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सदस्य संदर्भ सेवा, लार्डभ स

लोक सर्ा सर्िवालय

नई र्दल्ली

र्वधायी र्िप्पण
संसद सदस्यों के उपयोगार्भ प्रकाशनार्भ नहीं
सं.23 /एलएन/रे फ./अगस्त/2023

र्वधायी िर्डर्ििल वैयर्िक डािा संरक्षण र्वधेयक, 2023


● र्वगत वर्षों के दौरान, तीव्र प्रौद्योर्गकीय र्वकास के पररणामस्वरूप र्वर्र्न्न कायभ कलापों के माध्यम से बड़े पैमाने पर डािा का सृिन हो रहा
है।
● डािा का महत्व बढ़ता िा रहा है और र्वर्र्न्न प्रकार के वैयर्िक डािा को प्राप्त करने हे तु कौशलों और अवसरों का तेिी से र्वकास हो रहा
है।
● वैयर्िक डािा की अप्रार्धकृत, लापरवाही से और अज्ञानतावश प्रोसेर्संग र्कए िाने से व्यर्ियों तर्ा कंपर्नयों को र्ारी क्षर्त हो सकती है।
इसर्लए वैयर्िक डािा के संरक्षण की आवश्यकता है।
● उपयोगकताभ ओ ं के वैयर्िक डािा का संरक्षण करने हे तु केंद्र सरकार ने सूिना प्रौद्योर्गकी अर्धर्नयम, 2000 के अधीन अपनी शर्ियों का
प्रयोग करते हु ए सूिना प्रौद्योर्गकी ( उर्ित सुरक्षा पद्धर्तयां एवं प्रर्ियाएं और संवेदनशील वैयर्िक डािा या सूिना ) र्नयम, 2011 बनाए हैं ।
● श्री अर्िनी वैष्णव ने 3 अगस्त, 2023 को लोक सर्ा में र्डर्ििल वैयर्िक डािा संरक्षण र्वधेयक, 2023 पुरः स्र्ार्पत र्कया र्ा ।
र्वधे यक का संर्क्षप्त इर्तहास :
● 24 अगस्त, 2017 को उच्ितम न्यायालय की 9 सदस्यीय संवध ै ार्नक खंडपीठ ने िर्स्िस के.एस. पुट्टास्वामी एवं अन्य बनाम र्ारत संघ (
2012 का डब्लल्यू पी 494) के मामले में अपना र्नणभ य देते हु ए यह कहा र्क 'र्निता' र्ारत के संर्वधान के अनुच्छे द 21 के तहत एक मौर्लक
अर्धकार है।
● उच्ितम न्यायालय द्वारा 'र्निता' को र्ारत के संर्वधान के अनुच्छे द 21 के तहत मौर्लक अर्धकार घोर्र्षत र्कए िाने और एक सुदृढ़ डािा
संरक्षण तंत्र स्र्ार्पत करने की मांग र्कए िाने के बाद सरकार ने डािा संरक्षण संबंधी मुद्दों की िांि करने के र्लए न्यायमूर्तभ बी.एन.
श्रीकृष्ण की अध्यक्षता में िुलाई, 2017 में “ डािा संरक्षण संबंधी र्वशेर्षज्ञों की एक सर्मर्त" का गठन र्कया ।
● 11 र्दसंबर, 2019 को लोकसर्ा में वैयर्िक डािा संरक्षण र्वधेयक, 2019 पुरः स्र्ार्पत र्कया गया और उसी र्दन इसे “वैयर्िक डािा संरक्षण
र्वधेयक, 2019" संबंधी संयुि सर्मर्त को र्ेि र्दया गया र्ा।
● श्री पी. पी. िौधरी, संसद सदस्य की अध्यक्षता में वैयर्िक डािा संरक्षण र्वधेयक, 2019 संबंधी संयुि सर्मर्त ने 16 र्दसंबर, 2021 को अपना
प्रर्तवेदन प्रस्तुत र्कया।
● 3 अगस्त, 2022 को केंद्र सरकार ने उि वैयर्िक डािा संरक्षण र्वधेयक, 2019 को वापस ले र्लया तार्क इसके स्र्ान पर एक नया र्वधेयक
पुरःस्र्ार्पत र्कया िा सके र्िसमें “व्यापक ढांिा" एवं ‘वतभ मान र्डर्ििल र्निता संबंधी र्वर्धयों’ को शार्मल र्कया िा सके।
● इस नये र्वधेयक अर्ाभ त “वैयर्िक डािा संरक्षण र्वधेयक, 2022" को 18 नवंबर, 2022 को िनता की राय िानने के र्लए पररिार्लत र्कया
गया।

