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Q33.शीतल वाणी में आग” के होने का क्या अभिप्राय है ?

Ans 33.शीतल वाणी में आग के होने का यह अभिप्राय है, जो वाणी शीतलता


से युक्त है,उसमें उष्णता (आग) जैसे विचार, भाव विद्यमान होते हैं |
हर व्यक्ति के हृदय में विद्यमान विचार भाव के रूप में उष्णता लिए होते हैं
उसकी वाणी में आग मौजूद है जो शीतलता की वाणी से दबी हुई है।
Q34. “बात सीधी थी पर” ??? “कविता के बहाने" के आधार पर बताएँ कि सब
घर एक कर देने के माने कया हैं ? . ह
Ans34.कवि के अनुसार कविता लिखते समय कवि का मन बच्चों के समान
अपने पराए की भावना से दूर हो जाता है। जिस प्रकार बच्चे के लिए
सभी घर समान होते हैं | उसे जहाँ प्यार मिलता है, वही घर उसके लिए
अपना हो जाता है। कवि का हृदय भी उसी के समान हो जाता है।.
Q35.तुलसी ने अपने को “गुलाम है राम कौ“ क्‍यों कहा है ? ..
Ans35.गोस्वामी तुलर्स-दास प्रभु राम के प्रति सच्चे हदय से समर्पित भक्त हैं।
. वे राम-भक्‍त पहले हैं, कविता करना उसी भक्ति का प्रकटीकरण है। वे
प्रभु राम से दास्य-भाव की भक्ति करते हैं | स्वयं को दास, सेवक, चाकर
Q4 आलोक धन्वा अथवा धर्मवीर भारती की किन्हीं दो रचनाओं के नाम लिखें।
Ans4 आलोक थन्वा- आम का पेड़, जनता का आदमी।
श्र्मवीर भारती- ठं डा लोहा, सूरज का सातवाँ घोड़ा।
Q36.सा तरह का बाजार आदमी को ज्यादा आकर्षित करता है?
Ans36.बाजार की चमक-दमक, विलासिता एवं फैं सी की वस्तुओं का आकर्षण
लोगों पर जादुई असर डालता है। यह आकर्षण उसकी आवश्यकताओं
पर हावी हो जाता है तथा व्यक्ति बेजरूरत की वैभव वाली वस्तुओं को
तजार खरीदने के लिए प्रेरित होता है।
Q37.दिवेदी 'जी ने शिरीष को कालजयी अवधूत (संन्यासी) क्‍यों माना है?
Ans37.लेखक ने शिरीष को कालजयी अवधूत (संन्यासी) की तरह इसलिए
माना है क्‍योंकि शिरीष दुःख हो या सुख किसी भी परिस्थिति में हार
नहीं मानता। भीषण गर्मी में भी वह अपना रस प्राप्त करके मस्त रहता
किस है। जिस प्रकार सन्यासी प्रत्येक स्थिति-परिस्थिति में मस्त एवं
अनासक्त
भाव से रहता है।
Q38.पर आनंदा क्या काम करता था ?
Ans38.आनंदा सारे दिन खेतों पर निराई-गुड़ाई का काम करता था। वह
फसलों की रक्षा भी करता था। वह कोल्हू भी चलाता था। उसे भैंसे भी
गर्षक चरानी पड़ती थी। उसके बाद भी पिता का गुस्सा सहन करना पड़ता
इस प्रकार उसका जीवन बेहद खराब था।

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