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संत शिरोमणि आचार्य श्री

108 विद्या सागर जी महाराज

अर्हं योग प्रणेता मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर जी


महाराज

ARHAM DHYAN
YOG
Newsletter
Issue 6, February, 2024
चलो करते हैं, शक्ति का विकास तरह-
तरह की POWER MUDRA के साथ -अंतरप्पा शुभि जैन
अर्हं ध्यान योग की प्रक्रिया पंच नमस्कार मुद्रा से प्रारंभ होती है। पंच नमस्कार मुद्रा में पांच अलग-अलग मुद्राएँ होती हैं। यह शरीर के
पांच मुख्य कें द्रों पर प्रभाव डालती हैं। पंच मुद्रा से स्वस्थ तन, प्रसन्न मन और निर्मल चेतन बनता है और साथ ही साथ हमारे अंदर
नमस्कार और समर्पण के भावों का विकास होता है। इसे रंगों एवं मंत्रों के आलंबन के साथ भी किया जाता है।

E C
पंच मुद्रा को PEACE मुद्रा भी कहा जाता है। Energy Creativity
जिसका अर्थ है ➡️➡️➡️ P
Power
A
Activity
E
Evaluation

इस माह के क्रम में हम विस्तार पूर्वक पहली मुद्रा - POWER मुद्रा के बारे में जानेंगे।

POWER मुद्रा / अरिहंत मुद्रा


स्थिति - यह मुद्रा बैठकर एवं खड़े होकर दोनों तरह से लगाई जा सकती है।
बैठकर करने के लिए - सुखासन, अर्धपद्मासन या पद्मासन में स्थिर बैठते हैं।
खड़े होकर करने के लिए - दोनों पैरों को एक साथ जोड़कर खड़गासन में खड़े होते हैं।
कें द्र - यह मुद्रा शक्ति कें द्र (नाभि स्थल) को सक्रिय (active) करती है।
प्रार्थना मुद्रा :- दोनों हाथों को जोड़कर हृदय के पास लेकर आएँ गे और हाथ जमीन से समानांतर रहेंगे। प्रार्थना मुद्रा

विधि:-
1. प्रार्थना मुद्रा से दोनों हाथों को धीरे-धीरे कान के पास से ऊपर की ओर ले जाएँ गे और खींचकर रखेंगे।
ध्यान रखेंगे - दोनों हथेली एवं उँगलियाँ आपस में मिली रहेंगी, दोनों हाथ कान के साथ लगे रहेंगे और कोहनियाँ बिल्कु ल सीधी रहेंगी।
अँगूठों को interlock नहीं करेंगे।
2. रीढ़ की हड्डी, पेट व नाभि पर खिंचाव महसूस होना चाहिए। पूरे शरीर व गर्दन को बिल्कु ल सीधा रखेंगे।
3. आँखें बन्द करके भावना करेंगे कि हम अपने इष्ट के चरणों को छू रहे हैं।
4. पाँच बार ओं अर्हं नम: का मन ही मन स्मरण करें।
5. धीरे-धीरे हाथों को प्रार्थना मुद्रा में नीचे लेकर आए ।

लाभ:-
1. इस मुद्रा से मेरुदण्ड का टेढ़ापन दूर होता है और इसमें सशक्तता आती है।
2. बच्चों की लंबाई (कद) बढ़ाने के लिए अत्यन्त उपयोगी मुद्रा है।
3. खड़े होकर करने से जंघा, पिंडलियाँ, पंजे भी मजबूत होते हैं।
4. कमर के पास की चर्बी घटती है।
5. Diabetes के मरीजों के लिए लाभकारी होती है।
6. आलस्य दूर होता है।
01 ___________________________________________________________________Arham Dhyan Yog अरिहंत मुद्रा
अरिहंत मुद्रा की खडगासन में विविधताएँ (Variation of Power Mudra)

1. पंजों के माध्यम से
स्थिति :- प्रार्थना मुद्रा
श्वास भरते हुए, अपने हाथों को कानों के पास से ऊपर ले जायें। अपनी नाभि, रीड की हड्डी , पैरों पर खिचाव महसूस करें।
श्वास भरते हुए, पैरों की एड़ियों को ऊपर की तरफ उठाएं गे और कुं भक करते हुए, पैरों की उंगलियों के सहारे अपने शरीर
को खींच (stretch) कर रखें।
श्वास को छोड़ते हुए, अपने पंजों को सामान्य स्थिति पर वापस लायें।

