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Impact of hostel environment on student's acedemic performance
Impact of hostel environment on student's acedemic performance
िवषय व तु पृ मांक
घोषणा प .................................................................................................................i
माण प ...................................................................................................................i
आभार......................................................................................................................ii
अनु मिणका............................................................................................................iii
तािलका सचू ी.............................................................................................................v
िच सचू ी................................................................................................................vii
अ याय 1:
तावना............................................................................................................1-10
1.1 अ ययन क पृ भिू म…………………………………………………………..1
1.2 िव िव ालय के बार मे……………………………………………………......3
1.3 शोध का औिच य………………………………………………………….…6
1.4 शोध का मह व……………………………………………………………….6
1.5 सम या कथन………………………………………………………………...6
1.6 अ ययन क अवधारणाओ ं क परे खा…………………………………………...7
1.6.1 िव ाथ …………………………………………………………………….7
1.6.2 छा ावास……………………………………………………………………7
1.6.3 शैि क िन पादन……………………………………………………………...7
1.6.4 छा ावास वातावरण…………………………………………………………..7
1.7 शोध का उदे य……………………………………………………………….9
1.8 शोध प रक पना……………………………………………………………...9
1.9 शोध क सीमाएं………………………………………………………………9
1.10 शोध े ………………………………………………..………………….10
तािलका सचू ी
तािलका 4.1 िलंग के आधार पर ितदश का वग करण...........................................................25
तािलका 4.2 छा ावास म रहने के समय के आधार पर ितदश का वग करण................................ 25
तािलका 4.3 पाठ्य म के आधार पर ितदश का वग करण......................................................26
तािलका 4.4 अ ययन के थान का मेरे शै िणक दशन पर भाव.......................................27
तािलका 4.5 छा ावास म नह रहने वाले अ य छा क तुलना म यान देने यो य अंतर.............28
तािलका 4.6 मै छा ावास म रहकर संतु महसूस करता/करती हँ..........................................29
तािलका 4.7 कमर , शौचालय और नानागार क ि थित आदश के अनुकूल (up to mark)
व छ है।...............................................................................................................30
तािलका 4.8 छा ावास म रहने क ि थित अ छी है।.........................................................31
तािलका 4.9 छा ावास का वातावरण पढाई के िलए अिधक िवचिलत करने वाला होता है...............32
तािलका 4.10 छा ावास का वातारण पढ़ाई के िलए उपयु है.............................................33
तािलका 4.11 मेरे हॉ टल वाडन के साथ मेरे मधुर संबंध है.................................................34
तािलका 4.12 छा के शै िणक दशन म छा ावास मह वपूण भूिमका िनभाता है....................36
तािलका 4.13 छा ावास म रहते हए जब म दसू र को पढ़ते देखता हँ/देखती हँ तो पढ़ने क ेरणा लेता/
लेती हँ............................................................................................................................37
तािलका 4.14 छा ावास का वातावरण मुझे आंत रक प से अ ययन करने के िलए- े रत करता
है.........................................................................................................................38
तािलका 4.15 म छा ावास म अपनी पढ़ाई को पया समय देता/देती हँ..................................39
तािलका 4.16 छा ावास के भोजन का अकादिमक दशन पर मह वपूण भाव पड़ता है.............40
तािलका 4.17 छा ावास के साथी अकादिमक दशन म मह वपणू भिू मका िनभाते है......................41
तािलका 4.18 म छा ावास के सािथय के साथ यादा पढ़ता/पढ़ती हँ और यादा सीखता/ सीखती
हँ...................................................................................................................................42
तािलका 4.19 म अ सर छा ावास म अपने सािथय क पढ़ाई म मदद करता/करती हँ.....................43
तािलका 4.20 म अपने अकादिमक दशन से संतु हँ.......................................................44
तािलका 4.22 छा ावास के वातावरण और िव ािथय के शै िणक िन पादन के बीच संबंध का पता
लगाना............................................................................................................................48
िच सूची
िच 4.1- तािलका 4.1 क ािफकल तिु त.........................................................................25
िच 4.2 -तािलका 4.2 क ािफकल तिु त.........................................................................26
िच 4.3- तािलका 4.3 क ािफकल तिु त.........................................................................27
िच 4.4-तािलका 4.4 क ािफकल तिु त.........................................................................28
िच 4.5-तािलका 4.5 क ािफकल तिु त..........................................................................29
िच 4.6-तािलका 4.6 क ािफकल तिु त.........................................................................30
िच 4.7-तािलका 4.7 क ािफकल तिु त.........................................................................31
िच 4.8-तािलका 4.8 क ािफकल तिु त..........................................................................32
िच 4.9-तािलका 4.9 क ािफकल तिु त..........................................................................33
िच 4.10- तािलका 4.10 क ािफकल तिु त....................................................................34
िच 4.11-तािलका 4.11 क ािफकल तिु त......................................................................35
िच 4.12-तािलका 4.12 क ािफकल तिु त......................................................................36
िच 4.13-तािलका 4.13 क ािफकल तिु त......................................................................37
िच 4.14-तािलका 4.14 क ािफकल तिु त......................................................................38
िच 4.15-तािलका 4.15 क ािफकल तिु त......................................................................39
िच 4.16-तािलका 4.16 क ािफकल तिु त......................................................................40
िच 4.17- तािलका 4.17 क ािफकल तिु त.....................................................................41
िच 4.18-तािलका 4.18 क ािफकल तिु त......................................................................42
िच 4.19-तािलका 4.19 क ािफकल तिु त......................................................................43
िच 4.20-तािलका 4.20 क ािफकल तिु त.....................................................................44
िच 4.21-तािलका 4.21 क ािफकल तिु त.....................................................................45
थम अ याय
अ याय- थम
तावना
1
सां कृ ितक और जातीय पृ भिू म के िव ाथ ह, और जब वे दैिनक प से येक के साथ बातचीत करते ह
तो अ य, नई िमि त सं कृ ित उभरती है। उनके रहन-सहन क प रि थितयां ,भाषा के श द , यवहार और
