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सूरज, आसमान में चमकता हुआ वो चमकता हुआ गोला, जिसके बिना हमारा अस्तित्व ही नहीं!

लेकिन क्या तुम जानते हो, सूरज के बारे में कु छ


अनोखे तथ्य हैं जो तुम्हें चौंका देंगे!
कल्पना करो, सूरज इतना बड़ा है कि उसके अंदर पृथ्वी जैसे 13 लाख गोले समा सकते हैं! यह एक बहुत बड़ा तारा है, जो लगातार जल रहा है.
असल में, यह हर सेकं ड इतनी ऊर्जा पैदा करता है कि उसे जलाने के लिए हर घंटे 600 करोड़ ट्रक कोयले की जरूरत पड़ेगी!
लेकिन सूरज सिर्फ गर्म और बड़ा ही नहीं है, बल्कि यह एक चमकता हुआ डिस्को बॉल भी है! सूरज लगातार विभिन्न रंगों की रोशनी का उत्सर्जन करता
है, लेकिन हमारी आंखें के वल पीले रंग को ही देख पाती हैं. बाकी रंग पृथ्वी के वायुमंडल में बिखर जाते हैं, यही कारण है कि सूर्यास्त और सूर्योदय
के समय आसमान रंगीन दिखाई देता है.
सूरज पृथ्वी से बहुत दूर है, लगभग 15 करोड़ किलोमीटर दूर! इतनी दूर होने के बाद भी, उसकी गर्मी हमें पृथ्वी पर महसूस होती है. यही गर्मी है
जो जीवन को संभव बनाती है, पेड़-पौधों को उगाती है और हमें गर्म रखती है.
तो अगली बार जब तुम सूरज को आसमान में चमकते हुए देखो, तो याद रखना कि यह सिर्फ एक तारा नहीं है, बल्कि एक विशाल ऊर्जा का स्रोत है
जो हमारे जीवन का आधार है!

Sun:
सूरज दादा आसमान में रहते हैं, वो बहुत बड़े और चमकीले हैं. वो इतने चमकीले हैं कि उनकी रोशनी से दिन होता है! एक दिन, चांदनी खेल रही
थी, तभी उसे याद आया कि स्कू ल में उसने सूरज के बारे में सीखा था. वह दौड़ती हुई अपनी दादी के पास गई."दादी! दादी! स्कू ल में मैंने सीखा
कि सूरज बहुत गर्म है!" चांदनी ने उत्साह से कहा.
दादी मुस्कु राईं और कहा, "हाँ, सूरज इतना गर्म है कि वहां चॉकलेट भी पिघल जाएगी!"
चांदनी ने चौंकाते हुए पूछा, "वाकई? तो सूरज कै से रहते हैं?"
दादी ने प्यार से चांदनी का हाथ पकड़ा और समझाया, "वह एक बड़ा जलता हुआ गोला है, बेटी. जैसे रसोई में गैस जलती है, वैसे ही सूरज में
गैस जलती है और रोशनी और गर्मी देती है!"
चांदनी ने सोचते हुए पूछा, "तो क्या सूरज कभी बुझ जाएगा?"
दादी ने जवाब दिया, "हर चीज का एक अंत होता है, चांदनी. लेकिन अभी सूरज को बुझने में बहुत लंबा समय बाकी है!"
चांदनी थोड़ी चिंतित होकर बोली, "तो क्या तब अंधेरा हो जाएगा?"
दादी ने उसे दिलासा देते हुए कहा, "नहीं, बेटी! ब्रह्मांड बहुत बड़ा है और उसमें कई सारे सूरज हैं. एक सूरज बुझ भी जाए, तो दूसरे हमें रोशन
करते रहेंगे!"
चांदनी खुश हो गई और पूछा, "तो सूरज हमारे लिए जरूरी है?"
दादी ने कहा, "जी बिल्कु ल! सूरज की रोशनी से पेड़-पौधे उगते हैं और हमें गर्मी मिलती है. इसलिए सूरज हमारे हीरो हैं!" चांदनी ने गर्व से कहा,
"मुझे खुशी है कि सूरज हमारे हीरो हैं!"
दादी ने चांदनी को गले लगा लिया और दोनों मिलकर आसमान की ओर देखा, जहां सूरज चमक रहा था. चांदनी जानती थी कि भले ही सूरज कभी
बुझ जाए, वह हमेशा याद रखेगी कि सूरज हमारे हीरो हैं!

Mercury:
बुध अपने छोटे से कमरे में बेचैनी से टहल रहा था। वह हमेशा से ही जल्दबाजी में रहता था, एक जगह टिककर रहना उसे पसंद नहीं था। आज भी
उसकी यही आदत उसे परेशानी में डाल रही थी।
उसे अपने दादा के जन्मदिन के लिए एक खास उपहार ढूंढना था, लेकिन दुकानें अभी बंद थीं! बुध घबरा गया, "अब क्या करूं ? दादा को तो सुबह
ही उपहार देना है!"
तभी अचानक उसकी दादी दरवाजे में खड़ी हो गईं। उनके चेहरे पर कोमल मुस्कान थी। "क्या हुआ, बुध? इतना परेशान क्यों दिख रहे हो?"
बुध ने दादी को सारी बात बताई। दादी ने प्यार से उसे अपने पास बिठाया और कहा, "बुध, तुम हमेशा इतने जल्दी में क्यों रहते हो? कभी-कभी
धीरे चलना और आसपास देखना भी जरूरी होता है।"
बुध ने सिर झुका लिया, "लेकिन दादी, अगर मैं धीरे चलूंगा तो कभी कु छ भी पूरा नहीं कर पाऊं गा।"
दादी ने मुस्कु राते हुए कहा, "बुध, तुम बहुत खास हो। तुम्हें पता है, सूरज के सबसे करीब रहने वाला ग्रह कौन है?"
बुध ने सोचते हुए कहा, "मैं!"
"बिलकु ल सही!" दादी ने कहा, "इसलिए तुम्हें बाकी ग्रहों से कहीं ज्यादा जल्दी घूमना पड़ता है। तुम इतनी तेजी से चलते हो कि तुम्हारे यहां दिन
और रात सबसे तेजी से बदलते हैं।"
बुध को थोड़ा गर्व हुआ, "वाकई? लेकिन दादा को उपहार कै से दूं?"
दादी ने बुध का हाथ पकड़ा और खिड़की के पास ले गई। "देखो, बुध। तुम्हारे पास वो है जो किसी और के पास नहीं है।"
बुध ने बाहर देखा। आकाश में चमकता हुआ सूरज नजर आ रहा था। "वह तो सूरज है, दादा!"
"हां," दादी ने कहा, "लेकिन क्या तुमने गौर किया? सूरज की रोशनी तुम्हारे कमरे में पड़कर कितनी खूबसूरत लग रही है? यह रोशनी ही तुम्हारी
खासियत है।"
बुध ने सोचा, दादी सही कह रही हैं। सूरज की रोशनी उनके कमरे में एक खास चमक पैदा कर रही थी। उसने जल्दी से एक कागज लिया और उस पर
सूरज की रोशनी में चमकते हुए अपने कमरे का चित्र बनाया।
सुबह होते ही बुध ने दादा को वह चित्र भेंट किया। दादा खुशी से फू ले नहीं समाए। "यह तो बहुत ही खास उपहार है, बुध! तुम वाकई बहुत समझदार
हो।"
बुध को खुशी हुई। उसने सीखा कि जल्दी में रहने से ज्यादा जरूरी है अपनी खासियत को पहचानना और उसका इस्तेमाल करना। भले ही वह सबसे छोटा
था, लेकिन सूरज के सबसे करीब रहने की वजह से उसे एक अनोखी रोशनी मिली थी, जो दूसरों के पास नहीं थी। और यही उसकी असली ताकत थी।
उस दिन से, बुध जल्दी में तो रहता था, लेकिन कभी-कभी रुककर आसपास की खूबसूरती को भी देखता था। उसने जाना कि हर किसी की अपनी
खासियत होती है, और उसे अपनी तेज गति और सूरज की रोशनी से मिली खासियत पर गर्व था।