2. दोनों पैरों में 90° का कोण


स्थिति :- प्रार्थना मुद्रा
पिछली स्तिथि से बाएँ पैर को आगे की तरफ लाएँ एवं दाएँ पैर के घुटने को जमीन पर टिकाएँ ।
ध्यान रखें: बाएँ पैर से 90° का कोण बने और पंजा जमीन से लगा रहे।
श्वास भरते हुए अपने हाथों को ऊपर की ओर लेकर जाइये और एक दूसरे से मिलाएं । श्वास सामान्य बनाएँ रखें और 5000 धनुष
ऊपर बैठे अरिहंत परमेष्ठी या अपने इष्ट के चरणों का स्मरण करेंगे।
प्रार्थना मुद्रा में वापस आएँ और उसके पश्चात धीरे-धीरे खड़े हो जाइये।
इस प्रक्रिया को अपने दूसरे पैर के साथ दोहराएं गे ।

3. वृक्षासन
स्थिति :- प्रार्थना मुद्रा
श्वास भरते हुए अपने कानों के पास से हाथों को ऊपर लेकर जाएँ और दोनों हाथों को मिलाएँ ।
अपने दाएँ पैर के पंजे को उठाकर बायीं जाँघ पर रखें और संतुलन बनाए रखने का प्रयास करें।
ध्यान करेंगे: अरिहंत परमेष्ठी या अपने इष्ट जैसी शक्ति व दृढ़ता हमारे अंदर भी आ जाए।
धीरे-धीरे प्रार्थना मुद्रा में वापस आ जाएं गे।
इस प्रक्रिया को अपने दूसरे पैर के साथ दोहराएँ गे।

4. कोणासन २
स्थिति :- प्रार्थना मुद्रा
मुस्कु राहट के साथ लंबा गहरा श्वास लेते हुए, अपने दोनों हाथों को कानों के पास से ऊपर लेकर जाएँ एवं आपस में मिलाएँ ।
श्वास छोड़ते हुए, अपने बाए तरफ lateral bending करते हुए झुक जाएं ।
ध्यान रखेंगे - कमर और उसके नीचे का शरीर स्थिर रहे एवं पैरों के पंजो को जमा कर रखना है।
धीरे-धीरे श्वास भरते हुए वापस अरिहंत मुद्रा में आएँ ।
वापस से श्वास छोड़ते हुए दाएँ तरफ lateral bending करते हुए दूसरी ओर झुकें ।
प्रार्थना मुद्रा में वापस आएँ , उसके पश्चात सामान्य स्थिति में आएँ ।

इस क्रम में हम सभी ने PEACE की POWER मुद्रा /अरिहंत मुद्रा करने की विधि, उसके विभिन्न प्रकार व इस मुद्रा से होने वाले लाभ
के बारे में जाना है। अगले माह की श्रेणी में ENERGY MUDRA के बारे में जानेंगे।

तो अब हम संकल्प लेते है, आने वाले एक माह तक हम सभी Power Mudra का अभ्यास निरंतर करेंगे।
जो भी बदलाव आप अपने में महसूस करेंगे वो आप हमें विडियो या लिखित रूप मे Email कर सकते है।
Email address - editor@arham.yoga
02 ________________________________________________________________________________________________Arham Dhyan Yog
ओं
ओं का
ओं ओं विज्ञान ओं -अंतरप्पा सारिका जैन

ओं ओं
ओं
असाधारण शक्ति को धारण किए हुए एक नन्हा सा बीज जब ओं
पल्लवित होता है, तो फल और फू लों से लदा हुआ विशालकाय वृक्ष बरबस ही
ओं सबका ध्यान आकर्षित करता है। उस लहलहाते वृक्ष को देखकर हम छोटे से बीज
की अपरिमित शक्ति को जान सकते है।
ओं
ठीक उसी प्रकार से जब हम ओं जैसे बीजाक्षर मन्त्रों को ध्यान के माध्यम से अपने चित्त में रोपण करते हैं तो
उन अक्षरों की शक्ति हमारे चित्त में समा (ट्रांसफर होती) जाती है। तथा जिस प्रकार से एक छोटा सा बीज
विशाल काय वट वृक्ष में परिवर्तित हो जाता है, वैसे ही हमारे चरित्र की सशक्तता ध्यान के माध्यम से निरंतर
बढ़ती चली जाती है।

