Quantum Phyiscs

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उच्च शिक्षा विभाग, मध्यप्रदे ि िासन

Subject / विषय Physics

Class and Year /कक्षा एवं वर्ष B. Sc., First Year/ बीएससी प्रथम वर्ष

Course Code and Title /कोसष कोड एवं शीर्षक S1-PHYS1T, Thermodynamics and Statistical

Physics/ ऊष्मागतिकी एवं सांतयिकीि भौतिकी

Module Number and Title / मॉड्यूल क्रमांक एवं 5.5, Fermi-Dirac Statistics/ फमी-डडराक सांडयिकी

शीर्षक

Content Writer / कं टेंट लेखक Dr. Neetu Parsai, Assistant Professor, Jawaharlal
Nehru Govt. Degree College, Barwaha
(Khargone)

डॉ नीिू परसाई, सहािक प्राध्िापक, जवाहरलाल नेहरू

शासकीि स्नािक महातवद्यालि, बड़वाह (खरगोन)

Key Words Quantum Statistics(क़वांटम सांडयिकी),

Fermion(फर्मषऑन), identical (सवषसम),

indistinguishable(अडवभेद), Energy

distribution(ऊर्ाष डवतरण)

B.Sc. First Year / बीएससी प्रथम वर्ष Physics / भौतिक शास्त्र


5.5. फमी-डिराक साांख्यिकी (Fermi-Dirac Statistics)
1. Learning Outcomes / शैक्षडणक अडिगम

डवद्याथी

i. फर्मषऑन तथा बोसॉन कणो में अंतर समझ पाएंगे।


ii. स्थूलपपंड के सवषसम (identical), अडवभेद्य (indistinguishable) तथा अर्द्ष-डवर्म पूणाांक चक्रण

वाले कणों(फर्मषऑन) की वास्तडवक गडत एवं अन्िोन्ि क्रक्रिा को समझ पाने में सक्षम होंगे ।

iii. फर्मषऑन कणो का डनकाि में सन्तुलन अवस्था में ऊर्ाष डवतरण व्यक्त कर पाएंगे ।
iv. पॉली के अपवर्षन डनिम की व्यायिा कर पाएंगे ।

2. Content (डवर्ि-वस्तु)

Link to Previous Topic (तपछले तवषि का संदभभ)

स्थूल तनकाि में उपतस्थि कणों की प्रकृ ति के अनुसार सांतयिकी को दो भागो में बांटा गिा है:

1. तिरसम्मि सांतयिकी िा मैक्सवेल- बोल्ट्ज़मैन सांडयिकी- इस सांतयिकी में ककसी भी िक्रण वाले

परस्पर तवभेद्य कणों के तनकाि में ऊजाभ तविरण की व्यायिा की जािी है। जैसे - गैस के अणु।

2. क़वांटम सांडयिकी-क़वांटम सांतयिकी को पुनः कणों की िक्रण की प्रकृ ति के अनुसार दो भागो में बांटा

गिा है ।

2.1 बोस-आइंस्टीन सांडयिकी- इस सांतयिकी में सवभसम, अतवभेद्य िथा शून्ि िा पूणाांक िक्रण वाले

कणों के तनकाि में ऊजाभ तविरण की व्यायिा की जािी है। जैसे - फोटोन, फोनांन इत्िाकद।

2.2 फमी-डडराक सांडयिकी- इस सांतयिकी में सवभसम, अतवभेद्य िथा अर्भ तवषम गुणांक िक्रण वाले

कणों के तनकाि में ऊजाभ तविरण की व्यायिा की जािी है। जैसे - इलेक्ट्रान , प्रोटोन , न्िूरॉन

इत्िाकद।

B.Sc. First Year / बीएससी प्रथम वर्ष Physics / भौतिक शास्त्र


5.5. फमी-डिराक साांख्यिकी (Fermi-Dirac Statistics)
साांख्यिकी

चिरसम्मि
क़वाांटम साांख्यिकी
साांख्यिकी

मैक्सवेल-
बोस-आइांस्त्टीन फमी-डिराक
बोल्ट्ज़मैन
साांख्यिकी साांख्यिकी
साांख्यिकी

Introduction (प्रस्तावना)

Fermi- Dirac Statistics (फमी-डडराक सांडयिकी)-

फमी-डडराक सांडयिकी सवषसम(identical) तथा अडवभेद्य(indistinguishable) कणों के डलए लागू होती है


