धीरे
धीरे धक्के लगाने लगा पर थोडी दे र बाद अपने आप र्मेरी रफ़्तार बढ़ती चली
गयी और लक्ष्मी र्मे अपनी गान्ड को बार बार जहलाते हुवे आगे पीछे कर रही
थी

र्मुझे बडा ही र्म़िा आने लगा था र्मन कर रहा था जक ़िोर ़िोर से लंड को
आगे पीछे करू उसकी चूत र्मे कोई 5-7 जर्मजनट तक उसी पोज़िशन र्मे
हर्मारी चुदाई चलती रही जिर वो उठ कर खडी हो गयी और सीधी खडी हो
गयी र्मैं उसकी ओर दे खने लगा तो उसने अपनी एक टााँ ग र्मेरी कर्मर पर
लेपजट और लंड को चूत पर रगडने लगी और जिर अपनी जैसे ही र्मैने
अपनी कर्मर को उचकाया लंड जिर से चूत र्मे घुस गया

उसकी बडी बडी चूजचया र्मेरे सीने र्मे सर्माने को आतुर हो रही थी जिर
उसने अपने चेहरे को र्मेरी ओर जकया और र्मुझे जकस करने लगी बडा ही
र्म़िा आ रहा था र्मैं उसके र्मोटे चुतडों को दबाते हुए उसकी चूत र्मार रहा था
हर्म दोनो का शरीर पसीने से भीग गया था आधे घंटे तक हर्म लोग एक दू सरे
के जजस्मो को तोिे रहे जिर लक्ष्मी का शरीर कां पा और वो ढीली पड गयी
और ठीक कुछ पलो बाद र्मेरा शरीर भी उस अजब से अहसास र्मे डूबता
चला गया र्मेरा वीयु उसकी चूत र्मे जगरने लगा

दो पल हर्म दोनो एक दू सरे की आाँ खो र्मे दे खते रहे जिर लक्ष्मी ने अपने
कपडे उठाए और पहन ने लगी तो र्मैने भी अपनी जनक्कर-टीशटु पहन ली
पर अब वो र्मुझसे बात नही कर रही थी तो र्मैं उसके पास गया और कहा
जक अच्छा नही लगा तुर्मको वो बोली तुर्मने र्मुझे खराब कर जदया र्मैने कहा
ऐसी बात नही है आप र्मुझे बडी अच्छी लगती हो और जिर आप जकतनी
र्मस्त हो र्मैं खुद को रोक ही नही पाया

जिर र्मैने कहा आपको र्मेरी कसर्म आप सच बताना आपको अच्छा लगा या
नही तो वो थोडा सा शरर्माते हुए बोली ऐसी चुदाई तो कभी र्मुनीर्म जी ने भी
नही की र्मेरी र्मैने कहा जब भी आपको ऐसी चुदाई करवानी हो आप र्मुझे
बता दे ना तो वो बोली तुर्म बडे शरारती और ये गुण तो तुर्मको जवरासत र्मे
जर्मले है र्मैं जिर से लक्ष्मी को चूर्मने लगा तो वो बोली काफ़ी दे र हो गयी है
हर्मे वाजपस चलना चाजहए

र्मुझसे रुका ही नही जा रहा था रास्ते र्मे दो-चार बार आज़िर उसकी गान्ड
को दबा ही जदया र्मैने वैसे भी र्मुझे खाना खाने तो उनके घर जाना ही था तो
र्मैं उसके साथ ही चला गया लक्ष्मी रसोई र्मे चली गयी र्मैं र्मुनीर्म जी से बाते
करने लगा र्मैने कहा जल्दी ही र्मजदू रो का इं त़िार्म हो जाएगा और जिर
कुछ और बाते करने लगे थोडी ही दे र र्मे खाना भी लग गया

लक्ष्मी र्मुझे खाना परोसते हुवे बोली जक आज तुर्म यही रुक जाना और हल्का
सा र्मुस्कुरा दी र्मैने कहा ठीक है खाने के बाद र्मैं और गोरी बात करने लगे
तो र्मैने उसको बताया जक र्मैने र्मंजदर खोल जदया है वो बोली हााँ शार्म को र्मैं
अपनी सहे ली के घर गयी थी तो र्मैने दे खा था और कुछ लोग वहााँ सिाई भी
कर रहे थे र्मैने कहा ये तो अच्छी बात है यार गााँ व वालो ने आज़िर र्मेरी बात
र्मान ही ली

र्मैने कहा गोरी कल र्मैं खुद वहााँ जाके सिाई के कार्म र्मे हाथ बटाउं गा और
पुजारी जी को भी कहाँ गा पूजा शुरू करने को र्मैं बोला गोरी अगर र्मेरे कहने
से गााँ व के लोग जब र्मंजदर आ सकते है तो जिर खेत र्मे कार्म करने क्यो नही
आएाँ गे वो बोली दे व दे खो कल क्या होता है जिर लक्ष्मी ने गोरी और र्मुझे दू ध
जदया पीने को थोडी दे र बाद गोरी बोली र्मुझे नींद आ रही है र्मैं चली सोने को

तो र्मैं भी अपन जबस्तर पर लेट गया और बाग र्मे हुवी घटना के बारे र्मे सोचने
लगा र्मुझे तो यकीन ही नही आ रहा था जक लक्ष्मी की चूत र्मैने र्मार ली थी र्मैं
जबस्तर पर करवटें बदल रहा था पर र्मुझे नींद नही आ रही थी जिर र्मेरा
ध्यान लक्ष्मी से हट कर नंदू की र्मान चंदा पर चला गया र्मैने सोचा अगर
लक्ष्मी की चूत र्मारने र्मे इतना र्म़िा आया तो चंदा जब चुदेजग तो जकतना
र्म़िा आएगा

र्मेरा लंड जिर से िुफ्फकारने लगा था तो र्मैने अपना ध्यान हटाने को उठा
और बरार्मदे र्मे आकर पानी पीने लगा घर की लाइट बंद थी र्मतलब सब
लोग सो रहे थे तो र्मैं भी वाजपस जबस्तर पर आ गया और सोने की कोजशश
करने लगा र्मुझे नींद आई ही थी जक तभी कोई आया और र्मेरे जबस्तर पर
चढ़ गया र्मैने कहा कॉन है तो वो साया बोला धीरे बोलो र्मैं ह लक्ष्मी
और र्मेरी बगल र्मे आकर लेट गयी र्मैने कहा आप इस वक़्त कोई आ गया
तो वो बोली सब सो रहे है र्मुनीर्म जी और गोरी को र्मैने दू ध र्मे नींद की गोली
दे दी है र्मैने कहा पर आपके पास गोली कहााँ से आई वो बोली र्मुनीर्म जी
जब घायल हुए थे तो ददु से सो नही पाते थे तब डॉिर ने दी थी ना उनको
तो कभी कभी दे ती ही ह आज गोरी को भी एक गोली दे दी है अब तुर्म हो
और र्मैं ह

उसने र्मेरी जनक्कर के अंदर हाथ डाल जदया और र्मेरे लंड को जगाने लगी
र्मैने कहा कपडे तो उतार दो तो उसने जल्दी से अपने कपडे उतार जदए
और र्मैं भी नंगा हो गया हर्म दोनो एक दू सरे से जलपटने लगे र्मैं लक्ष्मी के बडे
बडे चुतडों पर हाथ िेरता हुवा बोला आप बहुत ही र्मस्त हो तो वो र्मेरे लंड
को दबाती हुवी बोली जक तुम्हारा औजार भी अच्छा है

और लंड पर अपने हाथ को चलाने लगी जिर वो बोली र्मेरी चूची को दबाओ
तो र्मैं अपने हाथ से उसकी चूची दबाने लगा लक्ष्मी ने एक आह भरी उसकी
बडी बडी चूची र्मेरे हाथ र्मे सर्मा ही नही रही थी जजतना ़िोर से र्मैं उसको
दबाता उतना ही वो और भी बडी होती जा रही थी जिर र्मैने अपना र्मूह
उसकी चूची पर लगा जदया और उसको चूसने लगा अब चूची औरत का
संवेदन शील अंग होता है तो जल्दी ही लक्ष्मी के शरीर र्मे वासना का कीडा
काटने लगा

10-15 जर्मजनट तक चूस चूस कर र्मैने उसकी छाजतयो को लाल कर जदया


र्मैने जिर लक्ष्मी ने र्मुझे अपने उपर खीच जलया और र्मेरे लंड को अपनी बालो
से भरी हुई चू त पर रगडने लगी वहााँ पर रागडाई से र्मुझे गुदगुदी सी होने
लगी और अच्छा भी बहुत लग रह था लक्ष्मी ने अपने पााँ वो को िैलाया और
र्मुझे कहा जक अंदर डालो तो र्मैं उस पर झुकता चला गया
जैसे जैसे र्मेरा लंड उसकी चूत र्मे घुसता जा रहा था र्मुझे लग रहा था जक र्मैं
स्वगु की सैर पर जा रहा ह उसकी कसी हुई चूत र्मेरे लंड को दबा रही थी
लक्ष्मी ने अपनी टााँ गो को थोडा सा उपर उठा जलया और अपनी बाहें र्मेरी
पीठ पर कस दी और र्मेरे चेहरे को चूर्मने लगी र्मैं भी उसे जकस करने लगा
वो बोली धीरे -धीरे धक्के लगाओ तो र्मैं आजहस्ता से लंड को चूत की सैर
करवाने लगा

र्मैं उसके कान पर काट ते हुवे बोला जक आप सच र्मे बहुत र्मस्त हो तो वो


शरर्मा गयी और अपनी टााँ गो को र्मेरी कर्मर पर लपेट जदया र्मैं उसके गालो
को चूर्मते हुए चुदाई करने लगा पूरा लंड उसकी चूत से बहते पानी से भीग
गया और पच-पुच की आवा़ि हो रही थी चूत और लंड के घर्षुण से लक्ष्मी
बहुत ही धीर्मी आवा़ि र्मे आहे भर रही थी तभी उसने पलटी खाई और र्मेरे
उपर आ गयी और र्मेरे सीने पर झुकते हुए लंड पर उपर नीचे होने लगी
उसकी चूजचया र्मेरे चेहरे से टकराने लगी थी

तो र्मैने उसकी ब्लॅक जनप्पल को अपने र्मुाँह र्मे ले जलया और सक करने लगा
तो वो और भी जोश से लंड पर अपनी गान्ड र्मटकाने लगी उस कर्मरे र्मे
जबस्तर पर हर्म दोनो एक बडा ही र्मजेदार खेल खेल रहे थे अब वो बडी ़िोर
से लंड पर कूदे जा रही थी र्मुझे लगा जक कही इसकी रफ़्तार से लंड टू ट ना
जाए पर वो खाली र्मेरे र्मन का वहर्म था अब वो र्मेरे उपर से उतर गयी

और बोली जक र्मेरी टााँ गे अपने कंधो पर रख कर चोदो र्मुझे तो र्मैं वैसा ही


करने लगा अब उसकी चूत और भी ज़्यादा गीली हो गयी थी लंड बार बार
जिसले जा रहा था पर र्मैं रुक नही रहा था और पूरा दर्म लगा कर उसकी
चूत को चोदे जा रहा था र्मैं भी अब काफ़ी आगे आ चुका था पल पल र्मेरी
र्मस्ती और भी बढ़ती ही जा रही थी र्मैं अब उसके उपर आकर उसको चोद्ने
लगा

वो भी अपनी गान्ड को उपर कर कर के चुद रही थी उसने अपनी बाहों र्मे


र्मुझे कस के जाकड जलया था और अपने नखुनो को र्मेरी पीठ पर रगडे जा
रही थी हर्मारे होठ एक दू सरे से जुडे हुवे थे और नीचे चूत और लंड आपस
र्मे जुडे हुवे थे काफ़ी दे र हो गयी थी हर्मे एक दू सरे से घुथर्म घुथा होते हुवे
पर कहते है ना जक अगर शुरुआत है तो अंत भी होगा लक्ष्मी ने र्मुझे कस के
जाकड जलया और झडने लगी जैसे ही उसका हुआ र्मेरे लंड ने भी अपना
वीयु छोड जदया
र्म दोनो अपने अपने सुख को प्राप्त हो गये थे पर र्मैं उसके उपर ही पडा रहा
काफ़ी दे र तक लंड अपने आप जसकुड कर चूत से बाहर जनकल आया था
तो जिर र्मैं लुढ़क कर उसकी बगल र्मे लेट गया वो र्मेरे सीने पर हाथ जिराते
हुवे बोली कई जदनो बाद अच्छे से झडी हाँ सब तुम्हारी बदोलत है र्मैने कहा
र्मैं आपका शुिेगुजार ह जो अपने र्मुझे अपनी चूत का र्म़िा जदया

जिर थोडी दे र बाद वो वहााँ से चली गयी और र्मैं सो गया सुबह र्मैं उठा तब
तक गोरी स्कूल जा चुकी थी और र्मैं भी जबना बताए हवेली की तरह जनकल
पडा गेट पर ही नंदू जर्मल गया र्मैने कहा तू कब आया वो बोला र्मैं तो उठते
ही आ गया था और आपका इं त़िार कर रहा था र्मैने गेट खोला और अंदर
आ गये र्मैने कहा यार पानी की र्मोटर चला दे और बगीचे र्मे पानी छोड दे

र्मैं नहाने चला गया जिर र्मैं तैयार हुवा और कहा जक नंदू पानी दे ना हो गया
हो तो आजा र्मंजदर की तरि चलते है रास्ते र्मे हर्म पुजारी के घर भी गये
और उनसे थोडी बात चीत की जिर हर्म र्मंजदर पहुच गये तो कुछ लडके
सिाई करने र्मे लगे थे तो र्मैने कहा आजा नंदू हर्म भी इनकी र्मदद करते है
पर नंदू बोला र्मैं नीच जात वाला र्मंजदर र्मे नही जाउन्गा

तो र्मैं उसे वही छोड कर अंदर चला गया वो लडके र्मुझे दे ख कर बोले अरे
आप यहााँ क्यो आ गये हर्म लोग कर लेंगे र्मैने कहा कोई बात नही र्मैं भी
आप लोगो की सहयता कर दे ता ह और उनलोगो के साथ जुड गया दोपहर
तक हर्म लोगो ने काफ़ी कार्म कर जदया था और थकान से र्मेरा बुरा हाल हो
गया था और सुबह से कुछ खाया भी नही था तो र्मैने उन लडको से कहा जक
यार जकसी का घर पास है तो थोडा पानी जपला दो
तो उनर्मे से एक लडका बोला ठाकुर साहब आप हर्मारे घर का पानी पीओगे
र्मैने कहा तुम्हारे घर का पानी क्यो नही जपयुंगा जाओ थोडा लेके आओ तो वो
भागते हुए गया और पानी का जग ले आयगा पानी हलक र्मे उतरा तो रूह
को चैन जर्मला र्मैने कहा आप लोग भी काफ़ी थक गये है अब बाडी कार्म
बाद र्मे दे खेंगे र्मैने कहा गााँ व र्मे कोई जलपान की दु कान है क्या

तो पता चला जक स्कूल के पास एक हलवाई की दु कान है र्मैने उन लडकों


को कहा जक आप लोग थोडी दे र र्मे र्मुझे वही पर जर्मलना जिर र्मैं नंदू को
लेकर वहााँ पहुच गया दु कान थोडी छोटी सी थी तो र्मैने सब के जलए चाइ-
सर्मोसो और कुछ र्मीठे का ऑडु र जदया वो लडके थोडा संकोच कर रहे थे
पर जिर र्मेरे साथ घुल जर्मल गये जिर नंदू अपने घर चला गया और र्मैं
चोपाल की तरि बढ़ गया

बाबा वही नीर्म की नीचे बैठे हुक्का पी रहे थे तो र्मैं भी उनके पास जाकर
बैठ गया उन्होने र्मेरा हाल चल पूछा र्मैने कहा बाबा बस थोडा सा परे शान ह
वो बोले क्या हुआ र्मैने कहा बाबा वो ही परे शानी है लोग चाजहए कार्म करने
को कुछ हवेली के जलए और कुछ खेतो और बाग के जलए सर्मझ नही आता
जक क्या करू वो बोले दे व तुर्म शार्म को आ जाना र्मैं लोगो को र्मनाने की
कोजशश करू ाँ गा कोई ना कोई तो र्मेरी बात र्मान ही लेगा

र्मैने कहा बाबा एक सर्मस्या और है अगर कोई खाना बनाने वाली का भी


इं त़िार्म हो जाता तो ठीक रहता र्मैं रोज र्मुनीर्म जी के घर खाना ़िाता ह तो
अच्छा नही लगता र्मैं उनको परे शानी नही दे ना चाहता वो बोले बेटा र्मैं
दे खता ह तेरे जलए क्या कर सकता ह जिर र्मैं कुछ दे र बाबा के पास ही रहा
और जिर घर आ गया करने को कुछ था नही तो अपने र्मााँ -बाप की तस्वीरो
से ही बाते करने लगा जक क्यो वो र्मुझे अकेला छोड कर चले गये

सच तो था जक र्मैं खुद को बहुत ही अकेला र्महसूस करता था र्मैं खुद को


कोस्ता था जक आज़िर क्यो र्मेरा जीवन औरो की तरह नही है जदल कर रहा
था जक बस रोता ही रहं र्मेरा जदल बहुत भारी सा हो गया था तो र्मैं बाहर आ
गया और लॉन र्मे लगे झूले पर बैठ गया पर र्मेरा र्मन उधर भी नही लगा तो
र्मैने र्मैनगेट पर ताला लगाया और गााँ व से बाहर चल पडा और घूर्मते घूर्मते
नदी जकनारे आ गया आज यहााँ पर कोई नही था तो एक साइड र्मे बैठ गया
और पानी को दे खने लगा

र्मैं अपने ़ियालो र्मे डूबा हुवा था जक तभी एक लडका र्मेरे पास आकर खडा
हो गया ये वोही था जजसने र्मुझे पानी जपलाया था वो बोला दे व साहब आप
यहााँ पर क्या कर रहे है र्मैने कहा यार पहले तो तुर्म र्मुझे अपना दोस्त ही
सर्मझो और र्मुझे बस दे व ही कहो र्मैं थोडा सा परे शान था इसजलए इस तरि
आ जनकला वो बोला र्मैं तो रोज ही शार्म को इधर आता ह

र्मैने कहा तुम्हारा नार्म क्या है वो बोला जी र्मैं जढल्लू ह र्मैने कहा जढल्लू तू
पढ़ता है तो वो बोला हााँ र्मैं9वी र्मे पढ़ता ह र्मैने कहा तेरे घर र्मे कॉन कॉन है
वो बोला र्मााँ -बापू और र्मैं र्मैने कहा बापू क्या करते है बोला पहले तो र्म़िदू री
ही करते थे पर एक जदन छत से जगर गये तो टााँ ग खराब हो गयी आजकल
जचलर्म पीकर पडे रहते है और र्मााँ छोटा-र्मोटा कार्म करके घर चला रही है
ये बोलते बोलते वो रुआं सा हो गया

र्मैने कहा घबराता क्यो है पगले दे ख तेरे पास कम्से कर्म र्मााँ बाप तो है ना
र्मुझे दे ख र्मैं तो अनाथ ह इतना बडा घर है र्मेरा पर रहने वाला र्मैं एक तू
जल्दी ही पढ़ जलख के नोकरी लग जाना जिर सब ठीक हो जाएगा जिर वो
बोला आप परे शान क्यो हो र्मैने कहा यार र्मेरा एक आर्म का बाग है पर को
रा़िी नही है चौकीदारी को रोज लोग आर्म चुरा कर ले जाते है र्मुझे काफ़ी
नुकसान हो रहा है

बस इसी जलए थोडी से टे न्र्षन है वो बोला क्या आप र्मेरे बापू को चोकीदार


लगा लो गे र्मैने कहा अगर वो कार्म करना चाहे तो पक्का रख लूाँगा और
तनख़्वाह भी औरो से ज़्यादा दू ाँ गा तो उसकी आाँ खो र्मी चर्मक आ गयी वो
बोला र्मैं कल अपने बापू को लेकर हवेली आता ह र्मैने कहा ठीक है जिर वो
जाने को हुआ तो र्मैने कहा यार एक कार्म और है अगर कर सके तो वो
बोला आप बस हुकर्म करो र्मैने कहा यार अगर कोई हवेली की रसोई को
संभालने को तैयार हो तो बताना

जिर र्मैं चोपाल पर आ गया बाबा के कहने से कुछ लोग दु गनी र्म़िदू री पर
कार्म करने को रा़िी हो गये थे तो र्मैने कहा ठीक है आप लोग कल से खेतो
पर आ जाना बाकी बाते वही पर करें गे र्मैने कहा बाबा आपने र्मदद की
आपका अहसान है र्मुझ पर , पर अभी आपकी थोडी और सहायता चाजहए
र्मंजदर को जिर से पहले जैसा करना है र्मेरे कहने से तो लोग आना कानी
करें गे अब आप ही उधर की व्यवस्था संभाले तो बाबा बोले अगर तुम्हारी
इच्छा है तो ऐसा ही होगा र्मैने कहा बाबा जजस ची़ि की भी ़िरूरत हो आप
बस आदे श करना पर ये कार्म जल्दीही होना चाजहए जैसे ही र्मैं चलने को
हुवा तो बाबा बोले दे व चाइ पीओगे र्मैने कहा बाबा आप जपलाएाँ गे तो ़िरूर
जपयुंगा तो वो बोले आओ र्मेरे साथ चलो तो र्मैं उनके साथ उनके घर आ गया
बाबा ने र्मुझे बैठने को र्मुद्ढ़ा जदया और अंदर आवा़ि लगाई अरी ओ
बहुररया ़िरा दो कप चाइ तो बना र्मेहर्मान आए है घर पे

कोई दस जर्मजनट बाद चाइ आ गयी पर चाइ लेकर आया कॉन था


………………………. जढल्लू र्मैने कहा जढल्लू तुर्म यहााँ क्या कर रहे हो वो बोला
दे व साहब ये र्मेरा घर है बाबा बोले तुर्म जानते हो इसको र्मैने कहा हााँ बाबा
अनजाने ही र्मैं उसके घर आ गया था र्मैने जिर बाबा को कहा जक अगर
जढल्लू के जपताजी र्मेरे बाग की चोकीदारी करें तो ठीक रहे बाबा बोले वो
सारा जदन जचलर्म पीकर पडा रहता है वो क्या करे गा

पर अगर आपकी इच्छा है तो वो अंदर ही पडा होगा आप बात कलो तो र्मैने


चाइ का कप रखा और अंदर चला गया जढल्लू ने अपने बापू से र्मेरा पररचया
करवाया और आने का र्मकसद बताया शुरू र्मे तो उसने र्मना जकया पर
जिर अच्छी तनख़्वाह की बात सुनकर र्मान गया हर्म लोग बात कर ही रहे थे
जक तभी जढल्लू की र्मम्मी भी आ गयी और उसके पजत को कार्म दे ने के जलए
र्मेरा शुजिया करने लगी
उसके बारे र्मे र्मैं आपको क्या बताऊ जकतनी ही सुंदर औरत थी वो बेहद
गोरी , एक दर्म सााँ चे र्मे ढला हुवा सुतवा शरीर जो जक ग़रीबी की र्मार से
थोडा सा ढल गया था पर एक अलग ही कजशश थी उसर्मे र्मैने र्मन र्मे सोचा
इस गधे को ऐसा िूल कहााँ से जर्मल गया पर ज़्यादा दे र अपनी ऩिर उस पर
नही रख सकता था तभी जढल्लू बोला र्मम्मी दे व बाबू को हवेली की रसोई र्मे
कार्म करने को कोई चाजहए आप उधर कार्म करने लग जाओ ना तो इनका
कार्म भी हो जाएगा और घर की हालत भी सुधर जाएगी तो वो बोली पर र्मैं
कैसीईईईईईईईई??? पर जढल्लू का बापू जो र्मुझे थोडा लालची सा लगा उसने
कहा र्माजलक ये आजाएगी हवेली र्मे रसोई का कार्म करने को कल से ही आ
जाएगी

र्मैने कहा ठीक है र्मैं कल ही शहर जाके रसोई की ़िरूरत का सर्मान खरीद
लाउन्गा आप एक दो जदन र्मे आ जाना र्मैं भी खुश था जक चलो र्मेरी कुछ
परे शानी तो दू र हुई जिर र्मैं उनलोगो से जवदा लेकर र्मुनीर्म जी के घर चला
गया और सारी बात उनको बताई तो लक्ष्मी बोली एक बार लोग आप पर
थोडा भरोसा करने लग जाए जिर वो कार्म भी करने लगेंगे वो तो र्मुझे आज
भी उधर ही रोकना चाहती थी पर र्मुझे सुबह जल्दी ही शहर जाना था तो र्मैं
खाना खाते ही जनकल जलया

17
अगले जदन र्मैं जल्दी ही उठ गया और शहर जाने की तैयारी करने लगा तब
तक नंदू भी आ गया था र्मैने उसको कहा जक र्मैं शाहर जा रहा ह तू र्मेरे आने
तक इधर ही रहना घर की सिाई करना पानी भरना टं की र्मे और कुछ
कार्म जदखे तो वो भी कर दे ना और हााँ लखन आए तो उस से कहना जक
सीधा बाग र्मे चला जाए और वहााँ संभाल ले जिर र्मैने कार स्टाटु की और
जनकल पडा

जसटी पहुच कर र्मैने सबसे पहले राशन का सार्मान खरीदा जो भी र्मुझ


चाजहए था कुछ दे सी कुछ इं टरनॅशनल जिर र्मैने नंदू और जढल्लू के जलए
कुछ जोडी कपडे खरीदे बॅंक गया कुछ रकर्म जनकाली लंच भी वही पर कर
जलया जिर र्मैं कार के शोरुर्म गया और कहा जक र्मेरी दू सरी कार की
डे जलवरी अभी तक नही की है तो उन्होने बताया जक सर एक हफ्ते र्मे
डे जलवरी हो जाएगी

र्मुझे तसीलदार ऑिीस भी जाना था अपनी पूरी ़िर्मीन की जिर से पैर्माइश


करवानी थी पर जिर वो कार्म पेजडं ग ही रहने जदया अब एक जदन र्मे क्या
क्या होता गााँ व आते आते अंधेरा होने लगा था र्मैं ते़िी से आगे बढ़ा चला जा
रहा था पर जिर जकसी को दे ख कर र्मैने िेक लगा जदए और शीशा नीचे
जकया ये नंदू की र्मााँ चंदा थी र्मैने कहा आप यहााँ इस वक़्त क्या कर रही है

जकसी के खेतो र्मे कार्म करने गयी थी आते आते दे र हो गयी र्मैने कहा अगर
आप को बुरा ना लगे तो आप र्मेरे खेतो र्मे कार्म करने आ जाओ र्मैं पैसे भी
दू सरो से ज़्यादा दू ाँ गा तो वो बोली जी ठीक है र्मैं कल से आ जाउन्गी र्मैने
कहा आओ बैठो र्मैं आपको घर छोड दे ता ह वो बोली र्माजलक काहे हर्म
छोटी जात वालो को पाप लगाते हो र्मैं खुद चली जाउन्गी र्मैने कहा आप
कैसी बाते करती है आप र्मेरे दोस्त की र्मााँ हो आओ जल्दी और जिर र्मैने
उनको उनके घर छोडा और हवेली आ गया

हॉनु सुन कर नंदू ने गेट खोला तो र्मैने कार पाकु की और नंदू से कहा जक
सर्मान उतार कर अंदर रख दो र्मैं आता ह हाथ र्मूह धोके र्मैं िेश होके आया
तो दे खा जक जढल्लू है र्मैने कहा तुर्म इस टाइर्म यहााँ कैसे वो बोला र्मााँ ने
आपके जलए खाना और दू ध भेजा है तभी नंदू बोला र्माजलक आपका खाना
तो र्मुनीर्म जी के घर से आ गया है र्मैने कहा कॉन आया था तो वो बोला जक
सेठानी जी आई थी
र्मैने कहा चलो कोई बात नही जिर र्मैने कहा नंदू तेरे जलए कुछ है और
उसका पॅकेट उसको दे जदया और ढीलू का उसको र्मैने कहा जढल्लू र्मम्मी से
कहना जक कल 9 बजे तक आ जाए जिर र्मैने नंदू को कुछ रुपये जदए और
कहा जक र्मााँ को दे दे ना वो लोग खुश होते हुवे चले गये पता नही क्यो र्मुझे
अच्छा लगा र्मैने गेट बंद जकया और खाना खाकर सो गया अगले जदन र्मैने
लक्ष्मी को िोन जकया और कहा जक कुछ लोग खेत पर आएाँ गे थोडा सा दे ख
लेना र्मैं दोपहर बाद तक आउन्गा उधर ,

वो बोली ठीक है र्मैं संभाल लूाँगी नंदू सिाई के कार्म र्मे लगा था र्मैने उसको
कहा जक नंदू र्मैं लकडी काटने पीछे की तरि जा रहा ह जढल्लू की र्मम्मी
आए तो उसको उधर ही भेज दे ना वो बोला जो हुकुर्म र्मैने कुल्हाडी ली और
पीछे की तरि आ गया और लकडी काटने लगा लकडी की तो रोज ही
़िरूरत पडती रहती थी तो र्मैं काटने लगा काफ़ी दे र तक र्मैं उसी कार्म र्मे
जब़िी रहा जिर र्मैने दे खा जक जढल्लू की र्मम्मी र्मेरी तरि ही चली आ रही है

तो र्मैं पेड के नीचे बैठ गया और अपना पसीना पोंछने लगा वो बोली आप
र्माजलक होकर भी ऐसे कार्म करते है र्मैने कहा र्मैं कोई र्माजलक वाजलक नही
ह बस आपकी तरह ही एक सार्मान्य इं सान ह और जिर अपना कार्म करने
र्मे कैसी शरर्म र्मैने लकडी और कुल्हाडी वही पर छोडी और उस से कहा
आओ र्मैं तुम्हे रसोई जदखाता ह पर रसोई की सिाई करवाना र्मैं भूल गया
था

तो र्मैने नंदू को कहा जक पहले तू रसोई को चर्मका ताजक आज र्मेरे घर चूल्हा


जल सके जिर र्मैं उस औरत को अपने कर्मरे र्मे ले आया और बैठने को
कहा वो बोली र्माजलक र्मैं कैसे आपके सार्मने र्मैने कहा जिर वोही बात अगर
आप ऐसा करें गी तो र्मुझे बुरा लगेगा तो वो कुसी पर बैठ गयी र्मैने कहा
तुम्हारा नार्म क्या है तो वो बोली जी र्मेरा नार्म पुष्पा है र्मैने कहा बडा ही सुंदर
नार्म है तो वो शर्माु पडी

र्मैने कहा दे खो तुम्हे दो टाइर्म का खाना बनाना होगा बतुन र्मााँ जने होंगे और
कोई र्मेहर्मान आए तो बुलाने पर आना होगा वो बोली जी ठीक है र्मैने कहा
अब ये भी बता दो जक तनख़्वाह जकतनी लोजग तो वो बोली र्माजलक इतना दे
दे ना जक गु़िारा हो जाए र्मैने कहा तुर्म बताओ तुर्म जकतनी लोजग जिर इसने
कहा जक जी 2000 दे दे ना र्मैने कहा र्मैं तुर्मको 4000 ह़िार दू ाँ गा पर शतु ये
है जक खाना कल की तरह ही अच्छा होना चाजहए
र्मैने अलर्मारी से पैसे जनकाले और उसको दे जदए र्मैने कहा ये तुम्हारी
तनख़्वाह अड् वान्स र्मे ही दे रहा ह वो बोली र्माजलक आपका शुजिया और
कल जो आपने जढल्लू को कपडे जदए जकतने र्महन्गे थे आप उसके पैसे काट
लो र्मैने कहा तुर्म यहााँ कार्म करने आ रही हो तो र्मेरे घर की सदस्य ही हुई
जिर ऐसी बात ना करना दे ख लो अगर रसोई ठीक हो गया हो तो एक चाइ
ही जपला दो

तो वो बाहर की ओर चली गयी और र्मैं उसकी साडी से बाहर आने को


बेताब गान्ड को जनहारने लगा लंड र्मे सुरसूराहट होने लगी र्मैने सोचा दे र
सवेर इसको भी पटाना पडे गा थोडी दे र बाद र्मैं रसोई की तरि गया तो
दे खा जक वे दोनो रसोई की सिाई कर रहे है र्मैने कहा पुष्पा तुर्म क्यो कर
रही हो नंदू कर लेगा तो वो बोली अब ये भी तो र्मेरे घर का ही कार्म हुआ ना
र्मैने कहा ठीक है र्मैं खेतो की तरि जा रहा ह तुर्म खाना बना कर रख जाना
और जकसी ची़ि की ़िरूरत हो तो नंदू है ही यहााँ .

कोई आधे घंटे बाद र्मैं खेतो पर था लक्ष्मी भी वही पर थी और जकसी


साहकार से लग रहे आदर्मी से बात कर रही थी जिर उसने र्मेरा पररचय उस
सेठ से करवाया तो पता चला जक वो कई साल से हर्मारी िसल खरीद ता
आ रहा था पर इस बात कटाई र्मे हो रही दे री से जचंजतत था र्मैने कहा सेठ
जी आप जचंता ना करे अनाज तय तारीख पर आपकी जर्मल र्मे पहुच जाएगा
तो जिर वो बोला जक ठाकुर शहाब ये आधा पैसा है आधा र्मैं बाद र्मे दे दू ाँ गा
र्मैने कहा जो भी जहसाब है र्मैने सेठ से कहा आप लक्ष्मी जी से कर ले र्मैं ़िरा
आता ह

जजस ओर कटाई चल रही थी उस ओर जाकर र्मैने भी औजार जलया और


िसल काटने लगा वैसे र्मुझे आती नही थी कटाइ पर कोजशस तो कर ही
सकता था चंदा र्मेरे पास आई और बोली र्माजलक आप ये क्या कर रहे है
आपके हाथो र्मे छाले हो जाएाँ गे र्मैने कहा र्मैं भी इस खेत का एक र्मजदू र ही
ह तो र्मैं उनसे बाते करता हुआ कटाई करने लगा चंदा ने अपना पल्लू कर्मर
पर बााँ धा हुवा था तो उसका ब्लाउज उसकी चूजचयो का भार नही उठा पा
रहा था

उसकी चूजचया तो लक्ष्मी की से भी काफ़ी बडी थी 40 की उर्मर र्मे चंदा एक


बेहद ही जबर दस्त र्माल थी र्मेरा ध्यान अब कटाई पर नही था बस उसके
बोबो पर ही था चंदा भी र्मेरी ऩिरो को भााँ प गयी थी परं तु उसने अपनी
चूजचयो को छु पाने की ़िरा भी कोजशश नही की बश्कल्क बार बार र्मुझे अपनी
जहलती चुजचयााँ जदखाने लगी र्मेरी पॅंट र्मे उभार बन गया था

जजस तरि हर्म लोग कटाई कर रहे थे उस तरि बस हर्म दोनो ही थे उसे
पता तो था ही जक र्मैं उसके चुचे दे ख लार टपका रहा ह तो उसने ये कहते
हुवे जक आज गर्मी कुछ ज़्यादा है अपने ब्लाउज के उपर वाले बटन को
खोल जदया तो र्मुझे उसकी घाटी और भी अच्छे से जदखने लगी र्मेरा हाल बुरा
होने लगा आज़िर र्मैने पॅंट के उपर से अपने लंड को र्मसल ही जदया

जिर चंदा ने कुछ ऐसा जकया जक र्मैं सर्मझ गया जक एक और चूत का जुगाड
हो ही गया वो बोली र्माजलक खडे खडे कटाई से र्मेरी तो कर्मर ही दु खने लगी
है र्मैं बैठ कर कटाई करती ह उसने अपने साडी को घुटनो तक चढ़ा जलया
और जिर बैठ गयी तो र्मेरी ऩिर उसकी र्मोटी र्मोटी टााँ गो पर पडी थी तो
पूरा जबर र्माल थी वो जिर र्मुझे तडपाने को उसने अपनी टााँ गे थोडा सा
खोल दी तो र्मुझे उसकी िूली हुवी चूत जदखने लगी र्मेरा तो गला ही सूख
गया चूत पर हल्के हल्के बाल थे शायद कुछ जदन पहले ही उसने बालो को
काटा होगा उसने थोडा सा और अपनी टााँ गो को खोला और र्मैं तो जैसे
जपघल ही गया वो जान बुझ कर र्मुझे ये र्मस्त ऩिारा जदखा रही थी पर जिर
र्मुझे आवा़ि लगाती हुवी लक्ष्मी आ गयी तो चंदा भी सही हो गयी और कटाई
करने लगी लक्ष्मी बोली र्मुझे आपसे कुछ ़िरूरी बात करनी है आना ़िरा

तो र्मैने चंदा को वही पर छोडा और लक्ष्मी के पीछे पीछे चल पडा कुवे पर


बने कर्मरे र्मे अब हर्म दोनो ही थे उसने र्मुझे एक पॅकेट जदया और कहा जक
ये लो वो सेठ जी ये पैसे दे गये थे र्मैने कहा आप ही रखो र्मैं जब बॅंक
जाउन्गा तो ले लूाँगा वो बोली र्मैं घर जेया रही ह तुर्म भी चलो र्मैने कहा नही
र्मैं रुकता ह इधर थोडा टाइर्म पास भी हो जाएगा

वो चलने को हुई तो र्मैने कहा दो जर्मजनट रूको और जैसे ही वो पलटी र्मैने


उसको अपनी बाहों र्मे भर जलया और उसके होठोको पीने लगा पर एक
छोटा सा जकस ही ले पाया उसने र्मुझे अपने से दू र कर जदया और बोली जक
क्या करते हो इधर कोई भी आ सकता है खुद का नही तो र्मेरा तो ़ियाल
करो र्मैने कहा पर आपसे अकेले जर्मलने का टाइर्म ही नही जर्मल रहा है

वो बोली एक दो जदन र्मे र्मैं हवेली आउश्कन्ग जिर दे खते है और अपनी गान्ड
को कुछ ज़्यादा ही जहलाते हुवे चली गयी उसके जाने के बाद र्मैं भी वाजपस
खेतों पर आ गया शार्म होने लगी थी छु ट्टी का सर्मय हो गया था तो र्मैं सब से
थोडी बहुत बाते करने लगा जिर सबको पेर्मेंट की तो एक एक करके वो
लोग अपने घर जाने लगे चंदा भी जाने की तैयारी कर रही थी पर र्मैं उसके
साथ थोडा और खुलना चाहता था

तो र्मैं वहीं पर उस से बाते करने लग गया र्मैं चाहता था जक सब लोग चले


जाएाँ र्मैने कहा ़िरा कर्मरे र्मे आओ कुछ कार्म है तो उसने अपनी जतरछी
ऩिरो से र्मुझे दे खा और र्मेरे पीछे पीछे आ गयी अंदर आते ही र्मैने उसको
पकड जलया और उसके बडे बडे बोबो को दबाने लगा वो बोली आहह
र्माजलक क्या करते हो छोजडए र्मुझे र्मैने कहा जब तो अपनी कॅजटली जवानी
जदखा जदखा कर र्मुझे गरर्म कर जदया और अब छोडने को कह रही हो

र्मैं और ़िोर ़िोर से उसकी चूजचया दबाने लगा चंदा एक ददु भरी आह भरते
हुवे बोली र्माजलक अभी छोड दो र्मुझे जाने दो घर जाकर पानी भरना है और
नंदू के जलए खाना भी बनाना है र्मैं वादा करती ह जक जिर कभी आपको
पक्का दे दू ाँ गी र्मैने कहा ठीक है पर जाने से पहले अपनी इस के दशुन तो
करवाती जाओ और उसकी चूत को र्मसल जदया उसने अपनी साडी कर्मर
तक उठाई और र्मुझे उसकी र्मस्त चूत जदखने लगी चंदा के जाने के बाद
यहााँ कुछ भी नही था करने को तो र्मैं भी हवेली आ गया
आया तो दे खा जक पुष्पा खाना बनाने र्मे लगी हुवी थी उसने अपनी साडी का
पल्लू कर्मर पे खोसा हुवा था और आटा लगा रही थी उसकी पीठ र्मेरी तरि
थी उसकी र्मोटी गान्ड बाहर की तरि जनकली हुवी थी
उिििििििफ्फफ़ क्या कयार्मत लग रही थी जदल तो जकया जक अभी
इसकी गान्ड र्मार लूाँ पर वो कहते है ना जक सबर का िल र्मीठा होता है र्मैने
उसको कहा की एक कप चाइ जर्मलेगी

तो वो पीछे को र्मूडी और बोली आ गये आप , आप हाथ र्मूह धो लीजजए र्मैं


अभी लाती ह र्मैने कहा नंदू के जलए भी बना लेना वो बोली नंदू तो है नही
यहााँ पर वो आर्म के बाग पर गया है र्मैने कहा वहााँ क्यो गया है तो वो बोली
जक र्मैने सोचा जक आपके जलए आर्मरस बना दू ं तो बस उसी जलए भेजा है र्मैने
कहा ठीक है पर उसको तुम्हे अकेला छोड कर नही जाना चाजहए था

