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N.C.R.B/एन.सी.आर.

बी
I.I.F.-I /एकीकृत जाँच फार्म-I
FIRST INFORMATION REPORT
(Under Section 154 Cr.P.C.)
(प्रथम सूचना रिपोर्ट )
(धारा 154 दण्ड प्रक्रिया संहिता के तहत)

1. District (जिला): P.S.(थाना): Year(वर्ष):


District (जिला): बालोतरा P.S.(थाना): समदड़ी Year(वर्ष): 2024

2. FIR No.
(प्र.सू.रि.सं): Date and Time of FIR
(एफआईआर की तिथि/समय):
FIR No.
(प्र.सू.रि.सं): 0033 01/03/2024 18:50 बजे
Date and Time of FIR
(एफआईआर की तिथि/समय):
S.No.
(क्र.सं.) Acts
(अधिनियम) Sections
(धाराएँ)
S.No.
(क्र.सं.) Acts
(अधिनियम) Sections
(धाराएँ)
1 भा दं सं 1860 498-A

2 भा दं सं 1860 406

3 भा दं सं 1860 323

3. (a) Occurrence of offence (अपराध की घटना):


Date From
(दिनांक से): Date To
(दिनांक तक):
1. Day(दिन): बुधवार 15/11/2023 15/11/2023
Date From
(दिनांक से): Date To
(दिनांक तक):
Time Period
(समय अवधि): Time From
(समय से): Time To
(समय तक):
पहर 1 00:00 बजे 00:00 बजे
Time Period
(समय अवधि): Time From
(समय से): Time To
(समय तक):
(b) Information received at P.S.
(थाना जहाँ सूचना प्राप्त हुई): Date
(दिनांक): Time
(समय):
01/03/2024 18:37 बजे
Information received at P.S.
(थाना जहाँ सूचना प्राप्त हुई): Date
(दिनांक): Time
(समय):
(c) General Diary Reference (रोजनामचा संदर्भ) :
Entry No.(प्रविष्टि सं.): Date & Time
(दिनांक एवं समय)
026 01/03/2024 18:31:00 बजे
General Diary Reference (रोजनामचा संदर्भ) :
Entry No.(प्रविष्टि सं.): Date & Time
(दिनांक एवं समय)
4. Type of Information (सूचना का प्रकार): लिखित
5. Place of Occurrence (घटनास्थल):
1. (a) Direction and distance from P.S.
(थाने से दिशा और दूरी): Beat No.
(बीट सं.) :
पश्चिम, 2 किमी राईको का गोलिया
Direction and distance from P.S.
(थाने से दिशा और दूरी): Beat No.
(बीट सं.) :
(b)Address(पता): RAIKO KA GOLIYA
(c In case, outside the limit of this Police Station, then
(यदि थाना सीमा के बाहर हैं तो)
In case, outside the limit of this Police Station, then
(यदि थाना सीमा के बाहर हैं तो)
Name of P.S
(थाना का नाम): District(State)
(जिला (राज्य) ):
Name of P.S
(थाना का नाम): District(State)
(जिला (राज्य) ):

1
N.C.R.B/एन.सी.आर.बी
I.I.F.-I /एकीकृत जाँच फार्म-I
6. Complainant / Informant (शिकायतकर्ता / सूचनाकर्ता):
(a) Name(नाम): SAYARI
(b) Father's Name (पिता का नाम): SANVAL RAM DEVASI

(c) Date/Year of Birth


(जन्म तिथि/ वर्ष):
2001 (d)Nationality(राष्ट्रीयता): भारत
Date/Year of Birth
(जन्म तिथि/ वर्ष):
(e) UID No(यूआईडी सं.):
(f) Passport No. (पासपोर्ट सं.):
Date of Issue
(जारी करने की तिथि): Place of Issue
(जारी करने का स्थान):
Date of Issue
(जारी करने की तिथि): Place of Issue
(जारी करने का स्थान):
(g) Id details (Ration Card,Voter ID Card,Passport,UID No.,Driving License,PAN) (पहचान विवरण( राशन कार्ड,मतदाता पहचान पत्र,पारपत्र,आधार कार्ड सं,ड्राइविंग लाइसेंस,पैन)):
Id details (Ration Card,Voter ID Card,Passport,UID No.,Driving License,PAN) (पहचान विवरण( राशन कार्ड,मतदाता पहचान पत्र,पारपत्र,आधार कार्ड सं,ड्राइविंग लाइसेंस,पैन)):
S.No. Id Type Id Number

