Science X (Hindi) Set 3

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अंकन योजना

परू ी तरह से गोपनीय


(केवल आंतररक और प्रततबंधित उपयोग के ललए)
माध्यलमक ववद्यालय परीक्षा, 2024
ववषय का नाम - ववज्ञान ( कोड 31/3/1)
सामान्य निर्दे श: -

1 आप जािते हैं नि अभ्यनथिय ों िे वास्तनवि एवों सही मूल्ाों िि में मूल्ाों िि सबसे महत्वपूर्ि प्रनिया है । मूल्ाों िि में
एि छ टी सी गलती गोंभीर समस्याओों िा िारर् बि सिती है ज उम्मीर्दवार ों िे भनवष्य, नशक्षा प्रर्ाली और
नशक्षर् पेशे ि प्रभानवत िर सिती है । गलनतय ों से बचिे िे नलए आपसे अिुर ध है नि मूल्ाों िि शुरू िरिे से
पहले स्पॉट मूल्ाों िि नर्दशानिर्दे श ों ि ध्याि से पढें और समझें।

2 “मूल्ाों िि िीनत एि ग पिीय िीनत है क् नों ि यह आय नजत परीक्षाओों, निए गए मूल्ाों िि और िई अन्य पहलुओों
िी ग पिीयता से सोंबोंनधत है । इसिे निसी भी तरह से जिता िे बीच लीि ह िे से परीक्षा प्रर्ाली पटरी से उतर
सिती है और लाख ों उम्मीर्दवार ों िे जीवि और भनवष्य पर असर पड़ सिता है । इस िीनत/र्दस्तावेज़ ि निसी िे
साथ साझा िरिे , निसी पनििा में प्रिानशत िरिे और समाचार पि/वेबसाइट आनर्द में छापिे पर ब र्ि और
आईपीसी िे नवनभन्न नियम ों िे तहत िारि वाई ह सिती है । '

3 मूल्ाों िि अोंिि य जिा में नर्दए गए निर्दे श ों िे अिुसार निया जािा है । इसे अपिी व्याख्या या निसी अन्य नवचार िे
अिुसार िही ों निया जािा चानहए। अोंिि य जिा िा िड़ाई से पालि निया जािा चानहए। हालााँ नि, मूल्ाों िि िरते
समय, ज उत्तर िवीितम जाििारी या ज्ञाि पर आधाररत हैं और/या िवीि हैं , अन्यथा उििी सत्यता िा मूल्ाों िि
निया जा सिता है और उन्हें उनचत अोंि नर्दए जा सिते हैं । िक्षा-X में, र्द य ग्यता-आधाररत प्रश् ों िा मूल्ाों िि
िरते समय, िृपया नर्दए गए उत्तर ि समझिे िा प्रयास िरें और भले ही उत्तर अोंिि य जिा से ि ह , लेनिि
उम्मीर्दवार द्वारा सही य ग्यता नगिाई गई ह , उनचत अोंि नर्दए जािे चानहए।

4 अोंिि य जिा में उत्तर ों िे नलए िेवल सुझाए गए मूल् अोंि ह ते हैं
ये िेवल नर्दशानिर्दे श ों िी प्रिृनत में हैं और सोंपूर्ि उत्तर िही ों बिाते हैं । नवद्यानथिय ों िी अपिी अनभव्यक्ति ह सिती
है और यनर्द अनभव्यक्ति सही है त उसिे अिुसार उनचत अोंि नर्दये जािे चानहए।

5 प्रधाि-परीक्षि ि पहले नर्दि प्रत्येि मूल्ाों िििताि द्वारा मूल्ाों िि िी गई पहली पाों च उत्तर पुक्तस्तिाओों ि र्दे खिा
ह गा, तानि यह सुनिनित ह सिे नि मूल्ाों िि अोंिि य जिा में नर्दए गए निर्दे श ों िे अिुसार निया गया है । यनर्द
ि ई नभन्नता ह त नवचार-नवमशि िे बार्द उसे शून्य निया जाए। मूल्ाों िि िे नलए शे ष उत्तर पुक्तस्तिाएों यह
सुनिनित िरिे िे बार्द ही र्दी जाएों गी नि व्यक्तिगत मूल्ाों ििितािओों िे अोंिि में ि ई महत्वपूर्ि नभन्नता िही ों है ।

6 जहाों भी उत्तर सही ह गा, मूल्ाों िििताि (√) अोंनित िरें गे। गलत उत्तर िे नलए िॉस 'X' अोंनित निया जाए।
मूल्ाों िििताि मूल्ाों िि िरते समय सही (✓) िहीों लगाएों गे नजससे यह आभास ह गा नि उत्तर सही है और ि ई
अोंि िही ों नर्दया गया है । यह सबसे आम गलती है ज मूल्ाों िििताि िर रहे हैं ।

7 यनर्द निसी प्रश् िे िुछ भाग हैं , त िृपया प्रत्येि भाग िे नलए र्दानहिी ओर अोंि र्दें । निर प्रश् िे नवनभन्न भाग ों िे
नलए नर्दए गए अोंि ों ि ज ड़ नर्दया जािा चानहए और बाएों हाथ िे हानशये में नलखा जािा चानहए और घेरा बिाया
जािा चानहए। इसिा सख्ती से पालि निया जा सिे.
8 यनर्द निसी प्रश् में ि ई भाग िही ों है , त बाएों हाथ िे हानशए में अोंि नर्दए जािे चानहए और घेरा लगािा चानहए।
इसिा भी सख्ती से पालि निया जा सिता है .
9 यनर्द निसी छाि िे एि अनतररि प्रश् िा प्रयास निया है , त अनधि अोंि ों िे य ग्य प्रश् िा उत्तर बरिरार रखा
जािा चानहए और र्दूसरे उत्तर ि "अनतररि प्रश्" ि ट िे साथ िाट नर्दया जािा चानहए।
10 निसी िुनट िे सोंचयी प्रभाव िे नलए ि ई अोंि िही ों िाटा जाएगा। इसे िेवल एि बार र्दों नर्त निया जािा चानहए।

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11 अोंि ों िा एि पूरा पैमािा ____0-80______ (उर्दाहरर् 0 से 80/70/60/50/40/30 अोंि जैसा नि प्रश् पि में नर्दया
गया है ) िा उपय ग िरिा ह गा। यनर्द उत्तर य ग्य है त िृपया पूर्ि अोंि र्दे िे में सोंि च ि िरें ।

12 प्रत्येि परीक्षि ि आवश्यि रूप से पूरे िायि समय अथाि त प्रनतनर्दि 8 घोंटे ति मूल्ाों िि िायि िरिा ह गा तथा
मुख्य नवषय ों में प्रनतनर्दि 20 उत्तर पुक्तस्तिाओों तथा अन्य नवषय ों में प्रनतनर्दि 25 उत्तर पुक्तस्तिाओों िा मूल्ाों िि
िरिा ह गा (स्पॉट गाइर्लाइन्स में नववरर् नर्दया गया है )। प्रश् पि में िम निये गये पाठ्यिम और प्रश् ों िी सोंख्या।

13 सुनिनित िरें नि आप अतीत में परीक्षि द्वारा िी गई निम्ननलक्तखत सामान्य प्रिार िी िुनटयााँ ि िरें : -
● उत्तर पुक्तस्तिा में उत्तर या उसिे निसी भाग ि नबिा मूल्ाों िि निये छ ड़ र्दे िा।
● निसी उत्तर िे नलए निधाि ररत अोंि से अनधि अोंि र्दे िा।
● निसी उत्तर पर नर्दए गए अोंि ों िा गलत य ग।
● उत्तर पुक्तस्तिा िे अोंर्दर िे पन्न ों से मुख्य पृष्ठ पर अोंि ों िा गलत स्थािाों तरर्।
● शीषिि पृष्ठ पर गलत प्रश्वार य ग।
● शीषिि पृष्ठ पर र्द िॉलम ों िे अोंि ों िा गलत य ग।
● गलत य ग।
● शब् ों और अोंि ों में अोंनित नचह्न मेल िही ों खाते/समाि िही।ों
● उत्तर पुक्तस्तिा से ऑिलाइि पु रस्कार सूची में अोंि ों िा गलत स्थािाों तरर्।
● उत्तर ों ि सही िे रूप में नचनह्नत निया गया, लेनिि अोंि िही ों नर्दए गए। (सुनिनित िरें नि सही नटि मािि सही
और स्पष्ट रूप से इों नगत निया गया है । यह िेवल एि पोंक्ति ह िी चानहए। गलत उत्तर िे नलए एक्स िे साथ भी
ऐसा ही है ।)
● उत्तर िे आधे या िुछ भाग ि सही और शेष ि गलत नचनह्नत निया गया, लेनिि ि ई अोंि िही ों नर्दया गया।

14 उत्तर पुक्तस्तिाओों िा मूल्ाों िि िरते समय यनर्द उत्तर पूरी तरह से गलत पाया जाता है , त इसे िॉस (X) िे रूप में
नचनह्नत निया जािा चानहए और शून्य (0) अोंि नर्दए जािे चानहए।
15 ि ई भी मूल्ाों िि ि निया गया भाग, शीषिि पृष्ठ पर अोंि ि ले जािा, या उम्मीर्दवार द्वारा पाई गई िुल िुनट से
मूल्ाों िि िायि में लगे सभी िनमिय ों और ब र्ि िी प्रनतष्ठा ि िुिसाि ह गा। इसनलए, सभी सोंबोंनधत पक्ष ों िी प्रनतष्ठा
बिाए रखिे िे नलए, यह निर से र्द हराया जाता है नि निर्दे श ों िा सावधािीपूविि और नववेिपूर्ि तरीिे से पालि
निया जाए।
16 परीक्षि ों ि वास्तनवि मूल्ाों िि शुरू िरिे से पहले "स्पॉट मूल्ाों िि िे नलए नर्दशानिर्दे श" में नर्दए गए
नर्दशानिर्दे श ों से पररनचत ह िा चानहए।
17 प्रत्येि परीक्षि यह भी सुनिनित िरे गा नि सभी उत्तर ों िा मूल्ाोंिि निया गया है , अोंि ों ि शीषिि पृष्ठ पर ले
जाया गया है , सही ढों ग से य ग निया गया है और अोंि ों और शब् ों में नलखा गया है ।
18 उम्मीर्दवार निधाि ररत प्रसोंस्करर् शुल्क िा भुगताि िरिे अिुर ध पर उत्तर पुक्तस्तिा िी ि ट िॉपी प्राप्त िरिे िे
हिर्दार हैं । सभी परीक्षि /ों अनतररि प्रधाि परीक्षि /ों प्रधाि परीक्षि ों ि एि बार निर यार्द नर्दलाया जाता है नि
उन्हें यह सुनिनित िरिा ह गा नि मूल्ाों िि अोंिि य जिा में नर्दए गए प्रत्येि उत्तर िे नलए मूल् नबोंर्दुओों िे
अिुसार सख्ती से निया जाए।