हवेली अक्सर खाली ही पडी रहती है वो बोली र्माजलक जकस की इतनी


जहम्मत है जो आपके घर की ओर आाँ ख उठा कर दे ख सके र्मैने कहा पर
जिर भी उसे ऐसा नही करना चाजहए था र्मैने कहा 2-4 जदन र्मे इधर भी एक
िोन लगवा दे ता ह ताजक यहााँ से कभी भी र्मुझसे बात हो सके जिर र्मैं बाहर
आ गया और वो चाइ बनाने लगी

र्मैने हाथ-र्मूह धोया और कपडे चेंज करके बाहर बगीचे र्मे डाली कुसी पर
आकर बैठ गया और कल की प्लॅजनंग करने लगा तभी पुष्पा छाई लेकर आ
गयी र्मैने कहा तुम्हारा कप कहााँ है वो बोली जी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, र्मैने
कहा तुर्म भी तो चाइ जपयो वो बोली पर र्मैं आपके आगे................ र्मैने
कहा जिर वोही बात जाओ और अपना कप लेकर आओ कुछ दे र बाद हर्म
बाते करते हुवे चाइ पी रहे थे

र्मैने कहा तुर्म खाना बहुत अच्छा बनाती हो शहर के होटे ल भी िैल है तुम्हारे
आगे वो बोली क्या आप भी र्मुझे जचढ़ा रहे है र्मैने कहा अरे र्मैं सच बोल रहा
ह अपनी तारीि सुनकर वो खुश हो गयी और र्मुझसे थोडा खुलने लगी जिर
वो र्मेरा खाना बना कर चली गयी क्योंजक उसे घर जाकर अपने पररवार के
जलए भी खाना बनाना था थोडी दे र बाद नंदू भी आ गया आर्म लेकर र्मैने
कहा नंदू आगे से घर को ऐसे छोड कर नही जाना और अगर जाना पडे तो
र्मुझसे पहले बात कर लेना कुछ जदनो र्मे इधर िोन लगवा दू ाँ गा

वो बोला जी हुकुर्म जिर उसने कहा जक हुकुर्म एक बात कहनी थी र्मैने कहा
बता वो बोला अगर एक साइकल होती तो थोडी आसानी होती र्मैने कहा ले
ले जिर पूछ क्यो रहा है तो वो बोला र्माजलक लेकर तो आप ही दोगे ना र्मैने
कहा ठीक है अबकी बार शहर जाउन्गा तो लेता आउन्गा वो बोला हुकुर्म
अपने गााँ व र्मे ही एक आदर्मी साइकल सुधारने की दु कान चलाता है और
साइकल बेचता भी है

र्मैने कहा अरे वो पुरानी साइकल दे गा र्मैं तुझे नई साइकल लाकर दे ता ह ना


जिर नंदू बोला र्मैं अब जाउ र्मैने कहा ठीक है उसके जाने के बाद र्मैने जडन्नर
जकया थोडी दे र अपनी घरवालो की तस्वीरो को दे खता रहा और जिर सो
गया एक नये कल की उम्मीद र्मे
…………………………………………………………………. ……………………….
……………………………… ………

अगली सुबह र्मैं थोडी जल्दी ही बाग की तरि जनकल गया लखन र्मुझे वही
पर जर्मला र्मैने कहा हर्म भाई सब ठीक चल रहा है वो बोला र्माजलक आपकी
दया है बस र्मैने कहा और बताओ तो वो बोला र्माजलक बात ये है जक बाग
बहुत बडा है

और एक आदर्मी के बस की नही है रखवाली करनी 3-4 लोग चाजहए र्मैने


कहा यार र्मैं तेरी बात सर्मझता ह जल्दी ही करता ह कुछ वो बोला दो लोगो
को तो र्मैं रा़िी कर लूाँगा आने को र्मैने कहा वाह ये बजढ़या बात कही तूने वो
बोला पर थोडी सी परे शानी है एक थोडा दारूबाज है र्मैने कहा बस अपना
कार्म ठीक से करे जिर चाहे दारू जपए या जहर र्मुझे कोई र्मतलब नही

जिर वो बोला पीछे की तरि तारबंदी करवानी है र्मैने कहा करवाले तुझे जो
करना है कार्म होने के बाद बता जदयो जकतना खचाु आया है जिर र्मैं घर
आया तो दे खा जक ना नंदू आया था और ना पुष्पा कुछ दे र इं त़िार जकया पर
कोई भी नही आया तो जिर र्मैं शहर के जलए जनकल गया

शहर र्मे ऐसा उलझा जक बस जिर टाइर्म का पता ही नही चला आधा जदन तो
तहसीलदार के ऑिीस र्मे लग गया कुछ पुराने नक्शे दे खे और कहा जक
जल्दी से र्मेरी पूरी ़िर्मीन की पैर्माइश कवाु ओ जिर िोन के कनेक्षन के जलए
अप्लाइ जकया र्मैने सोचा इधर के जो भी कार्म है आज पूरे ़ितर्म करके ही
घर जाउन्गा ताजक जिर कई जदन चक्कर लगाने की नोबत ही ना आए आते
आते रात हो गयी थी तो बस र्मैं सो ही गया सुबह जब र्मैं उठा तो बाररश हो
रही थी

जबजली थी नही र्मैं िेश होकर आया र्मुझे चाइ के बडी तलब लगी थी पर
जब पुष्पा आए तब चाइ बने पता नही क्यो र्मेरा र्मन हुवा बाररश र्मे भीगने
को तो र्मैं गेट के पास आ गया और भीगने लगा ठं डी ठं डी बूंदे जब र्मेरे
जजस्म पर पड रही थी तो बडा ही अच्छा लग रहा था र्मुझे जदल ऐसा खुश
हुआ जक जदल जिर जकया ही नही अंदर जाने को

तभी छतरी जलए पुष्पा आ गयी काले घाघरा-चोली र्मे क्या र्मस्त लग रही थी
वो घाघरा उसकी जााँ घो पर जबल्कुल जचपका हुवा था जजस से वी शेव र्मुझे
सॉि जदख रही थी वो बोली र्माजलक आप भीग क्यो रहे हो कही बीर्मार ना
हो जाना र्मैने कहा जदल जकया तो भीगने लगा तुर्म जाओ और जल्दी से चाइ
बनाओ बडी तलब लगी है वो अंदर जाने लगी और एक बार र्मेरी ऩिर
उसके चुतडों पर ठहर गयी
ये जवानी भी एक अलग ही होती है और जिर र्मेरे र्मूह तो खून लग चुका था
लक्ष्मी की लेने के बाद से र्मैं और भी ज़्यादा तप रहा था र्मुझे ़िरूरत थी एक
चूत की जो र्मुझे ठं डा कर सके जदल तो जकया जक र्मुट्ठी र्मार के हल्का हो
जाउ पर जिर सोचा जक अब तो बस चूत ही र्मारनी है बाररश अब थोडी और
तेज होने लगी थी तो र्मुझे और भी र्म़िा आने लगा था

तभी पुष्पा अहाते से जचल्लाते हुवे बोली जक चाइ तैयार है आप आ जाइए पर


र्मेरा र्मूड आज थोडा सा अलग था र्मैने कहा बगीचे र्मे ले आओ उधर ही
पीऊंगा और र्मैं बगीचे की तरि चल पडा और र्मेरे पीछे पीछे वो भी एक
हाथ र्मे छतरी पकडे और दू सरे र्मे कप और केतली बडी ही र्मुश्किल से
संभाले हुए र्मेरी तरि आने लगी र्मुझसे बस दो कदर्म ही दू र थी जक तभी
उसका पैर गीली जर्मट्टी पर जिसला और छतरी और केतली उसके हाथो से
छूट गयी

र्मैं जल्दी से उसकी ओर भागा और जगरने से पहले ही उसे अपनी बाहों र्मे
थार्म जलया इस कोजशश र्मे र्मेरा एक हाथ उसकी गान्ड पर आ गया और
दू सरे र्मे उसकी चूची आ गयी उसका सारा वजन र्मेरी टााँ ग पर आ गया था
र्मैने भी र्मोके का पूरा फ़ायदा उठाते हुवे उसके चूची को कसकर दबा जदया
तो उसके र्मूह से
सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई की आवा़ि
जनकल गयी दो पल हर्म उसी पोज़िशन र्मे रहे जिर वो बोली र्मुझे खडा
कीजजए र्मैं भीग रही ह तो र्मैने उसको खडा जकया र्मैने जल्दी से छतरी उठा
कर उसको दी इस बीच वो भी काफ़ी हद तक भीग गयी थी

वो थोडा सा घबराते हुवे बोली र्माजलक ग़लती हो गयी र्मैं अभी दू सरी छाई
बना दे ती हाँ आगे से र्मैं ध्यान रखूाँगी जक ऐसी ग़लती दु बारा ना हो गी र्मेरी
ऩिर तो उसके ब्लाउज र्मे से होते हुवे उसकी चूजचयो की घाटी पर थी तो
पता ही नही चला जक उसने क्या कहा जिर जब दु बारा उसने र्मुझे कहा तो
र्मैने हडबडाते हुवे कहा जक वो छोडो पहले बताओ तुम्हे कही चोट तो नही
लगी ना तो वो बोली नही
जिर हर्म अंदर आ गये र्मैने कहा पहले तुर्म अपने कपडो को सूखा लो जिर
दु बारा से चाइ बना लेना र्मैं भी तब तक कपडे चेंज करके आता ह जिर जब
र्मैं रसोई र्मे गया तो वो गॅस के पास खडी चाइ बना रही थी र्मैं जबस्कटो का
जडब्बा उतारने के बहाने से उसके जपछवाडे से जबल्कुल सट गया और थोडा
सा आगे होते हुवे अपने लंड को उसकी गान्ड से सटा जदया

इस तरह से वो स्लॅब की पट्टी और र्मेरे बीच र्मे आ गयी र्मैने बस खाली


जनक्कर ही डाली हुवी थी तो लंड भी थोडा सा आ़िाद िील कर रहा था तो
वो उसकी गान्ड की दरार पर रगड खाने लगा र्मुझे भी जडब्बा उतारने की
कोई जल्दी नही थी पर हटना भी तो था जिर र्मैं वही उसके पास खडा हो
गया और उस से बाते करने लगा उसने कहा जक र्मैं कल आई तो बडे गेट
पर ताला लगा था

र्मैने काफ़ी दे र आपका इं त़िार जकया जिर शार्म को भी ताला ही था तो


काफ़ी राह दे खने के बाद र्मैं वाजपस चली गयी र्मैने कहा नंदू जर्मला वो बोली
नही वो भी जपछले तीन जदन से नही जदखा है र्मैने कहा आज जाता ह उसके
घर पर पता करता ह तो वो बोली र्माजलक बुरा ना र्माने तो एक बात कहाँ र्मैने
कहा बोलो तो वो बोली जक आप इन नीच जात वालो को कुछ ज़्यादा ही र्मूह
लगाते है

अब तो गााँ व र्मे भी लोग यही चचाु करते है जक एक नीच जात वाले के ज़िम्मे
पूरी हवेली खुली छोड कर चले जाते है र्मैने कहा र्मुझे कोई िरक नही
पडता जक लोग क्या कहते है और जिर वो भी तो एक इं सान ही है ना और
जिर वो हर कार्म पूरी ज़िम्मेदारी से करता है पुष्पा बोली र्माजलक आपके
जवचार बडे ठाकूरो से जबल्कुल अलग है र्मैने कहा तुर्म भी तो और गााँ व वालो
से बहुत अलग हो

वो बोली क्या आप भी र्मुझसे र्मसखरी कर रहे हो र्मैने कहा र्मैं तो सच बोल


रहा ह तुर्म दे खो जकतनी सुंदर हो तुम्हे दे खते ही लगता है जैसे ही कोई श्कखला
हुआ गुलाब हो तो पुष्पा बुरी तरह से शरर्मा गयी उसके गोरे गालो पर लाली
छा गयी वो बोली र्मैं कहााँ इतनी सुंदर ह आप तो ़िार्माखााँ र्मे ही इतनी
तारीफ़ कर रहे है र्मैने उसको अपने साथ जलया और र्मेरे कर्मरे र्मे शीशे के
सार्मने लाकर खडी कर जदया
र्मैने कहा ़िरा गोर से दे खो आईना और जिर वो बताओ जो र्मैने कहा जब
तुर्म जबना र्मेकप के इतनी सुंदर हो तो जब तुर्म शंगार करोगी तो जकतनी
सुंदर जदखोगी पुष्पा अपनी तारीफ़ सुनकर बडी खुश हो गयी और र्मुझ से
थोडा और खुल गयी र्मैने कहा तुर्म ऐसे ही हाँ सती रहा करो अच्छी लगती हो
उसने कहा र्मैं खाना बना दे ती ह जिर र्मैं शार्म को आ जाउन्गी

र्मैने कहा जाते टाइर्म गेट की दू सरी चाबी ले जाना ताजक अगर र्मैं बाहर होउाँ
तो तुर्म घर र्मे आ सको वो बोली र्माजलक आप अन्जान लोगों पर कुछ जल्दी
ही भरोसा कर लेते है र्मैने कहा तुर्म कोई अजनबी थोडी ही हो तो वो बोली
भरोसे के जलए शुजिया वो रसोई र्मे चली गयी र्मैने लक्ष्मी को िोन जकया तो
वो बोली जक आज तो बाररश हो रही है तो वो घर पे ही है र्मैने कहा हवेली
आ जाओ तुम्हारी बडी याद आ रही है

तो वो बोली जक आज गोरी भी घर पर ही है और बाररश है तो कुछ बहाना


भी नही बना सकती और ऐसे ही आउश्कन्ग तो कही र्मुनीर्म जी शक ना कर लें
र्मैने कहा तुम्हारी र्म़िी है जब तक तडपाओगी तडपना पडे गा जिर थोडी
बातें कर िोन काट जदया पुष्पा की वजह से लंड बार बार खडा हो रहा था
पर र्मैं उस से डाइरे ि तो कह भी नही सकता था जक चूत दे दे

तो र्मैं टाइर्म पास करने को उपर चला गया इधर के पोर्षुन की अभी सिाई
नही करवाई थी सब कुछ पहले जैसा ही पडा था बाल्कनी र्मे बाररश की
कुछ कुछ बूंदे आ रही थी तो अच्छा लगने लगा यहााँ से काफ़ी दू र तक का
ऩिारा जदखाई दे ता था जहााँ तक ऩिर जाती बस चारो तरि हररयाली ही
हररयाली प्रकरजत के इतने करीब र्मैने पहले खुद को नही पाया था
पता नही जकतनी दे र तक र्मैं वही पर बैठा रहा जिर र्मुझे ढू ाँ ढते ढू ाँ ढते पुष्पा
भी उपर आ गयी और बोली र्माजलक आप यहााँ क्यो बैठे है सब कही ढू ाँ ढकर
यहााँ आई ह र्मैने कहा कुछ नही थोडा सा जदल उदास सा हो रहा था तो
एकां त र्मे आकर बैठ गया र्मैने कहा पुष्पा अकेला रहता हाँ इस घर र्मे तो
खाली घर काटने को दौडता है जदल भी नही लगता

पर घर है तो रहना ही पडता है ना कोई सश्कन्ग-साथी है र्मेरा कोई भी नही है


तो वो बोली र्माजलक आप खुद को अकेला ना सर्मझे हर्म लोग है ना आपके
साथ र्मैने कहा वो तो है पर जिर भी जीना तो र्मुझे इसी अकेलेपन के साथ ही
है ना और और उठकर बाल्कनी र्मे खडा हो गया पुष्पा बोली आप खुद को
कभी भी अकेला ना सर्मझना और वो भी र्मेरे पास आकर खडी हो गयी

कुछ दे र तक चुप्पी रही जिर र्मैने कहा अगर र्मैं तुर्मसे कुछ कहाँ तो बुरा तो
नही र्मनोगी वो बोली र्मेरी क्या र्म़िाल जो आपकी बात का बुरा र्मानू आप
कजहए जो कहना है र्मैने कहा पुष्पा वो बात ऐसी है जक जक…………………. वो
बोली अब कजहए भी तो र्मैने कहा जक क्या तुर्म र्मुझसे दोस्ती करोगी ये सुनते
ही उसके चेहरे का रं ग उड गया और वो बोली र्माजलक ये आप क्या कह रहे
है

र्मैने कहा वही जो तुर्मने सुना , तो वो बोली पर र्माजलक र्मैं आपसे दोस्ती कैसे
कर सकती ह र्मैं शादी शुदा ह और जिर आपर्मे और र्मुझर्मे ़िर्मीन आसर्मान
का िरक है आप ऐसा कैसे सोच सकते है और वैसे भी गााँ वो र्मे ये दोस्ती
वोस्ती कहााँ चलती है ये तो शहरो के चोंचले है र्मैने कहा दे खो अभी र्मेरे जदल
र्मे ़ियाल आया तो बोल जदया वैसे भी र्मैं तुम्हे अपना सर्मझता ह तभी तुर्मसे
कहा

वो बोली पर र्माजलक र्मैईईईईईईई र्मैईईईईईईई…………………… और अपनी


बात को अधूरा छोड जदया र्मैने कहा जक दे खो दोस्ती र्मे कोई शतु नही होती
है और जिर दु जनया के आगे नही तो कम्से कर्म हवेली र्मे तो तुर्म र्मेरी दोस्त
बन ही सकती हो ना वैसे कोई ़िबरदस्ती तो है नही तुम्हे अच्छा लगे तो हााँ
कर दे ना र्मैं तुम्हारे जवाब का इं त़िार करू ाँ गा जिर हर्मारे दरजर्मयााँ खार्मोशी
छा गयी थोडी दे र बाद उसने कहा जक खाना ठं डा हो रहा है आप खा लो
और नीचे चल गयी जिर र्मैं भी उसके पीछे पीछे नीचे आ गया जिर र्मैने
खार्मोशी से खाना खाया पर पुष्पा कुछ बात नही कर रही थी तो र्मैने पूछा
नारा़ि हो क्या वो बोली आपसे नारा़ि होकर कहा जाउन्गी र्मैने कहा जिर
बात क्यो नही कर रही वो बोली कर तो रही ह र्मैने कहा दे खो तुर्म इस बात
की टे न्र्षन ना लो अगर तुम्हारे जदल र्मे हााँ हो तो हााँ कह दो और ना तो ना
कह दे ना जसंपल सी बात है

कोई एक घंटे बाद उसने अपना सारा कार्म सर्मेट जदया और बोली र्मैं जाती
ह शार्म को आउश्कन्ग र्मैने कहा र्मोसर्म वैसे ही खराब है तो तुर्म कल ही आना
वो बोली पर खाना र्मैने कहा जो बचा है वो ही खा लूाँगा तुर्म उसकी जचंता ना
करो और कल र्मैं तुम्हारा इं त़िार करू ाँ गा और तुम्हारे जवाब का भी र्मैने गेंद
उसके पाले र्मे डाल दी थी

पुष्पा बोली पर र्मैं आजाउन्गी ना गरर्म खाना बनाने को र्मैने कहा कोई बात
नही और वैसे भी शार्म को र्मुझे कही जाना है इस जलए बोला जिर वो चली
गयी और र्मैं रह गया वही पर अपने अकेले पन के साथ शार्म होते होते
बरसात भी थर्म चली थी र्मैने सोचा जक थोडा घूर्म भी आउन्गा और नंदू से
पूछ आता ह जक वो आ क्यो नही रहा तो र्मैं पैदल ही चल पडा उसके घर
की ओर

पैदल था और जिर कच्चा रास्ता भी बाररश से खराब हो गया था तो जब र्मैं


नंदू के घर पहुचा तो अंधेरा हो गया था र्मैने जकवाड खडकाया तो चंदा ने
जकवाड खोला और र्मुझे दे ख कर एक शरारती र्मुस्कान जबखेरते हुवे बोली
अरे हुकुर्म आप यहााँ इस वक़्त र्मैने कहा हााँ वो र्मैं इस तरि कुछ कार्म से
आया था और जपछले कुछ जदनो से नंदू भी हवेली पर नही आ रहा तो बस
पूछने आ गया

और जिर र्मैं अंदर घुस गया र्मैने कहा नंदू कहााँ है तो वो बोली जक जी वो तो
अपनी बहन के ससुराल गया है कुछ कार्म से और थोडे जदन र्मे आएगा आप
हर्म को र्माफ़ करदो आप को सूचना जबना जदए ही चला गया र्मैने कहा कोई
बात नही पर वो नही है तो थोडी जदक्कत हो रही है तो वो बोली हुकुर्म कल
से उसकी जगह र्मैं आ जाउन्गी र्मैने कहा कल से क्यो तुर्म अभी चलो र्मेरे
साथ हवेली

वो बोली पर र्मैं इस टाइर्म कैसे चल सकती ह र्मैने कहा क्यो नही आ सकती
और जिर जो कार्म खेत र्मे अधूरा रह गया था वो भी तो पूरा करना है ये
कहते ही र्मैने उसको अपने आगोश र्मे भर जलया और उसकी छाजतयो को
दबाने लगा तो वो बोली आ ऐसा ना कीजजए र्मैने कहा चल ना हवेली आज
र्म़िे करें गे र्मैं बोला तू र्मुझे खुश कर र्मैं तुझे खुश रखूाँगा

वो बोली पर र्मैं कैसे आउ र्मैने कहा र्मैं अभी जाता ह तू थोडी दे र बाद आ
जाना कुछ सोच कर उसने कहा जी ठीक है आप चजलए र्मैं आती ह तो र्मैं
वाजपस हवेली आ गया िटा िट से अपना जडन्नर जनपटाया और चंदा का
इं त़िार करने लगा जक तभी लक्ष्मी का िोन आया र्मैने कहा रात को िोन
जकया क्या बात है वो बोली कुछ नही बस ऐसे ही कर जलया

वो बोली खाना खाया तुर्मने र्मैने कहा हााँ बस अभी बतुन रखे है वो बोली कल
र्मैं र्मुनीर्म जी को लेकर डॉिर के यहााँ जा रही ह तो आते आते दे र हो
जाएगी तो र्मैने गोरी से कह जदया है जक वो स्कूल से आते ही हवेली चली
जाए तो थोडा दे ख लेना र्मैने कहा ठीक है और जो भी बात हो र्मुझे िोन
करके बताना जिर कुछ और बातों के बाद िोन कट हो गया और र्मैं चंदा
की राह दे खने लगा

कोई घंटे भर बाद आज़िर चंदा आ ही गयी र्मैने कहा बडी दे र लगाई आते
आते तो वो बोली क्या करू ाँ हुकुर्म बस दे र हो ही गयी र्मुझसे अब रुका नही
जा रहा था तो र्मैने चंदा की बााँ ह पकडी और उसे लाकर बेड पर पटक जदया
और उस पर चढ़ गया वो बोली आरार्म से र्माजलक अब तो र्मैं आपकी ही हाँ
र्मैने उसकी साडी को खोलना शुरू जकया और ब्लाउज भी उतार कर िेक
जदया अब वो पूरी नंगी र्मेरे सार्मने खडी थी उसका था था करता हुआ भरा
हुवा जजस्म र्मेरे बदन र्मे गर्मी पैदा कर रहा था
र्मैने अपनी जनक्कर जनकाल दी कच्छा तो र्मैं वैसे भी नही पहनता था र्मेरा लंड
दे खते ही चंदा की आाँ खे चर्मकने लगी र्मैने उसका हाथ पकडा और अपने
लंड पर रख जदया चंदा उस पर दबाव डालते हुवे बोली काफ़ी गरर्म है र्मैने
कहा तुझे दे ख कर ही हो गया है वो हाँ सी र्मैने उसकी गान्ड पर थपकी र्मारते
हुवे कहा जकतनी र्मस्त औरत है तू कब से चाह रहा था जक तुझे जबना कपडो
के दे खु आज र्मोका लगा है

वो र्मेरे लंड को जहलाने लगी और र्मैं उसकी चूजचयो की घुंडीयों से खेलने


लगा तो वो सी सी करने लगी क्या र्मस्त पहाडो की खडी छोजटयो सी चूजचयााँ
थी उसकी जजतना दबाता उतनी ही वो िूलती हुवी चली जाती र्मैने कहा चंदा
़िरा ़िरा झुक के तो खडी हो जैसे ही वो झुकी उफ्फ क्या र्मस्त ऩिारा था
वो ऐसा हसीन ऩिारा जक क्या बताऊ र्मैं उसके झुकने पर उसके र्मोटे र्मोटे
चूतड और भी खुल गये थे और भी बडे लगने लगे थे औ उसकी जााँ घो के
बीच दबी हुवी उसके िूली हुवी काली काली चूत र्मेरा लंड जकसी गुस्से वाले
नाग की तरह झटके खाने लगा वो ऩिारा दे ख कर अब रुकना बडा ही
र्मुश्कस्कल था र्मैं उसके पीछे गया और अपने लंड को उसकी चूत पर सटा
जदया चंदा के र्मूह से एक आह सी जनकली र्मैने उसकी कर्मर को थार्मा और
धक्का लगा ते हुवे लंड को आगे की ओर ठे ल जदया

उसकी योजन की र्मुलायर्म िां को को चीरता हुवा लंड चूत र्मे घुसने लगा चंदा
थोडा सा आगे को हो गयी तो र्मैने उसकी कर्मर से पकडकर जिर से उसको
अपनी ओर खीच जलया और स्रर््ु र््ु र््ु र््ु र््ु रर करता हुवा र्मेरा लंड उसकी चूत र्मे
आगे को सरकता गया वो एक आह भरते हुवे बोली जक क्या र्मार ही डालोगे
कई जदनो बाद लंड ले रही ह थोडा आरार्म से र्माजलक

र्मैं खुद र्मस्ती र्मे डूब गया था र्मैने एक जससकी लेते हुवे कहा जक बस हो ही
गया और जो कुछ जहस्सा बचा था वो भी अंदर कर जदया चंदा थोडा सा आगे
को और झुक गयी और अपनी गान्ड को और िैला जदया अब वो तो चुदाई
की पूरी श्कखलाडी थी और हर्म ठहरे नोसश्कखए बस लक्ष्मी को ही रगड पाए थे
र्मैने लंड को जकनारे तक खीचा और जिर से झटके से अंदर घुसा जदया

तो चंदा आह भरते हुवे बोली र्माजलक आजहस्ता से इतना ़िुल्म ना करो पर


र्मुझे र्म़िा आने लगा था आगे हाथ बढ़ा कर र्मैने उसकी ढाई ढाई जकलो की
चूजचयो को पकड जलया और उसको चोदने लगा सच कहा था जकसी ने जक
जो र्म़िा र्मेयूर औरतो की चुदाई र्मे है को कर्मजसन कजलयों र्मे कहााँ लंड
अब अच्छे से उसकी चूत र्मे जिट हो गया था तो र्मैने उसको झुकाए झुकाए
ही चुदाई शुरू कर दी अब बस कर्मरे र्मे चंदा की जससकाररयो की ही
आवा़ि आ रही थी जकतने र्मुलायर्म चूतड थे उसके जब जब र्मेरे अंडकोर्ष
उनसे टकराते तो बडी ही र्मधुर ध्वनी उत्पन्न होती थी जजसको केवल चुदाई
का र्मारा ही सर्मझ सकता था थोडी दे र बाद र्मैने उसको सोिे पर पटका
और उसकी टााँ गो को उठा कर अपने कंधे पर रख जलया और जिर से
धक्कर्म पेल शुरू हो गयी उसकी चूत के जचकने पानी से भीगा हुआ लंड
ते़िी से अंदर बाहर हो रहा था और चंदा भी अपनी गान्ड को पटाकने लगी
थी

चुदाई का खुर्मार जोरो पर था पर र्मैं ज़्यादा दे र तक उसकी वजनी टााँ गो को


थार्म ना पाया तो उसके उपर आ गया और उसके रसीले होंठो को चूस्ते
चूस्ते चंदा को चोदने लगा उसकी चूत इतनी ज़्यादा टाइट तो नही थी पर
ठीक ही थी अपना कार्म जनकाल रही थी र्मेरे हर धक्के पर उसकी र्मोटी
र्मोटी चूजचया जकसी शराबी की तरह झूर्म रही थी चंदा भी अब र्मेरा पूरा साथ
दे रही थी

वो आह अया
आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ
आआआआआआआआआआ
आआआउू ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु उउइईईईई
ईईईईईईईईईईईई
ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
ईईईईईईईईईई
ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई करते
हुए र्मेरे लंड को अपनी चूत र्मे ले रही थी वो बोली र्माजलक आप बहुत ही
अच्छा चोदते है र्मुउउउउउउउउउउउउज्ज्ज्जज्ज्ज्जज्ज्ज्ज्जज्ज्ज्जज्ज्जीईईईई
तूऊऊऊऊऊऊऊ तोड ही डाला आपने आअहह आअहह जिर उसने
अपनी टााँ गे र्मेरी कर्मर पे लपेट दी

और अपनी गान्ड को उचका उचका कर चुदाई का र्म़िा लेने लगी चूत से


ररस्ता पानी उसके कुल्हो तक आ गया था साथ ही र्मेरी गोजलयो को भी गीला
कर चुका था चंदा की सााँ से अब बेहद भारी हो गयी थी उसकी आाँ खे र्मस्ती
से बार बार बंद हो रही थी और उपर से र्मैं दे दना दन तूफ़ानी धक्के लगाते
हुए उसकी चूत चोदे जा रहा था कसर्म से बडा ही र्म़िा आ रहा था

और जिर चंदा जकसी छोटे बच्चे की तरह र्मुझसे जचपक गयी और एक तेज
आवा़ि करते हुए ढीली पड गयी और चूत से पानी का िव्वारा बह चला
बडा ही अच्छा सा एहसास था वो अब जनढाल पड गयी थी पर र्मैं अभी भी
लगा हुआ था तो थोडी दे र बाद र्मैं भी अपनी सीर्मा पर आ गया र्मैने लंड को
चूत से भर जनकाला और उसके चेहरे पर अपने वीयु की जपचकाररयााँ छोडने
लगा

एक के बाद एक कई जपचकाररयो से उसका चेहरा जलसजलसे सिेद गाढ़े


रस से नहा गया वो र्मेरे वीयु को अपने हाथोसे पोंछते हुवे बोली
चाइयीजययीजययी च् ीईीईईईईईईईईई क्या जकया र्माजलक ऐसा भी कोई
करता है क्या और अपना र्मूह धोने को बाहर चली गयी और र्मैं वही पर बैठ
गया और अपनी उखडी सां सो को जोडने लगा कुछ दे र बाद र्मैं भी बाहर आ
गया और पेशाब करने लगा

जिर र्मैं अहाते पर पडे तख्त पर ही लेट गया चंदा भी आ गयी र्मैने कहा यार
अच्छा र्म़िा करवाया तूने और तेरी गान्ड तो बडी ही प्यारी है जी कर रहा है
यहााँ भी अपना लंड घुसा दू ं वो बोली ना र्माजलक आपके र्मूसल को वहााँ नही
ले पाउन्गी र्मैं र्मेरी जान लेनी है तो वैसे ही बता दो र्मैने कहा आज तो नही पर
जिर कभी तो ले ही लूाँगा र्मैने कहा लंड चुसेगी

वो इठलाई और उपर चजढ़ और अपने चेहरे को र्मेरी टााँ गो पर झुका जदया


और अपने होंठो से लंड की पप्पी ले ली र्म़िा ही आ गया जिर उसने अपनी
काजतल ऩिरो से र्मेरी ओर दे खा और आाँ ख र्मारते हुवे लंड के सुपाडे को
अपने र्मुाँह र्मे भर जलया उसकी जीभ के स्पशु से ही लंड र्मे सुरसुराहट होनी
शुरू हो गयी और वो उिेजजत अवस्था र्मे आने लगा
र्मैं अपने हाथोसे उसके चुतडों को सहलाने लगा था और बीच बीच र्मे चूत
को भी दबाने लगा था चूत भी गीली होने लगी थी और र्मेरा लंड भी अब पूणु
रूप से खडा हो गया था पर वो चूसे ही जा रही थी जिर र्मैने उसको अपने
उपर से हटाया और उसको टे डी करके लेटा जदया इस पोज़िशन र्मे उसकी
गान्ड र्मेरी तरि हो गयी थी र्मैने उसकी एक टााँ ग को थोडा सा ऊपर जकया
और अपने लंड के गरर्म सुपाडे को रसीली चूत पर जटका जदया और एक
धक्का लगा जदया सुपाडा चूत र्मे घुस गया

तभी र्मैने उसके बोबो को पकड जलया और उनको दबाते हुवे लंड को अंदर
घुसाने लगा चंदा आह भरते हुवे बोली र्माजलक पूरे श्कखला दी हो और अपनी
गान्ड को थोडा सा पीछे कर जदया अब र्मैं धीरे धीरे अपनी कर्मर को जहलाते
हुवे उसकी चूत र्मारने लगा क्या गरर्म चूत थी उसकी एक बार जो लंड घुसा
जिर बस र्म़िा ही र्म़िा चंदा बोली र्माजलक ऐसे ही िाड दो र्मेरी चूत को ऐसे
ही करो बडा अच्छा लग रहा है

चंदा की र्मस्त बाते सुनकर र्मुझे भी जोश चढ़ने लगा और र्मैं कस कस के


उसको चोदने लगा काफ़ी दे र तक र्मैं उसको उसी पोज़िशन र्मे रगडता रहा
जिर चंदा ने र्मुझे अपने उपर ले जलया और पूरा र्म़िा करवाती अपनी चूत
र्मुझे दे ने लगी आधे पोने घंटे तक अच्छे से बजाया उसको र्मैने कहा र्मेरा होने
ही वाला है तो वो बोली र्मैं भी बस गयी हीईीईईई आप अंदर ही छोडना और
जिर कुछ दे र बात र्मेरा अंग अंग एक अलग से अहसास र्मे डूब गया और
हर्म दोनो साथ साथ ही झडने लगे
रात काफ़ी हो गयी थी जिर पता नही कब र्मेरी आाँ ख लग गयी सुबह जब र्मैं
उठा तो दे खा जक दस बज रहे थे र्मैने एक जर्महाई ली और कच्छे कच्छे र्मे
ही बाथरूर्म की ओर चल पडा िेश होकर बस चाइ ही पी रहा था जक
पुजारी जी आ गये कुछ बातें उनके साथ हुई तो पता चला जक र्मंजदर सोर्मवार
तक इस कंडीशन र्मे हो जाएगा जक पूजा की जा सके र्मैने कहा जी जैसा
आप ठीक सर्मझे

र्मैने कहा र्मैं शार्म तक आता ह उधर थोडी दे र और बाते करने के बाद वो
चले गये पुष्पा ने पूछा जक खाना लगा दू ं र्मैने कहा नही अभी भूख नही है र्मैने
कहा चंदा कहााँ है तो पता चला जक वो झाडू-पोछा लगा कर अपने घर चली
गयी थी र्मैने पुष्पा से कहा जक आज तुर्म यही पर रहना र्मुझे कुछ कार्म से
बाहर जाना है पीछे से गोरी आएगी तो उसके खाने पीने का इं त़िार्म कर
दे ना और उसके साथ ही रहना जब तक र्मैं नही आता

असल र्मे र्मैने उसको बताया नही था जक र्मेरा क्या प्लान है आज र्मैं अपनी
उस ़िर्मीन को दे खने जा रहा था जजसे नाहर गढ़ वालो ने दबाया हुआ था तो
र्मैने कार जनकाली और चल पडा उस ओर करीब आधे घंटे बाद र्मैं वहााँ पर
पहुच ही गया गाडी पाकु की और पैदल ही बढ़ चला उस ओर तो थोडा सा
आगे जाने पर र्मैने दे खा जक एक बहुत बडे भू-भाग पर िार्मुहाउस टाइप
कुछ बनाया गया था

कुछ ़िर्मीन खेती के जलए थी पर ज़्यादातर खाली ही पडी थी एक बडा सा


दरवाजा बनाया गया था अंदर जाने के जलए परं तु वो बंद नही था र्मैने एधर-
उधर दे खा और अंदर प्रवेश कर गया अंदर एक साइड र्मे कुछ पेड लगे हुवे
थे तो र्मैं उधर ही घूर्मने लगा तभी कुछ 5-6 आदर्मी र्मेरे पास आए और बोले
के तू यहााँ पर क्या कर रहा है र्मैने कहा जी भाई र्मैं एक र्मुसाजिर ह ऐसे ही
इधर आ जनकला

तभी उनर्मे से एक आदर्मी जो काफ़ी हॅटा-कट्टा सा था र्मुझे घूरते हुवे बोला


जक चल जा अभी इधर से और दु बारा इधर ना आना क्या तुझे पता नही जक
ये ़िर्मीन ठाकुर भुजबल जसंग की जर्मश्कल्कयत है , ठाकुर भुजबल जसंग ये
नार्म र्मैने पहली बार ही सुना था र्मैने उनसे कहा जक पर भाई लोगो र्मैने तो
सुना था जक ये ़िर्मीन अजुुनगढ़ के ठाकुर यूधवीर जसंग की है
ये सुनकर वो चारो काफ़ी दे र तक हं सते रहे और जिर वो ही बोला जक तुझे
भाई जकसने कह जदया अजुुनगढ़ के ठाकूरो का खानदान तो बरसो पहले
़ितर्म कर जदया हर्मारे ठाकुर साहब ने पर तू अभी इधर से जनकल जा छोटे
साहब का इधर आने का टाइर्म हो गया है और उनका स्वाभाव बडा ही गुस्से
वाला है और ़िासतोर से वो अज्नजबयो को पसंद नही करते है तू जा खार्मखााँ
र्मारा जाएगा

र्मैने कहा आने दो तुम्हारे साहब को अब र्मैं जब खुद चल कर यहााँ आया ह


तो उनसे भी ़िरा जर्मलता ही चलूं वो बोले भाई तू है कॉन र्मैने कहा अरे तुर्म
इसकी जिकर ना करो जक र्मैं कॉन हाँ वो कुछ सोच र्मे पड गये और वो लोग
बोले जक बस तेरी भलाई इसी र्मे है जक तू यहााँ से चला जा अगर उन्होने तुझे
यहा दे ख जलया तो तेरे साथ साथ हर्मारी शार्मत भी आ जाएगी

अब तू जा भी या हर्म धक्के दे कर तुझे यहााँ से बाहर िेक दे र्मैने कहा


गुस्सा ना कर भाई र्मैं जा ही रहा ह वैसे भी र्मैं पंगा नही करना चाहता था
क्योंजक अभी र्मैं उस हालत र्मे नही था र्मैं आकर अपनी कार के पास खडा
हो गया और कुछ सोचने लगा र्मेरे जदर्माग़ र्मे कुछ सवाल घूर्मड आए थे
जजनका जवाब र्मुझे बस राइचंद जी ही दे सकते थे तो उनका इं त़िार ही
करना था

शार्म होते होते र्मैं वाजपस हवेली आ गया तो दे खा जक पुष्पा र्मेरा ही इं त़िार
कर रही थी र्मैने पूछा गोरी कहााँ है तो वो बोली जक वो तो खाना खाते ही सो
गयी है र्मैने कहा ठीक है और र्मैं अपने कर्मरे र्मे जाने लगा तो पुष्पा बोली
र्माजलक आप कहे तो र्मैं थोडी दे र बाग र्मे हो आउ , उनसे भी जर्मल आउश्कन्ग
थोडी दे र और र्मुझे आर्म खाने का भी बडा र्मन हो रहा है

र्मैने कहा एक कार्म करो गोरी को उठा दो जिर सब लोग साथ ही चलते है
र्मैं भी उधर का चक्कर लगा आउन्गा र्मैने तब तक अपने कपडे चेंज कर
जलए थे जिर कोई आधे घंटे बाद हर्म लोग जनकल पडे बाग की तरि वहााँ
पहुचते ही लखन ने हर्मारा स्वागत जकया था र्मैने दे खा जक तार बंदी लगभग
हो ही गयी थी और एक नया कर्मरा भी आधा बन ही गया था

पुष्पा को दे ख कर लखन कुश हो गया था तो र्मैने उन दोनो को वहााँ पर


छोडा और गोरी और र्मैं आगे की तरि बढ़ चले उसका ना़िुक हाथ र्मैने
अपने हाथ र्मे थर्मा हुवा था बात करते करते हर्म दोनो काफ़ी दू र जनकल
आए थे बाग के लास्ट वाले जहस्से र्मे काफ़ी घने पेड थे तो थोडी ठं ड सी भी
थी और अंधेरा सा भी था तभी र्मुझे वो वाला पेड जदखाई जदया जहााँ र्मैने
लक्ष्मी को चोदा था तो र्मेरे चेहरे पे स्माइल सी आ गयी

गोरी पूछने लगी क्या हुआ जबना बात के ही र्मुस्कुरा रहे हो र्मैने कहा जक बस
ऐसे ही अब उसको क्या बता ता जक इधर ही उसकी र्मााँ चुजद थी र्मुझसे जिर
हर्म थोडा और आगे चले तो बाग ़ितर्म ही हो गया और अब हर्म नदी
जकनारे पर आ गये थे बस ठं डी हवा चल रही थी तो एक जगह दे ख कर र्मैं
और गोरी बैठ गये र्मैने कहा गोरी क्या बात है तू तो पहले से और भी सुंदर
हो गयी है

