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Pyas Jismo Ki Rishto Ki
Pyas Jismo Ki Rishto Ki
र्मैने उसको धन्यवाद जकया और अपने सार्मान को संभालते हुवे चलने लगा तो
उसने कहा बाबू र्मैं भी गााँ व र्मे ही जा रही ह आओ तुर्मको छोड दे ती ह तो र्मैं
उसके पीछे पीछे चल पडा कुछ दू र आगे आने पर उसने पूछा जक बाबू गााँ व
र्मे जकसके घर जाओगे तो र्मैने कहा जक जी र्मुझे ठाकुर यूधवीर जसंग की हवेली
पे जाना है तो ये सुनते ही उस औरत ने अपने सर पर जो घास का गट्ठर उठाया
हुवा था वो उसके सर से नीचे जगर गया
उसने जहर भरी ऩिरो से र्मेरी ओर दे खा और कहा जक र्मुझे नही बताना कोई
रास्ता-वास्ता तुर्मको अपने आप चले जाना और अपने गट्ठर को उठा कर
बडबडाती हुई आगे की ओर चली गयी र्मेरी तो सर्मझ र्मे ही नही आया जक
इसको क्या हुआ तो र्मैं भी आजहस्ता आजहस्ता उसी औरत की जदशा र्मे चल
पडा जब र्मैने उस गााँ व र्मे कदर्म रखा तो शार्म ढल रही थी गााँ व र्मे हर कोई
र्मेरे भेस को ही दे खे क्योंजक र्मैं बाहर से आया था तो लोग थोडी अजीब ऩिरो
से र्मुझे दे ख रहे थे
चोपाल पर कुछ बुजुगु बैठे थे र्मैने उनको रार्म रार्म जकया और उनके पास बैठ
गया उन्होने कहा र्मुसाजिर कहााँ से आए हो और जकसके घर जाओगे तो र्मैने
कहा बाबा र्मैं बडी दू र से आया ह और र्मुझे ठाकुर यूधवीर जसंग की हवेली
जाना है हवेली का नार्म सुनते ही उनके चेहरो का रं ग जैसे उड सा गया तभी
एक बुड्ढे ने पूछा जक बेटे तुर्म अजनबी आदर्मी तुम्हारा वहााँ क्या कार्म तो र्मैने
कहा जक बाबा र्मुझे वहााँ से बुलावा आया है
उस बुजुगु की बूढ़ी आाँ खो र्मे कई सवाल जदखे र्मुझे उन्होने कहा बेटा हवेली
तो वो जकसी जर्माने र्मे हुआ करती थी पर आज तो बस एक इर्मारत ही रह
गयी है र्मैने कहा बाबा र्मुझे तो वही बुलाया गया है कुछ सवाल र्मेरे र्मन र्मे भी
है इसी जलए तो र्मैं इतने दू र से यहााँ आया ह तो उन्होने कहा जक बेटा गााँ व के
दू सरी ओर पहाडो के पास है ठाकुर की हवेली पर बेटा अब रात जघरने को
आई है तुर्म आज यही गााँ व र्मे रुक जाओ
सुबह र्मैं जकसी को तुम्हारे साथ भेज दू ाँ गा वो तु म्हे वहााँ तक छोड आएगा तो
र्मैने कहा बाबा आप र्मुझे र्मुनीर्म राइचंद के घर पहुचा दीजजए तो उन्होने कहा
जक बेटा राइचंद जी को कैसे जानते हो तो र्मैने कहा जक उन्होने ही र्मुझे इस
गााँ व र्मे बुलवाया है तो वो बोले बेटा तुर्म कॉन हो तो र्मैने कहा बाबा बताया तो
था जक र्मैं र्मुसाजिर ह जिर उन्होने एक लडके को र्मेरे साथ भेज जदया र्मैने
राइचंद के घर का दरवाजा खटखटाया
र्मैने कहा र्मैं उन्हे नही जानता वो र्मुझे जानते है उन्होने ही र्मुझे यहााँ बुलाया है
तभी अंदर से आवा़ि आई लक्ष्मी कॉन है जकस से बात कर रही है तो उसने
र्मुझे अंदर आने को कहा और अपने बैठक र्मे ले गयी वहााँ पर एक 45-50
साल का आदर्मी बैठा था रोबीला इं सान था र्मैने हाथ जोडकर उनको नर्मस्ते
जकया तो वो बोले र्मैने आपको पहचाना नही तो र्मैने कहा जी र्मेरा नार्म दे व है
ये सुनते ही जो पान के बीडे की पेटी उनके हाथ र्मे थी वो उनके हाथ से नीचे
जगर गयी
तो र्मै स्टे शन पर खुद आपको लेने आता आपने इतनी तकलीफ़ उठाई र्मैने
कहा जी आपका शुजिया पर ये र्मेरा पहला र्मोका था अकेले यात्रा करने का
और जिर र्मै जहन्दु स्तान भी तो पहली बार आया ह तो सोचा की थोडा सा
र्माहोले भी दे ख लूाँगा जिर र्मैने उनसे कहा की सबसे पहले आप र्मुझे ये बताए
की आपने र्मुझे लंडन संदेशा क्यो जभजवाया
दरवाजे की कुण्डी नही लगी थी तो र्मैने सोचा की कोई नही है पर अंदर लक्ष्मी
नहा रही थी उसके र्मस्ताने बदन को पानी की बूाँदो र्मे जलपटे हुए दे ख कर र्मेरा
जदर्माग़ तो एक दर्म से झंझणा गया इस से पहले र्मैने कभी जकसी औरत या
लडकी को नंगा नही दे खा था तो र्मेरे जलए ये एक दर्म से अलग सा अनुभव था
और खुद जचल्लाते हुवे बोली जक र्मै नहा रही ह तुर्म खुद ही ले लो और चली
जाओ जिर लक्ष्मी र्मेरी ओर दे खते हुवे िुसिुसा के बोली र्मेरी बेटी स्कूल ना
चली जाए तब तक यही रहो कही उसने तुम्हे यहा से जनकलते हुवे दे ख जलया
तो र्मेरे बारे र्मे पता नही क्या सोचेगी पर बाथरूर्म के अंदर भी रुकना कोन
सा आसान था ़िासकर जब आप जकसी नंगी औरत के साथ हो
र्मेरी ऩिर बार बार उसके जजस्म पर जाने लगी तो वो बोली अपना र्मूह दू सरी
तरि करके खडे हो जाओ पर र्मुझे तो जैसे उसकी बात सुनी ही नही सां वला
रं ग था पर उसका शरीर भरा हुवा था र्मोटी र्मोटी बोबे र्मास से भरी हुवी ठोस
जंघे और काले काले बालो से धजक हुवी योजन जजसे र्मै बालो की वजह से दे ख
नही पाया र्मेरी सााँ से लडखडाने लगी थी धडकन बढ़ गयी थी
करीब एक घंटे बाद र्मै नहा धोकर तैयार हो गया था लक्ष्मी ने र्मुझे नाश्ता
करवाया और र्मैने उस से बाथरूर्म वाली घटना के जलए र्मािी र्मााँ गी पर उसने
बात नही की र्मै नाश्ता कर ही रहा था की राइचंद जी अपने साथ एक वकील
को ले आए उन्होने कहा आप नश्ता कर ली जजए जिर हर्म हवेली चलते है तो
र्मैने िटािट से कार्म जनपटा जदया और अपना सार्मान उठा जलया
बाहर एक कार खडी थी हर्म बैठे और वो धूल उडाती हुवी चल पडी हवेली
की ओर कोई 15-20 जर्मजनट बाद र्मै एक बेहद ही जवशाल इर्मारत के सार्मने
खडा था जकसी जर्माने र्मे ये बडी आलीशान रही होगी पर आज इसकी हालत
कुछ ़िास नही थी गेट पर एक बडा सा ताला लटका पडा था वकील ने एक
पुरानी जंग लगी चाबी जनकाली और ताला खोलने की कोजशश करने लगा पर
वो नही खुला
र्मुनीर्म जी ने बाहर से कुछ आदर्मी बुलवाए और ताले को तुडवा जदया जंग
खाया हुवा गेट चर््ु र््ु र््ु र््ु रु रर करते हुवे खुल गया और र्मै अंदर दाश्कखल हो गया
हर तरि बस धूल-जर्मट्टी और जाले ही लगे थे ऐसा लग रहा था जैसे की सजदयो
से जकसी ने झााँ क कर भी नही दे खा था इस तरि जिर अंदर के कुछ खास
कर्मरो का ताला भी तोडा गया और सिाई करवाई जाने लगी
इतनी सालो से इसी कलंक के साथ र्मै और र्मेरा पररवार जी रहे है गााँ व र्मे हर
कोई सर्मझता है जक र्मुनीर्म ने ठाकूरो का धन दबा जलया है कोई सार्मने तो
कोई पीठ पीछे बस यही चचाु करता है दे व बाबू आज तक र्मै इसी ज़िल्लत के
साथ जीता आया ह पर आप र्मेरा जवश्वास करे आपकी दोलत की पाई पाई का
जहसाब है र्मेरे पास आप जब चाहे जहसाब ले लेना पर अब आप र्मुझे इस क़िु
से र्मुक्त करे और अपने पुरखो की जवरासत को संभाले
र्मैं उनके आगे हाथ जोडता हुवा बोला की ये आप कैसी बाते कर रहे है ये जो
कुछ भी है आपका ही तो है र्मै तो पहले ही कह चुका ह की र्मुझे इन सबका
कोई लालच नही है वकील बाबू बोले सर जिर भी हर्में तो अपनी तरि से
िॉरर्मॅजलटी करनी ही पडे गी ना और वैसे भी आपके दादाजी की अंजतर्म इच्छा
यही थी की जब आप बीस साल के हो जाए तो सब कुछ आपको सुपुदु कर
जदया जाए
जकस्मत ने र्मुझे एक ऐसा सप्राु इ़ि जदया था जक र्मुझसे सम्भल ही नही रहा था
वकील ने कई िाइल्स पर र्मेरे साइन जलए काफ़ी बोर कार्म र्मुझे लग रहा था
डॉक्युर्मेंटेशन र्मे काफ़ी टाइर्म लग गया पर जिर भी कार्म पूरा नही हुवा था
शार्म होने लगी थी तो र्मैने कहा बस जी अब बाकी का कार्म कल करें गे तो
राइचंद जी ने कहा जक दे व साहब र्मै कल ही शहर चला जाता ह और हवेली
र्मे जबजली लगवाने का कार्म करवाता ह
र्मैने कहा हााँ वो तो है और अगर अब र्मुझे यही रहना है तो थोडा ठीक से
सिाई वग़ैरहा करवा दीजजए और पानी का इं त़िार्म भी तो वो बोले आप जचंता
ना करे दो-चार जदन र्मे सारा कार्म हो जाएगा वो बोले जब तक यहा रहने
लायक नही होता आप र्मेरे ही घर रहें गे तो र्मैने कहा नही अब र्मै यही रहाँ गा
जिर गााँ व र्मे आप ही तो अपने हो आपके घर तो आता ही रहाँ गा
वो बोले जैसी आपकी इच्छा पर आपकी सुरक्षा के जलए र्मै कुछ आदर्मी तैनात
कर दे ता ह र्मैने कहा इसकी कोई ़िरूरत नही है और होगी तो बाद र्मे दे ख
लेंगे वो बोले आप भी अपने पुरखो की तरह ही ज़िद्दी हो राइचंद जी बोले पर
आज तो आपको र्मेरे घर ही ठहरना होगा क्योंजक यहा तो सबकुछ चूहो ने
कुतर डाले होंगे जिर उनका आग्रह र्मै टाल ना सका और उनके घर आगया
अगले रोज भी र्मै थोडा सा लेट ही उठा तो लक्ष्मी ने कहा की आप तैयार हो
जाओ र्मै नाश्ते की व्यवस्था करती ह और अगर आपकी कोई िरर्माइश हो
तो र्मुझे ़िरूर बताना र्मैने कहा नही र्मुझे तो गााँ व का खाना बजढ़या लगा आप
जो चाहे बना दे जिर र्मैने कहा र्मुनीर्म जी कहााँ है तो वो बोली की वो तो सुबा
सवेरे ही सहर चले गये आपके जलए गाडी छोडकर गये है
अगर आपने आज के बाद र्मुझे साहब कहा तो र्मै यहा नही आउन्गा तो वो
बोली जी ठीक है आगे से हर्म आपको आपके नार्म से ही पुकारें गे पर अकेले
र्मे और हाँ स पडी लक्ष्मी ने काफ़ी टाइट ब्लाउस पहना हुवा था तो उसकी आधे
से ज़्यादा चूजचया बाहर को आने को र्मचल रही थी र्मेरी जनगाह से कब तक वो
बची रहती र्मैं उन्हे घूने लगा तो लक्ष्मी ने कहा क्या दे ख रहे हो र्मैने ऩिर
बदलते हुवे कहा कुछ नही और घर से बाहर जनकल आया
गााँ व का र्माहौल शहर से बडा ही अलग और हरा भरा था हर तरि पेड लगे
हुवे थे हररयाली छाई थी हर तरि र्मै घूर्मते घूर्मते गााँ व से थोडी से बाहर की
तरि जनकल आया तो र्मुझे नदी जदखी तो र्मै उस ओर बढ़ गया र्मैने थोडी दू र
से ही दे ख जलया था की नदी र्मे औरते नहा रही थी और कुछ कपडे धो रही
थी तो र्मै वही पास की झाजडयो र्मे थोडा छु प गया
और उनको नहाती हुवी दे खने लगा आक्च्युयली उनको नहाते हुवे र्मुझे वो पल
याद आ गया जब र्मैने लक्ष्मी को नंगा दे ख जलया था और अब र्मै इधर इन
औरतो को दे ख कर आ गया था र्मै थोडा और छु प सा गया ताजक र्मुझ पर
जकसी की ऩिर नही पडे और वहााँ के ऩिारे लेने लगा ऐसा हॉट ऩिारा र्मैने
आज से पहले कभी नही दे खा था तो र्मेरी नसे ़िोर र्मारने लगी
ना जाने कब र्मेरा हाथ र्मेरे लंड पर पहुच गया और र्मै उसको पेंट के उपर से
ही र्मसलने लगा बडा अच्छा लग रहा था ये सब ये गााँ व ये एक अलग ही दु जनया
थी र्मै उन औरतो को दे ख दे ख कर काफ़ी उिेजजत हो गया था र्मुझे लगा जक
र्मुट्ठी र्मार ही लू यही पर जिर सोचा की अगर जकसी ने यहा र्मुझे ऐसे इनको
दे खते हुवे पकड जलया तो कही र्मुसीबत ना हो जाए
तो र्मै अंदर ही चला गया राइचंद जी ने कुछ लोग कार्म पर लगा जदए थे जो
हवेली की सॉि सिाई कर रहे थे ताजक उसे कुछ रहने लायक बनाया जा
सके उन र्मजदू रो र्मे से कुछ लोग तो कल वाले ही थे तो उन्होने र्मुझे नर्मस्ते
जकया और कहा की बाबूजी आप यहा तो र्मैने कहा की बस ऐसे ही घूर्मने आ
गया आप अपना कार्म करते रहे र्मै ़िरा इधर उधर टहल लेता ह
और उस कर्मरे के ताले को तोड जदया र्मैने जैसे ही गेट खुला र्मुझे तुरंत ही
अपने सर को नीचे झुकाना पडा श्किइीईईईयचजहईीईईईई करते हुवी ढे रो
चर्मगादड दरवाजे से बाहर जनकले र्मेरी तो जैसे रूह ही जर्म गयी थी अचानक
से र्मै बुरी तरह सी डर गया था सां सो की रफ़्तार काबू से बाहर हो गयी थी तो
र्मै वही कर्मरे र्मे पडी एक जर्मट्टी से भरी कुसी पर बैठ गया और अपनी सां सो
को दु रुस्त करने लगा
कुछ र्मे वो बगीचे र्मे बैठी हुवी थी र्मैने कुछ और तस्वीरो को सॉि जकया तो
वो जकसी आदर्मी की थी कडक र्मुन्छे हाथो र्मे बंदूक जलए चेहरे से रोब टपक
रहा था र्मैने वो तस्वीरे दे खी और जिर खुद को दे खा और जवचार करने लगा
जक क्या र्मै सच र्मे इन्ही का वंशज ह
पता नही कैसी कजशश थी उन तस्वीरो र्मे लगा की बस दे खता ही जाउ
उनको एक लगाव सा हुवा र्मुझे उन चेहरो के साथ पता नही र्मै जकतनी दे र
रहा उस कर्मरे र्मे र्मेरी तंद्रा तब टू टी जब नीचे से कोई र्मुझे ़िोर ़िोर से
आवा़ि लगा रहा था र्मैं गॅलरी र्मे आया और झााँ क कर दे खा तो र्मैने लक्ष्मी
को खडा दे खा
र्मै अपने ़ियालो र्मे खोया हुवा था तो लक्ष्मी ने र्मेरा ध्यान तोडते हुवे कहा की
आपको खाना परोस दू तो र्मैने कहा नही र्मुझे भूख नही है तो वो बोली भूख
क्यो नही है आपं सुबह भी अच्छे से नाश्ता नही जकया था र्मैने कहा जी र्मुझे
सच र्मे भूख नही है तो वो कहने लगी की आप आरार्म करे र्मै ़िरा खेतो की
ओर होकर आती ह अगर कुछ चाजहए तो नौकरो से कह दे ना
र्मैने कहा अगर आप बुरा ना र्माने तो र्मै भी आपके साथ खेत र्मे चलूं इधर
र्मेरा र्मन भी नही लगेगा और थोडा घूर्म भी लूाँगा तो लक्ष्मी ने कुछ सोचा और
जिर बोली की ठीक है आ जाइए और र्मै उसके साथ खेतो की ओर चल
पडा रास्ते र्मे लक्ष्मी र्मुझसे बात करती जा रही थी और लंडन के बारे र्मे भी
पूछ रही थी वहााँ के लोग कैसे है और र्मै उनके हर सवाल का जवाब दे रहा
था
ऐसे ही बाते करते करते हर्म लोग खेतो र्में आ गये तो लक्ष्मी ने कहा की आप
बैठो र्मै ़िरा कुवे की र्मोटर चला कर ज्वार र्मे पानी छोड दे ती ह र्मैने कहा र्मै
भी आपकी र्मदद करू क्या तो वो बोली आप रहने दीजजए पर र्मैने ज़िद की
, जक नही र्मै भी कार्म करू
ाँ गा तो वो बोली की आप क्यू र्मुझे पाप का दोर्षी
बनाना चाहते है आपप र्माजलक लोग है हर्म पर पाप ना चढ़ाए
तो . र्मै वही खडा हो गया और लक्ष्मी अपना कार्म करने लगी तभी पानी के
बहाव से खेत की एक साइड की नाली टू ट गयी और पानी खडी िसल र्मे
जाने लगा तो लक्ष्मी ने अपने लहं गे को जााँ घो तक चढ़ा जलया और कास्सी
लेकर नाली को सही करनी र्मे जुट गयी और र्मेरी ऩिर उसकी सााँ वली पर
चर्मकीली जााँ घो पर पड गयी तो एक पल र्मे ही र्मेरा लौडा पैंट र्मे खडा हो
गया और बाहर आने को र्मचलने लगा
लक्ष्मी के पैर कीचड र्मे सन गये थे तो जिर उसने कश्कस्स को साइड र्मे रखा
और खेली पर अपने पैर रख कर उनको धोने लगी तो उसका घाघरा और
भी उठ गया और अब काफ़ी अंदर का ऩिारा जदखने लगा वो अपनी र्मस्ती
र्मे र्मगन थी तो उसको ध्यान नही था जक र्मै उसके बदन को ऩिरो से पी रहा
ह ना जाने क्यो वो र्मुझे बडी अच्छी लगने लगी थी
थोडा आगे जाने पर खेत दो भागो र्मे बॅट गये एक तरि तो ज्वार खडी थी
और दू सरी ओर गन्ने की िसल लहलहा रही थी पास र्मे ही एक झोपडी सी
बनी थी तो लक्ष्मी र्मुझे अंदर ले गयी और बोली जक आप आरार्म करो र्मैं ़िरा
अभी आती ह तो र्मैने कहा आप र्मुझे अकेला छोड कर कहााँ जा रही है तो
वो बोली र्मै बस अभी आई पर र्मैने कहा की नही आप जहा भी जा रही है
र्मुझे भी ले चजलए
तो वो अपनी चुनररया को उं गली र्मे घूर्माते हुवे बोली की र्मैने कहा ना की र्मै
अभी आई पर र्मैने सोचा कही ये र्मुझे छोड के ना चली जाए तो र्मैने कहा
नही आप के साथ ही चलूाँगा तो वो झंुझलाते हुवे बोली की र्मुझे पेशाब करने
जाना है र्मैने कहा तो जल्दी जाओ वो तुरंत ही झोपडी से बाहर जनकल गयी
और पीछे की तरि चली गयी र्मैने दे खा की दीवार र्मे एक श्कखडकी है जजस
से पीछे का जदख सकता है
अंदर आने पर लक्ष्मी ने कहा की र्मै थोडी सी घास काट लेती ह जिर हर्म घर
चलेंगे र्मैने अपना थूक गटका और कहा की आप घास काट लो र्मै आस पास
थोडा सा घूर्म लेता ह तो वो बोली नही दे व बाबू शार्म जघर आई है थोडी दे र
र्मे अंधेरा हो जाएगा तो आपका ऐसे अकेले रहना ठीक नही है आप र्मेरे साथ
ही रजहए
पता नही क्यो र्मैं लक्ष्मी की बात नही काट पाया वो जल्दी जल्दी से घास
काटने लगी और र्मै अपनी आाँ खे उसके बदन से सेकने लगा पता नही क्यो
पर र्मेरे जदल र्मे उसको चोदने का ख्याल कुछ ़िोसे ही आ रहा था र्मेरा खुद
पर काबू रख ना बडा र्मुश्किल हो रहा था पर र्मै ररस्क लेना नही चाहता था
करीब घंटे भर बाद हर्म गााँ व की तरि हो जलए अंधेरा होने लगा था रास्ते र्मे
र्मैने लक्ष्मी से पूछा की आपके जकतने खेत है तो वो बोली बाबू हर्मारे तो बस
10 बीघा ़िर्मीन है उसी र्मे खेती करते है वो भी आपके दादा जी ने र्मुनीर्म जी
को दान र्मे दी थी सब कुछ आपकी ही दे न है र्मैने कहा आप र्मुझे र्मेरे
पररवार के बारे र्मे कुछ बताती क्यो नही तो वो बोली की सर्मय आने पर आप
खुद ही जान जाएाँ गे और कुछ बाते ऐसी है की आप नही जानो तो ठीक
रहे गा
र्मै वही रुक गया तो लक्ष्मी बोली वहााँ क्यो खडे हो गये तो र्मैने कहा र्मुझे
अभी सब कुछ जान ना है अपने बारे र्मे अपने पररवार के बारे र्मे , अगर वो
है तो कहा है और आज़िर क्या हुवा था आप र्मुझे शुरू से हर एक बात
बताओ अभी तो वो बोली र्माजलक र्मुनीर्म जी आ जाए तो आप उनसे ही पूछ
लेना पर र्मेरा जदर्माग़ अब झल्लाने लगा था तो र्मैने कहा नही र्मुझे आप अभी
सबकुछ बताइए वरना र्मै अभी वाजपस चला जाउाँ गा
लक्ष्मी जवनती करती हुवे बोली र्माजलक आप अभी घर चजलए अगर आपकी
यही चाह है तो र्मै आपको बताती ह की आप को हर्मने यहा क्यू बुलाया है
और तेज तेज कदर्मो से घर की ओर चलने लगी र्मै भी उसके पीछे पीछे हो
जलया घर आए हाथ र्मूह धोया और उन्होने र्मुझे बैठक र्मे बैठने को कहा
लक्ष्मी की लडकी शरबत ले आई आज पहली बार र्मैने उसे दे खा था
11वी र्मे पढ़ती थी पर बदन र्मााँ की तरह ही उसका भरा भरा हुवा था शरबत
का खाली जगलास ट् े र्मे रखते हुवे र्मैने पूछा की राइचंद जी कब तक आएाँ गे
तो वो बोली बापू तो 3-4 जदन बाद ही लोटें गे तब तक हर्म है ना यहााँ आप
को जो भी चाजहए हर्मे बताइए र्मैने कहा नही ठीक है कुछ दे र बाद लक्ष्मी भी
आ गयी और नीचे कालीन पर बैठ गयी तो र्मैने कहा आप नीचे क्यो बैठे हो
उपर कुसी पर बैठो तो वो बोलीर्माजलक के आगे र्मै कैसे उपर बैठ सकती ह
र्मै अब बडा ही परे शान सा हो गया ह आप र्मेरी तरि तरस खाइए और र्मुझे
बता भी दीजजए की आज़िर कहााँ है र्मेरे घर वाले और क्या हुवा था जजसकी
वजह से र्मुझे अपने घर से इतनी दू र जाना पडा बोलते बोलते र्मेरा गला रुंध
गया और आाँ खो र्मे आाँ सू आ गये र्मैने अपने हाथ लक्ष्मी के आगे जोड जदए
और कहा आप से र्मै भीख र्मााँ गता ह प्ली़ि र्मुझे र्मेरे पररवार के बारे र्मे
बताइए
तभी जबजली चली गयी और चारो तरि अंधेरा हो गया लक्ष्मी ने लालटे न
जला दी पर र्मेरा जदल भी जलने लगा था लक्ष्मी ने अपनी लडकी को कहा
की तू अंदर जा और खाने की व्यवस्था कर तो उसने कहा की र्मााँ र्मुझे भी
जान ना है की गााँ व र्मे लोग जो बाते करते है वो सच है या झूठ तो र्मैं उसको
टोकते हुवे बोला की क्या कहते है गााँ व वाले तो लक्ष्मी अपनी लडकी को
दे खते हुवे बोली की तू चुप कर
ये सुनकर र्मेरी उत्सुकता और भी बढ़ गयी तो र्मैने कहा ऐसा क्या हो गया था
लक्ष्मी ने कुछ घूट पानी जपया और बताने लगी की यहााँ से कुछ कोस एक
और गााँ व है नाहरगढ़ वहााँ भी यहा की तरह ही ठाकूरो का राज चलता था
एक जदन आपके जपता घुडसवारी करते करते उस ओर जनकल गये तो
उन्होने दे खा की कुछ लोग एक र्मजदू र को पीट रहे है आपके जपता ने
जाकर बीच बचाव जकया
थोडे जदन र्मे ही ये बात घर घर र्मे िैल गयी थी की दोनो गााँ व के ठाकूरो के
लडको र्मे कुछ हुवा है पर सजदयो से दोनो गााँ वो र्मे बडा ही प्रेर्म था तो
आपके बु़िुगो ने बात को जैसे तैसे संभाल जलया और बात आई गयी हो गई
कुछ जदन शां जत से गु़िरे पर वो कहते है ना की होनी को कोन टाल सकता
है सर्मय अपनी चल खेल रहा था धीरे धीरे र्मुझे आज भी याद है उन जदनों
जब गाव र्मे डर का र्महोल पसरा पडा था हर गली खून से रं ग गयी थी हर्म
लोग बस जी ही रहे थे कैसे भी करके उन जदनों उनकी हर एक बात को र्मै
बडे ही गोर से सुन रहा था बाहर हवाए और भी तेज हो चली थी लक्ष्मी ने
बताना शुरू जकया की आपके जपता की कीजतु हर ओर होने लगी थी जजतना
र्मान आपके दादा का था उस से कही ज़्यादा अब आपके जपता का था उस
छोटी सी उर्मर र्मे ही उन्होने सारे गााँ व का जदल जीत जलया था
पर यहा कुछ भी ऐसा नही था जो नॉर्मुल हो बश्कल्क र्मेरे र्मन र्मे कुछ और नये
सवाल खडे हो गये थे र्मैने कहा अगर र्मेरी र्मा नहाघुर की थी तो भी उनके
जववाह र्मे क्या जदक्कत थी तो लक्ष्मी बोली दे व बाबू आप को सच र्मे कुछ
नही पता सजदयो से इन दोनो गााँ वो र्मे भाई चारा था और सभी लडजकयो को
बेटी का दजाु दे ते थे दोनो गाओ र्मे इस कदर प्रेर्म था की वो लोग एक दू सरे
के यहा जववाह नही करते थे
र्मेरा जदल धड धड करके धडक रहा था सााँ से र्मेरे काबू र्मे नही थी र्मै पल दर
पल उलझता ही जा रहा था बाहर टॅ प टॅ प करके बाररश की बूंदे बरसने लगी
थी श्कखडकी से ठं डी हवा आ रही थी पर वो र्मेरे पसीने को सूखा नही पा रही
थी लक्ष्मी ने कहा की खाने का सर्मय हो गया है आप पहले कुछ खा ले जिर
र्मै आपको पूरी बात बताती ह पर र्मैने र्मना करते हुवे कहा की र्मुझे भूख नही
है आप आगे बताए
कुछ दे र लक्ष्मी चुप रही जिर वो बताने लगी जजस जदन वो लोग हवेली तक
आए उस जदन आपके दादा जी जकसी कार्म से बाहर गये हुवे थे वरना वो
र्मनहस जदन टल जाता और आपके जपता भी वाहा नही थे ठाकुर भीर्मसेन
की ललकार को सुनकर आपके चाचा ठाकुर आजदत्या जजन्होने जवानी र्मे
नया नया कदर्म ही रखा था और ठाकूरो का खून तो वैसे भी उबाल र्मारता
ही रहता है
कुछ दे र र्मै सुबक्ता रहा जिर लक्ष्मी बोली दे व इन आाँ सुओ को संभाल लो
इन्हे यू जाया ना करो और र्मेरी आाँ खो से आाँ सू पोंछने लगी पर र्मेरा जदल भरा
हुवा था तो र्मै रोता ही रहा लक्सर्मी बोली इसी जलए तो हर्म ये सब आपसे
छु पा कर रखना चाहते थे क्योंजक हुर्मे पता था की आप ये सब सहन नही
कर पाएाँ गे बाहर बाररश अब कुछ ज़्यादा तेज हो गयी थी
र्मैने टू ट ती हुवी आवा़ि र्मे पूछा जिर क्या
हुवा………………………………………………………………………………………………
…………………………………………………………………………………… वो बताने
लगी बोली आपके जपता ने जब वो र्मं़िर दे खा तो वो जकसी बुत की तरह खडे
रह गये अपने भाई की लाश दे ख कर वो जैसे टू ट ही गये थे जकतनी ही दे र
वो अपने भाई के शव से जलपट कर रोते रहे जिर उन्हे कुछ सूझा तो वो
अंदर गये तो उनको और भी सदर्मा लगा र्मैने कहा अंदर क्या हुवा तो वो
बोले की अंदर आपकी दादी सा की लाश पडी थी और पास र्मे ही हवेली की
और औरते भी र्मरी पडी थी
पूरा पररवार तहस नहस हो गया था तब तक हर्म लोग भी हवेली पहुच गये थे
र्मैने र्मालजकन की लाश पर कपडा डाला आपके जपता का बहुत ही बुरा हाल
हो गया था वीरभान जी तो जैसे पागला ही गये थे उनकी आाँ खो र्मे जैसे खून
सा उतर आया था उन्होने अपनी जीप जनकली और हजथयार लेकर चल पडे
नहाघुर की ओर एक ऐसा तूिान शुरू हो गया था जजसने दोनो गााँ वो को
तबाह ही कर जदया
और उनको इलाज के जलए ले जाना पडा दू सरी ओर जैसे तैसे करके ठाकुर
वीरभान को पोलीस ने रोका वरना कुछ लार्षे और जगरती उस रात दोनो
गााँ वो र्मे शायद ही कोई घर होगा जहा चूल्हा जला हो हवाए भी जैसे रो पडी
थी उस जदन हस्ती खेलती हवेली जकसी जवधवा दु ल्हन की तरह हो गयी थी
र्मुनीर्म जी तो बडे ठाकुर के पास चले गये थे पर र्मै पूरी रात यही पर थी बडा
ही जदल दहलाने वाला र्मं़िर था वो पोलीस ने सारी लार्षो को कपडे से ढक
जदया था पर दीवारो से ता़िा खून अभी भी टपक रहा था हवेली की सुरक्षा
बढ़ा दी गयी थी पर अब यहा कोई नही था जजसे सुरक्षा की ़िरूरत थी और
दू सरी ओर ठाकुर वीरभान को पोलीस ने बडी र्मुश्किल से संभाला हुवा था
तभी तेज हवा से श्कखडकी ़िोर से खडखडाई तो र्मेरा ध्यान टू टा बाहर बाररश
अब और तेज हो गयी थी और एक तूिान र्मेरे सीने र्मे भी उर्मड आया था र्मै
बस रोना चाहता था दहाड र्मार र्मार कर रोना चाहता था भगवान ये तूने
कैसा ़िुल्म जकया पररवार से जर्मलाया भी नही भी ये ददु आज़िर र्मुझे क्यो
जदया और ये ददु भी ऐसा था की कोई दवा इसका इलाज नही कर सकती
थी बस र्मुझे अब इसको सहते रहना था
तो लक्ष्मी ने बताना शुरू जकया की अगले जदन सारा गााँ व शर्मशान घाट र्मे
र्मोजूद था आज कई लार्षो को का दाह-संस्कार जकया गया था आपके जपता
बदले की आग र्मे इस कदर जल रहे थे की उन्होने उस सर्मय प्रजतगया ली
की वो अपने घरवालो की जचता की राख ठं डी होने से पहले भीर्मसेन का सर
काट दें गे पोलीस भी र्मोजूद थी वहााँ पर ठाकूरो का रुतबा इतना ज़्यादा था
की वो बस दे खते ही रहे
एक ऐसी ज्वाला भडक उठी थी की जजसर्मे दोनो गााँ व झुलस रहे थे वो गााँ व