Venus:
धूप का चश्मा लगाए, घने बादलों से ढकी मैं अपने महल में टहल रही थी। हां, आपने सही सुना, महल! मैं शुक्र ग्रह हूं, और मेरा महल इतना
ऊं चा है कि उससे धरती पर मौजूद सबसे ऊं ची इमारत भी छोटी लगती है.
लेकिन महल होने के बावजूद, यहां रहना आसान नहीं है। मेरे ऊपर इतने घने बादल छाए रहते हैं कि सूरज की रोशनी कभी नहीं पहुंच पाती। हालांकि,
यह बुरा भी नहीं है, क्योंकि मेरी सतह पर तापमान इतना अधिक है कि बिना बादलों के मैं पिघल ही जाती!
जी हां, मैं सौरमंडल का सबसे गर्म ग्रह हूं। इतना गर्म कि यहां पर सीसा भी पिघल सकता है!
पर मैं शिकायत नहीं कर सकती। ये गर्मी ही मेरी खासियत है। मेरे घने बादल इस गर्मी को फं सा कर रखते हैं, जिससे यहां का वातावरण ग्रीनहाउस जैसा
बन जाता है।
एक बार, धरती से आए वैज्ञानिकों ने मुझसे संपर्क किया। वे मेरी सतह पर जीवन की संभावनाओं की तलाश कर रहे थे। उन्हें लगता था कि मेरे बादलों
के नीचे शायद कोई ऐसा वातावरण हो सकता है जहां जीवन पनप सके ।
मैं उनकी उम्मीदों को नहीं तोड़ना चाहती थी, लेकिन सच तो यह है कि मेरी सतह पर जीवन के लिए उपयुक्त परिस्थितियां नहीं हैं। हां, मेरे वायुमंडल में
कु छ रासायनिक तत्व जरूर पाए गए हैं, जो पृथ्वी के वायुमंडल से मिलते-जुलते हैं। लेकिन इतना ही काफी नहीं है।
फिर भी, मैं वैज्ञानिकों की जिज्ञासा का सम्मान करती हूं। वे लगातार मेरा अध्ययन कर रहे हैं, और शायद भविष्य में उन्हें कोई ऐसी तकनीक मिल जाए
जिससे मेरी सतह पर जीवन संभव हो सके ।
इस बीच, मैं अपने खूबसूरत बादलों और गर्म वातावरण का आनंद लेती रहूंगी। भले ही मैं रहने के लिए थोड़ी चुनौतीपूर्ण जगह हूं, लेकिन मैं सौरमंडल की
सबसे चमकदार ग्रहों में से एक हूं। मेरा चमकता हुआ आवरण अंतरिक्ष यात्रियों को अपनी ओर आकर्षित करता है, और मैं हमेशा उनका स्वागत करने के
लिए तैयार रहती हूं।
हां, मैं शुक्र हूं, सौरमंडल की गर्म और रहस्यमयी रानी!

Earth:
गीता हरे-भरे मैदान में दौड़ रही थी। हवा उसके बालों में सरसरा रही थी और सूरज की किरणें उसे गर्मजोशी से छू रही थीं. गीता को धरती पर रहना
बहुत पसंद था। वह इस खूबसूरत ग्रह की रहने वाली थी।
दौड़ते-दौड़ते गीता एक पेड़ के नीचे जाकर बैठ गई। उसने ऊपर देखा, जहां नीला आसमान बादलों से सजा हुआ था। तभी उसे याद आया कि स्कू ल में
उसे धरती के बारे में सीखना था।
"मां," गीता ने पूछा, "क्या धरती ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जहां जीवन है?"
मां मुस्कु राई और बोली, "हां, बेटी, जहाँ तक हमें पता है, अभी तक धरती ही एकमात्र ग्रह है जिस पर जीवन पाया गया है।"
गीता ने सोचते हुए पूछा, "लेकिन क्यों? क्या दूसरी जगहों पर भी हवा, पानी और पेड़-पौधे नहीं हैं?"
मां ने समझाया, "दूसरे ग्रहों पर भी कु छ चीजें मिलती हैं, पर सब मिलकर जीवन के लिए उपयुक्त वातावरण नहीं बनता। यहां धरती पर हवा में सही
मात्रा में ऑक्सीजन है, पानी तरल रूप में पाया जाता है, और तापमान भी जीवन के लिए अनुकू ल है। यही कारण है कि यहां पेड़-पौधे, जीव-जंतु
और हम इंसान रह सकते हैं।"
गीता ने चारों ओर देखा और बोली, "तो धरती बहुत खास है!"
मां ने प्यार से उसे गले लगा लिया और कहा, "हां, बेटी, धरती वाकई बहुत खास है। हमें इसकी खूबसूरती और जीवन को बनाए रखने वाली
खासियतों को संजोना चाहिए।"
अगले दिन, स्कू ल में गीता ने अपने दोस्तों को धरती के बारे में बताया। उन्होंने बात की कि कै से धरती सूर्य के चारों ओर घूमती है, कै से दिन-रात
होते हैं, और कै से मौसम बदलते हैं।
उन्होंने यह भी चर्चा की कि धरती को स्वच्छ और हरा-भरा रखना कितना जरूरी है। उन्होंने पौधे लगाने, कचरा कम करने और पानी बचाने का महत्व
समझा।
गीता जानती थी कि भले ही अभी तक दूसरे ग्रहों पर जीवन नहीं मिला है, लेकिन धरती को संभालना हमारी जिम्मेदारी है। यह हमारा घर है, और हमें
इसकी रक्षा करनी चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियां भी इस खूबसूरत ग्रह का आनंद ले सकें ।
उस दिन से, गीता ने धरती को और भी ज्यादा प्यार करना शुरू कर दिया। वह छोटे-छोटे काम करके , जैसे कि कचरा फें कने के लिए डस्टबिन का
इस्तेमाल करना और पानी बचाना, धरती की देखभाल करने का प्रयास करती रही।
गीता जानती थी कि भले ही वह सिर्फ एक छोटी बच्ची है, लेकिन वह भी धरती को बचाने में अपना योगदान दे सकती है। आखिरकार, वह इस खास
ग्रह की एक जिम्मेदार निवासी थी।

