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ध्यान का उद्देश्य कोई लाभ प्राप्त करना हो सकता है या ध्यान करना अपने-आप में एक लक्ष्य हो सकता है।
to become or cause someone to become calm and comfortable, and not worried or nervous, or to
become or cause a muscle or the body to become less tight मायो क्लीनिक के अनुसार मेडिटेशन के लिए
सबसे पहले अपनी सांसों पर ध्यान देने की कोशिश करें . लंबी गहरी सांसे लेने से स्ट्रेस नेचुरली ही दूर होता है . इसके
लिए शांत बैठ कर लंबी गहरी सांस लें और उन पर ध्यान लगाएं. मेडिटेशन करते समय कोशिश करें कि आसपास
कोई शोर-शराबा ना हो ताकि मेडिटेट करते हुए मन और दिमाग ना भटके
इसे करने के लिए आपको कु छ नहीं करना है , बस नोटिस करना है। - हर सांस को पूरी तरह से अनुभव करते रहें ,
इसे नियंत्रित करने की कोशिश किए बिना। जब आप अपने विचारों को भटकते हुए देखें , तो उन्हें धीरे से अपनी
सांसों में वापस लाएं। ऐसा तब तक करें जब तक आपका टाइमर बंद न हो जाए।
नियमित ध्यान करने से आप दिमाग में चल रही उथल पुथल को काफी हद तक कम कर सकते है। क्योंकि यह
तनाव को कम कर शरीर को आराम पहुंचाने में अहम भूमिका निभाता है। मेडिटेशन करने से हमारा मन शांत होने
के साथ शरीर में स्थिरता बढ़ती है और बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ती है।
ध्यान और मेडिटेशन करने के लिए आपको हर दिन 30 मिनट की जरूरत होगी। लेकिन इसकी शुरुआत आप 10
मिनट या 15 मिनट से भी कर सकते हैं। आप चाहें तो 30 मिनट के ध्यान को 10 मिनट के 3 सेशन या 15 मिनट
के दो 2 सेशन में बांटकर भी कर सकते हैं। अगर आपको शुरुआत में मन एकाग्र करने में दिक्कत हो तो परेशान
ना हों।
रोज मेडिटेशन करने से क्या होता है ?
वहीं यह नींद विकार, ब्लड प्रेशर और कई तरह की अन्य शारीरिक समस्याओं में भी लाभदायक हो सकता है। योग
विशेषज्ञों के मुताबिक रोजाना मेडिटेशन का अभ्यास करना आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा के संचार को बढ़ावा
देने के साथ संपूर्ण स्वास्थ्य को लाभ प्रदान कर सकता है।
ध्यान करते वक्त सोचना बहुत होता है। लेकिन यह सोचने पर कि 'मैं क्यों सोच रहा हूं ' कु छ देर के लिए सोच रुक
जाती है। सिर्फ श्वास पर ही ध्यान दें और संकल्प कर लें कि 20 मिनट के लिए मैं अपने दिमाग को शून्य कर
देना चाहता हूं। अंतत: ध्यान का अर्थ ध्यान देना, हर उस बात पर जो हमारे जीवन से जुड़ी है।
भारी मात्रा में खाना खाने के बाद मेडिटेशन नहीं करना चाहिए। व्यायाम के फौरन बाद मेडिटेशन करने से बचना
चाहिए। नींद से जागने के तुरंत बाद या नींद के एहसास में मेडिटेशन नहीं करने की सलाह दी जाती है।
अगर आप अच्छा सोचेंगे तो सब अच्छा अच्छा होगा और यदि नकारात्मक सोचेंगे तो हर जगह समस्या उत्पन्न
होगी। यह सब आपके दिमाग का खेल है , लेकिन इस दिमागी खेल में अब आपको मज़ा आने लगेगा। 7 वें चरण
तक आपका मेडिटेशन इतना मजबूत हो जायेगा कि आप के वल ध्यान करने के समय के मुकाबले 24 घंटों में
मेडिटेशन का अधिक असर देखने को मिलेगा।
पहले भौहों के बीच आज्ञा चक्र में ध्यान लगने पर अंधेरा दिखाई देने लगता है। अंधेरे में कहीं नीला और फिर कहीं
पीला रंग दिखाई देने लगता है। यह गोलाकार में दिखाई देने वाले रंग हमारे द्वारा देखे गए दृष्य जगत का रिफ्
लेक्शन भी हो सकते हैं और हमारे शरीर और मन की हलचल से निर्मित ऊर्जा भी।
गीता के अनुसार ध्यान क्या है ?
