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MPHIN/36762 राष्ट्रीय न्यूज चैनल/ राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र/ वेब

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साप्ताहिक

} वर्ष-2 } अंक-37 विक्रम सम्वत: २०80, अधिकमास श्रावण शुक्ल पक्ष अष्टमी तदानुसार गुरुवार 24 अगस्त २०२3 }पृष्ठ-8 }मूल्य-10 ~

फाईल फोटो
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चन्द्रयान -३ के सफलतापूर्वक चन्द्रमा की सतह पर पहुँचने पर ISRO के
वैज्ञानिकों को शुभकामनाएँ देते हुए श्रीगोवर्द्धनमठ पुरीपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी
निश्चलानन्द सरस्वती जी। विदित रहे इसरो के वैज्ञानिक एवं डायरेक्टर समय-समय
पर गोवर्धन मठ पुरी आकर गुरुदेव से मार्गदर्शन एवं आशीर्वाद प्राप्त करते रहते हैं।
गतांक से आगे...
वैदिक ही सिद्धान्त है जो
दर्शन, विज्ञान और व्यवहार तीनों
में सामंजस्य साध सकता है
भोजन के तीन फल हैं- भूख की विनियोग नहीं होता। अब तक मैंने क्या
निवृत्ति, तुष्टि की प्राप्ति, तृप्ति की संकेत किया? इस रॉकेट, कम्प्यूटर,
अनुभूति। लेकिन उस भुन हुए एटम और मोबाईल के युग अनुवादक और सम्पादक
बीज को जिसको में भी गीतोक्त श्री गोवर्द्धनमठ-पुरीपीठाधीश्वर-श्रीमज्जगद्गुरु-शंकराचार्य
सच्ची बात तो ये है कि स्वामी निश्चलानंदसरस्वती
जो परमात्म का पक्षधर हम बीज भी नहीं सिद्धान्त की गतांक से आगे
होता है, उसका व्यवहार कह सकते, भुना उपयोगिता क्यों
भी सबके सुखद हुआ चना आदि जो पहले बीज था, है, बार-बार सुनिए, फिर से सुनिए, नीति नीधि
होता है। पंचदशीकार उसको ऋतुकाल में, अनुकूल पृथ्वी, घर में मनन भी कीजिए। दर्शन, विज्ञान सुखमय जीवनके लिए यह
विद्यारण्य स्वामी जी ने, पानी, प्रकाश, पवन, आकाश, दिक्, और व्यवहार, तीनों धरातल पर वैदिक आवश्यक है कि जिज्ञासु
शंकरानन्दस्वामी जी ने, काल का संयोग भी प्राप्त हो जाये, तो भी सिद्धान्त की उपयोगिता हैं विश्व में कोई श्रीमद्भागवत - एकादशस्कन्ध में
विचित्र तथ्य उद्भाषित भुन हुए भुने हुए बीज से या भुना हुआ ऐसा वाद, तन्त्र, मत नहीं है, सिद्धान्त अध्याय सात से नौ तक सन्निहित
किया मुक्तिकोपनिषद्' बीज से अंकुर आदि की उत्पत्ति नहीं हो नहीं है, जो दर्शन, विज्ञान और व्यवहार अवधूतोपाख्यानके अनुसार
में वह तथ्य प्रकारान्तर सकती। ऐसे जीवनमुक्तों का जो चित्त तीनों में सामंजस्य साध सके। बार-बार अवधूत शिरोमणि लोकस्पर्शविहीन
है सावधान। चना, जौ होता है, कैसे होता है? भुने हुए बीज के चिंतन करने योग्य यह तथ्य है । फिर केवलात्मस्वरूपानन्द निमग्न
मटर आदि के जो बीज समान जहां अक्षम होने पर भी उस चित्त से सुनिए । श्रीदत्तात्रेयजीकी शैली में अपने
होते हैं ना उनको भून का अतिक्रमण और पुनर्भव में उपयोग पूर्वजों, सगे सम्बन्धियों तथा
दिया जाये तो स्वादिष्ट { शेष अगले अंक में..
स्थावर जङ्ग विविध प्राणियों एवम्
होता है या नहीं? या पृथिव्यादि विविध पदार्थोंसे ग्राह्य
होते हैं। सौंधापन इनमें गतिविधियोंका 'मुझे ऐसा करना
बढ़ जाता है। भूख की चाहिए' इस प्रकार विधिमुखसे
निवृत्ति हो जाती है, शिक्षा ग्रहण करे तथा अग्राह्य
तुष्टि की प्राप्ति गतिविधियोंका 'मुझे ऐसा नहीं करना
हो जाती है तृप्ति चाहिए' इस प्रकार निषेधमुखसे
का अनुभव भी होने शिक्षा ग्रहण करे। अन्यथा अपकर्ष,
लगता है। अधोगति तथा विनाश सुनिश्चित है।
{ शेष अगले अंक में..

धर्म अध्यात्म
और संसार
वर्ष-2 अंक-37 गुरुवार, 24 अगस्त 2023 राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र 2

संपादकीय आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा..

व्याकुलता और प्रेम
नारायण। वर्तमान दशा का अध्ययन करने पर यह स्पष्ट विदित होता है कि भोगों
की ओर गतिशील होने पर क्षणिक सुख का भास अथवा निराशा का ही दर्शन होता
है और भोगों से अतीत की ओर गतिशील होने पर व्याकुलता, जीवन तथा प्रेम की
उपलब्धि होती है। व्याकुलता ज्यों-ज्यों सबल तथा स्थाई होती जाती है, त्यों-त्यों सभी गतांक से आगे
दोष निर्दोषता में और सभी अभिमान निराभिमानता में तथा भेद और दूरी अभिन्नता
एवं अत्यन्त निकटता में स्वतः बदलती जाती है। अथवा इसे आप यों कह लें कि
आवश्यक शक्ति का विकास अपने आप होने लगता है। इस दृष्टि से " व्याकुलता "
बड़े ही महत्त्व की वस्तु है। व्याकुलता की जागृति और उसकी उत्तरोत्तर वृद्धि के लिए
पुष्ट और स्वस्थ तन-मन
{ इन्हीं कारणों से "जूलियन ट्रेजर ऑफ साउंड बिजनेस
यह अनिवार्य है हो जाता है कि हम अपने लक्ष्य को वर्तमान जीवन की ही वस्तु मानें " ने पक्षियों की आवाजों से भरा "स्टडी” नामक
और उससे कभी निराश न हों; अपितु उसके लिए नित-नव आशा का संचार होता रहे। एप विकसित किया है, जिसे बजाने पर ऊबाऊ और
लक्ष्य वही हो सकता है, जिससे जातीय एकता, आत्मीयता एवं नित्य-सम्बन्ध हो। तभी विपरीत स्थितियों में लोगों की शारीरिक क्षमता और
हमारा लक्ष्य हमारे वर्तमान जीवन की वस्तु बन सकता है और उसी के लिए नित-नव उत्पादकता में वृद्धि हो जाती है।
आशा का संचार तथा व्याकुलता जागृत् हो सकती है। अतः लक्ष्य से निराश होने के
लिए जीवन में कोई स्थान ही नहीं है। इसे नियम जानें। लक्ष्य का निर्णय व्याकुलता की कल-कल बहता जल,
जागृति में हेतु है और व्याकुलता की जागृति निर्दोष बनाकर जीवन प्रदान करने में पूर्ण करता है, तन-मन का मंगल
समर्थ है तथा निर्दोष जीवन में ही प्रेम निहित है ; कारण, कि नित्य-जीवन तथा प्रेम { झील या नदी के किनारे चुपचाप बैठिए और ध्यानपूर्वक
का विभाजन कदापि नहीं हो सकता और अनित्य-जीवन में प्रेम की प्राप्ति सम्भव नहीं बहते जल की आवाज सुनिए ।
है। अब प्रश्न उत्पन्न होता है कि लक्ष्य का निर्णय कैसे हो ! यह सभी को मान्य होगा { बहते जल की आवाज हमारे तन और मन को
कि भोग का आरम्भ-काल भले ही सुखद प्रतीत हो, पर अन्त में तो भयङ्कर दुःख ही अत्यधिक शिथिलता (रिलेक्सेशन) और शान्ति
प्राप्त होता है। इस अनुभूति का आदर ज्यों-ज्यों स्थाई होता जाता है, त्यों-त्यों लक्ष्य प्रदान करती है, एकाग्रता देती है ।
के निर्णय की सामर्थ्य साधक में स्वतः आने लगती है और लक्ष्य का निर्णय होते ही { तनाव, एंग्जायटी, निराशा, अवसाद और अनिद्रा को
साधन का निर्माण होने लगता है, अथवा यों कह लें कि साधक का समस्त जीवन कम करती है ।
अपने आप साधन बन जाता है। यह अनुभव सिद्ध है। भोग के आरम्भ-काल के सुख { Sit comfortably & calmly near the River,
on suitable mate, close your eyes if it
का भास और परिणाम भयङ्कर दुःख, भोग की वास्तविकता का ज्ञान तथा भोग में is safe, listen attentively the songs of
निराश करने में हेतु है, भोग को जीवन बनाने में नहीं। नारायण। यह जान लें कि यह running water, also songs of birds, and
निर्विवाद सिद्ध है कि भोग से योग की ओर गतिशील होने के लिए ही साधन-निर्माण sounds of flowing air touching your body
की अपेक्षा है। विभिन्न साधकोँ के साध्य में एकता हो सकती है, साधन में नहीं ; कारण, parts, try to meditate on these events.
कि साधन का जन्म साधकों में-से होता है, साध्य में-से नहीं। यह सभी को मान्य होगा { And there is flood of good hormones
कि सर्वांश में दो साधक भी समान योग्यता के नहीं होते। इस कारण साधन का भेद in your body which start healing your
स्वाभाविक है, पर साध्य का नहीं। नारायण। साधन निर्माण करने के लिए हमें यह body, mind and soul. It's a pure scientific
भली-भाँति जानना होगा कि क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। नियम phenomenon.
यह है कि जो नहीं करना चाहिए, उसके न करने से, जो करना चाहिए, वह स्वतः होने पवित्र वृक्षों के नीचे बैठिए या परिक्रमा कीजिए,
लगता है। अब विचार किजीए कि क्या नहीं करना चाहिए ! तो कहना होगा कि राग-
द्वेष तथा स्वार्थ-भाव का साधक के जीवन में कोई स्थान ही नहीं है ;क्योंकि ये तीनों नकारात्मकता से मुक्ति पाइए
अविवेकसिद्ध हैं। नियम यह है कि जो न करना चाहिए,उसे न करना सभी के लिए { भारत सरकार के एटॉमिक इनर्जी विभाग के सेवानिवृत्त
सहज, सुगम और अनायास है। यही नहीं,उसके लिए किसी अन्य की अपेक्षा भी नहीं वैज्ञानिक डॉ. मेन्हेम मूर्ति ने युनिवर्सल स्कैनर नामक
होती। अतः जो नहीं करना चाहिए, उसके न करने में सभी स्वाधीन हैं। इस दृष्टि से एक यन्त्र बनाया है, जिससे वे विभिन्न वस्तुओं की
सभी साधक राग-द्वेष तथा स्वार्थभाव से रहित हो सकते हैं। स्वार्थभाव के अन्त होते इनर्जी (आभामण्डल औरा) को मापते हैं।
ही सर्वहितकारी भावनाएँ स्वतः उत्पन्न होती है,जो वास्तविक सेवा है। सेवा स्वार्थ को { उनके अनुसार तुलसी के पौधे का आभामण्डल
खाकर सेवक के हृदय को करुणा से भर देता है। नारायण। जो हृदय करुणा-रस से 6.11 मीटर होता है, वटवृक्ष का 10 मीटर, कदम्ब
भर जाता है, उससे राग-द्वेष स्वतःमिट जाते हैं। राग-द्वेष के मिटते ही त्याग और प्रेम का 8.40 मीटर, बेल और आंवला लगभग 4.50
अपने-आप दौड़कर आ जाते हैं। त्याग से चिर-शान्ति तथा नित्य-जीवन की उपलब्धि मीटर, भगवान शिव के प्रिय पुष्प श्वेत आंकड़े का
होती है और प्रेम अगाध अनन्त रस उत्पन्न करने में समर्थ है। नारायण। प्रेम एक ऐसा आभामण्डल सर्वाधिक अर्थात् 15 मीटर है, चम्पा
अलौकिक, दिव्य, चिन्मय तत्त्व है कि जो कभी घटता नहीं, मिटता नहीं और न कभी का 7.2 मीटर, कमल का 6.8 मीटर और गुलाब एवं
उसकी पूर्ति ही होती है, अपितु नित-नूतन ही रहता है। इसी कारण उसकी आवश्यकता गुड़हल का साढ़े पांच मीटर।
सर्वदा समस्त विश्व को रहती है। नारायण। इतना ही नहीं, समस्त विश्व जिसके किसी {डॉ. मनोहर भंडारी
एक अंश में है, उस अनन्त से भी जो अभिन्न करने में प्रेम ही समर्थ है ; क्योंकि प्रेम एम.बी.बी.एस., एम.डी.(फिजियोलॉजी)
किसी प्रकार की दूरी तथा भेद रहने नहीं देता। इस दृष्टि से केवल प्रेम ही प्राप्त करने राष्ट्रीय समन्वयक-चिकित्सा शिक्षा प्रकोष्ठ
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली
योग्य तत्त्व है। इति शम्। ^नारायण स्मृतिः { शेष अगले अंक में
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वर्ष-2 अंक-37 गुरुवार, 24 अगस्त 2023 राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र 3