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MARKING SCHEME
Secondary School Examination, 2024
SCIENCE (Subject Code–086)
[ Paper Code: 31/3/1]
Maximum Marks: 80
Q. EXPECTED ANSWER / VALUE POINTS Marks Total
No.
Marks
SECTION A (खण्ड-ि)

1 (A) / नबिा बुझा चुिा 1 1


2 (B) / हल्दी और नलटमस 1 1
3 (A) / ध िे िा स र्ा 1 1
4 (B) 1 1
5 (A) / 1, 6, 2 और 3 1 1
6 (B) / C7 H14 1 1
7 (B) / CaO + H2O → Ca (OH)2 1 1
8 (D) / साइट िाइनिि 1 1
9 (C) / िेवल र्दल (पोंखुड़ी) 1 1
10 (C) / 9: 3: 3: 1 1 1
11 (C) / (b) और (c) 1 1
12 (A) / Tt और Tt 1 1
13 (D) / पररक्षेपर्(नवक्षेपर्), अपवतिि, और आन्तररि परावतिि 1 1
14 (D) / 4D और 2L 1 1
15 (A) / र्द प षी स्तर 1 1
16 (B) / (a) और (c) 1 1
17 (C) / (A) सही है , परन्तु (R) गलत है I 1 1
18 (A) / (A) और (R) र्द ि ों सही हैं तथा (R) द्वारा (A) िी सही व्याख्या ह रही है I 1 1
19 (C) / (A) सही है , परन्तु (R) गलत है I 1 1
20 (B) / (A) और (R) र्द ि ों सही हैं तथा (R) द्वारा (A) िी सही व्याख्या िहीों ह रही है I 1 1
SECTION B (खण्ड-ख)
21 • 2 Mg + O2 → 2 MgO ½
• मैग्नीनशयम ऑक्साइर् ½
• प्रकार:- सोंय जि अनभनिया ½
• कारण: र्द या र्द से अनधि पर्दाथि नमलिर एि उत्पार्द बिाते हैं। ½ 2

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22 ½
• प्रर ह/ जड़ िे अग्र भाग (नटप) में सोंश्लेनषत ह ता है ।

• जब पार्दप पर एि ओर से प्रिाश आ रहा है तब ऑक्तक्सि नवसररत ह िर प्रर ह िे

छाया वाले भाग में आ जाता है। प्रर ह िी प्रिाश से र्दूर वाली साइर् में ऑक्तक्सि िा

साोंद्रर् ि नशिाओों ि लोंबाई में वृक्ति िे नलए उद्दीनपत िरता है। अतः पार्दप

प्रिाश िी ओर मुड़ता हुआ नर्दखाई र्दे ता है / प्रिाशािुवतिि।

2
23
(a) मटर िे पौध ों िे र्द दृनष्टग चर ह िे वाले नवपयािसी (नविल्पी) लक्षर् ों िे युगल:

• लोंबे पौधे (प्रभावी), बौिे पौधे (अप्रभावी)


½+½
• पीले बीज (प्रभावी), हरे बीज (अप्रभावी) ½+½

(कोई अन्य जोडा/युगल)

अथवा

(b)
½

½
½ 2

24
• जब वह पास िी वस्तुओों ि स्पष्ट रूप से िहीों र्दे ख पाता है लेनिि र्दूर ½
िी वस्तुओों ि स्पष्ट रूप से र्दे ख पाता है।

• 2 कारण:

िेि लेंस िी ि िल लोंबाई बढ जाती है । ½


½
िेिग लि बहुत छ टा ह जाता है।
• उत्तल या अनभसारी लेंस ½ 2

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25 (a)

नचि.12.6 (a) पेज. 220-NCERT


आरे ख: 1 2
प्रवाहित धारा एवं चम्
ु बकीय क्षेत्र की हिशाएँ ½ +½
अथवा
(b)
• स्थायी चुोंबि/धारा प्रवानहत पररिानलिा/ नवद्दयुत चुोंबि ½

नचि-12.11, पेज.223-NCERT
आरे ख: 1
नामाांकन: ½
26
• अपघटि ( अपमाजिि):- वे सूक्ष्मजीव हैं ज जनटल िाबिनिि पर्दाथों ि सरल 1
अिाबिनिि पर्दाथों में त ड़ र्दे ते हैं।

पररणाम :

(i) मृर्दा िी पुिः पूनति िा िा ह िा

(ii) र्दु गंध

(iii) मक्तिय ों िा प्रजिि

(iv) पयािवरर् में मृत पार्दप ों और जीव ों िा जमा ह िा।

(v) प षि तत्व ों िा पुिचििर् िा ह िा। ½+½


(कोई दो या कोई अन्य) 2

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SECTION C ( खण्ड -ग)

27
(a) उभयधमी ऑक्साइर् (नजोंि ऑक्साइर्) अम्ल तथा क्षारि र्द ि ों से अनभनिया 1
िरिे लवर् तथा जल प्रर्दाि िरता है।

(b) खुले में रखिे पर, स नर्यम धातु हवा िे साथ तीव्र अनभनिया िरती है और आग 1

पिड़ लेती है/ नमट्टी िा तेल स नर्यम ि हवा िे सोंपिि में आिे से तथा आग पिड़िे

से र िता है।

(c) िाइनटि ि अम्ल एि प्रबल ऑक्सीिारि है , ज उत्पन्न हाइर्ि जि ि ऑक्सीिृत 1

िरिे जल में पररवनतित िर र्दे ता है। 3

28 (a)
(i) अपचयन प्रक्रिया – भजिि ½
½
कारण- मििरी िा िम नियाशील ह िा।

(ii) अपचयन प्रक्रिया - भजिि ½


½
कारण- ताोंबे िा िम नियाशील ह िा।

(iii) अपचयन प्रक्रिया- नवद्दयुत अपघटि। ½


कारण- स नर्यम िा अनधि नियाशील ह िा। ½

अथवा

(b)
(i) क्रदखावट में पररवर्तन - सिेर्द से िाला रों ग। ½+½
कारण- नसल्वर सल्फाइर् बिता है।

(ii) क्रदखावट में पररवर्तन - लाल भूरे से हरा रों ग ।


½+½
कारण- बेनसि िॉपर िाबोिेट बिता है।

(iii) क्रदखावट में पररवर्तन – ग्रे / स्लेटी से भूरा रों ग। ½+½


कारण- जोंग (आयरि ऑक्साइर्) बिता है।
3

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29
जब वाष्प त्सजिि द्वारा पनत्तय ों में रों ध् ों िे माध्यम से जल िी हानि ह ती है , त यह एि 1+1+1
चूषर् बल/वाष्प त्सजिि क्तखोंचाव उत्पन्न िरता है , ज जल ि जड़ ों में उपक्तस्थत जाइलम

िे द्वारा पनत्तय ों ति खीोंचता है।


3
30 (a) सांघटक:- मक्तस्तष्क और मेरुरज्जु। ½ +½
सुरक्षा:- मक्तस्तष्क - हनिय ों िा बॉक्स/ख पड़ी/िेनियम/तरलपूररत गुब्बारा। ½
मेरूरज्जु – िशेरुिर्दण्ड/ रीर् िी हिी। ½

(b) सीमाएँ :
(1) सविप्रथम वे िेवल उन्हीों ि नशिाओ ति पोंहुोंचेंगी, ज तोंनििा ऊति से जुड़ी हैं ,
जोंतु शरीर िी प्रत्येि ि नशिा ति िहीों। ½
(2) एि बार एि ि नशिा में नवद्दयुत आवेग जनित ह ता है त पुिः िया आवेग जनित
½
िरिे तथा उसे सोंचाररत िरिे िे नलए ि नशिा निर से अपिी िायिनवनध ि
सुचारू िरिे िे नलए िुछ समय लेगी।
(कोई अन्य) 3
31
• प्रिाश िा प्रिीर्िि / नटों र्ल प्रभाव। 1
• जब एि प्रिाश निरर् पुोंज धुोंए िे महीि िर् ों से टिराती है त वह र्दूर ति परावनतित

ह ती है और प्रिाश िा मागि नर्दखाई र्दे िे लगता है। 1

• अत्योंत सूक्ष्म िर् मुख्य रूप से िीले प्रिाश/छ टी तरों गर्दै ध्यि वाले रों ग ि प्रिीर्ि िरते
1
हैं जबनि बड़े आिार िे िर् अनधि तरों गर्दै ध्यि वाले प्रिाश ि प्रिीर्ि िरते हैं।
3
32
• यह नवद्दयुत उपिरर् /ों सानधि ों तथा नवद्दयुत पररपथ ि ओवरल नर्ों ग तथा शॉटि 1
सनििट से ह िे वाली क्षनत से बचाता है।

• यहाों , P = 3 kW = 3000 W, V = 220 V, I = ?

P=VI ½

P 3000 𝑊
I= = 220 𝑉 = 13·63 A 1
V

• 13·63 A > फ़्यूज़ िी रे नटों ग 5 A, इसनलए फ़्यूज़ िा तार नपघल जाएगा और सनििट

ि त ड़ र्दे गा। ½

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33
(a) ओम का क्रनयम − निसी नवर्द्युत पररपथ में धातु िे तार िे र्द नसर ों िे बीच 1
नवभवान्तर(V), उसमें प्रवानहत ह िे वाली नवद्दयुत धारा िे समािुपाती ह ता है , परों तु तार

िा ताप एिसमाि रहिा चानहए।

1 1 1 1 1
सूत्र :- = + +
Rp R1 R 2 R 3

𝑅 3𝑅
(b) R+2= 1
2

3
SECTION D (खण्ड-घ)

34 (a) (i)
(1) नवलयि B
(2) नवलयि C
(3) नवलयि A
(4) नवलयि D
(5) नवलयि E ½x5

नवलयि ों िी बढती H+ आयि साोंद्रता िा िम :– C < E < D < A < B ½

(ii) (1) अम्लीय लवर्: अम नियम क्ल राइर्; NH4Cl


½
जिि अम्ल-हाइर्ि क्ल ररि अम्ल/HCl
½
जिि क्षारि- अम नियम हाइर्ि ॉक्साइर्/(NH4OH)

(2) क्षारिीय लवर् : स नर्यम िाबोिेट; Na2CO3


½
जिि अम्ल-िाबोनिि अम्ल/H2CO3
½
जिि क्षारि- स नर्यम हाइर्ि ॉक्साइर्/NaOH

(अथवा कोई अन्य )

X SCIENCE 31/3/1 PAGE 8


अथवा

(b) क्ल र - क्षार प्रनिया; 1


• स नर्यम क्ल राइर् िे जलीय नवलयि (लवर् जल ) से नवद्दयुत प्रवानहत िरिे पर ½
यह नवय नजत ह िर स नर्यम हाइर्ि ॉक्साइर् उत्पन्न िरता है /

2NaCl (aq) + 2H2O(l) → 2NaOH(aq)+Cl2(g)+H2(g).

