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Ausubel's Theory of Learning :-

David Paul Ausubel


Born on 25 oct, 1918.
Bachelor degree in psychology at University of Pennsylvania in 1939.
Graduate from medical School at Middlesex university in 1949.
Ph.D degree in development psychology at Columbia University in 1950
Received the Thorndike Award from America.
Died on 9 July, 2008.

Explanation:- David Ausubel ने सीखने के ससद्धांत कध प्रततपधदन ककयध। उसे


आधनु िक संज्ञािात्मक ससदधांत (Modern Cognitive Theory) के श्रेणी में रखध गयध है ।
Ausubel के ससद्धांत को Cognitive theory इससिए कहध जधतध है क्योंकक इस ससद्धांत
कध मुख्य उददे श्य सीखते समय व्यक्क्त में क्यध होतध है इसकध वणणन करनध होतध है ।
इस ससद्धांत में इस बधत कध भी वणणन ककयध जधतध है कक सीखने के क्रम में छधत्र जब नए
पधठ यध अध्यधय को अपने गत ज्ञाि (past knowledge) के सधथ जोड़तध है तो उस नए
पधठ यध अध्यधय कध क्यध होतध है ।

Cognitive Structure:- बच्चों के गत ज्ञधन (past knowledge) के भांडधर को


Cognitive knowledge) कहते हैं।

Assimilation:- जब बच्चे cognitive structure में एक पधठ यध अध्यधय से सीखे गए


अनभ
ु तू तयों को सधथणक ढां ग से सांबां् स्थधपपत करतध है तो उसे assimilation कहते हैं।

Ausubel ने अपने सीखने के ससद्धांत को चधर भधगों में बधांटध है , जो इस प्रकधर है ।

1. Rote Learning - रटकर सीखनध वैसे सीखनध को कहते हैं, क्जसमें छधत्र ददए गए पवषय
यध पधठ के अथण को बबनध सोचे - समझे हू - ब - हू यधद कर िेते हैं। इसकध प्रयोग छोटी
कक्षधओां ( Nursery, Lkg, UKG) में अत्यध्क ककयध जधतध है । जैसे:- Letter - Numbers
pairs, poem, nonsense syllables इत्यधदद को बबनध सोचे समझे यधद ककयध जधतध है ।
Meaningful Learning - Ausubel ने इसे आत्मसधत (assimilation) भी कहध
है । इस प्रकक्रयध के अांतगणत यदद कोई छधत्र ककसी पवषय यध प्रकरण यध पधठ को समझने के
सिए गत ज्ञधन (Past Knowledge) से सांबांध्त कर आत्मसधत करते हैं , तो उसे अथणपूणण
सीखनध कहते हैं। Ausubel के अनुसधर सिक्षक को कक्षध में पढधते समय अथणपूणण सीखने पर
पविेष ध्यधन दे नध चधदहए। इसके अनुसधर अथणपूणण सीखने के सिए दो चीजों कध होनध
आवश्यक है ।

i) Meaningful Material (अर्थपर्


ू थ सामग्री) :- इसकध सांबां् पवषय के चयन,
सांगठन एवां उसके प्रस्तत
ु ीकरण से होतध है । अतः सिक्षक को चधदहए कक वे बच्चों के समक्ष
इस प्रकधर सधमग्री प्रस्तुत करें कक अध्क से अध्क अथणपूणण (meaningful) हो सके।

ii) Meaningful Learning Set :- इसकध सांबां् बच्चों के मधनससक तत्परतध से होतध है ।
क्जसे सिक्षक अपने प्रयधस एवां िगन से छधत्रों में ऐसी मधनससक तत्परतध उत्पन्न कर सके,
क्जससे वह अथणपूणण ढां ग से सीखने के सिए अध्क से अध्क प्रेररत हो सके।

Note :- अर्थपूर्थ सीखिे की उपरोक्त दोिों तरह की अनिवार्थता िह ं होिे से छात्र अक्सर
ककसी पाठ र्ा ववषर् को रटकर सीखते हैं।

iii) Reception Learning - इसके अांतगणत छधत्रों को सीखने के सिए सधमग्री बोिकर यध
सिखकर दी जधती है और छधत्र उन सधमधग्रयों को आत्मसधत (Internalize) कर िेते हैं।
अध्कतर सिक्षक यही समझते हैं कक इस प्रकधर कध सीखनध केवि रटकर ही ककयध जध
सकतध है । Ausubel ने कहध है कक यह रटकर भी हो सकतध है तथध समझकर भी हो सकतध
है ।
दस
ू रे िब्दों में हम कह सकते हैं कक असिग्रहर् सीखिा (Reception learning) भी दो
प्रकधर के होते हैं।
i) रटकर अधधग्रहर् सीखिा (Rote Reception Learning)
ii) अर्थपूर्थ अधधग्रहर् सीखिा (Meaningful Reception Learning)

iv) Discovery Learning :- इस प्रकधर से सीखने के सिए छधत्रों को दी गई सधमग्री में से