प्रयाग संस्करण
कार्यकारी संपादक : आदेश भूषण पांडे | मोबाईल नंबर 91409 98956

प्रयागराज । सर्वभूतहृदय धर्मसम्राट् स्वामिश्री करपात्री जी महाराज के ११६वें


प्राकट्य महोत्सव के अवसर पर झूंसी प्रयागराज में भव्य शोभा यात्रा निकाली गई

गुरदासपुर। यतिचक्र चूड़ामणि सर्वभूत ह्रदय धर्मसम्राट स्वामी श्री करपात्री जी महाराज जी के 116 वें प्राकट्य-महोत्सव के उपलक्ष्य में पीठ परिषद
अंतर्गत आदित्य वाहिनी और आनन्द वाहिनी गुरदासपुर द्वारा सत्संग, गोष्ठी, गौसेवा श्रमदान एवं गौ माता को हरा चारा अर्पित किया गया।

महासमुन्द (छग)। हिन्दू राष्ट्र संगोष्ठ का आयोजन


किया गया इस अवसर पर आनंद वाहिनी से श्रीमती
सीमा तिवारी, रंनजीता शर्मा, मंजु शर्मा, संध्या गिरी एवं
आदित्य वाहिनी से श्री टीका राम साहू, संदीप पांडे, कंवर
जी, तिवारी सुशील, संदीप दीवान, संजय गिरी, सोनी जी
के साथ शहर के गणमान्य नागरिक के अन्य भक्त जनों
कार्यक्रम में सहभागिता की।

इन्दौर। आदित्य वाहिनी इंदौर द्वारा धर्मसम्राट


स्वामी श्री करपात्री जी महाराज जयंती महोत्सव
बडे़ धूम धाम से मनाया गया रुद्राभिषेक आरती
कीर्तन के पश्चात् प्रसाद वितरण किया गया
साथ ही साथ राऊ क्षेत्र की आदित्य वाहिनी
कार्यकारिणी की भी घोषणा की गई कार्यक्रम
में गणमान्य नागरिक सहित गुरु भक्तों ने
कार्यक्रम में सहभागिता की
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वर्ष-2 अंक-37 गुरुवार, 24 अगस्त 2023 राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र 4

गतांक से आगे सोलह संस्कार


हिन् दू संस्कारों का एक वैज्ञानिक विवेचन
भारतीय संस्कृति की अतुलनीय विशेषताओं में संस्कारों का किया
जाना एक अत्यन्त ही उल्लेखनीय विशेषता है। प्रत्येक संस्कार अपने
में बहुत ही निगूढ़, वैज्ञानिकतापूर्ण एवं नितान्त प्रभावोत्पादक है।
किसी भी कार्य में
देवी-देवताओं को
जोड़ने की विलक्षण
प्रथा अन्धविश्वास
की उपज नहीं कही
जा सकती। इसमें
महज वैज्ञानिकता
निहित होती है। ऐसा
तो लौकिक व्यवहार
में नित्य प्रति अनुभव
किया जाता है कि
किसी भी कार्य के
समय व्यक्ति को यदि
विश्वास हो कि मेरे
पीछे एक अत्यन्त
ही वरिष्ठ सहायक का हाथ पकड़ कर अक्षरारम्भ कराने वाले
सहायता करने के व्यक्ति मिट्टी पर लिखवाने से प्रारम्भ करके
1. प्राप्ते तु पञ्चमे वर्षे ह्यप्रसुप्ते जनार्दने । विद्यादान की शुरूआत करते हैं। यदि उस
विद्यारम्भन्तु कारयेत् ॥ शिशु को आधुनिकतम कागज एवं कलम
(हेमाद्रौमार्कण्डेयः) देकर, कृत्रिमता के रंग में रंगकर अक्षरारम्भ
पूजयित्वा हरिं लक्ष्मीं देवीं कराया जाये, तो उसमें बच्चे के सहज
चापि सरस्वतीम् (हे.मा.) स्वभाव से अन्तर्द्वन्द्व हो सकता है। मिट्टी के
लिए तैयार है, तो वह व्यक्ति द्विगुण उत्साह साथ खेलने में बच्चा एक अपूर्व आनन्द की
एवं विश्वास के साथ अपने लक्ष्य साधन अनुभूति करता है। वह मिट्टी पर ही जन्म
में प्रवृत्त होता है। ठीक इसके विपरीत कोई लेता है, चलना सीखता है, दौड़ पाता है, और
विशिष्ट आदमी भी किसी सामान्य कार्य करने हमेशा धूल धूसरित रहने की मनसा रखता है,
के समय यदि अकेलापन महसूस करता है, जो बच्चे के मनोविज्ञान का सहज सिद्धान्त
तो उसकी हिम्मत या तो स्वाभाविक स्थिति है । अत: सहजतापूर्वक अपने सुपरिचित
में होती है, अथवा उससे भी निम्न स्तर की उपकरणों के द्वारा यदि बालक का अक्षरारम्भ
हो जाती है, ऐसा अनुभव हमें कार्य जगत् के करवाया जाये तो उसके मन का खिंचाव
प्रत्येक क्षेत्र में होता है और अनुभूत पदार्थ स्वाभाविक रूप से अक्षरारम्भ में हो जाता है।
का अपलाप कथमपि नहीं किया जा सकता। इसके लिए विशेष प्रयत्न नहीं करना होता,
यही तथ्य भारतीय संस्कृति की प्रत्येक विधा साथ-साथ बच्चा उस पढ़ने
में निहित है। इसीलिए व्यक्ति के द्वारा किये की क्रिया को एक क्रीड़ा
जाने वाले प्रत्येक काम पारलौकिक शक्ति समझकर ही मनोगम्य कर
से जुड़े होते हैं, जिससे उत्साह एवं विकास लेता है, जो तरीका आधुनिक
असाधारण वृद्धि होती है। इस संस्कार के शिक्षा पद्धति से कहीं ज्यादा
सम्बन्ध में एक उल्लेखनीय बात है कि श्रीमती मनोरमा वैज्ञानिक, सहज तथा सरल
किसी सम्भ्रान्त व्यक्ति के द्वारा बालक का रामकृष्ण जोशी है ।
अक्षरारम्भ धरती पर कराया जाता है। बच्चे ^अगले अंक में 11. उपनयन संस्कार
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वर्ष-2 अंक-37 गुरुवार, 24 अगस्त 2023 राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र 5

वैदिक गणित सूत्र


गतांक से आगे
विश्व सदैव ऋणी रहेगा गोवर्द्धनमठ
के 143 वे शंकराचार्य जी स्वामी
श्री भारतीकृष्ण तीर्थजी महाराज और
उदाहरण (9) सरल करें
79 8/11 X 79 3/11 वर्तमान शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द
वर्तमान विधि से सरस्वती जी का जिन्होंने वेदिक गणित
79. 8/11 X 79 3/11 को संसार के लिए सुलभ किया।
877/11X 872X12 पूर्ण रूप से शंकराचार्य के मूल कर्त्तव्य
वैदिक विधि से (सूत्र एकाधिकेन पूर्वेण)
79 8/3 × 79 8/3 का निर्वहन किया जिसमें
79×80/ 8/11X3/11 कालक्रम से विलुप्त ज्ञान
6320 24/121 विज्ञान को प्रकट करना।
877 विकृत ज्ञान विज्ञान
X
872 को विशुद्ध करना।
1754 सूत्र शैली में प्राप्त ज्ञान
110 6139x को विशद करना।
95 7016xx
------------------------------- 121) 764744(6320
150 726

गणितदर्शन
133 -------------
------------------------------- 387
170 363
152 ------------
------------------------------- 244 रचयिता-श्री गोवर्द्धनमठ-पुरीपीठाधीश्वर-
180 242 श्रीमज्जगद्गुरु-शंकराचार्यस्वामी
171 ------------ निश्चलानंदसरस्वती
------------------------------- 24 गतांक से आगे
90 उत्तर = 6320 24/121
76 (सूत्र एकाधिकेन पूर्वेण ) शून्य की अड्ढमूलता-सूत्र -
------------------------------- उदाहरण (10) वर्ग करें (7654321) न भावाज्जायते भावो भावोऽभावान्न जायते ।
140 2 प्रचलित पद्धति से बहुत कठिन है।
133 नाभावाज्जायतेऽभावोऽभावो भावान्न जायते ।।
वैदिक गणित के द्वन्द्वयोग से (बौद्धधर्मदर्शन पृ. ५४८)
------------------------------- 49, 4, 6, 6, 5, 4, 4, 6, 5, 0, 041
70 =58 5 8 86 299 7 1 041 नासतो विद्यते भावो नाभावो विद्यते सतः ।
57 उदाहरण (11) घन करें ( 9988) उभयोरपि दृष्टोऽन्तस्त्वनयोस्तत्त्वदर्शिभिः ।।
------------------------------- (श्रीमद्भगवद्गीता २.१६)
वैदिक गणित के सूत्र निखिलं नवतः
130 चरमं दशतः से (9988)=9988- नास्त्यसद्धेतुकमत्सदसद्धेतुकं तथा।
114 24/3x(-12)/(-12)- सच्चसद्धेतुकं नास्ति सद्धेतुकमसत्कुतः ।।
------------------------------- 996404318272 (माण्डूक्यकारिका ४.४०)
160 =9964/0432/1728 सूत्रार्थ:
152 उदाहरण (12) भाग दें (2x + - 3x1 "भावपदार्थकी उत्पत्ति भावसे या अभावसे सम्भव नहीं।
------------------------------- - 3x - 1 x-2)+(x²+1) अभावकी उत्पत्ति भी भाव या अभावसे सम्भव नहीं ।।
80 क्रिया x2 +0x+1 ""असत्का तात्त्विक भाव (अस्तित्व) और
76 21-3x +-Ox सत्का वास्तव विनाश भी सम्भव नहीं।
------------------------------- - 3x-2-3-2 तत्त्वदर्शियोंसे उक्त रहस्य गुप्त नहीं ।।
40
38 0-1 ""असत्‌का कारण असत् नहीं
------------------------------- 2-3+0 तथा सत्का कारण असत् नहीं।
མཱ།སིཾ20 02 सत्का कारण सत् नहीं और
19 0+3 असत्का कारण सत् नहीं ।।'
------------------------------- 0+2
1 2-3 { शेष अगले अंक में... शेष अगले अंक में...
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वर्ष-2 अंक-37 गुरुवार, 24 अगस्त 2023 राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र 6

