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मकान का सह स्वाममत्व मवलेख (पमि व पत्नी के मध्य )

(पमि द्वारा अपनी पत्नी को अपनी सम्पमि मे अमवभाजीि 50 प्रमिशि का सहस्वामी बनाने हेिु
)

प्रथमपक्ष मनष्पादनकनकिा –

दनकेवीससह गुजर मपिा भेरूससह

आयु – 39 वष, आधार नं. 5551- 8216-3340

मनवासी– ग्राम भीलखेडी तहसील ट क


ों खुर्द मजला दनकेवास म0प्र0

मद्विीयपक्ष मनष्पादनकनग्रमहिा –

श्रीमिी कमलाबाई गुजर पमि श्री दनकेवीससह

आयु – 35 वष, आधार नं.-5668-8432-9518

मनवासी– ग्राम भीलखेडी तहसील ट क


ों खुर्द मजला दनकेवास म0प्र0

यह कक, प्रथमपक्ष व मद्विीयपक्ष आपस में पमि पमत्न हैं। भारिीय स्टाम्प अमधमनयम 1899 की
म.प्र. मे प्रभावशील अनुसूची 1 (क)के अनुच्छेदनक 25 के परं िु (च) के िहि यह सह-स्वामी बनाये
जाने का मवलेख मलख दनकेने वाले दनकेवीससह गुजर मपिा भेरूससह (मजन्हें इस लेख में सुमवधा एवं
संमक्षप्ततािा की दनकृमस से प्रथमपक्ष शद दनक से संबोमधि ककया गया ह, मजसमे प्रथमपक्ष स्वयं उनके
समस्ि उत्तरामधकारी, वध प्रमिमनमध, महिबंध, महिग्राही, असाईनीज इत्याकदनक समम्ममलि ह) इस
मवलेख के जररये सह-स्वामी बनाये जाने वाले श्रीमिी कमलाबाई गुजर पमि श्री दनकेवीससह जो
की (मजन्हें इस लेख में सुमवधा एवं संमक्षप्ततािा की दनकृमस से मद्विीयपक्ष शद दनक से संबोमधि ककया गया
ह, मजसमे मद्विीयपक्ष स्वयं उनके समस्ि उत्तरामधकारी, वध प्रमिमनमध , महिबंध, महिग्राही,
असाईजीज इत्याकदनक समम्ममलि ह)की पत्नी ह के महि में प्रथमपक्ष यह सह-स्वामी बनाये जाने का
मवलेख मद्विीयपक्ष के महि में मनम्नानुसार मलख दनकेिे ह कक–

1- यह की, प्रथमपक्ष के एकमात्र मामलक, स्वाममत्व एवं आमधपत्य की एक मनजी मालकी


की सम्पमि जो कक ग्राम पंचायि भीलखेडी ग्राम भीलखेडी प0ह0नं0 49 ( गाईड लाईन
अनुसार सरल क्रमांक़ 2529) िहसील टोंकखुदनक मजला दनकेवास (म.प्र.) में मस्थि मकान नं. 49 का
कु ल क्षेत्रफल 1320 वगफीट (122.67 वगमीटर) आवासीय आर.सी.सी. का बना ह, सदनकर
संपमत्त आवासीय क्षेत्र में मस्थि होकर आवासीय उपभोग एंव आमधपत्य की ह उक्त सम्पमि
शासकीय, नजूल, पट्टे, अमिक्रमण, भुदनकान, अथवा सावजामनक प्रयोजन की नहीं होकर प्रथमपक्ष
के स्वयं के मालकी स्वत्व व आमधपत्य की होकर प्रामण पत्र क्रमांक -------- कदनकनांक ---------
मनष्पादनकनकिा दनकेवीससह गुजर मपिा भेरूससह गुजरमनवासी– ग्राम भीलखेडी तहसील ट क
ों खुर्द
मजला दनकेवास म0प्र0 के नाम पर ग्राम पंचायि भीलखेडी जनपदनक पंचायि टोंकखुदनक िहसील
टोंकखुदनक मजला दनकेवास म०प्र० पर में दनकज ह| इस प्रकार सदनकर सम्पमि प्रथमपक्ष के एकमात्र
स्वाममत्व एवं आमधपत्य का होकर मनजी मालकी हक़ का ह, मजसका उपयोग मामलकनािे से
अपनी इच्छा अनुसार ले रहे ह ।

02- यह की, मजस भाग के मलए सह-स्वाममत्व मवलेख ककया जा रहा ह उस भाग संपमत्त का
वणन व चिुसीमा मनम्नानुसार ह –

कायालय ग्राम पंचायि भीलखेडी ग्राम भीलखेडी प0ह0नं0 49 ( गाईड लाईन अनुसार सरल
क्रमांक़ 2529) िहसील टोंकखुदनक मजला दनकेवास (म.प्र.) में मस्थि मकान नं. 49 मस्थि ह मजसकी
चिुसीमा एवं साईज मनम्नानुसार ह –
साईज –

