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सोच बदलो िसतारे बदल जायेगे

Suppose किरए िक आपकी बार-बार एक ही negative thought को सोचने की बुरी आदत है. और
suppose किरए िक असल दिु नया मे उस सोच की कोई अिभवयिक नही है. वो बस एक नकारातमक सोच है ,
जैसे ” मै बहु त depressed हू ँ” या ” मुझे अपनी नौकरी से नफरत है” या ” मै ये नही कर सकता” या “मुझे
अपने मोटापे से नफरत है.” आप िकसी बुरी आदत से कैसे छुटकारा पायेगे जब वो पूरी तरह से आपके िदमाग
मे हो ?

असल मे negative thought pattern को बदलने के बहु त सारे तरीके है. Basic idea ये है िक पुराने
thought pattern को नए से replace कर िदया जाए. मानिसक रप से नकारातमक सोच का िवरोध करना
उलटा पड सकता है- आप इसे और मजबूत करते जायेगे और िसथित बदतर हो जाएगी. आप िजतना अपने
neurons को उसी िदशा मे fire करेगे, आपकी नकारातमक सोच उतनी ही शशक होती जायेगी.

यहाँ एक तरीका है जो मै अपने negative thought patterns को break करने के िलए use करता हू ँ. ये
basically एक memory technique िजसे ‘chaining’ कहते है से िमला जुला कर बना है. ये तरीका मेरे
िलए बहु त सही काम करता है.

Negative Thought pattern का िवरोध करने का पयास करने की बजाये आप इसकी िदशा बदल दीिजये.
इसे आप एक mental kung fu की तरह से समिझये. नकारातमक सोच की उजार को लीिजये और उसे
सकारातमक सोच की तरफ मोड दीिजये. थोडी सी mental conditioning के साथ जब भी आपके िदमाग मे
negative thought आएगी , आपका िदमाग खुद बखुद positive thought की तरफ divert हो जाएगा. ये
Pavlov’s dogs की तरह है जो घंटी बजने पर लार टपकाना सीख जाते है.

ये ऐसे काम करता है:

मान लीजये आपकी negative thought एक subvocalization है, मतलब आपको अनदर से एक आवाज
सुनाई देती है िजसे आप बदलना चाहते है , जैसे िक, ” मै idiot हू ँ”. अगर आपकी negative thought एक
आवाज होने की बजाये एक mental image (कोई िचत जो िदमाग मे आता हो) या kinesthetic ( कोई
अनदर होने वाला एहसास

) हो तो भी आप इस process को use कर सकते है. कई मामलो मे आपका िवचार इन तीनो का


combination भी हो सकता है.

Step 1: अपनी negative thought को एक mental image मे बदल ले.


उस आवाज को सुिनए और िदमाग मे उसकी एक तसवीर बना लीिजये.For Example, यिद आपकी सोच है िक
, “मै idiot हू ँ ”, तो कलपना कीिजये िक आप मूखरतापूणर कपडे पहने और जोकरो वाली टोपी लगाकर इधर
उधर कूद रहे है. आपके चारो तरफ लोग खडे है जो आपकी तरफ ऊँगली िदखा रहे है और आप िचला रहे है,
“मै idiot हू ँ” आप इस scene को िजतना बढा चढा कर देखेगे उतना बेहतर है . चटक रंगो, खूब सारे
animation,यहाँ तक िक आप कुछ sex से भी समबंिधत सोच सकते है यिद ये आपको याद रखने मे मदद करे.
इस scene को बार-बार तब तक practice करते रिहये जब तक महज वो negative line सोचने भर से
आपके िदमाग मे आपकी कलपना की हु ई negative mental image ना आने लगे.

यिद आपको उस िवचार का िचतण करने मे िदककत हो तो आप उसे एक आवाज का भी रप दे सकते है. अपनी
negative thought को एक आवाज मे बदल ले , जैसे िक कोई धुन िजसे आप गुनगुनाते हो. इस पोसेस
follow करने मे को चाहे एक sound की कलपना करे या िकसी िचत की , दोनो ही तरह से ये काम करेगा. वैसे
मै िकसी िचत के बारे मे कलपना करना prefer करता हू ँ.

