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25 + Best Panchtantra
short stories in Hindi
with Moral । पंचतंत्र की
कहानी
November 24, 2020

Contents
पंचतंत्र की कहािनयाँ (Panchatantra With
Moral Values)
हािजर जवाब – panchatantra short
stories in hindi with moral
नीबू चोर – panchatantra short stories
in hindi with moral

पंचतंत्र की कहािनयाँ
(Panchatantra
With Moral
Values)

Panchtantra short stories in Hindi के


इस आिटर् कल में आप सभी का बहुत – बहुत स्वागत
है। इस आिटर् कल में आपको छोटे बच्चो के िलए
िशक्षाप्रद (Panchtantra short stories in
Hindi with Moral) िमलेगा।

Thristy-Crow-Story-Panchtantra-short-stories-in-
Hindi- with-Moral

1. Panchtantra short stories in Hindi

प्यासा कौआ

गमीर् का िदन था। एक कौवा बहुत प्यासा था। वह


पानी की तलाश में इधर उधर भटक रहा था। इस
प्रकार व एक बगीचे में पहुंचा वहां पर एक पात्र देखा
िजसमें जल थोड़ा था। लेिकन पानी तक उसकी सोच
नहीं पहुंच पा रही थी। तो कौआ ने आसपास कुछ
कंकड़ देखें। उसने एक एक करके कंकड़ घड़े में डाल
िदए। पानी का तल उपर आ गया कौवे ने जी भर के
पानी िपया और उड़ गया।

Moral of the story – इस कहानी


से यह हमें िशक्षा िमलती है िक जहां
चाह होती है वहां राह िमल जाती है।

2. Panchtantra short stories in Hindi

लोभी लोमड़ी

एक लोमड़ी थी जो बहुत भूखा थी। उसे एक रोटी का


टु कड़ा िमला। वह एक नदी पर बने पुल से जा रहा
थी। वह मन ही मन सोच रहा थी िक नदी के उस पार
जाकर वह रोटी को खाएगी। िकंतु तभी उसकी नजर
पानी पर पड़ी। पानी में उसकी परछाई िदखाई दे रही
थी। उसने सोचा कोई दू सरी लोमड़ी रोटी िलए जा रही
है। उसके मुंह में पानी भर आया उस रोटी के टु कड़े को
लेने के िलए उसने अपनी परछाई पर गुरार्ना शुरू कर
िदया। उसके मुंह से रोटी भी पानी में िगर गया। बेचारी
भूखा भी रह गयी।

Moral of the story – इस कहानी


से हमें यह िशक्षा िमलती है िक लालच
बुरी बला है।

3. Panchtantra short stories in Hindi


with moral

गड़िरया का लड़का और भेिड़या

एक गड़िरया का लड़का अपनी भेड़ों के झुण्ड को चरा


रहा था। एक िदन उसके मन में शरारत सूझी तो उसने
गाँववालों की िखल्ली उड़ाने की सोची। इसिलए वह
जोर से िचल्लाया, “भेिड़या, भेिड़या”। गाँववाले
उसकी आवाज को सुन कर अपने हाथों में लाठी-डंडा
लेकर उसकी सहायता के िलए दौड़े।

लेिकन वहाँ कोई भेिड़या न पाकर बहुत अप्रसन्न हुए


तथा गाँव वापस आ गए। अगले सप्ताह भी उस लड़के
ने िफर से वही चाल चली। लेिकन गाँववाले उसकी
सहायता के िलए नहीं गए। एक िदन वास्तव में एक
भेिड़या आ गया।

वह लड़का िचल्लाने लगा, लेिकन कोई भी उसकी


सहायता के िलए नहीं आया। भेिड़या कई भेड़ों तथा
लड़के को घायल करके भाग गया। गडिरया के लड़के
को एक िशक्षा िमल गई िक झूठ का पिरणाम कैसा
होता है।

Moral : झूठे पर कोई िवश्वास नहीं


करता।

यह भी पढ़ें – िकरण बेदी की जीवनी

4. दो िमत्र एवं भालू (panchatantra short


stories in hindi)

दो दोस्त थे। उन्होंने आपस में यह प्रितज्ञा की िक वे


एक दू सरे की मुसीबत में हमेशा सहायता करेंगे। एक
िदन वे दोनों घूमने के िलए बाहर गये। वे दोनों एक
जंगल से जा रहे थे। उन्होंने सामने से एक भालू
जानवर को आते देखा। उनमें से एक तुरत एक पेड़ पर
चढ़ गया। दू सरा पेड़ पर चढ़ना नहीं जानता था।