• X – Cl2 गैस – एि र् पर ½+ ½
• Y – H2 गैस – िैथ र् पर ½+½

(नोट:- क्रचत्र द्वारा दर्ातए जाने पर भी अांक दीक्रजए )

• Z – नवरों जि चूर्ि / CaOCl2 / िैक्तशशयम ऑक्तक्सक्ल राइर् ½ 5


1
• Ca(OH)2 + Cl2 ⎯⎯
→ CaOCl2 + H2O
(ब्लीनचोंग पाउर्र/
नवरों जि चूर्ि)
35
(a)

(i)
• बीजार्ु वे जिि सोंरचिाएों हैं ज जिि जीव से अलग ह िर िये जीव ों ि उत्पन्न ½

िरती हैं।

• बीजार्ुधािी / बीजार्ुधानियााँ ½
• प्रनतिूल पररक्तस्थनतय ों से सुरक्षा िे नलए इििे चार ों ओर एि म टी नभनत्त ह ती है ।
½
• राइज पस ½

(ii)
• ऐसे पौधे ज बीज उत्पन्न िरिे िी क्षमता ख चुिे हैं।

• पौध ों पर पुष्प एवों िल िम समय में लगिे लगते हैं ।

• आिुवोंनशि रूप से जिि पौधे िे समाि ह ते हैं । 1+1

(कोई दो या कोई अन्य)


1
• क्रवक्रि:- िलम और र पर्
(या कोई अन्य) 5

X SCIENCE 31/3/1 PAGE 9


अथवा

(b) (i)
• A - िर जिि ि नशिा / िर युग्मि; B − पराग िली;
½x3
C − मार्दा जिि ि नशिा / मार्दा युग्मि।

• B (पराग िली ) में A (िर जिि ि नशिा/िर युग्मि) ह ता है ,नजसि यह अोंर्ाशय


1
में क्तस्थत C (मार्दा जिि ि नशिा / मार्दा युग्मि) ति पोंहुचाती है , जहाों A तथा C

निषेनचत ह िर युग्मिज बिाते हैं।

• महत्व: युग्मिज एि िए पौधे िे रूप में नविनसत ह िे में सक्षम है। ½

(ii) क्रनषेचन के बाद होने वाले पररवर्तन:-

• युग्मिज अिेि बार नवभानजत ह िर बीजाोंर् में, भ्रूर् िे रूप में नविनसत ह जाता

है।

• बीजाण्ड बीज में पररवनतित ह जाता है ।

• अोंर्ाशय पररपक्व ह िर िल बि जाता है।

• बाह्यर्दल, पोंखुड़ी, पुोंिेसर, वनतििा,एवों वनतििाग्र प्राय:मुरझािर नगर जाते हैं। ½x4

36 (a) (i)

(1)

नचि.9.13(b)-पेज-169, NCERT.

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(2) 1

नचि.9.14(b)- पेज-169, NCERT.

(नोट:- यक्रद क्रकरणोां की क्रदर्ाएँ नही ां क्रदखाई गई है र्ो आिा अांक काट लें)

(ii)

नर्दया गया है:-


u = –16 cm, f = + 24 cm, h = 4 cm ½
1 1 1
सूि – = ½
v u f
1 1 1
 – =
v (–16) + 24

1 –1
=
v 48

v = – 48 cm 1

लेंस के जिस ओर बबम्ब िै उसी ओर प्रततबबम्ब की जथितत िोगी

ℎ′ −48
= −16
4

h' = 12 cm ½

X SCIENCE 31/3/1 PAGE 11


अथवा

(b) (i)
(1)

(2)

(नोट:- यक्रद क्रकरणोां की क्रदर्ाएां नही ां क्रदखाई गई है र्ो आिा अांक काट लें)

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(ii) यहााँ , f = – 12 cm, u = – 18 cm, v = ?, h = 1·5 cm, h = ? ½

1 1 1
र्दपिर् सूि + = ½
v u f

1 1 1
 = –
v f u

1 1
= –
– 12 cm – 18 cm
−1
= 36

 v = – 36 cm 1
ℎ′ 𝑣
𝑚= = −𝑢 ½

ℎ′ (−36)
= - (−18)
1.5

ℎ′ = – 3·0 cm ½

SECTION E (खण्ड-र्.)

37
(a) • CH3Br ½
• C2H5Br ½

½
(b) (i) एक्तिहाइर् ½
(ii) िीट ि
(c)
½
• KMnO4 िा रों ग नवलुप्त ह जाता है ;
½
• KMnO4 ऑक्सीिारि िे रूप में िायि िरता है ।
क्षारीय 𝐾𝑀𝑛𝑂4 +ऊष्मा 1
• CH3CH2OH → CH3COOH

अथवा
(c) • एथीि ½
तिु. H2SO4 निजिलीिारि िे रूप में िायि िरता है। ½

साोंद्र.𝐻2 𝑆𝑂4 + ऊष्मा 443 𝐾


• C2H5OH → CH2 = CH2 + H2O 1 4

X SCIENCE 31/3/1 PAGE 13


38 (a) लार ग्रोंनथ; मोंर्/िाबोहाइर्ि े ट ½+½
½ +½
(b) आमाशय , गुर्दा

(c)
(i) आमाशय िा आतोंररि आस्तर अम्लीय प्रभाव से सुरनक्षत िहीों रहे गा । 1
1
(ii) पानचत भ जि अवश नषत िहीों ह गा। / अवश षर् क्षेि िम ह जाएगा ।

अथवा

(c)
• वसा िा इमल्सीिरर्। 1

• अग्न्याशय िे एों जाइम ों िी निया िरिे िे नलए अम्लीय माध्यम ि क्षारीय बिाता है। 1
4
39
(a) (i) बल्ब A प्रर्दीप्त ह गा । ½
½
(ii) बल्ब B, C, D और E प्रर्दीप्त ह ग
ों े ।

(b) P = V×I ½
11 = 55 ×I
1
I = 5 = 0.2 ऐक्तियर ½

(c)
𝑉 55 𝑉
(i) बल्ब B िा प्रनतर ध, R = 𝐼 = = 275  1
0.2 𝐴

𝑽𝟐
(प्रनतर ध िे नलए वैिक्तल्पि सूि R = )
𝑷

(ii) चार बल्ब ों िी श्ृोंखला सोंय जि िा िुल प्रनतर ध 1

= 4  275 = 1100 
अथवा

(c)
• बल्ब A उसी चमि िे साथ प्रर्दीप्त ह गा। ½

• अन्य बल्ब यानि B, D और E प्रर्दीप्त ह िा बोंर्द िर र्दें गे। ½

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• कारण:
1
चूोंनि बल्ब B, D और E, फ्यूज बल्ब C िे साथ श्ृोंखला सोंय जि में जुड़े हुए हैं , इसनलए

उििे माध्यम से ि ई नवर्द्युत प्रवाह िहीों ह ती है और इस प्रिार वे प्रर्दीप्त िहीों ह ग


ों े।

बल्ब A अप्रभानवत रहता है, क् नों ि यह समािाोंतर सोंय जि में जुड़ा हुआ है।

4
****

X SCIENCE 31/3/1 PAGE 15


अंकन योजना
पूरी तरह से गोपनीय
(केवल आं तररक और प्रततबंतित उपयोग के तलए)
माध्यतमक तवद्यालय परीक्षा, 2024
तवषय का नाम - तवज्ञान (. कोड 31/3/2)
सामान्य निर्दे श: -

1 आप जािते हैं नि अभ्यनथिय ों िे वास्तनवि एवों सही मूल्ाों िि में मूल्ाों िि सबसे महत्वपूर्ि प्रनिया है । मूल्ाों िि में
एि छ टी सी गलती गोंभीर समस्याओों िा िारर् बि सिती है ज उम्मीर्दवार ों िे भनवष्य, नशक्षा प्रर्ाली और
नशक्षर् पेशे ि प्रभानवत िर सिती है । गलनतय ों से बचिे िे नलए आपसे अिुर ध है नि मूल्ाों िि शुरू िरिे से
पहले स्पॉट मूल्ाों िि नर्दशानिर्दे श ों ि ध्याि से पढें और समझें।

2 “मूल्ाों िि िीनत एि ग पिीय िीनत है क् नों ि यह आय नजत परीक्षाओों, निए गए मूल्ाों िि और िई अन्य पहलुओों
िी ग पिीयता से सोंबोंनधत है । इसिे निसी भी तरह से जिता िे बीच लीि ह िे से परीक्षा प्रर्ाली पटरी से उतर
सिती है और लाख ों उम्मीर्दवार ों िे जीवि और भनवष्य पर असर पड़ सिता है । इस िीनत/र्दस्तावेज़ ि निसी िे
साथ साझा िरिे , निसी पनििा में प्रिानशत िरिे और समाचार पि/वेबसाइट आनर्द में छापिे पर ब र्ि और
आईपीसी िे नवनभन्न नियम ों िे तहत िारि वाई ह सिती है । '

3 मूल्ाों िि अोंिि य जिा में नर्दए गए निर्दे श ों िे अिुसार निया जािा है । इसे अपिी व्याख्या या निसी अन्य नवचार िे
अिुसार िही ों निया जािा चानहए। अोंिि य जिा िा िड़ाई से पालि निया जािा चानहए। हालााँ नि, मूल्ाों िि िरते
समय, ज उत्तर िवीितम जाििारी या ज्ञाि पर आधाररत हैं और/या िवीि हैं , अन्यथा उििी सत्यता िा मूल्ाों िि
निया जा सिता है और उन्हें उनचत अोंि नर्दए जा सिते हैं । िक्षा-X में, र्द य ग्यता-आधाररत प्रश् ों िा मूल्ाों िि
िरते समय, िृपया नर्दए गए उत्तर ि समझिे िा प्रयास िरें और भले ही उत्तर अोंिि य जिा से ि ह , लेनिि
उम्मीर्दवार द्वारा सही य ग्यता नगिाई गई ह , उनचत अोंि नर्दए जािे चानहए।