1 3
डर्नका चक्रण डवर्म अर्द्ष पूणाांक 𝑠 = 2 , 2 , …. होता है तथा र्ो पॉली के अपवर्षन डनिम का पालन करते हैं
र्ैसे इलेक्रॉन प्रोटॉन न्िूरॉन आक्रद । इस प्रकार के कणो को फर्मषऑन कहा र्ाता है । पॉली के अपवर्षन डनिम
के अनुसार कोई भी दो अथवा दो से अडिक कणों की क़वांटम अवस्था समान नहीं हो सकती है। इसके अनुसार
फमी-डडराक डनकाि में प्रत्िेक अडभगम्ि क़वांटम अवस्था में अडिक से अडिक एक कण रह सकता है। फमी-
डडराक सांडयिकी की सहािता से हम फर्मषऑन कणो का डनकाि में ऊर्ाष डवतरण व्यक्त कर सकते है ।

Assumptions (अडभकल्टपनाएँ) -

• डनकाि के सभी कण सवषसम लेक्रकन अडवभेद्य होते हैं ।


• डनकाि में कु ल कणों की संयिा डनित रहती है ।
• डनकाि की कु ल ऊर्ाष डनित रहती है ।
• डनकाि के कणों की डस्पन अर्द्ष-डवर्म पूणाांक होती है ।

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5.5. फमी-डिराक साांख्यिकी (Fermi-Dirac Statistics)
• डनकाि के कण पॉली के अपवर्षन डनिम का पालन करते हैं डर्स के अनुसार क्रकसी एक कला कोडिका
में एक से अडिक कण नहीं रह सकता है ।
• कला कोडिका में दो कणों को आपस मेंबदलने से कोई नवीन सूक्ष्म अवस्था प्राप्त नहीं होती है ।

Fermi Dirac Distribution Function (फमी-डडराक सांयिकी का डवतरण फलन)-


माना सवषसम (identical),अडवभेद्य (indistinguishable) तथा अर्द्ष-डवर्म पूणाांक चक्रण वाले 𝑛 कणों (र्ैसे-

इलेक्रॉन) से डमलकर बना एक डनकाि है । डनकाि में कणों की कु ल संयिा 𝑛 तथा डनकाि की कु ल ऊर्ाष E
डनित है । माना 𝑛1 , 𝑛2 , 𝑛3 , … . . , 𝑛𝑟 कण क्रमशः ऊर्ाष 𝐸1 , 𝐸2 , 𝐸3 , … . . , 𝐸𝑟 के संगत अवस्थाओं में डवतररत हैं
तथा इन ऊर्ाष अवस्थाओं के ऊर्ाष स्तरों की संयिा क्रमशः 𝑔1 , 𝑔2 , 𝑔3 , … … , 𝑔𝑟 है, अथाषत् 𝑔𝑟 ऊर्ाष अवस्था 𝐸𝑟

की अपभ्रष्टता (degeneracy) है। हमें सन्तुलन अवस्था का ऊर्ाष डवतरण फलन प्राप्त करना है।
अतः 𝑛𝑟 कणो को 𝑔𝑟 क़वांटम अवस्थाओं मेंडवतररत करने के डवन्िासो की संयिा

𝑔 𝑔𝑟 !
Ω𝑟 = 𝐶𝑛𝑟𝑟 =
𝑛𝑟 ! (𝑔𝑟 − 𝑛𝑟 )!

∴ डनकाि के 𝑛 कणों के डवतरण के डवन्िासों की कु ल संयिा

𝑔1 ! 𝑔2 ! 𝑔𝑟 !
Ω= × × ……×
𝑛1 ! (𝑔1 − 𝑛1 )! 𝑛2 ! (𝑔2 − 𝑛2 )! 𝑛𝑟 ! (𝑔𝑟 − 𝑛𝑟 )!

पूवष प्राडिकता के डसर्द्ान्त से, इस डवतरण की सांडयिकीि प्राडिकता W ∝ Ω


िा
𝑔1 ! 𝑔2 ! 𝑔𝑟 !
W= × × …× × डनितांक
𝑛1 ! (𝑔1 − 𝑛1 )! 𝑛2 ! (𝑔2 − 𝑛2 )! 𝑛𝑟 ! (𝑔𝑟 − 𝑛𝑟 )!