(h) Occupation (व्यवसाय):


(i) Address(पता):
S.No. (क्र.सं.) Address Type
(पता का प्रकार) Address
(पता)
S.No. (क्र.सं.) Address Type
(पता का प्रकार) Address
(पता)
1 वर्तमान पता HAL KAMMO KA BADA, समदड़ी, बालोतरा, राजस्थान, भारत
2 स्थायी पता RAIKO KA GOLIYA, समदड़ी, बालोतरा, राजस्थान, भारत

(j) Phone number


(दूरभाष न.):
Mobile (मोबाइल न.): 91-7023675187
Phone number
(दूरभाष न.):

7. Details of known/suspected/unknown accused with full particulars


(ज्ञात/संदिग्ध/अज्ञात अभियुक्त का पुरे विवरण सहित वर्णन):

Details of known/suspected/unknown accused with full particulars


(ज्ञात/संदिग्ध/अज्ञात अभियुक्त का पुरे विवरण सहित वर्णन):

Accused More Than(अज्ञात आरोपी एक से अधिक हो तो संख्या):


S.No.(क्र.सं.) Name
(नाम) Alias
(उपनाम) Relative's Name(रिश्तेदार का नाम) Address
(पता)
S.No.(क्र.सं.) Name
(नाम) Alias
(उपनाम) Relative's Name(रिश्तेदार का नाम) Address
(पता)
1 SAVALRAM पिता:BHAIRRAM DEVASI 1. RAIKO KA GOLIYA,समदड़ी,बालोतरा,राजस्थान,भारत
पिता:BHAIRRAM DEVASI 1. RAIKO KA GOLIYA,समदड़ी,बालोतरा,राजस्थान,भारत
2 BHAIRARAM पिता:SAVARAM DEVASI 1. RAIKO KA GOLIYA,समदड़ी,बालोतरा,राजस्थान,भारत
1. RAIKO KA GOLIYA,समदड़ी,बालोतरा,राजस्थान,भारत

8. Reasons for delay in reporting by the complainant/informant


(शिकायतकर्ता / सूचनाकर्ता द्वारा रिपोर्ट देरी से दर्ज कराने के कारण):
Reasons for delay in reporting by the complainant/informant
(शिकायतकर्ता / सूचनाकर्ता द्वारा रिपोर्ट देरी से दर्ज कराने के कारण):
9. Particulars of properties of interest (Attach separate sheet, if necessary)
(सम्बन्धित सम्पत्ति का विवरण( यदि आवश्यक हो, तो अलग पृष्ट नत्थी करें)):
Particulars of properties of interest (Attach separate sheet, if necessary)
(सम्बन्धित सम्पत्ति का विवरण( यदि आवश्यक हो, तो अलग पृष्ट नत्थी करें)):
S.No.
(क्र.सं.) Property Category (सम्पत्ति श्रेणी) Property Type (सम्पत्ति के प्रकार) Description
(विवरण) Value(In Rs/-)
(मूल्य(रु में))
S.No.
(क्र.सं.) Property Category (सम्पत्ति श्रेणी) Property Type (सम्पत्ति के प्रकार) Description
(विवरण) Value(In Rs/-)
(मूल्य(रु में))

2
N.C.R.B/एन.सी.आर.बी
I.I.F.-I /एकीकृत जाँच फार्म-I
10. Total value of property stolen(In Rs/-)
(चोरी हुई संपत्ति का कुल मूल्य(रु में) ):
Total value of property stolen(In Rs/-)
(चोरी हुई संपत्ति का कुल मूल्य(रु में) ):

11. Inquest Report / U.D. case No., if any (मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट / यू.डी.प्रकरण न., यदि कोई हो):