वस्तुतः ओं एक शाश्वत मंत्र है जो सर्वज्ञता, सर्वव्यापिता, सर्वशक्तिमान की अवधारणा को व्यक्त करता है।
जिसका योगीजन निरंतर अभ्यास करते हैं।

जैन धर्म के ग्रंथों में मंगलाचरण के रूप में भी इसका वर्णन आया है -
ओकारम् बिंदु संयुक्तम्, नित्यम् ध्यायन्ति योगिनः।
कामदम् मोक्षदम् चैब, ओंकाराय नमो नमःll
जिसका अर्थ है कि बिंदु से युक्त ओं का योगिजन के द्वारा निरंतर ध्यान किया जाता है। यहाँ आचार्य ने ओं को बिंदु से युक्त कहा है
जबकि कहीं-कहीं हम इसे चंद्रबिंदु से युक्त भी देखते हैं। बिंदु और चंद्रबिंदु से युक्त ‘ओं’ में मात्र हृस्व और दीर्घ उच्चारण का ही फर्क
होता है। शास्त्रों में चंद्रबिंदु से युक्त ओं से ध्यान का उल्लेख भी मिलता है। व्याकरण के नियम में से देखें तो अवर्ण और उवर्ण मिलकर
ओ बनता है। लिखा भी है कि अवर्णे + उवर्णे = ओ (अ +उ = ओ)।
वस्तुतः ओं का उच्चारण करने का प्रभाव दार्शनिक क्षेत्र से परे जाता है। लेकिन जब हमारा ध्यान इससे जुड़ता है तो हमारी आत्मा की
शक्ति निरंतर वृद्धि को प्राप्त होती है। ओं बीजाक्षर में निहित तत्वों की शक्ति को हम ग्रहण करते चले जाते हैं जो कि हमारे समीचीन
ज्ञान प्राप्ति में भी सहायक होती है।
जैन धर्म के अनुसार ओं ऐसा बीजाक्षर मंत्र है ,जिसमें सम्पूर्ण द्वादशांग का सार समाया हुआ है। जैन धर्म के अनुसार ओं में पंच परमेष्ठी
भी गर्वित होते हैं जैसे अरिहंत का अ, सिद्ध अशरीरी होते हैं तो उनका भी अ, आचार्य का आ, उपाध्याय का उ और मुनि का म
= ओं। इस प्रकार यदि हम ओं को णमोकार मंत्र का सबसे छोटा सूत्र कहें तो उचित होगा।
इस छोटे से बीज रूप अक्षर की शक्ति अनंत है, असाधारण है, शुद्धतम ऊर्जा का प्रतीक है। सर्वोच्च शक्ति को धारण किए मौलिक ध्वनि
है। यह बीजाक्षर न सिर्फ इच्छित वस्तु को देने वाला है अपितु शाश्वत मोक्ष सुख़ को भी देने वाला है।
निजात्म में धारण कर इस ओंकार रूप ओं परम तत्व को हम मन-वचन-काय से नमन करते हैं।

03 ________________________________________________________________________________________________Arham Dhyan Yog


सूर्य नमस्कार एवं अर्हं ध्यान Mass Surya Namaskar
योग के माध्यम से सशक्त demonstration at Sun
युवा पीढ़ी की नई शुरुआत Temple, Tikamgarh with
@ एकलव्य विश्वविद्यालय MDNIY, MoA