जजनके संबंधो र्मे इतनी जर्मठास थी अब नफ़रत पैदा हो गयी थी एक दू सरे के
बैरी हो गये थे हर तरि बस तनाव सा िैल गया था यहा तक की हवओ ने
भी अपना रु़ि र्मोड जलया था दे व बाबू, उस जदन हवेली पर ऐसा ग्रहण लगा
की आज तक उजाला नसीब नही हुवा उसकी हर एक बात र्मेरे जदल पर
जबजली जगरा रही थी और बाहर आसर्मान जैसे िटने को ही था
जदन जकसी तरह से कट रहे थे आपके आने से हवेली भी जैसे दु बारा से श्कखल
गयी थी पर तभी कुछ ऐसा हो गया जजसकी उम्मीद जकसी ने नही की थी ये
कहकर लक्ष्मी चुप हो गयी तो र्मै उनकी ओर दे खने लगा र्मेरे जदल-ओ-
जदर्माग़ र्मे ह़िारो तरह की भावनाए उर्मड आई थी अब र्मै बडी जशद्दत से
अपने पररवार के साथ जीना चाहता था र्मै उनके साथ हसना चाहता था रोना
चाहता था पर अफ़सोस अब कोई नही था
तो आपके लंडन जाने के बाद बडे ठाकुर ने खुद को एक कर्मरे र्मे कैद कर
जलया र्मुनीर्म जी बस उनके साथ रहते पर जिर कभी वो हवेली से बाहर नही
गये हन आपके जाने के कुछ जदनो बाद एक बात और हुवी बडे ठाकुर ने
आपके जपता को घर से बाहर जनकाल जदया और जायदाद से बेदखल कर
जदया ऐसा क्यो हुवा ये र्मुझे र्मालूर्म नही है र्मैने उनको टोकते हुवे कहा की
क्या र्मेरे जपता ज़िंदा है
तो लक्ष्मी कुछ नही बोली र्मैने जिर पूछा तो उसने कहा की नही हवेली से
जनकले जाने के कुछ साल बाद उनकी भी बीर्मारी से र्मोत हो गयी थी उनकी
र्मोत की सूचना हस्पताल से आई थी इस घटना से बडे ठाकुर और भी हताश
हो गये थे उन्होने जबस्तर पकड जलया था लकवे के जशकार तो पहले ही थे
और जिर उन्होने अपने जाने से कोई 6 र्महीने पहले र्मुनीर्म जी को कहा की
दे व के बीस साल का होते ही उसे यहा बुलवा लेना और उसे सब कुछ
संभला दे ना
र्मैं उठा और बाहर को भाग चला अंधेरा इतना घनघोर था की कुछ नही
जदख रहा था पर र्मुझ पता था की र्मेरी र्मंज़िल कहा है र्मै बस उस तूफ़ानी
बाररश र्मे रोता हुवा दौडता जा रहा था र्मेरी साथ बरसात भी रो पडी थी र्मै
जगरता-पडता चला जा रहा था र्मुझे अब कोई परवाह नही थी र्मेरा सब कुछ
जैसे छूट गया था आज़िर र्मै अपनी र्मंज़िल पर पहुच ही गया था र्मैं हवेली
के आाँ गन र्मे खडा था र्मैण अपने घर लॉट आया था कल तक जो पराया
लगता था अब र्मुझे सब अपना लग रहा था ऐसा लग रहा था जक र्मैण कभी
इस जगह से जुडा हुआ ही नही था र्मैं दौडता हुवा उपर की र्मंज़िल की ओर
भागा और सीधा उसी कर्मरे र्मे गया जहााँ र्मैने वो तस्वीरे दे खी थी वो कर्मरा
वैसे ही खुला पडा था जैसे र्मैने उसको छोडा था
अंधेरे र्मे ही उन तस्वीरो को टटोल कर र्मैने अपने हाथो र्मे उठा जलया और
अपने सीने से लगाकर ना जाने जकतनी दे र तक र्मैं रोता ही रहा ये र्मेरे र्मााँ -
बाप की तस्वीरे थी जो र्मुझ अभागे को अकेला छोड कर चले गयी थे र्मैं बस
उन तस्वीरो को जलए दरवाजे के सहारे बैठा ही रहा और सोचने लगा जक
काश र्मेरी ज़िदगी र्मे ये रात आई ही ना होती तो सही रहता
र्मैं जनढाल सा बैठा हुवा था तभी र्मुझे कुछ लोगो की आवा़िे सुनाई दी तो र्मैने
दे खा जक लक्ष्मी और गौरी भी र्मेरे पीछे पीछे आ गये थे लक्ष्मी ने लालटे न को
कुसी पर रख जदया जजसे से सारे कर्मरे र्मे रोशनी सी हो गयी लक्ष्मी अपनी
सां सो को जनयंजत्रत करते हुवे बोली जक र्माजलक आपको यहा ऐसे नही आना
चाजहए था र्मुनीर्म जी को पता चलेगा तो र्मेरी शार्मत आ जाएगी
र्मुझे लगा जैसे र्मेरा पूरा बदन अकड सा गया हो नींद की खुर्मारी जब टू टी
तो र्मैने दे खा जक गोरी उस धूल भरे बेड पर ही सोई पडी है सोते हुए वो
जकसी प्यारी सी गुजडया की तरह लग रही थी पर लक्ष्मी र्मुझे कही जदखाई
नही दी र्मैं उठा और नीचे की ओर चल जदया और नीचे बरार्मदे र्मे डाली हुई
कुजसुयो पर बैठ गया और आाँ गन र्मे जगरती बाररश की बूाँदो को दे खने लगा
ऐसा लगा जैसे जक आसर्मान भी र्मेरे ददु से जुड सा गया था
थोडी दे र बाद गोरी भी नीचे उतर आई और र्मुझसे कहने लगी जक र्मुझे क्यो
नही उठाया तो र्मैने कहा जक र्मैं तुम्हे परे शान नही करना चाहता था वो बोली
र्मााँ कहााँ है र्मैने कहा र्मुझे नही पता वो बोली बडी प्यास लगी है इधर पानी
कहााँ है र्मैने कहा र्मुझे नही लगता इधर पीने का पानी होगा क्योंजक इधर
कोई रहता नही है ना वो बोली अब र्मैं क्या करू ाँ
तो थोडी दे र राह दे खने के बाद र्मैं उसको खोजने के जलए जजस तरि वो
गयी थी उस ओर चल पडा तो र्मैने दे खा जक उस ओर काफ़ी झाजडयााँ और
पेड पोधे उगे हुवे है र्मैं कुवे की र्मुंडेर पर चढ़ गया परं तु र्मुझे गोरी नही जदखी
बाररश ने जिर से झडी लगा दी थी र्मैं भीगने लगा पर र्मुझे उसकी जचंता हो
रही थी तो र्मैने उसको आवा़ि लगाना शुरू कर जदया गोरर
गोर््ु र््ु र्ु् र ज ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई कुछ दे र तक र्मैं आवा़ि
लगाता रहा
जिर झाजडयो र्मे कुछ सुरसूराहट हुई तो र्मैने सोचा जक कही कोई जानवर तो
नही है पर जिर दे खा जक गोरी झाजडयो को हटा ती हुवी र्मेरी ओर आ रही है
उसने र्मुझसे कहा जक क्या हुवा क्यो पुकार रहे थे तो र्मैने कहा जक कहााँ गयी
थी तुर्म जकतनी दे र हो गयी र्मुझे जिकर हो रही थी तुम्हारी
र्मुझे लगा जक र्मैं कही अपने होश ना खो दू ं पर तभी गोरी की आवा़ि र्मुझे
वाजपस धरातल पर खीच लाई वो बोली अब क्या इधर ही भीगना है वाजपस
नही चलना है क्या तो र्मैं उसके साथ अंदर आ गया गोरी अपने गीले कपडो
को झटकने लगी र्मुझे भी ठं ड सी लगने लगी थी र्मैने कर्मरो र्मे दे खा तो र्मुझे
कुछ सूखी लकजडया और एक पुरानी र्माजचस जर्मल गयी तो गोरी ने आग
जला दी जजस से थोडा अच्छा लगा
र्मैने कहा गोरी र्मैं हवेली को अच्छे से दे खना चाहता ह क्या तुर्म र्मेरी र्मदद
करोगी तो वो बोली जक हााँ पर र्मुझे भूख लगी है र्मैं पहले कुछ खाना चाहती
ह तो र्मैने कहा जक पर इधर तो कुछ भी नही है खाने के जलए र्मैने कहा
बाररश रुकते ही तुम्हारे घर चलेंगे तो वो बोली जक ठीक है आओ पहले
दे खते है र्मैं भी बहुत उत्सुक ह र्मैं हर्मेशा से ही इधर आना चाहती थी पर र्मााँ
र्मना करती थी और अकेले आने की जहम्मत होती ही नही थी
हर्म अंदर जाने की बात कर ही रहे थे जक हवेली के गेट पर एक कार की
झलक जदखी और जिर वो अंदर आ गयी कार का दरवाजा खुला और लक्ष्मी
उतरी अपनी छतरी जलए उसके दू सरे हाथ र्मे एक बास्केट थी वो हर्मारे पास
आई और खाली पडी कुसी पर बैठ गयी उसने कहा जक र्मािी चाहाँ गी सुबह
जबना बताए यहााँ से चली गयी पर वो क्या है ना र्मुझे नाश्ते की तैयारी करनी
थी
र्मैने कहा कोई बात नही जिर उसने बास्केट से थर्मुस जनकाला और हर्मे
गरर्मागरर्म चाइ पकडा दी साथ र्मे कुछ और ची़िे भी थी खाने की अगले
कुछ जर्मनट तक र्मेरा ध्यान पूरी तरह से बस खाने पर ही रहा जल्दी ही हर्म
लोग नाश्ते से िाररग हो गये जिर चल पडा बातों का जसलजसला र्मैने लक्ष्मी
से पूछा जक र्मेरे घरवालो से तो गााँ व के लोग नफ़रत करते है तो क्या र्मुझसे
भी ठीक से बात नही करें गे
जिर उन्होने गोरी से कहा जक तुर्म दे व के साथ ही रहना र्मैं सां झ तक वाजपस
आउश्कन्ग तुर्म साथ रहोगी तो र्मुझे इनकी जिकर नही होगी इतना कहकर
लक्ष्मी कार र्मे बैठी और चली गयी रह गये र्मैं और गोरी आग ठं डी होने लगी
थी तो गोरी ने कुछ लकजडया और डाल दी बाररश र्मे आग के पास बैठना
एक अलग सा अहसास दे रहा था गोरी बोली तुर्म लंडन से यहााँ कैसे आए तो
र्मैने कहा प्लेन से वो बोली अच्छा , वो बोली तुम्हारा सहर कैसा होता है र्मैने
कहा जैसे तुम्हारे है वो बोली र्मैं क्या जानू र्मैं तो कभी सहर गयी ही नही र्मैने
कहा क्यो वो बोली र्मुझे कॉन ले जाए
तो र्मैने कहा र्मैं कभी जाउन्गा तो तुर्मको ले चलूाँगा साथ वो बोली हर्म तो बस
जदल खुश करने को जब कभी र्मेला लगता है तो उसी र्मे घूर्म आते है जदल
खुश हो जाता है र्मैने कहा ये र्मेला क्या होता है तो वो बोली अरे तुम्हे र्मेले का
नही पता र्मैने कहा सच र्मे नही पता तो उसने र्मुझे बताया तो र्मैने कहा जक
अबकी बार जब र्मेला लगेगा तो र्मैं भी तुम्हारे साथ चलूाँगा
कुछ दे र और बाते करने के बाद र्मैने कहा आओ गोरी कुछ कर्मरो को खोल
कर दे खते है तो वो बोली हााँ चलो तो हर्म लोग उपर की र्मंज़िल पर चले गये
कुछ कर्मरो का ताला हर्म ने तोड डाला और दे खने लगे इतना तो पक्का था
जक अपने टाइर्म र्मे ये खंडहर बडा ही खूबसूरत था हर कर्मरा बडे ही करीने
से स़िा हुवा था बस िरक इतना था जक वो सजावट वक़्त के थपेडो र्मे कही
खो गयी थी र्मैने कहा गोरी खुशजकस्मत होंगे वो लोग जो यहााँ रहते होंगे वो
बोली हााँ काश र्मैं भी ऐसे ही घर र्मे रहती
गोरी बोली तुर्म इसको कसकर पकड लेना र्मैं उपर चढ़ जाती ह र्मैने कहा
स्टू ल कही टू ट ना जाए तो वो बोली अगर र्मैं जगरु तो तुर्म र्मुझे थार्म लेना तो
हर्म ने उसको सेट जकया और गोरी उपर चढ़ ने की कोजशश करने लगी पर
वो चढ़ नही पा रही थी वो बोली तुर्म इसको कसकर पकड लो र्मैं संदूक को
खीचती ह और तुर्मको पकडा दू ाँ गी तुर्म उसको नीचे रख दे ना र्मैने कहा ठीक
है पर आरार्म से करना कही चोट ना लग जाए तुर्मको संदूक थोडा भारी था
जैसे ही गोरी ने संदूक को स्लॅब से खीचा स्टू ल उन दोनो का भार नही से
पाया और टू ट गया गोरी झटके से र्मेरे उपर आ पडी और र्मुझे जलए जलए ही
िरश पर आ जगरी
आज़िर वो भी तो जवानी र्मे कदर्म रख चुकी थी र्मैं उसकी पीठ सहलाने लगा
तो उसने अपना र्मूह र्मेरे सीने र्मे छु पा जलया र्मैने जिर से कहा गोरी उठ
जाओ पर वो टाइर्म पता नही हर्मे क्या हो गया था र्मैने उसे जलए जलए ही
पलटी खाई और अब र्मैं उसके उपर वो र्मेरे नीचे हो गयी उसके लरजते हुवे
गुलाबी होंठो की र्मादकता र्मुझे बडी ही सुंदर लगी और उपर से जनचले होठ
पर एक छोटा सा काला जतल र्मैं तो कुबाु न ही हो गया जैसे र्मुझ पर खुर्मारी
छाने लगी
गोरी उठी और कर्मरे से बाहर जाने लगी पर दरवाजे पर जाकर जठठक गयी
और उसने ऩिर भर कर र्मेरी ओर दे खा ना जाने वो कैसी कजशश थी
उसकी ऩिरो र्मे उस पल र्मैं तो जैसे फ़ना ही होने लगा था र्मैं दो कदर्म आगे
बढ़ा और गोरी को खीचते हुवे उसे पास की दीवार से सटा जदया और एक
बार जिर से अपने लबो को उसके लाबो से जोड जदया गोरी ने भी अपनी
बाहें र्मेरी पीठ पर कस दी और र्मैं उसके शरबती होंठो से जार्म पीने लगा र्मैं
उसको ऐसे चूर्म रहा था जैसे जक रे जगस्तान की गरर्म रे त पर नंगे पैर चलते
हुवे जकसी र्मुसाजिर को पानी का दररया जर्मल गया हो र्मैं दीवानो की तरह
उसके लबो, गालो और गदु न को चूर्मे जा रहा था गोरी भी र्मेरे साथ उस
अनकही भावनाओ के तूिान र्मे शाजर्मल हो गयी थी कुछ जर्मजनट तक हर्मारा
ये सीन चलता ही रहा जिर र्मैने अपने होठ हटा जलए पर उसको अपनी बाहों
र्मे जकडे रहा बाहर बरसती बाररश र्मे एक प्रेर्म का अंकुर िुट पडा था
जिर गोरी र्मुझसे अलग हो गयी और गॅलरी र्मे आकर बाररश को दे खने लगी
र्मैं भी उसके पास आकर खडा हो गया पर हर्म दोनो ही अब चुपचाप खडे थे
र्मुझे सर्मझ नही आ रहा था जक बात कैसे शुरू करू आज़िर र्मैने चुप्पी
तोडते हुवे कहा जक क्या हुवा तुर्म चुप क्यो हो तो गोरी बोली जक तुर्मने ऐसा
क्यो जकया र्मैने कहा र्मुझे नही पता बस हो गया अपने आप र्मैने उसकी
आाँ खो र्मे दे खते हुवे कहा जक गोरी प्ली़ि र्मुझे ग़लत ना सर्मझना सब कुछ
अपने आप ही हो गया
तो गोरी अपनी बडी बडी आाँ खो को गोल गोल घूर्माते हुवे बोली जक ये अच्छा
है जकसी को भी तुर्म ऐसे करो और जिर कह दो जक अपने आप हो गया ऐसा
तुम्हारे लंडन र्मे होता होगा पर यहा नही होता अगर र्मेरी जगह कोई और
लडकी होती तो अब तक तुम्हे बता चुकी होती तो र्मैने कहा जिर तुर्मने कुछ
क्यो नही कहा तो वो र्मैं……….र्मैं……..करने लगी र्मैने कहा गोरी एक बात
कहाँ
उसने ह कहा तो र्मैने कहा गोरी क्या तुर्म र्मेरी दोस्त बनोगी र्मैं यहााँ पर
जबल्कुल अकेला हाँ जकसी को जानता भी नही तुम्हारे जसवा और तुर्म अच्छी
लडकी हो तो करोगी र्मुझसे दोस्ती तो गोरी अपनी गदु न जहलाते हुए बोली ना
बाबा लोग कहते है ठाकूरो की ना दोस्ती अच्छी ना दु श्मनी तो र्मैने कहा पर
र्मुझे तो कुछ जदन पहले ही पता चला है ना जक र्मैं ठाकुर ह इसर्मे र्मेरा दोर्ष
क्या तो वो बोली ठीक है र्मैं तुर्मसे दोस्ती करू
ाँ गी पर तुर्म र्मााँ को र्मत बताना
र्मैने कहा ठीक है
ना जाने क्यो वो र्मुझे क्यो अच्छी लगने लगी थी शार्म हो रही थी बाररश की
रफ़्तार भी काफ़ी कर्म हो गयी थी बस अब हल्की-हल्की िुहारे ही पड रही
थी तो गोरी ने कहा जक काफ़ी दे र हो गयी है र्मुझे घर जाना चाजहए र्मैने कहा
पर तुम्हारी र्मााँ ने कहा था जक वो आएाँ गी तो वो बोली बरसात अब रुक ही
गयी है सर्मझो एक कार्म करो तुर्म भी र्मेरे साथ घर चलो यहााँ अकेले कैसे
रहोगे
हालााँ जक र्मैं हवेली र्मे ही रुकना चाहता था पर ना जाने क्यो र्मैं उसकी बात
को टाल ना सका और कहा जक ठीक है चलो तुम्हारे घर चलते है जिर हर्म
नीचे आए र्मैने गेट पर एक नया ताला लगाया और हल्की हल्की िुहारो का
ऩिारा लेते हुवे हर्म दोनो र्मुनीर्म जी के घर की ओर चल पडे रास्ते र्मे वो र्मुझे
गााँ व के बारे र्मे बता ती जा रही थी एका-एक गोरी का साथ र्मुझे बडा ही
अच्छा लगने लगा था
ऐसे ही बाते करते करते हर्म दोनो उसके घर पहुच गये लक्ष्मी हर्मे दे खते ही
बोली अच्छा जकया जो आप लोग यहााँ आ गये जबजली का तो कोई भरोसा
नही उपर से र्मोसर्म भी र्मेहरबान है आप आरार्म करो र्मैं कुछ दे र र्मे भोजन
की व्यवस्था करती ह र्मैं बैठक र्मे जाकर लेट गया और गोरी अपने कर्मरे र्मे
चली गयी और कुछ दे र बाद अपने कपडे बदल कर आ गयी अब उसने
घाघरा-चोली डाल ली थी जजसर्मे वो बडी ही प्यारी लग रही थी
र्मैं अपने र्मन र्मे दोनो र्मााँ बेजटयो की तुलना करने लगा दोनो ही बडी कॅजटली
थी र्मैं सोचने लगा जक लक्ष्मी की चूत जर्मल जाए तो र्मुझे र्म़िा ही आ जाएगा
पर सवाल ये था जक लक्ष्मी र्मुझे चूत क्यो दे गी जपछली रात भी र्मैं जागा था तो
खाना खाते ही र्मुझे नींद आ गयी और सुबह जब र्मेरी आाँ ख खुली तो र्मुझे घर
र्मे कोई जदखाई नही जदया र्मैने सोचा गोरी तो स्कूल गयी होगी
पर लक्ष्मी कहााँ है र्मैं उसको ढू ाँ ढते हुवे घर के अंदर की तरि चला गया तो
एक दरवाजे के बाहर से र्मैने अंदर झााँ का तो र्मेरे होश ही उड गये र्मेरा खुद
पर काबू रखना र्मुश्किल हो गया र्मैने दे खा जक लक्ष्मी लक्ष्मी कर्मरे र्मे नंगी
खडी हुई है उसकी पीठ र्मेरी ओर थी जजस कारण वो र्मुझे नही दे ख पाई पर
र्मेरी जनगाह उसकी जचकनी पीठ और बडी सी गान्ड पर जर्म ही गयी थी
र्मैने उन लोगो को नर्मस्ते जकया और उनकी बात चीत र्मे शाजर्मल हो गया
कुछ लोगो ने कहा र्मुसाजिर तुर्म जकसके र्मेहर्मान हो तो र्मैने राइचंद जी का
नार्म ले जदया र्मैं उनको बताना नही चाहता था जक र्मैं ठाकुर यूधवीर जसंग का
पोता ह उनकी बातों से पता चला जक गााँ व को पानी पहुचाने वाली लाइन टू ट
गयी है और सबको पानी के जलए नदी का सहारा लेना पड रहा है कई
अजधकाररयो के आगे गुहार लगाई पर बस आश्वासन ही जर्मला है कोई भी
लाइन को ठीक नही कर रहा
कल र्मुझे राइचंद जी के साथ शहर जाना था कुछ कार्म थे जो र्मेरे जबना नही
हो सकते थे तो अगले जदन हर्म शहर चल पडे उन्होने कहा आप को जो भी
कार पसंद हो आप खरीद लीजजए र्मैने कहा र्मुझे इन सब ची़िो की कोई
आवश्यकता नही है पर वो बोले नही कार तो चाजहए ही ना और जिर कही
आना जाना हो तो वो र्मुझे एक बडे कार शोरुर्म र्मे ले गये और हर्म ने दो
कार खरीदी
र्मैने कुछ नये कपडे भी खरीदे और थोडा ़िरूरत का सार्मान भी जलया रात
होते होते हर्म वाजपस गााँ व आ गये पूरा जदन बेहद थका दे ने वाला था तो आते
ही र्मैं सीधा सो गया हवेली की सॉि सिाई करवाई जा रही थी र्मैने बता
जदया था जक जकन दो कर्मरो र्मे रहाँ गा तो उनके इं टीररयर का कार्म चालू था
इधर राइचंद जी र्मुझे हर बारीकी का ज्ञान करवा रहे थे उन्होने र्मुझे बताया
जक जकतनी ़िर्मीन है र्मेरे पास और कहााँ कहााँ है र्मुझे तो यकीन ही नही हो
रहा था जक र्मेरे पुरखे र्मेरे जलए इतना कुछ छोड कर गये है
शुरू शुरू र्मे र्मुझे अकेले रहने र्मे थोडा अजीब सा लगता था पर जिर आदत
हो गयी और गााँ व र्मे भी लोगो से जान पहचान होने लगी थी इधर र्मैं लक्ष्मी
को चोद्ने की सोचता रहता था पर कुछ बात नही बन रही थी और जिर
जकस्मत आज़िर र्मुझ पर र्मेहरबान हो ही गयी एक जदन राइचंद जी जब गााँ व
र्मे जकसी से जर्मलने जा रहे थे तो एक पागल सां ड ने उनको अपने लपेटे र्मे ले
जलया और उनको घसीट र्मारा
थोडे जदन ऐसे ही गुजर गये खेतो र्मे गन्ने की िसल तैयार खडी थी और बागों
र्मे आर्म भी तैयार ही हो गये थे पहले तो सब कार्म र्मुनीर्म जी संभाल लेते थे
दू सरी ओर उन्होने भी खुद के खेत र्मे गन्ने लगाए हुवे थे हर्मे लोगो की
़िरूरत थी कार्म के जलए पर कोई भी गााँ व वाला ठाकूरो के यहााँ कार्म नही
करना चाहता था इस बात से र्मैं भी परे शान था तो र्मैने राइचंद से कहा जक
ऐसे तो हर्मे बहुत नुकसान हो जाएगा
तो बोले र्माजलक र्मैं तो अब अपाजह़ि हो गया हाँ र्मैं खुद इस बात को लेकर
जचंजतत रहता ह अब कोई चर्मत्कार हो जाए तो ही आस है लक्ष्मी बोली
िसल का नुकसान होगा तो हाथ तंग हो जाएगा र्मैने कहा आप लोग कोई
भी टे न्र्षन ना लो र्मैं करू
ाँ गा कुछ ना कुछ बंदोबस्त और वहााँ से बाहर
जनकला ही था जक गोरी जदख गयी र्मैने कहा गोरी हवेली चलेगी क्या तो वो
बोली बापू से पूछ कर आती ह और जिर हर्म र्मेरे घर आ गये गोरी बोली
कुछ परे शान लगते हो
र्मैने कहा यार बात ये है जक िसल कटाई पे है और र्मेरे खेतो र्मे कोई कार्म
नही करना चाहता है पहले तो तुम्हारे बापू बाहर से र्मजदू र लाकर कार्म
करवा लेते थे पर उनकी तबीयत जबगडने के बाद अब कॉन र्मदद करे गा
दु गनी र्म़िदू री पर भी गााँ व वाले तैयार नही है र्मेरे खेतो र्मे कार्म करने को
बस वो ही टे न्र्षन है गोरी गााँ व वालो को बुरा भला कहने लगी और बोली ये
तो है ही कार्मीने सदा से
र्मैने कहा दु गनी र्म़िदू री पर भी कोई र्मेरे जलए कार्म करने को तैयार नही है
सर्मझ नही आता जक क्या करू र्मेरे पुरखो के जकए करर्मो िल र्मुझे ही
भुगतना होगा र्मैं उदास हो गया गोरी ने र्मेरा हाथ अपने हाथ र्मे जलया और
बोली तुर्म जदल पे बोझ र्मत लो कुछ ना कुछ हाल जनकल ही आएगा तभी
उसने एक ऐसी बात बताई जजस से कुछ उम्मीद बाँधी वो बोली एक रास्ता है
पर ये नही पता जक कार्म आएगा या नही र्मैने कहा जो भी है जल्दी से बता
तो गोरी बोली की सालो पहले जकसी बात से नारा़ि होकर ठाकुरों ने गााँ व के
र्महादे व र्मंजदर के दरवाजे को गााँ व वालो के जलए बंद कर जदए थे और तब से
आज तक र्मंजदर बंद ही पडा है अगर तुर्म र्मंजदर खोल दो तो क्या पता गााँ व
वालो के र्मन र्मे तुम्हारे जलए कुछ हर्मददी हो जाए र्मैने कहा गोरी ठीक है
कल ही चल कर र्मंजदर का दरवाजा खोल दे ता ह इसर्मे क्या है
तू र्मुझे कल सुबह ही वहााँ ले चलना तो वो बोली जक सुबह तो र्मुझे स्कूल
जाना होता है र्मैं तुम्हे रास्ता बता दे ती ह तुर्म चले जाना वैसे र्मेरा र्मन तो है
साथ चलने को पर स्कूल की छु ट्टी नही कर सकती र्मैं र्मैने कहा चल कोई ना
र्मैं ही दे ख लूाँगा कुछ दे र बाद गोरी बोली दे र हो रही है र्मुझे घर जाना चाजहए
र्मैं कहा कुछ दे र और रुक जा तू आती है तो र्मेरा र्मन भी लगा रहता है
र्मैने उसका हाथ पकड जलया और गोरी को खीच कर अपने सीने से लगा
जलया गोरी बोली तुर्म ऐसे ना जकया करो र्मुझे कुछ- कुछ होता है र्मैने कहा र्मैं
ऐसा क्या करता ह जो तुझे कुछ होता है वो बोली तुर्म जो ये शरारत करते हो
तो र्मेरे र्मन के तार झनझणा जाते है र्मैने कहा गोरी इधर दे ख जैसे ही उसने
अपना चेहरा उपर जकया र्मैने उसके चााँ द से र्मुखडे को चूर्म जलया
गोरी र्मेरी बाहों र्मे और भी जसर्मट गयी र्मैं उसके लबों को चूर्मने लगा उसकी
खुश्बुदार सााँ से र्मेरे र्मूह र्मे घुलने लगी र्मेरा र्मन उन्माद र्मे डूबने लगा बडी ही
कजशश थी उसर्मे जब जब र्मैं उसके पास होता था तो खुद को रोकना बडा
ही र्मुश्किल हो जाता था तो एक लंबे चुंबन के बाद र्मैने कार स्टाटु की और
गोरी को उसके घर छोडने चला गया
जिर उसको थोडा कुछ श्कखला कर र्मैं उसे उसके घर छोडने चला गया रास्ते
र्मे नंदू ने बताया जक उसके पररवार र्मे बस वो और उसकी र्मान ही है उसके
जपता का कई साल पहले ही दे हां त हो गया था बाते करते करते हर्म लोग
उसके घर आ गये घर तो क्या था बस एक टू टी-िूटी सी झोपडी थी नंदू को
दे ख कर उसकी र्मााँ बाहर आ गयी और र्मेरी ओर हाथ जोडकर बोली बाबू
र्मेरे बेटे से कोई ग़लती हुवी हो तो र्मैं आपसे र्मािी र्मां गती ह र्मैने कहा अरे
पहले आप र्मेरी बात तो सुजनए
जिर र्मैने उनको पूरी बात बताई और कहा जक र्मैं नंदू की बकरी कल सुबह
वाजपस जदला दू ाँ गा बात करते करते पता चला जक नंदू की र्मााँ का नार्म चंदा
था उर्मर कोई 37-38 के िेर र्मे होगी पर जजस्म काफ़ी भरा हुआ था और
एक जघसी हुवी सूती साडी उसके जजस्म को ढाँ कने र्मे असर्मथु थी जिर कुछ
दे र बात करने के बाद र्मैने कहा जक नंदू तू कल सुबह हवेली आ जाना तो वो
सकुचाते हुवे बोला जक जी आ जाउन्गा
जिर र्मैं घर के जलए जनकल पडा और सीधा जबस्तर पर जगर गया र्मेरी आाँ ख
तब खुली जब र्मुझे जकसी ने जगाया र्मैने दे खा जक एक लडका खडा है र्मैने
कहा कॉन है भाई तू तो वो बोला र्माजलक र्मैं नंदू कल रात को जर्मला था
आपको र्मैने कहा अरे हां याद आया नंदू पर तू अंदर कैसे आया वो बोला
र्माजलक दरवाजा खुला पडा था र्मैने कहा हो सकता है र्मैं रात को दरवाजा
बंद करना भूल गया हुं गा
र्मैने कहा भाई तू थोडी दे र बैठ र्मैं ़िरा िेश होकर आता ह कोई आधे घंटे
बाद र्मैने कहा नंदू र्मैं तेरी बकरी वाजपस जदलवाउन्गा पर पहले तुझे र्मेरा एक
कार्म करना हो गा वो बोला जी हुकर्म कीजजए र्मैने कहा र्मेरे साथ र्महादे व
र्मंजदर चल तो वो बोला जी वो तो कई सालो से बंद है र्मैने कहा बंद है पर
अब नही रहे गा जिर र्मैं र्मंजदर पहुच गया नंदू के साथ र्मंजदर बेशक पुराना था
पर जदलकश था र्मैने कहा यार कोई बडा पत्थर तो ला और जिर र्मैने र्मंजदर
के ताले को तोड कर कपाट खोल जदए
चर््ु र््ु रररहर््ु र््ु रर करता हुआ लडकी का दरवाजा खुलता चला गया और र्मैं
अंदर चला गया नंदू ने तो सॉि र्मना कर जदया अंदर आने से अंदर काफ़ी
जाले लगे थे जगह जगह कई जब गयी थी अंदर सिाई की सख़्त दरकार थी
तो र्मैं नंदू को लेकर गााँ व की चोपाल पर आया और जो बाबा वहााँ पर बैठते
थे र्मैने उनको रार्म-रार्म की और कहा जक बाबा र्मैने र्महादे व र्मंजदर को खोल
जदया है पर अंदर काफ़ी सिाई की दरकार है र्मुझे कुछ लोग चाजहए र्मदद
के जलए र्मैं सबको पैसे भी दू ाँ गा तो वो बाबा बोले पर वो र्मंजदर तो सालो से
बंद था और तुर्म कैसे खोल सकते हो उसको
उसकी र्मााँ बोली र्माजलक आपने बडा अहसान जकया हर्म पर जो हर्मारा पशु
हर्मे वाजपस जदला जदया र्मैने कहा आप र्मुझे शजर्मिंदा ना करे दोपहर हो गयी
थी र्मैने कहा अब र्मैं चलता ह र्मुझे खाना खाने जाना है क्या करू कोई भी
हवेली र्मे कार्म करने को तैयार नही है र्मुझे बडी र्मुश्कस्कल हो रही है र्मैने कहा
क्या आप नंदू को हवेली र्मे कार्म करने दें गी र्मैं उसको अच्छी पगार दू ाँ गा
र्मैने कहा ये उधर रहे गा तो र्मुझे भी अकेला पन र्महसूस नही होगा तो कुछ
सोच कर चंदा ने हां करदी र्मैने कहा ठीक है नंदू तुर्म कल से आ जाना और
र्मैं हवेली आ गया गर्मी बहुत थी तो र्मैं नाहया और थोडी दे र लेट गया पता
नही कब नींद आ गयी नींद आई तो अपने साथ सपना भी ले आई काफ़ी
जदनो बाद ऐसी घेरी नीड आई थी और सपना भी जबरदस्त
सपने र्मे र्मैं लक्ष्मी की चूत र्मार रहा था आज़िर आजकल बस यही तो र्मेरी
एक इच्छा थी और जैसे ही र्मेरा होने को हुआ जकसी ने र्मुझे जगा जदया
अपनी आाँ खे र्मिा हुवा र्मैं उठा तो दे खा जक र्मेरी आाँ खो के सार्मने लक्ष्मी ही