वह अपनी सांस रोकर जमीन पर लेट गया। भालू


उसके पास आया तथा उसे सूंघा। भालू ने यह समझा
िक वह मर चूका है। भालू चला गया। पेड़ पर चढ़ा
उसका दोस्त नीचे उतरा तथा अपने िमत्र से पूछा िक
भालू उसके कान में क्या बोल रहा था। उसके िमत्र ने
जवाब िदया िक भालू ने उसके कान में यह कहा है िक
झूठे िमत्रों पर कभी िवश्वास नहीं करना चािहए।

Moral : िमत्र वही जो मुसीबत में


काम आए।

5. खरगोश एवं कछु आ (panchatantra


short stories in hindi)

एक खरगोश को अपनी चाल पर बड़ा घमंड था। एक


िदन उसने एक कछु ए को धीमी गित से चलते देखा।
खरगोश कछु ए का मजाक उड़ाने लगा। इस पर
कछु आ बड़ा नाराज हुआ। गुस्से में कछु ए ने खरगोश
को दौड़ के िलए चुनौती दे डाली। उन दोनों ने एक पेड़
को जीतस्थल िनधार्िरत िकया। दौड़ शुरू हुई।

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चंद क्षणों में खरगोश आँ खों से ओझल हो गया। वह


जीत के प्रित आश्वस्त था। खरगोश ने सोचा िक
कछु आ बहुत पीछे है, अतः मैं थोड़ी देर आराम कर
लूँ। इसिलए वह एक पेड़ के नीचे सो गया। कछु आ
अपने मंद गित से चलता रहा। सोए हुए खरगोश को
वह पार कर गया। जब कछु आ लक्ष्य तक पहुँ चने
वाला था, तो खरगोश की नींद खुली। वह तेज भागा
लेिकन जीतस्थल तक कछु आ पहले ही पहुँ च चुका
था। खरगोश दौड़ में हार गया।

Moral : धीमे परन्तु िनयिमत काम


करने वालों की िवजय होती है।

6. शेर और चूहा (panchatantra short


stories in hindi)

एक िदन की बात है। एक शेर जंगल में सो रहा था।


उसके शरीर पर एक चूहा उछल कूद करने लगा। शेर
की नींद खुल गई। उसने देखा एक नन्हा चूहा उसके
शरीर पर िबना िकसी डर के दौड़ रहा था। शेर को
गुस्सा आ गया तथा उसने चूहे को पकड़ िलया। शेर
चूहे को मार डालना चाहता था

िकन्तु चूहा स्वयं को छोड़ देने के िलए शेर की बहुत


िमन्नतें करने लगा तथा यह प्रितज्ञा की िक शेर की
इस दयालुता का बदला वह अवश्य चुकाएगा। शेर
को उस पर दया आ गई तथा उसने चूहे को छोड़
िदया। एक िदन की बात है, शेर एक जाल में फँस
गया। जब चूहा उसे शेर को जाल में फंसा देखा तो
उसको पुरानी बात तथा प्रितज्ञा याद आ गयी। चूहे ने
अपने तेज दांतों का प्रयोग करके जाल को कुतर िदया
तथा शेर को जाल से मुक्त कर िदया। इस प्रकार शेर
की जान बच गई। शेर चूहे का बहुत आभारी हुआ।

िशक्षा : अच्छा करोगे तो अच्छा


पाओगे।

यह भी पढ़ें – महान लोगो की जीवनी


Bollywoodbiofacts

7. (short stories of panchtantra in


hindi)

चतुर लोमड़ी और कौआ

एक िदन एक भूखी लोमड़ी इधर-उधर भोजन की


तलाश में घूम रही थी। उसने एक पेड़ पर एक कौआ
देखा। कौए की चोंच पनीर का एक टु कड़ा था। धूतर्
लोमड़ी उस पनीर के टु कड़े को लेने के िलए लालाियत
हो गई। लोमड़ी कोए से बोली, “िमत्र, आपकी
आवाज सुरीली है, यिद आप कोई गाना सुनाते, तो
बड़ा आनंद आता।”

लोमड़ी की चाल काम आ गयी तथा कौए ने खुश


होकर ज्योंही अपना मुँह गाने के िलए खोला, उसकी
चोंच से पनीर का टु कड़ा नीचे िगर पड़ा। लोमड़ी पनीर
का टु कड़ा लेकर चंपत हो गयी।

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िशक्षा : चापलूसों से सदा सावधान