भावनाएं उनके घर क प रि थितय से बहत अलग ह,वैसे िव ाथ जो इस सिु वधा का लाभ नह उठाते ह
उनक घर क भाषा के श द और मशः उनक भावनाएं और यवहार इस तर पर अलग होती ह,
इसिलए छा ावास न के वल रहने का थान है बि क शैि क क ह।
वहां रहने वाले िव ाथ न के वल िश क और िव िव ालय के वातावरण से सीखते ह बि क वे उन
सािथय से भी सीखते ह िजनके साथ वे कमरे म रह रहे ह या कमरे साझा कर रहे ह। इससे संबंिधत अ ययन
के िन कष से पता चलता है िक छा ावास का वातावरण छा क समझ को बढ़ाता है य िक वे व थ
और िव े षणा मक चचा म भाग लेते ह। वे न के वल अकादिमक ान सीखते ह बि क पार प रक, सच ं ार
और समायोजन कौशल भी सीखते ह। ये सामािजक कौशल उनके च र िनमाण और छा क
भावना मक ि थरता म योगदान करते ह और उ ह समाज के िलए वतं और मू यवान बनने के िलए एक
मचं दान करते ह (िम ा, 1994)।
प रि थितय को हमेशा बहत सा य तरीके से नह चलाया जाता है, िव ािथय को समायोिजत करने म
िव ािथय और िव िव ालय को भी सम याओ ं का सामना करना पड़ता है। जैसे-जैसे जाग कता और
िश ा का तर बढ़ रहा है। इसके प रणाम व प बड़ी सं या म िव ाथ िति त िव िव ालय म वेश
पाने के इ छुक हो रहे ह। इसिलए, सभी िव ािथय को समायोिजत करना िव िव ालय के िलए हमेशा
एक चनु ौती होती है। कुछ शोधकताओ ं ने यह भी कहा है िक िव िव ालय को अपनी आवास नीितय पर
अ यिधक यान देने क आव यकता है। आवास थानीय समदु ाय के िलए परे शानी का कारण बन सकता
है और इसके प रणाम व प थानीय िनवािसय ारा गभं ीर कारवाई क जा सकती है। ये सम याएं वहां
पैदा ह गी जहां िव िव ालय ारा बंधन म कमी है (कुछ मामल म, छा ावास बंधन के प म)।
शोधकताओ ं ने यह भी कहा िक इस बात क बहत अिधक सभं ावना है िक िव ाथ शै िणक गितिविधय
पर यान कि त नह कर सकते ह और इन सभी का प रणाम िव ािथय के खराब दशन और िन न ेड के
प म होगा और अपेि त प रणाम नह िमलगे (ओपयोमी 2003) ।
2
अमे रका, अ का, एिशया और यरू ोप म िकए गए कई शोध के बाद, यह अनभु व िकया गया है िक
छा ावास के आवास िव ािथय के शै िणक दशन, यवहार, भावनाओ ं और मानिसक तर पर
सकारा मक िति या छोड़ते ह। यह िव ािथय को समाज के िलए अिधक मजबतू और उ पादक बनाता
है य िक िश ा का अिं तम ल य देश के भावी नेताओ ं को बनाना है।
1.2 िव िव ालय के बार म-
महा मा गांधी के सपन के भारत म एक सपना रा भाषा के प म िहदं ी को िति त करने का भी था।
उ ह ने कहा था िक रा भाषा के िबना कोई भी रा गगूँ ा हो जाता है। नागपरु म आयोिजत थम िव िहदं ी
स मेलन (10-14 जनवरी,1975) म यह ताव पा रत िकया गया था िक सयं ु रा सघं म िहदं ी को
आिधका रक भाषा के प म थान िदया जाए तथा एक अतं ररा ीय िहदं ी िव िव ालय क थापना क
जाय िजसका मु यालय वधा म हो। अग त,1976 म मॉरीशस म आयोिजत ि तीय िव िहदं ी स मेलन म
यह तय िकया गया िक मॉरीशस म एक िव िहदं ी क क थापना क जाए जो सारे िव म िहदं ी क
गितिविधय का सम वय कर सके । चतथु िव िहदं ी स मेलन (िदस बर-1993) के बाद िव िहदं ी
सिचवालय क थापना मॉरीशस म हई और भारत म एक अंतररा ीय िहदं ी िव िव ालय क थापना को
मतू प देने क आव यकता समझी गयी। यह सभं व हआ वष 1997 म- जब भारत क संसद ारा एक
अिधिनयम पा रत करके महा मा गाधं ी अतं ररा ीय िहदं ी िव िव ालय क थापना रा िपता क कमभिू म
वधा म क गयी। इस िव िव ालय क थापना से भारतदु बाबू ह र ं क एक लालसा भी पूरी हई जो
उनके मन-मि त क म छायी रही थी। वह लालसा थी 'अपने उ ोग से एक शु िहदं ी क यूिनविसटी
थािपत करना'।
संसद ारा वष 1997 म पा रत अिधिनयम ( मांक-3) िश ा और अनसु ंधान के मा यम से िहदं ी भाषा
और सािह य के सवं न एवं िवकास हेतु एक ऐसे आवासीय िव िव ालय क थापना तािवत करता है
जो िहदं ी भाषा म े तर ि या मक कायद ता िवकिसत करने म समथ हो, तािक इसे एक मख ु
अंतररा ीय भाषा के प म िति त िकया जा सके । बीसव शता दी के अिं तम दशक म इस
िव िव ालय ने काय करना आरंभ िकया। महा मा गांधी के दाशिनक आलोक म थािपत इस
िव िव ालय ने िहदं ी भाषा और सािह य के साथ-साथ गांधी जी के ि य िस ांत पर आधा रत िवषय -
'अिहसं ा एवं शांित अ ययन' तथा ' ी अ ययन'- को अपने पाठ्य म का मख ु िह सा बनाया है। यहाँ
िहदं ी को तकनीक जानकारी और िविवध यवसाय क सवं ाहक भाषा के प म िवकिसत करने पर भी
बल िदया जा रहा है। इससे सदं िभत नये-नये पाठ्य म वितत िकए जा रहे ह। इस िव िव ालय क मश ं ा
है िक िहदं ी मा यम से ान के िविभ न अनुशासन एवं प र े न के वल भारत म अिपतु िव जनमानस म
अपनी गहरी पैठ बनाय और िहदं ी िव - दय का हार बने। भारतीय वतं ता सं ाम का इितहास इसका
3
सा ी है िक भारत संघ क रा भाषा िहदं ी आपसी सहयोग, साहचय एवं यार क भाषा है। इसे
िव समुदाय म थािपत करना इन मू य के संव न हेतु अ यंत लाभ द होगा। महा मा गांधी अतं ररा ीय
िहदं ी िव िव ालय अपने व प म एक अनठू ा िव िव ालय है। िहदं ी के चार- सार के उ े य से कायरत
यह दिु नया म अके ला िव िव ालय है जहाँ च, चीनी, पेिनश और जापानी जैसी िवदेशी भाषाएं िहदं ी
मा यम से पढ़ाई जाती ह। ' लोबल िहदं ी' क राह पर यह एक बड़ा मील का प थर है।
िहदं ी को िव भाषा बनाने के मकसद से इस िव िव ालय ने दो मह वपणू कदम उठाए ह। िवदेश म
िव िव ालय व सं थाओ ं म िहदं ी व िहदं ी मा यम से िविभ न अनश ु ासन के अ ययन व अनसु धं ान के
िलए यह िव िव ालय सम वयक क भिू मका िनभाने जा रहा है तो िव भर के िहदं ी पाठक को भारतदु से
लेकर अब तक के कॉपीराइट मु मह वपणू िहदं ी सािह य को सल ु भ कराने का बीड़ा इसने उठाया है।
िव िव ालय क वेबसाईट िहदं ीसमयडॉटकॉम पर उ कृ िहदं ी सािह य के एक लाख पृ उपल ध कराए
जा रहे ह। दसू रे चरण म यह सािह य िव क मख ु भाषाओ ं म उपल ध कराया जाएगा। ान के िविभ न
अनश ु ासन म िहदं ी म तरीय साम ी उपल ध हो सके इसका यास भी िव िव ालय ारा िकया जा रहा
है। ी अ ययन, मानिवक तथा िफ म और नाटक के े म दिु नया भर क भाषाओ ं म फै ली हई
मह वपणू पाठय-साम ी का अनुवाद िव िव ालय कर रहा है और शी ही यह पाठय-साम ी
िव िव ालय के िव ािथय के साथ ही अ य अ येताओ ं को भी उपल ध हो सके गी।
इस िव िव ालय को उ च िश ा के एक अतं ररा ीय मंच के प म िवकिसत िकया जा रहा है। िहदं ी
भाषा म भारतीय मू य व परंपराओ ं के सवं न के साथ-साथ आधिु नक वै ािनक ि कोण िवकिसत करने
तथा इसे इसी प म दिु नया के सामने थािपत करने का अिभयान िव िव ालय ारा चलाया जा रहा है।
िव िव ालय क काय-सं कृ ित, शासन व काय- यवहार म गांधी जी के िवचार मागदशन का काय करते
ह। िहदं ी को िव मंच पर िति त िकए जाने हेतु यह आव यक है िक िहदं ी का िव क अ य भाषाओ ं के
साथ बेहतर सबं ंध हो। इनके बीच एक सि य, बहआयामी एवं यापक आदान- दान हो। िविवध भाषाओ ं
के छा , शोधाथ , अनसु ंधानकता, अ यापक एक-दसू रे के बीच जाकर अ ययन-अ यापन व अनसु ंधान
कर। इससे िव क अ य भाषाओ ं से िहदं ी का सपं क समृ होगा व ान के नये ि ितज उिदत ह गे। ान-
िव ान क एक सवं ाहक भाषा के प म िहदं ी इस आदान- दान का क -िबंदु बने, िव िव ालय इस
मह वाकां ी योजना क सफलता हेतु किटब है। िव िव ालय म आठ अलग-अलग संकाय ह -
o भाषा िव ापीठ
o सािह य िव ापीठ
o सं कृ ित िव ापीठ
o अनवु ाद तथा िनवचन िव ापीठ
4
o मानिवक एवं सामािजक िव ान िव ापीठ
o िविध िव ापीठ
o बधं न िव ापीठ
o िश ा िव ापीठ
इसके साथ ही िव िव ालय का दरू िश ा काय म िश ा को िश ािथय के ार तक पहँचाने के एक
अलग क प के प म ि याशील है।
उ े य:
5
बु के अ तररा ीय छा ावास है। छा ावास अधी क को यह कायभार उनके िश ण/ शासिनक काय के
अित र दान िकया गया है। िव िव ालय ारा छा ावास अधी क को शासिनक एवं अ य काय हेतु
सहयोगी कमचारी दान िकए गए ह।
1.4 शोध का मह व-
ततु शोध का मह व इस कार से समझा जा सकता है क छा ावास वातावरण िव ािथय को िकस
कार से भािवत करता है तथा उनके शै िणक िन पादन पर उसका या भाव’ पड़ता है । ततु शोध के
ारा िव ािथय के छा ावास वातावरण का शै िणक िन पादन पर भाव का अ ययन करने से यह लाभ
हो सकता है िक शोध ारा छा ावास के िव ािथय को उनके बेहतर जीवन और छा ावास म सीखने के