धर्म-कर्म-रहस्य
श्री रामचरितमानस : बालकांड क्रमशः....
राम नाम सिव सुमिरन लागे।
जानेउ सतीं जगतपति जागे॥
जाइ संभु पद बंदनु कीन्हा।
सनमुख संकर आसनु दीन्हा॥2॥ गतांक से आगे
भावार्थ:-शिवजी रामनाम श्री पंडित भवानी शंकर जी के सदा यत्न- पूर्वक आगे कहे दशविध धर्मों का
का स्मरण करने लगे, तब इंजी.बी.ई.पं. (सिविल), हर्ष शुक्ला सेवन करना चाहिए । सन्तोष, क्षमा, सन-
सतीजी ने जाना कि अब पी.जी.डी. (मानवाधिकार) साघनसंग्रह के धर्म-कर्म प्रकरण के निग्रह, अन्याय से प्रथवा स्वेच्छा बिना किसी
जगत के स्वामी (शिवजी)
सामाजिक कार्यकर्ता
एवं सलाहकार आधार पर संकलित- की वस्तु न लेना, पवित्रता, इन्द्रिय-निग्रह, बुद्धि-
जागे। उन्होंने जाकर शिवजी के चरणों में परहित लागि तजे जो देही । विचक्षयता (शास्त्रादि के तत्त्व का ज्ञान), विद्या
प्रणाम किया। शिवजी ने उनको बैठने के लिए संतत संत प्रसंसहि तेही ॥ (श्रात्मबोध), सत्य, क्रोध न करना, ये दश धर्म
सामने आसन दिया॥2॥ परहित वस जिनके मन माहीं । के लक्षण हैं। जो द्विजाति दशविध धर्मों को जानते
लगे कहन हरि कथा रसाला। तिन कहँ जग दुर्लभ कछु नाहीं ॥ हैं. और जानकर उनका अनुष्ठान करते हैं वे
क्षमासील जे पर उपकारी। परमगति को प्राप्त होते हैं।
दच्छ प्रजेस भए तेहि काला॥ धृति : मनु के दश साधारण धर्म में पहला
देखा बिधि बिचारि सब लायक। ते द्विज प्रिय मोहि जथा खरारी॥
बड़े सनेह लघुन पर करहीं । धर्म धृति है जिसका अर्थ धैर्य और सन्तोष है ।
दच्छहि कीन्ह प्रजापति नायक॥3॥ कष्ट की दशा में पड़ने पर भी उससे लुभित न
भावार्थ:-शिवजी गिरि निज सिरन सदा तृन धरहीं ॥
अगाध मौलि वह फेनू । होना और विना चिन्तित और शोकित हुए उसको
भगवान हरि की सह लेना धैर्व्य है और ऐसी दशा में भी प्रसन्न
रसमयी कथाएँ कहने संतत धरनि धरत सिर रेनू ॥
गोस्वामी तुलसीदास कृत रामायण ही रहना सन्ताप है । सुख दुःख दोनों नाशवान्
लगे। उसी समय दक्ष मनसा कर्मणा वाचा चक्षुषा च समाचरेत् । हैं और उनका आता कर्मानुसार होने के कारण
प्रजापति हुए। ब्रह्माजी श्रेया लोकस्य चरतो न द्वेष्टि न च अवश्यम्भावी है । उनका आना किसी प्रकार
ने सब प्रकार से योग्य लिप्यते ॥२४॥ साधारण लोगों से रुक नहीं सकता
देख-समझकर दक्ष को वाल्मीकीय रा., उत्तर का., अ. ७१ है। और न उनके भोग के नियत
प्रजापतियों का नायक बना दिया॥3॥ आलोच्य सर्व्वशास्त्राणि समय के बीतने के पूर्व वे
बड़ अधिकार दच्छ जब पावा। विचार्य च पुनः पुनः । टल सकते हैं, अतएव
अति अभिनामु हृदयँ तब आवा॥ पुण्यं परोपकाराय धैर्य का अवलम्वन
नहिं कोउ अस जनमा जग माहीं। पापाय परपीडनम् ॥ आवश्यक है । दुष्ट
प्रभुता पाइ जाहि मद नाहीं॥4॥ मन, कर्म, वचन प्रारब्ध कर्म के फल
भावार्थ:-जब दक्ष ने इतना बड़ा अधिकार और नेत्र से लोगों का दुःख रूप में कर्त्ता के
पाया, तब उनके हृदय में अत्यन्त अभिमान कल्याण करे । ऐसा पास आते हैं, जिनको
आ गया। जगत में ऐसा कोई नहीं पैदा हुआ, आचरण करनेवाला न धैर्व्य से भोगने से वह
किसी से द्वेष करता और छुटकारा पा जाता है,
जिसको प्रभुता पाकर मद न हो॥4॥ अतएव दुःख की अवस्था में
दोहा : न कलुषित होता है। सव
शास्त्रों को बार बार पढ़ने और पड़ने पर धैर्य रखना आवश्यक
दच्छ लिए मुनि बोलि सब करन लगे बड़ जाग। है । संसार के विषयों की जितनी प्राप्ति
नेवते सादर सकल सुर जे पावत मख भाग॥60॥ विचारने से यही सिद्धान्त निकलता है
कि परोपकार करना पुण्य है और दूसरे को दुःख होती है उतनी ही विशेष • उनके पाने की इच्छा
भावार्थ:-दक्ष ने सब मुनियों को बुला लिया बढ़ती है और जब तक इच्छारूपी कृष्णा बनी
और वे बड़ा यज्ञ करने लगे। जो देवता यज्ञ का देना पाप है । जैसा दूसरे की भलाई करना परम
धर्म है वैसा ही प्राणिमात्र को किसी प्रकार की रहती है तब तक शान्ति नहीं मिलती। लाभ लाभ
भाग पाते हैं, दक्ष ने उन सबको आदर सहित हानि पहुँचाना महान धर्म है । प्रारब्ध- कर्मानुसार जान यथालाभ में सन्तुष्ट रह
निमन्त्रित किया॥60॥ मनु के १० साधारण धर्म सन्तोष का धारण अवश्य करना चाहिए। सन्तोष
चौपाई : मनु ने अध्याय ६ में दश प्रकार के साधारण के प्रभाव के कारण ही किसी अप्राप्त वस्तु के
किंनर नाग सिद्ध गंधर्बा। धर्म का विधान किया है जो नीचे उद्धृत है और लिये लोभ की उत्पत्ति होती है जिसके कारण
बधुन्ह समेत चले सुर सर्बा॥ उसमें भी दूसरा धर्म " क्षमा" अहिंसा ही का उच्च असत्य, स्तेय, अन्याय आदि अधर्म किये जाते
बिष्नु बिरंचि महेसु बिहाई। आकार है- हैं । अतएव असन्तोष पाप का और सन्तोष धर्म
चले सकल सुर जान बनाई॥1॥ चतुर्भिरपि चैवैतैर्नित्यमाश्रमिभिद्विजैः। का मूल । सन्तोष नहीं रहने से चित्त चञ्चल
भावार्थ:-(दक्ष का निमन्त्रण पाकर) किन्नर, दशलक्षणको धर्मः सेवितव्यः प्रयत्नतः ॥९१॥ और उद्विग्न रहता है और चश्चल और उद्विग्न
नाग, सिद्ध, गन्धर्व और सब देवता अपनी- धृतिः क्षमा दमो ऽस्तेयं शैौचमिन्द्रियनिग्रहः। मन अशान्ति का कारण है और ईश्वरमुख हो नहीं
अपनी स्त्रियों सहित चले। विष्णु, ब्रह्मा और धीविद्या सत्यमक्रोध दशकं धर्मलक्षणम् ।।९२।। तृष्णा को त्यागकर सन्तोष का अवलम्बन करने
महादेवजी को छोड़कर सभी देवता अपना- दश लक्षणानि धर्मस्य ये विप्राः समधीयते। से आनन्द की प्राप्ति होती है ।
शेष अगले अंक में...
अपना विमान सजाकर चले॥1॥ अधीत्य चानुवर्तन्ते ते यान्ति परमां गतिम् ॥९३॥
इन ब्रह्मचारी आदि चारों आश्रमी द्विजों को ^द्वारा महामहोपाध्याय डॉ. गंगानाथ झा,
{ शेष अगले अंक में... वाईस चांसलर, इलाबाद यूनिवर्सिटी
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वर्ष-2 अंक-37 गुरुवार, 24 अगस्त 2023 राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र 7

