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म य दे श के मख

ु सा ह यकार एवं उनक कृ तयां


स ह यकार ज म थान मल
ू नाम / रचनाएँ वशेष
उपनाम
का लदास उ जैन (150-300 ई. भारत का मेघदत
ू म ्, ऋतुसंहार, अ य – सेतुबंध,ु चं डका,
पू. संभवतः) शे स पयर रघुवंशम ्, कुमारसंभव नवर नमाला,
नमाला गं ार-
अ भ ानशकंु तलम ्, सारका य
व मोव शयम ्,
माल वकाि न म म ्

भतह
ृ र उ जैन शतक – (नी त वैरा य समा ध – स र का
संगार), श द धातु, (RJ
RJRJ.)
समी ा, वा यपद व,
वेदांत सू , भगवती

भवभू त पदमपरु ा ( वदभ) ीकंठ (मल


ू ) मालती माधव, महावीर संर ण क नौज के
भारतीय च रत, उ रराम च रत शासक यशोवमन

म टन

बाणभ ट सा ह य के हषच र , कादं बर पावती उपा ध - भ व यवाणी क व


वनांचल का प रणय, मक
ु ु ट त ड़क, च वत , (हषवधन वारा)
केसर चंडीशतक

केशवदास ओरछा क ठन का य र सक या, क व या संर ण – ओरछा नरे श


का ेत नख सखवणन राजा
जा इ जीत संह
रतन बावनी, वीर संह,
दे वच रत, जहांगीर,
जसचं का, रामचं का,
छ दमाला, व ानगीत
पदमाकर तेलंग, ाहण यारे लाल -जगत वनोद, - राजा य – (म. )
प रवार(1753) बोधपचासा, कवी पा र त (द तया)
पि चसी, गंगा / यमुना दौलतराव संदे ( वा.)
के अनस
ु ार
लहर , व दावल
-बांदा U.P.
- रामचं शु ल -सागर M.P. - राम रसायन
- व वनाथ - अल जाह काश
साद

क व भष
ू ण : तगवापरु (कानपरु ) मल
ू – - भष
ू ण उ लास - उपा ध – भष
ू ण
(1613) घन याम - भष
ू ण हजार दे व ( च कूट
उप.- - छ साल दसक वारा)
जटाशंकर - शवराज भूषण - आ य – छ साल
- शवा बावनी बुंदेला
माखनलाल बाबई नमदा पुरम 4 - हम कर टनी, - संपादन -
चतुवद अ ैल 1889 माता भा (1913) (खंडवा)
हमतरं गणी, कमवीर (1920)
बनवासी ताप (1923)
- युगचरण,
समपण
- मरण वार
- वेणू लो गूंजे
धरा
- पु प क
अ भलाषा
- सा ह य दे वता,
समय के पांव
- अमीर इरादे
गर ब इरादे
- कृ ण / अजन

यु ध
गजानन माधव योपुर - चांद का मुंह - तारस तक के
मुि तबोध टे ढ़ा, तारस तक पहले क व
- भूर भूर खाक
धूल, चंबल क
छाती
- नई क वता का
आ मसंघष
- काठ का सपना,
मरा स, अंधेरे

- सतह से उठता
आदमी, वपा
- एक सा हि यक
क डायर
- कामायनी – एक
पुन वचार
बालकृ णशमा शाजापुर - र मीरे खा, - सं वधान सभा के
नवीन वासी, वनोवा सद य
तवन - LS/RS ke सद य
- हम व पायी - राजसभा आयोग
ज म के , के सद य।
अपलक - भा / ताप के
- उ मला संपादक
(महाक य),
कुमकुम
- ाणापण
(खंडका य)
भवानी साद टग रया ाम - गांधी पंचशती, - भारत छोड़ो - भाग
म नमदापुरम माच गीत फ़रोश - क पना के
(1913) ( तम) स पादक
- च कत है दख
ु , - दस
ू रा स तक के
दस
ू रा स तक थम क व
- अंधेर क वताएं,
स नाटा
कालसं या
- बुनी हुई र सी,
सतपुड़ा के घने
जंगल
ह रशंकर जामनी नमदापरु म - हं सते है रोते है , वसध
ु ा के संपादक
परसाई जैसे उनके दन
फरे
- रानी नागफणी
क कहानी
- तट क खोज,
वाला और जल
- तब क बात
और थी,
कागभगोड़ा
- भूत के पाव
पीछे , सदाचार
कालाबीज
- वकलांग धा
का दौर
- शकायत मुझे
भी है । उखड़े
खंभे
- वै णव क
फसलन ,
बेईमानी क परत
- पगडं डय का
जमाना, ठठुरता
हुआ लोकतं
शरद जोशी उ जैन (1931) - अंध का हाथी, TV धारावाहक:-
एक था गधा - व म और बेताल
- कसी बहाने, राह - संहासन ब ीसी
कनारे बैठ - दाने अनार के
- जीब पर सवार - लापतागंज
इि लयां, - याले म तूफ़ान
प र मा - ये द ु नया गजब
- दस
ू र सतह, क
त ल म, पछले
दन
- मेर े ठ
रचनाएँ, यथा
संभव

