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1.

निम्िलिखित गद्यांश को ध््यिपूर्वक पढ़कर इसके आधयर पर सर्यवधधक उप्ुक्त उत्तर र्यिे वर्कल्प चुिकर
लिखिए-

प्रकृनत जीर्िदयन्िी है। प्रकृनत में भी र्क्ष


ृ ों और र्िों कय बहुत महत्र् है। र्ि हमें र्र्यव दे ते हैं, प्रयकृनतक पदयर्व दे ते
हैं, िकडी-को्िय, गोंद, कयगज आदद दे ते हैं, हमयरी पशुरयलश को सुरक्षक्षत करते हैं। र्िों से धरती कय कटिय
समयप्त होतय है, बयढ़े रुकती हैं तर्य भूलम की उपजयऊ शक्क्त बिी रहती है। र्ि हर प्रकयर से मयिर्-जीर्ि कय
सांरक्षण करते हैं। र्िों कय सबसे महत्र्पूणव कय्व है-र्र्यव ियिय, बयद रोकिय और र्यतयर्रण को शुदध करिय । र्क्ष

जि के बैग को रोककर बयढ़ नि्ांत्रण करते हैं। र्ि भूलम को मरुस्र्ि बििे से रोकते हैं। र्े िमी को सोिकर
धरती की निचिी परत तक पहुुँचय दे ते हैं। क्जससे भूलम की उपजयऊ शक्क्त भी बिी रहती है। र्िों के अभयर् में
धरती के ऊसर बििे कय ितरय बिय रहतय है । र्ि अत््धधक मयत्रय में ऑक्सीजि छोडते हैं। इसी ऑक्सीजि के
दर्यरय हमयरय जीर्ि चितय है। प्रयण-र्य्ु के स्रोत र्ि ही हैं। आज िगरों में जो बढ़ते हुए प्रदर्
ू ण की क्स्र्नत है, र्ह
बिों को रोपिे से ही ठीक हो सकती है। र्िों में हमयरी पशु-रयलश भी सुरक्षक्षत रहती है। ्दद ्े र्ि ि हों तो ि जयिे
ककतिे ही जीर्ों की जयनत्युँ समयप्त हो जयएुँ। ्े सच्चे जीर्िदय्क हैं।

1. 'प्रकृनत को जीर्िदयन्िी' कहिे से अलभप्रय् है-


(क) प्रकृनत के र्ि और र्क्ष
ृ बयदिों को िीांचते हैं।
(ि) बयदि बरस कर िेतों को सीांचते हैं।
(ग) प्रकृनत हमें िकडी, को्िय, गोंद, कयगज़ दे ती है।
(घ) प्रकृनत में जीर्ि दे िे की शक्क्त निदहत होती है अर्यवत मयिर् कल््यण करिे की शक्क्त निदहत होती है।
II.र्ि मयिर्-जीर्ि के लिए ककस प्रकयर उप्ोगी है ?
(क) प्रकृनत की अिप
ु म दे ि िदद्ी भलू मकय कय् करती है ।
(ि) प्रकृनत ही हमें हीरय जैसे बहुमूल्् रत्ि प्रदयि करती है।
(ग) र्ि मयिर् जीर्ि के लिए उप्ोगी र्स्तुएुँ प्रदयि करते हैं।
(घ) इि केर्ि पशुओां के लिए चयरय प्रदयि करते है।

III. र्ि भूलम को मरुस्र्ि बििे से कैसे रोकते हैं?


(क) ्े भूलम को मजबूत बियते हैं।
(ि) र्े पयिी बहिे से रोकते हैं।
(ग) र्े िमी को सोिकर धरती के निचिी परत तक पहुुँचय दे ते हैं, क्जसमें भूलम की उपजयऊ शक्क्त
बिी रहती है ।
(घ) र्े िदद्ों के बहयर् को रोकते हैं।

IV. निम्िलिखित क्ि (A) तर्य कयरण (R) को प््यिपूर्वक पददए। उसके बयद ददए गए वर्कल्पों में
से कोई एक सही वर्कल्प चुिकर लिखिए।
कर्ि (A): र्िों दर्यरय छोडी गई ऑक्सजीि से हमयरय जीर्ि चितय है।
कयरण (R): ऑक्सीजि को प्रयण-र्य्ु कहते हैं।
(क) कर्ि (A) तर्य कयरण (R) दोिों गित हैं।
(ि) कर्ि (A) गित है िेककि कयरण (R) सही है। (ग) कर्ि (A) सही है िेककि कयरण (R)
उसकी गित व््यख््य करतय है।
(घ) कर्ि (A) तर्य कयरण (R) दोिों सही हैं तर्य कयरण (R) कर्ि (A) की सही व््यख््य करतय है।

V. प्रस्तुत गद्यांश हमें सांदेश दे तय है -


(क) प्रयकृनतक सांतुिि बियिे की आर्श््कतय िहीां है।
(ि) प्रयकृनतक दृश्् सबको अच्छय िगतय है।
(ग) प्रकृनत जीर्िदयन्िी होती है।
(घ) प्रकृनत के सयर् खििर्यड करिय चयदहए

काव्ाांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर िीजिए-

जब बहुत सब
ु ह धचडड्य उठकर,
कुछ गीत िशु ी के गयती हैं।
कलि्युँ दरर्यज़े िोि-िोि,
जब झुरमट
ु से मुसकयती हैं।
िुशबू की िहरें जब घर से,
बयहर आ दौड िगयती हैं,
हे जग के लसरजिहयर प्रभो!
तब ्यद तुम्हयरी आती है!!
जब छम-छम बद
ूां ें धगरती हैं,
बबजिी चम-चम कर जयती है।
मैदयिों में, र्ि-बयगों में,
जब हरर्यिी िहरयती है।
जब ठां डी-ठां डी हर्य कहीां से,
मस्ती ढोकर ियती है।
हे जग के लसरजिहयर प्रभो!
तब ्यद तुम्हयरी आती है!!
प्रश्िः 1.
कयव््यांश कय मि
ू भयर् स्पष्ट कीक्जए।

प्रश्िः 2.
सर्ेरे-सर्ेरे िुशी के गीत कौि गयती हैं ?

प्रश्िः 3.
‘कलि्युँ दरर्यज़े िोि-िोि, जब झरु मट
ु से मस
ु कयती हैं, में निदहत अिांकयर कय ियम
लिखिए।

प्रश्िः 4.
प्रयतः कयि को मिोरम बियिे में हर्य कय ्ोगदयि स्पष्ट कीक्जए।

प्रश्िः 5.
ठां डी हर्य चििे से पहिे र्यतयर्रण में हुए पररर्तविों कय उल्िेि कीक्जए।

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