Professional Documents
Culture Documents
Sasbahu 3
Sasbahu 3
Characters:
Ramesh
Sharda
Anamika
शारदा: अरे आज तो शंकर भगवान के मंदिर जाना था, मैंने मन्नत मांगी थी
अनामिका: किस चीज की मन्नत मांगी थी सासुजी, हिरो के हार या लंबी तीर्थयात्रा की
शारदा: मैने मन्नत मांगी कि रमेश का बिझनेस थोडा चल पडे, देखो भगवान ने मेरी मन्नत पुरी कर दी
शारदा: अरे मन्नत मांगी थी तीनो नंगे पाँव शंकर भगवान के मंदिर जायेंगे।
अनामिका: पहिले पूछ लिया होता, मैं कल ही पाव को महेंदी लगायी थी.
शारदा: दोनों लोगो से पूछती तो तुम कभी मन्नत के लिए हा नही कहते, चलो आज का दिन है जो मंदिर जाना है, चलो
मेरे साथ.
रमेश: लो भाई मंदिर वहा दिखाई दे रहा है, यहा से हात जोड लो हो गयी मन्नत पुरी वापस घर चलो.
अनामिका : अरे माँ जी टूटा हुआ पूल है और क्या इस तालाब के उपर से आप तैर के जाओगी
अनामिका: वैसे मुझे भी तैरना आता है लेकिन साडी मे नही तैरूँगी , अगर मेरा स्विमिंग कॉस्ट्यूम होता तो मै
झ ट से तैर के मंदिर चली जाती
शारदा: मुझे एक आयडिया आ रहा है, एक काम करते है यहाँ कु छ बांबू के झाड है, तीन मिलके बंबू के झाड से एक ब्रिज
बनाते है
अनामिका: अरे मा जी ब्रीज बांध ना कोई बच्चो का खेल नही है, इसके लिए इंजीनियरिंग आर्किटेक्चर की
स्टडी होनी जरुरी है
शारदा: अरे पगली रामायण नही पड़ी तुने, वानर सेना ने कोंसी इंजिनिअरिंग कि थी, बांध तो दिया लंका तक
पूल
अनामिका : सासुजी वो वानर थे, लेकिन हम तो इन्सान है.
शारदा: हरकते तुम दोनो की वानर वाली ही है. जाओ जाके इस जंगल से बांबू लेकर आओ
दोनो जंगल की तरफ जाते है और ढेर सारे बंबू लेकर आते है.
रमेश : ये ले माँ हम तो बंबू लेकर आ गये, अब तू तेरा दिमाग लगा के ब्रिज बनाके दिखा
अनामिका: अरे माँ जी आपने तो अर्थी बनादी, मै तो कहती हू ले चलते है, कभी ना कभी तो आप को काम
आयेगी ही.
शारदा: अरे कमीनी जब देखो मेरे मरने की राह देखती रहती है, मुझे से जो बन पड़ा वो मैने किया, तुम दोनो सिर्फ
देखोगे के जरा तुम भी दिमाग लगाओ गे
तभी अनामिका अपने मोबाइल पर गुगल पे ब्रीज बनाने के लिए सर्च करती है
अनामिका: देखे माँ जी मोबाइल मे सब पता चलता है क्या कै से करना है अब मै आपको पूल कै से बांधा जाता है दिखती
हूँ
अनामिका: अजी अब आप एक काम कीजिए बंबू नीचे लेकर जहा जहा हम ब्रिज बनाते है वहा पे सीधे खडे कर
दीजिये।
रमेश कु छ बंबू लेकर पानी मे खडा होता है और अनामिका और शारदा ब्रिज आगे आगे बनाते जाती है
शारदा: अनामिका तुने तो अच्छा दिमाग लगाया, मुझे तू लगा तू हर बार की तरह उलटे काम करेगी लेकिन
आखिरकार मेरी सोहबत में तू भी सिख रही है
शारदा: पहिले तू जा
अनामिका: नहीं आप
शारदा: अरे जा ना चुप चाप कही पूल हल्का हुआ तो टूट जाएगा, और मुझे तो तैरना भी नहीं आता तू तो तैर सकती
है.
अनामिका: वाह माँ जी वाह... ऊपर वाला सब देख रहा है, मैं तो तैर जाउंगी लेकिन वो आपको जहाज में डुबाएगा।
..
अनामिका: आ जाइये माँ जी... मजबूत है, देखिये बच गयी तो पार्टी मैं दूंगी। ..
शारदा: तू तो सिर्फ मेरे मरने की राह देखा कर... राम राम राम...
और दोनो पूल पर से दूसरी और जाती है और दूसरे तरफ रमेश खडा होता है, वहा से तीनो मंदिर पर जाते है.,तिनो
मंदिर मे माथा टेकते है और बहुत सारे लोग उन के पीछे मंदिर मे आते है.
एक आदमी: भला हो उन लोगो का जिंहोने पूल बना दिया है, भगवान उनके घर पे हर बार बड़ी बरकत बनाये
रखना।