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ये की ककयणें

करुणा
ये की प्रतीक
दीऩ मोय प्रैक्टिस विथ करुणा® ये की
ओभ

जोनय
इच्छा
हाथथ
याभ
ग्नोसा
किमा
बयोसा
शाॊतत
दीऩ मोय प्रैक्टिस विथ करुणा® ये की

ये की ऩय फस एक त्िरयत इॊियनेि खोज, ये की प्रथाओॊ, शशऺाओॊ के रूऩों औय महाॊ तक


कक स्कूरों ऩय ऩरयणाभों की एक रॊफी सूची दे गी। जफ ये की की खोज की जा यही है औय
अभ्मास के विशबन्न रूऩों औय अशबव्मक्टतमों के कई रूऩों को खोजने ऩय एक शुरुआतकताथ
का भन अऩने आऩ को अनुिाद भें खो सकता है ! कोई पकथ नहीॊ ऩड़ता कक ये की का केक
ककतना फड़ा औय उज्जज्जिर ददखता है , मह अबी बी शुद्ध ऊजाथ के एक रूऩ भें घूभता है : ये की।
कपय कोई बी अऩनी शैरी औय शशऺण के रूऩ को जोड़ सकता है , रेककन अतनिामथ रूऩ से
ये की एक औय केिर एक है । कई प्रथाओॊ भें से, करुणा® ये की कई ये की भास्िसथ के ददर भें
एक विशेष स्थान यखती है । तो चशरए करुणा® ये की को एक फाय बफना ककसी फहस के
अभ्मास के भूल्म औय इसकी शशऺाओॊ के रूऩों ऩय प्रस्तुत कयते हैं। हभ दृढ़ता से तनदहत हैं
औय हभ ये की के सबी स्कूरों का सम्भान कयते हैं। महाॉ इसका उद्देश्म स्ऩष्ि है कक करुणा®
ये की की उत्ऩक्त्त औय उसके भूर रूऩों ऩय थोड़ा सा ध्मान दें ।

करुणा® टमा है औय करुणा® ये की टमा है ?


हाराॉकक करुणा® एक सॊस्कृत शब्द है क्जसका व्माऩक रूऩ से दहॊद ू औय फौद्ध धभथ भें
उऩमोग ककमा जाता है , मह अन्म बाषाओॊ भें बी ऩामा जाता है जैसे कक "कहुना®" हिाई भें
मा कहुना® थाई औय राओ भें शब्द "एटसटम़
ू भी, सॉयी"। अऩने दहॊदि
ू ादी औय फौद्ध रूऩ भें
इसका अथथ "दस
ू यों के दख
ु को सभाप्त कयना" है । मह दस
ू यों की ऩीड़ा को कभ कयने के
शरए की गई कायथ िाई मा "दमारु कायथ िाई" है । तो करुणा® ऩथ्
ृ िी ऩय ऩीडड़त, करुणाभमी
कायथ िाई को योकने के शरए सबी प्रफुद्ध प्राणणमों का एक जानफूझकय औय प्रेयक गुण है ।
अटसय in फोधधसत्ि ’के अक्स्तत्ि से जुड़े करुणा® को अऩने आऩ भें विकशसत कयने से
आऩको करुणा® ऊजाथ के भाध्मभ से खद
ु को औय दस
ू यों को चॊगा कयने भें भदद शभरती है
औय असीशभत भात्रा भें उऩचाय ऊजाथ औय भागथदशथन शभरता है । फोधधसत्ि के रूऩ भें सफसे
व्माऩक रूऩ से ऻात सॊस्थाएॊ भेडिशसन फुद्धा, अिरोककतेस्िया मा जाऩानी भें इसकी भदहरा
सॊिाददाता कुआन दहन मा कन्नन हैं। इन सबी प्रफद्ध
ु प्राणणमों को एक फद्ध
ु के रूऩ भें
ग्मायह शसय औय एक हजाय हाथ का प्रतततनधधत्ि ककमा जाता है । करुणा औय एकता के फीच
का सॊफॊध "ऩयजना" मा ऻान के साथ व्मटत ककमा गमा है औय अतनिामथ रूऩ से एक फहु
ददशात्भक दृक्ष्िकोण है : दस
ू यों को चॊगा कयो जैसा कक आऩ खद
ु को चॊगा कयें गे, अऩने आऩ
को ठीक कयें गे जैसे आऩ दस
ू यों को चॊगा कयते हैं। एकता कनेटशन के कायण बेद के बफना
सबी के शरए करुणाभम कायथ िाई मा करुणा® का विस्ताय कयना स्िाबाविक है । करुणा® ये की
आऩको सबी प्रफुद्ध प्राणणमों के साथ शभरकय काभ कयने के शरए खोरता है , दोनों बौततक
रूऩों औय आत्भा भें । इयादा ये की भें भहत्िऩूणथ है टमोंकक ये की के रूऩ की ऩयिाह ककए बफना।
करुणा® ये की के साथ ये की हीशरॊग की जड़ भें अनुकॊऩा कायथ िाई है , मह इयादा सेरुरय शयीय भें
एक गहयी मात्रा के साथ एक उच्च ऩथ ऩय सेि है ।
करुणा® ये की का जन्भ 1989 भें विशरमभ री यैंि औय अन्म ये की भास्िसथ के शोध
से हुआ था, जो विशबन्न ये की प्रणाशरमों के उद्गभ ये की हीशरॊग के विशबन्न रूऩों ऩय था।
ये की हीशरॊग ऊजाथ को सभझने औय शोध कयने की प्रकिमा ने उन्हें कई गैय-मूसीआई प्रतीकों
औय गुण तकनीकों को प्राप्त कयने के शरए आकवषथत ककमा, क्जनके राब होने का दािा
ककमा गमा था। इन ये की भास्िसथ को ये की हीशरॊग शसस्िभ के बीतय कुछ गूढ़ सॊफॊधों को
उजागय कयने के शरए सेि ककमा गमा था। दयअसर, 1993 भें विशरमभ ने दे खा कक उन्होंने
इनभें से कुछ प्रतीकों औय तकनीकों को एकत्र ककमा था औय अऩने सफसे सॊिेदनशीर
स्िाभी-छात्रों भें से कुछ की भदद से, प्रतीकों का प्रमोग कयने के शरए उनकी आिक्ृ त्तमों औय
उनभें से प्रत्मेक के शरए सफसे अच्छे उऩमोग की ऩहचान कयना शरू
ु कय ददमा। इयादा सेि
ककमा गमा था औय इसके साथ प्रतीकों के साथ आने िारी कुछ अिै चभें ि प्रकिमाओॊ का बी
प्रमोग कयने का अिसय शभरा। इस प्रकिमा के ऩरयणाभस्िरूऩ अफ ये की का एक विकशसत
रूऩ तैमाय ककमा गमा क्जसे करुणा® ये की मा कम्ऩैशन की ये की के रूऩ भें जाना जाता है ।
करुणा® ये की का जन्भ 1989 भें विशरमभ री यैंि औय अन्म ये की भास्िसथ के शोध
से हुआ था, जो विशबन्न ये की प्रणाशरमों के उद्गभ ये की हीशरॊग के विशबन्न रूऩों ऩय था।
ये की हीशरॊग ऊजाथ को सभझने औय शोध कयने की प्रकिमा ने उन्हें कई गैय-मूसीआई प्रतीकों
औय गण
ु तकनीकों को प्राप्त कयने के शरए आकवषथत ककमा, क्जनके राब होने का दािा
ककमा गमा था। इन ये की भास्िसथ को ये की हीशरॊग शसस्िभ के बीतय कुछ गूढ़ सॊफॊधों को
उजागय कयने के शरए सेि ककमा गमा था। दयअसर, 1993 भें विशरमभ ने दे खा कक उन्होंने
इनभें से कुछ प्रतीकों औय तकनीकों को एकत्र ककमा था औय अऩने सफसे सॊिेदनशीर
स्िाभी-छात्रों भें से कुछ की भदद से, प्रतीकों का प्रमोग कयने के शरए उनकी आिक्ृ त्तमों औय
उनभें से प्रत्मेक के शरए सफसे अच्छे उऩमोग की ऩहचान कयना शुरू कय ददमा। इयादा सेि
ककमा गमा था औय इसके साथ प्रतीकों के साथ आने िारी कुछ अिै चभें ि प्रकिमाओॊ का बी
प्रमोग कयने का अिसय शभरा। इस प्रकिमा के ऩरयणाभस्िरूऩ अफ ये की का एक विकशसत
रूऩ तैमाय ककमा गमा क्जसे करुणा® ये की मा कम्ऩैशन की ये की के रूऩ भें जाना जाता है ।

