व्यक्तिक और साहियिक परिचय

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व्यक्तिक और साहियिक परिचय :- बिहारी

बिहारी का परिचय करने से पहले, हम सभी को यह जानना आवश्यक है कि बिहारी कौन थे और उनका
क्या महत्व था। बिहारी को महाकवि के रूप में जाना जाता है , जिन्होंने संस्कृ त, हिंदी, और अवधी भाषा में
काव्य रचनाएँ की।

बिहारी का जन्म इलाहाबाद, भारत में 1672 ईसा पूर्व में हुआ था। उनके असली नाम राय राम था, लेकिन
उन्हें "बिहारी" के नाम से प्रसिद्धता मिली। उन्होंने विवेकनन्द के अध्यात्मिक संदेशों को अपनाया और
ध्यान के न्द्रित करने के लिए समर्पित जीवन बिताया।

बिहारी ने अपनी प्रमुख काव्य रचनाओं में प्रेम भक्ति को बहुत महत्व दिया। उनकी रचनाओं में प्रेम,
भक्ति, और अन्य धार्मिक तत्वों का अद्वितीय संगम दिखाया गया है। उनके काव्य में सरलता और
आकर्षण है , जो लोगों के दिलों को छू लेता है।

बिहारी का योगदान भारतीय साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण रहा है। उनकी काव्य रचनाओं ने लोगों को
धार्मिक और आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्रदान किया है और उन्हें समय के साथ मनोरंजन का अनुभव भी
किया। इसलिए, बिहारी को एक महान कवि के रूप में स्मरण किया जाता है , जिनका काव्य न के वल हमारे
समाज को सांस्कृ तिक और धार्मिक दृष्टि से शिक्षा देता है , बल्कि हमें एक उत्कृ ष्ट और सहानुभूति भरा
अनुभव भी प्रदान करता है।

व्यक्तिक और साहियिक परिचय :-जयशंकर प्रसाद


जयशंकर प्रसाद, एक प्रमुख हिंदी कथाकार और नाटककार, भारतीय साहित्य के अग्रणी व्यक्तित्वों में से
एक थे। उनका जन्म 30 जनवरी 1889 को मेरठ, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उन्होंने अपनी शिक्षा की
शुरुआत कानपुर के एक विद्यालय से की, और फिर उन्होंने बृहद विश्वविद्यालय से अपनी स्नातक की
डिग्री प्राप्त की।

जयशंकर प्रसाद के कहानियां और नाटक उत्कृ ष्ट साहित्य के उदाहरण हैं और उन्होंने भारतीय साहित्य को
विशेष रूप से उत्तर भारतीय समाज और संस्कृ ति के प्रति उनके गहरे और समर्पित अनुभव के माध्यम से
नई दिशा दी। उनकी कहानियाँ और नाटक अक्सर राष्ट्रीय और सामाजिक मुद्दों पर आधारित होते थे, और
उन्होंने अपने काम में भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया।

जयशंकर प्रसाद ने अपने योगदान से हमें एक गहरी समझ की ओर ले जाने का अद्वितीय उत्साह प्रदान
किया है। उनके काव्य, कहानियाँ और नाटक हमें समाज के विभिन्न पहलुओं, संघर्षों और सांस्कृ तिक
धाराओं को समझने में मदद करते हैं। उनका योगदान भारतीय साहित्य के इतिहास में अविस्मरणीय है ,
और उनकी कथाएँ और नाटक हमें अपनी धरोहर को महसूस करने का अद्वितीय अवसर प्रदान करते हैं।

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