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Kamakhya Mantra
Kamakhya Mantra
1 देवी कामाख्या, देवी सती का ही रूप है | पौराणिक कथा के अनुसार जब देवी सती ने आत्मदाह कर लिया था तब भगवान शिव क्रोधित होकर
उनका शव हाथ में लिए सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में विचरण करने लगे | अब भगवान विष्णु अपने चक्र के द्वारा देवी सती के शव को खंडित कर देते है |
उनके शव के टुकड़े जहाँ-जहाँ पृथ्वी पर गिरते है वे सभी स्थान देवी सती के सिद्ध पीठ कहलाये | देवी सती के शव के कु ल 51 टुकड़े इस
पृथ्वी पर गिरे ये सभी माँ के 51 सिद्ध पीठ कहलाये | देवी सती का योनी भाग जिस स्थान पर गिरा वह स्थान कामाख्या
देवी/Kamakhya Mantra सिद्ध पीठ के नाम से विख्यात हुआ | देवी कामाख्या सिद्ध पीठ स्वयं में एक चमत्कारी स्थान है
जहाँ दूर-दूर से साधक अपनी तंत्र साधनों में सिद्ध प्राप्त करने आते रहते है |
देवी कामाख्या की उपासना शीघ्र फल प्रदान करने वाली है | जो भक्त देवी कामाख्या की नियमित रूप से पूजा-आराधना करते है वे जीवन भर
सुख भोगते है, दुःख ऐसे जातक से कोसों दूर रहते है | आज हम आपको देवी कामाख्या के कु छ शक्तिशाली मन्त्रों के विषय में जानकारी देने
वाले है जिनके प्रयोग से आप भी अपने जीवन को सुखमय बना सकते है |
माँ कामाख्या के इस मंत्र/Kamakhya Mantra का प्रतिदिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर पूजा के स्थान पर बैठकर 3
माला का जप करना चाहिए | मंत्र जप शुरू करने से पहले माँ कामाख्या देवी का मन में स्मरण करें व उनसे अपना आशीर्वाद पाने हेतु अरदास
लगाए | लगातार 41 दिनों तक इसी प्रकार मंत्र जप करने से जातक के घर में सुख शांति व सम्रद्धि आने लगती है |
|| त्रीं त्रीं त्रीं हूँ हूँ स्त्रीं स्त्रीं कामाख्ये प्रसीद स्त्रीं स्त्रीं हूँ हूँ त्रीं त्रीं त्रीं स्वाहा ||
माँ कामाख्या देवी का यह मंत्र तंत्र साधना के अंतर्गत आता है | यह बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है | जो जातक इस मंत्र में सिद्धि प्राप्त कर लेते है
उन्हें जीवन में किसी प्रकार की कोई कठिनाई अनुभव नहीं होती | ऐसा कोई कार्य नहीं जिसे वह पूर्ण न कर पाए | तंत्र साधकों का मानना है कि
इस मंत्र में सिद्धि कामाख्या देवी के शक्तिपीठ पर ही संभव है | इस मंत्र द्वारा तंत्र साधना किसी योग्य गुरु के सानिध्य में ही संपन्न करनी चाहिए |
माँ कामाख्या देवी की पूजा आराधना शुरू करने से पूर्व इस मंत्र द्वारा उनका स्मरण करना चाहिए उन्हें प्रणाम करना चाहिए |
Kamakhya Mantra
माँ कामाख्या देवी के इस मंत्र द्वारा किसी को भी अपने वश में किया जा सकता है | देवी के इस मंत्र को सिद्ध करना काफी कठिन है लेकिन
असंभव नहीं | आत्मबल और द्रढ़ निश्चय के बल पर आप इस मंत्र में सिद्धि अर्जित कर सकते है | लेकिन इस मंत्र को सिद्ध करने का विधि-
विधान बहुत लम्बा है जिसमें : विनियोग, करन्यास, अंग न्यास करने के उपरांत मुख्य साधना आरम्भ की जाती है और यह आप किसी
किताब से पढ़कर नहीं अपितु किसी योग्य गुरु के सानिध्य में ही संभव कर सकते है | बिना गुरु के इस साधना को करने का प्रयास न करे व
किसी योग्य गुरु की खोज करें जो आपको इस साधना के विषय में अधिक जानकारी और अनुभव दे सके |
कामाख्या देवी(Kamakhya Mantra) के स्थान पर एक विशेष प्रकार का सिन्दूर मिलता है जिसे कामिया सिन्दूर कहा जाता
है | यह सिन्दूर आपको किसी अन्य स्थान पर नहीं मिलेगा | इस सिन्दूर को अभिमंत्रित कर प्रयोग में लाने से परिवार में सुख-शांति व वैवाहिक
जीवन में खुशियाँ मिलती है | कामिया सिन्दूर को अभिमंत्रित करने की विधि इस प्रकार है :-
एक चांदी की डिब्बी में इस सिन्दूर को भरकर रख ले | अब शुक्रवार की सुबह पूजा के स्थान पर बैठकर इस सिन्दूर की डिब्बी को अपने सामने
रखकर नीचे दिए गये मंत्र के 108 जप करें | 108 मंत्र जप पूर्ण होने पर 7 मंत्र जप और करें जिसनें प्रत्येक मंत्र पूर्ण होने पर इस
सिन्दूर में फूं क लगाये | इस प्रकार कु ल 7 बार सिन्दूर में मंत्र के साथ फूं क लगाते जाए | इस कार्य को शुक्रवार के दिन से शुरू कर आने वाले
शुक्रवार तक करें | प्रतिदिन इसी विधि अनुसार मंत्र जप करते रहे (Kamakhya Mantra)|
मंत्र इस प्रकार है :
अब इस कामिया सिन्दूर में थोड़ी मात्रा में के सर, गंगाजल चन्दन मिला ले | अब आप इस मिश्रण से स्वयं को तिलक करें | इस मिश्रण द्वारा
तिलक करके आप जिस भी व्यक्ति के सामने जायेंगे वह आपके वशीभूत होने लगेगा |
तंत्र विद्या की दृष्टि से कामाख्या सिद्ध पीठ सम्पूर्ण भारत में प्रथम स्थान पर आता है | यहाँ प्रतिवर्ष अम्बूबाची नाम से मेला लगता है जिसमें दूर
दूर से साधक तंत्र साधना(Kamakhya Mantra) में सिद्धि अर्जित करने यहाँ आते है | तंत्र साधना द्वारा ही नहीं अपितु
दैनिक पूजा-आराधना से भी माँ कामाख्या देवी का आर्शीवाद अति शीघ्र प्राप्त होने लगता है | माँ कामाख्या आपकी सभी मनोकामना पूर्ण करे
ऐसी हम कामना करते है |