करुणा® ये की कैसे काभ कयती है ?


करुणा® ये की प्रतीकों का उऩमोग कयता है क्जसका उऩमोग अन्म स्कूरों औय प्रणारी
द्िाया बी ककमा जा सकता है । हाराॉकक, जैसा कक सॊकेत औय इयादा अरग हैं, करुणा® ये की से
जड़
ु ी ऊजाथएॊ प्रणारी के शरए अद्वितीम हैं। करुणा® ये की एक ऩॊजीकृत नाभ है औय एकभात्र
स्कूर शशऺाएॊ इॊियनेशनर सेंिय पॉय ये की ट्रे तनॊग (मूएस) द्िाया प्रभाणणत हैं। प्रभाणणत
करुणा ये की भास्िय शशऺक फनने के शरए एक ये की भास्िय को ICRT से अऩनी शशऺाएॉ प्राप्त
कयनी होती हैं।
करुणा® ये की को अटसय उसई
ु ये की से अधधक शक्टतशारी कहा जाता है । ककसी बी
तयह से मह कभ से कभ हभाये अनुबि से सच हो सकता है टमोंकक करुणा® ये की भास्िय
हभने दे खा है कक हभ कैसे सहज रूऩ से विशशष्ि प्रतीकों का उऩमोग कयने के शरए तैमाय
हो सकते हैं औय ऩरयणाभस्िरूऩ करुणा® ये की प्रतीकों के उऩमोग से उत्ऩन्न गहयी धचककत्सा
दे खी जाती है । अनुबि के अनुसाय इसके कुछ कायण हो सकते हैं। सफसे ऩहरे, करुणा® ये की
ऩहरे से ही ये की भास्िसथ को शसखामा जाता है जो ये की के विशबन्न स्कूरों के शरए आते हैं
औय उनके अनुबिों से ऐसे राब होते हैं। दस
ू यी फात, इन ऩयास्नातक-छात्रों से प्राप्त
प्रततकिमा मह है कक करुणा® ये की ऊसु ये की मा ये की के ककसी अन्म प्रकाय के प्रततस्थाऩन के
बफना, मूसी ये की की तुरना भें फहुत गहये स्तय ऩय धचककत्सा को दट्रगय कयता है । करुणा®
ये की ऩहुॊच के कुछ प्रतीकों को गहये सेरुरय स्तय ऩय सॊग्रहीत ककमा गमा है। करुणा® ये की
विशशष्ि क्स्थततमों के शरए विशशष्ि ऊजाथिान आिक्ृ त्तमों के साथ आठ प्रतीक प्रस्तुत कयता
है । करुणा® ये की उऩचाय भें विशशष्ि प्रतीकों का उऩमोग शाशभर है । प्रतीकों का जऩ बी ककमा
जाता है मदद प्रतीक की आिक्ृ त्त के प्रततध्ितनत कयने की आिश्मकता होती है टमोंकक कॊऩन
ऊजाथ के एक चैनर को फनाता है जो शयीय को अधधक गहयाई से बेदता है । अभ्मासी औय
भि
ु क्टकर दोनों के चि बी खर
ु जाते हैं औय उनके बीतय औय आस-ऩास एक अद्भत

