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आध्यात्ममक त्िश्वत्िद्यालय

28 मई, 2023 रत्ििार संगठन क्लास

VCD– 286 [लातुर]

मुरली परीक्षा पत्र - 49


QA. त्नम्नत्लत्खत प्रश्नों के उत्तर शब्दों में बताएँ।
1. बच्चे कौनसे मागग में जाने पर दुखी हो जाते हैं? िाम मागग में।
2. जप-तप आदद करके , शास्त्र पढ़ने से, पुनजगन्म लेत-े 2 क्या पररणाम हुआ? नीचे उतरते आए।
3. सबसे जास्ती मजा दकनको आता है? जो डायरे क्ट बाप से राज-भाग लेते हैं।
4. सबसे जास्ती खराब खान-पान दकस देश का होता है? चीन
5. कीड़े-मकोड़ों की सफ़ाई के त्लए जगदम्बा कौनसा रूप धारण करती है? महाकाली
6. ब्राह्मणों की दुत्नयाँ में कीड़े-मकोड़े दकन्हें कहा है? दुखदाई ब्राह्मणों को।
7. ब्राह्मणों की दुत्नयाँ की सफाई पहले कहाँ से शुरू होगी? अन्दर से ।

QB. त्नम्नत्लत्खत प्रश्नों के उत्तर दो-तीन िाक्यों में बताएँ।


1. अपने हाथों से बना भोजन क्यों खाना चात्हए?
उत्तर- आममा को सबसे जास्ती प्यार दकससे होता है? खुद से होता है, उसके बाद बाप अथिा पत्त से प्यार
होता है। तो अपने हाथ का बना हुआ भोजन तो सबसे श्रेष्ठ है।
2. भगिान ने हहसक युद्ध नहीं कराया, इसका प्रूफ क्या है?
उत्तर- भगिान तो हहसा करना नहीं त्सखाएगा ना! आज की दुत्नया के भी जो साधु, संत, महाममाएँ होते हैं,
प्रिचन देते हैं; तो क्या िो अपने प्रिचन में यह त्सखाते हैं दक हहसा करो? कत्लयुग के महाममाएँ भी नहीं
त्सखाते तो भगिान इतना ऊँच-ते-ऊँच िो कै से आ करके त्सखाएगा दक हहसा करो।
3. बेहद में रक्षा बंधन का अथग क्या है?
उत्तर- पहले-2 भगिान बाप खुद बच्चों को रक्षा के सूऺत्र में बांधते हैं । क्या? पाँच त्िकारों से रक्षा के सूत्र में
बच्चों को बांधते हैं। दकसके द्वारा बांधते हैं? कोई ब्राह्मण बच्चा होता है, त्जस मुकरग र रथ में भगिान बाप
प्रिेश करके यह त्िकारों से रक्षा करने की प्रत्तज्ञा कराते हैं।
4. ‘आममा रूपी दीपक’ कै से जागृत होंगे?
उत्तर- अपन को भी आममा समझना है और देह, देह के जो भी सम्बंधी हैं उनको आत्ममक रूप में देखना है।
यह प्रैत्क्टस जब पक्की पड़ जािेगी, तो प्रैत्क्टस करते-2 तुम दूसरों को भी भृकुरट के मध्य में चमकता हुआ
दीपक के रूप में देखोगे, त्सतारे के रूप में देखोगे और अपने को भी देखोगे। तो यह सब आममा रूपी दीपक
जगते हैं।
5. धमगराज नाम दकसको ददया जाता है?
उत्तर- भगिान ने आ करके जो ज्ञान की धारणाएँ त्सखाई, उन ज्ञान की धारणाओं को त्सखने में जो सबसे
पहले आगे जाता है उसका नाम पड़ा धमगराज।
6. पुरुषाथग की दकस कमी के कारण रूद्रमाला को लक्ष्मी का आिाहन करना पड़ता है?
उत्तर- रूद्रमाला के मणके ज्ञान तो बहुत लेते हैं, ज्ञान का मनन-हचतन-मंथन तो बहुत करते हैं; लेदकन
अन्दरूनी धारणा उतनी नहीं कर पाते हैं त्जतनी त्िजयमाला के मणके करते हैं, इसत्लए लक्ष्मी का दफर
आिाहन करना पड़ता है। रूद्रमाला के मणकों को लक्ष्मी का आिाहन करना पड़ता है दक आओ और आ
करके हमारे पररिार को ज्ञान-धन बाँट दो।
7. ‘अमृतिेले’ का महमि बताएँ।
उत्तर- त्जसका अमृतिेला बदढ़या होगा, फाउण्डेशन िेला बदढ़या होगा तो सारा ददन भी खुशी बहुत चढ़ी
रहेगी। अमृतिेला सुधरा तो सब सुधर जािेगा।
8. काम त्चता क्यों कहा है और उसे कण्रोल में रखने के त्लए क्यों बोला है?
उत्तर- काम की आग जैसे-2 बढ़ती जाती है, आदमी के अंदर की जलन बढ़ती चली जाती है। यह काम और
क्रोध ऐसी चीज़ हैं, यह त्जतना ज्यादा बढ़ाओ उतना ज्यादा बढ़ती चली जाती हैं। इसत्लए इनको कण्रोल
में रखना है।
QC. त्नम्नत्लत्खत िाक्यों में सही () या गलत () बताएँ।
1. एक का संग भी लेना चात्हए और अनेकों से भी संग जोड़ना चात्हए। 
सही िाक्य- एक का ही संग लेना चात्हए और अनेकों का संग तोड़ना चात्हए।
2. काम की िासना जब पूरी नहीं होती है तो क्रोध आता है। 
3. माया के पॉम्प के संगदोष में आकर कहीं मर नहीं जाना। 
4. जो भी कम कलाओं िाली आममाएँ आती हैं िो संग के रं ग से हमको ऊँचा उठाती हैं। 
सही िाक्य- जो भी कम कलाओं िाली आममाएँ आती हैं िो संग के रं ग से हमको नीचे उतारती रहती
हैं।
5. भगिान बाप को तो आना ही होता है तब जब यह दुत्नया थोड़ी नीचे त्गर जाती है, थोड़ी पत्तत बन
जाती है। 
सही िाक्य- भगिान बाप को तो आना ही होता है तब जब यह दुत्नया पूरी नीचे त्गर जाती है, पत्तत
बन जाती है।