4 अोंिि य जिा में उत्तर ों िे नलए िेवल सुझाए गए मूल् अोंि ह ते हैं
ये िेवल नर्दशानिर्दे श ों िी प्रिृनत में हैं और सोंपूर्ि उत्तर िही ों बिाते हैं । नवद्यानथिय ों िी अपिी अनभव्यक्ति ह सिती
है और यनर्द अनभव्यक्ति सही है त उसिे अिुसार उनचत अोंि नर्दये जािे चानहए।

5 प्रधाि-परीक्षि ि पहले नर्दि प्रत्येि मूल्ाों िििताि द्वारा मूल्ाों िि िी गई पहली पाों च उत्तर पुक्तस्तिाओों ि र्दे खिा
ह गा, तानि यह सुनिनित ह सिे नि मूल्ाों िि अोंिि य जिा में नर्दए गए निर्दे श ों िे अिुसार निया गया है । यनर्द
ि ई नभन्नता ह त नवचार-नवमशि िे बार्द उसे शून्य निया जाए। मूल्ाों िि िे नलए शे ष उत्तर पुक्तस्तिाएों यह
सुनिनित िरिे िे बार्द ही र्दी जाएों गी नि व्यक्तिगत मूल्ाों ििितािओों िे अोंिि में ि ई महत्वपूर्ि नभन्नता िही ों है ।

6 जहाों भी उत्तर सही ह गा, मूल्ाों िििताि (√) अोंनित िरें गे। गलत उत्तर िे नलए िॉस 'X' अोंनित निया जाए।
मूल्ाों िििताि मूल्ाों िि िरते समय सही (✓) िहीों लगाएों गे नजससे यह आभास ह गा नि उत्तर सही है और ि ई
अोंि िही ों नर्दया गया है । यह सबसे आम गलती है ज मूल्ाों िििताि िर रहे हैं ।

7 यनर्द निसी प्रश् िे िुछ भाग हैं , त िृपया प्रत्येि भाग िे नलए र्दानहिी ओर अोंि र्दें । निर प्रश् िे नवनभन्न भाग ों िे
नलए नर्दए गए अोंि ों ि ज ड़ नर्दया जािा चानहए और बाएों हाथ िे हानशये में नलखा जािा चानहए और घेरा बिाया
जािा चानहए। इसिा सख्ती से पालि निया जा सिे.
8 यनर्द निसी प्रश् में ि ई भाग िही ों है , त बाएों हाथ िे हानशए में अोंि नर्दए जािे चानहए और घेरा लगािा चानहए।
इसिा भी सख्ती से पालि निया जा सिता है .
9 यनर्द निसी छाि िे एि अनतररि प्रश् िा प्रयास निया है , त अनधि अोंि ों िे य ग्य प्रश् िा उत्तर बरिरार रखा
जािा चानहए और र्दूसरे उत्तर ि "अनतररि प्रश्" ि ट िे साथ िाट नर्दया जािा चानहए।
10 निसी िुनट िे सोंचयी प्रभाव िे नलए ि ई अोंि िही ों िाटा जाएगा। इसे िेवल एि बार र्दों नर्त निया जािा चानहए।

X SCIENCE 31/3/2 PAGE 1


11 अोंि ों िा एि पूरा पैमािा ___0-80_______ (उर्दाहरर् 0 से 80/70/60/50/40/30 अोंि जैसा नि प्रश् पि में नर्दया
गया है ) िा उपय ग िरिा ह गा। यनर्द उत्तर य ग्य है त िृपया पूर्ि अोंि र्दे िे में सोंि च ि िरें ।

12 प्रत्येि परीक्षि ि आवश्यि रूप से पूरे िायि समय अथाि त प्रनतनर्दि 8 घोंटे ति मूल्ाों िि िायि िरिा ह गा तथा
मुख्य नवषय ों में प्रनतनर्दि 20 उत्तर पुक्तस्तिाओों तथा अन्य नवषय ों में प्रनतनर्दि 25 उत्तर पुक्तस्तिाओों िा मूल्ाों िि
िरिा ह गा (स्पॉट गाइर्लाइन्स में नववरर् नर्दया गया है )। प्रश् पि में िम निये गये पाठ्यिम और प्रश् ों िी सोंख्या।

13 सुनिनित िरें नि आप अतीत में परीक्षि द्वारा िी गई निम्ननलक्तखत सामान्य प्रिार िी िुनटयााँ ि िरें : -
● उत्तर पुक्तस्तिा में उत्तर या उसिे निसी भाग ि नबिा मूल्ाों िि निये छ ड़ र्दे िा।
● निसी उत्तर िे नलए निधाि ररत अोंि से अनधि अोंि र्दे िा।
● निसी उत्तर पर नर्दए गए अोंि ों िा गलत य ग।
● उत्तर पुक्तस्तिा िे अोंर्दर िे पन्न ों से मुख्य पृष्ठ पर अोंि ों िा गलत स्थािाों तरर्।
● शीषिि पृष्ठ पर गलत प्रश्वार य ग।
● शीषिि पृष्ठ पर र्द िॉलम ों िे अोंि ों िा गलत य ग।
● गलत य ग।
● शब् ों और अोंि ों में अोंनित नचह्न मेल िही ों खाते/समाि िही।ों
● उत्तर पुक्तस्तिा से ऑिलाइि पु रस्कार सूची में अोंि ों िा गलत स्थािाों तरर्।
● उत्तर ों ि सही िे रूप में नचनह्नत निया गया, लेनिि अोंि िही ों नर्दए गए। (सुनिनित िरें नि सही नटि मािि सही
और स्पष्ट रूप से इों नगत निया गया है । यह िेवल एि पोंक्ति ह िी चानहए। गलत उत्तर िे नलए एक्स िे साथ भी
ऐसा ही है ।)
● उत्तर िे आधे या िुछ भाग ि सही और शेष ि गलत नचनह्नत निया गया, लेनिि ि ई अोंि िही ों नर्दया गया।

14 उत्तर पुक्तस्तिाओों िा मूल्ाों िि िरते समय यनर्द उत्तर पूरी तरह से गलत पाया जाता है , त इसे िॉस (X) िे रूप में
नचनह्नत निया जािा चानहए और शून्य (0) अोंि नर्दए जािे चानहए।
15 ि ई भी मूल्ाों िि ि निया गया भाग, शीषिि पृष्ठ पर अोंि ि ले जािा, या उम्मीर्दवार द्वारा पाई गई िुल िुनट से
मूल्ाों िि िायि में लगे सभी िनमिय ों और ब र्ि िी प्रनतष्ठा ि िुिसाि ह गा। इसनलए, सभी सोंबोंनधत पक्ष ों िी प्रनतष्ठा
बिाए रखिे िे नलए, यह निर से र्द हराया जाता है नि निर्दे श ों िा सावधािीपूविि और नववेिपूर्ि तरीिे से पालि
निया जाए।
16 परीक्षि ों ि वास्तनवि मूल्ाों िि शुरू िरिे से पहले "स्पॉट मूल्ाों िि िे नलए नर्दशानिर्दे श" में नर्दए गए
नर्दशानिर्दे श ों से पररनचत ह िा चानहए।
17 प्रत्येि परीक्षि यह भी सुनिनित िरे गा नि सभी उत्तर ों िा मूल्ाोंिि निया गया है , अोंि ों ि शीषिि पृष्ठ पर ले
जाया गया है , सही ढों ग से य ग निया गया है और अोंि ों और शब् ों में नलखा गया है ।
18 उम्मीर्दवार निधाि ररत प्रसोंस्करर् शुल्क िा भुगताि िरिे अिुर ध पर उत्तर पुक्तस्तिा िी ि ट िॉपी प्राप्त िरिे िे
हिर्दार हैं । सभी परीक्षि /ों अनतररि प्रधाि परीक्षि /ों प्रधाि परीक्षि ों ि एि बार निर यार्द नर्दलाया जाता है नि
उन्हें यह सुनिनित िरिा ह गा नि मूल्ाों िि अोंिि य जिा में नर्दए गए प्रत्येि उत्तर िे नलए मूल् नबोंर्दुओों िे
अिुसार सख्ती से निया जाए।

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MARKING SCHEME
Secondary School Examination, 2024
SCIENCE (Subject Code–086)
[ Paper Code: 31/3/2]
Maximum Marks: 80
Q. EXPECTED ANSWER / VALUE POINTS Marks Total
No. Marks
SECTION A (खण्ड-ि) 1 1
1 (A) / ध िे िा स र्ा 1 1
2 (B) / CaO + H2O → Ca(OH)2 1 1
3 (A) / नबिा बुझा चुिा 1 1
4 (B) / हल्दी और नलटमस 1 1
5 (B) / C7 H14 1 1
6 (C) / CH3COOC2H5 + NaOH → CH3COONa + C2H5OH 1 1
7 (A) / 1, 6, 2 and 3 1 1
8 (D) / 4D and 2L 1 1
9 (D) / CFC िे उत्पार्दि ि घटािा है । 1 1
10 (D) / ये अलैंनगि जिि िरते हैं । 1 1
11 (A) / Tt and Tt 1 1
12 (C) / (b) and (c) 1 1
13 (C) / िेवल र्दल (पोंखुड़ी) 1 1
14 (D) / पररक्षेपर्(नवक्षेपर्), अपवतिि, और आतोंररि परावतिि 1 1
15 (B) / (a) and (c) 1 1
16 (A) / र्द प षी स्तर 1 1
17 (A) / (A) और (R) र्द ि ों सही हैं तथा (R) द्वारा (A) िी सही व्याख्या ह रही है I 1 1
18 (C) / (A) सही है , परन्तु (R) गलत है I 1 1
19 (D) / (A) गलत है , परन्तु (R) सही है I 1 1
20 1 1
(B) / (A) और (R) र्द ि ों सही हैं तथा (R) द्वारा (A) िी सही व्याख्या िहीों ह रही है I
SECTION B (खण्ड-ब)

21 (a) BaCl2 (aq)+ Na2SO4(aq) → 2NaCl (aq)+ BaSO4 (s) 1

(b)
• नद्वनवस्थापि अनभनिया ½
½
• क् नों ि आयि ों िा आर्दाि-प्रर्दाि ह ता है
2
22
• जब वह पास िी वस्तुओों ि स्पष्ट रूप से िहीों र्दे ख पाता है लेनिि र्दूर ½
िी वस्तुओों ि स्पष्ट रूप से र्दे ख पाता है।

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• 2 कारण:
½
िेि लेंस िी ि िल लोंबाई बढ जाती है।
½
िेिग लि बहुत छ टा ह जाता है।
• उत्तल या अनभसारी लेंस ½
2
23 (a)
(a)

