Download as pdf or txt
Download as pdf or txt
You are on page 1of 19

होम वीडियो सर्च वेब ई-

स्टोरीज पेप

Hindi News / International / British Raj Vs Queen Elizabeth


टॉप Story Behind Kohinoor, Tipu Ring, And Shah Jahan Wine Cup
वीडियो और देखें
न्यूज़
राज्य- क्वीन एलिजाबेथ की बर्थ
शहर एनिवर्सरी: रानी के ताज में जड़ा
DB
ओरिजिनल
कोहिनूर ही नहीं, टीपू की अंगूठी…
शाहजहां का वाइन कप भी ले गए
IPL
अंग्रेज
बॉलीवुड 7 घंटे पहले
लेखक: निकिता अग्रवाल

वुमन

फीडबैक दें
देश

विदेश

बिजनेस

1:26
राशिफल

स्पोर्ट्स 20वीं सदी और उससे पहले तक ब्रिटेन कई देशों पर


राज कर रहा था। इनमें भारत उसकी सबसे बड़ी Advertise with Us |

करिअर कॉलोनी थी। भारत को अंग्रेजी हुकू मत के ताज का DB Reporter |


Terms & Conditions and
हीरा कहा जाता था। एक अनुमान के मुताबिक, भारत
टेक -
Grievance Redressal Policy

में राज करने से अंग्रेजों को 45 ट्रिलियन डॉलर यानी |


ऑटो Contact Us | RSS |
3 हजार 700 लाख करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ था।
जीवन Cookie Policy | Privacy Policy

मंत्र पहले ईस्ट इंडिया कं पनी और फिर ब्रिटिश राज के Our Divisions

शासन के दौरान अंग्रेज भारत से बहुत कु छ ले गए। DainikBhaskar.com


यूटिलिटी
इनमें सबसे चर्चित है कोहिनूर हीरा। सितंबर 2022 में DivyaBhaskar.com

DivyaMarathi.com
क्वीन एलिजाबेथ की डेथ से पहले तक ये उनके ताज
लाइफ - की शान था। वेब
MoneyBhaskar.com ई-
होम वीडियो सर्च
साइंस क्वीन एलिजाबेथ की बर्थ एनिवर्सरी पर हम आपको स्टोरीज
HomeOnline.com पेप
फे क न्यूज कोहिनूर के साथ उन कीमती हीरे, गहने और सामानों BhaskarAd.com

एक्सपोज़ के बारे में बता रहे हैं जिसे अंग्रेज चुरा ले गए थे… Copyright © 2023-24 DB Corp
ltd., All Rights Reserved

ओपिनियन कोहिनूर This website follows the DNPA


Code of Ethics.

मधुरिमा

मैगजीन
राजस्थान
की
राजनीति

Download App from

फीडबैक दें
क्वीन एलिजाबेथ के ताज में कोहिनूर हीरा जड़ा था।

कोहिनूर हीरे का इतिहास विवादों से भरा रहा है। कहा


Follow us on जाता है कि साल 1526 में हुमायूं ने आगरा किला पर
हमला किया था। इसे जीतने पर बड़े पैमाने में खजाने
के साथ-साथ विश्‍व प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा भी मिला
था। बाबरनामा के मुताबिक, कोहिनूर हीरा इतना
कीमती था कि इससे पूरी दुनिया को ढाई दिन का
भोजन करवाया जा सकता था।

1739 में ईरानी शासक नादिर शाह ने आक्रमण


किया। उसने आगरा और दिल्ली में लूटपाट की। वह
कोहि‍नूर और मयूर सिंहासन को भी साथ ले गया।
नादिर शाह की हत्या के बाद 1747 में यह हीरा
अफगानिस्तान के अहमद शाह के पास पहुंचा। इसके
बाद कोहिनूर हीरा शाह शुजा के हाथों से होते हुए
महाराजा रणजीत सिंह तक पहुंचा। औरंगजेब के
शासन के दौरान उसने यह हीरा शाहजहां की देख-
रेख में रखा था। शाहजहां आगरा किले में कै द होकर
इसी हीरे से ताजमहल को देखते थे।
साल 1849 में जब अंग्रेजों ने पंजाब पर कब्जा किया वेब ई-
होम वीडियो सर्च
तो इस हीरे को ब्रिटेन की तब की महारानी विक्टोरिया स्टोरीज पेप
को सौंप दिया गया। बाद में इसे और कई हीरों के
साथ ब्रिटेन के शाही ताज में लगा दिया गया। महारानी
एलिजाबेथ की मौत के बाद से कई बार कोहिनूर को
वापस भारत लाने की मांग उठ चुकी है।