एकलव्य विश्वविद्यालय, दमोह में राष्ट्रीय युवा


दिवस- स्वामी विवेकानंद जयंती के सुअवसर
पर विश्वविद्यालय की कु लाधिपति डॉ.सुधा मलैया, The mass Surya Namaskar demonstration organized
प्रति कु लाधिपति श्रीमती पूजा मलैया एवं श्रीमती by Arham Dhyan Yog in collaboration with MDNIY,
रति मलैया के कु शल नेतृत्व तथा कु लपति प्रोफे सर New Delhi, held at the historic 9th-century
Madkhera, Sun Temple, was not just an event; it was
डॉ. पवन कु मार जैन एवं कु लसचिव डॉ. प्रफु ल्ल an experience that transcended the ordinary. Held on
शर्मा के मार्गदर्शन में सूर्य नमस्कार और अर्हं 4th January 2024, under the leadership of Dr. Ruchi
ध्यान योग का आयोजन किया गया। जिसका Jain, along with Aarchi Shah, Akshay Jain, Sandeep
शुभारंभ सरस्वती माँ के चरणों में दीप प्रज्वलित Vishvakarma, and Durgesh Tiwari, over 400
द्वारा किया गया। attendees gathered there mostly were youth, they
were enveloped in an aura of awe and spirituality.
इसके उपरांत हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक
डॉ हृदय नारायण तिवारी ने सूर्यं नमस्कार कराया "The Sun Temple, a masterpiece of the Gurjara-
साथ ही संस्कृ त विभाग की प्राध्यापिका डॉ सरिता Pratiharas known for its intricate Nagara-style
जैन दोषी ने अर्हं ध्यान योग के माध्यम से पंच carvings and sculptures, resonated with a sense of
मुद्रा और अर्हं क्लैप्स करवाई, जिसे सभी reverence and history. The energy of the place,
प्राध्यापकों और विद्यार्थियों ने ध्यानपूर्वक किया। steeped in historical and spiritual significance, uplifted
the spirits of everyone present.
कु लपति महोदय ने राष्ट्रीय युवा दिवस पर संबोधित
करते हुए एकाग्रता के साथ ही नियमित योग करने Local authorities were deeply moved by the event. The
के लिए प्रेरित किया। Town Inspector of Mohangarh expressed, "This event
is a beautiful example of community and spiritual
इसके उपरांत आशीर्वचन देते हुए कु लसचिव unity". The Sarpanch of the village proudly added,
महोदय ने स्वामी विवेकानंद द्वारा दिए गए जीवन "It's an honor for our village to host such a
जीने के सिद्धांतों को उद्घाटित करते हुए बताया significant event."
कि हमें जिम्मेदारी पूर्वक अपने कर्तव्य का निर्वाह
करना चाहिए। मुख्य परीक्षा नियंत्रक डॉ. प्रकाश The event, leading up to Makar Sankranti, saw diverse
खम्परिया ने भी सभी को राष्ट्रीय युवा दिवस की participation of students, local authorities, and
शुभकामनाएँ देते हुए सतमार्ग पर चलने के लिए residents, all united by yoga. The gathering, intended
प्रेरित किया। to offer salutations to the Sun, became a celebration of
life, community, and yoga's enduring legacy.
इस अवसर पर सभी विभाग के विभागाध्यक्ष, Arham Dhyan Yog extends heartfelt gratitude to
प्राध्यापक, शोधार्थी एवं विद्यार्थियों ने पूर्ण MDNIY for their collaboration, which greatly contributed
मनोयोग से सामूहिक सूर्य नमस्कार और अर्हं ध्यान to the event's success. "The support from MDNIY was
योग कर स्वामी विवेकानंद द्वारा बताए गए जीवन instrumental in realizing this vision. This event has
सिद्धान्तों का अनुसरण करने का संकल्प लिया। been a testament to the power of collaboration in
spreading yoga," stated a spokesperson from ADY.
ज्ञात हो कि अर्हं ध्यान योग का विषय एकलव्य They added, "ADY is committed to spreading yoga for
विश्वविद्यालय के योग में स्नातक एवं परा-स्नातक the all-round well-being of mankind, in line with the
कोर्स (BA, MA) में शामिल है। vision of the Global Peace . We invite everyone to join
this mission with us!"
04 ________________________________________________________________________________________________Arham Dhyan Yog
“ शिक्षा और संस्कार के साथ,
शिशु मंदिर में हुआ,
श्री सुधासागर
पब्लिक स्कू ल ,के कडी
राजस्थान में तीन दिवसीय अर्हं ध्यान योग
अर्हं ध्यान योग का शंखनाद” शिविर का सफल आयोजन