वो बोली कहााँ तुर्म तो ऐसे ही कह रहे हो र्मैने कहा अरे नही सच्ची बोल रहा
हाँ तो अपनी तारीि सुनकर वो थोडा सा शरर्मा गयी उसके गाल सुखु हो गये
र्मैं थोडा सा उसकी ओर और सरक गया गोरी बोली आज कहााँ गये थे तुर्म
तो र्मैने उसे सबकुछ बताया वो बोली तुम्हारे पास पहले से ही सबकुछ है
और जिर ना जाने जकतनी ़िर्मीन तुम्हारी लोगो ने दबा ली है अब पहले जैसा
वक़्त कहााँ रहा है और जिर तुर्म अकेले क्या क्या करोगे तो र्मेरी र्मानो तो
जाने दो उस टु कडे को

र्मैने कहा गोरी परं तु वो बस ़िर्मीन का टु कडा ही नही है र्मेरे पुरखो की


जवरासत है र्मैं उसको कैसे जकसी और को दे दू ं गोरी बोली र्मैने जकताब र्मे
पढ़ा है जक दु जनया र्मे जजतनी भी लडाइयााँ हुई है वो या तो ़िर्मीन पर हुवी है
या जिर औरत के जलए तुर्म इन पचडो र्मे ना पडो और आगे अपनी ज़िंदगी
का सोचो र्मैने उसकी बात का कोई जवाब नही जदया र्मैने कहा जाने दे ना
अब इन बातों को अपनी बाते करते है

बाते करते करते सर्मय का कुछ पता ही नही चला हल्का हल्का सा अंधेरा
हो चला था र्मैने कहा आजा चल वाजपस चलते है जब वो खडी हो रही थी तो
उसका पााँ व थोडा सा लडखडाया और वो जगरने से बचने के जलए र्मेरी बाहों
र्मे सर्माती चली गयी गोरी की नुकीली छाजतयााँ र्मेरे सीने र्मे दबाव दे ने लगी तो
र्मुझ पर उसके बेपनाह खूबसूरत हुस्न का नशा सा चढ़ने लगा गोरी के
बदन से िुट ती कजशश र्मुझे उसकी ओर खीचने लगी और जिर र्मैने
आज़िर उसके रसीले लाल लाल होटो को अपने होटो से जोड ही जलया गोरी
ने अपने जनचले होठ को थोडा सा खोल जदया जजसे र्मैने अपने र्मूह र्मे दबा
जलया और उसकी जर्मठास का अनुभव करने लगा उसने अपनी पकड र्मेरी
पीठ पर और भी तेज कर दी बस जिर हर्में कुछ याद ना रहा याद रहा तो
उसके खुसबुदार सां सो की र्महक जो र्मेरे र्मूह र्मे घुलने लगी थी काफ़ी दे र र्मैं
उसको चूर्मता ही रहा जिर कही जाकर हर्म अलग हुवे

गोरी ने अपनी ऩिरे चुराते हुवे कहा चलो दे र हो रही है वाजपस चलते है र्मैने
कहा जैसी तुम्हारी र्म़िी जिर आते आते काफ़ी दे र हो गयी जब हर्म उन
लोगो के पास पहुचे तो पुष्पा और लखन हर्मारा ही इं त़िार कर रहे थे लखन
बोला र्माजलक जकधर रह गये थे आप इस तरि कुछ जनवरो का भी ़ितरा
रहता है और अंधेरा भी हो गया है आप ऐसे अकेले ना जनकला करें र्मैने कहा
आगे से ध्यान रखूाँगा जिर थोडी दे र और बाते हुई लखन को कुछ पैसे जदए
ताजक वो बचा हुआ कार्म भी जल्द से जल्द पूरा करवा सकें

र्मैने पुष्पा से कहा जक तुर्म यही रुकोगी या चलोजग तो वो बोली क्या र्माजलक
आप भी घर तो जाना ही पडे गा ना जिर र्मैने कार स्टाटु की और हर्म हवेली
आ गये र्मैने गोरी से कहा जक तुर्म अंदर जाओ और खाने की तैयारी करो
आज र्मैं तुम्हारे हाथ का खाना खाना चाहाँ गा तुर्म जाओ र्मैं पुष्पा को घर छोड
कर आता ह और जिर हर्म गााँ व की ओर चल पडे र्मैने हवेली के गेट पर
गाडी रोकी और गोरी को कहा जक तुर्म अंदर चलो र्मैं पुष्पा को उसके घर
छोड कर आता हाँ तब तक तुर्म खाने की व्यवस्था दे ख लो तो पुष्पा बोली
र्माजलक र्मैं हाँ ना र्मैं बना दू ाँ गी खाना , पर र्मैने र्मना करते हुए कहा जक नही
आज र्मैं गोरी के हाथो से बना हुआ खाना ही कहाँ गा , जिर गोरी हवेली र्मे
चली गयी और र्मैने कार गााँ व की ओर बढ़ा दी बस्ती आने से थोडी दे र पहले
ही पुष्पा ने कहा जक र्माजलक गाडी यही पर रोक दीजजए

र्मैने कहा पर घर तो अभी दू र है , वो कहने लगी जक अगर कोई दे खेगा जक


आप र्मुझे गाडी र्मे छोडने आए है तो जिर कई बाते चलेंगी र्मैं हाँ औरत जात
आप सर्मझ ही सकते है तो र्मैने गाडी वही पर रोक दी वो बाहर उतर गयी र्मैं
भी उसके पीछे पीछे उतर गया वो जाने लगी तो र्मैने कहा ़िरा रूको, तुर्मने
र्मेरे सवाल का जवाब नही जदया अभी तक

तो उसने एक बडी ही गहरी जाजलर्म ऩिर से र्मेरी ओर दे खा और जिर पलट


कर तेज तेज कदर्मोसे बस्ती की ओर बढ़ गयी और र्मैं रह गया वही पर कुछ
दे र उसको जाते दे खता रहा जिर र्मैं भी वाजपस हवेली की तरि बढ़ गया
गाडी पाकु की और सीधा रसोई की तरि हो जलया पर गोरी वहााँ पर नही थी

र्मैने उसको जिर कर्मरे र्मे दे खा पर वो वहााँ पर भी नही थी, तो र्मेरे जदल
थोडा घबरा सा गया र्मैं उसको पुकारते हुए इधर उधर दे खने लगा जक दे खा
वो बाथरूर्म की तरि से चली आ रही थी गीले रे शर्मी बाल जजन्होने उसके
सूट को भी आधे से ज़्यादा जभगो जदया था र्माथे से टपकती शबनर्मी बूंदे
उसके चंद्रर्मा से चेहरे की रोनक को और भी बढ़ा रही थी

वो बोली क्यो जचल्ला रहे हो तुर्म, नहाने ही तो गयी थी र्मैने कहा वो तुर्म र्मुझे
जदखी नही तो र्मैं थोडा सा घबरा गया था वो र्मुस्कुराते हुवे बोली इतनी
जिकर क्यो करते हो आज़िर हर्म आपके है ही कॉन? र्मैने कहा ये तो पता
नही जक तुर्म र्मेरी कॉन हो पर र्मेरी कुछ तो हो ही और र्मैं भी र्मुस्कुरा जदया
र्मैने कहा आगे से ़िरा बता कर जाया करो र्मुझे जिकर है तुम्हारी
अपने गीले रे शर्मी बालो को तोजलये से झटकते हुवे बडे ही प्यार से उसने
र्मेरी ओर दे खा और बोली जक तुर्म बस थोडा सा इं त़िार करो र्मैं अभी िटा
िट से खाना बना दे ती ह और रसोई की ओर जाने लगी र्मैं भी उसके पीछे -
पीछे रसोई र्मे चला गया और उस से बाते करने लगा ना जाने गोरी र्मे कैसी
कजशश थी जो र्मुझे बरबस ही उसकी ओर जाने को र्मजबूर करती रहती थी

पता ही नही चला जक कब उसके ़ियालो र्मे र्में डूब सा गया तभी उसने र्मेरी
तंद्रा तोडी और बोली कहााँ खो गये र्मैने कहा कुछ नही इधर ही हाँ जदल तो
कर रहा था जक बस उसको हर्मेशा ऐसे ही दे खता रहं एकटक पर जिर र्मैं
रसोई से बाहर आ गया गोरी जब जब र्मेरे पास होती थी र्मुझे पता नही एक
अलग सा ही एहसास सा होने लगता था र्मैं जैसे कहीं खो सा जाता था

जिर हर्मने साथ साथ ही जडन्नर जकया तो वो बोली र्मैं कहााँ सोउं गी र्मैने कहा
इतना बडा घर है जहा र्म़िी हो उधर सो जाओ वो बोली इतने बडे घर र्मे
बस दो ही तो कर्मरे खुले है और बेड तो तुम्हारे ही कर्मरे र्मे है र्मैने कहा तो
र्मेरे साथ उधर ही सो जाओ , वो बोली ना बाबा ना तुम्हारा क्या भरोसा जिर
से र्मुझे शरारत करने लगोगे र्मैने कहा तो जिर क्या हुवा………

वो बोली बाते ना बनाओ , र्मुझे बहुत नींद आ रही है और जिर सुबह स्कूल
भी जाना है र्मैने कहा तू बेड पर ही सो जा र्मैं बाहर सो जाता ह तो वो तो
पडते ही सो गयी थी पर र्मेरी आाँ खो र्मे नींद नही थी आज पता नही क्यो र्मेरा
र्मन भटक रहा था जैसे की वो र्मुझे कोई संकेत दे ना चाहता हो, कहना
चाहता हो कुछ रात आधे से ज़्यादा बीत चुकी थी

चंदा की चााँ दनी चारो ओर जबखरी हुई थी हवा हल्की हल्की सी चल रही थी
और एक र्मैं था अपने अशां त र्मन के साथ, जब रहा नही गया तो र्मैं उस
कर्मरे र्मे चला गया जहााँ र्मेरे र्मााँ -जपता की तस्वीरे थी एक ़िालीपन सा र्मेरे
अंदर जकतनीही बाते थी जो र्मैं उनके साथ करना चाहता था पर र्मेरी सुन ने
के जलए वो नही थे वहााँ पर , र्मेरा गला भर आया
आज़िर र्मेरे पास भी तो एक जदल था , इर्मोशंस थे पता ही नही चला कब
र्मेरी सूनी आाँ खो से आाँ सू जनकल कर बहने लगे र्मााँ की तस्वीर र्मैने दीवार से
उतारी और उसको अपनी बाहों र्मे लेकर र्मैं रोने लगा टपकते आाँ सू तस्वीर
की धूल को जभगोने लगे जिर जब रहा नही गया तो र्मैं वहााँ से बाहर आ गया
और कुसी पर बैठ गया

तभी र्मुझे ऐसे लगा जक जैसे हवेली र्मे कुछ हलचल हुई हो पर वहााँ तो बस र्मैं
और गोरी ही थे , तो जिर ये कैसी आवा़ि थी तो र्मैं उस ओर चला तो र्मैने
दे खा जक कुाँए की तरि से जो दीवार टू टी हुई है उधर तीन लोग थे और
अंदर की तरि ही आ रहे थे र्मैने सोचा जक कॉन होंगे, चोर या जिर कोई
दु श्मन

तभी र्मुझे गोरी का ़ियाल आया और र्मैं अंदर की ओर भागा और जो बंदूक


र्मुझे राइचंद जी ने दी थी उसको उठाया और बाहर आया वो लोग भी अब
अंदर आ चुके थे बस कुछ ही दू री थी वैसे र्मैं घबरा तो गया था पर जिर भी
जहम्मत करते हुए र्मैने थोडा जदलेरी जदखाते हुवे कहा जक कॉन हो तुर्म लोग
और इतनी जहम्मत की ठाकुर यूधवीर जसंग की हवेली र्मे घुस गये

वो लोग थोडा सा सकपका गये, तभी ना जाने कैसे र्मेरे हाथोसे उसी टाइर्म
गोली चल गयी हालााँ जक इस से पहले र्मैने ऐसा कभी नही जकया था पता नही
कैसे शायद घबराहट के र्मारे पर वो गोली उनर्मे से एक को लग गयी और वो
वही पर जगर पडा और उसके वो दोनो साथी तुरंत ही रिूचक्कर हो जलए
गोली की आवा़ि चली तो दू र तक गयी गोरी भी दौडते हुए बाहर आई और
अपनी सां सो को संभालते हुवे बोली
दे व………………………………………………………………………………………………
…………………………………………………………………….

दे व, दे व तुर्म ठीक तो होना ये क्या हुआ कॉन है ये आदर्मी बताओ र्मैने कहा
शां त हो जाओ र्मैं ठीक ह तीन लोग थे पर ये यहााँ पर क्यो र्मैने उस आदर्मी
के चेहरे से नकाब हटाया पर अब र्मुझे क्या पता वो कॉन था गोरी बुरी तरह
से घबरा गयी थी और र्मुझसे जबल्कुल जचपक कर खडी थी पसीना उसके
र्माथे से बह चला था तभी हवेली के गेट पर जकसी की दस्तक हुवी तो र्मैं उस
ओर गया एक आदर्मी था हाथ र्मे लालटे न जलए हुए

र्मैने कहा तुर्म कॉन हो वो बोला साहब इधर पास र्मे ही र्मेरा खेत है र्मैं उधर
ही सोया हुआ था तो गोली की आवा़ि सुनी तो इधर आ गया र्मैने कहा अंदर
आओ और गेट खोला र्मैने कहा कुछ लोग थे पता नही कॉन थे कोई दु श्मन
या चोर थे एक को धर जलया तुर्म दे खो ़िरा जक पहचान हो पाएगी या नही
और उसको उसे जदखाया पर वो भी पहचान नही पाया

राइचंद जी हॉश्कस्पटल र्मे थे और गााँ व र्मे र्मेरा कोई ऐसा था नही जजसपर र्मैं
भरोसा कर सकूाँ बडी र्मुश्कस्कल हो गयी थी र्मेरे जलए र्मैने गोरी के घर पर िोन
जकया और उसके नोकर से कहा जक अभी इसी वक़्त कुछ आदजर्मयो को
लेकर हवेली आ जाओ सच तो था जक र्मैं बेहद घबरा गया था अगर र्मानलो
कुछ ज़्यादा लोग हर्मला कर दे ते तो कुछ भी हो सकता था

आधे घंटे भर बाद राइचंद जी के घर से कुछ लोग हवेली पर आ गये थे र्मैने


कहा आप सभी को यहााँ की सुरक्षा करनी है बाकी सब कार्म बाद र्मे, तभी
गोरी बोली पुजलस बुला लो र्मैने र्माथे पर हाथ र्मारा जक ये ़ियाल र्मेरे जदर्माग़
र्मे क्यो नही आया सुबह होते होते 5-6 जीप र्मे पोलीस वाले हवेली आ गये
थानेदार खुद आया था तो र्मैने उसको पूरी बात बताई उसने र्मुझे पूरी सुरक्षा
का वादा जकया पर सवाल ये था जक कॉन थे वो लोग????????????????????????

काफ़ी तहकीकात की गई पर पता नही चला जक आज़िर वो लोग कॉन थे


र्मुझे खुद की इतनी जिकर नही थी जजतनी जक उन लोगो की थी जो हवेली र्मे
कार्म करने आते थे इधर र्महादे व र्मंजदर की पूजा वाला जदन भी ऩिदीक आ
रहा था तो र्मैने तय जकया जक र्मंजदर का कार्म जनपट जाए जिर हवेली की
टू टी दीवार की भी र्मरम्मत करवा लूाँगा पर जिर भी कुछ आदर्मी तो चाजहए
ही थे हवेली की चोकीदारी के जलए

आज़िर र्मैने लक्ष्मी को िोन लगाया और कहा जक वो कब तक आएगी तो


पता चला जक उन्हे आने र्मे कुछ जदन और लग जाएाँ गे तो र्मैं और परे शान हो
गया अब करू ाँ तो क्या करू ाँ कुछ सर्मझ ना आया तो जिर जदल को ये
कहकर सर्मझा जलया जक कोई चोर होंगे अबकी बार कुछ होगा तो दे खेंगे तो
जिर बस र्मंजदर के प्रोग्रार्म की तैयाररयो र्मे जुट गया ऐसे ही सोर्मवार आ ही
गया

र्मंजदर को बहुत ही अच्छे तरीके से सजाया गया था र्मैने अपनी तरि से गााँ व
वालो के जलए भोज का आयोजन जकया था एक कोजशश की थी गााँ व वालो
को अपना बना ने की बस दे खना बाकी था जक कार्मयाबी जर्मलती है या नही
तय सर्मय पर कायुिर्म शुरू हुआ और अच्छे से पूजा संपन्न हो गयी और
जिर भोज शुरू हो गया इन सब कार्मो र्मे शार्म ही हो गयी थी र्मेरा पूरा जदन
उधर ही लग गया था

उधर ही प्रसाद ले जलया था तो जिर इतनी भूख भी नही थी तो र्मैं वहााँ से


जनकला और गााँ व से बाहर की ओर चल पडा जब र्मैं थोडा जंगल की ओर
बढ़ा तो दे खा जक एक पेड के नीचे कुछ लोग शराब पी रहे थे र्मैं भी उनके
पास चला गया और रार्म रार्म करके पता पूछने के बहाने से उधर ही बैठ
गया और बाते करने लगा तो पता चला जक वो लोग नाहरगढ़ के थे और
अक्सर नशा करने को इधर जंगल र्मे आते रहते थे
अब वो लोग िुल नशे र्मे थे और अजीब अजीब बाते कर रहे थे तभी उनर्मे
से एक बोला यार तूने सुना क्या अजुुनगढ़ की हवेली र्मे कल गोली चल गयी
एक आदर्मी र्मारा गया र्मैने चोन्क्ते हुए कहा नही भाई र्मैं तो परदे सी आदर्मी
र्मुझे तो नही पता कुछ तुर्म ही बताओ कुछ तो वो बोला जक अरे कुछ नही
यार सुना है ठाकूरो का वाररस लॉट आया है तो पक्का हर्मारे गााँ व के
र्माजलकों ने ही हर्मला करवाया होगा पर गााँ व र्मे कोई चचाु सुनी नही

र्मैने कहा भाई कुछ हर्में भी बताओ इस बात के बारे र्मे तो एक आदर्मी जो
खुद को स्पेशल सा सर्मझ रहा था वो बोला भाई हर्म तो र्मजदू र आदर्मी है
हर्म को कुछ नही पता पर कल जब र्मैं अफ़ीर्म के खेत र्मे थोडी अफ़ीर्म
चुराने गया था तो वहााँ के चोकीदार आ गये तो र्मैं र्मार से बचने को छु प गया
तो वो लोग कुछ बात तो कर रहे थे इसी बारे र्मे एक जना कह रहा था रार्मू
तुझे क्या लगता है जक उधर हर्मला अपने ठाकुर सहाब ने करवाया होगा

तो दू सरा बोला नही रे ऐसा नही है ठाकुर साहब तो जवलायत गये है और


छोटे र्माजलक भी नही है तो कॉन ऐसा करे गा तो दू सरा बोला जक हााँ भाई
बात तो सही है जिर भाई र्मैं उधर से श्कखसक जलया बस हर्मे तो इतना ही पता
है जिर थोडी दे र बाद र्मैं भी वहााँ से उठ कर चल जदया पर अब र्मेरा जदर्माग़
खराब और भी हो गया था क्योंजक जो र्मैं सोच रहा था वैसा तो कुछ नही था
जिर आज़िर कॉन थे वो लोग

र्मैं जब हवेली पहुचा तो बाबा और तीन-चार और लोग गेट के बाहर खडे थे


र्मैने कहा अरे आप सब लोग यहााँ सब ठीक तो है ना तो वो बोले ठाकुर
साहब हर्म लोग रात को इधर ही रहें गे और चोकीदारी करें गे र्मैने कहा अरे
आप सब लोग क्यो कष्ट करते है तो वो बोले जब आप गााँ व वालो की र्मदद
कर सकते है तो हर्मारा भी कुछ फ़़िु तो बनता ही है ना

तो जिर र्मैं अंदर गया तो दे खा जक गोरी भी थी र्मैने कहा र्माफ़ करना गोरी
तुम्हारे बारे र्मे तो र्मुझे ध्यान ही नही रहा था आने र्मे थोडी दे र हो गयी पर
तुर्म यहााँ क्यो चली आई बोली र्मुझे तो आना ही था ना वो बोली खाना खा लो
र्मैने कहा भूख नही है और सर भी बडा दु ख रहा है तो बस सो ही जाता ह
और अपने कर्मरे र्मे चला गया और सोने की कोजशश करने लगा जिर थोडी
दे र र्मे गोरी भी एक कटोरी र्मे थोडा सा तेल लेकर आ गयी और बोली लाओ
र्मैं सर की र्माजलश कर दे ती ह तो थोडा आरार्म जर्मलेगा

सचर्मुच उसके हाथो र्मे जादू ही था पल भर र्मे ही र्मेरा ददु गायब हो गया
पता ही नही चला जक कब नींद आ गयी जब र्मैं उठा तो दे खा जक गोरी र्मेरी
बगल र्मे ही सोई पडी है तो र्मैने उसे नही जगाया और बाहर आ गया बाहर
बाबा और बाकी सब लोगो से रार्म रार्म हुई र्मैं िेश होने चला गया आया
तबतक पुष्पा भी आ चुकी थी र्मैने कहा सबसे पहले बाहर जजतने भी लोग है
उनके जलए चाइ-नाश्ते का इं त़िार्म करो

गोरी अभी तक उठी नही थी र्मैने सोचा आज स्कूल नही जाएगी क्या ये पर
जिर जगाया नही उसको पुष्पा ने र्मेरा नाश्ता टे बल पर लगा जदया था र्मैने
चुप चाप नाश्ता जकया सुबह सुबह ही र्मैने कुछ सोच जलया था तो र्मैने गाडी
जनकाली और उसको अपनी उस ़िर्मीन की तरि र्मोड जदया जजस पर
नाहरगढ़ वालो का कब्जा था र्मैं कुछ करने जा रहा था पर पता नही था जक
ये सही है या ग़लत
रे तीले रास्ते पर धूल उडाती हुई र्मेरी गाडी सरपट दौडी चली जा रही थी
आधे-पोने घंटे बाद र्मैं उस िार्मुहाउस के सार्मने था र्मैं गाडी से उतरा और
अंदर चल जदया पर आज गेट पर ही उन्ही लोगो ने र्मुझे रोक जदया और बोले
जक तुझे उसी जदन र्मना जकया था ना की दु बारा इधर ना आना र्माजलक को
पता चलेगा तो ठीक नही रहे गा र्मैने कहा पर इस ़िर्मीन का र्माजलक तो र्मैं
ही ह

वो ठहाका लगाते हुवे बोला अबे जा जा , काहे जदर्माग़ खराब करता है सुबह
सुबह र्मैने कहा तो ठीक है जा तेरे र्माजलक को ही बुला ला वो खुद ही बता
दे गा जक र्मैं कॉन ह वो र्मुझे हडकाते हुवे बोला अगर दो जर्मजनट र्मे तू यहााँ से
नही जनकला तो तेरी हजिया सलार्मत नही बचेंगी र्मुझे भी तैश आने लगा था
र्मैने जेब से जपस्टल जनकाली और उसके र्माथे पर लगा दी

ऐसा होते ही उसके र्माथे से पसीना बह चला र्मैने कहा जब भी तेरा र्माजलक
आए उस से बस इतना ही कहना जक अजुुनगढ़ से ठाकुर दे व आया था जिर
र्मैं वाजपस हो जलया र्मैने सोच जलया था की एक बार अपने ररश्तेदारो से
र्मुलाकात कर ही लेनी चाजहए र्मैने अपनी तरि से शुरुआत कर दी थी बस
अब इं त़िार था रे स्पॉन्स का वहााँ से र्मैं सीधा खेतो र्मे गया कई जदन हो गये थे
इधर आया ही नही था तो दोपहर तक इधर का कार्म काज ही दे खता रहा

जिर र्मैं वाजपस हवेली आ गया लंच जकया और बाहर बैठ कर बाबा से बात
चीत करने लगा उन्होने कहा जक दे व आप जकसी भी तरह की टे न्र्षन ना लें
अब आपको हवेली की जिकर करने की जबल्कुल भी ़िरूरत नही है इतने
आदजर्मयो की व्यवस्था हो गयी है जो ये कार्म संभाल सके आधे लोग जदन र्मे
रहें गे और आधे लोग रात को र्मैने कहा बाबा सब आपकी ही र्मेहरबानी है तो
बस वो र्मुस्कुरा गये

जिर कुछ और र्मुद्दो पर बात हुई , जिर र्मैं उठ कर अंदर चला गया तो पुष्पा
के दीदार हुए वो बोली र्माजलक आपके गंदे कपडो का ढे र लगा था र्मैने सारे
धो जदए है र्मैने कहा पर इसकी क्या ़िरूरत थी चंदा कर लेती वो कार्म वो
बोली र्माजलक र्मैने धो जदए कोई बात नही र्मैने कहा गोरी कहााँ है तो उसने
बताया जक वो तो अपनी जकसी सहे ली के घर गयी है

पीले ब्लाउज और नीले घाघरे र्मे पुष्पा का र्मादक बदन और भी श्कखला श्कखला
सा लग रहा था र्मैने कहा पुष्पा र्मुझे तुर्मसे कुछ ़िरूरी बात करनी है वो
बोली र्मुझे र्मालूर्म है र्माजलक आप क्या कहना चाहते है र्मैने कहा यार वो नही
र्मैं तो बस इतना पूछ रहा था जक क्या र्मैं तुर्म पर भरोसा कर सकता ह , तो
पुष्पा हाथ जोडते हुए बोली जक र्माजलक आपकी वजह से र्मेरे जीवन र्मे थोडा
सुख आया है आप कहकर तो दे खो जान भी दे दू ाँ गी … दे व- वक़्त आने पर
तुर्मको र्मेरा एक कार्म करना होगा

पुष्पा- जी जैसा आप कहे ,

तो र्मैने कहा अभी तुर्म जाओ और र्मेरे जलए एक कॉिी भेज दे ना र्मैने लक्ष्मी
को िोन जकया और र्मुनीर्म जी की तबीयत के बारे र्मे पूछा तो उसने बताया
जक हालत कुछ ठीक नही है तो र्मैने कहा ठीक है र्मैं कल ही सहर आता ह
पर वो र्मना करने लगी पर र्मैने ़िोर दे ते हुवे कहा जक नही र्मैं आता हाँ कल

र्मुझे लक्ष्मी का व्यवहार कुछ अजीब सा लगा पर जिर र्मैने सोचा जक अब


हॉश्कस्पटल का र्महॉल है तो बंदा थोडा जचडजचडा हो ही जाता है तभी पुष्पा
कोफ़ी लेकर आ गयी र्मैने कहा तुर्म बैठो ़िरा , र्मैने उस से पूछा जक तुर्म
हवेली के बारे र्मे क्या जानती हो तो उसने बताया जक जी जजतना सब लोगो
को पता है उतना ही र्मुझे पता है पर हर्म एक बात याद आई जक पहले
ठाकुर साहब के यहााँ एक बुजुगु रहते थे

वो ही उनके छोटे -र्मोटे कार्म जकया करते थे र्मैने कहा तुर्मको कैसे पता पुष्पा
बोली वो दरअसल हर्मारे घर के सार्मने जो परचून की दु कान है वो अक्सर
वहााँ आते थे तो बस ऐसे ही पता चल गया पर जब बडे ठाकुर का दे हां त
हुआ उसके बाद से र्मैने उनको कभी नही दे खा , र्मैने कहा उनका कुछ
नार्म-पता तो वो बोली साहब अब र्मैं क्या जानू

र्मैने कहा चल कोई नही र्मैं पता कर लूाँगा पर इस बात ने र्मुझे और भी


उलझा जदया था खैर रात गुजर गयी भोर हुई र्मुझे शहर के जलए जनकलना था
र्मैने बाबा से कहा जक बाबा हवेली की ज़िम्मेदारी आप पर है र्मुझे आने र्मे दे र
हो सकती है क्या पता र्मैं शहर र्मे ही रुक जाउ तो वो बोले दे व आप
बेजिकर हो कर जाइए तो र्मैं चल पडा शहर

हॉश्कस्पटल गया र्मुनीर्म जी से जर्मला कुछ सुस्त से लगे जिर डॉिसु से तस्सली
से बात की तो पता चला जक दवाइयााँ असर नही कर रही थी र्मैने कहा पर
ऐसा कैसे हो सकता है डॉिर साहब तो वो बोले यही बात तो हर्मे भी
उलझन र्मे डाले हुवे है तो र्मैने कहा ये घर कब तक जा सकेंगे तो पता चला
जक हफ्ते भर बाद जिर र्मैने लक्ष्मी से कहा जक र्मुझे अकेले र्मे र्मुनीर्म जी से
कुछ बात करनी है
तो वो बाहर चली गयी, जिर र्मैने उनको जपछले जदनो की घटना बताई तो वो
बोले र्माजलक ये ़िरूर बाहर वालो से करवाया कार्म है वरना आप ही सोचो
हवेली सालो से खार्मोश खडी है पर आज तक एक पैसे की चोरी ना हुई
जिर एक दर्म से चोर कैसे आ सकते है बात र्मे दर्म था , र्मैने कहा कुछ लोग
रा़िी हो गये है हवेली की चोकीदारी करने को पर कुछ हजथयार भी चाजहए

तो उन्होने अपनी पुरानी डायरी जनकली जेब से और जिर जकसी को िोन


जकया बात की काफ़ी दे र जिर र्मुझसे कहा र्माजलक कल तक व्यवस्था हो
जाएगी आप की सुरक्षा बेहद ़िरूरी है पर तकदीर दे श्कखए र्मैं अपाजह़ि खुद
र्मोहताज हो गया ह र्मैने कहा आप बस आरार्म करे जिर काफ़ी दे र तक
र्मुनीर्म जी से र्मेरी ़िास बाते होती रही पर रऱिल्ट सेर्म था उनका शक भी
नहरगढ़ की ओर ही था

शार्म होने लगी थी र्मैं चलने को हुआ तो लक्ष्मी ने कहा जक आज इधर ही


रुक जाओ काफ़ी जदन से इधर ही पडी ह तुर्म रहोगे तो थोडा होसला जर्मलेगा
और कुछ बाते भी हो जाएाँ गी र्मैने कहा ठीक है जिर र्मैने हवेली िोन जकया
और बताया जक र्मैं आज नही आ पाउन्गा तो सब चोकस रहना और पुष्पा
को जवशेर्ष रूप से कहा जक आज वो घर ना जाए बश्कल्क गोरी के साथ ही रहे
कुछ और बाते उसको सर्मझाई

राइचंद जी सो रहे थे र्मैने लक्ष्मी से कहा आओ बाहर चलते है कुछ खाना


वाना खा कर आते है तो हॉश्कस्पटल से थोडी दू र ही एक होटे ल था हर्म वहााँ
चले गये खाते खाते बाते भी होने लगी आज काफ़ी जदन बाद लक्ष्मी के चेहरे
पर र्मुस्कान दे खी थी तो र्मुझे भी अच्छा लगा जडन्नर के बाद हर्म जिर से
वाजपस आ गये रात भी जघर आई थी लक्ष्मी ने राइचंदजी को खाना श्कखलाया
जिर दू ध के साथ कुछ दवाइयााँ दी

जिर एक छोटा सा बातों का दॉर चला , बाते करते करते ही र्मुनीर्म जी नींद
के आगोश र्मे सर्मा गये अब बचे लक्ष्मी और र्मैं र्मैने कहा सोएं गे कहााँ तो
उसने कहा र्मैं तो नीचे ही जबस्तर लगा के सो जाती ह तुर्म भी र्मेरे पास ही
सोओ गे कहा उसने अपनी जनचले होठ को दााँ तों से काट ते हुए कहा और
जिर एक नशीली र्मुस्कान र्मुझे दी र्मैं सर्मझ गया जक आज तो ये चुद के ही
रहे गी

उसने िटा िट से जबस्तर जबछाया और लाइट बंद करके ़िीरो पॉवेर वाला
बल्ब जला जदया र्मैने कहा ये भी बंद करदो तो वो बोली रात को कई बार
नसु राउं ड पे आ जाती है इस जलए इसको जलने दो जिर र्मैं और वो जबस्तर
पर लेट गये कुछ दे र तो वो शां त रही जिर उसने र्मेरा हाथ पकडा और
अपने बोबो पर रख जदया और दबाव डालने लगी र्मैं तो पहले से ही तैयार था
र्मैने उसकी तनी हुई चूजचयो को कस कर दबाना शुरू जकया तो उसने र्मेरी
पॅंट की ज़िप खोली और र्मेरे लंड को बाहर जनकाल जलया

और र्मेरे आं डकोर्षो को अपनी र्मुट्ठी र्मे भरकर दबाने लगी तो बडा ही र्म़िा
आया र्मुझे र्मैने उसके ब्लाउज को हुको को खोला और जिर िा भी हटा दी
और उसकी पुस्त चूजचयो पर टू ट पडा इस उर्मर र्मे भी ऐसी कसी हुई चूजचया
उििफ्फफ़ र्मैं तो पागल सा ही होने लगा र्मैं पूरे दर्म से उसके उभारों को
दबा ने लगा लक्ष्मी हौले हौले जससकाररया जनकालने लगी उपर र्मैं उसकी
चूजचयो से खेल रहा था और नीचे वो र्मेरे लंड पर आनी उं गजलयो का जादू
चला रही थी

र्मैने अपने होंठो र्मे उसके जनप्पल को दबा जलया और उस पर अपनी जीभ
जिराने लगा तो लक्ष्मी के तन बदन र्मे जबजजलया रें गने लगी वो र्मदहोश होने
लगी उसकी चूजचया उसके सेंसेजटवे पायंट्स थे 10-12 जर्मजनट तक र्मैं उसके
बोबो को ही पीता रहा आग अब बढ़ती ही जा रही थी जिर र्मैं जब उसकी
साडी खोलने लगा तो उसने र्मुझे रोक जदया और अपनी साडी को कर्मर तक
कर जलया और खुद ही पेंटी भी उतार दी

तो र्मैने उसकी योजन को अपनी र्मुट्ठी र्मे भर जलया और भीचने लगा उफ्फ
क्या गरर्म चूत थी उसकी तभी लक्ष्मी ने अपना कर्माल जदखाया और र्मेरे
उपर आते हुवे 69 र्मे आ गयी और झट से र्मेरे लंड को अपने र्मूह र्मे दबा
जलया और र्म़िे से चाटने लगी और अपनी योजन को र्मेरे चेहरे पर दबाने लगी
तो र्मैने भी उसके र्मोटे र्मोटे कुल्हो को अपने हाथो से थार्म जलया और उसकी
चूत पर अपना र्मूह लगा जदया

जैसे ही र्मेरी जीभ उसकी योजन से टकराई तो उसने अपनी जााँ घो र्मे र्मेरे चेहरे
को भीच जलया और र्मस्त हो गयी वो भी कस कर अपनी खुरदरी जीभ र्मेरे
लंड पर रगड रही थी र्मुझे लगा जक बस र्मैं तो गया कार्म से पर गजब तो जब
हुआ जब उसने अपने र्मूह र्मे र्मेरे अंडकोसो को भर जलया र्मैं तो जैसे जपघल
ही गया उस जादु ई अहसास र्मे तो र्मैने भी अब उसकी चूत को चाटना शुरू
कर जदया
कार्म रस से भीगी हुई उसकी चूत के होठ जब जब िडिडाते तो कसर्म से
बडा ही र्म़िा आता था र्मुझे तो काफ़ी दे र तक हर्म दोनो एक दू सरे के अंगो
का रस पान करते रहे जिर उसने र्मेरे लंड को अपने र्मूह से बाहर जनकाला
और जिर अपनी चूत को वहााँ पर रगडने लगी उसकी रागडाई से र्मुझे बडा
ही र्म़िा आ रहा था जिर झट से वो र्मेरे लंड पे बैठ ती चली गई कुछ ही पॅलो
र्मे पूरा लंड उसकी चूत र्मे घुस चुका था और वो करने लगी र्मेरी सवारी

उसकी झूलती चूजचया र्मेरे चेहरे से टकराने लगी तो र्मैने उनको अपने र्मूह र्मे
भर जलया और चूसने लगा तो लक्ष्मी और भी ज़्यादा र्मस्ती र्मे आ गयी और
धप धप से र्मेरे लंड पर कूदने लगी और र्मैं उसकी र्मोटी गान्ड को र्मसल्ने
लगा बडा ही र्म़िा आ रहा था जिर थोडी दे र बाद वो उतर कर लेट गयी
और र्मैं उसके उपर आ गया तो उसने खुद ही अपनी टााँ गे उठा कर र्मेरे कंधे
पर रख दी और र्मैने एक बार जिर से चूत और लंड का जर्मलन करवा जदया

अब शुरू हुवा धर्माल , र्मैं कस कस के उसकी चूत पर धक्के लगाए जा रहा


था लक्ष्मी ने बडी र्मुश्किल से अपनी आहो को दबाया हुवा था कुछ दे र बाद
र्मैं पूरी तरह से उसपर चढ़ गया और उसके होंठो को चूस्ते हुए चुदाई करने
लगा बडा ही र्म़िा भर गया था र्मेरी नस नस र्मे आधे घंटे से भी ज़्यादा दे र
तक र्मैं उसकी चूत र्मारता रहा और वो भी पूरा र्म़िा ले रही थी

अब र्मैं झडने के करीब आ गया था उसका हाल भी कुछ ऐसा ही था तभी


उसने र्मुझे कस्के अपनी बाहों र्मे दबा जलया और र्मस्ती से र्मेरे होंठो को चूस्ते
हुए अपने कार्म सुख को प्राप्त करने लगी और जिर र्मैने भी अपना गाढ़े रस
से उसकी योजन को भर जदया कुछ दे र र्मैं उसके उपर ही लेटा रहा जिर जब
वासना का तूिान शां त हुआ तो र्मैं उसकी बगल र्मे आ गया और उसके
होटो की पप्पी लेकर उसका शुजिया अदा जकया तो वो र्मेरे सीने से सट गयी
हालााँ जक र्मैं एक बार और उसको चोदना चाहता था पर उसने र्मना कर जदया
तो जिर बस सोना ही रह गया था सुबह हुई अब र्मुझे वाजपस गााँ व आना था
तो कुछ दे र और राइचंद जी से गुफ्त गु हुवी और करीब दस बजे र्मैं वहााँ से
गााँ व के जलए चल पडा

पर तभी र्मुझे याद आया जक र्मुझे बॅंक र्मॅनेजर से जर्मलना है तो र्मैं बॅंक हो
जलया असल र्मे र्मुझे र्मेरे कुछ खातो का जपछले सर्मय की ट् ॅ न्सॅक्षन डीटे ल्स
चाजहए थी तो बॅंक र्मे बडी ही दे र लग गयी कुछ पैसे भी जनकल वा जलए थे
अब काफ़ी डे टा था तो र्मॅनेजर ने कहा सर टाइर्म लग रहा है आप एक कार्म
करो अभी आप घर जाओ र्मैं 1-2 जदन र्मे पोस्ट से डीटे ल्स जभजवा दे ता ह तो
जिर बस घर ही जाना था

जिर र्मैं बॅंक से जनकला तो तीन बज रहे थे र्मैं गााँ व के जलए जनकला तो जिर
र्मुझे कुछ याद आया तो र्मैने िोन जनकाला और एक नंबर डाइयल जकया तो
उसने र्मुझे जर्मलने के जलए बुला जलया असल र्मे ये वो आदर्मी था जो कुछ
हजथयारो की व्यवस्था करने वाला था अब ये कार्म बेहद ़िरूरी था तो उस से
जिर डील होने लगी उसने कहा जक वो एक हफ्ते बाद सब कार्म कदे गा तो
कुछ पैसे अड् वान्स दे कर र्मैं गााँ व की ओर हो ही जलया

शार्म हो रही थी र्मुझे जल्दी से जल्दी घर पहुच ना चाजहए था गााँ व से थोडी ही


दू र पर जब र्मैं था तो एक आदर्मी ने हाथ के इशारे से कार को रुकवाया तो
र्मैने गाडी रोक दी वो बोला बाबूजी र्मेरे पैर र्मे चोट लगी है क्या आप र्मुझे
गााँ व तक छोड दें गे तो र्मैने कहा हााँ आजो उसके पास एक बॅग भी था तो र्मैने
सोचा जक र्मैं ही उठा कर रख दे ता ह र्मैने गाडी का गेट खोला और बाहर आ
गया पर ये तो साला गजब ही हो गया

र्मेरे बाहर आते ही झाजडयों से कुछ 7-8 लोग और बाहर जनकल आए और


र्मुझे घेर जलया र्मैने कहा लुटेरे हो लूटने आए हो तो उनर्मे से एक बोला ना
ठाकुर साहब ना ना धन ना चाजहए हर्मको आपका तो र्मैने कहा जिर क्या
चाहते हो तो वो बोला हर्मारे र्माजलक ने कहा है जक ़िरा ठाकुर साहब की
थोडी सी खाजतरदारी करके आओ तो आ गये र्मैने कहा तो ठीक है जिर
अपने र्माजलक का पता बताओ आज का जडन्नर उधर ही करता हाँ र्मैं

र्मैं अंदर ही अंदर सर्मझ गया था की आज बेटा कलदाई आ गयी है आज तो


गया तू कार्म से र्मैने िुती करते हुवे जेब से जपस्टल जनकाल ली तभी जकसी
का लात र्मेरे हाथ पर पडा और जपस्टल जगर गयी र्मैं कुछ सर्मझपाता उस से
पहले ही दना दन वार होना शुरू हो गया र्मुझ पर कुछ ररयेक्शन करने का
टाइर्म ही ना जर्मला बस जिर र्मेरी चीख ही गूंजने लगी उस वीराने र्मे