चौडाई 22 फीट बाय लम्बाई 60 फीट

कु ल ऐररया 1320 वगफीट (122.67 वगमीटर

बना भाग::- िल मंमजल पर 1320 वगफीट (122.67 वगमीटर ) भाग आवासीय आर.सी.सी.
का मकान मनर्ममि हैं ।

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चिुसीमा::-

पूव को – आम रास्ता

पमिम को – त लाराम का मकान

उत्तर को – आम रास्ता

दनकमक्षण को – कु ल्िाजी का मकान

यह की,प्रथमपक्ष कक मद्वमियपक्ष धमपत्नी ह इसी अमधकार के नािे प्रथमपक्ष द्वारा अपने उक्त
चरण क्रमांक 02 में वर्मणि संपमत्त के मलए अपनी पत्नी अथाि मद्वमियपक्ष को सह-स्वामी बनाया
जा रहा ह | यह की भारिीय स्टाम्प अमधमनयम 1899 की धारा 27 के िहि सम्पमि का सही -
सही पररवणन अंककि ककया गया ह|

03- यह कक, प्रथमपक्ष अपने स्वाममत्व एवं आमधपत्य के उपरोक्त चरण क्रमांक 02 में वर्मणि
संपमत्त के मलए मद्वमियपक्ष को सह-स्वामी बनाना चाहिे ह िथा यह प्रस्िाव स्वीकार कर मलए
जाने से प्रथमपक्ष ने अपने स्वाममत्व एवं आमधपत्य की उक्त चरण क्रमांक 02 में वर्मणि संपमत्त के
मलए मद्वमियपक्ष को सह-स्वामी बनाया गया ह |
04- यह कक, प्रथमपक्ष के एकमात्र स्वाममत्व एवं आमधपत्य की सम्पमि ग्राम पंचायि
भीलखेडी ग्राम भीलखेडी प0ह0नं0 49 ( गाईड लाईन अनुसार सरल क्रमांक़ 2529) िहसील
टोंकखुदनक मजला दनकेवास (म.प्र.) में मस्थि मकान नं. 49 के प्रथमपक्ष एवं मद्वमियपक्ष सह-स्वामी
रहेंगे | इस प्रकार उक्त चरण क्रमांक 02 में वर्मणि संपमत्त में मद्वमियपक्ष का 50 प्रमिशि अथाि
बराबर महस्से पर हक़ व अमधकार रहेगा िथा 50 प्रमिशि अथाि बराबर महस्से पर प्रथमपक्ष
का मह हक़ व अमधकार रहेगा, आज कदनकनांक से उपरोक्त संपमत्त के सम्बन्ध में लेख मनष्पाकदनकि
होिे मह उक्त संपमत्त संयक्त
ु रूप से दनकोनों के हक़ व अमधकार की हो जावेगी |

05- यह कक, उक्त चरण क्रमांक 02 में वर्मणि संपमत्त को आगे इस लेख में सुमवधा एवं
संमक्षप्ततािा की दनकृमस से मसफ संपमत्त शद दनक से संबोमधि ककया गया ह िथा आज कदनकनांक से प्रथमपक्ष
एवं मद्विीयपक्ष का संयुक्त रूप से कद ज़ा वधामनक रूप से मान्य होगा |

06- यह कक, सदनकर संपमत्त से सम्बन्ध में प्रथमपक्ष ने कोई आम मुख्‍त्यार नामा अथवा खास
आम मुख्‍त्यार नामा ककसी भी यक्मक्त या संस्था के महि में मनष्पाकदनकि नहीं ककया ह र न ही
ऐसा कोई आम मुख्‍त्यार नामा विमान में प्रभावशाली ह

07- यह कक, सदनकर संपमत्त में प्रथमपक्ष द्वारा मद्विीयपक्ष को सह-स्वामी बनाये जाने से सदनकर
संपमत्त के मामलक के जो हक प्रथमपक्ष को थे वे सब हक प्रथमपक्ष द्वारा संयुक्त रूप से मद्विीयपक्ष
को इस मवलेख के द्वारा प्राप्तता हो गये ह | अब प्रथमपक्ष व मद्विीयपक्ष ने सदनकर संपमत्त पर अपनी
मालकी करके इसका उपयोग व उपभोग अपनी इच्छानुसार हमेशा लेिे जाना इसमें प्रथमपक्ष
या उनके उत्तरामधकारी को ककसी भी प्रकार की कोई हरकि या आपमत्त नहीं रहेगी |

08- यह कक, प्रथमपक्ष एिदनक द्वारा घोमषि एवं मनमिि करिे ह की सदनकर संपमत्त समस्ि प्रकार
के भार बोझ व अंिरण से मुक्त होकर एसे ककसी भी अंिरण के मलए प्रथमपक्ष द्वारा कोई मलखि
आकदनक का मनष्पादनकन नहीं ककया गया ह िथा प्रथमपक्ष के स्वाममत्व बाबदनक ककसी भी प्रकार का
पाररवाररक या न्यायामयक मववादनक विमान में न्यायालय इत्याकदनक में लंमबि नहीं ह उक्त संपमत्त
सवभार मुक्त ह |

