अनुच्छेद लेखन

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अनुच्छे द लेखन

अनुच्छे द लेखन अनुच्छे द अपने आप में एक स्वतन्त्र और पूर्ण रचना है। इसे ननबंध का छोटा रूप मान
सकते हैं या इसे लघु ननबंध भी कहा जा सकता है । अंग्रेजी में इसे Paragraph Writing कहा जाता है ।

दस
ू रे शब्दों में ककसी ववषय या दृश्य या घटना पर अपने ववचारों को व्यक्त करने के ललए ललखे गये
सम्बद्ध और छोटे -छोटे वाक्यों के समूह को अनुच्छे द लेखन कहते हैं।

अनुच्छे द लेखन में ववषय से संबंधधत वर्णन बबल्कुल सटीक संतुललत तथा पूर्ण होना चाहहए। अनुच्छे द
लेखन में ववषय से संबंधधत व ववषय के सकारात्मक पक्ष को ही ललखना चाहहए। इसमें सभी वाक्य एक-
दस
ू रे से जुडे होने चाहहए ।

अनुच्छे द ललखते समय ननम्नललखखत बातों का ध्यान रखना चाहहए ।

1) अनुच्छे द लेखन में संकेत बबंद ु या रूपरे खा अवश्य बनानी चाहहए। ववषय से बाहर कुछ भी नहीं
ललखना चाहहए।

2) अनुच्छे द लेखन में अनावश्यक ववस्तार से बचें।

3) संकेत बबंदोंु को ध्यान में रख कर ही ललखना चाहहए।

4) अनुच्छे द ललखने की भाषा शैली सरल सहज, सजीव प्रभावशाली व पठनीय होनी चाहहए।

5) छोटे -छोटे वाक्यों का प्रयोग बहुत अच्छा होता है ।

6) ववराम धचन्त्हों का ध्यान रखना चाहहए।

7) शब्द सीमा 100 से 120 से अधधक नहीं होनी चाहहए।

8) अनुच्छे द में ववषय के ककसी एक ही पक्ष का वर्णन करें ।

8) अनुच्छे द लेखन में ववषय से संबंधधत ववचारों को क्रमवार तरीके से रखा जाता है। ताकक उसे पूर्णता
दी जा सके। ववषय से हट कर ककसी भी बात का उल्लेख नहीं करना चाहहए ।

9) अनुच्छे द लेखन में मुख्य ववचार अन्त्त में अवश्य ललखा जाता है।

10) अनुच्छे द लेखन में कहावतें मुहावरों, हुनत कववताएं आहद का प्रयोग भी ककया जा सकता है।

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