र्मैं तो प्रजतरोध भी ना कर पाया था पता नही कब र्मेरे होश गुर्म होते चले गये
जब र्मेरी आाँ ख खुली तो र्मैं हॉश्कस्पटल र्मे था आाँ खे खुलते ही र्मैने र्महॉल दे खा
जिर र्मैने आवा़ि लगाई तो नसु दौडते हुए आई और बोली अरे आप आरार्म
से रूको ़िरा जिर उसने र्मुझे बैठने र्मे र्मदद करी और डॉिर को बुलाने
चली गयी तब तक नंदू अंदर आ चुका था

उसने पानी भरी आाँ खो से र्मेरी ओर दे खा और रोने लगा र्मैने कहा पगले कुछ
नही हुआ र्मुझे बस कुछ चोट है ठीक हो जाएाँ गी जिर दे खा तो लक्ष्मी भी
अंदर आ गयी और र्मेरे पास स्टू ल पर बैठ गयी और र्मेरा हाथ पकड कर
पूछा जक ठीक हो र्मैने कहा जी ठीक ह तो पता चला जक आज 4 जदन बाद
होश आया है डॉिर ने आकर कुछ इं जेक्षन जदए

जिर पता चला जक कोई हिी तो नही टू टी पर कुछ पसजलयो र्मे चोट है और
गुर्म चोट तो पूरे शरीर र्मे ही थी तबीयत से र्मारा था सालो ने र्मुझे पोलीस ने
आकर बयान जलया तो र्मैने झूट बोलते हुए कहा जक सर र्मुझे कुछ याद नही
है शायद कुछ चोर-लुटेरे थे तो इनस्पेिर ने कहा जक ठाकुर साहब चोर
नही थे वो लोग गाडी से हर्मे 12 लाख रुपये जर्मले है अगर चोर होते तो ले
जाते पर जसफ़ु आप पर हर्मला पहले हवेली र्मे कोसीश और अब ये कुछ तो
है जो आप बता नही रहे है र्मैने कहा र्मुझे कुछ भी नही पता है और वैसे भी
ये पोलीस का कार्म है आप तहकीकात शुरू कीजजए

इनस्पेिर ने बडी घहरी ऩिरो से दे खा र्मुझे और जिर कहा जक कुछ याद


आए तो इजिला दीजजए जिर चला गया लक्ष्मी बोली र्मुझे तो पक्का यकीन है
जक नाहरगढ़ वालो न ही हर्मला करवाया है र्मैने कहा ऐसा क्यो लगता है तुम्हे
जबजक र्मुझे भी यही लग रहा था र्मैने पूछा की र्मुझे यहााँ तक जकसने पहुचेया
तो पता चला जक नंदू उसका बहनोई और उसकी बहन गााँ व आ रहे थे

तो रास्ते र्मे उन्हे र्मेरी कार जदखी उसके पास ही र्मैं बेसूध पडा था उसका
जीजा जकसी सेठ का ड्ाइवर था वो ही हॉश्कस्पटल लाया कार को जिर गााँ व
सूचना दी गयी र्मैने उन सबका धन्यवाद जकया 5-6 जदन बाद हॉश्कस्पटल से
छु ट्टी हो गयी तो र्मैं हवेली आ गया हवेली की सुरक्षा कडी हो गयी थी अब
गााँ व के लोग भी थोडा सा दु खी थे र्मेरे उपर हुवे हर्मले को लेकर
बस जदन गुजर रहे थे लक्ष्मी एक दो जदन र्मे चक्कर लगा जाया करती थी ,
चंदा तो थी ही हर्म पर पुष्पा पूरे जदल ओ जान से र्मेरी तीर्मार दारी र्मे जुटी
हुई थी अब वो 24 घंटे ही हवेली र्मे रहा करती थी कुछ ़िरूरी हो तो ही घर
जाती थी वहााँ उसकी सास तो थी ही संभालने को धीरे धीरे र्मेरी हालत र्मे भी
सुधार होने लगा था एक दोपहर पुष्पा ने र्मुझे दवाई पकडाई और बोली
र्माजलक आपको क्या लगता है कॉन ऐसी हरकत कर सकता है

र्मैने कहा कोई भी हो सकता है , र्मेरे र्मार्मा भी हो सकते है वो बोली अरे एक


जर्मजनट र्मे अभी आई र्मैने कहा कहााँ जा रही हो बताओ तो सही पर वो बाहर
दौड पडी पााँ च जर्मजनट बाद वो आई तो उसके हाथ र्मे एक जलफ़ाफ़ा था
उसने कहा जक र्माजलक जजस जदन आप सहर गये थे उस जदन नाहरगढ़ से दो
लोग आए थे और ये दे कर गये थे जिर आप पे हर्मले की खबर आई तो जिर
जदर्माग़ से जनकल गया

र्मैने कहा तू बैठ ़िरा , तो पास रखी कुसी पर बैठ गयी र्मैने वो एन्वेलप
खोला तो उसर्मे एक रजजस्ट् ी थी जजसर्मे नाहर गढ़ की िॅजर्मली ने र्मेरी वाली
़िर्मीन जो कई सालो से दबाई हुई थी वो र्मुझे वाजपस दे दी थी र्मैने 3-4 बार
वो रे जजस्ट् ी पढ़ी अब साला ये क्या हो गया ये तो बात ही घूर्म गयी र्मैने कहा
पुष्पा टे बल पे रखी डायरी र्मे से वकील साहब को िोन लगाओ और उन्हे
कल यहााँ बुलाओ

जिर र्मैने उसको सारी बात बताई तो वो बोली र्माजलक कही कोई खेल ना
खेल रहे हो वो लोग र्मैने कहा हो सकता है पर ़िर्मीन तो वाजपस करदी
उन्होने अगले जदन वकील आया तो र्मैने राइचंद जी को भी गाडी से इधर ही
बुलवा जलया जिर जवचार जवर्मशु होता रहा र्मैने कहा अब उनका धन्यवाद तो
करना ही चाजहए वैसे भी अब र्मैं काफ़ी हद तक ठीक हो गया ह

र्मुझे अब ररश्तेदारो से जर्मल ही लेना चाजहए तो राइचंद जी घबरा गये और


बोले आप वहााँ नही जाएाँ गे बस तो र्मैने उनका र्मन रखने को बोल जदया ठीक
है नही जाउन्गा पर र्मैने अपना इरादा कर ही जलया था वकील बोला र्मैं कल
ही जाकर वो ़िर्मीन अपने कब्ज र्मे ले लेता ह र्मैने कहा ठीक है

जिर र्मैं और राइचंद जी अनुर्मान लगाते रहे जक आज़िर हर्मला जकसने


करवाया क्योंजक वो घात लगा कर जकया गया वार था तो जकसी को तो पता
था ही जक र्मैं आ रहा ह साला कॉन हो सकता है अगले कुछ जदनो र्मे हवेली
के लोगो को हजथयार भी जर्मल गये थे खेतो का कार्म लक्ष्मी दे ख रही थी तो
जचंता नही थी हफ्ते भर बाद की बात है उस जदन सुबह से ही बडी बाररश हो
रही थी

तो रात तक जसलजसला चलता रहा , पर रात को बाररश तूफ़ानी हो गयी थी


रात के खाने के बाद र्मैं जकताब पढ़ रहा था तो पुष्पा दू ध लेकर आई र्मैने
पूछा बाहर लोगो का खाना हो गया तो वो बोली हााँ र्मजलक रात वाले लोग घर
से ही खाकर आते है र्मोसर्म ठं डा सा है तो र्मैं बस उनको चाइ पकडा कर ही
आई ह आज पुष्पा काली साडी र्मे बडी ही गजब लग रही थी
र्मेरे जदल पर तो कटार ही चल गयी थी उसके उस रूप को दे ख कर र्मैने
कहा पुष्पा र्मुझे तुर्मसे आज एक बात करनी है वो बोली जी कजहए र्मैने कहा
़िरा इधर तो आओ तो वो बेड के पास आकर खडी हो गयी र्मैने कहा र्मेरे
पास बैठो तो वो सकुचाने लगी पर र्मैने उसको अपने पास जबठा जलया और
उसका हाथ पकड कर बोला जक पुष्पा र्मैने कई जदन पहले तुर्मसे एक सवाल
जकया था उसका जवाब नही जर्मला र्मुझे अभी तक

उसका सुन्दर र्मुखडा लाल हो गया पर वो चुप ही रही र्मैने कहा तुम्हे तो पता
ही है र्मैं तुर्मको जदल से अपना र्मानता ह क्या तुर्म र्मुझे दोस्त होने का हक भी
नही दे सकती हो तो वो बोली र्माजलक ऐसी बात नही है पर ……. …….. र्मैने
कहा पर क्या तो वो बोली हवेली र्मे इतने लोग होते है बात खुल गयी तो र्मेरा
क्या होगा र्मैं उसकी हथेली को दबाते हुए कहा जक क्या तुम्हे भरोसा नही
र्मुझ पर

वो बोली आप कैसी बात करते है , र्मैने उसे सीधा आर्मंत्रण दे ते हुवे कहा जक
ठीक है र्मैं तुम्हारा इं त़िार कर रहा ह सारा कार्म जनपटा कर आओगी ना तो
वो उठी और दरवाजे की तरि चल पडी और वहााँ पहुच कर जब उसने र्मुझे
स्माइल दी तो र्मैं तो र्मर ही गया …… बाहर र्मोसर्म भी आज रोद्र रूप र्मे था
घनघोर बरसात हो रही थी जिर जबजली भी चली गयी र्मैं उठा और रोशनी
की जिर श्कखडजकयो के पदे लगा जदए ताजक कुछ बाहर का शोर कर्म हो जाए
र्मैने लालटे न ली और बाहर का हाल दे खने जा जनकला गेट पे जाके दे खा जक
वो लोग जो वहााँ कर्मरा बनाया था उधर बैठे थे र्मैने कहा आप आरार्म से
रहना बाररश र्मे ना भीगना तो वो बोले र्माजलक आप जचंता ना करो और
आरार्म कीजजए तो र्मैं जिर से अपने कर्मरे र्मे आ गया
तो दे खा जक पुष्पा सोिे पर बैठी है र्मैने गेट बंद जकया और उसके पास
जाकर बैठ गया और उसके हाथ को अपने हाथ र्मे ले जलया वो बोली र्माजलक
, र्मैने कहा क्या हुआ वो कहने लगी कुछ होता है र्मुझे र्मैं बस हाँ स जदया
उसकी टााँ ग से र्मेरी टााँ ग रगड खाने लगी थी र्मैं आज पूरी रात उसको भोगना
चाहता था र्मैने उसकी ठोडी को अपने हाथ से उठा कर उसके चेहरे को
उपर की ओर जकया और जबना कुछ कहे अपने होंठो से उसके होंठो को
जर्मला जलया

पुष्पा उसी सर्मय र्मेरी बाहों ने जपघल गयी र्मलाईदर होंठो को चूसने र्मे र्मुझे
बडा ही र्म़िा आ रहा था ऐसा लगा जक जैसे ता़िा ता़िा र्मलाई हो वो दस
पंद्रह जर्मजनट तक बस उसके अधरो का रास्पान ही करता रहा र्मैं जिर वो
अलग हुई र्मैने उसे खडा जकया और अपने से जचपका जलया और साडी के
उपर से ही उसकी गदराई गान्ड को सहलाने लगा एक बार जिर से र्मैं
उसको जकस करने लगा था

जिर र्मैने उस से कहा जक पुष्पा जबल्कुल भी शरर्माओ ना, वरना र्मैं तुम्हे प्यार
कैसे कर पाउन्गा र्मैने उसकी साडी का पल्लू पकडा और साडी को खोलने
लगा वो जसफ़ु ब्लाउज पेजटकोट र्मे थी वो शरर्म के र्मारे अपना र्मूह र्मेरे सीने
र्मे छु पाने लगी और र्मैने र्मोके का फ़ायदा उठाकर उसके पेजटकोट का नाडा
भी खोल जदया जैसे ही पेजटकोट उसके पैरो र्मे जगरा र्मैं तो पगला ही गया नीचे
से वो पूरी नंगी हो गयी थी

गााँ वो की औरते वैसे भी िा-पेंटी इतनी कहााँ पहना करती है र्मैं कुछ दे र
उसके चुतडों से खेलता रहा जिर उसके ब्लाउज को भी उतार जदया और
उसको बेड पर पटक जदया उसने एक चादर अपने उपर ओढ़ ली र्मैने जल्दी
से अपने कपडे उतारे और चादर र्मे घुस गया और उसके उपर आ गया
जिर एक लंबा सा जकस जकया और उसके हाथ र्मे अपना लंड दे जदया

तो उसने अपना हाथ पीछे खीच जलया तो र्मैने कहा पकडो ना इसे तो जिर
उसने र्मेरे लंड को अपनी र्मुट्ठी र्मे भर जलया और तभी उसके र्मूह से जनकल
गया ये तो बहुत ही लंबा और र्मोटा है र्मैने कहा लखन का ऐसा नही है क्या
तो वो बोली नही वो तो इस से काफ़ी छोटा है पर तभी उसे अपनी बात का
अहसास हुआ तो वो शर्माु गयी र्मैने कहा पुष्पा तुर्म खुश तो हो ना तो वो
शरर्माते हुवे बोली हााँ र्माजलक

र्मैं उसके जनचले होठ को अपने दााँ तों से काटने लगा तो वो र्मेरे लंड को
र्मसल्ने लगी पुष्पा लक्ष्मी से भी बहुत ज़्यादा हॉट और जबरदस्त पीस थी
काफ़ी दे र तक बस चूर्मना चाटना ही लगा रहा बाहर बाररश से जो ठं ड हो
गयी थी तो र्म़िा और भी बढ़ गया था जिर र्मैं अपना हाथ उसकी योजन पर ले
गया गहरे बालो से धजक हुवी गुलाबी चूत र्मैं तो दे ख कर खुश हो गया

उसकी झान्टो पर र्मैं अपनी उं गजलया जिराने लगा तो वो अपनी जााँ घो को


कसने लगी आज़िर जिर र्मैने अपनी बीच वाली उं गली उसकी चूत के अंदर
डाल दी तो वो जससकते हुवे बोली आहह र्माजलक आरार्म से ददु होता है र्मैने
कहा यार अब इस उर्मर र्मे कहााँ ददु होगा अब तो र्म़िा लेने की उर्मर है
़िरा अपनी टााँ गे थोडी सी िैला तो उसने पााँ वो को चौडा कर जदया र्मैं
आजहस्ता आजहस्ता से चूत र्मे उं गली रगडने लगा

पुष्पा भी आजहस्ता आजहस्ता से इस आग र्मे जलने लगी थी अब तन की प्यास


जब भडके तो जिर बस भडक ही जाती है चूत र्मे उं गली करते करते र्मैने
पुष्पा को जकस भी करना शुरू कर जदया उसने अपना र्मूह खोला तो र्मैं
उसकी जीभ को चूसने लगा उसके तन बदन र्मे तरं ग दौड गयी और उसने
भी अब र्मेरे लंड पर अपना हाथ चलाना शुरू कर जदया तो र्मैं भी र्मस्त होने
लगा

काफ़ी दे र की चूर्मा चाटी के बाद अब र्मैं उठा और उसकी टााँ गो को बेड के


जकनारे पर िैलाते हुवे अपने चेहरे को उसकी योजन पर झुका जलया तो वो
बोली छी र्माजलक क्या कर रहे हो गंदी जगह पर कोई र्मूह रखता है क्या तो
र्मैने कहा लखन तेरी चूत को चाट ता नही है क्या , वो बोली जी र्मैने तो आज
तक अपनी चूत नही चटवाई है र्मैने कहा जिर आज तू दे ख और र्मैने अपने
होठ उसकी गरर्मा गरर्म चूत पर रख जदए

जैसे ही र्मैने अपनी लॅप लपाती हुवी जीभ उसकी नर्मकीन योजन पर िेरी
उसके जजस्म र्मे तो भूचाल ही आ गया पुष्पा एक अंजाने से अहसास र्मे
डूबती चली गयी थी उसकी टााँ गे अपने आप चौडी होती चली गयी र्मीठा सा
टे स्ट था उसकी रस से भरी चूत रूपी कटोरी का पुष्पा की जससकाररया
बाहर बरसती बाररस की जटप जटप र्मे डूबती चली गयी थोडी दे र चूत को
चाटने के बाद

र्मैने उसके दाने को अपने होटो र्मे दबा जलया तो बस अब उसके र्मूह से आहे
ही िुट रही थी अपनी र्मां सल जााँ घो को बेड पर पटकते हुवे वो र्मुझे अपनी
चूत का रस जपलाए जा रही थी र्मैं भी उसे अच्छे से उिेजजत करना चाहता था
ताजक वो लाज शरर्म सब भूल जाए तो र्मैं दाने को चूस्ते चूस्ते चूत र्मे उं गली
करने लगा तो पुष्पा का जिर खुद पे जकसी भी तरह का काबू ना रहा
10-12 जर्मजनट तक टू ट के र्मैं उसकी योजन को पीता रहा और जिर आज़िर
उसका बदन ऐंठ गया और उसने अपने रस की नदी र्मेरे र्मूह र्मे छोड दी र्मैं
चतकारे लेते हुवे उसकी चूत से ररश्कस्त छोटी से छोटी बूाँद को भी पी गया
जिर र्मैं उठा पुष्पा अपनी आाँ खे बंद जकए बेड पर पडी थी र्मैं उसकी बगल र्मे
लेट गया और उसको पूछा र्म़िा आया वो बोली ज़िंदगी र्मे आज पहली बार
चूत चटवाई है बडा ही र्म़िा आया सुकून सा जर्मला है र्मुझे

र्मैं उसके बदन को सहलाने लगा तो थोडी दे र र्मे ही वो जिर से गरर्म हो गयी
तो र्मैने उसकी योजन पर अपने बेकाबू लंड को रखा और रगडने लगा और
जिर एक धक्का लगाते हुए सुपाडे को अंदर पहुचा जदया पुष्पा ददु से चीख
पडी और बोली रुजकये ़िरा बहुत ददु हो गया है ़िरा आरार्म से र्मैने कहा
ददु , वो बोली दो-ढाई साल बाद आज चुद रही ह

तो ददु तो होगा ही ना र्मैने कहा बस एक जर्मजनट की बात है और एक तेज


धक्का और लगा जदया अब आधा लंड उसकी बेहद ही तंग चूत र्मे घुसने
लगा उसकी चूत का छे द लंड के जहसाब से िैल गया था वो जैसे तडपने ही
लगी तो र्मैने उसके होटो को अपने होटो से जचपका जलया और थोडा थोडा
करके लंड को चूत र्मे डालने लगा कुछ दे र की कोजशश के बाद आज़िर पूरा
लंड अंदर हो ही गया

र्मेरा पूरा वजन उस पर पड गया था र्मैं लेटे लेटे उसके रसीले होटो का
र्मजदरा पान करता रहा जिर करीब 5 बाद र्मैने अपनी कर्मर जहलानी शुरू
कर दी थी अब तक उसकी चूत भी िैलकर लंड के साइ़ि की हो गयी थी
र्मैने अब उसके होठ छोडे और कहा करू ाँ तो वो बोली धीरे धीरे करो और
ददु भरी आवा़ि जनकालने लगी र्मैं उसकी गुलाबी चूजचको सहलाते हुवे

हल्के हल्के धक्को के साथ पुष्पा को चोदना शुरू जकया र्मैं बोला तेरी चूत
बहुत ही टाइट है लगता है जैसे कुाँवारी कन्या हो तो वो शर्माु गयी और बोली
कई सालो से चुजद नही ह तो टाइट हो गया है कुछ दे र र्मे उसको भी र्म़िा
आने लगा वो र्मेरी पीठ को सहलाने लगी और जिर खुद ही र्मेरी गदु न पर
अपने दााँ तों से काटने लगी बेड के नरर्म गद्दो पर हर्मारी र्मस्त चुदाई चालू हो
गयी थी

ऐसी करारी चूत की क्या बताऊ बस भोग ता ही रहं र्मैं उसको बाहर घनघोर
बरसात और अंदर बेड पर वासना का तूिान लक्ष्मी तो पुष्पा के आगे कुछ
भी नही थी पुष्पा तो खरा सोना जनकली थी कोई बता ही नही सकती थी जक
उसका बेटा 9थ र्मे पढ़ता होगा र्मैने उसकी दोनो टााँ गे उपर कर दी और
जिर उसकी लेने लगा पुर्षपा की जससकाररयााँ छत से टकराने लगी थी र्मैं
खुद उसके जजस्म की गर्मी र्मे जपघलता जा रहा था

लंड पूरा उसकी चूत से ररस्ते कार्म रस र्मे गीला हो गया था और पच पुच
करते हुवे चूत के अंदर बाहर हो रहा था पर जल्दी ही उसके बोझ से र्मैं
थकने लगा तो र्मैं उसे बेड से उठा कर सोिे पर ले आया और उसको घोडी
बना जदया सोिे पर उसकी बडी गान्ड और भी िूल गई तो र्मैं उसके कुल्हो
को चूर्मने लगा और वो अपनी गान्ड को जहलाने लगी
अब चुदती चूत से अचानक से लंड बाहर जनकाल लो तो कोई भी औरत
अधीर हो गी ही पुष्पा बोली र्माजलक अब आप रुक क्यो गये जल्दी से डालो
ना अंदर तो र्मैने उसकी बलखाती हुवी कर्मर को थार्मा और अपने नटखट
लंड को चूत र्मे डाल जदया पुष्पा इस प्रहार से आगे की ओर को झुक गयी
और जिर अपनी गान्ड को पीछे करते हुए चुदाई का लुत्फफ़ उठाने लगी र्मैं तो
खुद र्मस्ती के सागर र्मे डूबा पडा था

8-10 जर्मजनट तक र्म़िे से घोडी बनाके चोदने के बाद र्मैने उसे वही सोिे पर
जलटा जदया और उसके उपर आकर चोदने लगा पुष्पा ने अपनी टााँ गे र्मेरी
कर्मर पर लपेट दी और आाँ खे बंद करके चुदाई का र्म़िा ले ने लगी र्मैं अब
पूरी ताकत से उसको चोद रहा था बस अब आहे ही सुनाई दे रही थी और
जिर कुछ दे र बाद पुष्पा र्मुझसे जकसी बच्चे की तरह जचपक गयी

और उसकी चूत की पंखुजडया र्मेरे लंड पर दबाव डालने लगी उसका बदन
झटके खाते हुवे झडने लगा पुष्पा जिर से अपने चरर्म की ओर अग्रसर हो
गयी थी पर र्मैं अभी भी लगा हुवा था जब उसे थोडा होश आया तो वो बोली
र्माजलक आप अपना पानी अंदर र्मत जगराना वो कह ही रही थी की र्मैने
अपना लंड िॉरन छूट से बाहर खीचा और उसके पेट पर अपना गरर्म पानी
जगरा जदया और उसकी बगल र्मे पड गया

कुछ दे र बाद र्मैं उठा और अपनी जनक्कर से उसके पेट को सॉि जकया पास
रखे जग से पानी जपया और उसको भी जगलास भर के जदया जिर उसके पास
लेट गया पुष्पा र्मेरे सीने पर अपना हाथ जिराते हुए बोली र्माजलक आज तो
आपने र्मुझे ऐसा सुख जदया है जो ब्याह के पंद्रह साल र्मे कभी ना जर्मला और
र्मेरे होंठो पर एक जकस कर जदया

र्मैं उसकी चूची को सहलाते हुवे बोला पर तुर्म ऐसा क्यो कह रही थी जक दो
ढाई साल बाद चुद रही ह तो वो बोली र्माजलक ये एक ऐसी बात है जो र्मैने
जकसी से नही बताई पर आपको बता ती ह जक दरअसल जढल्लू के बापू एक
बार कार्म पर थे तो लेंटार जगर गया था तो उनकी टााँ गो पर काफ़ी चोट लगी
थी तब से ही उनकी पॉरश शश्कक्त चली गई है तो जिर र्मैने भी अपनी इच्छा
को र्मार जलया था

जिर आप आ गये और आज तो बस आपने र्मुझे अपनी गुलार्म ही बना जलया


है कसर्म र्मे र्मैं तो आपकी हो गई ह आज से र्मैने प्यार से उसके सर पर हाथ
िेरा तो वो र्मेरे सीने से लग गयी र्मैने कहा तूने लंड चूसा है तो बोली ना जी
पर आज आपका ़िरूर चुसुश्कन्ग तो जिर वो उठी और र्मेरे लंड को अपने
र्मूह र्मे ले जलया और अपनी जीभ को गोल गोल करके लंड पर जिराने लगी
तो वो भी जिर से अपने रं ग र्मे आने लगा 8-10 जर्मजनट तक वो अच्छे से लंड
को चुस्ती रही

पूरा लंड उसके थूक से सना हुआ था उसने अब अपनी टााँ गे िैलाई और
बोली र्माजलक आ जाइए अपनी दासी को जिर से र्म़िा दीजजए और र्मैं जिर
से उसको चोदने लगा हर्म दोनो एक दू सरे की जीभ को पूरी र्मस्ती से जीभ
को चूसे जा रहे थे कसर्म से ऐसी चुदाई करके र्मैं तो बडा ही खुश हो गया था
अब र्मेरे हर धक्के का जवाब वो अपनी गान्ड को उचका उचका के दे रही
थी ये चुदाई तो और भी लंबी हो गई थी उसका र्मादक जजस्म पल पल र्मेरे
हार्मोंस को और भी आश्किव करते जा रहा था
र्मैं दीवानों की तरह उसके गालो होटो गदु न को चूर्मे जा रहा था पुशा के
ना़िून र्मेरी पीठ गदु न र्मे धन्से जा रहे थे बडा ही र्मस्त आलर्म था उस कर्मरे
के अंदर पता नही जकतनी दे र तक हर्म एक जजस्म हुए रहे पर हर शुरआत
की तरह अंत भी होना ही था इस चुदाई का तो आज़िर र्मैने उसकी चूत को
अपने पानी से भर जदया और जिर पता नही कब नींद ने हर्म दोनो को अपने
आगोश र्मे ले जलया अगली सुबह जब र्मैं उठा तो दे खा जक बाररश रुक गयी
थी पर पुष्पा नही थी पूछने पर पता चला जक वो घर गयी थी र्मैं बाहर आया
तो दे खा जक चंदा बरार्मदे र्मे पोछा लगा रही थी उसने साडी को जााँ घो तक
जकया हुआ था तो ठोस जां घे जैसे जनर्मंत्रण दे रही हो और जिर उसके
ब्लाउज से बाहर को झााँ कते आधे उभारों का तो कहना ही क्या सुबह सुबह
ही र्मेरे लंड र्मे जिर से तनाव आने लगा

तो र्मैं उसको इग्नोर करते हुए बाथरूर्म र्मे घुस गया नहा कर आया तो वकील
साहब आए थे उन्होने बताया जक ़िर्मीन पर कब्जा ले जलया गया है जबना
जकसी परे शानी के पर वहााँ पर कई एकड र्मे अफ़ीर्म खडी है उसका क्या
करना है र्मैने कहा या तो उसको उन्ही को दे दो या जिर जला दो र्मैं नही
चाहता जक जकसी को उसकी लत लगे जिर उसने बताया जक शहर र्मे भी
एक र्मॅरेज हॉल है जो सालो से बंद पडा है कई पाटी है उसको खरीदने को
तैयार

और अच्छा ़िासा पैसा भी जर्मल जाएगा अगर आप कहे तो र्मैं बात करू र्मैने
कहा हााँ ठीक है आप दे ख लेना जिर कुछ हो तो र्मुझे बता दे ना बाप दादा
इतना कुछ छोड गये थे जक र्मुझसे सम्भल ही नही रहा था र्मैं नाहरगढ़ जाना
चाहता था एक बार पर राइचंद जी के दबाव की वजह से जा नही पा रहा था
लंच ़ितर्म जकया ही था जक थाने से इनस्पेिर साहब आ गये

र्मैने आने का सबब पूछा तो उन्होने बताया जक ठाकुर साहब बात दरअसल
ये है जक कुछ जदनो र्मे बलदे व का र्मेला लगेगा तो दोनो गााँ वो के लोग र्मेला
दे खने आएाँ गे र्मैने कहा जिर उसर्मे क्या है जो रीत है उसे चलने दो वो बोला
आप पहले र्मेरी बात सुने ़िरा , बात ये है जक पुराने जर्माने र्मे रीत चली आ
रही है जक ठाकूरो की तरि से दे वता को बजल दी जाती है

बरसो से आपके पुरखे ये परं परा जनभा रहे थे जिर जब हवेली र्मे वो घटना
हुवी तो उसके बाद से जवजय स्वरूप नाहरगढ़ के ठाकूरो ने बजल दे ना शुरू
कर जदया र्मैने कहा तो जिर र्मैं क्या करू
ाँ वो बोला आप सर्मझ नही रहे है
अब हालत पहले जैसे नही है अब आप आ गये है तो आपका अजधकार है वो
पर उधर से वो लोग भी ज़िद करें गे तो कही शां जत-व्यवस्था जबगड ना जाए

र्मैने कहा आप की ज़िर्मेदारी है सुरक्षा की आप अपना कार्म कीजजए वो बोला


क्यो र्म़िाक करते है ठाकुर साहब अब आप लोगो के सार्मने हर्मारी क्या
चलती है बस आपसे गु़िाररश है जक र्मार्मले को जबगडने ना दे ना र्मैने कहा
ठीक है दे खता ह क्या कर सकता ह इनस्पेिर के जाने के बाद र्मैं सोचने
लगा र्मुझे र्मोका जर्मल गया था अपने ररश्तेदारो से आर्मना सार्मना करने का

र्मैने लक्ष्मी को तुरंत बुलावा भेजा और कुछ दे र बाद वो र्मेरे साथ थी र्मैने
कहा र्मेला लगने वाला है तो हर्मारी तरि से दे वता को कुछ भेंट चढ़ाई जाए
वो सुकचाते हुवे बोली दे व तो आज़िर तुम्हे पता चल ही गया पर हर्म ऐसा
नही कर सकते अगर तुर्म वहााँ जाओगे तो तुम्हे दु श्मनो की चुनोती स्वीकार
करनी पडे गी और अभी तुर्म पूरी तरह से ठीक नही हुए हो

र्मैने कहा तुर्म ़िख़्मो की जचंता ना करो और वैसे भी ़िख़्म तो क्षजत्रयो का


गहना होता है तुर्म आज शार्म ही गााँ व र्मे र्मुनादी करवा दो जक इस बार दे वता
को बजल ठाकुर दे वराज जसंग चढ़ाएाँ गे लक्ष्मी बोली सोच लो दे व ये बात
र्म़िाक की नही है बश्कल्क प्रजतष्ठा की है अगर तुर्म कार्मयाब ना हुए तो
अजुुनगढ़ का सर झुक जाएगा र्मैने कहा जो होगा दे ख लेंगे

जिर र्मैने गााँ व से सुनार को बुलवाया और कहा जक दे वता को सोने का छात्र


चढ़ाएाँ गे इं त़िार्म करो , और हलवाई को र्महा प्रसाद बनाने का हुकर्म जदया
अब र्मुझे इं त़िार था बस र्मेले के जदन का जो अभी थोडा दू र था शार्म को र्मैं
नदी जकनारे बैठा था तो जदल्लू आया बोला हुकुर्म आप इस बार बजल चढ़ाने
वाले है र्मैने कहा हााँ तो वो बोला ये बडा अच्छा जकया आपने वरना हर बार
हर्मे शजर्मिंदा होना पडता है उनके सार्मने र्मैने कहा इस बार नही होगा तू

तो वो र्मुस्कुराया और र्मेरे ही बैठ गया वो बोला आप रोज यहााँ आते है र्मैने


कहा नही जब र्मैं उदास होता ह तभी इधर आता ह उस से बाते करते अंधेरा
सा होने लगा था तो जिर वो बोला र्मैं अब चलता ह घर पर र्मैं उधर ही बैठा
रहा सच तो था जक र्मुझे ये अकेला पन काट ता था कभी कभी तो र्मन र्मे
आता था जक सब कुछ बेच कर र्मैं वाजपस लंदन चला जाउ पर अब तो जीना
भी यही और र्मरना भी यही पर
जिर र्मैं भी हवेली आ गया , जडन्नर र्मे अभी दे र थी तो र्मैं उपर की तरि
चला गया आज र्मैने एक और कर्मरे को खोल जदया और सर्मान को दे खने
लगा तो र्मुझे एक अलर्मारी र्मे गहनो के कई बॉक्स जर्मले सोने चााँ दी हीरे हर
तरह की ज्वेल्लरी थी उसर्मे र्मैने जिर उनको साइड र्मे रख जदया और वहााँ
दीवारों टन्गी तलवारो को दे खने लगा

कुछ अब वक़्त की रे त के असर से जंग खा गयी थी और कुछ ऐसी थी जैसे


बस आज ही खरीदी गयी हो एक तो बडी ही सुन्दर थी चााँ दी की र्मूठ वाली
र्मैने उसे र्मेज पर रख जदया जिर एक अलर्मारी र्मे कुछ तस्वीरे जनकली जो
अब बस नार्म की ही रह गयी थी र्मैं उन्हे दे खने लगा पर कुछ सर्मझ नही
आया क्योंजक वो काफ़ी पुरानी थी पर थी तो र्मेरे अपनो की ही

जिर दरवाजे पर दस्तक हुवी तो र्मैने दे खा जक पुष्पा थी वो बोली र्माजलक


भोजन तैयार हो गया है आप को बुलाने आई थी र्मैने कहा ़िरा इधर आओ
और उसको वो गहने जदखाते हुवे कहा जक जो भी तुम्हे पसंद आए रख लो
कुछ लम्हो के जलए तो वो गहनों को दे ख कर र्मंत्रर्मुग्ध हो गयी पर जिर
बॉक्स को वाजपस रखते हुवे बोली नही र्माजलक र्मुझे कुछ नही चाजहए

र्मैने उसे बार बार कहा पर उसने नही जलए तो जिर हर्म नीचे आ गये जडन्नर
के बाद वो बोली र्माजलक दू ध ले लीजजए र्मैने कहा बैठो ़िरा और उस से बाते
करने लगा र्मैने पुष्पा से पूछा जक र्मुनीर्म जी और उनके पररवार के बारे र्मे
बता कुछ तो वो बोली र्मैं क्या बताऊ र्मैने कहा जैसे जक गाव के लोगो के
प्रजत उनका व्यवहार कैसा है , जब र्मैं नही था तो हवेली वो ही तो संभालते थे
ना बस इसी जलए पूछ रहा ह
वो बताने लगी जक र्मुनीर्म जी तो भले र्मानस है पर लक्ष्मी बडी ही तेज औरत
है , हरदर्म बस रोब झाडती रहती है और कई औरतो से उसका लडाई
झगडा चलता ही रहता है तो गााँ व के कर्म लोग ही उसके र्मूह लगते है कभी
जकसी ने र्मुनीर्म जी से सूद पर रुपया ले जलया और टाइर्म पर ना दे सका तो
जिर बस लक्ष्मी के ड्ार्मे दे खो ना जाने जकतने ग़रीबो की ़िर्मीन दबा कर
बैठी है

और बेटी के बारे र्मे तो आप जानते ही है र्मैने कहा हााँ तो वो बोली पर एक


बात और है जो आपको नही पता र्मैने कहा क्या बता ओ ़िरा तो वो बोली
र्मुनीर्म जी का एक बेटा भी है जो बाहर कहीं पर पढ़ाई करता है सुना है जक
वकील का कोसु कर रहा है र्मैने कहा यार पर उन्होने तो कभी बताया नही
इस बारे र्मे , पुष्पा बोली र्माजलक लक्ष्मी बडी ही घाग औरत है र्मैं तो बस
इतना ही कहाँ गी जक आप उसे ज़्यादा र्मूह ना लगा ना जब से र्मुनीर्म जी खाट
र्मे पडे है लक्ष्मी के तो सुर ही बदल गये है

र्मैने कहा ठीक है र्मैं ध्यान रखूाँगा पर अभी तू र्मेरा ध्यान रख और उसको
अपनी गोद र्मे उठा जलया तो वो बोली र्माजलक वैसे तो र्मेरी हजसयत नही है
जक र्मैं आपको र्मना कर सकूाँ पर र्मैं चाहती ह जक र्मेले के बाद जब आप
जवजयी होकर आए तो र्मैं आप के साथ सोऊ र्मैने कहा ठीक है तेरी
िरर्माइश है तो पूरी करनी ही पडे गी तो जिर वो रसोई र्मे चली गयी और र्मैं
सोचने लगा जक कही र्मेरे र्मार्मा लोग कोई साजजश तो नही बुन रहे र्मेरे
श्कखलाि
पर जो भी था अब इं त़िार था र्मेले के जदन का र्मैने सब कुछ उपर वाले के
हाथ र्मे छोड जदया पर हक तो र्मेरा ही था ना बजल दे ने का र्मैं कुछ उलझ सा
गया था अपने ही सवालो के घेरे र्मे पर ऐसा कोई था नही जो र्मुझे र्मेरे सवालो
के जवाब दे सके तो बस यही सब सोचते सोचते र्मैं सो गया दो जदन बस
उधेडबुन र्मे ही जनकल गये और आज़िर वो जदन आ ही गया र्मेरी तरि से
सब तैयारी पक्की थी र्मेले वाले जदन र्मैने तडके र्महादे व र्मंजदर र्मे पूजा की
और र्महादे व जी से आशीवाु द जलया आज तो जैसे सारा गााँ व ही आरती र्मे
उर्मड आया था हालााँ जक र्मुझे अंदर ही अंदर घबराहट हो रही थी पर शायद
ठाकूरो का खून र्मेरी नसों र्मे उबलने लगा था

र्मैने आज कुताु और धोती पहनी थी जजसर्मे बडा ही तेजस्वी लग रहा था ऐसा


लक्ष्मी ने र्मुझे बताया था तो जिर र्मैं चल पडा वन्दे व के र्मेले र्मे अब सुबह
सुबह ही थी तो इतनी भीड भी नही थी पर र्मंजदर के कपाट खुले हुवे थे र्मैं
र्मंजदर के अंदर गया और पुजारी को अपना पररचय जदया और अपने आने
का उद्दे श्य बताया तो वो कुछ सकुचाते हुए से बोले जक ठाकुर साहब
नाहरगढ़ के लोग अब इस परं परा को जनभा रहे है

र्मैने कहा पर हक तो र्मेरा है ना तो जिर वो कुछ नही बोले र्मैने कहा आप


बजल की तैयारी करवाईए अब पुजारी की कहााँ इतनी जहम्मत जक वो र्मुझे
र्मना कर सके तो आज़िर र्मंजदर र्मे तूजत्न बज ही गयी ये संकेत था जक दे वता
के जलए बजल की तैयाररया शुरू हो गयी है आस पास के सारे इलाके र्मे इसी
बात को लेकर बडा ही कौतूहल था तो धीरे धीरे पूरा प्रां गण ही भीड से भरता
चला गया
ये बात र्मुझे भी र्महसूस हुई जक र्मेले र्मे लोगो का ध्यान ना होकर बस इसी
बात र्मे था जक बजल कॉन चढ़ाएगा लक्ष्मी र्मेरे पास आई और बोली जक दे व ना
जाने क्यो र्मेरा र्मन बडा ही घबरा रहा है कल रात से र्मैने कहा तुर्म ऐसे ही
टे न्र्षन ले रही हो सब ठीक ही होगा र्मैं और लक्ष्मी बाते कर ही रहे थे जक
तभी एक सेव्ड सफ़ारी गाडी र्मंजदर की सीजढ़यो पर आकर रुकी

और एक र्मेरी ही उर्मर का नोजवान बडे ही गुस्से र्मे उतरा और चीखते हुए


बोला जक कॉन है दे व ठाकुर जो यहााँ आया है अपना शीश दान करने र्मैने
लक्ष्मी को पीछे जकया और तेज तेज कदर्मो से सीजढ़या उतरने लगा और
उसके सार्मने जाकर खडा हो गया र्मैने कहा र्मैं ही हाँ दे व, और तू जो भी है
तर्मी़ि से ठाकुर साहब बोल तो उसने अपनी बंदूक र्मेरे सीने से सटा दी और
बोला तू र्मुझे तर्मी़ि जसखाएगा जानता भी है जक र्मैं कॉन ह

र्मैने शां त स्वर र्मे कहा बंदूक को हटा ले अगर तुझे चलानी होती तो आते ही
सीधा िाइयर कर दे ता और वैसे भी ये दे ख जक तेरे सार्मने कॉन खडा है तो
वो झुंझलाते हुवे बोला जक र्म र्मैं नाहरगढ़ का युवराज ह र्मैने कहा अच्छा तो
तू है अफ़ीर्म की खेती वाला र्मेरा िार्मुहाउस तो चुपचाप वाजपस कर गया था
जा आज दे वता का जदन है चला जा कहीं ऐसा ना हो जक दे व के हाथो कुछ
ग़लत हो जाए

