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Chapter 24
Chapter 24
ह द
िं ी के विविध प्रयुक्ति-क्षेत्र
1. प्रयोजनमूलक भाषा और प्रयुक्ति
ह द
िं ी भाषा के प्रयोजनमूलक स्िरूप को समझने से प ले, में इसका मुख्य उद्दे श्य और उपयोग जानना आिश्यक
ै। ‘प्रयोजनमल
ू क भाषा’ अिंग्रेजी में ‘Functional Language’ के समकक्ष ै, क्जसका अर्थ ोिा ै कक इसे ककसी
विशेष कायथ को पूर ा करने के ललए उपयोग में लाया जािा ै। य भाषा विलभन्न क्षेत्रों जैसे प्रशासन, विधध, बैंककिं ग,
पत्रकाररिा और व्यापार में प्रयुति ोिी ै। इसे व्यक्तिगि, भौतिक, और सािंतिक प्रयोगों के ललए विकलसि ककया
जािा ै, जो उपयोगकिाथओिं को उनकी कायथसिंबिंधी जरूरिों को समझने में मदद करिा ै।
23.2 प्रयुक्ति की संकल्पना और स्वरूप
प्रयक्ु ति शब्द भाषा-विज्ञान में भाषा के उपयोग की विशेषिाओिं को समझने के ललए म त्िपर्
ू थ ै। य शब्दािली और
भाषागि सिंरचना के माध्यम से भाषा के तनयमों और विलशष्टिाओिं का अध्ययन करिा ै। प्रयुक्ति का उपयोग
सामाक्जक, सािंस्कृतिक और व्यािसातयक पररक्स्र्तियों में भाषा के उपयोग के अनुसार विश्लेषर् करिा ै। इससे म
भाषा के उपयोग की विलभन्निाओिं को समझ सकिे ैं और उसके प्रयोतिाओिं के व्यि ार को ग राई से समझ सकिे
ैं। इसे अिंग्रेजी में ‘Register’ के समकक्ष माना जािा ै, जो भाषा के उपयोग के सामाक्जक पररिेश से सिंबिंधधि ोिा
ै।
सामाक्जक जीिन व्यि ार में र क्षेत्र की भाषा की विशेषिाओिं को दे खिे ुए ी भाषाविदों ने प्रयुक्ति की सिंकल्पना
तनधाथररि की ै। आइए प्रयुक्ति के सिंबिंध दी गई कुछ पररभाषाओिं को पढ़िे ैं।
1. रीड के अनुसार “जब कोई व्यक्ति भाषा िैज्ञातनक दृक्ष्ट से एक जैसी क्स्र्तियों में एक जैसा व्यि ार न ीिं
करिा। विलभन्न सामाक्जक क्स्र्ति में उसका व्यि ार (भावषक) बदलिा जािा ै। िास्िि में ि विलभन्न
भाषा प्रयक्ु तियों का प्रयोग करिा ै।
2. डॉ. भोलानार् तििारी के अनुसार “जब ककसी भाषा का प्रयोग विलभन्न विषयों में ोिा ै िो उसके िर -
िर के रूप विकलसि ो जािे ैं, क्जन् ें ‘प्रयुक्ति’ क िे ।ैं “
3. डॉ. रिीन्रनार् श्रीिास्िि के अनुसार “ककसी तनक्श्चि पररक्स्र्ति में सामाक्जक दातयत्ि के तनिाथ के तनलमत्त
ितिा द्िारा प्रयोग में लाई गई भाषा शैली ी ‘प्रयुक्ति’ ै ।“
आइए उदा रर् के रूप में विज्ञान की भाषा को दे खिे ैं कक िैज्ञातनक, उस क्षेत्र के िकनीकी स ायक, अध्यापक,
विद्यार्ी और लेखक इत्याहद विलभन्न स्िरों के व्यक्ति उस क्षेत्र की भाषा से पररधचि ोंगे।
िो आइए प्रयुक्ति की सिंकल्पना से पररधचि ोने के बाद अब म प्रयुक्ति के स्िरूप पर विचार करें ।
भाषा प्रयोग के क्षेत्रों अर्िा सिंदभों में विविधिा के आधार पर ी प्रयुक्तियों के स्िरूप में िैविध्य पैदा ोिा ै। इस
प्रकार क ा जा सकिा ै कक प्रयुक्तियों में भेद विषयगि और प्रयोगगि ोिा ै। व्यापार की भाषा िस्िुिः विज्ञान
की भाषा से लभन्न ोिी ै ककिं िु अर्थ शास्त्र विषय से सिंबिंधधि प्रयक्ु ति अधधक व्यापक ोगी क्जसमें व्यापार के क्षेत्र में
प्रयोग ोने िाली शब्दािली और अलभव्यक्तियााँ सक्ममललि ैं। प्रयोग के स्िर पर भी प्रयुक्ति के दो स्िरूप ोिे ैं-
भाषा प्रयुक्ति शैली और भाषा प्रयुक्ति। प्रयुक्ति के अिंिगथि शैलीगि भेद भी म त्िपूर्थ ोिा ै इसके ि ि लभन्न-
लभन्न स्र्ानों और प्रसिंगों में एक ी शब्द के अनेक प्रचललि पयाथयों में से उपयुति शब्द का चुनाि करना पड़िा ै
आइए, उदा रर् के रूप में, अिंग्रेजी के शब्द Director पर विचार करिे ैं। Director शब्द के ह द
िं ी में दो अर्थ ैं- 1.