जीिॊतता उत्ऩन्न होती है। क्जन रोगों ने इस प्रकिमा का अनुबि ककमा है िे अधधक जागत
ृ ,
अधधक जीवित औय अधधक ऩयू ी तयह से चॊगा होने की बािना की रयऩोिथ कयते हैं।
ये की शब्द का अथथ है “विश्िव्माऩी जीिन प्रिाह ऊजाथ” िॉ। उसुई से ऩहरे उऩमोग भें
था इसशरए इसका उऩमोग उस उऩचाय प्रणारी के शरए विशेष नहीॊ है क्जसे उन्होंने दोफाया
खोजा। उसुई ये की ये की का शसपथ एक रूऩ है । करुणा® ये की हीशरॊग प्माय औय प्रकाश को
तुयॊत अनुबि कयने का एक शानदाय अिसय है । अिसय होने मा फस गहयी ऊजाथ का उऩमोग
कयने के शरए कॉर भहसूस कयना औय करुणा® ये की भास्िय फनना, हभाये दृक्ष्िकोण से, हभाये
जीिन औय हभाये आस-ऩास औय उन रोगों के जीिन भें दमारु धचककत्सा का जश्न भनाने
के शरए एक कॉर है , जो हभाये शरए उऩचाय प्राप्त कयते हैं । करुणा® ये की के बीतय काभ
ऩय इतना अॊतऻाथन है कक कुछ प्रतीक ककसी उऩचाय के सभम मा फस मा ककसी बी जीिन
की क्स्थततमों भें योशनी की चभक के रूऩ भें आ सकते हैं। करुणा® ये की ये की मूतनिसथर
राइप पोसथ की सिोत्कृष्िता है । मह ये की भास्िय को एक धचककत्सा फुद्ध की तुरना भें एक
ताकत दे ता है । मदद आऩके ऩास भौका है तो हभ आऩको इसका ऩता रगाने के शरए
प्रोत्सादहत कयते हैं!
ओभ

करुणा® ये की प्रणारी भें ओभ मा ओभ ् एक फहुत शक्टतशारी प्रतीक है । मह एक


ऩवित्र प्रतीक है जो दहॊद ू धभथ, फौद्ध धभथ भें ऩामा जाता है औय मोग भें बी इस्तेभार ककमा
जाता है । करुणा® ये की भें एक प्रतीक के रूऩ भें खोजे जाने से ऩहरे , मह मोग भें ऩाई जाने
िारी सफसे ऩवित्र ध्ितन थी। ओभ सॊऩूणथ ब्रहभाॊि का प्रतततनधधत्ि कयता है , क्जसे ब्राहभण के
रूऩ भें जाना जाता है , इसे सभस्त सक्ृ ष्ि का स्रोत बी कहा जाता है । ओभ हय सभम का
प्रतततनधधत्ि कयता है : अतीत, ितथभान औय बविष्म; औय सभम से ऩये है । ओभ उस सफ की
शाश्ितता का प्रतततनधधत्ि कयता है ।
क्जन रोगों को ओभ का उच्चायण कैसे कयना चादहए, इस ऩय भ्रभ है , इसे "एच" के
बफना ही "होभ" के रूऩ भें घोवषत ककमा जाता है । करुणा® ये की भें एक प्रतीक के रूऩ भें मह
ईश्िय औय उच्चतय चेतना के भागथ को फनाने के शरए रोगों के शसय के ऊऩय से खीॊचा जाता
है । इसका उऩमोग आबा को शुद्ध कयने, सुयऺा, सीर कयने औय क्स्थय कयने के शरए बी
ककमा जाता है ।
ओभ / ओभ ् प्रतीक के फाये भें सुॊदयता एक है , इसका उऩमोग बी कय सकते हैं, अगय
िे ये की के शरए अभ्मस्त नहीॊ हैं। ओभ ् के तनमशभत जऩ से तीसये नेत्र चि को खोरने औय
सकिम कयने की ओय अग्रसय होता है , साथ ही मह सबी फीज भॊत्रों भें उऩमोग ककमा जाता
है । ज्जमादातय भॊत्र ओभ से शुरू होते हैं। ओभ एक शब्द नहीॊ, फक्ल्क सफके शरए सॊगीत है ।
ओभ भें चाय सूक्ष्भ ध्ितनमाॊ हैं जो चेतना के चाय स्तयों के अनुरूऩ हैं। "ए" की ऩहरी
ध्ितन जागरूक जागत
ृ अिस्था का प्रतततनधधत्ि कयती है । "मू" की दस
ू यी ध्ितन सूक्ष्भ,
अचेतन स्िप्न क्स्थतत का प्रतततनधधत्ि कयती है । "एभ" की तीसयी ध्ितन आकक्स्भक,
अिचेतन गहयी नीॊद की क्स्थतत का प्रतततनधधत्ि कयती है । चौथी ध्ितन ओभ की ध्ितन का
अनस
ु यण कयने िारी भौन है जो उस ऩण
ू थ चेतना का प्रतततनधधत्ि कयती है जो तीन ऩि
ू थ
अिस्थाओॊ को प्रकाशशत औय व्माप्त कयती है ।
जोनय