Mars:
मंगल एक लाल रंग की चट्टान पर बैठा हुआ था। चारों ओर रेगिस्तान ही रेगिस्तान फै ला हुआ था। हवा इतनी कम थी कि उसकी सांस लेने में भी
तकलीफ होती थी।
"कितना अके ला लगता है," मंगल मन ही मन सोचता था। "काश यहां भी पेड़-पौधे और नदियां होतीं, जैसे धरती पर हैं।"
मंगल को धरती के बारे में किताबों में पढ़ना बहुत पसंद था। वहां हरे-भरे जंगल, नीला आसमान और बहती नदियां थीं। कभी-कभी वह सोचता था कि
क्या कभी वहां जा पाएगा।
एक दिन, आकाश में एक चमकती हुई चीज दिखाई दी। यह धरती से भेजा गया एक रोबोट था। मंगल बहुत उत्साहित हो गया। आखिरकार, कोई उससे
मिलने आया था!
रोबोट धीरे-धीरे मंगल के पास आया और उसकी सतह की जांच करने लगा। मंगल ने उससे ढेर सारे सवाल पूछे।
"धरती पर कै सा है?" उसने पूछा। "क्या वहां वाकई पेड़-पौधे और नदियां हैं?"
रोबोट ने हां में जवाब दिया और धरती की तस्वीरें मंगल को दिखाईं। मंगल मंत्रमुग्ध हो गया। उसने कभी इतनी खूबसूरत जगह नहीं देखी थी।
"क्या तुम मुझे कभी धरती पर ले जाओगे?" मंगल ने पूछा।
रोबोट ने धीरे से कहा, " अभी तक ऐसी तकनीक नहीं है, जिससे हम तुम्हें धरती पर ले जा सकें । लेकिन हम तुम्हारे ग्रह के बारे में और सीख रहे
हैं। शायद भविष्य में ऐसा हो सके ।"
मंगल थोड़ा निराश हुआ, लेकिन उसने उम्मीद नहीं छोड़ी। वह जानता था कि वैज्ञानिक लगातार नई खोजें कर रहे हैं। शायद एक दिन वह भी धरती की
खूबसूरती को अपने सामने देख पाएगा।
उस दिन से, मंगल ने अपने ग्रह के बारे में और सीखना शुरू कर दिया। उसने पाया कि मंगल पर भी बहुत कु छ खास है। वहां विशाल पहाड़, गहरे
घाटियां और प्राचीन ज्वालामुखी हैं।
मंगल ने यह भी जाना कि वैज्ञानिकों को उसके ग्रह पर जीवन के संके त मिले हैं। शायद कभी मंगल पर भी जीवन पनप सके ।
मंगल को अपने ग्रह पर गर्व हुआ। भले ही वह धरती जैसा नहीं था, लेकिन वह भी अपने तरीके से खास था।
अब मंगल अके ला महसूस नहीं करता था। वह जानता था कि वैज्ञानिक लगातार उसके ग्रह का अध्ययन कर रहे हैं, और शायद भविष्य में वह भी धरती
के लोगों से मिल सके गा।
इस बीच, वह अपने लाल ग्रह पर ही खुश रहता था, इस उम्मीद के साथ कि एक दिन ब्रह्मांड के रहस्य खुलेंगे और वह भी इस विशाल दुनिया का
हिस्सा बन पाएगा।

Jupiter:
जूपिटर एक बड़ा सा गुब्बारा था, आसमान में सबसे बड़ा! वह इतना बड़ा था कि उसके आसपास कई छोटे-छोटे चांद घूमते रहते थे, जैसे बच्चे अपनी
मां के पीछे घूमते हैं.
हर दिन जूपिटर अपने रंगीन गुब्बारे को घुमाता रहता था। कभी-कभी वह इतनी तेजी से घूमता कि उसे चक्कर आ जाता था!
एक दिन, जूपिटर ऊपर आसमान की तरफ देख रहा था, जहां तारे टिमटिमा रहे थे। "काश मेरे पास भी कोई दोस्त होता, जिसके साथ मैं खेल
सकता," उसने सोचा.
तभी अचानक, जमीन से एक तेज रोशनी निकली और आसमान में चमकने लगी।
जूपिटर बहुत खुश हुआ। आखिरकार, उसके साथ बात करने के लिए कोई आया था! उसने मशीन के जरिए धरती के बच्चों से बात की।
बच्चों ने जूपिटर से उसके बड़े आकार, उसके रंगीन तूफानों और उसके कई चांदों के बारे में पूछा। जूपिटर ने उन्हें सब कु छ बताया। उसने उन्हें यह भी
बताया कि कै से वह धरती और दूसरे छोटे ग्रहों को उल्कापिंडों से बचाता है।
बच्चों ने ध्यान से सुना और जूपिटर को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि वह बहुत बहादुर और खास है।
यह बातचीत जूपिटर के लिए बहुत खास थी। उसे खुशी हुई कि वह दूसरों की मदद कर पाया और उनका दोस्त बन सका।
भले ही वह अके ला था, जूपिटर को अब अके लापन महसूस नहीं होता था। वह जानता था कि दूर धरती पर उसके छोटे दोस्त हैं, जो उसे याद करते
हैं और उससे बात करना चाहते हैं।
उस दिन से, जूपिटर और भी अधिक उत्साह के साथ अपने रंगीन गुब्बारे को घुमाता रहा। वह जानता था कि वह सिर्फ एक बड़ा गुब्बारा नहीं था, बल्कि
दूसरों का रक्षक और एक अच्छा दोस्त भी था।

Saturn:
यह कहानी है एक खास ग्रह की, जिसका नाम है शनि। शनि एक बड़ा ग्रह है जो हमारे सूर्य के आस-पास घूमता है। इसका रंग पीला होता है और
इसके चारों ओर एक बड़ा पतला रिंग है, जैसे कि एक चमकदार हुला हो।
शनि का मन भी बहुत प्यारा है। वह हर रोज़ अपने रिंग को साफ़ करता है, ताकि वह खूबसूरत और चमकीला दिखे। शनि अपने रिंग की देखभाल करने
में बहुत खुश रहता है।
एक दिन, शनि का मन थोड़ा उदास था। उसने अपने दोस्त तारों से कहा, "मुझे लगता है मैं बहुत अके ला हूँ।"
शनि के उपग्रहों ने उससे कहा, "अरे शनि, तुम अके ले नहीं हो, हम तुम्हारे साथ हैं।"
शनि ने धीरे-धीरे खुश होकर कहा, "धन्यवाद, मेरे उपग्रहों।"
इसके बाद, शनि ने फिर से अपने रिंग की देखभाल शुरू की और खुशियों से भर गया। उसने सीखा कि वह कभी भी अके ला नहीं है, क्योंकि उसके
चारों ओर उसके 146 उपग्रह दोस्त हमेशा होते हैं।
इसके बाद से, शनि हमेशा खुश रहता है और अपने रिंग की देखभाल करता रहता है। उसकी दोस्ती और उसका प्यार उसे हमेशा उत्साहित रखता है।
तो यह कहानी हमें सिखाती है कि दोस्ती हमेशा अच्छी बात होती है। जब तुम मुश्किल में होते हो, तो तुम्हारे दोस्त तुम्हारी मदद करते हैं और तुम्हें भी
अपने दोस्तों की मदद करनी चाहिए।