तनदे शक 2. तनदे शक। दोनों का प्रयोग क्षेत्र तनधाथररि ै। तनदे शक शब्द का इस्िेमाल प्रायः प्रशासतनक क्षेत्र में ोिा ै
कामकाज के स्िर पर भाषा का व्याि ाररक रूप (व्याकरर्, शब्दािली एििं अलभव्यक्तियााँ) अलग-अलग ोिी ैं। जैसे,
Director, School of Humanities के ललए ‘तनदे शक, मानविकी विद्यापीठ’ ललखा जाएगा,
Police के ललए ‘पुललस म ातनदे शक’ पद का व्यि ार ककया जाएगा। जबकक ‘तनदे शक’ शब्द किल्म या नाटक के क्षेत्र
में प्रयुति ोिा ै जैसे, Film Director के ललए ‘किल्म तनदे शक’ ललखा जािा ै। इस उदा रर् के अतिररति भी कई
अन्य उदा रर् ैं क्जनसे आप प्रयुक्ति के स्िरूप को आसानी से समझ सकिे ैं।
23.3 प्रयुक्ति का आधार
23.3.1 शब्दावली
आपके मन में य प्रश्न उठ सकिा ै कक तया एक प्रयुक्ति दस
ू री प्रयुक्ति से सिथर्ा लभन्न ोिी ै और इन प्रयुक्तियों
का तनधाथरर् ककस आधार पर ोिा ै? इन प्रश्नों के उत्तर में य ी क ा जा सकिा ै कक प्रयुक्ति िास्िि में भाषा के
भीिर एक भाषा का विलशष्ट रूप ललए ोिा ै क्जससे उस भाषा की व्यापक विशेषिाएाँ उसमें स्ििः ी आ जािी ैं।
क ने का मिलब य कक विलभन्न प्रयुक्तियों की शब्दािली लमलकर जब एक भाषा क्षेत्र की शब्दािली बनिी ै िो
उस भाषा की सिंरचना और उसके सामान्य मु ािरे उन प्रयक्ु तियों में भी आ जािे ैं। इसीललए एक प्रयक्ु ति का दस
ू री
प्रयुक्ति में अिंिः प्रिेश बराबर ोिा र िा ै
ऐसे आलेखों में प्रायः विज्ञान, राजनीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र, खेलकूद आहद विषयों से सिंबिंधधि शब्दािली का प्रयोग हदखाई
दे िा ै। इसी प्रकार साह क्त्यक लेखों में भी विज्ञान, दशथन आहद की शब्दािली का समािेश आमिौर पर दे खने को
लमलिा ै। इसके बािजूद शब्दािली प्रयुक्ति का म त्त्िपूर्थ आधार ोिी ै। शब्दािली प्रयुक्ति के तनधाथरर् में अ म
भलू मका तनभािी ै। आइए जानें कक इसका तनिथ न ककन रूपों में ोिा ै।
1. क्षेत्र विशेष की विलशष्ट शब्दािली के रूप में। जैसे अर्ु, परमार्,ु नाइट्रोजन, ऑतसीजन इत्याहद विज्ञान
विषय में प्रयुति ोने िाले शब्द ैं।
2. विलभन्न क्षेत्रों में एक ी शब्द के अर्थ लभन्न-लभन्न ो सकिे ैं क्जसका एक उदा रर् म प ले दे ख चुके
ैं य ााँ म एक और उदा रर् दे र े ैं- ‘पद’ शब्द का प्रयोग कवििा के अिंिगथि ‘छिं द’ विशेष के ललए ोिा
ै। आम बोलचाल में ‘पद’ शब्द का अर्थ ‘पैर’ ै और प्रशासतनक क्षेत्र में ‘पद’ का अर्थ ‘ओ दा’ ै
23.3.2 भाषा प्रयोग का ववषय-क्षेत्र
भाषा का प्रयोग क्जस विषय क्षेत्र के ललए ककया जािा ै उस क्षेत्र विशेष की शब्दािली और िातय सिंरचना उस सिंदभथ