रहना चािहए। चापलूस कभी
स्वािभमानी नहीं हो सकता।

8. िबल्ली के गले में घंटी बाँधना (short


stories of panchtantra in hindi)

एक घर में बहुत चूहे थे। वहाँ पर एक िबल्ली भी थी।


िबल्ली उन चूहों के िलए आतंक थी। वह प्रितिदन एक
या दो चूहों को चट कर जाती थी। चूहे इस िबल्ली
रूपी आतंक से मुिक्त चाहते थे। इसिलए उन सभी ने
एक बैठक बुलाई। उनमें से एक चूहे ने यह प्रस्ताव
रखा िक िबल्ली के गले में एक घंटी बांध दी जाए।
इस प्रस्ताव का सभा न अनुमोदन िकया।

इसमें एक बूढ़ा चूहा उठा एक बूढ़ा चूहा उठा तथा सभी


के सामने यह प्रश्न रखा िक िबल्ली के गले में घंटी
कौन बांधेगा। सभी चूहे चुप हो गये, कोई भी खतरा
मोल लेने के िलए तैयार नहीं हुआ। तभी सामने से
िबल्ली आती िदखाई दी। सभी चूहे भाग कर अपने
िबलों में जा घुसे। समस्या ज्यों की त्यों रह गयी।

िशक्षा : कहना तो आसान है, िकन्तु


पूरा करना बड़ा किठन।

9. Panchtantra short stories in hindi


with moral

एकता में बल है

एक िकसान था। उसके छ: बेटे थे। वे आपस में लड़ा


करते थे। एक िदन िकसान ने अपने बेटों को बुलाया।
िकसान ने अपने नौकर को लकिड़यों का एक बंडल
उनके सामने रखने को कहा। िकसान अपने बेटों को
उस बंडल को तोड़ने के िलए कहा। उसके सभी बेटे
एक-एक करके कोिशश करने लगे, िकन्तु तोड़ने की
बात तो दू र, कोई उसे टेढ़ा तक भी नहीं कर सका।

इसके बाद िकसान ने बंडल को खोल िदया तथा उन


सभी को एक-एक लकड़ी देकर तोड़ने को कहा। सभी
ने आसानी से अपनी लकड़ी का तोड़ िदया। िकसान ने
अपने बेटों को यह िसखाया िक सदा िमलकर रहें
क्योंिक एकता में बल होता है। िमल कर रहने से कोई
उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा सकता। यह बात िकसान के
बेटों को समझ में आ गयी तथा उन्होंने प्रितज्ञा की िक
वे अब से िफर कभी नहीं लड़ेंगे तथा िमल कर रहेंगे।

िशक्षा : मेल से प्रगित होती है तथा बेमेल से पतन।

10. Panchtantra short stories in


Hindi with moral

कुसंग

एक आदमी था। उसकी इकलौती संतान कुसंगित में


पड़ गई। लड़का अपने िपता की सलाह को
नजरअंदाज कर जाता था। उसके िपताजी उसे बार-
बार समझाते थे िक कुसंगित का फल अच्छा नहीं
होता िकन्तु वह ध्यान ही नहीं देता था।

एक िदन लड़के के िपता के िदमाग में एक युिक्त


सूझी। उन्होंने एक टोकरी सेब खरीदे तथा उस टोकरी
में एक सड़ा सेब रख िदया। अगले िदन लड़का यह
देखकर हैरान हो गया िक टोकरी के सारे सेब सड़ गए
हैं। िपता ने अपने लड़के को समझाया िक इसका
कारण एक सड़ा सेब ही था, िजसने सारे सेबों को
सड़ा िदया। लड़के को एक सबक िमल गया। उसने
अपनी बुरी संगित पिरत्याग कर िदया। वही लड़का
बड़ा होकर एक सज्जन व्यिक्त बना।

िशक्षा : एक सड़ी मछली सारे तालाब


को गंदा कर दे ती है

11. लोमड़ी और अंगूर (short stories of


panchtantra in hindi)

एक लोमड़ी बहुत भूखी थी। वह एक बगीचे में पहुंचे।


वहां पर बगीचे में उसने अंगूरों के गुच्छों को देखा, जो
अंगूर की बेल पर लटक रहे थे। उसके मुख में पानी
भर आया। वह अंगूरों को खाना चाहती थी। इसके
िलए बार-बार वह उछल कर अंगूरों तक पहुँ चना चाह
रही थी, िकन्तु प्रत्येक प्रयास में वह असफल रही।
कुछ देर बाद उछल कूद करते-करते वह थक गयी
तथा यह कहते वहाँ से चल दी िक अंगूर खट्टे हैं।