िलए उपयु और सभं ािवत अनश ु सं ाओ ं का सझु ाव िदया जा सकता है ।
1.5 सम या कथन-
वतमान शोध वधा शहर के महा मा गाँधी अतं ररा ीय िह दी िव िव ालय के छा ावास म रहने वाले के
िव ािथय के शै िणक िन पादन पर छा ावास वातावरण का भाव का अ ययन िकया गया है । अतं : इस
सम या को हम िन न कार से प कर सकते है-
िव ािथय के शै िणक िन पादन पर छा ावास वातावरण का भाव
Impact of hostel environment on student’s academic performance
6
1.6 अ ययन क अवधारणाओ ं क परे खा
1.6.1 िव ाथ
वह युवक या यवु ितयां जो िकसी िश ा सं था म अ ययन करता हो ।
1.6.2 छा ावास
ततु शोध म छा ावास से ता पय उस थान से है जहाँ िकसी िव िव ालय म नामिं कत िव ाथ िनवास
करते है ।
शैि क िन पादन को शै िणक उपलि ध भी कहा जाता है , यि अपने जीवन म िविभ न ि याओ ं के
ारा अनेक कार का ान एवं कौशल ा करता है। वह ान एवं कौशल उसक उपलि ध कहलाती है।
शैि क उपलि ध के े िभ न-िभ न होते है- जैसे एक यि िव ान के े म, एक खेल के े म, एक
सामािजक े म अपने कौशल क थापना करता है। वह कौशल थापना उ च, म यम एवं िन न तर क
होती है। इसी कार िश ा के े म थािपत ान का कौशल शैि क उपलि ध कहलाता है।
मेन के अनस
ु ार- “शैि क उपलि ध का ता पय पाठ्य म के िविभ न िवषय म यि के ान,
समझ एवं कौशल से है।"
देवी (2003) अपने अ ययन म बताती है िक शैि क उपलि ध पर पा रवा रक और िव ालयी कारक
मह वपणू भिू मका िनभाते है। िव ालयी कारक म िश क क शै िणक यो यता, उनका यि व,
पाठ्य म एवं िवषयव त,ु क ा बंध, िश क क िश ण शैली तथा उनका यवहार आिद शैि क
उपलि ध को भािवत करता है।
7
सं थान के पास ि थत होते ह, जो उ चतर िश ा के सं थान जैसे कॉलेज या िव िव ालय से संबंिधत
होते ह।
छा ावास वातावरण का मु य उ े य छा को उ चतर िश ा के दौरान आवास दान करना होता है।
इसम कुछ मु य िवशेषताएं शािमल होती ह:
1. आधुिनक सुिवधाए-ं
छा ावास सिु वधाएं छा को आधिु नक जीवन शैली को अनभु व करने का मौका देते ह। यहां पर छा को
िवशेषतः आव यक सिु वधाएं जैसे िक आवास, खान-पान, व छता, इटं रनेट सिु वधा, िवशेष पठन-पाठन
क , खेलकूद, सामािजक गितिविधयां आिद को उपल ध कराया जाता है।
2. िश ा और िवकास का माहौल-
छा ावास वातावरण छा को िश ा, िव ाथ जीवन, और िवकास के िलए सबं िं धत वातावरण दान
करता है। यहां पर छा को अ ययन के िलए सबं िं धत साम ी, लाइ ेरी, अ ययन क , और अ य िश ण
संसाधन उपल ध होते ह।
4. सुर ा-
छा ावास सरु ि त रहने के िलए िवशेष ाथिमकता दान करता है। छा ावास वातावरण छा को अपने
प रवार से दरू रहकर भी सरु ि त वातावरण म रहने का मौका देता है।
अंत: छा ावास वातावरण एक छा के िवकास म मह वपणू भिू मका िनभाता है, और उ चतर िश ा के
अवसर के साथ-साथ उनके सामािजक और यि गत िवकास को भी समथन दान करता है।
8
1.7 शोध के उ े य:-
इस शोध के ल य और उ े य िन निलिखत ह:
है।
H1-छा ावास के वातावरण और िव ािथय के शै िणक िन पादन के म य कोई साथक सह-संबंध है ।
सबसे बिु नयादी सीमा े का चयन है शोधकता ने एक िव िव ालय के िव ािथय को चनु ा है।
यह पवू ा हपणू िन कष क ओर िवचार को नेतृ व कर सकता है । इसिलए ,यह शोध उन
िव िव ालय के िलए अनक ु रणीय (replicable) नह हो सकता है िजनके अलग अलग
वातावरण है ।
अगली सीमा शोधकता क िवशेष ता और संसांधनो क सीमा है । शोधकता बहत ारि भक तर
पर है और इस बात क स भावना है िक वह अनसु धान के कुछ े को छोड़ सकता है । यह उसे
अ य शोधकता से थोड़े िभ न प रणाम क ओर ले जा सकता है ।
एक अ य सीमा शोधकता ारा मा ा मक ि कोण का उपयोग िकया जा रहा है । यह िवषय को
संकुिचत कर देगा और उ रदाताओ ं के पणू िवचार के िबना प रणाम बहत िनिद (specified)
ह गे ।
9
1.10 Scope ( े ) :-
1.इस अ ययन का दायरा महा मा गाँधी अतं रा ीय िहदं ी िव िव ालय के िव ाथ ह। बड़ी सं या म
सां कृ ितक प से िविवध छा क उपल धता के कारण शोधकता ने खदु को उनके िलए ितबंिधत कर
िदया है। इसिलए,छा के दशन को बढ़ाने के िलए इसका उपयोग करने के िलए िव िव ालय के बंधन
के िलए शोध बहत मददगार होगी।
2.इस शोध को समान संदभ वाले अ य िव िव ालय म भी दोहराया जा सकता है और िन कष को आम
तौर पर छा ावास आवास दान करके िव ािथय के दशन को बढ़ाने के िलए लागू िकया जा सकता है।
3.शोधकता और छा महारा के भीतर एक ही िवषय पर इस शोध से मदद ले सकते ह।
10
िद तीय अ याय
अ याय-ि तीय
स बंिधत सािह य क समी ा
मानव क कृ ित सदैव से िज ासु रही है। मानव क यह वृि उसे सदैव कुछ करने, कुछ सीखने, कुछ
जानने एवं कुछ कर गजु रने क ि या क तरफ ले जाता ह। यही कारण है िक मानव या, य , कै से आिद
से सदा उलझते रहता है। मानव क यह वृित उसे नए-नए चीजे खोजने के िलए े रत करता है और
यही वृि शोध को ज म देती ह। शोध िकसी भी े से स बिं धत य न हो, उसका एक मा ल य उस
े से स बंिधत अनु रत के उ र खोजने से है। िकसी भी े म सािह य उस न व को बनाता है, जो
भिव य म होने वाले शोध काय हेतु आधार का काम करता है। स बंिधत सािह य क समी ा सभी कार
के शोध काय हेतु एक मह वपणू कदम है। स बिं धत सािह य क समी ा एक किठन काय ह। हर कार के
शोध काय म स बंिधत सािह य क समी ा िकया जाना परम आव यक होता है। य िक इसके िबना कोई
भी शोध काय सभं व नह ह। स बंिधत सािह य क समी ा से यह पता चलता है। िक तािवत सम या के
िकन-िकन पहलुओ ं से स बंिधत िकस कार का ान उपल ध है। शोध क सबसे पहली शत स बि धत
सािह य का सव ण करना तथा उसक समी ा करना है। स बंिधत सािह य क समी ा येक वै ािनक
शोध के िलए आव यक एवं मह वपणू ह। अतः हम कह सकते है िक स बंिधत सािह य क समी ा करना
एक किठन एवं आव यक काय ह। िकसी भी कार के शोध काय को स बंिधत सािह य क समी ा के
िबना नह िकया जा सकता है।
इि तकार और अजमल (2015) ने "छा ावास जीवन के भाव क जाच ं करने वाला गणु ा मक
अ ययन" ारा िकए गए अ ययन से पता चलता है िक छा को अिधक आ मिव ास,
समयिन , भावना मक प से मजबतू , प रप व और ल य उ मख ु बनाने म छा ावास पािक तान
क िश ा णाली म महान भिू मका िनभाता है। । हालांिक, ये सभी सकारा मक शै िणक दशन
म योगदान करते ह।
12
म खश
ु ी उनके सीखने के माहौल के िलए आव यक है, और उनके जीवन क गणु व ा उनके
सीखने को भािवत करती है।
खशु द. तनवीर और कासमी (2012) ने "छा ावास म रहने वाले और डे कॉलस िव िव ालय के
छा के बीच अ ययन क आदत और शै िणक उपलि ध के बीच संबंध” पर शोध िकया और पाया
िक शै िणक उपलि ध और छा ावास के छा क आदत के बीच संबंध है।
आिमजो और मरे (2010) ने "छा दशन पर छा ावास म रहने के भाव का अनमु ान लगाना," पर
शोध िकया और पाया िक छा ावास म रहने वाले छा के दशन का प रणाम डे वाइटं औसत
(जीपीए) 0.19 से 0.9 तक बढ़ गया है।
महामा, बोशेन, सेिवयर और तुमाकु (2016) ने "मॉडिलंग संतुि कारक जो घाना के पॉिलटेि नक म
छा क िनजी हॉ टल क पसदं का अनमु ान लगाते ह” पर शोध िकया और पाया िक एक स ते
छा ावास म या होना चािहए, इसक पिु हई िक उिचत सरु ा के साथ एक शांत और शािं तपणू
वातावरण, और पानी, शौचालय और िबजली क सिु वधाएं |
13
खोवासी, अयाह, हसन और खोज़ासी (2010) ने "िव िव ालय के छा ावास से छा क संतुि
क भिव यवाणी करने वाले कारक,"पर शोध िकया और पाया िक छा ावास जीवन से छा क संतिु
का अनुमान लगाने वाले कारक छा ावास क फ स, छा ावास सरु ा, कमरे का आकार और सरु ा,
िव िव ालय सिु वधाओ ं से दरू ी, छा ावास सुिवधाएं और अ छा इटं रनेट नेटवक कने शन ह।
ओवसु (2013) ने “छा म पढ़ने क आदत और शै िणक दशन पर इसका भाव: कोफो रडुआ
पॉिलटेि नक के छा का एक अ ययन” पर शोध िकया और पाया िक छा का िवचार था िक पढ़ने
क आदत अकादिमक दशन को भािवत करती ह और यह भी पाया िक आल य उनक पढ़ने क
आदत म बुिनयादी बाधाओ ं म से एक है।
अजयी, वौस और अनी (2015) ने,”सघं ीय ौ ोिगक िव िव ालय म छा ावास सिु वधाओ ं से
छा क संतिु ” पर अ ययन िकया और पाया िक छा साफ-सफाई क पया ता,कमर से दरू ी बाथ म
और शौचालय क सिु वधाऔर कपड़े धोने जैसी सिु वधाओ ं से असतं ु थे। ।
बशीर. साक और समीदी (2012) ने,"मलेिशयाई िव िव ालय छा ावास आवास क सेवा गणु व ा