तभी वो हं सता हुवा बोला तकदीर वाला हाँ जो जक अजुुनगढ़ के आज़िरी


ठाकुर का खून बहाने का सोभाग्य र्मुझेही जर्मलेगा आज तू दे खना ये आसर्मान
भी रुदन करे गा और र्मरने से पहले तू ़िरूर ये र्महसूस करे गा की कैसे र्मेरे
खानदान ने तेरे घरवालो को तडपा तडपा कर के र्मारा था आज जिर से
इजतहास दोहरा या जाएगा वो चीखते हुवे बोला जक गााँ व वालो
आज अजुुन गढ़ का आज़िरी ठाकुर भी हलाल हो जाएगा क्या जकसी ने इसे
नही बताया था जक कैसे इसके चाचा का सर काट कर हर्म ने दरवाजे पर
टां क जदया था र्मैं ही बचा हुआ था पर आज इसको र्मारकर र्मैं भी अपना
परािर्म साजबत कर दू ाँ गा उसकी बाते सुनकर र्मेरे जजस्म का अंग अंग गुस्से
से िडकने लगा था , िोध की ज्वाला से र्मैं जलने लगा था

र्मैने एक र्मुक्का उसके र्मूह पर दे र्मारा तो वो पीछे की ओर िीक गया और


ठीक उसी पल र्मैं उसकी छाती पर सवार हो गया और उसके चेहरे पर
र्मुक्को की बरसात कर दी र्मेरी आाँ खो र्मे जैसे खून सा उतर आया था पर
उस टाइर्म वो झडप कुछ ही दे र र्मे ़ितर्म हो गयी क्योंजक थानेदार साहब ने
हर्म को अलग कर जदया पोलीस हर्मारे बीच आ गयी थी र्मैने कहा कसर्म है
र्महादे व जी की बजल तो र्मैं ही चढ़ाउं गा और कोई रोक सके तो रोक ले ये
ठाकुर दे व की ़िबान है अगर नाहरगढ़ र्मे जकसी र्मााँ ने कोई सूरर्मा पैदा
जकया है तो आए दे व की तलवार आज बरसो की प्यास को बुझाएगी िोध से
र्मेरा अंग अंग कां प रहा था थानेदार र्मुझे सर्मझाते हुए बोला ठाकुर साहब
र्मेरी जवनती है आप बात को ना बढ़ाइए इतनी िोसु भी नही है और जिर
लडाई का काला र्माथा आप जाने दीजजए ,र्मैने कहा ना जी ना अब तो जो
होगा वो होकर ही रहे गा ये साला इजतहास को दोहराएगा ये हवेली की शान
र्मे गुस्ता़िी करे गा र्मुझे पता ही नही था जक गुस्से र्मे र्मैं क्या क्या बोल रहा था

तभी कुछ और गाजडया आकर रुकी तो र्मेरा ध्यान उधर ही चला गया तो र्मैने
दे खा जक गाडी से एक पुरुर्ष और र्मजहला उतरी तो लक्ष्मी र्मेरे पास दौडते हुए
आई और बोली दे व तुम्हारे र्मार्मा और र्मार्मी जी है बेशक दु श्मन है पर तुर्म
पहली बार जर्मल रहे हो तो थोडा जज्बातो पर काबू रखना
र्मार्मा र्मार्मी के चेहरे तेज से चर्मक रहे थे वो सीजढ़या चढ़ते हुए र्मेरी ही ओर
आ रहे थे थानेदार ने उनको सलार्म ठोका और बोला वो ठाकुर साहब वो वो
………… ………….. …….. तो उन्होने अपना हाथ उठा कर उसे चुप करवा
जदया और सीधा र्मुझसे र्मुखाजतब होते हुए बोले दे व…….. आाँ खे ही तरस गयी
थी तुम्हारी एक झलक दे खने को और उन्होने अपना हाथ र्मेरे सर पे रख
जदया तो र्मैने लक्ष्मी की तरि दे खा उसने र्मुझे शां त रहने को इशारा जकया
र्मार्मा बोले दे व जबल्कुल ही अपने जपता की तरह जदखते हो बस आाँ खे तुम्हारी
र्मााँ जैसी है , पता तो लग गया था जक तुर्म आ गये हो, कब से इच्छा थी जक
तुम्हे दे खें पर आ ही नही सके पर र्मैं शां त खडा रहा तभी पुजारी ने आकर
कहा जक बजल का सर्मय हो गया है

र्मैने कहा चजलए पुजारी जी, और र्मैं दो कदर्म ही बढ़ा था जक पीछे से जकसी
ने र्मेरे कंधे पर हाथ रख कर रोक जलया , र्मैं र्मुडा तो र्मार्मा जी ने कहा जक
रूको दे व बजल चढ़ाने का हक तुम्हारा नही है बश्कल्क तुम्हारे भाई का है और
अपने बेटे को बुला जलया र्मैने उनका हाथ अपने कंधे से हटाया और उनकी
आाँ खो र्मे दे खते हुवे बोला जक र्मार्मा जी बजल तो र्मैं ही चढ़ाउं गा बाकी आप
जाने

र्मार्मा बोले बच्चे ज़िद नही करते जाओ लौट जाओ र्मैने कहा दे व को बात
दोहराने की आदत नही है बजल तो आज ठाकुर वीरभान का बेटा ही
चढ़ाएगा जकसी र्मे दर्म है तो रोक ले तो उन्होने कहा तो जिर ठीक है आज
फ़ैसला हो ही जाएगा दोनो घरानो के युवराज इधर ही है तो जिर हो ही जाए
र्मुकाबला ़िरा हर्म भी तो दे खे की हवेली के अंजतर्म जचराग र्मे जकतनी लौ
बाकी है
ना जाने क्यो उसकी बात र्मुझे चुभ सी गयी, र्मैने कहा र्मर्माजी अब भी सर्मय
है कदर्म पीछे हटा लो वरना जिर र्मुझे दोर्ष ना दे ना तो वो बोले कल के लोंडे
हो और जिर तुम्हे पता ही क्या है , र्मैने कहा तो जिर ठीक है हो ने दो जो
होता है तो ये तय हो गया जक र्मल्लयुध र्मे जो जीतेगा वो ही बजल चढ़ाने का
अजधकार पाएगा पुजारी ने हर्म दोनो योधाओ का जतलक जकया

और जिर शुरू हो गया र्मुकाबला जो जकसी एक के रक़्त से ही ठं डा होना था


र्मार्मा की उपहास उडाती ऩिरे र्मेरे जदल र्मे घाव करती चली गयी और र्मेरा
गुस्सा बढ़ने लगा र्मुकाबला बराबर का सा ही था ताकत र्मे वो र्मेरे जैसा ही
था पर बस र्मैं उस से लंबाई र्मे कुछ ज़्यादा था कभी वो प्रहार करे कभी र्मैं
र्मेरा ़िरा सा ध्यान भटका और उसने ऐसा प्रहार जकया र्मेरे पेट र्मे जक बस र्मैं
तो बुरी तरह से तडप कर ही रह गया आाँ खो के आगे तारे नाच गये और र्मैं
़िर्मीन पर जगर पडा तो उसने कई लात र्मेरी कॉल र्मे लगा दी र्मैं ददु से
दोहरा होता चला गया उसने र्मुझे खडा जकया और दना दन 4-5 र्मुक्के नाक
पर जड जदए तो नाक िट गयी और खून का िव्वारा बह चला नाहरगढ़ के
लोग जय जय कर करने लगे जब थोडा सा ददु कर्म हुआ तो र्मैं उसके
प्रहारो को रोकने लगा

अब र्मेरी बारी थी तो र्मैं उसे पीटने लगा उसके कान को िाड जदया र्मैने तो
वो भी चीत्कार करने लगा र्मैने उसकी छाती र्मे लात र्मारी तो वो दू र जा जगरा
और तडपने लगा र्मेरी नाक से बहता खून र्मेरे गुस्से को और भी भडका रहा
था तो र्मेरा जदर्माग़ बुरी तरह से खराब हो गया र्मैने उसको जिर लात और
घूाँसो से धर जलया और उसकी िुटबॉल बना दी र्मैने र्मार्मा जी के चेहरे पर
घबराहट के भाव दे खे अब बारी थी अजुुनगढ़ के लोगो की जयकारा लगाने
की
र्मेरे र्मन र्मे आई जक चल छोड अब साले को कहीं र्मर ना जाए पता नही उस
एक पल को कैसे र्मेरे र्मन र्मे दया आ गयी और ठीक उसी पल उस कर्मीने
ने धोखा करते हुए र्मेरी आाँ खो र्मे धूल जगरा दी तो र्मैं रे त आाँ खो र्मे जाते ही
तडप उठा कुछ दे र के जलए र्मैं तो जैसे अाँधा ही हो गया उसी पल का लाभ
उठाते हुवे उसने तलवार ले ली और जिर र्मेरी पीठ पर वार कर जदया

र्मेरे गले से एक तेज चीख उबल पडी और र्मेरी पीठ पर एक लंबा घाव होता
चला गया एक तो आाँ खो से कुछ जदख नही रहा था और दू सरी तरि उसके
पास पूरा र्मोका था अगला वार र्मेरे पााँ व पर हुवा और र्मैं धरती पर जगर पडा
लगा जक जैसे टााँ ग तो कट ही गयी र्मेरी जिर कुछ लाते और पडी र्मुझ पर तो
र्मेरी जघग्गी बाँध गयी वो अट्टहास करता हुआ बोला दे खो गााँ व वालो ये है
ठाकूरो का वाररस दो पल र्मे ही ढे र हो गया ये लेगा बदला अपने पररवार का
ये आया है दे खो इसे

उसने अपना पााँ व र्मेरी छाती पर रख जदया और र्मुझे र्मसिे हुवे बोला दे व
ठाकुर बडा दं भ भर रहे थे तुर्म बडी गाथा गा रहे थे तुर्म क्या हुआ जनकल
गयी सारी हे कडी तू तो शेर की खाल र्मे बकरी जनकला रे कुछ तो जख़्मो का
ददु और कुछ आाँ खो र्मे तेज जलन हो रही थी र्मैने कहा हे र्महादे व जी लाज
रखना र्मेरी अब तो आप ही र्मदद करो र्माजलक

उसने जिर से र्मुझ पर वार जकया तो लगा जक जैसे जकसी ने छाती र्मे जर्मचु
भर दी हो र्मैं बुरी तरह से ददु से जबलजबयाने लगा उसने कुछ र्मुक्के लात
और बरसाए र्मुझ पर और जिर र्मुझे उठा कर िेक जदया और बस यही पर
दे वता की करपा हो गयी र्मुझ पर जब उसने र्मुझे िेका तो र्मैं पशुओ के जलए
बनाई गयी पानी की खेली र्मे जा जगरा और आाँ खो का कचरा पानी ने सॉि
कर जदया

र्मैं र्महादे व जी जक जय बोलता हुवा पानी से बाहर आया बदन तो जैसे ददु से
जबखर ही रहा था पर र्मैं उस ददु को पी ही गया उसकी कही हर एक बात
र्मेरे प्रजतशोध की अजग्न को धधका रही थी जैसे ही उसने अबकी बार तलवार
लहराई र्मैने उसका हाथ पकड जलया और दू सरे हाथ से एक घूाँसा उसकी
पसजलयो र्मे जड जदया तलवार उसके हाथ से छूट गयी तो र्मैने उठा ली

अगले ही पल र्मैने उसकी कलाई पर वार जकया तो खून की धारा बह


जनकली र्मैने रुदन जकया और उसको उठा कर पटक जदया और उसके उपर
टू ट पडा र्मैने कहा धनंजय उठ आज तू दे खे गा जक नरक की यातना कैसी
होती है आज तू साक्षात र्मरत्युदेव को अपनी आाँ खो से दे खे गा र्मैं उसकी छाती
पर चढ़ गया और बस र्मारता ही रहा उसको र्मारता ही रहा उसकी छाती को
िाड जदया र्मैने रक्त उसके पूरे जजस्म से बह रहा था पर प्राण अभी बाकी थे
उसके

रक्त तो र्मेरे ़िख़्मो से भी काफ़ी बह रहा था पर अब र्मुझे जकसी भी जख्म


की कोई परवाह नही थी र्मैने उसकी टााँ ग पकडी और उसे घसीट ते हुए
र्मंजदर की सीजढ़या चढ़ने लगा और र्मैं र्मंजदर र्मे आ ही गया अब र्मैने तलवार
उठाई और भयनकर रुदन करते हुवे बोला धनंजय आाँ खे खोल दे ख दे व
ठाकुर आज तेरे सर की बजल चढ़ाएगा दे ख कजर्मने उठ र्मैने उसको लात
र्मारी और कहा साले उठ , उठता क्यो नही आाँ खे खोल र्मैं बस उसका सर
काटने ही वाला था जक
र्मेरी र्मार्मी भागते हुए आई और र्मेरे पैरो र्मे जगर गयी और रोते हुवे बोली दे व,
बेटे रुक जाओ , भगवान के जलए रुक जाओ इसे बख्स दो भाई है ये तुम्हारा
र्मैं तुर्मसे र्मािी र्मां गती ह एक र्मााँ तुर्मसे अपने बेटे के प्राणो की भीख र्मां गती
है , उसने अपना आाँ चल र्मेरे पााँ वो र्मे िैला जदया पता नही र्मुझे क्या हुआ
र्मैने कहा ले जाओ इसे और आगे से कह दे ना इस से जक अपनी हद र्मे रहे

दे व का नाहरगढ़ पर ये एहसान है वातावरण र्मे एक अलग सा ही डर सा छा


गया था र्मैने जचल्लाते हुवे पुजारी से कहा जक आओ और बजल दने की रस्म
को पूरा कवाु ओ तो उसने तुरंत ही र्मंत्रोचारण शुरू कर जदया और र्मैने बजल
चढ़ा दी पर हालत र्मेरी भी कुछ ज़्यादा अच्छी नही थी तो बस जिर लक्ष्मी ने
र्मुझे संभाला और हवेली ले आई डॉिर पहले ही आ चुका था उसने घाव को
सॉि जकया और कुछ घाव पर टााँ के लगाए और कुछ पर दवाई लगा कर
पट्टी बााँ ध दी वो बोला शूकर है ठाकुर साहब ़िख़्म ज़्यादा गहरे नही है पर
पााँ व र्मे जो घाव लगा है उसका जवशेर्ष तोर पर ध्यान रखना और अभी कुछ
जदन आरार्म ही करे आप तो बेहतर रहे गा

डॉिर के जाने के बाद लक्ष्मी बोली दे व, जो भी हुआ अच्छा नही हुआ अब


हर्मे और भी चोकस रहना होगा आज तुर्मने बरसो से दबी जचंगारी को हवा दे
दी है भगवान ही जाने अब क्या होगा र्मैं तुम्हारी सुरक्षा को और भी चोकस
करवा दे ती ह आज से ही कर्म से कर्म 20-30 लोग तो हर्मेशा ही तुम्हारी
सुरक्षा र्मे रहें गे र्मैने कहा जिलहाल इसकी ़िरूरत नही है तुर्म बस र्मेरा एक
कार्म करो

थोडी दे र र्मेरे साथ यू ही रहो र्मुझे ददु हो रहा है तुर्म साथ रहोगी तो आरार्म
रहे गा तो लक्ष्मी बोली दे व अभी र्मुझे जाना होगा र्मुनीर्म जी सुबह से ही
अकेले है और तुर्म तो जानते ही हो जक आजकल उनकी तबीयत भी ठीक
नही रहती है पर र्मैं जल्दी ही वाजपस आ जाउन्गी र्मैने कहा ठीक है लक्ष्मी के
जाते ही थोडी दे र बाद पुष्पा हल्दी वाला दू ध ले आई बोली र्माजलक इसे पी
लीजजए आरार्म जर्मलेगा

र्मैं दू ध पीने लगा वो वही पर बैठ गयी और बोली हुकुर्म र्मेरा तो जदल ही
जनकल आया था आज जब आप की पीठ पर तलवार का वार हुआ था र्मैने
कहा छोटी सी चोट है ठीक हो जाएगी वो बोली र्माजलक पूरी पीठ इतनी
गहरी जचर गयी है और आप कह रहे है जक छोटी सी है बडे ही जीवट वाले है
आप
र्मैं हल्का सा र्मुस्कुरा जदया पर उस र्मुस्कान र्मे भी ददु था जजसे र्मैं छु पा ना
सका

र्मैने कहा पुष्पा , जब जबन र्मााँ गे उन लोगो ने र्मेरी ़िर्मीन वाजपस कर दी तो


जिर बजल को लेकर ऐसा क्यो हुआ इस घटना से र्मैं उलझ सा गया ह तो
पुष्पा बोली र्माजलक र्मैने भी एक बात पर गोर जकया जक र्मंजदर र्मे आपके
छोटे र्मार्मा और उनका पररवार ही था पर बडे वाले ठाकुर नही जदख रहे थे ,
र्मैने कहा उनसे बडे भी हैं क्या वो बोले हर्म उनका नार्म राजेंदर है

र्मैने कहा हो सकता है जक कुछ गडबड हो पर इन सवालो के जवाब आज़िर


है कहााँ वो बोली र्माजलक अब र्मैं क्या जानू र्मैने कहा पुष्पा तू कुछ जदन इधर
ही ठहर जाएगी क्या तो वो बोली ये भी कोई कहने की बात है क्या जब तक
आप की सेहत सुधर नही जाती र्मैं इधर ही ह आपकी सेवा र्मे जदन रात तो
दोस्तो 6-7 जदन गुजर गये इलाज जारी था पर उस दोपहर कुछ अलग ही हो
गया

र्मैं खाना खा कर आरार्म ही कर रहा था जक पुष्पा भागते हुए आई और बोली


जक हुकुर्म ़िरा बाहर आइए र्मैने कहा क्या हुआ क्यो परे शान कर रही हो तो
पुष्पा हान्फते हुवे बोली जक र्माजलक वो वो आपके बडे र्मार्मा और र्मार्मी आए
है र्मैने कहा पर वो यहााँ क्यो आए है तो वो बोली र्माजलक गाडी गेट पर ही
रुकी है कहो तो वाजपस कर दू ं र्मैने कहा अरे ना रे , घर पे आया दु श्मन भी
र्मेहर्मान होता है

तो उनको आदर से र्मेहर्मान खाने र्मे जबठाया जाए और अच्छे से उनके जलए
जलपान की व्यवस्था की जाए अब वो खुद चल कर आए है तो र्मेहर्मान
नवा़िी तो बनती ही है और बाहर से बाबा को बुला लाओ ताजक वो र्मुझे
र्मेहर्मान खाने तक ले चले तो वो सर जहलाते हुवे बाहर चली गयी और जिर
बाबा की सहायता से र्मैं भी र्मेहर्मान खाने र्मे आ गया र्मार्मा राजेंदर बडे ही
ओजस्वी थे गवु जैसे साक्षात झलक रहा था उनके र्मुख से और वैसा ही तेज
र्मार्मी जी का था

र्मैने हाथ जोड कर उनको प्रणार्म जकया और सोिे पर बैठ गया उनसे ये
पहली र्मुलाकात थी तो र्मैं थोडा सा नवुस सा हो रहा था र्मार्मी उठी और प्यार
से र्मेरे सर पर हाथ िेर कर बोली दे व अब तबीयत कैसी है तुम्हारी र्मैने कहा
जी ़िख़्म ता़िा है तो बस ददु ही होता रहता है पर उम्मीद है जल्दी ही भर
जाएाँ गे तभी उनका ड्ाइवर और हर्मारे दो आदर्मी कई सारी जर्मठाइयो के
डब्बे और उपहार ले आए र्मार्मा बोले दे व ये कुछ भेंट है तुम्हारे जलए र्मैने
कहा अरे इसकी क्या ़िरूरत थी तो वो बोले अब बहन के घर आए है तो
खाली हाथ कैसे आ सकता था तभी पुष्पा नाश्ता लेकर आ गयी तो र्मैने उन्हे
नाश्ता करने को कहा सच बताऊ तो पहली ऩिर र्मे बडे ही सज्जन से लगे
र्मुझे तो जिर नाश्ते के बाद जिर से बातों का जसलजसला शुरू हो गया वो
बोले

सूचना तो कई जदन पहले ही जर्मल गयी थी जक तुर्म जवलायत से वाजपस आ


गये हो पर फ़ुसु त ही ना जर्मली कुछ कार्मो र्मे इतना उलझे पडे थे जक बस
चाहकर भी तुर्मसे जर्मलने आ ही ना सके पर आज तुम्हारी र्मार्मी का भी र्मन
था तो हर्म खुद को रोक ना सके जबल्कुल तुम्हारे जपता से ही लगते हो तुर्म
र्मैने पूछा धनंजय कैसा है तो वो बोले ठीक है अब हालत र्मे सुधार है पर 2-3
र्महीने तो हस्पताल र्मे लग ही जाएाँ गे

र्मैने कहा र्मािी चाहता ह उसकी हालत का ज़िम्मेदार र्मैं ही पर क्या करू
हालात ही कुछ ऐसे हो गये थे , तो वो बोले जो हुआ सो हुआ उस जदन हर्में
अजेंट बाहर जाना पडा वरना ऐसा कुछ होता ही नही र्मार्मा जी बोले दे व हर्मे
पता चला था जक पहले भी तुर्म पर हर्मला हुआ था हर्म ने अपनी तरि से भी
खोज करवाई थी पर कुछ हाथ ना लगा र्मैने कहा जाने दीजजए वो बात अब
पुरानी हो गयी

और वैसे भी छोटी र्मोटी बाते तो चलती ही रहती है तो वो बोले बेटा अब तुम्हे


पुरानी बातों का तो सब पता चल ही गया होगा तो र्मैं बस इतना ही कहना
चाहाँ गा जक अतीत के बारे र्मे हर्म जजतना सोचेंगे वो उतना ही हर्में दु ख दे गा
और जिर तुर्म या हर्म कोई भी चाहकर अतीत को नही बदल सकता है ना
झुटला सकता है बस उसे भूलने की कोजशश ही कर सकते है
और जिर तुर्म तो हर्मारी बहन की एक्लोजत जनशानी हो तो अगर तुम्हारी
इजा़ित हो तो कभी कभी आ जाया करें गे तुर्मसे बात करने को तो हर्मारा
पाप भी कुछ कर्म हो जाएगा बश्कल्क हर्म तो ये भी कहें गे जक हर्मारा घर भी तो
तुम्हारा ही है जब भी जदल करे आ जाना सदा इं त़िार रहे गा तुम्हारा र्मैं
र्मुस्कुरा जदया र्मैने बाहर से एक आदर्मी को बुलवाया

और कहा जक पुष्पा से जाकर कहो जक र्महर्मानों के जलए उच्च स्तर के


पकवान और ल़िी़ि भोजन तैयार जकया जाए तो वो लोग र्मना करने लगे तो
र्मैने कहा आज पहली बार हवेली र्मे र्मेरे रहते र्मेहर्मान आए है आपको
भोजन तो करके ही जाना पडे गा तो जिर वो र्मेरा आग्रह टाल ना सके तो
इसी तरह उन लोगो से बाते करते हुवे ना जाने का सां झ ढाल गयी पता ही
नही चला

जाते जाते र्मार्मा ने र्मुझसे वादा जलया जक जल्दी ही र्मैं भी नाहरगढ़ आऊ तो


र्मैने भी हााँ कह ही दी वाजपस आकर र्मैं लेट सा गया काफ़ी दे र सोिे पर
बैठने के कारण कुछ ददु सा होने लगा था पुष्पा बोली हुकुर्म जो जर्मठाइया वो
लोग लाए थे उनको बाहर जिकवा दू ं क्या र्मैने कहा जकसजलए तो वो कहने
लगी क्या पता जहर जर्मला जदया हो उन लोगो का आप जबल्कुल भरोसा ना
करे
र्मैने कहा अरे पगली ऐसा कुछ नही होता तू इतनी जिकर ना जकया कर वो
बोली र्माजलक अगर आप की इजा़ित हो तो थोडी दे र जढल्लू के बापू से जर्मल
आऊ कई जदन हो गये है र्मैने कहा चली जाना पूछने की बात क्या है इसर्मे
जब भी तेरा जदल करे चली जाया कर तो वो र्मुस्कुराती हुई चली गयी र्मुझे भी
भूक तो थी नही तो र्मैं भी जिर बस सो गया अगली सुबह र्मैं नाश्ता कर ही
रहा था जक गोरी आ गयी जर्मलने र्मैने कहा क्या बात है तुर्म तो भूल ही गयी
हो तो उसने बताया जक उसकी अधु वाजर्षुक परीक्षाएाँ थी पर अब वो िी है
र्मैने कहा आओ तो नाश्ता कर लो वो बोली र्मैं घर से खा कर आई हाँ र्मााँ ने ये
कुछ घी भेजा है तुम्हारे जलए र्मैने कहा पुष्पा को दे आ तो गोरी रसोई र्मे चली
गयी र्मैने भी ऑलर्मोस्ट अपना नाश्ता ़ितर्म कर ही जलया था

जिर र्मैं और गोरी दोनो बगीचे र्मे आ गये ठं ड थी तो आज र्मैने सोचा जक


गोरी से बाते भी कर लूाँगा और धूप भी सेंक लूाँगा गोरी बोली र्मेले वाले जदन
क्या ़िरूरत थी इतना खून ़िराबा करने की अब पडे हो जकतनी चोट लगी
है र्मैने कहा चोट तो लगी है पर तुझे एक पल भी याद ना आई तूने तो पराया
ही कर जदया है रे
गोरी,- अरे बताया तो सही ना जक र्मैं पढ़ाई को लेकर व्यास थी और जिर र्मााँ
तो बताती ही रहती है घर पर

दे व- ज़्यादा बाते ना बना र्मााँ को भी तो जकतने जदन हो चले है आई ही नही


इधर
तो वो बोली दे व क्या बताऊ जपताजी की तबीयत तो तुर्म जानते ही हो ना
जाने जकसकी है हर्मारी खुजशयो को लग गयी है

दे व – गोरी, तू जचंता ना कर सब ठीक हो जाएगा


गोरी- चलो वो सब छोडो और बताओ जक अब तबीयत कैसी है

दे व- ठीक ही है बस चलने जिरने र्मे

कभी कभी तकलीफ़ होती है बाकी कुछ ़िख़्म भर गये है , कुछ भर जाएाँ गे
हर्म बात कर ही रहे थे जक पुष्पा आई और बोली- हुकुर्म दवाई लगाने का
सर्मय हो गया है तो गोरी बोली तुर्म जाओ र्मैं लगा दू ाँ गी दवाई तो पुष्पा ने
गहरी ऩिरो से उसको दे खा और जिर चली गयी और र्मैं और गोरी वाजपस
कर्मरे र्मे आ गये

गोरी- बताओ कहााँ लगानी है दवाई

दे व-पीठ पर और पैरो पर और थोडा सा जााँ घ के उपर वाले जहस्से पर भी


तो गोरी ने र्मेरी टी-शटु जनकाली और बोली चलो अब सीधे बैठ जाओ र्मैं
लगाती हाँ दवाई तो र्मैं सीधा होकर बैठ गया गोरी अपने नरर्म ना़िुक हाथो से
र्मेरी पीठ पर दवाई र्मलने लगी तो लगा जक आज कुछ ज़्यादा ही सुकून सा
जर्मल रहा है र्मैने कहा यार तेरे हाथो र्मे तो बडा ही जादू सा है

तो वो बोली क्या कुछ भी बोलते रहते हो पीठ पर दवाई लगाने के बाद उसने
कहा जनक्कर उतारो गे तभी तो र्मैं दवाई लगा पाउन्गी तो र्मैने जनक्कर उतार
दी अब र्मैं खाली अंडर वेअर र्मे ही था और उपर से गोरी की ना़िुक
उं गजलयो का र्मादक स्पशु जब वो जााँ घ पर दवाई लगा रही थी तो उसका
हाथ बार बार लंड से छू रहा था तो वो धीरे धीरे करें ट र्मे आने लगा था
गोरी अपनी आाँ खो र्मे शरारती र्मुस्कान लाते हुए कहने लगी खाट र्मे पडे हो
पर हरकते वही है तुम्हारी र्मैने कहा अब तुर्म हो ही इतनी प्यारी और जिर
जर्मली भी जकतने जदनो बाद हो तो जिर अब हाल तो बुरा होना ही है वो कच्छे
के उपर से ही र्मेरे लंड को पकड ते हुवे बोली लगता है इसे भी इलाज की
़िरूरत है र्मैने कहा है तो सही पर करे गा कॉन

ये सुनकर गोरी दरवाजे तक गयी और उसको बंद करके र्मेरे घुटनो के नीचे
िशु पर बैठ गयी और कच्छे को भी उतार जदया और र्मेरे खडे लंड को
सहलाते हुवे बोली दे व ये तो बडा ़िूाँ़िार लग रहा है र्मैने कहा तुम्हे दे खकर
ही हो रहा है वो धीरे धीरे से र्मेरी र्मुट्ठी र्मारने लगी र्मैने अपनी आाँ खे बंद कर
ली गोरी उफ़ ििििििििििििििफ्फफ़
उिििििििििििििििििििफ्फफ़

कुछ दे र बाद र्मुझे लंड पर गीला गीला सा लगा तो र्मैने आाँ खे खोल कर दे खा
तो गोरी लंड को अपनी जीभ से चाट रही थी उसने अपनी आाँ खे र्मेरी तरि
की और आाँ ख र्मार दी र्मैने उसके सर को दबा जदया तो लंड उसके गले र्मे
अड गया गोरी के थूक से र्मेरी जां घे भी गीली होने लगी थी अब वो भी जवान
थी और शायद कच्ची कली थी तो उसकी भी सेक्स की इच्छा भडकने लगी
थी

अब वो पूरी तरह से र्मेरे लंड पर झुक गयी थी बार बार उसे र्मूह र्मे लेती और
जनकाल दे ती र्मेरे बदन र्मे एक र्म़िे की तरं ग दौड रही थी पूरी रफ़्तार से 10-
15 जर्मजनट तक र्म़िे से वो र्मेरा लंड चूश्कस्त रही जिर र्मेरे लंड से सिेद द्रव्य
की धार जनकली और उसके गले से टकराई तो उसने घबरा कर लंड को
र्मूह से बाहर जनकाल जदया पर लंड से जो जपचकारी िुट पडी थी
तो उसकी नाक , और गले को जभगोजत चली गयी गोरी खााँ सते हुए बोली बडे
ही कजर्मने हो तुर्म सारा र्मूह खराब कर जदया और पास रखे तोजलये से अपना
र्मूह सॉि करने लगी जिर उसने कुल्ला जकया और बोली आइन्दा से र्मूह र्मे
नही लूाँगी र्मैने कहा यार तू इतनी ़िोर से चूस रही थी जक जिर कंट् ोल हुआ
ही नही कुछ पल बाद गोरी अपनी सलवार का नाडा खोलते हुवे बोली

दे व इधर र्मेरी ये भी नीचे से बहुत ही गीली हो गयी है और इसर्मे लग रहा है


जक जैसे चींजटया काट रही हों इधर भी कुछ करो ना र्मैने कहा एक कार्म कर
तू बेड पर लेट जा उसने अपनी सलवार और पैंटी उतारी और झट से जबस्तर
पर चढ़ गयी और र्मैं भी उपर आ गया र्मैने कहा ़िरा टााँ गे तो िैलाओ तो
उसने अपनी सुडोल जंघे जवपरीत जदशाओ र्मे िैला दी जजस से र्मुझे थोडी
जगह जर्मल गयी

और जिर र्मैने भी उसकी रस से भीगी हुवी रोयेन्दार बालो वाली गुलाबी चूत
पर अपने होठ रख जदए तो लगा जक जैसे सर्मुन्दर का ढे र सारा खारा नर्मक
जकसी ने र्मेरे र्मूह र्मे भर जदया हो और गोरी का तो हाल उस एक चुंबन से
ऐसा हो गया जक क्या कहाँ , गोरी की आाँ खे उस र्मस्ती र्मे डूबती चली गयी
और चाहकर भी वो आपनी आह को अपने होटो र्मे ना दबा पाई और उसकी
जससकारी िुट पडी आहह आईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
उू ु ु ु ु ु ु ु ु उउििििििििििििििििििििििि
फ्फफ़
दे व ये क्या कर जदया तुर्मने तो र्मैने कस्के उसकी चूत की गुलाबी पंखुजडयो
को अपने होटो र्मे भर जलया तो जैसे कार्म रस िुट पडा उन र्मे से गोरी की
टााँ गे अपने आप ही उपर को उठती चली गयी और वो र्मस्त र्मस्त आहे भरने
लगी गोरी बोली उिििििििििििििििफ्फफ़ ये तुम्हारी गरर्म
जीभ का स्पशु र्मेरी जान ही जलए जा रहा है दे व रुक जाओ र्मैं जपघल रही ह

पर र्मैं अब उसकी कुछ नही सुन ने वाला था , गोरी अपने हाथो से अपने
उभारों को दबाने लगी थी और अपनी जनप्पल्स को उं गजलयो से सहलाते हुए
बेड पर पैर पटक रही थी और र्मैने अब अपने हाथो से चूत की पंखुजडयो को
थोडा सा िैलाया और जिर अंदर के जहस्से को चाटने लगा जहा र्मैं र्म़िे से
उसकी अन्छु इ चूत का रस जपए जा रहा था और वो भी उस सुख को प्राप्त
कर रही थी

कार्मदे व का बान गोरी के जदल को चीर गया था कार्मुकता उसकी नस नस


र्मे भर गयी थी और र्मैं , र्मैं र्मेरी क्या हालत बयान करू अगर र्मैं ठीक होता
तो र्मैं अब तक तो उसकी चूत र्मे लंड डाल चुका होता पा अभी तो बस चूत
को ही पी सकता था पल पल उसकी चूत और भी रस बहाती जा रही थी

उसकी चूत से बहता कार्म रस अब उसकी गान्ड तक आ गया था गोरी


जकसी नाजगन की तरह झूर्म रही थी और ऐसे ही आज़िर वो पल आ ही गया
जब सारे जहााँ की र्मस्ती उसकी नसों से बाहर छलक उठी और गोरी जबस्तर
पर पस्त होकर पड गयी और अपनी भागती हुवी सां सो को थार्मने की
कोजशश करने लगी उसकी चूत से जनकले पानी की बूाँद बूाँद को र्मैने सॉि
कर जदया
िर्मशः...........................................
कुछ दे र हर्म दोनो यू ही बेड पर पडे रहे जिर उठ कर कपडे पहने गोरी
बोली दे व क्या र्मैं सच र्मे तुम्हे अच्छी लगती हाँ र्मैने कहा हााँ तुर्म बहुत पसंद
हो र्मुझे तो वो शर्माु गयी जिर उसने कहा दे व, अब र्मैं चलती हाँ दे र हो रही
है र्मैने कहा जिर कब आओगी तो वो बोली जल्दी ही आउश्कन्ग उसके जाने
के बाद पता नही कब र्मेरी आाँ ख लग गयी जब र्मैं उठा तो जदन ढल चुका था

र्मैं अपनी बैंत का सहारा लेते हुए बाहर आया पता नही क्यो आज र्मेरा र्मूड
हो रहा था जक कहीं बाहर घूर्म आउ र्मैने कार का गेट खोला और उसे स्टॅ ट
करने लगा तो हर्मारा दरबान आया और बोला र्माजलक आपकी तबीयत भी
ठीक नही है इस हालत र्मे बाहर जाना उजचत नही है और र्महॉल भी ठीक
नही है कही कुछ हो गया तो, र्मैने कहा तुर्म जचंता ना करो र्मैं बस पास तक
ही जा रहा ह

जल्दी ही आ जाउन्गा तो वो बोला ठीक है पर आपकी सुरक्षा के जलए दो चार


आदर्मी साथ ले जाइए पर र्मैने र्मना कर जदया और कार लेकर चल पडा पर
र्मुझे भी नही पता था जक जाना कहााँ है कच्चे रास्ते पर इधर उधर कार दौडी
चली जा रही थी इस एररया र्मे र्मैं पहली बार आया था आगे रास्ता भी थोडा
सा संकरा था और झाजडया भी बहुत ही ज़्यादा थी अजीब सी जगह थी ये

तो र्मैं उतरा और पैदल पैदल ही आगे को बढ़ने लगा थोडी दू र जाने पर र्मुझे
पानी बहने की आवा़ि सुनाई दे ने लगी पर कोई नदी या नाला जदख नही रहा
था और जिर जैसे ही उन कॅजटली झाजडयो को पार करके र्मैं कुछ आगे बढ़ा
तो बस र्मैं दे खता ही रह गया ये तो एक बगीचा सा था छोटा सा था पर बेहद
ही सुंदर था चारो तरि तरहा तरहा के िूल श्कखले हुए थे कुछ पक्षी चहचाहा
रहे थे
इतना सुंदर ऩिारा र्मैने तो अपने जीवन र्मे पहली बार दे खा था र्मंत्रर्मुग्ध सा र्मैं
थोडा सा और आगे बढ़ा तो दे खा जक एक तरि पेडो के नीचे दो चार बेंच भी
लगी हुई थी तो र्मैं उधर ही चला गया अब पानी बहने की आवा़ि और भी
प्रबल हो गयी थी तो र्मेरे पााँ व अपने आप ही उस ओर बढ़ने लगे कुछ दू र
आगे जाने पर र्मैने दे खा जक नदी से कटकर एक पानी का सोता बनाया गया
है इधर

गला सा भी सूखने लगा था तो र्मैं सोते से पानी पीने लगा, पानी पी ही रहा था
जक पीछे से एक आवा़ि आई कॉन हो तुर्म? तो र्मैं उठा और पीछे दे खा ,
और क्या दे खा जक कोई र्मेरी ही हर्मउर्मर लडकी खडी है और उसका तेज
इतना था जक उसके रूप की ज्योजत से वो सारा क्षेत्र ही जगर्मग करने लगा ,
इतनी सुंदर जक जलखने लगूाँ उसके रूप के बारे र्मे तो जिर ये शब्द ही कर्म
पड जाए

रूप ऐसा जैसे जकसी ने र्मलाई वाले दू ध र्मे चुटकी भर केसर जछडक जदया
गया हो गोरे रं ग पर गुलाबी रं गत लगा जक जैसे सश्कियत स्वगु से कोई दे वी
उतर आई हो और उसके गुलाबी अधरो पर जो वो छोटा सा जतल था बस
अब र्मैं क्या कहाँ , कानो र्मे सोने के बूंदे गले र्मे रे शर्मी र्माला की डोरी और
उस लाल घाघरा चोली र्मे क्या खूब लग रही थी र्मैं तो उसके उस रूप की
आाँ धी र्में कहीं खोता ही चला गया

जब उसे लगा जक र्मैं एकटक उसे ही दे खे जा रहा ह तो उसने चुटकी बजाते


हुवे र्मेरा ध्यान भंग जकया और बोली कॉन हो तुर्म और इधर कैसे आए र्मैने
जवाब दे ते हुवे कहा जक जी र्मैं तो र्मुसाजिर ह रास्ता भटक कर इस ओर आ
जनकला तो ये बगीचा जदख गया बडा ही सुंदर है र्मेरा तो र्मन ही र्मोह जलया
इसने कुछ प्यास भी लग गयी थी तो जिर इधर पानी पीने आ गया तो वो
लडकी अपने खुले बालो पर हाथ जिराते हुवे बोली क्या तुम्हे पता नही जक ये
जकसकी जर्मश्कल्कयत है र्मैने कहा जी अब र्मैं तो ठहरा र्मुसाजिर र्मैं क्या जानू
तो वो बोली ये र्मेरा बाग है आज तो इधर आ गये हो आगे से र्मत आना
उिििििििििििििफ्फफ़ ये अंदाज उस रूप दीवानी का र्मैने
कहा जी ऐसा क्यो तो वो तुनक कर बोली कह जदया ना जक हर्में अपनी
जर्मश्कल्कयत र्मे जकसी अंजान का दखल पसंद नही

क्या तेवर है हुजूर के , र्मैने कहा जैसी आपकी र्म़िी र्मालजकन साजहबा पर
थोडी से भूख भी लग आई है तो आप आग्या दें तो दो चार िल खा लूाँ तो वो
बोली हााँ ठीक है पर इधर वाजपस ना आना तो र्मैं एक पेड के पास गया और
कुछ िल तोडने की कोजशश करने लगा उसके रूप की कजशश र्मे र्मैं अपने
शरीर की हालत को भी भूल ही गया था

भूल गया था जक पैर के जखर्म अभी ता़िा ही है तो र्मैं जैसे ही उछला तो


चोजटल पााँ व पर पूरा ़िोर आ गया और र्मैं धडार्म से जगर पडा तो जखर्म का
टां का खुल गया तो ददु की एक लहर र्मेरे बदन र्मे रें ग गयी कोहनी पर भी
लग गयी थी र्मैं जैसे तैसे करके उठा और अपने आप को संभाल ही रहा था
जक तभी बदजकस्मती से गीली ़िर्मीन पर र्मेरा पैर जिसल गया और एक बडे
पत्थर से जा टकराया और चाहकर भी र्मैं अपनी चीख को ना रोक पाया
जखर्म खुलते ही खून की एक धार बह जनकली और र्मैं वही पडा पडा
कराहने लगा तो वो ही लडकी र्मेरी कराह सुनकर दौडते हुवे र्मेरे पास आई
और बोली ये चोट कैसे लगी तुम्हे र्मैने कहा लंबी कहानी है बाद र्मे बताउन्गा
पहले आप ़िरा र्मुझे खडा होने र्मे र्मदद कर दीजजए तो उसने र्मुझे सहारा
जदया और बेंच पर जबठा जदया और बोली काफ़ी खून बह रहा है तुम्हारा तो