S.No.
(क्र.सं.) UIDB Number
(यू.आई.डी.बी. संख्या)
S.No.
(क्र.सं.) UIDB Number
(यू.आई.डी.बी. संख्या)
12. First Information contents (Attach separate sheet, if necessary)
(प्रथम सूचना तथ्य(यदि आवश्यक हो , तो अलग पृष्ठ नत्थी करे)):
First Information contents (Attach separate sheet, if necessary)
(प्रथम सूचना तथ्य(यदि आवश्यक हो , तो अलग पृष्ठ नत्थी करे)):
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
सेवामें,
श्रीमान् न्यायिक मजिस्ट्रेट महोदयजी,
सिवाना।
सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.) mob-7023675187 बनाम
मुलजिमानः- 1. सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
2. भैराराम पुत्र सवाराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा (राज.)
जुर्म अंतर्गत धारा 323, 341, 406, 498ए आईपीसी इस्तगासा अंतर्गत धारा 156(3) सीआरपीसी
मान्यवरजी,
निवेदन मुस्तगीसा निम्न प्रकार है- 1. यह है कि मुझ परिवादिया की शादी दिनांक 22.01.2022 को हिंदू रिति-रिवाज एवं सामाजिक रिति-रिवाज के अनुसार मेरे पिताजी के घर कम्मों का बाड़ा में सांवलराम पुत्र भैराराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी के साथ सम्पन्न हुई थी।
2. यह है कि शादी में मुझ परिवादिया के पिता व भाई ने मुझे सोने-चांदी का गहना दिया, जिसमें कंठी, रखड़ी, एरंगपत्ता, नथ, अंगूठिया, हथफूल, बिछुड़िया, कन्दौरा छड़ा दिये व घर बिकी का सारा सामान कुलर, फीज, पलंग, अलमारी व घर बिकी का पूरा सामान दिये व मुझ परिवादिया के पति, ससुर व सभी रिश्तेदारों को ओडावनिया करवाकर मुझ परिवादिया को ससुराल विदा किया। यह है कि शादी के बाद मैं परिवादिया ससुराल गयी तो प्रथम दिन से ही मुझ 3.परिवादिया का पति सांवलराम व ससुर भैराराम दहेज में गहना, सामान कम लाने व रोकड़ रूपये तथा मोटरसाइकिल नहीं देने से परिवादिया से नाराज रहने लगे व मुझ परिवादिया को ताने देकर परेशान व तंग करने लगे, मेरा पति मेरे से मनमुटाव रखकर आये दिन मेरे साथ राण्ड-भाण्ड की गालियां देकर भूखे घर की कहकर मेरे साथ थापो-मुक्को, लातो-घुस्सो से मारपीट करता, जिसमें मुझ परिवादिया का ससुर भैराराम भी बराबर का सहयोग करता।
4. यह है कि काफी दिन तक मैं परिवादिया लोक-लाज से चुप रही, लेकिन मुलजिमान का अत्याचार मेरे प्रति दिनो-दिन बढ़ता गया, तब मुझ परिवादिया ने मेरे पिताजी व परिजनों को मेरे साथ मुलजिमानों द्वारा किये जा रहे बूरे व्यवहार के बारे में सारी बात बताई, तो मुझ परिवादिया के पिताजी ने भी मुझ परिवादिया को कहा कि घर-गृहस्थी का सवाल है, हम तेरे पति व ससुर को समझायेगे, धीरे-धीरे सबकुछ ठीक हो जायेंगा, लेकिन परिवादिया परिवादिया के पिता द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद भी मुलजिमान के व्यवहार में कोई फर्क नहीं आया, इस बीच मुझ परिवादिया का ससुराल आना-जाना रहा, जब-जब मैं परिवादिया ससुराल में रही, तब-तब आये दिन मुझ परिवादिया को मेरे पति व ससुर द्वारा शारीरिक व मानसिक यातनाएँ देकर मुझ परिवादिया को तंग व परेशान करते, मुझ परिवादिया को कई-कई दिनों तक भूखी रखकर खाने को नहीं देते, सोने को बिस्तर नहीं देते, जिससे मजबुरन मुझ परिवादिया को नीचे आंग्न में सोना पड़ता तथा मुझ परिवादिया का पति शराब पीकर मारपीट करता तब मैं परिवादिया मेरे पति की शिकायत ससुर से करती तो मेरे ससुर भी पति का पक्ष लेते और मुझे ताने देते कि बांप ने तेरे मां-बांप तुझे कुछ सिखाया नहीं है, तू फुहड़ है, तुझे घर का काम-काज करना भी नहीं आता, ऐसा कहकर मुझ परिवादिया के ससुर मुझे ठोकरे मारते जिससे मेरा वैवाहिक जीवन जीना दुर्भर हो गया।
5. यह है कि मुझ परिवादिया का पति आये दिन बाहर के लोगों को लेकर आधी रात को घर पर आता व खाना बनाने का कहता तो मैं परिवादिया खाना बनाकर देती, तो कोई न कोई खाने में कमी निकालकर कि नमक ज्यादा डाल दिया, मिर्ची कम डाल दी कहकर सबके सामने मुझ परिवादिया के साथ थापा-मुक्की कर मारपीट कर मुझ परिवादिया को जलील करता, मैं परिवादिया रोती बिलखती हाथाजोड़ी करती तो भी मुझ परिवादिया के पति व ससुर को दया नहीं आती, आज से छह माह पहले मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादया से 1.50 लाख रूपयों की मांग की व कहा कि तेरे पिताजी के घर जाकर डेढ़ लाख रूपये लेकर आना, नहीं तो तेरे लिये इस घर के दरवाजे हमेशा के लिये बंद हो जायेंगे। तब मैं परिवादिया पीहर गई व मुझ परिवादिया के पति व ससुर की मांग मेरे पिता को बतायी तो मेरे पिता ने इधर-उधर से महीने
3
N.C.R.B/एन.सी.आर.बी