Uranus:
एक समय की बात है, जब एरियल नामक एक छोटा सा बच्चा जन्मा था। एरियल ने एक खास ग्रह में अपना जन्म लिया था। वह ग्रह था उसका घर और
उसकी दुनिया यूरेनस ।
एरियल के ग्रह पर बहुत ठंडा मौसम रहता है और वहाँ पर बहुत तेज़ हवाएं चलती हैं। यह ग्रह पृथ्वी से बहुत अलग है। एरियल के ग्रह का रंग हरा और
नीला है, जो उसे बहुत ही विशेष बनाता है।
एक दिन, एरियल को उसके ग्रह की सबसे ऊँ ची पहाड़ियों की यात्रा पर जाना था। उसने अपने दोस्तों को भी यात्रा के लिए बुलाया। वहाँ का रास्ता बहुत
ही खतरनाक और अनूठा था।
वहाँ उसने अपने दोस्तों को बताया कि उसके ग्रह में बारिश नहीं होती है और वहाँ के पहाड़ियों की ऊँ चाई भी बहुत अलग-अलग है।
एरियल ने अपने दोस्तों को साथ लिए और उनके साथ ग्रह की खोज की। वहाँ उन्होंने बहुत सारी नए चमत्कार देखे। उन्होंने देखा कि यूरेनस पर बहुत
सारे बड़े-बड़े बिजली के पट्टे निकलते हैं जो कि बहुत ही रोशनी भरे होते हैं।
यात्रा के दौरान, बच्चों ने यह सीखा कि हर ग्रह अपने आप में अनूठा होता है और सभी ग्रह अपनी खासियत रखते हैं।

Neptune:
दूर-दूर अंतरिक्ष में, जहाँ तारे टिमटिमाते थे और आकाशगंगाएँ चमकती थीं, वहाँ एक नीला ग्रह रहता था। उसका नाम था वरुण, और वह एक बहुत ही
खास इंसान था! वरुण के बाल इतने नीले थे मानो समुद्र का पानी, और उसकी आँखें बड़ी-बड़ी और चमकदार थीं, ठीक वैसे ही जैसे आकाश में
सबसे चमकते तारे।
वरुण अके ला नहीं रहता था। उसके साथ रहते थे उसके छोटे-छोटे दोस्त, हवा के झोंके ! ये झोंके इतने तेज थे कि कभी-कभी वे वरुण के चारों ओर
एक तूफान बना देते थे, जिससे उसके नीले बाल हवा में उड़ जाते थे! पर वरुण को ये तूफान पसंद थे, क्योंकि ये उसे बहुत खुश करते थे।
एक दिन, एक छोटा सा हवा का झोंका वरुण के पास आया और फु सफु साया, "वरुण, आज रात आकाश में एक नया तारा आया है!" वरुण बहुत
उत्साहित हो गया। वह जल्दी से अपने नीले बादल के झूले पर बैठ गया और आकाश की ओर उड़ गया।
आकाश में पहुँचकर, वरुण ने देखा कि नया तारा बहुत दूर था, लेकिन वह बहुत ही चमकीला था। उसने पूछा, "नमस्ते तारे! तुम कौन हो?"
नया तारा मुस्कु राया और बोला, "नमस्ते वरुण! मैं सूर्य हूँ, इस सौरमंडल का राजा।"
वरुण दंग रह गया। उसने कहा, "लेकिन सूर्य तो पीला होता है, तुम तो बहुत चमकीले हो!"
सूर्य हँसा और बोला, "यह सच है, लेकिन मैं कई अलग-अलग रंगों का प्रकाश निकालता हूँ। आज रात तुम मुझे नीले रंग में देख रहे हो।"
वरुण ने पूछा, "क्या तुम जानते हो कि मैं कितना खास हूँ?"
सूर्य ने कहा, "बिल्कु ल! तुम आठवां ग्रह हो, सूर्य से सबसे दूर। तुम पृथ्वी से 17 गुना ज्यादा भारी हो और इतने ठंडे हो कि तुम्हारी सतह पर बर्फ
जमी हुई है। तुम्हारे चारों ओर तेज़ हवाएँ चलती हैं, जो कभी-कभी तूफान का रूप ले लेती हैं।"
वरुण बहुत गर्व महसूस कर रहा था। उसने सूर्य को धन्यवाद दिया और अपने नीले बादल के झूले पर वापस लौट आया। वरुण को समझ आ गया था कि
भले ही वह दूर अंतरिक्ष में अके ला रहता है, वह खास है और पूरे ब्रह्मांड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
तो बच्चे, जब आप अगली बार रात में आकाश को देखें, तो दूर-दूर नीले ग्रह, वरुण को ढूंढने की कोशिश करें। याद रखें, वह वहाँ है, अपने नीले
बादल के झूले पर बैठा हुआ, तारों को देख रहा है और ब्रह्मांड की खूबसूरती का आनंद ले रहा है।

Pluto:
बहुत समय पहले की बात है, आकाशगंगा में एक छोटा लड़का रहता था, उसका नाम प्लूटो था। वह अपने सभी दोस्तों - विशाल बृहस्पति, चंचल बुध,
और हवादार शनि से बहुत प्यार करता था। लेकिन प्लूटो थोड़ा अलग था। वह अपने ग्रहों के दोस्तों की तरह बड़ा और चमकदार नहीं था।
वह छोटा था, और उसमें चमक भी कम थी।
इस वजह से, दूसरे ग्रह कभी-कभी प्लूटो को चिढ़ाते थे। वे उसे "छोटा प्लूटो" कहते थे और उसे खेलों में शामिल नहीं करते थे। इससे प्लूटो को बहुत
दुख होता था। एक रात, अके लेपन से भरकर, प्लूटो आकाश को निहार रहा था। तभी एक चमकीली लकीर उसके सामने से गुजरी।
यह एक धूमके तु था, जिसकी पूंछ आकाश में फै ली हुई थी।
"आप कौन हैं?" प्लूटो ने पूछा।
"मैं धूमके तु हूँ," उसने जवाब दिया। "मैं पूरे ब्रह्मांड की यात्रा करता हूं।"
प्लूटो ने उत्सुकता से पूछा, "क्या आपने कभी कोई ऐसा ग्रह देखा है जो मुझ जैसा छोटा हो?"
धूमके तु मुस्कु राया और कहा, "बेशक! ब्रह्मांड विशाल है, और इसमें हर तरह के ग्रह हैं, बड़े और छोटे। दरअसल, मैं अभी कु छ बर्फीले ग्रहों से आया
हूँ, जिन्हें हम बौने ग्रह कहते हैं। वे तुम्हारी तरह ही छोटे हैं, लेकिन वे बहुत खास हैं!"
प्लूटो की आँखें चमक उठीं। उसने पूछा, "क्या मैं भी खास हूँ?"
धूमके तु ने कहा, "बिल्कु ल! तुम बहुत खास हो, प्लूटो। तुम सूर्य से बहुत दूर रहते हो, जहाँ बहुत ठंड है। लेकिन तुम्हारे पास बर्फ से बने पहाड़ और
मीथेन की झीलें हैं, जो तुम्हें अनोखा बनाती हैं।"
प्लूटो को खुशी हुई। उसने महसूस किया कि भले ही वह छोटा था, वह फिर भी खास था। उसने धूमके तु को धन्यवाद दिया और सोने चला गया। उस
रात, प्लूटो ने बुरे सपने नहीं देखे। उसने अपने बर्फीले पहाड़ों और मीथेन की झीलों का सपना देखा।
उसने यह भी सपना देखा कि वह एक दिन पूरे ब्रह्मांड का पता लगाएगा, ठीक उसी तरह जैसे धूमके तु करता था।
तभी से, प्लूटो ने खुद को छोटा नहीं समझा। उसने अपनी खासियतों पर गर्व किया और ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने का सपना देखा। आखिरकार, हर
कोई अपने तरीके से खास होता है, भले ही वे छोटे हों।
C:\Program Files\Java\jdk-11\bin
C:\Keys\user.keystore