Step 2: उस negative thought को replace करने के िलए कोई powerful positive thought
चुने.

अब decide किरए की negative thought को replace करने के िलए आप कौन सी positive thought
चुनेगे. जैसे िक यिद आप ये सोचते रहते है िक, ” मै idiot हू ँ,” तो शायद आप उसे , “मै brilliant हू ँ.” से
replace करना चाहेगे. कोई ऐसी सोच चुिनए जो आपको कुछ इस तरह से शशक बनाए िक आप उस
negative thought के असर को कमजोर बना पाए.

Step 3: अब अपनी positive thought को एक mental image मे बदल ले


एक बार िफर से Step 1 की तरह ही अपनी positive thought के िलए एक mental image बना ले. जैसे
िक उदाहरण मे ली गयी सोच “मे brilliant हू ँ” के िलए आप खुद को Superman की तरह दोनो हाथ कमर
पर रख कर खडा हु आ होने की कलपना कर सकते है.और आप सोच सकते है िक ठीक आपके सर के ऊपर एक
bulb जल रहा है. Bulb बहु त तेज रौशनी के साथ जगमगा रहा है, और आप जोर से चीख रहे है, ” मै
bbbbrrrrrillllliannnnttt हू ँ !”. इसकी practice तब तक करते रिहये जब तक महज वो positive line
सोचने भर से आपके िदमाग मे आपकी कलपना की हु ई positive mental image ना आने लगे.

Step 4: अब दोनो mental images को एक साथ जोड दीिजये.


आपने Step 1 और Step 3 मे जो mental image सोची है , दोनो को अपने िदमाग मे िचपका दीिजये. ये
trick chaining नामक memory technique मे पयोग होती है. इसमे आप पहले िचत को दस ु रे मे पिरवितर त
कर देते है. मेरा सुझाव है िक आप इस एक animated movie की तरह किरए. इसमे आपको पहला
(negative picture) और आिखरी (positive picture) scene का अंदाजा है, बस आपको बीच मे एक
छोटा सा एनीमेशन भरना है.

For example, पहले scene मे आपके idiot version पर कोई एक light bulb फेकता है.और आप उस
बलब को कैच कर लेते है और आपके पकडते ही वो बलब बडा होने लगता है और उससे इतनी तेज रौशनी
िनकलती है िक आपको घेरे हु ए लोग चौिधया जाते है. तब आप अपने मूखरतापूणर कपडो को फाड कर फेक देते है
और चमचमाते सफेद िलबास मे पकट होते है. आप Superman की तरह पूरे आतमिवशवास के साथ खडे होकर
जोर से िचलाते है, ” ” मै bbbbrrrrrillllliannnnttt हू ँ !”और िफर वो लोग अपने घुटनो के बल बैठ जाते है
और आपकी पूजा करने लगते है. एक बार िफर , आप इसे िजतना बढा-चढा कर सोचेगे उतना अचछा होगा.
बढा-चढा कर सोचना आपको scene को याद रखे मे मदद करेगा कयोिक हमारा िदमाग unusual चीजो को याद
रखने के िलए designed होता है.

एक बार जब आप पूरा scene complete कर ले तो िफर बाद-बाद इसे अपने िदमाग मे दोहराये तािक speed
आ जाये. इस scene को शुर से अंत तक तब तक imagine करते रिहये जब तक िक आप पूरा का पूरा
scene 2 िमनट मे complete नही कर लेते, ideally 1 िमनट मे. ये िबजली की तेजी से होना चािहए,
वासतिवक दिु नया से कही तेज.