़ ोनाय एक सुॊदय प्रतीक है औय करुणा® ये की का दहस्सा है । प्रतीक भें 3 सॊकेंदित अनॊत


प्रतीक वऩछरे जीिन, कभथ औय अॊतय आमाभी भद्द
ु ों की धचककत्सा के शरए खड़े हैं। हाराॊकक मह कहा
जाता है कक अन्म प्रतीक हैं जो इससे फहुत शक्टतशारी हैं, भैं व्मक्टतगत रूऩ से इस प्रतीक को
फहुत उऩमोगी भानता हूॊ, टमोंकक मह थोड़ा सक्ष्
ू भ है औय गहयी सेरर
ु य उऩचाय के प्रायॊ शबक चयणों भें
भदद कयता है ।

हभायी कोशशकाएॊ वऩछरे जीिन से आघात औय ददथ नाक मादें रे जाती हैं , क्जसके कायण हभ
अऩने ितथभान जीिन भें भुद्दों का साभना कयते हैं। ़ ोनाय के साथ साथ ऊसु दयू ी के उऩचाय के
प्रतीक भाननीम शा ़ ो शो नेन को सेरुरय स्तय से सबी ददथ नाक घिनाओॊ को जायी कयने के शरए
उऩमोग ककमा जाता है । ़ ोनाय ब्रहभाॊि को जायी कयने से ऩहरे मादों को सचेत स्तय ऩय राता है
औय दयू स्थ धचककत्सा को बी फढ़ाता है ।

मह प्रतीक फहुत अच्छी तयह से काभ कयता है जफ कोई अऩने वऩछरे जीिन का उऩमोग
कयना चाहता है । जफ ़ ोनाय को सौय प्रेटसस ऩय खीॊचा जाता है , तो मह हभें अऩने वऩछरे जीिन
तक ऩहुॊचने भें भदद कयता है जहाॊ आिश्मक आघात के शरए धचककत्सा होती है । मह एक
आध्माक्त्भक औय बािनात्भक सॊऻाहयण के रूऩ भें काभ कयता है इसशरए बािनात्भक ददथ को कभ
कयता है , हभें व्मसनों से छुिकाया ऩाने भें भदद कयता है , दोहयामा ऩैिनथ को तोड़ता है औय हभाये
जीिन से विषाटत सॊफॊधों को सभाप्त कयता है । जफ तक ककसी के वऩछरे जीिन को दे खने के शरए
उनके ये की गाइड्स को भागथदशथन के शरए फुरामा जा सकता है ।

मह प्रतीक काभ कयता है जफ इनय चाइल्ि भद्द


ु ों को चॊगा ककमा जा यहा है , विशेष रूऩ से िे
रोग जो फचऩन भें दव्ु मथिहाय से ऩीडड़त हैं। मह अिचेतन भन से शभथ औय अमोग्मता के भुद्दों को
जायी कयने भें भदद कयता है औय दव्ु मथिहाय की दशभत ददथ नाक मादें बी। ़ ोनय के साथ अऩने
बीतय के फच्चे के शरए चॊगा होने ऩय रोग हाउर औय यो सकते हैं, रेककन ककसी को मह एहसास
होना चादहए कक इसे फाहय कयने दे ना अच्छा है । Zonar का उऩमोग आकेहे र गेबब्रमर के आहिान के
शरए बी ककमा जाता है जफकक फच्चों के साथ दव्ु मथिहाय कयने िारे योधगमों का उऩचाय ककमा जाता
है ।

उऩमट
ुथ त ़ ोनय के अरािा शयीय के ददथ , रयश्ते के भद्द
ु ों औय शभगी के दौये को ठीक कयने के
शरए बी उऩमोग ककमा जाता है ।
इच्छा

मह ़ ोनाय का एक प्रिधथन है । Z ऩूया हो गमा है औय वऩयाशभि को जोड़ा गमा है । मह ़ ोनाय


से अधधक शक्टतशारी है औय उच्च आमाभों औय िीऩय स्तयों ऩय काभ कयता है । मह शायीरयक,
भानशसक, बािनात्भक औय आध्माक्त्भक रूऩ से सॊतुरन को फहार कयता है औय गहयी धचककत्सा
कयता है ।

मह एक भहान प्रतीक है क्जसका उऩमोग अचेतन भन भें नकायात्भक ऩैिनथ को तोड़ने औय


हभें अऩने अहॊ काय से भुटत कयने के शरए ककमा जा सकता है क्जसके ऩीछे हभ आभ तौय ऩय ऩूिथ
तछऩाने की कोशशश कयते हैं: "भैं ऐसा शसपथ इसशरए कयता हूॊ टमोंकक ... ... ..."। ़ ोनाय ऩय
वऩयाशभि इसे प्रिधधथत कयता है औय इच्छा को अधधक शक्टतशारी फनाता है । इच्छा हभें सच्चाई को
स्िीकाय कयने भें भदद कयती है औय हभाये विचायों, कामों औय शब्दों की क्जम्भेदायी रेते हुए हभाये
सौय जार को भजफूत कयती है । मह हभें भ्रभ औय िूि के इनकाय के भाध्मभ से बी दे खने भें भदद
कयता है ।

आऩ चाहते हैं कक हभाये सबी चिों से क्टरमय ब्रॉकेज, उच्च चेतना के शरए खर
ु ा चैनर
औय हभें मह सभझने भें भदद कयें कक कोई फुया नहीॊ है , मह केिर अच्छे का अबाि है । एटस
कोल्ि फुया नहीॊ है , मह गभी की अनुऩक्स्थतत है , इच्छा हभें एक हीये की तयह चभकती है जफ अॊधेया
होता है मा भैं कह सकता हूॊ कक प्रकाश की अनुऩक्स्थतत है ।