Moon:
एक बार की बात है, अरु नाम का एक छोटा लड़का था जो चाँद मामा के बारे में जानने का बहुत शौकीन था। वह रात में छत पर लेटकर चाँद को
गौर से देखता और सोचता कि वहाँ क्या होगा।
एक दिन, अरु ने अपनी माँ से पूछा, "माँ, चाँद मामा कै से बने?"
माँ ने मुस्कु राते हुए कहा, "यह एक बहुत पुराना रहस्य है, बेटा। वैज्ञानिकों का मानना है कि चाँद मामा लगभग 4.51 अरब वर्ष पुराने हैं। वे कहते हैं
कि एक बार एक विशालकाय ग्रह पृथ्वी से टकराया था और इस टक्कर से निकले मलबे से चाँद मामा का निर्माण हुआ।"
अरु ने उत्सुकता से पूछा, "क्या चाँद मामा पर कोई रहता है?"
माँ ने कहा, "नहीं बेटा, चाँद मामा पर कोई नहीं रहता। वहाँ हवा नहीं है, पानी नहीं है, और ना ही कोई पेड़-पौधे हैं।"
अरु थोड़ा उदास हो गया। उसने कहा, "तो फिर चाँद मामा पर क्या है?"
माँ ने कहा, "चाँद मामा पर बहुत सारे गड्ढे और पहाड़ हैं। वहाँ ज्वालामुखी भी हैं जो कभी-कभी फटते हैं।"
अरु ने सोचा, "काश मैं चाँद मामा पर जा सकूं और उन गड्ढों और पहाड़ों को देख सकूं ।"
कु छ दिनों बाद, अरु ने स्कू ल में अपने शिक्षक से चाँद मामा के बारे में पूछा। शिक्षक ने कहा, "अरु, चाँद मामा के बारे में अभी भी बहुत कु छ है
जो हम नहीं जानते हैं। वैज्ञानिक लगातार चाँद मामा का अध्ययन कर रहे हैं और नए रहस्य खोज रहे हैं।"
शिक्षक ने आगे कहा, "नासा साल 2024 में एक बार फिर अंतरिक्ष यात्रियों को चाँद मामा पर भेजने की तैयारी कर रहा है। शायद वे कु छ नए रहस्यों
को सुलझाने में मदद कर सकें गे।"
अरु बहुत खुश हुआ। उसने सोचा, "शायद मैं भी एक दिन चाँद मामा पर जा सकूं और उन रहस्यों को खुद से देख सकूं ।"

Sun2:
सूरज नाम का एक चमकदार तारा है। वह इतना बड़ा है कि उसके अंदर 13 लाख पृथ्वी समा सकती हैं! सूरज लगातार जल रहा है, और हर सेकं ड
इतनी ऊर्जा पैदा करता है कि उसे जलाने के लिए हर घंटे 600 करोड़ ट्रक कोयले की जरूरत पड़ेगी!
सूरज सिर्फ गर्म और बड़ा ही नहीं है, बल्कि यह एक चमकता हुआ डिस्को बॉल भी है! वह लगातार विभिन्न रंगों की रोशनी का उत्सर्जन करता है,
लेकिन हमारी आंखें के वल पीले रंग को ही देख पाती हैं। बाकी रंग पृथ्वी के वायुमंडल में बिखर जाते हैं, यही कारण है कि सूर्यास्त और सूर्योदय के
समय आसमान रंगीन दिखाई देता है। सूरज पृथ्वी से बहुत दूर है, लगभग 15 करोड़ किलोमीटर दूर! इतनी दूर होने के बाद भी, उसकी गर्मी हमें पृथ्वी
पर महसूस होती है। यही गर्मी है जो जीवन को संभव बनाती है, पेड़-पौधों को उगाती है और हमें गर्म रखती है।
एक दिन, एक छोटी चिड़िया सूरज को देख रही थी|
वह सोच रही थी कि सूरज इतना ऊपर कै से रह सकता है? वह इतना बड़ा और इतना चमकीला कै से हो सकता है?
चिड़िया उड़कर सूरज के पास जाने का फै सला करती है| वह उड़ती रहती है, उड़ती रहती है, और उड़ती रहती है। वह बहुत दूर तक उड़ती है,
लेकिन वह सूरज के पास नहीं पहुंच पाती है।
अंत में, चिड़िया थक जाती है और वापस पृथ्वी पर आ जाती है
उसने सीखा कि सूरज बहुत दूर है और उसे छू ना असंभव है।
चिड़िया यह भी सीखती है कि सूरज एक अद्भुत तारा है जो जीवन को संभव बनाता है
वह सूरज के लिए आभार व्यक्त करती है और उसे जीवन का आधार मानती है।
इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि सूरज एक अद्भुत प्राकृ तिक चमत्कार है
हमें सूरज के लिए आभारी होना चाहिए और उसकी रक्षा करनी चाहिए.

Mercury2:
बहुत दूर, अंतरिक्ष में, बुध नाम का एक छोटा सा लड़का रहता है। वह सूर्य के सबसे करीब रहता है, इसलिए उसे हमेशा बहुत गर्मी या बहुत सर्दी
झेलनी पड़ती है। दिन में, सूर्य की गर्मी से बचने के लिए बुध अपने घर में छु प जाता है।
उसका घर मिट्टी और चट्टानों से बना है, बिल्कु ल उसी तरह से जैसा पृथ्वी पर होता है। रात में, जब सूर्य सो जाता है, तो बुध बाहर निकल कर
खेलता है। लेकिन रात को भी बहुत ठंड पड़ती है, इसलिए बुध को हमेशा अपने गर्म कपड़े पहनने पड़ते हैं।
बुध को अके ले खेलना पसंद नहीं है। उसके पास कोई भाई-बहन या दोस्त नहीं हैं, क्योंकि बुध के पास कोई चांद नहीं है।

Venus2:
वीनस सूर्यमाला की सबसे गर्म ग्रह है! वह छोटी और पथरीली है, परंतु उसके पास एक मोटा वायुमंडल है जो गर्मी को फँ सा लेता है, जिससे वीनस
बहुत गर्म हो जाता है।
वीनस बहुत खास है, वह पृथ्वी और अन्य ग्रहों के विपरीत दिशा में घूमती है! वहाँ पर ज्वालामुखी भी पाए जाते हैं! वीनस पर एक दिन पृथ्वी के
243 दिनों के बराबर होता है, जबकि एक साल के वल 225 दिनों का होता है।
दिलचस्प बात यह है कि वीनस का कोई चाँद नहीं है, लेकिन उसके दो पड़ोसी ग्रह हैं - बुध और पृथ्वी! वीनस को प्राचीन काल से ही जाना जाता
है क्योंकि उसे दूरबीन के बिना भी आसानी से देखा जा सकता है।
वीनस को हमेशा अपने गर्म कपड़े पहनने पड़ते हैं, क्योंकि वहाँ बहुत गर्मी होती है। वह कभी भी ठंडी नहीं हो पाती! वीनस को अपने ज्वालामुखी पहाड़ों
पर चढ़ना भी बहुत पसंद है, हालाँकि यह काफी गर्म होता है।