खडी थी उसने कहा यहााँ क्यो सोए पडे हो तो र्मैने दे खा जक र्मैं बरार्मदे र्मे
पडे तख्त पर ही सो गया था उसने कहा जक जल्दी तैयार हो जाओ आर्म के
बाग र्मे चलना है
र्मैने नीचे दे खा तो लॅं ड ने जनक्कर र्मे टॅं ट बनाया हुवा था लक्षी की ऩिर जब
उस पर पडी तो एका एक उसके होंठो पर एक र्मुस्कान आ गयी र्मैने कहा
क्या हुवा वो बोली कुछ नही तुर्म जल्दी चलो र्मैने कहा तुर्म बैठो र्मैं अभी
आता ह और जिर थोडी दे र बाद पैदल पैदल ही बाग की ओर चल पडे
लक्ष्मी ने अपने घाघरे को नाजभ से काफ़ी नीचे बााँ धा हुवा था तो उसका पुरा
पेट और नाजभ जचकनी कर्मर को दे खकर र्मुझ पर जैसे नशा सा छाने लगा
र्मैं कुछ रुक सा गया और उसके र्मादकता से भरपूर चौडे जनतंबो को जहलते
हुवे दे खता रहा तभी वो पीछे को पलटी और बोली रुक क्यो गये जल्दी
जल्दी चलो पर उसको कौन बताए जक जब वो ऐसे जबजजलयााँ जगराते हुवे
चलेगी तो जिर हर्म जैसो को होश कहााँ रह जाएगा और एक र्मेरा लंड था जो
जक बैठने का नार्म ले ही नही रहा था र्मैने जनक्कर र्मे हाथ डाला और उसको
अड् जस्ट जकया थोडी दू र आगे जाने के बाद र्मैने कहा र्मैं पेशाब कर लूाँ
वो बोली ठीक है और थोडा सा आगे जाके खडी हो गयी र्मैने अपनी जनक्कर
नीचे की और अपने तने हुवे लंड को बाहर जनकाल जलया जैसे ही उसे खुली
हवा लगी वो जकसी सााँ प की भााँ जत िुफ्फकारने लगा र्मैने जतरछी ऩिरो से दे खा
जक लक्ष्मी चोर ऩिरो से र्मेरी ओर ही दे ख रही है तो र्मैं थोडा सा और टे ढ़ा हो
गया ताजक वो अच्छे से र्मेरे जलंग का दीदार कर सके
जिर लंड से पेशाब की धार जनकली और नीचे धरती पर जगरने लगी र्मैने
दे खा की लक्ष्मी बडी गहरी ऩिरो से र्मेरे लंड को ही दे खे जा रही थी जिर र्मैं
उसके पास आया और बोला जक चलो जल्दी से जिर हर्म बाग र्मे आगये र्मैने
आज तक ऐसा बाग नही दे खा था पता नही जकतनी दू र तक िैला हुवा था वो
काफ़ी घने घने पेड थे और सभी पेडो पर ता़िा आर्म लटक रहे थे पर र्मुझे
उन आर्मो से ज़्यादा इं टेरेस्ट लक्ष्मी के आर्मो र्मे था
वो बोली ये तुम्हारा बाग है पता है कोई तुम्हारे जलए कार्म नही करना चाहता
कोई चौकीदार नही है तो पता ही नही है जक जकतनी चोरी हो रही है रोज
अब तो बस जल्दी से कुछ लोग कार्म करने वाले जर्मल जाए तो जकसी तरह से
नुकसान रुके र्मैने कहा आप जिकर ना करे र्मैने गााँ व के लोगो से बात की है
कुछ लोग तो तैयार हो जाएाँ गे ही
हर्म चलते चलते थोडा और आगे की तरि जनकल आए लक्ष्मी बोली आर्म
खाओगे र्मैने कहा खा लूाँगा अगर आप खुद तोड कर श्कखलाओगी तो वो बोली
पर र्मैं कैसे तोड पाउन्गी पेड तक तो र्मेरा हाथ पहुचेगा ही नही र्मैने कहा वो
र्मुझे नही पता अपने हाथो से तोड कर श्कखलाओ तो खाउन्गा वो बोली तुर्म भी
ना जाने कैसी कैसे ज़िद कर लेते हो र्मैने कहा और आप भी कभी ज़िद पूरी
नही करती हो
कुछ दे र बाद वो बोली ठीक है आज र्मैं तुम्हे अपने हाथो से ही आर्म तोडकर
श्कखलाउन्गी तुर्म एक कार्म करो र्मुझे उठा कर उपर करो क्या पता कोई आर्म
र्मेरे हाथ लग ही जाए र्मैने कहा पर आप इतनी भारी हो र्मैं आपको कैसे उठा
पाउन्गा तो वो बोली अरे कहााँ भारी ह र्मुनीर्म जी के खाट पकडने के बाद तो
र्मैं जकतनी दु बली हो गयी ह तो र्मैने कहा क्यो र्मुनीर्म जी क्या आपको र्मोटा
होने की घुट्टी जपलाते थे क्या तो लक्ष्मी के गाल लाल हो गये वो बोली इस बात
को तुर्म अभी नही सर्मझोगे
वो उपर आर्म तोडने लगी उसके कूल्हे र्मेरे इतने पास थे जक र्मुझे पता नही
क्या हुवा र्मैने अपना चेहरा उसके कुल्हो की दरार पर सटा जदया और अपने
र्मूह से उनको दबाने लगा आगे की तरि र्मेरे हाथ जो जक उसकी ठोस जााँ घो
पर थे र्मैने उसकी जााँ घो को कसकर दबा जदया लक्ष्मी के र्मूह से एक आह
जनकल गयी र्मैने कहा क्या हुवा वो बोली कुछ नही तुर्म र्मुझे अच्छे से
पकडना कही जगरा ना दे ना
र्मेरी नाक उसकी दरार र्मे घुसने को बेताब हो रही थी लक्ष्मी थोडा
कसर्मसाने लगी पर र्मैं अपनी नाक को वहााँ पर रगडता रहा र्मुझे पता था जक
उसने अंदर कश्कच्छ तो पहनी नही है उसकी गान्ड के इतने करीब होने के
एहसास से ही र्मैं उिेजजत हो गया था तभी लक्ष्मी बोली जक र्मैं ऐसे आर्म नही
तोड पा रही ह तुर्म र्मुझे पलटो और उन छोटी वाली टहनी की तरि चलो तो
र्मैने उसे उतारा और उधर ले जाकर जिर से उपर कर जदया
पर अबकी बार वो ऐसी उपर हुई जक उसकी चूत र्मेरे र्मूह पर थी अब र्मैं तो
पागल ही होने वाला था र्मुझसे कंट् ोल नही हो रहा था उसकी चूत जबकलूल
र्मेरे र्मूह पर ही थी र्मैने सोचा जक अभी सही र्मोका है इधर एक जकस कर दू ं
तो र्मैने अपना र्मुाँह उसकी योजन पर रख जदया जैसे लक्ष्मी को अपनी चूत पर
र्मेरे होठ र्महसूस हुए उसके बदन र्मे कंपन होने लगा र्मैने कहा क्या करती
हो आरार्म से खडी रहो ना वरना जगर जाओगी वो अजीब सी आवा़ि र्मे बोली
जक सही तो खडी ह
पीछे र्मैं धीरे से उसके चुतडों को छे डने लगा था र्मैं बहुत ज़्यादा उिेजजत हो
चुका था और पता नही कैसे र्मैने उसकी योजन पर अपने दााँ त गढ़ा जदए
लक्ष्मी का बॅलेन्स जबगड गया और वो र्मुझे जलए जलए ़िर्मीन पर आ जगरी वो
र्मेरे उपर थी उसका घाघरा कर्मर तक उठ गया था और उसकी चूत र्मेरे लंड
पर अपना दबाव डालने लगी थी लक्ष्मी उठना चाहती थी पर र्मैने उसको
अपनी बाहों र्मे दबा जलया अब वो र्मेरे सीने से जबकुल जचपक गयी थी
उसकी चूत अंदर से बहुत ही गरर्म थी र्मैं अपनी उं गली को अंदर बाहर
करने लगा लक्ष्मी भी अब धीरे धीरे गरर्म होने लगी थी कुछ दे र चूत र्मे उं गली
करने के बाद र्मैं अपने हाथ उसकी पीठ पर ले गया और उसकी चोली को
भी खीच कर अलग कर जदया अब वो पूरी नंगी र्मेरे सार्मने खडी थी र्मैने
अपनी जनक्कर नीचे की और लक्ष्मी का हाथ अपने लंड पर रख जदया उसने
अपनी र्मुट्ठी र्मे र्मेरे लंड को पकड जलया और उसको दबाने लगी
बडा ही र्म़िा आ रहा था र्मुझे लंड चूस्ते चूस्ते वो र्मेरे अंडकोर्षो को भी अपनी
र्मुट्ठी र्मे भर के दबाने लगी थी तो र्मैं क्या कहाँ एक अलग ही र्मस्ती र्मेरे तन
बदन र्मे बढ़ने लगी थी 8-10 जर्मजनट तक वो र्मेरे लंड को अपने र्मूह र्मे ही
जलए रही और जिर र्मेरा पूरा बदन एक आनंद र्मे डूबता चला गया लंड से
सिेद पानी जनकला और लक्ष्मी के र्मूह र्मे जगरने लगा जजसे वो गाटा गॅट पी
गयी
लक्ष्मी की टााँ गे धीरे धीरे कााँ पने लगी और वो र्मेरे सर को अपनी चूत पर
दबाने लगी जब बीच बीच र्मे र्मे उसकी योजन पर काट ता तो उसकी र्मस्त
गरर्म आहे सुनके र्मेरा लंड दु बारा खडा होने लगा था जिर वो लरजती हुई
आवा़ि र्मे बोली जक थोडी ते़िी से अपनी जीभ चलाओ तो र्मैं जल्दी जल्दी
अपनी जीभ उसकी योजन पर रगडने लगा और कोई 5 जर्मजनट बाद ही
उसकी चूत से गाढ़ा द्रव्य जनकल कर र्मेरे चेहरे पर जगरने लगा लक्ष्मी की
सााँ से बडी ही तेज हो गयी थी जबजक र्मेरा लंड दु बारा खडा हो गया था
पर र्मैं पहली बार जकसी औरत की चूत र्मारने जा रहा था तो र्मैने एक तेज
धक्का आगया और आधा लंड उसकी चूत र्मे घुस गया लक्ष्मी ने अपनी आाँ खे
बंद कर ली र्मैने हाथ आगे बढ़ा कर उसकी कर्मर को थार्म जलया और और
जिर अगले शॉट र्मे पूरा लंड उसकी गरर्मा-गर्मु चूत के अंदर था अब र्मैं धीरे
धीरे धक्के लगाने लगा पर थोडी दे र बाद अपने आप र्मेरी रफ़्तार बढ़ती चली
गयी और लक्ष्मी र्मे अपनी गान्ड को बार बार जहलाते हुवे आगे पीछे कर रही
थी
र्मुझे बडा ही र्म़िा आने लगा था र्मन कर रहा था जक ़िोर ़िोर से लंड को
आगे पीछे करू उसकी चूत र्मे कोई 5-7 जर्मजनट तक उसी पोज़िशन र्मे
हर्मारी चुदाई चलती रही जिर वो उठ कर खडी हो गयी और सीधी खडी हो
गयी र्मैं उसकी ओर दे खने लगा तो उसने अपनी एक टााँ ग र्मेरी कर्मर पर
लेपजट और लंड को चूत पर रगडने लगी और जिर अपनी जैसे ही र्मैने
अपनी कर्मर को उचकाया लंड जिर से चूत र्मे घुस गया
उसकी बडी बडी चूजचया र्मेरे सीने र्मे सर्माने को आतुर हो रही थी जिर
उसने अपने चेहरे को र्मेरी ओर जकया और र्मुझे जकस करने लगी बडा ही
र्म़िा आ रहा था र्मैं उसके र्मोटे चुतडों को दबाते हुए उसकी चूत र्मार रहा था
हर्म दोनो का शरीर पसीने से भीग गया था आधे घंटे तक हर्म लोग एक दू सरे
के जजस्मो को तोिे रहे जिर लक्ष्मी का शरीर कां पा और वो ढीली पड गयी
और ठीक कुछ पलो बाद र्मेरा शरीर भी उस अजब से अहसास र्मे डूबता
चला गया र्मेरा वीयु उसकी चूत र्मे जगरने लगा
दो पल हर्म दोनो एक दू सरे की आाँ खो र्मे दे खते रहे जिर लक्ष्मी ने अपने
कपडे उठाए और पहन ने लगी तो र्मैने भी अपनी जनक्कर-टीशटु पहन ली
पर अब वो र्मुझसे बात नही कर रही थी तो र्मैं उसके पास गया और कहा
जक अच्छा नही लगा तुर्मको वो बोली तुर्मने र्मुझे खराब कर जदया र्मैने कहा
ऐसी बात नही है आप र्मुझे बडी अच्छी लगती हो और जिर आप जकतनी
र्मस्त हो र्मैं खुद को रोक ही नही पाया
जिर र्मैने कहा आपको र्मेरी कसर्म आप सच बताना आपको अच्छा लगा या
नही तो वो थोडा सा शरर्माते हुए बोली ऐसी चुदाई तो कभी र्मुनीर्म जी ने भी
नही की र्मेरी र्मैने कहा जब भी आपको ऐसी चुदाई करवानी हो आप र्मुझे
बता दे ना तो वो बोली तुर्म बडे शरारती और ये गुण तो तुर्मको जवरासत र्मे
जर्मले है र्मैं जिर से लक्ष्मी को चूर्मने लगा तो वो बोली काफ़ी दे र हो गयी है
हर्मे वाजपस चलना चाजहए
र्मुझसे रुका ही नही जा रहा था रास्ते र्मे दो-चार बार आज़िर उसकी गान्ड
को दबा ही जदया र्मैने वैसे भी र्मुझे खाना खाने तो उनके घर जाना ही था तो
र्मैं उसके साथ ही चला गया लक्ष्मी रसोई र्मे चली गयी र्मैं र्मुनीर्म जी से बाते
करने लगा र्मैने कहा जल्दी ही र्मजदू रो का इं त़िार्म हो जाएगा और जिर
कुछ और बाते करने लगे थोडी ही दे र र्मे खाना भी लग गया
लक्ष्मी र्मुझे खाना परोसते हुवे बोली जक आज तुर्म यही रुक जाना और हल्का
सा र्मुस्कुरा दी र्मैने कहा ठीक है खाने के बाद र्मैं और गोरी बात करने लगे
तो र्मैने उसको बताया जक र्मैने र्मंजदर खोल जदया है वो बोली हााँ शार्म को र्मैं
अपनी सहे ली के घर गयी थी तो र्मैने दे खा था और कुछ लोग वहााँ सिाई भी
कर रहे थे र्मैने कहा ये तो अच्छी बात है यार गााँ व वालो ने आज़िर र्मेरी बात
र्मान ही ली
र्मैने कहा गोरी कल र्मैं खुद वहााँ जाके सिाई के कार्म र्मे हाथ बटाउं गा और
पुजारी जी को भी कहाँ गा पूजा शुरू करने को र्मैं बोला गोरी अगर र्मेरे कहने
से गााँ व के लोग जब र्मंजदर आ सकते है तो जिर खेत र्मे कार्म करने क्यो नही
आएाँ गे वो बोली दे व दे खो कल क्या होता है जिर लक्ष्मी ने गोरी और र्मुझे दू ध
जदया पीने को थोडी दे र बाद गोरी बोली र्मुझे नींद आ रही है र्मैं चली सोने को
तो र्मैं भी अपन जबस्तर पर लेट गया और बाग र्मे हुवी घटना के बारे र्मे सोचने
लगा र्मुझे तो यकीन ही नही आ रहा था जक लक्ष्मी की चूत र्मैने र्मार ली थी र्मैं
जबस्तर पर करवटें बदल रहा था पर र्मुझे नींद नही आ रही थी जिर र्मेरा
ध्यान लक्ष्मी से हट कर नंदू की र्मान चंदा पर चला गया र्मैने सोचा अगर
लक्ष्मी की चूत र्मारने र्मे इतना र्म़िा आया तो चंदा जब चुदेजग तो जकतना
र्म़िा आएगा
र्मेरा लंड जिर से िुफ्फकारने लगा था तो र्मैने अपना ध्यान हटाने को उठा
और बरार्मदे र्मे आकर पानी पीने लगा घर की लाइट बंद थी र्मतलब सब
लोग सो रहे थे तो र्मैं भी वाजपस जबस्तर पर आ गया और सोने की कोजशश
करने लगा र्मुझे नींद आई ही थी जक तभी कोई आया और र्मेरे जबस्तर पर
चढ़ गया र्मैने कहा कॉन है तो वो साया बोला धीरे बोलो र्मैं ह लक्ष्मी
और र्मेरी बगल र्मे आकर लेट गयी र्मैने कहा आप इस वक़्त कोई आ गया
तो वो बोली सब सो रहे है र्मुनीर्म जी और गोरी को र्मैने दू ध र्मे नींद की गोली
दे दी है र्मैने कहा पर आपके पास गोली कहााँ से आई वो बोली र्मुनीर्म जी
जब घायल हुए थे तो ददु से सो नही पाते थे तब डॉिर ने दी थी ना उनको
तो कभी कभी दे ती ही ह आज गोरी को भी एक गोली दे दी है अब तुर्म हो
और र्मैं ह
उसने र्मेरी जनक्कर के अंदर हाथ डाल जदया और र्मेरे लंड को जगाने लगी
र्मैने कहा कपडे तो उतार दो तो उसने जल्दी से अपने कपडे उतार जदए
और र्मैं भी नंगा हो गया हर्म दोनो एक दू सरे से जलपटने लगे र्मैं लक्ष्मी के बडे
बडे चुतडों पर हाथ िेरता हुवा बोला आप बहुत ही र्मस्त हो तो वो र्मेरे लंड
को दबाती हुवी बोली जक तुम्हारा औजार भी अच्छा है
और लंड पर अपने हाथ को चलाने लगी जिर वो बोली र्मेरी चूची को दबाओ
तो र्मैं अपने हाथ से उसकी चूची दबाने लगा लक्ष्मी ने एक आह भरी उसकी
बडी बडी चूची र्मेरे हाथ र्मे सर्मा ही नही रही थी जजतना ़िोर से र्मैं उसको
दबाता उतना ही वो और भी बडी होती जा रही थी जिर र्मैने अपना र्मूह
उसकी चूची पर लगा जदया और उसको चूसने लगा अब चूची औरत का
संवेदन शील अंग होता है तो जल्दी ही लक्ष्मी के शरीर र्मे वासना का कीडा
काटने लगा
तो र्मैने उसकी ब्लॅक जनप्पल को अपने र्मुाँह र्मे ले जलया और सक करने लगा
तो वो और भी जोश से लंड पर अपनी गान्ड र्मटकाने लगी उस कर्मरे र्मे
जबस्तर पर हर्म दोनो एक बडा ही र्मजेदार खेल खेल रहे थे अब वो बडी ़िोर
से लंड पर कूदे जा रही थी र्मुझे लगा जक कही इसकी रफ़्तार से लंड टू ट ना
जाए पर वो खाली र्मेरे र्मन का वहर्म था अब वो र्मेरे उपर से उतर गयी
जिर थोडी दे र बाद वो वहााँ से चली गयी और र्मैं सो गया सुबह र्मैं उठा तब
तक गोरी स्कूल जा चुकी थी और र्मैं भी जबना बताए हवेली की तरह जनकल
पडा गेट पर ही नंदू जर्मल गया र्मैने कहा तू कब आया वो बोला र्मैं तो उठते
ही आ गया था और आपका इं त़िार कर रहा था र्मैने गेट खोला और अंदर
आ गये र्मैने कहा यार पानी की र्मोटर चला दे और बगीचे र्मे पानी छोड दे
र्मैं नहाने चला गया जिर र्मैं तैयार हुवा और कहा जक नंदू पानी दे ना हो गया
हो तो आजा र्मंजदर की तरि चलते है रास्ते र्मे हर्म पुजारी के घर भी गये
और उनसे थोडी बात चीत की जिर हर्म र्मंजदर पहुच गये तो कुछ लडके
सिाई करने र्मे लगे थे तो र्मैने कहा आजा नंदू हर्म भी इनकी र्मदद करते है
पर नंदू बोला र्मैं नीच जात वाला र्मंजदर र्मे नही जाउन्गा
तो र्मैं उसे वही छोड कर अंदर चला गया वो लडके र्मुझे दे ख कर बोले अरे
आप यहााँ क्यो आ गये हर्म लोग कर लेंगे र्मैने कहा कोई बात नही र्मैं भी
आप लोगो की सहयता कर दे ता ह और उनलोगो के साथ जुड गया दोपहर
तक हर्म लोगो ने काफ़ी कार्म कर जदया था और थकान से र्मेरा बुरा हाल हो
गया था और सुबह से कुछ खाया भी नही था तो र्मैने उन लडको से कहा जक
यार जकसी का घर पास है तो थोडा पानी जपला दो
तो उनर्मे से एक लडका बोला ठाकुर साहब आप हर्मारे घर का पानी पीओगे
र्मैने कहा तुम्हारे घर का पानी क्यो नही जपयुंगा जाओ थोडा लेके आओ तो वो
भागते हुए गया और पानी का जग ले आयगा पानी हलक र्मे उतरा तो रूह
को चैन जर्मला र्मैने कहा आप लोग भी काफ़ी थक गये है अब बाडी कार्म
बाद र्मे दे खेंगे र्मैने कहा गााँ व र्मे कोई जलपान की दु कान है क्या
बाबा वही नीर्म की नीचे बैठे हुक्का पी रहे थे तो र्मैं भी उनके पास जाकर
बैठ गया उन्होने र्मेरा हाल चल पूछा र्मैने कहा बाबा बस थोडा सा परे शान ह
वो बोले क्या हुआ र्मैने कहा बाबा वो ही परे शानी है लोग चाजहए कार्म करने
को कुछ हवेली के जलए और कुछ खेतो और बाग के जलए सर्मझ नही आता
जक क्या करू वो बोले दे व तुर्म शार्म को आ जाना र्मैं लोगो को र्मनाने की
कोजशश करू ाँ गा कोई ना कोई तो र्मेरी बात र्मान ही लेगा
र्मैं अपने ़ियालो र्मे डूबा हुवा था जक तभी एक लडका र्मेरे पास आकर खडा
हो गया ये वोही था जजसने र्मुझे पानी जपलाया था वो बोला दे व साहब आप
यहााँ पर क्या कर रहे है र्मैने कहा यार पहले तो तुर्म र्मुझे अपना दोस्त ही
सर्मझो और र्मुझे बस दे व ही कहो र्मैं थोडा सा परे शान था इसजलए इस तरि
आ जनकला वो बोला र्मैं तो रोज ही शार्म को इधर आता ह
र्मैने कहा तुम्हारा नार्म क्या है वो बोला जी र्मैं जढल्लू ह र्मैने कहा जढल्लू तू
पढ़ता है तो वो बोला हााँ र्मैं9वी र्मे पढ़ता ह र्मैने कहा तेरे घर र्मे कॉन कॉन है
वो बोला र्मााँ -बापू और र्मैं र्मैने कहा बापू क्या करते है बोला पहले तो र्म़िदू री
ही करते थे पर एक जदन छत से जगर गये तो टााँ ग खराब हो गयी आजकल
जचलर्म पीकर पडे रहते है और र्मााँ छोटा-र्मोटा कार्म करके घर चला रही है
ये बोलते बोलते वो रुआं सा हो गया
र्मैने कहा घबराता क्यो है पगले दे ख तेरे पास कम्से कर्म र्मााँ बाप तो है ना
र्मुझे दे ख र्मैं तो अनाथ ह इतना बडा घर है र्मेरा पर रहने वाला र्मैं एक तू
जल्दी ही पढ़ जलख के नोकरी लग जाना जिर सब ठीक हो जाएगा जिर वो
बोला आप परे शान क्यो हो र्मैने कहा यार र्मेरा एक आर्म का बाग है पर को
रा़िी नही है चौकीदारी को रोज लोग आर्म चुरा कर ले जाते है र्मुझे काफ़ी
नुकसान हो रहा है
जिर र्मैं चोपाल पर आ गया बाबा के कहने से कुछ लोग दु गनी र्म़िदू री पर
कार्म करने को रा़िी हो गये थे तो र्मैने कहा ठीक है आप लोग कल से खेतो
पर आ जाना बाकी बाते वही पर करें गे र्मैने कहा बाबा आपने र्मदद की
आपका अहसान है र्मुझ पर , पर अभी आपकी थोडी और सहायता चाजहए
र्मंजदर को जिर से पहले जैसा करना है र्मेरे कहने से तो लोग आना कानी
करें गे अब आप ही उधर की व्यवस्था संभाले तो बाबा बोले अगर तुम्हारी
इच्छा है तो ऐसा ही होगा र्मैने कहा बाबा जजस ची़ि की भी ़िरूरत हो आप
बस आदे श करना पर ये कार्म जल्दीही होना चाजहए जैसे ही र्मैं चलने को
हुवा तो बाबा बोले दे व चाइ पीओगे र्मैने कहा बाबा आप जपलाएाँ गे तो ़िरूर
जपयुंगा तो वो बोले आओ र्मेरे साथ चलो तो र्मैं उनके साथ उनके घर आ गया
बाबा ने र्मुझे बैठने को र्मुद्ढ़ा जदया और अंदर आवा़ि लगाई अरी ओ
बहुररया ़िरा दो कप चाइ तो बना र्मेहर्मान आए है घर पे
र्मैने कहा ठीक है र्मैं कल ही शहर जाके रसोई की ़िरूरत का सर्मान खरीद
लाउन्गा आप एक दो जदन र्मे आ जाना र्मैं भी खुश था जक चलो र्मेरी कुछ
परे शानी तो दू र हुई जिर र्मैं उनलोगो से जवदा लेकर र्मुनीर्म जी के घर चला
गया और सारी बात उनको बताई तो लक्ष्मी बोली एक बार लोग आप पर
थोडा भरोसा करने लग जाए जिर वो कार्म भी करने लगेंगे वो तो र्मुझे आज
भी उधर ही रोकना चाहती थी पर र्मुझे सुबह जल्दी ही शहर जाना था तो र्मैं
खाना खाते ही जनकल जलया
17
अगले जदन र्मैं जल्दी ही उठ गया और शहर जाने की तैयारी करने लगा तब
तक नंदू भी आ गया था र्मैने उसको कहा जक र्मैं शाहर जा रहा ह तू र्मेरे आने
तक इधर ही रहना घर की सिाई करना पानी भरना टं की र्मे और कुछ
कार्म जदखे तो वो भी कर दे ना और हााँ लखन आए तो उस से कहना जक
सीधा बाग र्मे चला जाए और वहााँ संभाल ले जिर र्मैने कार स्टाटु की और
जनकल पडा
जकसी के खेतो र्मे कार्म करने गयी थी आते आते दे र हो गयी र्मैने कहा अगर
आप को बुरा ना लगे तो आप र्मेरे खेतो र्मे कार्म करने आ जाओ र्मैं पैसे भी
दू सरो से ज़्यादा दू ाँ गा तो वो बोली जी ठीक है र्मैं कल से आ जाउन्गी र्मैने
कहा आओ बैठो र्मैं आपको घर छोड दे ता ह वो बोली र्माजलक काहे हर्म
छोटी जात वालो को पाप लगाते हो र्मैं खुद चली जाउन्गी र्मैने कहा आप
कैसी बाते करती है आप र्मेरे दोस्त की र्मााँ हो आओ जल्दी और जिर र्मैने
उनको उनके घर छोडा और हवेली आ गया
हॉनु सुन कर नंदू ने गेट खोला तो र्मैने कार पाकु की और नंदू से कहा जक
सर्मान उतार कर अंदर रख दो र्मैं आता ह हाथ र्मूह धोके र्मैं िेश होके आया
तो दे खा जक जढल्लू है र्मैने कहा तुर्म इस टाइर्म यहााँ कैसे वो बोला र्मााँ ने
आपके जलए खाना और दू ध भेजा है तभी नंदू बोला र्माजलक आपका खाना
तो र्मुनीर्म जी के घर से आ गया है र्मैने कहा कॉन आया था तो वो बोला जक
सेठानी जी आई थी
र्मैने कहा चलो कोई बात नही जिर र्मैने कहा नंदू तेरे जलए कुछ है और
उसका पॅकेट उसको दे जदया और ढीलू का उसको र्मैने कहा जढल्लू र्मम्मी से
कहना जक कल 9 बजे तक आ जाए जिर र्मैने नंदू को कुछ रुपये जदए और
कहा जक र्मााँ को दे दे ना वो लोग खुश होते हुवे चले गये पता नही क्यो र्मुझे
अच्छा लगा र्मैने गेट बंद जकया और खाना खाकर सो गया अगले जदन र्मैने
लक्ष्मी को िोन जकया और कहा जक कुछ लोग खेत पर आएाँ गे थोडा सा दे ख
लेना र्मैं दोपहर बाद तक आउन्गा उधर ,
वो बोली ठीक है र्मैं संभाल लूाँगी नंदू सिाई के कार्म र्मे लगा था र्मैने उसको
कहा जक नंदू र्मैं लकडी काटने पीछे की तरि जा रहा ह जढल्लू की र्मम्मी
आए तो उसको उधर ही भेज दे ना वो बोला जो हुकुर्म र्मैने कुल्हाडी ली और
पीछे की तरि आ गया और लकडी काटने लगा लकडी की तो रोज ही
़िरूरत पडती रहती थी तो र्मैं काटने लगा काफ़ी दे र तक र्मैं उसी कार्म र्मे
जब़िी रहा जिर र्मैने दे खा जक जढल्लू की र्मम्मी र्मेरी तरि ही चली आ रही है
तो र्मैं पेड के नीचे बैठ गया और अपना पसीना पोंछने लगा वो बोली आप
र्माजलक होकर भी ऐसे कार्म करते है र्मैने कहा र्मैं कोई र्माजलक वाजलक नही
ह बस आपकी तरह ही एक सार्मान्य इं सान ह और जिर अपना कार्म करने
र्मे कैसी शरर्म र्मैने लकडी और कुल्हाडी वही पर छोडी और उस से कहा
आओ र्मैं तुम्हे रसोई जदखाता ह पर रसोई की सिाई करवाना र्मैं भूल गया
था
र्मैने कहा दे खो तुम्हे दो टाइर्म का खाना बनाना होगा बतुन र्मााँ जने होंगे और
कोई र्मेहर्मान आए तो बुलाने पर आना होगा वो बोली जी ठीक है र्मैने कहा
अब ये भी बता दो जक तनख़्वाह जकतनी लोजग तो वो बोली र्माजलक इतना दे
दे ना जक गु़िारा हो जाए र्मैने कहा तुर्म बताओ तुर्म जकतनी लोजग जिर इसने
कहा जक जी 2000 दे दे ना र्मैने कहा र्मैं तुर्मको 4000 ह़िार दू ाँ गा पर शतु ये
है जक खाना कल की तरह ही अच्छा होना चाजहए
र्मैने अलर्मारी से पैसे जनकाले और उसको दे जदए र्मैने कहा ये तुम्हारी
तनख़्वाह अड् वान्स र्मे ही दे रहा ह वो बोली र्माजलक आपका शुजिया और
कल जो आपने जढल्लू को कपडे जदए जकतने र्महन्गे थे आप उसके पैसे काट
लो र्मैने कहा तुर्म यहााँ कार्म करने आ रही हो तो र्मेरे घर की सदस्य ही हुई
जिर ऐसी बात ना करना दे ख लो अगर रसोई ठीक हो गया हो तो एक चाइ
ही जपला दो
जजस तरि हर्म लोग कटाई कर रहे थे उस तरि बस हर्म दोनो ही थे उसे
पता तो था ही जक र्मैं उसके चुचे दे ख लार टपका रहा ह तो उसने ये कहते
हुवे जक आज गर्मी कुछ ज़्यादा है अपने ब्लाउज के उपर वाले बटन को
खोल जदया तो र्मुझे उसकी घाटी और भी अच्छे से जदखने लगी र्मेरा हाल बुरा
होने लगा आज़िर र्मैने पॅंट के उपर से अपने लंड को र्मसल ही जदया
जिर चंदा ने कुछ ऐसा जकया जक र्मैं सर्मझ गया जक एक और चूत का जुगाड
हो ही गया वो बोली र्माजलक खडे खडे कटाई से र्मेरी तो कर्मर ही दु खने लगी
है र्मैं बैठ कर कटाई करती ह उसने अपने साडी को घुटनो तक चढ़ा जलया
और जिर बैठ गयी तो र्मेरी ऩिर उसकी र्मोटी र्मोटी टााँ गो पर पडी थी तो
पूरा जबर र्माल थी वो जिर र्मुझे तडपाने को उसने अपनी टााँ गे थोडा सा
खोल दी तो र्मुझे उसकी िूली हुवी चूत जदखने लगी र्मेरा तो गला ही सूख
गया चूत पर हल्के हल्के बाल थे शायद कुछ जदन पहले ही उसने बालो को
काटा होगा उसने थोडा सा और अपनी टााँ गो को खोला और र्मैं तो जैसे
जपघल ही गया वो जान बुझ कर र्मुझे ये र्मस्त ऩिारा जदखा रही थी पर जिर
र्मुझे आवा़ि लगाती हुवी लक्ष्मी आ गयी तो चंदा भी सही हो गयी और कटाई
करने लगी लक्ष्मी बोली र्मुझे आपसे कुछ ़िरूरी बात करनी है आना ़िरा
वो बोली एक दो जदन र्मे र्मैं हवेली आउश्कन्ग जिर दे खते है और अपनी गान्ड
को कुछ ज़्यादा ही जहलाते हुवे चली गयी उसके जाने के बाद र्मैं भी वाजपस
खेतों पर आ गया शार्म होने लगी थी छु ट्टी का सर्मय हो गया था तो र्मैं सब से
थोडी बहुत बाते करने लगा जिर सबको पेर्मेंट की तो एक एक करके वो
लोग अपने घर जाने लगे चंदा भी जाने की तैयारी कर रही थी पर र्मैं उसके
साथ थोडा और खुलना चाहता था
र्मैं और ़िोर ़िोर से उसकी चूजचया दबाने लगा चंदा एक ददु भरी आह भरते
हुवे बोली र्माजलक अभी छोड दो र्मुझे जाने दो घर जाकर पानी भरना है और