िशक्षा : मनुष्य असफल होने पर बहाने


बनाता है।

12. टोपी िवक्रेता और बंदर (panchtantra


short stories in hindi)

एक गाँव में एक टोपी िवक्रेता रहता था। एक िदन वह


अपनी टोिपयों को बेचने बाजार जा रहा था। वह टोपी
िवक्रेता एक जंगल से गुजरा। चलते-चलते वह थक
चुका था, एक पेड़ के नीचे आराम करने के िलए लेट
गया। तत्काल हो उसको नींद आ गई। उसके िसर पर
एक टोपी लगी हुई थी।

पेड़ पर कुछ बंदर थे। वे सभी नीचे उतरे तथा टोिपयों


के बंडल को लेकर पेड़ पर चढ़ गए। उनमें से प्रत्येक
बंदर ने एक-एक टोपी लेकर अपने िसर पर रख ली।
टोपी िवक्रेता की नींद खुली तो उसने देखा िक प्रत्येक
बंदर के िसर पर एक टोपी लगी हुई है। टोपी िवक्रेता
ने अपनी टोपी को नीचे फेंक िदया। बंदर भी अपनी
टोिपयों को नीचे फेंकने लगे। टोपी िवक्रेता ने टोिपयों
को इकट्ठा िकया तथा अपने लक्ष्य की ओर चल
िदया।

Moral of the story : बुिद्धयर्स्य


बलं तस्य (बुिद्ध बल से श्रेष्ठ है)

13. िसं ह और खरगोश (panchtantra


short stories in hindi)

एक जंगल में एक िसं ह रहता था। वह प्रितिदन कई


जानवरों को मारा करता था। जानवरों ने एक बैठक
बुलाई तथा यह िनणर्य हुआ िक प्रत्येक िदन एक
जानवर स्वयं िसं ह के पास भोजन के िलए आ
जाएगा। इस प्रकार िदन गुजरने लगे। एक िदन एक
खरगोश की बारी आई। वह िसं ह के पास बड़ी देर से
पहुँ चा। िसं ह को बड़ा गुस्सा आया तथा उसने खरगोश
को बहुत बुरा-भला कहा।

इस पर खरगोश ने कहा िक रास्ते में एक दू सरा िसं ह


िमल गया था तथा वह अपने को ही जंगल का राजा
कहता है। इस पर िसह को बड़ा गुस्सा आया, वह
गुस्से में खरगोश को बोला िक वह तत्काल उसके
पास चले। खरगोश उसको एक कुएं के पास ले गया।
िसं ह ने कुएं पर पहुँ च कर गजर्न की तथा अपनी
प्रितध्विन को दू सरे िमत्र समझ कर कुएं में कूद पड़ा
तथा उसी में छटपटा कर मर गया।

िशक्षा : क्रोध पाप का मूल है तथा यही


इं सान की असली भूल है।

14. सारस एवं लोमड़ी (panchtantra


short stories in hindi)

एक सारस तथा एक लोमड़ी में बड़ी पक्की दोस्ती


थी। एक िदन लोमड़ी ने सारस को अपने यहां खाने के
िलए आमंित्रत िकया। उसने चावल के पतले मीठे
व्यंजन तैयार िकए तथा सारस के सामने प्लेट में खाना
परोस िदया। सारस अपने लम्बी चोंच की वजह से
कुछ नहीं खा सका। लोमड़ी अपनी प्लेट साफ कर
गयी।

सारस ने इस पर अपने को अपमािनत समझा। सारस


ने लोमड़ी को िशक्षा देने की मन में ठानी। उसने भी
लोमड़ी को अपने घर दावत पर बुलाया। उसने भी दू ध
और चावल व्यंजन बनाए तथा लोमड़ी को पतले मुंह
वाले बतर्न में खाना या। लोमड़ी कुछ भी खा नहीं
सकी, िकन्तु सारस ने भरपेट भोजन िकया।

िशक्षा : जो दू सरे के िलए गड्ढा खोदता


है वह स्वयं उसमें िगरता है।

15. जल के दे वता एवं


लकड़हारा (panchtantra short stories
in hindi)

एक िदन एक लकड़हारा जंगल में लकड़ी काट रहा था


वह पेड़ एक नदी के तट पर था। उसकी कुल्हाड़ी
अचानक नदी में िगर गई। वह फूट-फूटकर रोने लगा।

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