भेया दृढ़ता से भानना है कक हभाये औयास हय सभम एक-दस


ू ये से फात कयते हैं, बरे ही हभ
ककसी अन्म व्मक्टत के साथ फातचीत कय यहे हों मा नहीॊ। मदद हभ भनोिैऻातनक मा भानशसक
हभरा कय यहे हैं, तो हभ इसे कहीॊ बी अनभ
ु तत दे यहे हैं, हभ केिर तबी हभरा कय सकते हैं जफ
हभ खद
ु को कभजोय सभझते हैं। खद
ु को फचाने के शरए सफसे अच्छा तयीका है कक हभ अऩने
ददर ऩय प्रतीक खीॊचकय औय अऩने इयादे को फताते हुए खद
ु को ढारें , "अगय कोई भुझ ऩय
भनोिैऻातनक मा भानशसक रूऩ से हभरा कयने की कोशशश कयता है , तो भैं ऊजाथ को आशीिाथद दे ता
हूॊ औय उन्हें िाऩस बेजता हूॊ"। इस तयह ऊजाथ सकायात्भक हो जाती है औय इससे ककसी को
नक
ु सान नहीॊ होता है । हभें मह माद यखना चादहए कक जफ हभ ककसी से अधधक सकायात्भक ऊजाथ
बेजते हैं तो उससे अधधक होती है 10 फाय सकायात्भक ऊजाथ हभाये ऩास िाऩस आती है ।

आऩ मौन औय शायीरयक दव्ु मथिहाय के भद्द


ु ों के शरए बी इस्तेभार ककमा जा सकता है , टमोंकक
एब्स औय ऩीडड़त दोनों के साथ फहुत ददथ होता है । आत्भाएॊ ददथ औय आघात से ऩाय ऩाने भें
असभथथ हैं। जफ होंथ के साथ ़ ोनाय को सबी प्रतीकों ऩय खीॊचा जाता है , हीशरॊग का विस्ताय औय
गहया हो जाता है , क्जससे ददथ हल्का हो जाता है औय चेतन भन को चॊगा कयना आसान हो जाता
है ।

आऩ इतना शक्टतशारी चाहते हैं कक इसका उऩमोग दयू ी हीशरॊग के साथ-साथ हभाये उच्च
खद
ु से जुड़ने के शरए बी ककमा जा सके। मह सफसे अच्छा काभ कयता है जफ इसे गहन गहयी
धचककत्सा के शरए एक विशशष्ि ददशा भें तनदे शशत ककमा जाता है । कुछ ये की प्रणाशरमों भें , हरु का
उऩमोग एक भास्िय प्रतीक के रूऩ भें बी ककमा जाता है ।
हाथथ

Harth Karuna® ये की के सफसे भहत्िऩूणथ प्रतीकों भें से एक है । इसका प्रसायण विशरमभ री


यैंि, कैथयीन शभरनय औय भासी शभरय द्िाया ककमा गमा था। हािथ के सबी भुद्दों के शरए हाथथ का
उऩमोग ककमा जाता है , मह बािनात्भक मा शायीरयक हो जैसे रि, ट्रुथ, ब्मूिी, हाभथनी औय फैरेंस। मह
ब्रॉक को हिाता है , आशॊकाओॊ को दयू कयता है औय खारी स्थान को दमारु प्रेभ से बय दे ता है ।

भुझे व्मक्टतगत रूऩ से रगता है कक हथथ ऩायॊ ऩरयक बािनात्भक प्रतीक का उन्नत सॊस्कयण
है । िूिे रयश्तों को ठीक कयने भें भदद कयता है औय हभें बफना शतथ प्माय का अनब
ु ि कयाता है । मह
हभें शसखाता है कक कैसे उम्भीदें खश
ु ी को कभ कय सकती हैं औय हभें एक फेहतय इॊसान फनाने के
साथ जीिन के सफक सीखने भें भदद कयती हैं। हयथ इस ग्रह भें प्रत्मेक जीवित प्राणी के शरए िया
हुआ प्माय दे खने भें हभायी भदद कयता है , चाहे िह भनुष्म हो, जानिय मा ऩौधे; हभ अऩने खर
ु े ददर
से ही दमारु कामथ कयते हैं। हयथ का उऩमोग आत्भ-प्रेभ को विकशसत कयने के शरए बी ककमा जा
सकता है औय उन रोगों की भदद कय सकता है जो आत्भघाती प्रिक्ृ त्त से ऩीडड़त हैं। साथ ही हभें
हय तयह के भानशसक हभरों से फचाता है ।

हाथथ नशे के भद्द


ु ों के शरए खफ
ू सयू ती से काभ कयता है । व्मसन को एक ऐसे भद्द
ु े के रूऩ भें
दे खा जा सकता है जफ ककसी व्मक्टत ने अऩना यास्ता खो ददमा है औय उन सिारों के जिाफ नहीॊ
ऩा सकता है जो उनके ददभाग भें हैं। हयथ उन्हें सभझने भें भदद कयता है , सबी उत्तय हभाये बीतय
हैं, औय हभ गरत स्थानों भें खोज यहे हैं, अथाथत ् बौततक औय बौततकिादी दतु नमा भें । मह
िास्तविकता औय अहॊ काय को अरग कयने भें भदद कयता है , जो एक व्मक्टत को तेजी से चॊगा
कयने भें भदद कयता है । जफ हभ अऩने जीिन भें कुछ भूरबूत ऩरयितथन कयना चाहते हैं मा अऩने
जीिन को नए शसये से शुरू कयना चाहते हैं औय नए शसये से इसका उत्तय दे ना चाहते हैं। हभ
क्स्थतत की कल्ऩना कय सकते हैं औय इसे िहाॊ बेज सकते हैं जहाॊ हभ ऩरयितथन कयना चाहते हैं मा
मदद हभ कुछ नई गण
ु ित्ता प्राप्त कयना चाहते हैं। मह हभें मह सभझने भें भदद कयता है कक हभ
अऩने जीिन के तनभाथता हैं औय हभ अऩने जीिन भें फदराि रा सकते हैं!