धर्म अध्यात्म और संसार..आरंभ से आज तक


प्रथम अंक दिनांक 16-12-21 चाहिए
} हमारे ऋषियों ने वेदों को कैसे सुरक्षित रखा } संपादकीय-यह ज्ञानवापी बड़ी दिव्य है....
} वैकुंठ धाम कहां और कैसा है, जानिए रहस्य! } मनसा देवी मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह
} सनातन धर्म के यह विश्व प्रसिद्ध बारह संवाद } सोलह संस्कार-हिन्दू संस्कारों का एक वैज्ञानिक विवेचन
} 64 कलाओं की आधुनिक शिक्षा में प्रासंगिकता। } वैदिक गणित सूत्र }ऊर्जा } बिल्व पत्र की महिमा
} गया (बिहार) विष्णुपद मंदिर में समायोजित हिन्दुराष्ट्र } ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय श्री गोवर्द्धनमठ पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु } धर्म अध्यात्म और संसार..आरंभ से आज तक
द्वितीय अंक दिनांक 23-12-21 सीखें। उन्हें नकार कर विकास किया तो प्रकृति रुष्ठ होगी विकास के } सुंदरनगर (हिमाचल) में समायोजित हिन्दूराष्ट्र धर्मसभा में
} नाथ सम्प्रदाय : श्रीमती श्वेता पाठक } प्रपत्ति (शरणागति), सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वतीजी महाराज के गर्भ से विस्फोट ही निकलेगा
श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज राष्ट्रोत्कर्ष अभियान के अंतर्गत उज्जैन एवं इंदौर में धर्मसभा संपन्न जिज्ञासाओं को संबोधित करते हुए जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी
} सनातन धर्म के प्रमुख सोलह संस्कार } 51 शक्ति पीठ कथा- पंच सागर शक्ति पीठ, }ऊँ शिव गोरक्ष योगी } आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा.. पुष्ट और स्वस्थ तन-मन श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज
} हरि-सा हीरा छोड़ि कै, करे आन की आस ते नर.. } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक 41 वां अंक दिनांक 22-09-22 वर्ष 2 अंक 1 दिनांक 15-12-22 } प्रयाग राज की गौरवशाली एवं वैभवशाली गाथा
} जिस गति के गर्भ से गति निकलती जाए उस गति की दुर्गति मानी } व्यक्ति प्रयास करें की उद्दंड ना हो यदि उद्दंडता उसके जीवन में हो वर्ष 2 अंक 24 दिनांक 25-05-2023
} साधना का मनोवैज्ञानिक रहस्य 26 वां अंक दिनांक 09-06-22 } 51 शक्तिपीठ कथा-अम्बाजी शक्तिपीठ }वैदिक गणित सूत्र } शास्त्रीय, बातों पर समर्पण पूर्वक अनुगमन किया जाए, तो‌
तृतीय अंक दिनांक 30-12-21 } राष्ट्र को प्रकृति, धर्मानुकूल संचालन की विधा जाती है। गति का पर्यवसान गंतव्य तक स्थिति में हो तब गति की तो दंड उसे प्रायश्चित स्वरूप देना चाहिए } महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान द्वारा अखिल भारतीय
सार्थकता मानी जाती है। } आयुर्वेद/पुष्ट और स्वस्थ तन-मन निश्चित रूप से सनातनधर्म की रक्षा का मार्ग प्रशस्त होगा
} गुरु नानक जी के ये अनमोल वचन धर्माचार्यों, संतों से सीखें। } प्रपत्ति (शरणागति), वेद सम्मेलन का आयोजन } संपादकीय-क्रिया का तात्पर्य है परिवर्तन
} वाराणसी (काशी) का कालानुक्रमिक इतिहास } 51 शक्ति पीठ कथा- पंच सागर शक्ति पीठ, } शनि की साड़ेसाती के उपाय } सप्तपुरिया-हरिद्वार } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक
} आयुर्वेद/प्राकृतिक चिकित्सा..आपके किचन में ही मौजूद हैं ये } 51 शक्ति पीठ कथा-विभाष शक्तिपीठ } धन्वंतरि के दर्पभंग की कथा, उनके द्वारा मनसादेवी का स्तवन
} इंडोनेशिया में रामायण का मंचन } ऊँ शिव गोरक्ष योगी } जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज } सोलह संस्कार-हिन्दू संस्कारों का एक वैज्ञानिक विवेचन
} केनकाना केचक नृत्य से दोहराई रामकथा } गौमत संस्कार केन्द्र द्वारा प्रशिक्षण पेनकिलर (दर्दनाशक)..... } गणेय की गणना व अगणित की लक्षणा गणित है। का वृन्दावन प्रवास श्रीनृत्यगोपाल मंदिर, श्रीअखण्डानन्द
} 51 शक्ति पीठ कथा-कन्याकुमारी } गायत्री की गुप्त शक्ति } वैदिक गणित सूत्र }ऊर्जा } बिल्व पत्र की महिमा
चतुर्थ अंक दिनांक 06-01-22 27 वां अंक दिनांक 16-06-22 आश्रम, वृन्दावन में श्रीमद्भगवद्गीता पर प्रवचन } पेज 3 का शेष...धन्वंतरि के दर्पभंग की कथा, उनके द्वारा
} ब्रह्म मुहूर्त और प्रकृति... } विषयलोलुपता और ब्रहममुर्खता की पराकाष्ठा को } तत्त्व त्रय-चित ( आत्मा ) } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक वर्ष 2 अंक 13 दिनांक 09-03-2023
} लम्पी रोग-गोरक्षा प्रकल्प } पुणे पहुंच कर महाराष्ट्र राज्यपाल महामहिम श्री भगत सिंह मनसादेवी का स्तवन
} श्री सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की पावन कथा विकास रूप में परिभाषित किया जाना सर्वथा अनुचित } जीवन को उस ढंग से परिष्कृत करें कि नश्वर जीवन में अनश्वर } रोपड़ (पंजाब) में समायोजित हिन्दूराष्ट्र धर्मसभा को संबोधित
} सिद्धि और असफलता... } रामचरितमानस का एक मार्मिक और प्रेरक प्रसंग } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक कोश्यारी ने लिया आशीर्वाद। जीवन की प्राप्ति हो जाये, अनश्वर परमात्मा को प्राप्त करने का
} शिवपुरी में आवासीय गीता अभ्यास शिक्षा वर्ग का आयोजन वर्ष 2 अंक 2 दिनांक 22-12-22 करते हुए जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी
} सूर्य नमस्कार के महाआयोजन के लिए आगे आएं } 51 शक्तिपीठ कथा-भैरव शक्तिपीठ मार्ग प्रशस्त हो जाए महाराज
} आयुर्वेद / घरेलु ईलाज। } मंगल + शनि योगफल तथा उपाय 42 वां अंक दिनांक 29-09-22 } देह के नाश से जीवात्मा का नाश नहीं होता, देह के भेद से } आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा.. पुष्ट और स्वस्थ तन-मन
} अनित्य जीवन और सामग्री को प्राप्त करके उसका उपयोग और जीवात्मा में भेद की प्राप्ति नहीं होती वर्ष 2 अंक 25 दिनांक 01-06-2023
पंचम अंक दिनांक 13-01-22 } सनातन धर्म ग्रंथों का सार / पुर्नजन्म की परिकल्पना } प्रयागराज...आस्था की नगरी में श्रद्धा का बैंक } वेदविहीन विज्ञान के द्वारा विकास को परिभाषित और क्रियान्वित
} क्या है ज्योतिष...ब्रह्म मुहूर्त और प्रकृति.... 28 वां अंक दिनांक 23-06-22 विनियोग इस ढंग से करें कि नित्य परमात्मा की, नित्य ज्ञान की, } पुष्ट और स्वस्थ तन-मन } सप्तपुरियां-हरिद्धार } प्रयाग राज की गौरवशाली एवं वैभवशाली गाथा
नित्य आनंद की प्राप्ति हो जाए } 51 शक्तिपीठ कथा-भद्रकाली शक्तिपीठ करने पर नरक और नारकीय प्राणियों का समुदाय ही विश्व हो
} गलत दिशा में सिर रखकर सोने से आयु होती है कम } सनातन धर्म का दर्शन चिर स्थायी और } 51 शक्तिपीठ कथा-श्री शैल शक्तिपीठ सकता है
} श्री शैलेम ज्योतिर्लिंग की पावन कथा संपूर्ण विश्व के लिये मंगलकारी } क्या हैं मनुष्य पर अन्य की बुराई, निंदा, व्यर्थ चर्चा का } वैदिक मैथमेटिक्स को मिलना चाहिए बढ़ावा } वैदिक गणित सूत्र
मनोविज्ञानिक प्रभाव } श्री गुरू गोबिंद सिंघ जी: सनातन धर्म के अविस्मरणीय रक्षक } आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा..पुष्ट और स्वस्थ तन-मन
} जाने अग्निदेव कौन हैं..इनकी पौराणिक कथा? } आयुर्वेदिक नुस्खे- फल खाना कितना जरूरी } वैश्विक शांति के लिए हिन्दी बनें विश्व भाषा } अ से लेकर ज्ञ तक की वर्णमाला का निर्माण किसने किया
षष्टम अंक दिनांक 20-01-22 } रामचरितमानसः बालकांड क्रमशः- } आपके किचन में ही मौजूद हैं ये पेनकिलर (दर्दनाशक)..... महान् एवं आदर्श विभूति } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक
} 51 शक्ति पीठ कथा-बहुला शक्तिपीठ } सिख धर्म के दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंदसिंह साहिब जी के } सोलह संस्कार-हिन्दू संस्कारों का एक वैज्ञानिक विवेचन
} भगवान् का अनुभव ध्यान के द्वारा कैसे हो } अनुपम आध्यात्मिक, धार्मिक मोक्षदाई सप्तपुरी } श्रीहरिहर आश्रम वृन्दावन में भरत चरित्र पर प्रकाश डालते हुए } वैदिक गणित सूत्र }ऊर्जा } बिल्व पत्र की महिमा
} मर्यादा किसे कहते है क्या और कैसे करें उपासना 29 वां अंक दिनांक 30-06-22 } तत्त्व त्रय-चित (आत्मा) } अग्नि साहिबजादो का सनातन धर्म की रक्षा के लिए दिए गए बलिदान जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज
} धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक को शत-शत नमन } धर्म अध्यात्म और संसार..आरंभ से आज तक
} ऋषि, मुनि, साधु और संन्यासी सगुण ब्रह्म की अभिव्यक्ति है यह } सात्विक आहार विहार, सत्संग, स्वाध्याय से ही वर्ष 2 अंक 14 दिनांक 16-03-2023 } राष्ट्रोत्कर्ष अभियान यात्रा के अन्तर्गत पूज्य गुरूदेव
सृष्टि मनोविकारों काे समाप्त किया जा सकता है } राष्ट्रोत्कर्ष अभियान यात्रा : जींद (हरियाणा) में समायोजित } कालीकट (केरल) में समायोजित धर्म सभा को संबोधित करते } शिक्षा, रक्षा, वाणिज्य, अर्थऔर सेवा के प्रकल्प सबको सदा
संगोष्ठी में जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए जगद्गुरु शङ्कराचार्य हुए जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी पुरीपीठाधीश्वर शंकराचार्य श्रीमज्जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी
} श्री महाकालेश्वर उज्जैन ज्योतिर्लिंग की पावन कथा } रामचरितमानस का एक मार्मिक और प्रेरक प्रसंग सन्तुलित रूप से सुलभ रहें, वही संविधान श्रेष्ठ निश्चलानन्द सरस्वती जी के दर्शनार्थ समुपस्थित ओडिशा
सप्तम अंक दिनांक 27-01-22 } 51 शक्ति पीठ कथा- माँ भद्रकाली मंदिर स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज महाराज } आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा.. पुष्ट और स्वस्थ तन-मन
43 वां अंक दिनांक 06-10-22 वर्ष 2 अंक 3 दिनांक 29-12-22 कालाहाण्डीके वनाञ्चल क्षेत्रमें विशाल जनसमुदाय।
} चंचल मन को स्थिर करने का क्या उपाय है? } मुंह की लार..सेहत का भंडार } प्रयागराज...आस्था की नगरी में श्रद्धा का बैंक वर्ष 2 अंक 26 दिनांक 08-06-2023
} दीक्षा का महत्व : श्री अशोक वशिष्ठ } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक } पृथ्वी के सर्वश्रेष्ठ राजा पृथु ने इहलोक से परलोक तक जितने } संविधान की आधारशिला क्या होनी चाहिए? प्रवृत्ति का पर्यावसान } प्रयाग राज की गौरवशाली एवं वैभवशाली गाथा
प्राणी हैं सबको यथायोग्य नि:र्सगसिद्ध परंपरा प्राप्त अन्न की निवृत्ति में हो। } वेदविहीन विज्ञान के द्वारा विकास को परिभाषित और क्रियान्वित
} स्वयं और ब्रह्म को जोड़ने का तरीका है रहस्यवाद 30 वां अंक दिनांक 07-07-22 } 51 शक्तिपीठ कथा-हिंगलाज शक्तिपीठ करने पर नरक और नारकीय प्राणियों का समुदाय ही विश्व हो
} ऊँकांरेश्वर ज्योतिर्लिंग की पावन कथा } सात्विक आहार विहार, सत्संग, स्वाध्याय से ही व्यवस्था की थी } पुष्ट और स्वस्थ तन-मन } वैदिक गणित सूत्र
} सप्तपुरिया-हरिद्वार } संस्कृत, संस्कृति विकास संस्थान दतिया म.प्र. द्वारा गीता सकता है
अष्टम अंक दिनांक 03-02-22 मनोविकारों काे समाप्त किया जा सकता है } वैश्विक शांति के लिए हिन्दी बनें विश्व भाषा } आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा..पुष्ट और स्वस्थ तन-मन
} नई पीढ़ी को अध्यात्म में कैसे आगे बढायें? } रामचरितमानस का एक मार्मिक और प्रेरक प्रसंग } आयुर्वेद/घरेलू ईलाज -इन 50 घरेलु नुस्खों को जीवन में याद पारायण संपन्न } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक
रखेगें तो कभी डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ेगा } 51 शक्तिपीठ कथा-युगाद्या, क्षीरग्राम शक्तिपीठ } अ से लेकर ज्ञ तक की वर्णमाला का निर्माण किसने किया