र्मैने ददु भरी आवा़ि र्मे कहा जक बहुत ददु हो रहा है तो वो कहने लगी दो
जर्मजनट रूको र्मैं कुछ करती ह तो उसने र्मेरे जखर्म को सॉि जकया और
जिर र्मेरी शटु की आस्तीन को िाड कर पट्टी सी बााँ ध दी और बोली जक
जल्दी से जकसी डॉिर को जदखा लेना र्मैने कहा ठीक है जी पर र्मेरी हालत
ऐसी थी जक र्मुझसे खडा ही नही हुआ जा रहा था बहुत ही तेज ददु हो रहा
था

र्मैने कहा ़िरा सुजनए आप र्मेरी थोडी सी र्मदद और कर दीजजए उधर पास
र्मे ही र्मेरी गाडी है आप र्मुझे प्ली़ि उधर तक छोड दीजजए तो वो बोली चलो
ठीक है और जिर र्मुझे सहारा दे ते हुए वहााँ तक ले आई और र्मेरी शानदार
कार को दे खते हुए बोली इतनी र्महाँ गी कार तो र्मैने झूठ बोलते हुए कहा जक
जी र्मेरे र्माजलक की है और जिर जैसे तैसे करके जल्दी से कार र्मे बैठ गया

उसके र्माथे पर उलझन की डोर र्मैने सॉि दे ख ली थी और र्मेरा खुद ही बुरा


हाल था तो घायल पैर की वजह से कार ड्ाइव करने र्मे भी बडी ही र्मुश्किल
हो रही थी पर आज़िर कार र्मैं हवेली के गेट तक पहुच ही गया, कार सीधी
र्मैने अंदर लाकर रोकी और गेट खोलते ही नीचे जगर गया…

हवेली के करर्मचारी र्मुझे उठा कर अंदर ले गये और तुरंत ही डॉिर को


बुलवाया गया उसने जल्दी से ड्ेजसंग की और पट्टी बााँ धते हुवे बोला ठाकुर
साहब आप को र्मना जकया था जक ़िख़्म ताजे है तो आप बस आरार्म ही
करना पर आप बात र्मानते ही नही है दे खो अब और भी नुकसान हो गया है
अभी तो आपको जबल्कुल भी जबस्तर से नही उठना हैं , र्मैने कहा डॉिर, वो
र्मेरा पााँ व जिसल गया था तो बस जिर लग ही गयी लगी हुई जगहा पर

डॉिर बोला , पर वर कुछ नही

.......... डॉिर साहब

आप बस अभी आरार्म ही करें गे और ये कुछ दवाइयााँ जदए जा रहा हाँ टाइर्म


से खानी है इनके असर से ददु कुछ कर्म हो जाएगा पर आप अपनी सेहत
का ़ियाल रखे तो बेहतर होगा जिर कुछ दे र बाद डॉिर चला गया उसके
जाते ही पुष्पा बोली र्माजलक आज़िर आप बात क्यो नही र्मानते है र्मैने कहा
यार अब पता थोडी ना था जक चोट लग जाएगी तो वो पूछने लगी जक पर
आप कहा गये थे तो र्मेरा ध्यान उस रूप दीवानी की तरि चला गया

पल भर के जलए र्मेरी आाँ खे र्मूंद गयी और उसका वो चंद्रर्मा सा चर्मकता हुवा


चेहरा र्मेरी आाँ खो के सार्मने आ गया तो र्मैं उस कजशश र्मे जैसे खोने सा लगा
था तभी पुष्पा की आवा़ि से र्मैं वाजपस ़ियालो से बाहर जनकल कर
वास्तजवकता र्मे आया तो वो बोली कहााँ खो गये आप र्मैने कहा कुछ नही बस
थोडी सी थकान हो रही है तो उसने कहा आप आरार्म करे र्मैं आती ह थोडी
दे र र्मे

पर वो बेचारी कहााँ जानती थी जक दे व को अब कहााँ नींद आनी थी ज्यो ही


वो आाँ खे बंद करता उसके सार्मने वो ही खूबसूरत चेहरा आने लगता था अब
दे व का हाल बुरा हुआ रात आधी से ज़्यादा बीत गयी थी पर वो जबस्तर पर
पडा हुवा टे बल लॅंप का श्कस्वच ऑन ऑि करे उसकी आाँ खो से ख्वाब कहीं
दू र उड चले थे र्मॅन बस करे जक उड चलूं और पहुच जाउ उस बाग़ीचे र्मे
जहााँ उस सुंदरी के दशुन जकए थे

आाँ खो आाँ खो र्मे रात कट गयी सुबह जब नोकर जगाने आया तो उसने दे खा
जक दे व तो जगा ही हुआ है तो वो वाजपस चला गया इधर दे व तो जैसे जकसी
शराब की बॉटल र्में डूब गया हो ऐसा हाल हुआ उसका खोया खोया सा लग
रहा था वो जब पुष्पा ने उसको नाश्ता परोसा तो भी उसका ध्यान कही ओर
ही था तो पुष्पा बोली र्माजलक नाश्ता कर लीजजए , लगता है आपको पसंद
नही आया र्मैं कुछ और बना कर लाती ह,

दे व- अरे नही ऐसी बात नही है

बस र्मेरा र्मन नही कर रहा है बात करते करते ही दे व जबस्तर से उठने लगा
तो पुष्पा टोकते हुए बोली र्माजलक आप उठ क्यो रहे है आपकी तबीयत जिर
से जबगड जाएगी आप लेटे ही रहे पर उसने कोई ध्यान नही जदया और
अपनी बेंत का सहारा लेकर बेड से नीचे उतर गया पर उतरते ही उसके पैर
से साथ नही जदया और वो कराहते हुवे जबस्तर पर जिर से बैठ गया

पुष्पा- ददु हुआ र्माजलक , आप से पहले ही कहा था जक र्मत उजठए

तो हार कर जिर से जबस्तर ही पकडना पडा पर र्मन जो था वो भटक रहा था


एक अजनबी की ओर तो जिर कुछ याद ना रहा दवाई के असर से जल्दी ही
नींद आ गयी जिर बस ऐसा ही चलता रहा 10-15 जदन बस ऐसे ही कट गये
हालत र्मे भी काफ़ी सुधार सा हो गया था पर अभी भी बस जबस्तर पर ही
पडा रहता था लक्ष्मी लगभग हर दोपहर र्मे आ ही जाया करती थी तो उस से
बाते करके थोडा सा टाइर्म कट जाया करता था और जिर पुष्पा भी तो थी

पर जिर उस दोपहर कुछ ऐसा हो गया की उस तकलीफ़ र्मे भी र्मुझे हवेली


से बाहर जनकलना ही पडा आज़िर ठाकुर दे व तडप ही गये उस घटना से
हुआ दरअसल ये था जक कुछ कार्म से गोरी अपनी सहे जलयो के साथ शहर
गयी थी तो जब वो जा रही थी तो रास्ते र्मे कुछ लडको ने गोरी से बदतर्मी़िी
की और उसकी चुजन्न खीच ली थी गोरी ने रोते हुए सारी बात र्मुझे बताई

तो बस र्मैं तडप कर ही रह गया र्मैने तुरंत ही बंदूक उठाई और अपने सारे


ददु को भूल कर चलते हुवे र्मैं बाहर आया और नंदू से कहा जक कार जनकाल
जल्दी से आज ये पहली बार थी जब र्मेरा स्वर गुस्से से भरा हुवा था तो नंदू ने
जबना कुछ कहे तुरंत ही कार दरवाजे पर लगा दी र्मैने कहा गाडी को सहर
के रास्ते पर ले पुष्पा र्मुझे टोकना चाहती थी पर गुस्से से दहक्ती हुई र्मेरी
आाँ खो को दे ख कर वो चुप कर गयी

सहर से कुछ जकलोर्मेटेर दू र र्मुझे गोरी और उसकी सहे जलया जर्मल गयी ,
गोरी दौडकर र्मेरे सीने से लग गयी और ़िोर ़िोर से रोने लगी र्मैने कहा बस
चुप हो जा र्मैं आ गया ह तू ये बता वो जकस गााँ व के थे तो उसने बता जदया
र्मैने नंदू से पूछा की सुबह सहर जाने वाली बस वाजपस कब तक आती है तो
पता चला जक 3 साढ़े तीन तक वाजपस आती है र्मैने कहा गाडी को रोड पर
लगा दे नंदू

तीन बजने र्मे थोडी दे र थी तो र्मुझे इं त़िार ही करना था जकसकी इतनी


जहम्मत हो गयी जो गोरी की तरि आाँ ख उठा कर दे खे, र्मेरी गोरी की इज़्ज़त
को शर्मुसार करे र्मुझे खुद पर भी गुस्सा आ रहा था जक ठाकुर दे व बस अब
नार्म का ही ठाकुर रह गया क्या जो उसके होते हुवे गोरी को ये अपर्मान का
घूाँट पीना पडा गोरी के अपर्मान की आह र्मेरे सीने र्मे िोध की ज्वाला
बनकर धधकने लगी थी

र्मैं गुस्से से पागल हो रहा था तभी र्मुझे दू र से बस आती जदखी तो र्मेरे नथुने
िडकने लगे चूाँजक र्मेरी कार सडक के बीचो बीच खडी थी तो बस ड्ाइवर
को बस र्मजबूरी र्मे रोकनी पडी, वो जचल्लाता हुवा बोला बाप का रोड सर्मझा
है क्या हटा कार यहााँ से तो र्मैने कहा साले चुप करके खडा हो़िा वरना
अगले पल तेरी ़िुबान हलक से खीच लूाँगा तो वो सहर्म गया र्मैने गोरी का
हाथ पकडा और बस र्मे चढ़ गया और बोला बता कॉन थे वो तो उसने लास्ट
की सीट की तरि इशारा जकया कुछ 6-7 लडको का ग्रूप था र्मैने कहा चुजन्न
जकसने खीची थी तो उसने उं गली से बता जदया और र्मैं झपटा उस ओर और
सीधा उसकी छाती पर लात र्मारी और उसको खीच कर बस से उतार जलया
और र्मारने लगा तो उसके जो दोस्त थे वो भी उतर आए ये तो नंदू ने भी
बंदूक उठा ली
र्मैने कहा नही नंदू ये र्मेरे जशकार है , तू बस दे ख तो एक बोला तू कॉन है बे
साले जो इतना उिन रहा है क्या हो गया जो थोडी छे डखानी कर ली कुछ
तोड तो नही जलया ना इसका जानता है र्मेरा बाप कॉन है ये सुनकर र्मुझे
और भी गुस्सा आ गया र्मैने कहा हरार्म की औलाद शूकर र्मना जक र्मैने अभी
तक नही बताया जक र्मैं कॉन ह और गोर से दे ख तूने जकस का आाँ चल पकडा
था

गोर से दे ख इसे ये गोरी है दे व की गोरी , अजुुनगढ़ के ठाकुर दे व की गोरी,


ये सुनते ही उस लडके के चेहरे का रं ग उड गया उसके साथ जो भी दोस्त थे
वो तुरंत ही र्मेरे पााँ वो र्मे जगर गये और उस लडके का पॅंट र्मे ही र्मूत जनकल
गया र्मैं आगे बढ़ा और उसकी कॉलर पकडते हुवे बोला साले तेरी इतनी
जहम्मत जक तू लडकी का हाथ पकडे गा बुला साले तेरा बाप कॉन है बश्कल्क तू
क्या बुलाएगा र्मैं ही तुझे और तेरे बाप को आज तुम्हारी औकात जदखाता ह

र्मैने कहा नंदू बााँ ध साले को गाडी के पीछे और ले चल घसीट कर इसके


गााँ व र्मे र्मैने कार से रस्सी जनकाली और नंदू की सहायता से बााँ ध जदया
उसको पीछे वो बार बार रोते हुए र्मािी र्मााँ गने लगा पर र्मैं उसको र्माफ़ नही
करने वाला था र्मैं जहर भरी ऩिरो से उन लडको को दे खता हुआ बोला
हरार्म जादो अगर कोई तुम्हारी बहन को छे डता तो कैसा लगता तुम्हे
लडजकयो की इज़्ज़त करनी सीख लो

तुम्हारी र्मााँ बहन भी तो सहर जाती होंगी कोई उनके बदन को जब जनहारे तो
तुम्हे कैसा लगेगा तो वो सब र्मािी र्मााँ गने लगे र्मैने गोरी को कार र्मे जबठाया
और उसकी सहे जलयो को कहा जक तुर्म सब बस र्मे घर जाओ और बेजिकर
हो कर जाओ र्मेरे रहते जकसी की औकात नही जो अजुुन गढ़ की बहन
बेजटयो की ओर आाँ ख उठा कर दे ख सके र्मेरे बैठते ही नंदू ने कार स्टाटु कर
दी र्मैने शीशा थोडा नीचे कर जदया ताजक उस कजर्मने की चीखे सुन सकूाँ ,
सडक पर जघसते हुए हर पल उसकी चीखे बढ़ती जा रही थी जब हर्म उसके
गााँ व र्मे पहुचे तो उसकी खाल बुरी तरह से उतर गयी थी अंदर का र्मााँ स कट
कट रहा था और खून तो ऐसे बह रहा था जक बस … र्मैने कहा खोल नंदू इसे
गााँ व र्मे भीड जर्मा होने लगी थी उसका बाप गााँ व का ़िर्मींदार था

उसे पता लगते ही वो दौडा हुआ आया और अपने बेटे की हालत दे ख कर


जवलाप करने लगा र्मैने दहाडते हुवे कहा उस लडके से दे ख साले तेरा बाप
भी इधर है करवा र्मेरा जो करवा ना है तुझे उसका बाप र्मेरे पााँ व पडता हुवा
बोला ठाकुर साहब इस ना सर्मझ से भूल हुई र्मािी दे दो इसको इसके
बदले र्मुझे स़िा दीजजए पर इसे इलाज की आग्या दीजजए र्मैने कहा र्मुझे कुछ
लेना दे ना नही

इस से चाहे र्मरे या जजए पर अगर ये बच जाए तो सर्मझा दे ना जक आजशकी


अपनी औकात र्मे रहकर करे अगर इस गााँ व के जकसी भी लोंडे ने र्मेरे गााँ व
की छोररयों की तरि ग़लती से भी दे खा तो ये र्मेरा वादा है जक इस गााँ व को
शर्मशान का ढे र बना दू ाँ गा और वो जो इसके दोस्त थे उनको भी सर्मझा दे ना
जक र्मोत से ना खेले वो लोग र्मािी र्मााँ गने लगे जिर र्मैं गोरी को लेकर उसके
घर गया सारी बात सुनकर लक्ष्मी थोडी परे शान हो गयी

पर र्मैने उसको जदलासा दे ते हुवे कहा जब तक दे व जजंदा है गोरी की तुर्म


जचंता ना करो लक्ष्मी र्मेरा शुजिया अदा करने लगी र्मैने कहा आप इस घटना
के बारे र्मे र्मुनीर्म जी से जजकर ना करना वरना वो परे शान हो जाएाँ गे और
अब र्मैं भी चलता ह तो जिर र्मैने भी हवेली का रास्ता पकड जलया हवेली
आकर र्मैं धम्म से सोिे पर जगर गया और अपने र्मूड को ठीक करने की
कोजशश करने लगा पुष्पा र्मेरे जलए पानी लेकर आई र्मैने अपना गला तर
जकया और जिर उसको सारी बात बताई तो वो बोली अच्छा जकया जो स़िा
दी र्मैं तो कहती हाँ जक उस कर्मीने को जान से र्मार दे ना चाजहए था र्मैने कहा
बहुत थक गया ह एक कडक चाइ पीला दो तो पुष्पा अपने होटो पर जीभ
जिराते हुए बोली बस चाइ या कुछ और भी
तो र्मैने कहा क्या बात है आज बडी अच्छी वाली बाते कर रही हो तो वो
बोली कुछ नही बस आपका र्मूड ठीक कर रही थी आप र्मायूर्ष अच्छे नही
लगते हो और जिर र्मैं तो सेजवका ह आपकी र्मैने कहा चल जा अभी और
चाइ ले आ जा वो जाने के जलए र्मूडी तो र्मेरी ऩिर उसकी गान्ड पर ठहर
गयी ना जाने क्यो वो और र्मोटी र्मोटी सी लग रही थी पर हाय हर्मारी हालत
ऐसी जक बस ऩिरो से ही कार्म चला लेना था

तो इसी तरह लगभग एक र्महीना गुजर गया , सेहत र्मे काफ़ी हद तक


सुधार हो गया था ़िख़्म भर गये थे पर उनके जनशान रह गये थे कई जदनो से
लंड भी शां त पडा था तो उसकी खुजली भी कुछ बढ़ गयी थी पर अब पुष्पा
रात को हवेली र्मे नही रुकती थी और नंदू था तो चंदा को भी नही चोद
सकता था तो अब क्या करू ाँ र्मैने लक्ष्मी को िोन जकया जक र्मुझे बडी याद
आ रही है तुम्हारी

तो उसने बताया जक वो कुछ जदनो के जलए अपने बेटे से जर्मलने जा रही है ,


तो आकर वो पक्का जर्मलेगी तो उधर भी बस जनराशा ही हाजसल हुई तो र्मैने
सोचा जक चल जिर आज शार्म को उस बगीचे की तरि डे रा डाला जाए तो
क्या पता उस रूप दीवानी से जिर र्मुलाकात हो जाए तो र्मैने आज जसंपल से
पैंट शटु पहने और जिर उधर का रास्ता पकड जलया काफ़ी जदनो बाद उधर
जा रहा था तो रास्ता भूल गया

पर जिर आज़िर पहुच ही गया बगीचा वैसा ही था जबल्कुल श्कखला श्कखला सा


तो र्मेरी जनगाहें उस अजनबी चेहरे को ढू ाँ ढ ने लगी पर शायद आज वो उधर
नही थी र्मैने काफ़ी इं त़िार जकया पर वो नही आई शायद रोज ना आती हो
तो जिर वाजपस हवेली आ गया एक वो बोजझल जदन भी जनकल गया अगले
जदन सुबह सुबह ही गोरी आ गयी र्मैने कहा आज इधर का रास्ता कैसे भूल
गयी

तो वो बोली र्मााँ है नही घर पर तो आ गयी र्मैने कहा अच्छा जकया र्मैं भी बोर
हो रहा था र्मैने गोरी को खीच कर अपनी गोद र्मे जबठा जलया और उसकी
गदु न पर अपनी ़िुबान जिराने लगा तो गोरी कसर्मसाते हुवे बोली दे व र्मत
छे डो ना जिर र्मुझे खुद पर काबू करना र्मुश्किल हो जाता है र्मैं अपने दााँ त
उसकी सुरजहदार गदु न पर गढ़ाते हुवे बोला तो जिर आज हो जाना बेकाबू
जकसने रोका है

र्मैं अपने हाथ उपर ले गया और सूट के उपर से ही उसके पुष्ट उभारों को
दबाने लगा तो गोरी शरर्माते हुए बोली दे व र्मत छे डो र्मुझे र्मान भी जाओ ना
तो र्मैने कहा गोरी बस कुछ दे र खेलने दे ना अच्छा लग रहा है तो वो शरर्माते
हुए बोली पर र्मुझे तुम्हारा वो नीचे चुभ रहा है तो र्मैने गोरी को बेड पर जलटा
जदया और उसके उपर चढ़ गया

और उसको अपनी बाहों र्मे दबोच जलया गोरी के कााँ पते होठ र्मुझे अपनी
ओर बुला रहे थे तो र्मैने अपने प्यासे लबो पर जीभ िेरी और गोरी के सुखु
होटो से अपने होटो को जर्मला जलया र्मैं तो कई जदनो से प्यासा था आज र्मैं जी
भर कर गोरी के शहद से भरे होटो को पीना चाहता था तो र्मैं काफ़ी दे र तक
उनको चाट ता ही रहा जिर गोरी ने अपना र्मूह अलग जकया

और हान्फते हुवे बोली उिििििििफ्फफ़ सां स तो लेने दो ़िरा र्मैने


उसके सूट को सर्मी़ि सर्मेत उतार कर साइड र्मे रख जदया तो गोरी का
उपरी जहस्सा पूरी तरह नंगा हो गया र्मैने तुरंत उसकी एक चूची को अपने
र्मूह र्मे भर जलया और दू सरी को हाथ से भीचने लगा तो गोरी र्मस्ती के सागर
र्मे गोते खाने लगी उसने अपने हाथ से र्मेरे लंड को पकड जलया और उस से
खेलने लगी
10-12 जर्मजनट तक उसके उभारों को चूस चूस कर र्मैने जबल्कुल ही लाल
कर जदया गोरे के गाल गुलाबी हो गये थे अब र्मैने उसकी सलवार के नडे पर
अपना हाथ रखा और उसको खीच जदया गोरी ने ़िरा सा भी जवरोध नही
जकया गुलाबी रं ग की कश्कच्छ र्मे क्या र्मस्त लग रही थी वो बस र्मैं तो र्मर ही
जर्मटा उसके योवन पर र्मैने अपनी नाक उसकी चूत पर रखी तो बडी भीनी
भीनी सी खुश्बू आ रही थी

र्मैं कश्कच्छ के उपर से ही उसको जकस करने लगा तो गोरी बेड पर नाजगन की
तरह र्मचलने लगी र्मस्ती उसके रोर्म रोर्म र्मे भरती जा रही थी तभी गोरी
बोली दे व रुक जाओ ना सुबह का टाइर्म है पुष्पा आती ही होगी थोडी दे र र्मे
र्मैने कहा तू उसकी जचंता ना कर बस र्मेरा साथ दे तो जिर उसने कुछ नही
कहा र्मैने उसकी कश्कच्छ की एलाश्कस्टक र्मे अपनी उं गजलया डाली और उसको
भी उतार कर िेक जदया

हल्की रोएाँ दार झान्टो के बीच र्मे छु पी हुई उसको छोटी सी गुलाबी योजन रस
से भरी पडी थी तो र्मैं अपनी उं गली को उसकी चूत की दरार पर जिराने
लगा गोरी बडी र्मस्त होकर हल्की हल्की सी जससकाररयााँ भरने लगी थी जिर
र्मैं अपनी उं गली को अंदर घुसाने की कोजशश करने लगा तो गोरी ने र्मेरा
हाथ पकड जलया और बोली ऐसा ना करो ददु होता है तो र्मैने कहा और जब
इसर्मे लंड जाएगा तब ,
तो वो शरर्माते हुए बोली धात, बेशर्मु हो तुर्म तो र्मैने अपने होटो र्मे उसकी
चूत को भर जलया तो गोरी जैसे सीधा आसर्मान की सैर पर पहुच गयी और
बोली उिििििििििफ्फफ़ ओह दे वववववववववववववववव ईईए
कैसा जादू कर दे ते हो तुर्म जकतना अच्छा लगता है जब तुर्म वाहा पर
जकस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स करते ईईईई हऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ ओह
आआआआआआआआाआआआआआआआ

उसकी चूत से जैसे उस गरर्म र्मजेदार रस का झरना ही बह चला था गोरी ने


अपनी आाँ खो को र्मस्ती के र्मारे बंदकर जलया था और र्मेरे सर को अपनी
जााँ घो पर भीच ने लगी थी सुडूप सुडूप र्मैं अपनी जीभ को जतकोना कर के
उसकी चूत को चाटे जा रहा था जिर र्मैं वहााँ से उठा तो गोरी र्मेरी ओर ऐसे
दे खने लगी जक जैसे जकसी ने भूखी शेरनी के आगे से जशकार छीन जलया हो

र्मैने उसकी जााँ घो को िैलाया और अपने लंड को चूत पर सेट जकया ही था


जक तभी िोन की घंटी बज उठी तो र्मेरा र्मूड भन भना गया र्मैने गोरी के
उपर से हट कर िोन को उठाया और कान से लगा जलया तो दू सरी तरि
थानेदार की आवा़ि जैसे ही र्मेरे कानो से टकराई कुछ पॅलो के जलए जैसे र्मैं
सुन्न ही हो गया था र्मैने सोचा नही था जक ऐसी न्यू़ि भी जर्मलेगी

र्मैने बस इतना ही कहा जक बस र्मैं थोडी ही दे र र्मे पहुचता हाँ और िटा िट


से अपने कपडे पहन ने लगा तो गोरी बोली क्या हुआ र्मैने कहा यार एक
कां ड हो गया है र्मुझे अभी जाना होगा तो वो अपने कपडे डालते हुए बोली र्मैं
भी चलती ह र्मैने कहा नही तू इधर ही रह, जैसे तैसे र्मैने अपने तन पर
कपडे उलझाए और जिर गाडी लेकर सीधा अपने नदी जकनारे वाले खेतो
को ओर चल पडा

वहााँ पहुचने र्मे करीब बीस पच्चीस जर्मजनट लग गये र्मैं जैसे ही तो वहााँ पहुचा
तो दे खा जक कुछ लोग जर्मा थे वहााँ पर और पोलीस की गाडी भी खडी थी
र्मुझे दे खते ही इनस्पेिर र्मेरे पास आया और बोला जक ठाकुर साहब र्मेरे
साथ आइए तो र्मैं उसके पीछे पीछे चल पडा और जिर र्मैने कुछ ऐसा र्मं़िर
दे खा की र्मेरा कलेजा कााँ प गया लगा जक जैसे ये क्या हो गया

र्मेरी आाँ खो के सार्मने एक लाश थी , चंदा की लाश र्मैं एक पल र्मे ही सर्मझ


गया था जक र्मेरे जकसी दु श्मन ने ही इसका कार्म तर्मार्म कर जदया है पर बात
जसफ़ु वो ही नही थी दो खेत आगे एक लाश और थी , और उस लाश को
दे ख कर र्मैं बहुत ही ज़्यादा अपसेट हो गया था , वो जजसे र्मैं अपना दोस्त
र्मानता था वो जो र्मेरे हर कार्म जकया करता था वो लाश नंदू की थी

अब र्मेरी आाँ खो से रुलाई िुट पडी र्मैं वही उसकी लाश से जलपट जलपट कर
रोने लगा हाई रार्म!!!!!!!!!!!!!!!!!! ये क्या हो गया र्मुझे लगा की जैसे र्मेरे
सर पर जैसे कयार्मत ही टू ट पडी थी ये जसफ़ु दो लाशें ही नही थी बश्कल्क
ठाकुर दे व के चेहरे पर एक करारा तर्माचा थी , र्मेरी आाँ खो र्मे जैसे खून
उतर आया था र्मैने घोर रुदन करते हुए कहा थानेदार आज रात तक र्मुझे
इनके काजतल र्मेरी आाँ खो के सार्मने चाजहए वरना र्मैं सब कुछ तहस नहस
कर दू ाँ गा तो इनस्पेिर बोला हर्म कोजशश कर रहे है , वो बोला र्मैं लाशों को
पोस्टर्माटु र्म के जलए जभजवा दे ता ह तो र्मैने र्मना करते हुए कहा नही अब
इनकी और जर्मट्टी खराब नही करनी है ये र्मेरे जीवन का एक और दु ख था
पररवार तो पहले ही छोड कर चला गया था ले दे कर ये कुछ लोग ही थे
और अब चंदा और नंदू का भी कतल हो गया था
कुछ ही दे र र्मे खबर आग की तरह िैल गयी थी और गााँ व के कई लोग आ
गये थे , र्मैने अपने हाथो से उन दोनो का अंजतर्म-संस्कार जकया आज़िर र्मेरे
जलए पररवार ही तो थे वो लोग , र्मैं खुद को बडा कोस रहा था उस रात
हवेली र्मे बस घोर अंधेरा छाया हुआ था एक दीपक भी नही जला था , सब
लोग गहरे सदर्मे र्मे थे और र्मेरी आाँ खो र्मे भी कुछ आाँ सू थे, और जदल रोए
जा रहा था

उस रात चूल्हा नही जला बस जदल जल रहा था सुबह हुई पर काजतलों का


कुछ नही पता चला , उिििििफ्फफ़ जकतना बेबस र्महसूस कर रहा था
र्मुझे लगा जक र्मैं जैसे एक कीडा ह जजसे जकसी ने कुचल कर छोड जदया हो
जकतना बेबस था र्मैं उस कर्मजोर पल र्मे बाग र्मे लखन और बादल दो ही
आदर्मी रहा करते थे तो ना जाने र्मुझे क्यो उनकी सुरक्षा भी कर्मजोर लगी तो
र्मैने उधर भी 10-15 आदर्मी 24 घंटे के जलए छोड जदए

और सख़्त आदे श जदया जक जकसी भी अनहोनी की आशंका हो तो सीधा


गोली चला दे ना जो होगा दे ख लेंगे आज़िर अपने हर करम्चारी की रक्षा र्मेरी
ज़िम्मेदारी थी र्मैने एक जपस्टल पुष्पा को दी और कहा जक इसे हर्मेशा अपने
पास रखना जहफ़ा़ित के जलए सच तो ये था जक उस घटना से र्मैं अंदर से
बुरी तरह जहल गया था खुद को इतना अकेला र्मैने कभी नही पाया था 2-4
जदन गुजर गये थे पर काजतलों का कुछ अता-पता नही चला था पर वो कहते
है जक भगवान के घर दे र है अंधेर नही उस रात करीब दस बज रहे थे र्मेरे
खेत र्मे कार्म करने वाला र्मजदू र जबरजू भागते हुवे हवेली आया और उसने
कुछ ऐसा बताया जक र्मेरी आाँ खो र्मे चर्मक आ गयी र्मैने उसी सर्मय जबरजू
और अपने दो चार आदजर्मयो को साथ जलया और सुिान पुर जो जक करीब
3-4 कोस दू र का गााँ व था उधर के दारू के ठे के की ओर चल जदए

वहााँ पहुचते ही र्मैने जबरजू से इशारा जकया तो वो बोला हुकुर्म जब र्मैं दारू
लेने इधर आया तो वो लोग इधर ही पी रहे थे और चंदा के बारे र्मे बात कर
रहे थे पर अभी वो जदख नही रहे है र्मैने कहा ठे के वाले को बुलाओ ़िरा तो
र्मैने उससे कहा भाई करीब दो घंटे पहले कुछ अजनबी लोग इधर दारू पी
रहे थे वो जकधर गये तो वो बोला रे बावले भाई इधर ना जाने जकतने अजनबी
आते है

र्मैं जकस जकस का ध्यान रखू रे , एक तो र्मेरा जदर्माग़ पहले ही भन्नाया हुआ था
और उपर से उसने र्मुझे सीधी तरह से जवाब नही जदया तो र्मेरी खोपडी घूर्म
गयी तो र्मैने एक गोली सीधा उसके पााँ व र्मे र्मार दी और बोला अब याद
आया कुछ तो ़िर्मीन पर पडा हुवा ददु से कराहते हुवे बोला र्मािी दे दो
साहब बता ता ह , वो लोग पेशेवर गुंडे है

और आजकल पहाडी के काली र्मंजदर पर डे रा डाले हुए है र्मैने जबरजू से


कहा जक डॉिर बुला कर इसकी दवा-दारू करवा दे ना और जिर र्मैने गाडी
काली र्मंजदर की तरि घुर्मा दी र्मंजदर के पीछे जो जंगली इलाका था उधर ही
उन्होने अपना टें ट जैसा कुछ लगा कर अिा बनाया हुआ था जाते ही हर्म
लोगो ने उनको धर जलया वो दारू के नशे र्मे चूर और र्मैं अपने िोध के नशे
र्मे चूर

3-4 तो वही पर र्मर गये और 2-3 को हर्म अपने साथ ले आए पर र्मैं उनको
हवेली की बजाय सीधा अपने बाग र्मे लेकर गया और जिर लखन से कहा
जक इन सालो की जब तक र्मरम्मत कर तब तक जक ये बात करने लायक ना
हो जाए तो जिर र्मेरे आदजर्मयो ने भी दबाकर अपनी भडास जनकली , जिर
र्मैने पूछताछ शुरू की , र्मैने कहा उन र्मााँ बेटों को क्यो र्मारा

पर वो ठहरे ठीठ तो इतनी आसानी से जवाब नही दे ने वाले थे तो र्मैने कहा


़िरा प्लास ले कर आओ और जिर उसकी उं गली के ना़िून उखाडने लगा
तो वो ददु से चीख ने लगा पर र्मैं नही रुका और उसकी दोनो हाथो की
उं गजलयो के सारे ना़िून जनकाल जदए लाल लाल खून चारो तरि जबखरने
लगा अब र्मैं दू सरे आदर्मी की ओर गया और उसकी उं गली को पकड जलया
तो वो चीखते हुवे बोला र्माफ़ करदो र्मैं सब कुछ बता ता हाँ

आपको जो भी पूछना है र्मैं सब बता ता ह तो उसने कहा जक हर्मे सुपारी


जर्मली थी चंदा और उसके बेटे को र्मारने की र्मैने कहा नार्म बता उस का तो
वो बोला वो तो र्मैं नही जानता क्योंजक सुपारी राका ने ली थी जजसे आपने
र्मार डाला हााँ पर र्मैं इतना जानता ह जक राका को 1 लाख रुपये जकसी
औरत ने जदए थे, अब र्मेरा जदर्माग़ घूर्मा र्मैं उसे र्मारते हुए पूछने लगा जक बता
साले कॉन थी वो , बता पर वो बार बार चीखते हुए बस इतना ही कहता रहा
जक कोई औरत थी कोई औरत थी

जब र्मुझे लगा जक वास्तव र्मे इस को कुछ पता नही है तो र्मैने कहा र्मार दो
दोनो को और लाशों को जनवरो को श्कखला दे ना र्मैने लखन को सर्मझाया जक
चोकन्ने रहना और सब लोग साथ ही रहना अकेले ना रहना आकल अपना
टाइर्म कुछ ठीक नही है तो होजशयार रहना जिर र्मैं हवेली आ गया और
सोचने लगा जक कॉन औरत हो सकती है वो र्मैने पुष्पा को बुलाया और कहा
जक पुष्पा तू जकतनी औरतो को जानती है जो लाख रुपये झटके र्मे खरच कर
सकती है तो वो बोली र्माजलक लाख रुपये जकतनी बडी रकर्म होती है ,हर्म
ग़रीबो के पास कहााँ से आए र्मैने कहा गााँ व र्मे बता तो वो बोली र्माजलक, र्मेरे
जहसाब से तो गााँ व र्मे 3-4 औरते ही होंगी जजनके पास इतना रुपया हो
सकता है र्मैने कहा बता ़िरा तो वो बोली एक तो सरपंच की पत्नी, सुना है
सरकारी पैसा खूब दबाया है सरपंच ने

र्मैने कहा और तो वो बोली जिर सुनार जी के पास भी खूब धन है आज़िर


धंधा भी ऐसा ही है , हलवाई रार्मचरण के पास पैसा तो है पर इतना नही
होगा जक लाख रुपये जोरू को दे दे पर र्माजलक … ………. ………… ….. र्मैने
कहा बोल तो सही तो वो बोली र्माजलक आप को बुरा लग जाएगा र्मैने कहा
अरे तू बोल ना तो पुष्पा बोली र्माजलक र्मुजनर्माइन के पास भी बडी रकर्म
है ……

पर र्मुझे लक्ष्मी पर पूरा भरोसा था ये बात पुप्प्र्षपा भी अच्छी तरह से जानती


थी पर एक बात जो र्मुझे भी थोडी सी खटक रही थी जक बार बार बुलाने पर
भी लक्ष्मी आजकल कोई ना कोई बहाना र्मार के कट जलया करती थी
आज़िर ये सब हो क्या हो रहा था र्मैं बडा ही परे शान हो चला था इस बीच
एक र्महीना और गुजर गया था पर इस बीच कोई भी अजप्रय घटना नही हुई

र्मेरी सेहत भी काफ़ी हद तक सुधर गयी थी , एक शार्म र्में ऐसे ही बाहर


घूर्मने जाने की सोच रहा था तो र्मैं अचानक से ही उस छोटे से बगीचे की
तरि हो जलया इस उम्मीद र्मे जक वो सोख हसीना क्या पता जिर से जर्मल ही
जाए पता नही कुछ तो कजसश थी उसकी उन नशीली आाँ खो र्मे , वैसे तो
उसने र्मना जकया था जक इधर ना आना पर हर्म ठहरे हर्म
र्मैने अब अपनी गाडी काफ़ी दू र खडी की और पैदल चलते हुवे झाजडयो को
पार करके उधर पहुच गया कुछ भी तो नही बदला था वहााँ पर हर एक ची़ि
श्कखली श्कखली सी हुई लगता था जक कोई बडे ही प्यार से उस जगह को
आबाद करने र्मे लगा हुआ था और र्मुझे भी बडा अच्छा लगता था इधर आ
कर , र्मैं उसी बेंच पर बैठ गया और दो पल के जलए अपनी आाँ खे र्मूंद ली

जक तभी एक जर्मशरी सी आवा़ि र्मेरे कानो र्मे जैसे घुलती ही चली गयी र्मैने
आाँ खे खोली तो र्मेरे ठीक सार्मने वो ही हसीना खडी थी, गोद र्मे एक खरगोश
जलए वो र्मुझे दे खते हुए बोली जक अरे तुर्मको र्मैने कहा था ना जक उस जदन,
इधर जिर ना आना जिर क्यो चले आए, तुर्म र्मुझे जानते नही हो र्मैं कॉन ह
र्मैने कहा जी आपका बगीचा है ही इतना र्मनर्मोहक जक र्मैं खुद को रोक ही
नही पाया इधर आने से

वरना र्मेरी क्या र्म़िाल जो हुजूर की शान र्मे गुस्ता़िी कर सकूाँ, तो वो बोली
क्या तुम्हे अच्छा लगता है इधर आना र्मैने कहा जी बहुत तो वो बोली ठीक है
तो तुर्म आ सकते हो पर रोज नही कभी कभी और हााँ इधर आओगे तो
बगीचे को साँवारने र्मे र्मेरी र्मदद भी करनी होगी र्मैने कहा जी जैसा आप
कहें , तो वो भी र्मेरे सार्मने वाली बेंच पर आकर बैठ गयी

और बोली तुर्म इधर के तो नही लगते हो तुम्हारा रं ग रूप कुछ अलग सा है


, तो र्मैने कहा जी उस जदन आपको बताया भी तो था जक र्मैं एक र्मुसाजिर ह
उसने पूछा –कहााँ रहते हो र्मैने झूठ बोलते हुए कहा जक जी वो जो दू र
पहाजडयााँ है ना उनके पीछे जो डॅ र्म बन रहा है उधर ही कार्म करता ह, वो
बोली इतनी दू र से इधर आते हो र्मैने कहा जी अब जी इधर ही लगता है तो
आ जाता ह
उसने जिर से पूछा- नार्म भी होगा कुछ तूहरा,- जी नंदू, अपने आप ही र्मेरे
र्मूह से जनकल गया वो बोली ये कैसा ग़रीबो सा नार्म है तुम्हारा नंदू पुराने
जर्माने वाला , र्मैने कहा जी अब जो है वो ही है अगर आप चाहे तो आप
जकसी और नार्म से बुला सकती है तो वो बोली नही र्मैं भी नंदू ही बुलाउन्गी,
र्मैने कहा अगर आपकी आग्या हो तो र्मैं एक बात पुछु

वो बोली कहो- र्मैने कहा जी आपका नार्म क्या है तो वो र्मुस्कुराते हुए बोली
क्या करोगे र्मेरा नार्म जानकर, र्मैने कहा जी करना तो कुछ नही है पर अगर
नार्म पता होता तो ठीक रहता तो वो बोली र्मेरा नार्म जदव्या है और यही कुछ
दू री पर र्मेरा घर है तुर्म दे खोगे र्मैने कहा जी ़िरूर तो उसने कहा जिर र्मेरे
पीछे आओ, तो र्मैं चुप चाप से उसके पीछे -पीछे चलने लगा

करीब 15 जर्मजनट तक हर्म खार्मोशी से पेडो के बीच बने कच्चे रास्ते पर


चलते रहे , जिर एक झुर्मुट के पीछे से उसने र्मुझे कहा दे खो ये है र्मेरा घर तो
र्मैने दे खा जक एक बेहद ही जवशाल सिेद संगर्मरर्मर की चर्मकती हुई
इर्मारत खडी थी जजसे दे ख कर र्मेरी आाँ खे चौंजधयााँ गयी र्मैने कहा तो आप
इस र्महल की र्मालजकन है , तो वो हाँ सते हुए बोली नही रे ,

र्मैं तो इधर कार्म करती ह, नौकरानी का तो र्माजलक लोगो ने इधर ही एक


कर्मरा रहने को जदया हुआ है और इस बगीचे की जो ़िर्मीन है ये भी बडी
र्मालजकन ने र्मुझे र्मेरे कार्म से खुश होकर दी है ये बताते हुए उसकी आाँ खे
गवु से चर्मक रही थी र्मैने कहा पर आप नौकरानी तो लगती नही हो , र्मेरा
र्मतलब आप इतनी सुंदर है आपके कपडे इतने अच्छे
तो वो बोली तो तुर्म भी कॉन सा ड्ाइवर लगते हो , र्मैने कहा पर र्मैं तो हाँ ही
, तो वो तपाक से बोली तो र्मैं भी नोकरानी ही हाँ , ये सब गहने और कपडे
तो हर्मारी र्मालजकन की बडी बेटी की उतरन है उनके बडे शौक है तो र्मुझे
जर्मल जाते है ये कपडे पहन ने को तभी र्मेरे जदर्माग़ र्मे एक सवाल आया र्मैने
कहा और आपके र्माजलक का क्या नार्म है तो वो बोली ठाकुर राजेंदर