उच्च स्थानों से इच्छाओॊ के शरए अनयु ोध कयने के शरए एक भहान प्रतीक है । ककसी बी
भहादत
ू , आयोही भास्िय, ये की ऩयास्नातक मा दयू स्थ धचककत्सा प्रतीक के साथ भागथदशथन कयें , औय
उन्हें हथथ के साथ धचककत्सा दें । आऩ उनसे कुछ विशेष आशीिाथद के शरए ऩछ
ू सकते हैं। िे तनक्श्चत
रूऩ से हभें अऩने जीिन को प्माय, आनॊद औय कृतऻता के साथ फनाने भें भदद कयें गे।
याभ

याभ प्रतीक, करुणा® ये की के प्रतीकों भें से एक है । इसका अथथ है बगिान मा बगिान याभ।
इस प्रतीक का उऩमोग कयने भें सऺभ होने के शरए, करुणा® ये की को दे खना होगा। इस प्रतीक भें दो
दाईं ओय तॊग औय फाईं ओय दिक है । फीच भें एक सवऩथर है । दो सही दिक ऩुरुष औय भदहरा ऊजाथ
भाने जाते हैं। इन दो दाएॊ दिटस के फीच सवऩथर ऩरु
ु ष औय भदहरा ऊजाथ के फीच सॊफॊध का
प्रतततनधधत्ि कयता है । मह प्रतीक गोल्िन मा ऩऩथर यॊ ग भें सफसे अच्छा है ।

• याभ प्रतीक खश
ु ी औय खश
ु ी का प्रतीक है ।

• मह ऩथ्
ृ िी ऊजाथ का सीधा शरॊक फनाता है इसशरए ग्राउॊ डिॊग भें भदद कयता है । मह सबी
ददशाओॊ भें ग्राउॊ डिॊग भें भदद कयता है ।

• मह सबी छह चिों को साप कयने भें भदद कयता है - ब्रो चि, गरा चि, रृदम

चि, सौय-जारक चि, बत्रक चि औय भूर चि।

• मह व्मक्टत की ची को ऩन
ु जीवित कयता है औय दृढ़ सॊकल्ऩ ऩैदा कयता है ।

• कुछ धचककत्सकों के अनुसाय, अचथना भाइकर की उऩक्स्थतत याभ के प्रतीक के साथ उऩचाय
कयते सभम भहसूस की गई है , खासकय जफ Good पॉय द हाईएस्ि गि
ु ऑप ऑर ’का आहिान
ककमा जाता है ।

• मह चिों को कभ कयने भें भदद कयता है ।

• इस प्रतीकों का उऩमोग बौततकिादी रक्ष्मों को प्रकि कयने के शरए ककमा जा सकता है ।

• ऩैयों के चिों को खोरने के शरए ऩैयों के चि ऩय याभ का प्रतीक फनाएॊ। मह अधधक ऊजाथ
राएगा, सीधे ऩथ्
ृ िी ऊजाथ से जड़
ु कय आऩके उऩचाय को फढ़ाएगा।
• किस्िर को साप औय शुद्ध कयने के शरए किस्िर ऩय प्रतीक फनाएॊ।

• मह तनचरे चिों के साथ ऊऩयी चिों का बी तारभेर कयता है ।

• शाॊतत औय सद्भाि राने के शरए SHK के साथ इस प्रतीक को ड्रा कयें ।

• क्जम्भेदायी राता है । इस प्रतीक िारे व्मक्टत को चॊगा कयें जो उसे क्जम्भेदाय फनाने के
शरए गैय क्जम्भेदाय है । याभ प्रतीक भें चो कु यी औय SHK दोनों की ऊजाथ है । मह चो कु यी औय सेई
हे की के साथ जोड़ा जा सकता है ताकक उऩचाय के प्रबाि को अनुकूशरत ककमा जा सके।

• याभ + ़ ोनाय + हरु आत्भविश्िास की कभी को ऩूया कयता है ।

• घय, कामाथरम, दक
ु ानों मा ककसी बी कामथ / खेरने की जगह से नकायात्भकता को दयू कयने
भें भदद कयता है ।

• दीिायों, चाय कोनों औय केंि भें याभ का प्रतीक फनाएॊ। रगबग 3-5 शभनि के शरए ये की दें ।
मह नकायात्भक ऊजाथओॊ को दयू कये गा। मह प्रतीक नकायात्भकता को दयू कयने भें फहुत प्रबािी है ।

• मह फैरेन्स औय बािनात्भक रुकाििों को बी सॊतुशरत कयके भदद कयता है

ऊजाथ।

• याभ + शाॊतत + ऻानो का भेर भानशसक िुकड़ा मा असॊतुशरत भन के शरए प्रबािी ऩामा
जाता है ।

• रयश्तों को फेहतय फनाता है - SHK के साथ सॊमुटत होने ऩय कबी बी िूिने िारा फॊधन नहीॊ
फनामा जा सकता है ।