I.I.F.-I /एकीकृत जाँच फार्म-I
भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
थानाधिकारी
पुलिस थाना समदडी
जिला बालोतरा
सीसीटीएनएस मे दर्ज एफआईआर न. 33/2024
थानाधिकारी
पुलिस थाना समदडी
जिला बालोतरा
भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
थानाधिकारी
पुलिस थाना समदडी
जिला बालोतरा
सीसीटीएनएस मे दर्ज एफआईआर न. 33/2024
थानाधिकारी
पुलिस थाना समदडी
जिला बालोतरा
भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
थानाधिकारी
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सीसीटीएनएस मे दर्ज एफआईआर न. 33/2024
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भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
थानाधिकारी
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भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
थानाधिकारी
पुलिस थाना समदडी
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सीसीटीएनएस मे दर्ज एफआईआर न. 33/2024
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भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
थानाधिकारी
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सीसीटीएनएस मे दर्ज एफआईआर न. 33/2024
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भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
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जिला बालोतरा
भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
थानाधिकारी
पुलिस थाना समदडी
जिला बालोतरा
सीसीटीएनएस मे दर्ज एफआईआर न. 33/2024
थानाधिकारी
पुलिस थाना समदडी
जिला बालोतरा
भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
थानाधिकारी
पुलिस थाना समदडी
जिला बालोतरा
सीसीटीएनएस मे दर्ज एफआईआर न. 33/2024
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जिला बालोतरा
भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
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भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
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भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
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सीसीटीएनएस मे दर्ज एफआईआर न. 33/2024
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भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
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भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
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इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
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भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
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पुलिस थाना समदडी
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भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
थानाधिकारी
पुलिस थाना समदडी
जिला बालोतरा
सीसीटीएनएस मे दर्ज एफआईआर न. 33/2024
थानाधिकारी
पुलिस थाना समदडी
जिला बालोतरा
भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
थानाधिकारी
पुलिस थाना समदडी
जिला बालोतरा
सीसीटीएनएस मे दर्ज एफआईआर न. 33/2024
थानाधिकारी
पुलिस थाना समदडी
जिला बालोतरा
भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
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भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
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भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
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सीसीटीएनएस मे दर्ज एफआईआर न. 33/2024
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भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
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भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
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भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
थानाधिकारी
पुलिस थाना समदडी
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सीसीटीएनएस मे दर्ज एफआईआर न. 33/2024
थानाधिकारी
पुलिस थाना समदडी
जिला बालोतरा
भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
थानाधिकारी
पुलिस थाना समदडी