नंदू के जलए खाना भी बनाना है र्मैं वादा करती ह जक जिर कभी आपको
पक्का दे दू ाँ गी र्मैने कहा ठीक है पर जाने से पहले अपनी इस के दशुन तो
करवाती जाओ और उसकी चूत को र्मसल जदया उसने अपनी साडी कर्मर
तक उठाई और र्मुझे उसकी र्मस्त चूत जदखने लगी चंदा के जाने के बाद
यहााँ कुछ भी नही था करने को तो र्मैं भी हवेली आ गया
आया तो दे खा जक पुष्पा खाना बनाने र्मे लगी हुवी थी उसने अपनी साडी का
पल्लू कर्मर पे खोसा हुवा था और आटा लगा रही थी उसकी पीठ र्मेरी तरि
थी उसकी र्मोटी गान्ड बाहर की तरि जनकली हुवी थी
उिििििििफ्फफ़ क्या कयार्मत लग रही थी जदल तो जकया जक अभी
इसकी गान्ड र्मार लूाँ पर वो कहते है ना जक सबर का िल र्मीठा होता है र्मैने
उसको कहा की एक कप चाइ जर्मलेगी
र्मैने हाथ-र्मूह धोया और कपडे चेंज करके बाहर बगीचे र्मे डाली कुसी पर
आकर बैठ गया और कल की प्लॅजनंग करने लगा तभी पुष्पा छाई लेकर आ
गयी र्मैने कहा तुम्हारा कप कहााँ है वो बोली जी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, र्मैने
कहा तुर्म भी तो चाइ जपयो वो बोली पर र्मैं आपके आगे................ र्मैने
कहा जिर वोही बात जाओ और अपना कप लेकर आओ कुछ दे र बाद हर्म
बाते करते हुवे चाइ पी रहे थे
र्मैने कहा तुर्म खाना बहुत अच्छा बनाती हो शहर के होटे ल भी िैल है तुम्हारे
आगे वो बोली क्या आप भी र्मुझे जचढ़ा रहे है र्मैने कहा अरे र्मैं सच बोल रहा
ह अपनी तारीि सुनकर वो खुश हो गयी और र्मुझसे थोडा खुलने लगी जिर
वो र्मेरा खाना बना कर चली गयी क्योंजक उसे घर जाकर अपने पररवार के
जलए भी खाना बनाना था थोडी दे र बाद नंदू भी आ गया आर्म लेकर र्मैने
कहा नंदू आगे से घर को ऐसे छोड कर नही जाना और अगर जाना पडे तो
र्मुझसे पहले बात कर लेना कुछ जदनो र्मे इधर िोन लगवा दू ाँ गा
वो बोला जी हुकुर्म जिर उसने कहा जक हुकुर्म एक बात कहनी थी र्मैने कहा
बता वो बोला अगर एक साइकल होती तो थोडी आसानी होती र्मैने कहा ले
ले जिर पूछ क्यो रहा है तो वो बोला र्माजलक लेकर तो आप ही दोगे ना र्मैने
कहा ठीक है अबकी बार शहर जाउन्गा तो लेता आउन्गा वो बोला हुकुर्म
अपने गााँ व र्मे ही एक आदर्मी साइकल सुधारने की दु कान चलाता है और
साइकल बेचता भी है
अगली सुबह र्मैं थोडी जल्दी ही बाग की तरि जनकल गया लखन र्मुझे वही
पर जर्मला र्मैने कहा हर्म भाई सब ठीक चल रहा है वो बोला र्माजलक आपकी
दया है बस र्मैने कहा और बताओ तो वो बोला र्माजलक बात ये है जक बाग
बहुत बडा है
जिर वो बोला पीछे की तरि तारबंदी करवानी है र्मैने कहा करवाले तुझे जो
करना है कार्म होने के बाद बता जदयो जकतना खचाु आया है जिर र्मैं घर
आया तो दे खा जक ना नंदू आया था और ना पुष्पा कुछ दे र इं त़िार जकया पर
कोई भी नही आया तो जिर र्मैं शहर के जलए जनकल गया
शहर र्मे ऐसा उलझा जक बस जिर टाइर्म का पता ही नही चला आधा जदन तो
तहसीलदार के ऑिीस र्मे लग गया कुछ पुराने नक्शे दे खे और कहा जक
जल्दी से र्मेरी पूरी ़िर्मीन की पैर्माइश कवाु ओ जिर िोन के कनेक्षन के जलए
अप्लाइ जकया र्मैने सोचा इधर के जो भी कार्म है आज पूरे ़ितर्म करके ही
घर जाउन्गा ताजक जिर कई जदन चक्कर लगाने की नोबत ही ना आए आते
आते रात हो गयी थी तो बस र्मैं सो ही गया सुबह जब र्मैं उठा तो बाररश हो
रही थी
जबजली थी नही र्मैं िेश होकर आया र्मुझे चाइ के बडी तलब लगी थी पर
जब पुष्पा आए तब चाइ बने पता नही क्यो र्मेरा र्मन हुवा बाररश र्मे भीगने
को तो र्मैं गेट के पास आ गया और भीगने लगा ठं डी ठं डी बूंदे जब र्मेरे
जजस्म पर पड रही थी तो बडा ही अच्छा लग रहा था र्मुझे जदल ऐसा खुश
हुआ जक जदल जिर जकया ही नही अंदर जाने को
तभी छतरी जलए पुष्पा आ गयी काले घाघरा-चोली र्मे क्या र्मस्त लग रही थी
वो घाघरा उसकी जााँ घो पर जबल्कुल जचपका हुवा था जजस से वी शेव र्मुझे
सॉि जदख रही थी वो बोली र्माजलक आप भीग क्यो रहे हो कही बीर्मार ना
हो जाना र्मैने कहा जदल जकया तो भीगने लगा तुर्म जाओ और जल्दी से चाइ
बनाओ बडी तलब लगी है वो अंदर जाने लगी और एक बार र्मेरी ऩिर
उसके चुतडों पर ठहर गयी
ये जवानी भी एक अलग ही होती है और जिर र्मेरे र्मूह तो खून लग चुका था
लक्ष्मी की लेने के बाद से र्मैं और भी ज़्यादा तप रहा था र्मुझे ़िरूरत थी एक
चूत की जो र्मुझे ठं डा कर सके जदल तो जकया जक र्मुट्ठी र्मार के हल्का हो
जाउ पर जिर सोचा जक अब तो बस चूत ही र्मारनी है बाररश अब थोडी और
तेज होने लगी थी तो र्मुझे और भी र्म़िा आने लगा था
र्मैं जल्दी से उसकी ओर भागा और जगरने से पहले ही उसे अपनी बाहों र्मे
थार्म जलया इस कोजशश र्मे र्मेरा एक हाथ उसकी गान्ड पर आ गया और
दू सरे र्मे उसकी चूची आ गयी उसका सारा वजन र्मेरी टााँ ग पर आ गया था
र्मैने भी र्मोके का पूरा फ़ायदा उठाते हुवे उसके चूची को कसकर दबा जदया
तो उसके र्मूह से
सीईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई की आवा़ि
जनकल गयी दो पल हर्म उसी पोज़िशन र्मे रहे जिर वो बोली र्मुझे खडा
कीजजए र्मैं भीग रही ह तो र्मैने उसको खडा जकया र्मैने जल्दी से छतरी उठा
कर उसको दी इस बीच वो भी काफ़ी हद तक भीग गयी थी
वो थोडा सा घबराते हुवे बोली र्माजलक ग़लती हो गयी र्मैं अभी दू सरी छाई
बना दे ती हाँ आगे से र्मैं ध्यान रखूाँगी जक ऐसी ग़लती दु बारा ना हो गी र्मेरी
ऩिर तो उसके ब्लाउज र्मे से होते हुवे उसकी चूजचयो की घाटी पर थी तो
पता ही नही चला जक उसने क्या कहा जिर जब दु बारा उसने र्मुझे कहा तो
र्मैने हडबडाते हुवे कहा जक वो छोडो पहले बताओ तुम्हे कही चोट तो नही
लगी ना तो वो बोली नही
जिर हर्म अंदर आ गये र्मैने कहा पहले तुर्म अपने कपडो को सूखा लो जिर
दु बारा से चाइ बना लेना र्मैं भी तब तक कपडे चेंज करके आता ह जिर जब
र्मैं रसोई र्मे गया तो वो गॅस के पास खडी चाइ बना रही थी र्मैं जबस्कटो का
जडब्बा उतारने के बहाने से उसके जपछवाडे से जबल्कुल सट गया और थोडा
सा आगे होते हुवे अपने लंड को उसकी गान्ड से सटा जदया
अब तो गााँ व र्मे भी लोग यही चचाु करते है जक एक नीच जात वाले के ज़िम्मे
पूरी हवेली खुली छोड कर चले जाते है र्मैने कहा र्मुझे कोई िरक नही
पडता जक लोग क्या कहते है और जिर वो भी तो एक इं सान ही है ना और
जिर वो हर कार्म पूरी ज़िम्मेदारी से करता है पुष्पा बोली र्माजलक आपके
जवचार बडे ठाकूरो से जबल्कुल अलग है र्मैने कहा तुर्म भी तो और गााँ व वालो
से बहुत अलग हो
र्मैने कहा जाते टाइर्म गेट की दू सरी चाबी ले जाना ताजक अगर र्मैं बाहर होउाँ
तो तुर्म घर र्मे आ सको वो बोली र्माजलक आप अन्जान लोगों पर कुछ जल्दी
ही भरोसा कर लेते है र्मैने कहा तुर्म कोई अजनबी थोडी ही हो तो वो बोली
भरोसे के जलए शुजिया वो रसोई र्मे चली गयी र्मैने लक्ष्मी को िोन जकया तो
वो बोली जक आज तो बाररश हो रही है तो वो घर पे ही है र्मैने कहा हवेली
आ जाओ तुम्हारी बडी याद आ रही है
तो र्मैं टाइर्म पास करने को उपर चला गया इधर के पोर्षुन की अभी सिाई
नही करवाई थी सब कुछ पहले जैसा ही पडा था बाल्कनी र्मे बाररश की
कुछ कुछ बूंदे आ रही थी तो अच्छा लगने लगा यहााँ से काफ़ी दू र तक का
ऩिारा जदखाई दे ता था जहााँ तक ऩिर जाती बस चारो तरि हररयाली ही
हररयाली प्रकरजत के इतने करीब र्मैने पहले खुद को नही पाया था
पता नही जकतनी दे र तक र्मैं वही पर बैठा रहा जिर र्मुझे ढू ाँ ढते ढू ाँ ढते पुष्पा
भी उपर आ गयी और बोली र्माजलक आप यहााँ क्यो बैठे है सब कही ढू ाँ ढकर
यहााँ आई ह र्मैने कहा कुछ नही थोडा सा जदल उदास सा हो रहा था तो
एकां त र्मे आकर बैठ गया र्मैने कहा पुष्पा अकेला रहता हाँ इस घर र्मे तो
खाली घर काटने को दौडता है जदल भी नही लगता
कुछ दे र तक चुप्पी रही जिर र्मैने कहा अगर र्मैं तुर्मसे कुछ कहाँ तो बुरा तो
नही र्मनोगी वो बोली र्मेरी क्या र्म़िाल जो आपकी बात का बुरा र्मानू आप
कजहए जो कहना है र्मैने कहा पुष्पा वो बात ऐसी है जक जक…………………. वो
बोली अब कजहए भी तो र्मैने कहा जक क्या तुर्म र्मुझसे दोस्ती करोगी ये सुनते
ही उसके चेहरे का रं ग उड गया और वो बोली र्माजलक ये आप क्या कह रहे
है
र्मैने कहा वही जो तुर्मने सुना , तो वो बोली पर र्माजलक र्मैं आपसे दोस्ती कैसे
कर सकती ह र्मैं शादी शुदा ह और जिर आपर्मे और र्मुझर्मे ़िर्मीन आसर्मान
का िरक है आप ऐसा कैसे सोच सकते है और वैसे भी गााँ वो र्मे ये दोस्ती
वोस्ती कहााँ चलती है ये तो शहरो के चोंचले है र्मैने कहा दे खो अभी र्मेरे जदल
र्मे ़ियाल आया तो बोल जदया वैसे भी र्मैं तुम्हे अपना सर्मझता ह तभी तुर्मसे
कहा
कोई एक घंटे बाद उसने अपना सारा कार्म सर्मेट जदया और बोली र्मैं जाती
ह शार्म को आउश्कन्ग र्मैने कहा र्मोसर्म वैसे ही खराब है तो तुर्म कल ही आना
वो बोली पर खाना र्मैने कहा जो बचा है वो ही खा लूाँगा तुर्म उसकी जचंता ना
करो और कल र्मैं तुम्हारा इं त़िार करू ाँ गा और तुम्हारे जवाब का भी र्मैने गेंद
उसके पाले र्मे डाल दी थी
पुष्पा बोली पर र्मैं आजाउन्गी ना गरर्म खाना बनाने को र्मैने कहा कोई बात
नही और वैसे भी शार्म को र्मुझे कही जाना है इस जलए बोला जिर वो चली
गयी और र्मैं रह गया वही पर अपने अकेले पन के साथ शार्म होते होते
बरसात भी थर्म चली थी र्मैने सोचा जक थोडा घूर्म भी आउन्गा और नंदू से
पूछ आता ह जक वो आ क्यो नही रहा तो र्मैं पैदल ही चल पडा उसके घर
की ओर
और जिर र्मैं अंदर घुस गया र्मैने कहा नंदू कहााँ है तो वो बोली जक जी वो तो
अपनी बहन के ससुराल गया है कुछ कार्म से और थोडे जदन र्मे आएगा आप
हर्म को र्माफ़ करदो आप को सूचना जबना जदए ही चला गया र्मैने कहा कोई
बात नही पर वो नही है तो थोडी जदक्कत हो रही है तो वो बोली हुकुर्म कल
से उसकी जगह र्मैं आ जाउन्गी र्मैने कहा कल से क्यो तुर्म अभी चलो र्मेरे
साथ हवेली
वो बोली पर र्मैं इस टाइर्म कैसे चल सकती ह र्मैने कहा क्यो नही आ सकती
और जिर जो कार्म खेत र्मे अधूरा रह गया था वो भी तो पूरा करना है ये
कहते ही र्मैने उसको अपने आगोश र्मे भर जलया और उसकी छाजतयो को
दबाने लगा तो वो बोली आ ऐसा ना कीजजए र्मैने कहा चल ना हवेली आज
र्म़िे करें गे र्मैं बोला तू र्मुझे खुश कर र्मैं तुझे खुश रखूाँगा
वो बोली पर र्मैं कैसे आउ र्मैने कहा र्मैं अभी जाता ह तू थोडी दे र बाद आ
जाना कुछ सोच कर उसने कहा जी ठीक है आप चजलए र्मैं आती ह तो र्मैं
वाजपस हवेली आ गया िटा िट से अपना जडन्नर जनपटाया और चंदा का
इं त़िार करने लगा जक तभी लक्ष्मी का िोन आया र्मैने कहा रात को िोन
जकया क्या बात है वो बोली कुछ नही बस ऐसे ही कर जलया
वो बोली खाना खाया तुर्मने र्मैने कहा हााँ बस अभी बतुन रखे है वो बोली कल
र्मैं र्मुनीर्म जी को लेकर डॉिर के यहााँ जा रही ह तो आते आते दे र हो
जाएगी तो र्मैने गोरी से कह जदया है जक वो स्कूल से आते ही हवेली चली
जाए तो थोडा दे ख लेना र्मैने कहा ठीक है और जो भी बात हो र्मुझे िोन
करके बताना जिर कुछ और बातों के बाद िोन कट हो गया और र्मैं चंदा
की राह दे खने लगा
कोई घंटे भर बाद आज़िर चंदा आ ही गयी र्मैने कहा बडी दे र लगाई आते
आते तो वो बोली क्या करू ाँ हुकुर्म बस दे र हो ही गयी र्मुझसे अब रुका नही
जा रहा था तो र्मैने चंदा की बााँ ह पकडी और उसे लाकर बेड पर पटक जदया
और उस पर चढ़ गया वो बोली आरार्म से र्माजलक अब तो र्मैं आपकी ही हाँ
र्मैने उसकी साडी को खोलना शुरू जकया और ब्लाउज भी उतार कर िेक
जदया अब वो पूरी नंगी र्मेरे सार्मने खडी थी उसका था था करता हुआ भरा
हुवा जजस्म र्मेरे बदन र्मे गर्मी पैदा कर रहा था
र्मैने अपनी जनक्कर जनकाल दी कच्छा तो र्मैं वैसे भी नही पहनता था र्मेरा लंड
दे खते ही चंदा की आाँ खे चर्मकने लगी र्मैने उसका हाथ पकडा और अपने
लंड पर रख जदया चंदा उस पर दबाव डालते हुवे बोली काफ़ी गरर्म है र्मैने
कहा तुझे दे ख कर ही हो गया है वो हाँ सी र्मैने उसकी गान्ड पर थपकी र्मारते
हुवे कहा जकतनी र्मस्त औरत है तू कब से चाह रहा था जक तुझे जबना कपडो
के दे खु आज र्मोका लगा है
उसकी योजन की र्मुलायर्म िां को को चीरता हुवा लंड चूत र्मे घुसने लगा चंदा
थोडा सा आगे को हो गयी तो र्मैने उसकी कर्मर से पकडकर जिर से उसको
अपनी ओर खीच जलया और स्रर््ु र््ु र््ु र््ु र््ु रर करता हुवा र्मेरा लंड उसकी चूत र्मे
आगे को सरकता गया वो एक आह भरते हुवे बोली जक क्या र्मार ही डालोगे
कई जदनो बाद लंड ले रही ह थोडा आरार्म से र्माजलक
र्मैं खुद र्मस्ती र्मे डूब गया था र्मैने एक जससकी लेते हुवे कहा जक बस हो ही
गया और जो कुछ जहस्सा बचा था वो भी अंदर कर जदया चंदा थोडा सा आगे
को और झुक गयी और अपनी गान्ड को और िैला जदया अब वो तो चुदाई
की पूरी श्कखलाडी थी और हर्म ठहरे नोसश्कखए बस लक्ष्मी को ही रगड पाए थे
र्मैने लंड को जकनारे तक खीचा और जिर से झटके से अंदर घुसा जदया
वो आह अया
आआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ
आआआआआआआआआआ
आआआउू ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु ु उउइईईईई
ईईईईईईईईईईईई
ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
ईईईईईईईईईई
ईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई करते
हुए र्मेरे लंड को अपनी चूत र्मे ले रही थी वो बोली र्माजलक आप बहुत ही
अच्छा चोदते है र्मुउउउउउउउउउउउउज्ज्ज्जज्ज्ज्जज्ज्ज्ज्जज्ज्ज्जज्ज्जीईईईई
तूऊऊऊऊऊऊऊ तोड ही डाला आपने आअहह आअहह जिर उसने
अपनी टााँ गे र्मेरी कर्मर पे लपेट दी
और जिर चंदा जकसी छोटे बच्चे की तरह र्मुझसे जचपक गयी और एक तेज
आवा़ि करते हुए ढीली पड गयी और चूत से पानी का िव्वारा बह चला
बडा ही अच्छा सा एहसास था वो अब जनढाल पड गयी थी पर र्मैं अभी भी
लगा हुआ था तो थोडी दे र बाद र्मैं भी अपनी सीर्मा पर आ गया र्मैने लंड को
चूत से भर जनकाला और उसके चेहरे पर अपने वीयु की जपचकाररयााँ छोडने
लगा
जिर र्मैं अहाते पर पडे तख्त पर ही लेट गया चंदा भी आ गयी र्मैने कहा यार
अच्छा र्म़िा करवाया तूने और तेरी गान्ड तो बडी ही प्यारी है जी कर रहा है
यहााँ भी अपना लंड घुसा दू ं वो बोली ना र्माजलक आपके र्मूसल को वहााँ नही
ले पाउन्गी र्मैं र्मेरी जान लेनी है तो वैसे ही बता दो र्मैने कहा आज तो नही पर
जिर कभी तो ले ही लूाँगा र्मैने कहा लंड चुसेगी
तभी र्मैने उसके बोबो को पकड जलया और उनको दबाते हुवे लंड को अंदर
घुसाने लगा चंदा आह भरते हुवे बोली र्माजलक पूरे श्कखला दी हो और अपनी
गान्ड को थोडा सा पीछे कर जदया अब र्मैं धीरे धीरे अपनी कर्मर को जहलाते
हुवे उसकी चूत र्मारने लगा क्या गरर्म चूत थी उसकी एक बार जो लंड घुसा
जिर बस र्म़िा ही र्म़िा चंदा बोली र्माजलक ऐसे ही िाड दो र्मेरी चूत को ऐसे
ही करो बडा अच्छा लग रहा है
र्मैने कहा र्मैं शार्म तक आता ह उधर थोडी दे र और बाते करने के बाद वो
चले गये पुष्पा ने पूछा जक खाना लगा दू ं र्मैने कहा नही अभी भूख नही है र्मैने
कहा चंदा कहााँ है तो पता चला जक वो झाडू-पोछा लगा कर अपने घर चली
गयी थी र्मैने पुष्पा से कहा जक आज तुर्म यही पर रहना र्मुझे कुछ कार्म से
बाहर जाना है पीछे से गोरी आएगी तो उसके खाने पीने का इं त़िार्म कर
दे ना और उसके साथ ही रहना जब तक र्मैं नही आता
असल र्मे र्मैने उसको बताया नही था जक र्मेरा क्या प्लान है आज र्मैं अपनी
उस ़िर्मीन को दे खने जा रहा था जजसे नाहर गढ़ वालो ने दबाया हुआ था तो
र्मैने कार जनकाली और चल पडा उस ओर करीब आधे घंटे बाद र्मैं वहााँ पर
पहुच ही गया गाडी पाकु की और पैदल ही बढ़ चला उस ओर तो थोडा सा
आगे जाने पर र्मैने दे खा जक एक बहुत बडे भू-भाग पर िार्मुहाउस टाइप
कुछ बनाया गया था
शार्म होते होते र्मैं वाजपस हवेली आ गया तो दे खा जक पुष्पा र्मेरा ही इं त़िार
कर रही थी र्मैने पूछा गोरी कहााँ है तो वो बोली जक वो तो खाना खाते ही सो
गयी है र्मैने कहा ठीक है और र्मैं अपने कर्मरे र्मे जाने लगा तो पुष्पा बोली
र्माजलक आप कहे तो र्मैं थोडी दे र बाग र्मे हो आउ , उनसे भी जर्मल आउश्कन्ग
थोडी दे र और र्मुझे आर्म खाने का भी बडा र्मन हो रहा है
र्मैने कहा एक कार्म करो गोरी को उठा दो जिर सब लोग साथ ही चलते है
र्मैं भी उधर का चक्कर लगा आउन्गा र्मैने तब तक अपने कपडे चेंज कर
जलए थे जिर कोई आधे घंटे बाद हर्म लोग जनकल पडे बाग की तरि वहााँ
पहुचते ही लखन ने हर्मारा स्वागत जकया था र्मैने दे खा जक तार बंदी लगभग
हो ही गयी थी और एक नया कर्मरा भी आधा बन ही गया था
गोरी पूछने लगी क्या हुआ जबना बात के ही र्मुस्कुरा रहे हो र्मैने कहा जक बस
ऐसे ही अब उसको क्या बता ता जक इधर ही उसकी र्मााँ चुजद थी र्मुझसे जिर
हर्म थोडा और आगे चले तो बाग ़ितर्म ही हो गया और अब हर्म नदी
जकनारे पर आ गये थे बस ठं डी हवा चल रही थी तो एक जगह दे ख कर र्मैं
और गोरी बैठ गये र्मैने कहा गोरी क्या बात है तू तो पहले से और भी सुंदर
हो गयी है
वो बोली कहााँ तुर्म तो ऐसे ही कह रहे हो र्मैने कहा अरे नही सच्ची बोल रहा
हाँ तो अपनी तारीि सुनकर वो थोडा सा शरर्मा गयी उसके गाल सुखु हो गये
र्मैं थोडा सा उसकी ओर और सरक गया गोरी बोली आज कहााँ गये थे तुर्म
तो र्मैने उसे सबकुछ बताया वो बोली तुम्हारे पास पहले से ही सबकुछ है
और जिर ना जाने जकतनी ़िर्मीन तुम्हारी लोगो ने दबा ली है अब पहले जैसा
वक़्त कहााँ रहा है और जिर तुर्म अकेले क्या क्या करोगे तो र्मेरी र्मानो तो
जाने दो उस टु कडे को
बाते करते करते सर्मय का कुछ पता ही नही चला हल्का हल्का सा अंधेरा
हो चला था र्मैने कहा आजा चल वाजपस चलते है जब वो खडी हो रही थी तो
उसका पााँ व थोडा सा लडखडाया और वो जगरने से बचने के जलए र्मेरी बाहों
र्मे सर्माती चली गयी गोरी की नुकीली छाजतयााँ र्मेरे सीने र्मे दबाव दे ने लगी तो
र्मुझ पर उसके बेपनाह खूबसूरत हुस्न का नशा सा चढ़ने लगा गोरी के
बदन से िुट ती कजशश र्मुझे उसकी ओर खीचने लगी और जिर र्मैने
आज़िर उसके रसीले लाल लाल होटो को अपने होटो से जोड ही जलया गोरी
ने अपने जनचले होठ को थोडा सा खोल जदया जजसे र्मैने अपने र्मूह र्मे दबा
जलया और उसकी जर्मठास का अनुभव करने लगा उसने अपनी पकड र्मेरी
पीठ पर और भी तेज कर दी बस जिर हर्में कुछ याद ना रहा याद रहा तो
उसके खुसबुदार सां सो की र्महक जो र्मेरे र्मूह र्मे घुलने लगी थी काफ़ी दे र र्मैं
उसको चूर्मता ही रहा जिर कही जाकर हर्म अलग हुवे
गोरी ने अपनी ऩिरे चुराते हुवे कहा चलो दे र हो रही है वाजपस चलते है र्मैने
कहा जैसी तुम्हारी र्म़िी जिर आते आते काफ़ी दे र हो गयी जब हर्म उन
लोगो के पास पहुचे तो पुष्पा और लखन हर्मारा ही इं त़िार कर रहे थे लखन
बोला र्माजलक जकधर रह गये थे आप इस तरि कुछ जनवरो का भी ़ितरा
रहता है और अंधेरा भी हो गया है आप ऐसे अकेले ना जनकला करें र्मैने कहा
आगे से ध्यान रखूाँगा जिर थोडी दे र और बाते हुई लखन को कुछ पैसे जदए
ताजक वो बचा हुआ कार्म भी जल्द से जल्द पूरा करवा सकें
र्मैने पुष्पा से कहा जक तुर्म यही रुकोगी या चलोजग तो वो बोली क्या र्माजलक
आप भी घर तो जाना ही पडे गा ना जिर र्मैने कार स्टाटु की और हर्म हवेली
आ गये र्मैने गोरी से कहा जक तुर्म अंदर जाओ और खाने की तैयारी करो
आज र्मैं तुम्हारे हाथ का खाना खाना चाहाँ गा तुर्म जाओ र्मैं पुष्पा को घर छोड
कर आता ह और जिर हर्म गााँ व की ओर चल पडे र्मैने हवेली के गेट पर
गाडी रोकी और गोरी को कहा जक तुर्म अंदर चलो र्मैं पुष्पा को उसके घर
छोड कर आता हाँ तब तक तुर्म खाने की व्यवस्था दे ख लो तो पुष्पा बोली
र्माजलक र्मैं हाँ ना र्मैं बना दू ाँ गी खाना , पर र्मैने र्मना करते हुए कहा जक नही
आज र्मैं गोरी के हाथो से बना हुआ खाना ही कहाँ गा , जिर गोरी हवेली र्मे
चली गयी और र्मैने कार गााँ व की ओर बढ़ा दी बस्ती आने से थोडी दे र पहले
ही पुष्पा ने कहा जक र्माजलक गाडी यही पर रोक दीजजए
र्मैने उसको जिर कर्मरे र्मे दे खा पर वो वहााँ पर भी नही थी, तो र्मेरे जदल
थोडा घबरा सा गया र्मैं उसको पुकारते हुए इधर उधर दे खने लगा जक दे खा
वो बाथरूर्म की तरि से चली आ रही थी गीले रे शर्मी बाल जजन्होने उसके
सूट को भी आधे से ज़्यादा जभगो जदया था र्माथे से टपकती शबनर्मी बूंदे
उसके चंद्रर्मा से चेहरे की रोनक को और भी बढ़ा रही थी
वो बोली क्यो जचल्ला रहे हो तुर्म, नहाने ही तो गयी थी र्मैने कहा वो तुर्म र्मुझे
जदखी नही तो र्मैं थोडा सा घबरा गया था वो र्मुस्कुराते हुवे बोली इतनी
जिकर क्यो करते हो आज़िर हर्म आपके है ही कॉन? र्मैने कहा ये तो पता
नही जक तुर्म र्मेरी कॉन हो पर र्मेरी कुछ तो हो ही और र्मैं भी र्मुस्कुरा जदया
र्मैने कहा आगे से ़िरा बता कर जाया करो र्मुझे जिकर है तुम्हारी
अपने गीले रे शर्मी बालो को तोजलये से झटकते हुवे बडे ही प्यार से उसने
र्मेरी ओर दे खा और बोली जक तुर्म बस थोडा सा इं त़िार करो र्मैं अभी िटा
िट से खाना बना दे ती ह और रसोई की ओर जाने लगी र्मैं भी उसके पीछे -
पीछे रसोई र्मे चला गया और उस से बाते करने लगा ना जाने गोरी र्मे कैसी
कजशश थी जो र्मुझे बरबस ही उसकी ओर जाने को र्मजबूर करती रहती थी
पता ही नही चला जक कब उसके ़ियालो र्मे र्में डूब सा गया तभी उसने र्मेरी
तंद्रा तोडी और बोली कहााँ खो गये र्मैने कहा कुछ नही इधर ही हाँ जदल तो
कर रहा था जक बस उसको हर्मेशा ऐसे ही दे खता रहं एकटक पर जिर र्मैं
रसोई से बाहर आ गया गोरी जब जब र्मेरे पास होती थी र्मुझे पता नही एक
अलग सा ही एहसास सा होने लगता था र्मैं जैसे कहीं खो सा जाता था
जिर हर्मने साथ साथ ही जडन्नर जकया तो वो बोली र्मैं कहााँ सोउं गी र्मैने कहा
इतना बडा घर है जहा र्म़िी हो उधर सो जाओ वो बोली इतने बडे घर र्मे
बस दो ही तो कर्मरे खुले है और बेड तो तुम्हारे ही कर्मरे र्मे है र्मैने कहा तो
र्मेरे साथ उधर ही सो जाओ , वो बोली ना बाबा ना तुम्हारा क्या भरोसा जिर
से र्मुझे शरारत करने लगोगे र्मैने कहा तो जिर क्या हुवा………
वो बोली बाते ना बनाओ , र्मुझे बहुत नींद आ रही है और जिर सुबह स्कूल
भी जाना है र्मैने कहा तू बेड पर ही सो जा र्मैं बाहर सो जाता ह तो वो तो
पडते ही सो गयी थी पर र्मेरी आाँ खो र्मे नींद नही थी आज पता नही क्यो र्मेरा
र्मन भटक रहा था जैसे की वो र्मुझे कोई संकेत दे ना चाहता हो, कहना
चाहता हो कुछ रात आधे से ज़्यादा बीत चुकी थी
चंदा की चााँ दनी चारो ओर जबखरी हुई थी हवा हल्की हल्की सी चल रही थी
और एक र्मैं था अपने अशां त र्मन के साथ, जब रहा नही गया तो र्मैं उस
कर्मरे र्मे चला गया जहााँ र्मेरे र्मााँ -जपता की तस्वीरे थी एक ़िालीपन सा र्मेरे
अंदर जकतनीही बाते थी जो र्मैं उनके साथ करना चाहता था पर र्मेरी सुन ने
के जलए वो नही थे वहााँ पर , र्मेरा गला भर आया
आज़िर र्मेरे पास भी तो एक जदल था , इर्मोशंस थे पता ही नही चला कब
र्मेरी सूनी आाँ खो से आाँ सू जनकल कर बहने लगे र्मााँ की तस्वीर र्मैने दीवार से
उतारी और उसको अपनी बाहों र्मे लेकर र्मैं रोने लगा टपकते आाँ सू तस्वीर
की धूल को जभगोने लगे जिर जब रहा नही गया तो र्मैं वहााँ से बाहर आ गया
और कुसी पर बैठ गया
तभी र्मुझे ऐसे लगा जक जैसे हवेली र्मे कुछ हलचल हुई हो पर वहााँ तो बस र्मैं
और गोरी ही थे , तो जिर ये कैसी आवा़ि थी तो र्मैं उस ओर चला तो र्मैने
दे खा जक कुाँए की तरि से जो दीवार टू टी हुई है उधर तीन लोग थे और
अंदर की तरि ही आ रहे थे र्मैने सोचा जक कॉन होंगे, चोर या जिर कोई
दु श्मन
वो लोग थोडा सा सकपका गये, तभी ना जाने कैसे र्मेरे हाथोसे उसी टाइर्म
गोली चल गयी हालााँ जक इस से पहले र्मैने ऐसा कभी नही जकया था पता नही
कैसे शायद घबराहट के र्मारे पर वो गोली उनर्मे से एक को लग गयी और वो
वही पर जगर पडा और उसके वो दोनो साथी तुरंत ही रिूचक्कर हो जलए
गोली की आवा़ि चली तो दू र तक गयी गोरी भी दौडते हुए बाहर आई और
अपनी सां सो को संभालते हुवे बोली
दे व………………………………………………………………………………………………
…………………………………………………………………….