नचि.12.6 (a) पेज. 220-NCERT


आरे ख 1
प्रवाहित धारा एवं चम्
ु बकीय क्षेत्र की हिशाएँ ½+½
2

अथवा

(b)
• स्थायी चुोंबि/धारा प्रवानहत पररिानलिा/ नवद्दयुत चुोंबि ½

नचि-12.11, पेज.223-NCERT
आरे ख: 1
नामांकन: ½

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24
• प्रर ह/ जड़ िे अग्र भाग (नटप) में सोंश्लेनषत ह ता है । ½
• जब पार्दप पर एि ओर से प्रिाश आ रहा है तब ऑक्तक्सि नवसररत ह िर प्रर ह िे छाया वाले

भाग में आ जाता है। प्रर ह िी प्रिाश से र्दूर वाली साइर् में ऑक्तक्सि िा साोंद्रर् ि नशिाओों 1½

ि लोंबाई में वृक्ति िे नलए उद्दीनपत िरता है। अतः पार्दप प्रिाश िी ओर मुड़ता हुआ नर्दखाई

र्दे ता है/ प्रिाशािुवतिि।


2
25
(a) मटर िे पौध ों िे र्द दृनष्टग चर ह िे वाले नवपयािसी (नविल्पी) लक्षर् ों िे युगल:
½+½
• लोंबे पौधे (प्रभावी), बौिे पौधे (अप्रभावी)

• पीले बीज (प्रभावी), हरे बीज (अप्रभावी) ½+½

(कोई अन्य जोडा/युगल)

अथवा

(b)

½
½

2
26
• जैव-निम्नीिरर्ीय− वे पर्दाथि ज जैनवि प्रनियाओों द्वारा नवघनटत ह जाते हैं। ½
½
• अजैव-निम्नीिरर्ीय− वे पर्दाथि ज जैनवि प्रनियाओों द्वारा नवघनटत िहीों ह ते हैं।

वगीकरण:-

जैव-निम्नीिरर्ीय− समाचार पि, सक्तिय ों िे नछलिे ½


½ 2
अजैव-निम्नीिरर्ीय− िाोंच िी ब तलें, पॉनलथीि िी थैनलयााँ

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SECTION C (खण्ड-ग)

27 (a)
(i) अपचयन प्रतिया – भजिि ½
½
कारण- मििरी िा िम नियाशील ह िा।

(ii) अपचयन प्रतिया - भजिि ½


½
कारण- ताोंबे िा िम नियाशील ह िा।
½
(iii) अपचयन प्रतिया- नवद्दयुत अपघटि। ½
कारण- स नर्यम िा अनधि नियाशील ह िा।

अथवा

(b)
(i) तिखावट में पररवततन - सिेर्द से िाला रों ग। ½+½
कारण- नसल्वर सल्फाइर् बिता है।

(ii) तिखावट में पररवततन - लाल भूरे से हरा रों ग । ½+½

कारण- बेनसि िॉपर िाबोिेट बिता है।


½ +½
(iii) तिखावट में पररवततन – ग्रे / स्लेटी से भूरा रों ग। 3
कारण- जोंग (आयरि ऑक्साइर्) बिता है।

28 Na = 2, 8, 1; O = 2,6 ½+½

• धिायि- स नर्यम
½
• ऋर्ायि- ऑक्साइर्
½
3
29 (a) संघटक:- मक्तस्तष्क और मेरुरज्जु। ½+½

सुरक्षा:- मक्तस्तष्क - हनिय ों िा बॉक्स/ख पड़ी/िेनियम/तरलपूररत गुब्बारा। ½


½
मेरूरज्जु – िशेरुिर्दण्ड/ रीर् िी हिी।

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(b) सीमाएँ :
(1) सविप्रथम वे िेवल उन्हीों ि नशिाओ ति पोंहुोंचेंगी, ज तोंनििा ऊति से जुड़ी हैं , जोंतु शरीर ½
िी प्रत्येि ि नशिा ति िहीों।
(2) एि बार एि ि नशिा में नवर्द्त आवेग जनित ह ता है त पुिः िया आवेग जनित िरिे तथा ½
उसे सोंचाररत िरिे िे नलए ि नशिा निर से अपिी िायिनवनध ि सुचारू िरिे िे नलए िुछ
समय लेगी।
3
(कोई अन्य)
30 • अन्तर :

वायवीय श्वसि अवायवीय श्वसि


½ +½
ऑक्सीजि िा उपय ग िरता है ऑक्सीजि िी अिुपक्तस्थनत में ह ता है

वायवीय और अवायवीय श्वसि िे नलए सविनिष्ठ मागि :-

ग्लूि ज → पायरूवेट ½
𝑂2 िी उपक्तस्थनत
ग्लूि ज → पायरूवेट → िाबिि र्ाइऑक्साइर् + जल + ऊजाि 1
स्थल − माइट िॉक्तरिया में
½ 3
31
• यह नवद्दयुत उपिरर् /ों सानधि ों तथा नवद्दयुत पररपथ ि ओवरल नर्ों ग तथा शॉटि सनििट से 1
ह िे वाली क्षनत से बचाता है।

• यहाों, P = 3 kW = 3000 W, V = 220 V, I = ?

P=VI
½
P 3000 𝑊
I= = 220 𝑉 = 13·63 A 1
V

• 13·63 A > फ़्यूज़ िी रे नटों ग 5 A, इसनलए फ़्यूज़ िा तार नपघल जाएगा और सनििट ि त ड़ ½

र्दे गा।
3
32
• प्रिाश िा प्रिीर्िि / नटों र्ल प्रभाव। 1
• जब एि प्रिाश निरर् पुोंज धुोंए िे महीि िर् ों से टिराती है त वह र्दूर ति परावनतित ह ती है

और प्रिाश िा मागि नर्दखाई र्दे िे लगता है। 1


• अत्योंत सूक्ष्म िर् मुख्य रूप से िीले प्रिाश/छ टी तरों गर्दै ध्यि वाले रों ग ि प्रिीर्ि िरते हैं
1 3
जबनि बड़े आिार िे िर् अनधि तरों गर्दै ध्यि वाले प्रिाश ि प्रिीर्ि िरते हैं।

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33
• प्रत्येि नवर्द्युत उपिरर्/सानधि िा अपिा क्तिच ह ता है नजसिे िारर् प्रत्येि ि अपिी 1
आवश्यिता िे अिुसार अलग-अलग चालू और बंि निया जा सिता है।

• यनर्द निसी खराबी िे िारर् एि नवर्द्युत उपिरर् िाम िरिा बोंर्द िर र्दे ता है तब भी अन्य 1

सभी उपिरर् िाम िरते रहते हैं।

• प्रत्येि उपिरर् में समाि नवभवान्तर ह ता है और वह आवश्यितािुसार नवद्दयुत धारा लेता है। 1
• समािाोंतर पररपथ में िुल प्रनतर ध िम ह जाता है।
(कोई तीन)
3
SECTION D (खण्ड-घ)

34 (a) (i)

(1)

नचि.9.13(b)-पेज-169, NCERT.

(2)
1

नचि.9.14(b)- पेज-169, NCERT.

(नोट:- यति तकरणों की तिशाएँ नही ं तिखाई गई है तो आिा अंक काट लें)

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(ii)

नर्दया गया है:-


u = –16 cm, f = + 24 cm, h = 4 cm ½
1 1 1
सूि – = ½
v u f
1 1 1
 – =
v (–16) + 24

1 –1
=
v 48

v = – 48 cm 1

लेंस के जिस ओर बबम्ब िै उसी ओर प्रततबबम्ब की जथितत िोगी

ℎ′ −48
= −16
4

h' = 12 cm ½

5
अथवा

(b) (i)
(1)

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(2)

(नोट:- यति तकरणों की तिशाएं नही ं तिखाई गई है तो आिा अंक काट लें)

(ii) यहााँ, f = – 12 cm, u = – 18 cm, v = ?, h = 1·5 cm, h = ? ½

1 1 1 ½
र्दपिर् सूि + =
v u f

1 1 1
 = –
v f u

1 1
= –
– 12 cm – 18 cm
−1
= 36

 v = – 36 cm 1
ℎ′ 𝑣 ½
𝑚= = −𝑢

ℎ′ (−36)
= - (−18)
1.5

ℎ′ = – 3·0 cm ½

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35
(a)
• जब शरीर िी सामान्य वृक्ति िी र्दर धीमी ह िी शुरू ह ती है और जिि ऊति पररपक्व ह िे
1
लगते हैं, उस क्तस्थनत ि यौविारों भ िहते हैं ।

• लड़ि ों में − चेहरे पर र्दाढी-मूोंछ नििल आती है , आवाज िटिे लगती है , नलोंग बड़ा ह िर ½+½
ऊर्ध्ि ह िे लगता है।

(कोई िो)

(b) वृषर् − शुिार्ुओों िा निमािर्, ½


½
हामोि टे स्ट स्टे र ि िा स्राव

भूतमका :

(i) शुिवानहिी − वृषर् से मूिमागि ति शुिार्ुओों िा स्थािान्तरर्।

(ii) शुिाशय − शुिार्ुओों ि प षर् प्रर्दाि िरता है / शुिार्ुओों िे स्थािान्तरर् (चालि) ि

आसाि बिाता है।

(iii) मूिमागि − शुिार्ुओों और मूि िे नलए उभय मागि।


½× 4 5
(iv) वृषर् ि श − शुिार्ु निमािर् िे नलए आवश्यि तापमाि प्रर्दाि िरिा ।

अथवा

(a) (i)अोंर्ाशय −
• एस्टि जि हामोि िा उत्पार्दि ½
½
• मार्दा युग्मि/अोंर् िा उत्पार्दि

(ii) अोंर्वानहिा −

• मार्दा युग्मि िा अोंर्ाशय से गभािशय में स्थािाोंतरर्


½
• निषेचि िा स्थल ½
(iii) गभािशय −

• युग्मिज िा प्रत्यार पर्


½
• नविासशील भ्रूर् िा प षर् ½

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(b) प्लैसेंटा की संरचना −

• एि तश्तरीिुमा सोंरचिा है ज गभािशय िी नभनत्त में धाँसी ह ती है।

• इसमें भ्रूर् िी ओर िे उत्ति में प्रवधि ह ते हैं ज मााँ िे उत्ति ों में रि स्थाि ह ते हैं।
½× 2
कायत :

• प षि तत्व ों (ग्लूि ज और ऑक्सीजि) ि मााँ िी ओर से भ्रूर् ति, अपनशष्ट पर्दाथों ि भ्रूर्

िी ओर से मााँ िे रि ति पहुाँचािे िे नलए एि बड़ा सतही क्षेि प्रर्दाि िरता है । 1

36 (a) (i)
(1) नवलयि B
(2) नवलयि C
(3) नवलयि A
(4) नवलयि D
(5) नवलयि E ½x5

नवलयि ों िी बढती H+ आयि साोंद्रता िा िम :– C < E < D < A < B ½

(ii) (1) अम्लीय लवर्: अम नियम क्ल राइर्/ NH4Cl ½


जिि अम्ल-हाइर्ि क्ल ररि अम्ल/HCl
½
जिि क्षारि- अम नियम हाइर्ि ॉक्साइर्/(NH4OH)

(2) क्षारीय लवर् : स नर्यम िाबोिेट; Na2CO3 ½


जिि अम्ल-िाबोनिि अम्ल/H2CO3 ½
जिि क्षारि- स नर्यम हाइर्ि ॉक्साइर्/NaOH

(अथवा कोई अन्य ) 5


अथवा

(b) क्ल र - क्षार प्रनिया; 1


• स नर्यम क्ल राइर् िे जलीय नवलयि (लवर् जल ) से नवद्दयुत प्रवानहत िरिे पर यह नवय नजत ½
ह िर स नर्यम हाइर्ि ॉक्साइर् उत्पन्न िरता है /

2NaCl (aq) + 2H2O(l) → 2NaOH(aq)+Cl2(g)+H2(g).