• SHK के सॊमोजन से रयश्तों को ठीक कयने के शरए भजफत


ू इयादे के साथ ये की दें

याभ।

• सद
ु यू उऩचाय के शरए, ़ ोनाय मा एचएसजेिएसएन के साथ सॊमोजन कयें ।
ग्नोसा

गनोसा एक सुॊदय प्रतीक है , हाराॊकक ़ ोनाय, हरु मा हथथ के रूऩ भें ग्रैभयस नहीॊ है , रेककन
अऩने आऩ भें मह एक फहुत ही सुॊदय प्रतीक है ।

Gnosa अव्मिस्था से हभाये भन को साप कयने भें हभायी भदद कयता है औय उच्च स्ि के
साथ सॊफॊध फढ़ाता है । मह हभाये चेतन औय उऩ चेतन भन को एक साथ जोड़ता है औय इस प्रकाय
हभाये चिों को खोरता है औय हभायी जागरूकता को फढ़ाता है । इसे शीषथ 4 चिों ऩय फनामा गमा
है ।

जैस-े जैसे इस खफ
ू सूयत प्रतीक की भदद से हभायी जागरूकता फढ़ती है , फहुत गहयी धचककत्सा
भें राने की ऺभता फहुत फड़ी है । मह हभाये ददथ औय आघात के अॊततनथदहत कायणों को प्रकि कयने
भें हभायी भदद कयता है इसशरए इसे जायी कयें औय हभें एक शाॊततऩूणथ औय फेहतय जीिन का
नेतत्ृ ि कयें ।

Gnosa हभें विशबन्न नई अिधायणाओॊ के फाये भें खर


ु े ददभाग यखने भें भदद कयता है औय
हभें चीजों के फाये भें आध्माक्त्भक औय गहन सच्चाई से अिगत कयाता है , बरे ही हभाया विश्िास
कैसा बी हो। विशरमभ यैंि करुणा® ये की के सॊस्थाऩक के अनुसाय, मह विशबन्न शायीरयक गततविधधमों
जैसे खेर, नत्ृ म, भाशथर आिथ औय महाॊ तक कक सॊगीत िाद्ममॊत्र फजाने भें भदद कयता है ।

मह छात्रों के शरए एक भहान प्रतीक है टमोंकक ग्नोसा हभाये ददभाग को साप कयता है जो
हभाये सॊचाय कौशर को फेहतय फनाता है , भौणखक औय शरणखत दोनों। अध्ममन, ऩरयमोजनाओॊ औय
अनुसॊधान के शरए सफसे अच्छा है टमोंकक मह ऩरयमोजना के फाये भें उधचत सॊसाधनों औय ककिी
ककयककया को खोजने भें भदद कये गा।
गनोसा याभ प्रतीक के साथ अच्छी तयह से काभ कयता है जो बौततक तर ऩय प्रकि होने के
शरए उच्च स्ि की भदद कयता है ।
किमा

किमा, करुणा® ये की सीयी़ भें अॊततभ प्रतीक है (भास्िय शसॊफर को छोड़कय!), मह एक िफर
चो कु यी प्रतीक है , एक जो दक्षऺणाितथ है औय दस
ू या एॊिी-टरॉकिाइज है , इसका उऩमोग भानि जातत
को शायीरयक अशबव्मक्टत औय उऩचाय के शरए ककमा जाता है ।

दोनों प्रतीकों को दोनों हाथों से एक साथ खीॊचा जा सकता है । जो रोग ऐसा कयने भें सहज
नहीॊ हैं, िे ऩहरे प्रतीक को दाईं ओय खीॊच सकते हैं , कपय फाईं ओय।

घड़ी का प्रतीक एक को स्िगथ से जोड़ता है औय भदाथना ऊजाथ औय दस


ू ये को ऩथ्
ृ िी ऩय यखता
है औय स्त्री ऊजाथ है ।

इस प्रतीक का उऩमोग विशबन्न क्स्थततमों भें ककमा जा सकता है , क्जनभें से


कुछ नीचे सच
ू ीफद्ध हैं:

1. मह हभायी प्राथशभकताओॊ को सीधे ऩाने भें हभायी भदद कयता है । मह हभें एक तनणथम
का एहसास कयाता है कक हभाये ऩास एक विकल्ऩ है ; इसशरए हभें उन सबी अिै चभें ट्स से छुिकाया
ऩाने भें भदद कयते हैं क्जन्हें हभ ऩकड़ते हैं।

2. ऩरयिाय के साथ धचककत्सा फॊधन भें भदद कयता है , हय कोई सह शाॊतत से भौजूद है औय
साभॊजस्मऩण
ू थ रूऩ से एक साथ।

3. हभायी इच्छाओॊ औय इच्छाओॊ को प्रकि कयने भें भदद कयता है , फशते िे ब्रहभाॊि के साथ
सॊयेखण भें हों। मह इच्छा के शरए धचककत्सा कयते सभम फहुत खश
ु ी औय खश
ु ी राता है ।
4. ग्राउॊ डिॊग के शरए अद्भत
ु प्रतीक, व्मक्टत जाॊघों से नीचे की ओय अऩने ऩैयों की आत्भा को
सवऩथर भें स्थानाॊतरयत कयने की कल्ऩना कय सकता है , मह ब्रहभाॊि के साथ आऩके शयीय का एक
भजफूत सॊफॊध बी फनाता है ।

किमा एक अद्भत
ु प्रतीक है जो हभें एक अद्भत
ु औय व्मािहारयक तयीके से हभाये जीिन का
नेतत्ृ ि कयने भें भदद कयता है ।
बयोसा

IAVA (EE-AH-VAH)

करुणा® ये की प्रतीक इिा हभें मह सभझने भें भदद कयती है कक हभ अऩनी कहानी, अऩना
बविष्म खद
ु फनाते हैं। हभ ककसी औय के प्रऺेऩण का दहस्सा नहीॊ हैं। इिा हभें व्मक्टतगत शक्टत
हाशसर कयने भें भदद कयती है औय अन्म रोगों की याम का पुिफॉर नहीॊ है औय इस प्रमास भें
सहामक है ।