के बारे म छा क धारणा, पर शोध िकया और पाया िक "छा आवास" को उ च शै िणक सं थान
ारा दान क जाने वाली पया सिु वधाओ ं म से एक माना, और सरु ा, सहयोग, िज मेदार नाग रकता,
बौि क उ ेजना, ेरणा और पार प रक सरं चना के साथ उपयु छा ावास सिु वधाएं दान क जानी
चािहए।
मु ताक और खान (2012) ने,”छा के शै िणक दशन को भािवत करने वाले कारक” और पाया
िक जब बंधन ने छा ावास म रहने वाले छा को अ छी सीखने क सुिवधाएं दान क तो छा के
दशन म सधु ार हआ।
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उगेचुकु चुकुवुकेलुआ, और अबीडेमी (2015) ने “एक िनजी िव िव ालय म छा िवकास
पर कॉलेज ममेट सबं ंध का भाव" ,पाया िक ममेट र त और छा के शै िणक दशन के
बीच एक सबं धं है।
2.1.2 शैि क उपलि ध
पालसने (1959) ने बालक के "अ ययन आदत एवं शैि क उपलि ध पर शोध" िकया तथा यह
पाया िक अ ययन आदत अ छी शैि क उपलि ध पर आधा रत होती ह। अ छी अ ययन आदत
िक वजह से बालक म उपलि ध के ित उ च रे णा पायी गयी। यह भी पाया गया िक शैि क
उपलि ध के वल अ ययन आदत पर ही आधा रत नह है, अिपतु इसे भािवत करने वाले अ य
कारक जैस-े बुि , सामािजक एवं आिथक पृ भिू म, परी ाए आिद शािमल ह।
िसंह (2006) ने िव ािधय क शैि क उपलि ध एवं नैितक मू य का अ ययन िकया और पाया
िक िव ािथय के नैितक मू य के िवकास म उनक शैि क उपलि ध का कोई भाव नह पड़ता।
इसके अित र िव ािथय के मू य के िवकास म कुछ ऐसे कारक भी है जैस-े स य, ईमानदारी,
उ रदािय व, दयालतु ा आिद के िश ण से िव ािथय के मू य िवकास भािवत होते ह।
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कुमार (2007) ने लिगक िभ नता के स दभ म िव ािथय के शैि क उपलि ध और उनके माता-
िपता क शैि क आका ाओ ं का अ ययन िकया और पाया िक बािलकाओ ं क शैि क
उपलि ध और उनके माता-िपता क शैि क आकां ाओ ं के बीच साथक सह-स ब ध नह ह।
इसी कार बालक क शैि क उपलि ध और उनके माता-िपता क शैि क आका ाओ ं म
साथक अतं र नह ह। इसका कारण ह बालक-बािलकाओ ं के माता-िपता का अिधक िशि त नह
होना।
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2.1.4 छा ावास का वातावरण और छा का शै िणक िन पादन:-
अमीना इि तखार और असीर अजमल (2015) ारा िकए गए अ ययन से पता चलता है िक छा को
अिधक आ मिव ास, समयिन , भावना मक प से मजबूत, प रप व और ल य उ मख ु बनाने म
छा ावास पािक तान क िश ा णाली म महान भिू मका िनभाता है। । हालािं क, ये सभी सकारा मक
शै िणक दशन म योगदान करते ह।
इबादान िव िव ालय, नाइजी रया म ओवोलाबी, बाबटंडे ओलुवासेयी (2011) ारा िकए गए
एक अ य अ ययन ने िन कष िनकाला है िक छा ावास म रहने वाले छा और छा ावास म नह रहने
वाले छा के बीच एक मह वपणू अतं र है। अ ययन से पता चला िक ले चर हॉल क दरू ी िजतनी कम
होगी, सीजीपीए उतना ही अिधक होगा। इसिलए, छा ावास का वातावरण छा के शै िणक दशन को
सकारा मक प से भािवत करता है।
अहमद (2006) ने अपने अ ययन म खल ु ासा िकया िक छा ावास का जीवन छा को अ य छा के
िवपरीत मह वाकां ी,आ म-िनभर और आ मिव ासी बनाता है। एक छा ावास म रहने के दौरान, छा
अ य छा से ेरणा और भावना लेते ह और एक दसू रे क मदद करते ह। इन सभी का प रणाम बेहतर
शै िणक दशन होता है। इसके अलावा, उल, मंसरू और एमएएम, हसैन अली (2015) ने पाया िक
छा ावास म 5 कारक (खा सिु वधाए,ं कै दी सहयोग, पु तकालय सिु वधाएं और सरु ा और सुर ा) उ च
तर के अकादिमक दशन म यापक प से प रणाम देते ह।
िम ा (1994) ारा िकए गए अ ययन से पता चलता है िक छा ावास का वातावरण छा क समझ को
बढ़ाता है य िक वे व थ और िव ेषणा मक चचा म भाग लेते ह। वे न के वल अकादिमक ान सीखते ह
बि क पार प रक, सच ं ार और समायोजन कौशल भी सीखते ह। ये सामािजक कौशल उनके च र िनमाण
और छा क भावना मक ि थरता म योगदान करते ह और उ ह समाज के िलए वतं और मू यवान
बनने के िलए एक मचं दान करते ह।
यह एक आम धारणा है िक छा ावास के जीवन का छा के जीवन के पैटन पर एक अनठू ा भाव पड़ता
है। छा ावास म रहने से िव ाथ सामािजक और यवहा रक प से अलग बनते ह ।बोिडग या हॉ टल
जीवन एक छा ावास जीवन है, िजसमे िविभ न सां कृ ितक पृ भिू म का सयं ोजन है, छा ावास जीवन म
छा िविभ न सां कृ ितक पृ भिू म वाले लोग के साथ रहना सीखते ह (शाह, 2010)
17
रहते ह िजतने िक वे ह, उन सभी छा के पास है िविभ न िवशेषताएं होती है छा ावास के जीवन म सभी
छा को छा ावास म रहने वाले अ य छा के साथ तालमेल िबठाना पड़ता है (ठ कर, 2012)।
2.2 साराश
ं
स बिं धत सािह य के सव ण के ारा पता चलता है िक पवू म हए शोध काय िविभ न े एवं
िव िव ालय म िकये गये है िक तु शोधाथ को महा मा गांधी अतं रा ीय िह दी िव िव ालय के
छा ावास के स दभ म कोई शोध काय स बि धत सािह य क समी ा के उपरांत नह ा हआ, जहां
अिधकांश िव ाथ िविभ न सां कृ ितक पृ भूिम वाले िविभ न ामीण और शहरी े से ह, जो देश के
िविभ न िह स से बहत दरू ह। यह छा ावास म बहत िविवध वातावरण बनाता है,अतं : शोधाथ ारा
ततु िवषय सम या पर शोध काय करना सिु नि त िकया गया है।
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तृतीय अ याय
अ याय- तृतीय
शोध िविध
3.1 तावना-
शोध िविध वह अवधारणा है िजसके ारा शोध क स पणू ि या पणू होती है। शोध िविध ारा एक
ऐसी योजना का बोध होता है िजसक सहायता से अ ययन म कुशलता एवं प रशु ता का समावेश करते
हए सवािधक मा ा म यथाथपणू सामा यीकरण, वणन, या या एवं भिव यवाणी क जा सकती है। शोध
ा प म शोध के मख ु प के आधार पर ढांचा िवकिसत िकया जाता है। शोध िविध शोध ि या को
ि या मक सहायता और िदशा दान करती है। शोध ि या शोध क स पणू परे खा तैयार करने क एक
ऐसी िविध है िजसम शोध उ े य , िविधय , द सक ं लन िविधय , उनके िव ेषण एवं सािं यक गणना
क िविधय का ा प तैयार िकया जाता है। शोध के स दभ म िनि त योजना िनिमत कर शोध उ े य क
ाि क जा सकती है। अतः ततु शोध अ याय के अंतगत शोध िविध, जनसं या, शोध ितदश
उपकरण के िनमाण एवं द िव ेषण के िलए सािं यक तकनीक क सिव तार चचा क गई है।
िकसी भी शोध अ ययन म सम या चयन के उपरा त उपयु शोध िविध का चयन िकया िजसक
सहायता से िनि त एवं सही प रणाम तक पहचं ा जाता है। ततु अ याय के अतं गत शोध िविध का
19
िनधारण, गणु ा मक शोध िविध, जनसं या एवं ितदशन, यु उपकरण के िनमाण एवं मापनी आँकडा के
संकलन ि या का भी सिव तार वणन िकया गया है।
3.2 चर
ततु शोध अ ययन म िन निलिखत चर ह-
• शै िणक िन पादन
• छा ावास वातावरण
3.3 पा रभािषक श दावली-
3.3.1 िव ाथ -
वह िव ाथ जो छा ावास म िनवास करते हए िकसी शै िणक सं था म अ यनरत हो|
3.3.2 शै िणक िन पादन-
शै िणक िन पादन को हम अकादिमक उपलि ध या शैि क दशन या शैि क उपलि ध भी कह सकते है
| शैि क उपलि ध का ता पय िव ािथय के ान से है। वह ान जो शैि क यो यता को दिशत करता है
तथा उ ह सीखने क िदशा म े रत करता है। ान का अथ हम यहाँ इस प म भी ले सकते है िक
िव ािथय ने एक अकादिमक स म या- या सीखा और िकस तरह से सीखा। शैि क उपलि ध इस शोध
म िव ािथय के िवषय ा ाकं को दशता है। शैि क उपलि ध का ता पय पाठ्य म के िविभ न िवषय म
यि के ान, समझ एवं कौशल से है।
3.3.3 छा ावास वातावरण-
छा ावास वातावरण एक जगह है जहाँ छा -छा ाएं आवास करते ह और उनके शैि क जीवन को सहजता
से समथन करने के िलए िवशेष वातावरण तैयार िकया जाता है। इसम अिधकांश समय छा ाएं संघिटत
रहती ह, िजससे उ ह साथीदार के साथ भागीदारी, साम य िवकास, और सामािजक अनभु व िमलते ह।
छा ावास वातावरण उ ह अ ययन और िवकास के िलए समथन दान करने के साथ-साथ मनोरंजन और
आराम क सुिवधाएं भी दान करता है।
3.4 शोध अिभक प-
शोध िविध के ारा शोधकता अपनी शोध क योजना, उसक संरचना तथा शोध क कायवार तुत
करता है। अिभक प शोध काय क यवि थत तरीके से करने क परेखा है। शोध अिभक प के ारा ही
शोध काय को पणू िकया जाता है। शोध अिभक प के ारा ही शोधकता आकड़ के एक करण का काय
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करता है। शोध अिभक प िकसी भी शोध क एक यवि थत परे खा है जो िक शोधकता को अनाव यक