} आयुर्वेद/घरेलू ईलाज } 51 शक्ति पीठ कथा- महामाय शक्तिपीठ } बाह (आगरा) में समायोजित हिन्दूराष्ट्र संगोष्ठी में } सोलह संस्कार-हिन्दू संस्कारों का एक वैज्ञानिक विवेचन
} श्री वैद्यनाथ-बैजनाथ ज्योतिर्लिंग की पावन कथा } आयुर्वेदिक/प्राकृतिक चिकिक्सा-वात/वायु } 51 शक्ति पीठ कथा-मणिवेदिका } वैदिक गणित सूत्र जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी
} तत्त्व त्रय-चित (आत्मा) } अग्नि } ज्योतिष...रोग और उपाय } वैदिक गणित सूत्र }ऊर्जा } बिल्व पत्र की महिमा
} सनातन धर्मग्रंथों का सार } सुदामा दरिद्र क्यों } सप्तपुरियाँ-मथुरा श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज। } धर्म अध्यात्म और संसार..आरंभ से आज तक
} धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक वर्ष 2 अंक 15 दिनांक 23-03-2023
} एकाग्रता शक्ति बढ़ाने के लिए 5 खास टिप्स? } राष्ट्रोत्कर्ष अभियान यात्रा : पानीपत (हरियाणा) में समायोजित } बीएनएम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, बैंगलूर में समायोजित } राष्ट्रोत्कर्ष अभियान यात्रा के अन्तर्गत पूज्य गुरूदेव
} ज्योतिष से जानें शुभ-अशुभ योगिनी दशा की जानकारी 31 वां अंक दिनांक 14-07-22 } जिन संविधानों की संरचना ही शरीर को आत्मा मान करके हुई पुरीपीठाधीश्वर शंकराचार्य श्रीमज्जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी
} अहंकार, आसक्ति, आलस्य से शून्य स्वार्थ विहिन हिन्दुराष्ट्र धर्मसभा को संबोधित करते हुए जगद्गुरु शङ्कराचार्य हिन्दुराष्ट्र धर्मसभा को संबोधित करते हुए जगद्गुरु शङ्कराचार्य है उन संविधानों में क्षमता कहां है कि वो सचमुच में लोक का
नवम अंक दिनांक 10-02-22 स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज निश्चलानन्द सरस्वती जी के दर्शनार्थ समुपस्थित ओडिशा
} अपने लक्ष्य को कैसे प्राप्त करे, सफलता पर कैसे प्रबंधन ही श्रेष्ठ है उत्कर्ष करा दें, लौकिक उत्कर्ष करा दें कालाहाण्डीके वनाञ्चल क्षेत्रमें विशाल जनसमुदाय। विदित
} देव शयन, चातुर्मास का वैज्ञानिक महत्व 44 वां अंक दिनांक 13-10-22 वर्ष 2 अंक 4 दिनांक 5-1-2023 } आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा.. पुष्ट और स्वस्थ तन-मन
पहुंचे, कैसे आत्म संतुष्टि प्राप्त हो } आयुर्वेद / घरेलु ईलाज } मानव जीवन को सार्थक करने के लिए धर्मनिष्ठा और भगवद्तत्व } अंश स्वभावतया अपने अंशी को आकृष्ट होता है हो जगद्गुरु ने गतवर्ष भारतके चतुर्दिक् वनाञ्चलक्षेत्रोंमे प्रचार
} श्री भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग की पावन कथा } रहस्य त्रय, श्री रामचरितमानस : बालकांड } प्रयाग राज की गौरवशाली एवं वैभवशाली गाथा यात्राएं की है।
} 51 शक्ति पीठ कथा- नन्दीपुर शक्तिपीठ का विज्ञान एवं भगवद्तत्व में आस्था अपेक्षित है } पुष्ट और स्वस्थ तन-मन } 51 शक्तिपीठ कथा-सुगंधा-सुनंदा शक्तिपीठ
} कुंडली में बुध ग्रह के कमजोर होने पर करें उपाय } सप्तपुरिया-हरिद्वार } प्रयाग के माघ महोत्सव का है विशेष महत्व वर्ष 2 अंक 27 दिनांक 15-06-2023
दशम अंक दिनांक 17-02-22 } आयुर्वेदिक/प्राकृतिक चिकिक्सा-वात/वायु } वैदिक गणित सूत्र }वैश्विक शांति के लिए हिंदी बनें विश्व भाषा } लौकिक उत्कर्ष चाहिए तो, पारलौकिक उत्कर्ष चाहिए तो,
} श्री गुरुपूर्णिमा महोत्सव श्री गोवर्धनमठ पूरी पीठ } आयुर्वेद/घरेलू ईलाज -इन 50 घरेलु नुस्खों को जीवन में याद } 51 शक्तिपीठ कथा-प्रयाग शक्तिपीठ } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक
} पुनर्जन्म की परिकल्पना रखेगें तो कभी डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ेगा } वैदिक गणित सूत्र परमात्मा की प्राप्ति की भावना का मार्ग प्रशस्त करना हो तो
} हिन्दू अपने धर्म से विमुख क्यों हो रहे हैं? जगन्नाथपुरी ओड़ीशा के साथ भारत वर्ष में कई स्थानों पर हर्षोल्लास } जगतगुरु शंकराचार्य पुरी पीठाधीश्वर श्री जगतगुरु शंकराचार्य सनातन वैदिक आर्य महात्माओं द्वारा रचित, परीक्षित और प्रयुक्त
के साथ मनाया गया } 51 शक्ति पीठ कथा-प्रयाग शक्तिपीठ } ज्योतिष...रोग और उपाय स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी का हिन्दूराष्ट्र धर्मसभा हरमू
} रामचरितमानस का एक मार्मिक और प्रेरक प्रसंग } कार्तिक (दामोदर) मास की महिमा } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक सिद्धान्त को आत्मसात करना अत्यन्त आवश्यक है
} श्री रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग की पावन कथा 32 वां अंक दिनांक 21-07-22 मैदान रांची में सम्पन्न } आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा..पुष्ट और स्वस्थ तन-मन
} वैदिक व्यवस्था की आधारशिला-समस्त स्थावर और जंगम को } तत्त्व त्रय-चित (आत्मा) } अग्नि } आगामी दिनांक 11 से 15 जनवरी 2023 तक गंगासागर के वर्ष 2 अंक 16 दिनांक 29-03-2023
} सनातन धर्मग्रंथों का सार पुर्नजन्म की परिकल्पना?... } महाकाल लोक का लोकार्पण कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु एक विशेष बैठक कोलकाता } जगतगुरु शंकराचार्य श्री निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज का
} मंगल+शनि योगफल तथा उपाय अपना अंग मानकर ही विकास की रुपरेखा हो } जिन संविधानों की संरचना ही शरीर को आत्मा मान करके हुई 81वां प्राकट्य महोत्सव 16 जून को, देशभर में होंगे आयोजन
} चातुर्मास का क्या महत्व है। }रहस्य त्रय } कबरई (महोबा) में समायोजित हिन्दुराष्ट्र धर्मसभा को संबोधित में आयोजित की गई जिसमें पीठ परिषद आदित्य वाहिनी आनंद है उन संविधानों में क्षमता कहां है कि वो सचमुच में लोक का
एकादश अंक दिनांक 24-02-22 करते हुए जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी वाहिनी के पदाधिकारी उपस्थित हुए। } सोलह संस्कार-हिन्दू संस्कारों का एक वैज्ञानिक विवेचन
} काम, क्रोध, मोह, लोभ से कैसे छुटकारा पाएँ? } 51 शक्तिपीठ कथा-श्री शैल शक्तिपीठ उत्कर्ष करा दें, लौकिक उत्कर्ष करा दें } वैदिक गणित सूत्र }ऊर्जा } धर्म-कर्म रहस्य
} सनत्कुमार संवाद में श्रावण मास का वर्णन महाराज वर्ष 2 अंक 5 दिनांक 12-1-2023 } आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा.. पुष्ट और स्वस्थ तन-मन
} शब्द और शक्ति-श्री अशोक वशिष्ठ “शाक्त” 45 वां अंक दिनांक 20-10-22 } हम अपने लक्ष्य को देहत्याग के पहले ही पूर्ण कर सकें ये } धर्म अध्यात्म और संसार..आरंभ से आज तक
} भूख बढाने के कुछ आयुर्वेदिक नुस्खे } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक } प्रयाग राज की गौरवशाली एवं वैभवशाली गाथा } वसंस्कृति संस्कार विज्ञान कार्यशाला का समापन
} धर्म संघ, पीठ परिषद, आदित्यवाहिनी, आनंद वाहिनी, हिन्दू राष्ट्र } सबकी निसर्गसिद्ध चाह का विषय सच्चिदानन्द तत्व ही सिद्ध संविधान का स्वस्थ स्वरूप है } 51 शक्तिपीठ कथा-सुगंधा-सुनंदा शक्तिपीठ
} श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की पावन कथा होता है } सप्तपुरिया-हरिद्वार } पुष्ट और स्वस्थ तन-मन वर्ष 2 अंक 28 दिनांक 22-06-2023
} मंदिर जाने के धार्मिक एवं वैज्ञानिक महत्व' संघ, सनातन संत समिति का राष्ट्रीय महाधिवेशन संपन्न } वैदिक गणित सूत्र } सनातन वैदिक आर्य महर्षियों के द्वारा चिरपरीक्षित और प्रयुक्त
33 वां अंक दिनांक 28-07-22 } आयुर्वेद/घरेलू ईलाज -इन 50 घरेलु नुस्खों को जीवन में याद } प्रयाग राज की गौरवशाली एवं वैभवशाली गाथा } वैश्विक शांति के लिए हिन्दी बनें विश्व भाषा
द्वादशी अंक दिनांक 03-03-22 रखेगें तो कभी डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ेगा } 51 शक्तिपीठ कथा-विराटनगर शक्तिपीठ उपाय का उसे आलम्बन लेना चाहिए 'नान्याः पंथा विद्यतेयनाया'
} स्वस्थ क्रान्ति के लिए छः सूत्र } आत्यात्मिक दृष्टि से हम विचार करें तो ये प्रश्न उपस्थापित होता } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक लौकिक उत्कर्ष का भी अन्य कोई उपाय नहीं है
है कि हमारी आपकी चाह का सचमुच में विषय क्या है? निष्कर्ष } 51 शक्ति पीठ कथा-विरजा क्षेत्र उत्कल शक्तिपीठ } वैदिक गणित सूत्र } ज्योतिष...रोग और उपाय } श्री गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती
} क्या पूजा अनुष्ठान से भी अहित हो सकता है? } सनातन धर्म की एक प्रमुख देवी लक्ष्मीजी } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक } आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा..पुष्ट और स्वस्थ तन-मन
} कैसे बढावे भूख-आयुर्वेदिक नुस्खे निकलेगा कि मृत्यु के चपेट से विनिर्मुक्त जीवन जी के कोरबा आगमन से संबंधित तैयारी की समीक्षा बैठक की } श्री गोवर्धन मठ के पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी
} जगन्नाथ जी के महाप्रसाद की कथा। } तत्त्व त्रय-चित (आत्मा) } अग्नि } परंपरानुसार पौष पुर्णिमा के पावन दिन जगद्गुरु शङ्कराचार्य गई ।
} श्री काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की पावन कथा } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज के पावन सानिध्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज का 81वाँ प्राकट्य पूरे भारतवर्ष
त्रयोदश अंक दिनांक 10-03-22 } 51 शक्तिपीठ कथा-श्री नलहाटी शक्तिपीठ वर्ष 2 अंक 17 दिनांक 06-04-2023 में हर्षोल्लास से मनाया }सोलह संस्कार-हिन्दू संस्कारों का
} सनत्कुमार संवाद में श्रावण मास का वर्णन } कबरई (महोबा) में समायोजित हिन्दुराष्ट्र धर्मसभा को संबोधित में जगन्नाथ पुरी में महोदधि आरती (समुद्र आरती) सम्पन्न } भारत जो कि विश्व का हृदय है उस हृदय की रक्षा होने पर,
} धर्म का फल सुख ही होता है करते हुए हुई। जिसमें देश विदेश के कई गणमान्य नागरिक और भक्त एक वैज्ञानिक विवेचन }वैदिक गणित सूत्र }ऊर्जा } धर्म-कर्म
} संतान के लिए आदर्श माता-पिता बनें } सप्तपुरियाँ-मथुरा सबकी रक्षा होने पर, सबकी रक्षा होगी रहस्य }धर्म अध्यात्म और संसार..आरंभ से आज तक
} करपात्री जी महाराज : धरा के साक्षात महर्षि, धर्म आध्यात्म जगत 46 वां अंक दिनांक 27-10-22 उपस्थित रहें। } आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा.. पुष्ट और स्वस्थ तन-मन
} श्री त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग की पावन कथा } हम ऐसा आनंद चाहते हैं जहाँ दु:ख की पहुंच ना हो। वर्ष 2 अंक 6 दिनांक 19-1-2023 } जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्रीनिशचलानंद सरस्वती जी
} सनातन धर्म क्या है...? } परिक्रमा का वैज्ञानिक महत्व के जाज्वाल्व्यमान सूर्य। } प्रयागराज की गौरवशाली एवं वैभवशाली गाथा महाराज के प्राकट्य महोत्सव के पावन अवसर पर आयोजित
} केन्द्रीय कार्यकारिणी समिति में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय } आयुर्वेद/घरेलू ईलाज -इन 50 घरेलु नुस्खों को जीवन में याद } मन जीवात्मा का दिव्यचक्षु है } 51 शक्तिपीठ कथा-चट्टल-भवानी शक्तिपीठ
चर्तुदश अंक दिनांक 10-03-22 रखेगें तो कभी डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ेगा } सर्दी के मौसम में खाएं ये 9 चीजे, जो आपको अंदर से गर्म पार्थिव शिवलिंग पूजन श्रीसुदर्शन संस्थानम, रांवाभाटा, रायपुर
} मठ मंदिर अपनी उपयोगिता सिद्ध करें 34 वां अंक दिनांक 04-08-22 } वैदिक गणित सूत्र (छत्तीसगढ़)
} “असतो मा सद्गमय...”,वेद (बृहदारण्यक उपनिषद):-हे प्रभो, } 51 शक्ति पीठ कथा-कामाक्षी कांची शक्तिपीठ रखेगी } वैश्विक शांति के लिए हिन्दी बनें विश्व भाषा