दोनों ओर का लघुगणक लेने पर,

log 𝑒 W = ∑ [log 𝑒 𝑔𝑟 ! − log 𝑒 𝑛𝑟 ! − log 𝑒 (𝑔𝑟 − 𝑛𝑟 )!] + डनितांक


𝑟

चूँक्रक 𝑛𝑟 तथा 𝑔𝑟 बहुत अडिक हैं, अतः स्टर्लांग के सूत्र log 𝑒 𝑛! = 𝑛log 𝑒 𝑛 − 𝑛 से,

log 𝑒 W = ∑ [{𝑔𝑟 log 𝑔𝑟 − 𝑔𝑟 } − {𝑛𝑟 log 𝑒 𝑛𝑟 − 𝑛𝑟 }


𝑟
− {(𝑔𝑟 − 𝑛𝑟 ) log 𝑒 (𝑔𝑟 − 𝑛𝑟 ) − (𝑔𝑟 − 𝑛𝑟 )} + डनितांक
िा log 𝑒 W = ∑ [𝑔𝑟 log 𝑒 𝑔𝑟 − 𝑛𝑟 log 𝑒 𝑛𝑟 − (𝑔𝑟 − 𝑛𝑟 )log 𝑒 (𝑔𝑟 − 𝑛𝑟 )] + डनितांक (1)
𝑟

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5.5. फमी-डिराक साांख्यिकी (Fermi-Dirac Statistics)
लेक्रकन सवाषडिक प्रसम्भाव्य डवतरण के डलए W का मान (अथाषत् log 𝑒 W का मान) अडिकतम होना चाडहए,
डर्सके डलए 𝛿log 𝑒 W = 0
∴समीकरण (1) से,

𝑛𝑟 𝑔𝑟 − 𝑛𝑟
−∑ [ 𝛿𝑛𝑟 + 𝛿𝑛𝑟 log 𝑒 𝑛𝑟 + (−𝛿𝑛𝑟 ) + (−𝛿𝑛𝑟 )log 𝑒 (𝑔𝑟 − 𝑛𝑟 )] = 0
𝑛𝑟 𝑔𝑟 − 𝑛𝑟
𝑟

िा ∑ [{log 𝑒 𝑛𝑟 − log 𝑒 (𝑔𝑟 − 𝑛𝑟 )}𝛿𝑛𝑟 ] = 0


𝑟
𝑛𝑟
िा ∑ log 𝑒 ( ) 𝛿𝑛𝑟 = 0 (2)
𝑔𝑟 − 𝑛𝑟
𝑟

लेक्रकन
(i) कणों की कु ल संयिा 𝑛 डनित है, अथाषत् 𝑛 = 𝑛1 + 𝑛2 + ⋯ . . +𝑛𝑟 =डनितांक
िा 𝑛 = ∑𝑟 𝑛𝑟 =डनितांक

िा 𝛿𝑛 = 0
अथाषत् ∑𝑟 𝛿𝑛𝑟 = 0 (3)

(ii) डनित ताप पर डनकाि की सम्पूणष ऊर्ाष 𝐸 डनित रहती है, अथाषत्

E = 𝑛1 𝐸1 + 𝑛2 𝐸2 + ⋯ … + 𝑛𝑟 𝐸𝑟 =डनितांक

E = ∑𝑟 𝑛𝑟 𝐸𝑟 =डनितांक

अथाषत् 𝛿E = 0
अथाषत् ∑𝑟 𝐸𝑟 𝛿𝑛𝑟 = 0 (4)

लेगरेंर् की अडनिाषररत गुणांक डवडि से समीकरण (3) को 𝛼 से तथा समीकरण (4) 𝛽 से गुणा करके समीकरण

(2) में र्ोड़ने पर,

𝑛𝑟
∑𝑟 {log 𝑒 ( ) + 𝛼 + 𝛽𝐸𝑟 } 𝛿𝑛𝑟 = 0 (5)
𝑔
𝑟 −𝑛𝑟

समीकरण(5) के लागू होने के डलए आवश्िक है क्रक िोग का प्रत्िेक पद अलग-अलग शून्ि होना चाडहए, अथाषत्
𝑛𝑟
log 𝑒 ( ) + 𝛼 + 𝛽𝐸𝑟 = 0
𝑔𝑟 − 𝑛𝑟

𝑛𝑟
log 𝑒 ( ) = −(𝛼 + 𝛽𝐸𝑟 )
𝑔𝑟 − 𝑛𝑟

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5.5. फमी-डिराक साांख्यिकी (Fermi-Dirac Statistics)
𝑛𝑟
= 𝑒 −(𝛼+𝛽𝐸𝑟 )
𝑔𝑟 − 𝑛𝑟