शवमंगल संह उ नाव (UP) - जीवन के गान , - उ जैन व म व


सम
ु न काय े (MP) लय सज
ृ न व कुलप त
- वाणी क यथा, - व टो रया कॉलेज
व वास बढ़ता म हंद ा यापक
ह गया
- पर आंखे नह ं
भर , म ट क
बारात
- कटे अंगूठे सी
वंदन वारे ,
ह लोले
सुभ ा कुमार इलाहाबाद - बखरे मोती - असहयोग
चौहान - ववाह खंडवा उ मा दनी सीधे- आंदोलन म भाग
(ल मण संह) साधे च लेने वाल थम
- नवास – JB - मुकुट, धारा, म हला (1921)
सभा के खेत
- झांसी क रानी,
वीर का कैसा
हो वसंत
- ज लयांवाला बाग़
म बसंत
- मला तेज से
तेज (जीवनी)
आचाय - मगरयार गाँव - जयशंकर साद - व म
नंददल
ु ारे उ नाव (UP) ( थम) क व व व व यालय के
वाजपेयी नराला उपकुलप त
- नया सा ह य - सागर
नए न व व व यालय म
- महाक व हंद वभाग के
तुलसीदास, हंद अ य
सा ह य का
आधु नक युग,
आधु नक
सा ह य सज
ृ न
समी ा, ेमचंद :
एक सा ह य
ववेचन
मु ला रमूजी - भोपाल - गुलाबी उद,ू - अफगा न तानी
औरत जात, मूल के थे।
शाद ,
- लाठ और भस,
मुसा फर खाना,
- अंगूरा
डॉ. बसीर ब - अयो या - आस, हंद -
(फैजाबाद) तु हारे लए,
- नवास: भोपाल - उजाले अपनी
याद के
- उजाल क
पर ा, ओस क
बूंद
कामता साद - सागर (MP) - भौमासुर वध, संपादक
गु वनय पचासा - बाल सखा प का
पावती - सर वती प का
- यशोदा सुदशन
हंद ु तानी
श टाचार
- हंद याकरण
कव दप - बडनगर - ए मेरे वतन के -
मूल-रामचं उ जैन (1915)) लोग
ववेद - दरू हटो ऐ
द ु नया वाल
- आओ ब च
तु ह दखाएं
ग रजा कुमार - अशोकनगर - हम ह गे -
माथरु कामयाब
- थम का य -
मंजीर
- नाश और
नमाण, धूप के
धान
- भीतर नद क
या ा शलापंख
चमक ले, नई
क वता सीमाएं
बालक व बैरागी मनासा (नीमच) - भावी र क दे श - लोकसभा सांसद
मल
ू – के, चांद म ध बा - रा यसभा सांसद
नंदरामदास - अपनी गंध नह ं - म य दे श
बैरागी बेचग
ूं ा, दो टूक सरकार म कै बनेट
- झर गए पात, मं ी
बसर गई टहनी
- सारा दे श हमारा
अटल बहार वा लयर - रग रग हंद ू - 3 बार धानमं ी
वाजपेयी मेरा प रचय - संपादन -
- मृ यु या ह या, - रा य धम
अमर ब लदान - पांच ज म
- कैद क वराज - वीर अजुन
क कंु ड लयां,
- संसद म तीन
दशक
- मेर 51
क वताएं, अमर
आग
- या खोया या
पाया
- राजनी त क
रपट ल राह
माधवराय स े दमोह - एक टोकर भर - मराठ भाषी केसर
म ट प का हंद म
- महाभारत काशन
मीमांसा हंद
दासबोध
अमत
ृ लाल बेगड़ मधापर (क छ) - अमत
ृ य नमदा, - नमदा पु
तीरे – तीरे नमदा
- स दय क दे वी
नमदा

वा रका साद उ नाव (UP) - शारदा एन एरा -


म (आ मकथा)
- सच ऑफ लंका,
कृ णायन
(महाक य)
- टडीज इन द
ोटो ह
ऑफ इं डया
नरे श मेहता शाजापुर - चे या, पु ष, संपादन काय - कृ त,
वादपव चौथा संसार (इंदौर से)
- एक सम पत
म हला
संत संगाजी खजरू (बडवानी) - बारहमासी, 15 - जीवन च र -
कम – पप लया त थ, दोषबोध परचुर (खैमदास
(खंडवा) - नरण, सात बार वारा)
( नमाड़ी)

जग नक - आ हाखंड , - प रमल दे व
प रमल रासो (का लंजर) के
दरवार क व

ईसरु मेढक गाँव UP - ईसरु फ़ागे - फाग (लोकगायन)


उपनाम – - ईसरु काश के जनक
बंद
ु े लखंड के (कृ णानंद गु त)
जयदे व - ईसुर सतसई
(गौर शंकर
ववेद )
घाघ अकबर ने - -
इ ह चौधर
क उपा ध द
थी |

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