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भारत के पारंपरिक लोक परिधान
भारत के पारंपरिक लोक परिधान
भारत के पारंपरिक लोक परिधान
परिधान
By Ajit Prabhu
7-E
राजस्थान की लोक वेशभूषा
राजस्थान, अपनी जीवंत संस्कृ ति के लिए प्रसिद्ध,
पारंपरिक वेशभूषा प्रदर्शित करता है जो इसके
त्योहारों जितनी ही रंगीन होती है। पुरुष आमतौर
पर पगड़ी, धोती और कु र्ता पहनते हैं। पगड़ी की
शैली और रंग अलग-अलग क्षेत्रों और समुदायों
का प्रतिनिधित्व करते हैं। महिलाएं घाघरा, चोली
और ओढ़नी पहनती हैं। कपड़ों पर अक्सर जटिल
कढ़ाई, शीशे का काम और जीवंत प्रिंट होते हैं।
गहने राजस्थानी वेशभूषा का एक महत्वपूर्ण
हिस्सा हैं, जो इसकी भव्यता और सुंदरता में चार
चाँद लगाते हैं।
बिहार की लोक वेशभूषा
बिहार की पारंपरिक वेशभूषा इसकी समृद्ध सांस्कृ तिक
विरासत को दर्शाती है। पुरुष अक्सर धोती के साथ कु र्ता या
साधारण शर्ट पहनते हैं। कु छ क्षेत्रों में पुरुष लंबे स्कार्फ जिसे
गमछा कहा जाता है, भी पहनते हैं। महिलाएं पारंपरिक रूप
से साड़ी पहनती हैं, जिसमें तसर सिल्क साड़ी जैसी विशिष्ट
शैलियाँ काफी लोकप्रिय हैं। ये साड़ियाँ अपने प्राकृ तिक
बनावट और समृद्ध रंगों के लिए जानी जाती हैं। त्योहारों और
विशेष अवसरों के दौरान, साड़ियों पर जटिल कढ़ाई और ज़री
का काम किया जाता है, जिससे वे सुरुचिपूर्ण और त्योहारी
दिखती हैं।
पंजाब की लोक वेशभूषा
पंजाब की पारंपरिक वेशभूषा जीवंत है और राज्य की
ऊर्जावान संस्कृ ति को दर्शाती है। पुरुष आमतौर पर कु र्ता-
पायजामा या कु र्ता के साथ लुंगी या धोती पहनते हैं, साथ ही
पगड़ी पहनते हैं, जो उनकी पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा
है। महिलाएं सलवार कमीज के साथ दुपट्टा पहनती हैं।
सलवार कमीज अक्सर चमकीले रंगों में होती है और
फू लकारी कढ़ाई से सजी होती है, जो पंजाब की पारंपरिक
फू लों की कढ़ाई है। त्योहारों के दौरान, महिलाएं घाघरा (लंबी
स्कर्ट) भी पहनती हैं और पुरुष पारंपरिक शेरवानी पहन
सकते हैं।
तमिलनाडु की लोक वेशभूषा
तमिलनाडु की पारंपरिक वेशभूषा इसकी संस्कृ ति और
इतिहास में गहराई से जड़ी हुई है। पुरुष आमतौर पर वेष्टि
(धोती) के साथ अंगवस्त्रम (कं धे का कपड़ा) या शर्ट पहनते
हैं। वेष्टि आमतौर पर रंगीन बॉर्डर के साथ सफे द होती है।
महिलाएं पारंपरिक रूप से साड़ी पहनती हैं, जिनमें
कांचीपुरम सिल्क साड़ी सबसे प्रसिद्ध है। ये साड़ियाँ अपनी
स्थायित्व, समृद्ध रंगों और जटिल डिजाइनों के लिए जानी
जाती हैं, जिनमें अक्सर मंदिरों और प्रकृ ति से प्रेरित
रूपांकनों को दर्शाया जाता है। पारंपरिक गहनों, विशेषकर
सोने के आभूषणों, के साथ वेशभूषा पूरी होती है।
महाराष्ट्र की लोक वेशभूषा
महाराष्ट्र की पारंपरिक वेशभूषा आराम और सांस्कृ तिक
विरासत का मिश्रण है। पुरुष आमतौर पर धोती, कु र्ता और
पगड़ी या फे टा नामक टोपी पहनते हैं। महिलाएं पारंपरिक
रूप से नौवारी साड़ी पहनती हैं, जिसे एक अनूठी शैली में
पहना जाता है जो पतलून जैसी होती है, जिससे आसानी से
चलने-फिरने में मदद मिलती है। साड़ियाँ अक्सर कपास या
रेशम की बनी होती हैं और सुंदर बॉर्डर और डिजाइनों से
सजी होती हैं। त्योहारों और विशेष अवसरों के दौरान, पुरुष
और महिला दोनों जटिल आभूषण पहनते हैं, जिसमें
महिलाएं अक्सर पारंपरिक नथ (नाक की अंगूठी) पहनती हैं।