जिला बालोतरा
सीसीटीएनएस मे दर्ज एफआईआर न. 33/2024
थानाधिकारी
पुलिस थाना समदडी
जिला बालोतरा
भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
थानाधिकारी
पुलिस थाना समदडी
जिला बालोतरा
सीसीटीएनएस मे दर्ज एफआईआर न. 33/2024
थानाधिकारी
पुलिस थाना समदडी
जिला बालोतरा
भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
थानाधिकारी
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सीसीटीएनएस मे दर्ज एफआईआर न. 33/2024
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भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
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भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
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सीसीटीएनएस मे दर्ज एफआईआर न. 33/2024
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भर में 50,000/- रूपये की व्यवस्था कर जीवाराम को साथ लेकर मुझ परिवादिया को ससुराल पहुंचाया व 50 हजार रूपये जीवाराम पुत्र हनुमानजी देवासी निवासी कम्मो का वाड़ा के रूबरू मुझ परिवादिया के पति व ससुर को समलाया।
6. यह है कि उसके बाद कुछ दिन तक शांति रही, लेकिन थोड़े दिन बाद वापिस मुझ परिवादिया के पति व ससुर का अत्याचार शुरू हो गया, मुझ परिवादिया को बेवजह तंग व परेशान करते, आखिरकार आज से तीन माह पहले दिनांक 15.11.2023 को रात्रि में मुझ परिवादिया के पति व ससुर ने मुझ परिवादिया का स्त्रीधन गहना मुझ परिवादिया से छीनकर अपने पास रख दिया व मुझ परिवादिया से मारपीट कर घर से निकाल दिया, तब से मैं परिवादिया मेरे पिताजी के घर पर रहकर मेरे परिजनों पर बोझ बनी हुई हूं। इस प्रकार मुलजिमान ने मेरे वैवाहिक जीवन को नरकमय बना दिया है।
7. यह है कि मुझ अबला नारी के पास मुलजिमान के विरूद्ध रिपोर्ट करने के अलावा कोई सहारा नही होने से उक्त घटना की रिपोर्ट मेरे द्वारा पुलिस थाना समदड़ी में दिनांक 18.02.2024 को दी, मगर मेरी रिपोर्ट पर कोई कार्यवाही नहीं की गई, जिससे परिवाद पुलिस अधीक्षक बालोतरा को दिनांक 21.02.2024 को जरिये रजिस्टर्ड डाक पेश किया, इस पर भी कोई कार्यवाही नहीं होने से इस्तगासा श्रीमान के समक्ष पेश किया है।
8. यह है कि अभियुक्तगण का उपरोक्त कृत्य भा.द.स. की धारा 323, 341, 406, 498ए के तहत दण्डनीय अपराध की तारीफ में आता है। अतः इस्तगासा पेश कर श्रीमानजी से निवेदन है कि उक्त इस्तगासा धारा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस थाना समदड़ी भिजवाया जाकर उक्त घटना बाबत पुलिस थाना समदड़ी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश प्रदान करवाकर मुलजिमान के खिलाफ मुकदमा प्रदान करावें। दर्ज कर कठोर से कठोर कार्यवाही ।
पुलिस थाना समदड़ी दिनांक 01.03.2024 वक्त पीएम
इस समय यह इस्तगासा प्रार्थिया सायरी पत्नी सांवलराम पुत्री पोकरराम जाति देवासी निवासी-रबारियों का गोलियां समदड़ी हाल निवासी कम्मों का बाड़ा, तहसील समदड़ी, जिला-बालोतरा द्वारा श्रीमान जेएम साहब कोर्ट सिवाना में आमदा सुदा जरिये डाक 156(3) सीआरपीसी के तहत प्राप्त हुआ मजमुन इस्तगासा से जुरम् धारा 498ए, 406, 323भादस का घटित होना पाया जाने से लिहाजा थाना हाजा पर नियमित अपराध बजुर्म धारा उपरोक्त तारीख इमरोजा मे दर्जकर तफ्तीश जाब्ता शुरु की गई । सीसीटीएनएस मे प्रविष्टि पर जारी मुकदमा न. पृथक से निचे अंकित होगे । एफआईआऱ की प्रतिया नियमानुसार जारी कर एक प्रति प्रार्थीया को निशुल्क दी जावेगी। एसआर जारी होगी ।
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सीसीटीएनएस मे दर्ज एफआईआर न. 33/2024
थानाधिकारी
पुलिस थाना समदडी
जिला बालोतरा
13. Action taken : Since the above information reveals commission of offence(s) u/s as mentioned at Item No. 2.
(की गई कार्यवाही: चूँकि उपरोक्त जानकारी से पता चलता हैं कि अपराध करने का तरीका मद सं.2 में उल्लेख धारा के तहत हैं):
(1) Registered the case and took up the investigation (प्रकरण दर्ज किया गया और जाँच के लिए लिया गया):
GEETA KUMARI (उपनिरीक्षक/ अवर निरीक्षक) / or (या)
(2) Directed (Name of I.O.):
(जाँच अधिकारी का नाम ): Rank (पद):
Directed (Name of I.O.):
(जाँच अधिकारी का नाम ): Rank (पद):
No(सं.): to take up the Investigation (को जाँच अपने पास में लेने के लिए निर्देश दिया गया) or(या)
(3) Refused investigation due to
(जाँच के लिए) :
Refused investigation due to
(जाँच के लिए) :
or (के कारण इंकार किया, या)