𝑔𝑟 − 𝑛𝑟
= 𝑒 (𝛼+𝛽𝐸𝑟 )
𝑛𝑟

𝑔𝑟
= 𝑒 (𝛼+𝛽𝐸𝑟 )+1
𝑛𝑟
𝑔𝑟
𝑛𝑟 = (𝛼+𝛽𝐸 )+1
𝑒 𝑟

िक्रद डनकाि परम ताप T पर ऊष्मीि सन्तुलन में है तो डनितांक 𝛽 का मान 1/𝑘T होता है, र्हाँ 𝑘 बोल्ट्र्मैन

डनितांक है। तब उपिुषक्त समीकरण से,

𝑔𝑟 𝑔𝑟
𝑛𝑟 = 𝛼+(𝐸
िा 𝑛𝑟 = 𝐸 /𝑘T
𝑒 𝑟 /𝑘T)+1 A𝑒 𝑟 +1

र्हाँ 𝑒 𝛼 = A (डनितांक) है क्िोंक्रक 𝛼, कणों की कु ल संयिा का गुणांक हैर्ोक्रक ताप पर डनभषर नहीं करता है ।

𝑛𝑟 कणों की 𝐸𝑟 ऊर्ाष स्तरो मे डवतरण की प्रातिकिा


𝑛𝑟 1
f(𝐸𝑟 ) = = 𝐸 /𝑘T
𝑔𝑟 A𝑒 𝑟 +1

उपिुषक्त समीकरण फमी-डडराक सांयिकी का डवतरण फलन बताता है ।

फमी-डडराक सांडयिकी मे डवतरण फलन का तवतभन्न िापों पर ऊजाभ के साथ पररविभन

परम शून्ि िापमान पर फमी ऊजाभ से कम ऊजाभ वाले ऊजाभ स्िरों में फमी-डडराक डवतरण फलन f(𝐸𝑟 ) का मान

एक होिा है एवं फमी ऊजाभ से अतर्क ऊजाभ वाले ऊजाभ स्िरों में इसका मान शून्ि होिा है । इसका अथभ है की

फमी ऊजाभ से कम ऊजाभ वाले ऊजाभ स्िर कण से भरे होिे है एवं फमी ऊजाभ से अतर्क ऊजाभ वाले ऊजाभ स्िर में

कण नहीं होिे है। ककसी भी ऊजाभ अवस्था में अतर्क से अतर्क एक कण ही हो सकिा है। िापमान बढ़ने पर

फमी ऊजाभ से कम ऊजाभ वाले ऊजाभ स्िरों में कणों के तविरण की प्रातिकिा कम हो जािी है एवं फमी ऊजाभ से

अतर्क ऊजाभ वाले ऊजाभ स्िरों में कणों के तविरण की प्रातिकिा बढ़ जािी है। फमी ऊजाभ स्िर पर कणों के

तविरण की प्रातिकिा का मान १/२ होिा है।

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5.5. फमी-डिराक साांख्यिकी (Fermi-Dirac Statistics)
फमी-डडराक सांडयिकी मे डवतरण फलन का तवतभन्न िापों पर ऊजाभ के साथ पररविभन

3. Summary / साराांश

1. इस मॉड्यूल में हमने फमी-डडराक सांडयिकी मे कणो की प्रकृ डत के बारे में सीखा है ।
2. फमी-डडराक सांडयिकी से हमने फमी-डडराक डवतरण फलन का व्यंर्क उत्पन्न क्रकिा है।
3. िह फलन डवडभन्न ऊर्ाष स्तरो मे डवतररत कणो की संयिा बताता है ।
4. िह डवतरण फलन ठीक एक-र्ैसे, लेक्रकन अडवभेद्य कणों डर्नका चक्रण अर्द्ष-डवर्म पूणाांक होता है, पर
लागू होता है।
5. िे कण पॉली के अपवर्षन डनिम का पालन करते हैं डर्सके अनुसार क्रकसी कला प्रकोि में एक से अडिक
कण नहीं हो सकता है।

4. References / सांदर्भ

1. Kittel Charles (2012) Elementary Statistical Physics, Dover Publications, Inc. Mineola,
New York.
https://www.google.co.in/books/edition/Elementary_Statistical_Physics/y1_NrozBjaQC?
hl=hi&gbpv=1
2. Garg S. C. & Ghosh C.K.(2017), Thermal Physics, Tata McGraw-Hill.
3. Subrahmanyam N., Brijlal, Hemne P.S., (2012), Heat Thermodynamics and Statistical
Physics, S. Chand.
4. Goyal R.P. (2021), Unified Physics, Shiva lal Agarawal and Co.

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5.5. फमी-डिराक साांख्यिकी (Fermi-Dirac Statistics)

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