श्री नीरि सेमवाल, संयुि सर्िव और श्री एस.होल्खोपाओ बाइते, र्नदेशक के पयभ वेक्षण में श्री र्वनोद कुमार खुयाहामा, संयुि र्नदेशक द्वारा तैयार
र्कया गया ।

यह र्वधायी र्िप्पण संसद सदस्यों के संसदीय कतभ व्यों के र्नवभ हन हे तु उनके र्निी उपयोग के र्लए है और प्रकाशनार्भ नहीं है । इस सेवा को सूिना
के स्रोत के रूप में उद्धत
ृ नहीं र्कया िाना िार्हए क्योंर्क यह अंत में /संदर्भ में दशाभ ए गए स्रोतों पर आधाररत है ।
पृष्ठर्ूर्म
र्वगत वर्षों के दौरान, तीव्र प्रौद्योर्गकीय र्वकास के पररणामस्वरूप र्वर्र्न्न कायभ कलापों के माध्यम से बड़े पैमाने पर डािा का सृिन
हु आ है तर्ा व्यवसायों द्वारा डािा के आधार पर पहले से अर्धक र्नणभ य र्लए िा रहे हैं । राज्य द्वारा सुर्वधाएं उपलब्लध कराने हे तु सरकार द्वारा बड़े
पैमाने पर डािा का संग्रहण और उपयोग र्ी र्कया िा रहा है। इसका एक उदाहरण बायोमीर्िक पहिान तर्ा आधार सत्यापन प्रणाली है र्िसके
माध्यम से सरकार रािसहायता िैसे लार्ों को लर्क्षत लोगों तक पहु ंिा पाती है । डािा का महत्व लगातार बढ़ता िा रहा है और र्वर्र्न्न प्रकार के
वैयर्िक डािा को प्राप्त करने हे तु कौशलों और अवसरों का तेिी से र्वकास हो रहा है। उपयोगकताभ ओ ं के वैयर्िक डािा का संरक्षण करने हे तु केंद्र
सरकार ने सूिना प्रौद्योर्गकी अर्धर्नयम, 2000 के अधीन अपनी शर्ियों का प्रयोग करते हु ए सूिना प्रौद्योर्गकी ( उर्ित सुरक्षा पद्धर्तयां एवं
प्रर्ियाएं और संवेदनशील वैयर्िक डािा या सूिना ) र्नयम, 2011 बनाए हैं ।

र्वधे यक की आवश्यकता
वैयर्िक डािा की अप्रार्धकृत, लापरवाही से और अज्ञानतावश प्रोसेर्संग र्कए िाने से व्यर्ियों तर्ा कंपर्नयों को र्ारी क्षर्त हो सकती
है। । यह सुर्नर्ित करने के र्लए वैयर्िक डािा सुरर्क्षत है यह िानना आवश्यक है र्क कौन सा डािा प्रोसेस र्कया िा रहा है, उसका प्रोसेस क्यों
हो रहा है और र्कस आधार पर र्कया िा रहा है। अतः, एक ऐसा र्वधान बनाए िाने की आवश्यकता है िो उपयोगकताभ ओ ं के वैयर्िक डािा के
संरक्षण एवं सुरक्षा हे तु उपबंध करता हो और र्वर्धसंगत उद्दे श्यों हे तु ऐसे वैयर्िक डािा की प्रोसेर्संग की आवश्यकता को स्वीकार करता हो ।

र्वधे यक के उद्दे श्य


र्डर्ििल वैयर्िक डािा संरक्षण र्वधेयक, 2023 व्यर्ियों को अपने वैयर्िक डािा के संरक्षण का अर्धकार देता है और वैयर्िक डािा प्रोसेस करने
वाले र्नकायों के दार्यत्वों का र्नधाभ रण करता है तर्ा अनुपालन तंत्र की स्र्ापना करता है। पूरी िानकारी के र्लए कृपया अनुबंध देखें ।