QD. त्नम्नत्लत्खत प्रश्नों के उत्तर संक्षप


े में बताएँ।
1. दूसरों के हाथ के बने भोजन को खाने से अन्नदोष लगता है, क्यों?
उत्तर- इन गन्दी चीज़ों को खाने से, बाहर की चीज़ों को खाने से अन्नदोष लगता है। यह अन्नदोष लगने से
मन दूत्षत होता है। दूसरे का बनाया हुआ अन्न हो, दूसरे के हाथ से बनेगा तो हाथों में से, आँखों में से
िायब्रेशन त्नकलते हैं। जैसा व्यत्ि होगा िैसे िायब्रेशन त्नकलेंगे। गन्दा-गलीज होगा तो आँखों से गन्दे
िायब्रेशन त्नकलेंगे, हाथों से गन्दे िायब्रेशन त्नकलेंगे। अच्छा व्यत्ि होगा तो अच्छे िायब्रेशन त्नकलेंगे।
अब कत्लयुग के अंत में अच्छा तो पूरा कोई है नहीं। कत्लयुग में सब पत्तत, तमोप्रधान बन जाते हैं।
इसत्लए बाहर का भोजन नहीं खाना चात्हए।
2. जगदम्बा कौनसा दूसरा रूप धारण करती है और क्यों?
उत्तर- जब सफाई का काम दकया जाता है तो अच्छे -2 कपड़े पहन के दकया जाता है या काले-2 कपडेऺ
पहनकर दकया जाता है? गन्दे-सन्दे, काले कपड़े पहने जाते हैं ना! तो जगदम्बा भी उन कीड़े-मकोड़ों को
सफाई करने के त्लए महाकाली का रूप धारण करती है। महाकाली का रूप धारण करके खटाखट-2 उन
असुरों को जो त्बच्छू -रटण्डन की तरह दुख देने िाले हैं, परे शान करने िाले हैं मनुष्य आममाओं को, उनका
पत्ता साफ करती है।
3. जगतत्पता और जगदम्बा ज्ञान-धन क्यों नहीं बाँट पाते?
उत्तर- नारायण जो है, ज्ञान तो उसमें बहुत होता है। उसका नाम ही है नारायण। अयण माना घर, नार
माना ज्ञान। ज्ञान-जल का घर है। ज्ञान-जल का आगार है; लेदकन सारी दुत्नया को ज्ञान दे नहीं पाता है।
सारी दुत्नया ज्ञान से जगती नहीं है जब तक लक्ष्मी ना आये। लक्ष्मी आती है तो सबको ज्ञान-धन बाँट देती
है। जगतत्पता धन कमाता भी बहुत है; लेदकन धन बाँटना नहीं हो पाता है। जगतत्पता के साथ जगदम्बा
भी है। इतना धन कमाता है और जगदम्बा उसको सहेजकर रखती भी है। ज्ञान कलश को जगदम्बा िहन
करके रखती है लेदकन बाँट नहीं पाती। क्यों नहीं बाँट पाती? कारण क्या है दक जगतत्पता और जगदम्बा
बाँट नहीं पाते, लक्ष्मी आ करके बाँटने के त्नत्मत्त बनती है। क्यों? क्योंदक उसमें धारणा शत्ि ज्यादा है। जो
त्जतना ही जन्म-जन्मान्तर का अपत्ित्र होता है उसमें धारणा शत्ि कम रह जाती है और जो जन्म-
जन्मान्तर का त्जतना ज्यादा पत्ित्र आममा होती है, पत्ित्र कमग करने िाली होती है, उसमें उतनी धारणा
शत्ि ज्यादा होती है। इसत्लए लक्ष्मी का आिाहन करना पड़ता है।

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