किंग चार्ल्स की एमरॉल्ड बेल्ट

फीडबैक दें
19 पन्ना जड़ी सोने की बेल्ट किंग चार्ल्स के शाही खजाने में मौजूद
है।

5 साल पहले बकिंघम पैलेस ने प्रिंस चार्ल्स के 70वें


जन्मदिन पर एक प्रदर्शनी लगाई थी। इसमें प्रिंस के
पसंदीदा रॉयल कलेक्शन को शामिल किया गया। कई
मूर्तियों, पेंटिंग्स और दूसरे सामानों के साथ इसमें 19
एमरॉल्ड (पन्ना रत्न) जड़ा सोने का एक कमरबंद भी
शामिल था। द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन
जाने से पहले ये महाराज शेर सिंह के पास था। वो
इसका इस्तेमाल अपने घोड़ों को सजाने के लिए करते
थे।

इस कमरबंद को महाराजा रणजीत सिंह के 19


एमरॉल्ड से बनाया गया था। ये 1843 में उनके बेटे
शेर सिंह को मिला। ब्रिटेन के रॉयल कलेक्शन के
मुताबिक, 1849 में जब ईस्ट इंडिया कं पनी ने पंजाब
जीत लिया तो कमरबंद उसके खजाने में शामिल हो
गया। 1851 में ब्रिटेन की तब की महारानी विक्टोरिया वेब ई-
होम वीडियो सर्च
के सामने ग्रेट एग्जीबिशन लगाई गई। इसमें लाहौर में स्टोरीज पेप
जीती गई ज्वेलरी को भी शामिल किया गया। यहां से
पन्ना जड़ा कमरबंद शाही खजाने में शामिल हो गया।

तैमूर रूबी नेकलेस

फीडबैक दें
4 बड़े स्पाइनल रूबी जड़े नेकलेस पर उन सभी राजाओं के नाम
लिखे हैं जिनके पास ये रहा है।

द गार्जियन के मुताबिक, इंडियन आर्काइव से जुड़े


दस्तावेजों में भारत से गए एक रूबी नेकलेस का भी
जिक्र है। ये हार 4 बड़े स्पाइनल रूबी (मणिक) से
बनाया गया है। इसमें से सबसे बड़ा रूबी 325.5
कै रेट का है जिसे बाद में तैमूर रूबी के तौर पर
पहचाना गया। खास बात ये है कि ये स्पाइनल रूबी है
जो दिखने में बाकी मणिक जैसा ही होता है, लेकिन
इसका के मिकल कॉम्पोजिशन अलग होता है।

तैमूर रूबी भारत से होता हुआ ईरान और


अफगानिस्तान के महाराजाओं के पास भी रहा है।
इस पर उन 5 राजाओं के नाम उके रे गए थे जिनके
पास ये मौजूद था। इनमें मुगल राजा जहांगीर,
शाहजहां, फरुखसियार, ईरान के नादिर शाह और
अफगानिस्तान के राजा अहमद शाह दुरानी शामिल
हैं। 1813 में ये अफगानिस्तान से भारत लौटा और
महाराजा रणजीत सिंह के शाही खजाने का हिस्सा वेब ई-
होम वीडियो सर्च
बन गया। स्टोरीज पेप

रॉयल कलेक्शन के मुताबिक जब ईस्ट इंडिया कं पनी


ने लाहौर पर कब्जा किया तो तैमूर रूबी कोहिनूर के
साथ क्वीन विक्टोरिया के पास पहुंचा था। 1853 में
रॉयल फै मिली के खास ज्वेलर गैरार्ड ने स्पाइनल रूबी
पत्थरों के साथ एक नया सोने और हीरे का हार
बनाया था। इसे डिजाइन किया गया था ताकि तैमूर
रूबी को नेकलेस से हटाकर उसकी जगह कोहिनूर
हीरा लगाया जा सके ।