र्वधे यक की प्रमुख पररर्ार्षाएं

एक. र्वधेयक के अधीन व्याख्याएं

● डािा : सूिना, तथ्यों, अवधारणाओं, मतों या अनुदेशकों का ऐसी रीर्त में कोई प्रर्तर्नर्धत्व िो मानवों या स्विार्लत साधनों द्वारा संिार,
र्नवभ िन या प्रोसेर्संग के र्लए उपयुि है।
● डािा वैिार्सक : कोई व्यर्ि िो अकेले या अन्य व्यर्ियों के सार् र्मलकर वैयर्िक डािा की प्रोसेर्संग के प्रयोिन और साधनों को
अवधाररत करता है।
● डािा स्वामी : कोई व्यर्ि र्िसे वैयर्िक डािा संबंर्धत है और िहां ऐसा व्यर्ि बालक है, तो उसके अंतगभ त ऐसे बालक के माता-र्पता या
र्वर्धपूणभ संरक्षक र्ी शार्मल हैं।
● वैयर्िक डािा: र्कसी व्यर्ि के संबंध में कोई डािा र्िसकी ऐसे डािा द्वारा या उसके संबंध में पहिान की िा सकती है।

2. अर्धर्नयम का लागू होना

 डीपीडीपी अर्धर्नयम र्ारत के राज्यक्षेत्र में संग्रर्हत वैयर्िक डािा के प्रिमण में लागू होगा िहााँ: (i) ऐसा वैयर्िक डािा डािा स्वार्मयों
से ऑनलाइन संग्रर्हत र्कया गया हो; और (ii) ऑफलाइन प्ररूप में संग्रर्हत ऐसा वैयर्िक डािा र्िसे र्डर्ििाइज़ र्कया गया हो।
 डीपीडीपी अर्धर्नयम र्ारत के राज्यक्षेत्र से बाहर र्डर्ििल डािा के प्रिमण पर र्ी लागू होगा, यर्द ऐसा प्रिमण र्ारत में लोगों की
प्रोफाइर्लंग या र्ारत में डािा स्वामी को माल या सेवाओं के प्रस्ताव से संबंर्धत र्कसी कायभ कलाप के संबंध में र्कया िाता है।
 यह अर्धर्नयम र्नम्न पर लागू नहीं होता है: (i) र्कसी व्यर्ि द्वारा र्कसी वैयर्िक या घरे लू प्रयोिन के र्लए प्रिर्मत वैयर्िक डािा (ii)
वैयर्िक डािा र्िसे, (अ) डािा स्वामी द्वारा, र्िससे ऐसा वैयर्िक डािा संबंर्धत है;या (आ) र्कसी अन्य व्यर्ि को, िो र्ारत में तत्समय
प्रवृत्त र्कसी र्वर्ध के अधीन ऐसे वैयर्िक डािा को पर्ब्ललक रूप से उपलब्लध कराने के र्लए आबद्ध है, द्वारा पर्ब्ललक को उपलब्लध कराया
िाता है या उपलब्लध कराया िाना काररत र्कया िाता है।