दे व, दे व तुर्म ठीक तो होना ये क्या हुआ कॉन है ये आदर्मी बताओ र्मैने कहा
शां त हो जाओ र्मैं ठीक ह तीन लोग थे पर ये यहााँ पर क्यो र्मैने उस आदर्मी
के चेहरे से नकाब हटाया पर अब र्मुझे क्या पता वो कॉन था गोरी बुरी तरह
से घबरा गयी थी और र्मुझसे जबल्कुल जचपक कर खडी थी पसीना उसके
र्माथे से बह चला था तभी हवेली के गेट पर जकसी की दस्तक हुवी तो र्मैं उस
ओर गया एक आदर्मी था हाथ र्मे लालटे न जलए हुए
र्मैने कहा तुर्म कॉन हो वो बोला साहब इधर पास र्मे ही र्मेरा खेत है र्मैं उधर
ही सोया हुआ था तो गोली की आवा़ि सुनी तो इधर आ गया र्मैने कहा अंदर
आओ और गेट खोला र्मैने कहा कुछ लोग थे पता नही कॉन थे कोई दु श्मन
या चोर थे एक को धर जलया तुर्म दे खो ़िरा जक पहचान हो पाएगी या नही
और उसको उसे जदखाया पर वो भी पहचान नही पाया
राइचंद जी हॉश्कस्पटल र्मे थे और गााँ व र्मे र्मेरा कोई ऐसा था नही जजसपर र्मैं
भरोसा कर सकूाँ बडी र्मुश्कस्कल हो गयी थी र्मेरे जलए र्मैने गोरी के घर पर िोन
जकया और उसके नोकर से कहा जक अभी इसी वक़्त कुछ आदजर्मयो को
लेकर हवेली आ जाओ सच तो था जक र्मैं बेहद घबरा गया था अगर र्मानलो
कुछ ज़्यादा लोग हर्मला कर दे ते तो कुछ भी हो सकता था
र्मंजदर को बहुत ही अच्छे तरीके से सजाया गया था र्मैने अपनी तरि से गााँ व
वालो के जलए भोज का आयोजन जकया था एक कोजशश की थी गााँ व वालो
को अपना बना ने की बस दे खना बाकी था जक कार्मयाबी जर्मलती है या नही
तय सर्मय पर कायुिर्म शुरू हुआ और अच्छे से पूजा संपन्न हो गयी और
जिर भोज शुरू हो गया इन सब कार्मो र्मे शार्म ही हो गयी थी र्मेरा पूरा जदन
उधर ही लग गया था
र्मैने कहा भाई कुछ हर्में भी बताओ इस बात के बारे र्मे तो एक आदर्मी जो
खुद को स्पेशल सा सर्मझ रहा था वो बोला भाई हर्म तो र्मजदू र आदर्मी है
हर्म को कुछ नही पता पर कल जब र्मैं अफ़ीर्म के खेत र्मे थोडी अफ़ीर्म
चुराने गया था तो वहााँ के चोकीदार आ गये तो र्मैं र्मार से बचने को छु प गया
तो वो लोग कुछ बात तो कर रहे थे इसी बारे र्मे एक जना कह रहा था रार्मू
तुझे क्या लगता है जक उधर हर्मला अपने ठाकुर सहाब ने करवाया होगा
तो जिर र्मैं अंदर गया तो दे खा जक गोरी भी थी र्मैने कहा र्माफ़ करना गोरी
तुम्हारे बारे र्मे तो र्मुझे ध्यान ही नही रहा था आने र्मे थोडी दे र हो गयी पर
तुर्म यहााँ क्यो चली आई बोली र्मुझे तो आना ही था ना वो बोली खाना खा लो
र्मैने कहा भूख नही है और सर भी बडा दु ख रहा है तो बस सो ही जाता ह
और अपने कर्मरे र्मे चला गया और सोने की कोजशश करने लगा जिर थोडी
दे र र्मे गोरी भी एक कटोरी र्मे थोडा सा तेल लेकर आ गयी और बोली लाओ
र्मैं सर की र्माजलश कर दे ती ह तो थोडा आरार्म जर्मलेगा
सचर्मुच उसके हाथो र्मे जादू ही था पल भर र्मे ही र्मेरा ददु गायब हो गया
पता ही नही चला जक कब नींद आ गयी जब र्मैं उठा तो दे खा जक गोरी र्मेरी
बगल र्मे ही सोई पडी है तो र्मैने उसे नही जगाया और बाहर आ गया बाहर
बाबा और बाकी सब लोगो से रार्म रार्म हुई र्मैं िेश होने चला गया आया
तबतक पुष्पा भी आ चुकी थी र्मैने कहा सबसे पहले बाहर जजतने भी लोग है
उनके जलए चाइ-नाश्ते का इं त़िार्म करो
गोरी अभी तक उठी नही थी र्मैने सोचा आज स्कूल नही जाएगी क्या ये पर
जिर जगाया नही उसको पुष्पा ने र्मेरा नाश्ता टे बल पर लगा जदया था र्मैने
चुप चाप नाश्ता जकया सुबह सुबह ही र्मैने कुछ सोच जलया था तो र्मैने गाडी
जनकाली और उसको अपनी उस ़िर्मीन की तरि र्मोड जदया जजस पर
नाहरगढ़ वालो का कब्जा था र्मैं कुछ करने जा रहा था पर पता नही था जक
ये सही है या ग़लत
रे तीले रास्ते पर धूल उडाती हुई र्मेरी गाडी सरपट दौडी चली जा रही थी
आधे-पोने घंटे बाद र्मैं उस िार्मुहाउस के सार्मने था र्मैं गाडी से उतरा और
अंदर चल जदया पर आज गेट पर ही उन्ही लोगो ने र्मुझे रोक जदया और बोले
जक तुझे उसी जदन र्मना जकया था ना की दु बारा इधर ना आना र्माजलक को
पता चलेगा तो ठीक नही रहे गा र्मैने कहा पर इस ़िर्मीन का र्माजलक तो र्मैं
ही ह
वो ठहाका लगाते हुवे बोला अबे जा जा , काहे जदर्माग़ खराब करता है सुबह
सुबह र्मैने कहा तो ठीक है जा तेरे र्माजलक को ही बुला ला वो खुद ही बता
दे गा जक र्मैं कॉन ह वो र्मुझे हडकाते हुवे बोला अगर दो जर्मजनट र्मे तू यहााँ से
नही जनकला तो तेरी हजिया सलार्मत नही बचेंगी र्मुझे भी तैश आने लगा था
र्मैने जेब से जपस्टल जनकाली और उसके र्माथे पर लगा दी
ऐसा होते ही उसके र्माथे से पसीना बह चला र्मैने कहा जब भी तेरा र्माजलक
आए उस से बस इतना ही कहना जक अजुुनगढ़ से ठाकुर दे व आया था जिर
र्मैं वाजपस हो जलया र्मैने सोच जलया था की एक बार अपने ररश्तेदारो से
र्मुलाकात कर ही लेनी चाजहए र्मैने अपनी तरि से शुरुआत कर दी थी बस
अब इं त़िार था रे स्पॉन्स का वहााँ से र्मैं सीधा खेतो र्मे गया कई जदन हो गये थे
इधर आया ही नही था तो दोपहर तक इधर का कार्म काज ही दे खता रहा
जिर र्मैं वाजपस हवेली आ गया लंच जकया और बाहर बैठ कर बाबा से बात
चीत करने लगा उन्होने कहा जक दे व आप जकसी भी तरह की टे न्र्षन ना लें
अब आपको हवेली की जिकर करने की जबल्कुल भी ़िरूरत नही है इतने
आदजर्मयो की व्यवस्था हो गयी है जो ये कार्म संभाल सके आधे लोग जदन र्मे
रहें गे और आधे लोग रात को र्मैने कहा बाबा सब आपकी ही र्मेहरबानी है तो
बस वो र्मुस्कुरा गये
जिर कुछ और र्मुद्दो पर बात हुई , जिर र्मैं उठ कर अंदर चला गया तो पुष्पा
के दीदार हुए वो बोली र्माजलक आपके गंदे कपडो का ढे र लगा था र्मैने सारे
धो जदए है र्मैने कहा पर इसकी क्या ़िरूरत थी चंदा कर लेती वो कार्म वो
बोली र्माजलक र्मैने धो जदए कोई बात नही र्मैने कहा गोरी कहााँ है तो उसने
बताया जक वो तो अपनी जकसी सहे ली के घर गयी है
पीले ब्लाउज और नीले घाघरे र्मे पुष्पा का र्मादक बदन और भी श्कखला श्कखला
सा लग रहा था र्मैने कहा पुष्पा र्मुझे तुर्मसे कुछ ़िरूरी बात करनी है वो
बोली र्मुझे र्मालूर्म है र्माजलक आप क्या कहना चाहते है र्मैने कहा यार वो नही
र्मैं तो बस इतना पूछ रहा था जक क्या र्मैं तुर्म पर भरोसा कर सकता ह , तो
पुष्पा हाथ जोडते हुए बोली जक र्माजलक आपकी वजह से र्मेरे जीवन र्मे थोडा
सुख आया है आप कहकर तो दे खो जान भी दे दू ाँ गी … दे व- वक़्त आने पर
तुर्मको र्मेरा एक कार्म करना होगा
तो र्मैने कहा अभी तुर्म जाओ और र्मेरे जलए एक कॉिी भेज दे ना र्मैने लक्ष्मी
को िोन जकया और र्मुनीर्म जी की तबीयत के बारे र्मे पूछा तो उसने बताया
जक हालत कुछ ठीक नही है तो र्मैने कहा ठीक है र्मैं कल ही सहर आता ह
पर वो र्मना करने लगी पर र्मैने ़िोर दे ते हुवे कहा जक नही र्मैं आता हाँ कल
वो ही उनके छोटे -र्मोटे कार्म जकया करते थे र्मैने कहा तुर्मको कैसे पता पुष्पा
बोली वो दरअसल हर्मारे घर के सार्मने जो परचून की दु कान है वो अक्सर
वहााँ आते थे तो बस ऐसे ही पता चल गया पर जब बडे ठाकुर का दे हां त
हुआ उसके बाद से र्मैने उनको कभी नही दे खा , र्मैने कहा उनका कुछ
नार्म-पता तो वो बोली साहब अब र्मैं क्या जानू
हॉश्कस्पटल गया र्मुनीर्म जी से जर्मला कुछ सुस्त से लगे जिर डॉिसु से तस्सली
से बात की तो पता चला जक दवाइयााँ असर नही कर रही थी र्मैने कहा पर
ऐसा कैसे हो सकता है डॉिर साहब तो वो बोले यही बात तो हर्मे भी
उलझन र्मे डाले हुवे है तो र्मैने कहा ये घर कब तक जा सकेंगे तो पता चला
जक हफ्ते भर बाद जिर र्मैने लक्ष्मी से कहा जक र्मुझे अकेले र्मे र्मुनीर्म जी से
कुछ बात करनी है
तो वो बाहर चली गयी, जिर र्मैने उनको जपछले जदनो की घटना बताई तो वो
बोले र्माजलक ये ़िरूर बाहर वालो से करवाया कार्म है वरना आप ही सोचो
हवेली सालो से खार्मोश खडी है पर आज तक एक पैसे की चोरी ना हुई
जिर एक दर्म से चोर कैसे आ सकते है बात र्मे दर्म था , र्मैने कहा कुछ लोग
रा़िी हो गये है हवेली की चोकीदारी करने को पर कुछ हजथयार भी चाजहए
जिर एक छोटा सा बातों का दॉर चला , बाते करते करते ही र्मुनीर्म जी नींद
के आगोश र्मे सर्मा गये अब बचे लक्ष्मी और र्मैं र्मैने कहा सोएं गे कहााँ तो
उसने कहा र्मैं तो नीचे ही जबस्तर लगा के सो जाती ह तुर्म भी र्मेरे पास ही
सोओ गे कहा उसने अपनी जनचले होठ को दााँ तों से काट ते हुए कहा और
जिर एक नशीली र्मुस्कान र्मुझे दी र्मैं सर्मझ गया जक आज तो ये चुद के ही
रहे गी
उसने िटा िट से जबस्तर जबछाया और लाइट बंद करके ़िीरो पॉवेर वाला
बल्ब जला जदया र्मैने कहा ये भी बंद करदो तो वो बोली रात को कई बार
नसु राउं ड पे आ जाती है इस जलए इसको जलने दो जिर र्मैं और वो जबस्तर
पर लेट गये कुछ दे र तो वो शां त रही जिर उसने र्मेरा हाथ पकडा और
अपने बोबो पर रख जदया और दबाव डालने लगी र्मैं तो पहले से ही तैयार था
र्मैने उसकी तनी हुई चूजचयो को कस कर दबाना शुरू जकया तो उसने र्मेरी
पॅंट की ज़िप खोली और र्मेरे लंड को बाहर जनकाल जलया
और र्मेरे आं डकोर्षो को अपनी र्मुट्ठी र्मे भरकर दबाने लगी तो बडा ही र्म़िा
आया र्मुझे र्मैने उसके ब्लाउज को हुको को खोला और जिर िा भी हटा दी
और उसकी पुस्त चूजचयो पर टू ट पडा इस उर्मर र्मे भी ऐसी कसी हुई चूजचया
उििफ्फफ़ र्मैं तो पागल सा ही होने लगा र्मैं पूरे दर्म से उसके उभारों को
दबा ने लगा लक्ष्मी हौले हौले जससकाररया जनकालने लगी उपर र्मैं उसकी
चूजचयो से खेल रहा था और नीचे वो र्मेरे लंड पर आनी उं गजलयो का जादू
चला रही थी
र्मैने अपने होंठो र्मे उसके जनप्पल को दबा जलया और उस पर अपनी जीभ
जिराने लगा तो लक्ष्मी के तन बदन र्मे जबजजलया रें गने लगी वो र्मदहोश होने
लगी उसकी चूजचया उसके सेंसेजटवे पायंट्स थे 10-12 जर्मजनट तक र्मैं उसके
बोबो को ही पीता रहा आग अब बढ़ती ही जा रही थी जिर र्मैं जब उसकी
साडी खोलने लगा तो उसने र्मुझे रोक जदया और अपनी साडी को कर्मर तक
कर जलया और खुद ही पेंटी भी उतार दी
तो र्मैने उसकी योजन को अपनी र्मुट्ठी र्मे भर जलया और भीचने लगा उफ्फ
क्या गरर्म चूत थी उसकी तभी लक्ष्मी ने अपना कर्माल जदखाया और र्मेरे
उपर आते हुवे 69 र्मे आ गयी और झट से र्मेरे लंड को अपने र्मूह र्मे दबा
जलया और र्म़िे से चाटने लगी और अपनी योजन को र्मेरे चेहरे पर दबाने लगी
तो र्मैने भी उसके र्मोटे र्मोटे कुल्हो को अपने हाथो से थार्म जलया और उसकी
चूत पर अपना र्मूह लगा जदया
जैसे ही र्मेरी जीभ उसकी योजन से टकराई तो उसने अपनी जााँ घो र्मे र्मेरे चेहरे
को भीच जलया और र्मस्त हो गयी वो भी कस कर अपनी खुरदरी जीभ र्मेरे
लंड पर रगड रही थी र्मुझे लगा जक बस र्मैं तो गया कार्म से पर गजब तो जब
हुआ जब उसने अपने र्मूह र्मे र्मेरे अंडकोसो को भर जलया र्मैं तो जैसे जपघल
ही गया उस जादु ई अहसास र्मे तो र्मैने भी अब उसकी चूत को चाटना शुरू
कर जदया
कार्म रस से भीगी हुई उसकी चूत के होठ जब जब िडिडाते तो कसर्म से
बडा ही र्म़िा आता था र्मुझे तो काफ़ी दे र तक हर्म दोनो एक दू सरे के अंगो
का रस पान करते रहे जिर उसने र्मेरे लंड को अपने र्मूह से बाहर जनकाला
और जिर अपनी चूत को वहााँ पर रगडने लगी उसकी रागडाई से र्मुझे बडा
ही र्म़िा आ रहा था जिर झट से वो र्मेरे लंड पे बैठ ती चली गई कुछ ही पॅलो
र्मे पूरा लंड उसकी चूत र्मे घुस चुका था और वो करने लगी र्मेरी सवारी
उसकी झूलती चूजचया र्मेरे चेहरे से टकराने लगी तो र्मैने उनको अपने र्मूह र्मे
भर जलया और चूसने लगा तो लक्ष्मी और भी ज़्यादा र्मस्ती र्मे आ गयी और
धप धप से र्मेरे लंड पर कूदने लगी और र्मैं उसकी र्मोटी गान्ड को र्मसल्ने
लगा बडा ही र्म़िा आ रहा था जिर थोडी दे र बाद वो उतर कर लेट गयी
और र्मैं उसके उपर आ गया तो उसने खुद ही अपनी टााँ गे उठा कर र्मेरे कंधे
पर रख दी और र्मैने एक बार जिर से चूत और लंड का जर्मलन करवा जदया
पर तभी र्मुझे याद आया जक र्मुझे बॅंक र्मॅनेजर से जर्मलना है तो र्मैं बॅंक हो
जलया असल र्मे र्मुझे र्मेरे कुछ खातो का जपछले सर्मय की ट् ॅ न्सॅक्षन डीटे ल्स
चाजहए थी तो बॅंक र्मे बडी ही दे र लग गयी कुछ पैसे भी जनकल वा जलए थे
अब काफ़ी डे टा था तो र्मॅनेजर ने कहा सर टाइर्म लग रहा है आप एक कार्म
करो अभी आप घर जाओ र्मैं 1-2 जदन र्मे पोस्ट से डीटे ल्स जभजवा दे ता ह तो
जिर बस घर ही जाना था
जिर र्मैं बॅंक से जनकला तो तीन बज रहे थे र्मैं गााँ व के जलए जनकला तो जिर
र्मुझे कुछ याद आया तो र्मैने िोन जनकाला और एक नंबर डाइयल जकया तो
उसने र्मुझे जर्मलने के जलए बुला जलया असल र्मे ये वो आदर्मी था जो कुछ
हजथयारो की व्यवस्था करने वाला था अब ये कार्म बेहद ़िरूरी था तो उस से
जिर डील होने लगी उसने कहा जक वो एक हफ्ते बाद सब कार्म कदे गा तो
कुछ पैसे अड् वान्स दे कर र्मैं गााँ व की ओर हो ही जलया
र्मैं तो प्रजतरोध भी ना कर पाया था पता नही कब र्मेरे होश गुर्म होते चले गये
जब र्मेरी आाँ ख खुली तो र्मैं हॉश्कस्पटल र्मे था आाँ खे खुलते ही र्मैने र्महॉल दे खा
जिर र्मैने आवा़ि लगाई तो नसु दौडते हुए आई और बोली अरे आप आरार्म
से रूको ़िरा जिर उसने र्मुझे बैठने र्मे र्मदद करी और डॉिर को बुलाने
चली गयी तब तक नंदू अंदर आ चुका था
उसने पानी भरी आाँ खो से र्मेरी ओर दे खा और रोने लगा र्मैने कहा पगले कुछ
नही हुआ र्मुझे बस कुछ चोट है ठीक हो जाएाँ गी जिर दे खा तो लक्ष्मी भी
अंदर आ गयी और र्मेरे पास स्टू ल पर बैठ गयी और र्मेरा हाथ पकड कर
पूछा जक ठीक हो र्मैने कहा जी ठीक ह तो पता चला जक आज 4 जदन बाद
होश आया है डॉिर ने आकर कुछ इं जेक्षन जदए
जिर पता चला जक कोई हिी तो नही टू टी पर कुछ पसजलयो र्मे चोट है और
गुर्म चोट तो पूरे शरीर र्मे ही थी तबीयत से र्मारा था सालो ने र्मुझे पोलीस ने
आकर बयान जलया तो र्मैने झूट बोलते हुए कहा जक सर र्मुझे कुछ याद नही
है शायद कुछ चोर-लुटेरे थे तो इनस्पेिर ने कहा जक ठाकुर साहब चोर
नही थे वो लोग गाडी से हर्मे 12 लाख रुपये जर्मले है अगर चोर होते तो ले
जाते पर जसफ़ु आप पर हर्मला पहले हवेली र्मे कोसीश और अब ये कुछ तो
है जो आप बता नही रहे है र्मैने कहा र्मुझे कुछ भी नही पता है और वैसे भी
ये पोलीस का कार्म है आप तहकीकात शुरू कीजजए
तो रास्ते र्मे उन्हे र्मेरी कार जदखी उसके पास ही र्मैं बेसूध पडा था उसका
जीजा जकसी सेठ का ड्ाइवर था वो ही हॉश्कस्पटल लाया कार को जिर गााँ व
सूचना दी गयी र्मैने उन सबका धन्यवाद जकया 5-6 जदन बाद हॉश्कस्पटल से
छु ट्टी हो गयी तो र्मैं हवेली आ गया हवेली की सुरक्षा कडी हो गयी थी अब
गााँ व के लोग भी थोडा सा दु खी थे र्मेरे उपर हुवे हर्मले को लेकर
बस जदन गुजर रहे थे लक्ष्मी एक दो जदन र्मे चक्कर लगा जाया करती थी ,
चंदा तो थी ही हर्म पर पुष्पा पूरे जदल ओ जान से र्मेरी तीर्मार दारी र्मे जुटी
हुई थी अब वो 24 घंटे ही हवेली र्मे रहा करती थी कुछ ़िरूरी हो तो ही घर
जाती थी वहााँ उसकी सास तो थी ही संभालने को धीरे धीरे र्मेरी हालत र्मे भी
सुधार होने लगा था एक दोपहर पुष्पा ने र्मुझे दवाई पकडाई और बोली
र्माजलक आपको क्या लगता है कॉन ऐसी हरकत कर सकता है
र्मैने कहा तू बैठ ़िरा , तो पास रखी कुसी पर बैठ गयी र्मैने वो एन्वेलप
खोला तो उसर्मे एक रजजस्ट् ी थी जजसर्मे नाहर गढ़ की िॅजर्मली ने र्मेरी वाली
़िर्मीन जो कई सालो से दबाई हुई थी वो र्मुझे वाजपस दे दी थी र्मैने 3-4 बार
वो रे जजस्ट् ी पढ़ी अब साला ये क्या हो गया ये तो बात ही घूर्म गयी र्मैने कहा
पुष्पा टे बल पे रखी डायरी र्मे से वकील साहब को िोन लगाओ और उन्हे
कल यहााँ बुलाओ
जिर र्मैने उसको सारी बात बताई तो वो बोली र्माजलक कही कोई खेल ना
खेल रहे हो वो लोग र्मैने कहा हो सकता है पर ़िर्मीन तो वाजपस करदी
उन्होने अगले जदन वकील आया तो र्मैने राइचंद जी को भी गाडी से इधर ही
बुलवा जलया जिर जवचार जवर्मशु होता रहा र्मैने कहा अब उनका धन्यवाद तो
करना ही चाजहए वैसे भी अब र्मैं काफ़ी हद तक ठीक हो गया ह
उसका सुन्दर र्मुखडा लाल हो गया पर वो चुप ही रही र्मैने कहा तुम्हे तो पता
ही है र्मैं तुर्मको जदल से अपना र्मानता ह क्या तुर्म र्मुझे दोस्त होने का हक भी
नही दे सकती हो तो वो बोली र्माजलक ऐसी बात नही है पर ……. …….. र्मैने
कहा पर क्या तो वो बोली हवेली र्मे इतने लोग होते है बात खुल गयी तो र्मेरा
क्या होगा र्मैं उसकी हथेली को दबाते हुए कहा जक क्या तुम्हे भरोसा नही
र्मुझ पर
वो बोली आप कैसी बात करते है , र्मैने उसे सीधा आर्मंत्रण दे ते हुवे कहा जक
ठीक है र्मैं तुम्हारा इं त़िार कर रहा ह सारा कार्म जनपटा कर आओगी ना तो
वो उठी और दरवाजे की तरि चल पडी और वहााँ पहुच कर जब उसने र्मुझे
स्माइल दी तो र्मैं तो र्मर ही गया …… बाहर र्मोसर्म भी आज रोद्र रूप र्मे था
घनघोर बरसात हो रही थी जिर जबजली भी चली गयी र्मैं उठा और रोशनी
की जिर श्कखडजकयो के पदे लगा जदए ताजक कुछ बाहर का शोर कर्म हो जाए
र्मैने लालटे न ली और बाहर का हाल दे खने जा जनकला गेट पे जाके दे खा जक
वो लोग जो वहााँ कर्मरा बनाया था उधर बैठे थे र्मैने कहा आप आरार्म से
रहना बाररश र्मे ना भीगना तो वो बोले र्माजलक आप जचंता ना करो और
आरार्म कीजजए तो र्मैं जिर से अपने कर्मरे र्मे आ गया
तो दे खा जक पुष्पा सोिे पर बैठी है र्मैने गेट बंद जकया और उसके पास
जाकर बैठ गया और उसके हाथ को अपने हाथ र्मे ले जलया वो बोली र्माजलक
, र्मैने कहा क्या हुआ वो कहने लगी कुछ होता है र्मुझे र्मैं बस हाँ स जदया
उसकी टााँ ग से र्मेरी टााँ ग रगड खाने लगी थी र्मैं आज पूरी रात उसको भोगना
चाहता था र्मैने उसकी ठोडी को अपने हाथ से उठा कर उसके चेहरे को
उपर की ओर जकया और जबना कुछ कहे अपने होंठो से उसके होंठो को
जर्मला जलया
पुष्पा उसी सर्मय र्मेरी बाहों ने जपघल गयी र्मलाईदर होंठो को चूसने र्मे र्मुझे
बडा ही र्म़िा आ रहा था ऐसा लगा जक जैसे ता़िा ता़िा र्मलाई हो वो दस
पंद्रह जर्मजनट तक बस उसके अधरो का रास्पान ही करता रहा र्मैं जिर वो
अलग हुई र्मैने उसे खडा जकया और अपने से जचपका जलया और साडी के
उपर से ही उसकी गदराई गान्ड को सहलाने लगा एक बार जिर से र्मैं
उसको जकस करने लगा था
जिर र्मैने उस से कहा जक पुष्पा जबल्कुल भी शरर्माओ ना, वरना र्मैं तुम्हे प्यार
कैसे कर पाउन्गा र्मैने उसकी साडी का पल्लू पकडा और साडी को खोलने
लगा वो जसफ़ु ब्लाउज पेजटकोट र्मे थी वो शरर्म के र्मारे अपना र्मूह र्मेरे सीने
र्मे छु पाने लगी और र्मैने र्मोके का फ़ायदा उठाकर उसके पेजटकोट का नाडा
भी खोल जदया जैसे ही पेजटकोट उसके पैरो र्मे जगरा र्मैं तो पगला ही गया नीचे
से वो पूरी नंगी हो गयी थी
गााँ वो की औरते वैसे भी िा-पेंटी इतनी कहााँ पहना करती है र्मैं कुछ दे र
उसके चुतडों से खेलता रहा जिर उसके ब्लाउज को भी उतार जदया और
उसको बेड पर पटक जदया उसने एक चादर अपने उपर ओढ़ ली र्मैने जल्दी
से अपने कपडे उतारे और चादर र्मे घुस गया और उसके उपर आ गया
जिर एक लंबा सा जकस जकया और उसके हाथ र्मे अपना लंड दे जदया
तो उसने अपना हाथ पीछे खीच जलया तो र्मैने कहा पकडो ना इसे तो जिर
उसने र्मेरे लंड को अपनी र्मुट्ठी र्मे भर जलया और तभी उसके र्मूह से जनकल
गया ये तो बहुत ही लंबा और र्मोटा है र्मैने कहा लखन का ऐसा नही है क्या
तो वो बोली नही वो तो इस से काफ़ी छोटा है पर तभी उसे अपनी बात का
अहसास हुआ तो वो शर्माु गयी र्मैने कहा पुष्पा तुर्म खुश तो हो ना तो वो
शरर्माते हुवे बोली हााँ र्माजलक
र्मैं उसके जनचले होठ को अपने दााँ तों से काटने लगा तो वो र्मेरे लंड को
र्मसल्ने लगी पुष्पा लक्ष्मी से भी बहुत ज़्यादा हॉट और जबरदस्त पीस थी
काफ़ी दे र तक बस चूर्मना चाटना ही लगा रहा बाहर बाररश से जो ठं ड हो
गयी थी तो र्म़िा और भी बढ़ गया था जिर र्मैं अपना हाथ उसकी योजन पर ले
गया गहरे बालो से धजक हुवी गुलाबी चूत र्मैं तो दे ख कर खुश हो गया
जैसे ही र्मैने अपनी लॅप लपाती हुवी जीभ उसकी नर्मकीन योजन पर िेरी
उसके जजस्म र्मे तो भूचाल ही आ गया पुष्पा एक अंजाने से अहसास र्मे
डूबती चली गयी थी उसकी टााँ गे अपने आप चौडी होती चली गयी र्मीठा सा
टे स्ट था उसकी रस से भरी चूत रूपी कटोरी का पुष्पा की जससकाररया
बाहर बरसती बाररस की जटप जटप र्मे डूबती चली गयी थोडी दे र चूत को
चाटने के बाद
र्मैने उसके दाने को अपने होटो र्मे दबा जलया तो बस अब उसके र्मूह से आहे
ही िुट रही थी अपनी र्मां सल जााँ घो को बेड पर पटकते हुवे वो र्मुझे अपनी
चूत का रस जपलाए जा रही थी र्मैं भी उसे अच्छे से उिेजजत करना चाहता था
ताजक वो लाज शरर्म सब भूल जाए तो र्मैं दाने को चूस्ते चूस्ते चूत र्मे उं गली
करने लगा तो पुष्पा का जिर खुद पे जकसी भी तरह का काबू ना रहा
10-12 जर्मजनट तक टू ट के र्मैं उसकी योजन को पीता रहा और जिर आज़िर
उसका बदन ऐंठ गया और उसने अपने रस की नदी र्मेरे र्मूह र्मे छोड दी र्मैं
चतकारे लेते हुवे उसकी चूत से ररश्कस्त छोटी से छोटी बूाँद को भी पी गया
जिर र्मैं उठा पुष्पा अपनी आाँ खे बंद जकए बेड पर पडी थी र्मैं उसकी बगल र्मे
लेट गया और उसको पूछा र्म़िा आया वो बोली ज़िंदगी र्मे आज पहली बार
चूत चटवाई है बडा ही र्म़िा आया सुकून सा जर्मला है र्मुझे
र्मैं उसके बदन को सहलाने लगा तो थोडी दे र र्मे ही वो जिर से गरर्म हो गयी
तो र्मैने उसकी योजन पर अपने बेकाबू लंड को रखा और रगडने लगा और
जिर एक धक्का लगाते हुए सुपाडे को अंदर पहुचा जदया पुष्पा ददु से चीख
पडी और बोली रुजकये ़िरा बहुत ददु हो गया है ़िरा आरार्म से र्मैने कहा
ददु , वो बोली दो-ढाई साल बाद आज चुद रही ह
र्मेरा पूरा वजन उस पर पड गया था र्मैं लेटे लेटे उसके रसीले होटो का
र्मजदरा पान करता रहा जिर करीब 5 बाद र्मैने अपनी कर्मर जहलानी शुरू
कर दी थी अब तक उसकी चूत भी िैलकर लंड के साइ़ि की हो गयी थी
र्मैने अब उसके होठ छोडे और कहा करू ाँ तो वो बोली धीरे धीरे करो और
ददु भरी आवा़ि जनकालने लगी र्मैं उसकी गुलाबी चूजचको सहलाते हुवे
हल्के हल्के धक्को के साथ पुष्पा को चोदना शुरू जकया र्मैं बोला तेरी चूत
बहुत ही टाइट है लगता है जैसे कुाँवारी कन्या हो तो वो शर्माु गयी और बोली
कई सालो से चुजद नही ह तो टाइट हो गया है कुछ दे र र्मे उसको भी र्म़िा
आने लगा वो र्मेरी पीठ को सहलाने लगी और जिर खुद ही र्मेरी गदु न पर
अपने दााँ तों से काटने लगी बेड के नरर्म गद्दो पर हर्मारी र्मस्त चुदाई चालू हो
गयी थी