• X – Cl2 गैस – एि र् पर ½+ ½
½ +½
• Y – H2 गैस – िैथ र् पर

(नोट:- तचत्र द्वारा िशातए जाने पर भी अंक िीतजए )

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• Z – नवरों जि चूर्ि / CaOCl2 / िैक्तशशयम ऑक्तक्सक्ल राइर् ½
1
• Ca(OH)2 + Cl2 ⎯⎯
→ CaOCl2 + H2O
(ब्लीनचोंग पाउर्र/
नवरों जि चूर्ि)
SECTION E (खण्ड-ड़)

37
(a) • CH3Br ½
• C2H5Br ½

(b) (i) एक्तिहाइर् ½


(ii) िीट ि ½
(c)

½
• KMnO4 िा रों ग नवलुप्त ह जाता है;

• KMnO4 ऑक्सीिारि िे रूप में िायि िरता है । ½


क्षारीय 𝐾𝑀𝑛𝑂4 +ऊष्मा
• CH3CH2OH → CH3COOH 1

अथवा

(c) • एथीि ½
तिु. H2SO4 निजिलीिारि िे रूप में िायि िरता है। ½

साोंद्र.𝐻2 𝑆𝑂4 + ऊष्मा 443 𝐾


• C2H5OH → CH2 = CH2 + H2O 1 4

38 ½+½
(a) लार ग्रोंनथ; मोंर्/िाबोहाइर्ि े ट
½ +½
(b) आमाशय , गुर्दा

(c)
(i) आमाशय िा आतोंररि आस्तर अम्लीय प्रभाव से सुरनक्षत िहीों रहेगा । 1
1
(ii) पानचत भ जि अवश नषत िहीों ह गा। / अवश षर् क्षेि िम ह जाएगा ।

अथवा

(c)
• वसा िा इमल्सीिरर्।
1
• अग्न्याशय िे एों जाइम ों िी निया िरिे िे नलए अम्लीय माध्यम ि क्षारीय बिाता है। 1 4
X SCIENCE 31/3/2 PAGE 13
39
(a) (i) बल्ब A प्रर्दीप्त ह गा । ½
½
(ii) बल्ब B, C, D और E प्रर्दीप्त ह ग
ों े।

(b) P = V×I ½
11 = 55 ×I
1 ½
I = 5 = 0.2 ऐक्तियर

(c)
𝑉 55 𝑉
(i) बल्ब B िा प्रनतर ध, R = 𝐼 = = 275  1
0.2 𝐴

𝑽𝟐
(प्रनतर ध िे नलए वैिक्तल्पि सूि R = )
𝑷

(ii) चार बल्ब ों िी श्ृोंखला सोंय जि िा िुल प्रनतर ध

= 4  275 = 1100  1
अथवा

(c)
• बल्ब A उसी चमि िे साथ प्रर्दीप्त ह गा। ½

• अन्य बल्ब यानि B, D और E प्रर्दीप्त ह िा बोंर्द िर र्दें गे। ½


• कारण:

चूोंनि बल्ब B, D और E, फ्यूज बल्ब C िे साथ श्ृोंखला सोंय जि में जुड़े हुए हैं , इसनलए उििे

माध्यम से ि ई नवर्द्युत प्रवाह िहीों ह ती है और इस प्रिार वे प्रर्दीप्त िहीों ह ग


ों े। बल्ब A अप्रभानवत 1

रहता है, क् नों ि यह समािाों तर सोंय जि में जुड़ा हुआ है।


4

*****

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अंकन योजना
पूरी तरह से गोपनीय
(केवल आं तररक और प्रततबंतित उपयोग के तलए)
माध्यतमक तवद्यालय परीक्षा, 2024
तवषय का नाम - तवज्ञान (. कोड 31/3/3)
सामान्य निर्दे श: -

1 आप जािते हैं नि अभ्यनथिय ों िे वास्तनवि एवों सही मूल्ाों िि में मूल्ाों िि सबसे महत्वपूर्ि प्रनिया है । मूल्ाों िि में
एि छ टी सी गलती गोंभीर समस्याओों िा िारर् बि सिती है ज उम्मीर्दवार ों िे भनवष्य, नशक्षा प्रर्ाली और नशक्षर्
पेशे ि प्रभानवत िर सिती है । गलनतय ों से बचिे िे नलए आपसे अिुर ध है नि मूल्ाों िि शु रू िरिे से पहले स्पॉट
मूल्ाों िि नर्दशानिर्दे श ों ि ध्याि से पढें और समझें।

2 “मूल्ाों िि िीनत एि ग पिीय िीनत है क् नों ि यह आय नजत परीक्षाओों, निए गए मूल्ाों िि और िई अन्य पहलुओों
िी ग पिीयता से सोंबोंनधत है । इसिे निसी भी तरह से जिता िे बीच लीि ह िे से परीक्षा प्रर्ाली पटरी से उतर
सिती है और लाख ों उम्मीर्दवार ों िे जीवि और भनवष्य पर असर पड़ सिता है । इस िीनत/र्दस्तावेज़ ि निसी िे
साथ साझा िरिे , निसी पनििा में प्रिानशत िरिे और समाचार पि/वेबसाइट आनर्द में छापिे पर ब र्ि और आईपीसी
िे नवनभन्न नियम ों िे तहत िारि वाई ह सिती है । '

3 मूल्ाों िि अोंिि य जिा में नर्दए गए निर्दे श ों िे अिुसार निया जािा है । इसे अपिी व्याख्या या निसी अन्य नवचार िे
अिुसार िही ों निया जािा चानहए। अोंिि य जिा िा िड़ाई से पालि निया जािा चानहए। हालााँ नि, मूल्ाों िि िरते
समय, ज उत्तर िवीितम जाििारी या ज्ञाि पर आधाररत हैं और/या िवीि हैं , अन्यथा उििी सत्यता िा मूल्ाों िि
निया जा सिता है और उन्हें उनचत अोंि नर्दए जा सिते हैं । िक्षा-X में, र्द य ग्यता-आधाररत प्रश् ों िा मूल्ाों िि
िरते समय, िृपया नर्दए गए उत्तर ि समझिे िा प्रयास िरें और भले ही उत्तर अोंिि य जिा से ि ह , लेनिि
उम्मीर्दवार द्वारा सही य ग्यता नगिाई गई ह , उनचत अोंि नर्दए जािे चानहए।

4 अोंिि य जिा में उत्तर ों िे नलए िेवल सुझाए गए मूल् अोंि ह ते हैं
ये िेवल नर्दशानिर्दे श ों िी प्रिृनत में हैं और सोंपूर्ि उत्तर िही ों बिाते हैं । नवद्यानथिय ों िी अपिी अनभव्यक्ति ह सिती है
और यनर्द अनभव्यक्ति सही है त उसिे अिुसार उनचत अोंि नर्दये जािे चानहए।

5 प्रधाि-परीक्षि ि पहले नर्दि प्रत्येि मूल्ाों िििताि द्वारा मूल्ाों िि िी गई पहली पाों च उत्तर पुक्तस्तिाओों ि र्दे खिा
ह गा, तानि यह सुनिनित ह सिे नि मूल्ाों िि अोंिि य जिा में नर्दए गए निर्दे श ों िे अिुसार निया गया है । यनर्द
ि ई नभन्नता ह त नवचार-नवमशि िे बार्द उसे शून्य निया जाए। मू ल्ाों िि िे नलए शेष उत्तर पुक्तस्तिाएों यह सुनिनित
िरिे िे बार्द ही र्दी जाएों गी नि व्यक्तिगत मूल्ाों िििताि ओों िे अोंिि में ि ई महत्वपूर्ि नभन्नता िही ों है ।

6 जहाों भी उत्तर सही ह गा, मूल्ाों िििताि (√) अोंनित िरें गे। गलत उत्तर िे नलए िॉस 'X' अोंनित निया जाए।
मूल्ाों िििताि मूल्ाों िि िरते समय सही (✓) िही ों लगाएों गे नजससे यह आभास ह गा नि उत्तर सही है और ि ई
अोंि िही ों नर्दया गया है । यह सबसे आम गलती है ज मूल्ाों िििताि िर रहे हैं ।

7 यनर्द निसी प्रश् िे िुछ भाग हैं , त िृपया प्रत्येि भाग िे नलए र्दानहिी ओर अोंि र्दें । निर प्रश् िे नवनभन्न भाग ों िे
नलए नर्दए गए अोंि ों ि ज ड़ नर्दया जािा चानहए और बाएों हाथ िे हानशये में नलखा जािा चानहए और घेरा बिाया जािा
चानहए। इसिा सख्ती से पालि निया जा सिे.
8 यनर्द निसी प्रश् में ि ई भाग िही ों है , त बाएों हाथ िे हानशए में अोंि नर्दए जािे चानहए और घेरा लगािा चानहए। इसिा
भी सख्ती से पालि निया जा सिता है .
9 यनर्द निसी छाि िे एि अनतररि प्रश् िा प्रयास निया है , त अनधि अोंि ों िे य ग्य प्रश् िा उत्तर बरिरार रखा
जािा चानहए और र्दूसरे उत्तर ि "अनतररि प्रश्" ि ट िे साथ िाट नर्दया जािा चानहए।
10 निसी िुनट िे सोंचयी प्रभाव िे नलए ि ई अोंि िही ों िाटा जाएगा। इसे िेवल एि बार र्दों नर्त निया जािा चानहए।