Earth2:
एक छोटी सी चट्टानी लड़की, जिसका नाम धरती है, सूरज के इर्द-गिर्द घूम रही है। वह अपने दोस्तों शुक्र और मंगल के साथ खेलती है, और धरती
बहुत खास है। उसके पास एक जादुई कं बल है, जिसे वायुमंडल कहा जाता है। यह कं बल इतना मोटा नहीं है कि उसे गर्मी लगे, और इतना पतला नहीं
है कि उसे सर्दी लगे। यह बिल्कु ल सही है!
धरती को उसका कं बल बहुत पसंद है, क्योंकि इसी की वजह से उस पर पेड़-पौधे उग सकते हैं और जानवर रह सकते हैं। धरती को जानवरों से बहुत
प्यार है, इसलिए वह बहुत खुश है।
हर रात, चाँद, धरती का सबसे अच्छा दोस्त, उसे सोने के लिए कहानियाँ सुनाता है। एक रात, चाँद ने धरती से कहा, "तुम्हें पता है, तुम बहुत
खास हो। तुम एकमात्र ऐसी ग्रह हो जिसके पास जीवन है!"
धरती चौंक जाती है। "वाकई?" वह पूछती है।
चाँद मुस्कु राते हुए कहता है, "हाँ! और तुम्हारे पास एक और खास चीज है। हर चार साल में, तुम एक अतिरिक्त दिन मनाती हो, जिसे हम अधि-वर्ष
कहते हैं।"
धरती सोचती है कि यह कितना रोमांचक है। वह सूरज के इर्द-गिर्द घूमती रहती है, अपने दोस्तों के साथ खेलती रहती है, और हर रात चाँद की
कहानियों को सुनती रहती है।

Mars2:
कभी एक छोटा सा लड़का मंगल ग्रह पर रहता था। उसका नाम भी मंगल ही था। मंगल एक चट्टानी ग्रह था, ठीक वैसे ही जैसे पृथ्वी पर पहाड़ होते हैं।
उसके आसमान में हवा बहुत कम थी, इसलिए उसे हमेशा एक स्पेससूट पहनना पड़ता था।
मंगल थोड़ा अके ला रहता था क्योंकि उसके माता-पिता बहुत दूर चले गए थे। परंतु उसके दो छोटे मित्र थे, फोबोस और डेमोस। ये उसके पालतू कु त्तों
की तरह थे, लेकिन हां, थोड़े अजीब दिखने वाले! वह असल में उनके साथ खेल नहीं सकता था क्योंकि वे चाँद थे! फिर भी, रात के समय जब
आसमान में चमकते थे, तो मंगल उनसे बातें करता था और उन्हें कहानियां सुनाता था।
मंगल को अपने ग्रह से बहुत प्यार था। वहां ज्वालामुखी तो नहीं थे, मगर रेगिस्तान थे, जिनमें वह अपने स्पेस ट्रक से रेस लगाता था। कभी-कभी वह
अपने स्पेस टेलिस्कोप से पृथ्वी को देखता था।
पृथ्वी नीली और हरी दिखती थी, मंगल को लगता था, वहां ज़रूर बहुत मज़ा आता होगा!
एक रात उसने एक तारे को टू टते देखा। उसने तुरंत इच्छा की, "काश मैं पृथ्वी पर जा सकूं !" फिर वह अपने खिलौनों के साथ सो गया, यह सपना
देखते हुए कि एक दिन वह पृथ्वी के बच्चों से मिल सके गा।

दूर अंतरिक्ष में मंगल नाम का एक छोटा लड़का रहता है। वह एक चट्टानी ग्रह है, ठीक वैसे ही जैसे पृथ्वी पर पहाड़ होते हैं। उसके आसमान में हवा
बहुत कम है, इसलिए उसे हमेशा एक स्पेससूट पहनना पड़ता है।
मंगल थोड़ा अके ला रहता है क्योंकि उसके माता-पिता बहुत दूर चले गए हैं। परंतु उसके दो छोटे मित्र हैं, फोबोस और डेमोस। ये उसके पालतू कु त्तों की
तरह हैं, लेकिन हां, थोड़े अजीब दिखने वाले! वह असल में उनके साथ खेल नहीं सकता क्योंकि वे चाँद हैं! फिर भी, रात के समय जब आसमान
में चमकते हैं, तो मंगल उनसे बातें करता है और उन्हें कहानियां सुनाता है।
मंगल को अपने ग्रह से बहुत प्यार है। वहां ज्वालामुखी तो नहीं हैं, मगर रेगिस्तान हैं, जिनमें वह अपने स्पेस ट्रक से रेस लगाता है। कभी-कभी वह
अपने स्पेस टेलिस्कोप से पृथ्वी को देखता है।
पृथ्वी नीली और हरी दिखती है। मंगल को लगता है, वहां ज़रूर बहुत मज़ा आता होगा!
एक रात उसने एक तारे को टू टते देखा। उसने तुरंत इच्छा की, "काश मैं पृथ्वी पर जा सकूं !" फिर वह अपने खिलौनों के साथ सो गया, यह सपना
देखते हुए कि एक दिन वह पृथ्वी के बच्चों से मिल सके गा।

Jupiter2:

बृहस्पति ब्रह्मांड का सबसे बड़ा पहलवान है! वह इतना बड़ा है कि सूरज के इर्द-गिर्द घूमने वाले बाकी सभी ग्रहों को मिलाकर भी उससे बड़ा नहीं हो
पाता!
बृहस्पति गैस का बना हुआ है, इसलिए उसका शरीर इतना हल्का है कि वह हवा में तैर सकता है! उसके शरीर में हाइड्रोजन और हीलियम जैसी हल्की
गैसें भरी हैं। उसके चारों ओर एक मोटा कं बल है, जिसे वायुमंडल कहते हैं। इस कं बल में रंग-बिरंगी बादल बने रहते हैं।
बृहस्पति के पास अंगूठियां भी हैं, लेकिन वे इतनी हल्की हैं कि उन्हें देखना बहुत मुश्किल है। मगर सबसे खास है उसका लाल धब्बा! यह धब्बा इतना
बड़ा है कि उसमें पूरी पृथ्वी समा सकती है, और यह सैकड़ों सालों से लगातार घूम रहा है, मानो कोई तूफान हो!
बृहस्पति पर एक दिन सिर्फ 10 घंटे का होता है! तो आप सोच सकते हैं, वह कितनी तेजी से घूमता होगा! लेकिन वहां एक साल इतना लंबा होता
है कि जितने में पृथ्वी पर 12 साल बीत जाते हैं!
बृहस्पति अके ला नहीं रहता है। उसके 95 चांद हैं, जो उसके इर्द-गिर्द खेलते रहते हैं। सूरज से वह पांचवें नंबर पर है, तो उसके पड़ोसी मंगल और
शनि हैं।
तो यह है बृहस्पति, ब्रह्मांड का सबसे बड़ा, सबसे हल्का, और सबसे तेज पहलवान, जो अपने चांदों के साथ हमेशा मस्ती करता रहता है!

Pluto2:
प्लूटो पृथ्वी से बहुत दूर, सूर्य के किनारे रहता है। वह सूर्य के चारों ओर घूमता है, लेकिन कभी-कभी थोड़ा अलग रास्ते पर चला जाता है। इस दौरान,
कु छ समय के लिए, वह अपने पड़ोसी नेपच्यून से भी ज्यादा सूर्य के करीब हो जाता है!
प्लूटो अके ला नहीं है। उसके आस-पास बर्फीले गोलों और बौने ग्रहों का एक पूरा समूह है, जिसे कु इपर बेल्ट कहते हैं। प्लूटो इस इलाके का "राजा" है,
हालांकि एक और बौना ग्रह, एरिस, उससे थोड़ा भारी है।
प्लूटो की दुनिया पृथ्वी से बहुत अलग है। वहां एक साल इतना लंबा होता है, जितना पृथ्वी पर 248 साल! यानी अगर आप प्लूटो पर रहते, तो
आपका पहला जन्मदिन मनाने में 248 पृथ्वी-वर्ष लग जाते!
प्लूटो को अपने अजीबोगरीब पड़ोसियों और रहस्यमय सफर से प्यार है। वह जानता है कि वैज्ञानिक एक दिन उसके रहस्यों को सुलझा लेंगे और इससे उन्हें
यह पता करने में मदद मिलेगी कि हमारा सौरमंडल कै से बना!