अंतरप्पा गरिमा लसगरी


13 जनवरी 2024, अतिशय क्षेत्र पनागर, के विद्यालय में नववर्ष का शुभारंभ करने और
बच्चो को परीक्षा के पहले अर्हं का “Booster Dose” देने अंतरप्पा गरिमा लसगरी ने
अंतरप्पा पिंकी जैन के सहयोग से सरस्वती शिशु मंदिर में अर्हं ध्यान योग के सत्र का अंतरप्पा किरण जैन
आयोजन किया , जिसमे कक्षा 6वीं से 12वीं तक के लगभग 300 बच्चों ने सक्रिय रूप से
भाग लिया।
“Student-oriented” इस सत्र में अर्हं के पांचों चरणों को कराया गया। सत्र के सुधासागर पब्लिक स्कू ल के कड़ी अजमेर, राजस्थान में 23 से
मुख्य बिंदु कु छ इस प्रकार है। 25 दिसंबर 2023 तक त्रिदिवसीय अर्हं ध्यान योग शिविर का
सत्र के अंत में प्रश्न उत्तर का दौर रखा गया। जिसमें विजेताओं को पुरस्कृ त भी किया आयोजन अंतरप्पा श्रीमती किरण जैन के द्वारा किया गया।
गया। जिसमें पंच मुद्राएं और ओं अर्हं नमः की धुन पर ध्यान कराकर
सत्र के अंत में बच्चों को अपनी पसंदीदा मुद्रा को अभ्यास करने का होम वर्क भी दिया योग की आवश्यकता एवं महत्त्वताओं पर प्रकाश डाला गया।
गया।
बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे बच्चो को stress , time and energy स्कू ल की संस्कृ त शिक्षिका श्रीमती शिप्रा जैन के माध्यम से योग
management के लिए कायोत्सर्ग के महत्त्व को समझाया गया। प्रशिक्षिका श्रीमती किरण जैन का तिलक एवं माल्यार्पण कर
स्वागत किया गया। और सभी ने योग शिविर की सफलता के
लिए बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की।

अर्हं टीम, विद्यालय के प्राचार्य महोदय शैलेन्द्र गोंटिया जी की आभारी है , जिन्होंने अपने
व्यस्त कार्यक्रम में से हमें अर्हं ध्यान योग का सत्र लेने की अनुमति प्रदान की, साथ ही भविष्य
में भी ऐसे ही सत्र का आयोजन कराने की इच्छा भी उनके द्वारा जाहिर की गयी ।

टीम आगे और भी विद्यालयों में अर्हं ध्यान योग का सत्र लेने की योजना बना रही है।

"अंतरप्पा के अंतरंग में


हरदम अर्हं" अंतरप्पा आस्था जैन

अंतरप्पा हमेशा जागरूक इस बात को अंतरप्पा आस्था दीदी ने चरितार्थ किया है।। वह नए साल
पर कु म्भोज बाहुबली यात्रा पर निकली थी , वहाँ पर गुरुकु ल स्थित था जिसमे लगभग 300
विद्यार्थी अध्यनरत थे। उन्होंने अपनी अर्हं के प्रति सजगता दिखाते हुए वहाँ के विद्यार्थियों का अर्हं
ध्यान योग का सत्र लिया। सत्र को बच्चों ने बहुत आनंद के साथ किया ।

“ झारखण्ड में अर्हं की लहर ”


अंतरप्पा चेलना जैन
अंतरप्पा चेलना दीदी ने झारखण्ड के हजारीबाग मैं स्टेट जैन माध्यमिक विद्यालय में अर्हं ध्यान योग का सत्र लिया।
करीब 40-50 बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। वहाँ उन्होंने पंच मुद्रा, कायोत्सर्ग , प्राणायाम एवं नाद करवाया
व उससे होने वाले फायदे भी बताये। बच्चों ने बहुत आनंद के साथ सभी क्रियाओं को लुप्त उठाया । अंत में बच्चों को
उपहार व बादाम की चिक्की का वितरण हुआ ।

05 ________________________________________________________________________________________________Arham Dhyan Yog


“हर समस्या का है इलाज़, अर्हं ध्यान योग के पास”
यह मार्च 2023 की बात है जब मुझे लगातार spotting और पेट दर्द की समस्या हुई। मैंने अपनी
gynecologist से संपर्क किया, उन्होंने मुझे सोनोग्राफी करने की सलाह दी, जिसमें मेरी left
Ovary में Cyst diagnose हुई।
डॉक्टर ने कहा- cyst बड़ी है तो ऑपरेट करना होगा। मैं थोड़ा टालने का सोच रही थी। तभी
अंतरप्पा सारिका जैन अप्रैल माह में मेरी अर्हं ध्यान योग की कक्षाएं प्रारंभ हुई जो कि अक्टूबर 2023 तक चली।
इंदौर, मध्य प्रदेश
इस तरह मैने लगातार 7-8 महीनों तक अर्ह ध्यान योग किया।
शुरू में मुझे थोड़ी प्रॉब्लम हुई बाद में सब ठीक लगने लगा। दिसंबर माह में पीरियड की प्रॉब्लम
होने पर वापस डॉक्टर को दिखाया और सोनोग्राफी कराई जिसमें मेरी Cyst पूरी तरह से
dissolve हो चुकी थी। डॉक्टर भी रिपोर्ट देखकर आश्चर्यचकित थी।
अर्हं ध्यान योग से मेरी इतनी बड़ी समस्या का समाधान हो गया तो न जाने और कितनी शारीरिक
समस्याओं का समाधान हो सकता है।