ऐसी करारी चूत की क्या बताऊ बस भोग ता ही रहं र्मैं उसको बाहर घनघोर
बरसात और अंदर बेड पर वासना का तूिान लक्ष्मी तो पुष्पा के आगे कुछ
भी नही थी पुष्पा तो खरा सोना जनकली थी कोई बता ही नही सकती थी जक
उसका बेटा 9थ र्मे पढ़ता होगा र्मैने उसकी दोनो टााँ गे उपर कर दी और
जिर उसकी लेने लगा पुर्षपा की जससकाररयााँ छत से टकराने लगी थी र्मैं
खुद उसके जजस्म की गर्मी र्मे जपघलता जा रहा था
लंड पूरा उसकी चूत से ररस्ते कार्म रस र्मे गीला हो गया था और पच पुच
करते हुवे चूत के अंदर बाहर हो रहा था पर जल्दी ही उसके बोझ से र्मैं
थकने लगा तो र्मैं उसे बेड से उठा कर सोिे पर ले आया और उसको घोडी
बना जदया सोिे पर उसकी बडी गान्ड और भी िूल गई तो र्मैं उसके कुल्हो
को चूर्मने लगा और वो अपनी गान्ड को जहलाने लगी
अब चुदती चूत से अचानक से लंड बाहर जनकाल लो तो कोई भी औरत
अधीर हो गी ही पुष्पा बोली र्माजलक अब आप रुक क्यो गये जल्दी से डालो
ना अंदर तो र्मैने उसकी बलखाती हुवी कर्मर को थार्मा और अपने नटखट
लंड को चूत र्मे डाल जदया पुष्पा इस प्रहार से आगे की ओर को झुक गयी
और जिर अपनी गान्ड को पीछे करते हुए चुदाई का लुत्फफ़ उठाने लगी र्मैं तो
खुद र्मस्ती के सागर र्मे डूबा पडा था
8-10 जर्मजनट तक र्म़िे से घोडी बनाके चोदने के बाद र्मैने उसे वही सोिे पर
जलटा जदया और उसके उपर आकर चोदने लगा पुष्पा ने अपनी टााँ गे र्मेरी
कर्मर पर लपेट दी और आाँ खे बंद करके चुदाई का र्म़िा ले ने लगी र्मैं अब
पूरी ताकत से उसको चोद रहा था बस अब आहे ही सुनाई दे रही थी और
जिर कुछ दे र बाद पुष्पा र्मुझसे जकसी बच्चे की तरह जचपक गयी
और उसकी चूत की पंखुजडया र्मेरे लंड पर दबाव डालने लगी उसका बदन
झटके खाते हुवे झडने लगा पुष्पा जिर से अपने चरर्म की ओर अग्रसर हो
गयी थी पर र्मैं अभी भी लगा हुवा था जब उसे थोडा होश आया तो वो बोली
र्माजलक आप अपना पानी अंदर र्मत जगराना वो कह ही रही थी की र्मैने
अपना लंड िॉरन छूट से बाहर खीचा और उसके पेट पर अपना गरर्म पानी
जगरा जदया और उसकी बगल र्मे पड गया
कुछ दे र बाद र्मैं उठा और अपनी जनक्कर से उसके पेट को सॉि जकया पास
रखे जग से पानी जपया और उसको भी जगलास भर के जदया जिर उसके पास
लेट गया पुष्पा र्मेरे सीने पर अपना हाथ जिराते हुए बोली र्माजलक आज तो
आपने र्मुझे ऐसा सुख जदया है जो ब्याह के पंद्रह साल र्मे कभी ना जर्मला और
र्मेरे होंठो पर एक जकस कर जदया
र्मैं उसकी चूची को सहलाते हुवे बोला पर तुर्म ऐसा क्यो कह रही थी जक दो
ढाई साल बाद चुद रही ह तो वो बोली र्माजलक ये एक ऐसी बात है जो र्मैने
जकसी से नही बताई पर आपको बता ती ह जक दरअसल जढल्लू के बापू एक
बार कार्म पर थे तो लेंटार जगर गया था तो उनकी टााँ गो पर काफ़ी चोट लगी
थी तब से ही उनकी पॉरश शश्कक्त चली गई है तो जिर र्मैने भी अपनी इच्छा
को र्मार जलया था
पूरा लंड उसके थूक से सना हुआ था उसने अब अपनी टााँ गे िैलाई और
बोली र्माजलक आ जाइए अपनी दासी को जिर से र्म़िा दीजजए और र्मैं जिर
से उसको चोदने लगा हर्म दोनो एक दू सरे की जीभ को पूरी र्मस्ती से जीभ
को चूसे जा रहे थे कसर्म से ऐसी चुदाई करके र्मैं तो बडा ही खुश हो गया था
अब र्मेरे हर धक्के का जवाब वो अपनी गान्ड को उचका उचका के दे रही
थी ये चुदाई तो और भी लंबी हो गई थी उसका र्मादक जजस्म पल पल र्मेरे
हार्मोंस को और भी आश्किव करते जा रहा था
र्मैं दीवानों की तरह उसके गालो होटो गदु न को चूर्मे जा रहा था पुशा के
ना़िून र्मेरी पीठ गदु न र्मे धन्से जा रहे थे बडा ही र्मस्त आलर्म था उस कर्मरे
के अंदर पता नही जकतनी दे र तक हर्म एक जजस्म हुए रहे पर हर शुरआत
की तरह अंत भी होना ही था इस चुदाई का तो आज़िर र्मैने उसकी चूत को
अपने पानी से भर जदया और जिर पता नही कब नींद ने हर्म दोनो को अपने
आगोश र्मे ले जलया अगली सुबह जब र्मैं उठा तो दे खा जक बाररश रुक गयी
थी पर पुष्पा नही थी पूछने पर पता चला जक वो घर गयी थी र्मैं बाहर आया
तो दे खा जक चंदा बरार्मदे र्मे पोछा लगा रही थी उसने साडी को जााँ घो तक
जकया हुआ था तो ठोस जां घे जैसे जनर्मंत्रण दे रही हो और जिर उसके
ब्लाउज से बाहर को झााँ कते आधे उभारों का तो कहना ही क्या सुबह सुबह
ही र्मेरे लंड र्मे जिर से तनाव आने लगा
तो र्मैं उसको इग्नोर करते हुए बाथरूर्म र्मे घुस गया नहा कर आया तो वकील
साहब आए थे उन्होने बताया जक ़िर्मीन पर कब्जा ले जलया गया है जबना
जकसी परे शानी के पर वहााँ पर कई एकड र्मे अफ़ीर्म खडी है उसका क्या
करना है र्मैने कहा या तो उसको उन्ही को दे दो या जिर जला दो र्मैं नही
चाहता जक जकसी को उसकी लत लगे जिर उसने बताया जक शहर र्मे भी
एक र्मॅरेज हॉल है जो सालो से बंद पडा है कई पाटी है उसको खरीदने को
तैयार
और अच्छा ़िासा पैसा भी जर्मल जाएगा अगर आप कहे तो र्मैं बात करू र्मैने
कहा हााँ ठीक है आप दे ख लेना जिर कुछ हो तो र्मुझे बता दे ना बाप दादा
इतना कुछ छोड गये थे जक र्मुझसे सम्भल ही नही रहा था र्मैं नाहरगढ़ जाना
चाहता था एक बार पर राइचंद जी के दबाव की वजह से जा नही पा रहा था
लंच ़ितर्म जकया ही था जक थाने से इनस्पेिर साहब आ गये
र्मैने आने का सबब पूछा तो उन्होने बताया जक ठाकुर साहब बात दरअसल
ये है जक कुछ जदनो र्मे बलदे व का र्मेला लगेगा तो दोनो गााँ वो के लोग र्मेला
दे खने आएाँ गे र्मैने कहा जिर उसर्मे क्या है जो रीत है उसे चलने दो वो बोला
आप पहले र्मेरी बात सुने ़िरा , बात ये है जक पुराने जर्माने र्मे रीत चली आ
रही है जक ठाकूरो की तरि से दे वता को बजल दी जाती है
बरसो से आपके पुरखे ये परं परा जनभा रहे थे जिर जब हवेली र्मे वो घटना
हुवी तो उसके बाद से जवजय स्वरूप नाहरगढ़ के ठाकूरो ने बजल दे ना शुरू
कर जदया र्मैने कहा तो जिर र्मैं क्या करू
ाँ वो बोला आप सर्मझ नही रहे है
अब हालत पहले जैसे नही है अब आप आ गये है तो आपका अजधकार है वो
पर उधर से वो लोग भी ज़िद करें गे तो कही शां जत-व्यवस्था जबगड ना जाए
र्मैने लक्ष्मी को तुरंत बुलावा भेजा और कुछ दे र बाद वो र्मेरे साथ थी र्मैने
कहा र्मेला लगने वाला है तो हर्मारी तरि से दे वता को कुछ भेंट चढ़ाई जाए
वो सुकचाते हुवे बोली दे व तो आज़िर तुम्हे पता चल ही गया पर हर्म ऐसा
नही कर सकते अगर तुर्म वहााँ जाओगे तो तुम्हे दु श्मनो की चुनोती स्वीकार
करनी पडे गी और अभी तुर्म पूरी तरह से ठीक नही हुए हो
र्मैने उसे बार बार कहा पर उसने नही जलए तो जिर हर्म नीचे आ गये जडन्नर
के बाद वो बोली र्माजलक दू ध ले लीजजए र्मैने कहा बैठो ़िरा और उस से बाते
करने लगा र्मैने पुष्पा से पूछा जक र्मुनीर्म जी और उनके पररवार के बारे र्मे
बता कुछ तो वो बोली र्मैं क्या बताऊ र्मैने कहा जैसे जक गाव के लोगो के
प्रजत उनका व्यवहार कैसा है , जब र्मैं नही था तो हवेली वो ही तो संभालते थे
ना बस इसी जलए पूछ रहा ह
वो बताने लगी जक र्मुनीर्म जी तो भले र्मानस है पर लक्ष्मी बडी ही तेज औरत
है , हरदर्म बस रोब झाडती रहती है और कई औरतो से उसका लडाई
झगडा चलता ही रहता है तो गााँ व के कर्म लोग ही उसके र्मूह लगते है कभी
जकसी ने र्मुनीर्म जी से सूद पर रुपया ले जलया और टाइर्म पर ना दे सका तो
जिर बस लक्ष्मी के ड्ार्मे दे खो ना जाने जकतने ग़रीबो की ़िर्मीन दबा कर
बैठी है
र्मैने कहा ठीक है र्मैं ध्यान रखूाँगा पर अभी तू र्मेरा ध्यान रख और उसको
अपनी गोद र्मे उठा जलया तो वो बोली र्माजलक वैसे तो र्मेरी हजसयत नही है
जक र्मैं आपको र्मना कर सकूाँ पर र्मैं चाहती ह जक र्मेले के बाद जब आप
जवजयी होकर आए तो र्मैं आप के साथ सोऊ र्मैने कहा ठीक है तेरी
िरर्माइश है तो पूरी करनी ही पडे गी तो जिर वो रसोई र्मे चली गयी और र्मैं
सोचने लगा जक कही र्मेरे र्मार्मा लोग कोई साजजश तो नही बुन रहे र्मेरे
श्कखलाि
पर जो भी था अब इं त़िार था र्मेले के जदन का र्मैने सब कुछ उपर वाले के
हाथ र्मे छोड जदया पर हक तो र्मेरा ही था ना बजल दे ने का र्मैं कुछ उलझ सा
गया था अपने ही सवालो के घेरे र्मे पर ऐसा कोई था नही जो र्मुझे र्मेरे सवालो
के जवाब दे सके तो बस यही सब सोचते सोचते र्मैं सो गया दो जदन बस
उधेडबुन र्मे ही जनकल गये और आज़िर वो जदन आ ही गया र्मेरी तरि से
सब तैयारी पक्की थी र्मेले वाले जदन र्मैने तडके र्महादे व र्मंजदर र्मे पूजा की
और र्महादे व जी से आशीवाु द जलया आज तो जैसे सारा गााँ व ही आरती र्मे
उर्मड आया था हालााँ जक र्मुझे अंदर ही अंदर घबराहट हो रही थी पर शायद
ठाकूरो का खून र्मेरी नसों र्मे उबलने लगा था
र्मैने शां त स्वर र्मे कहा बंदूक को हटा ले अगर तुझे चलानी होती तो आते ही
सीधा िाइयर कर दे ता और वैसे भी ये दे ख जक तेरे सार्मने कॉन खडा है तो
वो झुंझलाते हुवे बोला जक र्म र्मैं नाहरगढ़ का युवराज ह र्मैने कहा अच्छा तो
तू है अफ़ीर्म की खेती वाला र्मेरा िार्मुहाउस तो चुपचाप वाजपस कर गया था
जा आज दे वता का जदन है चला जा कहीं ऐसा ना हो जक दे व के हाथो कुछ
ग़लत हो जाए
तभी कुछ और गाजडया आकर रुकी तो र्मेरा ध्यान उधर ही चला गया तो र्मैने
दे खा जक गाडी से एक पुरुर्ष और र्मजहला उतरी तो लक्ष्मी र्मेरे पास दौडते हुए
आई और बोली दे व तुम्हारे र्मार्मा और र्मार्मी जी है बेशक दु श्मन है पर तुर्म
पहली बार जर्मल रहे हो तो थोडा जज्बातो पर काबू रखना
र्मार्मा र्मार्मी के चेहरे तेज से चर्मक रहे थे वो सीजढ़या चढ़ते हुए र्मेरी ही ओर
आ रहे थे थानेदार ने उनको सलार्म ठोका और बोला वो ठाकुर साहब वो वो
………… ………….. …….. तो उन्होने अपना हाथ उठा कर उसे चुप करवा
जदया और सीधा र्मुझसे र्मुखाजतब होते हुए बोले दे व…….. आाँ खे ही तरस गयी
थी तुम्हारी एक झलक दे खने को और उन्होने अपना हाथ र्मेरे सर पे रख
जदया तो र्मैने लक्ष्मी की तरि दे खा उसने र्मुझे शां त रहने को इशारा जकया
र्मार्मा बोले दे व जबल्कुल ही अपने जपता की तरह जदखते हो बस आाँ खे तुम्हारी
र्मााँ जैसी है , पता तो लग गया था जक तुर्म आ गये हो, कब से इच्छा थी जक
तुम्हे दे खें पर आ ही नही सके पर र्मैं शां त खडा रहा तभी पुजारी ने आकर
कहा जक बजल का सर्मय हो गया है
र्मैने कहा चजलए पुजारी जी, और र्मैं दो कदर्म ही बढ़ा था जक पीछे से जकसी
ने र्मेरे कंधे पर हाथ रख कर रोक जलया , र्मैं र्मुडा तो र्मार्मा जी ने कहा जक
रूको दे व बजल चढ़ाने का हक तुम्हारा नही है बश्कल्क तुम्हारे भाई का है और
अपने बेटे को बुला जलया र्मैने उनका हाथ अपने कंधे से हटाया और उनकी
आाँ खो र्मे दे खते हुवे बोला जक र्मार्मा जी बजल तो र्मैं ही चढ़ाउं गा बाकी आप
जाने
र्मार्मा बोले बच्चे ज़िद नही करते जाओ लौट जाओ र्मैने कहा दे व को बात
दोहराने की आदत नही है बजल तो आज ठाकुर वीरभान का बेटा ही
चढ़ाएगा जकसी र्मे दर्म है तो रोक ले तो उन्होने कहा तो जिर ठीक है आज
फ़ैसला हो ही जाएगा दोनो घरानो के युवराज इधर ही है तो जिर हो ही जाए
र्मुकाबला ़िरा हर्म भी तो दे खे की हवेली के अंजतर्म जचराग र्मे जकतनी लौ
बाकी है
ना जाने क्यो उसकी बात र्मुझे चुभ सी गयी, र्मैने कहा र्मर्माजी अब भी सर्मय
है कदर्म पीछे हटा लो वरना जिर र्मुझे दोर्ष ना दे ना तो वो बोले कल के लोंडे
हो और जिर तुम्हे पता ही क्या है , र्मैने कहा तो जिर ठीक है हो ने दो जो
होता है तो ये तय हो गया जक र्मल्लयुध र्मे जो जीतेगा वो ही बजल चढ़ाने का
अजधकार पाएगा पुजारी ने हर्म दोनो योधाओ का जतलक जकया
अब र्मेरी बारी थी तो र्मैं उसे पीटने लगा उसके कान को िाड जदया र्मैने तो
वो भी चीत्कार करने लगा र्मैने उसकी छाती र्मे लात र्मारी तो वो दू र जा जगरा
और तडपने लगा र्मेरी नाक से बहता खून र्मेरे गुस्से को और भी भडका रहा
था तो र्मेरा जदर्माग़ बुरी तरह से खराब हो गया र्मैने उसको जिर लात और
घूाँसो से धर जलया और उसकी िुटबॉल बना दी र्मैने र्मार्मा जी के चेहरे पर
घबराहट के भाव दे खे अब बारी थी अजुुनगढ़ के लोगो की जयकारा लगाने
की
र्मेरे र्मन र्मे आई जक चल छोड अब साले को कहीं र्मर ना जाए पता नही उस
एक पल को कैसे र्मेरे र्मन र्मे दया आ गयी और ठीक उसी पल उस कर्मीने
ने धोखा करते हुए र्मेरी आाँ खो र्मे धूल जगरा दी तो र्मैं रे त आाँ खो र्मे जाते ही
तडप उठा कुछ दे र के जलए र्मैं तो जैसे अाँधा ही हो गया उसी पल का लाभ
उठाते हुवे उसने तलवार ले ली और जिर र्मेरी पीठ पर वार कर जदया
र्मेरे गले से एक तेज चीख उबल पडी और र्मेरी पीठ पर एक लंबा घाव होता
चला गया एक तो आाँ खो से कुछ जदख नही रहा था और दू सरी तरि उसके
पास पूरा र्मोका था अगला वार र्मेरे पााँ व पर हुवा और र्मैं धरती पर जगर पडा
लगा जक जैसे टााँ ग तो कट ही गयी र्मेरी जिर कुछ लाते और पडी र्मुझ पर तो
र्मेरी जघग्गी बाँध गयी वो अट्टहास करता हुआ बोला दे खो गााँ व वालो ये है
ठाकूरो का वाररस दो पल र्मे ही ढे र हो गया ये लेगा बदला अपने पररवार का
ये आया है दे खो इसे
उसने अपना पााँ व र्मेरी छाती पर रख जदया और र्मुझे र्मसिे हुवे बोला दे व
ठाकुर बडा दं भ भर रहे थे तुर्म बडी गाथा गा रहे थे तुर्म क्या हुआ जनकल
गयी सारी हे कडी तू तो शेर की खाल र्मे बकरी जनकला रे कुछ तो जख़्मो का
ददु और कुछ आाँ खो र्मे तेज जलन हो रही थी र्मैने कहा हे र्महादे व जी लाज
रखना र्मेरी अब तो आप ही र्मदद करो र्माजलक
उसने जिर से र्मुझ पर वार जकया तो लगा जक जैसे जकसी ने छाती र्मे जर्मचु
भर दी हो र्मैं बुरी तरह से ददु से जबलजबयाने लगा उसने कुछ र्मुक्के लात
और बरसाए र्मुझ पर और जिर र्मुझे उठा कर िेक जदया और बस यही पर
दे वता की करपा हो गयी र्मुझ पर जब उसने र्मुझे िेका तो र्मैं पशुओ के जलए
बनाई गयी पानी की खेली र्मे जा जगरा और आाँ खो का कचरा पानी ने सॉि
कर जदया
र्मैं र्महादे व जी जक जय बोलता हुवा पानी से बाहर आया बदन तो जैसे ददु से
जबखर ही रहा था पर र्मैं उस ददु को पी ही गया उसकी कही हर एक बात
र्मेरे प्रजतशोध की अजग्न को धधका रही थी जैसे ही उसने अबकी बार तलवार
लहराई र्मैने उसका हाथ पकड जलया और दू सरे हाथ से एक घूाँसा उसकी
पसजलयो र्मे जड जदया तलवार उसके हाथ से छूट गयी तो र्मैने उठा ली
थोडी दे र र्मेरे साथ यू ही रहो र्मुझे ददु हो रहा है तुर्म साथ रहोगी तो आरार्म
रहे गा तो लक्ष्मी बोली दे व अभी र्मुझे जाना होगा र्मुनीर्म जी सुबह से ही
अकेले है और तुर्म तो जानते ही हो जक आजकल उनकी तबीयत भी ठीक
नही रहती है पर र्मैं जल्दी ही वाजपस आ जाउन्गी र्मैने कहा ठीक है लक्ष्मी के
जाते ही थोडी दे र बाद पुष्पा हल्दी वाला दू ध ले आई बोली र्माजलक इसे पी
लीजजए आरार्म जर्मलेगा
र्मैं दू ध पीने लगा वो वही पर बैठ गयी और बोली हुकुर्म र्मेरा तो जदल ही
जनकल आया था आज जब आप की पीठ पर तलवार का वार हुआ था र्मैने
कहा छोटी सी चोट है ठीक हो जाएगी वो बोली र्माजलक पूरी पीठ इतनी
गहरी जचर गयी है और आप कह रहे है जक छोटी सी है बडे ही जीवट वाले है
आप
र्मैं हल्का सा र्मुस्कुरा जदया पर उस र्मुस्कान र्मे भी ददु था जजसे र्मैं छु पा ना
सका
तो उनको आदर से र्मेहर्मान खाने र्मे जबठाया जाए और अच्छे से उनके जलए
जलपान की व्यवस्था की जाए अब वो खुद चल कर आए है तो र्मेहर्मान
नवा़िी तो बनती ही है और बाहर से बाबा को बुला लाओ ताजक वो र्मुझे
र्मेहर्मान खाने तक ले चले तो वो सर जहलाते हुवे बाहर चली गयी और जिर
बाबा की सहायता से र्मैं भी र्मेहर्मान खाने र्मे आ गया र्मार्मा राजेंदर बडे ही
ओजस्वी थे गवु जैसे साक्षात झलक रहा था उनके र्मुख से और वैसा ही तेज
र्मार्मी जी का था
र्मैने हाथ जोड कर उनको प्रणार्म जकया और सोिे पर बैठ गया उनसे ये
पहली र्मुलाकात थी तो र्मैं थोडा सा नवुस सा हो रहा था र्मार्मी उठी और प्यार
से र्मेरे सर पर हाथ िेर कर बोली दे व अब तबीयत कैसी है तुम्हारी र्मैने कहा
जी ़िख़्म ता़िा है तो बस ददु ही होता रहता है पर उम्मीद है जल्दी ही भर
जाएाँ गे तभी उनका ड्ाइवर और हर्मारे दो आदर्मी कई सारी जर्मठाइयो के
डब्बे और उपहार ले आए र्मार्मा बोले दे व ये कुछ भेंट है तुम्हारे जलए र्मैने
कहा अरे इसकी क्या ़िरूरत थी तो वो बोले अब बहन के घर आए है तो
खाली हाथ कैसे आ सकता था तभी पुष्पा नाश्ता लेकर आ गयी तो र्मैने उन्हे
नाश्ता करने को कहा सच बताऊ तो पहली ऩिर र्मे बडे ही सज्जन से लगे
र्मुझे तो जिर नाश्ते के बाद जिर से बातों का जसलजसला शुरू हो गया वो
बोले
र्मैने कहा र्मािी चाहता ह उसकी हालत का ज़िम्मेदार र्मैं ही पर क्या करू
हालात ही कुछ ऐसे हो गये थे , तो वो बोले जो हुआ सो हुआ उस जदन हर्में
अजेंट बाहर जाना पडा वरना ऐसा कुछ होता ही नही र्मार्मा जी बोले दे व हर्मे
पता चला था जक पहले भी तुर्म पर हर्मला हुआ था हर्म ने अपनी तरि से भी
खोज करवाई थी पर कुछ हाथ ना लगा र्मैने कहा जाने दीजजए वो बात अब
पुरानी हो गयी
कभी कभी तकलीफ़ होती है बाकी कुछ ़िख़्म भर गये है , कुछ भर जाएाँ गे
हर्म बात कर ही रहे थे जक पुष्पा आई और बोली- हुकुर्म दवाई लगाने का
सर्मय हो गया है तो गोरी बोली तुर्म जाओ र्मैं लगा दू ाँ गी दवाई तो पुष्पा ने
गहरी ऩिरो से उसको दे खा और जिर चली गयी और र्मैं और गोरी वाजपस
कर्मरे र्मे आ गये
तो वो बोली क्या कुछ भी बोलते रहते हो पीठ पर दवाई लगाने के बाद उसने
कहा जनक्कर उतारो गे तभी तो र्मैं दवाई लगा पाउन्गी तो र्मैने जनक्कर उतार
दी अब र्मैं खाली अंडर वेअर र्मे ही था और उपर से गोरी की ना़िुक
उं गजलयो का र्मादक स्पशु जब वो जााँ घ पर दवाई लगा रही थी तो उसका
हाथ बार बार लंड से छू रहा था तो वो धीरे धीरे करें ट र्मे आने लगा था
गोरी अपनी आाँ खो र्मे शरारती र्मुस्कान लाते हुए कहने लगी खाट र्मे पडे हो
पर हरकते वही है तुम्हारी र्मैने कहा अब तुर्म हो ही इतनी प्यारी और जिर
जर्मली भी जकतने जदनो बाद हो तो जिर अब हाल तो बुरा होना ही है वो कच्छे
के उपर से ही र्मेरे लंड को पकड ते हुवे बोली लगता है इसे भी इलाज की
़िरूरत है र्मैने कहा है तो सही पर करे गा कॉन
ये सुनकर गोरी दरवाजे तक गयी और उसको बंद करके र्मेरे घुटनो के नीचे
िशु पर बैठ गयी और कच्छे को भी उतार जदया और र्मेरे खडे लंड को
सहलाते हुवे बोली दे व ये तो बडा ़िूाँ़िार लग रहा है र्मैने कहा तुम्हे दे खकर
ही हो रहा है वो धीरे धीरे से र्मेरी र्मुट्ठी र्मारने लगी र्मैने अपनी आाँ खे बंद कर
ली गोरी उफ़ ििििििििििििििफ्फफ़
उिििििििििििििििििििफ्फफ़
कुछ दे र बाद र्मुझे लंड पर गीला गीला सा लगा तो र्मैने आाँ खे खोल कर दे खा
तो गोरी लंड को अपनी जीभ से चाट रही थी उसने अपनी आाँ खे र्मेरी तरि
की और आाँ ख र्मार दी र्मैने उसके सर को दबा जदया तो लंड उसके गले र्मे
अड गया गोरी के थूक से र्मेरी जां घे भी गीली होने लगी थी अब वो भी जवान
थी और शायद कच्ची कली थी तो उसकी भी सेक्स की इच्छा भडकने लगी
थी
अब वो पूरी तरह से र्मेरे लंड पर झुक गयी थी बार बार उसे र्मूह र्मे लेती और
जनकाल दे ती र्मेरे बदन र्मे एक र्म़िे की तरं ग दौड रही थी पूरी रफ़्तार से 10-
15 जर्मजनट तक र्म़िे से वो र्मेरा लंड चूश्कस्त रही जिर र्मेरे लंड से सिेद द्रव्य
की धार जनकली और उसके गले से टकराई तो उसने घबरा कर लंड को
र्मूह से बाहर जनकाल जदया पर लंड से जो जपचकारी िुट पडी थी
तो उसकी नाक , और गले को जभगोजत चली गयी गोरी खााँ सते हुए बोली बडे
ही कजर्मने हो तुर्म सारा र्मूह खराब कर जदया और पास रखे तोजलये से अपना
र्मूह सॉि करने लगी जिर उसने कुल्ला जकया और बोली आइन्दा से र्मूह र्मे
नही लूाँगी र्मैने कहा यार तू इतनी ़िोर से चूस रही थी जक जिर कंट् ोल हुआ
ही नही कुछ पल बाद गोरी अपनी सलवार का नाडा खोलते हुवे बोली
और जिर र्मैने भी उसकी रस से भीगी हुवी रोयेन्दार बालो वाली गुलाबी चूत
पर अपने होठ रख जदए तो लगा जक जैसे सर्मुन्दर का ढे र सारा खारा नर्मक
जकसी ने र्मेरे र्मूह र्मे भर जदया हो और गोरी का तो हाल उस एक चुंबन से
ऐसा हो गया जक क्या कहाँ , गोरी की आाँ खे उस र्मस्ती र्मे डूबती चली गयी
और चाहकर भी वो आपनी आह को अपने होटो र्मे ना दबा पाई और उसकी
जससकारी िुट पडी आहह आईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई
उू ु ु ु ु ु ु ु ु उउििििििििििििििििििििििि
फ्फफ़
दे व ये क्या कर जदया तुर्मने तो र्मैने कस्के उसकी चूत की गुलाबी पंखुजडयो
को अपने होटो र्मे भर जलया तो जैसे कार्म रस िुट पडा उन र्मे से गोरी की
टााँ गे अपने आप ही उपर को उठती चली गयी और वो र्मस्त र्मस्त आहे भरने
लगी गोरी बोली उिििििििििििििििफ्फफ़ ये तुम्हारी गरर्म
जीभ का स्पशु र्मेरी जान ही जलए जा रहा है दे व रुक जाओ र्मैं जपघल रही ह
पर र्मैं अब उसकी कुछ नही सुन ने वाला था , गोरी अपने हाथो से अपने
उभारों को दबाने लगी थी और अपनी जनप्पल्स को उं गजलयो से सहलाते हुए
बेड पर पैर पटक रही थी और र्मैने अब अपने हाथो से चूत की पंखुजडयो को
थोडा सा िैलाया और जिर अंदर के जहस्से को चाटने लगा जहा र्मैं र्म़िे से
उसकी अन्छु इ चूत का रस जपए जा रहा था और वो भी उस सुख को प्राप्त
कर रही थी
र्मैं अपनी बैंत का सहारा लेते हुए बाहर आया पता नही क्यो आज र्मेरा र्मूड
हो रहा था जक कहीं बाहर घूर्म आउ र्मैने कार का गेट खोला और उसे स्टॅ ट
करने लगा तो हर्मारा दरबान आया और बोला र्माजलक आपकी तबीयत भी
ठीक नही है इस हालत र्मे बाहर जाना उजचत नही है और र्महॉल भी ठीक
नही है कही कुछ हो गया तो, र्मैने कहा तुर्म जचंता ना करो र्मैं बस पास तक
ही जा रहा ह
तो र्मैं उतरा और पैदल पैदल ही आगे को बढ़ने लगा थोडी दू र जाने पर र्मुझे
पानी बहने की आवा़ि सुनाई दे ने लगी पर कोई नदी या नाला जदख नही रहा
था और जिर जैसे ही उन कॅजटली झाजडयो को पार करके र्मैं कुछ आगे बढ़ा
तो बस र्मैं दे खता ही रह गया ये तो एक बगीचा सा था छोटा सा था पर बेहद
ही सुंदर था चारो तरि तरहा तरहा के िूल श्कखले हुए थे कुछ पक्षी चहचाहा
रहे थे
इतना सुंदर ऩिारा र्मैने तो अपने जीवन र्मे पहली बार दे खा था र्मंत्रर्मुग्ध सा र्मैं
थोडा सा और आगे बढ़ा तो दे खा जक एक तरि पेडो के नीचे दो चार बेंच भी
लगी हुई थी तो र्मैं उधर ही चला गया अब पानी बहने की आवा़ि और भी
प्रबल हो गयी थी तो र्मेरे पााँ व अपने आप ही उस ओर बढ़ने लगे कुछ दू र
आगे जाने पर र्मैने दे खा जक नदी से कटकर एक पानी का सोता बनाया गया
है इधर
गला सा भी सूखने लगा था तो र्मैं सोते से पानी पीने लगा, पानी पी ही रहा था