ओह ओह तो इसका र्मतलब था जक इस सर्मय र्मैं नाहरगढ़ र्मे खडा था ,


कच्चे रास्ते की भूल भुलैया र्मुझे ये कहााँ ले आई थी जिर भी र्मैने कनिार्मु
करने के जलए पूछा जी आपके गााँ व का नार्म क्या था वो र्मैं भूल गया तो वो
बोली नाहरगढ़ र्मे हो तुर्म इस सर्मय र्मैने कहा हााँ याद आया काफ़ी अच्छा
गााँ व है आपका तो वो सवाल करते हुए बोली-तुर्म कब गये थे गााँ व र्मे

र्मेरी चोरी पकडी गयी थी र्मैने जकसी तरह बात को संभालते हुवे कहा जक जी
जब आप का घर ही इतना सुंदर है तो गााँ व भी सुंदर होगा इसी जलए बोल
जदया वो थोडा सा ब्लश करते हुए बोली वैसे बाते बडी अच्छी करते हो तो
र्मैने कहा आप भी तो जकतनी अच्छी हो थोडा थोडा सा अंधेरा होने लगा था
तो उसने कहा चलो अब र्मैं चली कार्म भी करना होगा

र्मैने कहा जी अच्छा र्मैं भी चलता ह, कुछ दू र चला ही था जक उसने आवा़ि


दी तो र्मैं र्मूड गया उसने कहा वैसे र्मैं हर र्मंगल , और शजन को इधर शार्म
को होती ह और पलट कर तेज तेज कदर्मो से आगे को बढ़ चली और र्मैं ना
जाने क्यो र्मुस्कुरा पडा और जिर र्मैं भी अपने आप से बाते करता हुआ कार
तक आया और जिर अपने गााँ व की ओर चल पडा

हवेली आया तो र्मेरा र्मूड बडा ही खुश खुश सा था पुष्पा रसोई र्मे थी तो र्मैं
उधर ही चला गया और उसको अपनी बाहों र्मे भर जलया र्मैने उसको रसोई
की दीवार से सटा जदया और उसके लाल लाल होटो पर जकस करने लगा वो
बोली छोजडए ना कोई आ जाएगा र्मैने कहा जकसकी र्म़िाल जो र्मेरे और
तुम्हारे बीच र्मे आए और वैसे भी कई जदन हो गये है तुम्हे प्यार नही जकया है
वो बोली पहले र्मुझे रसोई का कार्म सर्मेट लेने दें जिर र्मैं आती ह आपके
पास

तो र्मैं उसकी गान्ड पर जचकोटी काट ते हुवे बोला थोडा जल्दी कर के आना
, वो एक आह भर कर ही रह गयी थी र्मैं आकर बाल्कनी र्मे डाली कुसी पर
बैठ गया और जदव्या के बारे र्मे सोचने लगा जकतनी अच्छी थी वो जकतनी
सुंदर कुछ तो बात थी उसर्मे जो र्मेरा र्मन बार बार उसकी ओर भागने लगा
था ये ठं डी हवा क्या संदेशा लेकर आ रही थी र्मैं सर्मझ नही पा रहा था र्मैं
बेसिी से पुष्पा का इं त़िार कर रहा था तो करीब घंटे डे ढ़ घटने बाद पुष्पा
कर्मरे र्मे आई गीले बालों को दे खकर र्मैं सर्मझ गया था जक नहा कर आई है
र्मैने कहा ये अच्छा जकया जो नहा जलया अब तो र्म़िा ही आ जाएगा तो र्मैने
उसे अपन बेड पर खीच जलया और उसके शरीर से छे ड खानी करने लगा
र्मैने अपना हाथ उसकी साडी के अंदर घुसा जदया और उसकी केले के तने
जैसी जचकनी सुडोल टााँ गो पर जिराने लगा तो उसके बदन र्मे सुरसूराहट
बढ़ने लगी

पुष्पा ने अपने ब्लाउज के बटन्स को खोल जदए और उसे उतार जदया और


अपने एक बोबे को र्मेरे र्मूह र्मे दे ने लगी तो र्मैं उसकी चूची पर अपनी जीभ
जिराने लगा उधर साडी के अंदर अब र्मेरे हाथ उसके कुल्हो पर पहुच गये
थे और र्मैं कश्कच्छ के उपर से ही उनको दबा रहा था बडे बडे गोल र्मटोल
और रूई से भी र्मुलायर्म चूतड उसके पुष्पा की चूजचयो के जनप्पल्स अब तन
ने लगे थे और उसकी आाँ खो र्मे चढ़ती हुवी खुर्मारी र्मुझे भी र्महशूस होने लगी
थी

वासना का सागर हर्म दोनो के शरीर र्मे जहलोरे र्मारने लगा था र्मैने पुष्पा को
खडी जकया और उसकी साडी उतार कर उसे नंगी कर जदया और जिर से
अपनी बााँ हों र्मे ले जलया उसके सुखु होटो पर लगी जलपीसजटक को चाट ते
हुवे र्मैं उसे छूने जा रहा था जबजक उसका हाथ अब र्मेरे कच्छे र्मे घुस कर
र्मेरे लंड को थार्म चुका था पुष्पा थरथराते हुवे बोली र्माजलक अब जल्दी से
अपने इस र्मूसल को र्मेरी चूत र्मे घुसा दीजजए अब सहा नही जा रहा है र्मैने
कहा ए अभी कहा अभी तो पहले जी भर कर तेरे इस हुस्न का दीदार
करू ाँ गा

तू पहले ़िरा र्मेरे लंड को चूर्म तो सही तो पुष्मा र्मेरी टााँ गो के बीच र्मे बैठ
गयी और र्मेरे लंड पर अपने होठ जटका जदए और उपर उपर से उसको चूर्म
ने लगा जिर दो पल बाद ही उसने लंड की खाल को हटा कर सुपाडे को
बाहर जनकाला और उस को अपने र्मूह र्मे ले जलया ना़िुक खाल पर उसकी
गरर्म जीभ के असर से र्मेरे बदन र्मे एक झनझनाहट ही िैल गयी र्मैने अपने
हाथ अपनी कर्मर पर रख जलए और उसे लंड चूस्ते हुवे दे खने लगा र्मैने कहा
पुष्पा अपने हाथ से गोजलयो को सहला तो वो वैसा ही करने लगी और र्मेरा
र्म़िा दु गने से भी दु गना हो गया था
कई दे र तक र्मैं ऐसे ही उसे अपना लंड चुस्वाता रहा अब र्मैने उसे बेड पर
घोडी बना जदया और उसके र्मस्त चुतडों को िैलाते हुवे अपने लंड को चूत
पर सटा जदया पुष्पा ने एक र्मीठी सी झुरजुरी ली और र्मैने उसकी कर्मर पर
अपने हाथ रखते हुवे लंड को चूत र्मे घुसाना शुरू कर जदया लंड चूत की
िां को को िैलाता हुवा पुष्पा की चूत र्मे जा रहा था और वो अपनी टााँ गो को
आपस र्मे जचपका रही थी उसके चौडे चुतडों को सहलाते हुवे र्मैं अपने लंड
को आगे पीछे करने लगा था पुष्पा आहें भरते हुवे बोली र्माजलक थोडा सा
धीरे धीरे कीजजए ऐसे ही र्म़िा आ रहा था र्मैने कहा ठीक है जैसे तू कहे

र्मैं उसकी गरदन पर चूर्मने लगा तो कार्मोिेजजत और भी भडकने लगी


उसके जजस्म र्मे अब र्मैने उसकी कर्मर पर अपने दोनो हाथ डाल कर उसे
कस जलया और उसकी चुदाई शुरू कर दी तो पुष्पा भी अपनी गान्ड को
पीछे कर कर के र्मेरा पूरा साथ दे ने लगी थी उसका जजस्म इतना कसा हुआ
था जक जकसी र्षोडशी कन्या का भी ना था उसकी तुलना र्मे पुष्पा घोडी बनी
हुई र्मेरे हर एक प्रहार को अपनी चूत र्मे झेल रही थी उसकी पायल की
खनखन सुनकर चुदाई का र्म़िा और भी बढ़े जा रहा था

करीब दस जर्मजनट तक उसे घोडी बना ने के बाद र्मैं बेड पर लेट गया और
उसे अपने उपर ले जलया र्मैं उसके चुतडों को दबाते हुवे उसके गुलाबी होटो
को अपने र्मूह र्मे लेकर खाने लगा कभी कभी र्मैं वहााँ पर अपने दााँ तों से भी
काट लेता था तो वो जचहुनक जाती थी पर इस खेल र्मे ये छोटी र्मोटी
चुहलबाजी तो चलती ही रहती है पुष्पा ने योजनरस र्मे लथपथ र्मेरे लंड को
जिर से अपनी चूत पर रगडना शुरू जकया और जिर वो लंड पर बैठ गयी
उसकी झूलती हुई छाजतया बडी ही र्मनर्मोहक लग रही थी , लगा जक सारी
उर्मर बस उनको ऐसे ही दे खते रहं तो पुष्पा अब लंड पर उछल रही थी
उसकी सुंदर नाजभ बडी ही प्यारी लग रही थी र्मैने अपने हाथो र्मे उसके
उभारों को थार्म जलया और बडे ही प्यार से हौले हौले उनको सहलाने लगा
तो पुष्पा र्मंद र्मंद र्मुस्कुराने लगी चुदाई का खेल अपनी पूरी रफ़्तार से आगे
बढ़ा जा रहा था दोनो के बदन र्मे शोले िुट रहे थे अब र्मैने उसको अपने
नीचे ले जलया और उस पर चढ़ कर चोदने लगा

उसके जनचले होठ पर अपने दााँ तों के जनशान बनाते हुए उसकी प्यारी चूत
र्मारने र्मे बडा ही र्म़िा आ रहा था पुष्पा की छाजतया र्मेरे बोझ तले दबे हुई
जा रही थी उसने अपनी दोनो टााँ गे र्मेरी कर्मर के इदु -जगदु लपेट दी और हर्म
दोनो एक दू जे र्मे सर्माए हुए उन पलों का र्म़िा लूटने लगे थे, पुष्पा की चूत
की िां के बार बार लंड पर जैसे जचपक सी जाती तो सच र्मे उसकी चूत
र्मारने र्मे बहुत ही र्म़िा आ रहा था पुष्पा अब र्मेरे कानो पर काटने लगी थी
उफ़फ्फफ़ ये औरत के जजस्म की गर्मी अच्छे अच्छे को जपघला कर रख दे एक
पल र्मे ही तो हर्मारी चुदाई चल रही थी पुष्पा भी नीचे से अपनी कूल्हे र्मचका
र्मचका कर लुफ्त ले रही थी करीब 40-45 जर्मजनट तक हर्म दोनो ऐसे ही
एक दू जे र्मे सर्माए रहे इस बीच पुष्पा झड चुकी थी पर जिर भी र्मेरा साथ दे
रही थी और जिर र्मेरे लंड से वीयु की धारे जनकल कर उसकी चूत र्मे जगरने
लगी तो र्मैं भी आनंद के सागर र्मे जैसे डूब गया र्मैं उसके उपर ही पडा रहा
जब तक जक उसकी छूट ने वीयु की अंजतर्म बूाँद तक को अपने अंदर ना
सोख जलया जिर पुष्पा उठी और बोली र्माजलक आपने अंदर ही छोड जदया ,
कुछ जदनो पहले ही र्मेरा र्महीना हुआ है कही बच्चा ना ठहर जाए र्मैने कहा
जचंता ना कर कुछ नही होगा

और अगर कुछ होगा तो र्मैं हाँ ना तू क्यो जिकर कर रही है तो जिर उसने
अपने कपडे पहने और जाने लगी तो र्मैने कहा यहीं सो जा तो वो बोली नही
र्माजलक रात को गेट पर रहने वालों को चाइ दे नी पडती है कही आाँ ख लग
गयी तो जिर परे शानी होगी तो वो चली गयी और र्मैं जबस्तर पर अकेला रह
गया

अगले जदन र्मैं पैदल ही हवेली से जनकल गया और पीछे पहाडो की तरि
चल पडा र्मेरे र्मन र्मे कई तरह के सवाल थे जजनके जवाब र्मुझे तलाश करने
थे हर हाल र्मे आज़िर कॉन था जो इतनी घहरी पैठ रखता है जक हवेली की
इतनी कडी सुरक्षा होने के बाद भी ये खत छोड जाए जक दे व ठाकुर हवेली
का सूरज जल्दी ही अस्त हो जाएगा दरअसल बात ये थी जक कल रात पुष्पा
के जाने के बाद र्मैं तो सो गया था

पर जब र्मनोहर जो जक हवेली की चोकीदारी का कार्म कर रहा था वो पेशाब


करने के जलए जब कुाँए की जपछली तरि उगी हुई झाजडयो र्मे गया तो उसे
एक पोटली जर्मली जजसर्मे वो खत था जाजहर है ये र्मेरे जलए परे शानी वाली बात
थी क्योंजक चार दीवारी भी काफ़ी उाँ ची करवा दी गयी थी जिर भी को हवेली
र्मे घुसकर कैसे वो पोटली छोड कर जा सकता था र्मैं सवालो र्में बुरी तरह से
उलझा हुआ था

जकस पर भरोसा करू जकस पर नही करू कुछ सर्मझ नही आ रहा था
हवेली के चारो और र्मजबूत बौंडरी बनवा दी गयी थी तो र्मतलब ही नही पैदा
होता था जक कोई बाहर से या दीवार िााँ द कर घुस सके तो इसी
कशर्मकशर्म र्मे र्मैं उलझा हुआ था आज़िर जब कोई अंदर घुस सकता है तो
कल को कोई कां ड भी कर सकता है दे व ठाकुर इन सवालो की भूल भुलैया
र्मे उलझ कर रह गया था आज़िर कोई तो र्मदद गार जर्मले जो इस र्मुसीबत
का हाल जनकालें
तराई र्मे दू र दू र तक र्मैदान था जो जक झाड झंखाड और पेडो से ढका हुवा
था तो र्मैं उधर ही चलने लगा करीब 1 कोस के बाद इलाका और भी गहराई
र्मे जाने लगा तो पेड पोधो की कतार और भी लंबी होने लगी थी सुनसान
इलाका और दू र दू र तक जकसी इं सान का पता नही र्मेरे र्माथे से पसीना चू
जनकाला पर र्मैं आगे और आगे चलता रहा और जिर र्मुझे कुछ ऐसा जदखा
जजसकी र्मुझे जबल्कुल भी उम्मीद नही थी र्मैं ते़िी से दौड ते हुए उस ओर
गया

ये तो सिेद कलर की फ़ोडु गाडी थी गाडी को इस तरह से छु पाया गया था


जक जबल्कुल पास आने पर ही पता चले वरना बाहर से तो जकसी को सपना
भी ना आए जक इधर एक गाडी छु पाई गयी है दे खने से ही पता चलता था जक
गाडी कई जदनो से इधर ही खडी होगजय थी टायरो र्मे हवा भी कर्म कर्म ही
लग रही थी र्मैने गाडी की नंबर प्लेट पर पडी धूल हटाई तो र्मेरी आाँ खे चर्मक
उठी

और र्मन परे शान होगया ये कार तो लक्ष्मी की थी और अगर कार यहााँ है तो


जिर लक्ष्मी कहााँ है र्मेरा जदल जोरो से धडकने लगा र्मैने जेब से िोन जलया
और लक्ष्मी का नंबर जर्मलाया पर उस जगह पर नेटवकु था ही नही तो र्मैं
सोचने लगा जक इतनी झाड झंखाड वाली जगह पर कोई इस गाडी को लेकर
आया कैसे रास्ता इधर ही कही होगा तो र्मैं गाडी को छोड कर रास्ता ढू ाँ ढने
लगा
थोडी दे र बाद र्मुझे एक कच्ची सडक जदखाई दी जजज्ञासा वश र्मैं उधर ही
चल पडा घने पेडो के बीच से ये रास्ता बनाया गया था और इतना अंधेरा था
पेडो की वजह से की सॉि सॉि जदखना बडा ही र्मुश्किल था पर र्मैं धीरे
धीरे आगे चला जा रहा था टे ढ़ा र्मेढ़ा होते हुए वो रास्ता जब ़ितर्म हुवा तो
र्मैने दे खा जक एक झोपडी सी थी पर वहााँ कोई जदखाई नही दे रहा था तो र्मैं
अंदर चला गया वहााँ जाकर दे खा

तो खाने पीने का सर्मान पडा था जैसे जक कोई कल या परसो ही यू़ि जकया


गया हो र्मेरे जदर्माग़ की सारी नसें जैसे िटने को ही हो रही थी र्मैं झोपडी की
तलाशी लेने लगा तभी र्मेरा पैर जकसी ची़ि से टकराया तो र्मैं ददु से जबल
जबला उठा ये कोई कुण्डा सा था जो िशु र्मे लगाया गया था र्मैने उसे खोला
तो

तो दे खा जक नीचे की ओर जाने के जलए सीजढ़या बनी हुई थी तो र्मैं नीचे उतर


गया रास्ता सां करा सा था पर इतना था जक आदर्मी सीधा होकर चल सके तो
र्मैं आगे आगे बढ़ता गया कुछ अंधेरा सा था तो र्मैने र्मोबाइल की टॉचु जला
ली करीब 30 जर्मजनट तक र्मैं नाक की सीध र्मे चलता रहा जिर जाके थोडा
थोडा सा उजजयारा जदखाई दे ने लगा और उपर जाने के जलए सीजढ़या भी

तो र्मैं उपर चढ़ने लगा जब र्मैं उपर चढ़ा तो दे खा जक र्मैं तो हवेली र्मे ही
वाजपस आ गया ह अब बारी र्मेरे आश्चयुचजकत होने की थी ये हवेली का वो
कर्मरा था जजसर्मे दादा जी रहा करते थे अब र्मेरी सर्मझ र्मे एक बात तो आ
गयी थी जक जो भी हवेली र्मे आया था वो इसी रास्ते से आया था क्योंजक जो
भी चौकीदार थे वो सब गेट पर ही बने कर्मरों र्मे रहते थे हवेली र्मे आने का
हक बस र्मुझे और पुष्पा या कुछ ही लोगों को ही था

लेजकन वो रास्ता जकसने बनाया ़िरूर वो पुराना रास्ता होगा क्योंजक अक्सर
ऐसी जगहों र्मे ़िुजफ़या रास्ते भी बनाए जाते रहे है पर लक्ष्मी की कार वहााँ
पर क्या कर रही थी र्मैने लक्ष्मी को िोन जकया तो पहली ही घंटी र्मे िोन
उठ गया र्मैने सीधा पूछा कहााँ हो तुर्म और कब तक आओगी तो उसने कहा
जक र्मैं र्मेरे बेटे के पास हाँ और दो चार जदन र्मे आ जाउन्गी

र्मेरे जदर्माग़ र्मे कुछ शक का कीडा बुलबुलाने लगा था तो र्मैने तुरंत ही गोरी
को बुलावा भेजा तो पता चला जक वो स्कूल गयी हुई है तो र्मैं सीधा स्कूल के
ही पहुच गया र्मैने कहा गोरी तेरा भाई जहााँ पढ़ता है उधर का अड्ेस दे
अभी और इस बारे र्मे जकसी को र्मत बताना तो उसने कुछ नही पूछा और
पता दे जदया र्मैं उसी टाइर्म उस शहर के जलए जनकल पडा वहााँ पहुचते
पहुचते र्मुझे ऑलर्मोस्ट अगली सुबह ही हो गयी थी आाँ खे नींद र्मे डूब रही थी
बदन थक कर चूर हो रहा था पर र्मुझे अब जल्दी से जल्दी लक्ष्मी के बेटे से
जर्मलना था , तो र्मैं करीब 11 बजे उसके कॉलेज के जवज़िटसु ऑिीस र्मे था
उन्होने कहा आप थोडा इं त़िार करें हर्म बुलवा रहे है , जैसे ही र्मैने लक्ष्मी
के बेटे को दे खा कुछ ़िास नही लगा वो र्मुझे दु बला पतला सा आाँ खो पर
ऩिर का चश्मा, र्मैने उसे अपना पररचय जदया और कहा जक र्मााँ कहााँ है तो
वो बोला र्मााँ इधर क्या करने आएाँ गी

जब भी आता हाँ तो र्मैं ही गााँ व आता हाँ आज तक तो वो कभी आई ही नही


इधर नही कभी बापू आए है बस पैसे भेज दे ते है टाइर्म टू टाइर्म र्मैने कहा
पर वो तो कह रही थी जक तुर्मसे जर्मलने आ रही हैं पर उसने तो र्मना कर
जदया अब र्मैं और भी उलझ कर रह गया था आज़िर कुछ तो राज था कुछ
तो श्कखचडी बन रही थी पर क्या था वो र्मुझे पता नही चल रहा था तो र्मैने
फ़ैसला जकया जक वाजपस हवेली ही चला जाए

हवेली आने के बाद र्मैं इसी पेशो-पेश र्मे था रात जघरी आई थी पुष्पा अपने
घर जा चुकी थी र्मैने सोचा जक क्यो ना आज रात हवेली को अच्छे से दे खा
जाए आज़िर इतने कर्मरे थे जो अब भी बंद पडे थे कुछ तो जर्मलेगा ही कोई
तो रा़ि है जजसका र्मुझे पता नही था तो र्मैने एक एक कर्मरे को खंगालना
शुरू कर जदया दो-चार कर्मरो र्मे तो बस कपडो गहनो के अलावा कुछ ना
जर्मला कुछ र्मे जकताबें और िालतू की ची़िे पडी थी

पर र्मैं तलाश करता रहा आज़िर र्मे र्मुझे एक कर्मरे र्मे एक बॉक्स र्मे एक
चााँ दी का हार जर्मला उसे दे ख कर र्मुझे लगा जक ऐसा का ऐसा र्मैने कही तो
दे खा है पर याद नही आ रहा था काफ़ी याद करने पर भी याद नही आया तो
र्मैने उसे साइड र्मे रखा और जिर से ची़िो को तलाशने लगा आज़िर एक
कर्मरे र्मे र्मुझे कुल दस्ता वेज जर्मल गये करीब पााँ च साल पुराने थे धूल र्मे पडे
हुए

कुछ की हालत तो बहुत ही ़िस्ता हो चली थी पर उनसे कुछ इं पॉटें ट भी


पता चला उसर्मे हर्मारे खानदान की संपजि का ब्योरा था पर उसर्मे जो जलखा
था वो रकर्म और जर्मश्कल्कयत बहुत ज़्यादा थी जबजक वकील और र्मुनीर्म ने
जो बताई थी वो तो इस से काफ़ी कर्म थी तो र्मेरा जदर्माग़ घूर्मा और र्मैन बात
ये थी जक दादाजी तो बीर्मार ही थे और र्मैं यहााँ था नही तो आज़िर जकतना
पैसा खरच हुआ होगा
र्मैने वो कागज साइड र्में रखे और जिर से अपने कार्म र्मे लग गया एक बात
तो पक्का हो गई थी जक दाल पूरी ही काली हो गयी थी सुबह तक र्मैने काफ़ी
कुछ खंगाल र्मारा था पर उन प्रॉपटी के पुराने पेपसु के अलावा कुछ कार्म
की ची़ि नही जर्मली थी र्मैं हवेली से जनकल कर सीधा वकील की पास शहर
गया और वो कागज वहााँ पर रखते हुए पूछा जक ............

ये पेपसु तो प्रॉपटी के बारे र्मे कुछ और ही कहते है तो उसके र्माथे पर


परे शानी के बल पड गये र्मैने कहा 5 जर्मजनट र्मे सब सच बता वरना जिर तुर्म
जानते ही हो तो वो बोला ठाकुर साहब सच र्मे आपकी प्रॉपटी बहुत ही
ज़्यादा है पर लक्ष्मी जी के दबाव र्मे र्मुझे ऐसा करना पडा र्मैने कहा और
कोन कॉन है उसके साथ तो वो बोला जी र्मुझे नही पता र्मुझे तो लक्ष्मी ने ही
कहा था और र्मोटी रकर्म भी दी थी ऐसा करने के जलए

र्मैने कहा असली पेपसु कहााँ है और सबसे इं पॉटें ट बात बता जक जब अगर
लक्ष्मी को प्रॉपटी का ही लालच था तो र्मुझे यहााँ क्यो बुलाया गया चुप चाप से
ही कब्जा क्यो नही कर जलया तो वकील घबराई हुई सी आवा़ि र्मे बोला
ठाकुर साहब आपने शायद वसीयत ठीक से नही पढ़ी उसर्मे ये जलखा था जक
अगर जकसी कारण से दे व प्रॉपटी को क्लेर्म ना कर पाए तो ये सब कुछ
सरकार के पास चला जाए और उनकी जनगरानी र्मे एक अनाथालय बना
जदया जाए

इस जलए आप को बुलाना यहााँ पर र्मजूबूरी थी, आपके जबना सारी प्रॉपटी


लॅप्स हो जाती र्मैने कहा वकील जो भी बात तेरे र्मेरे बीच र्मे हो रही है वो तूने
अगर लीक की तो र्मेरा वादा है जक तेरी लाश कही पडी हुई जर्मलेगी तो वो
बोला र्माफ़ कीजजए दे व साहब आगे से र्मैं पूरी वफ़ादारी करू ाँ गा , शार्म को
र्मैं जदव्या से जर्मलने उसी बगीचे र्मे चला गया ना जाने क्यो उस से जर्मलकर
बडा ही अच्छा लगता था

जब र्मैं वहााँ पर पहुचा तो वो खरगोशो के साथ खेल रही थी र्मुझे दे ख कर


बोली र्मुसाजिर, काफ़ी जदनो र्मे आए हो इधर र्मैने कहा जी वो कुछ कार्म से
बाहर जाना हो गया था पर सर्मय जर्मलते ही इधर आ गया वो बोली अच्छा
जकया र्मेरा भी बडा र्मन हो रहा था तुर्मसे बाते करने का र्मैने कहा जदव्या जी
अगर आप बुरा ना र्मानें तो एक बात पुछु वो बोली हर्म कहो क्या बात है

र्मैने कहा जी वो कल रात कुछ लोगो से र्मुझे अजुुनगढ़ और नाहरगढ़ के


ठाकूरो की कहानी के बारे र्मे पता चला पर र्मुझे यकीन नही हुआ तुर्म तो
इधर र्महल र्मे रहती हो तुम्हे तो पता ही होगा तो वो बोली बात पुरानी है र्मुझे
इसके बारे र्मे कुछ ज़्यादा पता नही है र्मैने कहा जक वो लोग कह रहे थे जक
वसुंधरा दे वी को उनकी र्मााँ ने ही जहर दे जदया था

तो जदव्या के चेहरे पर गुस्से से लाली आ गयी पर तुरंत ही उसने अपने आप


को संयंत कर जलया और बोली ऐसा कुछ नही हुआ था बश्कल्क उनकी र्मौत
तो र्महल र्मे हुई ही नही थी, र्मैने कहा तुम्हे कैसे पता तो वो बोली पता है र्मुझे
उसकी एक बात से र्मेरे अंदर एक हलचल र्मच गयी थी पर र्मैने खुद को
संभाल जलया था आज़िर जदव्या झूट क्यो बोलेगी र्मैने कहा जदव्या तुम्हे जो
भी पता है क्या तुर्म र्मुझे बताओगी र्मुझे बहुत ही उत्सुकता हो गयी है उसने
एक ठं डी आह भरी और कहा जक दे खो र्मुझे पक्का ये तो नही पता जक
आज़िर ठाकुर वीरभान और भीर्मसेन के बीच ऐसी कॉन सी बात थी जजस से
वो एक दू सरे से नफ़रत करने लगे थे पर ये भी सच है जक वीरभान और
वसुंधरा एक दू सरे से प्रेर्म करते थे

और जिर इसी बात को लेकर काफ़ी बडा कां ड भी हो गया था पर जिर भी


दोनो प्रेजर्मयो का ब्याह हो गया था और उनका बेटा भी हो गया था पर जिर
एक जदन वसुंधरा को उनकी र्मााँ सारी बाते भूलकर इधर यानी नाहरगढ़ ले
आई और जिर वसुंधरा जी की र्मौत हो गयी जजसका इल्जार्म उनकी र्मााँ पर
लगा र्मैने कहा हर्म इतना तो पता है र्मुझे और जिर उनकी र्मााँ को जैल हो
गयी थी

वो बोली हााँ पर जैसा जक सब र्मानते है जक उनको जहर उनकी र्मााँ ने जदया


था पर वास्तव र्मे ऐसा कुछ हुआ ही नही था
र्मैने कहा जदव्या क्या तुर्म र्मुझे पूरी कहानी शुरू से बताओगी तो उसने कहा
जक नही वो उस सब के बारे र्मे बात नही करना चाहती है पर उसके चेहरे
पर एक गुस्से की लकीर को र्मैने दे ख जलया था र्मैने कहा र्मैने कभी भी
ज़िंदगी र्मे र्महल नही दे खा है क्या तुर्म र्मुझे जदखाओ गी तो उसने कहा जक वो
कैसे तुम्हे जदखा सकती हाँ अगर र्माजलक लोगो ने दे ख जलया तो उसकी
नौकरी पे बन आएगी तो र्मैने भी जिर कुछ ना कहा उसके साथ वक़्त जबता
कर बडा ही अच्छा लग रहा था र्मुझे पर जिर अंधेरा जघरने लगा था तो घर
आना ही था

दो चार जदन ऐसे ही गुजर गये और जिर हवेली र्मे लक्ष्मी आई र्मैने कहा कहााँ
गयी थी तुर्म जकतने जदन लगा जदए आने र्मे तो उसने बताया जक वो बेटे से
जर्मलने गयी थी जबजक र्मुझे पहले से ही पता था जक वो कहीं और से आ रही
है र्मैने पर कुछ भी जाजहर नही होने जदया और उस से बाते करता रहा अब
कैसे उगलवाऊ उस से जक वो कहााँ गयी थी बात करते करते र्मुझे कुछ सूझा
तो र्मैने कहा जक र्मुझे शहर तक जाना है पर र्मेरी गाडी र्मे कुछ प्राब्लर्म है तो
क्या तुम्हारी कार ले जाउ
उसने कहा ये भी कोई पूछने की बात है र्मेरा सब कुछ तुम्हारा ही तो है र्मैने
गाडी ली और स्टाटु कर के बाहर जनकल गया सुनसान जगह र्में आते ही र्मैने
गाडी को चेक करना शुरू जकया आज़िर कुछ तो जर्मले जजस से पता चले जक
आज़िर ये गयी कहााँ थी पर इधर भी हताशा ही हाथ लगी कुछ नही जर्मला
दो-तीन बार अच्छे से चेक जकया पर रह गये खाली हाथ पर कुछ तो श्कखचडी
पक ही रही थी जजसर्मे लक्ष्मी भी शाजर्मल थी पर डाइरे ि् ली उस से कुछ
पूछ नही सकता था

एक एक जदन बडा भारी सा हो रहा था पर जिर एक रोज नाहरगढ़ से ठाकुर


राजेंदर की तरि से जनर्मंत्रण आया जक उनकी बेटी संयोजगता का जनर्मजदन
है तो ़िरूर जशरकत करें र्मैं सोचने लगा जक जाउ या नही , जाउ या नही
र्मुनीर्म जी से बात की तो वो बोले आपको जबल्कुल भी नही जाना चाजहए
जपछले 19 बरस से इधर से कोई उधर नही गया है पर अगर आप जा ही रहे
है तो अपने साथ कुछ आदर्मी ़िरूर ले जाएाँ ना जाने कोन घडी क्या हो जाए
र्मैने कहा नही जाउन्गा तो र्मैं अकेला ही अब जब उन्होने आगे से खुद न्योता
भेजा है तो हर्मारा जाना भी बनता है

र्मैं र्मुनीर्म जी के घर से जनकल कर कुछ दू र चला ही था जक र्मुझे कुछ याद


आया तो र्मैं अंदर कर्मरे र्मे पैर रखने ही वाला था जक र्मैने सुना र्मुनीर्म िोन
पर कह रहा था जक हााँ अब सही सर्मय आ गया है अपना कार्म भी हो
जाएगा और शक भी नही होगा , अब ये कॉन सा कार्म कर रहा है कहीं ये
भी कुछ प्लॅजनंग तो नही कर रहा है र्मैं है रान परे शान पर जिर उसकी बाते
सुन ने के बाद र्मैं वहीं से ही र्मूड गया दो रोज बाद र्मुझे नाहरगढ़ जाना था
अगले जदन सुबह सुबह ही गोरी आ गयी र्मैने कहा गोरी आज तुर्मने जदल
खुश कर जदया गोरी ने कहा ऐसा र्मैने क्या कर जदया
तो र्मैने कहा आज जदल बहुत परे शान था
तो वो बोली र्मााँ है नही घर पर तो आ गयी र्मैने कहा अच्छा जकया र्मैं भी बोर
हो रहा था र्मैने गोरी को खीच कर अपनी गोद र्मे जबठा जलया और उसकी
गदु न पर अपनी ़िुबान जिराने लगा तो गोरी कसर्मसाते हुवे बोली दे व र्मत
छे डो ना जिर र्मुझे खुद पर काबू करना र्मुश्किल हो जाता है र्मैं अपने दााँ त
उसकी सुरजहदार गदु न पर गढ़ाते हुए बोला तो जिर आज हो जाना बेकाबू
जकसने रोका है
बडा र्म़िा आएगा जब जर्मल बैठेंगे दीवाने दो

र्मैं अपने हाथ उपर ले गया और सूट के उपर से ही उसके पुष्ट उभारों को
दबाने लगा तो गोरी शरर्माते हुए बोली दे व र्मत छे डो र्मुझे र्मान भी जाओ ना
तो र्मैने कहा गोरी बस कुछ दे र खेलने दे ना अच्छा लग रहा है तो वो शरर्माते
हुए बोली पर र्मुझे तुम्हारा वो नीचे चुभ रहा है तो र्मैने गोरी को बेड पर जलटा
जदया और उसके उपर चढ़ गया

और उसको अपनी बाहों र्मे दबोच जलया गोरी के कााँ पते होठ र्मुझे अपनी
ओर बुला रहे थे तो र्मैने अपने प्यासे लबो पर जीभ िेरी और गोरी के सुखु
होटो से अपने होटो को जर्मला जलया र्मैं तो कई जदनो से प्यासा था आज र्मैं जी
भर कर गोरी के शहद से भरे होटो को पीना चाहता था तो र्मैं काफ़ी दे र तक
उनको चाट ता ही रहा जिर गोरी ने अपना र्मूह अलग जकया

और हान्फते हुवे बोली उिििििििफ्फफ़ सां स तो लेने दो ़िरा र्मैने


उसके सूट को सर्मी़ि सर्मेत उतार कर साइड र्मे रख जदया तो गोरी का
उपरी जहस्सा पूरी तरह नंगा हो गया र्मैने तुरंत उसकी एक चूची को अपने
र्मूह र्मे भर जलया और दू सरी को हाथ से भीचने लगा तो गोरी र्मस्ती के सागर
र्मे गोते खाने लगी उसने अपने हाथ से र्मेरे लंड को पकड जलया और उस से
खेलने लगी

10-12 जर्मजनट तक उसके उभारों को चूस चूस कर र्मैने जबल्कुल ही लाल


कर जदया गोरे के गाल गुलाबी हो गये थे अब र्मैने उसकी सलवार के नडे पर
अपना हाथ रखा और उसको खीच जदया गोरी ने ़िरा सा भी जवरोध नही
जकया गुलाबी रं ग की कश्कच्छ र्मे क्या र्मस्त लग रही थी वो बस र्मैं तो र्मर ही
जर्मटा उसके योवन पर र्मैने अपनी नाक उसकी चूत पर रखी तो बडी भीनी
भीनी सी खुश्बू आ रही थी

र्मैं कश्कच्छ के उपर से ही उसको जकस करने लगा तो गोरी बेड पर नाजगन की
तरह र्मचलने लगी र्मस्ती उसके रोर्म रोर्म र्मे भरती जा रही थी तभी गोरी
बोली दे व रुक जाओ ना सुबह का टाइर्म है पुष्पा आती ही होगी थोडी दे र र्मे
र्मैने कहा तू उसकी जचंता ना कर बस र्मेरा साथ दे तो जिर उसने कुछ नही
कहा र्मैने उसकी कश्कच्छ की एलाश्कस्टक र्मे अपनी उं गजलया डाली और उसको
भी उतार कर िेक जदया

हल्की रोएाँ दार झान्टो के बीच र्मे छु पी हुई उसको छोटी सी गुलाबी योजन रस
से भरी पडी थी तो र्मैं अपनी उं गली को उसकी चूत की दरार पर जिराने
लगा गोरी बडी र्मस्त होकर हल्की हल्की सी जससकाररयााँ भरने लगी थी जिर
र्मैं अपनी उं गली को अंदर घुसाने की कोजशश करने लगा तो गोरी ने र्मेरा
हाथ पकड जलया और बोली ऐसा ना करो ददु होता है तो र्मैने कहा और जब
इसर्मे लंड जाएगा तब ,
तो वो शरर्माते हुए बोली धात, बेशर्मु हो तुर्म तो र्मैने अपने होटो र्मे उसकी
चूत को भर जलया तो गोरी जैसे सीधा आसर्मान की सैर पर पहुच गयी और
बोली उिििििििििफ्फफ़ ओह दे वववववववववववववववव ईईए
कैसा जादू कर दे ते हो तुर्म जकतना अच्छा लगता है जब तुर्म वहााँ पर
जकस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स करते ईईईई हऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ ओह
आआआआआआआआाआआआआआआआ

उसकी चूत से जैसे उस गरर्म र्मजेदार रस का झरना ही बह चला था गोरी ने


अपनी आाँ खो को र्मस्ती के र्मारे बंदकर जलया था और र्मेरे सर को अपनी
जााँ घो पर भीच ने लगी थी सुडूप सुडूप र्मैं अपनी जीभ को जतकोना कर के
उसकी चूत को चाटे जा रहा था जिर र्मैं वहााँ से उठा तो गोरी र्मेरी ओर ऐसे
दे खने लगी जक जैसे जकसी ने भूखी शेरनी के आगे से जशकार छीन जलया हो

गोरी ने बेड की चादर अपने पे लपेट ली थी र्मैने जकवाड को बंद जकया पर


कुण्डी नही लगाई और बेड पे आके गोरी के पास बैठ गया हर्मारी आाँ खे एक
दू सरे से टकराई वो शरर्माते हुवे बोली प्ली़ि बल्ब बुझा दो तो र्मैने कहा जिर
र्मैं तुम्हारे इस र्मादक जजस्म का दीदार कैसे करू
ाँ गा तो उसने अपने चेहरा
नीचे की ओर कर जलया र्मैने उसके र्मुखडे को अपने हाथो से उपर की ओर
उठाया और उसके होंटो पे अपनी उं गजलया िेरने लगा

उसका बदन पता नही क्यों कां प रहा था तो र्मैने उसे जबल्कुल ररलॅक्स होने
को कहा और बोला जक अगर वो कंिटु बल नही है तो रहने दे ते हैं तो वो
बोली नही ठीक हैं तो र्मैने अपना हाथ उसकी गदु न र्मे डाला और उसे थोडा
र्मेरी ओर खींच जलया गोरी कसर्मसाने लगी र्मैने दे र ना करते हुवे उसके गालो
को चूर्म जलया अब गरर्म तो वो थी ही बस थोडा ठहराव आ गया था गालो को
चूर्मते चूर्मते र्मैं उसके हल्के लाल लाल होंटो की ओर बढ़ रहा था और जिर
र्मैने अपने होंठ उसके होंटो से जोड जदए ऐसा लगा जैसे को जपघली हुवी
आइस िीर्म हो धीरे से र्मैने उसके शरीर पे जलपटी चादर को एक साइड कर
जदया और उसकी पीठ सहलाने लगा जिर उसे जलटा जदया और उसका हाथ
अपने लंड पे रख जदया

उसने जबना जकसी शरर्म के उसे थार्म जलया र्मैं एक बार जिर से उसके
कोर्मल अधरो का रस चूसने लगा वो उिेजना के जशखर की ओर अग्रसर
होने लगी उसके हाथ का दबाव लंड पे बढ़ता ही जा रहा था गोरी का बदन
ऐसे तप रहा था जैसे उसे बुखार चढ़ा हो अब र्मैने उसके बोबे को चूसना
शुरू जकया और उसकी चूत पे अपनी उं गजलया िेरने लगा जबना बालो की
एक दर्म करारी चूत जजसपे आज र्मेरे लंड की र्मोहर जटकने वाली थी उसकी
जनप्पल जबल्कुल गुलाबी रं ग की थी वो खुद र्मेरे चेहरे को अपनी छाजतयों पे
दबाए जा रही थी जब र्मेरी उं गजलया उसकी चूत से टकराई तो र्मैने गीलापन
सॉि र्मह सूस जकया उसकी चूत थोडी लंबी सी थी बाजकयों से थोडी अलग
सी र्मैं उसके दाने को जोरो से रगडने लगा