मेडिटेशन के लिए ऐसी मुद्रा चुनें जिसमें आप लम्बे समय तक बैठ सकें खुद को रिलैक्स करते हुए इस समय चेहरे
पर मुस्कु राहट के भाव रखें .
मेडिटेशन के पहले 10-15 मिनट तक गहरी सांस लें इससे आपका शांत भाव में जाना आरम्भ होता है .
मेडिटेशन के बाद प्राणायाम का अभ्यास करना फायदेमंद होता है। 3. हमेशा ध्यान लगाते समय खुला और हवादार
एरिया ही चुनें। खुले और हवादार इलाके में ध्यान लगाने से आपका मन शांत रहेगा और नेचुरल साउं ड आपके
ध्यान को बेहतर बनाएगा।
उपरोक्त शोध का तात्पर्य है कि प्रति सत्र 13 मिनट का ध्यान लाभ प्राप्त करने के लिए पर्याप्त है। फिर भी,
नियमितता उतनी ही महत्वपूर्ण हो सकती है। हर कु छ महीनों में एक बार 13 मिनट के लिए अभ्यास करने से
उतने लाभ मिलने की संभावना नहीं है जितनी कि प्रतिदिन 5 मिनट के अभ्यास से।
विपश्
यना (Vipassana) एक प्राचीन ध्यान (Meditation) विधि है , जिसका अर्थ होता है देखकर लौटना. इसे आत्
म
निरीक्षण और आत्म शुद्धि की सबसे बेहतरीन पद्धति माना गया है . हजारों साल पहले भगवान बुद्ध ने इसी ध्
यान
विधि के जरिए बुद्धत्व हासिल किया था.
बिना सोचे-समझे ध्यान कै से करें ?
ध्यान करते समय आप घुसपैठ करने वाले विचारों से कै से बच सकते हैं? अपने विचारों से बचने की कोशिश करने
के बजाय, एक पर्यवेक्षक बनें । स्नाइडर कहते हैं, "अपने मंत्र और अपनी सांस पर वापस आते रहें।" "आखिरकार
और समय के साथ, अधिक से अधिक आप अपने आप को सिर्फ होने के एक शांतिपूर्ण, संतुष्ट स्थान में पाएंगे।"
जबकि कई कारण हैं कि ध्यान कठिन क्यों है , अपने शेड्यूल को साफ करने और अपने दिमाग को शांत करने के
लिए निर्बाध समय ढूंढना सबसे बड़ा अवरोध प्रतीत होता है। शोध के अनुसार, संचार के बिना 15 मिनट का भी
समय निकालना मुश्किल है।
ध्यान के तुरंत बाद उठने और तुरंत कु छ करने से बचने की कोशिश करें। इसके बजाय, अपने आप को वास्तविकता
में वापस लाने के लिए कु छ मिनट लंबी संक्रमण अवधि प्रदान करने का प्रयास करें।
ध्यान के दौरान मस्तिष्क की तरंगें सक्रिय हो सकती हैं जो नींद के शुरुआती चरणों में सक्रिय होती हैं। इसका
मतलब है कि समय-समय पर ध्यान के दौरान थोड़ा उनींदापन महसूस करना स्वाभाविक है।
आलस्य
प्रमाद
अधिक भोजन
अधिक श्रम
नियम पालन में अनियमितता
मन की चंचलता
आदर्श रूप से, डेरफस का कहना है कि योग और सांस लेने के बाद ध्यान सबसे अच्छा है क्योंकि ये अभ्यास
तंत्रिका तंत्र को संतुलित करते हैं और आपकी सूक्ष्म ऊर्जा को उत्तेजित करते हैं। हालाँकि, यदि आप योग या श्वास
क्रिया नहीं करते हैं, तो वह व्यायाम के बाद अभ्यास करने की सलाह देती हैं।
ध्यान के लिए एक ऐसा नीरव एवं शांत स्थान ढूँढे जहाँ आप अलग से बैठकर निर्बाधित रूप से ध्यान कर सकें ।
अपने लिए एक ऐसा पवित्र स्थान बनाएं जो मात्र आपके ध्यान के अभ्यास के लिए ही हो। ...