आक ं ड़ के एक ीकरण को रोकता है तथा शोध को सही िदशा िनदश दान करता है। शोध अिभक प से
पता चलता है िक शोध म िकतने चर ह, उसके िकतने तर है और बा चर को कै से और िकस िविध से
िनयंि त करना है। शोध अिभक प शोध करने के िलए बनी हई एक ऐसी प रयोजना तथा संरचना है िजसके
ारा शोध सम या का उ र ा िकया जाता है (करिलगं र, 1986) ।
ततु अ ययन क कृ ित इसे वणना मक अनसु ंधान क ेणी म रखती है। वणना मक अनसु ंधान िश ा
े म सबसे अिधक यवहार म आता है। यह एक िव तृत वग करण है िजसके अतं गत अनेक िविश
िविधयाँ तथा ि या आती ह। उ े य क ि से सब लगभग समान होती ह (माली, 1963) ।
वणना मक अनसु धं ान या है" का वणन तथा िव ेषण करता है। प रि थितय या सबं धं जो वा तव म
वतमान है तथा मत या िवचार जो चल रह ह, भाव जो प है अथवा नई िदशाएँ जो िवकिसत हो रही ह,
उ ह से इसका संबंध है (बे ट एवं कान, 2007) ।
शोधाथ ारा ततु अ ययन से सबं ंिधत अनेक अ ययन का सव ण िकया गया और पाया गया तुत
अ ययन के उ े य क ाि हेतु सवािधक उिचत िविध सव ण िविध होगी प रणाम व प िक सव ण
िविध तुत अ ययन हेतु योग िकया गया है।
ततु शोध बंध काय म छा ावास वातावरण का शैि क िन पादन पर भाव के स ब ध म जानकारी
ा के िलए ावली का का उपयोग िकया गया है िजसका िनमाण शोधाथ ारा वयं िकया गया है। इस
मापनी का िनमाण िलकट के िन न पाँच िब दओ
ु ं :-
(1) पण ू तः सहमत (2) सहमत (3) तट थ (4) असहमत (5) पण ू तः सहमत
के आधार पर िकया गया है। मापनी म उि लिखत िनदश के अतं गत िव ािथय से कहा गया िक सभी
कथन छा ावास वातावरण का शैि क िन पादन पर भाव से सबं ंिधत है। इन कथन के ित उ ह पाँच वग
के अतं गत अपनी िति या य करनी है।
3.9 आक
ं ड़ के सक
ं लन क ि या -
द सक ं लन हेतु सव थम शोधाथ महारा रा य के वधा शहर के महा मा गाँधी अतं ररा ीय िह दी
िव िव ालय के मिहला तथा पु ष दोन छा ावास म रहने वाले िव ािथय को गगू ल फॉम के मा यम से
शोध उपकरण का सारण िकया । उ ह शोधाथ ारा यह िव ास िदलाया गया िक आपके ारा दी गई
सम त सचू नाओ ं को गोपनीय रखा जाएगा। साथ ही को प न होने पर उसक या या क गई।
छा ावास म रहने वाले १०० िव ाथ य को िलया गया ।
3.10 आक
ं ड़ का सक
ं लन -
22
3.11 आकड़ का िव े ण हेतु िविध-
ततु शोध अ ययन को यान म रखते हए आक
ं ड़ के िव े ण के िलए शोधकता ारा सािं यक िविध
म सह स ब ध का योग िकया गया ।
3.12 साराश
ं -
शोधकता को अपने शोध काय म सही आक ं ड एक करने म िनधारण मापनी एक मह वपणू उपकरण िस
हई । िनधारण मापनी आकड़ एक करने क मह वपणू एवं यवि थत िविध है, िजसमे यि के गणु का
िववरण ततु िकया जाता है । इस िविध म उ र क अिभ यि के िलए कुछ सक ं े त या अक
ं िनधा रत
िकए गए थे जो िक अिधक से कम क ेणी म ेणीब थे । तुत शोध काय म ावली का उपयोग
िकया गया िजसमे िव ाथ य के ारा िदए उ र के िलए िबंदु 5 के ल िनधा रत िकया गया । िव ािथय से
द आक ं ड़ का िव े षण एवम या या अगले अ याय म िकया गया है ।
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चतुथ अ याय
अ याय- चतुथ
द का िव े षण एवं या या
4.1 तावना-
समाज मनोिव ान एवं िश ा के शोध काय म त य का सक
ं लन एक मह वपणू ि या है। िक तु यह
कहना िक त य के संकलन मा से उसके उ े य क पिू त हो जाती है, उिचत नह है। अतः िकसी भी शोध
काय म सबसे मह वपणू एवं आव यक काय है, ा त य को यवि थत िकया जाना तथा उसके प ात्
उन त य का िव ेषण िकया जाना। त य के अभाव म िव ेषण िकया जाना असभं व काय है। ा द
के आधार पर सीधे तौर पर िन कष िनकालना सभं व काय नह है।
ततु शोध सव ण िविध पर आधा रत है, िजस वजह से द को सगं िठत करना मह वपणू हो जाता है।
शोधकता ारा शोध हेतु सम या चयन, स बंिधत सािह य क समी ा, यादश के चयन तथा उसके
अ ययन िविधय के िनधारण के त प ात आकड़ का संकलन िकया गया है। ये आकड़े तब तक िनरथक
होते ह जब तक िक इन आकड़ का िव ेषण सांि यक य प ित के ारा नह िकया जाता है। इन आक
ं ड़
को सारणीब करके उसे मब एवं यवि थत एवं सिं प िदया जाता है िजससे आकड़ को समझने
म सहायता िमलती है।
4.2 द िव े षण के मुख काय-
द को अथपणू बनाना ।
शोध प रक पना का परी ण करना।
शोध के प रणाम ा करना।
शोध के िन कष िनकलना तथा उसका सामा यीकरण करना ।
ततु लघु शोध क ि या का यह अ याय त य के सक ं लन एवं सं िहत क गयी सचू नाओ ं का िव े षण,
या या एवं िन कष के िन पण के ारा अथपणू या या ततु करता है। शोध के उ े य को यान म रखते हए
उ े यवार िन कष क या या क गई है ।
24
उदे य -1 िव ािथय के शै िणक िन पादन पर छा ावास के वातावरण के भाव का अ ययन करना|
तािलका 4.1- िलंग के आधार पर ितदश का वग करण:-
.सं. िवशेषता आविृ त ितशत(%)
क. मिहला 43 43%
ख. पु ष 57 57%
िलंग
43%
पु ष
मिहला
57%
िच सं 4.1
25
छा ावास म रहने का समय- तािलका 4.2 से ात होता है िक ा 100 आकंड़ म छा ावास म 3
वष से अिधक समय रहने वाल क ितशतता 44% है वही ँ 1-3 वष समय म आने वाल िव ािथय क
ितशतता 30% एवम 1 वष समय के अतं गत 26% िव ाथ आते है|
26%
44% 1 वष
1-3 वष
3 वष से अिधक
30%
िच 4.2
26
पा म
25% 27%
ातक
परा ातक
पी.एच.डी
48%
िच 4.3
छा ावास वातावरण-
तािलका 4.4 अ ययन के थान का मेरे शै िणक दशन पर भाव पड़ता है।
चर आवृित ितशत(%)
पूणतः सहमत 47 47%
सहमत 45 45%
अिनि त 2 2%
असहमत 5 5%
पूणतःअसहमत 1 1%
27
सकता है िक अिधकतर िव ाथ यह मानते है िक अ ययन के थान का उनके शै िणक दशन पर
भाव पड़ता है।
1%
2%
5%
पूणतः सहमत
47% सहमत
अिनि त
असहमत
45%
पूणतः असहमत
िच 4.4
तािलका 4.5 छा ावास म नह रहने वाले अ य छा क तुलना म म अपने आप म यान देने यो य
अंतर महसूस करता/करती हँ।
चर आवृित ितशत(%)
पूणतः सहमत 21 21%
सहमत 56 56%
अिनि त 11 11%
असहमत 4 4%
पूणतःअसहमत 4 4%
28
तािलका 4.5 के कथन से यह ात होता है िक ा 100 आक ं ड़ म से 11% िव ाथ उपयु कथन हेतु
अिनि त है तथा 4% िव ाथ असहमत तथा 4% पणू तः असहमत है िजससे यह ात होता है िक उपयु
कथन के सदं भ म पणू तः सहमत (21%) तथा सहमत (56%) का योग (77%) है अतं : यह कहा जा
सकता है िक अिधकतर िव ाथ छा ावास म नह रहने वाले अ य छा क तुलना म म अपने आप म
यान देने यो य अंतर महसूस करते है |
4%
4%
21%
11%
पूणतः सहमत
सहमत
अिनि त
असहमत
पूणतः असहमत
56%
िच 4.5
तािलका 4.6 म छा ावास म रहकर संतु महसूस करता/करती हँ।
चर आवृित ितशत(%)
पूणतः सहमत 31 31%
सहमत 43 43%
अिनि त 7 7%
असहमत 10 10%
पूणतःअसहमत 5 5%
29
तािलका 4.6 से ात होता है िक ा 100 आक ं ड़ म से 7% िव ाथ उपयु कथन हेतु अिनि त है
तथा 10% िव ाथ असहमत तथा 5% िव ाथ पणू तः असहमत है िजससे यह ात होता है िक उपयु
कथन के सदं भ म पणू तः सहमत (31%) तथा सहमत (43%) का योग (74%) है अ तः यह कहा जा
सकता है िक अिधकतर िव ाथ छा ावास म रहकर संतु महसूस करते है ।
10%
5%
31%
पूणतः सहमत
सहमत
अिनि त
असहमत
पूणतः असहमत
43%
िच सं 4.6
तािलका 4.7 कमर , शौचालय और नानागार क ि थित आदश के अनुकूल (up to mark)
व छ है।
चर आवृित ितशत(%)
पूणतः सहमत 8 8%
सहमत 59 59%
अिनि त 12 12%
असहमत 17 17%
पूणतःअसहमत 4 4%
30
तािलका 4.7 से ात होता है िक ा 100 आक
ं ड़ म से 12% िव ाथ उपयु कथन हेतु अिनि त है
तथा 17% असहमत तथा 4% पणू तः असहमत है िजससे यह ात होता है िक उपयु कथन के संदभ म
पणू तः सहमत (8%) तथा सहमत (59%) का योग (67%) है अतं : यह कहा जा सकता है िक अिधकतर
िव ाथ यह मानते है िक कमर , शौचालय और नानागार क ि थित आदश के अनुकूल (up to
mark) व छ है ।
8%
17%
पूणतः सहमत
सहमत
12%
अिनि त
असहमत
पूणतः असहमत
59%
िच 4.7
तािलका 4.8 छा ावास म रहने क ि थित अ छी है।
चर आवृित ितशत(%)
पूणतः सहमत 22 22%
सहमत 55 55%
अिनि त 13 13%
असहमत 9 9%
पूणतःअसहमत 1 1%
31
तािलका 4.8 से ात होता है िक ा 100 आकड़ म से 13% िव ाथ उपयु कथन हेतु अिनि त है
तथा 9% असहमत तथा 1% िव ाथ पणू तः असहमत है िजससे यह ात होता है िक उपयु कथन के
सदं भ म पणू तः सहमत (22%) तथा सहमत (55%) का योग (77%) है अतं : यह कहा जा सकता है िक
अिधकतर िव ाथ का मानना है िक छा ावास म रहने क ि थित अ छी है ।
9%
22%
13%
पूणतः सहमत
सहमत
अिनि त