जक पीछे से एक आवा़ि आई कॉन हो तुर्म? तो र्मैं उठा और पीछे दे खा ,
और क्या दे खा जक कोई र्मेरी ही हर्मउर्मर लडकी खडी है और उसका तेज
इतना था जक उसके रूप की ज्योजत से वो सारा क्षेत्र ही जगर्मग करने लगा ,
इतनी सुंदर जक जलखने लगूाँ उसके रूप के बारे र्मे तो जिर ये शब्द ही कर्म
पड जाए
रूप ऐसा जैसे जकसी ने र्मलाई वाले दू ध र्मे चुटकी भर केसर जछडक जदया
गया हो गोरे रं ग पर गुलाबी रं गत लगा जक जैसे सश्कियत स्वगु से कोई दे वी
उतर आई हो और उसके गुलाबी अधरो पर जो वो छोटा सा जतल था बस
अब र्मैं क्या कहाँ , कानो र्मे सोने के बूंदे गले र्मे रे शर्मी र्माला की डोरी और
उस लाल घाघरा चोली र्मे क्या खूब लग रही थी र्मैं तो उसके उस रूप की
आाँ धी र्में कहीं खोता ही चला गया
क्या तेवर है हुजूर के , र्मैने कहा जैसी आपकी र्म़िी र्मालजकन साजहबा पर
थोडी से भूख भी लग आई है तो आप आग्या दें तो दो चार िल खा लूाँ तो वो
बोली हााँ ठीक है पर इधर वाजपस ना आना तो र्मैं एक पेड के पास गया और
कुछ िल तोडने की कोजशश करने लगा उसके रूप की कजशश र्मे र्मैं अपने
शरीर की हालत को भी भूल ही गया था
र्मैने ददु भरी आवा़ि र्मे कहा जक बहुत ददु हो रहा है तो वो कहने लगी दो
जर्मजनट रूको र्मैं कुछ करती ह तो उसने र्मेरे जखर्म को सॉि जकया और
जिर र्मेरी शटु की आस्तीन को िाड कर पट्टी सी बााँ ध दी और बोली जक
जल्दी से जकसी डॉिर को जदखा लेना र्मैने कहा ठीक है जी पर र्मेरी हालत
ऐसी थी जक र्मुझसे खडा ही नही हुआ जा रहा था बहुत ही तेज ददु हो रहा
था
र्मैने कहा ़िरा सुजनए आप र्मेरी थोडी सी र्मदद और कर दीजजए उधर पास
र्मे ही र्मेरी गाडी है आप र्मुझे प्ली़ि उधर तक छोड दीजजए तो वो बोली चलो
ठीक है और जिर र्मुझे सहारा दे ते हुए वहााँ तक ले आई और र्मेरी शानदार
कार को दे खते हुए बोली इतनी र्महाँ गी कार तो र्मैने झूठ बोलते हुए कहा जक
जी र्मेरे र्माजलक की है और जिर जैसे तैसे करके जल्दी से कार र्मे बैठ गया
आाँ खो आाँ खो र्मे रात कट गयी सुबह जब नोकर जगाने आया तो उसने दे खा
जक दे व तो जगा ही हुआ है तो वो वाजपस चला गया इधर दे व तो जैसे जकसी
शराब की बॉटल र्में डूब गया हो ऐसा हाल हुआ उसका खोया खोया सा लग
रहा था वो जब पुष्पा ने उसको नाश्ता परोसा तो भी उसका ध्यान कही ओर
ही था तो पुष्पा बोली र्माजलक नाश्ता कर लीजजए , लगता है आपको पसंद
नही आया र्मैं कुछ और बना कर लाती ह,
बस र्मेरा र्मन नही कर रहा है बात करते करते ही दे व जबस्तर से उठने लगा
तो पुष्पा टोकते हुए बोली र्माजलक आप उठ क्यो रहे है आपकी तबीयत जिर
से जबगड जाएगी आप लेटे ही रहे पर उसने कोई ध्यान नही जदया और
अपनी बेंत का सहारा लेकर बेड से नीचे उतर गया पर उतरते ही उसके पैर
से साथ नही जदया और वो कराहते हुवे जबस्तर पर जिर से बैठ गया
सहर से कुछ जकलोर्मेटेर दू र र्मुझे गोरी और उसकी सहे जलया जर्मल गयी ,
गोरी दौडकर र्मेरे सीने से लग गयी और ़िोर ़िोर से रोने लगी र्मैने कहा बस
चुप हो जा र्मैं आ गया ह तू ये बता वो जकस गााँ व के थे तो उसने बता जदया
र्मैने नंदू से पूछा की सुबह सहर जाने वाली बस वाजपस कब तक आती है तो
पता चला जक 3 साढ़े तीन तक वाजपस आती है र्मैने कहा गाडी को रोड पर
लगा दे नंदू
र्मैं गुस्से से पागल हो रहा था तभी र्मुझे दू र से बस आती जदखी तो र्मेरे नथुने
िडकने लगे चूाँजक र्मेरी कार सडक के बीचो बीच खडी थी तो बस ड्ाइवर
को बस र्मजबूरी र्मे रोकनी पडी, वो जचल्लाता हुवा बोला बाप का रोड सर्मझा
है क्या हटा कार यहााँ से तो र्मैने कहा साले चुप करके खडा हो़िा वरना
अगले पल तेरी ़िुबान हलक से खीच लूाँगा तो वो सहर्म गया र्मैने गोरी का
हाथ पकडा और बस र्मे चढ़ गया और बोला बता कॉन थे वो तो उसने लास्ट
की सीट की तरि इशारा जकया कुछ 6-7 लडको का ग्रूप था र्मैने कहा चुजन्न
जकसने खीची थी तो उसने उं गली से बता जदया और र्मैं झपटा उस ओर और
सीधा उसकी छाती पर लात र्मारी और उसको खीच कर बस से उतार जलया
और र्मारने लगा तो उसके जो दोस्त थे वो भी उतर आए ये तो नंदू ने भी
बंदूक उठा ली
र्मैने कहा नही नंदू ये र्मेरे जशकार है , तू बस दे ख तो एक बोला तू कॉन है बे
साले जो इतना उिन रहा है क्या हो गया जो थोडी छे डखानी कर ली कुछ
तोड तो नही जलया ना इसका जानता है र्मेरा बाप कॉन है ये सुनकर र्मुझे
और भी गुस्सा आ गया र्मैने कहा हरार्म की औलाद शूकर र्मना जक र्मैने अभी
तक नही बताया जक र्मैं कॉन ह और गोर से दे ख तूने जकस का आाँ चल पकडा
था
तुम्हारी र्मााँ बहन भी तो सहर जाती होंगी कोई उनके बदन को जब जनहारे तो
तुम्हे कैसा लगेगा तो वो सब र्मािी र्मााँ गने लगे र्मैने गोरी को कार र्मे जबठाया
और उसकी सहे जलयो को कहा जक तुर्म सब बस र्मे घर जाओ और बेजिकर
हो कर जाओ र्मेरे रहते जकसी की औकात नही जो अजुुन गढ़ की बहन
बेजटयो की ओर आाँ ख उठा कर दे ख सके र्मेरे बैठते ही नंदू ने कार स्टाटु कर
दी र्मैने शीशा थोडा नीचे कर जदया ताजक उस कजर्मने की चीखे सुन सकूाँ ,
सडक पर जघसते हुए हर पल उसकी चीखे बढ़ती जा रही थी जब हर्म उसके
गााँ व र्मे पहुचे तो उसकी खाल बुरी तरह से उतर गयी थी अंदर का र्मााँ स कट
कट रहा था और खून तो ऐसे बह रहा था जक बस … र्मैने कहा खोल नंदू इसे
गााँ व र्मे भीड जर्मा होने लगी थी उसका बाप गााँ व का ़िर्मींदार था
तो वो बोली र्मााँ है नही घर पर तो आ गयी र्मैने कहा अच्छा जकया र्मैं भी बोर
हो रहा था र्मैने गोरी को खीच कर अपनी गोद र्मे जबठा जलया और उसकी
गदु न पर अपनी ़िुबान जिराने लगा तो गोरी कसर्मसाते हुवे बोली दे व र्मत
छे डो ना जिर र्मुझे खुद पर काबू करना र्मुश्किल हो जाता है र्मैं अपने दााँ त
उसकी सुरजहदार गदु न पर गढ़ाते हुवे बोला तो जिर आज हो जाना बेकाबू
जकसने रोका है
र्मैं अपने हाथ उपर ले गया और सूट के उपर से ही उसके पुष्ट उभारों को
दबाने लगा तो गोरी शरर्माते हुए बोली दे व र्मत छे डो र्मुझे र्मान भी जाओ ना
तो र्मैने कहा गोरी बस कुछ दे र खेलने दे ना अच्छा लग रहा है तो वो शरर्माते
हुए बोली पर र्मुझे तुम्हारा वो नीचे चुभ रहा है तो र्मैने गोरी को बेड पर जलटा
जदया और उसके उपर चढ़ गया
और उसको अपनी बाहों र्मे दबोच जलया गोरी के कााँ पते होठ र्मुझे अपनी
ओर बुला रहे थे तो र्मैने अपने प्यासे लबो पर जीभ िेरी और गोरी के सुखु
होटो से अपने होटो को जर्मला जलया र्मैं तो कई जदनो से प्यासा था आज र्मैं जी
भर कर गोरी के शहद से भरे होटो को पीना चाहता था तो र्मैं काफ़ी दे र तक
उनको चाट ता ही रहा जिर गोरी ने अपना र्मूह अलग जकया
र्मैं कश्कच्छ के उपर से ही उसको जकस करने लगा तो गोरी बेड पर नाजगन की
तरह र्मचलने लगी र्मस्ती उसके रोर्म रोर्म र्मे भरती जा रही थी तभी गोरी
बोली दे व रुक जाओ ना सुबह का टाइर्म है पुष्पा आती ही होगी थोडी दे र र्मे
र्मैने कहा तू उसकी जचंता ना कर बस र्मेरा साथ दे तो जिर उसने कुछ नही
कहा र्मैने उसकी कश्कच्छ की एलाश्कस्टक र्मे अपनी उं गजलया डाली और उसको
भी उतार कर िेक जदया
हल्की रोएाँ दार झान्टो के बीच र्मे छु पी हुई उसको छोटी सी गुलाबी योजन रस
से भरी पडी थी तो र्मैं अपनी उं गली को उसकी चूत की दरार पर जिराने
लगा गोरी बडी र्मस्त होकर हल्की हल्की सी जससकाररयााँ भरने लगी थी जिर
र्मैं अपनी उं गली को अंदर घुसाने की कोजशश करने लगा तो गोरी ने र्मेरा
हाथ पकड जलया और बोली ऐसा ना करो ददु होता है तो र्मैने कहा और जब
इसर्मे लंड जाएगा तब ,
तो वो शरर्माते हुए बोली धात, बेशर्मु हो तुर्म तो र्मैने अपने होटो र्मे उसकी
चूत को भर जलया तो गोरी जैसे सीधा आसर्मान की सैर पर पहुच गयी और
बोली उिििििििििफ्फफ़ ओह दे वववववववववववववववव ईईए
कैसा जादू कर दे ते हो तुर्म जकतना अच्छा लगता है जब तुर्म वाहा पर
जकस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स करते ईईईई हऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ ओह
आआआआआआआआाआआआआआआआ
वहााँ पहुचने र्मे करीब बीस पच्चीस जर्मजनट लग गये र्मैं जैसे ही तो वहााँ पहुचा
तो दे खा जक कुछ लोग जर्मा थे वहााँ पर और पोलीस की गाडी भी खडी थी
र्मुझे दे खते ही इनस्पेिर र्मेरे पास आया और बोला जक ठाकुर साहब र्मेरे
साथ आइए तो र्मैं उसके पीछे पीछे चल पडा और जिर र्मैने कुछ ऐसा र्मं़िर
दे खा की र्मेरा कलेजा कााँ प गया लगा जक जैसे ये क्या हो गया
अब र्मेरी आाँ खो से रुलाई िुट पडी र्मैं वही उसकी लाश से जलपट जलपट कर
रोने लगा हाई रार्म!!!!!!!!!!!!!!!!!! ये क्या हो गया र्मुझे लगा की जैसे र्मेरे
सर पर जैसे कयार्मत ही टू ट पडी थी ये जसफ़ु दो लाशें ही नही थी बश्कल्क
ठाकुर दे व के चेहरे पर एक करारा तर्माचा थी , र्मेरी आाँ खो र्मे जैसे खून
उतर आया था र्मैने घोर रुदन करते हुए कहा थानेदार आज रात तक र्मुझे
इनके काजतल र्मेरी आाँ खो के सार्मने चाजहए वरना र्मैं सब कुछ तहस नहस
कर दू ाँ गा तो इनस्पेिर बोला हर्म कोजशश कर रहे है , वो बोला र्मैं लाशों को
पोस्टर्माटु र्म के जलए जभजवा दे ता ह तो र्मैने र्मना करते हुए कहा नही अब
इनकी और जर्मट्टी खराब नही करनी है ये र्मेरे जीवन का एक और दु ख था
पररवार तो पहले ही छोड कर चला गया था ले दे कर ये कुछ लोग ही थे
और अब चंदा और नंदू का भी कतल हो गया था
कुछ ही दे र र्मे खबर आग की तरह िैल गयी थी और गााँ व के कई लोग आ
गये थे , र्मैने अपने हाथो से उन दोनो का अंजतर्म-संस्कार जकया आज़िर र्मेरे
जलए पररवार ही तो थे वो लोग , र्मैं खुद को बडा कोस रहा था उस रात
हवेली र्मे बस घोर अंधेरा छाया हुआ था एक दीपक भी नही जला था , सब
लोग गहरे सदर्मे र्मे थे और र्मेरी आाँ खो र्मे भी कुछ आाँ सू थे, और जदल रोए
जा रहा था
वहााँ पहुचते ही र्मैने जबरजू से इशारा जकया तो वो बोला हुकुर्म जब र्मैं दारू
लेने इधर आया तो वो लोग इधर ही पी रहे थे और चंदा के बारे र्मे बात कर
रहे थे पर अभी वो जदख नही रहे है र्मैने कहा ठे के वाले को बुलाओ ़िरा तो
र्मैने उससे कहा भाई करीब दो घंटे पहले कुछ अजनबी लोग इधर दारू पी
रहे थे वो जकधर गये तो वो बोला रे बावले भाई इधर ना जाने जकतने अजनबी
आते है
र्मैं जकस जकस का ध्यान रखू रे , एक तो र्मेरा जदर्माग़ पहले ही भन्नाया हुआ था
और उपर से उसने र्मुझे सीधी तरह से जवाब नही जदया तो र्मेरी खोपडी घूर्म
गयी तो र्मैने एक गोली सीधा उसके पााँ व र्मे र्मार दी और बोला अब याद
आया कुछ तो ़िर्मीन पर पडा हुवा ददु से कराहते हुवे बोला र्मािी दे दो
साहब बता ता ह , वो लोग पेशेवर गुंडे है
3-4 तो वही पर र्मर गये और 2-3 को हर्म अपने साथ ले आए पर र्मैं उनको
हवेली की बजाय सीधा अपने बाग र्मे लेकर गया और जिर लखन से कहा
जक इन सालो की जब तक र्मरम्मत कर तब तक जक ये बात करने लायक ना
हो जाए तो जिर र्मेरे आदजर्मयो ने भी दबाकर अपनी भडास जनकली , जिर
र्मैने पूछताछ शुरू की , र्मैने कहा उन र्मााँ बेटों को क्यो र्मारा
जब र्मुझे लगा जक वास्तव र्मे इस को कुछ पता नही है तो र्मैने कहा र्मार दो
दोनो को और लाशों को जनवरो को श्कखला दे ना र्मैने लखन को सर्मझाया जक
चोकन्ने रहना और सब लोग साथ ही रहना अकेले ना रहना आकल अपना
टाइर्म कुछ ठीक नही है तो होजशयार रहना जिर र्मैं हवेली आ गया और
सोचने लगा जक कॉन औरत हो सकती है वो र्मैने पुष्पा को बुलाया और कहा
जक पुष्पा तू जकतनी औरतो को जानती है जो लाख रुपये झटके र्मे खरच कर
सकती है तो वो बोली र्माजलक लाख रुपये जकतनी बडी रकर्म होती है ,हर्म
ग़रीबो के पास कहााँ से आए र्मैने कहा गााँ व र्मे बता तो वो बोली र्माजलक, र्मेरे
जहसाब से तो गााँ व र्मे 3-4 औरते ही होंगी जजनके पास इतना रुपया हो
सकता है र्मैने कहा बता ़िरा तो वो बोली एक तो सरपंच की पत्नी, सुना है
सरकारी पैसा खूब दबाया है सरपंच ने
जक तभी एक जर्मशरी सी आवा़ि र्मेरे कानो र्मे जैसे घुलती ही चली गयी र्मैने
आाँ खे खोली तो र्मेरे ठीक सार्मने वो ही हसीना खडी थी, गोद र्मे एक खरगोश
जलए वो र्मुझे दे खते हुए बोली जक अरे तुर्मको र्मैने कहा था ना जक उस जदन,
इधर जिर ना आना जिर क्यो चले आए, तुर्म र्मुझे जानते नही हो र्मैं कॉन ह
र्मैने कहा जी आपका बगीचा है ही इतना र्मनर्मोहक जक र्मैं खुद को रोक ही
नही पाया इधर आने से
वरना र्मेरी क्या र्म़िाल जो हुजूर की शान र्मे गुस्ता़िी कर सकूाँ, तो वो बोली
क्या तुम्हे अच्छा लगता है इधर आना र्मैने कहा जी बहुत तो वो बोली ठीक है
तो तुर्म आ सकते हो पर रोज नही कभी कभी और हााँ इधर आओगे तो
बगीचे को साँवारने र्मे र्मेरी र्मदद भी करनी होगी र्मैने कहा जी जैसा आप
कहें , तो वो भी र्मेरे सार्मने वाली बेंच पर आकर बैठ गयी
वो बोली कहो- र्मैने कहा जी आपका नार्म क्या है तो वो र्मुस्कुराते हुए बोली
क्या करोगे र्मेरा नार्म जानकर, र्मैने कहा जी करना तो कुछ नही है पर अगर
नार्म पता होता तो ठीक रहता तो वो बोली र्मेरा नार्म जदव्या है और यही कुछ
दू री पर र्मेरा घर है तुर्म दे खोगे र्मैने कहा जी ़िरूर तो उसने कहा जिर र्मेरे
पीछे आओ, तो र्मैं चुप चाप से उसके पीछे -पीछे चलने लगा
र्मेरी चोरी पकडी गयी थी र्मैने जकसी तरह बात को संभालते हुवे कहा जक जी
जब आप का घर ही इतना सुंदर है तो गााँ व भी सुंदर होगा इसी जलए बोल
जदया वो थोडा सा ब्लश करते हुए बोली वैसे बाते बडी अच्छी करते हो तो
र्मैने कहा आप भी तो जकतनी अच्छी हो थोडा थोडा सा अंधेरा होने लगा था
तो उसने कहा चलो अब र्मैं चली कार्म भी करना होगा
हवेली आया तो र्मेरा र्मूड बडा ही खुश खुश सा था पुष्पा रसोई र्मे थी तो र्मैं
उधर ही चला गया और उसको अपनी बाहों र्मे भर जलया र्मैने उसको रसोई
की दीवार से सटा जदया और उसके लाल लाल होटो पर जकस करने लगा वो
बोली छोजडए ना कोई आ जाएगा र्मैने कहा जकसकी र्म़िाल जो र्मेरे और
तुम्हारे बीच र्मे आए और वैसे भी कई जदन हो गये है तुम्हे प्यार नही जकया है
वो बोली पहले र्मुझे रसोई का कार्म सर्मेट लेने दें जिर र्मैं आती ह आपके
पास
तो र्मैं उसकी गान्ड पर जचकोटी काट ते हुवे बोला थोडा जल्दी कर के आना
, वो एक आह भर कर ही रह गयी थी र्मैं आकर बाल्कनी र्मे डाली कुसी पर
बैठ गया और जदव्या के बारे र्मे सोचने लगा जकतनी अच्छी थी वो जकतनी
सुंदर कुछ तो बात थी उसर्मे जो र्मेरा र्मन बार बार उसकी ओर भागने लगा
था ये ठं डी हवा क्या संदेशा लेकर आ रही थी र्मैं सर्मझ नही पा रहा था र्मैं
बेसिी से पुष्पा का इं त़िार कर रहा था तो करीब घंटे डे ढ़ घटने बाद पुष्पा
कर्मरे र्मे आई गीले बालों को दे खकर र्मैं सर्मझ गया था जक नहा कर आई है
र्मैने कहा ये अच्छा जकया जो नहा जलया अब तो र्म़िा ही आ जाएगा तो र्मैने
उसे अपन बेड पर खीच जलया और उसके शरीर से छे ड खानी करने लगा
र्मैने अपना हाथ उसकी साडी के अंदर घुसा जदया और उसकी केले के तने
जैसी जचकनी सुडोल टााँ गो पर जिराने लगा तो उसके बदन र्मे सुरसूराहट
बढ़ने लगी
वासना का सागर हर्म दोनो के शरीर र्मे जहलोरे र्मारने लगा था र्मैने पुष्पा को
खडी जकया और उसकी साडी उतार कर उसे नंगी कर जदया और जिर से
अपनी बााँ हों र्मे ले जलया उसके सुखु होटो पर लगी जलपीसजटक को चाट ते
हुवे र्मैं उसे छूने जा रहा था जबजक उसका हाथ अब र्मेरे कच्छे र्मे घुस कर
र्मेरे लंड को थार्म चुका था पुष्पा थरथराते हुवे बोली र्माजलक अब जल्दी से
अपने इस र्मूसल को र्मेरी चूत र्मे घुसा दीजजए अब सहा नही जा रहा है र्मैने
कहा ए अभी कहा अभी तो पहले जी भर कर तेरे इस हुस्न का दीदार
करू ाँ गा
तू पहले ़िरा र्मेरे लंड को चूर्म तो सही तो पुष्मा र्मेरी टााँ गो के बीच र्मे बैठ
गयी और र्मेरे लंड पर अपने होठ जटका जदए और उपर उपर से उसको चूर्म
ने लगा जिर दो पल बाद ही उसने लंड की खाल को हटा कर सुपाडे को
बाहर जनकाला और उस को अपने र्मूह र्मे ले जलया ना़िुक खाल पर उसकी
गरर्म जीभ के असर से र्मेरे बदन र्मे एक झनझनाहट ही िैल गयी र्मैने अपने
हाथ अपनी कर्मर पर रख जलए और उसे लंड चूस्ते हुवे दे खने लगा र्मैने कहा
पुष्पा अपने हाथ से गोजलयो को सहला तो वो वैसा ही करने लगी और र्मेरा
र्म़िा दु गने से भी दु गना हो गया था
कई दे र तक र्मैं ऐसे ही उसे अपना लंड चुस्वाता रहा अब र्मैने उसे बेड पर
घोडी बना जदया और उसके र्मस्त चुतडों को िैलाते हुवे अपने लंड को चूत
पर सटा जदया पुष्पा ने एक र्मीठी सी झुरजुरी ली और र्मैने उसकी कर्मर पर
अपने हाथ रखते हुवे लंड को चूत र्मे घुसाना शुरू कर जदया लंड चूत की
िां को को िैलाता हुवा पुष्पा की चूत र्मे जा रहा था और वो अपनी टााँ गो को
आपस र्मे जचपका रही थी उसके चौडे चुतडों को सहलाते हुवे र्मैं अपने लंड
को आगे पीछे करने लगा था पुष्पा आहें भरते हुवे बोली र्माजलक थोडा सा
धीरे धीरे कीजजए ऐसे ही र्म़िा आ रहा था र्मैने कहा ठीक है जैसे तू कहे
करीब दस जर्मजनट तक उसे घोडी बना ने के बाद र्मैं बेड पर लेट गया और
उसे अपने उपर ले जलया र्मैं उसके चुतडों को दबाते हुवे उसके गुलाबी होटो
को अपने र्मूह र्मे लेकर खाने लगा कभी कभी र्मैं वहााँ पर अपने दााँ तों से भी
काट लेता था तो वो जचहुनक जाती थी पर इस खेल र्मे ये छोटी र्मोटी
चुहलबाजी तो चलती ही रहती है पुष्पा ने योजनरस र्मे लथपथ र्मेरे लंड को
जिर से अपनी चूत पर रगडना शुरू जकया और जिर वो लंड पर बैठ गयी
उसकी झूलती हुई छाजतया बडी ही र्मनर्मोहक लग रही थी , लगा जक सारी
उर्मर बस उनको ऐसे ही दे खते रहं तो पुष्पा अब लंड पर उछल रही थी
उसकी सुंदर नाजभ बडी ही प्यारी लग रही थी र्मैने अपने हाथो र्मे उसके
उभारों को थार्म जलया और बडे ही प्यार से हौले हौले उनको सहलाने लगा
तो पुष्पा र्मंद र्मंद र्मुस्कुराने लगी चुदाई का खेल अपनी पूरी रफ़्तार से आगे
बढ़ा जा रहा था दोनो के बदन र्मे शोले िुट रहे थे अब र्मैने उसको अपने
नीचे ले जलया और उस पर चढ़ कर चोदने लगा
उसके जनचले होठ पर अपने दााँ तों के जनशान बनाते हुए उसकी प्यारी चूत
र्मारने र्मे बडा ही र्म़िा आ रहा था पुष्पा की छाजतया र्मेरे बोझ तले दबे हुई
जा रही थी उसने अपनी दोनो टााँ गे र्मेरी कर्मर के इदु -जगदु लपेट दी और हर्म
दोनो एक दू जे र्मे सर्माए हुए उन पलों का र्म़िा लूटने लगे थे, पुष्पा की चूत
की िां के बार बार लंड पर जैसे जचपक सी जाती तो सच र्मे उसकी चूत
र्मारने र्मे बहुत ही र्म़िा आ रहा था पुष्पा अब र्मेरे कानो पर काटने लगी थी
उफ़फ्फफ़ ये औरत के जजस्म की गर्मी अच्छे अच्छे को जपघला कर रख दे एक
पल र्मे ही तो हर्मारी चुदाई चल रही थी पुष्पा भी नीचे से अपनी कूल्हे र्मचका
र्मचका कर लुफ्त ले रही थी करीब 40-45 जर्मजनट तक हर्म दोनो ऐसे ही
एक दू जे र्मे सर्माए रहे इस बीच पुष्पा झड चुकी थी पर जिर भी र्मेरा साथ दे
रही थी और जिर र्मेरे लंड से वीयु की धारे जनकल कर उसकी चूत र्मे जगरने
लगी तो र्मैं भी आनंद के सागर र्मे जैसे डूब गया र्मैं उसके उपर ही पडा रहा
जब तक जक उसकी छूट ने वीयु की अंजतर्म बूाँद तक को अपने अंदर ना
सोख जलया जिर पुष्पा उठी और बोली र्माजलक आपने अंदर ही छोड जदया ,
कुछ जदनो पहले ही र्मेरा र्महीना हुआ है कही बच्चा ना ठहर जाए र्मैने कहा
जचंता ना कर कुछ नही होगा
और अगर कुछ होगा तो र्मैं हाँ ना तू क्यो जिकर कर रही है तो जिर उसने
अपने कपडे पहने और जाने लगी तो र्मैने कहा यहीं सो जा तो वो बोली नही
र्माजलक रात को गेट पर रहने वालों को चाइ दे नी पडती है कही आाँ ख लग
गयी तो जिर परे शानी होगी तो वो चली गयी और र्मैं जबस्तर पर अकेला रह
गया
अगले जदन र्मैं पैदल ही हवेली से जनकल गया और पीछे पहाडो की तरि
चल पडा र्मेरे र्मन र्मे कई तरह के सवाल थे जजनके जवाब र्मुझे तलाश करने
थे हर हाल र्मे आज़िर कॉन था जो इतनी घहरी पैठ रखता है जक हवेली की
इतनी कडी सुरक्षा होने के बाद भी ये खत छोड जाए जक दे व ठाकुर हवेली
का सूरज जल्दी ही अस्त हो जाएगा दरअसल बात ये थी जक कल रात पुष्पा
के जाने के बाद र्मैं तो सो गया था
जकस पर भरोसा करू जकस पर नही करू कुछ सर्मझ नही आ रहा था
हवेली के चारो और र्मजबूत बौंडरी बनवा दी गयी थी तो र्मतलब ही नही पैदा
होता था जक कोई बाहर से या दीवार िााँ द कर घुस सके तो इसी
कशर्मकशर्म र्मे र्मैं उलझा हुआ था आज़िर जब कोई अंदर घुस सकता है तो
कल को कोई कां ड भी कर सकता है दे व ठाकुर इन सवालो की भूल भुलैया
र्मे उलझ कर रह गया था आज़िर कोई तो र्मदद गार जर्मले जो इस र्मुसीबत
का हाल जनकालें
तराई र्मे दू र दू र तक र्मैदान था जो जक झाड झंखाड और पेडो से ढका हुवा
था तो र्मैं उधर ही चलने लगा करीब 1 कोस के बाद इलाका और भी गहराई
र्मे जाने लगा तो पेड पोधो की कतार और भी लंबी होने लगी थी सुनसान
इलाका और दू र दू र तक जकसी इं सान का पता नही र्मेरे र्माथे से पसीना चू
जनकाला पर र्मैं आगे और आगे चलता रहा और जिर र्मुझे कुछ ऐसा जदखा
जजसकी र्मुझे जबल्कुल भी उम्मीद नही थी र्मैं ते़िी से दौड ते हुए उस ओर
गया
तो र्मैं उपर चढ़ने लगा जब र्मैं उपर चढ़ा तो दे खा जक र्मैं तो हवेली र्मे ही
वाजपस आ गया ह अब बारी र्मेरे आश्चयुचजकत होने की थी ये हवेली का वो
कर्मरा था जजसर्मे दादा जी रहा करते थे अब र्मेरी सर्मझ र्मे एक बात तो आ
गयी थी जक जो भी हवेली र्मे आया था वो इसी रास्ते से आया था क्योंजक जो
भी चौकीदार थे वो सब गेट पर ही बने कर्मरों र्मे रहते थे हवेली र्मे आने का
हक बस र्मुझे और पुष्पा या कुछ ही लोगों को ही था
लेजकन वो रास्ता जकसने बनाया ़िरूर वो पुराना रास्ता होगा क्योंजक अक्सर
ऐसी जगहों र्मे ़िुजफ़या रास्ते भी बनाए जाते रहे है पर लक्ष्मी की कार वहााँ
पर क्या कर रही थी र्मैने लक्ष्मी को िोन जकया तो पहली ही घंटी र्मे िोन
उठ गया र्मैने सीधा पूछा कहााँ हो तुर्म और कब तक आओगी तो उसने कहा
जक र्मैं र्मेरे बेटे के पास हाँ और दो चार जदन र्मे आ जाउन्गी
र्मेरे जदर्माग़ र्मे कुछ शक का कीडा बुलबुलाने लगा था तो र्मैने तुरंत ही गोरी
को बुलावा भेजा तो पता चला जक वो स्कूल गयी हुई है तो र्मैं सीधा स्कूल के
ही पहुच गया र्मैने कहा गोरी तेरा भाई जहााँ पढ़ता है उधर का अड्ेस दे
अभी और इस बारे र्मे जकसी को र्मत बताना तो उसने कुछ नही पूछा और
पता दे जदया र्मैं उसी टाइर्म उस शहर के जलए जनकल पडा वहााँ पहुचते
पहुचते र्मुझे ऑलर्मोस्ट अगली सुबह ही हो गयी थी आाँ खे नींद र्मे डूब रही थी
बदन थक कर चूर हो रहा था पर र्मुझे अब जल्दी से जल्दी लक्ष्मी के बेटे से
जर्मलना था , तो र्मैं करीब 11 बजे उसके कॉलेज के जवज़िटसु ऑिीस र्मे था