टीपू सुल्तान की अंगूठी और तलवारें

फीडबैक दें
टीपू सुल्तान की शाही तलवारें विक्टोरिया और एल्बर्ट म्यूजियम में
रखी हुई हैं।

टाइगर ऑफ मैसूर के नाम से पहचाने जाने वाले टीपू


सुल्तान 1799 में अंग्रेजों से चौथी एंग्लो-मैसूर जंग
श्रीरंगपट्टनम की लड़ाई में हार गए थे। इस युद्ध में
ब्रिटिशर्स ने टीपू सुल्तान की हत्या कर दी थी। BBC
के मुताबिक, इसके बाद एक ब्रिटिश जनरल उनके
शव से सोने की अंगूठी और तलवारें चुराकर ले गया
था। इसके बाद अंग्रेजों की सेना ने उनके राज्य और
लाइब्रेरी में भी काफी लूटपाट मचाई थी।
टीपू सुल्तान की अंगूठी 41.2 ग्राम की थी। 2014 में वेब ई-
होम वीडियो सर्च
इस अंगूठी को करीब 1.50 करोड़ रुपए में नीलाम स्टोरीज पेप
कर दिया गया था। नीलामी करने वाली क्रिस्टी
वेबसाइट के मुताबिक इसे अनुमानित कीमत से 10
गुना ज्यादा कीमत पर बेचा गया था। हालांकि अंगूठी
किसने खरीदी इसकी जानकारी नहीं है। इस अंगूठी
की सबसे खास बात ये है कि एक मुस्लिम राजा के
पास होने के बावजूद इस पर राम लिखा हुआ था।

टीपू सुल्तान की तलवारें विक्टोरिया और एल्बर्ट


म्यूजियम में रखी हुई हैं। इस पर उनके राज्य का चिह्न
भी बना है। तलवारों के अलावा अंग्रेज एक टाइगर का
शो पीस भी चुराकर ले गए थे। इसे 2009 में करीब 4
करोड़ रुपए में नीलाम कर दिया गया था।

शाहजहां का वाइन कप

शाहजहां का वाइन कप कर्नल चार्ल्स सेटन गथरी ने चुराया था। फीडबैक दें

1657 में मुगल साम्राज्य के बादशाह शाहजहां के


लिए एक सफे द जेड वाइन कप बनाया गया था। इसे
19वीं सदी में कर्नल चार्ल्स सेटन गथरी ने चुरा लिया
था। इस कप के नीचे एक कमल बना हुआ है जो
एकें थस की पत्तियों के बीच में खिला नजर आ रहा है।
कप के हैंडल पर बकरी का मुंह है जिसमें सींग भी बने
हुए हैं। ये कप 1962 से लंदन के विक्टोरिया और
अल्बर्ट म्यूजियम में रखा हुआ है।
शाहजहां के इस कप को कु छ इस तरह से डिजाइन वेब ई-
होम वीडियो सर्च
किया गया था कि ये कई संस्कृ तियों को दर्शाता है। स्टोरीज पेप
इसका आकार चीन से प्रेरित है। वहीं इसका हैंडल
हिन्दू संस्कृ ति से लिया गया है। इसका बेस यूरोपीय
कल्चर से प्रेरित है और 17वीं शताब्दी के मुगल
साम्राज्य में इस तरह की कलाकारी देखी जाती थी।

महाराजा रणजीत सिंह का सिंहासन

फीडबैक दें
महाराजा रणजीत सिंह का सोने का सिंहासन 1849 में लाहौर से
चोरी हुआ था।

महाराजा रणजीत सिंह के साम्राज्य में कई कीमती


चीजें थीं। इनमें से एक था उनका सोने से बना
सिंहासन। ये राजगद्दी 2 कमल के फू लों के आकार में
बनाई गई थी। दरअसल, कमल का फू ल हिन्दू
संस्कृ ति में पवित्र माना जाता है। कई देवी-देवता भी
इसे अपने आसन के तौर पर इस्तेमाल करते थे।