Step 5: Test.
अब आपको अपने mental redirect को टेसट करना है िक ये काम कर रहा है िक नही. ये बहु त हद तक
HTML redirect की तरह है – जब आप पुराना negative URL input करते है, तब आपका िदमाग उसे
automatically positive की तरफ redirect कर देता है.Negative thought के िदमाग मे आते ही
तुरनत positive thought आपके िदमाग मे आ जानी चािहए. अगर आपने ये सही से practice िकया है तो ये
automatically होने लगेगा. Negative thought िदमाग मे आते ही पूरा का पूरा scene आपके िदमाग मे
घूम जायेगा. इसिलए आप जब भी ये सोचेगे िक , ” मै idiot हू ँ “, भले आप पूरी तरह से aware ना हो िक
आप ऐसा सोच रहे है, आप अंत मे खुद को ये सोचता हु आ पायेगे िक, “मै brilliant हू ँ”

अगर आपने पहले ऐसा visualization नही िकया है तो आपको ये सब करने मे कुछ समय लगेगा. Speed
practice के साथ आएगी. एक बार अभयास हो जाने के बाद सारी चीजे सेकेडो मे हो जाएँ गी. पहली बार करने
मे चीजे धीमी गित से होगी,इससे discourage मत होइए . िकसी भी और skill की तरह इसे भी learn िकया
जा सकता है,और शायद पहली बार सीखने मे ये आपको ये कुछ अटपटा लगे.

मेरा सुझाव है िक आप अलग-अलग तरह की कलपना के साथ experiment किरए. आपको कुछ कलपनाएँ
बािकयो से सही लगेगी. Association Vs. Dissociation पर खास धयान दीिजये. जब आप िकसी scene से
associated होगे तो आप उसे अपनी आँ खो से घटता हु आ देखेगे( i.e. first person perspective). जब
आप dissociated होगे तो आप उस scene मे खुद को देखने की कलपना करेगे ( i.e. third person
perspective). आम तौर पर मुझे best results खुद को dissociate करने पर िमलते है. आपके results
अलग हो सकते है.

मैने 1990s की शुरआत मे इस तरह की काफी mental conditioning की है. जब भी मुझे इस तरह की कोई
नकारातमक सोच परेशान करती थी तो मै उसे चुनता था और उसकी िदशा बदल देता था.कुछ ही िदनो मे मैने
दजर नो negative thought patterns को reprogram कर िदया था, और कुछ ही िदनो मे मेरे िदमाग के
िलए negative thought या emotion produce करना भी किठन हो गया. ऐसी कोई भी सोच positive
सोच की तरफ redirect हो जाती.शायद कुछ हद तक इसीिलए मै college से िनकलने के तुरत ं बाद अपन
business start करने मे पूरा confident था.मै mental conditioning के माधयम से अपनी self-doubt
समबंिधत thoughts को can-do mindset मे बदल देता था. कालेज के िदनो मे मैने इसका खूब पयोग िकया
और शायद इसी वजह से मैने औरो से जलदी graduate हो पाया.इसके बावजूद मुझे कई real-world
challenges को face करना पडा, पर कम से कम मै उस समय खुद के self-doubt से नही लड रहा था.
इस तरह की mental conditioning ने मुझे अपने अंदरनी मामलो को control करने मे काफी सहायता
की.आज मै ये इतना भली-भांित कर लेता हू ँ िक िबना इसके बारे मे सोचे ही ये automatically होता रहता है.
िकसी point पर मेरे subconscious ने इसका कंटर ोल ले िलया; इसिलए जब कभी मेरे मन कोई ऐसा िवचार
आता है िक , “I can’t” तो वो सवतः ही ,”How can I?” मे पिरवितर त हो जाता है. दरअसल जब आप
mental conditioning को बहु त जयादा practice कर लेते है तो यही होता है- आपका subconscious
कंटर ोल ले लेता है;ठे क िवअसे ही जैसे िक साइिकल चलाने की practice के बाद हो जाता है.

अब जब कभी आपको लगे िक कोई negative thought आपके िदमाग मे घर कर रही हो तो इसे try कीिजये.
मेरे िवचार है िक आप इसे काफी सशक बनाने वाला पाएं गे. और िजनहे इससे फायदा पहु ँच सकता है उनके साथ
जरर share किरए.

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