3. डािा वैिार्सक की बाध्यताएं

 वैयर्िक डािा के प्रिमण के र्लए आधार: कोई व्यर्ि र्कसी डािा स्वामी के वैयर्िक डािा का प्रिमण केवल इस अर्धर्नयम के उपबंधों
के अनुसार और केवल ऐसे प्रयोिन के र्लए ही कर सकेगा र्िसको र्वर्ध द्वारा अर्र्व्यि रूप से र्नर्र्षद्ध नहीं करार र्दया गया है। यह
डािा स्वामी की सहमर्त से ही र्कया िा सकता है ।
 सहमर्त: वैयर्िक डािा केवल सहमर्त से या प्राप्त मानी गई सहमर्त से ही प्रिर्मत र्कया िा सकता है। डािा स्वामी द्वारा दी गई सहमर्त
र्न:शुल्क, र्वर्नर्दभ ष्ट, संसर्ू ित, र्बना र्कसी शतभ के और स्पष्ट तर्ा सकारात्मक कारभ वाई के र्लए होगी और वह र्वर्नर्दभ ष्ट प्रयोिन के
र्लए उसके वैयर्िक डािा के प्रिमण तर्ा ऐसे वैयर्िक डािा तक सीर्मत रहे गी, िो र्वर्नर्दभ ष्ट प्रयोिन के र्लए आवश्यक हो, के र्लए
र्कसी करार को उपदर्शभ त करे गी। र्कसी बालक या र्दव्यांगिन, र्िसका एक र्वर्धपूणभ संरक्षक है, के र्कसी वैयर्िक डािा का प्रिमण
करने से पहले यर्ार्स्र्र्त ऐसे बालक के माता-र्पता या र्वर्धपूणभ संरक्षक की ऐसी रीर्त में िो र्वर्हत की िाए सत्यापन योग्य सहमर्त
प्राप्त करे गा।
डािा स्वामी को र्कसी र्ी समय अपनी सहमर्त उतनी ही सहि रीर्त से वापस लेने का अर्धकार होगा र्ितनी सहि रीर्त से वह दी गई
र्ी। ऐसा प्रत्याहरण उसके प्रत्याहरण से पूवभ सहमर्त के आधार पर र्निी डािा के प्रिमण की र्वर्धमान्यता को प्रर्ार्वत नहीं करे गा।
 डािा वैिार्सक की बाध्यताएं : डािा वैिार्सक इस अर्धर्नयम के उपबंधों के अनुपालन के र्लए उत्तरदायी होगा। वह अपने र्नयंत्रण में
वैयर्िक डािा की सिीकता, सुरक्षा और िब यह मान र्लया िाए र्क र्िस प्रयोिन के र्लए इस तरह के वैयर्िक डािा का संग्रह र्कया
गया र्ा उस प्रयोिन के र्लए या क़ानूनी या कारोबार के प्रयोिन से उसे रखने की आवश्यकता नहीं है, तो उसका लोप करने के र्लए
र्िम्मे दार होगा। वैयर्िक डािा दुरुपयोग की र्स्र्र्त में , प्रत्येक प्रर्ार्वत डािा स्वामी और डािा संरक्षण बोडभ को इसके बारे में सूर्ित
र्कया िाना आवश्यक है।
 डािा संरक्षण अर्धकारी की र्नयुर्ि: डािा वैिार्सक एक वैध अनुबंध के तहत माल और सेवाएाँ प्रदान करने के र्लए अपनी ओर से
वैयर्िक डािा का प्रिमण करने के र्लए डािा प्रिमणकताभ को र्नयोर्ित, र्नयुि या शार्मल कर सकते हैं। एक डािा वैिार्सक डािा
स्वामी की र्शकायतों का र्नवारण करने के र्लए एक प्रर्ावी तंत्र स्र्ार्पत करे गा और डािा संरक्षण अर्धकारी िो डािा वैिार्सक की ओर
से डािा स्वामी द्वारा उसके वैयर्िक डािा के प्रिमण के बारे में उठाए गए प्रश्नों, यर्द कोई हो, का िवाब देने में सक्षम होगा, की संपकभ
िानकारी र्ी प्रकार्शत करे गा।

4. डािा स्वामी के अर्धकार और कतभ व्य

 सूिना अर्र्गम अर्धकार: डािा स्वामी को यह िाने का अर्धकार है र्क: (i) क्या कोई डािा वैिार्सक उसके वैयर्िक डािा का प्रिमण
कर रहा है या कर िुका है; (ii) यर्द हााँ, तो डािा वैिार्सक द्वारा प्रिर्मत र्कये गए वैयर्िक डािा और प्रिमण र्ियाकलापों का सार;
(iii) साझा र्कये गए वैयर्िक डािा के वणभ न के सार् उन सर्ी की पहिान, र्िनके सार् डािा साझा र्कया गया है।
 वैयर्िक डािा सुधारने और र्मिाने का अर्धकार: डािा स्वामी को तत्समय प्रवृत्त र्कसी र्वर्ध के अधीन अपने वैयर्िक डािा को
सुधारने, पूरा करने, अद्यतन करने और र्मिाने का अर्धकार होगा। यर्द र्वर्नर्दभ ष्ट प्रयोिन के र्लए या तत्समय प्रवृत्त र्कसी कानून के
अनुपालन के र्लए डािा को रखना आवश्यक है, तो ऐसे अनुरोधों को अस्वीकार र्कया िा सकता है।
 र्शकायत र्नवारण का अर्धकार: डािा स्वामी को डािा वैिार्सक के समक्ष र्शकायत दिभ कराने और एक र्नधाभ ररत अवर्ध के र्ीतर उत्तर
प्राप्त करने का अर्धकार है। यर्द वह उत्तर से संतुष्ट न हो तो वह बोडभ से संपकभ कर सकता है।
 डािा स्वामी के कतभ व्य: डािा स्वामी का कतभ व्य यह सुर्नर्ित करना है र्क र्कसी र्वर्नर्दभ ष्ट उद्दे श्य के र्लए वैयर्िक डािा प्रदान करते
समय र्कसी व्यर्ि का प्रर्तरूपण न र्कया िाए और वैयर्िक डािा प्रदान करते समय र्बना र्कसी तथ्य को र्छपाए प्रामार्णक िानकारी
प्रस्तुत की िाए ।