असहमत
56%
िच 4.8
तािलका 4.9 छा ावास का वातावरण पढाई के िलए अिधक िवचिलत करने वाला होता है।
चर आवृित ितशत(%)
पूणतः सहमत 13 13%
सहमत 35 35%
अिनि त 15 15%
असहमत 30 30%
पूणतःअसहमत 7 7%
32
तािलका 4.9 से ात होता है िक ा 100 आकं ड़ म से 15% िव ाथ उपयु कथन हेतु अिनि त है
तथा 30% असहमत तथा 7% पणू तः असहमत है िजससे यह ात होता है िक उपयु कथन के स दभ म
पणू तः सहमत (13%) तथा सहमत (35%) का योग (48%) है अ तः यह कहा जा सकता है िक
अिधकतर िव ाथ यह मानते है िक छा ावास का वातावरण पढाई के िलए अिधक िवचिलत करने वाला
होता है।
13%
30%
पूणतः सहमत
सहमत
अिनि त
असहमत
15%
िच 4.9
तािलका 4.10 छा ावास का वातारण पढ़ाई के िलए उपयु है।
चर आवृित ितशत(%)
पूणतः सहमत 18 18%
सहमत 63 63%
अिनि त 8 8%
असहमत 8 8%
पूणतःअसहमत 3 3%
33
तािलका 4.10 से ात होता है िक ा 100 आक ं ड़ म से 8% िव ाथ उपयु कथन हेतु अिनि त है
तथा 8% िव ाथ असहमत तथा 3% िव ाथ पणू तः असहमत है िजससे यह ात होता है िक उपयु
कथन के स दभ म पणू तः सहमत (18%) तथा सहमत (63%) का योग (81%) है , अतं : यह कहा जा
सकता है िक अिधकतर िव ाथ यह मानते है िक छा ावास का वातारण पढ़ाई के िलए उपयु है।
3%
8%
18%
8%
पूणतः सहमत
सहमत
अिनि त
असहमत
पूणतः असहमत
63%
िच 4.10
तािलका 4.11 मेरे हॉ टल वाडन के साथ मेरे मधुर संबंध है।
चर आवृित ितशत(%)
पूणतः सहमत 21 21%
सहमत 41 41%
अिनि त 17 17%
असहमत 13 13%
पूणतःअसहमत 8 8%
34
तािलका 4.11 से ात होता है िक ा 100 आक ं ड म से 17% उपयु कथन हेतु अिनि त है तथा
13% िव ाथ असहमत तथा 8% िव ाथ पणू तः असहमत है िजससे यह ात होता होता है िक उपयु
कथन के स दभ म पणू तः सहमत (21%) तथा सहमत (41%) का योग (61%) है अतं : यह कहा जा
सकता है िक अिधकतर िव ाथ यह मानते है िक उनके हॉ टल वाडन के साथ मधुर संबंध है।
13%
21%
पूणतः सहमत
सहमत
17%
अिनि त
असहमत
पूणतः असहमत
41%
िच 4.11
35
शै िणक दशन:-
तािलका 4.12 छा के शै िणक दशन म छा ावास मह वपणू भिू मका िनभाता है।
चर आवृित ितशत(%)
पूणतः सहमत 40 40%
सहमत 43 43%
अिनि त 7 7%
असहमत 8 8%
पूणतःअसहमत 2 2%
2%
8%
7%
पूणतः सहमत
40%
सहमत
अिनि त
असहमत
पूणतः असहमत
43%
िच 4.12
36
तािलका 4.13 छा ावास म रहते हए जब म दसू र को पढ़ते देखता हँ/देखती हँ तो पढ़ने क ेरणा
लेता/ लेती हँ ।
चर आवृित ितशत(%)
पूणतः सहमत 43 43%
सहमत 48 48%
अिनि त 3 3%
असहमत 5 5%
पूणतःअसहमत 1 1%
1%
5%
3%
पूणतः सहमत
43% सहमत
अिनि त
असहमत
पूणतः असहमत
48%
िच 4.13
37
तािलका 4.14 छा ावास का वातावरण मुझे आंत रक प से अ ययन करने के िलए- े रत करता
है।
चर आवृित ितशत(%)
पूणतः सहमत 40 40%
सहमत 46 46%
अिनि त 8 8%
असहमत 5 5%
पूणतःअसहमत 1 1%
1%
5%
8%
पूणतः सहमत
40%
सहमत
अिनि त
असहमत
पूणतः असहमत
46%
िच 4.14
38
तािलका 4.15 म छा ावास म अपनी पढ़ाई को पया समय देता/देती हँ।
चर आवृित ितशत(%)
पूणतः सहमत 27 27%
सहमत 52 52%
अिनि त 12 12%
असहमत 8 8%
पूणतःअसहमत 1 1%
तािलका 4.15 से ात होता है िक ा 100 आकड़ म से 12% उपयु कथन हेतु अिनि त है तथा 8%
िव ाथ असहमत तथा 1% िव ाथ पणू तः असहमत है िजससे यह ात होता है िक उपयु कथन के
स दभ म पणू तः सहमत (27%) तथा सहमत (52%) का योग (79%) है अतं : यह कहा जा सकता है िक
अिधकतर िव ाथ यह मानते है िक व छा ावास म अपनी पढ़ाई को पया समय देते है|
1%
8%
27%
12%
पूणतः सहमत
सहमत
अिनि त
असहमत
पूणतः असहमत
52%
िच 4.15
39
तािलका 4.16 छा ावास के भोजन का अकादिमक दशन पर मह वपूण भाव पड़ता है
चर आवृित ितशत(%)
पूणतः सहमत 42 42%
सहमत 44 44%
अिनि त 5 5%
असहमत 6 6%
पूणतःअसहमत 3 3%
3%
6%
5%
पूणतः सहमत
42%
सहमत
अिनि त
असहमत
पूणतः असहमत
44%
िच 4.16
40
तािलका 4.17 छा ावास के साथी अकादिमक दशन म मह वपणू भिू मका िनभाते है।
चर आवृित ितशत(%)
पूणतः सहमत 26 26%
सहमत 65 65%
अिनि त 4 4%
असहमत 3 3%
पूणतःअसहमत 2 2%
2%
3%
4%
26%
पूणतः सहमत
सहमत
अिनि त
असहमत
पूणतः असहमत
65%
िच 4.17
41
तािलका 4.18 म छा ावास के सािथय के साथ यादा पढ़ता/पढ़ती हँ और यादा सीखता/ सीखती हँ।
चर आवृित ितशत(%)
पूणतः सहमत 23 23%
सहमत 52 52%
अिनि त 14 14%
असहमत 9 9%
पूणतःअसहमत 2 2%
2%
9%
23%
52%
िच 4.18
42
तािलका 4.19 म अ सर छा ावास म अपने सािथय क पढ़ाई म मदद करता/करती हँ।
चर आवृित ितशत(%)
पूणतः सहमत 22 22%
सहमत 58 58%
अिनि त 13 13%
असहमत 3 3%
पूणतःअसहमत 4 4%
तािलका 4.19 से ात होता है िक ा आकड़ म से 13% िव ाथ उपयु कथन हेतु अिनि त है तथा
3% िव ाथ असहमत तथा 4% िव ाथ पणू तः असहमत है िजससे यह ात होता है िक उपयु कथन के
स दभ म पणू तःसहमत (22%) तथा सहमत (58%) का योग (80%) है अतं : यह कहा जा सकता है िक
अिधकतर िव ािथय का मानना है िक व अ सर छा ावास म अपने सािथय क पढ़ाई म मदद करते है|
4%
3%
22%
13%
पूणतः सहमत
सहमत
अिनि त
असहमत
पूणतः असहमत
58%
िच 4.19
43
तािलका 4.20 म अपने अकादिमक दशन से संतु हँ।
चर आवृित ितशत(%)
पूणतः सहमत 23 23%
सहमत 46 46%
अिनि त 18 18%
असहमत 9 9%
पूणतःअसहमत 4 4%
तािलका 4.20 से ात होता है िक ा 100 आकड़ म से 18% िव ाथ उपयु कथन हेतु अिनि त है
तथा 9% िव ाथ असहमत तथा 4% िव ाथ पणू तः असहमत है िजससे यह ात होता है िक उपयु
कथन के स दभ म पणू तःसहमत (23%) तथा सहमत (46%) का योग (69%) है अतं : यह कहा जा
सकता है िक अिधकतर िव ािथय का मानना है िक व अपने अकादिमक दशन से सतं ु है|
4%
9%
23%
पूणतः सहमत
18% सहमत
अिनि त
असहमत
पूणतः असहमत
46%
िच 4.20
44
तािलका 4.21 मेरे माता-िपता मेरे शै िणक दशन से संतु है।
चर आवृित ितशत(%)
पूणतः सहमत 27 27%
सहमत 49 49%
अिनि त 12 12%
असहमत 9 9%
पूणतःअसहमत 3 3%
तािलका 4.21 से ात होता है िक ा 100 आकंड़ म से 12% िव ाथ उपयु कथन हेतु अिनि त है
तथा 9% िव ाथ असहमत तथा 3% िव ाथ पणू तः असहमत है िजससे यह ात होता है िक उपयु
कथन के स दभ म पणू तःसहमत (27%) तथा सहमत (49%) का योग (76%) है अतं : यह कहा जा
सकता है िक अिधकतर िव ािथय का मानना है िक उनके माता-िपता उनके शै िणक दशन से संतु है|
3%
9%
27%
49%
िच 4.21
45
या या
इस शोध के आरंभ म कुछ उ े य एवं को इस शोध के आधार िबंदु के प म िनधा रत िकया गया
था। चतथु अ याय म स पणू िन कष क चचा और वा तिवक प रणाम के साथ अ ययन के िनधा रत
उ े य क तुलना शािमल है। इसके अलावा, इस खडं म, यह पता लगाने के िलए प रणाम का गभं ीर प
से िव े षण िकया गया है िक प रणाम िकस सीमा तक उ े य को परू ा कर रहे ह। इस अ ययन म 2 चर
शािमल थे; पहला छा ावास वातावरण और दसू रा, छा का शै िणक दशन। इन चर को यान म रखते
हए शोध प रक पना एवम उदे य िनधा रत िकए गए िजसका उ े य दोन चर के बीच संबंध और आि त
चर पर वतं चर के भाव का पता लगाना था ।
शोधकता ारा बनाये गए ावली द आयाम पर आधा रत है िजसम पहले आयाम म छा ावास
वातावरण से स बंिधत कुल 9 तथा दसू र आयाम म शै िणक िन पादन से स बंिधत कुल 10 शािमल
थे। अत: ा आकड़ के आधार पर यह ात होता है िक दोन चर के बीच सबं धं िव मान है। िजसका
अथ है िक वतं चर म सकारा मक या नकारा मक कोई भी बदलाव होने से, छा के शै िणक िन पादन
म मह वपणू बदलाव होगा। पवू म हए शोध काय अमीना इि तखार और असीर अजमल, 2015 से यह
प होता है िक छा ावास का वातावरण छा को अिधक आ मिव ासी, समयिन , भावना मक प से
मजबूत, प रप व और ल य उ मख ु बनाने म मह वपणू भिू मका िनभाता है। हालाँिक, ये सभी सकारा मक
शै िणक दशन म योगदान करते ह ।
पहले िकया गया एक अ य अ ययन भी इस शोध के िन कष को मजबतू ी दान करता है, िजसम कहा गया
है िक छा ावास म रहने वाले छा और छा ावास म नह रहने वाले छा के बीच मह वपणू अंतर
है। ओवोलाबी, बाबाटुंडे ओलुवासेई, 2011 के अ ययन से भी पता चला िक ले चर हॉल क दरू ी
िजतनी कम होगी, सीजीपीए उतना अिधक होगा। इसिलए, छा ावास का वातावरण छा के शै िणक
दशन पर सकारा मक भाव डालता है ।
उपरो सभी चिचत अ ययन इस शोध का आधार िबंदु भी थे। इस शोध म शोधकता को भी ऐसे ही
प रणाम िमले ह, आकड़ के साथ शोध प रणाम का िव ेषण करने पर यह पाया गया है िक छा ावास के