} पेट के अल्सर का उपचार आयुर्वेदिक नुस्खे } सप्तपुरिया-हरिद्वार }ऊर्जा } प्रयाग राज की गौरवशाली एवं वैभवशाली गाथा वर्ष 2 अंक 29 दिनांक 29-06-2023
} श्री केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग की पावन कथा मेरे जीवन में वह बल और वेग भर कि जो कुछ असत्, अनित्य, } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक } “असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मामृतम गमय”
मरणधर्मा है उससे पिंड छुड़ाकर अमतृत्व स्वरूप होकर शेष रह } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक } 51 शक्तिपीठ कथा-कालीघाट शक्तिपीठ } अभनपुर में समायोजित हिन्दूराष्ट्र-धर्मसभा को सम्बोधित करते
} पूजा-पाठ के लिए कौन से बर्तन श्रेष्ठ होते है } जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज } वैदिक गणित सूत्र } आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा..पुष्ट और स्वस्थ तन-मन
} ज्योतिष के अनुसार चयन करें वाहन का रंग। सकंू हुए जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी } जगन्नाथपुरी से प्रयागराज पधारे गुरुदेव, शिष्यों को दिया
} मुद्रा विज्ञान के पावन सानिध्य में नागपुर में समायोजित वैदिक गणित संगोष्ठी } ज्योतिष...रोग और उपाय महाराज
15 वां अंक दिनांक 17-03-22 47 वां अंक दिनांक 03-11-22 } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक मार्गदर्शन
} मठ मंदिर अपनी उपयोगिता सिद्ध करें } 51 शक्तिपीठ कथा-श्री मिथिला शक्तिपीठ वर्ष 2 अंक 18 दिनांक 13-04-2023 } सोलह संस्कार-हिन्दू संस्कारों का एक वैज्ञानिक विवेचन
} आयुर्वेदिक -उपनहम या उपनाह स्वेद } हम अपने स्वरूप के जितने सन्निकट हम पहुंचते हैं, उतने ही } राष्ट्रोत्कर्ष अभियान यात्रा गंगासागर में समायोजित संगोष्ठी } वैदिक महर्षियों ने विश्व को अर्थशास्त्र दिया, धर्मशास्त्र दिया,
} पेट के अल्सर का उपचार-आयुर्वेदिक नुस्खे अंशों में मृत्यु के भय से त्राण प्राप्त कर लेते हैं। में जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी } वैदिक गणित सूत्र }ऊर्जा }धर्म-कर्म रहस्य
} श्री केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग की पावन कथा }सनातन धर्म क्या } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक मोक्षशास्त्र दिया, कामशास्त्र दिया, नीतिशास्त्र दिया, चिकित्सा } धर्म अध्यात्म और संसार..आरंभ से आज तक
} गौ रक्षक करपात्री जी महाराज धर्म सापेक्ष राज्य स्थापित करना } सप्तपुरिया-हरिद्वार श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज का विज्ञान दिया, इसी प्रकार से वास्तुविज्ञान दिया, गणित का
है...? } आयुर्वेद/घरेलू ईलाज-50 घरेलु नुस्खे वर्ष 2 अंक 7 दिनांक 26-1-2023 } विश्व गीता प्रतिष्ठान द्वारा गीता प्रशिक्षण कार्यक्रम घोषित
} पूजा-पाठ के लिए कौन से बर्तन श्रेष्ठ होते हैं। चाहते थे स्वामी रंगनाथाचार्य जी महाराज विज्ञान दिया, भोजन, वस्त्र, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य, यातायात, वर्ष 2 अंक 30 दिनांक 06-07-2023
35 वां अंक दिनांक 11-08-22 } 51 शक्ति पीठ कथा-काल माधव-देवी काली अमरकंटक } "महायज्ञैश्च यज्ञैश्च ब्राहमणीयक्रियते तनु" वह संविधान अपने उत्सव, त्यौहार, रक्षा, सेवा, न्याय का विज्ञान दिया
16 वां अंक दिनांक 24-03-22 } हनुमानजी का कर्जा आप में परिपूर्ण है जिससे लोक की सार्थकता सिद्ध हो" } प्रकृति से लेकर पार्थिवप्रपंच तक जितने अनात्म पदार्थ हैं,
} देवता से मनौती मानने पर वे सहायता करते हैं? } “दार्शनिक वैज्ञानिक धरातल पर व्यवस्था का मौलिक स्वरूप क्या } आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा.. पुष्ट और स्वस्थ तन-मन जितना अनात्मप्रपंच है, वह अनित्य है,
है? } समुद्र मंथन से प्राप्त चौदह रत्नों का रहस्य.. } सर्दी के मौसम में खाएं ये 9 चीजे, जो आपको अंदर से गर्म } प्रयागराज की गौरवशाली एवं वैभवशाली गाथा
} शाकाहार उत्तम आहार-आयुर्वेदिक नुस्खे } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक रखेगी } आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा..पुष्ट और स्वस्थ तन-मन
} श्री घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग की पावन कथा... } योग क्या है...? } बरसात में जरुर लगाएं 5 शुभ पौधे...प्रसन्न होंगे भोलेनाथ } 51 शक्तिपीठ कथा-यशोर-यशोरेश्वरी शक्तिपीठ } राष्ट्रोत्कर्ष अभियान के समापन दिवस पर धर्म संघ पीठ परिषद,
} 51 शक्तिपीठ कथा-श्री रत्नावली शक्तिपीठ } रामानुज कोट उज्जैन में श्री लक्ष्मी वेंकटेश भगवान को छप्पन } प्रयाग राज की गौरवशाली एवं वैभवशाली गाथा } वैदिक गणित सूत्र
} तत्त्व क्या है?, जीवन का लक्ष्य क्या होना चाहिए? भोग } 51 शक्तिपीठ कथा-मनसा शक्तिपीठ आनंद वाहिनी, आदित्य वाहिनी के पदाधिकारियों के साथ
} उपाय क्या है लक्ष्य प्राप्त करने का } आयुर्वेदिक -इन 50 घरेलु नुस्खों को जीवन में याद रखेगें तो } मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने का अभियान प्रारंभ गुरुदेव के अन्य अन्य भक्तों ने अपनी भावाभिव्यक्त किए।
कभी डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ेगा 48 वां अंक दिनांक 10-11-22 } वैदिक गणित सूत्र } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक
17वां अंक दिनांक 06-04-22 } हमारा लक्ष्य-ऐसा ज्ञान जहां अज्ञान, अज्ञता या मूर्खता या जड़ता } ज्योतिष...रोग और उपाय } सोलह संस्कार-हिन्दू संस्कारों का एक वैज्ञानिक विवेचन
} काम वासना से साधक कैसे बचें, } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक } कोरबा (छत्तीसगढ़) में समायोजित हिन्दूराष्ट्र धर्मसभा को } वैदिक गणित सूत्र }ऊर्जा }धर्म-कर्म रहस्य
} वैदिक गणित संगोष्ठी संपन्न की पहुंच न हो, ऐसा आनंद जहां दुख की पहुंच न हो } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक सम्बोधित करते हुए जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द
} श्री दुर्गासप्तशती बीज मंत्रात्मक साधा } सप्तपुरिया-हरिद्वार } गुरु का आशीष.. जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द } धर्म अध्यात्म और संसार..आरंभ से आज तक
} इलायची का उत्तम स्वाद-आयुर्वेदिक नुस्खे, 36 वां अंक दिनांक 18-08-22 सरस्वती जी महाराज } गुरु पूर्णिमा महोत्सव संपूर्ण भारतवर्ष में बड़े हर्षोल्लास के साथ
} अज्ञान को दग्ध करने के लिए जो व्यवस्था है उसका नाम } आयुर्वेद/घरेलू ईलाज-50 घरेलु नुस्खे सरस्वतीजी महाराज का आशीर्वाद आचार्य धीरेन्द्र शास्त्री के साथ वर्ष 2 अंक 19 दिनांक 20-04-2023
} 51 शक्तिपीठ-हिंगलाज की पावन कथा } 51 शक्ति पीठ कथा-शोण देश नर्मदा (शोणाक्षी ) शक्तिपीठ वर्ष 2 अंक 8 दिनांक 2-2-2023 मनाया गया
} शरीर आत्मा भाव, घटक श्रुति तत्वज्ञान है, सबसे ऊंची व्यवस्था यही है तत्वज्ञान अगर प्राप्त } धर्मयुद्ध मे निमंत्रण नहीं भेजे जाते..जो वीर होते हैं वे स्वयं वर्ष 2 अंक 31 दिनांक 13-07-2023
नहीं हुआ तो ये क्रम चलता ही रहेगा } श्री हरि के वाहन गरुड़जी की राेकच कथा } हमें लौकिक उत्कर्ष, पारलौकिक उत्कर्ष के साथ-साथ रणभूमि में चले आते हैं
} इन नौ औषधियों में वास है नवदुर्गा का } समुद्र मंथन से प्राप्त चौदह रत्नों का रहस्य.. परमात्मतत्व को प्राप्त करने के लिए सदैव प्रयासरत रहना } अनित्य देहेन्द्रिय प्राणान्तःकरण का आलम्बन लेकर ही इनसे
18वां अंक दिनांक 14-04-22 } राष्ट्रीय तथा प्रान्तीय पदाधिकारी एवं विशेष रूप से सक्रिय सदस्यों } भगवान परशुरामजी का इतिहास अतीत आत्मा का अधिगम् प्राप्त कर सकते हैं
की सूची } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक चाहिए } प्रयागराज की गौरवशाली एवं वैभवशाली गाथा
} कीर्तन के नाम पर तप और विद्या का विलोप न हो } नखत्राणा,भुज(गुजरात) में समायोजित हिन्दुराष्ट्र धर्मसभा को } सर्दी के मौसम में खाएं ये 9 चीजे, जो आपको अंदर से गर्म } आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा..पुष्ट और स्वस्थ तन-मन
} ब्रह्मविद्या, कर्तव्य से पीछे न हटे } श्रावण पूर्णिमा पर हुआ प्रथम वेबिनार संगोष्ठी } 51 शक्तिपीठ कथा-श्री हरसिद्धि माता शक्तिपीठ }वैदिक गणित } आनंद वाहिनी संस्था पठानकोट ने स्कूल को भेंट किए बर्तन
} 51 शक्तिपीठ कथा-श्री अम्बाजी शक्तिपीठ संबोधित करते हुए जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द रखेगी सूत्र
} पेट में कीड़े-आयुर्वेदिक नुस्खे, सरस्वती जी महाराज } प्रयाग राज की गौरवशाली एवं वैभवशाली गाथा } सोलह संस्कार-हिन्दू संस्कारों का एक वैज्ञानिक विवेचन
} 51 शक्तिपीठ-श्री शिवहारकराय की पावन कथा, } आयुर्वेदिक -इन 50 घरेलु नुस्खों को जीवन में याद रखेगें तो } आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा.. पुष्ट और स्वस्थ तन-मन } वैदिक गणित सूत्र }ऊर्जा }धर्म-कर्म रहस्य
कभी डॉक्टर के पास नहीं जाना पड़ेगा 49 वां अंक दिनांक 17-11-22 } 51 शक्तिपीठ कथा-इद्राक्षी शक्तिपीठ } मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने का अभियान प्रारंभ
} महाकवि कालिदास का काल निर्धारण-एक शोध } "कर्म के मूल में इच्छाशक्ति होती है, इच्छाशक्ति के मूल में ज्ञान } वैदिक गणित सूत्र }ज्योतिष...रोग और उपाय } धर्म अध्यात्म और संसार..आरंभ से आज तक
19वां अंक दिनांक 21-04-22 } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक } परशुरामजी के लिए भागीरथी प्रयास करते "चिरंजीवी" } उज्जैन (म.प्र.) श्रावण मास के प्रथम सोमवार पर नगर भ्रमण पर
} महर्षि सांदीपनि राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन के तीन होता है" } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक रामनारायण
} जितना तपोमय जीवन माता-पिता का होगा सन्तान पर उसका } सप्तपुरिया-हरिद्वार } सुसंस्कृत, संरक्षित और सेवापरायण हो अखण्ड भारत वर्ष निकले भगवान महाकालेश्वर
प्रभाव पड़े बिना नहीं रहेगा दिवसीय स्थापना दिवस समारोह संपन्न } रीवा (म.प्र.) में समायोजित हिन्दूराष्ट्र धर्मसभा को सम्बोधित वर्ष 2 अंक 32 दिनांक 20-07-2023
37 वां अंक दिनांक 25-08-22 } आयुर्वेद/घरेलू ईलाज-50 घरेलु नुस्खे } पंचम हिन्दूराष्ट्र अधिवेशन संपन्न करते हुए जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती
} सकारात्मक चिंतन ही करें } यूरिक एसिड का रामबाण उपाय } 51 शक्ति पीठ कथा-जयंती शक्तिपीठ वर्ष 2 अंक 9 दिनांक 9-2-2023 } भगवद्कृपा से हमको सुषुप्ति या गाढ़ी नींद की प्राप्ति होती है, उसमें हम
} शक्तिपीठ क्रमांक-3 (किरीट शक्तिपीठ) } अर्थ पँचक शिवलिंग, } साधक बाधक भाव का जिसे ज्ञान होता है वही उत्तम प्रबंधक होता जी महाराज सच्चिदानन्द सर्वेश्वर के अत्यन्त सन्निकट पहुंच जाते हैं
है } श्री हरि के वाहन गरुड़जी की राेकच कथा } हर काल में, हर व्यक्ति के लिए जिसकी उपयोगिता अक्षुण्ण वर्ष 2 अंक 20 दिनांक 27-04-2023
} गोवेर्धन पर्वत की पारिक्रमा क } समुद्र मंथन से प्राप्त चौदह रत्नों का रहस्य.. रहे, ऐसा संविधान ही सर्वोत्कृष्ट माना } जन्म दिवस विशेष जगद्गुरु श्री जयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य
20वां अंक दिनांक 28-04-22 } विश्वगीताप्रतिष्ठानम्-उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत } आद्य शंकराचार्य जी का 2530वाँ प्राकट्य महोत्सव राष्ट्रोत्कृर्ष } आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा..पुष्ट और स्वस्थ तन-मन