उसकी टााँ गे अकडने लगी र्मैं थोडा उपर हुआ और उसके होंठो को एक बार
जिर अपने र्मूह र्मे भर जलया र्मैं बहुत ही ़िोर से उं गली करता जा रहा था
गोरी बुरी तरह कां प रही थी र्मैने दू सरी उं गली भी चूत र्मे सरका दी और पूरी
स्पीड से अंदर बाहर जकए जा रहा था उसका हाल बहुत बुरा हो रहा था जिर
र्मैं झट से नीचे आया और चूत पे अपने होंठ जटका जदए अब र्मेरी जीभ उसे
अपना कर्माल जदखाने लगी वो 5 जर्मजनट भी ना जटक पाई और अपना गाढ़ा
सिेद पानी छोड जदया और जकसी लाश की तरह पसर गयी उसकी आाँ खे
बंद थी और छाजतया जकसी ढोाँकनी की तरह उपर नीचे हो रही थी र्मैं उसके
पास लेट गया और उसे से सट गया उसने आाँ ख खोली और बडे प्यार से र्मेरी
ओर दे खने लगी

र्मैने कहा गोरी इसे चुसोगी तो उसने अपना सर हां र्मे जहला जदया और र्मेरी
टााँ गो के पास बैठ ते हुवे लंड को अपने र्मूह र्मे भर जलया और तुरंत ही
जनकाल भी जदया और थूकते हुवे बोली ये तो खारा खारा हैं तो र्मैने कहा कुछ
नही होता जानेर्मन दु जनया तो इसे चाटने के जलए र्मरती है और तुम्हे पसंद
नही आ रहा तो उसने उसे पानी से धोया और चूसने लगी उसकी जीभ का
स्पशु बहुत ही जबरदस्त था र्मेरे हाथ खुद ब खुद उसके सर पे कस गये वो
बडी ही अदा से लंड चूस रही थी पहले वो उसे पूरा र्मूह र्मे लेती चुस्ती और
झट से बाहर जनकाल दे ती थी

र्मैं जबना रुके उसके होंठो को जपए जा रहा था र्मैने अपनी हथेली उसकी चूत
पे रख जदया और उसको र्मसल्ने लगा उसकी चूत तो बहुत ही ज़्यादा गरर्म
हो रही थी उसकी चूत की साइड से पसीना बह रहा था र्मैं अपनी उं गली को
उसकी चूत के दाने और उसकी लाइन पे जिराने लगा उसके बदन र्मे
कंपकंपी होने लगी

र्मेरे लंड का भी बुरा हाल हो रहा था तो दे र करना उजचत नही था र्मैने उसे
जलटा जदया और उसकी टााँ गो को चौडा कर जदया र्मैने अपने र्मुाँह को नीचे
जकया और ढे र सारा थूक उसकी चूत पे लगा जदया थोडा अपने लंड की टोपी
पे भी लगाया और लंड को चूत पे सेट कर जदया पहली बार र्मे लंड जिसल
गया कई ट् ाइ की पर लंड घूंस ही नही रहा था तो र्मैने सुपाडे को कस के
छे द पे रखा और अपना पूरा ़िोर लगाते हुए धक्का र्मारा अबकी बार सुपाडा
अंदर घूंस गया जैसे ही सुपाडा अंदर घूाँसा उसकी आाँ खो की आगे तारे नाच
उठे सां स गले र्मे ही अटक गयी उसने अपनी जीभ को दााँ तों र्मे जदया आाँ खो
से आाँ सुओ की धारा बह जनकली गोरी रोते हुए बोली

रीईईईईईईईईईईई
र्माआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ
आआआअ
आआआआआआआआआआआअ र्मररर््ु र््ु र््ु र््ु र््ु र््ु र््ु र्ु रर
र््ु र््ु जडु ईईईईईईईईईईईईईय् ाआआआआआआआआआआआआआआआआ
आआआआआआआआआआआरीईईईईईईईईईईईईईईईई
ईईईईईईईईईईईईई बाआआआआआआहर््ु र््ु र््ु र््ु र््ु र््ु रर
र््ु र््ु र््ु रर
न्र्रननननननननननश्कननईीईईईईईईईईईईईईईईईईईजईककककककककक
कककककाअ
आआआआआआआाअलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्
ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल लीईईईईईईईईईईईईईईईईई अभी जनकाल लो दे व र्मुझे नही
लेना
र्मज्जाआाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ
आआआआआआआआआआआ पर र्मुझे पता था जक एक बार अगर अगर
लंड को बाहर जनकाल जलया तो जिर ये हाथ नही आए गी वो जकसी हलाल
होती हुई र्मुगी की तरह हो रही थी तो र्मैने अपना हाथ उसके र्मुाँह पे रख
जदया ताजक वो चीख ना र्मार सके और एक और धक्का लगाते हुए पूरे लंड
को उसकी चूत की गहराइयो र्मे उतार जदया

इतनी जल्दी जकस जलए उसकी आाँ खो र्मे आाँ सू आ गये और गालो पे बहने
लगे र्मैने उसके आाँ सू चाट जलए और उसके कान र्मे कहा थोडा अड् जस्ट
करने की कोजशश करो ये ददु बस कुछ ही दे र र्मे गायब हो जाएगा और
उसके होंठ चूर्मने लगा कुछ जर्मजनट बाद र्मैने लंड को थोडा सा खींचा और
जिर से अंदर डाल जदया गोरी की आआआआआआः जनकल गयी र्मैं धीर्मे
धीर्मे धक्के र्मारने लगा उसकी चूत बहुत ज़्यादा टाइट थी और र्मेरे लंड पे
पूरा दवाब पड रहा था गोरी ने अपनी बाहें र्मेरी पीठ पे कस दी और अपने
दााँ तों से र्मेरी गदु न पे काटने लगी वो जकसी जंगली जबल्ली की तरह जबहे जवयर
कर रही थी

र्मैने उसे कस्के दबोच जलया था र्मैने अपने हाथ की पकड उसके र्मुाँह पे कस
दी तो बुरी तरह से िडिडाने की कोजशश कर रही थी पर र्मेरी बााँ हो के
चंगुल से जनकल नही पाई 5-7 जर्मनट तक र्मैं ऐसे ही उसके उपर पडा रहा
वो भी कुछ शां त हुई तो र्मैने अपना हाथ उसके र्मुाँह से हटाया उसकी सां सो
की गजत बहुत ही तेज हो गयी थी र्मैने पूछा ठीक हो तो वो बोली बहुत ददु हो
रहा है र्मैं बोला बस अभी दू र हो जाएगा थोडी जहम्मत करो र्मैने उसके होंठो
को जिर से चुंसना शुरू जकया और धीरे धीरे अपनी कर्मर को जहलाने लगा
बस धीरे धीरे ही सर्मय बीतने के साथ वो कुछ नॉर्मुल तो हो रही थी पर
उसको ददु तो हो ही रहा था उसकी चूत तो हद से ज़्यादा टाइट थी ऐसा
एहसास तो र्मुझे आज तक कभी नही हुई था लग रहा था जक जैसे लंड जकसी
बोतल र्मे िस गया हो

चूत ने उसे पूरी तरह से लॉक कर जलया था र्मैने लंड को एक दर्म जकनारे
तक खेंचा और दु बारा अंदर डाल जदया उसने अपनी टााँ गो को सीधा कर
जदया काफ़ी दे र हो चुकी थी तो र्मैने अब धक्को की रफ़्तार को बढ़ा जदया
उसके होंठ र्मेरे र्मुाँह र्मे थे तो उसकी हर जससकी र्मेरे र्मुाँह र्मे ही घुल गयी थी
र्मैं धक्के र्मारे जा रहा था उसके चूतड भी अब जहलने लगे थे र्मुझे ऐसे लग
रहा था जक जैसे र्मेरे लंड पे जपघला हुआ लावा उडे ल जदया गया हो जिर
उसने अपने होंठ हटाए और लंबी लंबी सााँ से लेने लगी र्मैं पूछा अब ठीक हो
तो उसने इशारा जकया तो र्मैं भी आस्वश्त हुआ उसके हाथ र्मेरी पीठ पे रें गने
लगे उसके ना़िून र्मेरी पीठ र्मे धाँस गये वो बहुत ही ़िोर से अपने नखुनो को
गढ़ाए जा रही थी पूरी तरह से वो भी अब जवानी के र्म़िे र्मे बहने लगी थी

र्मैने लंड को बाहर जनकाला उसपे थूक लगाया और जिर से चूत र्मे धकेल
जदया अब लंड चूत की सडक पर सरपट दौड लगाने लगा गोरी र्मेरी गदु न पे
बुरी तरह काट रही थी दू सरी तरि उसके ना़िून र्मेरी पीठ र्मे धन्से जा रहे
थे तो र्मैने भी जोश र्मे उसके जनचले होंठ को बुरी तरह काट जलया उसर्मे से
खून की बूंदे छलक उठी वो कराहती हुवी बोली ऐसा र्मत करो ना तो र्मैने
कहा अभी तुर्म क्या कर रही थी नीचे लंड गपा गॅप अंदर बाहर हो रहा था
र्मेरी उं गजलया उसकी उं गजलयो र्मे िजस पडी थी चुदाई अपने शबाब पे थी
कर्मरे का वातावरण बहुत ही गरर्म हो चुका था र्मेरा लंड गोरी की चूत को
चौडा जकए जा रहा था अब वो भी नीचे से धक्के लगाने लगी थी
िॅक िॅक की ही आवा़ि आ रही थी उसकी चूत से बहता पानी र्मेरी
गोजलयो तक को जभगो चुका था ऐसी गरर्मा गरर्म चूत तो आज तक नही र्मारी
थी गोरी र्मेरे कान र्मे िुस्फुसाइ जक उसकी पीठ र्मे ददु होने लगा हैं तो र्मैने
िॉरन एक तजकया उसकी कर्मर पे लगाया इस के दो फ़ायदे हुवे एक तो
उसकी कर्मर को आरार्म जर्मला और दू सरा उसकी चूत और भी उभर आई
र्मैने अब लंड को दु बारा सेट जकया और जिर से उसर्मे सर्मा गया उसकी
आहें र्मुझे रोर्मां जचत कर रही थी और र्मैं अपने अंत की ओर बढ़ रहा था र्मैने
धक्को की रफ़्तार बढ़ा दी गोरी बहुत र्म़िे से चुदवा रही थी

र्मैं अपनी गजत को जनरं तर बढ़ाए जा रहा था र्मैं उसकी जचन को अपने दााँ तों
से खाए जा रहा था कुछ भी होश नही था र्मुझे तो र्मैं उसर्मे पूरी तरह से खो
चुका था तभी उसने अपनी टााँ गो को र्मेरी कर्मर र्मे िसा जलया और बेसूध
होकर पड गयी उसने अपने चरर्म को पा जलया था र्मैं भी बस थोडी ही दू र
था तो र्मैने अपने लंड को बाहर जनकाला और उसके पेट पे अपना वीयु छोड
जदया जब खुर्मारी उतरी तो र्मैने दे खा र्मेरा लंड पूरी तरह से खून र्मे सना पडा
था और उसर्मे बहुत ही जलन हो रही थी र्मैने जकसी तरह से पेंट पहनी जिर
उसको उठाया उसका भी हाल ज़्यादा बेहतर नही था उस से चला ही नही
जा रहा था बडी ही र्मुश्किल से वो उठी कोई आधे घंटे बाद उसकी हालत
थोडी सुधरी वो बोली ऐसी तैसी र्मे जाए ऐसा र्म़िा आज के बाद सौगंध है र्मैं
ना चुदु जकसी से र्मेरी तो िट ही गयी . र्मुझे अहसास हुआ जक वास्तव र्में
गोरी की हालत खराब हो गई थी गोरी ने कुछ दे र आरार्म जकया जिर वो
लगडाते हुए अपने घर चली गई .

उस जदन और कोई ऐसी घटना नही हुई जजसका वणुन यहााँ जकया जा सके
अगले जदन शार्म को जवलायती सूट पहन कर र्मैं तैयार हो चुका था पर र्मैं ये
भी सर्मझ गया था जक आज कुछ ना कुछ होगा ़िरूर क्योंजक र्मुनीर्म भी
आज का ही बोल रहा था िोन पर कपडो र्मे जजतने छोटे हजथयार र्मैं छु पा
सकता था उतने र्मैने छु पा जलए शार्म जघरने लगी थी तो र्मैं भी नाहरगढ़ के
जलए जनकल पडा, जदल थोडा सा ज़्यादा ही धडक रहा था पर दे व भी कुछ
कुछ जसयासत सर्मझने लगा था र्महल आज जकसी दु ल्हन की तरह स़िा हुआ
था

रात धीरे धीरे जवान हो रही थी र्मैने गाडी रोकी तो तुरंत ही दरबान र्मेरी ओर
लपका बडे ही अदब से उसने गाडी का दरवाजा खोला और गाडी उसके
हवाले करके र्मैं सिेद संगर्मर र्मर की सीजढ़या चढ़तेहुवे र्महल के अंदर जाने
लगा और अंदर पहुचते ही वहााँ की चकाचोंध से र्मेरी आाँ खे चुश्किया गयी खूब
र्मेहर्मान थे एक पल के जलए र्मेरे जदल र्मे ़ियाल आया जक अगर र्मेरी िॅजर्मली
भी आज ज़िंदा होती तो ऐसी ही शानो-शोकत र्मेरे घर पर भी होती र्मैं अपने
़ियालो र्मे डूबा हुआ था जक...

ठाकुर राजेंदर र्मेरे पास आए और बोले दे व, हर्म तुम्हारी ही राह दे ख रहे थे


अपने नजनहाल र्मे आपका स्वागत है वो बोले अच्छा लगा आपको यहााँ दे ख
कर र्मैने कहा अब आपने बुलाया है तो आना ही था पर शायद र्मेरा यहााँ
आना कुछ लोगो को अच्छा ना लगे ये बात र्मैने धनंजय को दे खते हुए कही
थी तो वो बोले आप जचंता ना करे आज की शार्म के खास र्मेहर्मान है आप
और नाहरगढ़ की र्मेजबानी का लुफ्त लीजजए जिर वो र्मुझे और लोगो से
जर्मलवाने लगे थे पर र्मैं ना जाने क्यो जदव्या को ढू ाँ ढने लगा था आज़िर वो भी
तो इसी र्महल र्मे रहती थी

पर वो कही जदखाई नही दे रही थी और र्मेरा र्मन भी पाटी र्मे जबल्कुल नही
लग रहा था तो बस टाइर्म काट ही रहा था और जिर र्मैने जो दे खा र्मैं उसे
दे ख कर हक्का बक्का रह गया सीजढ़यो से एक परी उतार कर चली आ रही
थी अपनी सहे जलयो के साथ एक खूबसूरत चेहरा , ठाकुर साहब ने सबसे
पररचय करवाते हुवे कहा जक दोस्तो स्वागत कीजजए हर्मारी बेटी जदव्या का ,
तो जदव्या भी र्मेरी तरह झूठ के साए की पहचान करवा गयी थी र्मैने खुद को
र्मेहर्मानो की भीड र्मे जैसे छु पासा जलया था

पर ये छु पान छु पाई भला जकतनी दे र रहती ताजलयो की गडगडाहट के बीच


जदव्या ने केक कटा और अपने र्माता जपता को श्कखलाने लगी तो ठाकुर साहब
ने कहा जक जदव्या केक आज के ़िास र्मेहर्मान को भी श्कखलाओ तो वो
चहकते हुए बोली कॉन जपताजी तो उन्होने कहा अजुुनगढ़ के ठाकुर दे व,
अब बारी थी हर्म दोनो के आर्मना सार्मना करने जक जैसे ही उसने र्मुझे दे खा
तो वो शॉक हो गयी और उसके र्मूह से जनकल गया तूर्मम्म्मर्मर्मर्मर्मर्मर्मर्मर्म

र्मैने कहा हााँ र्मैं पर ये बातचीत बस इतनी ही थी जक बस हर्म दोनो ही सुन


सके तो जिर उसने र्मुझे केक श्कखलाया और जिर बाते होने लगी कई बार
धनंजय से भी ऩिरे जर्मली पर वो र्मुझसे कट ता ही रहा जदव्या बोली तुर्मने
बताया नही जक तुर्म ही दे व ठाकुर हो र्मैने कहा आपने भी तो नही बताया जक
आप नाहरगढ़ के ठाकूरो की बेटी है तो वो बोली ऐसे कैसे बता दे ती र्मैने
कहा तो जिर कैसे बता सकता था हर्म बाते कर ही रहे थे जक र्मर्माजी ने
कहा आओ आपको र्महल घुर्मा दे ता हाँ

ऐसे ही रात का 1 बज गया था पाटी तो कब की ़ितर्म हो गयी थी और जिर


र्मैं भी उनसे जवदा लेकर अजुुनगढ़ के जलए जनकल ही रहा था जक जदव्या
भागते हुए गाडी के पास आई और बोली दे व र्मुझे आपसे कुछ इं पॉटें ट बात
करनी है तो र्मैने कहा अभी र्मुझे जाना होगा जदव्या पर र्मैं जल्दी ही बगीचे र्मे
आप से जर्मलूाँगा वो र्मुझे रोकती ही रह गयी चेहरे से कुछ है रान परे शान सी
लग रही थी पर उसकी बातों पर इतना गोर नही जकया र्मैने और हवेली के
जलए जनकल गया आधा रास्ता पार जकया था जक र्मोसर्म ने करवट ले ली
तेज हवा चलने लगी कुछ कुछ आाँ धी सी तो र्मैं गाडी को थोडी कर्म स्पीड से
लहराते हुवे हवेली की ओर जाने लगा था और जब र्मैं वहााँ से कुछ दू र ही था
तो बूाँदा-बूाँदी शुरू हो गयी थी काली स्याह रात और ये जबन र्मोसर्म की तेज
हवा और बाररश र्मेरे कानो र्मे ऐसी आवा़ि आई की जैसे कहीं पर जसयार रो
रहे हो
र्मेरा जदल र्में एक सदु लहर दौड गई पता नही आज क्या होने वाला था जब
र्मैं हवेली पहुाँ चा तो गेट पर कोई भी नही था चारों तरि सन्नाटा पसरा हुआ
था पता नही सभी लोग कहााँ गये ये सोच कर र्मेरा जदल धडक उठा . र्मैने
गाडी पाकु की और र्मैं धडकते जदल से अंदर बढ़ा तो वहााँ पुष्पा खडी थी
र्मैं दौड कर उसके पास गया वो भी र्मेरे गले लग गयी र्मैं उस से पूछने ही
वाला था जक ये सब क्या हुआ और क्या वो ठीक है पर तभी साला धोखा हो
गया शरीर र्मे ददु के लहर दौडती चली गयी , बडी सी साफ़गोई से पुष्पा ने
पीठ र्मे खंजर घोप जदया था ये धोखा जकया उसने पर क्यों पुस्स्स्स्स्स्शपा…….
र्मेरे र्मूह से कराह जनकली उसने एक वार और जकया और र्मैं ़िर्मीन पर आ
जगरा उसके कदर्मो र्में .

र्मेरी ओर जहकारत से थूकते हुए पुष्पा बोली साले आज तेरी र्मौत के साथ ही
ठाकुरों के इस वंश का अंत हो जाएगा उसने र्मेरी पसजलयो र्मे एक कसकर
लात र्मारी तो र्मैं ददु से दोहरा होता चला गया र्मैने ददु भरी आवा़ि र्मे पूछा
जक क्यों जकया तुर्मने ऐसा र्मैने क्या जबगाडा तुम्हारा तो वो बोली र्मेरा नही पर
उनका ़िरूर , ़िरा दे ख उधर , र्मैने जनगाह दरवाजे की ओर की

तो वहााँ पर लक्ष्मी खडी थी, लक्ष्मी जजस पर र्मुझे शक तो हो ही गया था पर


इस टाइर्म र्मैं खुद बेबस सा था , वो आकर सोिे पर बैठ गयी और उसने
एक जसगरे ट जला ली जिर उसने जकसी को िोन जकया और कहा जक हााँ वो
इधर ही है तुर्म पीछे से आ जाओ तो थोडी दे र बाद एक शख्स और दाश्कखल
हुआ जजसे दे ख कर र्मैं और भी है रत र्मे पड गया ये थे र्मुनीर्म जी जो की अब
जबल्कुल सही थे और जबना जकसी की सहायता के खडे थे .

र्मुनीर्म ने भी आकर र्मुझे ठोकर र्मारी और र्मेरे उपर घूाँसो की बोछार कर दी,
र्मैं ददु से तडपने लगा पीठ से खून बहे जा रहा था कुछ ही दे र र्मे ठाकुर
राजेंदर, र्मेरे र्मार्मा और धनंजय और उसके जपता भी वहााँ पर आ गये थे अब
कुछ कुछ र्माजरा र्मेरी सर्मझ र्मे आया जक ये सब इन लोगो का र्मास्टर प्लान
था र्मुझे नाहर गढ़ बुलाना और पीछे से हवेली की सुरक्षा व्यवस्था को ध्वस्त
कर दे ना ताजक आसानी से र्मेरा जशकार जकया जा सके

कजलयुग र्मे आज जिर एक अजभर्मानु कौरवों के चिवह र्मे िाँस गया था ,


र्मुझे र्मेरा अंत आाँ खो के सार्मने जदख रहा था और र्मैं बुरी तरह से लाचार था
बेबस था र्मदद की बडी जशद्दत से ़िरूरत थी उस सर्मय पर कॉन आता
धनंजय ़िहरीली हसी हाँ सते हुए र्मेरे पास आया और र्मुझे खडा करता हुआ
बोला दे व ठाकुर आज जदखाओ तुम्हारी र्मदाु नगी, आज करो र्मुझ पर वार
और कस कर एक घूाँसा र्मेरे पेट र्मे जड जदया

जकसी तरह से खुद को संभालते हुए र्मैने कहा, कुिे की औलाद सालो धोखे
से घेर जलया तुर्मने जहम्मत थी तो सार्मने से हर्मला करते और उसके र्मूह पर
थूक जदया तो जिर उसने र्मुझ पर हर्मला करना शुरू कर जदया काफ़ी दे र
तक वो र्मुझे र्मारता ही रहा जिर लक्ष्मी खडी हुई , और बोली नही छोटे
ठाकुर बस अब रुक जाओ कही र्मर र्मरा ना जाए इसके प्राण जनकलने से
पहले सारे डॉक्युर्मेंट्स पर इसके साइन तो लेलो वरना जिर जदक्कत होगी

और जिर वैसे भी र्मरने से पहले, इसे पता तो होना चाजहए जक आज़िर आज


हर्म इसकी र्मौत का जशन क्यो र्मनाएाँ गे, धनंजय ने र्मुझे छोडा और र्मैं नीचे
़िर्मीन पर जगर पडा ,र्मैने कहा पर तुर्म लोग तो र्मेरे अपने हो जिर र्मुझे क्यो
र्मारना चाहते हो, र्मैं तो तुम्हारी दु जनया से बहुत दू र था जिर क्यो र्मुझे
बुलवाया तुर्मने, लक्ष्मी र्मेरे चेहरे पर जसगरे ट का धुआ छोडते हुवे बोली क्या
करे दे व बाबू र्मजबूरी थी हर्मारी भी

तुम्हारे दादा ने वसीयत ही कुछ ऐसी जलखी थी जक अगर ओश्कफ्फसीयाली तुर्म


ना आते तो सब कुछ अनाथालय को चला जाता और हर्म रह जाते ठन ठन
गोपाल पर इन पैसो से ज़्यादा र्मेरी रूजच थी अपना बदला पूरा करने र्मे, जो
आग र्मेरे सीने र्मे धडक रही है आज तेरे खून से वो बुझेगी अब करार आएगा
र्मुझे .लक्ष्मी ने एक जोरदार अट्टहास जकया र्मैने पुष्पा की ओर दे खा ,

वो हाँ सने लगी र्मैने कहा तुम्हे तो दोस्त र्माना था तुर्मने ऐसा क्यो जकया तो
ठाकुर राजेंदर बोले वो हर्मारा र्मोहरा है र्मेरे प्यारे भान्जे,लक्ष्मी ने छु री उठाई
और र्मेरे सीने पर हल्के हल्के कट लगा ने लगी र्मैं ददु से जबलखने लगा खून
से सने चाकू को चाट ते हुए लक्ष्मी बोली दे व, जानते हो तुम्हे ये स़िा जो
जर्मल रही है वो सब तुम्हारे बाप के कर्मों का िल है हााँ दे व तुम्हारा बाप कोई
साधुसंत नही था बश्कल्क एक नंबर का ऐय्याश था ना जाने गााँव की जकतनी
औरतो को उसने अपने नशे और गुरूर के नीचे कुचल जदया था . दे व आज
तुम्हारे खून से नहा कर र्मैं शुद्ध हो जाउन्गी इस बार चाकू कुछ ज़्यादा अंदर
तक घुस गया था तो र्मैं ददु से दोहरा हो गया था लक्ष्मी अपनी धुन र्मे थी वो
एक और नया जख्म बनाते हुए बोली

दे व , जानते हो इस बदले की आग र्मे र्मैं जकतना जली ह, र्मैने तुम्हारे बाप


का कतल करते हुए कसर्म खाई थी , जक र्मैं उसके वंश को ही जर्मटा दू ाँ गी,
और जिर जब र्मुझे पता चला जक तुम्हारे दादा ने वसीयत बना दी है तो जिर
उनको भी रास्ते से हटा कर तुम्हे इधर बुलवा जलया गया और अब दे खो
आज बरसो की र्मेरी प्यास शां त होगी लक्ष्मी पागलो की तरह हाँ सने लगी

उसने कहा जचंता र्मत करो सब कुछ जाने जबना तुम्हारी जान नही जनकलने
दू ाँ गी , तो दे व बात उन जदनो की है जब र्मैं ब्याह कर बस आई ही थी कुछ
रस्मों के बाद, र्मेरी पजत बडे ठाकुर का आशीवाु द जदलाने र्मुझे इसी र्मनहस
हवेली र्मे लेकर आए थे, यहीं पर उस शैतान जो तुम्हारा बाप था उसकी
हवस की गंदी जनगाह र्मुझ पर पड गयी अब उसका रुतबा था गााँ व र्मे ,
उसके आगे कोई आवा़ि नही उठा ता था

नशे र्मे चूर उस शैतान ने इसी हवेली र्मे र्मेरी अस्मत का जशकार जकया पूरी
हवेली र्मे र्मेरी चीख गूाँजती रही पर जकसी ने भी र्मेरी र्मदद नही की र्मैं रोती
जबलखती रही पर र्मेरी चीखे इधर ही दब गयी कहााँ तो र्मैं एक नयी नवेली
दु ल्हन थी और कहााँ अब र्मैं क्या से क्या हो गयी थी उस हवस के पुजारी ने
र्मुझे बबाु द कर जदया था उसी जदन र्मैने ठाकूरो का सर्मूल नाश करने की
सौगंध उठा ली थी और तकदीर दे खो दे व बाजी र्मेरे हाथ र्मे आती चली गई .
र्मैं अपने ददु से जूझता हुवा ़िर्मीन पर पडा उनकी बाते सुनरहा था और वो
लोग भी जकसी तरह से जल्दी र्मे नही लग रहे थे बश्कल्क उनका र्मकसद तो
दे व को तडपा तडपा कर र्मरना था कुछ दे र के जलए उस कर्मरे र्मे चुप्पी सी
छा गयी पर क्या ये खार्मोशी जकसी आने वाले तूिान की तरि इशारा कर
रही थी, जिर ठाकुर राजेंदर ने उस सन्नाटे को तोडते हुवे कहा जक

चलो अब बहुत हुआ लक्ष्मी तुर्मने इसे बता ही जदया जक आज़िर क्यों हर्म
लोग इसे र्मारने वाले है रही सही कसर र्मैं पूरी कर दे ता ह, दे व बबुआ,
तुम्हारे आय्याश बाप ने हर्मारी भोली भाली बहन को अपने जाल र्मे िाँसा
जलया था तुम्हारा बाप था ही एक नंबर का कर्मीना लोग अक्सर कहते है जक
हर्मने अपनी बहन को र्मार जदया पर सच्चाई ये है जक उसने आत्महत्या की
थी

दे व के जलए ये एक और शॉक था , उसने ददु भरी आवा़ि र्मे कहा नहीं आप


झूठ कह रहे हो उनको तो नानी ने जहर जदया था तो ठाकुर राजेंदर हाँ सते
हुवे बोले ना ना र्मुन्ना , तुम्हारी र्मााँ को भी तुम्हारे जपता के गुलच्छरों के बारे र्मे
पता चल गया था तो इसी जलए उनकी बेवफ़ाई से आहत होकर उसने जहर
खा जलया जजसका इल्जार्म र्मेरी र्मााँ पर लगा और उन्हे जेल जाना पडा पर
आज तुम्हारे खून से इस हवेली को पजवत्र जकया जाएगा ठाकूरो का सूरज
अब कभी नही उगेगा ,

दे व भली-भााँ जत ये सर्मझ गया था जक ठाकुर राजेंदर सही कह रहे थे उसकी


हालत खराब थी और अब बच पाना र्मुश्किल था उसने दे खा जक लक्ष्मी ने वो
छु री र्मेज पर रख दी है और शराब के जगलास को उठा कर चुश्कस्कयााँ ले रही
थी तो उसकी आाँ खे उस छु री पर जैसे जर्म गयी थी उसने सोचा जक वो ऐसे
ही नही र्मरे गा जकसी र्म़िलूर्म की तरह उसकी रगों र्मे वीरों का खून दौड रहा
है
अगर वो र्मरे गा तो अपने साथ इन सब को लेकर ही र्मरे गा पर कैसे, कैसे,
आज़िर कर उसने अपना जनणुय ले जलया जक तभी धनंजय उठा और बोला
जपताजी इसने र्मेले र्मे बहुत र्मारा था र्मुझे तो ़िरा र्मुझे भी र्मोका दीजजए हाथ
सॉि करने का तो राजेंदर हाँ सता हुआ बोला हााँ र्मेरे बेटे हर्म क्यो नही तो
धनंजय उठा और दे व के पेट र्मे एक लात र्मारी , लात पडते ही उसके र्मूह
से खून जनकल गया

पर तभी शायद जकस्मत को भी उसपर तरस आ गया था , शायद तकदीर


भी नही चाहती थी जक अजुुनगढ़ का आज़िरी जचराग इस कदर बुझे धनंजय
ने उसे उठा कर पटका तो वो र्मेज के पास जा जगरा पल भर र्मे ही वो तेज
धार छु री दे व के हाथ र्मे आ गयी थी कोई कुछ सर्मझ पाता उस से पहले ही
दे व ने अपना कार्म कर जदया था र्मुलायर्म र्मक्खन की तरह धनंजय की गदु न
को वो छु री चीरती चली गयी

गले की नस कट ते ही खून की गढ़ी धारा लबा लब बहने लगी थी जकसी के


कुछ सर्मझ पाने से पहले ही धनंजय की लाश ़िर्मीन पर जगरी पडी थी
अचानक से ही दे व को अटॅ क करते दे ख सभी है रान रह गये थे पुष्पा ने
जपस्टल से तुरंत ही दे व पर िाइयर जकया पर वो सोिे की आड र्मे बच गया
और जिर अगले ही पल वो छु री पुष्पा के पेट र्मे धसती चली गयी थी वो बस
आहह करती ही रह गयी थी

पुष्पा की आत्मा परर्मात्मा र्मे जवलीन हो गयी थी पर अभी भी तीन लोग बचे
हुए थे दे व को र्मुनीर्म का ध्यान नही रहा था और यही पर र्मुसीबत और बढ़
गयी थी र्मुनीर्म की बंदूक से जनकली गोली उसके पैर र्मे धाँस गयी दे व के गले
से चीख उबल पडी जो सारी हवेली र्मे पसरे सन्नाटे को चीर गयी थी गोली
लगते ही वो ़िर्मीन पर जगर पडा और ठाकुर राजेंदर ने उसे दबोच जलया
और पागलों की तरह उस पर लात-घुसे बरसाने लगे थे दे व का चेहरा बुरी
तरह से लह लुहान हो गया था

दे व को र्मदद की बहुत ़िरूरत थी पर र्मदद का तो कोई सवाल ही नही था


आज की रात बहुत लंबी होने वाली थी राजेंदर पागलो की तरह उसे पीटे जा
रहा था तो लक्ष्मी ने उसे दे व से दू र जकया और बोली क्या कर रहे हो ठाकुर
साहब अभी हर्मे कुछ दे र इसको जजंदा रखना है , उसने र्मुनीर्म को इशारा
जकया तो वो कुछ पेपसु ले आया लक्ष्मी दे व के पास आई और बोली जक
साइन कर इनपर तो दे व ने उसके र्मूह पर थूक जदया पर लक्ष्मी पर कुछ
असर नही हुई वो बोली वाह रे तेरा घर्मंड अभी तक नही टू टा

उसने अपने बालो से श्कक्लप खोली और दे व की कलाई र्मे घोप दी उसकी


चीख एक बार जिर से गूाँज गयी वो हाँ सते हुवे बोली दे ख उस जदन ऐसे ही
र्मेरी चीखे इस हवेली की छत से टकराते हुए दर्म तोड रही थी आज र्मुझे
बहुत सुकून जर्मलेगा आज र्मेरे जीवन का बहुत र्महत्वपूणु जदन है तुझे र्मैं ऐसे
नही र्मारूाँ गी तुझे र्मारने से पहले र्मैं तेरे साथ रास रचाउन्गी तू भी क्या याद
करे गा ठाकुर राजेंदर लक्ष्मी से बोला सुबह होने ही वाली है तो जदक्कत हो
जाएगी टाइर्म पास ना करो जकस्सा ़ितर्म करो इसका तो लक्ष्मी बोली हााँ हााँ
करते है पर पहले तुर्म से तो जनपट लें, ये सुनकर राजेंदर सकपका गया और
बोला र्मुझसे जनपट क्या बोली तुर्म तो लक्ष्मी बोली दे व के र्मरने के बाद इसके
कतल का इल्जार्म तुर्म पर ही तो लगेगा इस से पहले राजेंदर कुछ सर्मझ
पाता उसके सर पर र्मुनीर्म ने बंदूक की बट से वार जकया तो वो बेहोश हो
गया

र्मुनीर्म ने िॉरन उसे रश्कस्सयो से बााँ ध जदया लक्ष्मी ने अपने पूरे प्लान को पहले
ही सोच जलया था जक कैसे क्या करना है और काफ़ी हद तक वो कार्मयाब
भी हो गयी थी इधर दे व को भी अपना अंत ऩिदीक लग रहा था लक्ष्मी ने
र्मुनीर्म से कहा जक इसको बाहर पेड के पास ले चलो र्मैं इसको जजंदा जलाना
चाहती ह इसकी चीखो से र्मुझे शां जत जर्मलेगी तो दे व को र्मुनीर्म बाहर घसीट
कर ले जाने लगा पर सीजढ़यो के पास......................

वो दे व का बोझ से लडखडाया और उसी पल र्मे दे व ने अपनी बची कुची


शश्कक्त को बटोरते हुवे उसके अंडकोर्षो पर वार जकया तो र्मुनीर्म ददु से
दोहरा हो गया और नीचे को बैठ गया और जबजली की सी िुती से दे व ने
उसकी बंदूक उठाई और र्मुनीर्म की छाती पर गोली दाग दी र्मुनीर्म का रार्म
नार्म सत्य हो गया पर जिर वो भी ़िर्मीन पर जगर पडा जक दौडती हुई लक्ष्मी
उधर आई तो र्मुनीर्म की लाश दे ख कर वो जैसे पागल ही हो गयी थी

इधर दे व ने पडे पडे ही लक्ष्मी पर िाइयर जकया पर अबकी बार जकस्मत ने


उसका साथ नही जदया बंदूक की गोजलयााँ ़ितर्म हो चुकी थी , अपने पजत
को र्मरा दे ख कर लक्ष्मी जैस जवजक्षप्त हो गयी थी वो दे व को घसीट कर पेड
के पास ले आई और पास रखी तेल की बॉटल्स से उसको जभगोने लगी वो
़िोर ़िोर से चीख रही थी शैतान उस पर सवार हो गया था

लक्ष्मी ने दे व के पर पर जहााँ गोली लगी थी वहााँ अपनी बीच वाली उं गली


घुसेड दी थोडे चाह कर भी अपनी चीख पर काबू ना रख सका पूरा जजस्म
उसका खून र्मे नहाया हुआ था र्मौत पल पल उसकी ओर बढ़ रही थी लक्ष्मी
ने उसे पेड के तने से सटा जदया और उसको रस्सी से बााँ ध ही रही थी जक
दे व ने आज़िरी कोजशश करते हुए पूरी ताकत से लक्ष्मी को धक्का जदया तो
वो नीचे ़िर्मीन पर जगर गयी और दे व उस पर कूद गया और उसके गले को
दबाने लगा पर शायद उसकी ताकत अब कर्म पडने लगी थी

और लक्ष्मी तो वैसे ही वहशी बन चुकी थी उसने अपने उपर से दे व को


साइड र्मे कर जदया और खुद उसके उपर सवार हो गयी उसने दे व की पॅंट
से उसकी बेल्ट को खीच जलया और उस से दे व का गला घोटने लगी थी दे व
की सााँ से दर्म तोडने लगी थी आाँ खो के आगे अंधेरा छाने लगा था जकसी भी
पल दे व इस दु जनया से अलजवदा होने वाला था पर शायद आज उसकी र्मौत
का जदन नही था जब उसने अपने हाथों को जनढाल छोड जदया तो

तभी वो जैसे जकसी पत्थर से टकराया तो उसने वो पत्थर अपनी र्मुट्ठी र्मे जलया
और लक्ष्मी के सर पर दे र्मारा उसके र्माथे से खून बह चला और वो ददु से
जबलजबला पडी उन कुछ ही सेकेंड् स र्मे दे व को र्मोका भी गया हवा के
दु बारा से िेिडो र्मे जाते ही जैसे उसर्मे उजाु का संचार हो गया उसके पास
बस यही एक लास्ट र्मौका था उसने उसी पत्थर से लक्ष्मी के सर पर र्मारना
शुरू जकया

पता नही वो जकतने वार करता रहा वो भी पागल पन पर उतर आया था क्या
क्या वो बड बडा रहा था और लक्ष्मी के सर पर वार जकए जा रहा था लक्ष्मी
के प्राण कब का उसका साथ छोड गये थे पर दे व उस पर वार करता ही
रहा , जिर ना जाने उसे क्या हुआ उसने लक्ष्मी को अपनी बाहों र्मे भर जलया
और रोने लगा काफ़ी दे र तक वो रोता ही रहा जिर उसे जकसी के आने की
आहट सुनाई दी तो वो जघसट ते हुवे उसकी ओर चलने लगा

तो उसने दे खा जक वो गोरी थी वो गोरी की बाहों र्मे झूल गया और कााँ पजत


आवा़ि र्मे उसे बताने लगा गोरी ने उसे अपनी बाहों र्मे ले जलया तो दे व को
जैसे दो पल के जलए राहत जर्मल गयी थी पर तभी गजब हो गया उसका पूरा
बदन ददु र्मे जैसे भीगता चला गया गोरी का चाकू उसकी पसजलयो र्मे धंसा
पडा था ़िर्मीन पर जगरते हुए उसने कहा गोरी तुर्म भी
……………………………… तो गोरी बोली कर्मीने र्मेरी र्मााँ को र्मार जदया तूने
काजतल हो तुर्म तुम्हे भी जीने का कोई हक नही है गोरी हाँ स ही रही थी जक
तभी पीछे से एक िाइयर हुवा और गोरी का सर िट गया वो जकसी पेड के
कटे तने की तरह ़िर्मीन पर आ जगरी ये जदव्या थी जो वहााँ आ पहुजच थी
असल र्मे उसने ठाकुर राजेंदर को जकसी से िोन पर दे व को र्मारने की बात
करते हुए सुन जलया था पोलीस को लेकर आने र्मे उसे दे र हो गयी थी पर वो
जबल्कुल सही टाइर्म पर पहुजच थी जदव्या दौडती हुई दे व के पास पहुजच सां स
अभी चल रही थी

पोलीस की सहयता से उसने दे व को अपनी गाडी र्मे डाला और गाडी सहर


की ओर दौडा दी वो जकसी भी कीर्मत पर दे व को र्मरने नही दे सकती थी
इधर पोलीस ने हवेली को अपने अंडर ले जलया और श्कस्थती को सर्मझने का
प्रयास कर रही थी आज अगर कोई रे स होती तो पक्का जदव्या ही जीत ती ,
ि्र् र््ु र््ु र्ु रर चर््ु र््ु र््ु र्ु रर करते हुए गाडी हॉश्कस्पटल के गेट के बाहर रुक गयी
दे व को तुरंत ऑपरे शन जथयेटर र्मे ले जाया गया
जहााँ 5 जदन तक वो आइसीयू र्मे रहा पर बच गया , ठाकुर राजेंदर को
पोलीस ने जगरफ्तार कर जलया उन्होने अपना जुर्मु कबूल कर जलया दे व ने
सारी हत्याएाँ अपनी जान बचाने के जलए की थी तो उसको बरी कर जदया गया
था सर्मय गुजरने के साथ जदव्या और उसके करीब आती गयी और अंत र्मे
दोनो ने जववाह कर जलया तो ये थी कहानी दे व की आपको कैसी लगी ़िरूर
बताना .

You might also like