“डायबिटीज को दूर भगाएं, अर्हं ध्यान योग को अपनाएं”


मुझे पिछले तीन वर्ष से डायबिटीज है जिसकी दवाइयां मैं प्रतिदिन लेती हूँ, जिसके बाद भी मेरा
ब्लड शुगर लेवल बहुत हाई रहता था।
मैं पिछले 6 माह से लगातार अर्हं ध्यान योग कर रही हूँ। और अब मेरा ब्लड शुगर लेवल जो
फास्टिंग और दवाईयों के बाद भी कभी 130-125 से कम नहीं हुआ, अब वह 70 तक पहुंच गया
अंतरप्पा साधना जैन है। जो मेरे लिए बहुत ही बड़ी उपलब्धि है।
(60 वर्ष) इसके लिए मुझे लगता है अरिहंत मुद्रा व साधु मुद्रा साथ ही अर्द्धमत्स्येन्द्रीय आसन और
अजमेर, राजस्थान
मंडूकासन से मुझे ज्यादा फायदा हुआ।
साथ ही मैं घुटनों के दर्द की वजह से जमीन पर नहीं बैठ पाती थी, लेकिन अब मैं आराम से
आधा घंटे तक नीचे जमीन पर बैठ पाती हूँ। इसके लिए त्रिकोनासन, वीरभद्रासन और उत्कट
आसन मेरे लिए ज्यादा लाभदायक रहा।
मैं तो सबसे यही कहना चाहूँगी , कि अपने जीवन में अर्हं ध्यान योग को अपनाएं और अपने
जीवन को स्वस्थ, निरोगी एवं आनंदमयी बनायें।

"Explore the Transformative


Power of Arham Dhyan Yog:
Insights from a Seasoned
Practitioner"

Know how to become


Successful
& Rich

06 ________________________________________________________________________________________________Arham Dhyan Yog


UPCOMING EVENT आद्य अर्हं

सीनियर सिटीजन के लिए


प्राचीन योग विद्या और आधुनिक विज्ञान का अद्भुत समागम डेली ऑनलाइन विशेष साधना सत्र
योग महाकुं भ 15 फरवरी 2024 से प्रातः 6 से 7

दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी विशेषता-


17-18 फरवरी 2024 चेयर (कु र्सी) में बैठकर कर सकने वाले योग
एकलव्य यूनिवर्सिटी, दमोह प्राणायाम एवं सहज ब्रीदिंग के माध्यम से
होगी आपके स्वस्थ में वृद्धि ।
धर्मं ध्यान - आद्य अर्हं से करे धर्म के साथ ध्यान ,
मन को ताकतवर और चेतना को जाग्रत करने
वाले प्रयोग

आद्य अर्हं से जुड़ने के लिए इस QR


विभिन्न योग विशेषज्ञों से मिलने व सीखने का कोड को स्कै न करें।
सुनहरा मौका- या लिंक पर क्लिक करें:-
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शोध करने वालों के लिए
योग के वैज्ञानिक नजरिए
शिक्षण संस्थान से जुड़े हुए लोगों के लिए
आधुनिक जीवन शैली की बीमारियों से बचाव के लिए WINTER HEALTH TIP