हालांकि, विक्टोरिया और एल्बर्ट की वेबसाइट के


मुताबिक, रणजीत सिंह इस सिंहासन पर नहीं बैठते
थे। इसकी जगह वो किसी दूसरी कु र्सी या जमीन पर
बैठना पसंद करते थे। सिंहासन का इस्तेमाल
ज्यादातर शाही समारोह के दौरान ही किया जाता था।

1849 में लाहौर पर कब्जे के बाद दूसरी बेशकीमती


चीजों के साथ ही अंग्रेज इस सिंहासन को भी लंदन ले
गए थे। वहां 1851 की ग्रेट एग्जीबिशन में इसे शामिल वेब ई-
होम वीडियो सर्च
किया गया। इसके बाद ये राजगद्दी लंदन के इंडियन स्टोरीज पेप
म्यूजियम में पहुंची। वहां से बाकी भारतीय कलेक्शन
के साथ इसे विक्टोरिया और अल्बर्ट म्यूजियम में रख
दिया गया।

नसक हीरा और दिल्ली का पर्पल सैफायर

फीडबैक दें
नसक हीरे को द आई ऑफ द आईडल भी कहा जाता है।

कोहिनूर के अलावा नसक हीरा और दिल्ली पर्पल


सैफायर डायमंड भी उन हीरों में शामिल है, जिसे
अंग्रेज चुरा ले गए थे। नसक हीरे को द आई ऑफ द
आईडल भी कहा जाता है। ये हीरा नीले रंग का है
और इसे तेलंगाना के अमरगिरी खदान से निकाला
गया था।

दिल्ली का पर्पल सैफायर डायमंड लंदन के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम में


मौजूद है।
1507 से 1817 तक ये नासिक के त्रम्बके श्वर शिव वेब ई-
होम वीडियो सर्च
मंदिर में रहा। 1818 में एंग्लो- मराठन जंग के बाद स्टोरीज पेप
ईस्ट इंडिया कं पनी इसे चुराकर ले गई। बाद में उन्होंने
इस हीरे को एक ब्रिटिश ज्वेलर को बेच दिया।
फिलहाल ये हीरा लेबनान के एक प्राइवेट म्यूजियम में
रखा हुआ है। दिल्ली का पर्पल सैफायर डायमंड लंदन
के नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम में मौजूद है।

इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक, इसे 1857 की


क्रांति के वक्त कानपुर के इंद्र मंदिर से चुराया गया था।
बाद में इसे कर्नल फे रिस लंदन ले गए। 1890 में
लेखक एडवर्ड एलेन ने इसे खरीद लिया था।

अमरावती के मार्बल्स

फीडबैक दें
अमरावती मार्बल्स बुद्ध स्तूप के 120 टुकड़े और इन्सक्रिप्शन्स का
एक कलेक्शन है।

ब्रिटेन में अमरावती कलेक्शन को अमरावती मार्बल्स


भी कहा जाता है। ये अमरावती के बुद्ध स्तूप के 120
टुकड़े और इन्सक्रिप्शन्स का एक कलेक्शन है। स्तूप
के ये टुकड़े पलनाड संगमरमर से बने हैं। इन
स्कल्पचर्स में गौतम बुद्ध के जीवन और उनकी
विचारधाराओं को दर्शाया गया है। ब्रिटिश म्यूजियम में
मौजूद टुकड़े स्तूप के बाहरी हिस्से की सजावट में लगे
हुए थे। इन पर बौद्ध धर्म का प्रतीक बना हुआ है।
अमरावती मार्बल्स को सबसे पहले 1861 में वेब ई-
होम वीडियो सर्च
व्हाइटहॉल के फाइफ हाउस में रखा गया था। यहां से स्टोरीज पेप
इसे इंडियन म्यूजियम में शिफ्ट किया गया। इस दौरान
ब्रिटेन के हाउस ऑफ कॉमन्स में इसे बंद करने की
मांग उठने लगी। दरअसल, इंडियन म्यूजियम को
1801 में इतिहास से जुड़े सैंपल्स, किताबें,
मैन्युस्क्रिप्ट्स और भारत में ईस्ट इंडिया कं पनी और
उसके अधिकारियों द्वारा इकट्ठा की गई दूसरी कीमती
चीजों को रखने के लिए बनाया गया था। इसे बाद में
कं पनी के गलत कामों के सिम्बल के तौर पर देखा
जाने लगा।