4
N.C.R.B/एन.सी.आर.बी
I.I.F.-I /एकीकृत जाँच फार्म-I
(4) Transferred to P.S.(थाना): District (जिला):
on point of jurisdiction (को क्षेत्राधिकार के कारण हस्तांतरित) .
F.I.R.read over to the complainant/informant,admitted to be correctly recorded and a copy given to the
complainant/informant free of cost.
(शिकायतकर्ता / सूचनाकर्ता को प्राथमिकी पढ़ कर सुनाई गई, सही दर्ज हुई माना और एक प्रति निःशुल्क शिकायतकर्ता को दी गई|)
R.O.A.C.(आर.ओ.ए.सी.)


Signature of Officer in charge, Police Station(थाना प्रभारी के हस्ताक्षर)
14. Signature/Thumb impression of the complainant / informant (शिकायतकर्ता / सूचनाकर्ता के हस्ताक्षर / अंगूठे का निशान):

Signature of Officer in charge, Police Station(थाना प्रभारी के हस्ताक्षर)
Signature/Thumb impression of the complainant / informant (शिकायतकर्ता / सूचनाकर्ता के हस्ताक्षर / अंगूठे का निशान):

Signature of Officer in charge, Police Station(थाना प्रभारी के हस्ताक्षर)
Signed by: Geeta Kumari
Location: Rajasthan,IN
Date: 01/03/2024 18:52:04
ERUTANGIS00X ERUTANGIS00Y

15. Date and time of dispatch to the court


(अदालत में प्रेषण की दिनांक और समय): Name(नाम): GEETA KUMARI
Date and time of dispatch to the court
(अदालत में प्रेषण की दिनांक और समय):
Rank (पद): SI (Sub-Inspector)
No(सं.):

5
N.C.R.B/एन.सी.आर.बी
I.I.F.-I /एकीकृत जाँच फार्म-I
Attachment to item 7 of First Information Report (प्रथम सूचना रिपोर्ट के मद 7 संलग्नक):
Physical features, deformities and other details of the suspect/accused:(If known/seen )
(संदिग्ध / अभियुक्त की शारीरिक विशेषताएँ, विकृतियाँ और अन्य विवरण :(यदि ज्ञात / देखा गया))
Physical features, deformities and other details of the suspect/accused:(If known/seen )
(संदिग्ध / अभियुक्त की शारीरिक विशेषताएँ, विकृतियाँ और अन्य विवरण :(यदि ज्ञात / देखा गया))

S.No.(क्र.सं.) Sex (लिंग) Date/Year of Birth


( जन्म तिथि / वर्ष) Build
(बनावट) Height(cms.)
(कद(से.मी)) Complexion (रंग ) Identification Mark(s)
(पहचान चिन्ह)
Date/Year of Birth
( जन्म तिथि / वर्ष) Build
(बनावट) Height(cms.)
(कद(से.मी)) Identification Mark(s)
(पहचान चिन्ह)
1 2 3 4 5 6 7
1 पुरुष 1996

2 पुरुष 1974

Deformities/ Peculiarities
(विकृतियाँ/ विशिष्टताएँ) Teeth
(दाँत) Hair
(बाल) Eyes
(आँखें) Habit(s)
(आदतें) Dress Habit(s)
(पहनावा)
Deformities/ Peculiarities
(विकृतियाँ/ विशिष्टताएँ) Teeth
(दाँत) Hair
(बाल) Eyes
(आँखें) Habit(s)
(आदतें) Dress Habit(s)
(पहनावा)

8 9 10 11 12 13

Language /Dialect (भाषा /बोली) Place Of(का स्थान) Others


(अन्य)
Language /Dialect (भाषा /बोली) Burn Mark
(जले हुए का निशान) Leucoderma
(धवल रोग ) Mole
(मस्सा) Scar
(घाव) Tattoo
(गूदे हुए का) Others
(अन्य)
Burn Mark
(जले हुए का निशान) Leucoderma
(धवल रोग ) Mole
(मस्सा) Scar
(घाव) Tattoo
(गूदे हुए का)
Burn Mark
(जले हुए का निशान)
14 15 16 17 18 19 20

These fields will be entered only if complainant/informant gives any one or more particulars about the suspect/accused.
(यह क्षेत्र तभी दर्ज किए जाएंगे यदि शिकायतकर्ता / सूचनाकर्ता संदिग्ध / अभियुक्त के बारे में कोई एक या उससे अधिक जानकारी देता है |)

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