उन्होने कहा आप थोडा इं त़िार करें हर्म बुलवा रहे है , जैसे ही र्मैने लक्ष्मी
के बेटे को दे खा कुछ ़िास नही लगा वो र्मुझे दु बला पतला सा आाँ खो पर
ऩिर का चश्मा, र्मैने उसे अपना पररचय जदया और कहा जक र्मााँ कहााँ है तो
वो बोला र्मााँ इधर क्या करने आएाँ गी
हवेली आने के बाद र्मैं इसी पेशो-पेश र्मे था रात जघरी आई थी पुष्पा अपने
घर जा चुकी थी र्मैने सोचा जक क्यो ना आज रात हवेली को अच्छे से दे खा
जाए आज़िर इतने कर्मरे थे जो अब भी बंद पडे थे कुछ तो जर्मलेगा ही कोई
तो रा़ि है जजसका र्मुझे पता नही था तो र्मैने एक एक कर्मरे को खंगालना
शुरू कर जदया दो-चार कर्मरो र्मे तो बस कपडो गहनो के अलावा कुछ ना
जर्मला कुछ र्मे जकताबें और िालतू की ची़िे पडी थी
पर र्मैं तलाश करता रहा आज़िर र्मे र्मुझे एक कर्मरे र्मे एक बॉक्स र्मे एक
चााँ दी का हार जर्मला उसे दे ख कर र्मुझे लगा जक ऐसा का ऐसा र्मैने कही तो
दे खा है पर याद नही आ रहा था काफ़ी याद करने पर भी याद नही आया तो
र्मैने उसे साइड र्मे रखा और जिर से ची़िो को तलाशने लगा आज़िर एक
कर्मरे र्मे र्मुझे कुल दस्ता वेज जर्मल गये करीब पााँ च साल पुराने थे धूल र्मे पडे
हुए
र्मैने कहा असली पेपसु कहााँ है और सबसे इं पॉटें ट बात बता जक जब अगर
लक्ष्मी को प्रॉपटी का ही लालच था तो र्मुझे यहााँ क्यो बुलाया गया चुप चाप से
ही कब्जा क्यो नही कर जलया तो वकील घबराई हुई सी आवा़ि र्मे बोला
ठाकुर साहब आपने शायद वसीयत ठीक से नही पढ़ी उसर्मे ये जलखा था जक
अगर जकसी कारण से दे व प्रॉपटी को क्लेर्म ना कर पाए तो ये सब कुछ
सरकार के पास चला जाए और उनकी जनगरानी र्मे एक अनाथालय बना
जदया जाए
दो चार जदन ऐसे ही गुजर गये और जिर हवेली र्मे लक्ष्मी आई र्मैने कहा कहााँ
गयी थी तुर्म जकतने जदन लगा जदए आने र्मे तो उसने बताया जक वो बेटे से
जर्मलने गयी थी जबजक र्मुझे पहले से ही पता था जक वो कहीं और से आ रही
है र्मैने पर कुछ भी जाजहर नही होने जदया और उस से बाते करता रहा अब
कैसे उगलवाऊ उस से जक वो कहााँ गयी थी बात करते करते र्मुझे कुछ सूझा
तो र्मैने कहा जक र्मुझे शहर तक जाना है पर र्मेरी गाडी र्मे कुछ प्राब्लर्म है तो
क्या तुम्हारी कार ले जाउ
उसने कहा ये भी कोई पूछने की बात है र्मेरा सब कुछ तुम्हारा ही तो है र्मैने
गाडी ली और स्टाटु कर के बाहर जनकल गया सुनसान जगह र्में आते ही र्मैने
गाडी को चेक करना शुरू जकया आज़िर कुछ तो जर्मले जजस से पता चले जक
आज़िर ये गयी कहााँ थी पर इधर भी हताशा ही हाथ लगी कुछ नही जर्मला
दो-तीन बार अच्छे से चेक जकया पर रह गये खाली हाथ पर कुछ तो श्कखचडी
पक ही रही थी जजसर्मे लक्ष्मी भी शाजर्मल थी पर डाइरे ि् ली उस से कुछ
पूछ नही सकता था
र्मैं अपने हाथ उपर ले गया और सूट के उपर से ही उसके पुष्ट उभारों को
दबाने लगा तो गोरी शरर्माते हुए बोली दे व र्मत छे डो र्मुझे र्मान भी जाओ ना
तो र्मैने कहा गोरी बस कुछ दे र खेलने दे ना अच्छा लग रहा है तो वो शरर्माते
हुए बोली पर र्मुझे तुम्हारा वो नीचे चुभ रहा है तो र्मैने गोरी को बेड पर जलटा
जदया और उसके उपर चढ़ गया
और उसको अपनी बाहों र्मे दबोच जलया गोरी के कााँ पते होठ र्मुझे अपनी
ओर बुला रहे थे तो र्मैने अपने प्यासे लबो पर जीभ िेरी और गोरी के सुखु
होटो से अपने होटो को जर्मला जलया र्मैं तो कई जदनो से प्यासा था आज र्मैं जी
भर कर गोरी के शहद से भरे होटो को पीना चाहता था तो र्मैं काफ़ी दे र तक
उनको चाट ता ही रहा जिर गोरी ने अपना र्मूह अलग जकया
र्मैं कश्कच्छ के उपर से ही उसको जकस करने लगा तो गोरी बेड पर नाजगन की
तरह र्मचलने लगी र्मस्ती उसके रोर्म रोर्म र्मे भरती जा रही थी तभी गोरी
बोली दे व रुक जाओ ना सुबह का टाइर्म है पुष्पा आती ही होगी थोडी दे र र्मे
र्मैने कहा तू उसकी जचंता ना कर बस र्मेरा साथ दे तो जिर उसने कुछ नही
कहा र्मैने उसकी कश्कच्छ की एलाश्कस्टक र्मे अपनी उं गजलया डाली और उसको
भी उतार कर िेक जदया
हल्की रोएाँ दार झान्टो के बीच र्मे छु पी हुई उसको छोटी सी गुलाबी योजन रस
से भरी पडी थी तो र्मैं अपनी उं गली को उसकी चूत की दरार पर जिराने
लगा गोरी बडी र्मस्त होकर हल्की हल्की सी जससकाररयााँ भरने लगी थी जिर
र्मैं अपनी उं गली को अंदर घुसाने की कोजशश करने लगा तो गोरी ने र्मेरा
हाथ पकड जलया और बोली ऐसा ना करो ददु होता है तो र्मैने कहा और जब
इसर्मे लंड जाएगा तब ,
तो वो शरर्माते हुए बोली धात, बेशर्मु हो तुर्म तो र्मैने अपने होटो र्मे उसकी
चूत को भर जलया तो गोरी जैसे सीधा आसर्मान की सैर पर पहुच गयी और
बोली उिििििििििफ्फफ़ ओह दे वववववववववववववववव ईईए
कैसा जादू कर दे ते हो तुर्म जकतना अच्छा लगता है जब तुर्म वहााँ पर
जकस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स करते ईईईई हऊऊऊऊऊऊऊऊऊऊ ओह
आआआआआआआआाआआआआआआआ
उसका बदन पता नही क्यों कां प रहा था तो र्मैने उसे जबल्कुल ररलॅक्स होने
को कहा और बोला जक अगर वो कंिटु बल नही है तो रहने दे ते हैं तो वो
बोली नही ठीक हैं तो र्मैने अपना हाथ उसकी गदु न र्मे डाला और उसे थोडा
र्मेरी ओर खींच जलया गोरी कसर्मसाने लगी र्मैने दे र ना करते हुवे उसके गालो
को चूर्म जलया अब गरर्म तो वो थी ही बस थोडा ठहराव आ गया था गालो को
चूर्मते चूर्मते र्मैं उसके हल्के लाल लाल होंटो की ओर बढ़ रहा था और जिर
र्मैने अपने होंठ उसके होंटो से जोड जदए ऐसा लगा जैसे को जपघली हुवी
आइस िीर्म हो धीरे से र्मैने उसके शरीर पे जलपटी चादर को एक साइड कर
जदया और उसकी पीठ सहलाने लगा जिर उसे जलटा जदया और उसका हाथ
अपने लंड पे रख जदया
उसने जबना जकसी शरर्म के उसे थार्म जलया र्मैं एक बार जिर से उसके
कोर्मल अधरो का रस चूसने लगा वो उिेजना के जशखर की ओर अग्रसर
होने लगी उसके हाथ का दबाव लंड पे बढ़ता ही जा रहा था गोरी का बदन
ऐसे तप रहा था जैसे उसे बुखार चढ़ा हो अब र्मैने उसके बोबे को चूसना
शुरू जकया और उसकी चूत पे अपनी उं गजलया िेरने लगा जबना बालो की
एक दर्म करारी चूत जजसपे आज र्मेरे लंड की र्मोहर जटकने वाली थी उसकी
जनप्पल जबल्कुल गुलाबी रं ग की थी वो खुद र्मेरे चेहरे को अपनी छाजतयों पे
दबाए जा रही थी जब र्मेरी उं गजलया उसकी चूत से टकराई तो र्मैने गीलापन
सॉि र्मह सूस जकया उसकी चूत थोडी लंबी सी थी बाजकयों से थोडी अलग
सी र्मैं उसके दाने को जोरो से रगडने लगा
उसकी टााँ गे अकडने लगी र्मैं थोडा उपर हुआ और उसके होंठो को एक बार
जिर अपने र्मूह र्मे भर जलया र्मैं बहुत ही ़िोर से उं गली करता जा रहा था
गोरी बुरी तरह कां प रही थी र्मैने दू सरी उं गली भी चूत र्मे सरका दी और पूरी
स्पीड से अंदर बाहर जकए जा रहा था उसका हाल बहुत बुरा हो रहा था जिर
र्मैं झट से नीचे आया और चूत पे अपने होंठ जटका जदए अब र्मेरी जीभ उसे
अपना कर्माल जदखाने लगी वो 5 जर्मजनट भी ना जटक पाई और अपना गाढ़ा
सिेद पानी छोड जदया और जकसी लाश की तरह पसर गयी उसकी आाँ खे
बंद थी और छाजतया जकसी ढोाँकनी की तरह उपर नीचे हो रही थी र्मैं उसके
पास लेट गया और उसे से सट गया उसने आाँ ख खोली और बडे प्यार से र्मेरी
ओर दे खने लगी
र्मैने कहा गोरी इसे चुसोगी तो उसने अपना सर हां र्मे जहला जदया और र्मेरी
टााँ गो के पास बैठ ते हुवे लंड को अपने र्मूह र्मे भर जलया और तुरंत ही
जनकाल भी जदया और थूकते हुवे बोली ये तो खारा खारा हैं तो र्मैने कहा कुछ
नही होता जानेर्मन दु जनया तो इसे चाटने के जलए र्मरती है और तुम्हे पसंद
नही आ रहा तो उसने उसे पानी से धोया और चूसने लगी उसकी जीभ का
स्पशु बहुत ही जबरदस्त था र्मेरे हाथ खुद ब खुद उसके सर पे कस गये वो
बडी ही अदा से लंड चूस रही थी पहले वो उसे पूरा र्मूह र्मे लेती चुस्ती और
झट से बाहर जनकाल दे ती थी
र्मैं जबना रुके उसके होंठो को जपए जा रहा था र्मैने अपनी हथेली उसकी चूत
पे रख जदया और उसको र्मसल्ने लगा उसकी चूत तो बहुत ही ज़्यादा गरर्म
हो रही थी उसकी चूत की साइड से पसीना बह रहा था र्मैं अपनी उं गली को
उसकी चूत के दाने और उसकी लाइन पे जिराने लगा उसके बदन र्मे
कंपकंपी होने लगी
र्मेरे लंड का भी बुरा हाल हो रहा था तो दे र करना उजचत नही था र्मैने उसे
जलटा जदया और उसकी टााँ गो को चौडा कर जदया र्मैने अपने र्मुाँह को नीचे
जकया और ढे र सारा थूक उसकी चूत पे लगा जदया थोडा अपने लंड की टोपी
पे भी लगाया और लंड को चूत पे सेट कर जदया पहली बार र्मे लंड जिसल
गया कई ट् ाइ की पर लंड घूंस ही नही रहा था तो र्मैने सुपाडे को कस के
छे द पे रखा और अपना पूरा ़िोर लगाते हुए धक्का र्मारा अबकी बार सुपाडा
अंदर घूंस गया जैसे ही सुपाडा अंदर घूाँसा उसकी आाँ खो की आगे तारे नाच
उठे सां स गले र्मे ही अटक गयी उसने अपनी जीभ को दााँ तों र्मे जदया आाँ खो
से आाँ सुओ की धारा बह जनकली गोरी रोते हुए बोली
रीईईईईईईईईईईई
र्माआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ
आआआअ
आआआआआआआआआआआअ र्मररर््ु र््ु र््ु र््ु र््ु र््ु र््ु र्ु रर
र््ु र््ु जडु ईईईईईईईईईईईईईय् ाआआआआआआआआआआआआआआआआ
आआआआआआआआआआआरीईईईईईईईईईईईईईईईई
ईईईईईईईईईईईईई बाआआआआआआहर््ु र््ु र््ु र््ु र््ु र््ु रर
र््ु र््ु र््ु रर
न्र्रननननननननननश्कननईीईईईईईईईईईईईईईईईईईजईककककककककक
कककककाअ
आआआआआआआाअलल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्
ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल्ल लीईईईईईईईईईईईईईईईईई अभी जनकाल लो दे व र्मुझे नही
लेना
र्मज्जाआाआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआआ
आआआआआआआआआआआ पर र्मुझे पता था जक एक बार अगर अगर
लंड को बाहर जनकाल जलया तो जिर ये हाथ नही आए गी वो जकसी हलाल
होती हुई र्मुगी की तरह हो रही थी तो र्मैने अपना हाथ उसके र्मुाँह पे रख
जदया ताजक वो चीख ना र्मार सके और एक और धक्का लगाते हुए पूरे लंड
को उसकी चूत की गहराइयो र्मे उतार जदया
इतनी जल्दी जकस जलए उसकी आाँ खो र्मे आाँ सू आ गये और गालो पे बहने
लगे र्मैने उसके आाँ सू चाट जलए और उसके कान र्मे कहा थोडा अड् जस्ट
करने की कोजशश करो ये ददु बस कुछ ही दे र र्मे गायब हो जाएगा और
उसके होंठ चूर्मने लगा कुछ जर्मजनट बाद र्मैने लंड को थोडा सा खींचा और
जिर से अंदर डाल जदया गोरी की आआआआआआः जनकल गयी र्मैं धीर्मे
धीर्मे धक्के र्मारने लगा उसकी चूत बहुत ज़्यादा टाइट थी और र्मेरे लंड पे
पूरा दवाब पड रहा था गोरी ने अपनी बाहें र्मेरी पीठ पे कस दी और अपने
दााँ तों से र्मेरी गदु न पे काटने लगी वो जकसी जंगली जबल्ली की तरह जबहे जवयर
कर रही थी
र्मैने उसे कस्के दबोच जलया था र्मैने अपने हाथ की पकड उसके र्मुाँह पे कस
दी तो बुरी तरह से िडिडाने की कोजशश कर रही थी पर र्मेरी बााँ हो के
चंगुल से जनकल नही पाई 5-7 जर्मनट तक र्मैं ऐसे ही उसके उपर पडा रहा
वो भी कुछ शां त हुई तो र्मैने अपना हाथ उसके र्मुाँह से हटाया उसकी सां सो
की गजत बहुत ही तेज हो गयी थी र्मैने पूछा ठीक हो तो वो बोली बहुत ददु हो
रहा है र्मैं बोला बस अभी दू र हो जाएगा थोडी जहम्मत करो र्मैने उसके होंठो
को जिर से चुंसना शुरू जकया और धीरे धीरे अपनी कर्मर को जहलाने लगा
बस धीरे धीरे ही सर्मय बीतने के साथ वो कुछ नॉर्मुल तो हो रही थी पर
उसको ददु तो हो ही रहा था उसकी चूत तो हद से ज़्यादा टाइट थी ऐसा
एहसास तो र्मुझे आज तक कभी नही हुई था लग रहा था जक जैसे लंड जकसी
बोतल र्मे िस गया हो
चूत ने उसे पूरी तरह से लॉक कर जलया था र्मैने लंड को एक दर्म जकनारे
तक खेंचा और दु बारा अंदर डाल जदया उसने अपनी टााँ गो को सीधा कर
जदया काफ़ी दे र हो चुकी थी तो र्मैने अब धक्को की रफ़्तार को बढ़ा जदया
उसके होंठ र्मेरे र्मुाँह र्मे थे तो उसकी हर जससकी र्मेरे र्मुाँह र्मे ही घुल गयी थी
र्मैं धक्के र्मारे जा रहा था उसके चूतड भी अब जहलने लगे थे र्मुझे ऐसे लग
रहा था जक जैसे र्मेरे लंड पे जपघला हुआ लावा उडे ल जदया गया हो जिर
उसने अपने होंठ हटाए और लंबी लंबी सााँ से लेने लगी र्मैं पूछा अब ठीक हो
तो उसने इशारा जकया तो र्मैं भी आस्वश्त हुआ उसके हाथ र्मेरी पीठ पे रें गने
लगे उसके ना़िून र्मेरी पीठ र्मे धाँस गये वो बहुत ही ़िोर से अपने नखुनो को
गढ़ाए जा रही थी पूरी तरह से वो भी अब जवानी के र्म़िे र्मे बहने लगी थी
र्मैने लंड को बाहर जनकाला उसपे थूक लगाया और जिर से चूत र्मे धकेल
जदया अब लंड चूत की सडक पर सरपट दौड लगाने लगा गोरी र्मेरी गदु न पे
बुरी तरह काट रही थी दू सरी तरि उसके ना़िून र्मेरी पीठ र्मे धन्से जा रहे
थे तो र्मैने भी जोश र्मे उसके जनचले होंठ को बुरी तरह काट जलया उसर्मे से
खून की बूंदे छलक उठी वो कराहती हुवी बोली ऐसा र्मत करो ना तो र्मैने
कहा अभी तुर्म क्या कर रही थी नीचे लंड गपा गॅप अंदर बाहर हो रहा था
र्मेरी उं गजलया उसकी उं गजलयो र्मे िजस पडी थी चुदाई अपने शबाब पे थी
कर्मरे का वातावरण बहुत ही गरर्म हो चुका था र्मेरा लंड गोरी की चूत को
चौडा जकए जा रहा था अब वो भी नीचे से धक्के लगाने लगी थी
िॅक िॅक की ही आवा़ि आ रही थी उसकी चूत से बहता पानी र्मेरी
गोजलयो तक को जभगो चुका था ऐसी गरर्मा गरर्म चूत तो आज तक नही र्मारी
थी गोरी र्मेरे कान र्मे िुस्फुसाइ जक उसकी पीठ र्मे ददु होने लगा हैं तो र्मैने
िॉरन एक तजकया उसकी कर्मर पे लगाया इस के दो फ़ायदे हुवे एक तो
उसकी कर्मर को आरार्म जर्मला और दू सरा उसकी चूत और भी उभर आई
र्मैने अब लंड को दु बारा सेट जकया और जिर से उसर्मे सर्मा गया उसकी
आहें र्मुझे रोर्मां जचत कर रही थी और र्मैं अपने अंत की ओर बढ़ रहा था र्मैने
धक्को की रफ़्तार बढ़ा दी गोरी बहुत र्म़िे से चुदवा रही थी
र्मैं अपनी गजत को जनरं तर बढ़ाए जा रहा था र्मैं उसकी जचन को अपने दााँ तों
से खाए जा रहा था कुछ भी होश नही था र्मुझे तो र्मैं उसर्मे पूरी तरह से खो
चुका था तभी उसने अपनी टााँ गो को र्मेरी कर्मर र्मे िसा जलया और बेसूध
होकर पड गयी उसने अपने चरर्म को पा जलया था र्मैं भी बस थोडी ही दू र
था तो र्मैने अपने लंड को बाहर जनकाला और उसके पेट पे अपना वीयु छोड
जदया जब खुर्मारी उतरी तो र्मैने दे खा र्मेरा लंड पूरी तरह से खून र्मे सना पडा
था और उसर्मे बहुत ही जलन हो रही थी र्मैने जकसी तरह से पेंट पहनी जिर
उसको उठाया उसका भी हाल ज़्यादा बेहतर नही था उस से चला ही नही
जा रहा था बडी ही र्मुश्किल से वो उठी कोई आधे घंटे बाद उसकी हालत
थोडी सुधरी वो बोली ऐसी तैसी र्मे जाए ऐसा र्म़िा आज के बाद सौगंध है र्मैं
ना चुदु जकसी से र्मेरी तो िट ही गयी . र्मुझे अहसास हुआ जक वास्तव र्में
गोरी की हालत खराब हो गई थी गोरी ने कुछ दे र आरार्म जकया जिर वो
लगडाते हुए अपने घर चली गई .
उस जदन और कोई ऐसी घटना नही हुई जजसका वणुन यहााँ जकया जा सके
अगले जदन शार्म को जवलायती सूट पहन कर र्मैं तैयार हो चुका था पर र्मैं ये
भी सर्मझ गया था जक आज कुछ ना कुछ होगा ़िरूर क्योंजक र्मुनीर्म भी
आज का ही बोल रहा था िोन पर कपडो र्मे जजतने छोटे हजथयार र्मैं छु पा
सकता था उतने र्मैने छु पा जलए शार्म जघरने लगी थी तो र्मैं भी नाहरगढ़ के
जलए जनकल पडा, जदल थोडा सा ज़्यादा ही धडक रहा था पर दे व भी कुछ
कुछ जसयासत सर्मझने लगा था र्महल आज जकसी दु ल्हन की तरह स़िा हुआ
था
रात धीरे धीरे जवान हो रही थी र्मैने गाडी रोकी तो तुरंत ही दरबान र्मेरी ओर
लपका बडे ही अदब से उसने गाडी का दरवाजा खोला और गाडी उसके
हवाले करके र्मैं सिेद संगर्मर र्मर की सीजढ़या चढ़तेहुवे र्महल के अंदर जाने
लगा और अंदर पहुचते ही वहााँ की चकाचोंध से र्मेरी आाँ खे चुश्किया गयी खूब
र्मेहर्मान थे एक पल के जलए र्मेरे जदल र्मे ़ियाल आया जक अगर र्मेरी िॅजर्मली
भी आज ज़िंदा होती तो ऐसी ही शानो-शोकत र्मेरे घर पर भी होती र्मैं अपने
़ियालो र्मे डूबा हुआ था जक...
पर वो कही जदखाई नही दे रही थी और र्मेरा र्मन भी पाटी र्मे जबल्कुल नही
लग रहा था तो बस टाइर्म काट ही रहा था और जिर र्मैने जो दे खा र्मैं उसे
दे ख कर हक्का बक्का रह गया सीजढ़यो से एक परी उतार कर चली आ रही
थी अपनी सहे जलयो के साथ एक खूबसूरत चेहरा , ठाकुर साहब ने सबसे
पररचय करवाते हुवे कहा जक दोस्तो स्वागत कीजजए हर्मारी बेटी जदव्या का ,
तो जदव्या भी र्मेरी तरह झूठ के साए की पहचान करवा गयी थी र्मैने खुद को
र्मेहर्मानो की भीड र्मे जैसे छु पासा जलया था
र्मेरी ओर जहकारत से थूकते हुए पुष्पा बोली साले आज तेरी र्मौत के साथ ही
ठाकुरों के इस वंश का अंत हो जाएगा उसने र्मेरी पसजलयो र्मे एक कसकर
लात र्मारी तो र्मैं ददु से दोहरा होता चला गया र्मैने ददु भरी आवा़ि र्मे पूछा
जक क्यों जकया तुर्मने ऐसा र्मैने क्या जबगाडा तुम्हारा तो वो बोली र्मेरा नही पर
उनका ़िरूर , ़िरा दे ख उधर , र्मैने जनगाह दरवाजे की ओर की
र्मुनीर्म ने भी आकर र्मुझे ठोकर र्मारी और र्मेरे उपर घूाँसो की बोछार कर दी,
र्मैं ददु से तडपने लगा पीठ से खून बहे जा रहा था कुछ ही दे र र्मे ठाकुर
राजेंदर, र्मेरे र्मार्मा और धनंजय और उसके जपता भी वहााँ पर आ गये थे अब
कुछ कुछ र्माजरा र्मेरी सर्मझ र्मे आया जक ये सब इन लोगो का र्मास्टर प्लान
था र्मुझे नाहर गढ़ बुलाना और पीछे से हवेली की सुरक्षा व्यवस्था को ध्वस्त
कर दे ना ताजक आसानी से र्मेरा जशकार जकया जा सके
जकसी तरह से खुद को संभालते हुए र्मैने कहा, कुिे की औलाद सालो धोखे
से घेर जलया तुर्मने जहम्मत थी तो सार्मने से हर्मला करते और उसके र्मूह पर
थूक जदया तो जिर उसने र्मुझ पर हर्मला करना शुरू कर जदया काफ़ी दे र
तक वो र्मुझे र्मारता ही रहा जिर लक्ष्मी खडी हुई , और बोली नही छोटे
ठाकुर बस अब रुक जाओ कही र्मर र्मरा ना जाए इसके प्राण जनकलने से
पहले सारे डॉक्युर्मेंट्स पर इसके साइन तो लेलो वरना जिर जदक्कत होगी
वो हाँ सने लगी र्मैने कहा तुम्हे तो दोस्त र्माना था तुर्मने ऐसा क्यो जकया तो
ठाकुर राजेंदर बोले वो हर्मारा र्मोहरा है र्मेरे प्यारे भान्जे,लक्ष्मी ने छु री उठाई
और र्मेरे सीने पर हल्के हल्के कट लगा ने लगी र्मैं ददु से जबलखने लगा खून
से सने चाकू को चाट ते हुए लक्ष्मी बोली दे व, जानते हो तुम्हे ये स़िा जो
जर्मल रही है वो सब तुम्हारे बाप के कर्मों का िल है हााँ दे व तुम्हारा बाप कोई
साधुसंत नही था बश्कल्क एक नंबर का ऐय्याश था ना जाने गााँव की जकतनी
औरतो को उसने अपने नशे और गुरूर के नीचे कुचल जदया था . दे व आज
तुम्हारे खून से नहा कर र्मैं शुद्ध हो जाउन्गी इस बार चाकू कुछ ज़्यादा अंदर
तक घुस गया था तो र्मैं ददु से दोहरा हो गया था लक्ष्मी अपनी धुन र्मे थी वो
एक और नया जख्म बनाते हुए बोली
उसने कहा जचंता र्मत करो सब कुछ जाने जबना तुम्हारी जान नही जनकलने
दू ाँ गी , तो दे व बात उन जदनो की है जब र्मैं ब्याह कर बस आई ही थी कुछ
रस्मों के बाद, र्मेरी पजत बडे ठाकुर का आशीवाु द जदलाने र्मुझे इसी र्मनहस
हवेली र्मे लेकर आए थे, यहीं पर उस शैतान जो तुम्हारा बाप था उसकी
हवस की गंदी जनगाह र्मुझ पर पड गयी अब उसका रुतबा था गााँ व र्मे ,
उसके आगे कोई आवा़ि नही उठा ता था
नशे र्मे चूर उस शैतान ने इसी हवेली र्मे र्मेरी अस्मत का जशकार जकया पूरी
हवेली र्मे र्मेरी चीख गूाँजती रही पर जकसी ने भी र्मेरी र्मदद नही की र्मैं रोती
जबलखती रही पर र्मेरी चीखे इधर ही दब गयी कहााँ तो र्मैं एक नयी नवेली
दु ल्हन थी और कहााँ अब र्मैं क्या से क्या हो गयी थी उस हवस के पुजारी ने
र्मुझे बबाु द कर जदया था उसी जदन र्मैने ठाकूरो का सर्मूल नाश करने की
सौगंध उठा ली थी और तकदीर दे खो दे व बाजी र्मेरे हाथ र्मे आती चली गई .
र्मैं अपने ददु से जूझता हुवा ़िर्मीन पर पडा उनकी बाते सुनरहा था और वो
लोग भी जकसी तरह से जल्दी र्मे नही लग रहे थे बश्कल्क उनका र्मकसद तो
दे व को तडपा तडपा कर र्मरना था कुछ दे र के जलए उस कर्मरे र्मे चुप्पी सी
छा गयी पर क्या ये खार्मोशी जकसी आने वाले तूिान की तरि इशारा कर
रही थी, जिर ठाकुर राजेंदर ने उस सन्नाटे को तोडते हुवे कहा जक
चलो अब बहुत हुआ लक्ष्मी तुर्मने इसे बता ही जदया जक आज़िर क्यों हर्म
लोग इसे र्मारने वाले है रही सही कसर र्मैं पूरी कर दे ता ह, दे व बबुआ,
तुम्हारे आय्याश बाप ने हर्मारी भोली भाली बहन को अपने जाल र्मे िाँसा
जलया था तुम्हारा बाप था ही एक नंबर का कर्मीना लोग अक्सर कहते है जक
हर्मने अपनी बहन को र्मार जदया पर सच्चाई ये है जक उसने आत्महत्या की
थी
पुष्पा की आत्मा परर्मात्मा र्मे जवलीन हो गयी थी पर अभी भी तीन लोग बचे
हुए थे दे व को र्मुनीर्म का ध्यान नही रहा था और यही पर र्मुसीबत और बढ़
गयी थी र्मुनीर्म की बंदूक से जनकली गोली उसके पैर र्मे धाँस गयी दे व के गले
से चीख उबल पडी जो सारी हवेली र्मे पसरे सन्नाटे को चीर गयी थी गोली
लगते ही वो ़िर्मीन पर जगर पडा और ठाकुर राजेंदर ने उसे दबोच जलया
और पागलों की तरह उस पर लात-घुसे बरसाने लगे थे दे व का चेहरा बुरी
तरह से लह लुहान हो गया था
र्मुनीर्म ने िॉरन उसे रश्कस्सयो से बााँ ध जदया लक्ष्मी ने अपने पूरे प्लान को पहले
ही सोच जलया था जक कैसे क्या करना है और काफ़ी हद तक वो कार्मयाब
भी हो गयी थी इधर दे व को भी अपना अंत ऩिदीक लग रहा था लक्ष्मी ने
र्मुनीर्म से कहा जक इसको बाहर पेड के पास ले चलो र्मैं इसको जजंदा जलाना
चाहती ह इसकी चीखो से र्मुझे शां जत जर्मलेगी तो दे व को र्मुनीर्म बाहर घसीट
कर ले जाने लगा पर सीजढ़यो के पास......................
तभी वो जैसे जकसी पत्थर से टकराया तो उसने वो पत्थर अपनी र्मुट्ठी र्मे जलया
और लक्ष्मी के सर पर दे र्मारा उसके र्माथे से खून बह चला और वो ददु से
जबलजबला पडी उन कुछ ही सेकेंड् स र्मे दे व को र्मोका भी गया हवा के
दु बारा से िेिडो र्मे जाते ही जैसे उसर्मे उजाु का संचार हो गया उसके पास
बस यही एक लास्ट र्मौका था उसने उसी पत्थर से लक्ष्मी के सर पर र्मारना
शुरू जकया
पता नही वो जकतने वार करता रहा वो भी पागल पन पर उतर आया था क्या
क्या वो बड बडा रहा था और लक्ष्मी के सर पर वार जकए जा रहा था लक्ष्मी
के प्राण कब का उसका साथ छोड गये थे पर दे व उस पर वार करता ही
रहा , जिर ना जाने उसे क्या हुआ उसने लक्ष्मी को अपनी बाहों र्मे भर जलया
और रोने लगा काफ़ी दे र तक वो रोता ही रहा जिर उसे जकसी के आने की
आहट सुनाई दी तो वो जघसट ते हुवे उसकी ओर चलने लगा