विश्वगीताप्रतिष्ठानम् का रजत जयंती महोत्सव } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक } आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा.. पुष्ट और स्वस्थ तन-मन महाधिवेशन के रूप में सम्पन्न
} एकाग्र चित्त भगवत भक्ति में मन का समाहित हो } गांधीधाम(गुजरात)में समायोजित हिन्दूराष्ट्र संगोष्ठी में } प्रयाग राज की गौरवशाली एवं वैभवशाली गाथा } वेदपाठी छात्रों को हिन्दू राष्ट्र का निडर सैनिक बनाएंगे-श्री सुरेश सिंह
जाना ही परम योग है } 51 शक्तिपीठ कथा-जालंधर शक्तिपीठ } आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा.. पुष्ट और स्वस्थ तन-मन } सोलह संस्कार-हिन्दू संस्कारों का एक वैज्ञानिक विवेचन
} शिव और शंकर में भेद जिज्ञासाओं का सामाधान करते हुए जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी } 51 शक्तिपीठ कथा-गण्डकी शक्तिपीठ } श्री आदि शंकराचार्य जयंती विशेष
} मूत्राशय भरा हुआ है और पेशाब नहीं हो रहा है, श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज } वैदिक गणित सूत्र } वैदिक गणित सूत्र }ऊर्जा }धर्म-कर्म रहस्य
पेशाब करने में असमर्थ है तो यह करें? } इन 50 घरेलु नुस्खों को जीवन में याद रखेगें तो कभी डॉक्टर के } 51 शक्तिपीठ कथा-श्री पर्वत शक्तिपीठ } धर्म अध्यात्म और संसार..आरंभ से आज तक
पास नहीं जाना पड़ेगा 50 वां अंक दिनांक 24-11-22 } ज्योतिष...रोग और उपाय } वैदिक गणित सूत्र }ऊर्जा
} सती का 'बालों के छल्ले जीस स्थान पर गिरा। यहां } संविधान की आधारशिला क्या है ''दर्शन'' दर्शन के बिना संविधान } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक } ठाकुर स्ट्रीट, कोलकाता में एक विशेष बैठक का आयोजन
सती को उमा व भगवान शिव को भूतेश कहा जाता है। } धर्म अध्यात्म और संसार..आरंभ से आज तक } धर्म अध्यात्म और संसार..आरंभ से आज तक वर्ष 2 अंक 33 दिनांक 27-07-2023
} रुद्रा आकृति, प्रयागराज में समायोजित वैदिक गणित प्रशिक्षण की संरचना हो नहीं सकती } भुवनेश्वर में समायोजित संगोष्ठी में जिज्ञासाओं का समाधान } हिंदू शब्द बाहर से नहीं आया, ऋ ग्वेद में भी है इसका उल्लेख
} शिवलिंग, भगवान शिव द्वारा लोकहित के लिए } आयुर्वेद/घरेलू ईलाज-50 घरेलु नुस्खे करते हुए जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी } प्रत्येक अंश का आकर्षण अपने अंशी के प्रति होता है
रचा गया एक महायंत्र है, शिविर वर्ष 2 अंक 21 दिनांक 04-05-2023 } आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा..पुष्ट और स्वस्थ तन-मन
38 वां अंक दिनांक 01-09-22 } 51 शक्ति पीठ कथा-जयंती शक्तिपीठ महाराज } शंकराचार्य जी होशियारपुर पहुंचे, साधना एवं राष्ट्र रक्षा शिविर में
21वां अंक दिनांक 04-05-22 } श्री हरि के वाहन गरुड़जी की राेकच कथा } पीठ परिषद आदित्यवाहिनी शाखा ने कार्यक्रम करवाया } 116वाँ श्री करपात्री जयंती महोत्सव
} योगमार्ग बहुत दुरुह है, भक्ति का मार्ग सुगम है, } सामान्य और विशेष दोनों का जिसको विज्ञान प्राप्त है वही व्यक्ति रोजाना करेंगे प्रवचन } सोलह संस्कार-हिन्दू संस्कारों का एक वैज्ञानिक विवेचन
सबसे उत्तम होता है } समुद्र मंथन से प्राप्त चौदह रत्नों का रहस्य.. वर्ष 2 अंक 10 दिनांक 16-2-2023 } आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा.. पुष्ट और स्वस्थ तन-मन
} घरैलू उपचार से करें लू का असर कम, } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक } राजनीति का पर्याय है राजधर्म वो भी धर्म है-इसका पर्याय है } वैदिक गणित सूत्र }ऊर्जा }धर्म-कर्म रहस्य
} श्री शंकराचार्य जयंती विशेष } आदित्य वाहिनी संस्था द्वारा विभिन्न प्रकोष्ठों का गठन } सनातन धर्म और सनातन संस्कृति के संरक्षण संवर्धन में आद्य } धर्म अध्यात्म और संसार..आरंभ से आज तक
} श्राप और वरदान का रहस्य क्या है? } दिल्ली में समायोजित धर्म सभा को संबोधित करते हुए श्री क्षात्र धर्म क्षत्रियों का जो धर्म होता है उसे कहते हैं क्षात्रधर्म, शंकराचार्य जी का महान योगदान
} 51 शक्तिपीठ कथा-श्री पर्वत शक्तिपीठ, जगतगुरु शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज राजधर्म, राजनीति उसका नाम है अर्थनीति, उसी का नाम है } भोपाल में साप्ताहिक संगोष्ठी में भजन का हुआ आयोजन
} क्या मंदिरों में चढ़ाया गया प्रसाद नहीं खाना चाहिए? } 51 शक्ति पीठ कथा रामगिरि शक्ति पीठ } 51 शक्तिपीठ कथा-रामगिरि शक्तिपीठ
} शिव और शंकरमें भेद 51 वां अंक दिनांक 1-12-22 दण्डनीति } वैदिक गणित सूत्र वर्ष 2 अंक 34 दिनांक 03-08-2023
} तिलक लगाने के चमत्कारिक प्रभाव और लाभ } महोपनिषद ने उद्घोषित किया क्योंकि यह सृष्टि परमात्मा की } आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा.. पुष्ट और स्वस्थ तन-मन } प्रत्येक जीव के आकर्षण का विषय सच्चिदानन्द तत्व ही है
22वां अंक दिनांक 12-05-22 } इन 50 घरेलु नुस्खों को जीवन में याद रखेगें तो कभी डॉक्टर के } ऊर्जा
पास नहीं जाना पड़ेगा अभिव्यक्ति है हम सब परमात्मा के परिवार के पुत्र या सदस्य हैं } प्रयाग राज की गौरवशाली एवं वैभवशाली गाथा } बिल्व पत्र की महिमा } आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा..पुष्ट और स्वस्थ तन-मन
} श्रीमज्जगद्गुरु शंकराचार्य द्वारा संगोष्ठी के इसलिए 'वसुधैव कुटुम्बकम्' } 51 शक्तिपीठ कथा-गुह्येश्वरी शक्तिपीठ } उज्जैन मध्यप्रदेश में भगवान महाकाल ने उमा महेश स्वरूप में दिए
मध्य एक जिज्ञासा का समाधान } श्री गणेश चतुर्थी विशेष } धर्म अध्यात्म और संसार..आरंभ से आज तक
} 19 घंटे में 1202 धान के दानों से पुरी के युवक जाबिर खान ने } सप्तपुरिया-हरिद्वार } वैदिक गणित सूत्र } करणसर (राजस्थान) में समायोजित हिन्दूराष्ट्र संगोष्ठी में दर्शन, सवारी में उमड़े लाखों श्रद्धालु
} वजन घटाने के लिए भोजन और घरेलु नुस्ख } आयुर्वेद/घरेलू ईलाज-50 घरेलु नुस्खे } ज्योतिष...रोग और उपाय } सोलह संस्कार-हिन्दू संस्कारों का एक वैज्ञानिक विवेचन
} महाराणा प्रताप जयंती पर विशेष भगवान् जगन्नाथजी के रथ का चित्र तैयार कर पुरी पीठाधीश्वर जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी
जगतगुरु शंकराचार्या जी को किया समर्पित } 51 शक्ति पीठ कथा-भ्रामरी शक्तिपीठ } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज } वैदिक गणित सूत्र }ऊर्जा }धर्म-कर्म रहस्य
} 51 शक्ति पीठ कथा-विशालाक्षी शक्ति पीठ, } श्री हरि के वाहन गरुड़जी की राेकच कथा } रणवीरपुर (छत्तीसगढ़) में जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी } धर्म अध्यात्म और संसार..आरंभ से आज तक
} कौन सा प्रसाद ग्रहण किया जा सकता है? 39 वां अंक दिनांक 08-09-22 वर्ष 2 अंक 22 दिनांक 11-05-2023
} निर्विकल्प समाधि (गाड़ी नींद) ही मनुष्य को विक्षिप्तता से दूर } गायत्री की गुप्त शक्ति श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज का भव्य स्वागत } समय, शील, सम्बन्ध, सम्पत्ति के अपहरण का केंद्र न्यायालय न } गोवेर्धनमठ पुरी ओडिशा में चातुर्मास में विभिन्न सांस्कृतिक
23 वां अंक दिनांक 19-05-22 } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक वर्ष 2 अंक 11 दिनांक 23-2-2023 कार्यक्रम
} मानव जीवन में धर्म एवं ब्रह्म का महत्व, रखती है हो
} शयन विधान } श्राद्ध पक्ष विशेष } श्री गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर श्रीमद जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी } धर्म का लक्षण भी यही है जिसके पालन से लौकिक उत्कर्ष भी } संपादकीय वर्ष 2 अंक 35 दिनांक 10-08-2023
} घरेलु नुस्ख से मोटापे पर करें कंट्रोल, }पञ्च संस्कार, श्री निश्चलानंद सरस्वती महाराज का तीन दिवसीय प्रवास उज्जैन हो, पारलौकिक उत्कर्ष भी हो और मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त हो
} 51 शक्ति पीठ कथा-गोदावरी तीर शक्ति पीठ } 51 शक्ति पीठ कथा वेद्यनाथ शक्ति पीठ } शंकराचार्य बोले-समलैंगिकता मानवता के लिए कलंक } अगर कोई नादान जीव कहेगा- ऐ कौन होता है ईश्वर? उसको
} शिव और शंकर में भेद }श्री गणेश चतुर्थी विशेष में। } आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा..पुष्ट और स्वस्थ तन-मन } सोलह संस्कार-हिन्दू संस्कारों का एक वैज्ञानिक विवेचन उत्तर दे देना चाहिए-अरे बन्दे! तेरी चाह का सचमुच में जो विषय
} शिवलिंग } कुश/डाब 52 वां अंक दिनांक 8-12-22 } प्रयागराज के माघ मेले में पिता की धार्मिक विरासत संभाल रही
} भविष्य पुराण में वर्णित सांपों से जुड़े 15 रहस्य } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक } वैदिक गणित सूत्र है वही होता है ईश्वर
} गोवर्धन पीठ में ओडिशा प्रदेश की राज्य परिषद की बैठक संपन्न } जिस संविधान में विश्व के कल्याण की भावना अनुगत हो, जो बेटियां, शिविरों का कर रही संचालन } ऊर्जा } आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा..पुष्ट और स्वस्थ तन-मन
24 वां अंक दिनांक 26-05-22 संविधान विश्व कल्याण की भावना से भावित हो वही वास्तव में } प्रयाग राज की गौरवशाली एवं वैभवशाली गाथा } शंकराचार्यजी के सानिध्य में होने जा रहे महायज्ञ के लिए हुई
} लक्ष्य पर पहुंचकर ही आत्म संतुष्टि प्राप्त होगी 40 वां अंक दिनांक 15-09-22 } बिल्व पत्र की महिमा
} सच्चिदानंद स्वरूप परमेश्वर। प्रत्येक अंश स्वभावतः अपने अंशी संविधान है। } 51 शक्तिपीठ कथा-विशालाक्षी शक्तिपीठ } धर्म अध्यात्म और संसार..आरंभ से आज तक धर्मसभा विश्व शांति का तात्पर्य राष्ट्र और समाज का विकास
} भीगे पैरों बैठकर करिए भोजन, रहेंगे स्वस्थ तन-मन } आयुर्वेद/मूली खाने से होने वाले फायदे } वैदिक गणित सूत्र } रमल विद्या क्या है? } सोलह संस्कार-हिन्दू संस्कारों का एक वैज्ञानिक विवेचन
} प्रपत्ति (शरणागति), को चाहता है। जब तक अपने अंशी से एकीभूत नहीं हो जाता तब } जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज
तक उसकी गति चलती ही रहती है } सप्तपुरिया-हरिद्वार } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक के पावन सान्निध्य में 24 वां साधना एवं राष्ट्ररक्षा शिविर का } वैदिक गणित सूत्र } ऊर्जा }धर्म-कर्म रहस्य
} 51 शक्ति पीठ कथा-शुचीन्द्रम शक्ति पीठ, } 51 शक्ति पीठ कथा-त्रिपुर सुंदरी शक्तिपीठ (कूर्भपीठ) } हिंदू राष्ट्र घोषित होते ही एशिया के अन्य 15 देश हो जाएंगे हिन्दू } धर्म अध्यात्म और संसार..आरंभ से आज तक
} चंदन तिलक } वास्तु और रसाईघर } शनि की साड़ेसाती होती क्या है और क्या होता इसमें समायोजन होशियारपुर (पंजाब)
} आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा.. त्रिफला } श्री हरि के वाहन गरुड़जी की राेकच कथा राष्ट्र घोषित वर्ष 2 अंक 23 दिनांक 18-05-2023 } राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के श्री मोहन भागवत जी ने जगद्गुरु
25 वां अंक दिनांक 02-06-22 } गायत्री की गुप्त शक्ति वर्ष 2 अंक 12 दिनांक 02-03-2023 शंकराचार्य जी से गोवर्धन मठ पुरी में संघ के विधिवत संचालन हेतु
} राष्ट्र को प्रकृति, धर्मानुकूल संचालन की विधा धर्माचार्यों, संतों से } 51 शक्ति पीठ कथा-वक्त्रेश्वर शक्तिपीठ } छिद्रान्वेषण एवं समीक्षा करने की तुलना में सनातन धर्म के
} विश्वगीता प्रतिष्ठानम्, उज्जयिनी की स्थापना } धर्म अध्यात्म और संसार...आरंभ से आज तक } वैदिक महर्षियों द्वारा चिरपरीक्षित और प्रयुक्त सिद्धान्त है, यदि जिन मान बिंदुओं पर सहमति होती है उन्हें ही प्रबल किया जाना विस्तार से चर्चा की