X SCIENCE 31/3/3 PAGE 1


11 अोंि ों िा एि पूरा पैमािा _____0-80_____ (उर्दाहरर् 0 से 80/70/60/50/40/30 अोंि जैसा नि प्रश् पि में नर्दया
गया है ) िा उपय ग िरिा ह गा। यनर्द उत्तर य ग्य है त िृपया पूर्ि अोंि र्दे िे में सोंि च ि िरें ।

12 प्रत्येि परीक्षि ि आवश्यि रूप से पूरे िायि समय अथाि त प्रनतनर्दि 8 घोंटे ति मूल्ाों िि िायि िरिा ह गा तथा
मुख्य नवषय ों में प्रनतनर्दि 20 उत्तर पुक्तस्तिाओों तथा अन्य नवषय ों में प्रनतनर्दि 25 उत्तर पुक्तस्तिाओों िा मूल्ाों िि िरिा
ह गा (स्पॉट गाइर्लाइन्स में नववरर् नर्दया गया है )। प्रश् पि में िम निये गये पाठ्यिम और प्रश् ों िी सोंख्या।

13 सुनिनित िरें नि आप अतीत में परीक्षि द्वारा िी गई निम्ननलक्तखत सामान्य प्रिार िी िुनटयााँ ि िरें : -
● उत्तर पुक्तस्तिा में उत्तर या उसिे निसी भाग ि नबिा मूल्ाों िि निये छ ड़ र्दे िा।
● निसी उत्तर िे नलए निधाि ररत अोंि से अनधि अोंि र्दे िा।
● निसी उत्तर पर नर्दए गए अोंि ों िा गलत य ग।
● उत्तर पुक्तस्तिा िे अोंर्दर िे पन्न ों से मुख्य पृष्ठ पर अोंि ों िा गलत स्थािाों तरर्।
● शीषिि पृष्ठ पर गलत प्रश्वार य ग।
● शीषिि पृष्ठ पर र्द िॉलम ों िे अोंि ों िा गलत य ग।
● गलत य ग।
● शब् ों और अोंि ों में अोंनित नचह्न मेल िही ों खाते/समाि िही।ों
● उत्तर पुक्तस्तिा से ऑिलाइि पु रस्कार सूची में अोंि ों िा गलत स्थािाों तरर्।
● उत्तर ों ि सही िे रूप में नचनह्नत निया गया, लेनिि अोंि िही ों नर्दए गए। (सुनिनित िरें नि सही नटि मािि सही
और स्पष्ट रूप से इों नगत निया गया है । यह िेवल एि पोंक्ति ह िी चानहए। गलत उत्तर िे नलए एक्स िे साथ भी ऐसा
ही है ।)
● उत्तर िे आधे या िुछ भाग ि सही और शेष ि गलत नचनह्नत निया गया, लेनिि ि ई अोंि िही ों नर्दया गया।

14 उत्तर पुक्तस्तिाओों िा मूल्ाों िि िरते समय यनर्द उत्तर पूरी तरह से गलत पाया जाता है , त इसे िॉस (X) िे रूप में
नचनह्नत निया जािा चानहए और शून्य (0) अोंि नर्दए जािे चानहए।
15 ि ई भी मूल्ाों िि ि निया गया भाग, शीषिि पृष्ठ पर अोंि ि ले जािा, या उम्मीर्दवार द्वारा पाई गई िुल िुनट से
मूल्ाों िि िायि में लगे सभी िनमि य ों और ब र्ि िी प्रनतष्ठा ि िुिसाि ह गा। इसनलए, सभी सोंबोंनधत पक्ष ों िी प्रनतष्ठा
बिाए रखिे िे नलए, यह निर से र्द हराया जाता है नि निर्दे श ों िा सावधािीपूविि और नववेिपूर्ि तरीिे से पालि
निया जाए।
16 परीक्षि ों ि वास्तनवि मूल्ाों िि शुरू िरिे से पहले "स्पॉट मूल्ाोंिि िे नलए नर्दशानिर्दे श" में नर्दए गए नर्दशानिर्दे श ों
से पररनचत ह िा चानहए।
17 प्रत्येि परीक्षि यह भी सुनिनित िरे गा नि सभी उत्तर ों िा मूल्ाोंिि निया गया है , अोंि ों ि शीषिि पृष्ठ पर ले जाया
गया है , सही ढों ग से य ग निया गया है और अोंि ों और शब् ों में नलखा गया है ।
18 उम्मीर्दवार निधाि ररत प्रसोंस्करर् शुल्क िा भुगताि िरिे अिुर ध पर उत्तर पुक्तस्तिा िी ि ट िॉपी प्राप्त िरिे िे
हिर्दार हैं । सभी परीक्षि /ों अनतररि प्रधाि परीक्षि /ों प्रधाि परीक्षि ों ि एि बार निर यार्द नर्दलाया जाता है नि
उन्हें यह सुनिनित िरिा ह गा नि मूल्ाों िि अोंिि य जिा में नर्दए गए प्रत्येि उत्तर िे नलए मूल् नबोंर्दुओों िे अिुसार
सख्ती से निया जाए।

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MARKING SCHEME
Secondary School Examination, 2024
SCIENCE (Subject Code–086)
[ Paper Code: 31/3/3]
Maximum Marks: 80
Q. EXPECTED ANSWER / VALUE POINTS Mark Total
No. s Mark
s
SECTION A (खण्ड-क)
1 (B) / CaO + H2O → Ca(OH)2 1 1
2 (A) / नबिा बुझा चुिा 1 1
3 (B) / हल्दी और नलटमस 1 1
4 (A) / ध िे िा स र्ा 1 1
5 (D) /NO2, PbO and O2 1 1
6 (D) /ब्यूटाइि, एथीि, प्र पाइि 1 1
7 (B) 1 1
8 (C) / (b) और (c) 1 1
9 (C) / 9 : 3 : 3 : 1 1 1
10 (D) / साइट िाइनिि 1 1
11 (C) /िई सोंतनत उत्पन्न िरिे िे नलए एि ही प्रजानत िे र्द व्यक्तिय ों द्वाराआिुवोंनशि 1 1
पर्दाथि िा य गर्दाि ह गा ।
12 (C) / सरीसृप 1 1
13 (D) / 4D और 2L 1 1
14 (D) / 1  1 1
15 (B) / (a) और (c) 1 1
16 (A) / 2 र्द प षी स्तर 1 1
17 (C) / (A) सही है, परन्तु (R) गलत है I 1 1
18 (C) / (A) सही है , परन्तु (R) गलत है I 1 1
19 (A) / (A) और (R) र्द ि ों सही हैं तथा (R) द्वारा (A) िी सही व्याख्या ह रही है I 1 1
20 (B) / (A) और (R) र्द ि ों सही हैं तथा (R) द्वारा (A) िी सही व्याख्या िहीों ह रही 1 1
है I
SECTION B (खण्ड-ख)

21 (a) सूयि प्रिाश िी उपक्तस्थनत में ½


नवय जि अनभनिया / प्रिाश रासायनिि अनभनिया. ½

ऊष्मा 1
(b) 2FeSO4(s) → Fe2O3(s) + SO2(g) + SO3(g)
2

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22
(a) मटर िे पौध ों िे र्द दृनष्टग चर ह िे वाले नवपयािसी (नविल्पी) लक्षर् ों िे युगल:

• लोंबे पौधे (प्रभावी), बौिे पौधे (अप्रभावी)


½+½
• पीले बीज (प्रभावी), हरे बीज (अप्रभावी) ½+½
2
(कोई अन्य जोडा/युगल)

अथवा

(b)

½
½
23
• प्रर ह/ जड़ िे अग्र भाग (नटप) में सोंश्लेनषत ह ता है । ½
• जब पार्दप पर एि ओर से प्रिाश आ रहा है तब ऑक्तक्सि नवसररत ह िर प्रर ह

िे छाया वाले भाग में आ जाता है। प्रर ह िी प्रिाश से र्दूर वाली साइर् में 1½

ऑक्तक्सि िा साोंद्रर् ि नशिाओों ि लोंबाई में वृक्ति िे नलए उद्दीनपत िरता है।

अतः पार्दप प्रिाश िी ओर मुड़ता हुआ नर्दखाई र्दे ता है / प्रिाशािुवतिि। 2


24 (a)

नचि.12.6 (a) पेज. 220-NCERT


आरे ख 1
प्रवाहित धारा एवं चम्
ु बकीय क्षेत्र की हिशाएँ ½+½ 2

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अथवा

(b)
• स्थायी चुोंबि/धारा प्रवानहत पररिानलिा/ नवद्दयुत चुोंबि ½

नचि-12.11, पेज.223-NCERT
आरे ख: 1
नामांकन: ½

25
जब वह पास िी वस्तुओों ि स्पष्ट रूप से िहीों र्दे ख पाता है लेनिि र्दूर ½
िी वस्तुओों ि स्पष्ट रूप से र्दे ख पाता है।

• 2 िारर्:

िेि लेंस िी ि िल लोंबाई बढ जाती है। ½


½
िेिग लि बहुत छ टा ह जाता है।
• उत्तल या अनभसारी लेंस ½ 2

26
(a) निसी पाररक्तस्थनतिी तोंि में प्रत्येि प षी स्तर पर नविल्प ों िे रूप में नवनभन्न 1
प्रिार िे जीव ों िी अनधि सोंख्या उपलब्ध ह ती है।

(b) 10 प्रनतशत नियम िे अिुसार प्रत्येि प षी स्तर पर उपलब्ध ऊजाि घटती रहती 1
है। इसनलए अनधि प षी स्तर ों िे िारर् अोंनतम प षी स्तर पर िम ऊजाि ह ती है

ज जीव ों िे जीनवत रहिे िे नलए पयािप्त िहीों है ।

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SECTION C (खण्ड-ग)

27 (a)
• थनमिट अनभनिया ½
• Fe2O3(s) + 2Al(s) → 2Fe(l) + Al2O3(s) + ऊष्मा 1

• चूाँनि Fe से Al अनधि अनभनियाशील है , इसनलए यह Fe ि Fe2O3 से 1

नवस्थानपत िर र्दे ता है

• इस अनभनिया िा उपय ग रे ल िी पटररय /ों मशीि िे टू टे हुए नहस् ों ि


½
ज ड़िे िे नलए निया जाता है 3

अथवा
(b)
(i) ‘E’− स नर्यम (Na) / प टै नशयम(K) ½

(ii)
• जल में − 2Na(s) + 2H2O(l)→ 2NaOH(aq) +H2 (g) + ऊजाि 1
½
• उत्पार्द िी प्रिृनत – क्षारिीय

(iii) नवद्दयुत अपघटि


1

28
(a) उभयधमी ऑक्साइर् (नजोंि ऑक्साइर्) अम्ल तथा क्षारि र्द ि ों से अनभनिया 1
िरिे लवर् तथा जल प्रर्दाि िरता है।