नयध सांप्रत्यय (new concept) यध नए तनयम यध नए पवचधर खोजकर सीखनध ही अन्वेषण
सीखनध कहिधतध है ।
ज्यधदधतर सिक्षक भी यही समझते हैं कक अन्वेषण सीखनध (Discovery learning) हमेिध
अथणपूणण (Meaningful) ही होतध है । परां तु Ausubel ने स्पष्ट करते हुए सिखध है कक
Reception Learning की तरह यह भी दो प्रकधर के होते हैं।
i) Rote Discovery Learning :-कोई छधत्र ददए गए उत्तर से खोज कर ककसी वधक्य को
पूरध करतध है तो इस वधक्य को पूरध करनध एक प्रकधर कध Rote Discovery Learning कध
उदधहरण है ।
जैसे :- खूि का रं ग ------- प्रकार के होते हैं।

ii) Meaningful Discovery Learning:- यदद कोई छधत्र ज्ञधत तथ्यों के आ्धर पर नए
तनयम की खोज करतध है , तो इस प्रकधर कध सीखनध meaningful discovery learning
कहध जधएगध। क्योंकक इस प्रकधर कध सीखनध अथणपण
ू ण प्रकक्रयध दवधरध सांपन्न हुआ है ।

Ausubel ने अपने ससद्धांत को स्पष्ट करते हुए सिखध है कक सीखने की प्रकक्रयध में
आत्मसधतकरण (assimilation) कध होनध आवश्यक है और उनकध मधननध है कक यह एक
ऐसी प्रकक्रयध है , क्जसके दवधरध छधत्र समझ बूझ कर नए सीखे गए पधठ को अपनी
सांज्ञधनधत्मक सांरचनध (Cognitive Structure) में आत्मसधत कर िेते है ।

Ausubel ने assimilation के चधर प्रकधर बतधए है ;-

i) Combinational Learning :- सधमधन्य समरूपतध (General congruence) के आ्धर


पर छधत्र पहिे सीखेंगे पवचधर के सांयोग को सधथणक ढां ग से सांज्ञधनधत्मक सांरचनध (cognitive
structure) के महत्वपूणण तथ्यों के सधथ सांबां् स्थधपपत करनध ही combinational
learning कहते हैं।

ii) Subordinate Learning:- इस तरह के सीखने में छधत्र ककसी सधमधन्य तनयम यध पवचधर
के तहत एक नई चीज (new concept) को सीखतध है ।

iii) Correlative Learning:- इसके अांतगणत छधत्र नए ज्ञधन को इस प्रकधर सीखतध है , जो


पहिे से सीखे हुए ज्ञधन कध एक तरफ से modification करतध है यध होतध है । यदद कोई
छधत्र दे िप्रेम क्यध होतध है , इस बधत को समझतध है तो वह इस बधत की भी समझ रखतध
होगध कक इसके सिए हमें ककस प्रकधर कध व्यवहधर करनध चधदहए। जैसे :- रधष्रीय ध्वज कध
आदर करनध, रधष्रीय पवण में खि
ु कर भधग िेनध इत्यधदद के बधरे में जधनतध है । इस प्रकधर के
ज्ञधन के आ्धर पर वह दे ि के पवसभन्न रधष्रीय सांपपत्त को अपनी सांपपत्त के सधमधन रखरखधव
करनध यदद िरू
ु कर दे तध है । तो यह एक प्रकधर कध सह - संबंधिात्मक (Correlative
Learning) सीखनध कहिधतध है ।
iv) Superordinate Learning :- इसके अांतगणत छधत्र ऐसे concepts के बधरे में सीखते है ,
क्जसे पहिे से कई पवचधर स्पष्ट रूप से पतध होतध है । दस
ू रे िब्दों में , जब छधत्र कई
concepts एक सधथ करके नए तनयम यध ससद्धांत सीख िेतध है , तो उसे Superordinate
learning कहध जधतध है ।
जैसे कोई छधत्र 'बधघ', 'ससयधर', 'कुत्तध' तथध िेर िब्दों के आ्धर पर इस बधत को समझनध
कक ये सभी मधांसधहधरी पिु होते हैं, इस तरह के new concepts कध समझनध एक प्रकधर कध
subordinate learning कहिधतध है ।

Limitations
िैक्षक्षक उपयोधगतध होने के बधवजूद भी कुछ मनोवैज्ञधतनकों कध ऐसध मधननध है कक इस
ससद्धांत में कुछ खधसमयधां हैं। इस ससद्धांत की सबसे प्रमुख खधसमयधां यह है कक इन इसके
दवधरध सीखने के कई प्रकधर बतधए गए हैं। जो आपस में overlapping करतध है । क्जससे
छधत्रों में confusion की क्स्थतत बनी रहती है और सिक्षक भी इस ससद्धांत कध उपयोग सही
तरीके से नहीां कर पधते है।
इसके अततररक्त कुछ अन्य मनोवैज्ञधतनकों कध यह मधननध है कक छधत्र नए पधठ को कई
तरीके से assimilation कर सकतध है , परां तु उन्होंने केवि 4 तरह की प्रपवध्यों को ही कध
आ्धर क्यों मधनध है । यह कहीां भी स्पष्ट नहीां है यध इसकध कोइ आ्धर नही है ।

27.10.2022

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