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Asm 26376
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ां - ऩ ठ २ ईदग ह क० क ०
ऩ ठ के उद्दे श्य
सुऱेख
यभज़ान के ऩयू े तीस योज़ों के फाद आज ईद आई है | गाॉव भें बायी चहर-ऩहर है | ईदगाह जाने की
तैमारयमाॉ हो यही हैं | रड़के सफसे ज़्मादा प्रसन्न हैं | योज़ों से उन्हें कोई खास भतरफ नहीॊ, ऩय
ईदगाह जाने की खश
ु ी उनके हहस्से की चीज़ है | उनके लरए तो फस ईद है | फहुत हदनों से योज़ ईद
का नाभ यटते थे, आज वह आ गई |
नए शब्द
रमज़ न रमज़ न
रोज़ रोज़
ईदग ह ईदग ह
समीऩ समीऩ
कव यद कव यद
ज जजम ज जजम
भिश्ती भिश्ती
उद र उद र
आकषषण आकषषण
रहस्य रहस्य
अखरन अखरन
शब्द थष
शब्द अथष
रमज़ न एक भहीने का नाभ
रोज़ यभज़ान क भहीने भें यखा जाने
वारा व्रत
ईदग ह एक ववशेष स्थान जहाॉ ईद की
नभाज़ ऩढ़ी जाती है
समीऩ ऩास
कव यद कसयत
ज जजम पशश ऩय बफछाई जाने वारी सफ़ेद
चादय
भिश्ती चभड़े की थैरी भें बयकय ऩानी
रानेवारा
चकन चरू हो ज न नष्ट हो जाना
उद र फड़े हदर का
आकषषण खखॊचाव
रहस्य बेद
अखरन फुया रगना
धक प्रबाव
द मन आॉचर
प्रश्न – उत्तर
क) ईद के ददन अमीन खश
ु क्यों नहीां थी?
उ०. ईद के हदन अभीना इसलरए खश
ु नहीॊ थी क्मोंकक त्मोहाय के हदन उसके घय भें अन्न का एक
दाना तक नहीॊ था | वह हालभद के लरए न जूते खयीद सकती थी औय न ही नए कऩड़े |
व क्य बन ओ
क) ईदगाह
ख) सभीऩ
ग) उदाय
घ) क्रोध