(b)) अनभनिया िे र्दौराि निनमित हाइर्र जि गैस िे बुलबुले िैक्तशशयम धातु िी 1

सतह पर नचपि जाते हैं और इसे हल्का बिा र्दे ते हैं।


(c) िाइनटर ि अम्ल एि प्रबल ऑक्सीिारि है , ज उत्पन्न हाइर्र जि ि 1
ऑक्सीिृत िरिे जल में पररवनतित िर र्दे ता है।
3
29
जब वाष्प त्सजिि द्वारा पनत्तय ों में रों ध् ों िे माध्यम से जल िी हानि ह ती है , त यह 1+1+1
एि चूषर् बल/वाष्प त्सजिि क्तखोंचाव उत्पन्न िरता है , ज जल ि जड़ ों में उपक्तस्थत

जाइलम िे द्वारा पनत्तय ों ति खीोंचता है।

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30 • नाम:- एर्र ीिलीि ½

• अवस्थितत:- एर्र ीिल ग्रोंनथ


½

• अनुतियायें :-

हृर्दय िी धड़िि बढ जाती है तानि हमारी पेनशय ों ि अनधि ऑक्सीजि िी आपूनति


ह सिे; पाचि तों ि में रुनधर िी आपूनति िम ह जाती है क् नों ि इि अोंग ों िी छ टी 2
धमनिय ों िे आस-पास िी पेनशयााँ नसिुड़ जाती हैं ; र्ायाफ्राम तथा पसनलय ों िी पेशी
3
िे सोंिुचि से श्वसि र्दर भी बढ जाती है।
31
• यह नवद्दयुत उपिरर् /ों सानधि ों तथा नवद्दयुत पररपथ ि ओवरल नर्ों ग तथा 1
शॉटि सनििट से ह िे वाली क्षनत से बचाता है।

• यहाों , P = 3 kW = 3000 W, V = 220 V, I = ?

P=VI ½

P 3000 𝑊 1
I= = 220 𝑉 = 13·63 A
V

• 13·63 A > फ़्यूज़ िी रे नटों ग 5 A, इसनलए फ़्यूज़ िा तार नपघल जाएगा और ½

सनििट ि त ड़ र्दे गा।


3
32 •

𝑉 4× 1·5 𝑉 6𝑉 1
(a) नवद्दयुत धारा (I) = = = = A 1
𝑅 2𝛺 +6𝛺+16𝛺 24𝛺 4
1
(b) 16  प्रततरोधक के आर-पार ववभवान्तर= A  16  = 4 V
4 1

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33
• प्रिाश िा प्रिीर्िि / नटों र्ल प्रभाव। 1
• जब एि प्रिाश निरर् पुोंज धुोंए िे महीि िर् ों से टिराती है त वह र्दूर ति
1
परावनतित ह ती है और प्रिाश िा मागि नर्दखाई र्दे िे लगता है।
• अत्योंत सूक्ष्म िर् मुख्य रूप से िीले प्रिाश/छ टी तरों गर्दै ध्यि वाले रों ग ि प्रिीर्ि
1
िरते हैं जबनि बड़े आिार िे िर् अनधि तरों गर्दै ध्यि वाले प्रिाश ि प्रिीर्ि िरते
3
हैं।
SECTION D (खण्ड-घ)

34 (a) (i)

(1)

नचि.9.13(b)-पेज-169, NCERT.

(2)

नचि.9.14(b)- पेज-169, NCERT.

(नोट:- यति तकरणों की तिशाएँ नही ं तिखाई गई है तो आिा अंक काट लें)

(ii)

नर्दया गया है:-


u = –16 cm, f = + 24 cm, h = 4 cm ½
1 1 1
सूि – = ½
v u f

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1 1 1
 – =
v (–16) + 24

1 –1
=
v 48
1
v = – 48 cm

लेंस के जिस ओर बबम्ब िै उसी ओर प्रततबबम्ब की जथितत


िोगी

ℎ′ −48
= −16
4

h' = 12 cm ½
5

अथवा

(b) (i)

(1)

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(2)

(नोट:- यति तकरणों की तिशाएं नही ं तिखाई गई है तो आिा अंक काट लें)

(ii) यहााँ , f = – 12 cm, u = – 18 cm, v = ?, h = 1·5 cm, h = ?


½
1 1 1
र्दपिर् सूि + = ½
v u f

1 1 1
 = –
v f u

1 1
= –
– 12 cm – 18 cm
−1
= 36

 v = – 36 cm 1

ℎ′ 𝑣 ½
𝑚= = −𝑢

ℎ′ (−36)
= - (−18)
1.5
½
ℎ′ = – 3·0 cm

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35 (a) ग िेररया,नसनिनलस, एर्् स, मस्े ½+½

(कोई िो)

(b) क् नों ि मार्दा भ्रूर् िी निमिम हत्या िे िारर् हमारे र्दे श में नशशु नलोंगािुपात 1
तीव्रता से घट रहा है

(c)

(i) ग नलयााँ/रासायनिि नवनध; शरीर में हामोि िा सोंतुलि पररवनतित ह जाता है ।

(ii) िॉपर - टी अथवा लूप; गभािशय िा उत्तेजि.


½× 6

5
(iii) शल् तििीि; सोंिमर् िा िारर् बि सिता है .

अथवा

(a) एिनलोंगी - पपीता / तरबूज ½


½
उभयनलोंगी - गुड़हल / सरस ों

(b) एि पुष्प िे परागि ष से परागिर् ों िा र्दूसरे पुष्प िे वनतििाग्र ति 1


स्थािाोंतरर् परपरागर् िहलाता है ।

परागिर् ों िा स्थािाोंतरर् िुछ परागर् वाहि ों द्वारा निया जाता है जैसे 1

वायु,जल, प्रार्ी.
(c) A→ प्राोंिुर – भावीप्रर ह
½× 4
B→ मूलाोंिुर – भावी जड़

 नचि िे नलए 7·9- पेज 121,NCERT

36 (a) (i)
(1) नवलयि B
(2) नवलयि C
(3) नवलयि A
(4) नवलयि D ½x5
(5) नवलयि E

नवलयि ों िी बढती H+ आयि साोंद्रता िा िम :– C < E < D < A < B ½

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(ii) (1) अम्लीय लवर्: अम नियम क्ल राइर्; NH4Cl ½
जिि अम्ल-हाइर्र क्ल ररि अम्ल/HCl
½
जिि क्षारि- अम नियम हाइर्र ॉक्साइर्/(NH4OH)

(2) क्षारीय लवर् : स नर्यम िाबोिेट; Na2CO3 ½


जिि अम्ल-िाबोनिि अम्ल/H2CO3
½
जिि क्षारि- स नर्यम हाइर्र ॉक्साइर्/NaOH 5

(अथवा कोई अन्य )


अथवा

(b) क्ल र - क्षार प्रनिया; 1


• स नर्यम क्ल राइर् िे जलीय नवलयि (लवर् जल ) से नवद्दयुत प्रवानहत िरिे पर
½
यह नवय नजत ह िर स नर्यम हाइर्र ॉक्साइर् उत्पन्न िरता है /

2NaCl (aq) + 2H2O(l) → 2NaOH(aq)+Cl2(g)+H2(g).

• X – Cl2 गैस – एि र् पर ½+ ½
• Y – H2 गैस – िैथ र् पर ½+½

(नोट:- तित्र द्वारा िशााए जाने पर भी अंक िीतजए )

• Z – नवरों जि चूर्ि / CaOCl2 / िैक्तशशयम ऑक्तक्सक्ल राइर् ½


• Ca(OH)2 + Cl2 ⎯⎯
→ CaOCl2 + H2O 1
(ब्लीनचोंग पाउर्र/
नवरों जि चूर्ि)

SECTION E- (खण्ड-ड.)

37
(a) • CH3Br ½
• C2H5Br ½

(b) (i) एक्तिहाइर् ½


(ii) िीट ि ½

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(c)

• KMnO4 िा रों ग नवलुप्त ह जाता है ; ½


½
• KMnO4 ऑक्सीिारि िे रूप में िायि िरता है ।
क्षारीय 𝐾𝑀𝑛𝑂4 +ऊष्मा
• CH3CH2OH → CH3COOH 1

अथवा

(c) • एथीि ½
तिु. H2SO4 निजिलीिारि िे रूप में िायि िरता है। ½

साोंद्र.𝐻2 𝑆𝑂4 + ऊष्मा 443 𝐾


• C2H5OH → CH2 = CH2 + H2O 1 4

38
(a) लार ग्रोंनथ; मोंर्/िाबोहाइर्र े ट ½+½
(b) आमाशय , गुर्दा
½ +½
(c)
(i) आमाशय िा आतोंररि आस्तर अम्लीय प्रभाव से सुरनक्षत िहीों रहेगा । 1
1
(ii) पानचत भ जि अवश नषत िहीों ह गा। / अवश षर् क्षेि िम ह जाएगा ।

अथवा

(c)
• वसा िा इमल्सीिरर्। 1
• अग्न्याशय िे एों जाइम ों िी निया िरिे िे नलए अम्लीय माध्यम ि क्षारीय बिाता 1
है। 4

39
(a) (i) बल्ब A प्रर्दीप्त ह गा । ½
½
(ii) बल्ब B, C, D और E प्रर्दीप्त ह ग
ों े।

(b) P = V×I ½
11 = 55 ×I
1 ½
I = 5 = 0.2 A

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(c)
𝑉 55 𝑉
(i) बल्ब B िा प्रनतर ध, R = 𝐼 = = 275  1
0.2 𝐴

𝑽𝟐
(प्रनतर ध िे नलए वैिक्तल्पि सूि R = )
𝑷

(ii) चार बल्ब ों िी श्ृोंखला सोंय जि िा िुल प्रनतर ध 1

= 4  275 = 1100 
अथवा

(c)
• बल्ब A उसी चमि िे साथ प्रर्दीप्त ह गा। ½

• अन्य बल्ब यानि B, D और E प्रर्दीप्त ह िा बोंर्द िर र्दें गे। ½

• कारण:

चूोंनि बल्ब B, D और E, फ्यूज बल्ब C िे साथ श्ृोंखला सोंय जि में जुड़े हुए हैं ,

इसनलए उििे माध्यम से ि ई नवर्द्युत प्रवाह िहीों ह ती है और इस प्रिार वे प्रर्दीप्त 1

िहीों ह ग
ों े। बल्ब A अप्रभानवत रहता है , क् नों ि यह समािाोंतर सोंय जि में जुड़ा हुआ

है।
4

*****

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