Neptune2:
नेप्च्यून आठ भाई-बहनों में सबसे छोटा है। वह सूर्य से बहुत दूर रहता है, इतना दूर कि उसे सूर्य की गर्मी बिल्कु ल महसूस नहीं होती!
इस वजह से, नेप्च्यून हमेशा ठंडा रहता है, उसकी त्वचा बर्फ जैसी सफे द है और उसके बाल हवा में लहराते नीले बादलों जैसे हैं।
नेप्च्यून अके ला नहीं है। उसके साथ 16 मित्र हैं, जिन्हें चांद कहते हैं। वे उसके साथ खेलते कू दते और रात में आकाश में चमकते हैं।
नेप्च्यून को हवा में घूमना बहुत पसंद है। उसकी हवा इतनी तेज चलती है कि वह कभी-कभी अपने दोस्त यूरेनस के पास घूमने के लिए भी निकल जाता
है।
हालांकि, यूरेनस के पास जाने में उसे बहुत समय लगता है, पूरे 165 साल! इसलिए, नेप्च्यून को अपने चांदों के साथ खेलना और अंतरिक्ष के नज़ारों
का आनंद लेना ज्यादा पसंद है।

क्या तुम जानते हो, पृथ्वी सूर्य के चारों ओर इतनी तेजी से घूमती है कि हर सेकं ड हम लगभग 30 किलोमीटर का सफर तय करते हैं? यह तो ऐसे
ही है जैसे हम हर वक्त एक तेज रफ्तार वाली कार में सवार हो, सूर्य से सटे हुए छोटे चट्टानी ग्रहों से लेकर दूर के गैसी दिगजों तक, हमारा सौरमंडल
एक विशाल अंतरिक्षी खेल का मैदान है, इसमें इतनी जगह है कि सभी ग्रहों को मिलाकर भी सूर्य के अंदर आसानी से समाया जा सकता है, क्या कभी
अंतरिक्ष में? वाले संगीत के बारे में सुना है वैज्ञानिकों ने सूर्य और उसके वातावरण से निकलने वाली विभिन्न तरंगों को आवाज में बदलकर अंतरिक्षी ध्वनियों
को रिकॉर्ड किया है यह संगीत सुनने में भले ही अजीब लगे लेकिन यह हमें ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने में मदद करता है पृथ्वी पर मौसम बदलता रहता
है वैसे ही अंतरिक्ष में भी मौसम होता है सूर्य से निकलने वाले आवेशित कण अंतरिक्ष मौसम को प्रभावित करते हैं जिससे कभी-कभी उपग्रहों और अंतरिक्ष
यातत्रियों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है, यह रोचक तथ्य हमें यह सोचने पर मजबूर कर देते हैं कि हमारा सौरमंडल कितना अनोखा और रोमांचक
है, भविष्य में शायद हम अंतरिक्ष की यात्रा कर सके और इन अद्भुत चीजों को देख सके |

अंतरिक्ष के विशाल फै लाव में, "उपग्रह" नामक मित्र तेजी से दौड़ रहे हैं! वे पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाते हैं, ठीक उसी तरह जैसे आप हुला हूप
के साथ खेलते समय घूमते हैं!
कु छ उपग्रह विशेष कै मरों वाले सुपरहीरो की तरह होते हैं। वे पृथ्वी की तस्वीरें लेते हैं, जिससे हमें बादल, महासागर और पहाड़ों को भी देखने में मदद
मिलती है!
ये तस्वीरें जादुई नक्शों की तरह हैं, जो मौसम विभाग के विशेषज्ञों को अगले बरसात के दिन या बड़े तूफान की भविष्यवाणी करने में मदद करती हैं।
अन्य उपग्रह बातूनी दोस्तों की तरह हैं, जो आपके फोन कॉल और टीवी शो को दूर-दूर तक ले जाते हैं। अगली बार जब आप देश भर में अपने दादा-
दादी को फोन करें तो आप उन्हें धन्यवाद भी दे सकते हैं!
लेकिन सबसे शानदार ब्रह्मांड का पता लगाने के लिए विशेष उपकरणों का उपयोग करने वाले जासूसों की तरह हैं! वे दूर के ग्रहों, लाखों दीयों की तरह
टिमटिमाते तारों और यहां तक कि ब्लैक होल - अंतरिक्ष में अदृश्य दिग्गजों की तस्वीरें क्लिक करते हैं!
तो, अगली बार जब आप रात के आसमान को देखें, तो याद रखें, वहाँ मित्रवत उपग्रह घूम रहे हैं, जो हमें सीखने, जुड़ने और अद्भुत ब्रह्मांड का पता
लगाने में मदद कर रहे हैं!
********
रोहन हमेशा एक अंतरिक्ष यात्री बनने का सपना देखता था, जो तारों की खोज करता था। लेकिन अंतरिक्ष हमारे आरामदेह घरों के विपरीत, एक खतरनाक
जगह है! इसलिए, अंतरिक्ष यात्री सुरक्षित रहने के लिए विशेष सूट पहनते हैं, जो सुपरहीरो के कवच की तरह होते हैं।
ये सूट सुपरकू ल जैके ट की तरह होते हैं जो उन्हें अंतरिक्ष में बहुत अधिक गर्मी या ठंड से बचाते हैं, ठीक उसी तरह जैसे आपकी माँ आपको ठंड होने
पर स्वेटर देती हैं और गर्मी होने पर सिर्फ टी-शर्ट पहनने देती हैं।
चूंकि अंतरिक्ष में पृथ्वी जैसी हवा नहीं होती है, इसलिए सूट में डॉक्टर के कार्यालय में आपके ऑक्सीजन मास्क की तरह, विशेष बैकपैक होते हैं जो
ऑक्सीजन से भरे होते हैं, जिससे उन्हें आसानी से सांस लेने में मदद मिलती है।
सूट में आपकी तरह ही पानी की बोतलें भी होती हैं, जो उनके अंतरिक्ष कारनामों के दौरान उन्हें हाइड्रेटेड रखती हैं। और उन्हें छोटे, तेज गति से चलने
वाले अंतरिक्ष के धूल से बचाने के लिए, जैसे तेजी से उड़ने वाले कं कड़, सूट ढाल की तरह काम करते हैं।
अंत में, सूट में आपके धूप के चश्मे की तरह विशेष विज़र होते हैं, उनके पास अंतरिक्ष में चमकदार धूप से उनकी आंखों की रक्षा के लिए सोने का
अस्तर होता है! तो अगली बार जब आप किसी अंतरिक्ष यात्री की तस्वीर देखें, तो उनके अद्भुत सूट को याद करें, जो उन्हें अंतरिक्ष के चमत्कारों का
पता लगाने के दौरान सुरक्षित रखता है!