09- यह कक, यकदनक भमवष्य में सदनकर संपमत्त के मामलक बाबदनक प्रथमपक्ष का कोई भी वाररस या
हक़दनकार खड़ा होकर मद्वमियपक्ष को सह-स्वामी बनाये जाने बाबदनक ककसी भी प्रकार का दनकावा
झगडा करे गा या मद्वमियपक्ष के कद जे में ककसी भी प्रकार की कोई आपमत्त लेवेगा िो उसका
मनराकरण प्रथमपक्ष अपने स्वयं से खचे से करें गे | इस बाबदनक मद्वमियपक्ष को ककसी प्रकार का
कोई हजा – खचा या नुकसान प्रथमपक्ष भमवष्य में लगने दनकेवेगें |

10- यह कक, भमवष्य में प्रथमपक्ष की ओर से या उसके ककसी भी उत्तरामधकारी की ओर से


सदनकर संपमत्त पर पूण अथवा उसके ककसी भाग पर ककसी भी प्रकार का कोई दनकावा पेश ककया
जािा ह या इस सम्बन्ध में कोई आपमत्त उठाई जािी ह िो वहा दनकावा, झगडा अथवा आपमत्त इस
लेख के जररये अमान्य होकर प्रभाव शून्य रहेगी |

11- यह कक, प्रथमपक्ष ने इमन्ियों के स्वस्थ व मस्थि बुमि की अवस्था में ककसी अन्य की रुची
कदनकलाने या मद्वमियपक्ष को सह-स्वामी बनाये जाने के मलए उकसाये जाने बगेर उपरोक्त वर्मणि
संपमत्त इससे सम्बन्ध रखने वाली समस्ि अमधकारों, सुखामधकारो (राइट्स) मप्रमवलेजस
े के
समहि मद्वमियपक्ष को सह-स्वामी बनाया गया ह | इस कारन सदनकर संपमत्त पर सम्पूण अमधकार
उपरोक्तानुसार प्रथमपक्ष व मद्वमियपक्ष में वेमिि हो गए ह |

12- यह कक, सदनकर संपमत्त बाबदनक टक्स िथा अन्य लगने वाले सब टक्स आज कदनकनांक िक के
प्रथमपक्ष दनकेवेंगे आगे के मलए प्रथमपक्ष वमद्वमियपक्ष दनकोनों रहेंगे र अब मद्विीय पक्ष अपना
नामांिरण प्रथमपक्ष के साथ सदनकर संपमत्त पर सम्बंमधि शासकीय, अशासकीय व अधशासकीय
कायालय में करवा सकें गे | मद्वमियपक्ष का नाम प्रथमपक्ष के साथ दनकाखल होने में प्रथमपक्ष के
सही की या बयान की जो भी मदनकदनक लगेगी वह मदनकदनक प्रथामपक्ष मद्वमियपक्ष लो आवश्य दनकेवेंगे |
13- यह की, सदनकर संपमत्त के मद्विीय पक्ष को सह स्वामी बनाये जाने में कोई क़ानूनी अवरोध
नहीं ह र न ही सदनकर संपमत्त मद्वमियपक्ष को सह- स्वामी बनाये जाने हेिु संपमत्त अंिरण
अमधमनयम के विमान में प्रचमलि ककसी भी मनयम के िहि ककसी अनुममि की आवश्यकिा ही
ह|

14- यह की, आज अंिररि की जा रही प्रश्नाधीन संपमत्त को मेरे द्वारा अथवा मेरे ककसी
प्रमिमनमध या समनुदनकमे शिी या उसके अमभकिा (एजेंट) के द्वारा आज कदनकनांक िक ककसी अन्य
यक्मक्त के पक्ष में रमजस्रीकृ ि दनकस्िावेज द्वारा पूव में मह हस्िान्िररि या स्थायी रूप से
अन्यसंक्रांि नहीं करा गया ह, अथाि इस अंिरण से पंजीयन अमधमनयम की धारा 22-क, का
उल्लंघन नहीं होिा ह |

यह की, उपरोक्त सदनकर संपमत्त का दनकस्िावेज मनष्पादनकनग्रमहिा मद्वमियपक्ष एवं मनष्पादनकनकिा


प्रथमपक्ष के कथानुसार वणन से िथा उपलद ध उभय पक्ष से प्राप्तता जानकारी के आधार पर ियार
कर सेवा प्रदनकात्ता द्वारा अपने कायालय में टाइप करवाया गया ह, एवं मनष्पादनकनग्रमहिा के
कथानुसार वणन के आधार पर ही सदनकर संपमत्त के सह स्वाममत्व का प्रारूप ियार कर प्रस्िुि
ककया गया ह |

कदनकनांक::-13/02/2024

श्री मसमि मवनायक सर्मवसेस

मो. नं. 8120020688/9516662383/7000645858

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