वर्ष 2, अंक-36 दिनांक 17-08-2023- प्रयागराज संस्करण पेज क्रमांक 3


} यदि हम परमात्म के पक्षधर होंगे तो स्वार्थ से वंचित हो } स्वामी करपात्री जयंती पर निशुल्क सामूहिक रुद्राभिषेक } करपात्री जी महाराज धरा के साक्षात् महर्षि, धर्म आध्यात्म
जायेंगे। सच्ची बात तो ये है कि जो परमात्म का पक्षधर होता ठाकुर द्वारा मंदिर पर होगा जगत के जाज्वाल्व्यमान सूर्य
है, उसका व्यवहार भी सबके सुखद होता है } सोलह संस्कार-हिन्दू संस्कारों का एक वैज्ञानिक विवेचन } स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर धर्म संघ पीठ परिषद, आनंद
} आयुर्वेद/ प्राकृतिक चिकित्सा..पुष्ट और स्वस्थ तन-मन } वैदिक गणित सूत्र } ऊर्जा }धर्म-कर्म रहस्य वाहिनी, आदित्य वाहिनी के तत्वावधान में झंडा वंदन कार्यक्रम।
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वर्ष-2 अंक-37 गुरुवार, 24 अगस्त 2023 राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र 8

उज्जैन। धर्म
सर्वभूतहृदय धर्मसम्राट् स्वामिश्री आध्यात्मिक और
करपात्री जी महाराज के ११६वें संसार राष्ट्रीय
प्राकट्य महोत्सव के अवसर पर साप्ताहिक समाचार
पत्र के कार्यालय में
पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्धनमठ पुरीपीठ में धर्म सम्राट करपात्री
समायोजित महोत्सव में पूजन करते जी महाराज के
हुए जगद्गुरु शड़्कराचार्य स्वामी अवतरण दिवस पर
श्रीनिश्चलानंद सरस्वती जी महाराज विशेष कार्यक्रम
आयोजित किया गया।

पी ठपरिषद् आदित्यवाहिनी आनंदवाहिनी शाखा खानपुर मनवाल द्वारा सीनियर स्कालर स्कूल पठानकोट में धर्मसम्राट श्री स्वामी करपात्री जी महाराज
जी का 116वां प्राक्टय दिवस मनाया गया।इसमें प्रिंसिपल दिनेश शर्मा जी मुख्य अतिथि थे।श्री सतीश सैनी जी एस.ई. नगर निगम पठानकोट विषेष
अतिथि श्री अश्वनी शर्मा जी चेयरमैन सीनियर स्कालर स्कूल सभापति। कार्यक्रम में सनातन मानबिन्दुओं पर भाषण प्रतियोगिता करवाई गयी।संस्था द्वारा उच्च
शिक्षा ले रही गोद ली गई बच्चियों को 50,000/-रुपये छात्रवृत्तियां दी गई। स्कूल में हर्बल प्लांट भी लगाए गये।इस अवसर पर श्रीमती सुधा शर्मा राष्ट्रीय
उपाअध्यक्ष आनंदवाहिनी जी ने धर्मसम्राट करपात्री जी महाराज जी के जीवन चरित्र और शाखा के प्रक्लपों की जानकारी दी गई।श्री अजय शर्मा जी प्रभारी
पंजाब प्रांत ने धर्मसम्राट श्री स्वामी करपात्री जी महाराज जी के धर्म,राष्र्ट,गोमाता एवं संस्कृति की रक्षा के लिए किये गये योगदान के बारे बताया।इस अवसर
पर श्री रमेश शर्मा ,सूबेदार रामदास शर्मा, सुरिन्द्र सैनी ,मधु शर्मा,प्रोमिला शर्मा ,श्रीमति रितु सैनी एवं छात्र छात्राएं उपस्थित थे।

गोवर्धन पीठाधीश्वर विचार व्यक्त किए.


स्वामी निश्चलानंद कार्यक्रम को
सरस्वती जी महाराज सफल बनाने में
द्वारा स्थापित पीठ मुख्य रूप से है श्री
परिषद आदित्य गणेश रानधर, श्री
वाहिनी आनंद वाहिनी महेश आचार्य, श्री
के तत्वाधान में आज मालचंद चांडक,
धर्म सम्राट स्वामी करपात्री जी महाराज का 116 मा जयंती श्री गोपाल खत्री ,स्वामी सर्वानंद अवधूत महाराज, शंकर
आदि शंकराचार्य जी मंदिर टिकिया पारा हावड़ा बंगाल में मनाया महाराज, प्रकाश पांडे, भवानी प्रसाद भट्टाचार्यजी, श्रीमती
गया जिसमें सर्वप्रथम रुद्राभिषेक पूजन संकीर्तन एवं सभा का हिमाद्री मुखर्जी, श्रीमती गोपा द्विवेदी, श्रीमती ओली बनर्जी,
आयोजन किया गया आदित्य वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री शोभित सतपति, विदेश चक्रवर्ती, अभिजीत बैनर्जी, प्रवीण
प्रेमचंद्र झा जी ने अपने संबोधन में धर्म सम्राट करपात्री जी कर्मकार, अभिजीत दास, श्रीकांत मंडल, पिंटू कॉल ,श्यामल
महाराज के कृतित्व, धर्म संघ की स्थापना ,रामराज परिषद खर, इंद्रजीत चटर्जी, श्रीमती परमिता दास ,श्रीमती मौमिता
की स्थापना एवं अखंड भारत के अभियान पर प्रकाश डाला प्रमाणिक, श्रीमती मौसमी नदी, श्रीमती रायमूना चटर्जी
,आनंद वाहिनी के राष्ट्रीय महामंत्री पिंकी गोस्वामी, गोवर्धन ,बिपाशा चटर्जी, श्रीमती रूबी सरकार, श्रीमती सुजाता पाल के
गौशाला के श्री मूलचंद राठी, आदित्य वाहिनी के प्रांतीय अध्यक्ष साथ शहर के गणमान्य नागरिकों के साथ असंख्य गुरु भक्तों
श्री देव आशीष गोस्वामी एवं संत महात्मा ने भी अपने अपने ने कार्यक्रम में सहभागिता की ।
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स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, अखिलेश जोशी द्वारा 34, भोज मार्ग फ्रीगंज उज्जैन से प्रकाशित कर एवं भगवती ऑफसेट, 44, बहादुरगंज, उज्जैन (म.प्र.) से मुद्रित, संपादक - गिरजा मो. न. 9303968612 (सभी विवादो का न्याय क्षेत्र उज्जैन रहेगा)

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