5. र्वशेर्ष उपबंध

 र्ारत के बाहर वैयर्िक डािा का प्रिमण: यह अर्धर्नयम केंद्र सरकार द्वारा अर्धसूिना के माध्यम से प्रर्तबंर्धत र्कये गए देशों को
छोड़कर, र्ारत के बाहर वैयर्िक डािा के अंतरण की अनुमर्त देता है।
 छू ि : केंद्र सरकार र्ारत की संप्रर्ुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, र्वदे शी राज्यों के सार् मैत्रीपूणभ संबंधों और लोक व्यवस्र्ा बनाए
रखने या र्कसी र्ी संज्ञेय अपराध के काररत होने के प्रर्त उद्दीपन के र्नवारण के र्लए सरकारी एिें र्सयों को र्वधेयक के प्रावधानों के
लागू होने से छू ि दे सकती है।

6. र्ारतीय डािा संरक्षण बोडभ

यह र्वधेयक एक स्वतंत्र र्नकाय अर्ाभ त र्ारतीय डािा संरक्षण बोडभ की स्र्ापना का उपबंध करता है । बोडभ के प्रमुख कायभ इस प्रकार हैं: (एक)
अनुपालन की र्नगरानी करना और शार्स्त अर्धरोर्पत करना (दो) डािा र्ंग होने की र्स्र्र्त में आवश्यक उपाय करने के र्लए डािा वैिार्सकों को
र्नदेश दे ना और (तीन) प्रर्ार्वत व्यर्ियों की र्शकायतों को सुनना ।
7. अपील और वैकर्ल्पक र्ववाद समाधान

यर्द बोडभ की यह राय है र्क मध्यस्र्ता द्वारा र्कसी र्शकायत का समाधान र्कया िा सकता है, तो बोडभ संबर्न्धत पक्षों को ऐसे मध्यस्र् द्वारा र्िस
पर पक्षकारों की पारस्पररक सहमर्त बनी हो, के माध्यम से या िैसा र्वर्ध के अधीन उपबंध र्कया गया हो, र्ववाद का समाधान करने का प्रयास
करने का र्नदेश दे सकता है ।

बोडभ द्वारा र्कए गए र्कसी आदे श या र्नदेश द्वारा व्यर्र्त कोई व्यर्ि अपील अर्धकरण के समक्ष अपील कर सकता है । अर्धकरण उस अपील के
र्वरुद्ध सुर्नर्ित करके, उपांतररत करके या एकपक्षीय आदेश पाररत करे गा ।

8. शार्स्तयााँ और न्यायर्नणभ यन

र्वधेयक की अनुसि ू ी में इस र्वधेयक के उपबंधों के र्ंग के र्लए दस हिार रुपये से लेकर दो अरब पिास करोड़ रुपये तक की शार्स्त का उपबंध है ।
शार्स्त की सम्पूणभ सूिी के र्लए कृपया अनुबंध-दो का अवलोकन करें ।

9. प्रकीणभ उपबंध

 सद्भावपूवभक की गई कारभ वाई के र्लए संरक्षण: केन्द्रीय सरकार, बोडभ , इसके अध्यक्ष और र्कसी अन्य सदस्य या अर्धकारी के र्वरुद्ध
सद्भावपूवभक की गई र्कसी बात के र्लए इस अर्धर्नयम के उपबंधों के अधीन र्वर्धक कारभ वाइयां नहीं की िाएं गी ।
 सूिना मांगने की शर्ि: केन्द्रीय सरकार, बोडभ या र्कसी डािा र्विासी को ऐसी सूिना प्रस्तुत करना अपेर्क्षत कर सकेगी, िो वह मांगे ।
 र्नदेश िारी करने की केन्द्रीय सरकार की शर्ि: केन्द्रीय सरकार या इस र्नर्मत्त प्रार्धकृत कोई अर्धकारी बोडभ से र्लर्खत प्रर्तर्नदेश प्रार्प्त
पर केन्द्रीय सरकार के र्कसी अर्र्करण या र्कसी मध्यवती को ऐसी र्कसी सूिना तक िनसाधारण द्वारा पहु ाँि को अवरुद्ध करने का र्नदेश
दे सकेंगे ।
 अर्धकाररता पर रोक : कोई र्सर्वल न्यायालय ऐसे र्कसी र्वर्षय के संबंध में र्कसी वाद या कायभ वाही पर र्कसी सुनवाई की अर्धकाररता नहीं
रखेगा, र्िसके र्लए इस अर्धर्नयम के उपबंधों के अधीन बोडभ सशि है।
 र्नयम बनाने की शर्ि : केन्द्रीय सरकार, इस अर्धर्नयम के अधीन र्नयम बनाने के र्लए अर्धकृत है।