के अनुकूल ोिी ै और उस विषय क्षेत्र में कािी सार्थक और तनक्श्चि ोिी ै।
उदा रर्
विधध (कानन
ू ) के क्षेत्र में एक तनक्श्चि पररपाटी पर िातयों का प्रयोग ककया जािा ै क्जससे एक औपचाररक ककस्म
की भाषा का सज
ृ न ोिा ै और क्जसके अर्थ में एक तनक्श्चििा ोिी ै। न्यायालय के भीिर यहद दो व्यक्तियों के
नाम के बीच ‘बनाम’ शब्द का प्रयोग ककया जाए िो इसका एक तनक्श्चि अर्थ य तनकलेगा कक उन दोनों व्यक्तियों
के बीच न्यायालय में कोई मुकदमा चल र ा ै। न्यायालय के भीिर ‘बनाम’ शब्द दो व्यक्तियों के बीच के वििाद के
मामले की ी सूचना दे िा ै। अन्य क्षेत्रों में ‘बनाम’ शब्द के सार्-सार् उसके अन्य अर्ों का भी इस्िेमाल ककया जा
सकिा ै ककन्िु न्यायालय में न ीिं।
23.3.3 भाषा संप्रेषण का िरीका
भाषा सिंप्रेवषि करने का ढिं ग प्रयुक्ति का स्िरूप तनधाथररि करने का अ म ह स्सा ै। ललखखि और मौखखक सिंप्रेषर् के
अनुसार मारी शब्दािली, िातय विन्यास और ल जा आहद में बड़ा पररििथन आिा ै। मौखखक सिंप्रेषर् की अपेक्षा
ललखखि सिंप्रेषर् में औपचाररकिा और सिकथिा दोनों ी अधधक ोिी ै।
23.3.4 वतिा अथवा लेखक या श्रोिा अथवा पाठक की क्स्थति
ललखखि और मौखखक दोनों िर के समप्रेषर् में इस बाि का ब ु ि असर ोिा ै कक कौन, ककससे और कब बाि कर
र ा ै। जैसे एक िकील जब अपने अन्य स योगी िकीलों से राय-मशविरा कर र ा ो िब और कोटथ रूम में ककसी
मुकदमे पर ब स कर र ा ो िब उसकी भाषा के िातय-विन्यास, ल जे आहद में पयाथप्ि अिंिर ोिा ै। ि ी िकील
जब िर पर बाि करिा ै िो एक खास िर का अिंिर हदखाई दे िा ै।
23.3.5 औपचाररक और अनौपचाररक भाषा प्रयोग की क्स्थति
ऊपर आपने क्जस िकील का उदा रर् दे खा, ि जब िर में बाि कर र ा ो िब उसका भाषा व्यि ार कोटथरूम के
भाषा व्यि ार से लभन्न ोगा। क ने का मिलब य ै कक िर में ि बबल्कुल अनौपचाररक भाषा का इस्िेमाल करे गा
जबकक कोटथ में मुकदमे पर ब स करिे समय ि पूरी िर औपचाररक और सचेि ोगा। दस
ू री क्स्र्ति में उसकी
भाषा विधध की प्रयुक्ति के भीिर आएगी, जबकक प ली क्स्र्ति में ऐसा ोना जरूरी न ीिं ै।
23.4 ह द
ं ी के ववववध प्रयक्ु ति-क्षेत्र
आप ह द
िं ी की ििथमान प्रमुख प्रयुक्तियों का तनधाथरर् इस प्रकार कर सकिे ैं:
1.सामान्य व्यि ार या बोलचाल की ह द
िं ी। 2. साह क्त्यक ह द
िं ी
3.कायाथलयी ह द
िं ी या प्रशासतनक ह द
िं ी। 4.िाखर्ज्य, व्यापार और बैंककग के क्षेत्र में प्रयुति 5.ह द
िं ी िैज्ञातनक
और िकनीक क्षेत्र में ह द
िं ी। 6. विधध के क्षेत्र में ह द
िं ी
7.सिंचार माध्यमों में ह द
िं ी। 8. विज्ञापन के क्षेत्र में ह द
िं ी
Chapter 25