वातावरण और छा के शै िणक दशन के बीच मह वपणू सबं ंध मौजदू है। इसी कार, छा के
शै िणक दशन पर छा ावास के वातावरण का भाव भी पाया गया।
46
अंतत: जैसा िक शोध क शु आत म यह अपेि त था िक छा ावास के वातावरण और छा के शै िणक
दशन के बीच संबंध मौजदू है और छा के शै िणक दशन पर छा ावास के वातावरण का भाव
मौजदू है। प रणामतः ये सभी अपे ाएँ/ प रक पनाएँ यहाँ िस होती ह।
47
उदे य् -2
छा ावास के वातावरण और िव ािथय के शै िणक िन पादन के बीच सबं ंध का पता लगाना।
सहसंबधं
छा ावास शै िणक िन पादन
वातावरण
छा ावास वातावरण Pearson Correlation 1 0.502**
Sig. (2-tailed) .000
N 100 100
शै िणक िन पादन Pearson Correlation 0.502** 1
Sig. (2-tailed) .000
N 100 100
**. Correlation is significant at the 0.01 level (2-tailed).
48
पंचम अ याय
अ याय –पांच
शोध सारांश,िन कष,अनस
ु श
ं ा,िनिहताथ एवं सझ
ु ाव
5.1 अ ययन क पृ भूिम
िश ा का उ े य के वल िव ािथय को िशि त बनाना ही नह है अिपतु िव ािथय को भावना मक प से
ि थर और समाज के िलए मू यवान बनाना भी है। तो, ये िव ाथ देश के भिव य म ितिनिध वकता बन
सकते ह,इसके िलए इन िव ािथय को सव म िश ा दान क जाती है। सिदय पहले जब िव िव ालय
क थापना हई थी, िव ािथय को िश ा के उ े य से शहर (िव िव ालय के ) म रहने के िलए िकराए पर
थानीय समुदाय से कमरा लेना था। इसके िलए, वे थानीय िनवािसय के साथ या एक ही देश या िविभ न
देश के समहू म समायोिजत हो सकते थे(जैक स 1999; रचडसन और जॉडन, 1979; हे लो और
िवडाव क , 1974; ू स, 2004)। समय बीतने के साथ, ये िकराए के घर िव ािथय के िलए परू ी तरह से
िकराए के थान बन गए और उ ह “रा ” नाम िदया गया य िक उ ह ने छा के देश के बारे म जानकारी
कट क । बाद म, इन नाम को “ऑन-कपस” और “ऑफ-कपस हाउिसंग” म प रवितत और िवभािजत
िकया गया य िक िव िव ालय ने िव ािथय के िलए अपने िकराए के कमरे बनाए(अमोल, 1997)
िवकिसत देश अपने िव ािथय म हर तर पर िनवेश करते ह और उ ह हर आव यक सिु वधा दान करते
ह। इसके िवपरीत, िवकासशील देश आमतौर पर अपने िव ािथय म बहत अिधक िनवेश नह करते ह।
जैसा िक पािक तान एक िवकासशील देश है और बजट का कम अनपु ात िश ा के िलए समिपत है,ये
सिु वधाएं के वल बड़े शहर म उपल ध ह और िव ाथ इन छा ावास म अपनी पढ़ाई के िलए रहते ह।
इसिलए, छा ावास या ऑन-कपस/ऑफ-कपस आवास एक मह वपूण भिू मका िनभाते ह| छा ावास वे
थान होते ह जहां लोग रहते थे (अिधमानतः) जब वे दौरे पर या िव ाथ होते ह। भारत,पािक तान और
बां लादेश म, छा ावास को आमतौर पर िव ािथय (के वल) के िलए रहने क जगह माना जाता है, कहने
का ता पय यह है िक िव िव ालय िजस शहर म ि थत है और िव ाथ उस शहर के अित र िकसी अ य
शहर के है तो उ ह छा ावास क आव यकता होती है| उदाहरण के िलए,यिद िव िव ालय लाहौर म है
और िव ाथ बहावलपरु से है जो लाहौर से बहत दरू है और िव ाथ ितिदन बाहर नह जा सकता है। तो,
इस हालत म, उसे अपना समय और पैसा बचाने के िलए लाहौर म रहने के िलए एक िकराए ( यादातर)
जगह/कमरा चािहए। इसके िलए छा ावास सबसे अ छा िवक प है। आमतौर पर, िव िव ालय अपने
िव ािथय को समायोिजत करने के िलए यह सिु वधा दान करते ह तािक वे पढ़ाई पर अपना अिधकतम
यान लगा सक। ारंभ म, छा ावास कम लागत पर िव ािथय के रहने के थान होते थे लेिकन अब यह
अवधारणा बदल दी गई है और छा ावास अब रहने के थान हो गए ह। छा ावास म, िनवासी िविभ न
सां कृ ितक और जातीय पृ भिू म के िव ाथ ह, और जब वे दैिनक प से येक के साथ बातचीत करते ह
49
तो अ य, नई िमि त सं कृ ित उभरती है। उनके रहन-सहन क प रि थितयां ,भाषा के श द , यवहार और
भावनाएं उनके घर क प रि थितय से बहत अलग ह,वैसे िव ाथ जो इस सिु वधा का लाभ नह उठाते ह
उनक घर क भाषा के श द और मशः उनक भावनाएं और यवहार इस तर पर अलग होती ह।
इसिलए छा ावास न के वल रहने का थान है बि क शैि क क ह।
वहां रहने वाले िव ाथ न के वल िश क और िव िव ालय के वातावरण से सीखते ह बि क वे उन
सािथय से भी सीखते ह िजनके साथ वे कमरे म रह रहे ह या कमरे साझा कर रहे ह। इससे संबंिधत अ ययन
के िन कष से पता चलता है िक छा ावास का वातावरण छा क समझ को बढ़ाता है य िक वे व थ
और िव े षणा मक चचा म भाग लेते ह। वे न के वल अकादिमक ान सीखते ह बि क पार प रक, संचार
और समायोजन कौशल भी सीखते ह। ये सामािजक कौशल उनके च र िनमाण और छा क
भावना मक ि थरता म योगदान करते ह और उ ह समाज के िलए वतं और मू यवान बनने के िलए एक
मचं दान करते ह (िम ा, 1994)।
प रि थितय को हमेशा बहत सा य तरीके से नह चलाया जाता है। िव ािथय को समायोिजत करने म
िव ािथय और िव िव ालय को भी सम याओ ं का सामना करना पड़ता है। जैसे-जैसे जाग कता और
िश ा का तर बढ़ रहा है। इसके प रणाम व प बड़ी सं या म िव ाथ िति त िव िव ालय म वेश
पाने के इ छुक हो रहे ह। इसिलए, सभी िव ािथय को समायोिजत करना िव िव ालय के िलए हमेशा
एक चनु ौती होती है। कुछ शोधकताओ ं ने यह भी कहा है िक िव िव ालय को अपनी आवास नीितय पर
अ यिधक यान देने क आव यकता है। आवास थानीय समदु ाय के िलए परेशानी का कारण बन सकता
है और इसके प रणाम व प थानीय िनवािसय ारा गभं ीर कारवाई क जा सकती है। ये सम याएं वहां
पैदा ह गी जहां िव िव ालय ारा बंधन म कमी है (कुछ मामल म, छा ावास बंधन के प म)।
शोधकताओ ं ने यह भी कहा िक इस बात क बहत अिधक संभावना है िक िव ाथ शै िणक गितिविधय
पर यान कि त नह कर सकते ह और इन सभी का प रणाम िव ािथय के खराब दशन और िन न ेड के
प म होगा और अपेि त प रणाम नह िमलगे (ओपयोमी २००३)
50
अमे रका, अ का, एिशया और यरू ोप म िकए गए कई शोध के बाद, यह अनभु व िकया गया है िक
छा ावास के आवास िव ािथय के शै िणक दशन, यवहार, भावनाओ ं और मानिसक तर पर
सकारा मक िति या छोड़ते ह। यह िव ािथय को समाज के िलए अिधक मजबतू और उ पादक बनाता
है य िक िश ा का अिं तम ल य देश के भावी नेताओ ं को बनाना है।
5.2 सम या कथन-
वतमान शोध वधा शहर के महा मा गाँधी अतं ररा ीय िह दी िव िव ालय के छा ावास म रहने वाले के
िव ािथय के शै िणक िन पादन पर छा ावास वातावरण का भाव का अ ययन िकया गया है ।
अतं : इस सम या को हम िन न कार से प कर सकते है-
िव ािथय के शै िणक िन पादन पर छा ावास वातावरण का भाव
Impact of hostel environment on student’s academic performance.
