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महाभैरव तंत्रोक्त स्तोत्र
महाभैरव तंत्रोक्त स्तोत्र
िविनयोग
ॐअ ी बटु क भैरव शाबर ो म स ऋिषः ऋषयः ,मातृ का छं दः , ी बटु क
भैरवदे वता,ममे त कामना िस थ िविनयोगः .
ान
ॐ कालभै बटु कभै ! भूतभै ! महा भैरव महाभय िवनाशनम् दे वता सव िसि भवेत
.शोक,दु :ख, यकरं ,िनरं जनं िनराकरमनारायणं,भ पूण ं महे शं सवकाम् पूण ं महेशं. सवकामना
िस भवेत. काल भैरव,भूषण वाहनं काल ह ा पम् च,भैरव गुनी.महा नः योिगनाम् महा दे व पं.
सविस ेत. ॐ कालभै ,बटु कभै ,भूतभै ! महाभैरव महाभय िवनाशनम दे वता. सव िस भवेत.
ॐ कालभैरव ! ं नागे रम् नाग हारम् च ं व े परमे रम्, ानं, ानं , योगं, त ं,
बीजम् महा नः ,ॐ कालभै ,बटु कभै ,भूतभै ,महाभैरव महा भय िवनाशनम् दे वता! सव
िस भवेत.ि शू ल,च ,गदा पानी िपनाक धृक ! ॐ कालभै ,बटु क भै ,भूत भै ,महा भैरव महा भय
िवनाशनमदे वता! सव िसि भवेत.
ॐ कालभैरव ! ं िवना ग ं ,िवना धूपम्,िवना दीपं,सव श ु िवनाशनम् सविस भवेत िवभूित भूित
नाशाय,दु यकारकम्, महाभैरवे नमः . सव दु िवनाशनम् सेवकम् सव िस कु . ॐ
कालभै ,बटु कभै ,भूतभै ,महाभैरव महा भय िवनाशनम दे वता! सविसि भवेत
ॐ काल भैरव ! ं गोिव ं गोकुलानंदम् !गोपालं गो वधनम् धारणं ं ! व े परमे रम् नारायणं
नम ृ , ं धाम िशव पं च साधकं सव िस ेत. ॐ कालभै , बटु कभै ,भूत भै ,महाभैरव महाभय
िवनाशनम् दे वता! सविस भवेत्.
ॐ बटु क बटु क योगं च बटु क नाथ महे रः बटु के वटवृ े बटु कं िस ेत. ॐ काल भै बटु क
भै भूत भै ! महा भैरव महा भय िवनाशनम दे वता सविस येत.
ॐ कालभैरव,शमशान भैरव,काल प कालभैरव !मेरो वैरी तेरो आहार रे ! काडी कलेजा चखनकरो
कट कट. ॐ कालभै बटु कभै , भूतभै ! महाभैरव महाभय िवनाशनम् दे वता सव िस येत.ॐ नमो
हँकारी वीर ाला मुखी ! तू दु बंधकरो िबना अपराध जो मोही सतावे,तेकर करे जा िचिध परे ,मु ख वाट
लो आवे. को जाने?च सूय जाने की आिद पु ष जाने. काम प कामा ा दे वी. ि वाचा स फुरे ,ई रो
वाचा .
ॐ कालभै ,बटु कभै ,भूतभै ! महा भैरव महाभय िवनाशनम् दे वता सविस येत.ॐ कालभैरव ं
डािकनी शािकनी भूतिपसाचा सव दु िनवारनम् कु कु साधका-नाम र र . दे ही म दये सव
िस म्. ं भैरव भैरवी भयो, ं महाभय िवनाशनम् कु . ॐकाल भै बटु कभै ,भूतभै ! महाभैरव
महा भय िवनाशनम् दे वता सव िस येत.