ध्यान के लिए सर्वप्रथम आवश्यक है — उचित आसन। मेरुदंड सीधा होना चाहिए।
थोड़े से अभ्यास के बाद, ध्यान के परिणामस्वरूप शांति, विश्राम और यहां तक कि उत्साह की अनुभूति होती है। यह
"प्राकृ तिक उच्च" आपको अपनी भावनाओं को बेहतर ढंग से नियंत्रित करने और परेशान करने वाली स्थितियों पर
काबू पाने की अनुमति देता है। जब आप पहली बार ध्यान करने की कोशिश करें , तो अके ले रहने के लिए एक शांत
जगह की तलाश करें।
सुबह कितने बजे उठकर योग करना चाहिए?
योग करने का सबसे अच्छा समय सुबह 4 से 7 बजे का होता है। ऐसा न कर पाने पर सूर्यास्त के बाद भी कर
सकते हैं। अगर इसके अलावा कर रहे हैं तो खाना खाने के 4 घंटे बाद ही करें। योग करने के लिए हमेशा ऐसे कपड़े
पहनें जिसमें आप कं फर्टेबल हों और थोड़े ढीले होने चाहिए।
सुबह की शुरूआत एक गिलास पानी के साथ करनी चाहिए। पेट साफ होने के बाद के वल पानी पीना ही ठीक होता
है।
नाश्ता स्किप: अगर आप जल्दबाजी में सुबह नाश्ता नहीं करते हैं तो भी आपका पूरा दिन बेकार हो सकता है . ...
एक्
सरसाइज ना करना: ...
हमेशा जवान रहना चाहते हैं तो रोजाना करें यें योगासन, कु छ ही दिनों में दिखने लगेगा असर
वृक्षासन वृक्षासन आपको एकाग्रता बढ़ाने में सहायता करता है। इस आसन को करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं। ...
ताड़ासन ताड़ासन करने से श्वास संतुलित रहती है और यह आपके पैरों को भी शक्ति प्रदान करता है। ...
नटराजन
उनमामी मुद्रा
कै से प्राप्त करें ध्यान की शक्ति : किसी भी सुखासन में बैठकर प्रतिदिन सुबह, शाम और रात सोते वक्त 15 मिनट
का ध्यान करें। इसकी शुरुआत में मध्यम स्वर में तीन बार ॐ का उच्चारण करते हुए आंखें बंद कर लें। ध्यान के
मध्य में श्वासों के आवगम को गहराएं। ध्यान के अंत में हाथों की हथेलियों से चेहरे को स्पर्श करते हुए आंखें खोल
दें।
अपना सारा ध्यान अपनी श्वास पर कें द्रित करें। महसूस करने और सुनने पर ध्यान कें द्रित करें जब आप अपने
नथुने से साँस लेते और छोड़ते हैं। गहरी और धीरे -धीरे सांस लें। जब आपका ध्यान भटकता है , तो धीरे -धीरे अपना
ध्यान अपनी श्वास पर लौटाएं।
यहां है रोजाना ध्यान करने के शानदार स्वास्थ्य लाभ | Here Are The Great Health Benefits Of Daily
Meditation
यह पता चला कि ध्यान आश्चर्यजनक नकारात्मक दुष्प्रभाव पैदा कर सकता है , प्रतिभागियों की भावनाओं, संवेदी
धारणा, सामाजिक संपर्क , स्वयं की भावना और बहुत कु छ को प्रभावित कर सकता है। अध्ययन के कु छ विषयों ने
मतिभ्रम, घबराहट, प्रेरणा की कु ल हानि और दर्दनाक यादों के फिर से जीने की सूचना दी।
भगवान श्रीकृ ष्ण की मृत्यु जरा नामक बहेलिए के तीर से हुई थी. कृ ष्ण पीपल के पेड़ के नीचे विश्राम कर रहे थे,
तभी बहेलिए ने हिरण समझकर दूर से उनपर तीर चला लिया, जो उनके पैरों में जाकर लगा.. श्रीकृ ष्ण की कितनी
उम्र थी? भगवान कृ ष्ण का जन्म 3112 ईसा पूर्व में हुआ था.