इिा हभें अऩने शरए रक्ष्म तनधाथरयत कयने, भजफूत दृढ़ता का तनभाथण कयने, हभाये भागथ का
अनुसयण कयने औय स्िस्थ सीभाओॊ को फनाए यखने भें हभायी भदद कयती है । उऩयोटत सबी के
फािजूद हभ अन्म रोगों की याम का सम्भान कय सकते हैं। मह आिश्मक नहीॊ है कक हभें हय
ककसी के दृक्ष्िकोण को स्िीकाय कयना होगा, मह स्िीकाय कयना ऩमाथप्त होगा। सुॊदयता विविधता भें
तनदहत है । मह हभें अहॊ काय को दयू कयने भें बी भदद कयता है क्जससे हभें रगता है कक एक
व्मक्टत मा तो हीन मा श्रेष्ठ है ।

इिा हभें शसखाती है कक हभ केिर अऩनी खश


ु ी, बािनाओॊ औय बािनाओॊ के शरए क्जम्भेदाय
हैं, दस
ू यों के नहीॊ। हभाये ऩास एक ही क़् म्भेदायी है कक हभ अऩने जीिन के विशबन्न अिसयों भें
दस
ू यों को जिाफ दें । हभ दस
ू यों को खश
ु मा दख
ु ी नहीॊ कय सकते; मह एक व्मक्टत का तनणथम है कक
िे ककस तयह से झुकना चाहते हैं। इिा हभें अन्मोन्माश्रम ऩहचानने भें भदद कयता है ।

मह हभें अऩने सच्चे ईश्ियीम आहिान को ऩूया कयने के शरए कायथ िाई कयने भें भदद कयता
है औय हभें अऩना काभ कयते हुए खश
ु ी दे ता है , जो फच्चों को ऩढ़ाने से रेकय आऩके घय की सपाई
तक कुछ बी हो सकता है । उस ददन का अॊत जफ हभ मूतनिसथ के भागथ का अनुसयण कय यहे हैं।
Iava बी व्मसनों को दयू कयने भें भदद कयने के शरए Harth के साथ अच्छा काभ कयता है ।
करुणा® प्रतीक इिा के फाये भें सुॊदयता मह है कक मह भदय नेचय के साथ गहयाई से जुड़ने भें
भदद कयती है । मह हभें जीिन भें सॊद
ु य सफक शसखाता है , जो हभ सीख सकते हैं, हभ अऩने भन
को शाॊत यखना सीखते हैं। मह हय ददन ऩथ्
ृ िी को धचककत्सा दे ने के शरए एक उत्कृष्ि प्रतीक है , औय
इस जगह को यहने के शरए एक फेहतय जगह फनाएॊ!
शाॊतत

दहॊदी भें "शाॊतत" शब्द का अथथ है शाॊतत। मह एक सुॊदय करुणा® प्रतीक है , भेये शरए व्मक्टतगत
रूऩ से मह दशाथता है कक िास्ति भें रोग ये की भें टमों आते हैं: अतीत को ठीक कयने के शरए,
बविष्म को छोड़ दें औय ितथभान भें सद्भाि फनाएॊ।

सिोत्तभ सॊबि ऩरयणाभ प्रकि कयने के शरए मह प्रतीक फहुत उऩमोगी है । मह अन्म
करुणा® प्रतीकों के साथ सॊमुटत होने ऩय विशबन्न प्रमोजनों के शरए खफ
ू सूयती से काभ कयता है ।
ऩि
ू थ के शरए: मह हभें कभये को साप कयने भें भदद कयता है जफ याभ के साथ सॊमट
ु त होता है ,
इसके अरािा जफ किमा मा याभ के साथ सॊमुटत होता है , तो मह हभें उन रक्ष्मों को भहसूस कयने
भें भदद कयता है जो हभने खद
ु के शरए तनधाथरयत ककए थे औय उन्हें प्रकि कयते हैं क्जन्हें हभ
दै तनक हरचर भें बूर गए होंगे हरचर।

शाॊतत हभें अऩने सबी बम औय असुयऺाएॊ भुटत कयने भें भदद कयती है ; मह तीसयी आॉख
ऩय खीॊचा जा सकता है जहाॉ फहुत साये बम जभा हो जाते हैं। फदरे भें मह फुये सऩने औय अतनिा
से छुिकाया ऩाने भें रोगों की भदद कय सकता है क्जसभें फुये सऩने बी शाशभर हैं।

शाॊतत का उऩमोग कयने के शरए एक अद्भत


ु प्रतीक है जफ बम मा आतॊक के हभरे हभें
ऩये शान कयते हैं। महाॊ तक कक ऩुयानी थकान के शरए बी मह भदद कयने के शरए जाना जाता है ।
जफ सोरय प्रेटसस औय थिथ आई ऩय खीॊचा जाता है , तो मह एक सख
ु दामक शाॊतत दे ता है , क्जससे
हभें अतीत की चीजों मा उन चीजों के फाये भें धचॊता कयने भें भदद शभरती है क्जनकी हभ कल्ऩना
कयते हैं।

मह उन रोगों के शरए एक उत्कृष्ि प्रतीक है जो अऩनी सीढ़ी को विकशसत कयने की


कोशशश कय यहे हैं, तीसयी आॊख ऩय शाॊतत प्रतीक के साथ ध्मान रगाकय चि को खोरेंगे औय
सॊतुरन फनाएॊगे औय फदरे भें अव्मिस्था को सुधायने भें भदद कयें गे।

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