आपको मिलेगा- सर्दी के मौसम की सूचना मिलते ही, हम सब


कड़ाके की पड़ने वाली ठं ड और कोहरे के लिए
योग में कै रियर अवसर की जानकारी तैयार हो जाते हैं। यही वह समय होता है जब हमें
योग के वैज्ञानिक पहलुओं की गहरी समझ स्वयं को अंदर व बाहर दोनों परिवेश में खुद को
शोध करने और वैज्ञानिक पत्र लिखने की क्षमता का स्वस्थ व मजबूत बनाए रखना है। इसके लिए -
विकास 1. रोजाना पंच मुद्रा व हल्का-फु ल्का
शारीरिक व्यायाम करें।
पारितोषिक लाभ-
2. वात व पित्त प्रकृ ति पर नियंत्रण
योग विशेषज्ञों से सामूहिक चर्चा रखें।
सहभागिता प्रमाण-पत्र
योग में उज्वल भविष्य के लिए मार्गदर्शन 3. धनिया व दही का सेवन न करें।
अर्हं ध्यान योग और पिरामिड ध्यान का सत्र 4. अलसी के बीज , सूरजमुखी के
बीज, अदरक , कच्ची हल्दी की सब्जी
पंजीकरण के लिए अधिक जानकारी के लिए
का सेवन औषधि के रूप में कर सकते
हैं।

5. विशेष सुझाव - गाय के घी में हल्दी


भून ले, हल्दी वाले दूध का सेवन
https://go.arham.yoga/eklavya2024 www.arham.yoga/eklavya2024 करें।
07 ________________________________________________________________________________________________Arham Dhyan Yog
कौन है श्री राम ?
राम किसी धर्म के नहीं, किसी सम्प्रदाय के नहीं
राम हर उस प्राणी मात्र के हैं,जिसके अन्दर प्राण है
जिसके अन्दर आत्मा है और इसीलिए हर आत्मा
को आत्मा राम कहा जाता है।

संरक्षक
अरिहंत मुद्रा परम शिरोमणि संरक्षक
1. श्री संजय - श्रीमती रितु जैन एवं अभिज्ञ जैन,
रोहिणी, दिल्ली
गुरु प्रणम्य को नमन करूं l 2. श्री अमित जी, माडॅल टाउन, दिल्ली
अर्हं ध्यान योग सिखलाय ll 3. श्री पवन कु मार जैन, मुज्जफरनगर
4. श्री विकास जैन, आगरा
पंचमुद्रा अभ्यास से, 5. श्रीमति इंदिरा डी जैन
तन मन चेतन स्वस्थ बनाए ll
शिरोमणि संरक्षक
प्रथम मुद्रा अरिहंत की, 1. श्री आर.के .जैन जी पीतमपुरा, दिल्ली
णमोकार पहला पद ध्याय l 2. श्री महेंद्र कु .जैन श्रीमती स्नेह जैन, आकाश जैन,
अरिहंतो को नमन कर, रोहिणी, दिल्ली
गुण प्राप्ति की भावना भाय ll संरक्षक
आध्यात्मिक यात्रा की ओर, 1. श्रीमती कमल नयनी - श्री वीरेन्द्र जी, दरियागंज
कदम सभी के बढ़ते जाएं l 2. श्री ब्रजेश जी - श्रीमती आशु जी, ग्रेटर नोएडा
पंचमुद्रा अभ्यास से, 3. श्री राहुल जी, सिविल लाइन्स
तन मन चेतन स्वस्थ बनाएं ll 4. श्री निलेश भाई बालु भाई शाह, सुरत
5. ईर्षिता जैन जी, साहिबाबाद, गाजियाबाद
6. श्रीमति साधना जैन, अजमेर
श्वेत रंग की आभा से,
शक्ति कें द्र मजबूत बनाएं l विशिष्ट सदस्य
मेरुदंड को पावर देकर, 1. श्रीमति नीलिमा जैन, सरस्वती विहार, दिल्ली
डायबिटीज को दूर भगाएं ll 2. श्रीमति वीना जैन, रोहिणी, दिल्ली
आलस मोटापे को हटाकर, सदस्य
बच्चों का कद बढ़ता जाए l 1. श्रीमति स्वाति जैन श्री सचिन जैन, बीना, एम.पी.
पंचमुद्रा अभ्यास से, 2. श्रीमति स्वाति जैन, नागपुर
तन मन चेतन स्वस्थ बनाएं ll 3. श्री वीरेन्द्र जैन, बुढार, एम.पी.
4. श्री आदित्य मोदी, सूरजपुर, छत्तीसगढ़
5. श्री मयंक जैन, लखनऊ
-अंतरप्पा सारिका जैन "शास्त्री"

Editors: Virendra Kumar Jain, Shubhi Jain, Meghna Sharma, Garima Lasgari,
Lovely Jain , Adv Sarika Jain, Dr. Priyanka Jain, Akshay Jain
Contact us: 8920491008 Email: editor@arham.yoga

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Arham Dhyan Yog

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