MARS::
बताओ, क्या तुमने कभी सोचा है कि रात के आसमान में टिमटिमाते वो लाल चमकते बिंदु क्या हैं? वे असल में हीरे नहीं, बल्कि एक छिपा हुआ जहाँ
है, जिसे मंगल कहते हैं! ये लाल ग्रह, हमारे घर के पीछे वाले बगीचे जैसा गोल है, पर इससे कहीं दूर, रात के काले पर्दे पर छु पा हुआ।
यह जगह बहुत खास है! यहां इतनी ठंड है कि तुम्हें वहाँ खेलने के लिए अंतरिक्ष यात्री बनना पड़ेगा - एक स्पेस सूट पहनना होगा जो तुम्हें गर्म रखेगा.
वहां की हवा इतनी पतली है कि चाहकर भी तुम बुलबुले नहीं उड़ा पाओगे!
मगर, मंगल के बारे में सबसे जादुई बात ये है कि वैज्ञानिकों को लगता है, कभी बहुत समय पहले वहाँ नदियाँ और समंदर हुआ करते थे! शायद वहाँ
भी तुम्हारे जैसे ही छोटे-छोटे जीव रहते होंगे, जो पानी में छु प-छु प कर खेलते होंगे.
आज, वह पानी जम गया है, मानो वहाँ का राजा ठंड का जादूगर हो जिसने सब कु छ बर्फ में बदल दिया हो! पर वैज्ञानिक हार नहीं मानते. उन्होंने
रोवर नाम की गाड़ियाँ भेजी हैं जो इधर-उधर घूम कर मंगल की तस्वीरें लेती हैं और उसकी मिट्टी खोदती हैं, ठीक वैसे ही जैसे तुम रेत में खजाना
ढूंढते हो!
कौन जाने, शायद एक दिन तुम सच में अंतरिक्ष यात्री बनकर जाओ और मंगल पर एक लाल रेत का किला बनाओ!

:::
कल्पना कीजिए एक लाल क्रस्ट वाला एक विशाल पिज्जा! कु छ-कु छ ऐसा ही मंगल दिखता है! यह अंतरिक्ष में हमारा पड़ोसी है, सूर्य से चौथा ग्रह।
पृथ्वी के विपरीत, मंगल बहुत ठंडा और सूखा है। अपने जीवन के सबसे कड़ाके की सर्दी के बारे में सोचें - मंगल उससे भी ज्यादा ठंडा है! वहां हवा
न के बराबर है, इसलिए आप सांस नहीं ले पाएंगे और न ही कोई शानदार गुब्बारा फु ला पाएंगे।
मंगल के बारे में सबसे जादुई बात ये है कि वैज्ञानिकों को लगता है, कभी बहुत समय पहले वहाँ नदियाँ और समंदर हुआ करते थे! शायद वहाँ भी
तुम्हारे जैसे ही छोटे-छोटे जीव रहते होंगे, जो पानी में छु प-छु प कर खेलते होंगे.
आज, वह पानी जम गया है, मानो वहाँ का राजा ठंड का जादूगर हो जिसने सब कु छ बर्फ में बदल दिया हो! पर वैज्ञानिक हार नहीं मानते. उन्होंने
रोवर नाम की गाड़ियाँ भेजी हैं जो इधर-उधर घूम कर मंगल की तस्वीरें लेती हैं और उसकी मिट्टी खोदती हैं, ठीक वैसे ही जैसे तुम रेत में खजाना
ढूंढते हो!
तो भले ही अभी मंगल थोड़ा कठोर लगता है, यह रहस्यों से भरा हुआ स्थान है जिसका खुलासा होना बाकी है। कौन जानता है, शायद एक दिन यह
हमारा नया अंतरिक्ष साहसिक खेल का मैदान बन जाए!

Mercury::

आज हम बुध नामक चमकीले तारे की सवारी करते हैं! वो धरती से काफी छोटा है!
बुध सूर्य के सबसे करीब है, इसलिए वहाँ बहुत गर्मी होती है, दिन में तो इतनी कि अंडे भी सख्त हो सकते हैं! लेकिन रात में, अचानक ठंड बहुत
बढ़ जाती है.
बुध पर कोई हवा नहीं है, इसलिए आवाज़ भी नहीं सुनाई देती. वहाँ कोई बादल नहीं हैं, इसलिए रात में आसमान में सारे तारे झिलमिलाते नजर आते
हैं! बुध पर सूर्य कभी-कभी पीछे की ओर जाता हुआ दिखाई देता है, जादू जैसा लगता है ना?

Moon:::
रात के आसमान में, एक चमकता हुआ दोस्त है जिसे हम चाँद कहते हैं। हर रात, यह बादलों के बीच से झांकता है, एक रक्षक की तरह हम पर
नजर रखता है। चाँद सिर्फ रोशनी नहीं देता, उसके भी राज़ हैं!
क्या आप जानते हैं कि चाँद की अपनी रोशनी नहीं होती है? यह सूर्य के प्रकाश को लौटता है, जिससे वह अंधेरे में चमकता है। और वे काले धब्बे?
उन्हें "समुद्र" कहा जाता है, लेकिन वे वास्तव में पानी से भरे नहीं होते हैं, वे प्राचीन लावा के प्रवाह हैं जो समय के साथ जम गए हैं!
चाँद पृथ्वी के साथ भी एक नृत्य करता है, ज्वार पैदा करने के लिए महासागरों को खींचता है। यह एक खगोलीय नृत्य है जो अरबों वर्षों से चल रहा है।
और चलो चाँद पर हमारे रोमांच को ना भूलें! इंसानों ने धूल भरी सतह पर अपने पैरों के निशान छोड़े हैं, इसके रहस्यों को खंगाला है।
इसलिए, अगली बार जब आप रात के आसमान को देखें, तो हमारे चमकते दोस्त, चाँद को उसकी रोशनी, छायाओं और अनंत आश्चर्य की कहानियों के
साथ याद रखें।

Uranus:::
हमारे सौरमंडल की विशालता में, एक ग्रह है जिसका नाम यूरेनस (Uranus) है। अपने पड़ोसियों के उलट, यूरेनस चीजों को अलग तरह से करना
पसंद करता है। अपने बर्फीले नीले रंग के साथ, यह तारों के बीच एक बड़े नीलमणि की तरह खड़ा है।
यूरेनस एक मिलनसार ग्रह है, जो हमेशा अपने एक तरफ एक बड़ी सी मुस्कान लिए रहता है, अपने अनोखे धुरी पर खुशी से घूमता रहता है। इसका
गाढ़ा मीथेन का वातावरण इसे आकाश में एक जवाहरात की तरह चमकाता है।
यूरेनस के चारों ओर छल्लों का एक चक्र नाचता है, जैसे सर्क स कलाकार के चारों ओर चमकते हुए घेरे। और हाँ, चांद! अरे वाह! यूरेनस के 27
चंचल चंद्रमा हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी कहानी है।
अपनी अजीब आदतों के बावजूद, यूरेनस की अपनी लय है। यहां एक दिन सिर्फ 17 घंटे से कु छ ज्यादा का होता है, लेकिन एक साल? वाह, यह
काफी लंबा इंतजार है - पूरे 84 पृथ्वी वर्ष!
लेकिन यूरेनस को लंबे इंतजार की कोई परेशानी नहीं है। उसके पास अपने छल्ले, उसके चंद्रमा और उसका बग़ल का घूमना उसे साथ रखने के लिए है,
अंतरिक्ष के विशाल चमत्कारों में हर पल को एक रोमांच बना देता है।

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