5.3.2 छा ावास-
ततु शोध म छा ावास से ता पय उस थान से है जहाँ िकसी िव िव ालय म नामिं कत िव ाथ िनवास
करते है ।
शैि क िन पादन को शै िणक उपलि ध भी कहा जाता है , यि अपने जीवन म िविभ न ि याओ ं के
ारा अनेक कार का ान एवं कौशल ा करता है। वह ान एवं कौशल उसक उपलि ध कहलाती है।
शैि क उपलि ध के े िभ न-िभ न होते है- जैसे एक यि िव ान के े म, एक खेल के े म, एक
सामािजक े म अपने कौशल क थापना करता है। वह कौशल थापना उ च, म यम एवं िन न तर क
होती है। इसी कार िश ा के े म थािपत ान का कौशल शैि क उपलि ध कहलाता है।
51
मेन के अनस
ु ार- “शैि क उपलि ध का ता पय पाठ्य म के िविभ न िवषय म यि के ान, समझ
एवं कौशल से है।"
देवी (2003) अपने अ ययन म बताती है िक शैि क उपलि ध पर पा रवा रक और िव ालयी कारक
मह वपणू भिू मका िनभाते है। िव ालयी कारक म िश क क शै िणक यो यता, उनका यि व,
पाठ्य म एवं िवषयव त,ु क ा बंध, िश क क िश ण शैली तथा उनका यवहार आिद शैि क
उपलि ध को भािवत करता है।
छा ावास वातावरण एक ऐसा थान होता है जहां छा या छा ाएं आवास करते ह और उ ह अ ययन और
िवकास के िलए सिु वधाएं उपल ध कराई जाती ह। ये छा ावास सामा य प से िव ािथय के शैि क
सं थान के पास ि थत होते ह, जो उ चतर िश ा के सं थान जैसे कॉलेज या िव िव ालय से सबं िं धत
होते ह। छा ावास वातावरण का मु य उ े य छा को उ चतर िश ा के दौरान आवास दान करना होता
है। इसम कुछ मु य िवशेषताएं शािमल होती ह-
2. िश ा और िवकास का माहौल-
छा ावास वातावरण छा को िश ा, िव ाथ जीवन, और िवकास के िलए सबं िं धत वातावरण दान
करता है। यहां पर छा को अ ययन के िलए संबंिधत साम ी, लाइ ेरी, अ ययन क , और अ य िश ण
ससं ाधन उपल ध होते ह।
52
4. सरु ा-
छा ावास सरु ि त रहने के िलए िवशेष ाथिमकता दान करता है। छा ावास वातावरण छा को अपने
प रवार से दरू रहकर भी सरु ि त वातावरण म रहने का मौका देता है।
छा ावास वातावरण एक छा के िवकास म मह वपणू भिू मका िनभाता है, और उ चतर िश ा के अवसर
के साथ-साथ उनके सामािजक और यि गत िवकास को भी समथन दान करता है।
5.4 शोध के उ े य -
इस शोध के ल य और उ े य िन निलिखत ह:
53
के उ र ावली िविध ारा िकया गया िजसम 5 िब दु मापनी का उपयोग िकया गया िजसपर
िव ािथय को अपनी िति या य करनी थी।
इस शोध के आरंभ म कुछ उ े य एवं को इस शोध के आधार िबंदु के प म िनधा रत िकया गया
था। चतथु अ याय म स पणू िन कष क चचा और वा तिवक प रणाम के साथ अ ययन के िनधा रत
उ े य क तल ु ना शािमल है। इसके अलावा, इस खडं म, यह पता लगाने के िलए प रणाम का गभं ीर प
से िव ेषण िकया गया है िक प रणाम िकस सीमा तक उ े य को परू ा कर रहे ह। इस अ ययन म 2 चर
शािमल थे; पहला छा ावास वातावरण और दसू रा, छा का शै िणक दशन। इन चर को यान म रखते
हए शोध प रक पना एवम उदे य िनधा रत िकए गए िजसका उ े य दोन चर के बीच संबंध और आि त
चर पर वतं चर के भाव का पता लगाना था ।
शोधकता ारा बनाये गए ावली द आयाम पर आधा रत है िजसम पहले आयाम म छा ावास
वातावरण से स बिं धत कुल 9 तथा दसू र आयाम म शै िणक िन पादन से स बंिधत कुल 10 शािमल
थे। अत: ा आकड़ के आधार पर यह ात होता है िक दोन चर के बीच संबंध िव मान है। िजसका
अथ है िक वतं चर म सकारा मक या नकारा मक कोई भी बदलाव होने से, छा के शै िणक िन पादन
म मह वपणू बदलाव होगा। पवू म हए शोध काय अमीना इि तखार और असीर अजमल, 2015 से यह
प होता है िक छा ावास का वातावरण छा को अिधक आ मिव ासी, समयिन , भावना मक प से
मजबूत, प रप व और ल य उ मख ु बनाने म मह वपणू भिू मका िनभाता है। हालाँिक, ये सभी सकारा मक
शै िणक दशन म योगदान करते ह
पहले िकया गया एक अ य अ ययन भी इस शोध के िन कष को मजबतू ी दान करता है, िजसम कहा गया
है िक छा ावास म रहने वाले छा और छा ावास म नह रहने वाले छा के बीच मह वपणू अंतर
है। ओवोलाबी, बाबाटुंडे ओलुवासेई, 2011 के अ ययन से भी पता चला िक ले चर हॉल क दरू ी
54
िजतनी कम होगी, सीजीपीए उतना अिधक होगा। इसिलए, छा ावास का वातावरण छा के शै िणक
दशन पर सकारा मक भाव डालता है।
उपरो सभी चिचत अ ययन इस शोध का आधार िबंदु भी थे। इस शोध म शोधकता को भी ऐसे ही
प रणाम िमले ह, आकड़ के साथ शोध प रणाम का िव े षण करने पर यह पाया गया है िक छा ावास के
वातावरण और छा के शै िणक दशन के बीच मह वपणू सबं ंध मौजदू है। इसी कार, छा के
शै िणक दशन पर छा ावास के वातावरण का भाव भी पाया गया।
55
5.11 िन कष
ततु अ याय म अनश ु सं ा और भावी शोध हेतु सझु ाव का वणन िकया गया है ,इस अ ययन क योजना
छा के शै िणक िन पादन पर छा ावास के वातावरण के भाव क पहचान करने के िलए बनाई गई
थी। यह अ ययन 2 चर पर कि त है; छा ावास वातावरण और छा शै िणक दशन या शै िणक
िन पादन। इसके िलए, ावली िवकिसत क गई और ितभािगय क िति याओ ं को बंद ावली पर
िलया गया, इससे परू े शोध को िति याओ ं के डेटा िव ेषण क ओर ले जाया गया। डेटा िव े षण
एसपीएसएस सॉ टवेयर पर िकया गया था।
डेटा िव ेषण म यह पाया गया है िक छा ावास के वातावरण और छा के शै िणक दशन के बीच
मह वपणू सबं ंध मौजदू है। छा के शै िणक दशन पर छा ावास के वातावरण का भाव भी मह वपणू
पाया गया है। इसका मतलब यह है िक वतं चर म सकारा मक या नकारा मक कोई भी बदलाव, छा
के शै िणक िन पादन म मह वपणू बदलाव होगा।
इसिलए, सभी ि याओ ं को करने और िन कष पर पहचं ने के बाद, शोधकता अपने िन कष पर पहचं ने क
ि थित म है िक वतं चर और आि त चर के बीच एक मह वपणू सबं ंध मौजदू है। दसू रे श द म, शोध
यह कहने म स म है िक छा ावास छा के शै िणक जीवन और दशन म मह वपणू भिू मका िनभाता
है। तो, हमारी शू य प रक पना िनर त होती है तथा वैकि पक प रक पना वीकृ त होती है। इसके अलावा,
यह पिु क गई है िक इस अ ययन ने शोधकता को बहमू य जानकारी और प रणाम िदए ह।
56
5.12 अनुशंसा-
यह अ ययन आचार संिहता और नैितकता पर िवचार कर रहा था और इसक अखडं ता बनाए रखने के
िलए सभी यास िकए गए थे। हालाँिक, अ ययन से वांिछत और मू यवान प रणाम िमले ह लेिकन इस
े म अभी भी शोध करने क आव यकता है य िक इस े म अतं र भी मौजदू है। इसिलए, कुछ
िसफ़ा रश नीचे दी गई ह।
1. यह अ ययन महा मा गाँधी अतं ररा ीय िह दी िव िव ालय म आयोिजत िकया गया था िजसने
अ ययन क सामा यता को सीिमत कर िदया। इसिलए, महारा के अ य े के िव िव ालय म और
अिधक अ ययन होने चािहए।
4. यह अ ययन के वल ावली िविध का उपयोग करके िकया गया था। इसने उ रदाताओ ं को अपनी
िति याएँ दान करने क अनुमित नह दी। इसिलए, अगले अ ययन म खल ु ी ावली और सा ा कार
पर िवचार िकया जाना चािहए।
ये सभी अनशु सं ा अ ययन क पणू ता क ओर ले जाएगं ी और अिधक सटीक और तकसगं त प रणाम
िमलगे।
57
5.13 शैि क िनिहताथ –
अर तू ने कहा था मनु य एक सामािजक ाणी है, परंतु मनु य ज म से ही सामािजक नह होता है , समाज
क सं थाएं इसम अपन मह वपणू भिू मका िनभाती है। िश ा इसम एक मह वपणू सं थान है। िश ा का
परम उ े य है सिु शि त, और ससु ं कृ त नाग रक का िवकास करना, जो समाज म रहकर सभी प रि थितय
के साथ समायोजन कर पाए और एक सामािजक ाणी के प म िवकिसत हो पाए। िश ा का यह उ े य
बेहतर तरीके से परू ा हो इसके िलए आव यक है िक यि उन ि याओ ं से गजु रे और जीवन क हर
प रि थित का सामना करे। मनोिव ान तथा अिधगम के िस ातं बताते ह िक िव ािथय का अिधगम तथा
िवकास तब बेहतर और ती गित से होता है जब उ ह सभी कार क मल ू भतू सिु वधाएं सही समय पर सही
मा ा म िमलती है। तुत लघु शोध के िन कष से पता चलता है िक छा ावास वातावरण का अिधगम तथा
िवकास पर भाव पड़ता है ।यिद छा ावास म सभी मल ू भतू सिु वधाएं उपल ध रहत ह तो िव ाथ अपने
अिधगम और व िवकास म बेहतर यान कि त कर पाते ह। इसी तरह से यिद छा ावास म वनश ु ासन
सहयोग, वीकृ ित समायोजन का का पर परा िवकिसत हो पाती है तो इसका भी िव ािथय के अकादिमक
दशन पर सकारा मक भाव पड़ता है। अतः इस शोध के िन कष सरकार , िश क , अिभभावक , नीित-
िनमाताओ ं ,शोधािथय ,िव ािथय तथा िश ा के अ य िहतधारक को िश ा क गणु व ा और
अकादिमक दशन म छा ावास क मल ू भतू सिु वधाओ ं और छा ावास क सहज वतं वातावरण बनाने
क िदशा म काय करने के िलए मागदिशत कर पायेगी तथा यह लघु शोध िव ािथय के शैि क िन पादन
पर छा ावास वातावरण के भाव को समझ कर िनराकरण करने हेतु भावी िश क एवं शोधािथय को
सहायता दान करेग ।
58
5.14 भावी शोध हेतु सुझाव-
छा ावास ने िव ािथय के शै िणक जीवन और उनके सबं धं को िवकिसत करने, उ ह अपने जीवन म
और अिधक प रप व बनाने म मह वपणू भूिमका िनभाई है। इस े के मह व को उजागर करने के िलए
इस े म अ छी सं या म शोध भी हए ह। चूँिक िव िव ालय तेजी से िवकिसत हो रहे ह, इसिलए छा
के जीवन म छा ावास क प भिू मका िवकिसत करने पर अिधक यान िदया जाना चािहए। इस े म
अिधक अ ययन से वतमान यगु म छा ावास का मह व मजबतू होगा। भिव य के अ ययन के िलए िवषय
होने चािहए:-
छा ावास के वातावरण का छा के जीवन पर भाव
छा ावास के जीवन का छा के यि गत जीवन पर भाव
छा ावास जीवन का लाभ
छा ावास जीवन म सम याओ ं पर सव ण
छा ावास म रहने के दौरान छा क सम याय एवम चनु ितया
िव ािथय क शै िणक उपलि ध पर छा ावास सिु वधाओ ं का भाव
यवु ा वय क के यि व गणु पर छा ावास जीवन का भाव आिद।
59
5.15 शोध क सीमाएं :-
यह शोध ारि भक प से छा ावास के वातावरण और िव ािथय के शै िणक दशन पर इसके भाव
पर के ि त है इसक कुछ सीमाएं है ये िन न है:-
60
संदभ सूची
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