1880 में इंडियन म्यूजियम के सामान को ब्रिटिश


म्यूजियम सहित दूसरे संग्रहालयों में शिफ्ट कर दिया
गया। इसमें अमरावती के बुद्ध स्तूप के टुकड़े और

फीडबैक दें
इन्सक्रिप्शन्स भी शामिल थे।

सुल्तानगंज बुद्ध की मूर्ति

इस मूर्ति को पूरी तरह भारतीय धातु से बनी सबसे बड़ी मूर्ति कहा
जाता था।

BBC के मुताबिक बुद्ध की इस मूर्ति को पूरी तरह


भारतीय धातु से बनी सबसे बड़ी मूर्ति कहा जाता था।
इसे ताम्बे से बनाया गया है। साल 1162 में जब ये
पूरी तरह से बनकर तैयार हो गया था तो इसकी
सलामती के लिए इसे जमीन में गाड़ दिया गया था।
700 साल बाद 1862 में रेलवे कं स्ट्रक्शन के दौरान वेब ई-
होम वीडियो सर्च
ईबी हैरिस ने इसे बाहर निकाला। पहले हफ्ते में मूर्ति स्टोरीज पेप
को देखने के लिए करीब 30 हजार लोग आए थे।

जमीन से बाहर निकाले जाने के बाद पूरी दुनिया में


मूर्ति की चर्चा होने लगी। इसके बाद बर्मिंघम के
सांसद सैम्यूल थॉर्नटन ने इसे ब्रिटेन लाने की पैरवी
की। इसकी शिफ्टिंग का पूरा खर्चा भी उन्होंने ही
उठाया था। ये बर्मिंघम के कलेक्शन में शामिल होने
वाली पहली विदेशी वस्तु थी। फिलहाल, ये बर्मिंघम
म्यूजियम और आर्ट गैलरी में मौजूद है।

फीडबैक दें
होम वीडियो सर्च वेब ई-
स्टोरीज पेप

फीडबैक दें
होम वीडियो सर्च वेब ई-
स्टोरीज पेप

फीडबैक दें
होम
खबर पढ़ने वीडियो
के बाद आप इस पोल में हिस्सा लेकरसर्च वेब ई-
स्टोरीज पेप
अपनी राय दे सकते हैं...

पोल

ब्रिटेन कोहिनूर समेत भारत से कई


बेशकीमती हीरे-जवाहरात ले गया
था। आप इस पर क्या कहेंगे?
ब्रिटेन को कीमती चीजें वापस
40%
लौटानी चाहिए

भारत सरकार धरोहर वापसी के


51%
लिए कोशिश करे

ये पुरानी बात है, अब इससे फर्क


9%

फीडबैक दें
नहीं पड़ता

पोल समाप्त हो गया है

खबरें और भी हैं...

मेंटल हेल्थ के लिए फायदेमंद


हो सकते हैं निगेटिव इमोशन:
इसे टालने की बजाए चैलेंज के
रूप में स्वीकार करें, इससे मन
प्रसन्न रहता है

विदेश शेयर

लंदन में भारतीय-उच्चायोग पर


खालिस्तानी हमला साजिश
थी: रिटायर्ड अफसर ने कहा-
हमलावर हथियारों से लैस थे,
पुलिस की कार्रवाई लचर रही
विदेश शेयर
होम वीडियो सर्च वेब ई-
स्टोरीज पेप
भास्कर अपडेट्स: जम्मू-
कश्मीर के पूर्व राज्यपाल
सत्यपाल मलिक को CBI का
नोटिस, इंश्योरेंस स्कै म से जुड़े
मामले में पूछताछ के लिए
कहा

विदेश शेयर

2024 का राष्ट्रपति चुनाव


लड़ेंगे बाइडेन: 25 अप्रैल को
1:02
ऑफिशियल अनाउंसमेंट कर
सकते हैं, इसी दिन 2020 का