ॐ कालभै , बटु कभै ,भूतभै ! महा भैरव महाभय िवनाशनम् दे वता सव िस येत.ॐ आं ी ं. उ र
िदशा म पे का मठ, पे का िकवार, पे का ताला, पे की कंु जी, पे का घंटा, पे की संकुली. पहली
संकुली अ कुली नाग को बां धो. दू सरी संकुली अ ारह कुली जाती को बां धो.तीसरी संकुली वैरी दु ् तन
को बां धो,चौथी संकुली शािकनी डािकनी को बां धो,पां चवी संकुली भूत ेतों को बां धो,जरती अि
बां धो,जरता मसान बां धो,जल बां धो थल बां धो,बां धो अ रताई,जहाँ जहाँ जाई,जेिह बाँ धी मं गावू,तेिह का
बाँ धी लावो. वाचा चुके,उमा सूखे, ी बावन वीर ले जाये,सात समुंदर तीर.ि वाचा फुरो मं ,ई री वाचा.
ॐ कालभै , बटु कभै ,भूतभै ! महा भैरव महाभय िवनाशनम् दे वता सव िस येत.ॐ आं ी ं. दि ण
िदशा म अ थ का मठ, अ थ का िकवार,अ थ का ताला,अ थ की कंु जी,अ थ का घंटा,अ थ की
संकुली.पहली संकुली अ कुली नाग को बां धो.दू सरी संकुली अ ारह कुली जाती को बां धो.तीसरी संकुली
वैरी दु ् तन को बां धो,चौथी संकुली शािकनी डािकनी को बां धो,पां चवी संकुली भूत ेतों को बां धो,जरती
अि बां धो,जरता मसान बां धो,जल बांधो थल बांधो,बां धो अ रताई,जहाँ जहाँ जाई,जेिह बाँ धी मंगावू,तेिह
का बाँधी लावो. वाचा चुके,उमा सूखे, ी बावन वीर ले जाये,सात समुंदर तीर.ि वाचा फुरो मं ,ई री वाचा.
ॐ कालभै , बटु कभै ,भूतभै ! महा भैरव महाभय िवनाशनम् दे वता सव िस येत.ॐ कालभैरव ! ं
आकाशं, ं पातालं, ं मृ ुलोकं,चतु भुजम,चतुमुखम् चतु बा म,श ु ह ा ं भैरव ! भ पूण कलेवरम्.
ॐ कालभै , बटु कभै ,भूत भै ! महाभैरव महा भय िवनाशनम् दे वता सव िस भवेत् .ॐ कालभैरव !
तुम जहाँ जहाँ जा ,जहाँ दु न बेठो होए तो बैठे को मारो,चालत होए तो चलते को मारो,सोवत होए तो
सोते को मारो,पूजा करत होए तो पूजा म मारो,जहाँ होए तहां मारो वया ह ले भैरव दु को भ ो. सप ले
भैरव दु को दसो. खडग ले भैरव दु को िशर िगरे वान से मारो. दु तन करे जा फटे . ि शूल ले भैरव श ु
िचिध परे . मुखवाट लो आवे. को जाने?च सूरज जाने की आिद पु ष जाने. काम प कामा ा
दे वी.ि वाचा स फुरे मं ई री वाचा.
ॐ कालभै ,बटु कभै ,भूतभै ! महा भैरव महाभय िवनाशनम् दे वता सव िस भवेत् .ॐ कालभैरव !
ं वाचा चुके उमा सूखे,दु न मरे अपने घर म. दु हाई भैरव की. जो मूर वचन झठ ू ा होए तो का कपाल
टू टे ,िशवजी के तीनो ने फूट. मेरे भ ,गु की श फुरे मं ई री वाचा.
ॐ कालभै ,बटु कभै ,भूतभै !महाभैरव महाभय िवनाशनम् दे वता सविस भवेत् . ॐ कालभैरव !
ं भूत भूत नाथासचा, भूता ा भूत भावनः , ं भैरव सविस कु कु . ॐ कालभै ,बटु कभै , भूत
भै ! महाभैरव महा भयिवनाशनम् दे वता सव िस भवेत्