10. प्रमुख मुद्दे

 आलोिकों की मुख्य र्िंताओं में से एक यह है र्क र्वधेयक में कर्तपय मामलों में व्यर्ियों के व्यर्िगत डािा को प्रिर्मत करने के र्लए
सरकारी संस्र्ाओं के र्लए अपवाद बनाए गए हैं ।
 केंद्र सरकार के पास र्वर्ध लागू होने के पांि साल तक र्कसी र्ी अवर्ध के र्लए र्कसी र्ी संस्र्ा को र्वधेयक के र्कसी र्ी उपबंध से छू ि दे ने
की शर्ि है।
 यह र्वधेयक इस र्वधेयक के उपबंधों से संबर्धत महत्वपूणभ मामलों पर र्नयम बनाने के र्लए केंद्र सरकार को काफी शर्ियां प्रदान करता है।
 यह र्वधेयक र्ारत राज्यक्षेत्र के र्ीतर र्डर्ििल रूप में एकत्र र्कए गए या गैर-र्डर्ििल रूप में एकत्र र्कए गए और बाद में र्डर्ििाइज़ र्कए
गए व्यर्िगत डािा पर लागू होता है। यह र्ारत के राज्यक्षेत्र से बाहर र्डर्ििल व्यर्िगत डािा पर र्ी लागू होगा, “यर्द ऐसा प्रिमण र्ारत में
लोगों को माल या सेवाओं की पेशकश से संबंर्धत र्कसी कायभ कलाप के संबंध में र्कया िाता है।“
 र्ारत का डािा संरक्षण बोडभ स्वतंत्र इकाई नहीं है क्योंर्क अध्यक्ष और सदस्यों की र्नयुर्ि की शर्ि केंद्र सरकार के पास है।

संदर्भ :
 http://164.100.47.4/BillsTexts/LSBillTexts/Asintroduced/113_2023_LS_Eng83202330313PM.pdf
 https://www.meity.gov.in/writereaddata/files/Explanatory%20Note-
%20The%20Digital%20Personal%20Data%20Protection%20Bill%2C%202022.pdf
 https://www.cnbctv18.com/technology/exclusive-the-changes-in-the-new-digital-personal-data-protection-bill-2023-explained-
17411621.htm
 https://www.thenewsminute.com/article/digital-personal-data-protection-bill-2023-what-are-opposition-s-main-objections-180288
अनुबंध