फीडबैक दें
इलेक्शन लड़ने की घोषणा की
थी

विदेश शेयर

रिटायरमेंट की तैयारी कर रहे


बर्नार्ड अरनॉल्ट: बिजनेस
संभालने के लिए बच्चों को
तैयार कर रहे

विदेश शेयर
होम वीडियो सर्च वेब ई-
सबसे ताकतवर रॉके ट में स्टोरीज पेप
लॉन्चिंग के 4 मिनट बाद
1:13
विस्फोट: 30 किमी. ऊपर
स्टारशिप टुकड़ों में बंटा,
लेकिन इसका उड़ान भरना ही
बड़ी कामयाबी

विदेश शेयर

नई पहचान के लिए हमशक्ल


के कत्ल की साजिश रची: के क
में जहर मिला दिया; अमेरिका
में रूसी महिला को 21 साल
की सजा दी गई

फीडबैक दें
विदेश शेयर

यमन में चैरिटी इवेंट में भगदड़,


85 की मौत: हूती सेना ने भीड़
1:00
काबू करने के लिए फायरिंग
की, घबराए लोगों ने एक-दूसरे
को कु चल दिया

विदेश शेयर

सूर्य ग्रहण से ऑस्ट्रेलिया में


छाया अंधेरा: इंडोनेशिया में भी
1:03
दिखा साल के पहले सूर्य ग्रहण
का असर, अगली बार 2031
में दिखेगा

विदेश शेयर
होम वीडियो सर्च वेब ई-
यूक्रे न को समय पर हथियार स्टोरीज पेप
नहीं दे पा रहा अमेरिका: US
की कं पनियों को रॉके ट मोटर
बनाने में परेशानी, 17 हजार
करोड़ का है कॉन्ट्रैक्ट

विदेश शेयर

भारत की आबादी पर चीन


बोला- संख्या नहीं, क्वालिटी
जरूरी: चीनी विदेश मंत्रालय ने
कहा- हमारे 90 करोड़ लोग
कामकाजी, इनमें टैलेंट भी है

फीडबैक दें
विदेश शेयर

PAK विदेश मंत्री बिलावल


भुट्टो 4 मई को भारत आएंगे:
1:14
SCO मीटिंग में शामिल होंगे,
पिछले साल ताशकं द में
जयशंकर ने नहीं की थी बात

विदेश शेयर

भास्कर अपडेट्स: गुजरात के


अरावली में पटाखा कं पनी में
आग लगी, चार मजदूरों की
जिंदा जलने से मौत

विदेश शेयर
US में बर्थडे पार्टी में फायरिंग, वेब ई-
होम वीडियो सर्च
6 टीनएजर्स की मौत: शूटर भी स्टोरीज पेप
1:04
नाबालिग था, अमेरिका में इस
साल मास शूटिंग की 139
घटनाएं

विदेश शेयर

कम बच्चे पैदा हुए फिर कै से


बढ़ी भारत की आबादी:
3:03
आबादी बढ़ने से गरीब नहीं हो
जाते देश, पॉपुलेशन से जुड़ी 5
मान्यताओं की हकीकत

विदेश शेयर

फीडबैक दें
ब्रिटेन में भारतीय छात्रों-स्किल्ड
वर्क र्स की मांग: सरकार ने
2022 में 28.36 लाख वीसा
जारी किए, इनमें से 7.9 लाख
भारतीयों के लिए थे

विदेश शेयर

भारत दुनिया में सबसे ज्यादा


आबादी वाला देश बना:
1:08
जनसंख्या 142 करोड़ के पार;
चीन के मुकाबले हमारी
पॉपुलेशन 30 लाख ज्यादा

विदेश शेयर
जर्मनी ने यूक्रे न को दिया वेब ई-
होम वीडियो सर्च
पैट्रियट एयर डिफें स सिस्टम: स्टोरीज पेप
1:00
जेलेंस्की के डिफें स मिनिस्टर
बोले- यह बहुत अच्छी खबर,
अमेरिका ने वादा निभाया

विदेश शेयर

थाईलैंड में 21 साल के पांडा


की मौत: चीन से लोन पर
1:19
लिया था; आखिर क्या है ड्रैगन
की क्यूट पांडा डिप्लोमेसी

विदेश शेयर

फीडबैक दें
सुनक की पत्नी को ₹500
करोड़ का नुकसान: इन्फोसिस
1:14
के शेयर गिरने से 24 घंटे में
गंवाई रकम; कं पनी पर संसद
में उठे थे सवाल

विदेश शेयर

You might also like