योग का देवता (God of Yoga) कौन है ? भगवान शिव को योग, ध्यान और कलाओं का संरक्षक देवता (God) माना
जाता है। भारतीय संस्कृ ति में भगवान शिव को आदि योगी और आदि गुरु के रुप में जाना जाता है।
खूब खाएं फल और सब्जियां टीओआई में छपी एक खबर के अनुसार, फल और सब्जियों में कई तरह के पोषक
तत्व मौजूद होते हैं, जो एक स्वस्थ शरीर के लिए बहुत जरूरी होते हैं. ...
मान्यता है कि सुबह की शुरुआत आपने आप को निहारते हुए नहीं करनी चाहिए. वास्तु शास्त्र की मानें तो हमें
सुबह-सवेरे उठते ही अपना चेहरा आइने में नहीं देखना चाहिए क्योंकि जब हम रात को सोते हैं तो हमारा शरीर में
नकारात्मक ऊर्जा की चपेट में रहता है , और जब सुबह हम उठते हैं तो हम आलस्य से भरे हुए होते है .
इस सवाल का जवाब है कि व्यक्ति को सुबह उठकर अपने ईष्ट देव का चेहरा देखना चाहिए क्योंकि सुबह सोकर
उठने के वक्त हर व्यक्ति के चेहरे पर अलग-अलग भाव होते हैं। ऐसे में जब किसी का चेहरा देखकर हमारे अंदर
भी उसकी नकारात्मकता आ सकती है।
Tips to make young skin: अगर आप भी लंबे समय तक चेहरे को जवां रखना चाहती हैं तो ये खबर आपके काम
की है .
पानी पीना जरूरी हमारे शरीर का 70 % भाग पानी से बना है , आप अगर रोज 3 से 4 लीटर पानी का सेवन करते हैं
तो शरीर में पानी की कमी नहीं होगी और बॉडी हाइड्रेटिड रहेगी. ...
8) श्री कृ ष्ण 125 वर्ष, 08 महीने और 07 दिन जीवित रहे। 9) मृत्यु तिथि : 18 फरवरी 3102BC। 10) जब कृ ष्ण 89
वर्ष के थे; महायुद्ध (कु रुक्षेत्र युद्ध) हुआ। 11) कु रुक्षेत्र युद्ध के 36 साल बाद उनकी मृत्यु हो गई।
बूढ़े चेहरे को जवान कै से बनाएं?
Tips to make young skin: अगर आप भी लंबे समय तक चेहरे को जवां रखना चाहती हैं तो ये खबर आपके काम
की है .
पानी पीना जरूरी हमारे शरीर का 70 % भाग पानी से बना है , आप अगर रोज 3 से 4 लीटर पानी का सेवन करते हैं
तो शरीर में पानी की कमी नहीं होगी और बॉडी हाइड्रेटिड रहेगी. ...
ऐसे खाद्य पदार्थ खाने से जो प्रोटीन, स्वस्थ वसा और एंटीऑक्सिडेंट के समृद्ध, स्वस्थ स्रोत हैं, उम्र बढ़ने के संके तों
को कम करने में मदद कर सकते हैं। ऐसे खाद्य पदार्थों में ब्रोकोली, एवोकै डो, ब्लूबेरी, शकरकं द और अनार शामिल
हैं। सूजन जैविक उम्र बढ़ने को तेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
बुढ़ापा किस उम्र में शुरू होता है ?
लगभग 25 वर्ष की उम्र से ही उम्र बढ़ने के पहले लक्षण त्वचा की सतह पर स्पष्ट होने लगते हैं। महीन रेखाएँ
पहले दिखाई देती हैं और झुर्रियाँ, मात्रा का नुकसान और लोच का नुकसान समय के साथ ध्यान देने योग्य हो
जाता है।
Flute