उद्दे श्यों और कारणों का कर्न


र्डर्ििल संव्यवहारों ने आर्र्भ क व्यौहार के सार् सामार्िक व्यौहारों को र्ी पररवर्तभ त कर र्दया है। वैयर्िक डािा का सेवाओं और अन्य
प्रयोिनों के र्लए उपयोग ऐसे संव्यवहारों का एक सामान्य पहलू बन गया है। इस पररप्रेक्ष्य में, र्डर्ििल अर्भ व्यवस्र्ा के र्वकास के र्लए वैयर्िक
डािा का संरक्षण एक पूवाभ पेक्षा बन गई है।
2. इसर्लए, ऐसा र्वधान अर्धर्नयर्मत करने की आवश्यकता है, िो उपयोगकताभ ओ ं के वैयर्िक डािा का संरक्षण और सुरक्षा का उपबंध
करता है और सार् ही र्वर्धपूणभ प्रयोिनों के र्लए ऐसे वैयर्िक डािा के प्रिमण की आवश्यकता को मान्यता प्रदान करता है।
3. र्डर्ििल वैयर्िक डािा संरक्षण र्वधेयक, 2023, व्यर्ष्टकों को उनके वैयर्िक डािा के संरक्षण के अर्धकार प्रदान करता है, वैयर्िक
डािा का प्रिमण करने वाले र्नकायों पर बाध्यता अर्धरोर्पत करता है और अनुपालना तंत्र अर्धकर्र्त करता है ।
4. उि र्वधेयक, अन्य बातों के सार्-
(क) र्डर्ििल वैयर्िक डािा के संरक्षण का उपबंध करने के र्लए है;
(ख) वैयर्िक डािा के प्रिमण के आधार अर्धकर्र्त करने के र्लए हैं;
(ग) वैयर्िक डािा का प्रिमण करने वाले र्नकायों पर साधारण और कर्तपय मामलों में र्वशेर्ष बाध्यता अर्धरोर्पत करने के र्लए है;
(घ) व्यर्ष्टकों पर उनके वैयर्िक डािा के संबंध में कर्तपय अर्धकार प्रदान करने के र्लए है;
(ङ) व्यर्ष्टकों द्वारा अपने अर्धकारों का प्रयोग करते समय और कर्तपय प्रयोिनों के र्लए अपना वैयर्िक डािा उपलब्लध कराते समय
र्नष्पार्दत र्कए िाने वाले कतभ व्यों का उपबंध करने के र्लए है;
(ि) प्रस्तार्वत र्वधान के उपबंधों का सरलता और तेिी से कायाभ न्वयन करने के र्लए र्डिाइन द्वारा अनुपालना ढांिा अर्धकर्र्त करने
के र्लए है;
(छ) र्कसी र्ववाद के पक्षकारों को वैकर्ल्पक प्रर्िया और उनकी पसंद के व्यर्ि के माध्यम से समाधान का प्रयास करने में समर्भ
बनाने के र्लए है;
(ि) प्रस्तार्वत र्वधान के उपबंधों की िूक और अननुपालना के र्लए धनीय शार्स्तयों का उपबंध करने के र्लए है;और
(झ) स्वैर्च्छक विनबंध द्वारा िूक के तीव्र समाधान और सुधार को बढ़ावा देने में समर्भ बनाने के र्लए है ।
5. खंडों पर र्िप्पण र्वधेयक में अंतर्वभ ष्ट र्वर्र्न्न उपबंधों को र्वस्तृत रूप से स्पष्ट करता है । 6. र्वधेयक पूवोि उद्दे श्यों की पूर्तभ के र्लए
है ।

नई र्दल्ली :
19 िुलाई , 2023
अर्िनी वैष्णव
अनुबंध-दो

ि.सं. इस अर्धर्नयम या इसके अधीन बनाए गए र्नयमों के उपबंधों का र्ंग शार्स्त


(1) (2) (3)
1. धारा 8 की उपधारा (5) के अधीन वैयर्िक डािा र्ंग को रोकने के र्लए युर्ियुि दो अरब पिास करोड़ रुपए तक हो सकेगी ।
बिाव रक्षोपाय करने हे तु डािा र्विासी के दार्यत्व का पालन करने में र्ंग ।
2. धारा 8 की उपधारा (6) के अधीन वैयर्िक डािा र्ंग के बोडभ या प्रर्ार्वत डािा दो अरब रुपए तक हो सकेगी ।
प्रधान नोर्िस को देने की बाध्यता के पालन करने में र्ंग
3. धारा 9 के अधीन बालकों के संबंध में अर्तररि बाध्यताओं के पालन करने में र्ंग दो अरब रुपए तक हो सकेगी ।

4. धारा 10 के अधीन महत्वपूणभ डािा र्विासी की अर्तररि बाध्यताओं के पालन एक अरब पिास करोड़ रुपए तक हो सकेगी ।
करने में र्ंग ।
5. धारा 15 के अधीन कतभ व्यों के पालन करने में र्ंग । दस हिार रुपए तक हो सकेगी ।
6. धारा 32 के अधीन बोडभ द्वारा स्वीकृत र्कसी स्वैर्च्छक विन के र्कसी र्नबंधन का र्ंग के र्लए लागू सीमा तक, र्िसके संबंध में
र्ंग । धारा 28 के अधीन कायभ वार्हयां संर्स्र्त की गई
। र्ीं ।
7. इस अर्धर्नयम या इसके अधीन बनाए गए र्नयमों के र्कसी अन्य उपबंध का र्ंग पिास करोड़ रुपए तक हो सकेगी ।

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