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ch1 (Hindi Notes)
ch1 (Hindi Notes)
दो बै कथा
पाठ का सार
कई बार काम करते समय मोती ने गा खाई रानी चाही तो हीरा ने उसे समझाया। मोती
ब गु ल था , हीरा धीरज से काम लेता था। हीरा नाक पर जब खूब डं बरसाए गए
तो मोती गु से हल लेकर भागा, पर गले ब र याँ होने के कारण पक गया। कभी-
कभी उ खूब मारा-पीटा भी जाता था। इस तरह दो हलत ब त खराब थी।
वहाँ एक छोटी-सी बा का रहती थी। उस माँ मर चु थी। उस सौतेली माँ उसे मारती
रहती थी , इस ए उन बै से उसे एक कार आ यता हो गई थी। वह रो दो को
चोरी- पे दो रो याँ डाल जाती थी। इस तरह दो दशा ब त खराब थी। एक न उस
बा का ने उन र याँ खोल दी। दो भाग ख ए। री का साला और स लोग उ
पक ने दौ पर पक न सके। भागते-भागते दो नई गह प च गए। री के घर जाने का
रा वे भूल गए। र भी ब त खुश थे। दो ने खे मटर खाई और आ दी का अनुभव
करने लगे। र एक साँड से उनका मुकाबला आ। दो ने लकर उसे मार भगाया , ले न
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खेत चरते समय मा क आ गया। मोती को फँसा खकर हीरा भी खुद आ फँसा। दो
काँजीहौस बंद कर ए गए। वहाँ और भी जानवर बंद थे। सब हालत ब त खराब थी।
जब हीरा-मोती को रात को भी भोजन न ला तो ल ह ला भ क उठी। र
एक न दीवार राकर दो ने स जानव को भगा या। मोती भाग सकता था पर हीरा
को बँधा खकर वह भी न भाग सका।
लेखक प चय
मचंद
इनका ज सन 1880 बनारस के लमही गाँव आ था। इनका मूल नाम धनपत राय
था। बी.ए. तक करने के बाद उ ने भाग नौकरी कर ली परंतु
असहयोग आं दोलन स य भाग लेने के ए नौकरी से गप या और लेखन का
के पूरी तरह सम त हो गए। सन १९३६ इस महान कथाकार का हांत हो गया।
मुख का
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• रापद – सुर त
• पछा – पालतू पशुओ ं एक न
• गो – जो
• कुलेले –
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• षाद – उदासी
• पराका – अं म सीमा
• पग या – पशु बाँधने र
• गराँव – फुँ दार र जो बैल आ के गले पहनाए जाती
• टकार – मुँह से क वाला क- क का श
• मसहलत – तकर
• रगेदना – ख ना
• सा का – वा /सरोकार
• काँजीहौस – मवेशी खाना
• व – पशुओ ं का ड
• थान – पशुओ ं बाँधे जाने गह
• उछाह – उ व/आनंद
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